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विचार : हिन्दुओं के चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी मंदिर

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भारत के उड़ीसा राज्य के समुद्र तटवर्ती शहर पुरी में भगवान जगन्नाथ अर्थात श्रीकृष्ण को समर्पित श्री जगन्नाथ मंदिर को हिन्दुओं के चार धामों में से एक माना जाता है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत अर्थात ब्रह्माण्ड के स्वामी होता है। इस जगत के स्वामी की नगरी ही जगन्नाथपुरी अथवा पुरी कहलाती है। वैष्णव सम्प्रदाय का यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। और मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा मुख्य देव के रूप में स्थापित हैं। इनकी मूर्तियां, एक रत्न मण्डित पाषाण चबूतरे पर गर्भ गृह में स्थापित हैं। जगन्नाथ पुरी का यह मंदिर एकलौता ऐसा मंदिर है, जहाँ तीन भाई बहन की प्रतिमा एक साथ है, और उनकी पूजा अर्चना की जाती है। इतिहास के अनुसार इन मूर्तियों की पूजा-अर्चना मंदिर निर्माण से पहले से ही की जाती रही है। यहां विस्तृत दैनिक पूजा-अर्चनाओं के साथ ही कई वार्षिक त्यौहार भी आयोजित होते हैं, जिनमें सहस्रों लोग भाग लेते हैं। इनमें सर्वाधिक महत्व का त्यौहार है, रथ यात्रा, जो आषाढ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आयोजित होता है इसे स्थानीय लोग चलती रथयात्रा के नाम से जानते हैं । इस उत्सव में तीनों मूर्तियों को अति भव्य और विशाल रथों में सुसज्जित कर वाद्य यंत्रों के वादन के मध्य हर्षोल्लास पूर्वक रथ यात्रा पर निकाला जाता है। रथयात्रा गुंडीचा मंदिर पहुँचती है, अगले दिन तीनों प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया जाता है ।फिर एकादशी तिथि तक भगवान जगन्नाथ अपने भाई -बहनों सहित वही रहते है। इस दौरान पुरी में मेला सदृश्य दृश्य होता है, तरह -तरह के आयोजन होते है और महाप्रसाद की बिक्री व वितरण होती है।आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन जब इन्हें वापस मूलमंदिर लाया जाता है, उस दिन वैसे ही भीड़ उमड़ती है, उस दिन को बहुड़ा (घुरती अर्थात वापसी रथयात्रा) कहते है। वापसी के पश्चात जगन्नाथ की प्रतिमा भाई-बहनों सहित अपने मूल मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दी जाती है। पूरे वर्ष में एक बार ही प्रतिमा को उनकी जगह से उठाये जाने की परिपाटी है। मान्यतानुसार देश के चार कोनों में स्थित अन्य धामों सहित समस्त संसार में प्रसिद्ध पुरी धाम की यात्रा मृत्यु के पूर्व मनुष्य द्वारा किये जाने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है । यही कारण है कि उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ जी का मंदिर समस्त दुनिया में प्रसिद्ध है ।अत्यंत बिशाल व वर्षों पुराने जगन्नाथ पुरी स्थित भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के मंदिर में लाखों भक्त प्रतिवर्ष दर्शन के लिए जाते हैं।  इस स्थान का मुख्य आकर्षण जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा भी किसी त्यौहार से कम नहीं होती है, और इस प्रकार की रथयात्रा पुरी के अतिरिक्त देश व विदेश के कई हिस्सों में भी निकाली जाती है। उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण संसार में प्रसिद्ध जगन्नाथ स्वामी के इस मंदिर के वार्षिक रथ यात्रा उत्सव में मंदिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके अग्रज भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों, तीन अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं। अति प्राचीन काल से ही यह उत्सव अतीव हर्षोल्लस के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह उत्सव भारत के बहुत से वैष्णव कृष्ण मंदिरों में मनाया जाता है, एवं रथ यात्रा निकाली जाती है। यह मंदिर वैष्णव परंपराओं और संत रामानंद से जुड़ा हुआ है। यह गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के लिये खास महत्व रखता है। इस पंथ के संस्थापक श्री चैतन्य महाप्रभु भगवान की ओर आकर्षित हुए थे और कई वर्षों तक पुरी में रहे भी थे। जगन्नाथ जी की रथयात्रा हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। इस साल यह 14 जुलाई 2018, दिन रविवार को निकाली जाएगी। रथयात्रा का महोत्सव दस दिन का होता है, जो शुक्ल पक्ष की ग्यारस (एकादशी) के दिन समाप्त होता है। इस दौरान पुरी में लाखों की संख्या में लोग पहुँचते है, और इस महाआयोजन का हिस्सा बनते है। इस दिन भगवन कृष्ण, उसके भाई बलराम व बहन सुभद्रा को रथों में बैठाकर गुंडीचा मंदिर ले जाया जाता है।तीनों रथों को भव्य रूप से सजाया जाता है, जिसकी तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है।

जगन्नाथपुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का सबसे पहला प्रमाण महाभारत के वनपर्व में मिलता है। इसके साथ ही कई पुराणों में भी इस मन्दिर का उल्लेख है। कहा जाता है कि सबसे पहले सबर आदिवासी विश्ववसु ने नीलमाधव के रूप में इनकी पूजा की थी। आज भी पुरी के मंदिरों में कई सेवक हैं, जिन्हें दैतापति के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में उपलब्ध ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार श्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माता कलिंग राजा अनंतवर्मन् चोडगंग देव थे। बाद में मन्दिर जीर्ण - शीर्ण स्थितिको प्राप्त हो गया तो इसके जीर्णोधारक उड़ीसा के तत्कालीन शासक अनंग भीम देव बने , जिन्होंने 1174 ईस्वी में मंदिर का जीर्णोधार करवाया। कलिंग वास्तु कला से निर्मित इस मंदिर के शिखर पर स्थित चक्र और ध्वज सबका ध्यान आकर्षित करता है।चक्र सुदर्शन चक्र का प्रतीक है और लाल ध्वज भगवान जगन्नाथ के मंदिर होने का प्रतीक है। गंग वंश के अब तक अन्वेषित ताम्र पत्रों के अनुसार वर्तमान मंदिर के निर्माण कार्य को कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने आरम्भ कराया था। मंदिर के जगमोहन और विमान भाग इनके शासन काल 1078- 1148 में बने थे। फिर सन 1197 में जाकर उड़ीसा प्रान्त के शासक अनंग भीम देव ने इस मंदिर को वर्तमान रूप दिया था। निर्माण के बाद से मंदिर में जगन्नाथ अर्चना सन 1558 तक होती रही। इस वर्ष अफगान जनरल काला पहाड़ ने उड़ीसा पर हमला किया और मूर्तियां तथा मंदिर के भाग ध्वंस किए और पूजा बंद करा दी । ऐसी परिस्थिति में मंदिर के विग्रहों को गुप्त रूप से चिलिका झील मे स्थित एक द्वीप मे रखागया। बाद में, रामचंद्र देब के खुर्दा में स्वतंत्र राज्य स्थापित करने पर, मंदिर और इसकी मूर्तियों की पुनर्स्थापना हुई। भगवान जगन्नाथ का मुख्य मंदिर वक्ररेखीय आकार का है, जिसके शिखर पर विष्णु का श्री सुदर्शन चक्र (आठ आरों का चक्र) मंडित है। इसे नीलचक्र भी कहते हैं। यह अष्टधातु से निर्मित है और अति पावन और पवित्र माना जाता है। मंदिर का मुख्य ढांचा एक 214-फुट (65 मी.) ऊंचे पाषाण चबूतरे पर बना है। इसके भीतर आंतरिक गर्भगृह में मुख्य देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
 जगन्नाथ पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के उद्गम से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक परम्परागत कथा  के अनुसार, राजा इंद्रद्युम्न मालवा के राजा थे, जिनके पिता का नाम भारत और माता सुमति थीं, उन्होंने ही पुरी के समुद्र तट पर जगन्नाथ मंदिर सर्वप्रथम बनवाई थी । पौराणिक कथा के अनुसार भगवान जगन्नाथ की इंद्रनील या नीलमणि से निर्मित मूल मूर्ति, एक अगरु वृक्ष के नीचे मिली थी। यह मूर्ति इतनी चकचौंध करने वाली थी, कि धर्म ने इसे पृथ्वी के नीचे छुपाना चाहा। कुछ स्थानों में इसे सबर काबिले के लोगों के द्वारा छुपाये जाने की बात कही गई है। कथा के अनुसार एक रात्रि राजा इंद्रद्युम्न को सपने में जगन्नाथ के दर्शन हुए।जगन्नाथ अर्थात भगवान विष्णु ने उनको सपने में दर्शन देते हुए कहा कि नीलांचल पर्वत की एक गुफा में मेरी एक मूर्ति है, उसे नीलमाधव कहते हैं। ‍तुम एक मंदिर बनवाकर उसमें मेरी यह मूर्ति स्थापित कर दो। राजा ने स्वप्न की बात मान अपने सेवकों को नीलांचल पर्वत नीलमाधव की खोज में भेजा। उन सेवकों में से एक था ब्राह्मण विद्यापति। विद्यापति ने सुन रखा था कि सबर कबीले के लोग नीलमाधव की पूजा करते हैं और उन्होंने अपने देवता की इस मूर्ति को नीलांचल पर्वत की गुफा में छुपा रखा है। उसे यह भी पता था कि सबर कबीले का मुखिया विश्ववसु नीलमाधव का उपासक है और उसी ने मूर्ति को गुफा में छुपा रखा है। चतुर विद्यापति ने सबर कबीले के मुखिया की बेटी से विवाह कर लिया। और वह अपनी पत्नी के माध्यम से नीलमाधव की गुफा तक पहुंचने में सफल हो गया। उसने मूर्ति चुरा ली और राजा को लाकर दे दी। विश्ववसु अपने आराध्य देव की मूर्ति चोरी होने से अत्यंत दु:खी हुआ। अपने भक्त के दु:ख से भगवान भी दु:खी हो गए और  गुफा में लौट गए, लेकिन साथ ही राजा इंद्रद्युम्न के प्रार्थना से प्रसन्न हो उससे कहा कि वह अगर उनके लिए एक बिशाल मंदिर बनवा दे तो एक दिन उनके पास जरूर लौटेंगे । राजा ने मंदिर बनवा दिया और भगवान विष्णु से मंदिर में विराजमान होने के लिए प्रार्थना की । इस पर भगवान ने कहा कि तुम मेरी मूर्ति बनाने के लिए समुद्र में तैर रहा दारू नामक पेड़ का बड़ा टुकड़ा उठाकर लाओ, जो द्वारिका से समुद्र में तैरकर पुरी आ रहा है। राजा के सेवकों ने उस पेड़ के टुकड़े को तो ढूंढ लिया, लेकिन सब लोग मिलकर भी उस पेड़ को नहीं उठा पाए। तब राजा ने नीलमाधव के अनन्य भक्त सबर कबीले के मुखिया विश्ववसु की ही सहायता लेने की सोची । उन्होंने विश्ववसु की सहायता ली और सब उस वक्त हैरान रह गए, जब विश्ववसु दारु के उस भारी-भरकम लकड़ी को उठाकर मंदिर तक ले आए।तत्पश्चात राजा के कारीगरों ने लकड़ी से भगवान की मूर्ति गढ़ने की बहुत कोशिश की , लेकिन कोई भी लकड़ी में एक छैनी तक भी नहीं लगा सका। तब तीनों लोक के कुशल कारीगर भगवान विश्‍वकर्मा एक बूढ़े व्यक्ति का रूप धरकर आए। उन्होंने राजा को कहा कि वे नीलमाधव की मूर्ति बना सकते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने अपनी शर्त भी रखी कि वे एक कक्ष में बंद होकर इक्कीस दिन में मूर्ति बनाएंगे और अकेले में बनाएंगे। कोई उन्हें तंग अथवा बाधा उपस्थित न करे, कोई उनको बनाते हुए नहीं देख सकता। उनकी शर्त मान ली गई और बिश्वकर्मा मूर्ति बनाने लगे । कुछ दिन तक लोगों को आरी, छैनी, हथौड़ी की आवाजें आती रहीं , परन्तु बाद में वह कुछ मद्धिम पड़ गई । यह स्थिति देख राजा इंद्रद्युम्न की रानी गुंडिचा अपने को रोक नहीं पाई और वह दरवाजे के पास गई तो उसे कोई आवाज सुनाई नहीं देने से वह घबरा गई। उसे लगा बूढ़ा कारीगर मर गया है। उसने राजा को इसकी सूचना दी। राज स्वयं द्वार तक गए लेकिन अंदर से कोई आवाज सुनाई नहीं देने के कारण राजा को भी ऐसा ही लगा। सभी शर्तों और चेतावनियों को दरकिनार करते हुए राजा ने कमरे का दरवाजा खोलने का आदेश दिया। जैसे ही कमरा खोला गया तो बूढ़ा व्यक्ति गायब था और उसमें तीन अधूरी ‍मूर्तियां पड़ी मिलीं। भगवान नीलमाधव और उनके भाई के छोटे-छोटे हाथ बने थे, लेकिन उनकी टांगें नहीं थीं, जबकि सुभद्रा के हाथ-पांव बनाए ही नहीं गए थे। राजा ने इसे भगवान की इच्छा मानकर इन्हीं अधूरी मूर्तियों को नवनिर्मित मंदिर में स्थापित कर दिया। तब से लेकर आज तक तीनों भाई बहन इसी रूप में विद्यमान हैं।बाद में कलेवर बदलने के समय भी ऐसी ही अर्द्धनिर्मित मूर्तियां बनाई और स्थापित की जाने की परिपाटी बना दी गई जो आज तक बद्दस्तूर जारी है। पौराणिक मान्यतानुसार जगन्नाथ , बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमाएं प्रतिवर्ष नहीं बदली जाती हैं बल्कि आषाढ़ के मलमास अर्थात भारतीय पंचांगानुसार दो आषाढ़ पड़ने वाले वर्ष में ही बदली जाती हैं ,जिसे कलेवर बदलना कहा जाता है ।जो नयी प्रतिमा रहती है वह भी पूरी बनी हुई नहीं रहती है। कई पौराणिक ग्रंथों में राजा इंद्रद्युम्न और उनके यज्ञ के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने यहां कई विशाल यज्ञ किए और एक सरोवर बनवाया।

