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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (21 अक्टूबर)

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शहीद पुलिस कर्मियों को सीएम ने दी श्रद्धाजंलि
  • शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों की समस्याओं के निराकरण हेतु बनेगी अनुश्रवण समिति: मुख्यमंत्री 

देहरादून 21 अक्टूबर, (निस)। राज्य सरकार शहीद पुलिस जनों के परिजनों को हर संभव सहायता देने के लिए वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों पुलिस जनों के परिजनों की समस्याओं और उनके अनुश्रवण के लिए स्थायी समिति बनायी जायेगी। यह समिति प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में होगी, जिसमें पुलिस महानिदेशक सहित दो अधिकारी सदस्य होंगे। पुलिस विभाग के निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक के वेतन बैंड व ग्रेड वेतन राजकीय कर्मचारियों की भांति करने के लिए प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति में प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक सदस्य के रूप में होंगे। अराजपत्रित अधिकारियों व कर्मचारियों के पौष्टिक आहार व धुलाई भत्ते में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी। पुलिस कल्याण निधि को 1.5 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये किया जायेगा। प्रदेश में पुलिस विभाग के चार पुलिस माॅडन स्कूलों देहरादून, हरिद्वार, 40वीं वाहिनी पीएसी एवं 31वीं वाहनी पी.ए.सी. रूद्रपुर के रखरखाव के लिए एक करोड़ रुपये मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अनुदान के रूप में दिये जायेंगे।   मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को पुलिस लाईन रेसकोर्स में ‘‘पुलिस स्मृति दिवस’’ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस जनों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर पुलिस कल्याण के लिए विभिन्न घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए प्रेरणा का दिन है। हमारे जवानों और पुलिस जनों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर समाज व राष्ट्र की रक्षा की। उनके त्याग व बलिदान को भुलाया नही जा सकता है। राज्य सरकार पुलिस जनों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठायेगी। राज्य सरकार भविष्य में भी पुलिस जनों के कल्याण के लिए निर्णय लेती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगी हुई है, जिस कारण हमारे सामने वाहय व आंतरिक सुरक्षा की चुनौती और अधिक बढ़ जाती है। हमारे पुलिस जनों को इस चुनौति का मुकाबला करने के लिए सचेत रहना होगा। दुनिया का कोई भी देश आज आतंकवाद की समस्या से अछूता नही है। इस समस्या से हमारा देश भी जूझ रहा है। हमारे यहां आतंकवाद के साथ ही नक्सलवाद की समस्या भी है। इन सभी समस्याओं से मुकाबला करने के लिए हमारी पुलिस को संदेश देना होगा कि हम सतर्क और सचेत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा राज्य तरक्की कर रहा है, लेकिन उसी अनुसार हमें चुनौतियों का भी सामना करने के लिए तैयार भी रहना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को आज सीमाओं से आने वाले खतरे से भी सतर्क रहना होगा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, दिनेश अग्रवाल, दिनेश धनै, पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक हरबंस कपूर, राजकुमार, भीमलाल आर्य, अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण आयोग नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव गृह एम.एच.खान, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

सीएम को कराया समस्याओं से अवगत

देहरादून 21 अक्टूबर, (निस)। नागरिक सुरक्षा संगठन के प्रतिनिधिमण्डल ने सोमवार देर सायं मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर अतिथि गृह में भेंट की। भेंट के दौरान नागरिक सुरक्षा संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संगठन की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन सामाजिक कार्यों के साथ ही वाह्य व आंतरिक संकट के समय आपदा कालीन दल के रूप में नागरिकों के जानमाल की रक्षा करने एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोगी रहता है। उन्होंने संगठन को और बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने को कहा। भूकम्प व अन्य देवी आपदाओं के समय संगठन के स्वयं सेवक समाज के मददगार रहते हैं। सामाजिक एकता व साम्प्रदायिक सद्भाव में भी इनका सहयोग मिलता है। उन्होंने नागरिक संगठन से अधिक सक्रियता के साथ कार्य करने की अपेक्षा की। मुलाकात के दौरान मुख्य वार्डन नागरिक सुरक्षा चन्द्रगुप्त विक्रम ने बताया कि नागरिक सुरक्षा विभाग अभी केवल देहरादून में कार्यरत है, यदि अन्य जनपदों में भी विभाग का विस्तार कर दिया जाय, तो आपदा आदि के समय बेहतर ढंग से कार्यों का निष्पादन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा समय-समय पर एन.सी.सी., एन.एस.एस. के सदस्यों के साथ ही विद्यार्थियों को आपदा से बचाव आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने 6 दिसम्बर को आयोजित होने वाले नागरिक सुरक्षा दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से सम्मिलित होने का अनुरोध भी किया। इस अवसर पर संगठन के उपनियंत्रक सी.एस. बोथ्याल, उप मुख्य वार्डन सतीश अग्रवाल, प्रभागीय वार्डन राजेश चन्द्र शर्मा एवं उप प्रभागीय वार्डन योगेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे। 

एन. रविशंकर बने उत्तराखण्ड के 11वें मुख्यसचिव, राकेश शर्मा पर अटकलें समाप्त

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देहरादून, 21 अक्टूवर(निस)। 1980 बैच के आईएएस अधिकारी, एन रविशंकर ने केंद्र से प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद सोमवार को उत्तराखंड के दसवें मुख्य सचिव के रूप में सुभाष कुमार से कार्यभार ग्रहण किया. सुभाष कुमार को राज्यसरकार ने राज्य विद्युत विनियामक बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है. श्री कुमार ने बीते दिन ही वीआरएस के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। सोमवार को दिल्ली से लौटने के बाद एन रविशंकर ने दोपहर को प्रदेश के कार्मिक विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी जिसके बाद अपराहन तीन बजे उन्होंने मुख्य सचिव के कार्यालय पहुंचकर सुभाष कुमार से मुख्यसचिव का कार्यभार ग्रहण किया. मुख्य सचिव के कार्यालय का प्रभार लेने के बाद मीडिया से कहा कि प्रदेश का चहुंमुखी विकास उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए प्रशासनिक ढ़ाचे को मजबूत कर एकीकृत तरीके से कार्य करेंगे। सचिवालय की अपनी टीम से बात कर कार्य को आगे बढ़ायेंगे। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं को एकजुटता से समयबद्ध रूप से पूर्ण करेंगे। 1980 बैच के आईएएस अधिकारी एन. रविशंकर ने उत्तराखंड के 11वें मुख्य सचिव के रूप  में मंगलवार को कार्यभार ग्रहण किया। राज्य के पहले मुख्य सचिव अजय विक्रम सिंह 9 नवम्बर 2000 से 3 जून, 2001 तक, दूसरे मुख्य सचिव मधुकर गुप्त 4 जून 2001 से 1 सितम्बर 2003 तक रहे। तीसरे मुख्य सचिव आर.एस. टोलिया 01 सितम्बर 2003 से 4 अक्टूबर 2005 तक, चैथे मुख्य सचिव एम. रामचंद्रन 4 अक्टूबर 2005 से 30 अक्टूबर 2006 तक रहे। पांचवे मुख्य सचिव एस.के. दास 30 अक्टूबर 2006 से 11 सितम्बर 2008 तक, छठे मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय 11 अगस्त 2008 से 2 दिसम्बर, 2009 तक रहे। राज्य के सातवें मुख्य सचिव 2 दिसम्बर 2009 से 12 सितम्बर 2010 तक, आठवें मुख्य सचिव 13 सितम्बर 2010 से 1 मई 2012 तक, नवें मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन 1 मई, 2012 से 3 मई, 2013 तक और दसवें मुख्य सचिव सुभाष कुमार 3 मई, 2013 से 21 अक्टूबर, 2014 तक रहे। 4 जुलाई 1955 को जन्में श्री रविशंकर इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग और फिजिक्स के स्नातक और प्रबंधन के पीजी डिप्लोमा हैं। मुख्य सचिव बनने के पहले केन्द्र सरकार में सचिव प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, अतिरिक्त सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, संयुक्त सचिव सूचना प्रौद्योगिकी पदों पर रहे। इससे पहले उत्तराखंड में सचिव राज्यपाल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, आयुक्त प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, सचिव ऊर्जा, सचिव सिंचाई, सचिव गृह, सचिव जल संसाधन आदि पदों पर रहे। कार्यभार के बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक की. एन. रविशंकर के मुख्यसचिव पद पर ताजपोशी के बाद बीते कई महीनों से अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा के मुख्यसचिव बनाये जाने की चर्चाओं पर विराम लग गया है.     

केदारनाथ पर डेढ़ साल से राजनीति कर रही सरकारः भट्ट
  • आपदा पर यदि सरकार गंभीर है तो विस का विशेष सत्र बुलाकर ब्लू पिं्रट सदन में रखे 

देहरादून, 21 अक्टूवर (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि केदारनाथ पर सरकार डेढ़ साल से लगातार राजनीति कर रही है। जिस घटना ने पूरे देश को हिला दिया, हजारों लोग मारे गए उनके प्रति संवेदना एवं आपदाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करने के बजाए सरकार अपनी राजनीति एवं अपना चेहरा चमकाने में लगी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में आपदा पर गंभीर है तो शीघ्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केदारनाथ का ब्लू प्रिंट सदन में रखें, ताकि सारी चीजें रिकार्ड में आ जाएं। 
बलवीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष श्री भट्ट ने कहा कि डेढ़ साल से लगातार कैबिनेट पर कैबिनेट की जा रही है, परंतु धरातल पर कुछ नहीं किया जा रहा है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लोग आत्महत्या कर रहे हैं, आमरण अनशन पर बैठ रहे हैं, मुआवजा न मिलने के कारण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और संत जल समाधि लेने की घोषणा कर रहे हैं, परंतु सरकार समस्याओं के समाधान के बजाए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की नामाम कोशिश कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि जो कैबिनेट ने पूर्व में फैसला लिया उसकी घोषणा करने के लिए सरकारी खजाने से लाखों रुपये फूंक डाले। कैबिनेट बैठक केदारनाथ मंदिर के दर्शन, भोजन एवं विपक्षी दलों जो सरकार के साझीदार हैं की बैठक सभी एक घंटे में समाप्त हो गई। स्थानीय लोगों को अपनी बात कहने का मौका तक नहीं मिला, अधिकारी एवं नेताओं को पहले ही दिन गुप्तकाशी भेज दिया गया। खाली केदारनाथ गए और फोटो खिंचाकर आ गए, इसमें खजाने से लाखों रुपये हवाई सैर सपाटे में फूंक डाले। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में आपदा पर गंभीर है तो शीघ्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पूरा ब्लू प्रिंट सदन में रखे ताकि सारी चीजें रिकार्ड पर आ जाएं। उन्होंने कहा कि कल यदि सरकार गंभीर होती तो कम से कम एक घंटा नहीं एक दिन केदारधाम में रूकती और दूसरे दिन पैदल आकर केदारघाटी के लोगों की समस्याएं सुनती, इससे लोगों में आत्मविश्वास बढ़ता। उन्होंने कहा कि बडे़ खेद की बात है कि केदारनाथ मंदिर में दूरदराज से बड़ी उम्मीद के साथ आए आपदा पीडि़त लोगों से मुख्यमंत्री तो क्या एक मंत्री तक नहीं मिले, किसी भी मंत्री ने मंदिर परिसर के अगल-बगल झांकने की भी जरूरत नहीं समझी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से फरियादी एवं वहां के लोग यह कहना चाह रहे थे कि जो आपदा के दौरान मकान टूटे हैं और उनके अंदर आज भी शव पड़े हैं, हमें उन्हें साफ करने की इजाजत दी जाए ताकि हम अपना दबा सामान निकाल सकें, परंतु बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री समेत उत्तराखंड की पूरी कैबिनेट केदारनाथ धाम गई और आपदा पीडि़तों से बात ही नहीं की। बस पूर्व कैबिनेट के फैसले को पहले से ही टाइप करके ले जाया गया और उसकी घोषणा की दी, सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इतना बड़ा ड्रामा किया गया। श्री भट्ट ने कहा कि यह सरकार उत्तराखंड की जनता को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर रही है, गैरसैंण व अल्मोड़ा में जिस तरह से कैबिनेट कर सरकार ने धन का दुरुपयोग किया है, उसी प्रकार केदारधाम में भी सरकारी खजाने पर लाखों का चूना लगा। इन दोनों कैबिनेट की बैठकों का आज तक कोई परिणाम नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के पीने के लिए पानी की बोतलें भी हैलीकाॅप्टर से ले जाई गई, कई चक्कर तो हैलीकाॅप्टर ने सिर्फ पानी एवं खाने-पीने की चीजें ले जाने में लगाया।  

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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शहीद दिवस पर किया परेड का आयोजन, चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को किया पुरूस्कृत  
  • विजयी बच्चों को दीपावली के दिन एक दिन का बनाएगे थाना प्रभारी  

झाबूआ---पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख स्थित हाॅट स्प्रिंग्स पर कर्तव्यरत सी0आर0पी0एफ0 के जवानों ने चीनी सेना के आक्रमण को विफल करते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी, तब से प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पूरे देश मंे पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गत वर्ष में कर्तव्य की वेदी पर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद पुलिस कर्मियों का स्मरण कर उन्हें श्रृ़द्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। प्रत्येक राज्य से पुलिस कर्मियो का प्रतिनिधिदल 20 दिनों की यात्रा कर हाॅट स्प्रिंग्स पहुॅचता है व शहीदों को सलामी देता है। इस यात्रा में शामिल होना प्रत्येक पुलिस कर्मी के लिए गौरव की बात होती है। विगत् वर्ष में 653 पलिस अधिकरियों व कर्मचारियों ने कर्तव्य पर देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहूति दी थी। इन शहीदों को स्मरण कर श्रृद्धा सुमन अर्पित किये जाने हेतु शहीद दिवस का आयोजन किया जाता हैं। शहीद दिवस कार्यक्रम में सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने विगत् एक वर्ष में देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहूति देने वाले 653 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के नामों का वाचन किया गया, तदोपरांत शहीद परेड आयोजित हुई, तदोपरांत शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। शहीद दिवस के संदर्भ में पुलिस लाईन स्थित सामुदायिक भवन में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 18/10/2014 को हुआ था, जिसमें कि निम्न बच्चों की चित्रकला को पुरूस्कृत किया गया:-

1- शासकीय बालक उचत्तर माध्यमिक विद्यालय रातीतलाई झाबुआ:-
1. प्रियांशु जोनसन प्रशांत कक्षा 9 वीं-प्रथम स्थान,
2. विरेन्द्र सोलंकी राजा, कक्षा 9 वीं-द्वितीय स्थान,
3. पारस वाघेला, कक्षा 11 वीं-तृतीय स्थान
2- शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ:-
1. कु0 दीपिका सोलंकी, कक्षा 08 वीं-प्रथम स्थान,
2. कु0 अमीषा बामनिया, कक्षा 10 वीं-द्वितीय स्थान,
3. कु0 सुमरान सिंह बबेरिया, कक्षा 8 वीं-तृतीय स्थान,
3- न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल झाबुआ:-
1. हरिओम, कक्षा 10 वीं-प्रथम स्थान,
2 अनुज पंवार, कक्षा 11 वीं-द्वितीय स्थान,
3. कु0 मोनिका भूरिया, कक्षा 10वीं-तृतीय स्थान,
4- शारदा विद्या मंदिर झाबुआ:-
1 हर्षित भावसार, कक्षा 12 वीं-प्रथम स्थान,
2. कु0 दिव्या उईके, कक्षा 8वीं-द्वितीय स्थान,
3. मोहित गेहलोत, कक्षा 8वीं-तृतीय स्थान,
5- शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ:-
1. कु0 जिज्ञासा चैधरी, कक्षा 11 वीं-प्रथम स्थान,
2. कु0 रीना गमार, कक्षा 9 वीं-द्वितीय स्थान,
3 कु0 रागिनी कटारा, कक्षा 9 वीं-तृतीय स्थान,
6- माध्यमिक विद्यालय माधौपुरा:-
1. कु0 अनिशा चैहान, कक्षा 08 वीं-प्रथम स्थान,
2. कु0 गीता भाबर, कक्षा 07 वीं-द्वितीय स्थान,
3. कु0 पायल मनोज, कक्षा 08 वीं- तृतीय स्थान।

सभी विजयी छात्र एवं छात्राओं को कलेक्टर श्री बी0चन्द्रशेखर, पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु, झाबुआ विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ श्री धनराजू एस0 द्वारा पुरूस्कृत किया गया। पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि 23.10.2014 को दीपावली पर्व पर निम्नलिखित 03 छात्र/छात्राओं को एक दिन का थाना प्रभारी बनाया जावेगा:-

1. कु0 दीपिका सोलंकी, कक्षा 08 वीं-शा0कन्या उमावि झाबुआ (थाप्र कोतवाली     झाबुआ)  
2. हरिओम, कक्षा 10 वीं-प्रथम स्थान, न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल झाबुआ। (थाप्र     थांदला) 
3 हर्षित भावसार, कक्षा 12 वीं-प्रथम स्थान, शारदा विद्या मंदिर झाबुआ। (थाप्र     पेटलावद)

शहीद दिवस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री बी0चन्द्रशेखर, पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु, झाबुआ विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल, श्री जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ, श्री धनराजू एस0, समस्त पत्रकारगण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुंदर सिंह कनेश, अ0अ0पु0 झाबुआ श्रीमती रचना मुकाती भदौरिया, अ0अ0पु0 थांदला श्री आनंद सिंह वास्कले, उपुअ महिला अपराध प्रकोष्ठ झाबुआ श्री एन0एस0रावत, कमाण्डेण्ट होमगार्ड श्री सुमीत कुमार मिश्र, था0प्र0कोतवाली झाबुआ निरी0 आर0सी0भाकर आदि उपस्थित थे।

महाराश्ट्र व हरियाणा में षानदार विजय पर भाजपा के प्रादेषिक नेताओं ने जाहिर की खुषी

झाबुआ--- भाजपा राश्ट्रीय एवं प्रादेषिक नेतृत्व महाराश्ट्र व हरियाणा के नेतृत्व द्वारा हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में षानदार सफलता प्राप्त करने पर भाजपा के वरिश्ठ नेता एवं प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य दौलत भावसार, भाजपा सहकारिता मोर्चे के प्रदेष कार्यकारिण सदस्य एवं सीसीबी बैंक चेयरमेन गौरसिंह वसुनिया, भाजपा किसान मोर्चे की प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह मोटापाला तथा अजजा मोर्चे के प्रदेष महामंत्री कल्याणसिंह डामोर ने हरियाणा के प्रभारी एवं मध्यप्रदेष के काबीना मंत्री कैलाष विजयवर्गीय को हरियाणा में षानदार विजय की बधाई देते हुए उन्हें षुभकामना व्यक्त की। वही महाराश्ट्र में षानदार विजय पर भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष अमित षाह को बधाई संदेष भेजते हुए जिले के प्रादेषिक नेताओं ने बधाई देते हुए कहा कि श्री षाह के नेतृत्व में निकट भविश्य में देष के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होगी और देष धीरे धीरे कांग्रेस मुक्त प्रांतों के रूप में तब्दील हो जायेगा। दोनों प्रांतो पर भाजपा की षानदार विजय पर कार्यकर्ताओं ने एक दूसरों को मुंह मीठाकर कर जमकर आतिषबाजी की। उक्त जानकारी प्रदेष भाजपा के वरिश्ठ नेता दौलत भावसार ने दी।

हदय का आॅपरेशन करवाने के लिए 97 हजार स्वीकृत

झाबुआ----मेथू की हदय सर्जरी आॅपरेशन हेतु अस्पताल के खर्चा पत्रक 97,000/- सन्तानवे हजार रूपये भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर भोपाल को जारी किये गये है। कलेक्टर झाबुआ श्री बी.चन्द्रशेखर द्वारा अनुमोदन पश्चात श्री मेथू अल्कों पिता पारसिंह पता 28/13 धामनीचमना रानापुर जिला झाबुआ को भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर रायसेन बायपास रोड भानपुर भोपाल आॅपरेशन के लिए भेजा गया है एवं राशि अस्पताल के बैंक खाते में जारी की गई है।

