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विशेष : ‘गण’ की ताकत पर ‘तंत्र’ का कुहासा

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सियासी धुरी पर घूमता भारतीय गणतंत्र का पहिया निरंतर चल रहा है लेकिन करीब 64 साल पहले अंगीकार किए भारतीय संविधान के अनुपालन की दूरी तय नहीं कर पा रहा।

64 साल का गणतंत्र। भारतीय संविधान में 100 से ज्यादा संशोधन। फिर भी नहीं बदली गण की तस्वीर। कुपोषण, भुखमरी, हत्या, बलात्कार, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और गंभीर बीमारियों की सौगात। कभी चार मिनट में चौबिस डंडे बरसाती दिल्ली पुलिस तो कभी चलती बस में मानवता की हद को पार कर जाने वाला सामुहिक दुष्कर्म। कहीं न्याय के लिए संघर्ष करते परिवार पर लाठियां बरसाती पुलिस तो कहीं तथाकथित राजनेताओं और उनके नुमाइंदों का लात-घूंसा खाती जनता। कहीं प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन तो कहीं जाति और धर्म के नाम पर बदलता कानून। कभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाती सरकार की नीतियां तो कभी गरीबों और आदिवासियों के घुमंतू बनाने की कार्यवाही। यूं कहें कि सामाजिक कुरीतियों के दलदल में फंसा गण और उनकी झटपटाहट पर मौज करता तंत्र। 

कुछ ऐसी ही तस्वीर है हमारे 64 सालाना भारतीय गणतंत्र का। ‘गण’ की अपार ताकत पर ‘तंत्र’ मौज कर रहा है लेकिन उसे इसका आभास नहीं होने देता। संसाधनों की कमी के साथ बदहाली का चादर फेंककर तंत्र, गण की ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। वहीं गण दो वक्त की रोटी के लिए तंत्र की राह देख रहा है। तंत्र के कुहासे में फंसा गण हर दिन एक सपना देखता है लेकिन अगले ही पल उसका सपना मुंगेरी लाल का सपना साबित होता है। कभी वह तंत्र के लॉलीपॉप के पीछे दौड़ता है तो कभी खुद को तंत्र का हिस्सा बना लेता है। फिर भी तंत्र का कुहासा नहीं छंटता। आवारा पूंजी अपना खेल दिखा रही है। भारतीय तंत्र उसका हिस्सा है जो हर दिन एक नया पैतरा बदल रहा है। वहीं गण अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। सियासी धुरी पर घूमता भारतीय गणतंत्र का पहिया निरंतर चल रहा है लेकिन आज से करीब 64 साल पहले अंगीकार किए भारतीय संविधान के अनुपालन की दूरी तय नहीं कर पा रहा। गण पूरी जिन्दगी संविधान और कानूनों के अनुपालन में गुजार देता है लेकिन उसमें उसे प्रदत्त सामाजिक सुरक्षा आखिरी सांस तक मयस्सर नहीं होती। पूंजी के बल पर खंडे भारतीय तंत्र एक नया इतिहास लिख दिया है लेकिन उसका कुहासा अभी नहीं छंटा है। गण कमाई कर रहा है लेकिन बचा नहीं पा रहा। उसे हारकर अपनी पूरी कमाई तंत्र को देना पड़ जा रहा है। कभी कर के रूप में तो कभी ब्याज के रूप में। गण पर तंत्र की हजारों रुपये की उधारी है जबकि उसने कभी उससे लिया ही नहीं। गण की आमदनी तंत्र अपनी खुराक पैदा कर रहा है लेकिन उसे देने के लिए उसके पास खजाना नहीं है। वह खुद की सामाजिक सुरक्षा तो तय करता है लेकिन गण की सामाजिक सुरक्षा देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरा बन जाती है। तंत्र खुद की खुराक बढ़ाने के लिए विदेशों से नीतियां उधार लेता है लेकिन गण की सुरक्षा में बनी विदेशी नीतियां उसे बेकार लगने लगती हैं। तंत्र के कुहासे में सिमटे गण की ताकत के उभार का इंतजार हमें भी है और भारतीय गणतंत्र को भी। कभी न कभी तो वह सुबह आएगी, जब सब बोलेंगे...जय जनतंत्र...जय गणतंत्र। 




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(शिव दास प्रजापति)

लोकलुभावन अराजकता शासन का विकल्प नहीं : राष्ट्रपति

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गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर भारत के राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि लोकलुभावन अराजकता
शासन का विकल्प नहीं हो सकती. नेताओं को जनता से वही वादे करने चाहिए जो वो पूरे कर सकें. मुखर्जी ने अपने भाषण में कहा, "सरकार कोई परोपकारी निकाय नहीं है. लोकलुभावन अराजकता शासन का विकल्प नहीं हो सकती. झूठे वादों की परिणीति मोहभंग में होती हैं. जिससे गुस्सा पैदा होता है और गुस्से का एक ही लक्ष्य होता है, वो जो सत्ता में हैं."उन्होंने कहा, "जनता का गुस्सा तभी कम होगा जब सरकारें वो करेंगी जो करने के लिए उन्हें चुना गया है: सामाजिक और आर्थिक तरक्की, घोंघे की रफ़्तार से नहीं बल्कि रेस के घोड़े की तरह."

मुखर्जी ने आगे कहा, "अगले चुनाव कौन जीतता है, यह कम महत्वपूर्ण है. लेकिन भारत की एकता और अखंडता के प्रति ज़्यादा जवाबदेह कौन है यह ज़्यादा महत्वपूर्ण है."मुखर्जी ने समाज में फैले भ्रष्टाचार पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार एक कैंसर है जो लोकतंत्र को धीरे-धीरे नष्ट करता है और देश की बुनियाद कमज़ोर करता है. लोग गुस्से में हैं क्योंकि वे भ्रष्टाचार देख रहे हैं. अगर सरकारें ये कमियां दूर नहीं करतीं तो मतदाता सरकारों को हटा देंगे."उन्होंने कहा, "ऐसे बड़बोले लोग जो हमारी रक्षा सेनाओं पर शक करते हों गैरज़िम्मेदार हैं और उनका सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं है."

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति की यह टिप्पणी नई दिल्ली में हाल ही में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को लेकर थी. दिल्ली पुलिस का अधिकार प्रदेश सरकार को देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन तक सड़क पर धरना दिया था. हालांकि राष्ट्रपति के भाषण के बाद 'आप'के प्रमुख प्रवक्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण का ग़लत अर्थ लगाया जा रहा है, वो शायद उत्तर प्रदेश या गुजरात के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति संकीर्ण सोच और दलगत राजनीति से ऊपर हैं. उन्होंने लिखा है, ''राष्ट्रपति की चेतावनी सही है. मंत्रियों को चुनाव में झूठे वादे नहीं करने चाहिए.''उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश में हो रहे भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी हर चीज पर नज़र रखते होंगे.

लोकसभा चुनाव लड़ूंगा : लालकृष्‍ण आडवाणी

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने रविवार को उन सारी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनको राज्‍यसभा में भेजने की तैयारी की जा रही है. आडवाणी ने रविवार को कहा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि उम्‍मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद हमारी सरकार पूर्ण बहुमत से बनेगी. आडवाणी ने कहा कि हमारी सरकार में सुरक्षा और सुशासन अहम मुद्दे होंगे, क्‍योंकि इन मुद्दों में यूपीए सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. लालकृष्‍ण आडवाणी इस समय गुजरात की गांधीनगर सीट से लोकसभा सदस्‍य हैं.

आडवाणी ने यह साफ कर दिया कि उन्‍हें किसी ने राज्‍यसभा जाने के लिए नहीं कहा है. हालांकि कुछ दिनों पहले सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि बीजेपी आडवाणी और वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को राज्‍यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है.

इम्फाल में गणतंत्र दिवस के मौके पर शक्तिशाली विस्फोट

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मणिपुर की राजधानी इम्फाल में रविवार की सुबह गणतंत्र दिवस समारोह के शुरू होने के साथ ही दो शक्तिशाली बम विस्फोट हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बम विस्फोटों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि पहला विस्फोट बाबूपारा के वीआईपी परिसर में स्थित उपायुक्त इम्फाल पश्चिम के कार्यालय के पास हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट इसके पड़ोस में स्थित बाजार परिसर में हुआ।

दोनों विस्फोट कांगला से 500 मीटर की दूरी पर हुए तब कांगला में मार्च पास्ट और गणतंत्र दिवस समारोह चल रहा था। अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों को बड़ी संख्या में इलाके के आसपास तैनात किया गया है।

यूनाईटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, पीपुल्स रेवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक, कांगलेई यावोल कान लूप और कांगलेईपाक काम्युनिस्ट पार्टी समेत प्रमुख उग्रवादी संगठनों ने 1949 में मणिपुर के जबरन भारतीय संघ में विलय किए जाने की बात कहकर गणतंत्र दिवस समारोहों के बहिष्कार का आह्वान किया है। सूत्रों ने बताया कि उग्रवादियों द्वारा विस्फोटक लगाए जाने की आशंका को देखते हुए पुलिस के बम विशेषज्ञ शहर के कई हिस्सों में तलाशी अभियान में लगे हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यहां रविवार को 65वें गणतंत्र दिवस के मौके पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों की मौजूदगी में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री एके एंटनी और मौजूद अन्य गणमान्यों ने दो मिनट का मौन रखा।

मनमोहन सिंह ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड के लिए सलामी मंच का रुख करने से पूर्व आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए। गणतंत्र दिवस समारोह में सिंह के जापानी समकक्ष शिंजो अबे मुख्य अतिथि हैं।

बिहार को विकसित बनाने में राज्यपाल ने सभी से सहयोग का आह्वान किया

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बिहार के राज्यपाल डी वाई पाटिल ने रविवार को राज्य सरकार के न्याय के साथ विकास के संकल्प को दोहराते हुए राज्य को विकसित बनाने में सभी से सहयोग का आह्वान किया है। पाटिल ने यहां गांधी मैदान में 65 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन हमारा देश गणतंत्र बना और हमने संविधान को अपनाया था। इसी के माध्यम से शासन की नींव रखी गयी तथा सभी देशवासियों के लिए न्याय, समानता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने की परिकल्पना की गयी। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के लिए बिहार सरकार ने सुशासन के जो कार्यक्रम तय किये हैं उसमें उल्लेखनीय प्रगति हुयी है। 

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के चौतरफा विकास के लिए शांतिव्यवस्था और सद्भाव का माहौल अत्यंत आवश्यक है। आज राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द का वातारण बना है तथा राज्य में कानून का राज स्थापित हुआ है। पिछले वर्षों में 87 हजार से अधिक अपराधियों को सजा मिली है। उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों से अविलंब निपटने के लिए रैपिड एकशन फोर्स की तज पर राज्य में एक विशेष बल का गठन किया जा रहा है। 

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (26 जनवरी )

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कार्यालय खोलने की घोषणा का तहेदिल से स्वागत

himachal news
ज्वालामुखी , 26 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।  ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने आज  प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्धारा ज्वालामुखी में उपमण्डलाधिकारी (नागरिक) का कार्यालय खोलने की घोषणा का तहेदिल से स्वागत किया है। संजय रतन आज यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उनकी अगुवाई में कांग्रेस कार्यकताओं ने ढ़ोल नगारों की थाप पर नगर में जलूस निकाला व पटाखे भी चलाये। व कहा कि सरकार के इस फैसले से इलाके में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल ज्वालामुखी बल्कि पूरे देहरा सब डिविजन के लोगों को लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि सही मायने में कांग्रेस ही हमेशा से देहरा के विकास में अहम भूमिका निभाती रही है। व जब जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी देहरा के विकास को गति मिली है। उन्होंने याद दिलाया किप्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में उन्होंने देहरा उपमंडल में अनेक कार्यालय खोले गये थे। देहरा में मिनी सचिवालय खोला गया था। देहरा में उपमण्डल अस्पताल, उपमण्डल आयुर्वैदिक हस्पताल, हिमाचल पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक का कार्यालय, वनमण्डलाधिकारी का कार्यालय और पुलिस उपाधीक्षक का कार्यालय खोला था। वहीं  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र), देहरा में विज्ञान खण्ड का निर्माण किया गया था। उन्होंने कहा कि उनके पूर्व कार्यकाल में देहरा में मल निकासी योजना आरम्भ की गई थी और नगर पंचायत देहरा को स्तरोन्नत कर नगर परिषद बनाया गया था।

ऊना में कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया
  • विकास का मॉडल बनेगा ऊना जिला, औद्योगिकीकरण को लगेंगे पंख

ऊना, 26 जनवरी -(विजयेन्दर शर्मा) ।   कृषि, बहुउदेश्यीय परियोजना एवं ऊर्जा तथा गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्री सुजान सिंह पठानिया   ने आज ऊना के सीनियर सकैंडरी स्कृल यबालद्ध के मैदान में आयोजित जिला स्तरीय गाणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पुलिस, होमगार्ड, महिला होमगार्ड , स्काइड एंड गाईड , नवोदय विद्यालय व बैंड दस्ता की टुकडियों ने भव्य मार्चपास्ट प्रस्तुत किया। मार्च पास्ट का नेतृत्व सब इन्सपैक्टर संजीव कुमार ने किया। जिला के स्कूलों व कालेजों के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। श्री सुजान सिंह पठानिया ने आजादी की लड़ाई में ऊना जिला के योगदान को भी रेखांकित किया और देश के लिए कुबार्नियां देने वाले यहां के शहीदों को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा वर्तमान कांग्रेस सरकार ने एक साल के कार्यकाल में सभी वर्गों के कल्याण तथा प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं और समाज के निर्धन, जरूरतमंद तथा कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा का सशक्त छत्र प्रदान करने पर विशेष बल दिया है। कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को सरकार के नीति दस्तावेज के रूप में अपनाया है तथा इस पर कार्य आरम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा सरकार आगामी चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को एक पूर्ण विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री ने कहा प्रदेश के पात्र शिक्षित बेरोज़गार युवाओं के कौशल विकास हेतु कौशल विकास भत्ता योजना आरम्भ की गई है जिसके अन्तर्गत 1000 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जा रहा है, जबकि 50 प्रतिशत या इससे अधिक अपंगता वाले पात्र युवाओं को 1500 रुपये प्रति माह भत्ता प्रदान किया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा पैंशन 450 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये मासिक की गई है। 80 साल से अधिक आयु के वृद्धजनों को प्रतिमाह 1000 रुपये पैंशन दी जा रही है। प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पैंशन के सभी लम्बित मामले स्वीकृत किए गए हैं और कुल 2,92,921 पात्र वृद्धों, विधवाओं एवं अपंग व्यक्तियों को पैंशन दी जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि रबी मौसम में सभी प्रकार के बीजों पर 50 प्रतिशत उपदान व मिश्रित खादों पर उपदान 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति मीट्रिक टन किया गया है। कीटनाशक दवाइयों व पौध संरक्षण उपकरणों पर भी 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। प्रदेश में 35,729 कृषक जैविक खेती हेतु पंजीकृत किए गए हैं और 13,138 हैक्टेयर क्षेत्र जैविक खेती के अंतर्गत लाया गया है। हरित गृह निर्माण के लिए बागवानों को उपदान 50 से 85 प्रतिशत तक किया गया है। मण्डी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सेब, आम, किन्नू, माल्टा तथा गलगल के प्रापण मूल्यों में 50 पैसे प्रति किलो की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा घरेलू व कृषि क्षेत्र को सस्ती बिजली प्रदान करने के लिए 320 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में इस वर्ष 1918 मैगावाट जल-विद्युत क्षमता के दोहन पर कार्य किया जा रहा है। ऊना जिला के विकास का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश में श्री वीरभद्र सिंह जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से इस जिला के विकास को भी नए पंख लगे हैं और करोड़ों रूपए के विकासात्मक तोहफे इस जिला के हिस्से आए हैं। प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों की बदौलत ऊना जिला को सबसे बड़ा तोहफा स्वाँ तटीकरण फेस-4 के रूप में मिला है। 922 करोड़ 48 लाख रूपए लागत की देश की सबसे बड़ी चेनेलाईजेशन परियोजना ऊना जिला के लिए मंजूर हुई है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से ऊना जिला देश का पहला ऐसा जिला बनने का गौरव हासिल करेगा जिसकी सभी खड्डें चेनेलाईज हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि ऊना जिला को दूसरा बड़ा तोहफा ट्रिपल आईटी के रूप में मिला है। 122 करोड़ रूपए की लागत से देश का 12वां और हिमाचल प्रदेश का पहला भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान ऊना जिला के सलोह में खुलने जा रहा है। सलोह में ही जिला का दूसरा केन्द्रीय विद्यालय भी खुलने जा रहा है।  ऊना विधानसभा क्षेत्र में इंडियन आयल डिपो खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।  इसके लिए पेखूवेला में जमीन चिन्हित की गई है। इसमें 800 करोड़ का निवेश होगा। इसके अलावा जिला में प्रदेश का पहला सीएसडी डिपो खुलने जा रहा है। जिला की औद्योगिक नगरी टाहलीवाल में 15 करोड़ की लागत से प्रदेश की पहली गैस पाईप लाईन पहली मार्च तक पहुंचने जा रही है जिसके लिए गैस अथारिटी ऑफ इंडिया से करार हो गया है। अभी तक बद्दी -  बरोटीवाला सहित प्रदेश की कोई भी औद्योगिक नगरी गैस पाईप लाईन से नहीं जुड़ी है और टाहलीवाल को सबसे पहले यह गौरव हासिल हो रहा है। हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत ईसपुर और चिंतपूर्णी हलके के तहत जोल को नई  उप-तहसीलों का तोहफा मिला है। उन्होंने कहा रेल मंत्रालय द्वारा ऊना ज़िले मंे नंगल-तलवाड़ा रेल मार्ग पर अम्ब से आगे के कार्य के लिए 28 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मैहतपुर-अंब सडक के स्तरोन्नत कार्य में भी तेजी लाई गई है। इस सडक मार्ग पर 8 पुलों के निर्माण को मंत्रीमण्डल ने मंजूरी दे दी है। औद्योगिक महत्ता की अजौली- लालूवाल सडक 15 करोड़ 15 लाख की लागत से स्तरोन्नत  हो रही है ।  इस सडक के लिए केन्द्र द्वारा 13 करोड़ की राशि मंजूर की गई है जबकि इस सडक पर दो करोड़ रूपए की राशि प्रदेश का उद्योग महकमा  खर्च कर रहा है। झलेड़ा से बनखंडी तक 25 करोड़ की लागत से सड़क अपग्रेड की जायेगी। उन्होंने कहा औद्योगिक पैकेज के तहत जिला में 1025 औद्योगिक इकाईयों का स्थाई पंजीकरण किया गया है जिनमें 1717 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ है और 84 हजार 470 लोगों को रोजगार देना प्रस्तावित है । जिला में टाहलीवाल के अलावा मैहतपुर, गगरेट तथा अंब बड़ी तेजी से औद्योगिक क्षेत्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं । सरकार द्वारा पंडोगा में 108 करोड़ की लागत से नया औद्योगिक क्षेत्र भी मंजूर किया गया  है और इसके लिए 1741 कनाल भूमि भी चिन्हित कर ली गई है। बाथू व टाहलीवाल में पांच- पांच करोड़ की लागत से श्रमिक हास्टल और 10 करोड़ से कॉमन फेसीलिटी सेंटर बनने जा रहे हैं। श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा ऊना जिला में विद्युत सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। विद्युत वृत ऊना के तहत जिला में विभिन्न योजनाओं पर 25 करोड़ 47 लाख रूपए खर्च किए जा रहे हैं। जिला के संतोषगढ़, गोंदपुर, बाथू व चक्कसराय में 33 केवी के 4 नए उपकेन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। जिला के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में 32 करोड़ की लागत से 132 केवी उपकेन्द्र स्थापित किया जा रहा है जिसे इसी वर्ष चालू कर दिया जायेगा। इस अवसर पर स्थानीय विधायक सतपाल सिंह सत्ती,  जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र धर्माणी, एग्रो पैकजिंग के पूर्व उपाध्यक्ष ओंकार शर्मा, जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट धर्मसिंह, बोध राज, कुशल सिंह रैणी, मार्केंटिंग बोर्ड के चेयरमैन शिव सैणी, जिला कांग्रेस सचिव सतपाल रायजादा, ऊना ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हजारी लाल,  हरोली कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, कुटलैहड़ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रविन्द्र फौजी, जिला कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राकेश कैलाश व कामरेड जगतराम और जिला के अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