इसी कथा से मिलती-जुलती एक अन्य कथा भी प्रचलित है । जगन्नाथ मंदिर से जुड़े इस ऐतिहासिक कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की मृत्यु के पश्चात् जब उनके पार्थिव शरीर को द्वारिका लाया जाता है, तब बलराम अपने भाई की मृत्यु से अत्यधिक दुखी होकर कृष्ण के शरीर को लेकर समुद्र में कूद जाते है, उनके पीछे-पीछे सुभद्रा भी कूद जाती है । इसी समय भारत के पूर्व में स्थित पुरी के राजा इन्द्रद्विमुना (इन्द्रद्युम्न) को स्वप्न में यह बात दिखाई दी कि भगवान् का शरीर समुद्र में तैर रहा है, अतः उन्हें यहां कृष्ण की एक विशाल प्रतिमा बनवानी चाहिए और मंदिर का निर्माण करवाना चाहिए। उन्हें स्वप्न में देवदूत बोलते है कि कृष्ण के साथ, बलराम, सुभद्रा की लकड़ी की प्रतिमा बनाई जाये। और श्रीकृष्ण की अस्थियों को उनकी प्रतिमा के पीछे छेद करके रखा जाये। राजा का सपना सच हुआ, उन्हें कृष्ण की अस्थियाँ मिल गई, लेकिन अब वह सोच में पड़ गया कि इस प्रतिमा का निर्माण कौन करेगा? माना जाता है, शिल्पकार भगवान् विश्वकर्मा एक बढई के रूप में प्रकट होते है, और मूर्ति निर्माण का कार्य शुरू करते है। शेष कथा उपरोक्त कथा की भांति ही है । उपरोक्त कथा की तरह ही कार्य शुरू करने से पहले विश्वकर्मा सभी से बोलते हैं कि उन्हें काम करते वक़्त परेशान नहीं किया जाये, नहीं तो वे बीच में ही काम छोड़ कर चले जायेगें। कुछ दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी मूर्ति बनने की खबर नहीं मिल पाने के कारण  उतावली में राजा इन्द्रद्विमुना बढई के कक्ष का दरवाजा खोल देते है, ऐसा होते ही भगवान् विश्वकर्मा गायव हो जाते हैं और मूर्तियाँ अधूरी ही रह जाती हैं। 

 जगन्नाथ मंदिर के सम्बन्ध में कुछ इतिहासकारों का विचार है कि इस मंदिर के स्थान पर पूर्व में एक बौद्ध स्तूप होता था। उस स्तूप में गौतम बुद्ध का एक दांत रखा था। बाद में इसे इसकी वर्तमान स्थिति, कैंडी, श्रीलंका पहुंचा दिया गया। इस काल में बौद्ध धर्म को वैष्णव सम्प्रदाय ने आत्मसात कर लिया था और तभी जगन्नाथ अर्चना ने लोकप्रियता पाई। यह दसवीं शताब्दी के लगभग हुआ, जब उड़ीसा में सोमवंशी राज्य चल रहा था। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार महान सिख सम्राट महाराजा रणजीत सिंह  ने इस मंदिर को प्रचुर मात्रा में स्वर्ण दान किया था, जो कि उनके द्वारा अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को दिये गये स्वर्ण से भी कहीं अधिक था। उन्होंने अपने अंतिम दिनों में यह वसीयत भी की थी, कि विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा, जो विश्व में अब तक सबसे मूल्यवान और सबसे बड़ा हीरा है, पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को दान कर दिया जाये। लेकिन यह सम्भव न हो सका, क्योंकि उस समय तक, ब्रिटिश ने पंजाब पर अपना अधिकार करके, उनकी सभी शाही सम्पत्ति जब्त कर ली थी। वर्ना कोहिनूर हीरा, भगवान जगन्नाथ के मुकुट की शान होता। जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव के आयोजन के सन्दर्भ में अनेक कथाएँ व मान्यताएँ प्रचलित हैं । लोकमान्यतानुसार  एक बार श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा अपने मायके आती है, और अपने भाईयों से नगर भ्रमण करने की इच्छा व्यक्त करती है, तब कृष्ण बलराम, सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर नगर परिभ्रमण के लिए निकलते है। कहा जाता है कि  इसी के बाद से रथ यात्रा का पर्व शुरू हुआ। कहा जाता है कि जगन्नाथपुरी स्थित गुंडीचा मंदिर में स्थित देवी श्रीकृष्ण की मासी है, जो तीनों भाई-बहनों को अपने घर आने का निमंत्रण देती है ।श्रीकृष्ण, बलराम सुभद्रा के साथ अपनी मासी के घर दस दिन के लिए रहने जाते है। एक अन्य मान्यतानुसार श्रीकृष्ण के मामा कंस उन्हें मथुरा बुलाते है, इसके लिए कंस गोकुल में सारथि के साथ रथ भिजवाता है। कृष्ण अपने भाई -बहन के साथ रथ में सवार होकर मथुरा जाते है, जिसके बाद से रथ यात्रा पर्व की शुरुआत  हुई। कुछ लोग का मानना है कि इस दिन श्री कृष्ण कंस का वध करके बलराम के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए बलराम के साथ मथुरा में रथ यात्रा करते है। एक अन्य कथा के अनुसार कृष्ण की रानियाँ माता रोहिणी से उनकी रासलीला सुनाने को कहती है. माता रोहिणी को लगता है कि कृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला के बारे सुभद्रा को नहीं सुनना चाहिए, इसलिए वह उसे कृष्ण, बलराम के साथ रथ यात्रा के लिए भेज देती है । उसी समय वहां नारदजी प्रकट होते है, तीनों को एक साथ देख वे प्रसन्नचित्त हो जाते है, और प्रार्थना करते हैं कि इन तीनों के ऐसें ही दर्शन हरवर्ष होते रहे।उनकी यह प्रार्थना सुन ली जाती है और रथ यात्रा के द्वारा इन तीनों के दर्शन सबको होते रहते है।




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अशोक “प्रवृद्ध”
करमटोली , गुमला नगर पञ्चायत ,गुमला 
पत्रालय व जिला – गुमला (झारखण्ड)

बिहार : भाकपा ने किया जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 10 जुलाई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य परिषद के आह्वान पर स्थानीय जन समस्यायों को लेकर राज्य के तमाम जिला मुख्यालयों पर आज प्रदर्षन, धरना का आयोजन कर जिलाधिकारी को मांग-पत्र सौंपा जिसमें हजारों-हजार की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया। साथ ही इस राज्यव्यापी जन आन्दोलन के माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए 25 अक्टूबर, 2018 को पटना के गाँधी मैदान में भाजपा हराओ-देष बचाओं नारे के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की विराट जन रैली में लाखों की तादाद में भाग लेने का आह्वान किया गया।  रैली का प्रमुख मांगे गेहँू का क्रय केन्द्र खोला जाय, बेघरों को घर दिया जाय, पर्चाधारियों को जमीन पर दखल कब्जा दिलाया जाय, झोपड़वासियों एवं फूटपाथ दुकानदारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ना बंद किया जाय, बंद राजकीय नलकूपों को चालू किया जाय, किसानों का कर्ज माफ किया, जाय, कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाय, फसलबीमा योजना को लागू किया जाय, सामाजिक सुरक्षा पेंषन भुगतान किया जाय, राषन किराषन की समूचित व्यवस्था की जाय, समान षिक्षा प्रणाली को लागू किया जाय, बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी की जाय आदि । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इस राज्यव्यापी आन्दोलन के क्रम में समस्तीपुर में सात हजार, मुंगेर मंे तीन हजार, औरंगाबाद में डेढ़ हजार, नवादा, गया दरभंगा, बांका में एक एक हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसके अलावे मधेपुरा, शेखपुरा, भागलपुर, सारण जिला के छपरा, सीवान, गोपालगंज, षिवहर, लखीसराय, पूर्णियां, वैषाली जिला के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, भोजपुर जिला के आरा, बक्सर, नालंदा, जिला के बिहारषरीफ, पटना, रोहतास जिला के सासाराम, अरवल, अररिया, किषनगंज, सीतामढ़ी एवं पष्चिम चंपारण जिला के बेतिया, आदि जिलों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्षन किये जाने का सामचार लगातार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य मुख्यालय में प्राप्त हो रहे हैं। मुंगेर में प्रदर्षन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने किया, प्रदर्षनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार किसानों, मजदूरों के साथ क्रूर मजाक कर रही है। ये सरकारें न तो किसानों की पैदावार को खरीद रही है और न कर्ज ही माफ कर रही है। बेरोजगार नौजवान रोजगार की तलाष में राज्य से पलायन कर रहे हैं। कानून व्यवस्था नाम मात्र का नहीं है। बढ़ते अपराध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। महिलाएं बच्चियों तक सुरक्षित नहीं है। गरीबी, भूखमरी बेतहाषा बढ़ रही है। महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। उन्होंने डीजल, पेट्रोल में बेतहाषा वृद्धि का जिक्र करते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार को कारपोरेट पूंजी और सांप्रदायिकता एवं फासीवादी रूझान वाली सरकार बताया और उसे अगले लोकसभा चुनाव में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने जन समस्याआंे को लेकर संघर्ष तेज करने पर बल दिया। अंत में उन्होंने 25 अक्टूबर, 2018 को पटना के गाँधी मैदान में भाजपा हराओ- देष बचाओ विराट जन रैली में लाखों की तादाद में भाग लेने की अपील की । दरभंगा में भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक गया में जानकी पासवान प्रदर्षनकारियों को संबोधित किया। विभिन्न जिला मुख्यालयों पर प्रदर्षनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के राज्य नेताओं ने जन आन्दोलन को तेज करने का आह्वान किया।

दुमका : महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रसिद्ध फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने की प्रशंसा

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक महेश भट्ट ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विकास के क्रम में महिला सशक्तिकरण अत्यावश्यक है। महेश भट्ट ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक सामाजिक कार्य है। इसके लिए अभियान चलाकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने डीसी दुमका को दूरभाष के माध्यम से इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी तथा प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्य में यदि कभी उनके द्वारा प्रोत्साहन की आवश्यकता महसूस होती हो तो जिला प्रशासन के अनुरोध पर वह स्वयं इसमें सहर्ष सम्मिलित होना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि कल तक जिन महिलाओं के द्वारा शराब बनाया जा रहा था उस स्थान पर महिलाओं द्वारा बासुकी अगरबत्ती बनाया जा रहा है। हमसब का कर्तव्य है कि उनके इस प्रयास को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। इसके लिए हमें बासुकी अगरबत्ती स्वयं भी खरीदनी चाहिए तथा अन्य को इसके क्रय के लिए प्रोत्साहित  करना चाहिये। उपायुक्त मुकेश कुमार ने महेश भट्ट को उनके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद दिया।

