दिल्ली के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि यदि लोकपाल विधेयक और स्वराज विधेयक पारित नहीं हो पाया तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और इसका विरोध करने वालों को जनता सबक सिखाएगी। दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन टीवी एंकर एवं पत्रकार बरखा दत्त से बातचीत के दौरान केजरीवाल अपने चिरपरिचित तेवर में दिखे। उन्होंने संविधान के संबंधित अनुच्छेद का हवाला देते हुए समारोह में मौजूद श्रोताओं से पूछा कि ऐसी स्थिति में लोकपाल विधेयक किस तरह संविधान के विरुद्ध है। उनके मुताबिक संविधान के अनुसार पुलिस, कानून एवं व्यवस्था और भूमि के अलावा दिल्ली विधानसभा को अन्य विषयों में विधेयक लाने और पारित करने का अधिकार हासिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस प्रयास में हैं कि इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 15-16 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करें और उसमें लोकपाल व स्वराज विधेयक पारित कराएं। बरखा दत्त के यह पूछने पर कि पर्याप्त संख्या बल के अभाव में उनका लोकपाल विधेयक पारित कैसे होगा? केजरीवाल ने तपाक से उत्तर दिया, "वे न दें समर्थन, विधेयक गिरेगा तो हम इस्तीफा देंगे और फिर जनता उन्हें सबक सिखाएगी।"
यह कहने पर कि संसद ने लोकपाल विधेयक पारित कर रखा है, केजरीवाल ने मजाक उड़ाने के अंदाज में कहा कि उसमें तो एक चूहा भी अंदर (जेल) नहीं जाएगा। ज्ञात हो कि दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर लोकपाल विधेयक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी का राजनीतिक तापमान चढ़ा हुआ है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए इसके खिलाफ मतदान करने की घोषणा की है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने विधेयक पर सोलिसीटर जनरल से राय मांगी थी। कहा गया है कि दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर ऐसे किसी विधेयक को लाने या पारित कराने का अधिकार नहीं है।