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विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (03 जनवरी)

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वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को विशेष पुलिस का दर्जा

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त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया के तहत जिले के विभिन्न मतदान केन्द्रों की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्थाएं बनाएं रखने के उद्धेश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री एमबी ओझा ने जिले के वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को विशेष पुलिस अधिकारी के रूप मंे नियुक्त करने के आदेश पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी के पालन प्रतिवेदन पर जारी कर दिए है।

ईव्हीएम मशीनो का प्रथम स्तरीय रेण्डमाइजेशन पांच को

त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत विकासखण्ड विदिशा एवं बासौदा के मतदान केन्द्रों पर मतदान हेतु उपयोग में लाई जाने वाली ईव्हीएम मशीनों का प्रथम स्तरीय रेण्डमाइजेशन पांच जनवरी के किया जाएगा। कि जानकारी देते हुए विदिशा उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रेण्डमाईजेशन कार्य जिला निर्वाचन कार्यालय (सामान्य) विदिशा में प्रातः 11 बजे से आयोजित किया गया है।

आज दस अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए

त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया के द्वितीय एवं तृतीय चरण के तहत नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया जिले में क्रियान्वित है। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के चैथे दिन जिला पंचायत सदस्य के लिए 10 अभ्यर्थियों के द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए है। इस प्रकार अब तक कुल 24 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र जमा किए है। सहायक रिटर्निंग आफीसर श्री चन्द्रमोहन मिश्र के समक्ष शनिवार को जिन दस अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए है उनमें जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-4 से जानकीबाई, निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-5 से रामगोपाल, निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-10 से ममताबाई, निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-12 से निरंजन सिंह, लखनदास, अकरम खां, मालम सिंह, निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-14 से दुर्गाबाई और निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-18 से गगनेन्द्र सिंह तथा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-19 से सरदार सिंह ने नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया है। 

प्रभारी अधिकारी नियुक्ति के आदेश जारी

विदिशा नगरपालिका परिषद की निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो जाने पर आम चुनाव निर्वाचन की कार्यवाही सम्पन्न होने तक नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के उप सचिव श्री केके कातिया ने नगरपालिका अधिनियम की शक्तियों का प्रयोग करते हुए नवीन पदाधिकारियों के द्वारा कार्यभार ग्रहण करने तक विदिशा नगरपालिका की समस्त शक्तियों एवं कर्तव्यों के निर्वहन करने के लिए विदिशा कलेक्टर को प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के आदेश तीन जनवरी शनिवार को जारी कर दिए है। ज्ञातव्य हो कि विदिशा नगरपालिका परिषद का कार्यकाल तीन जनवरी को ही समाप्त हो रहा है।

निर्वाचन संबंधी कार्यो का पर्यवेक्षक द्वारा जायजा

उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जयप्रकाश शर्मा ने जिले की तहसीलो में निर्वाचक नामावली, ईपिक, बीएलओ एवं पेंडिंग बिलो की अद्यतन स्थिति की जानकारी एवं निरीक्षण के लिए जिला निर्वाचक के प्रेक्षक श्री सैयद गयासउद्वीन को दायित्व सौंपा है जो तहसीलों में नियत तिथि को पहुंचकर पूर्व उल्लेखित कार्यो का परीक्षण करेंगे। इसके लिए जारी कार्यक्रम अनुसार श्री गयासउद्धनी जनवरी माह की छह को नटेरन में, सात को शमशाबाद में, आठ को गुलाबगंज, नौ को कुरवाई, दस को पठारी, 15 को सिरोंज में और 16 जनवरी को लटेरी में पूर्व उल्लेखित कार्यो का सम्पादन करेंगे।

मंदबुद्धि, सीपी, बहुविकलांग बच्चों के परीक्षण, उनके माता-पिता के प्रषिक्षण हेतु निषुल्क षिविर 9, 10 को
जिला प्रषासन के सहयोग से आयोजित विषेष षिविर

विदिषा-3 जनवरी 2015/अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद तथा जिला प्रषासन द्वारा मंदबुद्धि, सीपी (सिरेबल पाल्सी) और बहुविकलांग बच्चों की जाँच, परीक्षण एवं उनके माता-पिता के प्रषिक्षण हेतु 2-दिवसीय निषुल्क प्रषिक्षण षिविर का आयोजन 9-10 जनवरी को पुराना बस स्टेण्ड के समीप सत्संग भवन में किया गया है।

पंजीयन, परीक्षण, प्रषिक्षण
इस षिविर में 9 एवं 10 जनवरी को प्रतिदिन प्रातः 10 से दोपहर 2 बजे तक पंजीयन तथा परीक्षण और दोपहर 2 से अपराह्न 5 बजे तक प्रषिक्षण दिया जाएगा। मंदबुद्धि प्रषिक्षण विषेषज्ञ डाॅ. कान्तभूषण गौड़ तथा डीएमआर मुम्बई की टीम द्वारा परीक्षण कर प्रषिक्षण दिया जाएगा।

क्षेत्रवार व्यवस्था
नगरपालिका विदिषा, नगर पंचायत शमषाबाद तथा लटेरी, जनपद पंचायत विदिषा, नटेरन तथा लटेरी क्षेत्रों के हितग्राहियों के लिए 9 जनवरी और नगरपालिका बासौदा, सिरोंज तथा कुरवाई, जनपद पंचायत बासौदा, कुरवाई, ग्यारसपुर तथा सिरोंज क्षेत्रों के हितग्राहियों हेतु 10 जनवरी पंजीयन, परीक्षण तथा प्रषिक्षण तिथि निर्धारित की गई है।

ऐसे हितग्राही
ऐसे बच्चे जो स्वयं से भोजन, कपड़े पहनना, स्नान आदि नहीं कर सकते, जो ठीक से बोल नहीं पाते तथा समझने की जिनमें क्षमता नही होती, जिन्हें कभी-कभी दौरे पड़ते हों, जो पढ़-लिख नहीं सकते, जिनके हाथ-पैर में अकड़न हो, जिद्दी (हठी) हों, ऐसे छोटे बच्चे जो गर्दन नहीं सम्भाल पाते, बैठ नहीं सकते, चल-फिर नहीं सकते और ऐसे बच्चे जो सामान्य बोलचाल, बोलने, समझने के विकास में पिछड़े हों इस षिविर में लाभान्वित होंगे।

शिविर में सुविधाएं
विकलांगता प्रमाणपत्र हेतु बच्चे के चार फोटो एवं लीगल गार्जियनषिप हेतु संरक्षक के दो फोटो लाना अनिवार्य है। 6 वर्ष से अधिक आयु के बहुविकलांग/मानसिक रूप से अविकसित निषक्तजनों को सहायता अनुदान राषि  500 रू. मासिक, राष्ट्रीय न्यास के निरामय बीमा योजना, राष्ट्रीय न्यास से लीगल गार्जिनषिप योजना, राष्ट्रीय विकलांग वित्त विकास निगम द्वारा ऋण योजना तथा इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय निषक्त पेंषन/सामाजिक सुरक्षा पेंषन योजना की जानकारी भी दी जाएगी। षिविर में चाय, नाष्ता, भोजन तथा ठहरने की निषुल्क व्यवस्था जिला प्रषासन द्वारा सत्संग भवन में ही की गई है।

सम्पर्क करें
इस षिविर के संबंध में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. पीके चतुर्वेदी से मोबा. 09425636909, उपसंचालक सामाजिक न्यास सीएल पंथारी मो. 08878163784, जिला युवा समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र सर्वेन्द्र प्रताप सिंह मो. 09424535534, अध्यक्ष राजुल विकलांग कल्याण समिति संजीव कुमार जैन मो. 08889829433, श्रीहरि वृद्धाश्रम की अध्यक्षा श्रीमती इन्दिरा-वेदप्रकाष शर्मा मो. 09425637506, भगवान सिंह राजपूत मो. 09826967950, मोहनलाल अहिरवार मो. 09826621374, राजेन्द्र भगोरिया मो. 09893025716 सम्पर्क किया जा सकता है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर 03 जनवरी)

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संयुक्त संघर्ष समिति ने किया बैठक का बहिष्कार

देहरादून, 3 जनवरी(निस)। इको सेंसेटिव जोन पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक का संयुक्त संघर्ष समिति ने बहिष्कार कर दिया। समिति से जुड़े लोग बैठक के औचित्य पर सवाल उठाते जिला सभागार से बाहर निकल गए। शनिवार को उत्तरकाशी  के जिलाधिकारी सी.रविशंकर ने जिला सभागार में इको सेंसेटिव जोन के मुद्दे पर बैठक बुलाई थी। सेंसेटिव जोन के दायरे में आने वाले 88 गांवों के ग्राम प्रधानों समेत अन्य लोगों को भी बुलाया गया था। बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे संयुक्त संघर्ष समिति के लोग नारेबाजी करते हुए सभागार में पहुंचे। इनमें क्षेत्र के कई पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल थे। बैठक शुरू होने पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य इको सेंसेटिव जोन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना है। ताकि प्रभावित होने वाले क्षेत्र के लोग इसे ठीक तरह से समझ सकें, लेकिन संयुक्त संघर्ष समिति के लोगों ने बैठक के औचित्य पर सवाल उठा दिया। भटवाड़ी के ब्लॉक प्रमुख चंदन सिंह पंवार ने कहा कि जब उत्तराखंड सरकार कैबिनेट में इको सेंसेटिव जोन को निरस्त करवाने को केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखने का निर्णय ले चुकी है, तब इस बैठक का कोई औचित्य नहीं रह जाता। संघर्ष समिति ने चिंता जताई कि यह बैठक भी इको सेंसेटिव जोन के कायदे कानूनों को लागू करवाने की दिशा में एककदम है। उसके बाद समिति से जुड़े सभी लोग नारेबाजी करते हुए बैठक से बाहर आग गए। हालांकि सभागार में शेष रह गए ग्राम प्रधानों व विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ सेंसेटिव जोन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, नगर पालिका अध्यक्ष जयेंद्री राणा, सीडीओ जीएस रावत, एसडीएम, हरिगिरी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

प्रदर्शन कर जताया विरोध
बैठक का बहिष्कार करने के बाद संयुक्त संघर्ष समिति ने नगर क्षेत्र में जुलूस प्रदर्शन कर इको सेंसेटिव जोन के खिलाफ विरोध जताया। कलक्ट्रेट परिसर से शुरू हुआ जुलूस नगर के विभिन्न मार्गो से होता हुआ वापस कलक्ट्रेट परिसर पहुंचा। जुलूस प्रदर्शन में गंगोत्री के पूर्व विधायक गोपाल रावत, भटवाड़ी के ब्लॉक प्रमुख चंदन सिंह पंवार, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेश चैहान, लोकेंद्र बिष्ट, शैलेंद्र मटूड़ा, हुकम सिंह पोखरियाल समेत अनेक लोग शामिल थे। 

पहाड़ में कटौती मैदान में बढ़ोत्तरी कर रही गैस कंपनिया

देहरादून, 3 जनवरी(निस)। पहाड़ के उपभोक्ताओं को गैस उपलब्ध करवाना गैस कंपनी की प्राथमिकता में नहीं है। कंपनी पहाड़ी क्षेत्र के गैस उपभोक्ताओं के कोटे में कटौती कर मैदानी क्षेत्रों में आपूर्ति बढ़ा रही है। इस कारण पौड़ी में बीते एक पखवाड़े के दौरान 2500 सिलेंडरों की कम आपूर्ति हुई है। सर्दियों के मौसम में रसोई गैस की खपत बढने के कारण मांग में भी तेजी रहती है। गैस कंपनी भी इस बात से भली प्रकार वाकिफ है। पर बीते एक पखवाड़े से पौड़ी क्षेत्र में गैस आपूर्ति की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गैस के कम सिलेंडर आने के कारण उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के डीएवी, चोपड़ा, पावर हाउस, पूल्ड हाउस आदि वितरण केंद्रों में गैस वितरित नहीं हो पाया है। परेशान उपभोक्ता गढ़वाल गैस प्रबंधन के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन वहां से सप्लाई कम होने की बात कही जा रही है। पर समस्या का मूल कारण पहाड़ी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की अनदेखी है। क्योंकि कंपनी पहाड़ी क्षेत्र के कोटे को कम कर मैदानी क्षेत्रों में आपूर्ति कर रही है। प्रबंधक गढ़वाल एनके नैथानी का कहना है कि मैदानी क्षेत्रों में आपूर्ति बढने से यहां गैस कम पहुंच पा रही है। इस वजह से कई जगहों पर सिलेंडरों का वितरण समय पर नहीं हो पाया है। आपूर्ति नियमित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