बिहार : विख्यात महिला सामाजिक कार्यनेत्री शिवानी चौधरी का निधन

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महिलों के बीच में और उनके शेेष कार्यों को संभालने का बीड़ा उठायाकल बुधवार को शाम 4  बजे से स्मृति सभा जागो बहन के कार्यालय में
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पटना. कामकाजी महिला एसोसिएशन की अध्यक्ष  शिवानी चौधरी नहीं रहीं. आप विभिन्न महिला संगठनों और संस्थानों से जुड़ी हुई थीं. उनकी 53 वर्ष  की अवस्था में अकस्मात मृत्यु हो गई.उनकी मृत्यु की खबर सुनकर लोग स्तब्धित हो गये. उनका जन्म पटना में 1966 में हुआ था.पटना के विद्यालयों में ही पढ़ाई की हैं. मुख्य रूप से यह नारीवादी थी. महिला हिंसा के खिलाफ  कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ  बलात्कार के खिलाफ  और महिला मुद्दों पर  लगातार 80 के  दशक से सक्रिय रही. उन्होंने सैकड़ों महिलाओं को सहायता प्रदान किया है.इधर कुछ वर्षों से महिला बैंक  स्थापना के लिए लगातार सक्रिय रही है.महिला  सहकारिता बैंक के लिए सरकार के विभाग में  पंजीयन के लिए आवेदन दिया था.  लेकिन सरकार के कामकाज के तरीकों के कारण लंबे समय के बावजूद इन्हें  पंजीयन नहीं मिला.  महिला बैंक के लिए उन्होंने विभिन्न तरह के महिलाओं को जोड़कर  छोटे- छोटे व्यापार करने वाली काम करने वाली महिलाओं को भी जोड़ा  ताकि वह महिला बैंक के साथ जुड़कर अपनी आर्थिक गतिविधि बढ़ा सकें.  लेकिन सरकार के  पंजीयन नहीं होने के कारण  काम अधूरा ही रह गया.उसने शादी नहीं किया अपने घर  को भी  पूरी जवाबदेही से  चलाया. वे परिवार और समाज के बीच लगातार संघर्ष करती रही.  महिला आंदोलन के लिए प्रेरणादायक योद्धा रही है.  कहा जाता है कि पटना में ऐसे कार्यकर्ताओं का एक रिपब्लिक है जिसकी एक प्रमुख सदस्य रही है.ये हर प्रतिरोध में यह शामिल होती थी.वे बेल्ट्रॉन भवन में काम करती थी वहां से वोलंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद  के बाद सरकार से कोई पैसा नहीं मिला. जिससे वे  आर्थिक  में वह अपने भतीजा  और उसके परिवार के साथ रहती थी. 9 जुलाई को दिन में बोरिंग रोड स्थित जागो बहन कार्यालय गई थी.वहाँ से 5.30 बजे अपने घर पर आई. उसने हार्ट में दर्द की शिकायत भतीजा को बताया .हॉस्पीटल पहुंचते ही डाक्टर ने मृत्यु घोषित कर दिया . आज दिन 10 बजे घर (शिवम अपार्टमेंट, सैदपुर नहर के पास, पटना) से गुलबी घाट के लिये गई .वही अंतिम संस्कार हुआ. वहां विभिन्न महिला संगठन के महिला नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.  विभिन्न महिला संगठन के महिला कार्यकर्ताओं ने उनके अर्थी को कंधा दिया.  कल 11 जुलाई को संध्या 4:00 बजे जागो बहन कार्यालय बोरिंग रोड चौराहा के पास स्मृति सभा रखी गई है .इसमें तमाम सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे.इसमें शामिल होने वालों में प्रमुख नीलू, अख्तरी बेगम,  सुशीला सहाय,  शांति ओझा, कंचन बाला, प्रीति बरियार, सुष्मिता,  ममता,  अजीज फातिमा,  चित्रलेखा, शरद, सुनिता, वैष्णवी, विजयकांत सिन्हा, प्रभात कुमार , सत्यनारायण मदन, रुपेश, मंजू डुंगडुंग और अन्य हैं.अंतिम संस्कार उनका भतीजा चिन्टु ने दिया.

दुमका : जनजातीय सुरक्षा मंच ने धर्मांतरितों को दूहरे लाभ से वंचित रखने की मांग की

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धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को खत्म करने का झारखण्ड सरकार का प्रस्ताव बिल्कूल सही है। उचित जाँच के बाद ही जनजाति का जाति प्रमाण पत्र मिले ताकि नकली व अवैध लोगों को आरक्षण से बाहर किया जा सके। सरकार का यह फैसला सराहनीय है, कड़ाई से इसका पालन होना चाहिए। जनजाति सुरक्षा मंच सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है और असली जनजाति के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए सरकार को धन्यवाद देती है। 
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) परंपरागत सनातन धर्म को छोड़ कर ईसाई या मुस्लिम धर्म अपनाने वाले छद्म व्यक्तियों को जनजातियों के लिये बनी अनूसूचित जनजाति की सूची से बाहर का रास्ता दिखाना आज की परिस्थिति में एक महत्वपूर्ण निर्णय हो गया है। जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ राज किशोर हांसदा ने दिन मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वास्तविक अनुसूचित जनजातियों के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए राष्ट्रपति के अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 में संशोधन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा इस विषय पर संयुक्त संसदीय समिति ने वर्ष 1969 में सिफारिश भी की थी जिसके 2-ए,  पारा  2 में कहा गया है कि किसी बात के होते हुए भी, कोई भी व्यक्ति जिसने अपना सनातन जनजाति धर्म छोड़ दिया है और ईसाई या मुस्लिम बन गया है। किसी भी अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं माना जाएगा।’ इस प्रश्न को सर्ववर्ष 1966-67 में जनजातीय नेता स्व. कार्तिक उरांव ने उठाया था। 17 जून 1970 को 235 सांसदों के हस्ताक्षर के से एक विज्ञप्ति भी दी गई थी। 10 नबम्बर 1970 को दिए गए ज्ञापन में यह संख्या बढ़ कर और भी अधिक हो गयी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को हस्ताक्षर युुक्त सौंपे गए ज्ञापन में राज्यसभा के 26 सदस्ययों का भी हस्ताक्षर था। सांसदों के इतने प्रबल समर्थन व आदिवासी समाज के आक्रोश के बाद  श्रीमती गांधी ने जनजातीय समाज को विश्वास दिलाया था कि सरकार समुचित कार्यवाई  कर आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करेगी, किन्तु बाद में कुछ नहीं हुआ। गिरि वनवासी कल्याण परिषद् केे प्रांतीय  संगठन मंत्री राम जी पाल, प्रांतीय कोषााध्यक्ष अमर कुमार गुप्ता, जनजातीय सुरक्षा मंच के पाकुड़ जिलाध्यक्ष सुलेमान मुर्मू, जिला संगठन मंत्री दुमका सुशील मरांडी, नगर समिति सदस्य व प्रेस प्रवक्ता अंजनी शरण की मौजूदगी में जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ राज किशोर हांसदा ने कहा कि कार्तिक बाबू ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट कहा था कि ईसाई बने 10 प्रतिशत कथित आदिवासी आरक्षण सुविधाओं का 70 प्रतिशत लाभ उठा रहे हैं और गरीब, अनपढ़ 90 प्रतिशत आदिवासियों के हिस्से में केबल 30 प्रतिशत भाग बचा है। इस स्थिति में अभी तक कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। धर्मांतरित आदिवासियों का प्रतिशत बढ़कर 15-16 प्रतिशत हो गया है। इन तथ्यों की पुष्टि समाज नीति समीक्षण केन्द्र, दिल्ली के द्वारा वर्ष 2010-11 में किए गए शोध कार्य से भी होोता  है। उत्तर-पूर्व के राज्यों, छत्तीसगढ़, झारखण्ड व उड़ीसा में हुए इस अध्ययन को  देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस विषय पर हुई चर्चा के बाद स्वयं जनजाति समाज ऐसे मतांतरित जनजाति लोगों को अपने समाज का अंग नहीं मानता। एक वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि धर्म बदलने के बाद कोई व्यक्ति उस जनजाति का सदस्य रहा या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि ऐसे व्यक्ति धर्मातरण के बाद भी क्या सामाजिक रूप से अयोग्य-कमजोर है और क्या वे अब भी अपनी पुरानी जाति के रीति रिवाजों व परम्पराओं का पालन कर रहे है ? यह सत्य है कि धर्मातरित अपनी पूर्व जाति में प्रचलित रीति-रिवाजों एवं प्रथाओं का पालन तो बिल्कुल भी नहीं करता। धर्मांतरण के विरुद्ध एक स्पष्ट कानून होना चाहिए जैसा कि अनुसूचित जातियों के मामले में है- धर्मातरण करते ही जाति से बाहर व आरक्षण की सारी सुविधाएं बंद कर देनी चाहिए। अदिवासी में से ईसाई बनने के बाद परम्परागत रूप से गाँव के मुखिया के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने के मेधालय के एक शासकीय आदेश को गौहाटी उच्च न्यायालय व बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने यह कह कर न्यायोचित व वैद्य ठहराया कि ऐसे मुखिया को परम्परा के अनुसार गाँव के धार्मिक अनुष्ठान व प्रशासनिक दोनों कार्य एक साथ करने पड़ते हैं और एक धर्मातरित ईसाई ऐसा नहीं कर सकता। धर्मातरित ईसाई अदिवासी (जयंतिया हिल्स, मेधालय का वाद 2006, 3 स्केल) अब देश में कहीं भी गाँव का मुखिया नहीं बन सकता। ऐसे लोग अनुसूचित जनजाति व अल्पसंख्यक दोनों के देय सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं जो अनुचित, अनैतिक व संविधान की मूल भावना के विपरित हैं। डाॅ0 हांसदा ने कहा कि नकली आदिवासी बन इसाई लूट रहे हैं हमारा हक। उन्होंने कहा कि धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को खत्म करने का झारखण्ड सरकार का प्रस्ताव बिल्कूल सही है। उचित जाँच के बाद ही जनजाति का जाति प्रमाण पत्र मिले ताकि नकली व अवैध लोगों को आरक्षण से बाहर किया जा सके। सरकार का यह फैसला सराहनीय है, कड़ाई से इसका पालन होना चाहिए। जनजाति सुरक्षा मंच सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है और असली जनजाति के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए सरकार को धन्यवाद देती है।

दुमका : 14 जुलाई तक अतिक्रमण हटा लें अन्यथा बलपूर्वक की जाएगी कार्रवाई

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दुमका (आर्यावर्त डेस्क) 10 जुलाई, टाटा शोरूम से दुधानी तक चल रहे फोर लेन सड़क निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। अनुमंडल दण्डाधिकारी द्वारा दिये गये निदेश के आलोक में टाटा शोरूम से दुधानी तक अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया गया था। फोर लेन सड़क निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाने के लिए 14 जुलाई 2018 तक का समय दिया गया है। उन्हें निदेश दिया गया है कि सड़क निर्माण के क्रम में अतिक्रमण स्वयं हटा लें अन्यथा बाध्य होकर प्रषासन को कड़ा रूख अपनाना पड़ेगा। प्रशासन बलपूर्वक अतिक्रमण हटाने के लिये बाध्य हो सकता है। अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध जुर्माना भी लगाया जायेगा।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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मुख्यमंत्री ने कुलदेवी की पूजनकर प्रदेशवासियों की उन्नति और कल्याण की कामना की

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नि श्रीमती साधना सिंह के साथ मंगलवार को सीहोर जिले के ग्राम जैत आए और कुलदेवी तथा मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की उन्नति और कल्याण की कामना की। उन्होंने इस मौके पर क्षेत्रीय लोगों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी तथा उनके द्वारा बताई गई समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। इस अवसर पर अपेक्स बैंक के प्रशासक श्री रमाकांत भार्गव, म.प्र.भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, श्री रामसेवक पटेल (मंझले भैया), श्री महेश उपाध्याय, मुख्यमंत्री के अनुज समाजसेवक श्री नरेन्द्र सिंह चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े, एसपी श्री राजेन्द्र सिंह चंदेल सहित अन्य शासकीय सेवक तथा बड़ी संख्या में क्षेत्रीयजन उपस्थित थे। 

जिले में अब तक 334.6 मि.मी. औसत वर्षा

जिले में आज 10 जुलाई 2018 की प्रात: 8 बजे तक पिछले चौबीस घन्टों में 29.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले में 334.6 मि.मी औसत बारिश रिकार्ड की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 164.9 मिलीमीटर औसत वर्षा आंकी गई थी। अधीक्षक, भू अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घन्टों में सीहोर में 40.2,   श्यामपुर में 15, आष्टा में 66, जावर में 40 इछावर में 35, नसरूल्लागंज में 34, बुधनी में 2, रेहटी में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 581.5, श्यामपुर में 323, आष्टा में 346 जावर में 280, इछावर में 408, नसरूल्लागंज में 223.2, बुधनी में 235 तथा रेहटी में 280 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। इस अवधि में गत वर्ष सीहोर में 167.4, श्यामपुर में 126.5, आष्टा में 130, जावर में 134.3, इछावर में 211, नसरूल्लागंज में 230, बुधनी में 178 तथा रेहटी में 142.2 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी।

