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बिहार : जब युवाओं को चुनौती देने राज किशोर प्रसाद ( 55 वर्ष ) कर दिए रक्तदान

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रक्तदान करने आयी थीं अंशु बेटी, रक्तहीनता होने पर मोटिवेटर बन गयी की
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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 28 जून, सच में रक्तदान के क्षेत्र में युवाओं के बीच में प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरे हैं 55 साल के राज किशोर प्रसाद.यह रक्तदान उन युवा साथियों को प्रेरित करने के लिए काफी है, जो रक्तदान को लेकर गलत धारणाएं पाले हुए हैं.  बताते चले कि कुछ रक्तदाता समन्वयक पी.एम.सी.एच.पटना में अपने सहयोगियों के साथ पहुँचे. वहां  एक यूनिट रक्त की जरूरत थी.जिसे पूरा करवाने का प्रयास चल रहा था. उसी वक्त सोशल क्षेत्र से जुड़े राकेश भाई का फोन आया कि आप लोगों  से कुछ काम है.आपलोगों से कोई बहुत ही जरूरी बात करेंगे.दूसरी ओर से एक महिला की आवाज आयी.उसने अपने परिचय में कहा कि मैं अंशु हूं.ज्ञात हुआ कि वह प्रभाकर की बहन हैं.जो हमेशा लोगों को खासकर सोरभ सुमन को सोशल क्षेत्र में बे‍हतर से बेहतर कार्य करने का गुर सिखाते रहे हैं.हां मार्गदर्शन भी करते हैं. उनकी बहन अंशु हलकान थीं तुलसी पंडित नामक मरीज को लेकर. अंशु आखिर परेशान क्यों ना हो.पी.एम.सी.एच.में तुलसी पंडित गंभीर हालात में आई.सी.यू. में भर्ती हैं.उनकी जिंदगी बचाने के लिए तुरंत ही ए+ रक्त की जरूरत थी. इस परेशानी को खुद अंशु ने रक्तदान कर पूरा करना चाहती थीं. अपने पिता राज किशोर प्रसाद के साथ अंशु पी.एम. सी.एच. पहुँची. जब उसका (अंशु) रक्त जाँच की गयी तो पता चला कि उसका हिमोग्लोबिन कम है. इसके कारण वह रक्तदान करने में अक्षम साबित हो गयी. परंतु वह जिद्द करने पर उतारू हो गयी. वह बारम्बार कहने लगी कि मुझे कुछ नहीं होगा. मैं तो रक्तदान करूंगी.... समझाने के कुछ समय के बाद लोग समझाने में  कामयाब हो गए. इस परेशानी को दूर करने में अंशु ने अपने पिता राज किशोर प्रसाद जी को मोटिवेट करने लगी.  बेटी अंशु ने अपनी भूमिका में सफल हो गयी. उसी का परिणाम रहा कि बस कुछ ही देर बाद अंशु  के पिता राज किशोर प्रसाद जी रक्त दान करने को  तैयार हो गए और कुछ ही देर मे रक्तदान जैसे नेक कार्य को पूरा कर लिया गया...!! सुमन सौरभ ने इस रक्तदान को पूरा करने मे सार्थक प्रयास करने के लिए सबसे पहले वीरांगना अंशु को नमन किया. साथ ही साथ रक्तदान कर किसी अपरिचित की जिंदगी बचाने वाले रक्तदानी अंशु के पिता राज किशोर प्रसाद को तहे दिल से सलाम करता हूँ. एक बार फिर से बता दूँ रक्तदानी राज किशोर प्रसाद का उम्र 55 वर्ष है और ये रक्तदान उनके जीवन का पहला था. खैर राज किशोर प्रसाद ने अपने पहले रक्तदान के बाद कहा कि अब तीन महीने के बाद हमें जरूरत मंद को रक्तदान करने को बतायेंगे तो उनके लिए रक्तदान कर देंगे.जो कि कबिले तारीफ कार्य होगा.

विशेष आलेख : रामायाण सर्किट का निर्णय एक सार्थक दिशा

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धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने देश में रामायण सर्किट बनाने की दिशा में पहल की है। यह राजनीति में नया सकारात्मक प्रचलन है जिससे हिन्दू पयर्टन को प्रोत्साहन मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे देश में हिन्दू मतदाताओं को आकर्षित करने की दिशा में अग्रसर है, इसकी आवश्यकता भी है। क्योंकि हिन्दू मतदाताओं को अक्सर लुभाने के ही प्रयत्न हुए है उनसे किये वायदे आधे-अधूरे ही रहे हैं। योगी सरकार ने अवैध बूचडखानों पर कार्रवाई एवं गौवध को नियंत्रित करने के लिये भी कठोर निर्णय लिये हैं। राम मन्दिर का निर्माण भी हो जाने की उम्मीद की जा रही है। योगी सरकार चुनावी वायदों को पूरा करके उत्तरप्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में डग भर रही है, बदलाव की यह बयार शुभता एवं श्रेयस्करता की सूचक है। भारत में हिन्दू संस्कृति और उसके ऐतिहासिक स्थलों की उपेक्षा एक गंभीर चिन्ता का कारण बनती रही है। जबकि दुनिया में हिन्दू संस्कृति और उसके ऐतिहासिक स्थलों के प्रति गहरा आकर्षण है। सदियों से विदेशी पर्यटक हिन्दू तीर्थस्थलों एवं ऐतिहासिक स्थलों के पर्यटन के लिये आते रहे हैं। ऐसा नहीं कि हिंदू तीर्थाटन हाल के वर्षों में ही बढ़ा है। वर्ष-भर जिस तरह से विदेशी पर्यटक एवं हिन्दू समाज के लोग धार्मिक यात्राएं करते हैं, उसे देखते हुए रामायण सर्किट का निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए। 

