Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live

बेगूसराय : बिजली विभाग की लापरवाही से अरुण देवी आज दुनियाँ छोड़ चली।

$
0
0
आखिर कब तक इस प्रकार का दर्दनाक मौत देखने को मिलता रहेगा।
one-dead-electric-wire-broken-begusaray
बेगूसराय (अरुण कुमार) घटना निर्मलग्राम तेतरी की है,आज सबेरे 15 सितम्बर 2018 को प्रसिद्ध ग्राम तेतरी में झूलती बिजली की तार गिरने से जिसमे बिजली प्रवाहित हो रही थी।शौच जाने के क्रम में हुई दर्दनाक मौत।आज विज्ञान इतना आगे बढ़ गया है फिर भी नायें तकनीकी यंत्रण का आभाव है यहां,अगर नूतन तकनीकी यंत्र का उपयोग किया गया होता तो जरा सी भी फॉल्ट आने पर विद्युत प्रवाह स्वयं बैंड हो गई होती और किसी की जान जाने का सवाल ही नहीं उठता।खैर इस तकनीकी यंट की बात तो दूर अभी कितने ऐसे गाँवों में ऐसे तार झूल रहे हैं जिससे खतरा उन सभी गाँव वालों के सिर पर मंडरा रही है।कब किस गाँव में किसके साथ क्या हादसा हो जाए कौन जानता है।आजकल बिजली विभाग वालों की तनख्वाह यतानी हो गई है कि बेरोजगारों को फ्रेंचायजी के तौर पर काम करवाते हैं,अगर काम करते वक्त इन्हें कुछ हो जाये तो फिर या बिचारे गरीब तो बे-मौत मारे जाएँगे इन्हें कौन सरकारी अनुदान या इनके घरवालों को अनुकंपा पर नौकरी या पेंशन मिलने वाला है।कोई आधार नहीं इनका निराधार पेट के लिये अपनी जान के साथ जुआ खेलते रहते हैं,कारण मात्र एक ही गरीबी। अरुण देवी उम्र लगभग 62 वर्ष, पति-सीताराम यादव, ग्राम-तेतरी, थाना- डंडारी, जिला- बेगूसराय के निवासी है जिनका मौत शौच जाने के क्रम में गिरी हुई बिजली की तार से करंट लगने से हो गई, जिसके वजह से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है,गौरतलब हो कि आज से लगभग 9,10 साल पहले यह गांव बलिया अनुमंडल के डंडारी प्रखंड का इकलौता ऐसा गांव है जो निर्मल ग्राम घोषित हो चुका है घटनास्थल पर अरुण देवी के अलावा उसी जगह करंट लगने से ही एक खरगोश और एक गीदड़ की भी दर्दनाक मौत हुई है, बिजली विभाग इतना लापरवाह है कि जब भी थोड़ा सा वर्षा या हवा होता है तो कहीं पोल गिर जाता है तो कहीं तार गिर जाता है, जबकि यहां थोड़ा सा भी आंधी या तूफान जैसी कोई स्थिति नहीं थी फिर भी तार गिर गई, अगर बिजली विभाग यहां cover wire दी होती और आज से लगभग 10 साल पहले झूठ मूठ का सिर्फ कागज पर ही निर्मल ग्राम घोषित नहीं हुआ होता तो उस गरीब के घर में भी शौचालय रहता और वह शौच के लिए बाहर नहीं जाती और ना ही उनकी दर्दनाक मौत होती। इसके मृत्यु का कारण बिजली विभाग को जाता है अतः इस हर्जाने की भरपाई भी बिजली विभाग को ही करना होगा।याबी करेगा या नहीं,या फिर बिचौलियों में ही मुआवजाओं के पैसों का बन्दर बाँट हो जाएगा।क्योंकि आज के इस दौर में बिचौलियों की भी कमी नहीं है।खैर क्या होगा ये तो समय ही तय करेगा।

दुमका : 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा यह कार्यक्रम

$
0
0
‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान का दीप प्रज्जवलित कर  डीडीसी ने किया शुभारंभ
dumka-dm-inaugrate-swachhata-hi-sewa-programe
अमरेन्द्र संुमन, दुमका स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत इंडोर स्टेडियम दुमका में दिन शनिवार को ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।  इस अभियान का शुभारंभ करते हुए डीडीसी, दुमका वरुण रंजन ने  कहा कि स्वच्छता के महत्व को समझाने की जरूरत नही है, सभी लोग इससे वाकिफ हैं। पिछले 3- 4 वर्षों से देश स्वच्छ्ता के मानकों पर ऊपर है। सभी को स्वच्छता अपनाने की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका ,सहिया, ,स्वच्छ्ताग्रही संदेश वाहक बनकर घर-घर जाऐं व लोगों को जागरुक करें। अभियान के दौरान गांव, पंचायत , प्रखंड, ब्लॉक , स्कूल  में कई-कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को इससे जोड़ने का कार्य करें। जब तक व्यक्ति अपनी आदतों को नही बदलेंगे तब तक स्वच्छता का माहौल नहीं बनेगा। श्रम दान कर लोग समाज, राज्य व देश तक तक स्वच्छता का संदेश पहुंचाएँ। डीडीसी वरुण रंजन ने कहा मुखिया अपने-अपने पंचायतो के एक-एक गांव को गोद लें व अभियान के भागीदार बनें। यह कार्य एक अभियान का रूप ले और सभी 206 पंचायत मॉडल के रूप में उभर कर सामने आए। ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ में यह संकल्प लें कि हम सभी अपने-अपने गांव, स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल बनाऐगें। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को झारखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाना है। बहुत सारे योग्य लाभुक अभी भी शौचालय से वंचित है। जिप्र ने उन्हें चिन्हित कर शौचालय उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। प्राथमिक रूप से आप सभी शौचालय का निर्माण करें और खुले में शौच से मुक्त झारखण्ड बनाने में सहयोग दें। स्वच्छ भारत अभियान  गंदगी के खिलाफ एक लड़ाई है। यह लड़ाई तभी जीत पाऐंगें जब सभी साथ मिलकर लड़ेगें। इस अभियान के दौरान पेंट योर टॉयलेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सबसे बेहतरीन पेंटिंग को 2 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। सभी बढ़-चढ़ कर प्रतियोगिता में भाग लें। अपर समाहर्ता इन्दु गुप्ता ने कहा कि इस अभियान के दौरान स्कूलों के बच्चों को विशेष रूप से स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जाए। मुखिया, जलसहिया अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहण पूरी तत्परता से करें। जब तक लोगों की सोच नही बदलेगी तब तक यह अभियान सफल नही होगा।  दुमका स्वच्छता के मानकों में सबसे ऊपर रहे यही कार्यक्रम का उद्देश्य है। स्वच्छता के प्रति जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक प्रधानमंत्री का सपना पूरा नही होगा। निदेशक एनईपी विनय कुमार सिंकु ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान एक आदमी से संभव नही है, इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। तभी पीएम मोदी का स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। इस अभियान को गांव स्तर पर बहुत ही व्यापक रुप से चलाया जाय। उन्होंने कहा कि सिर्फ शौचालय निर्माण कराने से ओडिएफ घोषित नही हो सकता, शौचालय के उपयोग को भी जानना जरुरी है। निदेशक डीआरडीए दिलेश्वर महतो ने कहा कि इस अभियान से जुड़ कर अपने जिला को निर्धारित समय में ओडिएफ बनाने में सफल बनाएँ।  अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। ओडीएफ तभी माना जाता है जब शौचालय का उपयोग किया जाता है। स्वच्छ्ता का मतलब सिर्फ शौचालय का उपयोग करना नही होता, बल्कि स्वच्छता आपके व्यक्तित्व पर दिखना भी चाहिए। कई बार लोग शौचालय निर्माण तो करते हैं लेकिन टंकी का निर्माण नही करते हैं। एसडीओ ने कहा जागरूक बनें, ,शौचालय आपके लिए है। यह स्वच्छ्ता की दिशा में एक पहल है। माताओं, बहनों को शौच के लिए अंधेरे का इंतजार करना पड़ता है। सरकार ने इन सभी के दर्द को समझा है। आप भी अपने माताओं, बहनों के दर्द को समझें। सरकार प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है। अपने घर मे शौचालय का निर्माण अवश्य करें। इस अवसर पर कार्यपालक अभियंता पीएचईडी व बड़ी संख्या में मुखिया, सहिया, जल सहिया, सेविकाएँ इत्यादि मौजूद थीं।  

दुमका : आर्थिक आधार पर आरक्षण पर बिचार के लिये डीसी के माध्यम से राज्यपाल को दिया ज्ञापन

$
0
0

memorandum-to-governor-by-dumka-dc
अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, झारखंड से प्राप्त निदेश के अनुपालन में 15 सितम्बर को आर्थिक आधार पर आरक्षण पर बिचार करने हेतु अखिल भारतीय कायस्थ महासभा दुमका की ओर से राज्यपाल, झारखंड को उपायुक ,दुमका के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा गया। नजारत उपसमार्हता, डाॅ0 सुदेश कुमार सिन्हा ने सौंपे गए ज्ञापन को लिया। इस मौके पर महासभा के अध्यक्ष, दयानंद श्रीवास्तव, महासचिव, बिनय कुमार, प्रमंडलीय प्रभारी (उपाध्यक्ष) समीर कुमार सिन्हा, मनोज कुमार घोष, राष्ट्रीय कार्य कारिणी सदस्य (युवा प्रकोष्ठ) सूर्य प्रकाश, संयुक्त सचिव, अंकित कुमार व आनंद प्रकाश अखौरी, कार्यकारिणी सदस्य, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, दुमका साथ में मौजूद थे। 

