बिहार की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया। आप के नेता संजय सिंह ने इसकी घोषणा की। इस मौके पर परवीन ने फिर दोहराया कि बिहार सरकार में सिस्टम का अभाव है तथा पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने कहा कि जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उन्हें काम करने में दिक्कत हो रही थी जिस कारण उन्होंने जनता दल (युनाइटेड) से इस्तीफा दिया। अगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के विषय में पूछे जाने पर बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री ने कहा 'यह तय करना पार्टी का काम है। पार्टी उन्हें जो जिम्मेवारी देगी वह करेंगी।"
उन्होंने कहा, "मैं जहां कार्यरत थी वहां विकेन्द्रीकरण, पारदर्शिता और ईमानदारी जरूरी है, परंतु वहां यह नहीं हो पा रहा था। लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही थी।"नीतीश के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि एक आदमी सब कुछ नहीं बदल सकता है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए आप के नेता संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भाई-भाई हैं। उन्होंने परवीन के विषय में कहा कि नीतीश सरकार में रहते हुए भी उनकी छवि ईमानदार मंत्री की रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा उम्मीदवार के रूप में अगर परवीन आवेदन देती हैं तो पार्टी इस पर विचार करेगी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को परवीन ने नीतीश मंत्रिमंडल तथा जद (यू) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री समेत जद (यू) के कई नेताओं ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास किया परंतु वह अपने फैसले पर अडिग रहीं। इधर, पटना के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर कहते हैं कि परवीन के आप में जाने से बिहार की राजनीति में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। परवीन बड़ी समाजिक कार्यकर्ता हैं परंतु उनका राजनीति में कोई विशेष पहचान नहीं है। नीतीश ही उन्हें राजनीति में लाए थे। उन्होंने हालांकि इतना जरूर कहा कि आप जो बिहार में किसी चर्चित नाम की तलाश में था, उसे परवीन के रूप में अवश्य मिल गया है।
परवीन वरिष्ठ नौकरशाह अफजल अमानुल्लाह की पत्नी हैं। परवीन पूर्व राजनयिक और बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटि के चर्चित नेता सैयद शहाबुद्दीन की पुत्री हैं। उन्होंने 2010 में साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है।