देर से ही भले हो पर रामायण सर्किट के निर्माण की योजना समय की बड़ी जरूरत थी, अब इसकी बड़ी योजना बनी है जिसमें एक-दो नहीं, बल्कि नौ राज्यों के पंद्रह स्थानों को शामिल किया जाएगा। ये सारे वे स्थान हैं जिनके बारे में माना जाता है कि भगवान श्रीराम यहां से गुजर रहे थे। सरकार ने इसके लिए एक सौ तैंतीस करोड़ रुपये की योजना को हरी झंडी दे दी है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश में जो तेरह पर्यटन सर्किट बनाए जाने हैं, रामायण सर्किट भी उसी का हिस्सा है। यह रामायण सर्किट उत्तर प्रदेश में अयोध्या, श्रंगवेरपुर और चित्रकूट, बिहार में सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा, पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम, ओडिशा में महेंद्रगिरि, छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, तेलंगाना में भद्राचलम, तमिलनाडु में रामेश्वरम, कर्नाटक में हंपी, महाराष्ट्र में नाशिक और नागपुर से होकर गुजरेगा। इसके अलावा श्रीकृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट और सूर्फी सर्किट की योजना पर भी काम होगा। इन सर्किट के बन जाने से निश्चित ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं भारत की हिन्दू एवं विविध धर्मो की संस्कृति को सुदृढ़ किया जा सकेगा। यह तय है कि भारत एक आध्यात्मिक एवं धार्मिक मान्यता का राष्ट्र है।  सर्किट-विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़े मददगार होते हैं। इसका फायदा यह होता है कि ज्यादात्तर पर्यटन-स्थल विकास के दायरे में आ जाते हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए सम्मानपूर्वक घूमना आसान हो जाता है। उन्हें भटकना नहीं पड़ता। उनकी सुरक्षा एवं सुविधाओं का पर्याप्त ध्यान रखा जाता है।

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अक्सर राजनीतिक दल चुनावों के समय चांद-तारे तक तोड़कर लाने के वादे कर बैठते हैं मगर सत्ता हासिल होते ही वे किये गये वादों को भूल जाते हैं और बगले झांकने को मजबूर हो जाते हैं। राज्य के विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान हिन्दू मतदाताओं से वादा स्वयं प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और अब किये गये वायदें आकार ले रहे हैं। रामायण सर्किट हो या श्रीराम मन्दिर के मुद्दे- भले ही ये राजनीतिक मुद्दे हो, लेकिन इनसे अधिसंख्य लोगों की भावनाएं जुड़ी है। दो तरह के नेता होते हैं- एक वे जो कुछ करना चाहते हैं, दूसरे वे जो कुछ होना चाहते हैं। असली नेता को सूक्ष्मदर्शी और दूरदर्शी होकर, प्रासंगिक और अप्रासंगिक के बीच भेदरेखा बनानी होती है। संयुक्त रूप, सबको साथ लेकर कार्य करने की मंशा ने प्रदेश के नक्शे को बदला है, प्रगति की फिजाएं उद्घाटित हुई है। रामायण सर्किट के निर्णय से निश्चित तौर पर प्रदेश एवं अन्य स्थानों पर अनेक नयी संभावनाएं आकार लेगी। इससे रोजगार पैदा होंगे। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोग घूमने आएं, इसी मकसद से पिछले साल अयोध्या में एक लाख दीयों से दीवाली उत्सव मनाया गया था। पर हैरानी की बात है कि अयोध्या में ज्यादात्तर मंदिर-मठ जीर्ण-शीर्ण हालात में है। इस पर आज तक किसी ने गौर करना उचित नहीं समझा। प्रदेश के ज्यादात्तर शहर ऐसे हैं जिनमें पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटक आते भी हैं, लेकिन सुविधाओं का भारी अभाव है, अनेक परेशानियां उनको झेलनी पड़ती है। पर्यटकों को गुंदागर्दी, चोरी, लूटपाट और ठगी जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है। महिला पर्यटकों से छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाओं से कई बार भारत को शर्मसार होना पड़ा है। सर्किट बन जाने से इन स्थितियों में बदलाव होगा। बनारस, अयोध्या, इलाहाबाद जैसे शहर तो पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थान पाने जाते हैं। सरकार बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाके के सौन्दर्यकरण के लिये तत्पर है। विडम्बनापूर्ण स्थिति यह है कि सबसे पुराने और हिंदू आस्था के विश्वविख्यात तीर्थस्थल आज भी बुनियादी सुविधाओं के मोहताज हैं, उनकी उपेक्षा असहनीय है। 