आवेदन 30 अक्टूबर तक आमंत्रित

झाबुआ ----शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. झाबुआ में वर्ष 2014-15 में कक्षा 9 वी के छात्रों हेतु आई.टी/आई.टी.ईएस. सेक्टर तथा सिक्योरिटी ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की जा रही है। इस हेतु कानटेक्ट पर अस्थाई व्यावसायिक शिक्षक की सेवाऐं ली जाना हैं जिसकी शैक्षणिक योग्यता आई.टी के लिए कम्प्यूटर इंजीनियरिंग/कम्प्यूटर एप्लीकेशन/सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक उपाधि या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग/कम्प्यूटर विज्ञान एण्ड इंजीनियरिंग/साॅफ्टवेयर इंजीनियरिंग/ कम्प्यूटर एप्लीकेशन/सूचना प्रौद्योगिकी में एम.टेक उपाधि होना चाहिए। तथा सिक्योरिटी के लिए किसी भी विषय में स्नातक उपाधि तथासिक्योरिटी में पत्रोपाधि तथा सुरक्षा के क्षेत्र में एक वर्ष का अनुभव या डायरेक्टोरेट जनरल री-सेटेलमेंट द्वारा संचालित असिस्टेंट सिक्योरिटी आॅफिसर का प्रमाण-पत्र पाठयक्रम तथा 02 वर्ष का अनुभव या सिक्योरिटी नाॅलेज एण्ड स्किल डेवलपमेंट काॅउसिंल के प्रमाण-पत्र के साथ 02 वर्ष का सुरक्षा क्षेत्र में कार्य अनुभव। इसमें एक्स सर्विसमेन को वरीयता दी जावेगी। अनुभव तथा आयु सीमा एजुकेशन पोर्टल के सीपीआई आप्शन पर एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सूचना पटल पर उपलब्ध है। योग्य उम्मीदवार 30 अक्टूबर 14 तक शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. झाबुआ के प्राचार्य को अस्थाई व्यावसायिक शिक्षक के लिए आवेदन कर सकते है। चयन उपरांत उक्त शिक्षक को रू. 10000/-(रूपये दस हजार) मानदेय प्रति माह दिया जाएगा।

जनसुनवाई में 25 आवेदन प्राप्त

झाबुआ ---- शासन के निर्देशानुसार प्रातः 11 बजे से 1.00 बजे तक जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में जनसमस्या से संबंधित 25 आवेदन प्राप्त हुवे। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने लिये। आवेदन निराकरण के लिये संबंधित विभागों को साॅफ्टवेयर के माध्यम से आॅनलाइन भेज दिये गये है। जनसुनवाई में कचरा तडवी एवं मांगीलाल निवासी ग्राम कुशलपुरा ब्लाक राणापुर ने गाॅव के लिए पूर्व से नियुक्त कोटवार मुकेश पिता बूचा को तत्काल हटाकर दिनेश पिता करणसिंह को नियुक्त करवाने के लिए आवेदन दिया। उन्होने जनसुनवाई में बताया कि दिनेश के पूर्वज पूर्व में कोटवार का काम किया करते थे। रामलाल पिता विरजी निवासी बडलापाडा छोटी गेहन्डी तहसील पेटलावद ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मंजूर कुटीर का बैंक अधिकारी द्वारा लोन नहीं दिये जाने की शिकायत की। रामलाल ने बताया कि बैंक का अधिकारी कहता है कि हमारा टारगेट पूरा हो गया है। अब अगली बार लोन दिया जाएगा। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने सीईओं जनपद पंचायत पेटलावद को निर्देशित किया कि लक्ष्य से अधिक हो, तब भी रामलाल को आवास लोन दिलवाये। पांगला पिता किलान निवासी पाडलवा तहसील राणापुर ने पटवारी की शिकायत की कि उसके भाईयों एवं उसके नाम की भूमि पर पटवारी एवं सरपंच ने कीडु एवं अन्य लोगो के नाम राजस्व अभिलेख में चढ़ा दियें है। रमेश पिता उदा निवासी ग्राम गरवाखेडी तहसील पेटलावद ने भाई की मृत्यु हो जाने पर भाई के नाम का शस्त्र लायसेंस उसके नाम से करवाने के लिए आवेदन दिया। विकलांग तोलिया पिता पांगला अमलियार निवासी ग्राम मातासुला ब्लाक राणापुर ने विगत 12 माह से पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। राजू मोरी निवासी सालर पाडा तहसील राणापुर ने फिल्म स्टार बनने हेतु सहायता प्रदान करवाने के लिए आवेदन दिया। अन्तोन पिता भीमसिंह निवासी दौतड तहसील राणापुर ने भूतबयडा में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कार्य की राशि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। सायं 5 बजे से प्रातः 7 बजे तक मेघनगर झाबुआ मार्ग पर नहीं चलेगी जीप वरिष्ठ नागरिक फोरक के सचिव ने सायं 5 बजे से प्रातः 7 के बीच आने जाने वाली ट्रेनो की सवारियों की सुविधा के लिए एक बस संचालित करवाने एवं निजी जीप संचालको की मनमानी रोकने के लिये उनके विरूद्ध कार्यवाही करवाने के लिए आवेदन दिया। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि सायं 5 बजे से प्रातः 7 बजे के पूर्व झाबुआ से मेघनगर के बीच कोई भी जीप नहीं चले यह सुनिश्चत करे एवं जीप तथा बसो पर किराया सूची लगवाये। विधवा शरमा पति कानजी निवासी पिटोल तहसील पेटलावद ने पति के नाम की भूमि में राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन दिया। दयाराम पिता रागु निवासी बैंगनबर्डी तहसील पेटलावद ने शासकीय स्कूल हथनीपाडा के भवन के प्लास्टर कार्य की राशि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। रामा पिता छगन निवासी ढेकलबडी तहसील झाबुआ ने इंदिरा आवास वर्ष 2007-08 में स्वीकृत इंदिरा आवास के 5-5 हजार रूपये मिलने की शिकायत की एवं शेष राशि दिलवाने के लिए आवेदन दिया। पिसिया पिता नानका निवासी कयडावद बडी तहसील झाबुआ ने इंदिरा आवास स्वीकृत करवाने के लिए आवेदन दिया। ग्राम गवसर तहसील राणापुर के ग्रामीणों ने सरपंच सचिव द्वारा खाद्यान्न पर्ची नहीं दिये जाने एवं खाद्यान्न से वंचित रखे जाने की शिकायत की

छब्बीस दिवसीय कृषि महोत्सव के दौरान 54991 कृषक लाभान्वित

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झाबुआ ----जिले में 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक चले कृषि महोत्सव के लिए कृषि क्रांति रथ ब्लाक स्तर से जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत 25 सितम्बर को रवाना किये गये। कुल 26 दिन तक कृषि क्रांति रथ ने 6 ब्लाक के 468 गाॅवों में भ्रमण किया एवं कुल 54991 किसानो से परिचर्चा की गई एवं हितलाभ का वितरण किया गया।
कृषि क्रांति रथ में तकनिकी दल द्वारा कृषि संबंधी तकनिकी जानकारी दी गई। प्रचार-प्रसार के ब्रोसर वितरित किये गये। राजस्व विभाग द्वारा खसरा खतौनी की नकल का प्रिंट आन्उट भी गाॅव में कार्यक्रम स्थल पर निःशुल्क वितरित किया गया। अविवादित नामांतरण एवं सीमांकन के प्रकरणों का वितरण किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा पशु मेले लगाकर पशुओं का उपचार किया गया। किसानो को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया एवं वन विभाग तथा उद्यानिकी विभाग द्वारा पौधे भी वितरित किये गये।

अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण 15 दिवस में निराकृत करे, राजस्व अधिकारियों की बैठक संपन्न

झाबुआ ---- कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने की। बैठक में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया कि सभी राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि 2011 की जनगणना में 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाॅवों में डायर्वर्सन करे एवं नियमानुसार डावर्सन शुल्क जमा करवाये। विवादित नामांतरण एवं बॅटवारे के प्रकरण चार माह से अधिक लंबित ना रहे यह सुनिश्चित करे। फौती एवं अविवादित नामांतरण एवं बटवारे के प्रकरणो के निराकरण केे लिए सद्यन अभियान चलाकर 15 दिवस में कार्यवाही सुनिश्चित करे। ऐसा प्रयास करे कि एक भी प्रकरण शेष नहीं रहे। यह कार्यवाही 15 नवम्बर तक करना सुनिश्चित करे। बैंक आर आर सी वसूली के लिए बडे बकायादारो की सूची बनाकर सख्ती से वसूली की कार्यवाही करे। जिले में 5 करोड 81 लाख की वसूली की जाना शेष है। आगामी पंचायत निर्वाचन के लिए सभी तैयारिया पहले से ही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। बैठक में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस., सहित एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

सीए के घर चारो ने तोडी वंेटीलेशन

झाबूआ---फरियादी प्रमोद पिता चंपालाल भण्डारी, उम्र 43 वर्ष निवासी डायमण्ड काॅलोनी झाबुआ ने बताया कि वह घर का ताला लगाकर इंदौर गया था। अज्ञात बदमाश उसके घर की वेंटीलेशन की जाली तोडकर टाटा स्काई का सेटअप बाक्स सोनी कंपनी का होम थियटर, 02 सीसीटीवी कैमरे व अन्य घरू सामान चुराकर ले गये। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 753/2014 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अलग अलग घटानाओ मे चार कि मौत प्रकरण पंजीबद्व 
         
 झाबूआ---  बालु पिता पुनिया भूरिया, उम्र 48 वर्ष निवासी झुमका ने बताया कि खेतसिंह पिता लालू भूरिया, उम्र 30 वर्ष निवासी झुमका ने अपने घर पर रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 101/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया। छेलू पता मालु बिलवाल, उम्र 62 वर्ष निवासी पिथनपुर ने बताया कि मृतक राजीव पिता हरीसिंह बिलवाल, उम्र 28 वर्ष, निवासी पीथमपुर जीप को चालु छोडकर नीचे उतरा, जीप के पीछे लुढकने से उसकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 102/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर जांच में लिया गया। खुमसिंह पिता टिटिया रावत, उम्र 30 वर्ष निवासी जयकोट पलाई ने बताया कि दलाबाई पति टिटिया डामोर, उम्र 23 वर्ष, निवासी नांगनवाट बडी की टीबी की बिमारी से ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में मर्ग क्र0 37/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। श्रीमती शालीनी चैहान, टेलीफोन आॅपरेटर एमवाईएच इंदौर ने बताया कि टंटिया पिता दयाराम भील, उम्र 25 वर्ष निवासी भेरूपाडा को बैल के मारने से आई चोटों से एमवाईएच अस्पताल इंदौर भर्ती कराया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 42/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर जांच में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित

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शहीद दिवस 21 अक्टूबर की प्रातः नौ बजे रक्षित केन्द्र विदिशा में परेड का आयोजन किया गया था। देश व समाज की रक्षा के लिए अपने प्राणो की आहूति देने वालो को कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत अन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र समर्पित कर शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने इस अवसर पर देश में विभिन्न स्थलो पर कर्तव्यपरायण होकर मातृभूमि के हित में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जो शहीद हुए है उन वर्दीधारियों के नामो का वाचन किया जिसमें विदिशा जिले के अम्बानगर चैकी में पदस्थ एएसआई श्री नरेन्द्र सिंह चैहान का भी नाम शामिल था। इस अवसर पर एसडीएम श्री एके सिंह, सीएसपी श्री नागेन्द्र पटेरिया, आरआई श्री नितिन सिंह, देहात थाना प्रभारी श्री कमलेन्द्र सिंह कलचुरी, कोतवाली थाना प्रभारी श्री राजेश तिवारी सहित अन्य इंस्पेक्टर, कांस्टेबल और मीडियोकर्मियों ने भी पुष्प गुच्छ समर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

जनसुनवाई कार्यक्रम में 60 आवेदन प्राप्त हुए, मौके पर अधिकांश आवेदनों का निराकरण

कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा आज आहूत जनसुनवाई कार्यक्रम में 60 आवेदकों ने अपने आवेदन प्रस्तुत कर मूलभूत, व्यक्तिगत समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री ओझा ने मौके पर अधिकांश आवेदनों का निराकरण किया। शेष आवेदन को संबंधित विभागोे के लिए आॅन लाइन प्रेषित किए गए है और उन्हें समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। 

इलाज की व्यवस्था
अहमदपुर की कामकाजी महिला श्रीमती ममता जैन अपनी 15 वर्षीय पुत्री कु रूचि जैन के साथ जनसुनवाई कार्यक्रम में उपस्थित होकर कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करते हुए श्रीमती जैन ने बताया कि उनकी पुत्री को डायबिटिज (शुगर) रोग से पीडि़त है हर रोज इन्सुलिन देना पड़ रहा है। पारिवारिक आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने के कारण इलाज का खर्च नही उठा पा रही हूं। कलेक्टर श्री ओझा ने मौके पर रूचि के इलाज की व्यवस्था जिला चिकित्सालय में कराई और उसे जिला चिकित्सालय से निःशुल्क दवाईयां मुहैया कराए जाने के निर्देश चिकित्सक को दिए। कलेक्टर श्री ओझा ने कामकाजी श्रीमती ममता जैन को खाद्य सुरक्षा के दायरे में शामिल कर पात्रता पर्ची जारी करने के निर्देश जिला आपूर्ति अधिकारी को दिए। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में एसडीएम श्री एके सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री राजीवनंदन श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एमसी श्रीवास्तव, तहसीलदार श्री रविशंकर राय एवं नायब तहसीलदार सुश्री कल्पना कुशवाह के अलावा अन्य विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

राज्य स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम मासांत तक आयोजित होंगे, समारोह आयोजन के दिशा निर्देशो से अवगत हुए अधिकारी

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस एक नवम्बर से समारोह के आयोजनों की शुरूआत होगी जो 30 नवम्बर तक जारी रहेंगे। मासांत तक जिला, खण्ड और ग्राम स्तर पर एक साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राज्योत्सव समारोह के आयोजन की निहित बिन्दुओं से अधिकारीगण भलीभांति अवगत हो जाए और सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशो का अक्षरशः क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित करें के निर्देश कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने दिए। जिला पंचायत के सीईओ श्री शशिभूषण सिंह ने मध्यप्रदेश दिवस समारोह के आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के उद्धेश्य से मंगलवार को एक बैठक आहूत कर बिन्दुवार चर्चा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राज्य स्थापना समारोह आयोजन के तहत एक नवम्बर से सात नवम्बर तक कार्यक्रम की मुख्य थीम स्वच्छ मध्यप्रदेश जो पूरे सप्ताह भर जिला, विकासखण्ड और ग्राम स्तर पर एक साथ क्रियान्वित की जाएगी। इसके पश्चात् महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाआंे अभियान, कृषि उत्पादकता में बढ़ोत्री, युवाओं का तकनीकी कौशल विकास, नशामुक्ति अभियान, स्कूल चलो अभियान, हरित मध्यप्रदेश, सुशासन, पर्यावरण, स्वस्थ्य प्रदेश और कुपोषण विमुक्ति पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

जिला स्तर पर
जिला स्तर पर मुख्य समारोह पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित किया जाएगा। मुख्य समारोह में प्रातः10.30 बजे मुख्य अतिथि द्वारा राष्ट्रीय ध्वजारोहण उपरांत राष्ट्रगान होगा इसके पश्चात् 10.40 बजे मुख्यमंत्री जी के संदेश का वाचन, 10.55 बजे संकल्प, 11 बजे मध्यप्रदेश गायन पश्चात् स्थानीय स्तर पर चयनित कार्यक्रमों का आयोजन 11.20 बजे तक होगा। समारोह के अंत में 11.30 बजे वंदेमातरम् गायन उपरांत कार्यक्रम का समापन होगा। जिला पंचायत के सीईओ श्री सिंह ने बताया कि एक नवम्बर को स्वच्छ मध्यप्रदेश अभियान के तहत जनभागीदारी से कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। इस दिन मैराथन दौड़, रैली, प्रभात फेरी का भी आयोजन किया जाएगा। जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तर्ज पर विकासखण्ड स्तर, ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। 

विशेष ग्राम सभा
एक नवम्बर को जिले की सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। रथ के माध्यम से जनजागृति कार्यक्रम जिला मुख्यालय पर आठ रथ तैयार किए जाएंगे जो विभिन्न थीमो पर आधारित रहेंगे उक्त सभी रथो को मुख्य समारोह स्थल पर मुख्य अतिथि द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। पहले दिन सभी रथ जिला मुख्यालय के विभिन्न चैराहो पर जनजागृति, जनभागीदारी के लिए आमजनों को अभिप्रेरित करेंगे। इसके पश्चात् प्रत्येक विकासखण्डो में ये सभी रथ पहुंचेगे। 

प्रकाश
जिला मुख्यालय पर स्थित सभी शासकीय भवनो पर एक नवम्बर की रात्रि को प्रकाश की व्यवस्था की जाएंगी। ततसंबंध में आवश्यक दिशा निर्देश विभागों के अधिकारियों को जारी किए गए है। 

आंगनबाडी चलो अभियान के उद्धेश्यो से अवगत हुए

आंगनबाडी चलो अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला मुख्यालय पर आयोजित किया गया था जिसे सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह ने कहा कि आंगनबाडी चलो अभियान एवं बाल स्वच्छता कार्यक्रम से ग्रामीणजनों को अधिक से अधिक अवगत कराया जाए और उन्हें आंगनबाडी के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाओं से लाभ लेने के लिए अभिप्रेरित किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री देवेन्द्र सुंदरियाल ने उक्त कार्य में विभागीय मैदानी अमले की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए अधिक से अधिक समुदाय की सहभागिता की अनिवार्यतः बताई। उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम मध्यप्रदेश स्थापना दिवस से 30 नवम्बर तक जारी रहेगा। कार्यशाला में विभागीय अधिकारी, डीपीसी और महिला सशक्तिकरण अधिकारी मौजूद थे।

जाति प्रमाण पत्र निरस्त की कार्यवाही

कुरवाई अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तृप्ति श्रीवास्तव द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार कुरवाई अनुविभाग क्षेत्र के 22 आवेदको को अनुसूचित जनजाति (मांझी) के जाति प्रमाण पत्र त्रुटिवश जारी किए गए थे जिनकी विस्तृत जांच उपरांत पात्रता ना होने के फलस्वरूप सभी 22 आवेदकों के पूर्व में जारी जाति प्रमाण पत्र 20 अक्टूबर को निरस्त करने की कार्यवाही की गई है। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजो के अनुसार जिन आवेदको के जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए गए है उनमें आवेदको का नाम का एवं पिता का नाम निम्नानुसार है। मोहित/वंशीधर, पंकज/शिवरतन, शीतू/शिवरतन, क्रांति/शिवरतन, रोशनी/गंगाधर, पूजा/गंगाधर, शैलेन्द्र/गंगाधर, शिमला/गंगाधर, शांति/गंगाधर, पलक/गंगाधर, प्रियांशु/बसंत, चंचल/बसंत, यशराज/जय, सत्यजय/जय, सुमन/विजय, हर्ष/विजय, हर्षिता/विजय, शिवांश/संतकुमार, साधना/संतकुमार, सत्या/संतकुमार, संध्या/संतकुमार और नैनसी/ दुर्गाशंकर शामिल है। 

नगद इनाम की घोषणा

पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने थाना कुरवाई के एवं थाना करारिया में दर्ज अपराध के फरार आरोपियों की सूचना देने अथवा गिरफ्तारी कराने में मदद करने वालो के लिए नगद इनाम देने की घोषणा की है। थाना कुरवाई में दर्ज अपराध क्रमांक 257/14 के फरार आरोपी अरविन्द सिंह पुत्र नथन सिंह दांगी निवासी ग्राम रोशन पिपरिया के फरार आरोपी पर दो हजार रूपए इनाम तथा थाना करारिया में दर्ज अपराध क्रमांक 124/14 के अज्ञात फरार आरोपियों की सूचना देने वालो के लिए पांच हजार रूपए का इनाम देने की घोषणा की गई है। सूचना देने वाला व्यक्ति चाहे तो उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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संयुक्त राश्ट्र दिवस 24 अक्टूबर को

