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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक संपन्न

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पटना, 21 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक 19-20 मई को पटना में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता रामबाबू कुमार और मोहन प्रसाद ने संयुक्त रूप से की जिसमें केन्द्रीय प्रेक्षक के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय उपमहासचिव गुरूदास दासगुप्ता और राष्ट्रीय सचिव रमेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नागेन्द्र नाथ ओझा (सभी पूर्व सांसद) ने भाग लिया।
पार्टी के दरभंगा में संपन्न राज्य सम्मेलन द्वारा निर्वाचित राज्य परिषद की प्रथम बैठक में राज्य सचिवमंडल और राज्य कार्यकारिणी समिति के चुनाव के साथ-साथ भावी संघर्ष की रूपरेखा तैयार की गयी जिसका विवरण निम्नलिखित है :-

सांगठनिक फैसले:-
सर्वसम्मति से नौ सदस्यीय राज्य सचिवमंडल चुना गया जिसमें पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह के अलावे मो॰ जब्बार आलम, रामनरेष पाण्डेय, चक्रधर प्रसाद सिंह, जानकी पासवान, रामचन्द्र महतो, रामाबाबू कुमार और अखिलेष कुमार शामिल हैं। सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी समिति का भी चुनाव हुआ जिसमें सचिवमंडल के नौ सदस्यों के अलावेे बद्री नारायण लाल, जीतेन्द्र नाथ, अर्जुन प्रसाद सिंह, बचन प्रभाकर, विजय नारायण मिश्र, गजनफर नवाब, हेमचन्द्र झा, प्रो॰ सुषीला सहाय, उषा सहनी, गणेष प्रसाद सिंह, ओम प्रकाष नारायण, प्रमोद प्रभाकर, अजय कुमार सिंह, मोहन प्रसाद, राजेन्द्र राजन, संजय कुमार, पूर्व विधान पार्षद, डा॰ शरद, प्रयाग चन्द्र मुखिया, विजयषंकर सिंह, ओम प्रकाष क्रांति, प्रभाषंकर सिंह और नारायण जी झा शामिल हैं।  गिरिजानंदन सिंह नौसदस्यीय राज्य अनुषासन आयोग के अध्यक्ष और अखिलेष कुमार राज्य परिषद के कोषाध्यक्ष चुने गये। 

आंदोलनात्मक फैसले:-
(क) 14 मई, 2015 के राष्ट्रव्यापी भूमि अधिग्रहण अध्यादेष के विरूद्ध अभियान के तहत राजधानी पटना में सफल प्रतिरोध मार्च का संदेष गाँव-गाँव तक पहुँचाने हेतु जिला और प्रखंड स्तरों पर इस मुद्दे पर अभियान जारी रखने का निर्णय लिया गया। 
(ख) ़िद्वतीय विष्वयुद्ध फासीवाद पर विजय की 70वीं वर्षगांठ को समारोहपूर्वक आगामी 29 मई को आई॰एम॰ए॰ हाॅल पटना में मनाने का निर्णय लिया गया जिसमें वामदलों, जनसंगठनों, बुद्धिजीवियों, शांति और सौहाद्र्र के लिए कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक संगठनों व व्यक्तियों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा ताकि भारत में नरेन्द्र मोदी सरकार के आने के बाद से जारी साम्प्रदायिक विभाजन और विध्वंस, जनविरोधी और धुर दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों के सहमेल से आसन्न फासीवाद के खतरे के प्रति व्यापक एकजुटता कायम की जा सके।
(ग)वामदलों के किसान-मजदूर संगठनों द्वारा किसान विरोधी और जनविरोधी भूमि अधिग्रहण के विरोध में भूमि अधिकार की हिफाजत के लिए, धान खरीद के बकाये के भुगतान के लिए, प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को समूचित मुआवजे देने के लिए सर्वदलीय समिति से आकलन कराने, गेहँू की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिष्चित करने, पैक्सो को भुगतान की गारंटी करने आदि सवालों को लेकर 25 मई, 2015 को जिला समाहारणालयों का घेराव के कार्यक्रम को हर संभव सहयोग देने का निर्णय लिया गया। 

बिहार : परिणय सूत्र में बंध गए किरण और गणेश

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पटना। पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत में है लालू नगर। आरंभ में बालूपर मुसहरी में झोपड़ी बनाकर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते थे। सत्ता में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, ने मुसहरी में 1 दर्जन मकान मकान बना दिए। महादलित मुसहर समुदाय के लोगों में खुशी का आलम यह रहा कि बालूपर मुसहरी का नाम ही बदल डाला और मुसहरी का नामकरण लालू नगर कर दिए। 

यहां पर छोटे मांझी और धर्मेंन्द्र कुमार ही मैट्रिक उत्र्तीण हैं। इसके बाद छोटे मांझी की बेटी और धर्मेन्द्र कुमार की भतीजी किरण कुमारी दसवीं कक्षा की परीक्षा दी हैं। अभी मैट्रिक की परीक्षा का परिणाम का इंतजार कर रही हैं। 