उपनिषदों में कहा गया है कि ”सभी मनुष्य सुखी हों, सभी भय मुक्त हों, सभी एक दूसरे को भाई समान समझें।“ ऐसा ही लक्ष्य योगी सरकार का प्रतीत हो रहा है और यही उनका मिशन है। इतिहास अक्सर किसी आदमी से ऐसा काम करवा देता है, जिसकी उम्मीद नहीं होती। और जब राष्ट्र की आवश्यकता का प्रतीक कोई आदमी बनता है तब वह नायक नहीं, महानायक बन जाता है। योगी आदित्यनाथ एक संन्यासी की ही नहीं, एक यायावरी की ही नहीं, एक राजनीतिज्ञ की ही नहीं, एक ऋषि की समझ रखते हैं। आध्यात्मिकता की गंगा, पराक्रम की जमुना और ज्ञान की सरस्वती उनमें साथ-साथ बहती है। इसलिये प्रदेश एक शांतिपूर्ण प्रगतिशील प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। योगी ने रामायण सर्किट का निर्णय लेकर न केवल मोदी की जबान रखी बल्कि अपनी पार्टी के संकल्प पत्र का भी अनुसरण किया है। मेरी दृष्टि में यह शुरुआत है, प्रदेश को आध्यात्मिक एवं धार्मिक प्रगति की ओर अग्रसर करने के लिये संकल्प के साथ-साथ पुरुषार्थ भी अपेक्षित है। नियत और निष्ठा भी जरूरी है। क्योंकि सर्किट बन जाने भर से काम नहीं चलने वाला। तीर्थयात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षा देना भी सरकार की जिम्मेवारी बनती है। अब एक नया सूर्योदय हुआ है जिसमें आध्यात्मिक-धार्मिक विकास की संभावनाएं आकार लेती हुई दिख रही है। लोग केवल बुराइयों से लड़ते नहीं रह सकते, वे व्यक्तिगत एवं सामूहिक, निश्चित सकारात्मक लक्ष्य के साथ जीना चाहते हैं। अन्यथा जीवन की सार्थकता नष्ट हो सकती है और होती रही है। राजनीतिक मूल्यों में भी बदलाव के साथ-साथ आध्यात्मिकता की भावना बल पकड़नी चाहिए। 

प्रदेश की जनता ने लम्बा वनवास भोगा है। प्रदेश के केनवास पर शांति, प्रेम, सुरक्षा, विकास और सह-अस्तित्व के रंग भरने हांेगे, क्योंकि लम्बे दौर से केवल दलगत स्वार्थ और सत्ता की भूख प्रदेश पर हावी रही है। सबकी पूजा, प्रार्थना, उपासना की स्वतंत्रता भारतीय संस्कृति की विशेषता है। यही सबको भयमुक्त रखता है। किसी का कोई विरोध नहीं। सम्प्रदाय नहीं लड़ता है सम्प्रदायवाद लड़ता है। यह सम्प्रदायवाद तब बनता है जब इसका प्रयोग किसी दूसरे सम्प्रदाय के विरुद्ध राजनीतिक या सामाजिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। दरअसल साम्प्रदायिक विद्वेष के बीज वहीं जन्म लेते हैं जहां एक सम्प्रदाय का हित दूसरे सम्प्रदाय के हितों से टकराता है। आवश्यकता है धर्म को प्रतिष्ठापित करने के बहाने राजनीति का खेल न खेला जाए। राजनीति में सम्प्रदाय न आये, नैतिकता आए, आदर्श आए, श्रेष्ठ मूल्य आएँ। नैतिकता मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। ”कर्तव्य“ और ”त्याग“ भावना पूर्ति करने वाली है। अतः न ही इनका विरोध हो और न ही इनकी तरफ से दृष्टि मोड़ लेना उचित है। रामायण सर्किट का निर्णय केवल पर्यटन को ही प्रोत्साहन न दे बल्कि एक सकारात्मक वातावरण निर्मित करने का माध्यम भी बने।

liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में देरी

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श्रीनगर , 28 जून, कश्मीर में आज हो रही भारी बारिश के कारण पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा की शुरूआत में देरी हो रही है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि बारिश के कारण पहलगाम या बालटाल किसी भी आधार शिविर से यात्रा शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मौसम ठीक होने और रास्ता सुरक्षित होने के बाद ही यात्रा प्रारंभ होगी। कड़ी सुरक्षा के बीच करीब 3,000 तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था जम्मू से रवाना होकर कल शाम कश्मीर के बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि पहले जत्थे में से 1,904 लोग पारंपरिक पहलगाम के रास्ते जबकि बाकि लोग (1,091) बालटाल के रास्ते हिमालय में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में दर्शन के लिए जाएंगे। जत्थे में 2,334 पुरूष , 520 महिलाएं , 21 बच्चे और 120 साधू हैं। 

बारिश से दिल्लीवासियों को मिली राहत

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नयी दिल्ली , 28 जून, राष्ट्रीय राजधानी में आज तड़के हुई बारिश से पारा लुढ़क गया। इस मौसम के औसत से चार डिग्री नीचे न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार शहर में 20.4 मिमी बारिश दर्ज की गयी। आर्द्रता 91 फीसदी रही। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार सामान्य तौर पर आकाश में बादल रहेंगे और मध्यम बारिश की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में गरज के साथ छींटे पड़ने और तेज हवायें चलने की संभावना है। उच्चतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। कल अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 

चीन अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा : शी जिनपिंग

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बीजिंग, 28 जून, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से कहा कि बीजिंग शांति को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन वह प्रशांत महासागर में एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। सीएनएन ने शी के हवाले से बताया, "जब बात चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की होती है तो हमारा रुख दृढ़ और स्पष्ट होता है।"शी ने कहा, "हम हमारे पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ सकते।"शी ने यह भी कहा कि प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर पर असहमतियों के बावजूद लंबे समय से यह सभी को पता है कि सैन्य मामलों के विशेषज्ञ मुद्दों को हल करने के लिए सैन्य साधनों का उपयोग नहीं करना चाहते। मैटिस ने कहा कि बुधवार को शी और अन्य अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता बहुत, बहुत अच्छी रही और अमेरिका चीन के साथ सैन्य संबंधों को बहुत महत्व दे रहा है। शी जिनपिंग और मैटिस की यह मुलाकात चीन और अमेरिका के बीच बढ़े व्यापार तनाव के बीच हुई। साल 2014 के बाद चीन का दौरा करने वाले मैटिस पहले रक्षा मंत्री हैं।