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छतरपुर/21 अक्टूबर/प्रदेष में विगत वर्शाें की भांति इस वर्श भी संयुक्त राश्ट्र दिवस समारोह 24 अक्टूबर को मनाया जाायेगा। इस दिन राजधानी के उन सभी सरकारी भवनों में जिन पर राश्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है उन पर राश्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ संयुक्त राश्ट्र संघ का ध्वज भी फहराया जायेगा। संयुक्त राश्ट्र संघ का ध्वज  राजभवन, विधानसभा भवन एवं उच्च न्यायालय के भवनों  पर नहीं फहराया जायेगा। सामान्य प्रषासन विभाग द्वारा जिला मुख्यालयों पर जहां संयुक्त राश्ट्र संघ का ध्वज उपलब्ध हो, राश्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ संयुक्त राश्ट्र संघ का ध्वज महत्वपूर्ण सरकारी भवनांे पर फहराये जाने के निर्देष दिये गये हैं। जब संयुक्त राश्ट्र संघ का झंडा राश्ट्रीय झंडे के साथ फहराया जाता हैं तो वह राश्ट्रीय झंडे के किसी भी ओर लगाया जा सकता है। सामान्यतः राश्ट्रीय झंडे को इस प्रकार फहराया जाता है कि वह अपने सामने वाली दिषा के हिसाब से अपने एकदम दाई ओर होता है, अर्थात झंडा फहराने के समय झंडे की ओर मुख किये हुये व्यक्ति के एकदम बाई ओर हो।  

फोटो निर्वाचक नामावली के संबंध में दावे-आपत्तियां आमंत्रित

छतरपुर/21 अक्टूबर/भारत निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार अर्हता 1 जनवरी 2015 को 18 वर्श की आयु पूर्ण करने वाले एवं छूटे हुये पात्र मतदाताओं ने नाम फोटो निर्वाचक नामावली में षामिल किये जाने हेतु 15 अक्टूबर से 10 नवम्बर 2014 तक निर्वाचक नामावली के संबंध में दावे-आपत्तियां अभिहित स्थलों पर प्राप्त की जाना है। 1 जनवरी 2015 को 18 वर्श की आयु पूर्ण करने वाले सभी लोग निर्धारित प्रारूप 6 में आवेदन कर अपना नाम निर्वाचक नामावली में षामिल करा सकते हैं। पात्र मतदाताओं से अपील की गयी है कि मतदाता सूची में अपनी प्रविश्टी की जांच करें तथा नाम न होने पर निर्धारित प्रारूप 6 में आवेदन संबंधित मतदान केन्द्र में उपस्थित बीएलओ के समक्ष जमा करायें। अप्रवासी भरतीय अपना नाम निर्वाचक नामावली में षामिल कराने के लिये फार्म 6 ए का उपयोग कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट ूूूण्बमवउंकीलंचतंकमेीण्दपबण्पद पर भी प्रारूप वोटर लिस्ट 2015 देख सकते हैं। साथ ही अपने नाम तथा ईपिक कार्ड के आधार पर वोटर लिस्ट में सर्च सुविधा के माध्यम से अपनी प्रविश्टी दर्ज होने संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ई-रजिस्ट्रेषन की सुविधा भी वेबसाइट पर उपलब्ध है। ऐसे मतदाता जिनके नाम पूर्व से ही निर्वाचक नामावली में तथा उनका मतदान केन्द्र, विधानसभा, जिला इत्यादि बदल गया है वे भी नवीन स्थान पर नाम जुड़वाने की कार्यवाही कर सकते हैं, पुराने स्थान से नाम हटाने हेतु फार्म 7 भरना होगा। प्रविश्टी में संषोधन के लिये फार्म 8 एवं एक ही विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरण हेतु फार्म 8 क भरा जावे। मतदाता सूची को त्रुटिरहित अद्यतन कराने में सर्वजन का सहयोग अपेक्षित है।

डीएड परीक्षा हेतु आॅनलाइन फार्म 30 अक्टूबर तक भरे जायेंगे

छतरपुर/21 अक्टूबर/माध्यमिक षिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित डीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्श नियमित या पत्राचार एवं विषेश बीटीसी के पूरक परीक्षार्थी जो वर्श 2014 में द्वितीय अवसर की परीक्षा में अनुत्तीर्ण अथवा अनुपस्थित रहे हैं वह पूर्व के अनुक्रमांक के आधार पर 30 अक्टूबर तक आॅनलाइन परीक्षा आवेदन भर सकते हैं।

मेला में तैनात बल की ली गयी बैठक

छतरपुर/21 अक्टूबर/ मेला जल विहार की व्यवस्थओं के संबंध में पुलिस बल की बैठक आयोजित की गई। पुलिस अधीक्षक श्री नीरज पाण्डेय द्वारा मेला को अलग-अलग सेक्टरों जैसे महिला सेक्टर, झूला सेक्टर, खानपान सेक्टर, मेला आउटर में बांटकर उनके प्रभारियों को मेले में आने वाले नागरिकों को परेषानी न हो इस प्रकार व्यवस्था बनाने के निर्देष दिये गये। इसी प्रकार जनता में यातायात के प्रति जागरूकता लाने के लिये यातायात पुलिस का अलग से स्टाॅल लगाकर बैनर, पंपलेट, बच्चों की कविताएं, जागरूक नागरिक, सुरक्षित नागरिक की पुस्तकें वितरित करने तथा माइक से जनता को सजग रहने व मेला देखते समय सावधानियां बरतने के निर्देष यातायात प्रभारी केपी सिंह परिहार को दिये गये, जिसमें अभिभावक मेला जाते समय छोटे बच्चों की जेब में घर का मोबाइल नम्बर लिखकर अवष्य डालें। वाहन चोरी से बचने के लिये वाहनों को निर्धारित पार्किंग में ही खड़ा करें। महिला सेक्टर में पुरूश प्रवेष न करें तथा अफवाहों पर ध्यान न दें। मेले में जानवर को प्रवेष न करने दें। मेले की दुकानों में घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग न करें। इसके अलावा मेला के दौरान ड्यूटी के संबंध में विस्तृत निर्देष दिये गये। मेला मीटिंग के दौरान नगर पुलिस अधीक्षक श्री डीएल परिहार, कोतवाली टीआई व अन्य पुलिस बल मौजूद थे।

मेला जल विहार में लगा यातायात को स्टाल

छतरपुर/21 अक्टूबर/पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार के निर्देषानुसार एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती रष्मि पाण्डेय के नेतृत्व में यातायात प्रभारी श्री केपी परिहार द्वारा षहर के नागरिकों में यातायात जागरूकता यातायात चैकी की स्थापना की जाकर बिजावर नाका एवं छत्रसाल चैक पर बैरीकेट लगाये गये हैं, जिससे दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों को मेला में जाने से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। वाहनों की सुरक्षा हेतु नगर पालिका छतरपुर के सहयोग से छत्रसाल चैक पर पार्किंग की व्यवस्था की गयी है, जिससे मेले में वाहन चोरी न हो सके। मेले में यातायात चैकी में यातायात की महिला आरक्षकों की मदद से माइक के द्वारा तथा लोगों को यातायात के प्रति जागरूक किया जा रहा है साथ ही बैनर, पोस्टर, पंपलेट एवं स्टीकर आदि का वितरण किया जा रहा है। षहर के लोगों में यातायात के प्रति जागरूकता एवं संवेदनषीलता पैदा हो तथा वाहन दुर्घटनाओं के प्रति लोग सजग रहें।

हेलमेल लगाने वालों को गुलाब का फूल देकर किया सम्मानित

छतरपुर/21 अक्टूबर/पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार के निर्देषानुसार यातायात प्रभारी श्री केपी सिंह परिहार द्वारा षहर के लोगों में हेलमेट लगाने के प्रति जागरूकता लाने तथा उन्हें हेलमेट लगाने के लिये उत्साहित करने के उद्देष्य से षहर में हेलमेट लगाकर चलने वाले नागरिकों को स्थानीय गांधी चैक पर यातायात आरक्षक यादवेन्द्र की मदद से महिला आरक्षक पूजा कैथवास व रजनी विष्वकर्मा द्वारा गुलाब का फूल भेंट कर सम्मानित किया गया। यातायात प्रभारी श्री परिहार द्वारा बताया गया कि षहर में नागरिकों को हेलमेट लगाने के प्रति उत्साहित करने तथा अन्य लोगों में जागरूकता लाने के लिये लगाकर अभियान चलाकर नागरिकों को हेलमेट लगाने के प्रति प्रोत्साहित किया जायेगा।

तीन परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

छतरपुर/21 अक्टूबर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत लापरवाही बरतने पर तीन परियोजना अधिकारियों श्री अमित सिंह बम्हरौलिया ईषानगर-2, श्रीमती रेखा अहिरवार ईषानगर-1 एवं श्रीमती विवेकी चैरसिया बारीगढ़ को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने बताया कि सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्व सहायता समूहों द्वारा प्रदाय किये गये पोशण आहार के देयक प्रति माह की 10 तारीख तक भुगतान की अनुषंसा सहित   प्रस्तुत करने के निर्देष जारी किये गये थे। माह अगस्त एवं सितम्बर 2014 के देयक भुगतान हेतु  आज तक प्रस्तुत नहीं किये गये। जिससे स्पश्ट है कि उक्त अधिकारियों के द्वारा वरिश्ठ कार्यालय द्वारी जारी निर्देषों की अवहेलना की जा रही है। साथ ही भुगतान के अभाव में आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक आहार की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। उक्त कृत्य मध्यप्रदेष सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का स्पश्ट उल्लंघन है। अतः क्यों न मध्यप्रदेष सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के तहत अनुषासनात्मक कार्यवाही की जाये। इस संबंध में उक्त अधिकारियों से स्पश्टीकरण तीन दिवस में देयकों सहित प्रस्तुत करने के लिये निर्देष दिये गये हैं।

आंगनबाड़ी चलो अभियान और बाल स्वच्छता कार्यक्रम 1 से 19 नवम्बर तक

छतरपुर/21 अक्टूबर/बच्चे हमारा आने वाला कल हैं। आने वाले समय में देष निर्माण भी बच्चे ही करेंगे। इसलिये जरूरी है कि बचपन स्वस्थ्य एवं सुपोशित होना चाहिये। भारतीय परिवेष में विभिन्न अंधविष्वास, कुरीतियां, गलत स्वास्थ्य पोशण धारणायं, आदतें इस दिषा में सबसे बड़ी बाधायें हैं। इन्हीं के चलते वर्तमान में चलाये जा रहे कार्यक्रम, योजनायें अपना प्रभावषाली परिणाम नहीं दे पाती हैं। इसके अलावा समाज, जनसमुदाय इन विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी भूमिका निर्धारित नहीं करता है और न ही सहभागिता करता है। यदि समेकित बाल विकास सेवा जैसे कार्यक्रमों में जनसमुदाय, जनप्रतिनिधि, हितग्राही भी सकारात्मक दृश्टिकोण से सहयोग करें, तो त्वरित परिणाम निकलेंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य एवं सुपोशित होगी। समेकित बाल विकास सेवा कार्यक्रम निरंतर विस्तार पा रहा है, लेकिन अभी भी पात्र हितग्राहियों एवं लाभार्थियों की संख्या में काफी अंतर है। इन पात्र हितग्राहियों समेकित बाल विकास सेवा योजना के लाभ लेने के लिये प्रेरित किया जाना आवष्यक है। समुदाय को आईसीडीएस के लाभ आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य पोशण पर निगरानी, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं षिक्षा तथा बच्चों का भविश्य निर्माण, कुपोशित बच्चों, किषोरी बालिकाओं, गर्भवती, षिषुवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों से मदद, व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक स्वच्छता आदि की प्रभावी जानकारी दी जानी चाहिये। इन सेवाओं का लाभ लेने के लिये बच्चों-महिलाओं को प्रेरित किया जाना चाहिये। जितनी अधिक जागृति माता-पिता में होगी बच्चे का स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रखा जा सकेगा। उक्त परिवेक्ष्य में आंगनबाड़ी सेवाओं उपयोगिता समुदाय में स्थापित करने के लिये एवं समुदाय में आईसीडीएस की मांग बढ़ाने के लिये 1 से 19 नवम्बर तक विषेश राज्यव्यापी आंगनबाड़ी चलो सुपोशण अभियान के तहत चलाई जा रही गतिविधियों के साथ तय की गयी है। आंगनबाड़ी चलो अभियान एवं बाल स्वच्छता कार्यक्रम की कार्ययोजना अभियान के प्रमुख उद्धेष्य हैं- आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार, केन्द्रों पर षत प्रतिषत पात्र बच्चांे, गर्भवती, धात्री एवं किषोरियों का रजिस्ट्रेषन, केन्द्रों पर हितग्राहियों की षत प्रतिषत उपस्थिति, सेवा प्रदाय में समुदाय, पोशण मित्र, सहयोगिनी की भागीदारी, आंगनबाड़ी केन्द्रों को आकर्शक बनाना, समुदाय में आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं की मांग बढ़ाना, आंगनबाड़ी केन्द्रों से दी जा रही सेवाओं से गुणात्मक सुधार लाना, व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना एवं स्वच्छता संबंधी सकारात्मक व्यवहारों को बढ़ाना है। आंगनबाड़ी चलो अभियान के तहत सहायक संचालक नोडल अधिकारी श्री राजेन्द्र त्रिपाठी को नियुक्त किया गया है। 

राजगढ (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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पदोन्नति हेतु सूची, पोर्टल पर हुई अपलोड

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राजगढ 21 अक्टूबर,2014    डिप्टी कलेक्टर एवं जिला षिक्षा अधिकारी श्रीमति अंजली द्वारा दी गई जानकारी अनुसार सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर जिले की ग्रामीण क्षेत्र की ष्षालाओं में पदोन्नति हेतु पोर्टल पर विषयवार गोपनीय चरित्रावली भेजने हेतु सूची अपलोड कर दी गई है । सभी विकाखण्ड षिक्षा अधिकारी,संकुल प्राचार्य एवं संबंधित सहायक अध्यापक सूची देखकर संबंधित सहायक अध्यापकों की गत पांच वर्षो की  सत्र 2009 से 2014 तक की गोपनीय चरित्रावली पांच दिवस के अंदर जिला षिक्षा अधिकारी कार्यालय राजगढ को प्रेषित करें । उन्होंने बताया कि बीईओ एवं संकुल प्राचार्यो को सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देष भी दिए गऐ हैं ।

निःषक्तजनों को निःषक्तता प्रमाण-पत्र जारी करने के दिये गए निर्देष

राजगढ 21 अक्टूबर,2014   कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा द्वारा जिले के  समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका/नगर परिषद को निर्देषित किया गया है कि ष्षासन द्वारा निःषक्त व्यक्ति अधिनियम 1995 के तहत निःषक्त व्यक्तियों की षिक्षा,नियोजन और उनके लिए सकारात्मक कार्रवाई करने,उन्हें सषक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम/योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है । समस्त ष्षासकीय योजनाओं में निःषक्त व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए यह आवष्यक है कि उनके 40 प्रतिषत या उससे अधिक का निःषक्तता प्रमाण-पत्र हो । उन्होंने कहा है कि जिले में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिषन कार्यक्रम के अन्तर्गत समग्र पोर्टल के माध्यम से हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्राप्त हो रही सुविधा का लाभ सीधे उनके बैंक इकाउन्ट में जाना है । किन्तु यह देखने में आया है कि जिले में निवास करने वाले निःषक्तजन जिनको समय पर निःषक्तता प्रमाण पत्र जारी नही हुए हैं,वे खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम,निःषक्त पेंषन योजना, निःषक्त छात्रवृत्ति योजना,मानसिक /बहुविकलांग पेंषन आदि ष्षासन द्वारा संचालित कार्यक्रमों के लाभ से बंछित है,जिसमे उनकी कोई गलती नही है । ऐसे निःषक्तजनों को ष्षासन की योजना का लाभ पहुंचाने के लिए यह आवष्यक है कि उनको निःषक्तता प्रमाण-पत्र ष्षीघ्र जारी किए जाएं । कलेक्टर श्री ष्षर्मा ने निर्देषित किया है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंषा अनुसार जिले के ष्षतप्रतिषत समस्त निःषक्तजनों को निःषक्ततता प्रमाण पत्र जारी किये जाना है । जिन निःषक्तों को पूर्व में प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है,उनका चिन्हांकन एवं सत्यापन स्पर्ष समग्र पोर्टल पर करने के साथ-साथ जिनको निःषक्ता प्रमाण-पत्र जारी  किया जाना है,उनका प्रमाण पत्र बनवाये जाकर स्पर्ष समग्र पोर्टल पर अपलोड किया जाए । ष्षेष बचे निःषक्तजनों को निःषक्तता प्रमाण-पत्र जारी करने ग्रामीण क्षेत्र में निःषक्तजनों के चिन्हांकन के लिए ग्राम रोजगार सहायक/ग्राम पंचायत सचिव को जिम्मेदारी सौपी जाए तथा उनसे यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि उनके ग्राम पंचायत क्षेत्र में निवासरत समस्त निःषक्तजनों के विकलांगता प्रमाण-पत्र बनवाये जाकर  पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए है तथा  षतप्रतिषत निःषक्तजनों का सत्यापन किया जा चुका है । इसी प्रकार ष्षहरी क्षेत्र के लिये वार्ड प्रभारी को जिम्मेदारी सौपी जाने तथा उनसे उनसे यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि उनकी ग्राम पंचायत क्षेत्र में निवासरत समस्त निःषक्तजनों के विकलांगता प्रमाण-पत्र बनवाये जाकर  पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए है तथा षतप्रतिषत निःषक्तजनों का सत्यापन किया जा चुका है,के निर्देष भी दिए गए हैं ।

वित विभाग की अनुमति बिना खोले गए बैंक खाते तत्काल बंद करें- कलेक्टर

राजगढ 21 अक्टूबर,2014    कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा ने ष्षासन के निर्देषानुसार जिले के समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देषित किया है कि वे वित्त विभाग की अनुमति के बिना खोले गए समस्त बैंक खाते तत्काल बंद कर दें तथा उन खातों में जमा राषि ष्षासकीय खजाने में जमा करने की  कार्रवाईकी जाए । उन्होंने निर्देषित किया है कि यह कार्रवाई 31 अक्टूबर,2014 तक अनिवार्य रूप से सुनिष्चित कर जिला कार्यालय को प्रतिवेदन भेजना सुनिष्चित करें । उन्होंने कहा है कि विभाग के स्थाई निर्देषों के पालन न होने की स्थिति में अनुषासनात्मक कार्रवाई की जायेगी ।

जनसंनवाई में आए 58 आवेदन

राजगढ 21 अक्टूबर,2014    जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान जिले के विभिन्न अंचलों से 58 आवेदकों की सुनवाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजगढ श्री आर.पी.अहिरवार तथा डिप्टी कलेक्टर श्रीमति अंजली ष्षाह द्वारा की गई ।

एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत

राजगढ 21 अक्टूबर,2014   कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा द्वारा मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजनानतर्गत हराना के श्री षिवनारायण को एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है । श्री षिवनारायण की पत्नी की कृषि कार्य के दौरान खेत में सिंचाई करते समय कुएं पर पैर फिसल जाने के कारण डूबने से मृत्यु हो गई थी ।

आर्थिक सहायता स्वीकृत

राजगढ 21 अक्टूबर,2014    अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्यावरा श्री सी.एस.टेकाम द्वारा भोजपुरिया में सांप के काटने से रूपसिंह की मृत्यु हो जाने के कारण उसके निकटतम वैध वारिस को 50,000 रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है ।