डीबीटीएल रजिस्ट्रेशन की रफ्तार भी धीमी
डीबीटीएल योजना के तहत उपभोक्ताओं को रजिस्टर्ड करने का काम भी बेहद धीमा चल रहा है। गढ़वाल गैस प्रबंधन के 36 हजार रसोई गैस उपभोक्ताओं में से अभी तक सिर्फ 4400 उपभोक्ता ही योजना से जुड़ पाए हैं। एजेंसी काम तो करवा रही है पर रफ्तार इतनी धीमी की उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल पा रहा। ऐसे में उपभोक्ताओं को सिलेंडर महंगे दामों पर खरीदना मजबूरी है। 

रोजगार को लेकर शासन ने अपनाया उदासीन रवैया

देहरादून, 3 जनवरी(निस)। कई माह से वर्तमान भर्ती में स्वीकृत पदों और आपदा ग्रस्त जनपदों के लिए सृजित पदों को जोडने की मांग कर रहे बीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों पर शासन का उदासीन रवैया सामने आ रहा है। शिक्षा मंत्री के निर्देश के बावजूद भी शासन स्तर पर इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशिक्षित युवाआं को रोजगार देने के लिए रावत सरकार की मशीनरी किस तरह संवेदनशील है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएम का पदभार संभालने के कुछ समय बाद कैबिनेट बैठक में कई वर्षो से नौकरी की आश लगाए युवाओं में उम्मीद जगाई थी। जिसके लिए सीएम ने बकायदा कई बार बीएड टीईटी संघटनों को आश्वासन भी दिया। लेकिन आज तक सीएम से मिला आश्वासन पूरा नहीं हो पाया। वहीं नए साल के पहले दिन शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और वर्तमान भर्ती में स्वीकृत 389 पदों को शामिल करने और आपदा ग्रस्त जनपदों के लिए सृजित करीब 862 पदों को वर्तमान भर्ती में शामिल करने की कार्यवाही के निर्देश दिए। लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद भी शासन स्तर पर शिक्षा मंत्री के आदेशों को कोई पालन होता नहीं दिखा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न तो 389 पदों को वर्तमान भर्ती में शामिल करने के आदेश किए गए और न ही वित्त में भेजे गए आपदा ग्रस्त जनपदों के पदों को जोडने के लिए कोई कार्यवाही की गई। हालात यह है कि वित्त में इन पदों को भेजे गए कई दिन हो गए हैं। लेकिन हालात यह है कि शासन की ओर से वित्त ेिह्लभाग में इन पदों के लिए रिमांइडर तक नहीं भेजा गया है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की नौकरशाही किस तरह से शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री पर हावी है। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के आदेशों का ठीक ढंग से पालन नहीं हो रहा है। 

मुख्यमंत्री के जागने पर जागा प्रशासन

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देहरादून, 3 जनवरी(निस)। आश्रयविहीन लोगों के लिए भले ही सरकारी खजाने से लाखों रूपए आवंटित किए गए हों। लेकिन जमीन पर इसका फायदा उन लोगों तक नहीं पंहुच पा रहा है जिनके लिए कंपकंपाती ठंड जान की दुश्मन बनी हुई है। लंबे चैड़े ऑफिसें में एसी की गर्मी में रहने वाले उच्चधिकारी इस बात को शायद महसूस नहीं कर पा रहे हैं। हालात यह है कि सीएम ने फटकार लगाई तो प्रशासन ने कम्बल वितरण की प्रक्रिया तेज कर दी। जबकि इसके लिए पिछले माह की ही लाखों रपए रीलीज हो गया था। लेकिन शायद जिम्मेदार अधिकारियों ने इसको उचित समय पर बांटना जरूरी नहीं समझा। वहीं अब मुख्यमंत्री कम्बल और अलाव की व्यवस्था में ढिलाई बरतने पर जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह बात अलग है कि सीएम के सामने जिला प्रशासन की पोल खुलने के बावजूद भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नए साल के दिन से भले ही सड़कों पर उतरकर जन की हालात देखने की ठानी हो। लेकिन सीएम के अंदाज का असर अभी तक अफसरशाही पर नहीं हुआ है। पहले दिन कलेक्ट्रेट में खामियां उजागर होने के बावजूद भी जिला प्रशासन की नींद नहीं खुली। बीती रात को मुख्यमंत्री हरीश रावत सड़कों पर ठंड का जायजा लेने निकले तो यहां प्रशासन की ठंडी व्यवस्था का अनुभव हुआ। आश्रयवीहन लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था भी नदारद दिखी तो अलाव के लिए लाखों रूपए का आवंटन भी बेकार नजर आया। सीएम के अलाव और कम्बल की व्यवस्था पर सख्ती के बाद आनन-फानन में करीब पांच सौ कम्बल वितरित किए गए। इसके साथ ही एक हजार कम्बल का वितरण तहसीलों को दिया गया है। एडीएम फाईनेंस देहरादून ने बताया कि करीब चार लाख रूपए कम्बल वितरण के लिए मिले हैं। जिसमें से पन्द्रह सौ कम्बल वितरण की व्यवस्था की गई है। सभी तहसीलदारों को कम्बल वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। बताते चले कि पिछले माह करीब 65 लाख रूपए कम्बल और अलाव की व्यवस्था के लिए स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन समय रहते इनको वितरित करने की गति नहीं दिखाई गई।

मुख्यमंत्री का औचक निरीक्षण, प्रशासन की खुली पोल

देहरादून, 3 जनवरी(निस)। मुख्यमंत्री ने शनिवार को दून अस्पताल व गांधी पार्क का औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। दून अस्पताल में डाक्टरों से मिलकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही वार्ड में भर्ती मरीजों के पास जाकर उनका हालचाल भी पूछा। सीएम ने इमरजेंसी का निरीक्षण कर उनके द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देषो के अनुसार व्यवस्था में हुए सुधार के प्रति सन्तोष जताते हुए न्यूरो वार्ड को थोड़ा और विस्तारित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि दून अस्पताल और बेहतर ढंग से लोगो की सेवा करे इसके प्रयास हो, दून अस्पताल केवल अस्पताल नही है, वह मेडिकल कालेज की भांति सुविधा देने वाला अस्पताल बने। यहां की पैथोलाजी व अन्य लैब राउण्ड द क्लॉक कार्य करे इसके प्रयास हो। यहां पर आने वाले मरीजो को सभी आवश्यक सहायता व सुविधाये मिले इसके लिये उन्होने सीएमएस को आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होने अस्पताल में मरीजो से भेंट कर उन्हेे भी नववर्ष की शुभकामनाये दी तथा अस्पताल में मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होने कहा कि दून अस्पताल की इमरजेंसी को और बेहतर किया जाना जनहित में जरूरी है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री रावत ने गांधी पार्क का भी निरीक्षण किया। उन्होने पार्क में लोगो से मुलाकात की तथा समस्याओं से अवगत हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले महीने वे इस पार्क में आए थे, तब उन्होने पार्क के अन्दर के गढ्ढांे को भरने व महिला शौचालय के निर्माण के निर्देश दिये थे, इन निर्देशो का पालन न होने पर सीएम ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह नगर निगम प्रशासन की गंभीर लापरवाही है, कि उनके निर्देशों का अभी तक पालन नही हुआ है। उन्होंने मुख्य नगर अधिकारी को निर्देश दिये कि पार्क में जो कमी है तथा उनमें जो सुधार कार्य जनहित में किये जाने है उन पर भी शीइा्र कार्यवाही की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2015 को कर्म वर्र्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जन सेवा के कार्य में प्रतिदिन हम समर्पित भाव से लगे रहे यह हम सबकी जिम्मेदारी भी है। हम सबको साथ चल कर जनता को बेहतर सुविधाये देनी होगी। उन्होने शहरो में स्थापित रैन बसैरो की स्थिति में भी तुरन्त सुधार लाने, वहां पर निराश्रितो को रहने के पूरे इंतजाम करने के भी निर्देश दिये। उन्होने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये कि सडक किनारे जो भी व्यक्ति बेसहारा पड़ा मिले उसे आवलम्ब अस्पताल अथवा रैन बसेरा में भर्ती कराये। उन्होने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये है कि प्रदेश में ठंड से किसी की भी मौत न हो, इसके लिए जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। 

रवि की गिरफ्तारी से बुलंद हुए पुलिस टीम के हौसले

देहरादून, 3 जनवरी(निस)। भूरा की फरारी में प्रयोग की गयी स्कार्पियो एवं एक साथी रवि कुमार की गिरफ्तारी से पुलिस टीमों के हौसले बुलंद हैं। भूरा के कई साथियों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस अधिकारियों की आस जगने लगी है। पुलिस ने भूरा के एक साथी रवि कुमार को दबोचा । जिसकी निशानदेही पर लूट एवं फरारी में प्रयोग की गयी स्कार्पियो गाड़ी भी बरामद की गयी थी। भूरा को फरार हुए १८ दिन हो चुके हैं और अब तक भूरा पुलिस को छकाने में कामयाब रहा है लेकिन पुलिस ने इस कड़ी में उसके कई साथियों को गिरफ्तार करते हुए अहम सफलताएं हासिल की है। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों से लूटे गए हथियार भी बरामद किए गए हैं लेकिन पुलिस अधिकारी इस बात की पुष्टि करने को तैयार नहीं है। फिलहाल रवि की बातों से लग रहा है कि पुलिसकर्मियों से लूटे गए हथियार भूरा अपने साथ ले गया है। इधर लगातार भूरा के साथियों की गिरफ्तारी एवं भूरा के बारे में मिलने वाली जानकारियों के बाद पुलिस टीमो के हौसले भी बुलंद हैं। खुद जिस प्रकार से उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है उसके बाद उम्मीद की जा रही है कि भूरा तक पुलिस के हाथ पहुंचने ही वाले हैं। हालांकि अधिकारी इस अभियान के बारे में अपनी प्रगति पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि उपनगर रूडकी की जेल के बाहर से पांच अगस्त 2014 को हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी अमित उर्फ भूरा उर्फ संजय पुत्र यशपाल निवासी ग्राम सिरनवाली फुगाना मुज्जफरनगर हाल निवासी शालीमार गार्डन गाजियाबाद, ने चीनू पंडित को रिहा होते समय शाम लगभग पांच बजे जान से मारने की नीयत से कारबाईन आदी से ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी थी। इसमें तीन लोगो को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि उस समय चीनू पंडित बच गया था। उसके बाद अमित भूरा को एसओजी टीम ने 13 अगस्त 2014 को गिरफ्तार कर रूड़की जेल तथा 16 अगस्त 2014 को सुरक्षा कारणों से हरिद्वार जेल एवं उसके बाद 28 सितंबर 2014 को देहरादून जेल शिफ्ट कर दिया था। अभियुक्त अमित भूरा की पेशी जिला बागपत में होनी थी। देहरादून जेल से पांच पुलिसकर्मी अमित भूरा को लेकर बागपत के लिए चले थे। इन कर्मचारियों में गंगा राम, प्रदीप, धर्मेद्र, इलम चंद्र, रविंद्र सिंह तैनात किए गए थे। उक्त पुलिसकर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस लाईन देहरादून से दो एके-47, 120 कारतूस, व दो एसएलआर 80 कारतूस के साथ भेजा गया था। भूरा की फरारी ने जेल से लेकर पुलिस व्यवस्थाओं में व्याप्त लापरवाहियों की पोल खोल कर रख दी थी। यह तो तय हो गया था कि भूरा ने अपने भागने की योजना जिला कारागार देहरादून से ही बनाई थी। शासन ने भी जेल की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए आईजी जेल के पद पर से आईएएस अधिकारी को हटा कर आईपीएस अधिकारी डी पीवीके प्रसाद को जेल विभाग की नई जिम्मेदारी सौंपी है। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत अमित भूरा प्रकरण पर बेहद सख्त मूड में दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने एसएसपी अजय रौतेला को हटाए जाने के बाद पुलिस महकमे में कुछ अन्य बड़े बदलाव किए जाने के भी संकेत दिए थे। यही कारण है कि अपनी कुर्सी को खतरे में देख खुद आला अधिकारी अमित भूरा सर्चिग टॉस्क पर निगरानी रखे हुए हैं, हालांकि तमाम टीमों के गठन के बावजूद भी अमित भूरा अब तक पुलिस टीमों पर भारी ही नजर आ रहा है।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (03 जनवरी)