केंद्र सरकार ने 2016 सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण किया

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नई दिल्ली, 28 जून, कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2016 में जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण कर वोट बटोरने का काम किया। कांग्रेस ने पिछले दो दशकों में किए गए इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक का ब्योरा पेश करते हुए कहा कि इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक देश में पहली बार नहीं हुए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सितंबर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का वीडिया जारी होने के बाद यह बयान दिया है। सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सशस्त्रबलों के 70 साल की बहादुरी और बलिदान से भरे इतिहास का अपने भद्दे बयान से अपमान किया है। शाह ने सात अक्टूबर 2016 को कहा था कि भारतीय सेना ने 68 वर्षो में पहली बार एलओसी पार कर दुश्मनों पर कार्रवाई की है। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले दो दशकों में अलग-अलग समय पर सर्जिकल स्ट्राइक की सटीकता भारतीय सशस्त्र बल के ²ढ़ संकल्प की विशेषता है। सुरजेवाला ने सितंबर 2016 से पहले हुए कई सर्जिकल स्ट्राइक का भी ब्योरा पेश किया। सुरजेवाला ने कहा, "हमें गर्व है कि हमारी सेना ने पिछले दो दशकों में विशेष रूप से वर्ष 2000 के बाद कई सर्जिकल स्ट्राइक की। 21 जनवरी 2000 को (नीलम नदी के पार नडाला एनक्लेव), 18 सितंबर 2003 (बरोह सेक्टर, पुंछ), 19 जून, 2008 (भट्टाल सेक्टर), 30 अगस्त से एक सितंबर 2011 (केल में नीलम नदी के पार शारदा सेक्टर), छह जनवरी 2013 (सावन पत्र चौकी), 27 से 28 जुलाई 2013 (नाजापीर सेक्टर), छह अगस्त 2013 (नीलम घाटी), 14 जनवरी 2014, 28 से 29 सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हुई।"

संतों ने समाज को रास्ता दिखाने का काम किया : मोदी

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संतकबीरनगर (मगहर), 28 जून, उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि संतों ने समाज को सही दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें संतों की इस तपोभूमि पर आकर काफी प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। कबीरदास जी ने समाज को नई राह दिखाने का काम किया है। मोदी ने मगहर पहुंच कर सबसे पहले कबीर को नमन किया और उनकी समाधि पर चादर चढ़ाई। इस दौरान उन्होंने मगहर में बनने वाली अंतर्राष्ट्रीय शोध अकादमी का शिलान्यास किया। उन्होंने इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संत कबीर के वाक्तव्य ब्रहम वाक्य की तरह थे। मोदी ने संतकबीर के कई दोहों का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "संतकबीर के बाद संत रविदास आए, महात्माफूले आए, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आए, महात्मा गांधी आए। सभी ने अपने अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाने का काम किया।"मोदी ने कहा, "महापुरुषों के नाम पर एक ऐसी धारा का निर्माण किया जा रहा है जिससे समाज के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। कुछ राजनीतिक दलों को इसमें अपना फायदा दिखाई देता है। सभी राजनीतिक दल लाभ के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं लेकिन ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।"प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर ने कहा था कि अपने भीतर झांकने से सत्य का बोध होता है लेकिन महापुरुषों के नाम पर राजनीति करने वालों को इसका पता ही नहीं।

उन्होंने कहा, "कुछ राजनीतिक दलों के मुखिया को अपने बंगलों से प्यार है। पिछली सरकार के दौरान प्रधानमंत्री आवास को लेकर काफी पत्राचार हुआ लेकिन उनको अपने बंगले में रूचि थी। वह हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहे। उन्हें गरीबों के आवास की चिंता नहीं थी।"मोदी ने कहा कि समाजवादी और बहुजन की बात करने वालों के भीतर सत्ता का लालच पैदा हुआ है और वह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में पिछले एक वर्ष में उप्र में बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "देश में कभी आपातकाल थोपने वालों के साथ आज कुछ लोग कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। ये लोग गरीबों, वंचितों एवं शोषितों का हक लूटकर करोड़ो और अरबों रुपये के मालिक बनकर बैठे हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है।"केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कबीर साहब के सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ लेकर चल रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत में हर क्षेत्र के विकास का विश्वास जगा है। आज हर गरीब को सिर ढकने के लिए आवास देने का काम किया जा रहा है। स्वच्छता को बढ़ावा देते हुए एक साल के अंदर प्रदेश में 72 लाख से भी ज्यादा शौचालय का निर्माण किया गया है। इससे पहले पीएम सुबह 9़ 55 बजे विशेष विमान से लखनऊ के अमौसी हवाईअड्डे पहुंचे और उसके बाद विशेषदल के साथ मगहर पहुंचे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