उर्जा विकास पर्व आज मनाया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गत दिवस सरल बिजली बिल योजना एवं बिजली बकाया बिल माफी योजना पर वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने जिला प्रमुखों को निर्देश दिए गए कि बिजली बिल माफ करने का कार्यक्रम 11 जुलाई 2018 को जिला स्तर पर आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रमों हेतु मुख्य अतिथि की सूची भेजी गई है। इस दिन उर्जा विभाग से संबंधित कार्यों के शिलान्यास, लोकार्पण के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं। कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया कि प्रमुख सचिव उर्जा विभाग द्वारा 11 जुलाई 2018 को कार्यक्रम के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। यह भी अवगत कराया गया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम जावरा में होगा। जिला स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित होंगे जिनमें बकाया बिल माफी के आवेदकों के आवेदन पत्र लेने हेतु काउंटर लगाए जाएंगे। योजना के पात्र लोग आवेदन का पंजीयन करा सकें। जिला स्तर के कार्यक्रम सब स्टेशन पर होंगे। इन कार्यक्रमों में सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। रतलाम से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का लाईव प्रसारण अपरान्ह 3 बजे दिखाने की व्यवस्था जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रम स्थलों पर की जाए। इस लाईव प्रसारण के पूर्व सांसद, जनप्रतिनिधियों के उ़दबोधन किए जाएं लाईव प्रसारण के बाद प्रमाण पत्र बांटने का कार्यक्रम किया जाएगा। लाईव प्रसारण ठीक ढंग से उपस्थित लोगों को दिखाई एवं सुनाई दे इसकी उचित व्यवस्था रहे, सिस्टम को पहले चैक कर लिया जाए।  योजना का सफल क्रियान्वयन हो इस हेतु उर्जा विभाग के जिले में पदस्थ अधिकारी कलेक्टर से समन्वय कर उनके निर्देशन में योजना को सफल बनाने का कार्य करेंगे। योजना का व्यापक प्रचार प्रसार हो। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से योजना के बारे में यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो समन्वय कर उनके निराकरण हेतु कार्यवाही की जाए। सरल बिजली बिल योजना बकाया माफी योजना में अभी भी कम रजिस्ट्रेशन हुआ है। योजनाओं की पूरी जानकारी लोगों को हो इस हेतु योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। सभी पात्र का रजिस्ट्रेशन हो जाए सुनिश्चत करें।  संबल योजना में भी प्रचार-प्रसार का अभियान चले इस योजना के सफल क्रियान्वयन में कोई लापरवाही न हो। योजना का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति पंजीयन प्रक्रिया जारी रखें। संबल में पार्टल की समस्या होने पर निर्देश दिए गए हैं कि आफलाईन आवेदन ले लिए जाए जथा बाद में पार्टल पर दर्ज कर लिया जाए। संनिर्माण कर्मकार मंडल के मजदूर भी संबल योजना के पात्र होंगे। श्रम पदाधिकारी इसके नाम जोड़ने की कार्यवाही कराएं। जहां-जहां बिजली बिल जमा न होने के कारण ट्रासंफार्मर, कनेक्श्नन काटे गए हैं उनके बिजली बिल माफी के बाद उन सभी के कनेक्श्न, ट्रांसफार्मर बदलकर प्रकाश पर्व के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने की कार्यवाही भविष्य में की जाएगी। इसकी तयारी रखी जाए।  
वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री आज सीहोर में 

प्रदेश वन, योजना, आर्थि एवं सांख्यिकी मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार बुधवार 11 जुलाई,2018 को सीहोर जिले का भ्रमण कर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार प्रदेश वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. श्री गौरीशंकर शेजवार बुधवार 11 जुलाई,2018 को दोपहर 12 बजे भोपाल से कार द्वारा प्रस्थान कर दोप. 1 बजे सीहोर पहुंचेंगे। तथा 1:30 बजे सीहोर से प्रस्थान कर दोप. 2 बजे ग्राम ढाबलाराय पहुंचेंगे जहां 132 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्र बिलकिसगंज एवं 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र लाउखेड़ी के निर्माण कार्य का लोकापर्ण एवं भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेंगे। तत्पश्चात ग्राम ढाबलाराय से  भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे। 

लावारिस हालत में पड़ी 125 किलो मछली जब्त

सहायक संचालक मत्याद्योग सीहोर श्री भारत सिंह मीना ने बताया कि अज्ञात फोन नंबर से सूचना मिली थी कि बस स्टेण्ड पर लावारिस हालत में मछलियां पड़ी हुई हैं। तत्काल कार्यवाही करते हुए सहायक मत्स्य अधिकारी श्री बी.एम.एस सिसोदिया, लेखापाल एवं वाहन चालक मोहम्मद मुश्ताक के साथ जाकर बस स्टेंड सीहोर पर लावारिस हालत में पड़ी मिली 125 किलोग्राम मछली जब्त की। सहायक संचालक श्री मीना ने बताया कि जब्त की गई 125 किलोग्राम लावारिस मछलियों को कार्यालय सीहोर में लाकर विभागीय नियमानुसार मत्याद्योग नीलाम किया गया। जिससे अर्जित राशि को शासकीय कोष में जमा किया गया। 

श्रमोदय विद्यालय परीक्षा परिणाम पोर्टल पर उपलब्ध

श्रम पदाधिकारी प्रियंका बंशीवाल ने एक जानकारी में बताया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र, पुत्रियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा प्रदेश के चार महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में पं.दीनदयाल उपाध्याय श्रमोदय आवासी विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। श्रमोदय विद्यालय भोपाल का शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19 में कक्षा 6,7,8,एवं 10 वीं में प्रवेश परीक्षा गत 20 मई 2048 को आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम 6 जून 2018 को श्रम विभाग के पोर्टल http://www.sharmodayvidyalay.mp.gov.in से डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है अथवा इन्हें श्रम पदाधिकारी कार्यालय कलेक्टर परिसर कक्ष क्रमांक 142-143 एवं संबंधित संकूल प्राचार्य से भी प्राप्त कर सकते हैं। 

संभागीय दल करेगा प्रसूता की मौत की जांच क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने जारी किया आदेश 

जिला चिकित्सालय सीहोर में प्रसूती के उपरांत सेमली निवासी श्रीमती भावना पत्नि अजय की मौत के मामले क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल संभाग भोपाल ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने जानकारी दी कि उक्त प्रकरण में मृत्यु की निष्पक्ष जांच संभाग स्तर से कराने हेतु जांच दल गठित किए जाने के संबंध में क्षेत्रीय संचालक को पत्र लिखा था। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल संभाग भोपाल द्वारा गत दिवस आदेश जारी गठित तीन सदस्यीय जांच दल में डॉ कीर्ति डाले,स्त्रीरोग विशेषज्ञ एवं अधीक्षक डॉ के.एन.चिकित्सालय भोपाल, डॉ सुरेश कुमार विकरोल उप संचालक कार्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल, डॉ रजी फराज आर.एम.एन.सी.एच.ए. संभागीय समन्वयक कार्यालय क्षेत्रीय संचालक भोपाल संभाग भोपाल को शामिल किया गया है। डॉ.तिवारी ने बताया कि उक्त जांच दल द्वारा 12 जुलाई को प्रकरण की जांच की जाएगी।

हर गांव में पहुंचेगी मुख्यमंत्री जन आशिर्वाद यात्रा,  गरीबों को दिलाएंगे योजनाओं का लाभ - विधायक 

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सीहोर। विश्राम गृह पहुंचे प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह का भव्य स्वागत किया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जन आशिर्वाद का शुभारंभ शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगें। वारिष्ठ जनों के संबोधन के उपरांत विधायक सुदेश राय ने कहा कि मुख्यमंत्री जन आशिर्वाद यात्रा के माध्यम से कोई न रूठे, कोई न छूटे की तर्ज पर मजदूर, किसान और गरीबों सहित सभी वर्गो को जनहितेशी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाया जाएगा। जनता की जागरूकता और सरकार की सहभागिता के लिए संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के हर गांव में यात्रा पहुॅचेगी। इस दौरान श्री राय ने प्रभारी मंत्री से विधानसभा सीहेार के विकास कार्यो और आगामी विकास योजनाओं से अवगत कराया। बैठक के दौरान  जिला भाजपा अध्यक्ष सीताराम यादव, प्रदेमंत्री रघुनाथ सिंह भाटी ,वेयर हाउस कारपोरेशन अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत पूर्व मंत्री करणसिंह वर्मा , आष्टा विधायक रंजीत सिंह गुणवान जिला पंचायत अध्यक्ष उर्मिला मरेठा , नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा, राजकुमार गुप्ता ,ललित नागौरी, रवि मालवीय , राजेष राठौर , प्रदीप बिजोरिया , हिरदेष राठौर ,प्रेमलता राठौर सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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शैक्षणिक गतिविधियों को परखा और स्वच्छता की प्रेरणा दी

राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को विदिशा जिले के ग्राम हांसुआ में पहुंचकर आंगनबाडी केन्द्र को देखा और प्रायमरी एवं मीडिल स्कूल के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर शैक्षणिक गतिविधियों को परखा है। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आंगनबाडी और स्कूलांे में संबंधितों से कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अस्वच्छता अनेक बीमारियों को जन्म देती है। उन्होंने आंगनबाडी केन्द्र में बच्चों के द्वारा प्रस्तुत गीत, वर्णमाला और एबीसीडी और गिनती पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्हें फल वितरण के पूर्व धुलवाए और उन्होंने बताया कि बाजार में सामग्री लेते वक्त पता नही कौन से कीडे मक्खी उस पर बैठे हो और वे अपनी गंदगी को छोड जाते है बिना धोए सेवन करने से वह गंदगी हमारे पेट में चली जाती है। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। आंगनबाडी केन्द्र पर श्रीमती साधना दांगी के बच्चे को अन्नप्रासन कराया वही श्रीमती आरती को गर्भधारण उपरांत मिलने वाली राशि की जानकारी ली और उनसे कहा कि यह राशि तुम्हारे लिए है जिसका उपयोग खाद्य पदार्थो के क्रय पर करें।हांसुआ के प्राथमिक स्कूल में बच्चों से राज्यपाल श्रीमती पटेल ने संवाद स्थापित कर उनकी शैक्षणिक गतिविधियों का आंकलन किया। यहां कक्षा चैथी के छात्र अरशद ने जोड घटाना और आदित्य गिरी ने पाठयपुस्तक को पढकर सुनाया। मीडिल स्कूल में पहुंचकर उन्होंने छात्राओं को स्वच्छता की प्रेरणा देते हुए खूब मन लगाकर पढाई करने की बात कही। कार्यक्रम स्थल पर विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी के अलावा श्री मनोज कपूर समेत अन्य जनप्रतिनिधि और कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, ग्रामीणजन मौजूद थे।

एनआरसी का निरीक्षण और मरीजों से हाल सुना

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राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को जिला चिकित्सालय में संचालित एनआरसी केन्द्र में पहुंचकर भर्ती बच्चों की माताओं से चर्चा की। यहां उन्होंने छोटे बच्चों को केला सहित अन्य फलों का वितरण किया। एनआरसी के रसोई कक्ष का जायजा लेते वक्त पे्रशर कुकर को खुलवाकर उसमे बनी खिचड़ी को चख कर देखा इसी प्रकार कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले विशेष पोषण आहार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। 

क्षय नियंत्रण कक्ष का मुआयना
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने जिला चिकित्सालय में संचालित क्षय नियंत्रण कक्ष का भी मुआयना किया और यहां क्षय रोगियों को दी जाने वाली दवाईयों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ शशि ठाकुर और क्षय नियंत्रण कक्ष के प्रभारी डाॅ महेश्वरी ने अवगत कराया कि जिले में 1261 क्षय रोग से पीड़ित मरीज चिन्हित है जिसमें 80 बच्चें भी शामिल है। इन सभी को निःशुल्क दवाईयां समय अंतराल पर प्रदाय की जा रही है। राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने चिकित्सकों से कहा कि मरीजो की हिस्ट्री और ठीक होने के उपरांत उन पर एकाध माह तक नजर रखे। 

विभिन्न वार्डो का जायजा
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने जिला चिकित्सालय के विभिन्न वार्डो में पहुंचकर भर्ती मरीजो से संवाद स्थापित किया और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजो से चर्चा की। इस दौरान उन्हांेने चिकित्सकों से कहा कि मरीजों के इलाज में पूर्ण गंभीरता बरते जिन मरीजो की छुट्टी हो रही है उन्हें बेड पर ही तमाम दवाईयंा डिस्चार्ज स्लिप के साथ उपलब्ध कराएं। 