दुमका : एमएचआरडी के वेबसाईट पर उन्नत भारत के तहत एसकेएमयू पहला विश्विद्यालय-वीसी

$
0
0
skmu-first-university-on-unnat-bharat-website
अमरेन्द्र सुमन, दुमका, झारखण्ड-बिहार में सिदो कांहू मुर्मू विवि, दुमका पहला ऐसा विवि है जिसका निबंधन एमएचआरडी के वेबसाईट पर उन्नत भारत के तहत हुआ है। विवि के सभी विभाग उन्नत भारत अभियान के तहत लगातार गाँव का भ्रमण व सर्वे व डेटा संग्रह का काम कर रहे हैं। इस अभियान के तहत छात्र व शिक्षक गाँवों में उपलब्ध  सेवाओं यथा पेयजल, स्वास्थ्य,  शिक्षा, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन इत्यादि पर न सिर्फ डेटा ले रहे हैं बल्कि ग्रामीणों में जागरूकता भी पैदा कर रहे हैं। वि वि पूरी तरह प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से जुड़ रहा है। इस दिशा में अनेक प्रयास किए गए हैं जो इस विवि को झारखंड के अन्य विवि से आगे खड़ा कर दिया है। विवि नित्य दिन पत्राचार, ईमेल के माध्यम से नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरना, रिजल्ट व अन्य कार्य ऑनलाइन कराया जा रहा है। शुल्कांे के लेन-देन व अन्य भुगतान डिजिटल मोड में किए जा रहे है। स्वयं के तहत काफी संख्या में छात्र व शिक्षक मूक द्वारा आयोजित ऑनलाइन कोर्स कर रहे है। विवि के अंतर्गत निबंधित सभी शोध छात्रों ने मूक के तहत रिसर्च मेथॉडॉलॉजी कोर्स के लिए निबंधित किए गए हैं जिनका ऑनलाइन क्लास 01 अगस्त से चल रहा है। कोई भी पीएचडी थीसिस प्लेजरिजम टेस्ट में पास करने पर ही जमा किया जा सकता है। इससे शोध में नकल रुक रही है और उसकी गुणवत्ता बढ़ी है। विवि का केंद्रीय पुस्तकालय पूरी तरह डिजिटल है और शोध गंगा व शोध गंगोत्री के माध्यम से छात्रो के थीसिस व उनके सिनोप्सिस ऑनलाइन अपलोड किए जा रहे है।  विवि एनएडी के तहत निबंधित है और यहाँ के छात्रों की डिग्री अब ऑनलाइन एनएडी पर उपलब्ध है। पिछले एक वर्ष में कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा के दिशा निर्देशन में विवि काफी तेजी से इस ओर बढ़ा है। एनडीएल में हजारों छात्रों व शिक्षकों ने अपना निबंधन करवाया है और इसका लाभ ले रहे है। विवि का नया ऐकडेमिक ब्लाक में छात्रों को पढ़ने पढ़ाने के लिए विश्व स्तर की डिजिटल तकनीक वाला सिस्टम लगाया गया है। कुलपति का यह प्रयास इस पिछड़े इलाकेे के वि वि को झारखंड के अन्य वि वि से आगे खड़ा कर दिया है ।

विशेष : महेन्द्रगढ़ ने फिर शर्मसार कर दिया

$
0
0
mahendragadh-disappointed
महेंद्रगढ़ की सीबीएसई टॉपर रही छात्रा के साथ हुए बलात्कार की घटना ने एक बार फिर हमें शर्मसार किया है। बड़ा सवाल यह है कि लड़कियों को कुचलने की मानसिकता का तोड़ हम अब भी क्यों नहीं तलाश पा रहे हैं? क्यों नये-नये एवं सख्त कानून बन जाने के बावजूद बालिकाओं की अस्मिता एवं अस्तित्व असुरक्षित है? क्यों हमारे शहरों को ‘रेप सिटी ऑफ द वल्र्ड’ कहर जाने लगा है। आखिर कब तक बालिकाओं के साथ ये दरिन्दगीभरी एवं त्रासद घटनाएं होती रहेंगी? बालिकाओं की अस्मत का सरेआम लूटा जाना- एक घिनौना और त्रासद कालापृष्ठ है और उसने आम भारतीय को भीतर तक झकझोर दिया। 

हरियाणा में कानून एवं व्यवस्था पर सवाल तो उठ ही रहे हैं और इन सवालों को इसलिए कहीं अधिक गंभीर बना दिया है क्योंकि सीबीएसई टॉपर रही इस छात्रा की आंखों में निश्चय ही सुनहरे भविष्य के सपने पल रहे होंगे। जिस तरह का व्यभिचारी, बलात्कारी एवं यौन विकृति का समाज हम बना रहे हैं, उसमें बालिकाओं के सपने एक झटके में ही खत्म हो रहे हैं। आज देश की कोई बेटी खुद को सुरक्षित नहीं मानती। सब इसी आशंका में जीती हैं कि न जाने कब, किसके साथ कुछ गलत हो जाए। ‘पढ़े बालिकाः बढ़े बालिका’ के सरकारी नारों की धज्जियां उड़ना एक गंभीर स्थिति को बयां कर रहा है। हरियाणा सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार के सम्मुख नारी अस्मिता की सुरक्षा की बड़ी चुनौती है। बलात्कार की बढ़ती घटनाओं की कई वजहें हैं। सबसे बड़ा कारण तो बलात्कार पीड़िता को तुरंत न्याय न मिल पाना है। ऐसे मामलों के निपटारे में काफी वक्त लगता है। अव्वल तो जल्दी अपराधी पकड़े नहीं जाते, और फिर अगर उसे पकड़ लिया जाता है, तो पुलिस पर उसे छोड़ने का राजनीतिक दबाव आ जाता है। इसके बावजूद अपराधी यदि कोर्ट तक पहुंच जाए, तो कानूनी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि पीड़िता के लिए न्याय का ज्यादा महत्व शायद ही रह जाता है। एक और विरोधाभासी स्थिति देखने में आ रही है कि वास्तविक रूप में घटित होने वाली इन घटनाओं की सुध लेने की बजाय फर्जी बलात्कार की घटनाओं के फर्जी मामलों की ज्यादा सुध ली जा रही हैं, जिससे दोषी व्यक्ति की जगह निर्दोष लोग कड़े एवं सख्त कानून के शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थितियों में अपराध करने वाले खुलेआम एक और अपराध करने की दिशा में आगे बढ़ जाते हैं।

हरियाणा बलात्कार को लेकर सुर्खियों में हैं। बेटियों के लिए वह सबसे असुरक्षित राज्य साबित हो रहा है। हरियाणा पुलिस ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में 30 नवंबर तक बलात्कार के कुल 1238 मामले दर्ज किए गए। यानी हर दिन लगभग चार बलात्कार के मामले दर्ज हुए। हम सभी कल्पना रामराज्य की करते हैं पर रच रहे हैं महाभारत। महाभारत भी ऐसा जहां न कृष्ण है, न युधिष्ठिर और न अर्जुन। न भीष्म पितामह हैं, न कर्ण। सब धृतराष्ट्र, दुर्योधन और शकुनि बने हुए हैं। न गीता सुनाने वाला है, न सुनने वाला। बस हर कोई द्रोपदी का चीरहरण कर रहा है। सारा देश चारित्रिक संकट में है और हमारे कर्णधार देश की अस्मिता और अस्तित्व के तार-तार होने की घटनाओं को भी राजनीतिक ऐनक से देख रहे हैं आपस में लड़ रहे हैं, कहीं टांगंे खींची जा रही हंै तो कहीं परस्पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं, कहीं किसी पर दूसरी विचारधारा का होने का दोष लगाकर चरित्रहनन किया जा रहा है। जब मानसिकता दुराग्रहित है तो दुष्प्रचार ही होता है। कोई आदर्श संदेश राष्ट्र को नहीं दिया जा सकता। सत्ता-लोलुपता की नकारात्मक राजनीति हमें सदैव ही उल्ट धारणा विपथगामी की ओर ले जाती है। ऐसी राजनीति राष्ट्र के मुद्दों को विकृत कर उन्हें अतिवादी दुराग्रहों में परिवर्तित कर देती है। 

अच्छे भविष्य के लिए हम बेटियों की पढ़ाई से ही सबसे ज्यादा उम्मीदें बांधते हैं।  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे हमारे संकल्प को बताते हैं, हमारी सदिच्छा को दिखाते हैं, भविष्य को लेकर हमारी सोच को जाहिर करते हैं, लेकिन वर्तमान की हकीकत इससे उलट है। महेन्द्रगढ की उस मेधावी छात्रा के साथ जो हुआ, वह बताता है कि लड़कियों की पढ़ाई उनके बचने की बहुत बड़ी गारंटी नहीं है। वे पढ़ाई में अपने झंडे भले ही गाड़ दें, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की क्रूरताएं कई तरह की हैं। सीबीएसई की परीक्षा में टॉप बालिका की अस्मिता को नौंचने की इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाना स्वाभाविक है। महेन्द्रगढ़ की पुलिस से कहीं-न-कहीं चूक हुई है। जब कभी ऐसी किसी खौफनाक, त्रासद एवं डरावनी घटना की अनेक दावों के बावजूद पुनरावृत्ति होती है तो यह हमारी जबावदारी पर अनेक सवाल खड़े कर देती है। आखिर वह कथित घुमंतू बदमाशों की कमर तोड़ने के साथ अपराध बहुल इलाकों की निगरानी का बुनियादी काम क्यों नहीं कर सकी? 