हार के बावजूद कोच पद से नहीं हटेंगे जोआचिम

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एकातेरीनबर्ग (रूस), 28 जून, जर्मनी फुटबाल संघ के अध्यक्ष रेनहार्ड ग्रिंडल ने कहा कि भले ही जर्मनी ग्रुप स्तर में खराब प्रदर्शन के कारण फीफा विश्व कप से बाहर हो गई है, लेकिन इस कारण से टीम के मुख्य कोच जोआचिम लो को उनके पद से नहीं हटाया जाएगा। ग्रुप-एफ में बुधवार रात को खेले गए आखिरी मैच में दक्षिण कोरिया ने जर्मनी को 2-0 से मात देकर विश्व कप से बाहर कर दिया। फीफा विश्व कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जर्मनी को ग्रुप स्तर से ही टूर्नामेंट से वापसी करनी पड़ी हो। दक्षिण कोरिया के खिलाफ मैच से पहले ही अध्यक्ष रेनाहार्ड ने यह साफ कर दिया था कि आखिरी ग्रुप मैच का परिणाम जो भी होगा। जोआचिम कोच पद पर बने रहेंगे। रेनहार्ड ने कहा, "हमने डीएफबी की कार्यकारी समिति की बैठक में ही विश्व कप टूर्नामेंट से पहले जोआचिम के करार में विस्तार का फैसला कर लिया था। यह साफ है कि जोआचिम की जिम्मेदारी को उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता।"अध्यक्ष ने कहा कि जोआचिम ने कन्फेडरेशन कप में यह साबित कर दिया था कि वह युवा खिलाड़ियों को एक टीम में तब्दील करने की क्षमता रखते हैं। जहां तक संघ का मानना है यह उसके लिए अहम है।

पंजाब में 15 वर्षो में पानी नहीं रह जाएगा : अमरिंदर सिंह

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चंडीगढ़, 27 जून, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को चेताया कि राज्य का नाम का अर्थ भले ही पांच नदियों की भूमि हो, लेकिन हो सकता है कि अगले 15 वर्षो में इस कृषि-प्रधान राज्य में पानी ही न रह जाए। अमरिंदर ने कहा, "पंजाब यदि स्थिति पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो अगले 15 वर्षो में पंजाब में पानी नहीं रह जाएगा।"अमरिंदर ने घटते जलस्तर पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, "भूजल स्तर में भारी गिरावट के कारण देश में पंजाब के पास डार्क जोन का प्रतिशत सर्वोच्च है।"भूजल प्रबंधन निदेशालय के मिशन निदेशक, अरुंजित सिंह मिगलानी ने कहा, "पंजाब में भूजल दोहन की दर सबसे अधिक है, और 2008-2013 के दौरान इसका औसत 2.82 करोड़ एकड़ फीट था, और वार्षिक औसत पुनर्भरण मात्र 1.89 करोड़ एकड़ फीट था, जो कि दोहन और पुनर्भरण में एक गंभीर अंतर को दर्शाता है।"अमरिंदर ने जल संरक्षण के लिए एक मास्टर प्लान की जरूरत को रेखांकित किया और सुझाव दिया कि जल संरक्षण को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि बच्चों को भूजल बचाने के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। अमरिंदर ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए किसानों से ट्यूबवेल के बदले नहरों से सिंचाई करने की अपील की।

बिहार के कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश के आसार

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पटना, 28 जून, बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार सुबह से बादल छाए हुए हैं। बुधवार को हुई हल्की बारिश के बाद तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। पटना का गुरुवार को न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार,"अगले 24 घंटे के दौरान राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने के आसार हैं जबकि पटना सहित राज्य के कई क्षेत्रों में तेज बारिश हो सकती है। इस दौरान राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रह सकते हैं तथा तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की जाएगी।"बिहार के भागलपुर का गुरुवार को न्यूनतम तापमान 26़1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि गया का 25.3 डिग्री व पूर्णिया का 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना का गुरुवार को अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना है। बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

इंस्टाग्राम से जुड़ीं जूलिया रॉबर्ट्स

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लॉस एंजेलिस, 28 जून,अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने फोटो शेयरिंग साइट इंस्टाग्राम पर अकाउंट खोल लिया है। वेबसाइट 'पीपल डॉट कॉम'के मुताबिक, ऑस्कर विजेता अभिनेत्री जूलिया (50) ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर पहला पोस्ट किया। इस तस्वीर में जूलिया अपनी चिरपरिचित मुस्कान में नजर आईं। उन्होंने स्वैटशर्ट पहनी हुई है, जिस पर लव लिखा है। रॉबर्ट्स ने कैप्शन में लिखा, "हैल्लो?"

आपातकाल थोपने वाले और विरोध करने वाले दोनों साथ खड़े हैं : मोदी

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संतकबीरनगर (मगहर), 28 जून, उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में कबीर के निर्वाण स्थल मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस और उनके सहयोगियों पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि देश पर आपातकाल थोपने वाले और उस समय उसका विरोध करने वाले एकसाथ खड़े हैं। यह सब सत्ता पाने के लिए हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत कबीर दास की महापरिनिर्वाण स्थल मगहर से एक साथ विरोधियों पर कई वार किए। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर कई आरोप लगाए। प्रधानमंत्री ने कहा, "समाजवाद और बहुजन की बातें करने वालों का हम लालच देख रहे हैं। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने और उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी लेने की फिराकमें घूम रहे हैं।"मोदी ने आरोप लगाया कि ये लोग देश और समाज नहीं बल्कि अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं। गरीब, वंचित, शोषित को धोखा देकर अपने लिए करोड़ों का बंगला बनाने वाले लोग हैं। मोदी ने कहा कि कई महापुरुषों के नाम पर राजनीतिक धारा बनाई जा रही है जिससे देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दल अशांति का माहौल बनाने में लगे हुए हैं। क्योंकि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। 

