नई दिल्ली, एक अदालत ने यहां जांच में एक लड़की बालिग होने की पुष्टि होने पर उसको अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी एक युवक को बरी कर दिया। अदालत ने यह माना कि कथित भुक्तभोगी युवती अपनी इच्छा से आरोपी के साथ गई थी और उसके साथ शादी की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टी.आर. नवल ने एक आदेश में गुरुवार को आरोपी चंदर शेखर को युवती को अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप से बरी कर दिया।
युवती के स्कूल प्रमाणपत्र पर अंकित उसकी जन्म तिथि पर संदेह करते हुए अदालत ने उसके ओसिफिकेशन टेस्ट रिपोर्ट पर भरोसा किया, जिसके मुताबिक घटना के समय वह नाबालिग नहीं थी। अदालत ने स्कूल के रिकार्ड में दर्ज उसकी जन्म तिथि को खारिज कर दिया। अदालत ने युवती के मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड पर भी गौर किया, जिसके मुताबिक कथित अपराध के वक्त वह बालिग थी। युवती की मां ने दावा किया था कि घटना के वक्त लड़की की उम्र 13 साल थी।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी युवक ने युवती को फरवरी 2013 में अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस के पास दर्ज बयान में युवती ने आरोपी युवक को क्लीन चिट दी थी और कहा था कि वह खुद ही युवक के साथ गई थी और उसके साथ विवाह किया था और उसके बाद शारीरिक संबंध बनाए थे।