 प्रश्न है कि आखिर हम कब औरत की अस्मत को लुटने की घटना और मानसिकता पर नियंत्रण कर पायेंगे? मान्य सिद्धांत है कि आदर्श ऊपर से आते हैं, क्रांति नीचे से होती है। पर अब दोनों के अभाव में तीसरा विकल्प ‘औरत’ को ही ‘औरत’ के लिए जागना होगा। सरकार की उदासीनता एवं जनआवाज की अनदेखी भीतर-ही-भीतर एक लावा बन रही है, महाक्रांति का शंखनाद कब हो जाये, कहां नहीं जा सकता? दामिनी की घटना ने ऐसी क्रांति के दृश्य दिखायें, लगता है हम उसे भूल गये हैं। एक सृसंस्कृत एवं सभ्य देश के लिये ऐसी क्रांति का बार-बार होना भी शर्मनाक ही कहा जायेगा। आज जब सड़कों पर, चैराहों पर किसी न किसी की अस्मत लुट रही हो, औरतों से सामूहिक बलात्कार की अमानुषिक और दिल दहला देने वाली घटनाएं हो रही हों, इंसाफ के लिए पूरा देश उबल रहा हो और सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनाक्रोश को भांपने में विफल रहे हों, इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा। देश का इस तरह बार-बार घायल होना और आम आदमी की आत्मा को झकझोर कर रख देना- सरकार एवं प्रशासन की विफलता को ही उजागर करता है। जनता का क्रोध बलात्कारियों और सरकार दोनों के प्रति समान है। ऐसी विडम्बनापूर्ण घटनाओं पर जनता के आक्रोश पर सरकार और पुलिस का यह सोचना कि यह भीड़ तंत्र का तमाशा है कुछ समय बाद शांत हो जाएगा, यह भी शर्मसार करने वाली स्थिति है। हौसला रहे कि आने वाले वक्त की डोर हमारे हाथ में रहे और ऐसी ‘दुर्घटनाएं’ दुबारा ना हो।

यह घटना उस हरियाणा की है, जहां की बेटियों ने पूरे देश को गर्व करने के मौके बहुत सारे दिए हैं। पिछले दिनों हुए एशियाड खेलों में हरियाणा की लड़कियों ने देश को जितने मेडल दिलवाए, उतने तो शायद किसी और प्रदेश की लड़कियों ने नहीं दिलवाए होंगे। बात सिर्फ इतनी है कि जिस प्रदेश की लड़कियां पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा रही हों, वहां अगर इस तरह की घटना हो रही है, तो यह एक गंभीर चुनौती है। क्योंकि हरियाणा की बेटियों ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद समाज की दकियानूसी सोच को मात दी है। महेंद्रगढ़ की घटना ने बता दिया कि हरियाणा की बेटियों के लिए सीबीएसई की परीक्षा में टॉप करना या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना कितना भी कठिन क्यों न हो, पर समाज की पुरुषवादी सोच को बदलना उससे कहीं ज्यादा मुश्किल काम है। सवाल सिर्फ बेटियों का नहीं है, अगर हमें समाज को बचाना है, तो बेटियों को पढ़ाना होगा, उन्हें लगातार आगे बढ़ाना होगा और उनको सुरक्षित जीवन देना होगा। इसमें बाधक बनने वाले निर्मम लोगों को सजा तक पहुंचाना होगा। आज के दिन लोग कामना करें कि नारी शक्ति का सम्मान बढ़े, उसे नौंचा न जाये। समाज ‘दामिनी’ के बलिदान को न भूले और अपनी मानसिकता बदले। हर व्यक्ति एक न्यूनतम आचार संहिता से आबद्ध हो, अनुशासनबद्ध हो। जो व्यवस्था अनुशासन आधारित संहिता से नहीं बंधती, वह विघटन की सीढ़ियों से नीचे उतर जाती है।




(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
फोनः 22727486, 9811051133

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 15 सितंबर

$
0
0
’’स्वच्छता ही सेवा 2018‘‘ का आयोजन 15 सितम्बर से

sehore news
प्रदेश मे पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वच्छता ही सेवा अभियान का आयोजन 15 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक किया जावेगां। इस अभियान का मुख्य उददेश्य स्वच्छता गतिविधियों मे जन भागीदारी को बढावा दिया जाना है। जिले मे अभियान का शुभारंम सीहोर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बिलकिगंज में 15 सितम्बर को प्रातः 09ः30 बजे एक कार्यक्रम आयोजित कर किया जायेगा। जिसमें एलसीडी प्रोजेक्टर के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वच्छता संदेश ग्राम वासियों को सुनाया जायेगा तत्पश्चात ग्राम मे श्रमदान द्वारा साफ-सफाई की जावेगी। शुभारंभ कार्यक्रम संचालक स्वच्छ भारत मिशन श्री अशित गोपाल, जिला कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथौडे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा, सयुक्त संचालक स्वच्छ भारत मिशन श्री अरूण श्रीवास्तव, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन श्री विकास वाघाडे सहित जिले के समस्त आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधि सम्मिलित होगें।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 15 सितंबर

$
0
0
कैंसर निदान एंव मषीनों से सुननेकीजांच 16सितम्बर को

विदिषा सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 16 सितम्बर रविवार को सुबह11 बजे से कैंसर रोग से पीड.ीत मरीजों की जांच एंव चिकित्सा परामर्ष जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल रिसर्च सेंटर भोपाल के डाॅ महेन्द्र पाल सिंग दृारा की जायेगी एंव माई ईयर हियरिंग एंड स्पीच क्लीनिक भोपाल के डा ईषा जैन एंव उनकी टीम दृारा सुनने की जांच की जायेगी। सेवाभारती के सचिव राजीव भार्गव ने ऐसे बच्चे जो जन्म से ही गूग,ेंबहरे,सुनने और बोल ना पाते हों जिनकी आयु 5 साल से कम हो उनके आपरेषन निःषुल्क किये जायेगें। इस उपचार  षिविर का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन 16 सितम्बर रविवार को सुबह 10बजे से 12 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। विदिषा से बाहर के मरीज अपना पंजीयन मोबाइ्रल नं.9425483315 पर करा सकते हैं।

सौम्या के गायन का स्टार प्लस टीवी शो दिल है हिन्दुस्तानी में आज रविवार को भी होगा प्रसारण

saumya-vidisha
विदिषा 15 सितम्बर 2018/लोकप्रिय टीवी चैनल स्टार प्लस पर जारी अंतर्राष्ट्रीय सिंगिंग रियलिटी शो ‘‘दिल है हिन्दुस्तानी‘‘ के अंतर्गत आज रविवार को भी रात्रि 8 बजे प्रसारित होने वाले शो में स्थानीय ट्रिनिटी काॅन्वेन्ट स्कूल की कक्षा 8 की होनहार छात्रा तथा सुप्रसिद्ध नन्हीं गायिका सौम्या शर्मा एक बार फिर अपनी चमत्कारी गायन का जादू बिखेरेंगी। इस बार वे विष्व विख्यात संगीत कलाधर्मी सुरेष वाडकर के साथ गायन करती दिखाई देंगी। इन दोनो दिनों के शो श्री गणेष चतुर्थी पर्व के कारण भगवान श्री गणेष को समर्पित होंगे। स्मरणीय है कि सौम्या इसके पूर्व सुप्रसिद्ध वरिष्ठ संगीतकार उदित नारायण तथा उनके गायक सुपुत्र आदित्य नारायण, मीकासिंह, कुमार सानु, सुखविन्दर सिंह, शान, संगीत विभूति आषा भोंसले, बेनी दयाल, हिमेष रेषमिया तथा सलीम और सरदाल सिकन्दर के साथ गायन कर स्पर्धा में सर्वोच्च स्तर पर चयनित हो चुकी हैं। अन्य गायन विभूतियों के साथ भी उनका गायन का यह क्रम सितम्बर माह में आगे भी जारी रहेगा।  उल्लेखनीय है कि विष्व भर के बड़े-बड़े दिग्गज सिंगरों को पीछे छोड़कर सौम्या ने टॉप-मोस्ट रैंक में अपना विषेष स्थान बनाया है। उसकी जन्मजात चमत्कारी विषिष्ट प्रतिभा तथा दर्षक जनता-जनार्दन से प्राप्त हो रहे आषीर्वाद से वह इस खास मुकाम पर पहुंची है। दिल है हिन्दुस्तानी शो के जज देष के सुविख्यात म्यूजिक डायरेक्टर प्रीतम दा, सुप्रसिद्ध गायिका सुनिधि चैहान तथा नम्बर 1 रैपर सिंगर बादषाह हैं। राघव तथा मुक्ति जैसी कलाधर्मी हस्तियां मंच की समन्वयक हैं। संगीत जगत की ये ही विभूतियां सौम्या की प्रतिभा का आंकलन कर रही हैं। इन्हीं विभूतियों ने सौम्या को गोल्डन डिष तथा ‘‘दिल‘‘ की अत्याकर्षक प्रतिकृतियां विजयवरण के स्वरूप अपने कर कमलों से प्रदान कीं हैं। 

विष्व स्तरीय स्पर्धा 
इस विष्व स्तरीय ओपन-टू-आॅल अर्थात् सभी आयु वर्ग के प्रतियोगियों के लिए एक साथ आयोजित स्पर्धा में विष्व के अनेक देषों के लाखों प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिनके प्रारंभिक आॅडिषन्स उनके देषों में ही हुए और उनमें चयनित हजारों प्रतियोगियों में से मेघा आॅडिषन में अनंतिम चयन कर चयनित प्रतियोगियों को फाइनल मेघा आॅडिषन हेतु भारत बुलाया गया। इस प्रकार सौम्या ने ना केवल भारत, अपितु अन्य विभिन्न देषों के चयनित प्रतियोगियों के साथ भी कड़ी स्पर्धा कर उच्च स्थान प्राप्त कर अपने स्कूल, नगर तथा प्रदेष-देष का नाम रोषन किया है।