उत्कृष्ट खिलाडियों को सम्मानित किया

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ऊना, 26 जनवरी(विजयेन्दर शर्मा) । - कृषि, बहुउदेश्यीय परियोजना एवं ऊर्जा तथा गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने  जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में नेशनल स्कूल हैंडबाल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली जिला की महिला टीम की सदस्यों संजना, शीतल, नेहा कुमारी, सुखदीप, शिखा, ज्योति रानी, सुरेश कुमारी, सुमन बाला व रितु शर्मा को सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने सीनियर नैशनल टच रगबी चैंपियनशिप में तृतीय स्थान पर रही जिला की टीम के सदस्यों नितिन, अजेय, सर्वजीत, दीपक, गुशाल, अभिमन्यु, भुवनेश्वर, अश्विनी, गगनदीप, जरनैल, सुरेन्द्र व परमजीत और लड़कियों में आरती, भारती, ममता, मनु, दीक्षा, प्रीति, हिमांशी, सुखदीप, मधु व प्रिंयका के अलावा टीम के कोच सपना ठाकुर, प्रवीण शर्मा व मुनीष राणा को सम्मानित किया। जिला के अंब व बंगाणा उपमंडलों में उपमंडल अधिकारियों ने ध्वज फहराया। लोअर भदसाली पंचायत घर में हरोली ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष श्री रणजीत राणा ने ध्वज फहराया। इस अवसर पर पंचायत प्रधान यशपाल, जिला परिशद सदस्य नीलम मनकोटिया, सतपाल सैणी, रमेश जसवाल, उपप्रधन सुखदेव , विद्या देवी, जगदीष राम,  रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर मदन लाल सहित सभी वार्ड पंच उपस्थित थे। जिला परिशद सदस्य नीलम ने विकास कार्यों के लिए 2 लाख 30 हजार रूप्ए देने का एलान किया।

पठानिया ने लहराया मनेई में तिरंगा

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धर्मशाला, 26 जनवरी- कांगड़ा जि़ला के उप-मंडल स्तर पर भी 65वां गणतंत्र दिवस सम्मानपूर्वक आयोजित किया गया।  शाहपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मनेई के प्रांगण में वन निगम के उपाध्यक्ष, श्री केवल सिंह पठानिया ने राष्ट्रीय ध्वज लहराया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों तथा देशभक्तों के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन में आशातीत परिवर्तन आया है और आज प्रत्येक गांव में सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने समाज के पिछड़े एवं गरीब वर्ग के लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव लाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाए शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचा है। हर हाथ को काम दिलाने की महत्वाकांक्षी योजना ''मनरेगाÓÓ के माध्यम से लोगों को घर-द्वार पर रोजगार प्राप्त हुआ है। शिक्षा का अधिकार तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को जन आन्दोलन का रूप, गुणात्मक शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रदेश के हर कोने तक प्रसार किया गया है। राजीव गांधी अन्न योजना से गरीब व्यक्ति को 2 रुपए किलो गेहूं तथा 3 रुपए किलो चावल प्राप्त हो रहा है। युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए वर्तमान सरकार ने कौशल विकास भत्ता योजना शुरू की है जो पूरे देश में अपनी तरह की अनूठी योजना है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को कौशल विकास के लिए एक हजार रुपए तथा अपंगता से ग्रस्त युवाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता दिया जा रहा है। इस मौके पर ब्लॉक कांगे्रस के उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश गुलेरिया, पंचायत समिति सदस्य श्री हंस राज तथा पाठशाला की प्रधानाचार्या श्रीमती अंजु लता के अलावा स्थानीय पंचायतों के प्रधान भी मौजूद थे।

प्रत्येक घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित होगा : बुटेल    
  • हमीरपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गणतंत्र दिवस

हमीरपुर 26 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।  जिला हमीरपुर में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) के खेल मैदान में आयोजित किया गया। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी बुलेट ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद परेड का निरीक्षण किया तदोपरान्त भव्य मार्च पास्ट की सलामी भी ली। अपने संबोधन में विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाया जाएगा तथा प्रदेश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति सत्तर लीटर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा1 उन्होंने कहा कि हमीरपुर शहर में पेयजल की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार की ओर से 64 करोड़ की महत्वाकांक्षी पेयजल योजना निर्मित की जाएगी। इस पेयजल योजना के निर्मित होने से वर्ष 2044 तक हमीरपुर शहर की आबादी को 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से एक करोड़ सात लाख लीटर पानी प्रतिदिन उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि हमारा संविधान भारत को एक प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है तथा सभी देशवासियों को बिना किसी भेदभाव के विकास एवं उत्थान के समान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हमें विगत वर्षों में प्रत्येक क्षेत्र में किय गये कार्यों की समीक्षा एवं विश्लेषण कर देश व प्रदेश को भविष्य में और तीव्रता से प्रगति पथ की ओर ले जाने के लिये संकल्प लेना  है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने हमीरपुर जिला के स्वतंत्रता सैनानी बृज लाल, लाल सिंह, श्री हरि राम को स्वंतत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान के लिये सम्मानित भी किया गया । इस अवसर पर  आदर्श पब्लिक स्कूल, हिम अक ादमी पब्लिक स्कूल हीरा नगर तथा विकास नगर, ब्ल्यू स्टार पब्लिक स्कूल, रावमापा (कन्या) हमीरपुर, परमार्थ इन्टरनैशनल स्कूल और जवाहर नवोदय पब्लिक स्कूल, डूंगरी  और केन्द्रीय विद्यालय, हमीरपुर द्वारा भव्य एवं आकर्षक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।  बाद में उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परेड में शामिल पुलिस, होम गार्ड , एनसीसी टुकडिय़ों और परेड़ शामिल अन्य स्कूलों के बच्चों को सम्मानित किया । इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव इंद्रदत लखनपाल, विधायक राजेंद्र राणा, पूर्व मंत्री रणजीत सिंह वर्मा, पूर्व विधायक अनीता वर्मा, कांग्रेस के प्रवक्ता दीपक शर्मा, सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष चेतन लखनपाल, निदेशक केसीसी अनिल वर्मा, जिला अध्यक्षत नरेश ठाकुर, सेवादल के संगठक जगजीत, महिला कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश राणी, पार्षद मनोरमा लखनपाल, राधा राणी, राजेश शर्मा, निदेशक हिम फैड आरसी डोगरा, महासचिव राजेश, जिला महासचिव अजय शर्मा, उपाध्यक्ष उमा भारती, शहरी इकाई के अध्यक्ष मनोज, प्रवक्ता अश्वनी शर्मा, महिला कांग्रेस की अध्यक्षत रीता खन्ना, वरिष्ठ नेता तारा चंद चौधरी, उपायुक्त आशीष सिंहमार, पुलिस अधीक्षक बीना भारती, एडीसी हिमांशु शेखर चौधरी, एसीटू डीसी सोनिया ठाकुर, एसडीम सतीष शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।                                                                                      
जि़ला स्तरीय गणतंत्र दिवस श्रद्घापूर्वक आयोजित

धर्मशाला, , 26 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । जि़ला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह आज यहां पुलिस मैदान धर्मशाला में श्रद्घापूर्वक आयोजित किया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री, डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल ने राष्ट्रीय ध्वज लहराया तथा पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी एवं एनएसएस के विद्यार्थियों की टुकडिय़ों से आकर्षक मार्च पास्ट में सलामी ली। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री शांडिल ने देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों तथा देशभक्तों द्वारा दिए गए योगदान को याद किया। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में हुए विकास की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश को न केवल देश में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय पर भी पर्वतीय विकास का आर्दश माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमज़ोर वर्गों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को विशेष प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए योजना परिव्यय का 30 प्रतिशत धन आवंटित कर इस क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पैंशन के अंतर्गत सभी लंबित मामले स्वीकृत किए गए हैं और कुल 2,92,921 पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन योजना के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 450 रुपए से बढ़कार 500 रुपए मासिक निर्धारित किया है जबकि 80 साल से अधिक पात्र व्यक्तियों को प्रतिमाह एक हजार रुपए पैंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत विवाह के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए जबकि छूआछूत जैसे कलंक को समाज से समाप्त करने के लिए अंतर्राजातीय विवाह और विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत दी जाने राशि को 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के पिछड़े एवं निर्धन लोगों के उत्थान के लिए प्राथमिकता दे रही है और इस वर्ष अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत 1014 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है जो गत वर्ष की तुलना में एक सौ करोड़ रुपए ज्यादा है। उन्होंने कहा कि आवासहीन व्यक्तियों को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य आवास योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गृह निर्माण के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि को 48,500 रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए किया गया है। प्रदेश में आवासहीन निर्धन व्यक्तियों को भवन का निर्माण करने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। उहोंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वतंत्रता सेनानियों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प है तथा अनेक कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का मानदेय 7500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर दस हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है तथा स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं और उनके अविवाहित पुत्रियों का मानदेय 3500 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने बताया कि भूतपूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए प्रदेश में सीएसडी डिपो खोला जा रहा है जिससे पूर्व सैनिकों को अनेक लाभ प्राप्त होंगे। बाद में डा0 (कर्नल) शांडिल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वालों तथा सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया। सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों में उपनिरीक्षक श्री प्रताप सिंह, सहायक उपनिरीक्षक श्री अमर नाथ और श्री राजेंद्र कुमार शामिल थे, जिन्होंने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सराहनीय कार्य किया। रैडक्रॉस के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण भी वितरित किए गए जिनमें संजीव कुमार सुपुत्र श्री जगदीश कुमार और श्री रमन गुलेरिया सुपुत्र श्री रूस्तम चंद को व्हील चैयर, श्री श्याम लाल सुपुत्र श्री कालिया और श्री ज्ञान चंद सुपुत्र श्री तुलसी राम को श्रवण यंत्र तथा श्री राकेश कुमार सुपुत्र श्री रवि कुमार को ट्राई साईकल प्रदान की गई। इस मौके पर रैडक्रॉस का लक्की ड्रॉ भी निकाला गया जिसमें मोटरसाईकल प्रथम पुरस्कार, एलईडी टेलिवीजन द्वितीय पुरस्कार, रैफिजरेटर तृतीय पुरस्कार, वांशिग मशीन, चौथा पुरस्कार, दो माईक्रोवेव ओवन पांचवा पुरस्कार, दो डिजिटल कैमरा छटे पुरस्कार के रूप में, तीन सिलाई मशीनें सातवें पुरस्कार के रूप में तथा पांच पुरस्कार एक-एक हजार के नकद निकाले गए। इस मौके पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धर्मशाला, दाढ़ी, फरसेटगंज के अलावा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा संास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। समारोह में मुख्य संसदीय सचिव श्री नीरज भारती, विधायक श्री अजय महाजन, उपायुक्त कांगड़ा श्री सी$पालरासु, पुलिस अधीक्षक धर्मशाला श्री बलवीर ठाकुर के अलावा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हि.प्र. लोक सेवा आयोग में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित 

शिमला, 26  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । समूचे प्रदेश के साथ-साथ आज हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के परिसर में भी 65वां गणतंत्र दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ आयेाजित किया गया। आयोग के अध्यक्ष श्री के.एस. तोमर ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। हि.प्र. लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. जे.सी. शर्मा तथा श्री प्रदीप चौहान, आयोग के सचिव और अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने भी गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के चार दशक पूर्व अस्तित्व में आने के बाद यह पहला अवसर है जब यहां गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया है। 

राजभवन में ‘ऐट होम’ का आयोजन
  • राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह ने आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में ‘ऐट होम’ का आयोजन किया।

himachal news
शिमला, 26  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स, शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री श्री प्रकाश चौधरी, मुख्य संसदीय सचिव श्री नंद लाल, विधायक श्रीमती आशा कुमारी, श्री सुरेश भारद्वाज तथा श्री मोहन लाल बराकटा, प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डा. राधा रमण शास्त्री, नगर निगम शिमला के उप-महापौर श्री टिकेन्द्र पंवर, कार्यवाहक मुख्य सचिव   श्री पी. मित्रा, पुलिस महानिदेशक श्री संजय कुमार, सेना प्रशिक्षण कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ ले. जनरल बी.एस. सच्चर, प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री के.एस. तोमर, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री टी.जी. नेगी, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष   श्री बलबीर टेगटा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ख्वाजा खलिलउल्लाह, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. बाजपेयी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, प्रधान सचिव, सचिव, विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक दुल्लर, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, स्वतंत्रता सेनानी, शहर के गणमान्य व्यक्ति तथा वरिष्ठ नागरिक, पुलिस एवं सैन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित खिलाड़ी, पुलिस कर्मी व अन्य

कुल्लू    26  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।    अंडर-16 राष्ट्रीय ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता में ताइक्वांडों में कांस्य पद जीतने वाली ढालपुर की ज्योत्सना और राष्ट्रीय महिला खेल उत्सव की जैवलियन थ्रो स्पर्धा में कांस्य पदक विजेता गांव फगवाना की सत्या ठाकुर को जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस में वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने सम्मानित किया। कुल्लू जिले की प्रतिभाशाली महिला बॉक्सरों को भी पुरस्कृत किया गया। इनमें राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग की कांस्य पदक विजेता जरी की पल्लवी और बजौरा की कुसुमलता शामिल है। अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय बॉक्सिंग प्रतियोगिता की कांस्य पदक विजेता मनीषा और राष्ट्रीय कैनो सलालम प्रतियोगिता की तीन-तीन स्पर्धाओं में तीसरा स्थान हासिल करने वाले पिरडी के गिमनर सिंह व नवीन कुमार को भी वन मंत्री ने सम्मानित किया। सराहनीय सेवाओं के लिए पुरस्कार पाने वाले पुलिस कर्मचारियों में एसआई गौरव भारद्वाज, एएसआई मोहन लाल, आरक्षी अभिषेक कालिया, एसआई राजकुमार, एएसआई ओरेंद्र सिंह, हैड कांस्टेबल निरत सिंह, मानक मुख्या आरक्षी फूला देवी और हैड कांस्टेबल हरबंस सिंह शामिल रहे। एनसीईआरटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय भूमिका अभिनय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काईस के विद्यार्थियों छेरिंग दोरजे, प्रियपाल, उत्तम चंद और सुभाष को भी वन मंत्री ने पुरस्कृत किया। दशहरा उत्सव के दौरान यातायात के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुल्लू कालेज के स्काउट्स व गाइड्स के सभी 18 विद्यार्थियों को भी जिला प्रशासन की ओर से वन मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। युवा सुधार मंडल जल्लुग्रां को नेहरू युवा केंद्र के सौजन्य से जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ युवक मंडल का पुरस्कार दिया गया।