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अनुशासन प्रगति का मूल , माता, पिता, शिक्षक का आदर करे: रश्मि

narkatiaganj-news
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) नरकटियागंज की गैर सरकारी संस्था सन्मार्ग की इकाई सन्मार्ग ज्योज्सना क्लब जो नेहरू युवा केन्द्र से संबद्धता प्राप्त है के द्वारा शनिवार को स्थानीय उच्च विद्यालय के एक कक्ष में समाजिक चेतना व मार्गदर्शन विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा ने किया। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति स्त्री हो या पुरूष उसके प्रगति का मुख्य कारण उसका द्वारा अपनाया गया अनुशासन है। उन्होंने अपने बचपन की याद ताजा करते हुए युवा वर्ग की दहलीज पर पहली कदम रखने वाली बालाओं से कहा कि उन्होंने अपने शिक्षकों का मजाक कभी नहीं उड़ाया। अपने माता-पिता व अभिभावकांे का कभी अनादर नहीं किया। ज्योत्सना युवा क्लब की मांग पर श्रीमती वर्मा ने कहा कि वे शहर में एक बालिका वाचनालय के लिए प्रयास करेंगी। उनके पूर्व स्वागत गान आयोजित किया गया। तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। जिसमें प्रधान शिक्षक महम्मद मनीर, मधुसूदन चतुर्वेदी, विवेक आनन्द, विजय कुमार सिंह, प्रकाश कुमार वर्मा मुख्य रूप से शामिल हुए। विजय कुमार सिंह ने युवा बालिका बैंकों में अपने खाता का संचालन कैसे करें इस विषय पर प्रकाश डाला। तदुपरान्त 20 दिसम्बर 2014 को आयोजित क्वीज काॅन्टेस्ट प्रतियोगिता के विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरण किया गया। प्रथम पुरस्कार साक्षी श्रीवास्तव, द्वितीय पुरस्कार मुस्कान खाँ और प्रिया कुमारी को संयुक्त रूप से दिया गया। तृतीय पुरस्कार विद्या कुमारी को जबकि सांत्वना पुरस्कार अन्य छात्राओं को आगत अतिथियों ने प्रदान किया। स्वागत गान पलक झा व उनकी साथियांे ने प्रस्तुत किया। क्लब के इस कार्यक्रम में अंशु चैबे, तमन्ना रानी, सिद्धि, सपना, विद्या,ज्योति, रागिनी, उजाला, कुसुम, पलक वर्णवाल, घुँघरू ठाकुर, राॅल भारद्वाज, काजल कश्यप की भूमिका सराहनीय रही। विचार गोष्ठी में विचार व्यक्त करने वालांे में श्वेतांगी भारद्वाज, उपेन्द्र मिश्र, महम्मद मनीर, एम एस चतुर्वेदी, एन पाण्डेय, मुकुन्द मुरारी राम, सुनिल कुमार, प्रकाश वर्मा ने किया। विचार गोष्ठी का सफल संचालन प्रदीप्ति वर्मा बिन्नी ने किया जबकि अध्यक्षता विधायक रश्मि वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रीति कुमारी ने सरकारी शिक्षकांे की आँखे खोलने का प्रयास किया और कहा कि यदि सरकारी शिक्षक अपने कत्र्तव्य का समुचित निर्वहन् करें तो निजी विद्यालयांे वे कोचिंग संस्थान स्वतः अपनी जमीन को समझने लगेंगे।

गौनाहा थाना में करीब दर्जन भर जख्मी उभयपक्षीय मामला दर्ज

नरकटियागंज(पच) अनुमण्डल के गौनाहा थाना के लछनौता गाँव में विगत दिनों मारपीट की घटना में करीब एक दर्जन लोगों के घायल होने की खबर है। इस बावत गौनाहा थानाध्यक्ष चन्द्रभूषण शुक्ल ने बताया कि दो पक्ष में हुई मारपीट में तीन लोगों को गंभीर चोट आई हैं। रामचन्द्र राम, संजय पटेल और शांति देवी समेत करीब दर्जन भर लोग घायल हैं। थाना ध्यक्ष ने यह भी बताया कि दोनों पक्ष के बयान पर गौनाहा थाना काण्ड संख्या 01/15 तथा 02/15 दर्ज कर लिया गया है। सूत्र बताते है कि गौनाहा थाना में कार्यरत एक स्थानीय व्यक्ति की संलिप्तता के कारण मामला आगे बढा है। वैसे संजय पटेल गौनाहा थाना में पहले से नामजद हैं।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (03 जनवरी)

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पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक सम्पन्न, षांतिपूर्वक मतदान कराने की बनायी गई रणनीति

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छतरपुर/03 जनवरी/त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014-15 को जिले में षांतिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने के उद्देष्य से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गयी। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारी सफलतापूर्वक सम्पन्न करायें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन का कार्य एक टीम भावना के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर सम्पन्न करें। उन्होंने कहा कि मतदान के पूर्व पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारी क्षेत्र भ्रमण जरूर करें। उन्होंने निर्देष दिये कि ऐसे व्यक्तियों को जो चुनाव में बाधा डाल सकते हैं, उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करें। उन्होंने निर्देष दिये कि जिन लोगों के षस्त्र जमा करा लिये गये हैं, उन्हें चुनाव के बाद वापस करने के पूर्व साॅफटवेयर में दर्ज कर लें। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की आचार संहिता का पालन सुनिष्चित कराया जाये। राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल द्वारा नियुक्त प्रेक्षक श्री आरबी षर्मा ने कहा कि स्वतंत्र निष्पक्ष एवं पारदषर््िाता के साथ चुनाव सम्पन्न कराने के लिये गम्भीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि चुनाव में लापरवाही नहीें करें। अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करें। उन्होंने चुनाव की विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ अन्य अधिकारियो ंको भी विभिन्न दिषा-निर्देष दिये। डीआईजी श्री केसी जैन ने भी चुनाव षांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिये आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान आने वाली षिकायतों का तत्काल निराकरण कर दिया जाये। उन्होंने पंचायत चुनाव की आचार संहिता का पूरा पालन कराने के पुलिस अधिकारियों को निर्देष दिये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह ने प्रोजेक्टर के माध्यम से मतदान एवं मतगणना के संबंध में आवष्यक प्रषिक्षण प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मतदान दिनांक को अपरान्ह 3 बजे तक मतदान समाप्त हो जाने के बाद मतपेटी को षील जरूर करें। इसके बाद सरपंच एवं पंच पदों की मतगणना की कार्यवाही करें। मतगणना में यदि अभ्यर्थी स्वंय उपस्थित है तो उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को उपस्थित रहने की आवष्यकता नहीं है। पंच एवं सरपंच की मतगणना में जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य के अभ्यर्थियों या अभिकर्ताओं को उपस्थित रहने की आवष्यकता नहीं है। बैठक में एएसपी श्री नीरज पाण्डेय, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र चैकसे, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

प्रथम चरण के पंचायत निर्वाचन हेतु ईव्हीएम का द्वितीय रेण्डमाईजेषन सम्पन्न

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छतरपुर/03 जनवरी/राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के निर्देषानुसार त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के प्रथम चरण के मतदान हेतु ईव्हीएम मषीनों का द्वितीय रेण्डमाईजेषन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया। यह रेण्डमाईजेषन छतरपुर एवं राजनगर विकासखण्ड में 13 जनवरी को होने वाले मतदान के लिये मतदान केन्द्रवार किया गया। रेण्डमाईजेषन के द्वारा निर्धारित की गयी ईव्हीएम मषीनें ही संबंधित मतदान केन्द्र पर पहुंचायी जायेंगी। रेण्डमाईजेषन राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के विषेस साॅफटवेयर ईव्हीएम ट्रेकिंग एवं मानीटरिंग सिस्टम द्वारा किया गया। इसके साथ ही छतरपुर एवं राजनगर विकासखण्ड में होने वाले मतदान के लिये मतदान दलों का भी रेण्डमाईजेषन किया गया। रेण्डमाईजेषन का कार्य जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी श्रीमती रचना श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक श्री आरबी षर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र चैकसे, महा प्रबंधक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क श्री एफजे खान, पीओ डूडा श्री निरंकार पाठक सहित अन्य अधिकारी मौजूर थे।

मतदान अधिकारी क्रमांक दो, तीन एवं चार को दिया गया प्रषिक्षण

छतरपुर/03 जनवरी/त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत प्रथम चरण में होने वाले मतदान के लिये छतरपुर एवं नौगांव में मतदान अधिकारी क्रमांक 1, 2 एवं 3 को मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रषिक्षण प्रदान किया गया। षासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के काॅमर्स ब्लाॅक में चार कक्षों में प्रषिक्षण प्रदान किया गया। यहां कक्ष क्रमांक 1 में षासकीय महाराज महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ. सीएम षुक्ला एवं सहायक प्राध्यापक श्री एचसी नायक द्वारा, कक्ष क्रमांक 2 में सहायक प्राध्यापक डाॅ. पीके मिश्रा एवं श्री बीएल कुम्हार द्वारा, कक्ष क्रमांक 3 में प्राध्यापक डाॅ. एके राय एवं डाॅ. पीएल प्रजापति द्वारा, कक्ष क्रमांक 4 में सहायक प्राध्यापक श्री बीएस परमार एवं श्री राजू अहिरवाल द्वारा प्रषिक्षण प्रदान किया गया। इसी तरह षासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 छतरपुर के चार कक्षों में प्रषिक्षण प्रदान किया गया। यहां कक्ष क्रमांक 22 में षासकीय महाराजा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डाॅ. एके चतुर्वेदी एवं षासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हटवारा छतरपुर के प्राचार्य श्री पीके रैकवार द्वारा, कक्ष क्रमांक 23 षासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के सहायक प्राध्यापक डाॅ. एके सक्सैना एवं डाॅ. एसके छारी द्वारा, कक्ष क्रमांक 24 षासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के सहायक प्राध्यापक डाॅ. आरके पाण्डेय एवं डाॅ. एसपी द्विवेदी द्वारा, कक्ष क्रमांक 25 में षासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के सहायक प्राध्यापक श्री बीके अग्रवाल एवं डाॅ. एनके जैन द्वारा प्रषिक्षण प्रदान किया गया। नौगांव में पांच स्थानों पर मतदान दलों को प्रषिक्षण प्रदान किया गया। यहां षासकीय पाॅलीटेक्निक काॅलेज में काॅलेज के व्याख्याता श्री बीएल सक्सैना एवं श्री एके अवस्थी द्वारा जनपद पंचायत हाॅल में षासकीय पाॅलीटेक्निक काॅलेज में काॅलेज के व्याख्याता श्री डीआर अहिरवार एवं बीके अग्निहोत्री द्वारा, षासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कक्ष क्रमांक 1 में षासकीय महाविद्यालय महाराजपुर के सहायक प्राध्यापक श्री एके षर्मा एवं श्री आरएस बिलैया द्वारा, कक्ष क्रमांक 2 में षासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नौगांव के व्याख्याता श्री राजीव षर्मा एवं श्री एमके गुप्ता द्वारा, कक्ष क्रमांक 3 में डाईट नौगांव के व्याख्याता श्री राजीव मिश्रा एवं श्री आरके पाठक द्वारा प्रषिक्षण प्रदान किया गया। राजनगर में यह प्रषिक्षण 4 जनवरी को प्रदान किया जायेगा।