सौम्या शर्मा ने वोट के रूप में आषीर्वाद का किया आग्रह

विदिषा 15 सितम्बर 2018/लोकप्रिय टीवी चैनल स्टार प्लस के रियलिटी सिंगिंग-षो ‘‘दिल है हिन्दुस्तानी‘‘ में अपनी जन्मजात विषिष्ट गायन प्रतिभा प्रदर्षित कर विदिषा की नन्ही बेटी सौम्या शर्मा विदिषा क्षेत्र सहित प्रदेष-देष का भी नाम रोषन कर रही है। यह शो प्रत्येक शनिवार-रविवार को रात 8 बजे प्रसारित होता है और दोनों दिन इसी समय अर्थात रात्रि 8 बजे से प्रतिभागी के पक्ष में वोटिंग भी होती है, जो दूसरे दिन प्रातः 8 बजे तक जारी रहती है। सौम्या को टोल फ्री (निषुल्क) नम्बर 18008439704 पर काॅल कर वोट किया जा सकता है। नम्बर डायल करने पर थेंकयू फाॅर वोटिंग की आवाज आएगी और फिर एक बीप (ध्वनि) के साथ आपका काॅल स्वतः ही कट जाएगा। आपको फोन काटने की आवष्यकता नही होगी। सौम्या ने सभी से वोट के रूप में प्रोत्साहनपूर्ण आषीर्वाद प्रदान करने का आग्रह किया है। 


दुमका : स्वच्छता हर नागरिक के लिए जरूरी : रघुवर दास

$
0
0
प्रधानमंत्री व सिर्फ मुख्यमंत्री का यह  कार्यक्रम नहीं, जन-जन का कार्यक्रम है- 
swaswachchata-need-for-every-citizen-raghuwar
दुमका (अमरेन्द्र सुमन)मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हमारे आदिवासी भाई- बहन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। साफ सफाई केवल हमारा या आपका काम नही हैं, यह हम सबका काम है। स्वच्छता हर नागरिक के लिए जरूरी है। यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का कार्यक्रम नहीं हर जन का कार्यक्रम है। हमें पूरे राज्य में साफ सफाई को एक आंदोलन का रूप देना है जिससे 2 अक्टूबर तक पूरा राज्य स्वच्छ दिखे।* गंदगी से कई बीमारियां होती हैं, यदि गंदगी नहीं रहेगी तो इन बीमारियों पर होने वाले खर्च को हम बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री आज 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वछ्ता पखवाड़ा के तहत राँची के नया टोला डिबडीह में राज्य स्तर पर सफाई अभियान के आरंभ के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है। देश में आज सभी लोग अपने-अपने मोहल्ले, अपने गली, अपने घर में स्वच्छता का अभियान चला रहे हैं। आज मैं भी एक स्वच्छाग्रही के नाते अपने आदिवासी भाई-बहन के साथ इस अभियान को मना रहा हूँ। उन्होंने कहा कि इस नया टोला से आज झारखण्ड के स्वच्छता अभियान की शुरूआत हो गई है। इस नया टोला से हमें नया उत्साह प्राप्त हो रहा है जो हमें और प्रेरणा देने का काम  करेगा।  रघुवर दास ने कहा कि अगर हमारा मोहल्ला साफ-सुथरा रहेगा तो हमारे यहाँ डायरिया, मलेरिया जैसी कोई बीमारी नहीं होगी। इसलिए स्वच्छता को हमें दैनिक कार्य के रूप में अपने मोहल्ले में करना है। ये जिम्मेदारी हमें निभाने की जरूरत है और उसी निमित्त यह कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि 23 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी रांची आ रहे हैं, मैं आपको आमंत्रित करने आया हूँ, इसी दिन रांची से आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत हो रही है, मैं आपको प्रभात तारा मैदान में होने वाले कार्यक्रम में बुलाने आया हूँ। 23 सितम्बर से झारखण्ड में 57 लाख परिवारों को 5 लाख रूपये के हेल्थ बीमा से जोडने का काम शुरू कर दिया जायेगा। हमारी सरकार ने तय किया है कि कोई गरीब, बे-दवा, बे-इलाज न मरे। प्रधानमंत्री जी भगवान बिरसा मुण्डा, सिदो-कान्हू की धरती से पूरे देश में इस कार्यक्रम का अनावरण करेंगे। दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ स्कीम झारखण्ड की धरती से 23 सितंबर को आरंभ होगा। आप सबों से अनुरोध हैं कि प्रभात तारा के मैदान में आप सभी बड़ी संख्या में पहुँचे। उस दिन 5 गरीब लाभुकों को प्रधानमंत्री जी इस योजना से जोडकर इसकी शुरूआत करेंगे। दूसरे दिन से पूरे राज्य में जबतक 57 लाख परिवारों को इससे ना जोड लिया जाये तबतक यह कार्य चलता रहेगा। इसलिए इस स्कीम की जानकारी आप समझें और आसपास के गरीबों को समझायें।

बिहार : अब ग्वालियर में मिलेंगे के वादा के साथ एकता परिषद,बिहार की बैठक संपन्न

$
0
0
ekta-parishad-meeting
पटना : एकता परिषद,बिहार की एक दिवसीय जन आंदोलन 2018 की तैयारी बैठक में प्रगति भवन में हुई.इसमें शिविर नायक एवं अन्य शीर्ष नेताओं ने भाग लिया.यह तैयारी की आखरी बैठक थी.अब बिहार के बाद ग्वालियर में मिलेंगे के वादा के साथ प्रस्थान कर गए. बताते चले कि एकता परिषद जन संगठन व अन्य  सम्मान विचारधाराओं के लोगों ने जन आंदोलन 2018 सत्याग्रह पदयात्रा का शंखनाद कर रखा है.इसमें 6 सूत्री मांग शामिल है. जो इस प्रकार है राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना, वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो.इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर 2018 से ग्वालियर से सत्याग्रह शुरू होगा. 2 व 3 अक्टूबर को सत्याग्रही उपवास रखेंगे.वहीं 2 तारीख को जन संगठन के लोगों के लिए और 3 अक्टूबर को राजनीतिक नेताओं की सभा होगी.अगर केंद्र सरकार के द्वारा 6 सूत्री मांग को नजरांदाज की गयी तो 4 अक्टूबर से सत्याग्रह पदयात्रा शुरू कर दी जाएगी.ग्वालियर से चलकर सत्याग्रही मुरैना पहुंचेंगे.यहां पर 5 अक्टूबर को आमसभा होगी. बता दें कि इस बीच एकता परिषद के द्वारा देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया.एक लाख से अधिक लोगों का हस्ताक्षर को महामहिम राष्ट्रपति को सौंपना है. अकेले बिहार ने 45 हजार लोगों का हस्ताक्षर करा लिया है. हस्ताक्षरयुक्त 25 बुक को एकता परिषद,बिहार के प्रांतीय संयोजक उमेश कुमार ने प्रदीप प्रियदर्शी, उपाध्यक्ष, एकता परिषद को सुपुर्द किया.  बता दें कि एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी हैं.उन्होंने कहा कि रविवार को दिल्ली जा रहे हैं. 45 हजार लोगों का हस्ताक्षरयुक्त बुक को साथ में ले जा रहा है.राष्ट्रीय कार्यालय को बुक सौंप देंगे.देशभर के लोगों का हस्ताक्षरयुक्त बुक को महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि बिहार से पांच हजार सत्याग्रही जन आंदोलन में शिरकत करेंगे.यहां से सत्याग्रही 30 सितम्बर से ग्वालियर जाना शुरू कर देंगे.  तैयारी बैठक में व्यापक चर्चा की गयी.इस चर्चा में मंजू डुंगडुंग, सिंधु सिंहा,श्याम नंदन सिंह,रंजीत राजभर,दुलारचंद राम,धरमू राम,कौशल कुमार आदि भाग लिए.पटना,भोजपुर,बक्सर, गया, कटिहार, जमुई, मुजफ्फरपुर, बांका आदि जिले के लोग आए थे. 

बिहार : कोसी क्षेत्र में मखाना कॉरीडोर विकसित किया जाएगा : डॉ पारसनाथ

$
0
0
- मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार की टीम लगातार सर्वेक्षण का कार्य कर रही है, कोसी क्षेत्र में मखाना कॉरीडोर विकसित करने में कृषि महाविद्यालय पूर्णिया की अग्रणी भूमिका होगी

makhana-will-develop-in-kosi- paswan
कुमार गौरव । पूर्णिया : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के द्वारा पांच दिवसीय आत्मा, दरभंगा बिहार द्वारा प्रायोजित मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। पांच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि महाविद्यालय पूर्णिया की स्नातक कृषि की छात्राओं के स्वागत गान के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि डाॅ पारसनाथ सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि परियोजना निदेशक, आत्मा सुधीर कुमार राय तथा उपस्थित किसानों, वैज्ञानिकों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अतिथियों द्वारा प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों को बिहार कृषि विवि सबौर द्वारा प्रकाशित बिहार किसान डायरी 2018 प्रदान की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते प्राचार्य ने सभी मुख्य अतिथियों का फूलों का गुलदस्ता प्रदान कर स्वागत किया। अपने स्वागत अभिभाषण में प्राचार्य ने भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के सात वर्षों के सफर की विस्तृत जानकारी दी। जिसमेें महाविद्यालय में कृषि शिक्षा, शोध, प्रसार एवं प्रशिक्षण के साथ साथ अन्य गतिविधि मसलन राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी, रेड रिबन क्लब, एंटी ड्रग क्लब, साहित्यिक एवं वाद विवाद परिषद, हिंदी चेतना मास, स्वच्छता ही सेवा अभियान के द्वारा किए गए कार्यों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भविष्य में जल्द से जल्द कोसी क्षेत्र में मखाना कॉरीडोर विकसित किया जाएगा। जिसके लिए मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार की टीम लगातार सर्वेक्षण का कार्य कर रही है। कोसी क्षेत्र में मखाना कॉरीडोर विकसित करने में कृषि महाविद्यालय की अग्रणी भूमिका होगी। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास मिशन के पाठ्यक्रम में बिहार कृषि विवि, सबौर के प्रयास से मखाना विषय पर 240 घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्मिलित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। जिसका अनुमोदन हो गया है। 