प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना 2014-15

राजगढ 21 अक्टूबर 2014    जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ग्रुप कैप्टन श्री मनोज गर्ग द्वारा क्षेत्र के सभी भूतपूर्व सैनिको/वीर नारी विधवाओं/विधवाओं से एम.सी.आई.ए.आई.सी.टी.ई.,यू.जी.सी. आदि जैसी संस्थाओं से मान्यता प्राप्त व्यवसायिक डिग्री कार्यक्रम कर रहे भूतपूर्व सैनानियों व भूतपूर्व भारतीय तटरक्षक के आश्रित बच्चों/विधवाओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए हैं । ष्षैक्षणिक सत्र 2014-15 के दौरान दाखिला लेने वाले छात्रों पर ही यह योजना लागू होगी । योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति की राषि बालकों के लिए 2,000 रूपये प्रतिमाह वार्षिक दिया जाता है । बालिकाओं के लिए 2250 रूपये प्रतिमाह वाषर््िाक दिया जाता है । आवेदन पत्र एवं सूचना ब्रोषर  कमेूण्हवअण्पद से प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड किया जा सकता है । राज्य सैनिक बोर्ड/तटरक्षक मुख्यालय से फार्म जमा करने की अंतिम तारीख 30 नवम्बर,2014 है । दिनांक 30 नवम्बर 2014 के बाद प्राप्त फार्मो पर राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा विचार नही किया जायेगा । इच्छुक विस्तृत जानकारी हेतु जिला सैनिक कल्याण कार्यालय सी 14/ 1ए महानन्दा नगर,उज्जैन से सम्पर्क कर सकते हैं ।

नोडल अधिकारी नियुक्त

राजगढ 21 अक्टूबर,2014   जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ग्रुप कैप्टन श्री मनोज गर्ग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार क्षेत्र के सभी भूतपूर्व सैनिक/विधवाओं/आश्रितों की सी.एम.हेल्पलाईन सेवा 181 में दर्ज षिकायतों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है । षिकायतों का निराकरण समय-सीमा में नही होने पर राज्य सैनिक बोर्ड के दूरभाष नम्बर 9993356081 पर सम्पर्क करें । विस्तृत जानकारी हेतु जिला सैनिक कल्याण कार्यालय सी-14/ 1ए महानन्दा नगर,उज्जैन से सम्पर्क कर सकते हैं ।

नगरीय निकाय निर्वाचन-2014, अभ्यर्थी को नगरीय निकाय के समस्त ष्षोध्य करों के भुगतान का अदेय प्रमाण-पत्र देना होगा

राजगढ 21 अक्टूबर,2014    म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों का निर्वाचन लडने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को नाम निर्देषन पत्र के साथ ष्षपथ प्रस्तुत किये जाने तथा म.प्र. नगरपालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 17 एवं म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 के प्रावधान के अन्तर्गत बिजली कम्पनियों को देय छह मास से अधिक कालावधि के लिये कोई ष्षोध्य के भुगतान हेतु आदेय प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये जाने के निर्देष दिये गये हैं । इसी अनुक्रम में नगरीय निकाय के समस्त ष्षोध्य करों के भुगतान का अदेय प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया जाना आवष्यक होगा ।

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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गरीब परिवार के आकाश को मिला नया जीवन, हृदय रोग का हुआ सफल आपरेशन
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परसराम धुर्वे अपने पुत्र आकाश के ईलाज को लेकर काफी चिंतित रहता था। उसके पुत्र को बीमारी ही कुछ ऐसी थी कि उसका उपचार कराना परसराम के बस में नहीं था। गरीब परसराम अपना सब कुछ बेचकर भी एक लाख रु. जुटाने की हिम्मत नहीं कर सकता था। उसे अपने पुत्र का भविष्य अधंकारमय नजर आता था। लेकिन मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना ने परसराम की सारी मुश्किल दूर कर दी है। परसराम धुर्वे को अब अपने 8 वर्षीय पुत्र का भविष्य उज्जवल नजर आने लगा है। जिले की परसवाड़ा तहसील के ग्राम घोड़ादेही के निवासी परसराम धुर्वे के 8 वर्षीय पुत्र आकाश को जन्म से ही हृदय रोग (सी.एच.डी.)था। परसराम को बताया गया था कि पुत्र के ईलाज के लिए एक-दो लाख रु. लगेंगें। इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने में परसराम असमर्थ था।कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल 9 अक्टूबर 2014 को परसवाड़ा तहसील के ग्रामों के भ्रमण पर गये तो ग्राम घोड़ादेही में परसराम ने अपनी समस्या उन्हें बताई थी। कलेक्टर ने मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आकाश के हृदय का आपरेशन कराने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये थे। उन्होंने परसराम से कहा था कि आपरेशन के लिए रुपये की चिंता करने की कोई बात नहीं है। आपरेशन का पूरा खर्च सरकार उठायेगी। उन्होंने परसराम को अगले दिन ही पुत्र को साथ में लेकर बालाघाट आने कहा था। परसराम 10 अक्टूबर को अपने पुत्र आकाश को लेकर बालाघाट आया था। सिविल सर्जन डॉ. आर.के. पंडया ने आकाश की जांच करने के बाद उसे आपरेशन के लिए नागपुर के श्योरटेक हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर भिजवा दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला ने मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना का प्रकरण तैयार कर आकाश के आपरेशन के लिए एक लाख रु. का चेक नागपुर के अस्पताल को भेज दिया। नागपुर के अस्पताल में आकाश के हृदय का सफलता पूर्वक आपरेशन हो गया है और 15 अक्टूबर को उसकी अस्पताल से छुट्टी भी हो गई है। कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल की पहल से आकाश का आपरेशन हो जाने से परसराम अब काफी खुश है। 

कलेक्टर ने जनसुनवाई में सुनी जनता की समस्या
प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई की कड़ी में आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने जिले के विभिन्न स्थानों से शिकायत एवं समस्या लेकर आये लोगों की बातों को सुना एवं संबंधित अधिकारियों को उन पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।

अब तक छात्रवृत्ति नहीं मिली
जनसुनवाई में महात्मा गांधी नगर पालिका स्कूल बालाघाट की कक्षा 12 वीं की छात्रा ऋतु बंसोड़ शिकायत लेकर आई थी कि उसे कक्षा 11 वीं की छात्रवृत्ति अब तक नहीं मिली है। इस पर कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण की जांच कर छात्रा को छात्रवृत्ति दिलाने के निर्देश दिये है। 

बीमा राशि के लिए 5 हजार रु. की मांग
जनसुनवाई में ग्राम दैतबर्रा की विधवा महिला कलाबाई बावने शिकायत लेकर आई थी कि उसके पति की 07 दिसम्बर 2012 को मृत्यु हो गई है। उसे जनश्री बीमा योजना एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। लेकिन उसे ग्राम पंचायत सालेबर्ड़ी के सरपंच द्वारा इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। सरपंच द्वारा इन योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 5 हजार रु. की मांग की जाती है। कलेक्टर ने इस समस्या को सुनने के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से इस प्रकरण की जांच करने कहा है। 

बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग
जनसुनवाई में ग्राम सोनगुड्डा के सरपंच एवं ग्रामीण ग्राम के पटेलटोला एवं कलमटोला में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग लेकर आये थे। इन टोलों में बिजली मिलने से 70 परिवारों को सिंचाई की सुविधा मिलने के साथ ही उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर सुविधा हो जायेगी। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी को इन ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये है। 

सरपंच ने आवास की राशि नहीं दी
जनसुनवाई में ग्राम पादरीगंज के बैगाटोला की उषाबाई शिकायत लेकर आई थी कि उसे सतपुड़ा ग्रामीण बैंक से नोटिस मिला है कि आवास निर्माण के लिए दी गई किश्त का उपयोग कर आवास निर्माण का कार्य प्रारंभ करें। उषाबाई का कहना है कि उसे अब तक कोई राशि नहीं मिली है तो वह आवास कैसे बनायेगी। ग्राम पंचायत के सरपंद द्वारा कहा गया कि मेरे पास गिट्टी, रेत, लोहा, सीमेंट आदि की व्यवस्था है तो तू राशि लेकर क्या करेगी। उषा बाई का कहना है कि सरपंच द्वारा उसके आवास की 50 हजार रु. की राशि का गबन कर लिया गया है। कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को इस प्रकरण की जांच करने कहा है। 

आवास के लिए मदद की गुहार
जनसुनवाई में ग्राम कनिया के धुरू एवं केशव शिकायत लेकर आये थे कि वे टूटे-फूटे झोपड़े में रहते है। उनके पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है। ग्राम के सरपंच व सचिव द्वारा अब तक उनके लिए आवास मंजूर नहीं किया गया है। इन दोनों व्यक्तियों की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा है कि वे इंदिरा आवास योजना की 3 प्रतिशत राशि से धीरू व केशव के लिए आवास मंजूर करायें। 

ओमप्रकाश सनोडिया बने लांजी के एस.डी.एम. 
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यविभाजन में आंशिक फेरबदल करते हुए डिप्टी कलेक्टर श्री ओमप्रकाश सनोडिया को लांजी का एस.डी.एम. नियुक्त किया है। सुश्री सुमनलता माहोर को बालाघाट में डिप्टी कलेक्टर का प्रभार दिया गया है। 

24 अक्टूबर को रहेगा स्थानीय अवकाश
दीपावली के दूसरे दिन 24 अक्टूबर को बालाघाट जिले में स्थानीय अवकाश रहेगा। इस दिन म.प्र. शासन के जिले में स्थित सभी कार्यालयो में अवकाश रहेगा। कलेक्टर द्वारा जिले के लिए घोषित तीन स्थानीय अवकाश में से यह अंतिम अवकाश है। 

प्राकृतिक आपदा से मृत दो व्यक्तियों के वारिसों को 1.50 लाख रु. की सहायता मंजूर
जिले की कटंगी एवं तिरोड़ी तहसील के दो व्यक्तियों की प्राकृतिक आपदा में मृत्यु हो जाने के कारण कटंगी के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री मेहताब सिंह ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत उनके वारिसों को एक लाख 50 हजार रु. की सहायता राशि मंजूर की  है। कटंगी तहसील के ग्राम पाथरवाड़ा के निवासी रंजीत भलावे की गत दिनों नाले में बहकर मृत्यु हो जाने के कारण उसके वारिस पिता नंदकिशोर को एक लाख रु. की सहायता राशि मंजूर की गई है। इसी प्रकार तिरोड़ी तहसील के ग्राम दिग्धा के निवासी भैयालाल की सांप के काटने से मृत्यु हो जाने के कारण उसकी वारिस पत्नी रत्नकला बाई को 50 हजार रु. की सहायता राशि मंजूर की गई है। कटंगी एवं तिरोड़ी के तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे इन हितग्राहियों को शीघ्र सहायता राशि का वितरण सुनिश्चित करें।

मतपत्र मुद्रण के लिए 03 नवम्बर तक निविदा आमंत्रित
आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनावों के मतपत्र मुद्रण के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा कलेक्ट्रेट कार्यालय से 100 रु. का आवेदन फार्म लेकर आगामी 3 नवम्बर 2014  को अपरान्ळ 3 बजे तक जमा कराई जा सकती है। निविदा 03 नवम्बर को अपरान्ह 4 बजे उपस्थित निविदाकारों के समक्ष खोली जायेगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय(स्था.) से सम्पर्क किया जा सकता है।  

हत्या के फरार अज्ञात आरोपियों पर 15 हजार रु. का ईनाम घोषित
बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक श्री डी. सी. सागर ने ग्राम बिरनपुर के निवासी मदनलाल उईके की 08 अक्टूबर 2014 को हत्या कर फरार होने वाले अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी पर 15 हजार रु. का ईनाम घोषित किया है। जो कोई भी व्यक्ति इन आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करायेगा या उनके बारे में पुख्ता सूचना देगा उसे 15 हजार रु. का ईनाम दिया जायेगा। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा। ग्राम बिरनपुर के निवासी मदनलाल उईके की अज्ञात लोगों द्वारा 08 अक्टूबर 2014 को हत्या कर दी गई है और उसकी लाश को जंगल मे ले जाकर जलाने के बाद राख एवं अस्थियों को तालाब में बहा दिया गया है। इस प्रकरण में थाना बहेला में अज्ञात आरोपी के विरूध्द भा.दं.सं. की धारा 302 एवं 201 तथा अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है।इस घटना के फरार होने वाले अज्ञात आरोपियों के बारे में जो कोई भी व्यक्ति सूचना देगा, जिससे उनकी गिरफ्तारी संभव होगी, उसे 15 हजार रु. का नगद पुरूस्कार दिया जायेगा। सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जायेगा। 

वाणिज्यिक कर कार्यालय नवीन भवन में स्थानांतरित
वाणिज्यिक कर अधिकारी, बालाघाट वृत्त का कार्यालय वार्ड नं. -30 गोंदिया रोड पर श्री संजय मसानी के मकान में स्थानांतरित हो गया है। वाणिज्य कर से संबंधी कार्यों के लिए कार्यालय के नवीन स्थान पर सम्पर्क किया जा सकता है। कार्यालय के दूरभाष नं. 07632-244034 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। 

जिला शिक्षा अधिकारी ने किया स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती निर्मला पटले द्वारा गत दिवस विकासखण्ड लांजी के विभिन्न विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शासकीय उ.मा.वि. मोहझरी, के प्राचार्य श्री डी.के. धुर्वे एवं ओमेन्द्र रोकड़े लिपिक अनुपस्थित पाये गये। प्राचार्य द्वारा अर्जित अवकाश का आवेदन निर्धारित प्रारूप में नहीं दिया गया बल्कि साधारण कागज में रखा पाया गया, जो नियमानुसार अवकाश की श्रेणी में नहीं आता है।इसके पूर्व भी प्राचार्य कई बार विद्यालय से अनुपस्थित पाये गये है। जिसके कारण विद्यालय के शिक्षकों पर इनका प्रभावी नियंत्रण नहीं है। अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए संस्था प्राचार्य के अनुपस्थिति दिनांक का वेतन रोके जाने के निर्देश दिये गये एवं प्राचार्य श्री धुर्वे के विरूध्द अनुशासानात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल की ओर तैयार कर भेजा जा रहा है। इसी प्रकार संस्था में पदस्थ लिपिक ओमेन्द्र रोकड़े बिना किसी अवकाश आवेदन के 03 दिन से विद्यालय में अनुपस्थित पाये गये जिससे संबंधित लिपिक के विरूध्द अनुपस्थित दिनांक का वेतन रोके जाने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को ओर भेजा जायेगा। विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य एवं वरिष्ठ व्याख्याता प्रायः किसी न किसी कारण से अनुपस्थित पाये जाते है। अतएव प्राचार्य के अनुपस्थिति के समय श्री गणेश मरली वरिष्ठ अध्यापक संस्था के प्रभारी के रूप में कार्य करेगें। संस्था में छात्र/छात्रा की उपस्थिति बढ़ाने एवं नियमित अध्यापन कार्य करने के निर्देश सभी शिक्षकों को दिये गये। शासकीय हाईस्कूल देवलगांव के निरीक्षण के दौरान अध्यापन कार्य प्रचलन में पाया गया। सभी बच्चों को छात्रवृत्ति, निःशुल्क सायकल वितरण, एवं पाठय पुस्तकों वितरण किया जा चुका है। संस्था का निर्माण आर.एम.एस.ए. के तहत प्रारंभ किया जा चुका है। निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण करने के निर्देश संबंधितों को दिए गये। विद्यालयों के छात्र/छात्राओं को कठिन प्रश्नों को हल कराने के निर्देश उपस्थित शिक्षकों को दिए गए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासकीय उ.मा.वि. साडरा का भी निरीक्षण किया गया। विद्यालय मे श्रीमती यशोधरा रणदिवे दिनांक 16 एवं 17 अक्टूबर को अनुपस्थित पायी गयी। श्रीमती रणदिवे को उक्त 02 दिवस की अनुपस्थिति के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय में निदानात्मक कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए गये। संस्था में सभी छात्र/छात्राओं को पाठयपुस्तक एवं सायकल का वितरण किया जा चुका है। सभी प्राचार्यो को निर्देशित किया गया कि विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहे एवं अध्यापन कार्य का नियमानुसार संचालन सुनिश्चित करें। विद्यालय में निदानात्मक कक्षाएं संचालित करने के भी निर्देश दिये गये।

19 अक्टूबर को कृषि उपज मंडी समिति की बैठक
आगामी 29 अक्टूबर को कृषि उपज मंडी समिति बालाघाट की बैठक का आयोजन किया गया है। मंडी अध्यक्ष श्री थानसिंह चंदाहे की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक उक्त निर्धारित दिनांक को दोपहर 12 बजे से मंडी कार्यालय कक्ष गोंगलई में प्रारंभ होगी। इस बैठक में माह सितम्बर 2014 की आय-व्यय का ब्यौरा सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। मंडी समिति के सभी सदस्यों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए सूचना भेज दी गई है। पूर्व में यह बैठक 17 अक्टूबर को होने वाली थी। लेकिन अपरिहार्य कारणों से उसे स्थगित कर दिया गया था। 

पुलिस, होमगार्ड व पर्यवेक्षक पद के लिए आनलाईन आवेदन आमंत्रित
म.प्र. शासन द्वारा नागरिक सुरक्षा के लिए पुलिस व होमगार्ड के 615 पदों पर तथा महिला पर्यवेक्षक व पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी कार्र्यकत्ता के 735 पदों पर भर्ती करने के लिए आनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। पुलिस व होमगार्ड के लिए आनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर तथा महिला पर्यवेक्षक व पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी कार्र्यकत्ता के लिए आनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2014 निर्धारित है। अधिक जानकारी के लिए व्यापम की वेवसाईट पर या निकटतम एम.पी. आनलाईन कियोस्क पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

ए.आई.एस.एपफ. राष्ट्रीय परिषद् की बैठक हैदराबाद में 26-27 अक्टूबर को

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  • शैक्षिक व छात्रा समस्याओं पर रहेगा केन्द्रित, ए.आई.एस.एपफ राज्य कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न, 15-16 नवम्बर को छात्राओं का कन्वेंशन बेगूसराय में, कई अहम पैफसले ।

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पटनाः- आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स पेफडरेशन ;ए.आई.एस.एपफ की राष्ट्रीय की बैठक 26-27 अक्टूबर को हैदराबाद में होगी । बैठक में शैक्षिक व छात्रा समस्याओं तथा शिक्षा व रोजगार के सवालों पर कई अहम पैफसले होंगे । बैठक में बिहार के छात्रों का प्रतिनिध्त्वि ए.आई.एस.एपफ के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम, राज्य सचिव सुशील कुमार करेंगे ।
ए.आई.एस.एपफ राज्य कार्यकारिणी के बैठक में राज्य के अंदर संगठन के भावी कार्यक्रमांे लेकर कई अहम पैफसले लिये गये । संगठन के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम के अध्यक्षता में हुई बैठक में ए.आई.एस.एपफ ने कई कन्वेंशन करने के पैफसले लिये गये । जिसके तहत संगठन का राज्य स्तरीय छात्रा कन्वेंशन 15-16 नवम्बर को बेगूसराय में होगा । जिसमें कई राष्ट्रीय व राज्य स्तर के महिला व छात्राओं के बीच कार्य करने वाली नेत्राी शामिल होंगी । वहीं टेक्निकल स्टूडेन्ट्स का राज्य स्तरीय कन्वेंशन 4 दिसम्बर को बोध्गया में, हाई स्कूली स्टूडेन्ट्स का राज्य स्तरीय कन्वेंशन मोतिहारी में 20-21 दिसम्बर और लाॅ स्टूडेन्ट्स का राज्य स्तरीय कन्वेंशन 17 जनवरी को पटना में होगा । चारों कन्वेंशनों का मकसद सम्बन्ध्ति छात्रा-छात्रों की समस्याओं को उजागर करना तथा विशेष ध्यान केन्द्रित कर संघर्ष तेज करना होगा । बैठक में राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य मणि कुमार, अंकित कुमार, पिं्रस कुमार, किशोर कुमार, अमित कुमार भी शामिल थे ।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (21 अक्टूबर)