गैस एजेन्सियों एवं रबी विपण़न संबंधी बैठक 5 को

छतरपुर/03 जनवरी/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर की अध्यक्षता में रबी विपणन मौसम वर्ष 2015-16 एवं गैस एजेन्सियों के संबंध में कलेक्ट्रेट  कार्यालय के सभाकक्ष में 5 जनवरी को दोपहर 1.30 बजे से बैठक आयोजित की जायेगी। बैठक में उपार्जन से संबंधित अधिकारियों, उपायुक्त सहकारिता, महा प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, उप संचालक किसान कल्याण एव कृषि विकास, जिला प्रबंधक मध्यप्रदेष स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पाेरेषन, प्रबंधक मध्यप्रदेष स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेषन, प्रबंधक मध्यप्रदेष सेंट्रल, वेयर हाउसिंग कार्पोरेषन, प्रबंधक मध्यप्रदेष राज्य सहकारी विपणन संघ, समस्त सहायक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी तथा जिले के समस्त गैस एजेन्सियों के संचालकों को बैठक में नियत तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के निर्देष दिये गये हैं।

पात्रता पर्ची के आधार पर राषन वितरित करें विके्रता

छतरपुर/03 जनवरी/जिले में माह जनवरी 2015 हेतु खाद्यान्न, षक्कर एवं नमक का भण्डारण समस्त उचित मूल्य दुकानों में षत प्रतिषत करा दिया गया है। कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर द्वारा जिले की समस्त षासकीय उचित मूल्य दुकानों के प्रबंधकों एवं विक्रेताओं को निर्देषित किया गया है कि वे नियत दिवस एवं समय पर दुकानें खोलकर पात्रता पर्ची के आधार पर उपभोक्ताओं को राषन सामग्री प्रदान करें। साथ ही दुकानों में दुकान के नाम वाला पीला बोर्ड, स्टाॅक सूची, भाव सूची एवं षासन द्वारा नियत फ्लेक्स, बैनर सहजता से दिखायी देने वाले स्थान पर लगवाना सुनिष्चित करें। उन्होंने बताया कि आयुक्त खाद्य द्वारा वीडियो काॅ्रनफे्रसिंग के माध्यम से निर्देष दिये गये हैं कि समस्त षासकीय उचित मूल्य दुकानों में नियुक्त नोडल अधिकारी नियत दिनांक 7, 8 एवं 9 को षासकीय उचित मूल्य दुकानों में अपनी उपस्थिति में राषन सामग्री का वितरण करायें। उन्होंने नोडल अधिकारियोें को निर्देष दिये हैं कि माह की 11 तारीख तक जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय में नियत प्रपत्र पर राषन वितरण की जानकारी उपलब्ध करायें। अगर जांच के दौरान कोई भी नोडल अधिकारी षासकीय उचित मूल्य दुकान से अनुपस्थित पाया जायेगा तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जांच के दौरान षासकीय उचित मूल्य दुकानों में अगर किसी भी प्रकार की अनिमिततायें पायी जाती हैं तो संबंधित दुकानों के प्रबंधक एवं विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। 

जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक 5 को

छतरपुर/03 जनवरी/पल्स पोलियो अभियान 18 जनवरी 2015 के संबंध में जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक 5 जनवरी को टीएल बैठक के पष्चात कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की जायेगी। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर करेंगे। बैठक में संबंधितों को उपस्थित होने के लिये  निर्देषित किया गया है। 

दुराचारी को 10 साल की कठोर कैद, न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने सुनाया फैसला
छतरपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने पीडि़ता के साथ अपहरण कर दुराचार करने वाले आरोपी को दोषी करार देकर 10 साल की कठोर कैद के साथ 5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 22 मई 2011 को पीडि़ता के पिता ने थाना गोयरा में अपनी पुत्री के गुम होने की सूचना दर्ज करायी थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि संतोष उर्फ चुम्मन पुत्र गोरेलाल पटेल निवासी कंदेेला पीडि़ता को अपहरण कर ले गया था। लवकुशनगर बस स्टैण्ड से पीडि़ता को पुलिस ने बरामद किया। पूंछताछ करने पर पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी संतोष पटेल उसे बहला फुसलाकर मोटर साईकिल में बैठाकर लवकुशनगर सरवई ले गया था, जहां से आरोपी संतोष उसे हरियाणा, दिल्ली, पंजाब ले जाकर उसके साथ दुराचार करता रहा। थाना गोयरा के थाना प्रभारी एपी मिश्रा ने आरोपी को गिरफ्तार करके विवेचना करने के बाद मामला अदालत को सौंप दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने आरोपी संतोष को पीडि़ता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के आरोप का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी संतोष को आईपीसी की धारा 366, 376 में 10-10वर्ष की कठोर कैद के साथ 5 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

राजगढ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 जनवरी)

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डेढ-डेढ करोड की लागत से बनेगें विकासखण्ड मुख्यालयों में खेल परिसर
  • स्थल चयन हेतु राजगढ,खिलचीपुर,जीरापुर,ब्यावरा एवं नरसिंहगढ सांसद,विधायक एवंकलेक्टर द्वारा भ्रमण
  • खेल परिसर में खेल प्रतिभाओं को निखारने नियुक्त होंगे खेल प्रषिक्षक विभिन्न खेल विधाएं होंगे सुलभ

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राजगढ 03 जनवरी,2015   जिले के समस्त 6 विकासखण्डों में एक-एक खेल परिसर बनाए जाएंगे । 1.60-1.60 करोड रूपये की लागत से निर्मित होने वाले इन खेल परिसर  में इंडोर एवं आउटडोर खेल हेतु खेल प्रतिभाओं को निखारने विभिन्न खेल विधाएं हेतु एक-एक मुख्य खेल प्रषिक्षक एवं 2-2 खेल प्रषिक्षकों की नियुक्ति होगी । जिले के समस्त विकाखण्डों में राजीव गांधी खेल अभियान अन्तर्गत खेल एवं युवा कल्याण विभाग को खेल परिसरों के विकास के लिए 7-7 एकड भूमि उपलब्ध कराने सांसद श्री रोडमल नागर,क्षेत्रीय विधायक श्री हजारीलाल दांगी,श्री नारायण सिंह पवार और कलेक्टर श्री आनन्द कुमार षर्मा द्वारा राजगढ एवं जीरापुर विकासखण्ड में स्टेडियम,खिलचीपुर में नगर परिषद का स्टेडियम,ब्यावरा में नेता जी सुभाष महाविद्यालय खेल मैदान एवं आस-पास की भूमि तथा नरसिंहगढ में ष्षा. उत्कृष्ट विद्यालय एवं ष्षा.कन्या उ.मा.विद्यालय के खेल मैदानों का स्थल निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान इंडोर और आउटडोर स्टेडियम के निर्माण और विभिन्न खेल विधाओं के लिए भूमि का चयन किया गया । इस मौके पर संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री प्रतिभा पाल,श्री आर.पी. अहिरवार एवं श्री एल.एस.टेकाम तथा जिला खेल अधिकारी श्रीमति ष्षर्मिला डाबर साथ रहे । जिले में खेलों के लिए बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के उद्देष्य से समस्त विकासखण्डों में निर्मित होने वाले इन खेल परिसरों में हाॅकी, फुटवाल, टेनिस, बेडमिन्टन,टेबल-टेनिस,तीरंदाजी,हेन्डबाल,क्षेत्रीय खेल खो-खो और कबड्डी,बास्केटबाॅल सहित मल्टीजिम हेतु सुविधाएं खेल प्रेमी और खेल प्रतिभाओं को उपलब्ध रहेंगी  । भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री ष्षर्मा द्वारा संबंधित क्षेत्रों के राजस्व अधिकारियों को चयनित भूमि का अनुबंध कराने जिला खेल अधिकारी को चयनित भूमि उपलब्ध कराने के निर्देष दिए ताकि कार्य योजना को मूर्तरूप दिया जाए ।

मुजफफरपुर रिमांड होम से नौ बच्चे फरार

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बिहार में मुजफफरपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र स्थित रिमांड होम से नौ बच्चे फरार हो गये। रिमांड होम के अधीक्षक रवि रौशन ने आज यहां बताया कि रिमांड होम में रह रहे सात बच्च्ो रिमांड होम के र्कमियों को चकमा देकर आज फरार हो गये।इससे पूर्व कल सीतामढ़ी कोर्ट में पेशी के लिये ले जाने के क्रम में दो बच्च्ो भी फरार हो गये थे। 

रवि रौशन ने बताया कि फरार बच्चों की बरामदगी के लिये स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी गयी है।अभीतक किसी भी फरार बच्च्ो को बरामद नही किया जा सका है।

विधानसभा चुनाव में 175 प्लस के मिशन को पूरा किया जायेगा : पांडेय

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बिहार भारतीय जनता पार्टी:भाजपा: ने आज दावा किया कि इस वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में 175 प्लस के मिशन को हर हाल में पूरा किया जायेगा . भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधान पार्षद मंगल पांडेय ने यहां कहा कि प्रदेश भाजपा की पांच और छह जनवरी को होनी वाली कार्य समिति की बैठक में होने वाले विधानसभा के चुनाव में 175 प्लस के लक्ष्य को पूरा करने पर चर्चा की जायेगा 1 इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए घरशघर जाकर लोगों से संपर्क साधा जायेगा और राज्य सरकार की खामियों तथा सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड:जदयू:राष्ट्रीय जनता दल :राजद: के विलय के दुष्परिणाम से लोगों को अवगत कराया जायेगा 1 

श्री पांडेय ने कहा कि बैठक में राज्य की बदहाल स्थिति को देखते हुए आंदोलनात्मक रणनीति तैयार की जायेगा 1 बैठक में कार्यर्कताों के  घरशघर जाने के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जायेगा 1 उन्होंने कहा कि जंगलराज2 से लोगों को अवगत कराया जायेगा तथा अपराधियों का मनोबल तथा ऐसे लोगों का सत्ता में हस्तक्षेप पढ़ा है इस लोगों को बताया जायेगा.