...किसानों को मिले प्रशिक्षण : 
दरभंगा के किसान श्याम कुमार सहनी एवं नरेश कुमार मुखिया ने मखाना कृषकों की समस्या पर चर्चा करते हुए मखाने की उन्नत किस्में, बीज की उपलब्धता, बोहराई यंत्र व लावा निकालने की मशीन के विकास के साथ साथ अन्य फसलों की तरह मखाने की फसल को सरकारी अनुदान में शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मखाना फसल के साथ मछली पालन हम सभी किसानों के लिए काफी लाभकारी होगा। किसानों को इस प्रकार का प्रशिक्षण समय समय पर सरकार द्वारा मिलता रहे तो सूबे के सभी मखाना उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा। 

...मखाने के साथ मछली का किसान करें उत्पादन : 
परियोजना निदेशक, आत्मा, पूर्णिया सुधीर कुमार राय ने बताया कि कोसी क्षेत्र में मखाने की अपार संभावनाएं है। मखाना किसानों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करना एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने बताया कि मखाने की खेती में सबसे बड़ी समस्या खेत से मखाना बीज की बुहराई एवं बीज से लावा बनाना। जिसमें एक समस्या के निदान के लिए मखाना आधुनिक प्रसंस्करण यंत्र की स्थापना कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में की जा चुकी है। आत्मा द्वारा संचालित किसानों की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी व मखाना उत्पादक संघ गठित करने की सलाह दी। मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा मखाना फसल क्षेत्र के विस्तार एवं सही तरीके से खेती की पद्धति में मछली को शामिल कर किसानों की आय को दोगुना करने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है। उन्होंने महाविद्यालय द्वारा विकसित मखाने की प्रजाति सबौर मखाना-1 का कोसी क्षेत्र के किसानों के द्वारा अपनाकर पुरानी पद्धति से अधिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। यदि किसान तालाब पद्धति में मखाना के साथ मछली पालन को अपनाएं तो अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

...किसानों को जागरूक व संगठित होने की है जरूरत : 
वहीं तकनीकी सत्र में मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने नगदी फसल के रूप में मखाना सह मछली की खेती : संभावना एवं महत्व विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि खासतौर पर सूबे में देश की आजादी के कई वर्षों बाद भी हमारे किसान भाई अपने हकों की रक्षा के लिए न तो जागरूक हो पाए और न ही संगठित। इसलिए वर्तमान परिवेश में किसानों को स्वयं जागरूक होकर विभिन्न कृषि की संस्थाओं से योजनाओं व प्राप्त होने वाले लाभ को प्राप्त कर अपने सामाजिक आर्थिक विकास की बात सोचने की जरूरत है। मखाना सह मछली पालन कर किसान एक ही समय में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को अपने मखाना एवं मछली का अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए एक उद्यम के रूप अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा बनो उद्यमी अभियान की शुरूआत की गई है। जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। मखाना सह मछली पालन के लिए एक कंपनी बनाकर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। जिसमें कंपनी चलाने के लिए शेयर एवं शेयर धारकों का होना बहुत ही जरूरी है। हम सभी चाहते हैं कि बिचैलियों को हटाया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। हम सभी किसान बिचौलियों को अपना उत्पाद औने पौने मूल्य पर बिक्री कर देते हैं। लेकिन जब अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए स्वयं को खड़े होने की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं या अपने आपको असहाय महसूस करते हैं। 

...मखाना कंपनी से किसानों को ये होगा लाभ : 
- मखाना उत्पादक कंपनी मखाना के साथ साथ अन्य फसलों के लिए खाद, बीज, कीट एवं व्याधिनाशक रासायनिक दवा थोक दर उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएगी। जिसका उत्पादन लागत काफी कम होगा।
- महाविद्यालय के वैज्ञानिकों के दल की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से मखाना सह मछली उत्पादन पर शोध कार्य चल रहा है।
- कृषि उत्पाद के विक्रय के लिए नाबार्ड द्वारा देश के अन्य राज्यों में संचालित कृषक उत्पादक कंपनी से जोड़ा जाएगा। ताकि किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके। साथ ही बिचैलियों की भागीदारी को समाप्त किया जा सके। 
- मखाना बुहराई यंत्र से लेकर आधुनिक प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, मखाना सह मछली पालन के बारे में पुराने लोगों में भ्रांतियां थी कि मखाना के साथ केवल कवई, गरई, देशी मांगुर एवं सिंघी मछली का उत्पादन हो सकता है। कतला, रेहु एवं मृगल (नैनी) का पालन मखाना के साथ नहीं हो सकता क्योंकि मखाना के पौधे में कांटे होते हैं व जब फसल चरम पर होती है तो तरलाब के पानी की ऊपरी सतह को पूर्णतः ढंक देती है। विगत कई वर्षों के अथक अनुसंधान से मखाना सह मत्स्य पालन तकनीक विकसित की गई है। तालाब क्षेत्रफल का 1/10 भाग तालाब के बीच में बांस के चार खूंटों के सहायता से खाली छोड़ा जाता है। जिसे रिफ्यूज क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र में मखाना का कोई पौधा नहीं होता है। कुल लागत 75 से 80 हजार रूपये प्रति हैक्टेयर एवं शुद्ध लाभ 1 लाख 15 हजार रूपए प्राप्त कर सकते हैं।

...जैविक खाद का ही करें प्रयोग : 
डाॅ पंकज कुमार यादव ने मखाना में पोषक तत्वों के प्रबंधन के बारे व जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए मखाना के साथ मखाना आधारित विभिन्न फसलों के वार्षिक चक्र के बारे में बताया। साथ ही कृषकों से सजग व सचेत होकर फसलों के चयन की बात कही। साथ ही कोसी क्षेत्र में अनुपयुक्त जलजमाव क्षेत्रों की उत्पादकता, लाभप्रदता में वृद्धि एवं टिकाऊ खेती के लिए मखाना उत्पादन की तकनीक का उचित उपयोग करें। मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम से कम करें। किसी भी फसल को लगाने से पूर्व मिट्टी की जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने की योजना चलाई जा रही है। मिट्टी जांच से पूर्व मृदा नमूना लेने की विधि एवं मिट्टी जांच की विस्तारपूर्वक चर्चा करते मिट्टी में घटते कार्बन की मात्रा पर चिंता व्यक्त की तथा किसानों से अनुरोध किया कि बिना मिट्टी जांच के किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ का प्रयोग मिट्टी में न करें। उन्होंने बताया कि ढैंचा व सनई की फसल को हरी खाद के रूप में वर्मी कम्पोस्ट(केंचुआ खाद), जैविक खाद (गोबर की खाद) एवं जैव उर्वरक का अधिक से अधिक उपयोग करें। जिससे खेतों में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा संतुलित हो सके।

...इन किसानों ने लिया हिस्सा : 
दरभंगा के किसान सुनील कुमार सहनी, राजन कुमार झा, श्रवण कुमार, हरदेव मुखिया, बिल्टु मुखिया, बुधन मुखिया, दिनेश मुखिया, रौदी मुखिया, कमलेश मुखिया समेत कुल बीस मखाना उत्पादक कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ जेएन श्रीवास्तव, डाॅ जनार्दन प्रसाद, डाॅ रवि केसरी, डाॅ तपन गोराई, जय प्रकाश प्रसाद, अनुपम कुमारी, डाॅ माचा उदय कुमार, ई. मोहन सिन्हा एवं कर्मचारियों ने अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ पंकज कुमार यादव द्वारा किया गया।

"स्वच्छता ही सेवा पखवाड़़ा"की हुई शुरूआत*

$
0
0
परमार्थ निकेतन के तत्वावधान में अनेक देशों से सैलानियों, योग जिज्ञासुओं और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क में चलाया स्वच्छता अभियान, पूज्यस्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने प्लास्टिक मुक्त धरा का कराया संकल्प, युवा बने प्रकृति के सच्चे प्रहरी-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी
swachchta-pakhwada
ऋषिकेश, 15 सितम्बर।भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी द्वारा घोषित ’स्वच्छ भारत अभियान’ और "स्वच्छता ही सेवा"पखवाड़ा को मूर्त रूप देने के लिये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में भारत, अमेरिका, इजरायल, टर्की, इंग्लैंड, यूरोप, सिंगापुर एवं अन्य कई देशों से परमार्थ निकेतन आये सैलानी, योग जिज्ञासु और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया।  सावन माह में नीलकंठ की यात्रा के दौरान नीलकंठ मार्ग में प्लास्टिक का अंबार लग जाता है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण का असर वन्य प्राणियों, मनुष्य, मृदा, जल और पेड़ पौधों पर भी पड़ता है। प्रतिवर्ष लगभग चार करोड़ टन कचरा हमारी पृथ्वी पर डाला जाता है तथा 80 लाख टन प्लास्टिक समुद्र में प्रतिवर्ष जा रहा है। अगर इस प्रकार प्लास्टिक समुद्र मंे डाला जाता रहा तो कुछ वर्षो पश्चात समुद्र में मछलियां कम और प्लास्टिक अधिक दिखायी देगी। मी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज भारत नये दौर से गुजर रहा है; पूरा विश्व नई आबोहवा की तलाश में है। भारत ने अपनी काबलियत की बदौलत विश्व स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। वहीं दूसरी ओर हमारा देश आज भी स्वच्छता के अभाव के कारण अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। इसके लिये नीति-निर्माता एवं दूरगामी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ भारत के प्रत्येक नागरिक को भगीरथ प्रयास करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि प्रदूषण, प्लास्टिक, कचरा जिस तीव्र गति से बढ़ रहा है उस माहौल में हम स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते है। वर्तमान समय में प्रकृति खतरनाक स्तर पर जा पहंचा है अतः हम सभी को मिलकर प्रयास करने तथा प्रकृति के सच्चे प्रहरी बनने की जरूरत है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री जी ने 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाने का जो लक्ष्य रखा है उसे हम सभी भारतवासियों का भी प्रमुख लक्ष्य बनाना होगा। स्वामी जी ने कहा कि हम इस ब्रह्मांड के जनक और संचालक नहीं है तो हमें इसका विध्वंसक बनने का भी कोई अधिकार नहीं है। हम प्रकृति के सौन्दर्य को देखें; उसकी खूबसूरती को आत्मसात करें तथा प्रकृति के मर्म को समझें और प्रकृति के अनुरूप जीवनयापन करें। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, सुश्री गंगा नन्दिनी, स्वामिनी अदित्य नन्दा जी, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, नरेन्द्र बिष्ट, योग जिज्ञासु मिशल, श्रेयसी विश्वास, अल्द्रीना फर्नाडो, शताक्षी, रिया मुखर्जी, अंजु बिष्ट, उर्मिला, ऐमी दिवाकर, ऐश्वर्या, सविता, सुष्मिता सिंह, अंकिता गुप्ता, शुभी, मनु सिंह, बोन्दिता आचार्या, नोमितो कामदार, केया वासवानी, निधि कामथ, गौरी, गीतांजलि, परमार्थ निकेतन में आये यू. आर. आई. दल के सदस्य तथा रिप्पल अकादमी के सदस्यों एवं परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने बढ-चढ़ कर सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने धरा को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प कराया।