वन मंत्री ने क्षेत्रीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया

कुल्लू    26  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।    जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह के बाद रविवार को वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का भी निरीक्षण और मरीजों से सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी हासिल की। वन मंत्री ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था को लेकर असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अस्पताल प्रशासन को सफाई की ओर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। वन मंत्री ने बीते दिनों क्षेत्रीय अस्पताल में प्रसव के दौरान हुई एक महिला की मृत्यु के मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों एवं कर्मचारियों आम मरीजों के प्रति संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने को कहा। 

कुल्लू में वन मंत्री ने फहराया तिरंगा

 कुल्लू    26  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।    जिला स्तरीय 65वां गणतंत्र दिवस कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वन एवं मत्स्य पालन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने तिरंगा फहराया तथा भव्य परेड की सलामी ली। भव्य परेड में हिमाचल प्रदेश पुलिस के अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, होमगार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड्स और रोवर्स-रेंजर्स की टुकडि़यों ने भाग लिया। इस मौके पर कुल्लूवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। प्रदेश सरकार ने वन्य प्राणी क्षेत्रों का युक्तिकरण करके प्रदेश के 775 गांवों को वन्य अभयारण्य क्षेत्रों से बाहर किया है, जिससे एक लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने फारेस्ट क्लीयरेंस मामलों का सरलीकरण करके 90 दिन के भीतर क्लीयरेंस रिपोर्ट संबंधित विभागों को देने की व्यवस्था की है। वन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नई टीडी नीति बनाई गई है, जिससे प्रदेशवासियों को आसानी से इमारती लकड़ी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला के शमशी में लकड़ी का डिपो खोला गया है, जिससे जिलावासियों को अपने घर के पास ही इमारती लकड़ी मिलेगी। भरमौरी ने कहा कि सरकार ने प्रदेशवासियों को पर्याप्त टीडी उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है और अब लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल करके अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। वन मंत्री ने कहा कि बंजार क्षेत्र में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के तहत आने वाले तीन दुर्गम गांवों को सड़क, बिजली व अन्य मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने के लिए वन विभाग उचित कदम उठाएगा। समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार की वचनबद्धता की चर्चा करते हुए वन मंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला में 19,523 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन दी जा रही है, जिस पर इस वित वर्ष में 9.60 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों विशेषकर महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया है। कुल्लू जिला में मनरेगा के अंतर्गत 89,502 परिवारों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इस वित वर्ष में मनरेगा के तहत अभी तक लगभग 25.76 करोड़ की लागत से 2829 विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं। समारोह के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, विभिन्न शिक्षण संस्थानों और संस्थाओं के कलाकारों ने देशभक्ति के कार्यक्रम पेश किए। सराहनीय सेवाएं प्रदान करने वाले पुलिस कर्मचारियों, उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाडि़यों व विद्यार्थियों, जिला स्तरीय समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को वन मंत्री ने सम्मानित किया। भुंतर ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख रूपये का चैक वन मंत्री को सौंपा जिला स्तरीय समारोह में बंजार के विधायक कर्ण सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष हरि चंद शर्मा, वूल फैडरेशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह, पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रवक्ता भुवनेश्वर गौड़, नगर परिषद उपाध्यक्ष मनु शर्मा, जिलाधीश राकेश कंवर, एसपी डा. विनोद धवन, पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

बिहार : अखबारों के फेर में बुरे फंसे पाठक

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पटना। बिहार में अंग्रेजी अखबारों के आगमन पर हंगामा नहीं मचाया जाता है। मगर हिन्दी अखबार के आगमन पर काफी बवाल मचाया जाता है। इस लिए यह सब होता है ताकि हिन्दी जुबान वाले पर दबदबा कायम कर सके। अभी सूबे में नम्बर 1 अखबार बनने को लेकर दावा प्रति दावा हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण वाले कर रहे हैं। अभी-अभी बिहार में कदम रखने वाले दैनिक भास्कर मौन है।

राजधानी पटना में अखबार की कीमत कमः अभी समूचे बिहार की प्रतिनिधित्व करने वाली अखबार नहीं है। जिले-जिले की अखबार बन गयी है। संपूर्ण अखबार का मतबल सभी जिलों में एक समान अखबार से है। अभी तो अखबार गया, भागलपुर,मुजफ्फरपुर और पटना से प्रकाशित करायी जाती है। बिहार के अखबार तो क्षेत्रीय अखबार बनकर रह गयी है। दैनिक भास्कर ने अखबार की अधिक कीमत अधिक होने की बात उठायी थी। तो सभी अखबार के मालिकों ने अखबार की कीमत ढाई रू. कर दिये। पटना में ही अखबार की कीमत में कमी की गयी है। शेष सभी जिलों में पूर्ववत कीमत ही वसूली जा रही है। जहानाबाद जिले नागेन्द्र कुमार, भोजपुर जिले की सिंधु सिन्हा, गया जिले के अनिल पासवान,दरभंगा जिले के वीके सिंह आदि ने कहा कि अखबारों की कीमत 4 से 5 रू. तक वसूली जाती है।

newspaper war bihar
लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ पत्रकारिता सब्जी दुकान परःआज राष्ट्र 65 वें गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। विधायिका,कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद पत्रकारिता को चतुर्थ स्तंभ कहा जाता है। चारों बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। वर्तमान समय में आम आदमी की अहमियत बढ़ गयी है। सभी लोग आम लोगों के पास ही जाना पंसद कर रहे हैं। एक आम आदमी सब्जी के साथ अखबार भी बेचना शुरू कर दिया है। अखबार की कीमत घटने के कारण अगर को थैला नहीं लाते हैं। तो अखबार में ही समान लपेटकर देने लगता है। यह दुकान दीघा थानान्तर्गत रामजीचक मोहल्ला में स्थित है। दुकानदार अखबार पढ़ते हैं। आसपास के लोग भी अखबार पढ़ लेते हैं। इसके बाद अखबार को हॅाकर वापस भी कर देते हैं।



आलोक कुमार
बिहार  

नक्सलियों ने 5 को अगवा किया, 1 को छोड़ा

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झारखंड के गिरिडीह जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने पांच व्यक्तियों का अपहरण कर लिया, लेकिन बाद में उनके वाहन चालक को रिहा कर दिया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। अगवा व्यक्तियों में से तीन, प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलोशिप कार्यक्रम के सदस्य हैं। 

अपहरण की यह घटना नवकनिया गांव में घटी, जो रांची से लगभग 300 किलोमीटर दूर है। गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक क्रांति कुमार ने फोन पर बताया, "हमने अपहृत व्यक्तियों की रिहाई के लिए एक अभियान शुरू किया है।"

'जय हो'रिकार्ड नहीं तोड़ पाएगी : विश्लेषक

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jay ho
सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'जय हो'रिलीज होने के बाद पहले दिन घरेलू बाजार में सिर्फ 17 करोड़ रुपये कमा पाई। विश्लेषकों के मुताबिक कमाई के मामले में यह फिल्म सलमान की ही अन्य फिल्मों का रिकार्ड नहीं तोड़ पाएगी। फिल्म का निर्माण कथित तौर पर 75 करोड़ रुपये में हुआ है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक जय हो प्रथम दिन देश भर में करीब 4,500 पर्दे पर चली। शुक्रवार को यह देश भर में 17.55 करोड़ रुपये कमा पाई।

मल्टीमीडिया कंबाइंस के राजेश थाडानी ने कहा, "मेरी जानकारी के मुताबिक यह 17 करोड़ रुपये से कम है। यह आंकड़ा काफी कम है।"उन्होंने कहा, "2012 में जब 'एक था टाइगर'रिलीज हुई थी, तो प्रथम दिन उसने करीब 30 करोड़ रुपये कमाए थे। आज (रविवार) गणतंत्र दिवस है, इसलिए आंकड़ा बेहतर हो सकता है। लेकिन अधिकतम 25 करोड़ रुपये की कमाई होने का ही अनुमान है।"सलमान के भाई सुहैल खान निर्देशित फिल्म जय हो में डेजी शाह, तब्बू और डैनी डोंगजप्पा ने भी प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं।

सुशील कोईराला नेपाली कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी

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नेपाल की संविधानसभा में सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी, नेपाली कांग्रेस ने रविवार को अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में सुशील कोईराला को मनोनीत किया। कोईराला को नामित किए जाने के साथ ही दो माह पहले हुए संविधानसभा के चुनाव के बाद देश में नई सरकार के गठन की राह की एक बड़ी अड़चन दूर हो गई है। देश में 19 नवंबर को हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। लेकिन पार्टी के भीतर सरकार के नेतृत्व को लेकर पैदा हुई रस्साकशी के कारण नई सरकार का गठन नहीं हो पा रहा था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में नेपाली कांग्रेस के 194 विधायी सदस्यों में से 105 ने कोईराला के पक्ष में मतदान किया। उनके प्रतिद्वंद्वी शेर बहादुर देउबा को 89 मत मिले।

निर्दलीय राष्ट्रीय पंचायत व्यवस्था के खिलाफ व्यापक आंदोलन के बाद 1990 में जब देश में बहुदलीय व्यवस्था लागू हुई थी, उसके बाद देउबा तीन बार प्रधानमंत्री बने थे। कोईराला अपने 50 वर्ष के राजनीतिक जीवन में किसी मंत्री पद पर भी नहीं रहे हैं। कोईराला (75) अविवाहित और देश के राजनेताओं में सबसे साफ-सुथरी छवि वाले माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में नेपाली कांग्रेस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।

सुशील कोईराला नेपाल के कोईराला परिवार से ताल्लुक रखते हैं और यदि वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो वे इस परिवार से इस पद पर आसीन होने वाले चौथे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले कोईराला परविार से मातृका प्रसाद कोईराला (1951-52 ओर 53-55), विशेश्वर प्रसाद कोईराला (1959-60) और गिरिजा प्रसाद कोईराला (1991-94, 1998-99, 2000-01 और 2007-08) इस पद पर आसीन हो चुके हैं।

पार्टी के संसदीय दल के नेता की दौड़ में तीन नेता- कोईराला, देउबा और पार्टी उपाध्यक्ष रामचंद्र पौडेल- शामिल थे। कोईराला द्वारा पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष पद देने पर सहमति जताने के बाद पौडेल ने नेता पद की दौड़ से हटना मंजूर कर लिया। चुने जाने के बाद कोईराला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राष्ट्रीय सहमति वाली सरकार का गठन करना है। उन्होंने कहा, "सहमति की सरकार गठित करने के लिए हम सभी पार्टियों के साथ संपर्क करेंगे ताकि एक वर्ष के भीतर नया संविधान लागू किया जा सके।" 

सबसे बड़ी पार्टी का नेता चुने जाने के बाद कोईराला प्रधानमंत्री बनने के योग्य हो गए हैं, लेकिन उन्हें संविधानसभा की दूसरी बड़ी पार्टी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्‍सवादी लेनिनवादी) या तीसरी बड़ी पार्टी नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से तालमेल रखना होगा।

कुडनकुलम संयंत्र से अगले सप्ताह 700 मेगावाट से अधिक उत्पादन

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भारतीय परमाणु ऊर्जा नियामक ने भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) को कुडनकुलम की पहली इकाई में बिजली उत्पादन 75 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। उद्योग से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, इकाई में अगले सप्ताह के शुरू से करीब 720 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है।

परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के अध्यक्ष एस.एस. बजाज ने मुंबई से बताया, "हमने शुक्रवार शाम में एनपीसीआईएल को कुडनकुलम की पहली इकाई में बिजली उत्पादन स्तर को 50 से बढ़कार 75 तक ले जाने की अनुमति दी है।"बजाज ने कहा कि इकाई की जांच करनी होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे और उत्पादन बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।

बजाज ने कहा, "यदि सभी परीक्षण परिणाम संतोषप्रद रहे तो हम उत्पादन स्तर 100 प्रतिशत करने की अनुमति देंगे।"एनपीसीआईएल ने यहां से 650 किलोमीटर दूर तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में 1000 मेगावाट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित किए हैं। कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) पर कुल 17000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है।

केएनपीपी के साइट निदेशक आर. एस. सुदर ने कहा, "हम अब संयंत्र को 570 मेगावाट स्तर पर संचालित कर रहे हैं। हम इस स्तर को कुछ और समय तक बनाए रखेंगे।"अगले सप्ताह के शुरू में रिएक्टर शक्ति स्तर 75 प्रतिशत छूने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हम मंगलवार या बुधवार तक स्तर बढ़ाएंगे।"

सुंदर ने कहा कि रिएक्टर शक्ति स्तर 100 प्रतिशत तक ले जाने के पहले इकाई को दो और अनुमति लेनी होगी। केएनपीपी भारत का पहला दबावयुक्त जल रिएक्टर है जो हल्के जल रिएक्टर श्रेणी में आता है।

इंडिया ग्रांप्री गोल्ड : सिंधु को हरा सायना बनीं विजेता

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saina beat sindhu
नौंवीं विश्व वरीयता प्राप्त सायना नेहवाल ने खिताबी सूखा समाप्त करते हुए रविवार को 1,20,000 डॉलर इनामी राशि वाला इंडिया ग्रांप्री गोल्ड महिला एकल खिताब जीत लिया। अक्टूबर, 2012 में डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर जीतने के बाद सायना ने पहली उपाधि हासिल की। बाबू बनारसी दास इनडोर स्टेडियम में रविवार को हुए बहुप्रतीक्षित फाइनल मुकाबले में शीर्ष वरीय सायना ने दूसरी वरीय सिंधु को 40 मिनट में 21-14, 21-17 से मात दे दी।

ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता सायना ने पहले गेम में 11वीं विश्व वरीयता प्राप्त सिंधु को एकतरफा मुकाबले में हराया। सायना ने पहले गेम में शुरू से बढ़त बनाए रखा, तथा सिंधु को एक बार भी आगे नहीं निकलने दिया। दूसरे गेम में हालांकि सिंधु ने शुरुआती अंक हासिल करने में सफलता पा ली, लेकिन सायना ने एकबार फिर सिंधु को पछाड़ते हुए दूसरे गेम में भी सिंधु को मात दे दी।

सिंधु की इंडिया ग्रांप्री गोल्ड के फाइनल में यह लगातार दूसरी हार है। पिछले वर्ष दिसंबर में हुए टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में सिंधु इंडोनेशिया की लिंडावेनी फानेतरी से हार गई थीं। सायना और सिंधु के बीच विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के किसी टूर्नामेंट में यह पहली भिड़ंत थी। इससे पहले बीते वर्ष पहले इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) में भी दोनों खिलाड़ी दो बार एकदूसरे का सामना कर चुकी हैं, जिसमें सायना दोनों ही बार विजेता रही थीं।

इस जीत के साथ ही सायना ने एक वर्ष से भी लंबे समय से चले आ रहे खिताबी सूखे को समाप्त किया। लगातार खराब फॉर्म से जूझ रही सायना विश्व रैंकिंग में भी पिछले सप्ताह नौवें स्थान पर फिसल गईं, लेकिन इस जीत के जरिए अगले सप्ताह आने वाली बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में उन्हें लाभ मिल सकता है।

झारखंड में उत्साहपूर्वक मना गणतंत्र दिवस

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independence day jharkhand
पूरे झारखंड में कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को देश का 65वां गणतंत्र दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां मोराबादी मैदान में तिरंगा फराया। अपने भाषण में उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाई।

उन्होंने कहा, "सोना सोबरन धोती सारो योजना के तहत बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को धोती और कुर्ता 10 रुपये में उपलब्ध कराया गया।" उन्होंने आगे कहा, "फरवरी के अंत तक लगभग 14,000 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। हजारीबाग में खुली जेल खोली जा चुकी है।"

आस्ट्रेलियन ओपन : वावरिका बने नए चैम्पियन

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wawrinka beat nadal
स्विटजरलैंड के स्टानिस्लास वावरिंका ने रविवार को आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में चोटिल शीर्ष वरीय स्पेन के राफेल नडाल को मात देकर करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। मेलबर्न पार्क के रॉड लेवर अरेना में हुए फाइनल मुकाबले में आठवें वरीय वावरिंका ने नडाल को चार सेटों में 6-3, 6-2, 3-6, 6-3 से मात दे दी। आस्ट्रेलियन ओपन का यह फाइनल मैच अपने भ्रामक और विचित्र अंतिम तीन सेटों के लिए याद किया जाएगा।