प्रधानमंत्री ने यहां कबीर की समाधि स्थल पर चादर चढ़ाई और अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थान की आधारशिला रखी। इस मौके पर योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा, "पहले यूपी की सरकार को अपने बंगलों से प्यार था। जब से योगीजी की सरकार आई उसके बाद यूपी में गरीबों के लिए रिकॉर्ड घरों का निर्माण किया जा रहा है।"मोदी ने कहा कबीर ने कहा था आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं। तीन तलाक के मामले को लेकर विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिमों के बहाने तीन तलाक को हटाने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन यह राजनीतिक लोग, सत्ता का खेल खेलने वाले इममें रोड़े अटका रहे है। अपनी लाभ के लिए सामाजिक बुराइयों को खत्म नहीं करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर ने कहा था कि आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों को वोट बैंक की सियासत के तौर पर प्रयोग करते रहे। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने का काम कर रही है। जनधन योजना के तहत पांच करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले।

मोदी ने कहा,"महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिया गया। एक करोड़ 70 लाख लोगों को एक रुपए में आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सेवा दी गई। गरीब के विकास को सरकार ने अपनी प्रथामिकता बनाया है।"प्रधानमंत्री ने कहा कि हम मगहर को तेज विकसित करने का काम हम करने जा रहे हैं। संत कबीर के वचनों को ढालकर न्यू इंडिया बनाया जाएगा। इससे पहले उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में हर क्षेत्र के विकास का विश्वास जगा है। आज हर गरीब को सिर ढकने के लिए आवास देने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देते हुए एक साल के अंदर प्रदेश में 72 लाख से भी ज्यादा शौचालय का निर्माण किया गया है।

मगहर में योगी ने टोपी नहीं पहनी, विपक्ष ने कहा-पाखंडी

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मगहर (संतकबीरनगर) , 28 जून, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। योगी मगहर में कबीर की मजार पर चादर चढ़ाने पहुंचे थे। उसी समय वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने टोपी पहनने से इनकार कर दिया। इस पर विपक्ष के लोगों ने कहा कि योगी पाखंड में फंसे हुए हैं। दरअसल, यह वाकया उस समय सामने आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले मुख्यमंत्री योगी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मगहर पहुंचे थे। इसी दौरान वह संत कबीर की मजार पर गए। यहां पहुंचने पर जब उन्हें टोपी पहनने के लिए दी गई, तो उन्होंने इसे पहनने से साफ इनकार कर दिया। इस प्रसंग पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य सुनील यादव साजन ने कहा, "योगी को सभी टोपियां एक जैसी लगती हैं। योगी पाखंड में फंसे हुए हैं। ऐसे लोगों को कबीरधाम नहीं जाना चाहिए।"वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि किसी को जबरदस्ती टोपी नहीं पहनानी चाहिए। पहले मोदी ने और अब योगी ने टोपी पहनने से मना किया है। उन्होंने यह भी कहा कि टोपी पहनने से कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता है, यह तो केवल सम्मान की बात होती है। योगी का बचाव करते हुए उनके मंत्री मोहसिन रजा ने जवाब दिया, "मैं खुद मुसलमान हूं, लेकिन टोपी नहीं पहनता हूं। जो लोग बार-बार ऐसे मौकों पर टोपी पहनाने की कोशिश करते हैं, उन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए।"

आपातकाल में आरएसएस, जनसंघ नहीं थे अग्रणी सेनानी : माकपा

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नई दिल्ली, 28 जून, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्त पार्टी (माकपा) का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ को आपातकाल के दौर के सबसे महत्वपूर्ण सेनानी के रूप में दिखाना चाहती है, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। माकपा के मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी'के संपादकीय में लिखा गया है, "जहां यह सच है कि बड़ी संख्या में आरएसएस कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया था, वहीं यह भी सच है कि उनमें से कई लोगों ने उनकी रिहाई के लिए इंदिरा सरकार द्वारा बनाई गई 20 शर्तो को स्वीकार कर माफी मांग ली थी।"संपादकीय के अनुसार, "जेल से इंदिरा गांधी को दो पत्र लिखकर सरकार को सहयोग करने तथा सरकार के रचनात्मक कार्यक्रमों को समर्थन देने का प्रस्ताव देने वाले आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के संकेत पर शायद उन्होंने ऐसा किया।"यह संपादकीय 1975-77 के आपातकाल शासन की 43वीं वर्षगांठ के मौके पर लिखा गया है। आपातकाल के दौरान सभी विरोधी राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और संविधान में उद्धृत सभी मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे। संपादकीय के अनुसार, इसके बाद यह तिथि भाजपा नेतृत्व के लिए अपनी घमंडी और विकृत मानसिकता दिखाने का मौका बन गई। संपादकीय के अनुसार, मोदी सरकार के चार साल अघोषित आपातकाल हैं, जिसमें एक अधिकारवादी शासन का संस्थानीकरण करने के अलावा कुछ नहीं हुआ है।