बिहार : दारू की फैक्ट्री को देख नहीं सकने वाले थानाध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह निलम्बित

$
0
0
लाइव आर्यावर्त की भविष्यवाणी सत्य 'दीघा थाना प्रभारी का निलम्बन तय'
sho-suspended
पटना,16 सितम्बर। पटना-दीघा रेलखंड के किनारे झोपड़ियों में रहने वालों ने महुआ दारू बनाने की फैक्ट्री खोल रखा था. अतिक्रमण मुक्त पटना और आर. ब्लॉक से दीघा तक रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वालों से जमीन को मुक्त कराने के उद्देश्य से दीघा मुसहरी में टीम गयी थी. यहां पर दर्जनों जगहों पर महुआ दारू बनते देखकर डी.एम.कुमार रवि का होश उड़ गया.उन्होंने दीघा थानाध्यक्ष से पूछा कि यहां पर महुआ और मिठ्ठा से निर्मित दारू की फैक्ट्री संचालित है? इसके जवाब में  थानाध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि हुजूर बाहर से कुछ दिखायी नहीं दे रहा था. तब लाइव आर्यवर्त ने घोषणा कर दिया कि 'दीघा थाना प्रभारी का निलम्बन तय'. यह भविष्य सत्य साबित हुआ. अव्वल वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने लिखित स्पष्टीकरण मांगा.इससे नाखुश होकर थाना प्रभारी सच्चिदानंद सिंह को निलम्बित कर दिया.

68 पैसे से मिलेगा 10 लाख का बीमा कवरेज

$
0
0
- ट्रेवल इंश्योरेंस के नियमों में किया गया है बदलाव, यात्रियों के पास है ऑप्शन, बीमा लें या नहीं : स्टेशन अधीक्षक - ट्रैवल इंश्योरेंस स्कीम का लाभ केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही है, दूसरे देश के नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा

68-paise-and-10-lac-insuranse-railway
पूर्णिया :  (कुमार गौरव)  आईआरसीटीसी ने ट्रैवल इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव किया है। पहले ऑनलाइन टिकट बुक करने पर यात्रियों को मुफ्त बीमा कवरेज दिया जाता था। लेकिन अब इसके लिए मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है। जिसे भुगतान कर दस लाख रुपए तक का बीमा लिया जा सकता है। नए नियम के अनुसार बीमा का लाभ लेना न अब जरूरी है और न ही फ्री। यदि रेलयात्री इसके लिए भुगतान करते हैं तो उन्हें बीमा कवरेज मिलेगा, अन्यथा नहीं। आईआरसीटीसी की साइट पर ट्रेन से यात्रा करने के लिए टिकट बुकिंग करते समय ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प दिखाई देता है। इस बारे पूर्णिया जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक मुन्ना कुमार बताते हैं कि नए नियमानुसार यहां यात्री के पास ऑप्शन रहता है कि वे बीमा लें या नहीं। साथ ही जनरल व रिजर्वेशन टिकट दोनों पर बीमा कवरेज का लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि ट्रैवल इंश्योरेंस स्कीम का लाभ केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही है। दूसरे देश के नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। वहीं इसके तहत पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे के लिए भी बीमा कवरेज का कोई प्रावधान नहीं है। जानकारी के अभाव में लोग इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते समय भी लोग इस ऑप्शन पर ध्यान नहीं देते हैं। 

...महज 68 पैसे में लाखों का कवरेज : 
यदि रेलयात्री बीमा का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए मात्र 68 पैसे भुगतान करने होंगे। इस 68 पैसे में ट्रेन दुर्घटना से लेकर डकैती तक के वारदात के लिए दस लाख रुपए तक का बीमा कवरेज का लाभ मिलेगा। इसके तहत मृत्यु होने पर दस लाख रुपए, स्थायी रूप से आंशिक अक्षमता के लिए 7.5 लाख रुपए एवं जख्मी होने पर अस्पताल में होने वाले खर्चों के लिए दो लाख रुपए का कवरेज दिया जाता है। 

...तीन बीमा कंपनियों के साथ आईआरसीटीसी ने किया है करार : 
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार आईआरसीटीसी ने ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए तीन बीमा कंपनियों के साथ करार किया है। इनमें रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी व आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। टिकट बुक करने व ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदने के बाद पॉलिसी दस्तावेज कंपनी की ओर से यात्री के इमेल आईडी पर भेजा जाता है। यात्रियों को इसमें खास ध्यान रखना होगा। 

...एप से टिकट बुकिंग करने पर मिल रहा कैशबैक : 
ट्रेन से यात्रा करने की यदि आप प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आईआरसीटीसी से ट्रेन का टिकट बुक करने पर कैश बैक का ऑफर मिल रहा है। यह कैशबैक मोबाइल वॉलेट मोबीक्विक, पेटीएम व फोन पे से भुगतान करने पर मिल रहा है। इस कैश बैक को पाने के लिए अलग से कुछ भी नहीं करना है। आईआरसीटीसी की साइट पर टिकट बुक करते समय पेमेंट के ऑप्शन पर इनमें से किसी मोबाइल वॉलेट से भुगतान करना होगा। बुकिंग कंफर्म होने के बाद कैशबैक मोबाइल वॉलेट में क्रेडिट हो जाएगा।

जी-9 टिश्यू से तैयार केले की नई वैरायटी से होगी केले की बंपर पैदावार

$
0
0
- एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत जिले में 200 हेक्टेयर में केले की नई किस्म को लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है- जी-9 टिश्यू से तैयार की गई इस नई वैरायटी से केले की बंपर खेती होने की उम्मीद है
banana-and-g-9-tissue
पूर्णिया : (कुमार गौरव) कोसी और सीमांचल का पूर्णिया जिला केला उत्पादन में अग्रणी है। धमदाहा, रूपौली, भवानीपुर, मोहनपुर, कसबा, बनमनखी के किसान अपने बूते केले की खेती कर न सिर्फ अपनी आमद बढ़ा रहे हैं बल्कि देश विदेश में अपनी खेती का परचम भी लहरा रहे हैं। यही कारण है कि केला उत्पादन को ले यहां के किसानों को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन पनामा बिल्ट नामक बीमारी से यहां के किसान परेशान हैं। अधिकांश केले के खेतों में पनामा बिल्ट ने अपना पांव पसार लिया है। नतीजतन समय से पूर्व केले के पौधे सूख रहे हैं और किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि उनका केले की खेती से मोहभंग भी होने लगा है। 

...200 हेक्टेयर में केले की नई वैरायटी लगाने का है लक्ष्य : 
हालांकि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत जिले में 200 हेक्टेयर में केले की नई किस्म को लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जी-9 टिश्यू से तैयार की गई इस नई वैरायटी से केले की बंपर खेती होने की उम्मीद है। दरअसल इस नई वैरायटी में बीमारी और रासायनिक उर्वरकों का असर कम होता है और खेत भी काफी लहलहाते हैं। बता दें कि टिश्यू कल्चर से तैयार केले की इस वैरायटी को लगाने के लिए जिले के किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही एक एकड़ से 4 एकड़ में केले की खेती में कुल लागत 1 लाख 25 हजार रूपए का 50 फीसदी अनुदान किसानों को सरकार देगी। 

...30 सितंबर तक जमा होंगे आवेदन : 
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत जिले के किसान टिश्यू कल्चर से तैयार केले का पौधा प्राप्त करने के लिए 30 सितंबर तक आवेदन दे सकते हैं। किसानी अपनी जमीन की रसीद, आधार कार्ड व बैंक अकाउंट की छायाप्रति लेकर कृषि समन्वयक या फिर जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में केले की फसल लगाने के लिए सरकार की ओर से 3,080 पौधे दिए जाते हैं। बता दें कि 200 हेक्टेयर के सापेक्ष में अब तक 56 हेक्टेयर के लिए 40 किसानों का आवेदन प्राप्त हुआ है। वहीं दूसरी ओर टिश्यू कल्चर केले की खेती के लिए सूबाई सरकार के द्वारा एक्सेल, सेल बायोटेक और टेरी नाम तीन निबंधित कंपनियों का चयन किया गया है। जिसके कर्मी किसानों से संपर्क कर टिश्यू कल्चर केले के पौधे मुहैया कराएंगे। बता दें कि इस नई किस्म के केले के पौधे से सामान्य केले के पौधे के मुकाबले बड़ा केला प्राप्त होता है और मार्केट वैल्यू भी अधिक है। 

