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केवल 50 हजार लोग आए थे मोदी की रैली में : वरुण गांधी

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बुधवार को कोलकाता में हुई बीजेपी के पीएम उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली में उपस्थित भीड़ को लेकर किए गए पार्टी के दावे की भाजपा महासचिव ने ही हवा निकाल दी है। पार्टी महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी वरुण गांधी ने कहा है कि मोदी की कोलकाता रैली में करीब 50 हजार लोग ही उपस्थित थे। उन्‍होंने कहा कि मोदी की रैली में मौजूद भीड़ को पार्टी ने चार गुना बढ़ाकर बताया था। हालांकि, वरुण ने मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह के भाषण के बारे में पूछे जाने पर कोई टिप्‍पणी नहीं की। 

वरुण ने बताया कि पार्टी ने मोदी की रैली में उपस्थित लोगों की संख्‍या करीब दो लाख बताई थी, जो गलत है। उन्‍होंने कहा कि इस रैली में मात्र 45 हजार से 50 हजार लोग ही मौजूद थे और रैली ठीक-ठाक ही रही। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व ने वरुण को पश्चिम बंगाल का विशेष प्रभार सौंप रखा है। जब उन्‍होंने बुधवार की रैली की सफलता को लेकर सिर्फ 'ओके'कहा तो उनसे पूछा गया कि उनकी नजर में रैली शानदार क्‍यों नहीं रही? उन्‍होंने जवाब दिया, 'आपको गलत आंकड़े मिले हैं। यह सच नहीं है कि दो लाख लोग पहुंचे थे। भीड़ महज 45 से 50 हजार लोगों की थी।'

रैली में आने वालों की संख्‍या को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता काफी उत्‍साहित थे। पूर्व प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष तथागत राय ने तो यहां तक कह दिया था कि रैली में तीन लाख के करीब लोग मोदी को सुनने आए थे और 50 हजार लोगों को ब्रिगेड पैरेड ग्राउंड में आने से तृणमूल कार्यकर्ताओं ने रोक दिया था। 

इस चुनावी अभियान में बुधवार को पश्चिम बंगाल में मोदी ने पहली बार रैली की। उन्‍होंने भी भीड़ को काफी बढ़ा-चढ़ा कर बताया। मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि दिल्‍ली में थर्ड फ्रंट बनवा रहे नेता हेलिकॉप्‍टर लेकर यहां आएं और मैदान में मौजूद भीड़ देखें तो उन्‍हें हवा के रुख का अंदाज हो जाएगा। उन्‍होंने अपने भाषण के दौरान यह जताने की भी कोशिश की ब्रिगेड पैरेड ग्राउंड का कोई कोना खाली नहीं था और बाद में आने वाले लोगों को इशारा किया कि उन्‍हें अब पीछे ही खड़े रह कर सुनना होगा। इस ग्राउंड में तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम की कई बड़ी रैलियां हो चुकी हैं और ये पार्टियां इन रैलियों में तीन से आठ लाख तक लोगों के शामिल होने का दावा करती रही हैं।

पार्टी नेताओं के आकलन को गलत बताने वाला वरुण का यह बयान असामान्‍य लगता है। ऐसे में सबसे पहला सवाल मन में यही आता है कि पार्टी लाइन से अलग जाकर उन्‍होंने ऐसा क्‍यों कहा होगा? इस सवाल के कुछ संभावित जवाब ये हो सकते हैं: 
पश्चिम बंगाल जैसे बेहद कम जनाधार वाले राज्‍य का प्रभार दिए जाने के चलते वरुण की नाराजगी।
बेहद कम जनाधार के बावजूद रैली में दो लाख से ज्‍यादा लोगों के पहुंचने का दावा करना व्‍यावहारिकता से एकदम परे लगा होगा, जिसे सही साबित करना वरुण के लिए मुश्किल हो सकता था। इस बार वरुण को पीलीभीत के बजाय सुल्‍तानपुर से उम्‍मीदवार बनाने की भी चर्चा है। संभव है वरुण इससे नाखुश हों और उन्‍होंने दबाव बनाने की राजनीति के तहत इस तरह का बयान दिया हो।


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