- शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ एवं छात्रहित के सवालों को लेकर खोला मोचा,
- 9 फरवरी को बिहार से 1000 छात्र-छात्राएं होंगे रवाना,
- बिहार में केन्द्रीय विष्वविद्यालयों की स्थापना पर केन्द्र का इरादा ढुलमुल,
- पी॰यू॰ को केन्द्रीय वि॰वि॰ का दर्जा के लिए धरना कल पी॰यू॰ गेट पर।
पटना:- षिक्षा के निजीकरण ने न केवल निम्न वर्ग की पहुँच से षिक्षा को दूर कर दिया है बल्कि मध्यवर्ग के लिए भी महंगी षिक्षा दिवास्वप्न सी बन गयी है। माता-पिता दोनों ही दिन रात मेहनत कर अपनी संतानों को बेहतर षिक्षा दिलापाने में समक्ष नहीं हो पा रहे हैं। नर्सरी और के॰जी॰ में दाखिला के लिए एक लाख रुपये से अधिक लिए जा रहे है। सरकार ने इनको लूट की खुली छूट दे रखी है। लंबी-लंबी लाइनों में बच्चों के दाखिला के लिए लगे अभिभावकों के शोषण पर सरकार की चुप्पी शर्मनाक है। जबकि निजी स्कूलों के संचालकों में सफेदपोष व नौकरषाहों का गठजोड़ शामिल हैं। सत्ता में बैठे हुक्मरान सरकारी स्कूलों की दुर्दषा सुधारने की बजाए प्राइवेट स्कूलों की उद्घाटन में शामिल हो राजनीतिक चंदे की गारंटी कराने में शामिल हैं। डी॰एम॰, मंत्री व मजदूर का बेटा पड़ोस के सरकारी विद्यालय पढ़ना अनिवार्य कर दिया जाए वो सरकारी स्कूलों की स्थिति खुद व ख्ुाद सुधर जाएगी। सामान स्कूल प्रणाली को लागू किए बिना षिक्षा में बड़ा बदलाव संभव नहीं है। (ए॰आई॰एस॰एफ॰) ने षिक्षा के निजीकरण व बाजारीकरण से मुकाबला के लिए पूरे देष में छात्रों से जंगजू संघर्ष छेड़ने का आह्वान करते हुए के॰जी॰ से पी॰जी॰ तक एक समान और मुफ्त षिक्षा देने की मांग की है। छात्रों के देष के पहले संगठन ने छात्रों से वत्र्तमान दौर में सांप्रदायिक ताकतों के मंसूबों को चकनाचूर करने के लिए व्यापक अभियान चलाने की अपील की। देष में महिलाओं के साथ बढ़ रही घटनाओं पर संगठन ने सेल्फ डिफेंस की षिक्षा की मांग करते हुए स्पीडी ट्रायल चलाने की मांग की। छात्राओं की सूरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेषानुसार हर शैक्षणिक संस्थाओं में षिकायत कोषांग की मांग की । वहीं लिंगदोह की सिफारिषों की बजाए जनवादी तरीके से छात्र संघ चुनाव के लिए भी 11 फरवरी के संसद मार्च में शामिल होने का आह्वान किया गया।
आज जनषक्ति प्रेस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के नेताओं ने राज्य के अंदर विष्ववि़द्यालयों में कुलपति प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति का स्वागत करते हुए सूबे की शैक्षणिक स्थिति बेहतर होने की उम्मीद जतायी तथा राज्यपाल, मुख्यमंत्री व षिक्षा मंत्री से 11 फरवरी के षिक्षकेत्तर कर्मचारियों के हड़ताल की स्थिति नहीं आने देने के लिए कर्मियों से वात्र्ता का अनुरोध किया।
राज्य के अंदर केन्द्रिय वि॰वि॰ के निर्माण को रवैए को ढुलमुल बताते हुए राज्य के छात्रों से अपना हक मांगने के लिए 11 फरवरी को दिल्ली चलने का आह्वान किया। मोतिहारी, गया, केन्द्रिय विष्वविद्यालयों, अलीगढ़ मुस्लिम वि॰वि॰ की शाखा शीघ्र स्थापित करने एवं पी॰यू॰ को केन्द्रीय वि॰वि॰ के दर्जा के लिए चरणबद्ध आंदोलन की चेतानवनी दी। कल पी॰यू॰ गेट पर ए॰आई॰एस॰एफ॰ की पी॰यू॰ इकाई धरना देगा।
छात्र नेताओं ने राज्य सरकार को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि लाठी-गोली से ए॰आई॰एस॰एफ॰ का करवाँ थमने वाला नहीं है। सरकार छात्रों पर दर्ज सभी फर्जी मुकदमों को वापस ले अन्यथा आर-पार के संघर्ष के लिए तैयार रहे। बिहार में बढ़ते दमन, रिक्त पदों पर षिक्षककर्मियों की बहाली, एम॰बी॰बी॰एस॰ छात्रों को पढ़ाई के दौरान रूरल पोस्टिंग की बाध्यता खत्म करने, आई॰बी॰पी॰एस॰-2 के सभी सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति, मगध वि॰वि॰ के पटना प्रक्षेत्र के काॅलेजों को मिलाकर पाटलिपुत्र वि॰वि॰ बनाने, दरभंगा, मोतिहारी, छपरा लाॅ काॅलेजों में लगी पढ़ाई पर रोक भी संसद मार्च के प्रमुख सवाल होंगे।
आज संवाददाता सम्मेलन में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम, राज्य सचिव सुषील कुमार, राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा, जिलाध्यक्ष अभिषेक आनन्द, राज्य पार्षद राजेष कुमार, जिला छात्रा सह संयोजिका दीपा चैधरी इत्यादि।