...नई किस्म के केले के पौधे लगाने में किसान ले रहे दिलचस्पी : 
टिश्यू कल्चर केले की खेती के लिए कवायद की जा रही है। किसान इस नई किस्म के पौधे अपने खेतों में लगाने के लिए उत्सुक हैं। 50 फीसदी अनुदान की राशि मिलने व फसल में किसी प्रकार की बीमारी नहीं फैलने के कारण किसान इस नई किस्म को लगाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। : उपेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, पूर्णिया।

बिहार : प्रति बच्चा बीस हजार रू. दें सरकार : सिसिल साह

$
0
0
बाढ़ के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को पौष्ट्रिक आहार खरीदने के लिए  
government-should-give-20-thousand-sisil-saha
पटना,16 सितम्बर। जब से दीघा बिंद टोली से विस्थापित होकर बिंद समुदाय के लोग कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित हुए हैं.तब से बिंद टोली में गंगा नदी का पानी हेल जाना निश्चित है. यह सिलसिला तीन साल से जारी है. बता दें कि दीघा से कुर्जी आने पर गंगा नदी का विकराल रूप प्रथम बार बिंद टोली के लोग देखे थे.घर-द्वार छोड़ बाढ़ राहत शिविर में रहे.सरकार की ओर से पर्याप्त राहत सामग्री वितरित की गई.वहीं बाढ़ के दौरान शिशु होने पर प्रोत्साहन राशि दी गयी.कन्या शिशु को 15 व बच्चा को 10 हजार रू.दिया गया. बता दें कि पहले शहर से  सड़क सम्पर्क भंग होने के बाद रक्षा बंधन के दिन से  बिंद टोली के राह पर और  घरों में पानी हेलना शुरू कर दिया.इसी भीषण अवस्था में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पीड़ा शुरू हो जाता है.करीब एक दर्जन महिलाओं का बच्चा हुआ.बता दें कि अखिलेश महतो और फुलावर्ती देवी को पुत्र रत्न प्राप्त हुआ.इनका सामान्य प्रसव था.अकलू महतो व सविता देवी को पुत्र रत्न प्राप्त हुआ. उसका लोअर सेगमेंट  सीजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) हुआ.सूरज महतो व सूरती देवी को कन्या शिशु हुई है.इनका भी एलएससीएस से हुआ है. कुर्जी बिंद टोली में बाढ़ के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को पौष्ट्रिक आहार खरीदने के लिए सरकार प्रति बच्चा बीस हजार रू. दें.यह मांग बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने की हैं.उन्होंने कहा कि 25 अगस्त से लोगों का धंधा मंदा पड़ गया है.इसका असर लोगों के आहार पर पड़ने लगा है.शिशु को स्तनपान करवाने वाली मां पौष्ट्रिक    आहार की जरूरत है.जो जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने में सहायक है.

बेगूसराय : अगवा नाबालिग की बरामदगी को लेकर विहिप बजरंग दल का आक्रोश प्रदर्शन।

$
0
0
vhp-bajraang-dal-protest-begusarai
बेगूसराय (अरुण कुमार) फुलवरिया से अगवा हुई हिन्दू लड़की की बरामदगी के लिए विहिप बजरंगदल ने निकाला जुलुश, घेरा फुलवरिया थाना। फुलवरिया में विगत 4 दिन पहले अगवा हुई राजेन्द्र साह की नाबालिग बेटी की अभी तक बरामदगी नहीं होने पर आज विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल के सैकड़ों कार्यकर्ता फुलवरिया,बरौनी आलू चट्टी रोड से जुलूस निकलते हुए फुलवरिया थाना पर तेघड़ा sdm डॉ निशांत, sdpo आशीष रंजन, थानाध्यक्ष विवेक भारती का घेराव किया।जिसका नेत्रीत्व बजरंगदल विभाग संयोजक शुभम भारद्वाज व बजरंगदल तेघड़ा संयोजक रौशन मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।कार्यकर्ताओं ने प्रसाशन को 48 घण्टे के भीतर गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया,और उसके बाद चरणबद्ध आंदोलन की सूचना दी।शुभम भारद्वाज व रौशन मिश्रा ने बताया कि यह लव जिहाद का मामला है,हिन्दू लड़की को मुहम्मद राजा,मुहम्मद राशिद,मुहम्मद मोनू,मुहम्मद सोनू ने 12को उसके पिता के सामने से पिस्तौल के दम पर अगवा कर लिया था,जिसकी बरामदगी नहीं होना कट्टर इस्लामिक शक्ति के मजबूत होने का प्रमाण है। विहिप जिला मंत्री विकास भारती व सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिन्दू समाज चुप नहीं बैठेगा,लड़की की सकुशल वापसी नहीं हुई तो इस बार हमलोग चुप नहीं बैठेंगे,बेगुसराय में ऐसी घटनाएं नित्यदिन बढ़ रही है। रायुवा के मनीष व अमित ने कहा कि सिर्फ हिन्दू संगठन ही नहीं,सम्पूर्ण समाज को ऐसी घटनाओं का विरोध करना चाहिए। तेघड़ा dsp, sdm ने कहा कि हर हालत में 48घण्टे के भीतर गिरफ्तारी होगी,हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं। थानाप्रभारी ने कहा कि दोषियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है,इनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा। कार्यकर्ताओं ने रास्ते भर लव जिहादियों को फांसी दो,हिन्दू हीत का हनन हुआ तो खून बहेगी सड़कों पर जैसे नारे दिए,इलाके में बजरंगदल के आंदोलन के उपरांत तनाव व्याप्त है। मौके पर सौरभ सवारियां,विजय मेहता,अर्जुन पोद्दार,राहुल आदि के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

मेरी कविताएँ अनरिपोर्टेड दुनिया की चिट्ठियाँ हैं - विनोद विट्ठल

$
0
0
बनास जन का शिमला में लोकार्पण
banas-jan-lokarpan
शिमला।"बावजूद इस तथ्य के कि बहुत सारी कविताएँ लिखी जा रही हैं, इस समय कविताएँ लिख पाना मुश्किल है। एक ही समय में बहुत सारे समय ओवरलैप कर रहे हैं। पशु-पक्षियों, पुरातत्व की चीज़ों और भाषाओं को लेकर जहाँ चिन्ताएँ दिख रही हैं वहीं दूसरी ओर मनुष्य सबसे नाज़ुक दौर में है। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स और डेटा ने मनुष्य को न केवल विस्थापित किया है बल्कि पहले के किसी भी दौर की तुलना में अधिक अकेला, डरा हुआ और असहाय भी बनाया है। सीधे कहूँ तो मनुष्य को हैक किया जा चुका है.” उक्त विचार देश के जाने-माने युवा कवि और पत्रकार विनोद विट्ठल ने बनास जन द्वारा प्रकाशित विशेष कविता अंक  “पृथ्वी पर दिखी पाती” के विमोचन कार्यक्रम एवं एकल काव्यपाठ में व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच, शिमला द्वारा किया गया था। अपने वक्तव्य में विनोद विट्ठल ने कहा कि सभ्यता का विकास मनुष्य ने जिस सह-अस्तित्व, सहयोग और सहजीवन के मूल्यों के साथ किया था उन्हें भूमंडलीकरण पर सवार होकर आती इम्पीरीयलिस्टिक तकनीकी ताक़तों ने ख़तरे में डाल दिया है और इतना शोर कर रही हैं कि अधिकांश इस ख़तरे को महसूस ही नहीं कर पा रहे हैं। बाबाओं का बाज़ार है, धार्मिक उन्माद है, जातियाँ हैं, मॉब लिंचिंग है, खाप पंचायतें हैं, फ़्री डाटा है, वट्सएप्प-फ़ेसबुक हैं, टीवी के रीऐलिटी शो हैं, ख़बरिया चैनल हैं, हर-एक के अपने चैनल हैं, ख़ूब सारा प्रसारण-प्रकाशन है लेकिन सबसे ज़्यादा अनरिपोर्टेड समय है।

विनोद विट्ठल ने अपनी कविताओं की भूमिका बाँधते हुए कहा कि भूख से ज़्यादा लोग, ज़्यादा खाने से मर रहे हैं। युद्ध और महामारियों का काम अब दुनिया की बीस-तीस बड़ी कम्पनियाँ रही हैं जो अपने मुखौटे में सबसे ज़्यादा मानवीय और पीपल-सेंट्रिक लगती हैं। ग्लोबल होते समय में लोकल की हैसियत और राष्ट्रवाद की प्रासंगिकता में तरंगों पर चलते बाज़ार पर विवेक का बटन म्यूट पर कर दिया गया है। अब न आँख देखती है न मुँह बोलता है। कान वही सुनते हैं जो बाज़ार चाहता है। मन के अंधेरे में रोती हुई आत्मा की सुबकियों के बीच कृत्रिम रोशनी में चल रहे आईपीएल या ऐसे ही किसी कार्निवल के टिकट ऑनलाइन बिक रहे हैं, लोग पैकिज टूर पर घूम रहे हैं, गैजेट्स इस्तेमाल कर रहे हैं, डीपी बदल रहे हैं। सब कुछ डिज़ाइनर है और बिकाऊ भी। बस आपके खाते में पैसा हो।  काव्यपाठ करते हुए विनोद विट्ठल ने कहा की पत्रकारिता ने मेरी समझ को ज़्यादा धार दी है । छिनते हुए रोज़गार, ज़हर में बदलते खाद्य पदार्थ, हाँफती और लाचार अर्थव्यवस्थाएँ, ढहते हुए देश, ख़त्म होती खेती, छीजते हुए प्राकृतिक संसाधन, प्रदूषित कचरे और प्रतिबंधित दवाओं को ग़रीब मुल्कों के पेट में डालने का लगातार चल रहा गोरखधंधा, वायरस-एंटी वायरस और सैटेलाइट बनाने के उद्योग, दवाओं की खपत के लिए आविष्कृत बीमारियों और रोज़ बदलती तकनीक की भीषणता से कराहता मानव मस्तिष्क जैसी कितनी ही चीज़ें हैं जो अनरिपोर्टेड हैं। मेरी कविताएँ अनरिपोर्टेड दुनिया की चिट्ठियाँ हैं। इन चिट्ठियों को सम्भालिए।