हितग्राहियों से संवाद स्थापित

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राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को विदिशा के सर्किट हाउस में केन्द्रीय योजनाओं से लाभांवित होने वाले हितग्राहियों से रू-ब-रू होकर योजनाओं का लाभ मिलने से उनके जीवन में आए परिवर्तन को जाना। यहां मुख्य रूप से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा ऊर्जा विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं से लाभांवित हितग्राहियों ने योजनाओं का लाभ लेने के उपरांत उनके पारिवारिक स्तर, जीवन में आए बदलाव को गिनाया।  राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनसे कहा कि जिले में क्षय रोग पीडित मरीजो को गोद के रूप में क्या-क्या कार्य सम्पादित करंे और क्या-क्या सहयोग करें पर उन्होंने विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने नीति आयोग के मापदण्डों के अनुपालन में जिले में किए जा रहे कार्यो की जानकारी प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दी। जिले में शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार लाने के लिए किए जा रहे नवाचारों पर उन्होंने विस्तारपूर्वक पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया। विदिशा के सर्किट हाउस में राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल से व्यापार महासंघ के पदाधिकारियों ने भी अपनी मांगो की ओर ध्यान आकर्षित कराया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न विभागों के अधिकारी, हितग्राहीगण मौजूद थे।

गुलमोहर केन्द्र का जायजा

राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को विदिशा कोतवाली थाना केन्द्र में संचालित गुलमोहर केन्द्र का जायजा लिया। उन्होंने केन्द्र के माध्यम से संचालित होने वाले कार्यो को बारीकी से जाना। राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को जागरूक करने ओर उनके हको से अवगत कराने के क्षेत्र में गुलमोहर नाम के अनुरूप कार्य कर रहा है। उन्होंने महिलाओं को स्वसहायता समूह के माध्यम से स्वावलम्बी बनने की ओर अग्रसर होने की बात कही है। उन्होंने लड़का और लड़की के भेदभाव से ऊपर उठकर अब बच्चियों को भी समान दर्जा दिया जा रहा है। उन्होंने शिक्षावान होने की सीख देते हुए कहा कि शिक्षा हमें रोजगार के लिए ही नही वरन हमें विभिन्न जागृति लाने में मदद करती हैं। राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने इससे पहले गुलमोहर केन्द्र की विभिन्न शाखाओं को देखा और वहां कैसे कार्य सम्पादित होते है की जानकारी प्राप्त की। जिन महिलाओं को अस्पताल की जरूरत होती है। उन्हें समय पर अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। महिलाओं का पारिवारिक जीवन में आने वाली आशंकाआंे को दूर करने के लिए काउंसलिंग व्यवस्था को भी देखा। कार्यक्रम को नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने भी सम्बोधित किया। पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर ने गुलमोहर के उद्वेश्य, कार्यप्रणाली को रेखांकित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से महिलाएं अपने अधिकारों को जाने, उनका परिवार खुशहाल रहे कि सीख यहां दी जा रही है इसके अलावा विषम परिस्थितियों में महिला अपने आप को सबल कैसे हो, स्वरोजगारी कैसे हो कि ओर भी अग्रसर किया जा रहा है। कार्यक्रम को कलेक्टर श्री केव्ही सिंह ने भी सम्बोधित किया। राज्यपाल श्री आनंदी बेन पटेल ने नवीन निर्भया वाहन और सखी वन स्टाप क्राइसेस सेन्टर वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने गुलमोहर से लाभंावित होने वाली महिलाओं को शाल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।  कार्यक्रम स्थल पर विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी समेत अन्य जनप्रतिनिधि, महिला पुलिस वालेटियर्स और गुलमोहर केन्द्र से जुडे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। 

मंगलवार को 3.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज 

जिले की तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रों पर मंगलवार को दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि आज मंगलवार को जिले में 11.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जिले में अब तक 206.5 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। वही इस अवधि में पिछले वर्ष 192.4 मिमी औसत वर्षा हुई थी। मंगलवार को विदिशा जिन तहसीलों में वर्षा दर्ज की गई है। उनमें विदिशा में 29.2 मिमी, बासौदा में 13.8 मिमी,  कुरवाई में 8.4 मिमी, लटेरी में नौ मिमी, ग्यारसपुर में सात मिमी, गुलाबगंज में 10 मिमी और नटरेन में 15 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। सिरोंज में वर्षा नगण्य रही।

ऊर्जा अधोसंरचना विकास पर्व का आयोजन आज 

विदिशा जिले की लटेरी तहसील के ग्राम दनवास में बुधवार 11 जुलाई को आयोजित ऊर्जा अधोसंरचना विकास पर्व के कार्यक्रम में राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य का भूमिपूजन करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री जी के जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत सरल समाधान योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरण किया जाएगा। वही कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री जी के लाइव भाषण का प्रसारण भी देखा-सुना जाएगा।  

मुख,गला कैंसर एंव थायरायड रोगनिदान षिविर 15 जुलाई को

सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 14जुलाई  रविवार को सुबह11 बजे से मुख,गला कैंसर एंव थायरायड रोग से पीड.ीत मरीजों की जांच एंव चिकित्सा परामर्ष एप्पल हाॅस्पिटल इंदौर के डा. नितिन तोमर एमएस ईएनटी दृारा की जायेगी। सेवा भारती के सचिव राजीव भार्गव ने इस षिविर में मुख, एंव गले के कैंसर के वो सभी मरीज लाभ ले सकते हैं जिनके जीभ,तालू , जबडे की हडडी,गाल एंव गले स्वर यंत्र में कैंसर की संभावना हो,जो तम्बाखू एंव गुटके का सेवन एंव धूम्रपान करते हें षिविर का लाभ अवषय लें। गले में घंेघारोग से ग्रसित मरीज एंव थायरायड ग्रंथि की विभिन्न समस्याओं का निदान भी इस षिविर में किया जायेगा। मरीजों का पंजीयन14जुलाई  रविवार को सुबह 10बजे से 11 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। विदिषा से बाहर के मरीज अपना पंजीयन मोबाइ्रल नं.9827720892 पर करा सकते।


झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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विधायक ने 3 करोड 89 लाख की लागत की तीन नल योजना का किया भूमि पूजन
  • भाजपा सरकार जो कहती है वह धरातल पर उमारती है- विधायक शांतिलाल बिलवाल

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झाबुआ । प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने सडक, पानी, बिजली के क्षेत्र में जो कार्य इस अंचल में किया है, उतना काम कांग्रेस की सरकार के राज मे कभी नही हुआ है। मुख्यमंत्री ने ढेरो योजनाओं को लागू करके जहां बीमारू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश को प्रगतिशील राज्य की श्रेणी में लाकर खडा कर दिया है । विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सर्वहारा वर्ग, गरीबों, महिलाओं, किसानों, के साथ ही अब असंगठित मजदूरों के लिये भी संबल जैसे ऐतिहासिक कल्याणकारी योजनायें लागू करके पूरे देश में पहली बार इन लोगों के सर्वांगिण उत्थान एवं विकास के लिये जो कदम उठाये है उससे इस श्रेणी के लोगों में भी आत्मविश्वास बढा है और उनके आर्थिक स्तर के साथ ही इन परिवार की महिलाओं को गर्भवती होने पर 4 हजार की सहायता पोषक आहार के लिये तथा प्रसूति के बाद 8 हजार की रकम जच्चा-बच्चा के बेहतर पोषक आहार आदि के लिये देने के साथ ही  परिवार के सदस्य की दुर्घटना में मौत होने पर 4 लाख तथा सामान्य मौत होने पर 2 लाख की राशि का त्वरित भुगतान की व्यवस्था की है  । गा्रमीण अंचलों में भी पानी की समस्या के निदान के लिये नल जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल की सतत आपूर्ति का काम किया है ।  भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो कहती है उसे वास्तविकता के धरातल पर साकार करती है। आज  अंचल एवं प्रदेश का किसान भी प्रसन्न है कि उसे अपनी फसल का वाजिब दाम मण्डी के माध्यम से मिल रहा है तथा वही 265 रुपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि भी दी जारही है। उक्त उदगार  क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने  3 करोड 88 लाख 96 हजार की लागत से बनने वाली तीन नल जल योजनाओं के भूमि पूजन के अवसर पर उपस्थित गा्रमीणजनों को संबोधित करते हुए कहीं । विधायक बिलवाल ने विकासखंण्ड झाबुआ के बरखेडा में  119.79 लाख की लागत की नल जल योजना का भूमिपूजन किया । आगामी 6 माह में योजना पूरी होकर 339 घरेलु नल कनेक्शन के माध्यम से गा्रम में जल प्रदाय होगा । वही ढेबर बडी में 166.67 लाख की लागत की नल जल योजना  जिससे 630 घरों में नल जल सुविधा दी जावेगी तथा गा्रम बावडी में 102.50 लाख की लागत की नल जल योजना जिससे 338 घरों में नल कनेक्शन देकर पेय जल की आपूर्ति होगी, का भूमि पूजन पृथक पृथक किया । तीनो स्थानों पर नल जल योजना के भूमिपूजन एवं आगामी 6 माह में कार्य पूर्ण होने पर गा्रमीणों ने प्रसंन्नता व्यक्त करते हुए विधायक शांतिलाल बिलवाल के जन हितैषी कार्यो की प्रसंशा की । भूमि पूजन के अवसर पर जिला पंचायत सदस्य मेगजी अमलियार, जिला उपाध्यक्ष रामचन्द्र भाबर, ओपी राय, मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया, सुरेश चैहान, अनसिंह सरपंच गा्रम पंचायत ढेबर, सरपंच गा्रम पंचायत जुलवालिया, प्रकाश राठौर मंडल महामंत्री कल्याणपुरा सहित बडी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित थे ।

अनजान लोगों से रहे सजग, हो सकती है आपके साथ भी इस प्रकार की वारदात
  • दिन-दहाड़े दो अज्ञात बाइक सवार बदमाषों ने घर में घुसकर की नकबजनी, .रकम लेकर फरार

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झाबुआ। जिले की ग्राम पंचायत झकनावदा में मंगलवार को दोपहर दामोदर-शंकर बर्फा के घर उनका पुत्र राजवीर उम्र 12 वर्ष अकेला था, इस दौरान दो अज्ञात बदमाषों ने उनके घर पर कॉलेज का सर्वे करने का कहकर घर में प्रवेष किया एवं राजवीर से कहा कि घर पर कौन-कौन है, तब राजवीर के कहने पर कि मम्मी पापा खेत पर गए है तथा मैं अकेला हूं। राजवीर को अकेला पाकर दोनों अज्ञात बदमाषों ने राजवीर से बाजार से सिगरेट लाने को कहा। बाद राजवीर बाजार में सिगरेट लेने गया, वह वापस लौटा इस बीच दोनों बदमाषों ने घर में पेेटी पर लगेे ताले को तोड़ा व उसमें रखी सोने की कान की झुमकी ,मंगलसूत्र, चांदी के 2 जोड़ पायल चुरा लिए। राजवीर के वापस लौटने पर दोनों लोगों ने उसे पेट्रोल पंप का पता पूछा। राजवीर द्वारा पेट्रोल पंप का पता बताने पर दोनों अज्ञात लोगों ने उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाया एवं झकनावदा बस स्टैंड पर गाड़ी रोककर राजवीर को कहा कि अब हम पेट्रोल पंप की ओर चले जाएंगे, जिसके बाद राजवीर वापस अपने घर की ओर लोट आया तो उसने पाया कि घर में पेटी पर लगा ताला टूटा हुआ था और उसमें रखी रकम नहीं थी। यह देख राजवीर अपने दादा-दादी के पास पहुंचा तथा उन्हें सारी घटना बताई। जिसके बाद राजवीर दादा-दादी को बिना बताए वापस बस स्टेंड की ओर भागते हुए आया, लेकिन तब तक दोनों अज्ञात बदमाषा अपनी मोटरसाइकिल लेकर वहां से फरार हो चुके थे।

सायबर अपराध एवं सुरक्षा उपाय पर सेमिनार आयोजित किया गया

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झाबुआ । जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ में म.प्र.राज्य सहकारी संघ मर्या.भोपाल के तत्वाधान में सहकारी प्रषिक्षण केन्द्र इन्दौर द्वारा सायबर अपराध एवं सुरक्षा उपाय पर सेमिनार आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य रूप से बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.एन. यादव उपस्थित रहे ।  सहकारी प्रषिक्षण केन्द्र इन्दौर के कम्प्युटर प्रषिक्षक श्री षिरीष पुरोहित द्वारा सायबर अपराध एवं सुरक्षा उपायों के संबंध में विस्तार से उपस्थित कर्मचारियों को जानकारी दी गई एवं कर्मचारियों द्वारा किये गये प्रष्नो का समाधान भी किया गया । उक्त सेमिनार में सहकारिता विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण, बैंक के समस्त शाखा प्रबंधक एवं प्रधान कार्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित हुवे । आभार मनोज कोठारी द्वारा माना गया ।