औद्योगिक घराने को तुष्ट करने के लिए अध्यादेश राज : नीतीश

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड :जदयू: के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने आज कहा कि केन्द्र सरकार बड़े बड़े औद्योगिक घराने को तुष्ट करने के लिए ..चोर दरवाजे.. से अध्यादेश राज चलाने में लगी हुई है । श्री कुमार ने यहां पार्टी की सलाहकार समिति की बैठक के बाद संवाददाताों से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार ने चोर दरवाजे से भूमि अधिग्रहण कानूनश2013 में संशोधन किया है । उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाने के लिए इतनी बेचैनी क्यों थी। उन्होंने कहा कि सही मायने में देश के बड़े बड़े औद्योगिक घराने को तुष्ट करने के लिए जल्दबाजी मेंयह अध्यादेश लाया गया है । 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यादेश के बहाने केन्द्र की सरकार अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है । विधायी शक्तियों का अपमान किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में जो संशोधन किया गया है वह काफी खतरनाक है । बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए यह चिंता की बात है । श्री कुमार ने कहा कि योजना आयोग में सुधार की आवश्यकता थी लेकिन पंचवर्षीय योजना के मध्य में ही इसे भंग कर दिया गया 1 राज्यों के विकास के लिए धन की व्यवस्था कहा से होगी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है । 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दल के विलय की सैद्धांतिक सहमति बन गयी है और इसकी प्रक्रिया चल रही है । उन्होंने कहा कि विलय के बाद जो भी दल बनेगा उसका एक मात्र मुद्दा ..सुशासन.. ही रहेगा

काँठल यात्रा : रेसखोरी फला ... जहाँ था कभी रींछों का बसेरा

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पहाड़ों, नदियों और झरनों की धरा प्रतापगढ़ के ग्राम्यांचलों की अपनी विशिष्ट खासियत रही है। यहाँ गांवों, ढाणियों और फलों के नामकरण का कोई न कोई प्राचीन मिथक या भौगोलिक आधार जरूर रहा है। ऎसा ही एक क्षेत्र है - रेसखोरी फला।
       
यह फला प्रतापगढ़ जिले की पाड़लिया ग्राम पंचायत अन्तर्गत कचोटिया गांव में है। इसका पुराना संबंध रींछ(भालुओं) से जोड़ा जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस इलाके में काफी संख्या में भालू देखे जाते रहे हैं। इस कारण इस पूरे क्षेत्र का नामकरण ही उन पर हो गया।
       
रींछ को स्थानीय बोली में रेंस कहा जाता है। यही कारण है कि पर्वतीय जंगल में रींछों के परिभ्रमण व आवास स्थल होने की वजह से यह इलाका रेसखोरी कहा जाता है।
       
यहाँ पहाड़ों में बनी माँदों में किसी जमाने में रींछों का बसेरा था और इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम दूर-दूर तक रेसखोरी के रूप में पहचान रखता है। दूर-दूर तक पसरे पहाड़ी क्षेत्र में भैरवनाथ का पुराना स्थानक है जिसके प्रति काफी जनास्था  है।
      
आकर्षण जगाता है यह मकान
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यहीं पर मीरा/नारायण का मकान है जिनका परिवार बाँस के बने उत्पादों को बेचकर घर चला रहा है। थोरी जाति का यह परिवार बांस की टोपली, हूपड़े, भणिये, झाडू आदि बनाता है, घटी टाँकता है।
       
नारायण और उसके परिवार ने जी तोड़ मेहनत कर क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाई है। नारायण के परिवार में पत्नी मीरा के अलावा दो पुत्र भी हैं जो उनके काम में मदद करते हैं।  बड़ा पुत्र सुनील छठी तथा छोटा मुकेश तीसरी में पढ़ता है।
       
नारायण का पहाड़ी पर बना रंग-बिरंगा मकान दूर से ही आकर्षण जगाता है। ऎसा मकान क्षेत्र में और कहीं नहीं दिखता। मेहनतकश और हुनरमन्द बाँस उत्पाद कलाकार श्री नारायण थोरी (मोबाइल नम्बर 7568875084) बताते हैं कि बाँस के उत्पादों के परंपरागत धंधे के सहारे ही परिवार का खर्च निकलता है।
       
वे चाहते हैं कि इस धंधे को व्यापक आधार दें तथा आधुनिक विधाओं के अनुरूप जमाने की मांग को देखते हुए बाँस के उत्पादों को तवज्जो दें और इस प्रकार का प्रयास करें कि उनके द्वारा बनाए गए बाँस उत्पाद दूर-दूर तक काँठल धरा की अनूठी पहचान कायम करें।







---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

विशेष आलेख : दलित विकास पर छुआछूत की छाया

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शिक्षा और पोषण संबंधी सार्वजनिक सेवाएं किसी भी समुदाय के विकास का अहम पहलू हैं। इसके लिए सरकार द्वारा गांव-गांव में आंगनबाड़ी, स्कूल और सस्ती कीमत की राषन दुकानें स्थापित की गई हैं। किन्तु इन सेवाओं तक जरूरतमंद दलित समुदाय की पहुंच आज भी नहीं हो पा रही है। हालांकि हमारे देश में अस्पृश्यता को काफी पहले खत्म कर दिया, आज भी यह देश के कई भागों में प्रचलित है. सामाजिक न्याय एवं आधारिकता मंत्रालय की ओर से कुछ वर्ष पूर्व ‘‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट (1995)’’ के अमल के बारे में बंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल द्वारा एक सर्वे कराया गया था। इसके नतीजे बहुत ही चैंकाने वाले थे। सर्वे के मुताबिक देश के ग्रामीण इलाकोें में आज भी छुआछूत की समस्या बदस्तूर जारी है। भले ही कानून के डर से और दलितों में बढ़ी  आत्म-सम्मान की भावना के चलते उसका विकृत रूप बाहर नहीं दिखता है। मध्यप्रदेष में पिछले दिनों हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि गांवांे में स्थित आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र और सरकारी राषन दुकान में छुआछूत और भेदभाव की सदियों पुरानी परपंरा आज भी कायम है। 
            
मध्यप्रदेष में वंचित समुदायों के नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय ‘‘दलित अधिकार अभियान’’ द्वारा प्रदेष के 10 जिलों के 30 गावों में किए गए अध्ययन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में दलित समुदाय के साथ 70 प्रकार की छुआछूत का प्रचलन है, जिसमें स्कूल, आंगनबाड़ी, राषन दुकान और स्वास्थ्य केन्द्र में होने वाली छुआछूत का उनके जीवन पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। स्कूलों में प्रचलित छुआछूत का ही नतीजा है कि 100 प्रतिषत नामांकन के सरकारी दावे के बावजूद 7 प्रतिषत दलित बच्चे स्कूल से बाहर हंै। दलित समुदाय के 57 प्रतिषत परिवारों के अनुसार उनके बच्चे स्कूल के मटके, टंकी या नल से खुद अपने हाथों से पानी लेकर नहीं पी सकते। प्यास लगने पर वह गैरदलित बच्चों से पानी पिलाने का निवेदन करते है। गैरदलित बच्चे उन्हें ऊपर से पानी पिलाते हैं। यदि गैरदलित बच्चे पानी नहीं पिलाते हैं तो उन्हें प्यासा रहना पड़ता है या घर जाकर पानी पीना पड़ता है। अध्ययन में शामिल सभी गांवों में सरकारी स्कूलोें में मध्यान्ह भोजन के दौरान दलित समुदाय के बच्चों को अलग लाईन में बैठाया जाता हैं। अलग लाईन में बैठाने के साथ ही उन्हें रोटी ऊपर से फेककर दी जाती है, वहीं उनकी थाली पर भी निषान लगे होते है। थाली पर निषान लगे होने का मतलब यह है कि वह थाली पहचानी जा सकें कि उसमें दलित बच्चे खाना खाते हैं और उन थालियों को अन्य बच्चों की थालियों से अलग रखा जा सके। समुदाय और बच्चों के साथ आयोजित केन्द्रित समूह चर्चा में यह बात साफतौर पर सामने आई कि कई स्थानों पर दलित बच्चों की थाली अलग रखी जाती है। गैरदलित बच्चे और खाना बनाने वाले लोग इन थालियों को भी नहीं छूते हैं। 
             
षिक्षा के साथ ही पोषण का मुद्दा भी बेहद गंभीर रहा है। पिछले कुछ सालों में हुए विभिन्न सर्वेक्षणों से यह बात उजागर हुई है कि मध्यप्रदेष में 50 से 60 प्रतिषत बच्चे कुपोषित हैं। गौरतलब है कि कुल कुपोषित बच्चों में से 80 प्रतिषत बच्चे दलित एवं आदिवासी समुदाय के हंै। कुपोषित बच्चों को पोषण आहार प्रदान करने तथा उनकी विषेश देखरेख के लिए स्थापित आंगनबाड़ी भी छुआछूत से मुक्त नहीं है। दलित अधिकार अभियान द्वारा किए गए अध्ययन से यह तथ्य उजागर होता है कि ज्यादातर दलित बच्चे आंगनबाड़ी की पोषण सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इनमें 53 प्रतिषत बच्चों ने आंगनबाड़ी में होने वाली छुआछूत के कारण वहां जाना छोड़ दिया, जबकि 18 प्रतिषत बच्चे इसलिए आंगनबाड़ी नहीं जाते, क्योंकि आंगनबाड़ी सहायिका दलित मोहल्ले के बच्चों को लेने नहीं आती क्योंकि उनके माता-पिता मजदूरी पर जाते है। इस दषा में बच्चों के लिए अकेले आंगनबाड़ी पहुुंचना कठिन होता है। 16 प्रतिषत बच्चों ने कार्यकर्ता का व्यवहार अच्छा नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी जाना छोड़ दिया। दलित समुदाय के जो बच्चे आंगनबाड़ी जाते हैं उनमें से 27 प्रतिषत बच्चे आंगनबाड़ी के अंदर नहीं जाते। उन्हंें आगनबाड़ी भवन के बाहर बरामदे में बैठाया जाता है, जबकि 35 प्रतिषत बच्चे आंगनबाड़ी के अंदर सिर्फ दलित जाति के बच्चों के साथ ही बैठते हैं। इसका मतलब यह है कि आंगनबाड़ी के अंदर दलित समुदाय के बच्चे अलग लाईन में बैठते हैं।
            
ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संचालित ‘‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन’’ भी छुआछूत की बीमारी से मुक्त नहीं है। सर्वेक्षण से यह बात उजागर होती है कि स्वास्थ्य मिषन के अंतर्गत गांव-गांव में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की विजिट का लाभ दलित समुदाय को नहीं मिल पाता। दलित समुदाय के 61 प्रतिषत लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांव में विजिट तो करते हैं किन्तु सिर्फ गैरदलित मोहल्लों में ही। इसके कारण दलित समुदाय की गर्भवती महिलाएं और उनके बच्चे स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण से वंचित रहते हैं। खाद्य सुरक्षा और पोषण के मुख्य आयाम के रूप में गांव-गांव में स्थापित सरकारी राषन दुकानें में भी होने वाली छुआछूत, इस अध्ययन से उजागर होती है। 47 प्रतिषत दलित परिवारों के अनुसार उन्हें दुकान के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। जबकि गैरदलित समुदाय के लोग दुकान के अंदर जा सकते हैं। राषन खरीदने के लिए दलित समुदाय के लोगों को दुकान के बाहर दहलीज पर ही खड़े रहना पड़ता है। दुकानदार द्वारा दहलीज पर ही अपनी टेबल लगाई जाती है। 48 प्रतिषत परिवारोें का कहना है कि दुकानदार राषन कार्ड हाथ से नहीं लेते। वह राषन कार्ड टेबल पर रखने को कहते है। टेबल पर राषन कार्ड रखने के बाद वह राषन कार्ड उठाता है और वापस देने के लिए भी वह टेबल पर ही रखता है। दलित समुदाय से राषन के पैसे लेने में मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाए जाने की बात 22 प्रतिषत परिवारों द्वारा बताई गई। 33 प्रतिषत लोगों ने दुकानदार द्वारा दलित समुदाय के लोगों को जातिसूचक शब्दों से पुकराने की बात बताई। इस तरह एक ओर जहां सार्वजनिक सेवाओं को सामुदायिक विकास की दिषा में अत्यन्त महत्वपूर्ण माना गया है और सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं तथा कानूनों के जरिये उन्हें ज्यादा साधन सम्पन्न बनाया जा रहा है, वहीं विकास के पायदान पर सबसे नीचे रहने वाला दलित समुदाय छुआछूत के कारण उससे वंचित हंै। ऐसे में अब यह ज़रूरी हो गया है कि साधन और सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही जमीनी स्तर पर ऐसा वातावरण बनाया जाए जिससे दलित एवं गैरदलित समुदाय के बीच मेलजोल हो सके और वह विकास की प्रक्रिया एवं सार्वजनिक सेवाओं में समान रूप से सहभागी हो सकें। ेगी।  






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राजेन्द्र बंधु
(चरखा फीचर्स)