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नया टोला (प्रकाशनगर) वार्ड 11 में जर्जर तार से दुर्घटना की आशंका

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नरकटियागंज(पच) नगर परिषद् क्षेत्र अन्तर्गत वार्ड संख्या 11 में बिजली का तार आम आदमी के सिर के करीब से गुजर रहा है। इस संबंध में कई बार वार्ड के लोगों ने विभाग से इसकी शिकायत की अलबत्ता विभाग पर उनकी शिकायत का कोई असर नहीं पड़ा। वार्ड संख्या 11 की उक्त सड़क में बिजली का तार कई बार गिरा लोग बाल-बाल बचे, तार की हालत ऐसी है कि सड़क पर चलने वाला कोई व्यक्ति यदि जोरदार तरीकें से दोनो हाथ उपर उठा दे तो बिजली स्पर्शाघात होने की संभावना काफी बढ जाती है। इनदिनों एक बार फिर एक आवेदन देकर नयाटोला (प्रकाशनगर) के निवासियों ने बिजली के उपर्युक्त तार को बदलने और अच्छे ढंग से बिजली तार को लगाने की मांग की है। जिससे क्षे़त्र में किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो सके। पहले तो वार्ड संख्या 11 में बिजली के तार औचित्यहीन था, कभी कभार बिजली आती रहती थी तो लोगों को यदा कदा बिजली का झटका मिला करता था। इनदिनों नरकटियागंज की नई विधायक रश्मि वर्मा के निर्वाचित होने के बाद शहर में बिजली की आपूर्ति नियमित होने लगी है और कतिपय लोगों को बिजली के झटकों का स्वाद मिल चुका है। ऐसी स्थिति में बिजली का तार बदलने और विभिन्न खम्भों पर फँसाकर लगाये गए टोका को जबतक नहीं उतरावाया जाता है तबतक लोगों की मनःस्थिति नहीं बदल जाती। जबतक लोग टोका फँसाना नहीं छोड़ेंगे तबतक हालत को बदलना मुश्किल होगा।

चीनी मिल व नगर परिषद्, कचरा प्रबंधन नहीं होने से आमजन व राहगीर परेशान

नरकटियागंज(पच) नगर परिषद् और चीनी मिल की कारगुजारियों से आम राहगीर परेशानहाल है। नगर परिषद में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत शहर के निकाले गये तमाम कचरा को ट्रैक्टर पर लाद कर हरबोड़ा नदी के किनारे रामनगर जाने वाली सड़क के दोनों ओर गिराया जाने लगा हैं। दूसरी ओर मिल प्रबंधन द्वारा अपने संयंत्रों से निकला कचारा भी क्षेत्र के हरबोड़ा नदी के किनारे फेंकने के कारण नरकटियागंज-रामनगर-चानकी-पिपरा-चमुआ-महुअवा होकर बेलसण्डी जाने वालों को काफी परेशाली झेलनी पड़ रहीे है। कचरों से निकला सड़ांध कई संक्रामक रोगों को दावत देने लगा है। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद या किसी अन्य जगह का कचरा शहर या गाँव से बाहर निर्जन स्थान पर गिराया जाना चाहिए ताकि उसका दुष्प्रभाव आमजनों पर नहीं पड़े। इन दिनों नगर परिषद् नरकटियागंज और अवध सुगर मिल्स की ईकाइयों (जैसे चीनीमिल, शराब मिल और अवध जैविक खाद) के कचरों से क्षेत्र में प्रदूषण बढता जा रहा है। इस लिए प्रबुद्धजनों ने नगर परिषद् और मिल प्रबंधन अपनी आदत में शुमार कचरों को समुचित प्रबंधन सुनिश्चित करे ताकि आम जनों को राहत मिल और राहगीर सुरक्षित आवागमन कर सके।

कानून की उड़ रहीे धज्ज्यिाँ, बेखौफ हुए जुआड़ी, सरेआम हो रहा जुआ

नरकटियागंज(पच) शहर में जुआ का दौर अब सरेआम चलने लगा है, पहले जुआड़ी पुलिस के खौफ से इसे चोरी छिपे खेलाकरतें थे। इन दिनों पुलिस की एक बार की कार्रवाई के बाद तकरीबन सभी जुआ अड्डा संचालक पुलिस के सम्पर्क में आ गये जिससे अब जुआ के अड्डा संचालकों ने सैंया भये कोतवाल अब डर.....................की तर्ज पर खुलेआम जुआ खेलाना प्रारम्भ कर दिया हैं। जिला पुलिस कप्तान सौरभ कुमार शाह के निर्देशों की अनदेखी कर खुलेआम जुआ खेलाने से क्षेत्र में चोरी की छोटी-मोटी घटनाएँ बढ गयी है। परन्तु लोग पुलिस के भय मात्र से छोटी चोरी की घटनाओं को लेकर थाना पर नहीं पहुँच रहे है। आर्य समाज मंदिर रोड, मुख्य बाजार, महात्मागाँधी मार्ग, शिवगंज, पोखरा चैक, पुरानी बाजार, हरदिया समेत शहर के कई इलाके में जुआ दौर जारी है। उल्लेखनीय है कि जिन क्षेत्रों में दिनदहाड़े जुआ खेले जा रहे है, उन रास्तों से पुलिस की गस्ती लगातार जारी रहती है। इससे स्पष्ट होता है कि जुआ का खेल और स्थानीय पुलिस का मेल बना हुआ है। बेखौफ मानी जाने वाली मीडिया न जाने क्यों खौफजदा है और कानून के रखवाले कानून खुलेआम कानून की धज्ज्यिाँ उड़ा रहे है।

दीपावली व छठ को लेकर दण्डाधिकारी की नियुक्ति

नरकटियागंज(पच) भाप्रसे के परिवीक्षाधीन अधिकारी सह अनुमण्डल पदाधिकारी नरकटियागंज कौशल कुमार ने अनुमण्डल के सिकटा, साठी और शिकारपुर थाना क्षेत्र में छठ घाट पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्डाधिकारियांे की नियुक्ति कर दी है। सूत्रों के अनुसार जिन क्षेत्रों में विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है उन्हीं जगहों पर दण्डाधिकारी नियुक्त किये गये है। इस कार्यं में करीब आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है।

सीमा पर एसएसबी की तैनाती के बावजूद तस्करी का खेल बदस्तूर जारी

नरकटियागंज(पच) अनुमण्डल के मैनाटांड प्रखण्ड अन्तर्गत इनरवा बाॅर्डर आउट पोस्ट के सीमा स्तंभ संख्या 420/5 के पास तस्करी को ले जाए जा रहे पाँच पशुधन को एसएसबी के जवानों ने जब्त कर लिया। उनका यह कार्य सराहनीय है अलबत्ता इस जब्ती ने इतना तो साबित कर दिया कि सीमा पर सशस्त्र सीमा बल की तैनाती कि बावजूद तस्करी रूकने का नाम नही ले रहा है। इतना ही नहीं बाॅर्डर पर तस्करों का फरार हो जाना भी सशस्त्र सीमा बल के लिए एक चिंता का विषय है। हालाकि सीमा पर यदा कदा नशीले पदार्थ भी उनकी पकड़ में आ जाते है। जिसके लिए ससीब के अधिकारी उनकी सराहना करने नहीं अघाते। 27 बटालियन एसएसबी के संजय कुमार ने बताया कि हमारे जवानों ने पशुओं को बरामद कर लिया लेकिन मौके से तस्कर फरार होने में कामयाब हो गये। इस प्रकार तीस हजार की मवेशी बरामद कर ली गयी लेकिन सीमा पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने वाले तस्करों ने एसएसबी को नाकाम साबित कर दिया।

अमरनाथ शरण व शुकुल प्रसाद को समारोह पूर्वक विदाई व सम्मान दिया गया

नरकटियागंज(पच) उच्च विद्यालय नरकटियागंज के प्रधान लिपिक अमरनाथ शरण और आदेशपाल शुकुल प्रसाद उनकी सेवा निवृति के उपरान्त विद्यालय परिवार ने विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित किया। जिसकी अध्यक्षता प्रधान अध्यापक महम्मद मनीर ने किया। जिसमें मुख्य रूप से संचालन की जिम्मेदारी डाॅ.अरविन्द तिवारी और मधुसूदन चतुर्वेदी ने संभाली। उक्त अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि अमरनाथ शरण और शुकुल प्रसाद के कार्यो को भुलाया नहीं जा सकता। अमरनाथ शरण और शुकुल प्रसाद से शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के अलावे  छात्र-छात्राओं के भी अच्छे संबंध बने रहे। अमरनाथ शरण और शुकुल प्रसाद अपने क्षेत्र के नवागन्तुकों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। प्रधान अध्यापक महम्मद मनीर ने दोनो सेवानिवृत शिक्षकेत्तर कर्मियों को छाता, टाॅर्च, बैग, घड़ी व अन्य आवश्यक सामग्री विद्यालय परिवार की ओर से प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। विदाई व सम्मान समारोह में पूर्व प्रधान अध्यापक छोटेलाल प्रसाद, अवधेश तिवारी के अलावे अवध किशोर सिन्हा, बैद्यनाथ प्रसाद, शिक्षक सिद्दिक अहमद, आफताब आलम, शिवसागर शुक्ल, शिवकुमार साह, राकेश रंजन, एच बैठा, विजय व अन्य कर्मी उपस्थित रहे।

विशेष आलेख : क्या अब दिल्ली-यूपी-बिहार की बारी है

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उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उ़डि़सा, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर के साथ दिल्ली में होने वाले विधानसभ चुनाव मोदी के टारगेट पर है। मतलब साफ है जिस सुनामी के भरोसे भाजपा मोदी के विजय का अश्वमेघ नौ प्रदेशों में दौड़ा चुकी है, उसके बूते अब वह पूरे देश के राज्यों को अपनी झोली में समेटना चाहती है। शायद यही वजह है मोदी का विजय रथ रोकने के लिए नीतिश, लालू पहले से कांग्रेस एक साथ आ चुके है। अब मुलायम-मायावती को मिलाने का प्रयास हो रहा। इन सबके बीच चैकानें वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव में करीब-करीब पूरे देश में मोदी की आंधी चली थी। लेकिन तीन राज्यों के मुखिया उड़ीसा के नवीन पटनायक, पश्मि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता जयराम जिन्होंने मोदी की आंधी को थाम लिया था। इन छत्रपों से पार पाना मोदी-शाह के लिए टेढ़ी खीर होगी 

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हरियाणा व महाराष्ट्र चुनावी नतीजों से खिलखिलाई भाजपा की नजर अब देश के सभी राज्यों पर है। देश की सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उ़डि़सा, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर के साथ दिल्ली में होने वाले विधानसभ चुनाव मोदी के टारगेट पर है। भला क्यों नहीं, भाजपा के पास करिश्माई नेता के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो है। इसे करिश्माई नेता नही ंतो और क्या कहेंगे, जिसके वाणी में जादू या एक इंसान का ऐसी मोहनी है कि वह कहते है वोट फाॅर इंडिया, लोग उनकी पार्टी को वोट दे आते है। वो कहते है सबका साथ-सबका विकास, लोग उनके साथ हो लेते है। नरेन्द्र मोदी मंत्र मारते है, जनता मुग्ध हो जाती है। उनके और जनता के बीच कोई आ नहीं आ पाता। मतलब साफ है जिस सुनामी के भरोसे भाजपा मोदी के विजय का अश्वमेघ नौ प्रदेशों में दौड़ा चुकी है, उसके बूते अब वह पूरे देश के राज्यों को अपनी झोली में समेटना चाहती है। शायद यही वजह भी है कि यूपी में माया का हाथी थराथरा रहा है, सायकिल के नट-बोल्ट ढीले है, पंजे का तो पोर-पोर टूट चुका है। ये मोदी की माया है कि बिहार में नीतिश व लालू सारे दुश्मनी भूलभालकर समाजवादी हो गए है। हालांकि इन सियासी दलों के क्षत्रपों का तिलिस्म तोड़ना मोदी के लिए इतना आसान भी नहीं होगा। इसके लिए मोदी को लीग से हटकर कुछ नया करना ही होगा। 

फिरहाल हाल के चुनावों से मिली सफलता के बाद कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी की लहर विरोधियों पर कहर बनकर टूट रही है। मोदी के सहारे निकली बीजेपी का विजय रथ किसी के रोके नहीं रुक रहा है। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की तान पर देश जनता नाच रही है। बाकि सियासी दलों का वजूद खत्म हो रहा है। देश के नौ राज्यों की सत्ता पर बीजेपी कब्जा जमा चुकी है। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में बीजेपी के पास पूर्ण बहूमत है। देश की 36 फीसदी आबादी अब बीजेपी के सत्ता के दायरे में आ चुकी है, जबकि कांग्रेस के कब्जे में सिर्फ 14 फीसदी आबादी। पिछले ढाई सालों में कांग्रेस ने 11 राज्यों में अपनी सरकार गवाई है। मोदी की अगुवाई में बीजेपी के हौसले बुलंद है। एक के बाद एक कामयाबी उनके कदमों में आ रही है। अभी महाराष्ट व हरियाणा में भगवा परचम लहराया है। मोदी की निगाहें अर्जुन की तरह अब आने वाले पांच राज्यों के चुनाव पर लगी है। यूपी में दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है। बिहार में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव। जम्मू व कश्मीर तथा दिल्ली व झारखंड में जनवरी में विधानसभा चुनाव हो सकते है। नरेन्द्र मोदी की अगली परीक्षा जनवरी में जम्मू-कश्मीर में होने वाली विधानसभा चुनाव में होगी। जम्मू कश्मीर में भगवा फहराना बीजेपी का पूराना सपना है, लेकिन राह आसान नहीं। राज्य के जम्मू रीजन में 37 विधानसभा सीटे है यहां पर बीजेपी को भरपूर समर्थन मिल सकता है। लद्दाख में चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी कमल खिला सकती है। कश्मीर रीजन की 46 सीटों पर बीजेपी को काफी पापड़ बेलने होगे। जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री की खास नजर है। इस राज्य में वह कई दौरे कर चुके है। लोकसभा चुनाव का अभियान भी मां वैष्णव के दरबार से शुरु किया था। कश्मीर तबाही आई तो केन्द्र सरकार का खजाना खोल दिया। 1000 करोड़ की मदद दे चुके है। 

मोदी के खास निशाने पर है उत्तर प्रदेश। यहां की सत्ता से बेदखल हुए बीजेपी को 12 साल बीत चुके है। बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 80 में 73 सीटे जीतकर बाकी के दलों का करीब-करीब सफाया कर दिया था, ये करिश्मा बीजेपी विधानसभा चुनाव में भी दुहराना चाहेगी पर मायावाती के हाथी को थामना, मुलायम के सायकिल को पंचर करना उनके लिए आसान नहीं होगा। बिहार में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है। नरेन्द्र मोदी का विजय रथ रोकने के लिए नीतिश, लालू पहले से कांग्रेस एक साथ आ चुके है। अगर मोदी को भगवा परचम लहराना है तो उन्हें विरोधियों का चक्रब्यूह तोड़ने का हुनर तराशना होगा। झारखंड में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने है। राज्य में कांग्रेस के समर्थन से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार चल रही है। झारखंड क्षेत्रफल की लिहाज से भले ही छोटा है लेकिन मोदी व उनके रणनीतिकार अमित शाह नजरों से जरा भी ओझल नहीं। मोदी अगर कह रहे है वक्त बदल रहा है तो दम है। मतलब अब भुजबल नहीं बुद्धिबल की जरुरत पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी अश्वमेघ का घोड़ा उम्मीदों की लहरों पर सरपट भाग रहा है। जिसके टापू के नीचे बड़े-बड़े क्षत्रपों का वजूद तहस-नहस हो गया। नरेन्द्र मोदी की आवामंडल में ठाकरे बंधुओं की ठसक ठस गयी। मराठा छत्रप शरद पवार का पावर गुल हो गया। कांग्रेस का पंजा टूट गया। वहीं हरियााणा में चोटाला खानदान की चतुराई धरी की धरी रह गयी। हुड्डा की पुकार चित्तकार में बदल गयी। कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी के नाम के सुनामी में देश के तमाम राज्य लगातार भगवा रंग में रंगते जा रहे है। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में पहले से ही बीजेपी का राज्य था। गुजरात में सत्ता सुंदरी तो जैसे बीजेपी की दासी बनी हुई है। गोवा में भी सत्ता के सिंहासन पर भगवा परचम फहरा रहा है। चार महीने पहले बीजेपी ने राजस्थान में कांगेस की सरकार को बेदखल कर कब्जा जमाया था। पंजाब में बीजेपी व अकाली दल के गठबंधन की सरकार है तो नागालैंड में भी बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी। आंध्र प्रदेश में बीजेपी और तेलगुदेशम की मिलीजुली सरकार है। और ताजा-ताजा हरियाणा में बीजेपी ने क्वीनस्वीप किया है और वहीं महाराष्ट में भी भगवा परचम लहराना लगभग तय माना जा रहा है। मोदी जैसे प्रचंड प्रचारक के दम पर बीजेपी कांग्रेस शासित राज्यों पर लगातार कब्जा जमाती जा रही है। 

महाराष्ट व हरियाणा में बीजेपी की प्रचंड जीत ने साबित कर दिया कि नरेन्द्र मोदी की चमक जनता की नजरों में फीकी नहीं पड़ी है। बीजेपी का हौसला सातवें आसमान पर है। नरेन्द्र मोदी सोहरत की बुलंदियों पर है। इन सबके बीच चैकानें वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव में करीब-करीब पूरे देश में मोदी की आंधी चली थी। लेकिन तीन राज्यों के मुखिया ऐसे थे जिन्होंने अपने राज्यों में मोदी की आंधी थाम ली। आंधी में भी इनके पाव मजबूती से डटे रहे। मोदी के अश्वमेघ घोड़े को रोकने के लिए तीनों क्षत्रप सीनाकर तानकर खड़े है। जिनके जहाज लोकसभा चुनाव में मोदी लहर को चीरते हुए आसानी से गुजर गए थे। इन क्षत्रपों के राज्य में नमो नमो नहीं चली थी। ये है उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक, पश्मि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता जयराम। लोकसभा चुनाव में बीजेपी उड़ीसा में 20 में से एक ही सीट जीत पाई। जबकि मोदी लहर के बावजूद बीजू जनता दल ने 20 सीटे जीत ली। नवीन पटनायक 2009 के मुकाबले 6 सीट फायदे में रही। पश्चिम बंगाल में मोदी लहर काम नहीं आई। 42 में से बीजेपी केवल दो ही सीट जीत पाई। जबकि तृणमूल ने 19 सीपीएम ने 15 व कांग्रेस ने 6 सीट ही जीत सकी। तमिलनाडू में तो यानी अम्मा जयललिता की ही तूती बोलती है। 39 में बीजेपी केवल एक ही सीट जीती जबकि डीआईएमके 37 व पीएमके 1 सीटे जीती। हालांकि बीजेपी वहां खाता खोलने में कामयाब रही, लेकिन ये आंकडे इस बात के सनद है कि इन छत्रपों से पार पाना मोदी-शाह के लिए टेढ़ी ख्ीर होगी। तो क्या बदलते वक्त के साथ ये तीनों क्षत्रप अपनी ताकत बनाएं रख पायेंगे। यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन मैदान मारने के लिए बीजेपी से शतरंजी गोट बिछाना शुरु कर दी है। 