मैच के दौरान नडाल के पीठ का निचला बायां हिस्सा चोटिल हो गया, तथा दूसरे सेट में उनकी परेशानी इतनी बढ़ गई थी कि वह कभी भी मैच से हट सकते थे। नडाल ने मैच के बाद अपनी चोट के बारे में कहा, "पहले सेट में ही परेशानी शुरू हो गई थी। पहला सेट समाप्त होते-होते यह काफी बढ़ गया।"नडाल ने आगे कहा, "दूसरे सेट के शुरुआत में सर्विस करने के दौरान गलत तरीके से मुड़ने के कारण मुझे फिर से इसका अहसास हुआ। तब मुझे बेहद तेज दर्द हुआ था।"

नडाल ने फिर कहा, "लेकिन यह समय इन सबके बारे में बात करने का नहीं है, बल्कि वावरिंका को बधाई देने का है। उसने बहुत ही उम्दा खेल का प्रदर्शन किया और वह विजेता बनने की योग्यता रखते हैं।"नडाल को दूसरे सेट में उपचार लेना पड़ा था। पहले दो सेट हारने के बाद तथा चोटिल होने के बावजूद नडाल ने दूसरे और तीसरे सेट में वावरिंका को कठिन चुनौती दी। मैच जीतने के बाद वावरिंका ने कहा, "निश्चित तौर पर कोई ऐसी जीत नहीं चाहेगा, लेकिन चूंकि यह ग्रैंड स्लैम का फाइनल मैच है मैं इसे स्वीकार करता हूं।"

वावरिंका ने आगे कहा, "नडाल मैं तुम्हारे लिए वास्तव में दुखी हूं, तथा उम्मीद करता हूं कि तुम्हारी पीठ की चोट जल्द ठीक होगी। तुम वास्तव में एक महान खिलाड़ी, अच्छे मित्र तथा वास्तविक चैम्पियन हो।"नडाल से अब तक हुए 13 मुकाबलों में वावरिंका की यह पहली जीत है। इससे पहले हुए मुकाबलों में वावरिंका नडाल से एक सेट तक नहीं जीत सके थे। इस जीत के साथ ही वावरिंका सोमवार को जारी होने वाली विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे, जबकि उनके हमवतन तथा पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त रोजर फेडरर आठवें क्रम पर फिसल जाएंगे। फेडरर के बाद वावरिंका पिछले 13 वर्षो में स्विटजरलैंड के पहले शीर्ष खिलाड़ी भी बन जाएंगे। वावरिंका को अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए 36 ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट खेलने पड़े।

नेपाल में माओवादी विपक्ष की भूमिका निभाएंगे

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kamal dahal prachanda
नेपाली संविधान सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी यूसीपीएन-माओवादी ने रविवार को कहा कि पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाएगी, लेकिन संविधान तैयार करने की प्रक्रिया में अन्य दलों को मदद करेगी। नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्‍सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) संविधान सभा में क्रमश: सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। 

यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूपीसीएन-माओवादी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड'ने अंतर्राष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में यहां संविधान सभा की पहली बैठक को संबोधित करते हुए घोषणा की कि उनकी पार्टी सरकार में शामिल नहीं होगी। प्रचंड ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी नया संविधान तैयार करने में अन्य पार्टियों को मदद करेगी।

2008 के चुनाव में माओवादी पार्टी नेपाल में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी थी, लेकिन वह अपना कद बरकरार नहीं रख पाई। पिछले वर्ष 19 नवंबर को हुए दूसरे संविधान सभा के चुनाव में माओवादी तीसरे स्थान पर पहुंच गए। प्रचंड ने कहा, "हमारी प्राथमिकता में न सरकार है और न यह कि नेपाल का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। हम विपक्ष में बैठेंगे और संविधान तैयार करने में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल को मदद करेंगे।"

इसके साथ ही प्रचंड ने अन्य दलों को आगाह किया कि वे उन्हें कोई छोटी पार्टी न समझे, "क्योंकि हम नेपाल की जारी शांति प्रक्रिया के हिस्सा हैं और मैंने उस शांति करार पर हस्ताक्षर किया है।"उल्लेखनीय है कि 2006 में इस करार पर सरकार और माओवादियों ने हस्ताक्षर किए थे, और इसके साथ ही नेपाल में राजनीतिक बदलाव का रास्ता साफ हुआ था। करार के मुताबिक नेपाल में दो बार संविधान सभा का चुनाव हुआ है, लेकिन संविधान निर्माण का बड़ा एजेंडा पूरा होना अभी भी बाकी है। प्रचंड ने कहा, "यदि माओवादी पार्टी को छोटा दल समझा गया, तो यह भारी भूल होगी।"

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (26 जनवरी )

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देष भक्ति एवं सद्भावना के तरानो ने बाधा समा
  • कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत ने ली परेड की सलामी

jhabua news
झाबुआ--गणतंत्र दिवस 26 जनवरी समारोह का आयोजन षहीद चन्द्रषेखर आजाद महाविद्यालय प्रांगण झाबुआ में किया गया। कार्यक्रम में रंग-बिरंगी ड्रेसेस पहने विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियो ने नृत्य, देष भक्ति गीत एवं सद्भावना गीतों के तरानो से प्रांगण में देष भक्ति का माहौल बनाया। प्रातः 9.00 बजे कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत ने ध्वजारोहण किया एवं एवं परेड की सलामी ली। तत्पष्चात श्रीमती कियावत ने मुख्य मंत्री के संदेष का वाचन किया। कार्यक्रम में परेड ने हर्श फायर एवं जय घोश किया एवं मार्च पास्ट किया। मुख्य अतिथि ने परेड कमान्डरों का परिचय प्राप्त किया। कार्यक्रम मे उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं मीसा बंदियों का सम्मान किया गया। षांति के प्रतीक ष्वेत कबूतर एवं रंग-बिरंगे गुब्बारे आकाष में छोडे गये। पुलिस बेन्ड द्वारा राश्ट्रीय धुन प्रस्तुत की गई एवं विभिन्न षासकीय विभागों द्वारा षासन की योजनाओं से संबंधित झांकियों का प्रदर्षन किया गया। समारोह में स्कूली विद्याार्थियों द्वारा पी.टी. एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्षन किया गया। समारोह के अन्त में विभिन्न विभागों के उत्कृश्ट कार्य करने वाले षासकीय सेवको एवं स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदर्षन करने वाले परेड दलो एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री लोकन्द्र चैहान एवं डाॅ.गीता दुबे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्री एस.पी.सिह, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल सहित सभी विभागों के षासकीय सेवक जनप्रतिनिधिगण विद्यार्थी एवं बडी संख्या में नागरिक गण उपस्थित थे।

समारोह में ये हुवे पुरस्कृत
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गणतंत्र दिवस के अवसर पर इसी प्रकार उत्कृष्ट कार्य हेतु श्री उदयसिंह हाडा पटवारी तहसील झाबुआ, श्री राजाराम पाटीदार,श्री प्रेमसिंह बघेल, श्री दौलत डामोर, श्री ईश्वरलाल पाटीदार, श्री नानसिंह चैहान पटवारियो को राजस्व संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने पर पुस्कृत किया गया। श्रीमती रजनी परमार आॅफिस कानूनगो तहसील झाबुआ, श्रीमती ममता कनेश वर्कलोड पटवारी तहसील झाबुआ, श्री अखिलेश मुलेवा वर्कलोड पटवारी तहसील झाबुआ को राजस्व संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने पर पुरस्कृत किया गया। श्री अनूप डामोर सहा.ग्रेड -2 आदिवासी विभाग झाबुआ, श्री हेमन्त परमार अध्यापक मा.शा चारोलीपाडा, श्री सुबोध पेन्टर सहायक शिक्षक शा.हाई स्कूल रातीतलाई, श्री शैलेन्द्र राठौर सहायक शिक्षक विकलांग केन्द्र रंगपुरा, श्री सुनील कृष्णे स्टेनो जलसंसाधन झाबुआ, निर्वाचन कार्य में सराहनीय कार्य करने पर पुरस्कृत किया गया। वसूली में सहयोग के लिए श्री भेरूलाल पांचाल को पुरस्कृत किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के अधिकारी कर्मचारियों में डाॅ. आई.एस.तोमर कार्यक्रम समन्वयक को 2000 रूपये, एवं प्रशस्ति पत्र डाॅ. डी.के. वाणी विषय वस्तु विशेषज्ञ को 6300 रूपये, डाॅ. आर के यादव विषय वस्तु विशेषज्ञ को 10500 रूपये, डाॅ. महेन्द्र सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ को 6300 रूपये, श्री जगदीश मौर्य विषय वस्तु विशेषज्ञ को 10500 रूपये, डाॅ. व्ही के.सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ को 2100 रूपये, डाॅ. आलोक जैन कार्यक्रम सहायक 10500 रूपये, डाॅ. आर.के त्रिपाठी को 5250 रूपये, श्री डी.आर.चैहान कार्यक्रम सहायक 2100 रूपये, श्री राघवेन्द्रसिंह भदौरिया ड्रायवर 5250 रूपये, श्री राजेश पासी ड्रायवर 5250 रूपये, श्री दिलिप घोटकर लेब अण्टेडेन्ट को 5250 रूपये, श्री गुलाबसिंह वाखला चैकीदार को 5250 रूपये, श्री अनसिंह भाबोर कुक 5250 रूपये, श्री टी.एस.डुडवे प्र.वि.अ. 1250 रूपये एवं सभी को प्रषस्ति पत्र से पुरूस्कृत किया गया। इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक कार्यालय झाबुआ द्वारा श्री अंबाराम पाटीदार अनुविभागीय दण्डाधिकारी झाबुआ को वाहन नीलामी में सराहनीय कार्य के लिए थाना कल्याणपुरा निरीक्षक श्री अनीस खांन, निरीक्षक आर.सी.भाकर, थांप्र0कोतवाली झाबुआ, निरीक्षक टी.सी.पंवार थाना प्र0 रानापुर  निरीक्षक सुनील यादव थाना प्र. पेटलावद, निरीक्षक अनीस खांन हाल तैनात रा.के.झाबुआ, उनि के.एल.बरकडे था0प्र0 कल्याणपुरा, उनि. सूर्यप्रकाश कटारा प्रभारी रेडियो झाबुआ, उनि एम0एल0भाटी प्रभारी यातायात झाबुआ। उनि.भीमसिंह सिसौदिया चै0प्र0 सांरगी थांना पेटलावद। सउनि मोहन सिंह डावर चैकी प्रभारी पारा थाना कोतवाली झाबुआ। श्री भूपेन्द्र बर्डे, रीडर एस0डी0एम कार्यालय झाबुआं। सउनि संतोष वसुनिया तैनात थाना थांदला, सउनि माधवराम शर्मा तैनात थाना काकनवानी, सउनि भेरूलाल गुर्जर तैनात थाना कालीदेवी, सउनि गणेश चन्द्र यादव तैनात थाना कल्याणपुरा, प्र0आर0 चालक, 94 सुरेश तैनात रा0के0 झाबुआ,प्र0आर0 427 भगवानसिंह तैनात यातायात झाबुआ, प्र0आर 378 राजेन्द्र तैनात थाना यातायात झाबुआ, प्र0आर0228 वीरसिंह तैनात र0के0 झाबुआ, आर0चालक 231 सवेसिंह तैनात थाना यातायात झाबुआ को उत्कृश्ट कार्य करने पर सराहनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार कार्यक्रम स्थल पर पुरस्कार परेड प्रदर्षन में समूह एक में प्रथम पुरस्कार जिला पुलिस महिला झाबुआ एवं द्वितीय पुरस्कार एसएएफ झाबुआ, एवं तृतीय वनरक्षक दल को प्रदान किया गया। परेड समूह द्वितीय में प्रथम पुरस्कार जूनीयर रेडक्रास दल उत्कृष्ट मा.वि.झाबुआ को, द्वितीय जूनियर रेडका्रस क.मावि.झाबुआ को एवं तृतीय जूनियर गाईड झाबुआ को, सांस्कृतिक कार्यक्रम माध्यमिक स्तर पर प्रथम पुरस्कार निराश्रित महिला मंडल झाबुआ, द्वितीय पुरस्कार बा.उ.मा.वि.रातीतलाई झाबुआ, तृतीय सरस्वती शिशु मंदिर झाबुआ, को तथा सिनियर वर्ग में प्रथम क.उ.मा.वि.झाबुआ को प्रदान किया। झांकी प्रदर्शन में स्वास्थ्य विभाग की झांकी प्रथम, कृषि विभाग की झांकी द्वितीय एवं वन तथा आदिवासी विकास विभाग की झांकी को सयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी प्रकार आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शैक्षणि संस्थाओं के उत्कृष्ट संचालन के हेतु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य उ0मा0वि0 मदरानी प्रथम पुरूस्कार 25 हजार रूपये,  द्वितीय पुरस्कार उत्कृष्ट बा.उमावि.प्राचार्य झाबुआ को 15 हजार रूपये, तृतीय पुरस्कार उमावि कुन्दनपुर को 10 हजार रूपये, तथा हाईस्कूल स्तर पर प्राचार्य कन्या हाई स्कूल रामा को प्रथम पुरूस्कार 25 हजार रूपये,  द्वितीय पुरस्कार उत्कृष्ट बा.उमावि. झाबुआ को 15 हजार रूपये, तृतीय पुरस्कार माॅडल हाईस्कूल रानापुर को 10 हजार रूपये प्रदान किया गया।
आदिम जाति छात्रावास आश्रमों में एसटी बालक छात्रावास रापुरिया को प्रथम पुरूस्कार 25 हजार रूपये,  द्वितीय पुरस्कार एसटी कन्या छात्रावास मेघनगर को 15 हजार रूपये, तृतीय पुरस्कार बालक उत्कृष्ट छात्रावास थांदला को 10 हजार रूपये, तथा एसटी आश्रम अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम नोगांवा को प्रथम पुरूस्कार 25 हजार रूपये,  द्वितीय पुरस्कार अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम पलासडोर को 15 हजार रूपये, तृतीय पुरस्कार कन्या आश्रम अंग्रेजी माध्यम पेटलावद को 10 हजार रूपये, अनुसूचित जाति छात्रावास में प्रथम पुरस्कार बालक छात्रावास थांदला को 25 हजार रूपये,  द्वितीय पुरस्कार बालक छात्रावास पेटलावद को 15 हजार रूपये, एवं तृतीय पुरस्कार बालक छात्रावास झाबुआ को 10 हजार रूपये,प्रदान किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने पर ग्राम पंचायत बेडावा जनपद पंचायत थांदला के सरपंच दिलीप भूरिया एवं ग्राम पंचायत मोई वागेली पेटलावद के सरपंच को पुरस्कृत किया गया। श्री विनोद शंकरलाल मुलेवा कृषक आत्मा परियोजना कृषि विभाग, श्री पीटर हुमा केशरिया कृषक आत्मा परियोजना कृषि विभाग, इंदिरा महिला कृषक समूह आत्मा परियोजना कृषि विभाग को पुरस्कृत किया गया। मेघावी छात्रो में कु. उर्वशी मुरारी विद्यार्थी कक्षा 10 वी संस्कार पब्लिक स्कूल थांदला, श्री चिन्मय सोनी विद्यार्थी कक्षा 10 वी संस्कार पब्लिक स्कूल थांदला, कु.नेहा चैरसिया विद्यार्थी कक्षा 12 वी उमावि झकनावदा, श्री सुनील राठौड विद्यार्थी कक्षा 12 वी कैथोलिक मिशन स्कूल थांदला, को पुरस्कृत किया गया। श्री मोहम्मद अयाज शेख सहायक लोक सेवा प्रबंधक झाबुआ, श्री रितेश डामोर सहायक ग्रेड-3 आदिवासी विकास विभाग, श्री नारायण सोलंकी भृत्य शिक्षा विभाग, श्री एम.एस.धार्वा अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.विभाग उपसंभाग झाबुआ, श्री निलेश यादव उपयंत्री लो.नि.विभाग उपसंभाग झाबुआ, श्री बिलसन अड स्थल सहायक लो.नि.विभाग उपसभांग झाबुआ, श्रीमती सावित्री खडिया आंगनवाडी कार्यकत्र्ता सामली 1 सेक्टर रायपुरिया आईसीडीएस पेटलावद, श्रीमती सुनिता भूरिया आंगनवाडी कार्यकत्र्ता उदयपुरिया वार्ड क्र-16 आईसीडीएस झाबुआ,श्री सुरेशचन्द्र जैन प्राध्यापक शा.महाविद्यालय झाबुआ, डाॅ. रविन्द्र सिंह सहा.प्राध्यापक शा.महाविद्यालय झाबुआ, श्री अजय बैरागी सहायक ग्रेड-3 शा.महाविद्यालय झाबुआ, श्री उत्तम मार्को भृत्य शा.महाविद्यालय झाबुआ, श्री उदयसिंह नायक उद्यान विकास अधिकारी उद्यानिकी विभाग रानापुर, श्री सूर्यकांत परमार लेखापाल जिला शिक्षा केन्द्र झाबुआ, श्री योगेश जैन जिला सूचना सहायक एनआईसी झाबुआ, श्री राकेश वतनानी डाटा एन्ट्री आपरेटर, श्री सलीम शेख बीआरसी रामा, श्री महेश सोलंकी बीआरसी थांदला, श्री शंकर सस्तिया सहायक मेनेजर ई.गर्वनेंस सोसायटी झाबुआ, श्री प्रियंक अग्रवाल सहायक मेनेजर ई.गर्वनेंस सोसायटी झाबुआ, सुश्री ममता ठाकुर सहायक मेनेजर ई.गर्वनेस सोसायटी झाबुआ, सुश्री मिताली भावसार डाटा एन्ट्री आपरेटर साक्षर भारत योजना, सुश्री भूमिका देवल डाटा एन्ट्री आपरेटर साक्षर भारत योजना, संजय पालिया डाटा एन्ट्री आपरेटर साक्षर भारत योजना, श्री जामसिंह अमलियार लेखापाल जिला पंचायत झाबुआ, श्री हर्ष चैहान वनरक्षक वनविभाग झाबुआ, श्री अमरोज पारगी वन रक्षक वनविभाग थांदला, श्री जयेन्द्र बैरागी आदिवासी विकास विभाग झाबुआ को पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती जयश्री कियावत ने ग्राम मिण्डल में मध्यान्ह भोजन किया गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मुख्य अतिथि कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत ने जनप्रतिनिधियों एवं प्रषासनिक अधिकारियों के साथ षासकीय माध्यमिक स्कूल मिण्डल में 