इस अवसर पर विनोद विट्ठल ने अपनी कविता अड़तालीस साल का आदमी, टी-शर्ट, लेटर बॉक्स, जवाब, पृथ्वी पर दिखी पाती, अच्छे दोस्त और रफ़ कापी का पाठ किया ।कार्यक्रम में चर्चा करते हुए हिंदी के ख्यतिनाम कवि आत्मा रंजन ने विनोद विट्ठल की कविताओं को इस समय लिखी जा रही विश्व की श्रेष्ठतम कविताओं में शामिल करते हुए कहा की ये कविताएँ हमारे जटिल वर्तमान को पूरी बेबाक़ी और गहनता के साथ व्यक्त करती हैं। विनोद स्मृति , सूचना , ज्ञान और विवेक के मिश्रणवाली ऐसी कविताएँ रचते हैं जो बहुत काम दिखती हैं। इसीलिए जहाँ भाषा के स्तर पर इनका मुहावरा अलग है वहीं विषय और बिम्ब भी पूरी तरह से नए हैं । विनोद की कविताओं के लिए हिंदी कविता आलोचना के पास अभी तक प्रतिमान ही नहीं है । ये एक नई समीक्षा-दृष्टि की माँग करती हैं। कवि गुप्तेश्वरनाथ उपाध्याय ने विनोद को आत्मीय जरूरतों का कवि बताते हुए कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुडी उनकी कविताएं असल में परम्परा का वृहद् आख्यान प्रस्तुत करती हैं। 

आयोजन में हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच, शिमला के अध्यक्ष और विख्यात कथाकार एस आर हरनोट ने कहा कि विनोद विट्ठल पत्रकार की आत्मा में एक ऐसे कवि हैं जो अपनी पत्रकारीय समझ का इस्तेमाल साहित्य में बख़ूबी करते हैं और समृद्ध करते हैं। बनास जन ने पृथ्वी पर दिखी पाती को प्रकाशित कर एक बार फिर पुस्तिकाओं की तरफ़ हिंदी को लौट चलने का आह्वान किया है । ये पुस्तिका हिंदी के परम्परागत प्रकाशन प्रतिष्ठान को चुनौती देती नज़र आती है । आयोजन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आलोचक और कवि श्रीनिवास श्रीकांत ने कहा कि लघु पत्रिकाओं द्वारा समय समय पर जड़ताभंजक हस्तक्षेप किये गए हैं।  बनास जन ने विनोद विट्ठल की कविताओं पर अंक निकालकर फिर इसी तरह का काम किया है जो साहित्य के क्षेत्र में देर तक याद किया जाता रहेगा।  आयोजन में बडी संख्या मे लेखकों और संस्कृति कर्मियों यथा कुल राजीव पंत, विद्या निधि, सतीश सोनकर, अश्वनी गर्ग, राकेश कुमार सिंह, दिनेश शर्मा, सुनीला शर्मा, देव कन्या ठाकुर, भारती कुठियाला, आंनद प्रकाश शर्मा, अंजली दीवान, शांति स्वरूप शर्मा, मोनिका छट्टू, अश्वनी कुमार, यादव चंद, निर्मल शर्मा, दीपक भारद्वाज, वंदना राणा आदि शामिल रहे। मंच संचालन युवा कवि कौशल मुंगटा ने किया। इसके साथ ही लगाईं गई लघु पत्रिका प्रदर्शनी का लाभसाहित्य प्रेमियों और पाठकों ने लिया। 

बिहार : कर्मचारी विरोधी था न्यू पेंशन स्कीम

$
0
0
पुरानी पेंशन बहाली पर सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारी केस जीते
new-pension-scheem
पटना।कर्मचारी विरोधी था न्यू पेंशन स्कीम। पुरानी पेंशन बहाली के केस में कर्मचारियों को सर्वोच्च न्यायालय में शानदार जीत हासिल हुई ।  सर्वोच्च न्यायालय ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम के हक में फैसला सुनाया । पुरानी पेंशन के पक्ष व विपक्ष में क्रमशः कर्मचारियों व भारत सरकार का पक्ष सुनते हुए सर्वोच्च न्यायालय इस निष्कर्ष पहुंचा कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों के हित में नहीं है । कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया कि 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन को जिस आधार पर रद्द कर सरकार ने    न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया था वो गलत था । कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति की तिथि से पुरानी पेंशन के सभी लाभ दिए जाएं । न्यायालय ने सरकार के  न्यू पेंशन स्कीम के पक्ष में दी गयी सभी दलीलें व सरकार की पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने में वितीय व्यवस्था के सभी तर्को को नकार दिया । 

बेगुसराय : कवि सम्मेलन सह "रस्सा खोल"काव्य"संग्रह का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह।

$
0
0
kavi-samelan-begusaray
आज हिंदी पखवाड़ा के साथ साथ आंख के डॉक्टर सह युवा कवि डॉ• अभिषेक कुमार लिखित काव्य संग्रह "रस्सा खोल"पुस्तकावलोकन और कवि,लेखक नीलांशु रंजन का सम्मान समारोह का संयुक्त रुप से आयोजित कवि सम्मेलन का रुप देते हुए कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सबों ने काव्य गोष्ठी का आनन्द से आनन्दित होते रहे।इस कार्यक्रम के उद्घाटन पुस्तकावलोकन कर संयुक्त रूप से वरिष्ठ कवि कस्तूरी झा "कोकिल",कवि अशान्त भोला जी,आनन्द रमण, कवि,पत्रकार,लेखक,नीलांशु रंजन जी,अमर शंकर झा जी,सगुप्ता ताजवर,रुपम झा,सावंत शेखर ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर नीलांशु रंजन को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए काव्य पाठ की ओर बढ़ते हुए उपस्थित सभी कवियों ने अपना अपना स्वरचित कविताओं का पाठ किया।मंच संचालन शेखर सावंत ने अपने ओजस्वता भारी वाणियों से काफी ताली बटोरे।प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा की काव्य पाठ काफी उत्कृष्ट और ज्वलन्त समसामयिक रहा।बेगूसराय के मंचों पर जब कवि प्रफुल्ल आते हैं तो उस मंच की गरमा ही कुछ और होता है।

बिहार : JNU छात्र संघ चुनाव में आरएसएस-भाजपा की फासिस्ट साजिश को छात्रों ने दिया करारा जवाब: माले

$
0
0
jnusu-reply-fasisit-cpiml
पटना 16 सितंबर 2018, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भाजपा व संघ गिरोह की तमाम साजिशों के बावजूद यूनाइटेड लेफ्ट की ऐतिहासिक जीत हुई है. इस ऐतिहासिक जीत पर भाकपा-माले ने जेएनयू की छात्र जनता को तहे दिल से शुक्रिया अदा किया है. भाकपा-माले के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने आज प्रेस बयान जारी करके उक्त बातों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद पर आइसा के एन साई बालाजी ने एबीवीपी के प्रत्याशी को 1179 वोट से, महासचिव के पद पर एसएफआई के एजाज ने एबीवीपी के प्रत्याशी को 1579, उपाध्यक्ष के पद पर डीएसएफ की सारिका ने एबीवीपी के प्रत्याशी को 1193 और संयुक्त सचिव के पद पर एआईएसफ के अमूथा ने एबीवीपी के प्रत्याशी को 757 वोट से एकतरफा शिकस्त दी है. सभी सीटों पर यूनाईटेड लेफ्ट के प्रत्याशियों ने हाल के दिनों में सबसे बड़ी मार्जिन से जीत हासिल की है. काउंसिलर की 22 में 18 सीटों पर भी यूनाईटेड लेफ्ट ने जीत हासिल की है. जो दिखलाता है कि जेएनयू ने आरएसएस और भाजपा के फासिस्ट एजेंडा को पूरी तरह खारिज कर दिया है और उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है. जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है जेएनयू जैसे शिक्षण संस्थानों को बर्बाद करने अभियान चल रहा है. कभी वहां के छात्रों को देशद्रोही कहके प्रताड़ित किया जाता है और कभी उनकी सीटों व फंड में भारी कटौती कर दी जाती है. वह सिर्फ इसलिए कि जेएनयू का पूरा मिजाज वामपंथी है और आरएसएस व भाजपा को यह नागवार गुजरता है. जाहिर है जो पार्टी मनुस्मृति को ही देश का संविधान बनाने पर आमदा हो, उसको विरोध की कोई आवाज कैसे पसंद होगी? इस छात्र संघ चुनाव में तो एबीवीपी ने हद कर दी, फिर भी जेएनयू के छात्रों ने बहुत ही धैर्य से संघियों की अशिष्टता का जवाब दिया. एसआईएस जिसे तथाकथित रूप से एबीवीपी का गढ़ माना जाता रहा है, वहां इस बार के चुनाव में पहले ही दौर में एबीवीपी को एहसास हो गया कि उसका यह गढ़ भी ढह चुका है. उसके बाद हंगामा, मार-पीट, खासकर वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता, इलेक्शन कमीशन के सदस्यों को धमकी, बाहर से गुंडों को आयातित कर आदि प्रयासों के जरिए एबीवीपी ने काउंटिंग की प्रक्रिया को बाधित किया. लगभग 12 घंटे काउंटी की प्रक्रिया बाधित रही. एबीवीपी की इस गुंडई के खिलाफ जब हजारो छात्र कैंपस में उतर आए तब कहीं जाकर एबीवीपी पीछे हटा. जाहिर सी बात है एबीवीपी जैसे संगठन को लोकतंत्र में तनिक भी यकीन नहीं है.
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live




Latest Images