दिल्ली भी मोदी के टारगेटों में से एक है। यहां दिसम्बर हुए चुनाव में आम आदमी पाटी ने 28 सीटे लेकर कब्जा कर ली। कांग्रेस को 8 व बीजेपी को 27 सीटे ही मिली। अब केजरीवाल द्वारा दिल्ली की कुर्सी छोड़ने पर आप पार्टी की छबि कमजोर हुई है। विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव होंगे या कोई सरकार बनेगी, इसका फैसला अभी लिया जाना है लेकिन हरियाणा व महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों से दिल्ली में चुनाव की आहट जरूर तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि दो महत्वपूर्ण राज्यों में मिली शानदार जीत के बाद भाजपा के लिए अब दिल्ली का किला फतह करना भी मुश्किल नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू के दम पर पार्टी दिल्ली में भी अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी। सूबे के सियासत में बीते कुछ दिनों से यह चर्चा आम थी कि भाजपा दिल्ली की सियासी किस्मत को लेकर अपने पत्ते महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद खोलेगी। इसका आशय यही था कि यदि दोनों राज्यों में पार्टी को विजय मिली तो दिल्ली में भी वह जोड़तोड़ करने के बजाय चुनाव मैदान में उतरना पसंद करेगी। जाहिर तौर पर चुनावी नतीजे दिल्ली में चुनाव की गवाही दे रहे हैं। भाजपा नेताओं की मानें तो सूबे में जनवरी में चुनाव कराए जा सकते हैं। तथ्य यह भी है कि हरियाणा और महाराष्ट्र, दोनों ही जगह क्षेत्रीय व जातीय समीकरण नेस्तनाबूद हुए हैं। इन चुनाव परिणामों ने न केवल क्षेत्रीय दलों व नेताओं के दर्प को तोड़ा है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के सिक्के को और चमकाया है। 





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(सुरेश गांधी )

दिवाली आलेख : अनूठी परंपराओं भरी है वनांचल की दीवाली

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भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व दीपावली देश के विभिन्न हिस्सों में चिरकाल से अपनी विभिन्न परम्पराओं और विशिष्टताओं के साथ मनाया जाता रहा है और हर इलाके में इसके मनाने का ढंग अपने किस्म का अनूठा ही है।

अंधकार से प्रकाश की ओर गतिमान होने का संदेश देने वाला यह तिमिरहर पर्व युगों-युगों से मानव सभ्यता  को प्रकाशित व उल्लसित करता आया है। कथाओं के अनुसार अन्धियारे से घिरे आततायी रावण के समूल संहार के पश्चात भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में घर-आँगन दीप प्रज्वलित कर खुशियों का इज़हार किया जाता है।

राजस्थान में भी यह प्रकाश पर्व पारम्परिक ढंग से हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जाता है। लेकिन प्रदेश के आदिवासी अंचल वागड़ क्षेत्र में दीपावली को जिस ढंग से मनाया जाता है वह अपने आप में बेमिसाल है वहीं आंचलिक संस्कृति के वैशिष्ट्य को भी प्रतिबिम्बित करता है।

आम तौर पर वणिक वर्ग का त्यौहार माने जाने से लक्ष्मी पूजा का परिपाटी इस पर्व के साथ गहनता से जुड़ी हुई है लेकिन आदिवासी इलाके के कृषि प्रधान होने से यहाँ पशुधन को भी लक्ष्मी की ही तरह मानकर इस पर्व को पशु पूजा के पर्व रूप में मान्यता प्राप्त है।

यहाँ सभी वगोर्ं में दीपावली मनाने की अलग-अलग परम्पराएँ व रीति-रिवाज हैं लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यहाँ इस पर्व के दौरान आदिवासियों के तौर-तरीके खास तौर पर दृष्टव्य हैं। आदिवासियों में इस पर्व को लेकर अनेक जन कथाएँ हैं तथापि सबका सार इतना ही है कि घर-परिवार की अन्न, पशु, धन आदि बहुविध सम्पदा की अभिवृद्धि करने की दृष्टि से धन की देवी लक्ष्मी की उपासना का  पर्व है। इस पर्व के पीछे लोक कहावतें भी कोई कम नहीं हैं।

आदिवासी क्षेत्रों में दीपावली की तैयारियां दस पन्द्रह दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। लोग-बाग अपने घर की लिपाई-पुताई तथा रंग-रोगन कर साज-सज्जा में जुट जाते हैं। बहुप्रतीक्षित दीपावली का दिन आते ही वनांचल के लोग बडे़ सवेरे उठकर अपने गाय, बछड़े भैंस या अन्य तमाम पशुओं को गांव के पास के नदी-नालों या तालाब कुओं पर ले जाकर पानी से अच्छी तरह नहलाते हैं व साफ कपड़े से शरीर पोंछ कर अपने पशुओं को रमजी या भांति-भांति के रंगों की वार्निश से रंग-बिरंगे कर देते हैं। पशुओं के सिंग, खुर पर रंग के अलावा सारे ही बदन पर छापे लगाकर आकर्षक बना देते हैं। 

पशुपालक इस दिन अपने पशुओं की खास तरीके से पूजा करते हैं उनके गले में घुंघरु बांधते हैं। इस दिन गाय की पूजा का ये लोग विशेष सिद्धिदायक मानते हैं। मान्यता चली आ रही है कि गाय की पूजा करने से घर में सम्पन्नता का निवास रहता है। पशुओं को इस दिन विशेष अन्न आदि खिलाये जाते हैं। इस दिन पशुओं की आरोग्य की दृष्टि से प्रायःतर पशुपालक गले में बालों के गुच्छे या ऊन का बनी रस्सी भगवान का नाम लेकर पहना देते हैं।

प्रचलित परम्परा के अनुसार गन्ने के टुकड़े काटकर इस पर रूई या कपड़ों की बत्तियाँ बना कर एक मशाल का निर्माण किया जाता है जिसे स्थानीय भाषा में ‘‘मेरिया’’ कहते हैं। इस पर तेल डालकर प्रज्वलित करने के बाद सबसे पहले ये लोग समूहों में पास के मंदिर में जाकर देवता को दिखाते हं तथा जोर-जोर से ‘मेरिया’ शब्द उच्चारित कर देवदर्शन करते हैं। इन मेरियों को पशुपालक अपने पशुओं को भी यह बोलते हुए दर्शाते हैं -
‘‘आळ दीवारी काळ दिवारी, राजा रामचन्द्रजी नु मेरीयू
कारी गाय धोरी गाय,राजा रामचन्द्रजी नु मेरीयू

ग्रामीण स्त्री-पुरुष भी इस दिन बड़े सवेरे नहा-धोकर अपने पारम्परिक परिधानों में सुसज्जित होकर घर के बाहर निकल जाते हैं और अपने-अपने पशुओं को लेकर हाँकते हुए गांव के बाहर नियत मैदान पर एकत्रित होते हैं, अपने पशुओं को उन्मुक्त भ्रमण के लिए छोड़ देते हैं व पूँछ पकड ़ कर दौड़ाते हुए पशु क्रीड़ा का जी भर कर मजा लेते हैं। इस दिन ग्वालों को अन्न-वस्त्र देकर सम्मानित किये जाने की परिपाटी भी बरकरार है।

लोग घरों में इस दिन विशेष पकवान बनाते हैं। अंचल में कहीं-कहीं कई लोग इस दिन मुर्गो व बकरों की बलि चढ़ाते हैं व प्रसाद ग्रहण करते है। इस दिन शराब का प्रचलन भी देखा गया है। ग्राम्य युवतियां भी आभूषण धारण कर अपने परिजनों के घर जाकर दीपावली की शुभकामनाएं व्यक्त करती हैं। बांसवाड़ा जिले के अबापुरा, डूंगरा, सज्जनगढ़ व बड़ली पाड़ा इलाकों में दीपावली पर अच्छे खासे मेले भरते हैं। गांवों में पशुओं के आने-जाने के रास्ते में अभिमंत्रित रस्सी बांध देते हैं जिसके नीचे से होकर रोजाना पशु गुजरते हों। ऎसी मान्यता है कि इससे गांव के पशुओं को रोग व महामारी की सम्भावना नहीं रहती है।




(डॉ. दीपक आचार्य)
सहायक निदेशक, 
सूचना केन्द्र, प्रतापगढ़ (राजस्थान)
सम्पर्क ः 9413306077

दिवाली आलेख : अरावली की वादियों में मौज-मस्ती लुटाती है मनोहारी दीवाली

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अन्तरमन के उल्लास को मानव सहज रूप से अंग संचालन  एवं नृत्य की मनोहारी भंगिमाओं में अभिव्यक्त करता आया है।  यों तो उत्सव और नृत्य का अंतः संबन्ध प्रायः देश के सभी क्षेत्रों मेें लक्षित होता है किन्तु जीवन को भरपूर आनन्द से जीने की जो अभीप्सा और जिजीविषा आदिम जातियों में देखी जाती है वह विलक्षण है। प्रकृति के स्वच्छंद वातावरण में उन्मुक्त विहार करने वाली वाग्वर अंचल की जनजातियों का समग्र जीवन ही लोक संगीत और नृत्यों से भरा हुआ है। इनमें हर पर्व और त्योहार पर अलग-अलग लोक संगीत और नृत्य परम्परा से जुड़े हुए हैं। इनमें वोरी नृत्य प्रसिद्ध है जिसका संबन्ध दीपोत्सव से है।

राजस्थान के धु्रव दक्षिण में सीमावर्ती गुजरात और मालवा क्षेत्र की जनजातीय लोक संस्कृति की गंध बिखेरने वाले वागड़ अंचल के ये वनवासी ही हैं जिनके हर कर्म से माटी की सौंधी गंध महकती रहकर ताजगी और जीवन्तता का अहसास कराती है।

दीपावली पर रोशनी और चकाचौंध से दूर ग्रामीण अंचलों में निवास कर रहे वनवासी किस तरह इस त्योहार पर असली आनंद और उमंग की धाराओं से सराबोर हो जाते हैं, इसका दिग्दर्शन भी कम रोचक नहीं है। यों देखा जाए तो वनाँचल का हर पर्व और त्योहार लोक जीवन के कई-कई रंगों का दिग्दर्शन और रसों का आस्वादन कराता रहा है। इनमें दीपावली का पर्व उल्लास वृष्टि और नवजीवन का संचेतक पर्व है जब समूचा दक्षिणाँचल सामाजिक, धार्मिक और लोक रस्मों से भरा रहकर आनन्द का ज्वार उमड़ाता है।

शहरीकरण के लगातार कसते जा रहे पाश और पाश्चात्य विकृतियों भरे परिवेश के बीच भी यहाँ की सांस्कृतिक परंपराएं अक्षुण्ण बनी रहकर शाश्वत और सनातन लोक धाराओं को प्रतिबिम्बित करती रही हैं। मानव ने जीवन में नित नवीनता और उसके प्रति ललक पैदा करने के लिए पर्व और त्योहार के रंगों को निमित्त बनाया है। वनवासियों की दीवाली हो और उसमें लोकरंग तथा नृत्य नहीं हो? यह भला कैसे संभव है। 

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दीपावली पर इन वनवासी अंचलों में जो लोकनृत्य प्राचीन काल से प्रचलित रहा है उसे ‘‘वोरी’’ नृत्य कहते हैं, जो दीवाली के दिनों में अरावली पहाड़ियों को लोकनृत्याें की धूम से गूंजायमान कर देता है। तब लगता है दूर-दूर तक बिखरी अरावली की ये पर्वत श्रेणियां भी वनवासियों के साथ दीवाली का मजा लूटने में व्यस्त हैं। ‘‘वोरी नृत्य’’ संभवतः गवरी नृत्य का ही अपभ्रंश है जो गौरी तथा बाद में ‘वोरी’ होकर रह गया। गांवों में युवकों-प्रौढ़ों की अलमस्त टोलियां लोकगीतों और लोक वाद्यों के नादों पर थिरकती-झूमती सड़कों पर निकल आती हैं।

टोली में कोई फक्कड़ किस्म का सुन्दर युवक साड़ी, लहंगा आदि स्त्रीयोचित परिधान पहन कर युवती का रूप धारण करता है इस युवक को ‘‘वोरी’’ कहा जाता है, जबकि अन्य युवक जो इसके साथ नाचते गाते हैं ‘‘वोरा’’ कहे जाते हैं। इनके साथ दस बीस से लेकर पचास साठ जनों की टोली जुट आती है। ये लोग भांति-भांति के श्रृंगार, प्रेम, करुण रस भरे, धार्मिक, सामाजिक रस्मों से संबंधित  गीत गाते थिरकते नृत्य करते हुए गांवों में मोहल्लों-घरों पर जाते हैं व लोगों का मनोरंजन करते हैं। इस रोचक एवं मनमोहक नृत्य को देखने गांव भर के बच्चों का झुण्ड भी इनके पीछे ही चलता है। लोग बाग इस टोली के लोगों को प्रसन्न होकर अनाज दाना, पैसा आदि भेंट देते हैं।

आम तौर पर ‘‘वोरी’’ को लोकदेवी और ‘‘वोरा’’ को भैरूजी का प्रतीक माना जाता है। वोरी नृत्य के दौरान ढोल-नगाड़ों के नाद तीव्र होते ही नृत्यरत लोगों को भार आते हैं। ऎसा माना जाता है कि दिव्य आत्माएं इनके शरीर में प्रवेश कर इन्हें असामान्य कर देती हैं। इन नादों पर अनेक पुरुष महिलाएं भी थिरक उठते हैं, जो वोरी नृत्य में शरीक हो जाते हैं। 

इस समय आनंद के अतिरेक में डूबे इन वनवासियों का यह नाच-गान वाकई बड़ा ही अद्भुत और आकर्षक होता है। लोग टकटकी बांधे इनके करतबों से अपना मनोरंजन करते हैं। एक गांव में एकाधिक टोलियां भी वोरी नृत्य करती हैं। वोरी को कहीं-कहीं ‘‘राई गुड़िया’’ भी कहा जाता है। वोरी नृत्य का यह क्रम अनेक क्षेत्रोंं में दो-चार दिन तक चलता रहता है व रात को भी नाच गाकर जश्न मनाया जाता है। पाँवों में घुंघरु बांधे वोरी बना पुरुष जब नारी के रूप में नाचता है तब अद्र्धनारीश्वर की कल्पना सहज ही साकार हो उठती है। ताल पर नाचते हुए इनकी मादक लय और रोचकता उस समय चरम हो उठती है जब वोरा बना युवक वोरी को प्रेमिका की तरह बांहों में भींच लेता है। तब दर्शक समुदाय भी हर्ष नाद कर उठता है। 

नारी और पुरुष अनादिकाल से एक दूसरे के पूरक रहे हैं और यही सृष्टि का मूल आधार है। आलिंगनबद्ध यह वोरा- वोरी युगल शिव और महागौरी की नृत्य मुद्रा और परस्पर समाहित हो एकाकार होने का भास कराते हैं। वोरी नृत्य के माध्यम से ये लोग विभिन्न करतबों से जन मनोरंजन करते हैं और सूरज के छिपते ही गांव के बाहर किसी मंदिर या खुले स्थान पर इकट्ठा होकर सामूहिक गोठ का आनंद भी लेते हैं। वोरी नृत्य को गवरी के लघु संस्करण के रूप में भी मंचित होते हुए देखा जा सकता है। दक्षिणांचल के आदिवासियों के लिए यह दीपावली का नृत्य है जिसे ग्राम्यांचलों, खासकर सुदूरवर्ती इलाकों में सहज ही देखा जा सकता है।






(डॉ. दीपक आचार्य)
महालक्ष्मी चौक, बाँसवाड़ा - 327001
(राजस्थान)
सम्पर्क - 9413306077

दिवाली आलेख : आवाहन करें लक्ष्मी का

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diwali articleपूरा देश दीवाली की रंगत में रचा-बसा और खोया हुआ है। हर कोई लक्ष्मी को रिझाने में लगा है। चाहता है कैद कर लें लक्ष्मी मैया को अपनी तिजोरी में। इसके लिए क्या-क्या जतन नहीं हो रहे यहाँ-वहाँ- सभी जगह। हर कोई चाहता है जमाने की रफ्तार और समृद्धि के अनुरूप सारे संसाधन, भौतिक सुख-सुविधाओं का अम्बार और दुनिया की ज्यादा से ज्यादा सम्पत्ति पर अपना और सिर्फ अपना ही कब्जा। जो कुछ दीख रहा है, दिखाया जा रहा है वह चकाचौंध में फब रहा है। 

इस चमक-दमक को ही लक्ष्मी का रूप मानकर हर कोई लगा है लक्ष्मी पाने के फेर में। जिनके पास अपार धन-दौलत है वे भी, और जिनके पास कुछ नहीं है वे भी लक्ष्मी मैया की कृपा पाने को आतुर हैं। तरह-तरह के जतन हो रहे हैं, बिजली की इतनी घातक दमक कि आँखों की रोशनी भी शरमा जाए। हर तरफ जबर्दस्त चकाचौंध। लक्ष्मी मैया भी घबरा जाए और उसे भी सोचना पड़े आखिर कहाँ जाए वह। लक्ष्मी को चाहने के लिए हो रहे प्रयासों के बीच यह गंभीरता से सोचना होगा कि हम किस लक्ष्य का संधान कर ये सब कर रहे हैं। 

जब हम लक्ष्मी की साधना करते हैं, लक्ष्मी मैया को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं तब हमें अच्छी तरह यह समझ लेना चाहिए कि लक्ष्मी क्या है और अलक्ष्मी क्या है। क्योंकि लक्ष्मी मैया वहीं आती हैं जहां अलक्ष्मी नहीं होती। आज जो भौतिक चकाचौंध हम चारों को देख रहे हैं वह लक्ष्मी न होकर अलक्ष्मी ही है। लक्ष्मी से संबंध सिर्फ धन का ही नहीं है, लक्ष्मी जब आती है तब चराचर जगत के उपलब्ध और दुर्लभ सम्पूर्ण प्रकार के वैभव प्रदान करती है, ऎश्वर्य देती है और जीवन आनंद से सरोबार हो जाता है।

जिसके जीवन में लक्ष्मी का प्रवेश हो जाता है उसका हर क्षण महाआनंद से भर उठता है, उसे आत्मतोष और प्रसन्नता के लिए कुछ नहीं करना पड़ता।  जीवन का हर ऎश्वर्य उसे सहज ही प्राप्त होता है। लक्ष्मी पाने के लिए पुरुषार्थ और शुचिता प्राथमिक अनिवार्य शर्त है और ऎसा होने पर ही लक्ष्मी का आगमन होता है। इसके बगैर लक्ष्मी पाने की कल्पना नहीं की जा सकती है। जहाँ भ्रष्टाचार, काला धन, रिश्वत, हराम की कमाई, बेनामी पैसा, अपवित्र माध्यमों से आया धन, काला मन और जड़ता भरे संसाधन होते हैं वहाँ लक्ष्मी की बजाय अलक्ष्मी वास करती है और ऎसे माहौल में लक्ष्मी की दूर-दूर तक कल्पना नहीं की जानी चाहिए। 

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हमारे आस-पास ऎसे लोगों की भरमार है जो बड़े प्रतिष्ठित कहे जाते हैं, अकूत धन-दौलत के स्वामी हैं और भौतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इन सबके बावजूद कितनों के मन में संतोष है, कितनों के चेहरों पर प्रसन्नता के भाव हैं, कितनों के पास मुस्कान बनी हुई है या कितने वो सब काम कर पाते हैं जो सामान्य आदमी हँसी-खुशी से कर लेता है और आनंद में रहता है। इसका जवाब नकारात्मक ही आएगा। जहाँ धन-वैभव है और प्रसन्नता नहीं है वहाँ लक्ष्मी की बजाय अलक्ष्मी का निवास निश्चय मानना चाहिए। फिर अलक्ष्मी अपने साथ कितनी ही समस्याओं को लेकर आती है जो कभी व्यभिचार तो कभी बीमारियों के रूप में व्यक्तित्व को धीरे-धीरे खोखला करती रहती है। जहाँ अलक्ष्मी होगी वहाँ सारी बुराइयां होंगी ही। इसके विपरीत जिन पर लक्ष्मी मैया प्रसन्न रहती है वे हमेशा चुस्त, मस्त, प्रसन्न और संतोषी रहते हैं। 