ब्रिटेन के शाही घराने ने 2017 में अधिक कमाई की

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लंदन, 28 जून, ब्रिटेन के शाही घराने ने 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2017 में अधिक कमाई की है। यह जानकारी गुरुवार को जारी दस्तावेजों से मिली है। सीएनएन के अनुसार, दो भागों में प्रदान किए गए दस्तावेजों में शाही घराने के आय स्रोत, धन के वितरण और व्यय के विवरण दिए गए हैं। आधिकारिक रपटों में प्रिंस चार्ल्स के वित्त से संबंधित एक रपट में बजट श्रेणी के बारे में बताया गया है, जिसमें प्रिंस विलियम, केट और हैरी को दी जाने वाली राशि लगभग 40 फीसदी बढ़ाकर 50 लाख पाउंड (66 लाख डॉलर) कर दी गई है। हालिया वर्षो में प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला (द डचेस ऑफ कार्निवाल) ने इस श्रेणी में 10 फीसदी का मामूली खर्च बढ़ाया है। चार्ल्स और कैमिला अपने काम और जीवनयापन के लिए सार्वजनिक और निजी धन पर आश्रित हैं। हैरी की मेगन मर्केल से 19 मई को शादी होने से उनके राजस्व में सार्वजनिक धन में अचानक वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन शाही परिवार और ब्रिटेन की सरकार ने शाही शादी का खर्च बताने से इंकार कर दिया। रपट में संप्रभु अनुदान का भी विवरण शामिल है, जो शाही परिवार की आय का मुख्य स्रोत है। महारानी ने कर रहित संप्रभु अनुदान के रूप में 7.61 करोड़ पाउंड प्राप्त किए, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 78 फीसदी अधिक है।

रिलायंस एनर्जी, अदाणी के सौदे को एमईआरसी की मंजूरी

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मुंबई, 28 जून, महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आरइंफ्रा) लिमिटडेड के मुंबई में एकीकृत बिजली कारोबार में 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) को करने के सौदे को मंजूरी दे दी। यह जानकारी गुरुवार को एक अधिकारी ने दी। एमईआरसी की मंजूरी के बाद जुलाई में अनुमानित 18,800 करोड़ रुपये मूल्य का सौदा पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले 14 जून को एमईआरसी द्वारा मामले की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। साथ ही, सौदे के लिए शेयरधारकों की भी अनुमति ली जा चुकी है। आरइंफ्रा और एटीएल ने उत्पादन, पारेषण और वितरण के एकीकृत कारोबार और मुंबई में बिजली वितरण की 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए परिभाषित बंधनकारी करार पर दिसंबर 2017 में हस्ताक्षर किए थे। आरइंफ्रा इस सौदे में प्राप्त रकम का इस्तेमाल अपना कर्ज उतारने के लिए करेगी जोकि 3,000 करोड़ रुपये नकद है और यह किसी भारतीय कारोबारी द्वारा कर्ज उतारने की सबसे बड़ी कवायद है। एक अधिकारी ने कहा कि आरइंफ्रा लिमिटेड द्वारा भावी विकास के लिए लाभ में कटौती की रणनीति में विमुद्रीकरण प्रमुख कदम है।

समझदार हो गए हैं टीवी के दर्शक : तोरल रास्पुत्र

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नई दिल्ली, 28 जून, 'बालिका वधू'से चर्चा में आईं तोरल रास्पुत्र का कहना है कि टीवी दर्शक अब समझदार हो गए हैं और अलौकिक व पौराणिक कहानियों का दर्शक वर्ग निश्चित है। तोरल ने कहा, "जैसे-जैसे टीवी शो प्रगति कर रहे हैं, साथ ही दर्शक भी समझदार हो रहे हैं और वे वही देखते हैं जो देखना चाहते हैं। चाहे वह कोई भी विषय हो- अलौकिक, पौराणिक या ऐतिहासिक शो, सभी के दर्शक निश्चित हैं।"उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि यह चलन के बारे में नहीं, बल्कि शो के विषय के बारे में है जो दर्शकों को बांधे रखता है। दर्शक शो के विषय की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। मेरा पिछला धारावाहिक 'बालिका वधू'भी विषय-प्रधान था, जो परंपरागत सास-बहू की कहानी से अलग था।"बतौर कलाकार, तोरल को विभिन्न किरदारों के अनुकूल होने की जरूरत महसूस होती है। उन्होंने कहा, "इन दिनों मैं 'मेरे साईं'में काम कर रही हूं, लेकिन निकट भविष्य में मैं ऐतिहासिक विषय पर आधारित धरावाहिक में काम करना चाहूंगी।"

मुंबई की असली सुपरहीरो नौकरानियां : स्वरा भास्कर

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मुंबई, 28 जून, अभिनेत्री स्वरा भास्कर को मुंबई का जलवा पसंद है और उनका कहना है कि इस शहर की असली सुपरहीरो नौकरानियां हैं। एक बयान के मुताबिक, अभिनेत्री स्वरा और सिद्धार्थ शुक्ला ने बॉम्बे टाइम्स के फ्लर्ट विद योर सिटी कंपेन के हिस्से के रूप में मुंबई के लिए अपना प्यार साझा किया।  स्वरा ने एक बयान में कहा, "मुंबई में कई थीम आधारित कैफे हैं, जो मुझे पसंद है और जब भी मैं यहां जाती हूं मैं मुझे यहां मजेदार लोग मिलते हैं।"उन्होंने कहा, "मेरे लिए मुंबई की सुपरहीरो नौकरानियां हैं, जो टोपियां नहीं पहनतीं। वे एक दिन में छह से आठ घरों में काम करती हैं और वह भी समय पर। इससे भी ज्यादा तारीफ की बात यह कि जब वे छुट्टी लेती हैं तो हमेशा किसी को अपनी जगह लगा के जाती हैं।"