5560/- रू0 की अवैध शराब जप्त, 04 आरोपी गिरफ्तार

झाबूआ--पुलिस अधीक्षक, एस0पी0सिंह ने बताया कि आरोपी बालकृष्ण पिता कालू जाटव उम्र 24 वर्ष निवासी पेटलावद के कब्जे से 96 क्वाटर प्लेन शराब कीमती 2880/- रू0 की जप्त की गई। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 23/14, धारा 34-ए, 36 आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी झितरा पिता कल्ला भूरिया उम्र 40 वर्ष निवासी अन्तरवेलिया के कब्जे से 24 क्वाटर प्लेन शराब कीमती 720/- रू0 की जप्त की गई। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अप0क्र0 13/14, धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी वालचन्द्र पिता कसना डामोर उम्र 21 वर्ष निवासी हत्यादेहली के कब्जे से 24 क्वाटर प्लेन शराब कीमती 960/- रू0 की जप्त की गई। प्रकरण में थाना मेघनगर में अप0क्र0 9/14, धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी पवन पिता रमेश उम्र 25 वर्ष निवासी सामली के कब्जे से 25 क्वाटर देशी शराब कीमती 1000/- रू0 की जप्त की गई। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 16/14, धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इस प्रकार जिला झाबुआ में दिनांक 25/1/14 को अवैध शराब के 4 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 5560/- रू0 की अवैध शराब जप्त की गई एवं 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पशु कूरता अधिनियम का 01 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादी बलराम पिता धीरज चारण उम्र 24 वर्ष निवासी कल्याणपुरा ने बताया कि आरोपी रहिम पिता मेहमूद उम्र 27 वर्ष निवासी बडनगर व अन्य ने टेम्पो में केडे क्रूरता पूर्वक भरकर वध करने हेतु ले जाया जा रहा है। सूचना पर केड़े एवं टेम्पों को जप्त किया गया, प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अप0क्र0 14/2014, धारा 4,6,9 गौवंश प्रतिशेध अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी के 02 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादी अवन्तिलाल पिता मांगीलाल जोशी, उम्र 45 वर्ष निवासी परवलिया ने बताया कि अज्ञात बदमाश मंदिर के दरवाजे का नकूचा तोडकर दरवाजे व चेनल गेट का ताला तोडकर अंदर घूसकर भगवान का चंादी का छत्र 1 कि.ग्रा. चांदी की पायजेब 200 ग्राम, चरण पादुका 500 ग्राम, चांदी की गाय 100 ग्राम, दान पेटी के लगभग 20 हजार रूपये चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना काकनवानी में अप0क्र0 5/2014, धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी अरूण पिता जेठालाल राठौड उम्र 32 वर्ष निवासी रानापुर ने बताया कि अज्ञात बदमाश दूकान का ताला तोडकर अन्दर घूसकर गल्ले में से 6 हजार रूपये नगदी चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 22/2014, धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विद्युत् चोरी के 09 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादी विरेन्द्र पिता किशनसिंह सोलंकी उम्र 26 वर्ष निवासी पेटलावद ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति डी0पी0 पर लगा ट्रांसफार्मर चोरी कर ले गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 25/2014, धारा 39 एमपीईबी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी सुखदेव पिता चंदूलाल मण्डलोई उम्र 27 वर्ष सहायक यंत्री एम.पी.ई.बी थांदला ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति 08 स्थानों पर ट्रांसफार्मर के अंदर का सामान चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 37,38,39,40,41,42,43,44/2014, धारा 39 एमपीईबी एक्ट व 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।  

दुर्घटना का 01 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादी विनोद पिता लालसिंग मैडा उम्र 24 वर्ष निवासी झाबुआ ने बताया कि अज्ञात मो0सा0 चालक ने तेजगति व लापरवाही से मोसा. चलाकर टककर मारकर चोट पहुंचाई। प्रकरण में थाना मेघनगर में अप0क्र0 10/2014, धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छेड़छाड़ का 01 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादिया सपना पति संजय धोबी उम्र 33 वर्ष निवासी पेटलावद ने बताया कि उसकी लड़की डांस का अभ्यास कर रही थी कि आरोपी राजू पिता नारायण गामड निवासी पेटलावद ने शर्ट उतार कर इशारा किया, मना करने पर अश्लील गालिया दी व जान से मारने की धौंस दी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 24/2014, धारा 354-क(1), 294,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मारपीट के 02 अपराध पंजीबद्ध:-
फरियादी दिनेश पिता भूरा नलवाया, उम्र 21 वर्ष निवासी मनासिया ने बताया कि आरोपी नेगा पिता अमरिया नलवाया एवं अन्य 2 निवासीगण मनासिया ने पैसे मांगने की बात को लेकर रास्ता रोककर अश्लील गालिया दी व जान से मारने की धौंस दी। प्रकरण में थाना कालीदेवी में अप0क्र0 12/2014, धारा 341,329,294,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी वरसिंह पिता सुमजी सिंगाड उम्र 55 वर्ष निवासी पाटडी ने बताया कि उसने आरोपी पानु पिता बहादरिया निनामा निवासी पाटडी से उधारी के पैसे मांगे आरोपी ने अश्लील गालिया देकर मारपीट कर जान से मारने की धौंस दी। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 36/2014, धारा 294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।  

प्रतिबंधात्मक कार्यवाही
दिनांक 25/01/2014 को संपूर्ण जिले में धारा 107-116 जाफौ के तहत 08 प्रकरण में 12 व्यक्तियों, धारा 151 जाफौ के तहत् 1 प्रकरण में 04 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। मोटर व्हीकल के तहत कुल 16 चालान बनाये जाकर 2400/- रू0 का समन शुल्क वसूला गया।   

संडेसभा गांव-गांव में हो हमारी अभिलाषा है।

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sunday sabha
पटना। 26 जनवरी 2014 को संडेसभा मे हम इस नतिजे पर पहुंचे हैं की हर व्यकित वर्तमान व्यवस्था में जिंदा रहने के लिए अपनी-अपनी क्षमता से लड़ रहा है। जिससे पुछिये सौ समस्या गिनवा देगा। अपने कमजोरियाें को छुपायेगा और बगल वाले को अपने गलतियों का जिम्मेदार ठहरायेगा, व्यर्थ का सलाह देगा। भ्रम, जटिलता, द्वंद की जिंदगी जियेगा और दुसरो को जीने के लिए बाघ्य करेगा। ये सब इसलिए करेगा की उसका जीवन सुधरे परंतु 65 साल के गण तांंत्रिक भारत मेें कोर्इ खुशहाल नहीं है। प्रेम , शांति, पर्यावरण हमसे कोशो दुर है। हमारी मौलिक आवश्यकता भोजन और प्रजनन का सबसे गंदा स्वरूप हमारे लिए मौजुद है। 121 करोड़ पर एक करोड़ लोग शासन  और शोषएा करते है। उपरोक्त सारी समस्या राष्टप्रेम के कारण है। इस लड़र्इ झगड़े के चक्कर में हम धरती पर आने के मुल उदेश्य को भूल चुके हैं। इन सारे समस्याओं का उपाय एक मात्र देशप्रेम है।  देशप्रेम दर्शन को आत्मसात करने से हमारा शैक्षनिक, बौधिक, आर्थिक, अध्यातिमक और सांस्कृतिक प्रगति करने का रास्ता सरल और सुगम हो जाता है। इस दर्शन को देखने के लिए अपने अंदर छुपे वैज्ञानिक दृषिटकोण को जागृत करना होगा। वैज्ञानिक दृषिटकोण को जागृत करने के लिए  प्रशिक्षण अनिवार्य है। प्रशिक्षण पाने के लिए मंच की जरूरत है जहां लोग  स्वंय को परिष्कृत कर ज्ञानार्जन कर सके, निडर होकर दिल की बात कह सके, अपने जीवन के यथार्थ और व्यवहारिक अनुभव सुना सके, अपने जीवन के अनसुलझे प्रश्न, जिज्ञाश, समस्या का निराकरण पुछ सके, अपने जीवन के सुंदर बनाने के यथार्थ और व्यवहारिक प्रस्ताव दे सके, सहयोग प्राप्त कर सके  और सांस्कृतिक अभिव्यकित करने का अवसर प्रदान हो सके। संडेसभा में  वषोें से हम ये कर रहे हैं।  सभा ने लोगों का जीवन सुंदर बनाया है। संडेसभा गांव-गांव में हो हमारी अभिलाषा है।

ये बाते रविवार को गांधी मैदान में आयोजित संडेसभा की अध्यक्षता करते हुए वैज्ञानिक कुमार राजीव ने कही। सभा का संयोजक कर रहे देशप्रेम अभियान के प्रशिक्षु लोककर्ता धन्नजय, मनोज, सोनु, प्रेम, नवल, हमसफर सुरेश, धनेश्वर, समर्थक संजीव, राजेश, राम, गोपाल, अनिरूध एवं काफी संख्या में विभिन्न गांव से आएं गणमान्य लोग उपसिथ थे।

बीमार को मारने से बीमारी नहीं मिटेगी!

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परिवार के लोगों की आँखों के सामने उनकी 13 से 16 वर्ष की बेटी या बहिन का सामूहिक बलात्कार किया जाता है और स्थानीय पुलिस उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती! डॉक्टरी रिपोर्ट बनाकर देना तो दूर, सरकारी डॉक्टर पीड़िता का प्राथमिक उपचार तक नहीं करते। स्थानीय जन-प्रतिनिधि पीड़िता और आहत परिवार को संरक्षण तथा सुरक्षा देने के बजाय बलात्कारियों और अपराधियों को ही पनाह देते हैं! तहसीलदार से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार करने के बाद भी पीड़िता की कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे हालात में पीड़िता के परिवार के लोग या बलात्कारित बेटियों के पिता या ऐसी बहनों के भाईयों को क्या सन्त बने रहना चाहिये? इस सवाल का जवाब इस देश के संवेदनशील और इंसाफ में आस्था एवं विश्‍वास रखने वालों से अपेक्षित है।



भारत में बहुत सारी समस्याएँ लाइलाज बना दी गयी हैं। नक्सलवाद भी उनमे से एक है। अनेक प्रदेशों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियो के साथ-साथ देश के राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री भी समय-समय पर अपने सम्बोधन में नक्सलवाद को देश की सबसे बड़ी और इसे आतंकवाद जैसी बड़ी समस्या बतला चुके हैं। यही नहीं अनेक कथित बड़े लेखक भी बड़े-बड़े शहरों के वातानुकूलित कक्षों में बैठकर इसी तर्ज पर नक्सलवाद के ऊपर खूब लिखते रहते हैं।

सरकार के खजाने पर पलकर और राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री और अन्य बड़े-बडे़ राज नेताओं के बयान लिखने वाले कथित सरकारी विद्वानों में से अधिकतर ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी हकीकत और वस्तुस्थिति को जाकर देखना, समझना तथा हकीकत को जानना तो बहुत दूर, नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के जिला मुख्यालयों का दौरा तक कभी नहीं किया होता है। फिर भी ऐसे कथित और अपने आपको विद्वान कहने वाले और बड़े-बडे़ समाचार-पत्रों में बिकने वाले तथा इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर दिखने वाले अनेक कथित बुद्धिजीवी और वर्तमान तथा पूर्व नौकरशाह भी नक्सलवाद पर लिखते और बोलते समय नक्सलवाद को इस देश का कोढ बतलाने से नहीं चूकते हैं।

परन्तु सबसे दु:खद पहलु यह है कि अधिसंख्य लोग इस समस्या की असली और वास्तविक तस्वीर देश के समक्ष पेश करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे हैं। बल्कि यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि नक्सलवाद असल में है क्या, इसके बारे में ऐसे लोगों को ज्ञान ही नहीं है। इन लेखकों में से अनेक तो नक्सलवाद की असली तस्वीर देशवासियों के सामने पेश करने की खतरनाक यात्रा के मार्ग पर चाहकर भी नहीं चलना चाहते हैं। ऐसे में सौद्देश्य कूटनीतिक सोच एवं लोगों को मूर्ख बनाने की कुनीति से लिखे जाने वाले आलेख, दिए जाने वाले व्याख्यान और राजनेताओं तथा जनप्रतिनिधियों व प्रशासकों के सम्भाषण इस समस्या को सुलझाने के बजाय लगातार और दिन-प्रतिदिन उलझाने का ही काम कर रहे हैं।

राजनीति करने वाले राजनेताओं एवं भ्रष्ट तथा पूर्वाग्रही नौकरशाहों की तो मजबूरी समझ में आती है, लेकिन तथाकथित स्वतन्त्र लेखकों और प्रबुद्ध वक्ताओं से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वे नक्सलवाद के असल कारणों को दरकिनार करके, नक्सलवाद के बारे में सत्ता के गलियारे से निकलने वाली ध्वनि की तोतारटन्त नकल करते दिखाई दें।

जिन लेखकों की रोजी-रोटी बडे़ समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों में झूठ को सच बनाकर बेचने से चलती है, उनकी विवशता तो एकबारगी समझ में आती भी है, लेकिन सिर्फ अपने अन्दर की आवाज को सुनकर लिखने और बोलने वालों को कलम उठाने या बोलने से पहले अपने आपसे पूछना चाहिये कि ‘‘मैं व्यक्तिगत तौर पर नक्सलवाद के बारे में कितना जानता हूँ?’’ यदि उनकी अन्तर्रात्मा से उत्तर आता है कि ‘‘कुछ नहीं’’, तो मेहरबानी करके ऐसे लोग देश को गुमराह करने का अक्षम्य अपराध नहीं करें।

नक्सलवाद पर थोड़ा सा विस्तार से लिखने से पूर्व मैं विनम्रतापूर्वक यह कहना चाहता हूँ कि ‘‘मैं किसी भी सूरत में हिंसा का पक्षधर नहीं हूँ और नक्सलवाद से नकारत्मक रूप से प्रभावित निर्दोष लोगों के प्रति मेरी सम्पूर्ण सहानुभूति है।’’ इसलिये इस आलेख के माध्यम से मैं हर उस व्यक्ति को सम्बोधित करना चाहता हूँ, जिन्हें इंसाफ की संवैधानिक व्यवस्था को बनाये रखने में आस्था और विश्‍वास हो। जिन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 द्वारा प्रदत्त उस मूल अधिकार में विश्‍वास हो, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को कानून के समक्ष समान समझा जायेगा और प्रत्येक व्यक्ति को कानून का समान संरक्षण प्रदान किया जायेगा। जिसकी व्याख्या करते हुए सुप्रीम कोर्ट का साफ शब्दों में कहना है कि ‘‘समानता के मूल अधिकार को आंख बन्द करके लागू नहीं किया जा सकता। क्योंकि समानता के मूल अधिकार का मूल अभिप्राय है-समान लोगों के साथ समान व्यवहार, न कि असमान लोगों के साथ सामान व्यवहार।’’

जिन लोगों को उक्त संवैधानिक व्यवस्था मैं सम्पूर्ण आस्था और विश्‍वास हो, वे ही इन बातों को समझ सकते हैं। लेकिन याद रहे आस्था और विश्‍वास केवल कागजी या दिखावटी नहीं, सच्ची होनी चाहिये, बल्कि जिन लोगों को समाज की सच्ची तस्वीर को देखने और जानने की समझ हो और जो देश की असल समस्याओं के व्यावहारिक पहलुओं का भी ज्ञान रखते हों वे ही इन संवैधानिक बातों को बिना पूर्वाग्रह के सृजनात्मक तरीके से समझ सकते हैं। अन्यथा पूर्वाग्रह में जीने वाले तथा रुग्ण मानसिकता के शिकार लोगों के लिए इस आलेख को समझना आसान या सरल नहीं होगा?