लक्ष्मी और अलक्ष्मी में फर्क करना जरूरी है। जहां अलक्ष्मी है वहाँ लक्ष्मी का आगमन कभी हो ही नहीं सकता। ऋग्वेद का श्रीसूक्त लक्ष्मी प्राप्ति का सबसे बड़ा प्रयोग है। इसका निरन्तर पाठ व जप किया जाए तो लक्ष्मी की प्रसन्नता सहज ही प्राप्त हो सकती है लेकिन इसमें भी लक्ष्मी पाने की कामना करते हुए यह भी स्पष्ट कहा गया है कि ज्येष्ठा अलक्ष्मी नष्ट हो जाए। लक्ष्मी प्राप्ति की कामना किसे नहीं होती लेकिन यह भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि हम लक्ष्मी के जिन रूपों को देख कर आराधना कर रहे हैं वह लक्ष्मी नहीं है। यदि उसे ही लक्ष्मी मान लिया जाए तो ऎसी लक्ष्मी होने के बावजूद जीवन जीने का आनंद या जीवन का ऎश्वर्य क्यों नहीं है।  
लक्ष्मी की आराधना करें मगर इसके लिए पुरुषार्थ को सर्वोपरि मानें, शुचिता का भाव रखें और सेवा तथा परोपकार के कामों में धन लगाएं तभी वह लक्ष्मी आपको, आपके परिवार को और आपके समस्त परिचितों को आनंद की प्राप्ति करा सकती है।  अन्यथा अपने पास अनाप-शनाप रुपया-पैसा और द्रव्य होने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उसका सदुपयोग नहीं हो पाता। लक्ष्मी का सदुपयोग शुरू हो जाने पर दूसरों की भावना ईष्र्या से बदल कर आशीर्वाद और दुआओं भरी हो जाती है। लक्ष्मी को स्थिर करना चाहें तो परोपकार और सेवा में इसका खर्च करें तभी लक्ष्मी बहुगुणित होने लगेगी।







(डॉ. दीपक आचार्य)
महालक्ष्मी चौक, बांसवाड़ा-327001
सम्पर्क ः 9413306077

देश में आतंकी खतरा बरकरारः गृहमंत्री

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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सभी राज्यों को आगाह करते हुए कहा कि देश में आतंकी खतरा बरकरार है। उन्होंने राज्यों से कहा है कि जब भी इस बारे में कोई खुफिया रिपोर्ट मिलेगी, संबंधित राज्यों को इसकी जानकारी मिल जाएगी। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकी खतरे की आशंका है। अलग-अलग जगहों के लिए खास सूचनाएं होती हैं। उसी के आधर पर आतंकियों से निबटने की तैयारी होती है। वह होम मिनिस्ट्री की उस चेतावनी के बारे में बात कर रहे थे, जिसमें हाई अलर्ट जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों से त्योहार के समय में पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा गया है। गौरतलब है कि इससे पहले एनएसजी के डायरेक्टर भी देश में बड़े आतंकी हमले की आशंका व्यक्त कर चुके हैं। 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डाभोल ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद को बातचीत से निपटने के लिए भारत तैयार है। कश्मीर सीमा पर पाक गतिविधियों का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने यहां 'द म्युनिख सिक्युरिटी कॉन्फ्रेंस'को संबोधित करते हुए सभी पड़ोसियों के साथ मैत्री संबंध पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति क्षेत्रीय देशों को साथ ला सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2001 से आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन लंबित हैं, उन्हें फिर से बुलाया जाना चाहिए। डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत क्षेत्रीय संप्रभुता पर कोई समझौता किए बिना आर्थिक प्रगति करने वाले चीन के साथ मैत्री संबंध रखना चाहता है। 

सरकार स्विस बैंक में ब्‍लैकमनी रखने वालों के नाम सुप्रीम कोर्ट को बताएगी

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केंद्र सरकार जल्‍द ही स्विस बैंक में ब्‍लैकमनी रखने वाले के नाम सुप्रीम कोर्ट को बता सकती है. अगर ऐसा होता है, तो यह कालाधन वापस अपने देश लाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा. 'मान गया स्विटजरलैंड, सरकार करेगी काले धन के मालिकों के नाम उजागर' जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार अगले ही हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करके वह लिस्‍ट सौंप सकती है, जिसमें स्विस बैंक में कालाधन रखने वाले 136 खाताधारकों के नाम होंगे. अदालत को यह दस्‍तावेज सीलबंद लिफाफे में सौंपा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने वाले 136 नाम वैसे होंगे, जिनके खिलाफ ब्‍लैकमनी रखने के पुख्‍ता सबूत हैं. केंद्र को यूरोपीय सरकारों से करीब 800 ऐसे नाम मिले है, जिनके पास कालाधन है.

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के बीच इस मसले पर गंभीर चर्चा हुई, जिसके बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया. एक टीवी इंटरव्‍यू में वित्त मंत्री ने कहा कि कालाधन रखने वाले खाताधारकों के नाम को जल्द सार्वजनिक किया जाएगा. अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने जिन खाताधारकों के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिए हैं, उनके नामों का खुलासा जल्द अदालत में किया जाएगा.

अरुण जेटली ने कहा कि मीडिया ने इस बारे में गलत तरीके से रिपोर्ट की है, जिसका गलत अर्थ लगा लिया गया है. वित्तमंत्री ने कहा, 'मीडिया का कहना है कि हम नामों का खुलासा नहीं करेंगे. हमारा कहना यह है कि कानून के तहत नामों का खुलासा किया जाएगा.'वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'भारत की जर्मनी के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि है. यह करार हमें नामों का खुलासा मीडिया में करने से रोकता है, लेकिन अदालत में नहीं.'

जेटली ने कहा, 'नहीं, यह करार हमें नामों का खुलासा करने से नहीं रोकता. इसमें सिर्फ यह कहा गया है कि नामों का खुलासा अदालत में करें, मीडिया में नहीं. लेकिन जब आप अदालत में इसका खुलासा करेंगे, तो यह मीडिया में खुद ही आ जाएगा. हम सिर्फ यही बात कह रहे हैं.'कालेधन के मुद्दे पर आलोचनाओं में घिरे वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि विदेशों में बैंक खातों में कालाधन रखने वाले लोगों के नाम का खुलासा होने पर कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा.

जेटली ने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि ये नाम सामने आने के बाद मैं (BJP) शर्मिन्दगी की स्थिति नहीं होऊंगा. इन नामों की वजह से कांग्रेस को कुछ शर्मिन्दगी झेलनी पड़ेगी.'

नीमच (मध्यप्रदेश) की खबर (21 अक्टूबर)

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neemuch mapस्टेण्डिंग कमिटी की बैठक आज 

नीमच 21 अक्टूबर 2014, नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के संदर्भ में जिला स्तरीय स्टेण्डिग कमिटी की बैठक आज 22 अक्टूबर शाम 03ः00 बजे कलेक्टरोट सभा कक्ष नीमच में रखी गई है। इस बैठक में मान्यता प्राप्त सभी राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो को आमंत्रित किया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. राजेष पाटीदार ने कलेक्टर श्रीमती जी.व्ही रष्मि की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलेा के प्रतिनिधियो से इस बैठक मे उपस्थित होने का आग्रह किया है।

जिला पंचायत सी.ई.ओ. का प्रभार श्री कतरोलिया को 

नीमच 21 अक्टूबर 2014, राज्य शासन द्वारा नीमच जिला पंचायत के सी.ई.ओ श्री डी.एस. रण्दा को संयुक्त संचालक के पद से पदोन्नत कर अतिरिक्त संचालक वालमी भोपाल के पद पर पदोन्नत कर उनकी पदस्थापना भोपाल कर दी गई है। कलेक्टर श्रीमती जी.व्ही रष्मि ने श्री डी.एस. रण्दा को कार्यमुक्त कर जिला पंचायत सी.ई.ओ का प्रभार नीमच के अपर कलेक्टर श्री पी.आर.कतरोलिया को सौपा है।

दिवाली आलेख : जनजाति क्षेत्रों में पशु भी उठाते हैं दीवाली का आनंद

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दीपावली न केवल एक त्योहार है बल्कि हर प्रकार के रंगों और रसों से भरा सामाजिक पर्वों का समुच्चय है, जिसमें मनुष्य से लेकर पशुओं तक को आह्लाादित करने वाले कार्यक्रमों, अनुष्ठानों का समावेश है। कृषि कर्म और पशुपालन पर निर्भर देश के बहुसंख्य लोगों के लिए तो दीवाली के दिन धन-धान्य वृद्धि के पारंपरिक लोक साँस्कृति और सामाजिक अनुष्ठानों के होते हैं। पशुओं को धन की संज्ञा दी गई है। शास्त्रों में मनुष्य के लिए देवताओं से कामना की गई है कि धन-धान्य के साथ पशु धन का भी विस्तार एवं विकास हो।

वाग्वर अंचल के नाम से जग विख्यात राजस्थान के दक्षिणांचल (बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर तथा आस-पास के इलाके) के अधिकांश लोगाें की आजीविका का मुख्य साधन खेती एवं पशुधन ही रहा है। दीपावली वह वार्षिक पर्व है जब इनकी समृद्धि के लिए विविध अनुष्ठान और टोने-टोटकों का सहारा लिया जाता है। दीपावली व इसके बाद एक दो दिन तो वागड़ में पशु रक्षा अनुष्ठानों की रोचक परम्पराओं से भरे होते हैं। दीपावली के दिनों में यहां के किसानों-पशुपालकों द्वारा अपने-अपने गाय-बैल इत्यादि पशुओं को जलाशय में ले जाकर नहलाया जाता है और इनके सींग-खुरों को रमजी (रंगीन मिट्टी) या वार्निश से रंगीन किया जाता है। इसके अलावा मेहन्दी, रमजी आदि से पशुओं के शरीर पर छापे बनाये जाते हैं। जिससे पशु पूरी तरह रंग-बिरंगा हो अपने आपको मस्त अनुभव करता है। फिर इनके गले में घुंघरु तथा छोटे-छोटे काँच के टुकड़ों, मोरपंख, रंगीन पन्नियों, बालों के गुच्छे, रस्सी, काली डोरी आदि को मिलाकर बनाई गई रस्सी बांधी जाती है, इसे स्थानीय भाषा में ‘‘कड़वा’’ कहा जाता है।

गाय में लक्ष्मी का निवास मानकर गाय-बैल की विशेष पूजा की जाती है। दीपावली पर देवता के सम्मुख मशाल प्रज्ज्वलित करते समय भी गाय का नाम विशेष रूप से उच्चारित होता है-
‘आळ दीवारी काळ दीवारी 
काळी गाय धोरी गाय
राजा रामचन्द्रजी नूं मेरीयू.......’’

यह वाक्य बोलते हुए पशु शाला जिसे यहां की भाषा में ‘‘कोड़’’ कहा जाता है, में मशाल दिखाई देती है। ऎसा माना जाता है कि इससे दुष्ट वृत्तियां नष्ट हो जाती हैं। इस दिन गाय-बैलों को पकवान खिलाये जाते हैं और नन्दीश्वर का नाम लेकर तिलक-अक्षत् किया जाता है। अपने पशुओं की रक्षा के लिए भौंपों, भैरवजी स्थानकों, कलाजी एवं तांत्रिक-मांत्रिकों द्वारा रक्षामंत्र पढ़कर बनाये गये सूत्र भी पशुओं को पहनाये जाते हैं। अभिमंत्रित धान खिलाते हैं। ऎसी मान्यता है कि इससे वर्ष भर पशु स्वस्थ रहते हैं व पशु धन में वृद्धि होती रहती है। 

कई लोग पशुशाला में घण्टाकर्ण के मंत्रों से अभिमंत्रित पीपल के पत्ते बांधते हैं। इसके साथ ही ‘‘गोत्रमिन्द्राणि मे रक्षेत्पशून्मेरक्षचण्डिके..... ’’ तथा ‘‘ॐ’’ पशुपतये नमः आदि मंत्रों का पाठ किया जाता है। इसके अलावा भगवान शंकर पर गौदुग्ध चढ़ाकर अभिषेक किया जाता है और साबर मंत्रों से पशु रक्षा की कामना की जाती है। 
गांव में पशुओं को महामारी या अनिष्ट से बचाने के लिए गांव भर के लोग दूध इकट्ठा करते हैं व पतली धार से सारे गांव के चारों ओर काल्पनिक रेखा बना देते हैं।

गांवों में पशु पालकों द्वारा अभिमंत्रित काली रस्सी को गांव में पशु आवागमन के मुख्य मार्ग पर बांध दिया जाता है। जन मान्यता है कि इस रस्सी से नीचे होकर गुजरनेे वाले पशुओं पर अनिष्ट का साया नहीं पड़ता है और गांव का पशुधन सुरक्षित रहता है। ग्वालों को सम्मानित किया जाता है व उन्हें अन्न-वस्त्र, धन राशि इत्यादि भेंट की जाती है।

गोवर्धन पूजा का यहां सर्वत्र खासा प्रचलन है और लोग श्रद्धा के साथ गोवर्धन पूजा करते हैं। दीपावली या अगले दिन कई गांवों में पशुक्रीड़ा के आयोजन होते हैं और इनसे अगले वर्ष का भविष्य भी जाना जाता है। वागड़ अंचल में गुर्जरों की दीवाली भी देखने लायक होती है। बांसवाड़ा के समीप निचला घण्टाला में इस दिन गुर्जरों द्वारा पारंपरिक अनुष्ठान किया जाता है।





(डॉ. दीपक आचार्य)
महालक्ष्मी चौक, बाँसवाड़ा - 327001
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सम्पर्क - 941330607

अनूठी लोक रस्म : मृतात्माएं भी करती हैं दीवाली का इंतजार

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diwali articleभारतीय संस्कृति में दीपावली समूचे मानव समुदाय के लिए उल्लास और मौज-मस्ती का उत्सव तो है ही। इस त्योहार की प्रतीक्षा मृतक भी करते हैं। उनके लिए भी दीवाली उजाले का पैगाम लेकर आती है। इसीलिए दिवंगत आत्माएं साल भर से दीपावली की प्रतीक्षा करती हैं। वागड़ अंचल में दीवाली हर किसी को सुकून देती है फिर मृतात्माएं इससे वंचित कैसे रह सकती हैं। वागड़ की पुरातन परम्पराओं में हर साल दीपावली पर दीवड़ा की रस्म होती है। 
यम के निमित्त दीप दान करने की इस रस्म में रूप चतुर्दशी की रात्रि के अंतिम प्रहर अर्थात दीपावली को तड़के चार से पांच बजे के बीच घर-परिवार में साल भर में दिवंगत हुए व्यक्तियों के अंधत्व दोष निवारण के लिए विधि-विधान पूर्वक दीप दान किया जाता है। इसे दीवड़ा कहते हैं। दीवड़ा रस्म के प्रभाव के बारे में कहा गया है - नैव पश्यन्ति जन्मान्धों, कामान्धों नैव पश्यन्ति
दीवडा नहीं तो अगले जन्म में अंधापन 
पौराणिक मान्यता है कि जिस मृतक के निमित्त दीवड़ा अर्थात दीपावली पर वार्षिक यम दीप-दान विधान नहीं होता है, उन जीवात्माओं को अगले जन्म में अंधत्व का अभिशाप भुगतना पड़ता है। ऎसी आत्माएं अगले जन्म में जन्मांध होती हैं। इसके साथ ही पूरे विधि-विधान से दीवड़ा रस्म पूर्ण नहीं होने पर अगले जन्म में आँखे कमजोर रहती है।
पुराणों में यम दीप दान विधान है यह
चतुर्दशी भगवान शिव के साथ-साथ यम की तिथि भी मानी जाती है। दीपावली वाली चौदस को यम के दीपदान के लिए वार्षिक पर्व माना गया है। चतुर्दशी की रात के अंतिम प्रहर में अर्थात् दीपावली को तड़के दीवड़ा विधान का आयोजन गांव-शहर या कस्बे से बाहर जलाशय के किनारे होता है। माना जाता है कि पितरों का वास यहीें होता है। इसमें वे सभी लोग भाग लेते हैं जिनके घर-परिवार में वर्ष भर में किसी परिजन की मृत्यु हो चुकी होती है। ये लोग घर से स्नान करके आते हैं अथवा जलाशय में स्नान के बाद दीवड़ा की पूजा में शरीक होते हैं। क्रिया पूरी हो जाने के बाद फिर स्नान जरूरी होता है। इनमें मृतक के रिश्तेदार भी हिस्सा लेते हैं। 

इसमें मृतक का नाम व गोत्र उच्चारित कर मृतक के तेज प्राप्ति व अंधत्व दोष निवारण का संकल्प लिया जाता है। इसमें पूर्ववर्ती पितरों वंश परम्परा का भी स्मरण किया जाता है।इसके उपरान्त सुपारी या शिला में भगवान श्रीविष्णु का आवाहन कर विष्णु की न्यास-ध्यानपूर्वक षोड़शोपचार से पूजा की जाती है।
गन्ने के ध्वज दण्ड और नवान्न का प्रयोग पूजा में
यहीं पर तीन सुपारियों में यमराज तथा पितरों का आवाहन किया जाता है तथा इनके निमित्त तीन घृत दीपक जलाकर यम एवं पितर मंत्रों के साथ पूजा की जाती है। इसके लिए कलश या मिट्टी का छोटा पात्र(जिसे वागड़ अंचल में सउड़ी कहा जाता है) लेकर इसमें नवान्न के रूप में सूखे पौहे भरे जाते हैं। कहीं चने भी भरते हैं। फल भी अर्पित होते हैं। दीपक के साथ ध्वज का विधान होने से लाल-पीले रंगीन ध्वज लगाए जाते हैं। इन ध्वजों के लिए ध्वजदण्ड के लिए गन्ने के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। गन्ने के दण्ड इसलिए कि इन दिनों में गन्ने की ही फसल होती है। किन्हीं स्थानों पर बेाईले और किसी और पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल होता है। भगवान और यम तथा पितरों को प्रसन्न करने के लिए नई और ताजी सामग्री भेंट करने का विधान चला आ रहा है।
कुछ समाजों में जलाशय के किनारे इन सारे विधानों के बीच पितरों के लिए लकड़ी व कपड़े के टुकडों से डागरा(मचान) बनाया जाता है तथा पितरों को इस पर बिठाने की भावना भी की जाती है। यम तथा पितरों को दीप दान, विष्णु पूजा आदि हो जाने के बाद आरती कर सभी का विसर्जन कर दिया जाता है। यह पूजा विधि समाजों के गोरजी सम्पन्न कराते हैं। दीवड़ा हो जाने के बाद स्नान-ध्यान कर देव-दर्शनादि किए जाते हैं। दीवडा की रस्म पूरी हो जाने के बाद मृतक के घर में दीपावली को दिन में मृतक का स्मरण किया जाता है तथा ब्राह्मणों एवं सगे-संबंधियों को जिमाया जाता है। आम तौर पर भोजन में बरफी, दूध पाक खीर का नैवेद्य लगता है।
देव दीवाली को भी होता है दीवड़ा
जिनके यहां दीपावली के आस-पास किसी की मौत हो जाती है उनके मृतक परिजनों का दीवड़ा देव दीवाली को तड़के अर्थात कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के अंतिम प्रहर में होता है। इसकी सारी प्रक्रिया वही होती है जिसका दिग्दर्शन दीवाली को तड़के जलाशयों के किनारे होता है। धर्म और अध्यात्म की परम्पराओं में काशी से होड़ रखने वागड़ अंचल में इसी प्रकार की अनूठी परम्पराएँ लोक जीवन के वैविध्य का दिग्दर्शन कराती रही हैं।





(डॉ. दीपक आचार्य)
महालक्ष्मी चौक, बाँसवाड़ा-327001
राजस्थान
सम्पर्क ः 9413306077

विशेष आलेख : लक्ष्मी साधना के अचूक उपाय

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धर्म प्रधान भारतीय संस्कृति में जीवन का हर  सुख व आनन्द भाग्य कर्म अथवा दैव कृपा का ही परिणाम माना जाता है। मान्यता है कि मनुष्य को इस जन्म में प्राप्त वर्ण, धन-सम्पदा, और सभी जीवनोपयोगी वस्तुएँ, मित्र, परिवेश और विविध संबंध पूर्वजन्म के पाप-पुण्यों का ही फल है। प्रारब्ध में संचित कर्मों के अनुसार ही मनुष्य को इस जन्म में फल प्राप्त होता है। इनमें मनुष्य कोई फेरबदरल नहीं कर सकता, मगर तीव्र कर्म व उपासना अनुष्ठान आदि का अवलंबन कर भाग्य बदल दिए जाने और प्रकृति एवं देवताओं तक को चुनौती दिए जाने की घटनाएँ भरी पड़ी हैं। 