बिहार : दीघा बिन्दटोली के सैकड़ों परिवार वाले लोगों को पुनर्वास करे सरकार

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  • समय रहते लिए गए निर्णय को अमल कर दे सरकार 

bhinditola patna
 पटना। पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल अन्तर्गत वार्ड नम्बर 1 के बगल में है दीघा बिन्दटोली। यहां पर सैकड़ों की संख्या में परिवार वाले लोग आवासीय भूमिहीन हैं। इसके साथ खेतिहर भूमिहीन भी हैं। गंगा और सोननदी के किनारे रहते हैं। आजादी के 67 साल तक बिन्द जाति के लोग जन प्रतिनिधियों की तकदीर ही बनाते रहे। मगर बिन्द जाति के लोगों की तकदीर नहीं सुधरी। झोपड़पट्टी में रहते हैं। मोटा अनाज खाते हैं। गर्मी के दिनों में दोपहर में चूल्हा नहीं जलाते है। इन लोगों पर अगलगी से झोपड़ी स्वाहा हो जाने का भूत चढ़ा रहता है। बिजली लाइन नहीं दौड़ाया गया है। खेतिहर भूमिहीन होने के कारण बटाईदारी पर खेत लेकर खेती करते हैं। पटना और छपरा दिराया में जाकर खेती करते हैं।

पूर्व मध्य रेल के द्वारा दीघा से सोनपुर तक रेल-सह-सड़क पुल निर्माण हो रहा है। इसके आलोक में अब दीघा बिन्दटोली के लोगों के बीच में बेचैनी बढ़ने लगा है। हालांकि, सरकार ने निर्णय ले लिया है कि पिछड़ी जाति के लोगों को विस्थापन के पूर्व पुनर्वास कर दिया जाएगा। इस आशय का निर्णय मंत्री परिषद की बैठक में ली गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गयी थी। निर्णयानुसार कदम नहीं उठने से लोग परेशान होने लगे हैं।  

बिन्दटोली के बारे में है पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जानकारीः कई दशक से दीघा बिन्दटोली में बिन्द जाति के लोग रहते हैं। गंगा और सोन नदी ने बिन्दटोली को कटाव करके बौना कर दिया है। जो कुछ बचा था उसका कसर ईट मालिकों के द्वारा कर दिया जाता था। हरेक साल भट्टा चलाने के लिए मिट्टी कटाई करके बिन्दटोली में रहने वालों को मौत के मुंह में ढकेल दिया जाता था। यहां के लोग सरकार के प्रति शुक्रगुजार हैं कि गंगा और सोन के किनारे ईट भट्टे चलाने के लिए प्रतिबद्ध लगा दिया। तबतक खुश होते तबतक रेल-सह-सड़क पुल निर्माण करने का मसला आ गया। बिन्दटोली में तटबंध बनाकर रोड बनाया जाएगा। 

अब तो निश्चित है कि यहां के लोग उजड़ जाएंगेः अब तो निश्चित है कि यहां के लोग उजड़ जाएंगे। बारम्बार पूर्व मध्य रेल के द्वारा बिन्दटोली छोड़कर हट जाने का पैगाम दे रहे हैं। यहां के लोग डटे हैं कि जबतक सरकार विस्थापन के पहले पुनर्वास नहीं किया जाता है। तबतक अन्यत्र नहीं जाएंगे। इनको राजनीति संरक्षण प्राप्त है। कारण कि यहां के लोग राजनीति दलों और त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की तकदीर बनाने वाले हैं। थोकभाव में मिलकर वोट डालते हैं। हां, नकटा दिराया ग्राम पंचायत के चुनाव में बिन्दटोली के लोगों के बीच में दरार पर गया था। दो फाड़ होने से लोगों ने फिफ्टी-फिफ्टी होकर पंचायत चुनाव में वोट डाल दिए। इतना होने के बाद भी बिन्दटोली के लोगों के बीच में मतभेद नहीं है। 

प्राथमिक मध्य विघालय में पढ़ते हैं बच्चेः प्रारंभ में कोई समाज सेवक आकर बच्चों को पढ़ाते थे। पढ़ाने वाले को रहने के लिए झोपड़ी और खाने के लिए रोटी मिल जाता था। रामधीरज महतो कहते हैं कि काफी मेहनत करने के बाद प्राथमिक मध्य विघालय, उप स्वास्थ्य केन्द्र और आंगनबाड़ी केन्द्र खोला जा सका है। इसके पहले किसी विदेशी संस्था के द्वारा विघालय चलाया जाता था। उसका प्रयास था कि सभी लोगों को धर्म परिवर्तन करा दें। मगर कामयाबी नहीं मिलने के कारण रूखसत हो गया। अभी कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल की प्रशिक्षु नर्सेंज आती हैं। इनका फिल्ड वर्क होता है। पूर्व मध्य रेल के द्वारा विस्थापित कर देने से हमलोगों को मुश्किल होना लाजिमी है। 


आलोक कुमार
बिहार  

बिहार : आमद जुटाने में नाकाम रहा ‘वाईमैक्स’

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  • - सहरसा एसएसए के अंतर्गत सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिले में महज 250 वाईमैक्स उपभोक्ता ही जोड़े जा सके हैंै जबकि लक्ष्य 1600 उपभोक्ताओं को जोड़ने का निर्धारित किया गया है


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बीएसएनएल के ढीले रुख की वजह से कोसी क्षेत्र के लोग न्यूनतम समय में बिना किसी वायर के डाटा ट्रांसफर की सबसे गतिमान सेवा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस कारण फास्ट ब्राडबैंड सेवा, डाटा कार्ड, थ्री-जी सरीखे संचार निगम व निजी आपरेटर्स के अन्य विकल्प उपभोक्ता के दिमाग में घर कर गए। नतीजतन, वाईमैक्स के लिए कोसी इलाके में करोड़ों खर्चने के बाद 24 वाईमैक्स बीटीएस इंस्टाल तो किए गए, लेकिन लचर कार्यप्रणाली की वजह से पूरा नेटवर्क महज षो-पीस बनकर रह गया है। तीनों जिला मिलाकर करीब 250 कनेक्षन लेने वाले ये उपभोक्ता भी इसका इस्तेमाल नाम मात्र ही कर रहे हैं और संचार निगम अपेक्षित आमद भी नहीं जुटा पा रहा है। जिसके कारण बीटीएस को संचालित करने में आने वाला खर्च भी नहीं निकाल पा रहा है।

कोसी में वाईमैक्स की रफ्तार तेज नहीं हो पायी: 
सूत्रों की मानें तो 64 करोड़ खर्च कर सूबे के हरेक जिले में 512 वाईमैक्स बीटीएस इंस्टाल किए जाने की योजना है। वहीं कोसी क्षेत्र में कुल 24 टावर्स के सहारे सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में वाईमैक्स की सेवाएं दी जा रही हैं। बता दें कि विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार निगम अधिकारियों की लचर व्यवस्था व कर्मियों के अभाव के कारण तीन वित्तीय वर्श में सहरसा एसएसए के अंतर्गत महज करीब 250 वाईमैक्स उपभोक्ता ही जोड़े जा सके हैंै जबकि लक्ष्य 1600 उपभोक्ताओं को जोड़ने का निर्धारित किया गया है। लापरवाही की वजह से सूबे में वाईमैक्स की रफ्तार तेज नहीं हो पाई है।  

वाईमैक्स की खूबियां: 
1. इसमें यूजर्स को ब्राडबैंड एक्सेस के लिए 256 केबीपीएस से लेकर 08 एमबीपीएस तक की स्पीड मिलती है.
मसलन अच्छी स्पीड पर ब्राउजिंग का लाभ भी। 
2. इसको कहीं भी बिना वायर के इस्तेमाल कर सकते हैं। 
3. अपने कस्टमर प्रीमाइज इक्विपमेंट के साथ घर या दफ्तर में कहीं भी घूमते हुए इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैंै। 
4. अलग से फोन कनेक्षन या लाइन की जरुरत नहीं होती है। 
5. वाई-फाई की तुलना में अगली पीढ़ी का वायरलेस ब्राडबैंड होने के कारण वाईमैक्स अधिक तेज स्पीड पर इंटरनेट से जुड़ता है। 
6. वाई-फाई से तेज व व्यापक कवरेज उपलब्ध कराता है। 
लिहाजा, बाढ़ प्रभावित कोसी क्षेत्र में जहां केबल कट होने के कारण अक्सर जहां ंिलंक फेल होने की समस्या आड़े आती है वहीं वाईमैक्स जैसी वायरलेस सेवाएं बेषक क्षेत्र के लोगों के लिए राहत देने वाली साबित हो सकती हैै। 

कहते हैं अधिकारी: 
इस बाबत टीडीएम, सहरसा एसएसए कहते हैं कि विभागीय कर्मियों की कमी व उदासीनता के कारण वाइमैक्स जैसी बेहतरीन सुविधाएं लोगों को मयस्सर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस वर्श वाइमैक्स सेवाएं बहाल करने की हर कवायद को अंजाम दिया जाएगा। वहीं जेटीओ नीरज कुमार कहते हैं कि होर्डिंग्स व पैंफलेट्स के जरिये आमजनों के बीच वाईमैक्स की खूबियां गिनाई जा रही हैं ताकि लोग इसे बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल में लायें। 




कुमार गौरव, 
मधेपुरा.

विशेष : नीति आयोग पर बेवजह प्रलाप क्यों?

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वर्तमान मोदी सरकार ने भारत को विकास की राह पर ले जाने के लिए अभूतपूर्व काम करना प्रारंभ कर दिए हैं। मोदी सरकार का जोर है कि देश के विकास के लिए सारे काम सांघिक भाव से किए जाएं तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी। इसी सामूहिक भाव को निहितार्थ करता हुआ नवगठित नीति आयोग दिखाई दे रहा है। लगभग छह दशक पुराना योजना आयोग अब अतीत का हिस्सा बन चुका है। इसकी जगह नीति आयोग ने ले ली है। हालांकि स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री ने नए ढांचे को अस्तित्व में लाने के संकेत दे दिए थे। पैंसठ साल पुराने योजना आयोग काफी पहले ही अपनी प्रासंगिकता खो चुका था। आर्थिक बदलाव के इस दौर में योजना आयोग की जगह ऐसी संस्था की जरूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी जो समय के हिसाब से चल सके। बहरहाल नरेन्द्र मोदी इसमें सफल रहे। योजना आयोग की जगह नीति आयोग के गठन को लेकर विपक्ष जिस ढंग से हो-हल्ला मचा रहा है वह समझ से बाहर है।

लाल किले की प्राचीर से अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री ने नई संस्था की घोषणा करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि नई संस्था का आकार, आत्मा, सोच और दिशा नई होगी। नीति आयोग के गठन का निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के करीब तीन सप्ताह के बाद आया है। सभी जानते हैं कि इस बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्री पुराने दौर की इस संस्था के पुनर्गठन के पक्ष में थे। हां, कुछ कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने मौजूदा ढांचे को खत्म करने का विरोध जरूर किया था। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि नीति आयोग का गठन केन्द्र और राज्यों की आपसी सहमति से हुआ है और ऐसे में नीति आयोग को लेकर विपक्ष और खासतौर पर कांग्रेस के विरोध का कोई औचित्य नहीं है। नीति आयोग का विरोध कर रही कांग्रेस के नेता शायद यह भूल गए हैं कि जिस योजना आयोग के खत्म करने पर वह शोर मचा रहे हैं, कांग्रेस में उस संस्था को खत्म करने के स्वर पहले ही उठ चुके हैं। अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी योजना आयोग के ढांचे  पर सवाल उठा चुके हैं।  जिन्होंने पिछले साल 30 अप्रैल को कहा था कि सुधार प्रक्रिया शुरू होने के बाद के दौर में मौजूदा ढांचे का कोई अत्याधुनिक नजरिया नहीं है। इससे पहले कांग्रेस शासन में ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी योजना आयोग को जोकरों का समूह निरूपित किया था। इससे साफ प्रमाणित होता है कि कांगे्रस के नेता भी इसकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे। लेकिन आज आज कांगे्रस नेता केवल इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इसे भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया है।