यदि उक्त पंक्तियों को लिखने में मैंने कोई धृष्टता या गलती (Audacity or Mistake) नहीं की है तो कृपया सबसे पहले बिना किसी पूर्वाग्रह के इस बात को समझने का प्रयास करें कि एक ओर तो कहा जाता है कि हमारे देश में लोकतन्त्र है और दूसरी ओर लोकतन्त्र के नाम पर 1947 से लगातार यहॉं के लोगों के समक्ष चुनावों का नाटक खेला जाता रहा है। यदि देश में वास्तव में ही लोकतन्त्र है तो सरकार एवं प्रशासनिक व्यवस्था में देश के सभी वर्गों का समान रूप से प्रतिनिधित्व क्यों नहीं है? अर्थात् सरकार एवं प्रशासन में समानता का मूल अधिकार कहीं खो गया लगता है! सभी वर्गों के लोगों की प्रत्येक सरकारी क्षेत्र में समान रूप से हिस्सेदारी क्यों नहीं है? प्रत्येक सरकारी क्षेत्र में समान हिस्सेदारी नहीं होने से देश में लोकतन्त्र होने के कोई मायने ही नहीं रह जाते हैं!

फिर भी कुछ तथाकथित प्रबुद्ध लोग चिल्ला-चिल्लाकर दुहाई देते रहते हैं कि हम संसार के सबसे बड़े लोकतन्त्र में रहते हैं। ऐसे लोगों से मेरा सीधा सवाल है कि यदि देश में लोकतन्त्र है तो केवल दो फीसदी लोगों के यहॉं इस देश की राजनैतिक सत्ता और संसाधन गिरवी क्यों रखे हैं? लोकतन्त्र का प्रभाव आम लोगों में दिखाई क्यों नहीं देता है? लोकतन्त्र में लोगों के पास तो सत्ता की चाबी होनी चाहिये। लोकतन्त्र का मूल स्त्रोत "आम इंसान", सरकार, सत्ता एवं संसाधनों पर काबिज दो फीसदी महाभ्रष्ट और नैतिक रूप से पतित लोगों को बेदखल क्यों नहीं कर पा रहा है?

इन और ऐसे ही अनेकानेक सवालों के उत्तर ईमानदारी से तथा निष्पक्षतापूर्वक तलाशने पर स्वत: पता चलेगा कि न तो इस देश में सच्चे अर्थों में लोकतन्त्र है और न हीं इस देश की वास्तविक ताकत जनता में निहित है! इस परिप्रेक्ष में नक्सलवाद को समझने के लिये हमें इस देश के मूल निवासियों और आदिवासियों तथा दबे कुचले वर्गों के लोगों के बारे में कुछ मौलिक बातों को गहराई से समझना होगा, क्योंकि अधिसंख्य चालाक और कथित बुद्धिजीवियों द्वारा दुराशयपूर्वक यह झूठ फैलाया जाता रहा है कि केवल आदिवासी ही नक्सलवाद के संवाहक है!

यह एक कड़वा सच है कि वर्तमान में आदिवासियों की दशा, इस देश में सबसे बुरी है। इस तथ्य को स्वयं भारत सरकार के आँकडे़ ही प्रमाणित करते हैं। सब कुछ जानते हुए भी सत्ता और प्रशासन पर काबिज बहुत कम लोग इस बात को स्वीकार करते हैं कि आजादी के बाद से आज तक आदिवासी वर्ग का केवल शोषण ही शोषण किया जाता रहा है।

आदिवासियों के उत्थान की कथित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दी जाती रही है, जो आदिवासियों की मौलिक पृष्ठभूमि को, आदिवासियों की सामाजिक संरचना को, आदिवासियों की संस्कृति को और आदिवासियों की सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक समस्याओं के बारे में तो कुछ भी नहीं जानते हैं, लेकिन वे इस बात को जरूर अच्छी तरह से जानते हैं कि आदिवासियों के हित में बिना कुछ किये, आदिवासियों के लिये सरकार द्वारा आवण्टित बजट को हजम कैसे किया जाता है! ऐसे ब्यूरोक्रेट्स को भ्रष्ट और स्वार्थी राजनैतिक नेतृत्व का पूर्ण समर्थन मिलता रहा है।

इसके साथ-साथ यहॉं पर यह स्पष्ट करना भी जरूरी है कि राजनैतिक नेतृत्व में सभी लोग आदिवासियों के विरोधी या दुश्मन नहीं हैं, बल्कि कुछेक को छोड़कर सभी राजनैतिक दलों में कुछ प्रतिनिधि आज भी आदिवासियों के प्रति संजीदा और संवेदनशील भी हैं।

दूसरी ओर इस देश के केवल दो प्रतिशत लोग लच्छेदार अंग्रेजी में दिये जाने वाले तर्कों के जरिये इस देश को लूट रहे हैं और 98 प्रतिशत लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा रहे है।

मुझे तो यह जानकर आश्‍चर्य हुआ कि देश के नीति-नियन्ता पदों पर बिराजमान और इन लोगों के हर गलत-सही कार्य के समर्थक लोगों में एकाधिक लोगों की बेरहमी से हत्या जैसा जघन्यतम अपराध करने वाले हत्यारों की संख्या तुलनात्मक दृष्टि से कई गुनी है, लेकिन इसके बावजूद भी इन हत्यारों में से किसी बिरले को ही कभी फांसी की सजा दी गयी होगी? इसके पीछे भी कोई न कोई कुटिल समझ तो काम कर ही रही है। अन्यथा ऐसा कैसे सम्भव है कि अन्य 98 प्रतिशत लोगों को तुलनात्मक रूप से बहुत छोटे और कम घिनौने मामलों में भी फांसी का हार पहना कर देश के कानून की रक्षा करने का फर्ज बखूबी निभाया जाता रहा है। जबकि सत्ता पर काबिज दो फीसदी लोगों को घृणित तथा जघन्य मामलों दोषी पाये जाने के उपरान्त भी यैनकेन प्रकारेण फांसी की सजा से बचा लिया जाता है।

यदि उपरोक्त साजिश पर तनिक भी सन्देश हो या किसी को विश्‍वास नहीं हो तो सूचना अधिकार कानून के तहत पुलिस या कोर्ट से आंकडे प्राप्त करके कोई भी व्यक्ति जान सकता है कि किस-किस जाति के, कितने-कितने लोगों ने एक साथ एक से अधिक लोगों की हत्या की और उनमें से किस-किस जाति के, कितने-कितने लोगों को अंतिम रूप से फांसी की सजा दी गयी और किस विशेष जाति या वर्ग के लोगों को चार-पॉंच या अधिक लोगों की बेरहमी से हत्या करने के बाद भी और दोषी पाये जाने के बाद भी उन्हें केवल उम्रकैद की सजा सुनाई गयी या उनको सन्देह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया? छोटे-बडे़ सभी अपराधों में आदिवासियों को सुनाई गयी सजाओं तथा कैद के आंकडों की संख्या देखकर तो कोई भी संवेदनशील व्यक्ति सदमाग्रस्त हो सकता है! यही नहीं यदि आप इस विभेद को और गहराई से जानना चाहें तो बलात्कार के आँकडे़ निकाल कर पता कर सकते हैं कि किस जाति की महिलाओं के साथ सर्वाधिक बलात्कार होते हैं? कौन लोग सर्वाधिक बलात्कार करते हैं और किस जाति की महिलाओं के साथ बलात्कार होने पर किस जाति के दोषियों को कम या अधिक सजा दी जाती है एवं किन-किन जाति की महिलाओं के साथ बलात्कार होने पर मामला पुलिस के स्तर पर ही रफा-दफा कर दिया जाता है या अदालत में जाकर सांकेतिक सजा के बाद मामला समाप्त कर दिये जाते हैं?

जागरूक लोग चाहें तो यह भी पता कर सकते हैं कि इस देश के दो फीसदी महामानवों के अपराध सर्वप्रथम तो दबा दिए जाते हैं, कुछेक जो अदालतों तक पहुँचते हैं, उन मामलों में आश्‍चर्यजनक रूप से प्रत्येक स्तर पर द्रुत गति से न्याय मिलता है, जबकि इसके ठीक विपरीत इस देश के शेष 98 फीसदी निरीह लोगों के मामलों में वर्षों तक केवल और केवल तारीख और बस तारीख! यही नहीं मानव अधिकार आयोग द्वारा सुलटाये जाने वाले मामले उठाकर देखेंगे तो पता चल जायेगा कि इनमें किन-किन जातियों के कितने लोगों ने न्याय की गुहार लगाई और किस-किस जाति के कितने लोगों को न्याय या सच्ची मदद मिली? या किन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की गयी? यहॉं पर भी जाति विशेष एवं महामानव होने की पहचान निश्‍चित रूप से काम करती है। पेट्रोल पम्प एवं गैस ऐजेंसी किनको मिलती रही हैं? ऐसे अफसर जिनकी गोपनीय रिपोर्ट गलत या नकारात्मक लिखी जाती है, उनमें किस वर्ग के लोग अधिक होते हैं तथा नकारात्मक गोपनीय रिपोर्ट लिखने वाले कौन से वर्ग या जाति के अफसर होते हैं? कौनसी दैवीय प्रतिभा के चलते संघ लोक सेवा आयोग द्वारा केवल दो फीसदी लोगों को पचास फीसदी से अधिक पदों पर चयनित कर लिया जाता है? शोषित, दमित और अन्याय के शिकार लोगों के विरुद्ध जानबूझकर और दुराशयपूर्वक मनमानी एवं भेदभाव करने की यह फेहरिस्त बहुत लम्बी है!

ऐसी भयानक असंवेदनशील, असंवैधानिक, विभेदकारी, शोषक और मनमानी राजनैतिक तथा प्रशासनिक व्यवस्था में आश्‍चर्य इस बात का नहीं होना चाहिये कि नक्सलवाद क्यों पनप रहा है, बल्कि आश्‍चर्य तो इस बात का होना चाहिये कि इतना अधिक क्रूरतापूर्ण दुर्व्यवहार, मनमानी और खुला भेदभाव होने के बाद भी केवल नक्सलवाद ही क्यों पनप रहा है? इतना अन्याय सहकर भी लोग अभी भी जिन्दा कैसे हैं? अभी भी लोग शान्ति की बात करने का साहस कैसे जुटाते हैं? इतना अन्याय सहते हुए भी लोगों को लोकतन्त्र में विश्‍वास कैसे है?

यहॉं पर एक कल्पित झूठ की ओर भी पाठकों का ध्यान खींचना बहुत जरूरी तथा प्रासंगिक है, वह यह कि ‘‘नक्सली केवल आदिवासी हैं!’’ जबकि सच्चाई यह है कि हर एक वर्ग और जाति का, लोग जिनका शोषण हो रहा है, जो विभेद का शिकार हो रहे हैं। जिनकी इज्ज्त और मान मर्यादा का सरेआम मखौल उड़ाया जा रहा है, जिनकी आँखों के सामने उनकी मॉं, बहन, बेटी और बहूओं की इज्जत लूटी जा रही है, जिनके घरों और खेत-खलियानों को जलाया जा रहा है-वही मजबूर लोग अन्याय का प्रतिकार करने के लिए नक्सलवादी बनने को विवश हो रहे हैं!

कल्पना करके देखें परिवार के लोगों की आँखों के सामने उनकी 13 से 16 वर्ष की बेटी या बहिन का सामूहिक बलात्कार किया जाता है और स्थानीय पुलिस उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती! डॉक्टरी रिपोर्ट बनाकर देना तो दूर, सरकारी डॉक्टर पीड़िता का प्राथमिक उपचार तक नहीं करते। स्थानीय जन-प्रतिनिधि पीड़िता और आहत परिवार को संरक्षण तथा सुरक्षा देने के बजाय बलात्कारियों और अपराधियों को ही पनाह देते हैं! तहसीलदार से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार करने के बाद भी पीड़िता की कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे हालात में पीड़िता के परिवार के लोग या बलात्कारित बेटियों के पिता या ऐसी बहनों के भाईयों को क्या सन्त बने रहना चाहिये? इस सवाल का जवाब इस देश के संवेदनशील और इंसाफ में आस्था एवं विश्‍वास रखने वालों से अपेक्षित है।

दूसरी तस्वीर भी देखिये, अपराध कोई अन्य (बलशाली जो-जनबल, धनबल या बाहुबल से सम्पन्न है) करता है और पुलिस द्वारा ऐसे अपराधी से धन लेकर या उसके आका राजनेता या उच्च अफसर के दबाव में छोड़ दिया जाता है या पकड़ा ही नहीं जाता है और उसके बजाय अन्य किसी निर्दोष और मासूम को ऐसे मामले में फंसा दिया जाता है। बेकसूर होते हुए भी ऐसा निरीह व्यक्ति न्याय की उम्मीद में कई वर्षों तक जेल में सड़ता रहता है। इस दौरान जेल गये व्यक्ति का परिवार, उसकी खेती-आजीविका, उसके जानवर आदि सब बर्बाद हो जाते हैं या बर्बाद कर दिये जाते हैं। उसकी युवा पत्नी और, या उसकी युवा बहन या बेटी को सरेआम अगवा कर लिया जाता है। उन्हें रखैल और बन्धुआ बनाकर रखा जाता है। अनेक बार तो 15 से 20 वर्ष के युवाओं को झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है और उनकी सारी जवानी जेल में ही समाप्त हो जाती है। जब कोई सबूत नहीं मिलता है तो थक-हार कर वर्षों बाद अदालत उन्हें रिहा कर देती हैं। रिहा होने पर ऐसे शोषण के शिकार लोगों का कोई ठोर-ठिकाना या घर-परिवार शेष नहीं बचता। ऐसे उत्पीड़ित लोगों से क्या हम संत या अनुशासित नागरिक बन रहने की आशा कर सकते हैं?

वहीं दूसरी ओर कानून, प्रशासन, न्यायपालिका और सरकार की दृष्टि में ऐसे उत्पीड़ित और निर्दोष लोगों का न तो कोई मान सम्मान होता है और न हीं उनके जीवन का कोई सामाजिक या राष्ट्रीय मूल्य होता है। इसलिये अकारण वर्षों तक जेल में सड़ते रहने के उपरान्त भी उनको सरकार की ओर से किसी प्रकार का मुआवजा या संरक्षण या समाज में पुनर्स्थापना हेतु सहयोग मिलना तो बहुत दूर, उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे व्यथित और शोषित के शिकार लोग स्वयं तो ये भी नहीं जानते कि ‘‘मुआवजा है किस चिड़िया का नाम!’’

कानून का ज्ञान रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि एक आम इंसान के लिये प्रशासन और सरकार को उसकी गलतियों के लिए गलत ठहराकर, किसी भी प्रकार का मुआवजा प्राप्त करना लगभग असम्भव होता है। इसीलिये सरकार से मुआवजा प्राप्त करने के लिये लगभग शतप्रतिशत मामलों में अदालत की शरण लेनी ही पड़ती है, जिसके लिये वकील नियुक्त करने के लिये जरूरी दौलत ऐसे शोषित लोगों के पास नहीं होती और इस देश की कानून एवं न्याय व्यवस्था बिना किसी वकील के ऐसे निर्दोष तथा शोषित लोगों को, निर्दोष करार देकर भी मुआवजा देने के नाम पर स्वयं संज्ञान लेकर बिना वकील सुनना जरूरी नहीं समझती है।

इसके विपरीत अनेक ऐसे मामले भी इस देश में सामने आये हैं, आते रहते हैं, जिनमें अदालतें स्वयं संज्ञान लेकर पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के आदेश प्रदान करती रही हैं, लेकिन किसी अपवाद को छोड़कर ऐसे आदेश केवल उक्त दो फीसदी लोगों या उनके कृपा पात्र लोगों के पक्ष में ही जारी किये जाते रहे हैं।

मुझे याद आता है कि साफ तौर पर नजर आने वाले एक जनहित के मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने राज्य के हाई कोर्ट को अनेक बार पत्र लिखे, लेकिन उन पत्रों पर हाई कोर्ट ने कोई संज्ञान नहीं लिया, जबकि कुछ ही दिन बाद उन पत्रों में लिखा मामला एक दैनिक में प्रकाशित हुआ और उस पर हाई कोर्ट ने तत्काल स्वयं संज्ञान लेकर उस मामले को न मात्र जनहित याचिका मानकर स्वीकार कर लिया, बल्कि इसके साथ-साथ हाई कोर्ट के तीन वकीलों का पैनल उस मामले की पैरवी करने के लिये भी नियुक्त कर दिया। अगले दिन उस दैनिक में हाई कोर्ट के इस आदेश के बारे में मोटे-मोटे अक्षरों में समाचार प्रकाशित हुआ और हाई कोर्ट द्वारा संज्ञान लिये जाने के पक्ष में अखबार द्वारा खूब कसीदे पढे गये।

इन मनमाने हालातों में इस देश के कमजोर, दमित और दबे- कुचले वर्गों और विशेषकर आदिवासियों के विरुद्ध सरकार, प्रशासन, न्यायपालिका और राजनैतिक दलों द्वारा असमानता, गैर-बराबरी, अन्याय, भेदभाव, शोषण और क्रूरतापूर्ण दुर्व्यवहार के चलते केवल स्वाभाविक रूप से पनपने वाले ही नहीं, बल्कि हर एक स्तर पर जानबूझकर पनपाये जाने वाले रोष और असन्तोष रूपी नक्सलवाद को, जो लोग इस देश की सबसे बड़ी समस्या बतला रहे हैं, असल में ऐसे लोग स्वयं ही इस देश की सबसे बड़ी समस्या हैं! जैसा कि सभी जानते हैं कि वर्तमान में अनेक राज्यों की राज्य सरकारों और केन्द्रीय सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलवादियों के विरुद्ध निर्मम संहारक अभियान चलाया जा रहा है, उस अभियान के मार्फत नक्सलवादियों और आदिवासियों को येन-कैन प्रकारेण मारकर इस समस्या को समाप्त करने का आत्मघाती प्रयास किया जा रहा है, जबकि नक्सलवाद से इस प्रकार से कभी भी स्थायी रूप से नहीं निपटा जा सकता, क्योंकि बीमार को मारकर, बीमारी को समाप्त नहीं किया जा सकता!

