मुंबई में देश की सबसे पहली मोनोरेल सेवा को रविवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चवण ने शनिवार को इसका उद्घाटन किया था। मोनोरेल के आसमानी नीले, गुलाबी और हरे रंग के कार, साफ-सुथरे रेलवे प्लेटफॉर्म और दोनों रेलगाड़ियों के अंदर वातुनुकूलित प्रणाली उपनगरीय रेल सेवा और बेस्ट बसों में चलने की अभ्यस्त आम जनता को मंत्रमुग्ध कर देने के लिए काफी है।
प्लेटफार्मो की न्यूनतम ऊंचाई करीब 5.5 मीटर है। अभी इस पर पहुंचने के लिए सीढ़ियों की व्यवस्था की गई है, लेकिन जल्द ही एक्सेलेटर भी शुरू कर दी जाएगी। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एम एम आरडीए) के संयुक्त निदेशक डी. कवाथकर ने कहा कि 8.9 किलोमीटर के प्रथम चरण में सात स्टेशन हैं : वडाला, भक्ति पार्क, मैसूर कॉलनी, बीपीसीएल, फर्टिलाइजर टाउनशिप, वीएनपी-आरसी मार्ग जंक्शन और चेंबूर। प्रथम चरण के पूरे मार्ग की यात्रा 20 मिनट में पूरी होगी। रेल 31 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
चेंबूर-वाडला के बीच दौड़ने वाली इस मानोरेल के पहले चरण के मार्ग की लंबाई 8.93 किलोमीटर है। दूसरे चरण में वाडला को दक्षिण मुंबई में संत गाडगे महाराज चौक से जोड़ा जाएगा। मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के अधिकारियों ने बताया कि 19.17 किलोमीटर की यह दूरी मध्य 2015 तक पूरी होगी। पूरी तरह तैयार होने के बाद चेंबूर-संत गाडगे महाराज चौक कॉरिडोर दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर होगा। मुंबई मोनोरेल का किराया 5-19 रुपये होगा। ओसाका मोनोरेल का किराया 2-4.5 डॉलर (125-325 रुपये) है।