बिजोरी-तारखेड़ी में मिले अज्ञात शव की हुई शिनाख्त, मथुरिया गांव का रहने वाला था मृतक

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झाबुआ। जिले की ग्राम पंचायत बिजोरी-तारखेड़ी मार्ग पर मिले अज्ञात शव की षिनाख्त हो गई है। मृतक मथुरिया (रामनगर) का रहने वाला निकला। जिसकी अज्ञात आरोपियों ने नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी। उक्त शव की पहचान रायपुरिया थाना पुलिस स्टाॅफ ने की। मृतक का नाम बाबूलाल निनामा निवासी मथुरिया, रामनगर थाना रायपुरिया है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम भी करवा लिया है, फिलहाल पीएम रिपोर्ट नहीं आई है। शव की पहचान होने के बाद अब पुलिस मृतक के मोबाइल नंबर की तलाश में जुटी है, ताकि कॉल डिटेल के आधार मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा सके और घटना के आरोपियों तक पहुंचा जा सके। पुलिस ने संभावना व्यक्त कि है कि अगले तीन-चार दिनों में इस हत्या से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते है। बाबुलाल की दर्दनाक हत्या करने वाले आरोपियों को अतिषीघ्र गिरफतार कर लिया जाएगा।

जनसुनवाई में सुनी गई समस्याएॅ
       
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झाबुआ । आज 10 जुलाई को शासन के निर्देशानुसार जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे एवं विभागीय अधिकारियों ने लिये। आवेदन प्राप्त कर संबंधित कार्यालय प्रमुखो को निराकरण के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये। आवेदनो को आॅनलाईन साफ्टवेयर में दर्ज किया गया। नाहटिया पिता मलजी निवासी ग्राम उमरादरा डूंडका फलिया तहसील मेघनगर ने जनसुनवाई मे बताया कि विद्युत कार्य करते हुए करंट लग जाने से उसके एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया था। इस विवाद के निपटारे हेतु संबंधित बाबू बारिया द्वारा 3 लाख रुपये देने का वादा किया गया था, किंतु उसके द्वारा 1 लाख रुपये दिये गये एवं षेष 2 लाख रुपये नही दिये। राषि दिलवाने के लिये कार्यवाही करवाने के लिये नाहटिया ने आवेदन दिया। षांति पिता सागार निवासी कागलखो तहसील रामा ने सीनियर बालिका छात्रावास झाबुआ मे रहने के लिये प्रवेष दिलवाने के लिये आवेदन दिया। मेता पिता नारसिंह निवासी ग्राम मोरझीरी तहसील थांदला ने राजस्व प्रपत्रो मे त्रुटिसुधार करवाने हेतु आवेदन दिया। कछुआ पिता रुपसिंह निवासी चैखवाडा तहसील मेघनगर ने बालक चंद्रषेखर का प्रवेष षासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय मे करवाने के लिये आवेदन दिया। प्रमिला पति लाला निवासी घोडादरा हाल मुकाम परवलिया तहसील थांदला ने पति एवं ससुर तथा जेठ द्वारा घरेलू हिंसा किये जाने एवं जान से मारने की कोषिष किये जाने की षिकायत की एवं पति, सास, ससुर व जेठ के विरुद्ध एफआईआर कर कार्यवाही करवाने के लिये आवेदन दिया। नजमानी पति अल्लारखा निवासी बामनिया तहसील पेटलावद ने बच्चेदानी का आॅपरेषन करवाने के लिये बीमारी सहायता योजना का लाभ दिलवाने के लिये आवेदन दिया। अल्लारखा पिता मरहूम निवासी बामनिया तहसील पेटलावद ने पिता के पैतृक आवास मे से हिस्सा दिलवाने के लिये आवेदन दिया। अषिला पति ईष्वर भूरिया निवासी वडलीपाडा तहसील मेघनगर ने प्रसुति सहायता योजना का लाभ दिलवाने के लिये आवेदन दिया।

सभी डीडीओ 30 तारीख तक वेतन देयक कोषालय को प्रस्तुत करे
  • महंगाई भत्ता एरियर एवं सांतवा वेतनमान एरियर के प्रथम किष्त भुगतान की कार्यवाही करे

झाबुआ । कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने विभागो के आहरण एवं संवितरण अधिकारियो को निर्देष दिये है कि षासकीय सेवको को 2 प्रतिषत महंगाई भत्ता एरियर एवं संातवे वेतनमान एरियर की प्रथम किष्त के देयक तैयार करने की सुविधा वर्तमान मे आईएफएमआईएस मे उपलब्ध है। आहरण एवं संवितरण अधिकारी अधीनस्थ समस्त षासकीय सेवको के 2 प्रतिषत महंगाई भत्ता एरियर एवं सांतवे वेतनमान एरियर के प्रथम किष्त जिन षासकीय सेवको का वेतन निर्धारण अनुमोदन हो चुका है, उनके देयक तत्काल कोषालय/उपकोषालय मे प्रस्तुत करे। सभी षासकीय सेवको को प्रत्येक माह की 01 तारीख को वेतन का भुगतान हो जाये। सभी आहरण संवितरण अधिकारी वेतन देयक समय पर प्रस्तुत करे। प्रत्येक माह की 30 तारीख तक वेतन देयक कोषालय मे प्रस्तुत करे ताकि षासकीय सेवको को माह की प्रथम 01 तारीख को वेतन भुगतान हो सके। समयसीमा मे वेतन देयक प्रस्तुत न करने की स्थिति मे संबंधित षासकीय सेवको के विरुद्ध अनुषासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।

जिले में 24 घण्टो मे 4.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

झाबुआ । जिले में इस वर्ष अब तक औसतन 181.7 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। विगत 24 घण्टो मे औसत 4.9 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापक केन्द्र झाबुआ में 7.0 मि.मी., रामा में 2.0 मि.मी., पेटलावद मे 10.2  मि.मी., थांदला मे 5.3 मि.मी., मेघनगर मे 2.0 मि.मी., राणापुर मे 3.0 मि.मी. वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष इसी अवधि में जिले में वर्षामापक केन्द्र झाबुआ में 257.6 मि.मी., रामा में 247.0 मि.मी., पेटलावद मे 105.8 मि.मी., थांदला मे 133.7 मि.मी., मेघनगर मे 201.0 मि.मी., राणापुर मे 260.0 मि.मी. वास्तविक वर्षा दर्ज की गई थी।

इन्दौर में 13 जुलाई को होगा वृहद टूरिज्म जाॅब फेयर मेला
       
झाबुआ । मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल द्वारा भारत सरकार की टूरिज्म एवं हाॅस्पिटेलिटी स्किल कौंसिल नई दिल्ली के साथ मिलकर पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेष के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए वृह्द टूरिज्म जाॅब फेयर का आयोजन कर रही है। यह आयोजन 13 जुलाई को तक्षशिला परिसर देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय खण्डवा रोड़ इन्दौर में प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। उक्त जाॅंब फेयर में कई पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जावेगी। जैसे कुक, किचन हेल्पर, वेटर, स्टीवर्ड, हाउस कीपिंग, सुपरवाईजर, आफिस मैनेजर, यूटिलिटी मैनेजर, टिकटिंग क्लर्क, एचआर मैनेजर इत्यादि भर्ती प्रक्रिया की जावेगी। इस रोजगार मेले में भाग लेने के जिले के इच्छुक उम्मीदवार जिनकी योग्यता पाॅचवी से स्नातक उत्तीर्ण हो, समस्त षैक्षणिक योग्यताओं की अंकसूची के साथ एवं आयु 18 से 40 वर्ष हो, वे इस मेले में भाग ले सकते है। जाॅंब फेयर में सम्मिलित होने के लिए आवेदक अपना पंजीयन जिला रोजगार कार्यालय झाबुआ, आईटीआई झाबुआ अथवा वेबसाईट ूूूण्जीेबण्पदध्रवइ.ंिपत पर अपना पंजीयन करा सकते है।

पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों से कोई शुल्क न लेने के निर्देश
  
झाबुआ । स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है कि प्रदेश की समस्त शासकीय शालाओं में अध्ययनरत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। समस्त शासकीय शालाओं के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क न लिया जाए।

अब आॅनलाइन उपलब्ध ह¨गा र¨जगार निर्माण
       
झाबुआ । र¨जगार अ©र निर्माण अब आॅनलाइन भी उपलब्ध ह¨गा। जनसम्पर्क विभाग (माध्यम) द्वारा प्रकाशित र¨जगार निर्माण अब ई-पेपर के रूप में भी निकाला जा रहा है। इसे जनसम्पर्क विभाग की वेबसाइट उचपदवि.वतह पर देखा जा सकेगा। न© जुलाई से 15 जुलाई के र¨जगार अ©र निर्माण का अंक आॅनलाइन उपलब्ध है। गाँव ह¨ या शहर, र¨जगार अ©र निर्माण अब एक साथ आॅनलाइन उपलब्ध ह¨गा। युवा अब घर बैठे र¨जगार संबंधी जानकारी, प्रतिय¨गी परीक्षाअ¨ं से संबंधित विशेष लेख, सफल प्रतिय¨गिय¨ं के इंटरव्यू, माॅडल टेस्ट पेपर्स अ©र सम-सामयिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

11 जुलाई को सभी जिलों में होंगे बिजली बिल माफी योजना के कार्यक्रम
  • एक ही दिन मे पूरे झाबुआ जिले मे 15,000 हितग्राहियो को प्रमाण पत्रो का वितरण करेगी बिजली कंपनी

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि संबल योजना प्रदेश में गरीबों का संबल बन गयी है। यह जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है। इस योजना के अंतर्गत गरीबों के लिये मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी योजना और सरल बिजली बिल योजना वरदान सिद्ध हो रही है। 11 जुलाई को सभी जिलों में बिजली बिल माफी प्रमाण पत्र देने और नये हितग्राहियों का पंजीयन कराने के लिये जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। मुख्य कार्यक्रम रतलाम जिले के जावरा में आयोजित होगा। सीएम जावरा से पूरे प्रदेश के हितग्राहियों को संबोधित करेंगे। उनका संबोधन दोपहर तीन बजे से सभी जिलों में सुना जा सकेगा।  “सरल बिजली बिल योजना“ एवं “मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी योजना“ के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरण करने के लिये 11 जुलाई को पैलेस गार्डन झाबुआ पर दोपहर 1 बजे से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिला मुख्यालय के अतिरिक्त थांदला विधानसभा क्षेत्र पर भी कार्यक्रम किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के भाषण का सीधा प्रसारण स्म्क् ज्ट के माध्यम से दिखाया जाएगा। एक बड़ी स्म्क् ज्ट राजवाड़ा पर भी लगाई जाएगी जिससे कि आते जाते राहगीर भी मुख्यमंत्री जी के भाषण का लाइव टेलीकास्ट देख सके। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सभी हितग्राहियो से कार्यक्रम मे अधिक से अधिक संख्या मे उपस्थित होने हेतु एवं योजनाओ का लाभ लेने हेतु अपील की गई है। नये पात्र हितग्राहियो को भी रजिस्ट्रेषन काउंटर पर रजिस्ट्रेषन कराने पर प्रमाण पत्र बनाकर वितरित किये जायेंगे। जिला मुख्यालय के साथ ही सभी वितरण केंद्रो पर भी प्रमाण पत्रो का वितरण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का शिविर ग्राम पंचायत हत्यादेली में सम्पन्न

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झाबुआ । विधायक कल सिंह भाबर के मुख्य आतिथ्य में ग्राम पंचायत हत्यादेली    विकासखण्ड मेघनगर में विशाल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद पंचायत मेघनगर की अध्यक्ष श्रीमति सुशीला पे्रम सिंह भाबर व सरपंच प्रमीला वसुनिया ने की। मुख्य अतिथि कल ंिसह भाबर ने बताया कि माता बहने मेरा जीवन आपकी सेवा के लिये बना है। मै आपके द्वार आज इस योजना के जरिए निशुल्क गैस वितरण कार्यक्रम में इसलिये ही आया हॅू। आप सभी को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यवाद। आप अपने पडोस मे रहने बाली माता बहनो को भी जागरूक कर योजना के लाभ दिलावे।योजना का आगे आकर लाभ माता बहने उठावे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मेघनगर जनपद अध्यक्षा श्रीमति सुशीला प्रेम सिंह भाबर ने माता बहनो को धुॅए से होने वाली तकलीफो को साझा किया। आह्वान किया की सभी माता बहने योजना के जरिए लाभ लेकर गैस चुल्हे पर ही खाना बनाये एवं स्वस्थ रहकर परिवार की सेवा करे, महिला इस योजना से मजबूत हो रही है। गाॅॅव, तहसील, जिला प्रदेश का नाम रोशन करे। उन्होंने जोरदार रूप से विभागीय कार्याे को सराहया।