यदि सरकार बीमारी के कारणों को ईमानदारी से पहचान कर, उन कारणों का ईमानदारी से उपचार और समाधान करें तो नक्सलवाद क्या, किसी भी विकट से विकट समस्या का भी समाधान सम्भव है, लेकिन अंग्रेजों द्वारा कुटिल उद्देश्यों की पूर्ति के लिये स्थापित आईएएस एवं आईपीएस व्यवस्था के भरोसे देश को चलाने वाले भ्रष्ट राजनेताओं से यह आशा नहीं की जा सकती कि सकारात्मक तरीके से नक्सलवाद या किसी भी समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके! केवल इतना ही नहीं, अब यदि सरकारों की यही नीति रही तो नक्सलवाद या ऐसे ही किसी दूसरे नाम से लोगों का असन्तोष और गुस्सा देश के अन्य हिस्सों में भी पैर-पसारते देर नहीं करने वाला। क्योंकि प्रशासन और सत्ताधीशों का भेदभाव और अन्याय लगातार दबे-कुचले वर्गों को ऐसा करने को विवश कर रहा है। ऐसे लोगों को कुछ राजनेता भी उकसा रहे हैं। इसलिये सरकार को इस बारे में तत्काल कदम उठाने होंगे।




live aaryaavart dot com(डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’)
लेखक : आस्तिक, हिन्दू! तीसरी कक्षा के बाद पढाई छूटी! बाद में नियमित पढाई केवल 04 वर्ष! जीवन के 07 वर्ष मेहनत-मजदूरी जंगलों व खेतों में, 04 वर्ष 02 माह 26 दिन 04 जेलों में गुजारे और 20 वर्ष 09 माह 05 दिन दो रेलों में सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृति! जेल के दौरान-कई सौ पुस्तकों का अध्ययन, कविता लेखन किया एवं जेल में ही ग्रेज्युएशन डिग्री पूर्ण की! हिन्दू धर्म, जाति, वर्ण, समाज, कानून, अर्थ व्यवस्था, आतंकवाद, राजनीति, कानून, संविधान, स्वास्थ्य, मानव व्यवहार, मानव मनोविज्ञान, दाम्पत्य, आध्यात्म सहित अनेकानेक विषयों पर सतत लेखन और चिन्तन! विश्‍लेषक, टिप्पणीकार, कवि और शोधार्थी! छोटे बच्चों, कमजोर व दमित वर्गों, आदिवासियों और मजबूर औरतों के शोषण, उत्पीड़न तथा अभावमय जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययनरत! लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित, जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र "प्रेसपालिका" का प्रकाशक एवं सम्पादक! 1993 में स्थापित और वर्तमान में देश के 22 राज्यों में सेवारत राष्ट्रीय संगठन ‘भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान’ (बास-BAAS) का मुख्य संस्थापक तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष! राष्ट्रीय अध्यक्ष-जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन, मुख्यालय-लखनऊ, उत्तर प्रदेश!-9828502666,8561955619

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (27 जनवरी )

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नेतृत्व परिवर्तन पर कभी भी निर्णय!, केंद्रीय गृह मंत्री के गोपनीय दौरे से चर्चाएं हुई गर्म

देहरादून, 27 जनवरी। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भले ही उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को एक सिरे से खारिज करते रहे हों, लेकिन राज्य के कई मंत्रियों ने जिस तरह से दिल्ली में डेरा डालकर अपने पक्ष में लॉबिंग के लिए शह-मात का खेल खेलना शुरू कर रखा है, उससे यह साफ होता है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कभी भी निर्णय लिया जा सकता है। सूत्रों ने तो यह भी बताया है कि पार्टी के आलाकमान ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर खाका भी तैयार कर दिया है। चर्चा तो यहां तक है कि हाईकमान के एक नाम के प्रस्ताव को लेकर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता देहरादून आकर राज्य के नेताओं को केंद्र का फरमान सुना सकते हैं। सचिवालय में सोमवार को जिस गति से फाईलें दौड़ रही थी, वह भी यह कयास लगाने के लिए काफी है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। हालांकि कांग्रेस के कई विधायक इसी जुगत में लगे हुए हैं कि विधायकों में से ही किसी को नया मुख्यमंत्री बनाया जाये लेकिन सम्भवतः उनकी यह आस अधूरी रह सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान के सामने उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मचे घमासान ने माथे पर बल डाल रखे हैं यहीं कारण है कि हाईकमान को अब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मंथन करना पड रहा है। दिल्ली में लगातार नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गहमा-गहमी मची हुई है। उत्तराखण्ड की सत्ता बहुुगुणा से लेकर कांग्रेसी सांसद हरीश रावत को दिये जाने की अटकलों से बहुगुणा कैम्प में खलबली मची हुई है। यही कारण है कि आज कांग्रेस सरकार में शामिल चंद मंत्रियों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है और वह इसी लॉबिंग में लगे हुए हैं कि हरीश रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री न बनाया जाये तथा विधायकों के बीच में से ही किसी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी जाये, लेकिन चर्चाएं हैं कि हाईकमान इन मंत्रियों की इस दलील को किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं दिख रहा है क्योंकि उन्हें इस बात का फीड बैक मिल रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई चुनाव में जीताने का दम रखता है तो वह हरीश रावत ही हैं। इसलिए चर्चा है कि हाईकमान और किसी के नाम पर शायद राजी न हो। कांग्रेसी हल्कों में चर्चा है कि प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दिल्ली में शह-मात का खेल चल रहा है। चर्चाएं यहां तक हैं कि केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे सोमवार को गोपनीय दौरे पर दून आए हुए हैं। उनका यह गोपनपीय दौरा कहां और कितने समय तक रहा इसका तो खुलासा नहीं हो पाया लेकिन कांग्रेसी हल्कों में ही चर्चाएं थी कि सुशील कुुमार शिंदे दून में ही हैं। अब देखना है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें क्या रूख अपनाती हैं और इसका पटाक्षेप कब तक होगा। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि मंगलवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी देहरादून पहुंच सकते हैं, चर्चा तो यहां तक थी की मुख्यमंत्री को पार्टी आलाकमान ने फरमान सुना दिया है यही कारण है कि सोमवार को सचिवालय में फाईलों की गति कुछ ज्यादा ही तेज दिखाई दे रही थी। 

दरिंदो को सुनाई फांसी की सजा

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। न्यायालय ने बुर्जुग महिला से राजधानी के सहसपुर इलाके के सभावाला गांव में गैंगरेप के बाद उसकी हत्या करने वाले दो आरोपियों को दोषी करार दिया था और उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। वहीं आज सामेवार को न्यायालय ने महिला के साथ गैंगरेप करने के मामले में दोनो दरिंदो को फंासी की सजा सुनाई तथा हत्या के मामले में उन्हें उम्रकैद दिये जाने का फरमान भी जारी किया गया। दरिंदो को फांसी की सजा दिये जाने पर पीडित परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं इस मामले में गहराई से जांच कर दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने वाली पुलिस टीम का सीना भी चौडा हुआ है। सोमवार को एडीजे प्रथम के न्यायालय में खचाखच भीड़ थी और सबकी नजर बलात्कार व हत्या के दरिंदो को मिलने वाली सजा पर टिकी हुई थी। न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनो आरोपियों ने बुजुर्ग महिला के साथ बलात्कार व उसकी हत्या की थी। यह बात गवाही के दौरान साफ हो चुकी है इसलिए दोनो आरोपियों को बलात्कार के मामले में फांसी की सजा दी जाती है और हत्या के मामले में उनकी सजा उम्रकैद में बनी रहेगी। गौरतलब है कि 29 दिसम्बर 2012 को सहसपुर थाना क्षेत्र के सभावाला निवासी एक बुर्जुग महिला की जंगल में गैंगरेप के बाद उस समय हत्या कर दी गई थी जब बुर्जुग महिला जंगल में बकरी चराने के लिए गई थी, महिला की अर्द्ध नग्न लाश मिलने के बाद सहसपुर पुलिस ने मामले की छानबीन कर ट्रक क्लीनर महताब और बुग्गी चालक सुशील को गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने इस मामले में तेजी के साथ सुनवाई करते हुए 17 गवाहों के बयान दर्ज किये और उन्हें बुर्जुग महिला के साथ गैंगरेप व हत्या का दोषी पाया था। 24 जनवरी को इस मामले में दोषियों की सजा पर निर्णय होना था लेकिन न्यायालय ने दोनों आरोपियों को अपने सामने बुलाया और वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद अब सजा पर फैसला सोमवार को करने का फैसला लिया था।

जोगाराम एण्ड दयाराम फाउण्डेशन ने मनाया स्थापना दिवस

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। जोगाराम एण्ड दयाराम फाउण्डेशन द्वारा अपना स्थापना दिवस देहरादून की मलिन बस्तियों एवं कुष्ट गृहों में कम्बल एवं कपड़े वितरित कर मनाया गया। इस अवसर पर फाउण्डेशन की अध्यक्ष आशा टम्टा ने कहा कि फाउण्डेशन मलिन बस्तियों में शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए कृत संकल्प है, यही कारण है कि संस्थान ने समाज के अन्य क्षेत्रों को छोड़कर मलिन बस्तियों में कार्य करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संस्था राजधानी देहरादून सहित हल्द्वानी आदि क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में उन बच्चों को शिक्षा सुविधा उपलब्ध करा रही है, जो स्कूल नहीं जा पाते हैं। उन्होंने कहा इन बच्चों को कपड़ों के अलावा पुस्तक की व्यवस्था भी संस्था द्वारा की जा रही है। इस अवसर पर फाउण्डेशन की अध्यक्ष श्रीमती आशा टम्टा, सचिव मनोज खेतवाल एवं समाजसेविका गीता चन्दोला, रोशनी गोदियाल, ज्योत्सना रावत एवं लोक गायिका हेमा नेगी आदि उपस्थित थे। 

सीएम ने 20 विस्थापित परिवारों को किया पट्टा आवंटित 

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सोमवार को सीएम आवास में प्रेमनगर में बसे विस्थापित परिवारों को उनके कब्जे की भूमि के आवंटन आदेश प्रदान किए। वर्ष 1947 से 2000 से अधिक विस्थापित परिवार प्रेमनगर में बसे हैं। लम्बे समय से इनके कब्जे में जो भूमि है उसका पट्टा दिए जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। आज सीएम आवास में 20 परिवारों को पट्टा आवंटित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीति है कि प्रदेश में जो भी लोग विस्थापित होकर लम्बे समय से यहां रह रहे हैं, उनके कब्जे की भूमि का पट्टा दे दिया जाए। यही नीति वर्ग 4 व गर्वमेंट ग्रान्ट एक्ट के तहत आने वाले लोगों के लिए भी अपनाई जाएगी। इससे पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख लोगों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आसामी पट्टे की अवधि को 5 वर्ष की अवधि से बढ़ाकर 10 वर्ष की जाएगी। 

तहसील चौक, दर्शनलाल चौक व गांधी पार्क के पास बनेंगे फुटओवर ब्रिज 
  • मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने किया शिलान्यास

vijay bahuguna
देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सोमवार को तहसील चौक, दर्शनलाल चौक व गांधी पार्क के पास फुटओवर ब्रिज का शिलान्यास किया। इसके साथ ही गांधी इंटर कालेज में पुस्तकालय भवन, दिलाराम बाजार से मसूरी डायवर्जन तक स्ट्रीट लाईट के लोकार्पण के साथ ही राजपुर विधानसभा के अंतर्गत अवस्थापना मद के अंतर्गत तीन करोड़ रूपए की धनराशि से विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया गया। गांधी इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में उक्त योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री ने अगले सत्र से गांधी इंटर कालेज में विज्ञान व कम्प्यूटर संकाय की मान्यता दिए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवŸाा का स्तर संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। प्रतिस्पर्धा के युग में छात्रों को सक्षम बनाने में अध्यापकों का विशेष दायित्व है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं से टेलीविजन व इंटरनेट का उपयोग अपने ज्ञान को बढ़ाने में करने को कहा। उन्होंने कहा कि अपने जीवन का लक्ष्य तय कर पूरी निष्ठा से मेहनत की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। इस मौके पर नगर निगम देहरादून के मेयर विनोद चमोली, विधायक राजकुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।  

विधानसभा अध्यक्ष ने किया मार्गो के निर्माण का षिलान्यास 

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड विधान सभा, अध्यक्ष, मा0 गोविन्द सिंह कुंजवाल ने  हरिद्वार जनपद के सुभाश नगर में बी0एच0ई0एल0, सैन्टर 03 से षिवालिक नगर से न्यू सुभाश नगर तक के मार्ग तथा सुभाश नगर व टिहरी विस्थापित षिवालिक नगर के आन्तरिक मार्गो के निर्माण का षिलान्यास किया। नव गठित नगर पालिका सुभाश नगर के षिवालिक नगर व सुभाश नगर को बी0एच0ई0एल0 सैक्टर 3 से जोड़ने व आन्तरिक मार्गो के निर्माण हेतु केन्द्रीय मंत्री हरीष रावत के प्रयासों से 01 करोड़ 21 लाख 19 हजार की लागत से निर्मित होने वाले सडकों, सम्पर्क मार्गो का षिलान्यास के बाद महिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि इन संम्पर्क मार्गो का निर्माण से टिहरी विस्थापितों, षिवालिक व सुभाश नगर, नगर पालिका क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। कुंजवाल ने लोगों को गणतंत्र दिवस की षुभकामनाऐं देते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री हरीष रावत द्वारा हरिद्वार के विकास हेतु जो कार्य किये गय हैं तथा जो योजनाऐं स्वीकृत कराई गई हैं उसका लाभ आने वाले समय में लोगों को मिलेगा उन्होने कहा कि हरिद्वार के विकास हेतु कोई कोर कसर नहीं छोडी जाऐगी। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि धर्मेन्द्र प्रधान, महिला कांग्रेस की सचिव अनुपमा, नगर अध्यक्ष ओ0पी0 चौहान, सन्तोश चोैहान, रष्मि गुप्ता, माया रावत, कृश्णा कष्यप, अम्बिका पाण्डें, सतेन्द्र षर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए हरिद्वार के विकास हेतु संासद व केन्द्रीय मंत्री हरीष रावत के प्रयासों की सरहना की। समारोह में कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। संचालन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती किरण सिंह ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाऐं व क्षेत्रीय लोग उपस्थित थे।

सौ वर्ष की आयु पूरी करने पर दो मतदाताओं को किया गया सम्मानित

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर ऋषिकेश तहसील द्वारा सौ वर्ष की आयु पूरी कर लिए जाने वाले दो मतदाताओं को सम्मानित करते हुए मतदान के प्रति जागरुकता की अपील की गई। तहसील परिसर में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर माजरीग्रान्ट निवासी 105 वर्षीय नेकराम और गीतानगर निवासी 100 वर्षीय कुंवारा देवी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने आम जन से मतदाता बनने के साथ मताधिकार के प्रति जागरुक रहने की अपील की। उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि मतदान प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। राजिस्ट्रार काननूगो जेएस राणा ने बताया कि तहसील  क्षेत्र में 224 बीएलओ ने करीब 850 नए मतदाताओं के प्रपत्र भराए। एक जनवरी 2014 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके करीब 150 युवा इस अभियान से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम मंे नायब तहसीलदार इन्द्रदत्त उनियाल, क्षेत्रीय लेखपाल पीडी नौटियाल सहित सभासद व नागरिक उपस्थित थे।