आज भी किसी भी कार्य में कोई बाधा या संकट उत्पन्न हो जाने पर मनुष्य द्वारा विभिन्न उपासना पद्धतियों, साधनाओं, पूजा-अर्चना आदि अनुष्ठानों द्वारा देवी-देवताओं को प्रसन्न कर इच्छित कामना पूरी कराने की परिपाटी चली आ रही है। यह विलक्षणता ही है कि हर निश्चित कार्य के लिए पृथक-पृथक विशिष्ट देवी-देवता की उपासना का सहारा लिया जाता है। वेदों, पुराणों, शास्त्रों में ऎसे सैकड़ों उदाहरण मौजूद हैं। कलियुग भौतिक सुख-सुविधाओं एवं ऎश्वर्य-विलास का युग माना जाता है जिसमें धन को सर्वोपरि कारक मानने को नकारा नहीं जा सकता। धर्म शास्त्रों में लक्ष्मी को धनदात्री एवं दारिद्रय विनाश की प्रधान देवी के रूप में पूजा गया है। 

पौराणिक काल से समृद्धि की कामना से उनकी पूजा-अर्चना की जाती रही है। आज भी दीपावली पर प्रमुख रूप से हर कहीं महालक्ष्मी पूजा व्यापक श्रद्धाभावना के साथ परम्परागत  रूप से प्रचलित है और दीवाली तो लक्ष्मी पूजा का वार्षिक पर्व बन ही चुका है। आज के समय में देश में बेरोजगारी और बेकारी सुरसा के मुँह की तरह बेतहाशा बढ़ती ही चली जा रही है और लोगों के जीवन निर्वाह में बाधाएं पहाड़ बनकर आ खड़ी हैं, ऎसे में धन के अभाव में जीवन निर्वाह कितना मुश्किल है इसकी कल्पना भी भयानक है।
हमारे पुराणों और मंत्र शास्त्रों में अनेकानेक चमत्कारिक नुस्खे भरे पड़े हैं जिनका अवलम्बन करने से मनुष्य को आजीविका लायक वातावरण बन जाने और भगवती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होने के उदाहरण आज भी निराशा के महासागर में आशाओं का ज्वार उमड़ा देते हैं। समूची प्रकृति मंत्रों के अधीन है और सूक्ष्म दृष्टि से देखा जाए तो यह चराचर जगत् परमात्मा की कृपा से ही व्याप्त है। मंत्रों का विधिपूर्वक आश्रय ग्रहण कर मानव प्रकृति को अपने अनुकूल बना सकता है लेकिन इसमें आवश्यकता होती है श्रद्धा, विश्वास और यम-नियमपूर्वक साधना की।
मंत्रों को प्रयोग में लाने से पूर्व इन्हें सिद्ध किए जाने की जरूरत होती है और इसे सिद्ध करने के उपरांत ही ये साधकों की इच्छाओं की पूर्ति करने में सहायक सिद्ध होते हैं। मंत्रों की सिद्धि के लिए विशेष मुहूर्त होते हैं लेकिन प्रायःतर रविपुष्य, गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग प्रमुख हैं। ख़ासकर चन्द्र ग्रहण, सूर्यग्रहण या दीवाली होली को की गई मंत्र साधना शीघ्र फलदायी व बहुत जल्दी सिद्ध होती है। 

मंत्र-तंत्र शास्त्रों के अनुसार चन्द्र ग्रहण में देवी मंत्रों तथा सूर्य ग्रहण में देव मंत्रों की साधना की जाती है। शुभ मुहूर्त में कुशा या कंबल के आसन पर बैठकर आचमन, प्राणायाम, शुद्धि आदि के बाद गुरु के बताए अनुसार विधि के साथ निश्चित परिमाण में मंत्र जप किए जाते हैं। ऎसा माना जाता है कि अपनाए गए मंत्र के जितने अक्षर होते हैं उतने ही लाख मंत्र जप पूरे होने के बाद मंत्र का प्रयोग सद्य फल देता है। इसको अनुष्ठान प्रक्रिया में ‘‘पुरश्चरण’’ कहा जाता है।

यहां लक्ष्मी साधना की दृष्टि से कुछ प्रयोग दिए जा रहे है जिनके अवलम्बन से साधकाें को ख़ासा लाभ होता देखा गया है। धन प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को शुभ मुहूर्त से लक्ष्मी बीज ‘‘श्रीं ’’ का जप करना चाहिए। कम से कम इसके एक लाख जप करने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। नियमित साधना का समय न मिले तो फुर्सत के क्षणों में भी इसे बिना किसी विधि के मन में उच्चारित करना भी लाभदायी होता है। किसी भी देवता का पूरा मंत्र जप करने में कठिनाई हो तो उसका बीज मंत्र भी अपनाया जा सकता है। यह भी बेहद प्रभावकारी होता है।
अथर्ववेद का ‘‘श्रीसूक्त’’ लक्ष्मी प्रसन्न करने का अमोघ उपाय है। इसे नित्य प्रति दोहराने से विशेष धन की प्राप्ति होती है। श्रीसूक्त को ‘‘हरिः ॐ हिरण्यवर्णा.... से.... पुरुषानहम्॥’’  तक जपना चाहिए। इन पन्द्रह मंत्रों के नित्य पाठ से सभी प्रकार की सिद्धियां और धन-धान्य प्राप्त होता है। इससे होने वाले फायदे इस श्लोक में गिनाए गए हैं
यः शुचि प्रयतोभुत्वा
जुहुयादाज्यमन्वहम्।
सूक्तं पन्चदशचर्ंं च श्रीकामः सततं जपेत्॥

लक्ष्मी पाने का एक मंत्र यह है-
‘‘ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः’’

दुर्गा सप्तशती के अर्गला स्तोत्रम् के सोलहवें मंत्र का जप भी विद्या, यश, लक्ष्मी प्रदान करता है तथा शत्रुओं का नाश करता है। इसमें आगे व पीछे ‘‘ॐ क्लीं’’ या अन्य बीज मंत्र लगाया जाता है तथा प्रथम पंक्ति में ‘‘जनं कुरु’’ की बजाय ‘‘ममं कुरु’’ कर दिया जाता है।
यथा 

‘‘ऊँ क्लीं विद्यावन्तं यशस्वन्तं
लक्ष्मीवन्तं जनं कुरु।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि क्लीं ऊँ॥’’
आद्यजगद्गुरु शंकराचार्यकृत कनकधारा स्तोत्र का उच्चारण धन लाभ का ही प्रयोग है जिसके द्वारा भगवती लक्ष्मी की आराधना कर आद्य शंकराचार्य ने दरिद्र गृहस्थ के वहां स्वर्ण की वर्षा कराई थी।
‘‘अंगं हरेः पुलक भूषणमाश्रयन्ती..... भवन्ति ते भुवि बुधभाविताशयाः।’’
(कनकधारा स्तोत्रम्)
अन्त के पद में इसकी फलश्रुति कही गई है।

‘‘सुवर्णधारास्तोत्रं यच्छंकराचार्यनिर्मितम्। त्रिसंध्यं यः पठेन्नियत्यं स कुबेरसमो भवेत्॥’’

अर्थात् शंकराचार्य द्वारा निर्मित इस कनकधारा स्तोत्र का जो तीनो संध्याओं में पाठ करता है वह कुबेर के बराबर धन वाला हो जाता है। वांछाकल्पलता तंत्र-मंत्र शास्त्र और श्री विद्या की अनमोल पुस्तक है जिसमें श्री विद्या के मंत्रों का शास्त्रोक्त प्रयोग वर्णित है। कहा गया है कि वांछाकल्पलता की प्रतिदिन तीन बार प्रातःकाल आवृति से लक्ष्मी वश में हो जाती है ः-

‘‘दुर्गे स्मृता हरसि  भीतिमशेषजन्तोः 
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयदुःखभयहारिणि का  त्वदन्या 
सर्वोपकारकरणाय सदाद्र्रचिता।’’
धन प्राप्ति एवं परिवार की सुख समृद्धि के लिए इसके जप या संपुट से दुर्गा पाठ कराना भी लाभकारी है ः-

‘‘सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो
धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥’’
बेरोजगारी आज की भीषण समस्या है। रोजगार पाने के इच्छुक को भगवती अन्नपूर्णा के स्तोत्र का नित्यप्रति आवर्तन करना चाहिए, इससे निश्चय ही अच्छा रोजगार एवं भोजन प्राप्त होता है।

‘‘नित्यानंदकारी वराभयकरी.....भुवनत्रयम्।
(शंकराचार्यकृत् अन्नपूर्णास्तोत्र)
आद्य शंकराचार्यकृत् सौन्दर्यलहरी तंत्र-मंत्र शास्त्र की अद्वितीय धरोहर है। इसका तीसरा श्लोक दस हजार बार जपने से दरिद्रता का निवारण होता है ः-

‘‘अविद्यानामन्तस्तिमिरमिहिरद्वीप नगरी 
जडानांचैतन्यस्तबकमकरन्दश्रुतिसिरा।
दरिद्राणां चिन्तामणिगुणनिका 
जन्मजलधौ, 
निमग्नानां दंष्ट्रा  मुररिपुवराहस्य भवती॥’’
इसी सौन्दर्य लहरी में धन प्राप्ति के अनेक प्रयोग बतलाए गए हैं। दक्षिण भारत में तो सौन्दर्य लहरी के प्रति लोगों में इस कदर आस्था है कि इसके नित्यप्रति पाठ करने से ही कुण्डली जागरण संभव हो जाता है। देवराज इन्द्रकृत महालक्ष्म्यष्टकम् के पाठ से सकल कामनासिद्धि राज्यमान, शत्रु विनाश, समृद्धि आदि प्राप्त होते हैं।
‘‘नमस्ते स्तुते.... वरदा शुभा।’’   (महालक्ष्मयष्टकं)

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान भी किए जाते है व इससे दरिद्रता दूर होती है। भगवान भास्कर की उपासना से दरिद्रता नाश के बारे में कहा गया है ः-

‘‘आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने जन्मान्तर सहस्त्रेषु दारिद्रयंनोपजायते।’’
लक्ष्मी साधना के ऎसे ही अनेको मंत्र हैं जिनका गुरु से विधिवत् दीक्षा लेकर अनुष्ठान करने पर वे साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं। लक्ष्मी प्राप्ति के इच्छुक साधकगण दीपावली की रात्रि, धनतेरस आदि अवसरों पर इनका अनुष्ठान करते हैं। इस दिन की गई लक्ष्मी साधना  शीघ्र फलदायी होती है।





(डॉ. दीपक आचार्य)
महालक्ष्मी चौक, बाँसवाड़ा - 327001
(राजस्थान)

आलेख : डिस्को मस्ती में गुम होते लोकगीत व संस्कृति

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वैष्विक स्तर पर भारत की विषेश पहचान लोककला, लोकसंगीत, लोकनृत्य व सांस्कृतिक समृद्धि के कारण है। भारत के विभिन्न राज्यों की अलग-अलग भाशा, परिधान, रहन-सहन आदि होते हुए भी यहां अनेकता में एकता की बेहतरीन मिसाल देखने को मिलती है और यह संभव हो सका है लोककलाओं के माध्यम से। हमारी अंतरराश्ट्रीय स्तर पर पहचान मधुबनी पेंटिंग व लोककला से ही है। मिथिला के लोकजीवन व लोक संस्कृति की जीवंत रेखांकन कपडे़ से लेकर कालीन तक देखने को मिलते हंै। यहां के बहुसंख्यक लोग गृहस्थ आश्रम में रहकर भी गायन-वादन के काफी षौकीन रहे हैं। विडंबना है कि जहां, बिहार के लोग विदेषिया नाच, सामा चकेवा, अल्हा-उदल, सोहर, चैती, झूमर, ठुमरी, कजरी, झिझिया आदि लोकगीत व नृत्य करके बिहार की मिट्टी की सोंधी महक बिखेरते थे। आज वहीं, आधुनिकता की चकाचैंध में लोककला व संस्कृति दम तोड़ रही है। अब गांव-कस्बों में झाल-करताल व मजीरे की मधुर आवाज सुनाई नहीं देती। गांव में न बचा झाल, न करताल। बिहार के लोकगीत, जीवन दर्षन , मंगल-अमंगल, प्रेम-करूणा, राग-द्वेश से उपजी झंझावतों की कहानी गेय पद में कहता था। संयोग, वियोग व मिलन की अप्रतिम काव्य की धारा अविरल बहती रहती थी। लोकगीत हमारी परंपरा व संस्कृति की जीवटता व्यक्त करता था। नाटक के मंचन के समय विद्यापति की पदावली के धुन बजाये जाते थे। कीर्तन व भजन तुलसी, कबीर, सूरदास, रहीम, जायसी आदि कवियों के पद, दोहे, चैपाई से षुरू होते थे। षास्त्रीय संगीत व कत्थक नृत्य जो संगीत की आत्मा है उससे हम दूर होते जा रहे हंै। 
आज हमारा समाज किधर जा रहा है? मुजफ्फरपुर के कलाकर राॅबिन रंगकर्मी कहते हैं कि सांस्कृतिक प्रदूशण के कारण युवावर्ग अष्लील गानों पर थिरक रहे हैं। हाॅरमोनियम, ढोलक, तबला, बांसुरी, सारंगी, झाल, मजीरा आदि के स्वर से अनजान युवाओं को दो दषक पहले तक गांव या षहरों में गीत-संगीत व वाद्ययंत्र पर गायन का संस्कार दिया जाता था। आज हम आइटी युग में जी रहे हैं। हर हाथ में मोबाइल व लैपटाप है। पर इनका इस्तेमाल लोकगीत व लोककला से ज्यादा अष्लील व फूहड़ गीत व मूवी के लिए किया जा रहा है। भला ऐसी मानसिकता से भारत की लोक संस्कृति व कला को संजोये रखना दुष्कर काम है। एक दषक पहले तक दषहारे में झिझिया नृत्य व लोकगीत की बहार रहती थी। लेकिन षहरी चकाचैंध में झिझिया नृत्य गुम हो गया है। डांडिया-गरबां रास उत्सव के रूप में स्कूल, काॅलेज व क्लबों में क्या बड़े, क्या छोटे सभी नए-नए परिधानों में सज-धजकर देर रात तक फिल्मी धुन पर मस्ती के आगोष में झूमते नजर आते हैं। चाहुंओर उत्सव को लेकर जोरदार तैयारियां रहती है। इस षोर में बिहार (मिथिला) का लोकनृत्य झिझिया बेगाना नजर आने लगा है। परायेपन का दंष झेल रहा लोकसंगीत-नृत्य की चिंता किसी को नहीं। बस पूरे षहर में ध्ूाम मचा रहा है, तो डीजे मस्ती। 

मुज. जिले के पश्चिमी क्षेत्र की गुडि़या, मुन्नी, अर्चना, कजली, पूजा जैसी छोटी-छोटी लड़कियों के भरोसे बची है झिझिया की टिमटिमाहट। इन बच्चियों की उम्र मात्र 8-12 वर्ष हीं है। लेकिन इनके सिर पर मिट्टी का पात्र है, तेल व घी से जलता हुए दीपक की रोषनी जब छिद्र से निकलती है, उसके साथ ही ‘झिझिया खेले आवले........ आदि गीत की बोल के साथ ही नृत्य की मनमोहक अदा लोगों को देखने के लिए विवष कर देती है। आसपास के लोग एक-दो और गाने की फरमाइष करने में देर नहीं करतें। सिर पर रखे हांडी के छिद्र की रोषनी में गीत के स्वर व दीपक के लौ भी नृत्य करते नजर आते हैं। लोग खषी-खुषी कुछ बख्षीष के तौरपर एकाध रुपये नन्हीं-मुन्नी नर्तकियों को दे देते हैं। षिक्षक अजय कुमार कहते हैं कि पूजा-पाठ का मानो मतलब बदल गया है। हरेक अवसर पर अष्लील गाने व डिस्को डांस का प्रचलन हमारी संस्कृति व लोक जीवन के लिए अषुभ संकेत है। षादी व धार्मिक अनुश्ठान के अवसरों पर महिलाएं गीत न के बराबर गा रही हैं। अब केवल रिकाॅर्डिंग गीत बजाया जा रहा है। वयोवृद्ध रामचन्द्र प्रसाद, राधेष्याम सिंह, रामाकांत सिंह आदि लोग कहते हैं कि पहले भिखारी ठाकुर, षारदा, सिंहा, भरत व्यास आदि के लोकगीत सुनने के लिए लोग उतारू रहते थे। लोकगीत में लोक जीवन की मंगल कामना निहित रहती है।  
   
 पौराणिक जनश्रुतियों में कहा गया है कि सीता को लक्ष्मी, भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में माना गया था। जब राजा जनक अपनी सुबह की सैर कर रहे थे, उसी दौरान धरती के नीचे से सीता को देखा और बेटी के रूप में स्वीकार किया। उसी समय से झिाझिया लोक नृत्य बिहार में श्रद्धा और उत्साह के साथ किया जाने लगा। झिझिया नृत्य महिलाएं करती हैं। पूरे नवरात्रि के दौरान लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती के तीन रूपों के पूजनोत्सव के उपलक्ष्य में किया जाता है। महिलाओं के लिए एक बहुत ही पवित्र त्यौहार है। पूरे देषभर के जनजातिये समाज व अन्य वर्गों की महिलाएं उल्लास और श्रद्धा के साथ नृत्य करती हंै। बिहार के आदिवासियों में झिझिया नृत्य फसलों के पर्व के रूप में मनाये जाने की परंपरा है। इनके लोक जीवन पर आधारित नृत्य है। खेतीबारी, अन्न उत्पादन आदि के लिए झिझिया गीत-नृत्य से महिलाएं वर्शा के देवता इंद्र को रिझाने की कोषिष करती हैं।
          
वस्तुतः आधुनिकता की चकाचैंध से निकलकर यथार्थ के धरातल पर आना होगा। षादी के मौके पर फिल्मी गानों की जगह लोकगीत झूमर, लाचारी, कोहबर, विदाई आदि के गाने की परंपरा षुरू करनी पडे़गी। यज्ञ-प्रयोजन के दौरान भजन-कीर्तन जैसे गायन-वादन को बढ़ावा देना होगा। सुबह की षुरूआत डिस्को, राॅक डांस, अष्लील गाने के बजाये कबीर, तुलसी, सूर, मीरा व विद्यापति की चैपाई, दोहे, पदावली आदि से करना होगा। तब बचेगी लोकसंस्कृति व लोेकगीत की मिठास। 





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अमृतांज इंदीवर
(चरखा फीचर्स)

विरोध जताने के लिए एआईबीए ने सरिता देवी को निलंबित किया

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एशियाई खेलों में कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार करने वाली भारत की महिला मुक्केबाज लैशराम सरिता देवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए एआईबीए ने उसे अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। एक विवादास्पद फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए सरिता ने इंचियोन एशियाई खेलों में पदक वितरण समारोह के दौरान पदक गले में पहनने से इनकार कर दिया था।

एआईबीए ने एक बयान में कहा, एआईबीए ने सरिता के कोचों (गुरबख्श सिंह संधू, ब्लास इग्लेसियास फर्नांडिस और सागर मल दयाल) के अलावा इंचियोन एशियाड में भारत के दल प्रमुख रहे आदिले जे सुमरिवाला को भी अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। उन्हें किसी भी स्तर की प्रतिस्पर्धा, बैठक और आयोजन में आगामी सूचना तक भाग लेने नहीं दिया जाएगा। यह मामला एआईबीए के अनुशासन आयोग को समीक्षा के लिए भेज दिया गया है। इसके मायने हैं कि सरिता, तमाम कोच और सुमरिवाला कोरिया में होने वाली एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में शिरकत नहीं कर सकेंगे। सरिता ने पदक अपने हाथ में लेने के बाद दक्षिण कोरिया की रजत पदक विजेता जि ना पार्क को सौंप दिया था। पार्क ने रैफरी के खराब फैसले के कारण सरिता को हराया था।
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