स्वरोजगार ऋण उपलब्ध करवाने के लिये झाबुआ मे हुई बैठक, 32 युवाओ के प्रकरण स्वीकृत
       
झाबुआ । जिले मे बेरोजगार युवक युवतियो को स्वरोजगार गतिविधियो से जोडने एवं षासन की विभिन्न योेजनाओ मे ऋण स्वीकृत करने के लिये लीड बैंक मैनजर श्री नरेन्द्र गोठवाल ने झाबुआ मे ब्लाक स्तरीय समिति की बैठक ली। बैठक मे संबंधित बैंको के मैनेजर एवं विभागीय अधिकारियो को आवष्यक निर्देष दिये। बैठक मे सभी अधिकारियो को निर्देष दिये गये कि वे षासन की योजनाओ मे ऐसे व्यक्तियो के ही प्रकरण तैयार करवाये जो पात्रता रखते है। बैंकर्स प्रकरण की जांच कर 15 दिवस मे प्रकरण मे ऋण स्वीकृत होगा या नही हो सकेगा, स्पष्ट कारण के साथ संबंधित विभागीय अधिकारी को लौटाये, ताकि षासन की योजनाओ मे ऋण स्वीकृत करने मे अनावष्यक विलंब ना हो। बैठक मे महाप्रबंधक उद्योग श्री इष्किया सहित बैंकर्स एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक मे 32 युवाओ के ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं आगामी 10 दिवस मे ऋण वितरण की कार्यवाही की जायेगी।

झाबुआ जिले मे 65 माकफेड समृद्धि केंद्र स्थापित किये जायेंगे
  • स्ंाचालन के लिये बी.एस.सी. एग्रीकल्चर एवं बी.एस.सी. केमेस्ट्री के युवक युवतियो का होगा चयन

झाबुआ । म.प्र. षासन के निर्देषानुसार म.प्र. राज्य विपणन संघ मर्या. मार्कफेड द्वारा षिक्षित बेरोजगारो को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देष्य से झाबुआ जिले मे लगभग 65 मार्कफेड समृद्धि खाद विक्रय केंद्र स्थापित किये जाना है, इस हेतु झाबुआ जिले के बी.एस.सी. (एग्रीकल्चर) एव ंबी.एस.सी. (केमेस्ट्री) के बेरोजगार युवाओ का चयन किया जाना है। समृद्धि खाद विक्रय केंद्र स्थापित किये जाने हेतु कार्यषील एवं स्थिर पूंजी की आवष्यकता के पूर्व पात्र हितग्राही को मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री स्वरोजगार बैंको से ऋण के रुप मे उपलब्ध करायी जायेगी। झाबुआ जिले के ऐसे षिक्षित बेरोजगार जो स्वयं का व्यवसाय करना चाहते है एवं जिन्होने स्नातक की उपाधि कृषि अथवा रसायन षास्त्र मे प्राप्त की है, समृद्धि खाद विक्रय केंद्र की स्थापना हेतु म.प्र. राज्य विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) कार्यालय या जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र झाबुआ से संपर्क कर आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते है। आवेदक जिले के पास मुख्य बाजार मे उर्वरक विक्रय हेतु पक्की दुकान/गोदाम उपलब्ध हो एवं उर्वरक विक्रय की प्रचुर संभावना हो को प्राथमिकता दी जावेगी।

जिले में 11 जुलाई को मनाया जाएगा विश्व जनसंख्या दिवस, 24 जुलाई तक चलेगा जागरूकता पखवाडा

झाबुआ । जिले में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जायेगा। इसी दिन से नागरिकों को सीमित परिवार के फायदे समझाने और परिवार नियोजन की सेवाएँ उपलब्ध करवाने के लिये जिले में 24 जुलाई तक जागरूकता पखवाडा मनाया जायेगा। पखवाडे के दौरान विभिन्न स्तरों पर परिवार नियोजन संबंधी सेवाएँ सुलभ करवाई जायेंगी। जनसंख्या दिवस के अवसर पर प्रातः 11 बजे से जनजागरुकता रैली का आयोजन किया जाएगा एवं जिला अस्पताल मे परिवार विकास मेला का आयोजन किया जाएगा। परिवार नियोजन के अस्थायी साधनः- परियोजना नियोजन के अस्थायी साधनों में अंतरा प्रोग्राम के तहत इंजेक्टेबल कांट्रासेप्टिव नया तरीका है, जिसे 3 माह में एक बार लगाया जाता है। छाया गोलियाँ प्रथम तीन माह में सप्ताह में दो बार एवं उसके बाद सप्ताह में एक बार खाना पडती है। आईयूसीडी 5 वर्ष और 10 वर्ष के लिये उपलब्ध है। इसी तरह ओरल पिल्स और निरोध का उपयोग भी किया जा सकता है। सभी साधन स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध हैं। परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में महिला और पुरुष नसबंदी दोनों साधन उपलब्ध है। महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान होती है। गर्भपात के बाद पोस्ट एबॉर्शन आईयूसीडी इनसर्शन एवं महिला नसबंदी की सेवाएँ भी उपलब्ध हैं। प्रसव के बाद छाया गोलियाँ शुरू की जा सकती हैं। छह सप्ताह बाद इंजेक्शन दिये जा सकते हैं। पीपीआईयूसीडी इनसर्शन किया जा सकता है।

दरभंगा : LNMU में विजन 2030 का कार्य पूरा

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 10 जुलाई,  : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में विजन 2030 के बचे हुए विषयों का पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन किया गया. जिसकी अध्यक्षता प्रतिकुलपति प्रो. जयगोपाल ने की. इस अवसर पर विकास पदाधिकारी डॉ. के.के. साहू ने सबों का स्वागत किया. वहीं लाइब्रेरी एण्ड इंफोरमेशन साइंस के निदेशक प्रो. विजय मिश्रा ने विजन 2030 प्रस्तुत किया. वहीं स्रातकोत्तर गणित विभाग की ओर से प्रो. एन.के. अग्रवाल ने प्रस्तुति दी. वहीं आईजीजी के डायरेक्टर प्रो. भवेश्वर सिंह ने अपने विभाग और डॉ. कंचन माला, डॉ. अरविंद कुमार मिलन ने अपने-विषयों की प्रस्तुति दी. इस अवसर पर डॉ. मुनेश्वर यादव, डॉ. योगानंद मिश्र, प्रो. के.एन. झा, डॉ. एन.जेड हैदर, रंजीत कुमार, अनिल कुमार आदि उपस्थित थे. वहीं प्रतिकुलपति ने प्रेजेंटेशन के दौरान आयी खामियों पर प्रतिकुलपति ने उसे सुधारने की बात कही. इस अवसर पर प्रतिकुलपति ने कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह की सोंच का नतीजा है कि आज यह कार्य संपन्न हुआ. प्रतिकुलपति ने विकास पदाधिकारी के कार्याें की सराहना की.

दरभंगा-समस्तीपुर रेल लाईन दोहरीकरण कार्य अगले साल होगा पूरा : एजीएम

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  • प्रधानमंत्री कार्यालय से योजना की हो रही है निगरानी

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 10 जुलाई, दरभंगा-समस्तीपुर रेल लाईन दोहरीकरण कार्य अगले साल होगा पूरा : एजीएम ल दोहरीकरण का लाभ मिलने लगेगा. इस आशय की जानकारी हाजीपुर जोन के एजीएम विद्या भूषण ने लहेरियासराय स्टेशन पर पत्रकारों से बात करते हुए कही. उन्होंने कहा कि रेल दोहरीकरण के दौरान पड़ने वाले रुकावटों को लेकर यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से दरभंगा समस्तीपुर रेल दोहरीकरण की मॉनिटरिंग कराई जा रही है और यह कार्य 1 साल के अंदर पूर्ण कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि लहेरियासराय दरभंगा के बीच 21 और 22 नंबर गुमती के बीच ड्रेनेज की समस्या उत्पन्न हुई थी. जिसे जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि लहेरियासराय को बी-ग्रेड का दर्जा मिला हुआ है और जल्द ही रेल दोहरीकरण के बाद इसे मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि दरभंगा में रेल कर्मचारियों की जो भी परेशानियां हैं उसे जल्द दूर किया जाएगा. इसके लिए जल-जमाव वाले मकान में रहने वाले लोगों को नए मकान में शिफ्ट किया जाएगा. वहीं उनकी सभी सुविधाएं मिले इसको लेकर अधिकारी तत्पर है. सनद रहे कि एजीएम विद्या भूषण और डीआरएम आर.के जैन दरभंगा पहुंचे थे. जहां से दरभंगा और लहेरियासराय के बीच ट्रॉली से उन्होंने लाइन का निरीक्षण किया. इस मौके पर स्टेशन अधीक्षक संजय कुमार आनंद, बी.के. सिन्हा, वरीय अभियंता मंडल विजय शंकर सिंह, सहायक अभियंता जे.के सिंह, उपमुख्य अभियंता, निर्माण आदि उपस्थित थे.

प्रणब के बाद अब रतन टाटा संघ प्रमुख के साथ मंच साझा करेंगे

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  • 24 अगस्त को मुंबई में कार्यक्रमसंघ प्रचारक नाना पालकर के नाम पर स्थापित स्वयंसेवी संस्था के कार्यक्रम में शामिल होंगे टाटा।

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मुंबई. उद्योगपति रतन टाटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ अगले महीने होने एक कार्यक्रम में मंच साझा करेंगे। संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि 24 अगस्त को नाना पालकर स्मृति समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में टाटा और भागवत एक साथ शरीक होंगे। संघ प्रचारक नाना पालकर के नाम पर स्थापित की गई समिति की एक शाखा मुंबई स्थित टाटा मेमेरियल कैंसर हॉस्पिटल के करीब है। टाटा 24 अगस्त को नाना पालकर की जन्मशती के मौके पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे इस शाखा में पहले भी आ चुके हैं। उन्होंने इस बात की भी जानकारी ली थी कि संस्था किस तरह से कैंसर पीड़ित मरीजों की मदद करती है। संघ के मंच से प्रणब ने दी थी राजनीतिक दलों को नसीहत: 7 जून को संघ के तृतीय वर्ग के प्रशिक्षण के समापन के मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संघ प्रमुख के साथ मंच साझा किया था। प्रणब इस कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रीयता, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बात की थी और असहिष्णुता, नफरत और संवादहीनता के मामले पर देश के सभी राजनीतिक दलों को नसीहत भी दी थी। इससे पहले वे संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार के पैतृक निवास गए थे, जहां उन्होंने विजिटर बुक में लिखा- “मैं भारत माता की महान संतान को श्रद्धांजलि देने आया हूं।”  संघ के कार्यक्रम में शामिल होने पर कांग्रेस नेताओं ने प्रणब की आलोचना की थी। संदीप दीक्षित ने कहा था- प्रणब ने कई बार संघ पर चर्चा की थी और उन्होंने कहा था कि इससे ज्यादा घटिया और गंदी संस्था देश में दूसरी कोई नहीं है। इस पर भाजपा नेता नितिन गडकरी ने जवाब दिया था- संघ कोई पाकिस्तानी आतंकी संगठन नहीं है, उसके कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति के शामिल होने पर किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

बिहार : सुबह का नाश्ता और रात का भोजन नीतीश के साथ करेंगे अमित शाह

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पटना. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सुबह का नाश्ता और रात का भोजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ करेंगे। शाह 12 जुलाई को सुबह 10 बजे पटना पहुंचेंगे। पार्टी ने उनके भव्य स्वागत की तैयारी की है। पार्टी के तमाम प्रकोष्ठ व मोर्चा की ओर से यह तैयारी की गयी है। पिछले एक सप्ताह से पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में उनके दौरे को लेकर बैठकें चल रही हैं। उनके दौरे को लेकर पूरे पटना में तोरणद्वार बनाए गए हैं। खासकर एयरपोर्ट से गेस्ट हाउस और बापू सभागार तक के रास्ते को होर्डिंग व बैनरों से पाट दिया गया है। शाह गुरुवार को सुबह दस बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से स्टेट गेस्ट हाउस जाएंगे। एयरपोर्ट पर पार्टी के तमाम वरीय नेता उनके स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे। स्टेट गेस्ट हाउस में वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलाव पार्टी के वरीय नेताओं के साथ सुबह का नाश्ता करेंगे। दिन में वे पार्टी के बूथस्तर से लेकर विस्तारकों तक के साथ बैठक करेंगे। रात में मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार व अन्य नेताओं के साथ भोजन करेंगे। शाह बापू सभागार और ज्ञान भवन में पार्टी नेताओं के साथ दिनभर बैठक करेंगे। पार्टी ने अमित शाह के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है। बापू सभागार में 11.30 बजे से 12.30 बजे तक आयोजित सोशल मीडिया की बैठक में भाग लेंगे। फिर ज्ञान भवन में 12.45 बजे से 1.45 बजे दोपहर तक विस्तारकों की बैठक में भाग लेंगे। ज्ञान भवन परिसर में ही दोपहर का भोजन करेंगे। दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक बापू सभागार में होगी। फिर शाह स्टेट गेस्ट हाउस में शाम 4 बजे से 7 बजे तक चुनाव तैयारी समिति की बैठक में भाग लेंगे। स्टेट गेस्ट हाउस में ही रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 13 जुलाई को सुबह दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जायेंगे।

