प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि संग्रहालय कलाकृतियों के साथ-साथ शिक्षा और ज्ञान के भी भंडार हैं। इसलिए उन्हें अपने नजरिए और योजनाओं में उसी हिसाब से बदलाव करना चाहिए। यहां इंडियन म्यूजियम की दो सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित उत्सव का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में संग्रहालयों की भूमिका और लक्ष्य में बदलाव हुए हैं।
उन्होंने कहा, "19वीं सदी में संग्रहालय का मतलब कलात्मक वस्तुओं और कृतियों का भंडार गृह होता था। 17वीं सदी में इसका मतलब सिर्फ ऐसे भवन से होता था, जहां प्राचीन, प्राकृतिक इतिहास तथा कलात्मक सामग्रियों के संग्रह किया जाता था।"
सिंह ने कहा, "आज संग्रहालय के अर्थ में एक और अर्थ जुड़ गया है : कला की शिक्षा को समर्पित भवन..यह शिक्षा का संग्रहालय और संस्थान और शिक्षा के प्रसार का संस्थान है।"उन्होंने कहा कि भारत के संग्रहालय हमारे इतिहास की जानकारी के प्रसार में सफल रहे हैं। उन्होंने हालांकि कहा, "यह पूछना भी जरूरी है कि क्या उन्हें अपने नजरिए और अपनी रणनीति को संग्रहालय शब्द के नए अर्थ के अनुरूप भी नहीं ढालना चाहिए।"