दरअसल विकास का नेहरू मॉडल वर्तमान आर्थिक दौर में अपनी प्रासंगिकता खो चुका है। और सच तो यह है कि नेहरू के मॉडल को दशकों तक ढोने का ही नतीजा है कि भारत विकास के उन आयाम और ऊंचाइयों को नहीं छू पाया जहां उसे होना था। घरेलू मोर्चा हो या वैदेशिक मामले, नेहरू के कथित विकास के मॉडल ने भारत का सिर दुनिया के सामने शर्म से झुकाया। हम न तो अपने घर को दुरुस्त कर पाए और न ही दुनिया में अपनी धाक जमा पाए। महंगाई, भ्रष्टाचार देश को घुन की तरह चाट गए। आम आदमी को रोजी-रोटी से जूझना पड़ा और उसे आत्म सम्मान से जीने का अधिकार भी नहीं मिला। आज जब नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में वैश्विक जगत में भारत के उत्थान की संभावनाएं बनती दिखाई दे रहीं हैं, तब पुरानी राह को छोडऩा ही अत्यधिक प्रासंगिक लगता है। हम जानते हैं कि पुरानी राह पर हम लगभग 66 साल तक चले और सुखद परिणाम की चाह रखते हुए निरंतर चलते रहे। यह कार्य समय गंवाने जैसा ही कहा जाएगा। सरकारों को जब इसका आभास हो गया था कि योजना आयोग के कार्य अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे, तब इसको समाप्त या परिवर्तित करने में रुचि क्यों नहीं दिखाई।  

बदली हुई परिस्थितियों में विकास की योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए एक नई दिशा और तेजी की आवश्यकता है। समय बदल गया है और मुद्दे भी बदल गए हैं। इस नीति आयोग  के गठन के पीछे भी सरकार की मंशा साफ है। नई संस्था के जरिए ज्यादा नीतिगत फैसले लिए जा सकेंगे। नीति आयोग के जरिए सरकार चाहती है विकास की नीतियों में राज्यों की भी भागीदारी भी रहे। नीति आयोग राज्यों के सम्पूर्ण आर्थिक विकास के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा। नीति आयोग के गठन के पीछे स्पष्ट सोच है कि केन्द्र और राज्य देश के विकास में अहम जिम्मेदारी निभाएं। भाजपा ने 1998 में अपने घोषणापत्र में भी देश की बदल रही जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजना आयोग के पुनर्गठन की बात कही थी। अप्रासंगिक हो चुकी संस्थाओं और कानूनों को समाप्त करना समय की जरूरत है और इस बदलाव का विरोध किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता है। कांग्रेस ने योजना आयोग को समाप्त करने की सरकार की मंशा के पीछे जो तर्क दिया है वह हास्यास्पद ही है। कांग्रेस और वामदलों ने कहा है कि नीति आयोग के गठन से राज्यों के साथ भेदभाव बढ़ेगा। विपक्ष के इन हास्यास्पद तर्क से समझा जा सकता है कि विपक्ष सिर्फ विरोध के लिए इस बदलाव को मुद्दा बना रहा है। जहां तक  कांग्रेस का सवाल है उसके पास अब जनाधार भी नहीं बचा है। उसका यह कदम मोदी सरकार के क्रांतिकारी कदमों का विरोध कर अपने वजूद को जिंदा रखने से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

मोदी सरकार ने यह पहले ही तय कर दिया है कि नीति आयोग एक टीम भावना के साथ काम करेगा, यानि सभी के लिए सब काम की भावना उसे काम करना। जिस प्रकार से भारतीय क्रिकेट टीम विजय प्राप्त करने के लिए सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करती है, उसी प्रकार के प्रदर्शन की अपेक्षा इसमें निहित है। वास्तव में इसी प्रकार का भाव देश के लिए सारे दलों को करना चाहिए, फिर आप स्वयं देखेंगे कि देश कितनी ऊंचाइयां प्राप्त करता है।




---सुरेश हिन्दुस्थानी---
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

विशेष आलेख : इस्लाम और विभिन्न धर्मों के बीच सह अस्तित्व

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आज पूरा संसार धार्मिक आधार पर वर्चस्व के लिए हो रहे विग्रहों से आक्रांत है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा सभी जगह इस्लाम की हो रही है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश के मौके पर इस्लाम को लेकर छिड़ी बहस की थाह टटोलना पूरी तरह प्रासंगिक कहा जोएगा। इस्लाम में कहा जाता है कि दूसरे धर्म के साथ सह अस्तित्व की कोई गुंजाइश नहीं है। इसके लिए इस्लाम की दुनिया के एक मिथक दारुल इस्लाम बनाम दारुल हरब का हवाला दिया जाता है।

लेकिन अगर इस्लाम के इतिहास को देखें तो यह मिथक न्याय संगत नहीं लगता। हजरत मुहम्मद साहब ने दूसरे मजहबों को नकारा नहीं है बल्कि उन्हें इस्लाम में जज्ब करने की कोशिश की है। उन्होंने घोषित किया था कि दुनिया में विभिन्न जगहों पर विभिन्न धर्मों के जो महापुरुष या अवतार पैदा हुए वे सभी मेरी ही तरह अपने समय में अल्लाह के भेजे हुए रसूल थे। मुहम्मद साहब का कहने का मतलब यह था कि उन्होंने अपने समय जो उपदेश दिए या हिदायतें बताईं वे ईश्वरीय मंशा की अभिव्यक्ति होने की वजह से मान्य होनी चाहिए। ऐसी अवधारणा के रहते यह कल्पना कैसे की जा सकती है कि इस्लाम में विभिन्न धर्मों के बीच समन्वय और सह अस्तित्व की गुंजाइश नहीं है।

मुहम्मद साहब ने अपने धर्म का नामकरण जानबूझकर इस्लाम किया। हर धर्म लोगों के लिए आनंद से भरी खुशहाल दुनिया बनाने का दावा करता है। खुशहाली अमन के बिना मुमकिन नहीं है। इस्लाम के मायने हैं अमन रहा। इससे स्पष्ट है कि मुहम्मद साहब ने नए मजहब में सबसे ज्यादा जोर शांति पर दिया। समाज में समय-समय पर जब कुरीतियों का बोलबाला होता है। पुरानी मान्यताएं नए संदर्भ में सड़ीगली हो जाती हैं। रूढिय़ां लोगों के जीवन की दुश्वारियों का कारण बन जाती हैं तब मूर्ति भंजक व्यक्तित्व समाज के उद्धार के लिए पैदा होते हैं। मूर्ति भंजक का ही पर्याय क्रांतिकारी है। मुहम्मद साहब भी अरब के ऐसे ही परिवेश में नमूदार हुए। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे स्वयं अरबी समाज के पुजारी कुल कुरैश वंश का प्रतिनिधित्व करते थे। जो काबा के मंदिर में पूजा कराता था। इस नाते उसे अरब के समाज में अलग सम्मान प्राप्त था और उसे पूजा में आने वाले चढ़ावे में अच्छा खासा हिस्सा मिलने की वजह से अपनी संपन्नता बढ़ाने का मौका भी हासिल था। इसके बावजूद उन्होंने अरब की परंपरागत धार्मिक व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह किया। उन्होंने अपने को लोगों के सरोकारों से जोड़ा। कुलीन वंश से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने नए धर्म को जनोन्मुखी बनाया। उन्होंने कहा कि आदमी को खुदा के अलावा किसी के सामने सिजदा नहीं करना चाहिए। दबेकुचले आवाम को खुद्दारी के जज्बे से लवरेज करने में उनका यह मंत्र बेहद कारगर सिद्ध हुआ जिससे सामान्य जनता उनकी ओर आकर्षित हुई। उसी की बदौलत उन्होंने अरबों के परंपरागत धर्म से जुड़े शक्तिशाली अभिजन वर्ग को परास्त करके तेरह वर्ष के मदीना के अपने निर्वासन को समाप्त कर मक्का में वापसी की। मेहनतकश वर्ग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने इस्लाम में सूदखोरी को हराम घोषित किया। 

उन्होंने बंदिशों के जरिए इंसानी किरदार को मांजने की जो प्रक्रियाएं धर्म में विकसित कीं उसकी वजह से उनके अनुयायियों में बुलंद हौसला पनपा। मुहम्मद साहब ने खोखले आदर्शवाद की बजाय दृढ़प्रतिबद्धता का गुण अपने अनुयायियों के सामने रखा। ईमान के रास्ते पर चलने में रुकावट डालने वालों के खिलाफ वैचारिक और शारीरिक प्रतिरोध को ही उन्होंने जेहाद का नाम दिया। इस्लाम को हिंसा का धर्म मानने वालों को उसकी कोमलता का वह पक्ष जरूर देखना चाहिए जिसके तहत उसमें बेटे-बेटियों की शादी से लेकर किसी भी मौके पर तड़क-भड़क दिखाने से बाज आने की हिदायत इसलिए दी गई है ताकि किसी गरीब आदमी की आह यह सोचकर न निकल जाए कि काश उसके पास भी दौलत होती तो वह भी अपने बेटे-बेटी की शादी में ऐसे ही अरमान निकालता। कमाई का एक हिस्सा समाज की भलाई के कामों के लिए निकालने के मशविरे को उन्होंने अनिवार्य फर्ज बनाया। वास्तव में इस्लाम दूसरों का बलिदान लेने का नहीं बल्कि अपनी कुर्बानी देने का मजहब है। जब इस्लामी अकीदतमंद हज पर जाते हैं तो उन्हें यही पाठ पढ़ाया जाता है। 

बंदिशों पर बहुत अधिक जोर देने की वजह से इस्लाम उपभोक्तावाद की राह का सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रहा है। इसी कारण उपभोक्तवाद का इबलीस इस्लाम के कुछ बंदों को बहका कर मजहब को बदनाम करने के लिए दहशतगर्दी और अंधी हिंसा के रास्ते की ओर ले जा रहा है।  औरतों और बच्चों तक का कत्ल करने की करतूत में इस्लाम का चेहरा नहीं देखा जा सकता। भले ही शैतान का सूचना और संचार साम्राज्यवाद इसी तरह का प्रस्तुतीकरण कर रहा हो। इस्लाम को उसकी मूल आत्मा में ही परखे जाने की जरूरत है और हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश का दिन आज के वक्त में इसकी जरूरत बहुत शिद्दत से महसूस कराता है।




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के पी सिंह 
ओरई 

रॉबर्ट वाड्रा की बेची हुई जमीन को राजस्थान सरकार ने जब्त की

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राजस्थान सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के ख‍िलाफ जमीन सौदे में गड़बड़ी के आरोप में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा बेची गई जमीन को जब्त कर लिया है. वाड्रा ने बीकानेर की करीब 75 हेक्टेयर जमीन साल 2012-13 में बेच दी थी.  

दरअसल, राजस्थान सरकार ने बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में कुल 360 हेक्टेयर जमीन का सौदा रद्द किया है. इसमें 74.85 हेक्टेयर जमीन रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने खरीदकर बाद में बेच दी थी. अब प्रदेश सरकार ने वाड्रा की कंपनी के साथ हुआ जमीन सौदा रद्द करके इस जमीन पर फिर से कब्जा कर लिया है. प्रशासन ने जमीन की मिल्कियत के हस्तांतरण को रद्द कर दिया है. आरोप है कि जमीन गलत तरीके से निजी क्षेत्र को आवंटित कर दी गई थी.

पूरा गड़बड़झाला फर्जी विस्थापित किसान बनकर जमीन अपने नाम कराने का है. पहले कुछ लोगों ने खुद को विस्थापित किसान दिखाकर जमीन का आवंटन करा लिया. इसके बाद कुछ जमीन वाड्रा की फर्म स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने खरीदी थी. स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने साल 2010 में कोलायत इलाके के कुछ गांवों की 74.85 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. बाद में जमीन सौदे में घोटाले के आरोप के बाद कंपनी ने यह जमीन बेच दी.