ग्रामीणों ने गैस न मिलने पर राष्ट्रीय राजमार्ग किया जाम

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। सुबह से गैस के इंतजार में कतार में खड़े लोगों का धैर्य उस वक्त जवाब दे गया जब छिद्दरवाला स्थित गैस एजेंसी संचालक का फरमान आया कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के चलते गैस की अपूर्ति नहीं हो सकेगी। गुस्साए लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। मार्ग के दोनों ओर वाहनांे की लंबी कतार लग गई। पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। मौके पर पहंुचंे एसडीएम ने बमुश्किल जाम खुलवाया सुबह से लोग जरूरी कामकाज छोड़ कर हाट बाजार मंे गैस आने का इंतजार कर रहे थे। गैस नहीं आई तो गुस्साए लोगांे ने खाली सिलेंडरो के साथ हाईवे जाम कर दिया। यातायात बाधित होने से वाहन जाम मंे फंस गए। कुछ यात्रियों ने विरोध जताया तो उनकी प्रदर्शनकारियों से तीखी झड़प हो गई। लोगों ने बताया कि तहसील प्रशासन और एजेंसी संचालक ने आज गैस उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। सूचना पर एसडीएम एस के पाण्डेंय पहुचंे और एजेंसी संचालक बलदेव सिंह कंडियाल को मौके पर तलब कियां कड़ी हिदायत दी कि उपभोक्ताओ को गैस उपलब्ध कराई जाए। इस दौान आईओ सी सेल्स आफिसर रोहन दलाल से मोबाइल पर संपर्क साधा। उन्होने गैस आपूर्ति का आश्वासन दिया तब जाकर लोग शंात हुए। करीब दो घंटे बाद बाधित यातयात सुचारू हो सका। प्रदर्शन में पवन पांडेय, विजयपाल, देवी प्रसाद , गिरधारीलाल , रोहन कोठियाल, सोनी रावत, रामदेई, रीता कोटियाल, अनिता तिवारी, अंजु ममगाई, विजया रतूडी, सूरजा देवी, आरती पैन्यूली, शशि रतूडी आदि थे।

राजनीति चरित्रवान लोगों की कमी के कारण बढ रहा भ्रष्टाचार: नैथानी

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शिक्षामंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि राजनिति में चरित्रवान लोगांे की कमी के कारण भ्रष्टाचार बढ रहा है। कहा कि इसे सामूहिक प्रयासांे से रोका जा सकता है। उन्होने कहा कि संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही हैं। संस्कृत छात्र सेवा समिति के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत के प्रति बच्चो को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक ब्लाक में पांच पांच प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए जा रहे है। उन्होने प्रशिक्षित बेरोजगारों से इसके लिए आगे आने का आहवान किया।  विभाग मंे स्थायी निदेशक कुलसचिव की तैनाती, संस्कृत स्कूलों और संस्थागत शिक्षकों के मानदेय संबंधी प्रकरणांे पर प्राथमिकता से विचार किया जा रहा है। समिति की ओर से सेवानिवृत्त संस्कृतज्ञ सुंदरमणि बुडाकोटी को शिक्षाविद गिरधर प्रसाद सिलोडी पुरस्कर प्रदान किया गया। शिक्षा मंत्री ने आचार्य अनिल लसियाल की ज्योतिष पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम मंे विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, नगर पंचातय मुनिकीरेती के पूर्व अध्यक्ष मनेाज द्विवेदी, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला, प्राचार्य डा. अनिल कुमार शुक्ल मदन मोहन शर्मा आदि ने सरकार से संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए धरातलीय प्रयास करने को कहा। उन्होने कहा कि सरकार की उपेक्षा के कारण द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद संस्कृत अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा। मौके पर वाईपी ध्यानी शक्तिधर बहुगुणा, जनार्दन केरवान, सुभाष डोभाल, जितेद्र भटट, नरेन्द्र सकलानी, कमल डिमरी, एसपी डिमरी, राधामोहन दास आदि मौजूद थे।

मोदी को प्रधानमंत्री बनाये जाने को लेकर सभी कार्यकर्ताओ को रहना होगा तैयार: अग्रवाल

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी कार्यकर्ताआंे से तैयार रहने का आह्वान किया है, जिससे मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया जा सकें कृष्णा नगर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनील कुटहेलिया व पुष्कर गुप्ता के संचालन में सभा के दौरान भाजपा के ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरे देश मंे मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाए जाने के लिए माहौल बना है परन्तु मोदी तभी प्रधानमंत्री बन सकते है जब भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता मतदाताओं को बूथ पर ले जाकर उनके मत का उपयोग करवाने में सफल हो सके। उन्होने कहा कि जिसके लिए अभी से तमाम कार्यकर्ताओं को छुटे हुए मतदाताओ के वोट बनाए जाने के साथ बूथ तक ले जाने की जिम्मेदारी तय करेंगें। सुनील कुटहलिया ने कहा कि प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए वन बूथ 20 यूथ का फार्मूला अपनाया जायेगा। जिसके तहत अभी से सूचियां तैयार करनी प्रारम्भ हो गई हैं। सभा में रमेशचन्द शर्मा, अरविन्द चौधरी, शिवलाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

बलात्कारियों पर एक लाख का ईनाम

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। राज्य के डीजीपी बीएस सिद्धू ने बलात्कार व हत्याकांड के मामले के खुलासे के लिए बलात्कारियों को खोज निकालने के लिए जहां उन्होंने संदिग्धों के पोलियो ग्राफ टेस्ट, डीएनए, सीबीआई से करवाने की पहल की वहीं उन्होंने सरकार से हैवानों को खोज निकालने के लिए उन पर एक लाख रूपये का ईनाम घोषित करवा दिया, तथा रेंज के डीआईजी को धर्मनगरी में ही कैम्प करके हैवानों को खोज निकालने का हुक्म दे रखा है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के फेरुपुर इलाके में कक्षा-7 की एक छात्रा के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद से पुलिस लगातार हैवानों को खोजने के लिए मिशन चलाये हुए है लेकिन उनका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया। सबसे अह्म बात यह है कि इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा करने के लिए खुद राज्य के डीजीपी बीएस सिद्धू आगे आए हुए हैं और वह इस हत्याकांड का खुलासा वैज्ञानिक तरीके से कराने में जुटे हुए हैं। यह वारदात डीजीपी के लिए एक बडी चुनौती बनी हुई है इसीलिए उन्होंने खुद दिल्ली जाकर सीबीआई के डॉयरेक्टर से मुलाकात कर संदिग्धें के पोलियोग्राफ टेस्ट व डीएनए कराने की अपील की थी जिस पर सीबीआई डॉयरेक्टर ने तत्काल डीजीपी को इन टेस्टों को करने की अनुमति दे दी थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने हिरासत में लिये कई संदिग्धों का सीबीआई लैब में पोलियोग्राफ व डीएनए टेस्ट कराया जिसके बाद सीबीआई इन टेस्टों का मिलान छात्रा के शरीर से मिले डीएनए से कराया जा रहा है। इस मामले ने जिस तेजी के साथ राजनीतिक रूप ले रखा है उसके चलते सरकार के माथे पर भी बल पडे हुए हैं। मृतक छात्रा के परिजनों ने मुख्यमंत्राी के सामने इस हत्याकांड का खुलासा न होने पर काफी नाराजगी जाहिर की थी जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि अगर 15 दिन के भीतर वारदात का खुलासा न हुआ तो वह इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले करने की संस्तुति कर देंगे। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी अभी तक पुलिस के हाथ हैवानों तक नहीं पहुंच पाये हैं। यही कारण है कि प्रदेश के पुलिस मुखिया बीएस सिद्धू ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि इस हत्याकांड में हैवानो के सिर पर एक लाख रूपये का ईनाम घोषित कर दिया जाये। डीजीपी की पहल पर सरकार के मुखिया ने तत्काल हैवानों के सिर पर एक लाख रूपये का ईनाम घोषित कर दिया। 

पुलिस ने शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों पर भांजी लाठियां

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शिक्षा आचार्य अनुदेशकों ने शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रूप में समायोजन किये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर दिया। इस बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की घेराबंदी को तोडते हुए आगे बढे और पुलिस ने उन्हें कनक पर रोक लिया, जहां पर पुलिस ने उन पर लाठियां भी भांजी और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को घसीटा जिससे कई चोटिल भी हो गये। पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों को सुद्धोवाला जेल ले गई। सोमवार को यहां धरना स्थल पर संगठन से जुडे हुए शिक्षा आचार्य व अनुदेशक इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने अपने धरने को 604वें दिन भी जारी रखा। इस बीच अनुदेशकों ने मुख्यमंत्री आवास कूच करने का निर्णय लिया और वहां पर भारी संख्या में पुलिस भी तैनात कर दी गई। जैसे ही प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए बाहर आने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया, इस बीच दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की घेराबंदी तोडते हुए आगे बढ गये और जिससे पुलिस हरकत में आई और उन्होंने उन्हें पकडने के लिए दौड़ लगा दी और पुलिस ने उन्हें कनक चौक पर रोककर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस बीच पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों के बाल भी और जबरदस्ती गाडी में बैठाया, इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भी भांजी। इससे पूर्व धरना स्थल में संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी और शीघ्र ही रणनीति तैयार की जायेगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2008-09 में प्रदेश के कुछ जिलों में ईजीएस, एआईई सेंटर का संचालन किया गया और संचालित सेंटरों में कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी ठीक उसी तर्ज पर सेवा से बर्खास्त किया जो पूर्व हुआ, निरंतर इसी प्रक्रिया के अधिकृत कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशक बेरोजगार हो गये। सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इस जनांदोलन को जारी रखा जायेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लगातार आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निदान नहीं किया गया है। वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से गुस्से में है और शीघ्र ही उग्र अंादोलन करने की तैयारी में है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2011-12 में बद व उच्चीकृत एआईआई, ईजीएस सेंटर बंद हुए संबंधित शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी शिक्षा मित्र के रूप में समयोजन करना न्याय संगत होगा लेकिन लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है, जिससे बेरोजगारों में रोष पैदा हो रहा है। उनका कहना है कि पूर्व में प्रथम चरण में 1107 शिक्षा आचार्यो, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमानुसार आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप समायोजन किये जाने की अनुमति प्रक्रिया के अनुसार किये जाने के निर्देश दिये गये थे जबकि वर्तमान में अवशेष शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का समायोजन नहीं हो पाया है जो चिंता का विषय है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्नातक उपाधि हासिल कर चुके शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का शिक्षा मित्र में तत्काल समायोजन एवं वर्ष 2011-12 तक प्रदेश में बंद एवं उच्चीकृत हुए ईजीएस, एआईई सेंटर के आचार्य अनुदेशकों का भी शिक्षा मित्र में समायोजन तथा कुछ शिक्षा आचार्य अनुदेशक वर्ष 2001 से शिक्षा आचार्य के पद पर कार्य कर चुके है किन्ही कारणों से केन्द्र बंद किये गये लेकिन उनका समायोजन नहीं हो पाया है। इस अवसर पर संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह, दौलत सिंह, परविन्द्र कुमार, अशोक गुप्ता, रीमा रावत, लक्ष्मी, रामकृष्ण ममगांई, सुमित्रा, सरिता, विनय डंगवाल, शमशाद अली, सुचित्रा, वीर सिंह, वीरा नेगी, अलका कोठारी, रतिराम, खेम सिंह, अमरीश, राजेश बादल सहित अन्य प्रदर्शनकारी शिक्षा आचार्य व अनुदेशक मौजूद थे।

शिक्षक संघ ने किया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। लंबित मांगों के निराकरण को जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने लेकर धरना देकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए शीघ्र ही कार्यवाही किये जाने की मांग की। सोमवार को यहां संघ से जुडे हुए शिक्षक धरनास्थल पर एकत्रित हुए और वहां पर उन्होंने सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी आज तक समस्याओं का समाधन नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि पूर्व में काली पटटी बांधकर चाक डाउन हडताल व 23 को एक दिवसीय विद्यालय बंद कर एक दिवसीय धरना दिया और 28 जनवरी से दो फरवरी तक प्रदेशीय रैली की तैयारी हेतु जनजागरण किये जायेंगे। वक्ताओं का कहना है कि तीन फरवरी को सभी शिक्षक परेड ग्राउंड में इकठठा हुए और वहां से एक बजे मुख्यमंत्री आवास कूच कर घेराव किया जायेगा। उनका कहना है कि राजकीय जूनियर हाई स्कूलों के उच्चीकरण एलटी, समायोजन प्रकरण के संबंध में शासन द्वारा 26 मई 11 को निदेशालय स्तर पर गठित सात सदस्यीय समिति द्वारा लिये गये निर्णय पर निदेशालय के द्वारा शासन को प्रेषित संस्तुति को लागू किया जये। बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में बेसिक शिक्षकों के लिए मात्र दो ही पदोन्नति की व्यवस्था की गई है जबकि कार्मिक सेवा नियमावली के अनुसार सेवावधि में कम से कम तीन पदोन्नति दिये जाने की व्यवस्था है। बेसिक शिक्षकों को भी कार्मिक सेवा नियमावली की भांति नियमानुसार तीन पदोन्नति देने की नियमावली में व्यवस्था की जानी चाहिए। शिक्षा का अधिकार अध्निियम लागू होने के कारण शिक्षकों का मानक कम कर दिया गया है जिससे बेसिक शिक्षकों के पदोन्न्ति के अवसर प्रभावित हो रहे है जिस कारण शिक्षकों को एक ही पद पर कायर्य करते हुए 30 हो गये है। उनका कहना है कि स्थानांतरण नीति
एवं विद्यालयों के कोटिकरण में अनेक खामियां है इन खामियों को दूर किये जाने के लिए मान्यता प्राप्त संघों को विश्वास में लेकर संशोधन किये जाये। छठे वेतनमान निर्धारण के बाद कतिपय वरिष्ठ शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षकों से कम वेतन पा रहे है और एक जनवरी 2006 के बाद पदोन्नति जूनियर हाई स्कूल सअ एवं प्राथमिक प्र अ को नव नियुक्त एलटी सअ की भांति 17140 वेतनमान दिया जाये। सर्व शिक्षा अभियान सहित सभी राजकीय जूनियर हाई स्कूलों में एक प्रधनााध्यापक, चार सअ, एक परिचारक तथा विद्यालय की भौतिक संपत्ति की सुरक्षा हेतु रात्रि चौकीदार की व्यवस्था की जाये। उनका कहना है कि स्कूलों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाये। उनका कहना है कि प्रदेश के राजूहा स्कूलों के सृजित रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाये, सीमांत जनपदों में कार्यरत शिक्षकों को पूर्व की भांति सीमांत भत्ता दिया जाये। ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्र के 40 प्रतिशत ही आवास भत्ता दिया रहा है, दुर्गम क्षेत्रों में 35 प्रतिशत दुर्गम भत्ता दिया जाये। प्रदेश में नित नई शिक्षा नीति एवं पाठयक्रम अपनाये जा रहे है इसकी पूर्ण जानकारी हेतु शिक्षा उन्नयन गोष्ठियां आयोजित की जाये, शिक्षक कल्याण कोष की स्थापना की जाये। वार्षिक अवकाश कलेंडर में शीत कालीन अवकाश एक जनवरी से 15 जनवरी तक किया जाये। इस दौरान शिक्षकों ने धरना स्थल से जिला मुख्यालय तक रैली निकाली और एसडीएम के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस दौरान अखिलेश कुमार शर्मा, अनंत कुमार सोलंकी, अतुल शर्मा, शमशाद अंसारी, सत्येन्द्र मोहन बहुगुणा, उदय पाल नेगी, अशोक काम्बोज, सुभाष चौहान, तेगचन्द, संतराम, सरिता बिंजोला, शोभा रतूडी, अख्लाक अहमद सहित अनेकों शिक्षक मौजूद थे।

सरकार को चेताने के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया

देहरादून, 27 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में प्रोन्नत एवं अन्य मांगों का निस्तारण शीघ्र किये जाने को लेकर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और सरकार को चेताने के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शीघ्र ही मांगों का समाधन नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जायेगा। इससे पूर्व कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय तक रैली निकाली और मुख्यमंत्राी को संबोध्ति ज्ञापन प्रेषित किया। यहां चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ से जुडे हुए कर्मचारी दून चिकित्सालय में इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने रैली निकालकर प्रदर्शन कर ध्रना दिया तथा बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निदान नहीं हो पा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि कई बार उनकी मांगों के निदान के लिए आश्वासन दिये गये लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे उन्हें आंदोलन करने के लिए विवश होना पड रहा है। वर्ष 2013 में तृतीय श्रेणी में 45 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी से वाहन चालक के पद पर 25 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति की जानी चाहिए। उनका कहना है कि इसके अतिरिक्त तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर जैसे लैब सहायक, डार्क रूम सहायक, ओ टी सहायक, पंचकर्म सहायक, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक, लाईब्रेरी सहायक, हाउस विजिटर आदि के रिक्त पदों पर पदोन्नति के 45 प्रतिशत कोटे में समायोजित करने व मरीजों के संपर्क में रहने के कारण स्टापफ नर्सों की भांति पौष्टिक आहार भत्ता, ध्ुलाई भत्ता पांच सौ रूपये, पदनाम परिवर्तन करने, जोखिम भत्ता वेतन का 30 प्रतिशत या दस लाख रूपये का बीमा, वाहन चालकों एवं पुलिस कर्मियों की भांति एक माह का मानदेय आदि को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है।
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