प्राचीन गणतांत्रिक धरोहरों की रक्षा से ही मजबूत होगा लोकतंत्र : निखिल कुमार

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पटना, 28 जून, केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने यहां गुरुवार को कहा कि आजकल गणतांत्रिक मूल्यों का धीरे-धीरे ह्रास हो रहा है। हाल के दिनों में गणतंत्र धनतंत्र में तब्दील होता जा रहा है। यह गणतंत्र की मूल आत्मा पर करारा प्रहार है। उन्होंने कहा कि प्राचीन गणतांत्रिक धरोहरों की रक्षा से लोकतंत्र मजबूत होगा। पटना में वैशाली-बसव गणतंत्र मंथन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक संयोग है कि ईसा की छठी शताब्दी पूर्व वैशाली के गणतंत्र और 12वीं सदी के बसव गणतंत्र का मंचन आज महान पाटलिपुत्रा की धरती पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैशाली गणतंत्र और दक्षिण का बसव गणतंत्र दोनों में प्रशासनिक निर्णयों में आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रावधान था। उन्होंने आम लोगों से गणतंत्र की रक्षा के लिए जोरदार कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि यह सबों का दायित्व है। कुमार ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गणतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए ऐसे आयोजनों का होना आवश्यक है। गणतंत्र मंथन का यह उत्सव भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करेगा।

समारोह को संबोधित करते हुए अरविंद जत्ती ने कहा कि बिहार न केवल क्रांति की भूमि रही है, बल्कि भगवान महावीर व बुद्ध की यह भूमि गणतंत्र के प्रयोग की भी भूमि है। उन्होंने कहा, "भारत के कई महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत बिहार की धरती से हुई है। आज वह समय आ गया है, जब हम एक बार फिर बिहार की धरती से एक क्रांति कर सकते हैं। इसके लिए वेद, त्रिपिटक आदि पर एक जगह चर्चाएं हों।"उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के बसवेश्वर के वचन और नीतियों के प्रचार-प्रसार की शुरुआत भी बिहार से ही हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार ने कहा कि सामाजिक मूल्यों में निरंतर गिरावट आने की वजह से गणतांत्रिक मूल्यों में भी गिरवाट आ रही है। आज का यह कार्यक्रम संदेश देता है कि अपने प्राचीन गणतांत्रिक धरोहरों को याद करके आधुनिक समाज के नवनिर्माण में हम अपनी महती भूमिका तय करें और उसे निभाएं। कार्यक्रम का संचालन सोसाइटी ऑफ सोशल ओपिनियन के निदेशक राघवेंद्र सिंह कुशवाहा ने किया। इस दौरान 12वीं सदी के वचन साहित्य के इतिहास की किताबें मैथिली, संथाली, भोजपुरी, अखंड भारत के साथ ठाकुर समाज का साहित्य, नारी जीवन और बसव की नीतियों की पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. जयश्री मिश्र, भंते सुमन, बाबा गुरुमिंदर सिंह, नंदन पटेल, अरविंद भंते, डॉ. विलासवती खूबा, इंद्रजीत बरेल, जर्नादन पाटिल, डॉ. धनाकर ठाकुर, सूर्य नारायण सहनी, शारदा, इंद्रजीत पटेल, इकबाल हसन और नंदन पटेल ने भी गणतंत्र और उसके मूल्यों को लेकर अपनी बात रखी।

सिंधु, श्रीकांत मलेशिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में, सायना बाहर

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बुकिट जलील (मलेशिया), 28 जून, भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु और किदांबी श्रीकांत ने गुरुवार को अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए मलेशिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। हालांकि, भारत की अनुभवी बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर होना पड़ा। ओलम्पिक खेलों की रजत पदक विजेता सिंधु ने महिला एकल वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नम्बर-39 स्थानीय खिलाड़ी यिंग यिंग ली को मात दी। वर्ल्ड नम्बर-3 सिंधु ने यिंग को 32 मिनट तक चले मैच में सीधे गेमों में 21-8, 21-14 से मात देकर अंतिम-8 में स्थान पक्का कर लिया है। सिधु का सामना क्वार्टर फाइनल में अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी और स्पेन की दिग्गज खिलाड़ी कैरोलीना मारिन से होगा। मारिन ने ही रियो ओलम्पिक खेलों में सिंधु को फाइनल मैच में हराकर रजत पदक तक संतुष्ट रहने के लिए मजबूर किया था। मारिन ने गुरुवार को खेले गए अपने क्वार्टर फाइनल मैच में हांगकांग की चेयुंग गान यी को सीधे गेमों में 24-22, 21-11 से मात दी। इसके अलावा, महिला एकल वर्ग के एक अन्य प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में अपनी पुरानी चिर प्रतिद्वंद्वी जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ एक बार फिर सायना को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के कारण वर्ल्ड नम्बर-10 सायना गुरुवार को यहां जारी मलेशिया ओपन टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं। सायना को महिला एकल वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नम्बर-2 यामागुची ने 36 मिनटों के भीतर सीधे गेमों में 21-15, 21-13 से मात दी। सायना के बाहर होने कारण अब सिंधु इस टूर्नामेंट के महिला एकल वर्ग में एकमात्र भारतीय चुनौती पेश करने वाली खिलाड़ी रह गई हैं। श्रीकांत भी इस टूर्नामेंट के पुरुष एकल वर्ग में भारतीय चुनौती पेश करने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने पुरुष एकल वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में श्रीकांत ने वर्ल्ड नम्बर-15 वांग जु वेई को मात दी। वर्ल्ड नम्बर-7 श्रीकांत ने इस मैच में 36 मिनटों के भीतर ताइवान के वेई को सीधे गेमों में 22-20, 21-12 से मात देकर अंतिम-8 में जगह बनाई है, जहां उनका सामना फ्रांस के ब्राइस लेवरदेज से होगा। लेवरदेज ने गुरुवार को ही अपने प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को 10-21, 21-17, 25-23 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश हासिल किया।
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