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के राज्य में हुए भूमि सौदों की जांच पहले ही शुरू कर चुकी है. राज्य सरकार ने जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर के कलेक्टरों को सौदों से संबंधित सूचनाएं जुटाने और तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कने का निर्देश दिया गया था. आरोप है कि वाड्रा की भागीदारी वाली कंपनियों ने बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर में 2009 से 2012 के बीच हजारों एकड़ जमीन जुटाई. तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने ऐसी भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने की घोषणा की थी. यह भी आरोप है कि जैसे ही स्थलों की घोषणा हुई, कंपनियों ने ऊंची कीमतों पर जमीन बेच दी.





दिल्ली-काबुल एयर इंडिया की फ्लाइट के अपहरण की आशंक

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खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आतंकवादी एयर इंडिया की दिल्ली-काबुल फ्लाइट का अपहरण कर सकते हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि फ्लाइट के संभावित अपहरण से जुड़ी यह जानकारी बेहद अहम है। सूत्रों ने बताया कि इस चेतावनी के बाद दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट को अलर्ट कर दिया गया है और वहां के कर्मचारियों तक की सख्ती से जांच की जा रही है। इस अलर्ट के बाद एयरपोर्ट पर कई स्तरों पर जांच की जा रही है, ताकि किसी भी खतरे को टाला जा सके। 

सूत्रों के अनुसार ग्राउंड कर्मियों को यात्रियों के अलावा कैबिन से जुड़े सभी लोगों की भी जांच करने के लिए कहा गया है। खास सर्तकता बरतते हुए एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में कमांडो को भी तैनात किए जाने की खबर है। फ्लाइट मार्शलों की संख्या भी बढ़ा दी गई है और सभी से पूरी तरह सतर्क रहने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि 1999 में आईसी 814 विमान का आतंकियों ने कंधार में अपहरण कर लिया था, इस बार भी इसी तरह की किसी घटना की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले शनिवार की शाम कोलकाता के एयर इंडिया कार्यालय में धमकी भरा फोन काल आया था तथा इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई थी। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी थी। यह कॉल शनिवार की शाम पांच बजकर 40 मिनट पर सिटी बुकिंग आफिस के अधिकारियों को मिली थी। इसके बाद बउबाजार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। प्रवक्ता ने कहा कि ब्यूरो आफ सिविल एविएशन से संपर्क किया गया तथा सभी मानक एहतियाती कदम उठाये गये।

सोनिया गांधी कांग्रेस में नई जान डालने का खाका तैयार करेंगी

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कांग्रेस में नई जान डालने का खाका मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों से पार्टी को पटरी पर लाने एवं नयी उर्जा का संचार करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं के विचार जानने को कहा है। सू़त्रों के अनुसार राहुल गांधी की ओर से पार्टी महासचिवों को जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यकर्ताओं से विचार प्राप्त करने का निर्देश दिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश प्रमुखों को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर उन्हें फरवरी के अंत तक विचार जानने के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा। उन्होंने बताया कि एआईसीसी की बैठक मार्च में होने की संभावना है जिसमें इन सुझावों पर विचार किया जायेगा। इन्हें एक पुस्तिका की शक्ल दी जायेगी।

पिछले 24 दिसंबर को पार्टी नेताओं के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बैठक के बाद कांग्रेस महासचिवों और प्रदेश पार्टी प्रमुखों को संवाद भेजा गया है जिनमें उनसे राज्य स्तर, जिला एवं ब्लाक स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा करने और दो महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।

सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श करके फरवरी के अंत तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस में नयी जान फूंकने और इसे पटरी पर लाने के बारे में विचार जानने को कहा गया है। पार्टी ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक पुस्तिका तैयार करने की योजना बनाई है।

लोकसभा चुनाव में हार और पार्टी का आधार लगातार कमजोर होने के मद्देनजर राहुल ने निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से सम्पर्क शुरू किया है। सभी राज्यों के करीब 400 नेताओं से सीधे चर्चा के बाद राहुल गांधी ने एक अलग बैठक में पार्टी महासचिवों से जिला एवं ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद उन्हें यह सुझाव देने को कहा था कि जमीनी स्तर पर पार्टी को किस तरह से मजबूत बनाया जा सकता है और पार्टी को पटरी पर लाया जा सकता है। इन बैठकों में इस बात पर चर्चा होगी कि पार्टी की पहुंच को कैसे बढ़ाया जा सकता है, कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में किस तरह के बदलाव की जरूरत है, कांग्रेस की विचार धारा को लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इसे कैसे स्पष्ट किया जाए।

राहुल गांधी ने इस संदर्भ में कई बैठकें की जिनमें नेताओं ने कहा कि पार्टी को उदार हिंदू वोट पर अपनी पकड़ फिर से स्थापित करनी चाहिए क्योंकि ऐसा संदेश जा रहा है कि कांग्रेस केवल अल्पसंख्यकों की बात कर रही है और हिन्दू वोटों की उसे कोई चिंता नहीं है जिसका फायदा भाजपा को हो रहा है। पार्टी में एक वर्ग का मत यह है कि पार्टी ने धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे को इस हद तक खींच दिया है कि ऐस लगता है कि वह अल्पसंख्यकवाद की वकालत कर रही हो और इसे सही करने की जरूरत है।

ऐसा भी विचार आया कि हिन्दू विशेष तौर पर ब्राह्मण, जो पारंपरिक तौर पर कांग्रेस के मतदाता रहे हैं, पिछले लोकसभा चुनाव में इनका झुकाव भाजपा की ओर देखा गया। साथ ही हिन्दी भाषी क्षेत्र में कांग्रेस का दलित एवं ओबीसी जनाधार घटा। इन सभी विषयों पर पार्टी में चर्चा की जायेगी तथा पार्टी नेतृत्व भी इन मुद्दों पर जमीनी कार्यकर्ताओं के विचार जानना चाहता है। कांग्रेस महासचिव जनार्धन द्विवेदी ने हालांकि इन सवालों को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी, तो बता दी जाएगी।

आईएस ने 14 लीबियाई सैनिकों को मारा

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इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुके इस्लामिक स्टेट .आईएस. के आतंकवादियों ने आज लीबिया के 14 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अल थिनी ने बताया कि देश के प्रमुख दक्ष्िणी शहर साभा के पास आतंकवादियों ने 14 सैनिकों की हत्या कर दी है और आईएस ने अपनी वेबसाइट पर हत्या की जिम्मेदारी ली है। 

वहीं लीबिया की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार ने आतंकवादियों के कब्जे वाले मिसराता पोर्ट पर हवाई हमला किया। देश में जारी लड़ाई के कारण प्रति दिन 30 लाख बैरल कच्चे तेल का नुकसान हो रहा है। वर्ष 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को अपदस्थ करने के बाद से ही लीबिया में हालात स्थिर नहीं है। पहले साथ में लड़ने वाले विद्रोही संगठन अब सत्ता पर कब्जे के लिए आपस में ही भिड़ गए हैं।

असनानी पियर्सन स्कूल में याॅर्डस्टिक एक्स्पेरीएंशल लर्निंग प्राेग्राम का आयोजन

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  • अर्थपूर्ण और रचनात्मक लर्निंग से मिलेगी सफलता

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भोपाल, असनानी पियर्सन स्कूल में शिक्षा को मनोरंजनात्मक और समृद्धिपूर्ण अनुभव में बदलने के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु याॅर्डस्टिक एक्स्पेरीएंशल लर्निंग प्राेग्राम (येल्प) का आयोजन किया गया। असनानी पियर्सन स्कूल, देश में सबसे प्रतिष्ठित और तेजी से बढ़ रही श्रृंखला है। इस कार्यक्रम को शानदार रिस्पांस मिला और अभिभावकाें ने इसकी सरहाना की। 

येल्प प्रोग्राम को विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को स्कूली शिक्षा से बढ़कर प्रासंगिक, दिलचस्प और व्यवहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। याॅर्डस्टिक प्राेग्राम बच्चों के तेज, जिज्ञासु और रचनात्मक मष्तिष्क को शैक्षिक गतिविधियों में व्यस्त रखता है। स्कूल निरंतर ऐसे इंटरेक्टिव शिक्षण सत्रों का आयोजन करता रहता है, ताकि बच्चे अपने पाठ्यक्रम को एन्जॉय करते हुए सीखें। 


असनानी स्कूल की प्राचार्या डॉ. भावना गुप्ता ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और विकास स्कूल का मुख्य उद्देश्य है। इसलिए स्कूल में आयोजित होने वाली गतिविधियों कोे इस तरह बनाया गया है कि वो बच्चों की मेधा और बुद्धि को निखारने का काम करें। हमारा मानना है कि कंटेंट या विषयवस्तु का स्थानीयकरण प्रासंगिकता बनाने के लिए जरूरी है। स्कूल बच्चों को व्यक्तिगत रूप से सीखाने में विश्वास रखता है। उन्होंने आगे बताया कि जहां तक संभंव होता है, हम बच्चों की व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से ध्यान देने का प्रयास करते हैं। 

असनानी ग्रुप ट्रस्ट के अध्यक्ष जैसूराज नांबियार ने कहा कि बच्चों को सही ज्ञान का अधिकार होना चाहिए। इसके लिए स्कूल में बच्चों के लिए शिक्षण सत्र आयोजित करके बच्चों के ध्यान को आकर्षित करने और उनका मनोरंजन करने का लक्ष्य होता है। यह बच्चों काे सीखाने का शानदार तरीका है, जिससे बच्चे अच्छा करते हैं। ट्रस्ट का मनना है कि लर्निंग को संपूर्ण, अर्थपूर्ण और रचनात्मक बनाने से लक्ष्य प्राप्ति में हमें आसानी होगी।

पियर्सन स्कूल, दुनिया की अग्रणी लर्निंग कंपनी का हिस्सा है। देशभर में 35,000 हजार से अधिक छात्रों, 27 शहरों में 30 स्कूलों की उपस्थिति के साथ पियर्सन देश में सबसे तेजी से बढ़ती हुई स्कूलों की श्रृंखला है। संस्था का ध्येय भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार युवाओं का विकास करना है, जो समाज का विकास अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के द्वारा कर सकें।

पियर्सन स्कूल उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, शानदार सुविधाएं और बच्चों के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं, ताकि छात्रों में शैक्षिक, साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कौशलों का समान रूप से विकास हो सके।

बिहार : राज्य सरकार से अनषन तुड़वाने की माँग

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने गया जिले के मोहरा प्रखंड स्थित स्कूल मैदान में लगातार 21 दिनों से अनषन पर बैठे अनषनकारियों की माँगों का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से अनषन तोरवाने की माँग की है।
     
भाकपा राज्य सचिव ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि गत 14 दिसंबर से 11 लोग अनषन पर बैठे हैं। उनमें 9 महिलाएँ और 2 पुरूष शामिल हैं। वे अपनी सात सु़त्री माँगों को लेकर अनषन कर रहे हैं। अनषनकारियों के समर्थन में हर रोज 500 लोग सत्याग्रह स्थल पर पहुँच कर एकजुटता प्रदर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कपिल पासवान,गिरिजा देवी, उर्मिला देवी, अनंत विद्यार्थी आदि अनषन पर बैठे हैं। अनषनकारियों कि मुख्य माँग किसानों को उपज का समर्थन मुल्य मिले, धान खरीद केन्द्र खोला जाय, सरकार क्रयकेन्द्र खोलने की गारंटी करें, नष्ट हुए फसल का मुआवजा सरकार दे सहित किसानों की अन्य समस्या शामिल है। 
    
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि विडंबना है कि  लगभग 21 दिनों से शीतलहरी में अनषन जारी है। पर सरकार या उनके मुलाजिम उनकी समस्याओं से रूबड़ु होने के लिए नहीं गए हैं। उन्होंने राज्य सरकार से आंदोेलनकारियों से सभी माँगें मानने, अनषन तोरवाने और पूरे राज्य में क्रयकेन्द्र खोलकर किसानों सें धान खरीद करने की माँग की है।   

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