बिहार : गाय से तेजप्रताप ने पूछा- भाजपा को हराओगी; सिर हिलाया तो समर्थक बोले- हां कह रही है

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हाजीपुर (वैशाली).  राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ के दौर पर थे। उन्होंने यहां करहटिया गांव में मशीन से चारा काटकर गाय को खिलाया। उसे दुलारते हुए पूछा कि क्या भाजपा को हराओगी? गाय ने सिर हिलाया तो समर्थकों ने कहा, 'बोल रही है- हां मैं हराऊंगी।'तेज प्रताप ने यहां नरेंद्र मोदी के अभियान 'चाय पर चर्चा'की तर्ज पर 'सत्तू पार्टी तेज प्रताप के संग'कार्यक्रम शुरू किया है। इसी के तहत वे अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। वहां उन्होंने कभी रिक्शे की सवारी की, कभी खुद रिक्शा चलाया। साइकिल से एक गांव से दूसरे गांव गए। सड़क पर बैठकर प्याज-मिर्च से सत्तू खाया। करहटिया गांव में गर्मी से परेशान तेज प्रताप एक हैंडपंप के नीचे नहाने बैठ गए। समर्थकों ने हैंडपंप चलाया। नहाने के बाद तेज प्रताप गमछा लपेटकर खड़े हो गए तो सामने खड़े बच्चों ने उनसे बॉडी दिखाने को कहा। इस पर उन्होंने कहा, "महुआ हमारा घर है और घर में बॉडी नहीं दिखाई जाती।"एक सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि महागठबंधन में शामिल होने पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन दोनों दल महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की केंद्र में सरकार बननी तय है। इसकी तैयारी करें।

सुरक्षित निकले 12 थाई फुटबालर और कोच

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मे साई (थाईलैंड), 10 जुलाई, थाईलैंड में संकरी गुफा में एक पखवाड़े से अधिक समय तक ‘‘जल समाधि’’ की विभीषिका को परास्त कर आज 12 किशोर फुटबाल खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षक को अंतत: सुरक्षित निकाल लिया गया। थाई नेवी सील ने इसकी घोषणा की है। इसी के साथ पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से इस घटना में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच जो बचाव अभियान चल रहा था, वह सफलतापूर्व सम्पन्न हो गया तथा दुनिया भर के लोगों ने राहत की सांस ली। यह बचाव अभियान विश्व भर की सुर्खियों में आ गया था। सील ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया, ‘‘सभी 12 ‘वाइल्ड बोर्स’ और प्रशिक्षक को गुफा से निकाल लिया गया है।’’ इसमें यह भी कहा गया कि सभी सुरक्षित हैं। वाइल्ड बोर्स इन फुटबाल खिलाड़ियों की टीम का नाम है। थाई सील एवं विदेशी गोताखोरों ने गुफा में शेष बचे चार लड़कों और उनके 25 वर्षीय प्रशिक्षक को आज अपराह्न में निकाल पाने में सफलता हासिल की। इन लोगों को बेहद खतरनाक रास्ते से निकाला गया जिसमें पानी से भरी संकरी सुरंग शामिल हैं। निकाले गये किशोरों की उम्र 11 से 16 वर्ष के बीच है। ये किशोर फुटबाल का अभ्यास करने के बाद 23 जून को उत्तरी थाईलैंड के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित थाम लुआंग गुफा में चले गये थे। गुफा में अंदर जाने के बाद भारी बारिश होने से बाढ़ का पानी गुफा के भीतर घुस गया और गुफा से निकलने का रास्ता कीचड़ और फिसलन भरा होने के कारण बहुत खतरनाक हो गया। इन लोगों ने नौ अंधकारमय दिन गुफा में बिताये। इसके बाद दो ब्रिटिश गोताखोर इन तक पहुंचने में कामयाब हुए। किशोर कमजोर होने के बावजूद काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। इन लोगों को पानी भरी गुफा में ढूंढ लेने की प्रसन्नता अधिक समय तक नहीं टिक सकी क्योंकि अधिकारियों को इन्हें भीतर से सुरक्षित निकालने की योजना को तैयार करने में बहुत माथा पच्ची करनी पड़ी। इसका कारण था कि उन्हें गुफा के भीतर चार किलोमीटर से अधिक जाना था और कुछ सुरंगे तो बेहद संकरी थीं।  थाई नेवी सील के एक पूर्व गोताखोर की गुफा में आक्सीजन की कमी के चलते शुक्रवार को हुई मौत के कारण बचाव मार्ग के खतरों को लेकर आशंकाएं बहुत बढ़ गयीं थीं । ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे पहली ऐसी विश्व नेता हैं जिन्होंने इन किशोरों को बचाने में मिली सफलता पर प्रसन्नता जताई तथा उन गोताखोरों के जज्बे को सलाम किया जिन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर इन किशोरों को बचाया। मे ने ट्वीट कर कहा, ‘‘थाईलैंड में गुफा में फंसे हुए लोगों का सफलतापूर्वक बचाव किए जाने के कारण प्रसन्न हूं। विश्व देख रहा था तथा इसमें शाामिल सभी लोगों को वह सलाम कर रहा है।’’  अब जबकि सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, इस विभीषिका से गुजरने वाले लोगों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि दूषित पानी अथवा पक्षियों या चमगादड़ों के मल से संक्रमित होने वाले पानी के कारण फंसे हुए लोगों को खतरनाक संक्रमण हो सकता है। इस समूह को बचाने के लिए गये चार गोताखोर अभी गुफा से बाहर नहीं आये हैं।

समलैंगिकता अप्राकृतिक : सुब्रह्मण्यम स्वामी

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नयी दिल्ली , 10 जुलाई, राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आज समलैंगिकता को ‘ अप्राकृतिक ’ बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति में ‘ अनुवांशिक खोट ’ है और इसका जश्न मनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।  स्वामी ने कहा कि इसकी अनुमति देने से समलैंगिक बारों की स्थापना होगी जो कुछ अमेरिकी निवेशक भारत में करना चाहते हैं।  भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह टिप्पणी उस दिन की है जब उच्चतम न्यायालय ने समान लिंग वाले दो वयस्कों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों का गैर आपराधिकरण करने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर अहम सुनवाई शुरू की है।  उन्होंने कहा , ‘‘ समान लिंग के व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना अप्राकृतिक है। हिन्दू परंपरा में हम उनकी दुर्दशा से सहानुभूति रखते हैं , लेकिन हमने उन्हें कभी इसका जश्न मनाने की इजाजत नहीं दी और कहा कि ये पसंद का मामला है। ’’  स्वामी ने कहा कि लैंगिक झुकाव के आधार पर लोगों की सामान्य सामाजिक बातचीत और आर्थिक मामलों में उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।  राज्यसभा के नामित सदस्य ने कहा , ‘‘ उनमें इसके अलावा और कोई खोट नहीं है। मैं इसके भी खिलाफ हूं कि पुलिस किसी के शयनकक्ष में जाए और जांचे कि व्यक्ति पुरुष है या महिला। ’’  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पुनर्गठित संवैधानिक पीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। यह धारा समान लिंग के दो वयस्कों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों को अपराध बनाता है। 

न्याय तक पहुंच है एक मौलिक अधिकार : चीफ जस्टिस

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नयी दिल्ली , 10 जुलाई, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज कहा कि न्याय तक पहुंच संविधान में नागरिकों को प्रदत्त एक मौलिक अधिकार है। वह न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे। उन्होंने भारतीय न्यायिक व्यवस्था में अय्यर के योगदान की सराहना की। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा , ‘‘ वह (न्यायमूर्ति अय्यर) भारतीय संविधान की दयापूर्ण भावना में विश्वास करते थे। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ न्याय तक पहुंच होनी चाहिए और न्यायमूर्ति अय्यर ने इस तक पहुंच की इमारत निर्मित की। न्याय तक पहुंच एक मौलिक अधिकार है और इस बारे में कोई संदेह नहीं है। ’’ न्यायमूर्ति अय्यर 17 जुलाई 1973 से 14 नवंबर 1980 तक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रहे और 15 दिसंबर 2014 को उनका निधन हो गया था। 

समलैंगिकता मामले में शीर्ष अदालत में पेश नहीं होंगे अटार्नी जनरल

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नयी दिल्ली , 10 जुलाई, अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज समलैंगिकता के मुद्दे से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के सामने सुनवाई में पेश होने से खुद को अलग कर लिया। वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने संबंधित विधि अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी है जो प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के सामने इस मामले को संभाल रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि इस मुद्दे पर सरकार का क्या रुख है। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चूंकि वह भादंसं की धारा 377 को फिर से अपराध की श्रेणी में लाने के 2013 के फैसले के खिलाफ दायर उपचारात्मक याचिका के संबंध में अदालत में पेश हुये थे , इसलिये वह सरकार का रुख रखने की स्थिति में नहीं है। वेणुगोपाल ने  कहा , ‘‘ मैं इस मामले में अदालत के सामने पेश नहीं हो रहा क्योंकि मैं उपचारात्मक याचिका के समय पेश हुआ था। मैं अब अटार्नी जनरल के रूप में पेश नहीं हो रहा हूं। ’’ 

नोबल पुरस्कार विजेता लियू शियाओबो की विधवा ने चीन छोड़ा

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बीजिंग , 10 जुलाई, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित चीन के असंतुष्ट कार्यकर्ता लियू शियाओबो की विधवा लियू शिया ने चीन छोड़ दिया है।  उनके एक पारिवारिक मित्र ने बताया लियू फिलहाल देश के बाहर विमान में हैं।  लियू शियाओबो को जब वर्ष 2010 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला , तब से लियू को नजरबंद रखा गया है जबकि उन पर कोई आरोप नहीं है। उनके मित्र ये दू ने बताया , ‘‘ आज पूर्वाह्न करीब 11 बजे लियू शिया फिनेयर विमान से बीजिंग से रवाना हो गयीं। ’’  लियू शियाओबो 1989 के तियानआनमान चौराहे पर हुए प्रदर्शन के अगुआ थे। ‘‘ राष्ट्रविरोधी ’’ कार्रवाई के आरोप में 11 साल जेल की सजा काट रहे शियाओबो का पिछले साल निधन हो गया। नात्सी जर्मनी के काल के बाद वह ऐसे पहले नोबेल पुरस्कार विजेता हैं जिनकी मौत जेल में हुई।  जर्मन दूतावास ने अप्रैल में लियू शिया को जर्मनी आने में मदद की पेशकश की थी। लेकिन यह अंजाम नहीं पा सका। 

दिल्ली में बिजली की मांग रिकार्ड 7,016 मेगावाट पर पहुंची

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नयी दिल्ली , 10 जुलाई, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी में बिजली की मांग आज रिकार्ड 7,016 मेगावाट पर पहुंच गयी।  दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि बिजली की मांग में आगे और वृद्धि को पूरा करने के लिये सभी जरूरी उपाय किये गये हैं।  ‘ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ’ (एसएलडीसी) के आंकड़े के अनुसार दोपहर 3.26 मिनट पर अधिकतम मांग 7,016 मेगावाट पहुंच गयी।  इससे पहले , कल रिकार्ड 6,998 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गयी थी।  बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि . (टाटा पावर डीडीएल) ने बयान में कहा कि बिजली की मांग उनके क्षेत्र में सर्वाधिक 1965 मेगावाट रही। आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ मांग 2,000 मेगावाट तक जा सकती है।  कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार , ‘‘ हमने मांग को पूरा करने के लिये लगभग 2,200 मेगावाट की व्यवस्था की हुई है। ’’  टाटा पावर डीडीएल उत्तर और उत्तर पश्चिम दिल्ली में बिजली वितरण का जिम्मा संभालती है।  दूसरी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि आज अधिकतम मांग 2002 के 2,879 मेगावाट से 250 प्रतिशत से अधिक रही।  इस साल यह 11 वां मौका है जब इस दिल्ली में बिजली की मांग पिछले साल के रिकार्ड 6,526 मेगावाट से अधिक रही है। 
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