तेलंगाना मुद्दे पर पिछले कई दिनों से जारी हंगामे और नारेबाजी ने बुधवार को लोकसभा में बेहद अमर्यादित रूप ले लिया। आंध्र प्रदेश के बंटवारे का विरोध कर रहे सदस्यों ने न केवल अंतरिम रेल बजट भाषण की प्रतियां फाड़ कर अध्यक्ष के आसन के समक्ष हवा में उछालीं बल्कि कांग्रेस और तेदेपा सदस्यों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गयी। आसन के सामने हंगामा करने वालों में कुछ मंत्री भी शामिल थे।
रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे तेलंगाना मुद्दे पर भारी हंगामे के कारण अपना अंतरिम बजट भाषण पूरा नहीं पढ़ पाए और उन्हें करीब दस मिनट बाद ही शेष भाषण को बिना पढ़े ही सदन के पटल पर रखना पड़ा। आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर अलग तेलंगाना राज्य बनाए जाने के पक्ष और विपक्ष में कांग्रेसी , तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस तथा टीआरएस सदस्यों का हंगामा और नारेबाजी आज लगातार छठे दिन भी जारी रही।
इसी मुद्दे पर सुबह सदन की बैठक एक बार स्थगित होने के बाद कार्यवाही दोबारा 12 बजे शुरू होते ही सबसे पहले कांग्रेस के आंध्रप्रदेश के कुछ सदस्य इस मुद्दे पर बड़े बड़े बैनर और पर्चे लिए हुए आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे। रेल मंत्री ने जैसे ही अपना अंतरिम रेल बजट भाषण पढ़ना शुरू किया कांग्रेसी सदस्यों ने अपनी नारेबाजी तेज कर दी। सत्ता पक्ष की ओर से आसन के समक्ष नारेबाजी करने वाले सदस्यों में केंद्रीय मंत्री के एस राव, डी पुरंदेश्वरी, चिरंजीवी और के सूर्य प्रकाश भी शामिल थे। केंद्रीय मंत्री एम पल्लम राजू भी सत्ता पक्ष की सीटों के समीप के गलियारे में खड़े थे।
कुछ ही देर बाद तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस तथा टीआरएस के सदस्य भी पर्चे लिए हुए आसन के समक्ष आ गए। तेदेपा सदस्यों की, नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी सदस्य मन्ना जगन्नाथ के साथ गर्मागर्म बहस भी हुई और दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आते देख जद यू नेता शरद यादव, सपा नेता शैलेन्द्र कुमार , कांग्रेस सदस्य जगदम्बिका पाल तथा तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत राय ने दोनों के बीच बीचबचाव किया।
तेदेपा और कांग्रेस सदस्य मिलकर वी वांट जस्टिस के नारे लगा रहे थे। वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा सदस्यों ने अपने हाथों में बैनर ले रखे थे जिन पर लिखा था आंध्र प्रदेश राज्य का बंटवारा बंद करो और आंध्र प्रदेश बचाओ। रेल मंत्री के भाषण के दौरान ही केरल से वामपंथी सदस्य एम बी राजेश तथा कुछ अन्य वाम सदस्य राज्य के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए रेल मंत्री के सामने खड़े होकर जोरदार तरीके से अपना विरोध जताने लगे। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने भी रेल बजट भाषण का विरोध किया।
तेदेपा के मोदगुला वेणुगोपाल रेडडी समेत दो सदस्यों ने भाषण के दौरान ही कुछ पन्ने फाड़ कर हवा में उछाले। उधर अन्नाद्रमुक तथा कुछ वाम सदस्यों ने भी रेल भाषण की प्रतियां फाड़ कर उसके पुर्जे हवा में उछाले। रेल बजट में अपने क्षेत्रों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए तणमूल कांग्रेस, जनता दल यू और वाम दलों के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए। इस दौरान शांत बैठे भाजपा सदस्य एक बार रेल बजट के किसी प्रावधान पर आपत्ति जताने के लिए खड़े हुए तो वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने इशारा कर उन्हें शांत बैठने को कहा।
सदन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , उपाध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकष्ण आडवाणी सहित अनेक दलों के नेता सदन में मौजूद थे। सदन में माहौल काफी तनावपूर्ण था और हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने करीब सवा 12 बजे सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।