इस बीच रामजीचक,बाटागंज में रहने जवाहर प्रसाद रहते हैं। श्री प्रसाद बाटा शू कम्पनी से अवकाश ग्रहण किए हैं। इनके पुत्र गणेश कुमार हैं। दसवीं कक्षा तक पढ़ा हैं। मैट्रिक की परीक्षा में फेल किया है। गणेश और किरण की शादी तय की गयी। उसका परिणाम आज सामने आया। गणेश और किरण परिणय सूत्र में बंद गए। शादी की संपूर्ण रस्म अदायगी रमेश पाण्डेय ने किए। इस अवसर उपस्थित लोगों ने वर-वधु को शादी की शुभकामनाएं दी। वहीं दीर्घायु की कामना किए। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (21 मई)

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केन्द्र सरकार के क साल के कार्यकाल पर संगठन उत्सव के तहत हुई भाजपा की जिला स्तरीय बैठक 
  • कांग्रेस के झुठे प्रचार-प्रसार का दिया जावे माकुल जवाब- अमरदीप मौर्य

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झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी की अटल बिहारी सरकार को देष की जनता ने जनता ने चुना था  उस समय देष में विकास के जो कार्य हुए है वे आज भी सभी याद करते है । इसके बाद कांग्रेस की सरकार की नीतियों वं भ्रष्टाचार को लेकर देष की जनता ने फिर से भारतीय जनता पार्टी को आषीर्वाद दिया और आज नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व में पिछले क साल से  केन्द्र सरकार ने देष्ेा की दिषा एवं दषा मे काफी प्रगति लाकर देष को खुषहाली के मार्ग पर प्रषस्त किया है ।लोकसभा में तो भाजपा एवं एनडी का प्रचंड बहुमत है किन्तु राज्यसभा में बहुमत कम होने के कारण कई कल्याणकारी बिल अटक रहे है । नरेन्द्रमोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देष में नया परिवर्तन आया है देष अब नई करवट ले रहा है । कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार वं कुषासन के कारण देष का विष्वस्तर पर सम्मान कम हुआ था उसे नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी विष्वव्यापी ख्याति के कारण उनका हर देष में पलक पावडे बिछाकर स्वागत हो रहा है । कांग्रेस पार्टी  भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर अफवाहे फैलाकर किसानों को बरगलाने का काम कर रही है जबकि यह बिल निष्चित ही किसानों के हित में होकर देष वं प्रदेष के चहूुमुखी विकास का प्रकल्प है ।हालांकी लोकसभा में यह कानून पारित हो गया है राज्यसभा में पारित नही होने पर इसके लिये स्टेंडिंग कमेटी बनाई गई है जो विचार करके आगामी स़त्र यह बिल पारित हो जावेगा ।देष,प्रदेष एवं जिले के विकास के लिये जमीन की आवष्यकता होने पर सरकार बाजार मूल्य से चारगुना रकम अदा करेगी । जिला कृषि क्षेत्र में विकास की ओर इसलिये अग्रसर हुआ कि यहां तालाबों के निर्माण के कारण किसानों से गेहू की फसले लेकर  अपनी आर्थिक उन्नति की है । केन्द्र में मोदेी सरकार के एक साल की अवधि पूरी होने पर केन्द्र एवं प्रदेष सरकार की योजनाओं की घर घर तक जानकारी पहूंचाने के लिये भाजपा कार्यकर्ताओं को मुष्तेदी से काम करके गा्रम गा्रम में जनसम्पर्क करना होगा । उक्त बांत जिला भाजपा द्वारा स्थानीय नीजि गार्डन के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने जिले भर से आये भाजपा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही । इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप  में  प्रदेष भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष अमरदीपसिंह मौर्य मुख्य अतिथि के रूप  में उपस्थित थे । पण्डित दिनदयाल उपाध्याय एवं श्यामाप्रसाद मुकर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर जिला भाजपा महामंत्री एवं विधायक शांतिलाल बिलवाल, विधायक कलसिंह भाबर, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, प्रदेष कार्यसमिति सदस्य दौलत भावसार, भानु भूरिया, दिलीप कटारा, उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम प्रजापति, विजय नायर, नगर मंडल अध्यक्ष्पा गोपालसिंह पंवार, मेजिया कटारा, बंटी डामोर, शैलेन्द्र सोलंकी, राजमल चोपडा, मदन भूरा, संगीता सोनी, दिलीपकुष्वाह, बबलु सकलेचा, राजेन्द्र सोनी, संजय शाह, मेगजी अमलियार, महादूर भाबर, गणराज आचार्य सहित बडी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे । सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने आगे कहा कि  कांग्रेस द्वारा क्षेत्र में जो अफवाहे फैलाई जारही है उसका माकुल जवाब दिया जाकर वास्तविकता बताई जावे ।नरेन्द्र मोदी की जनधन योजना, 12 रूपयें में हर बेंक खातेदार के 2 लाख का बीमा,की योजना अटल पेंषन योजना आदि के बारे में गा्रम गा्रम तक योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार किया जावे तथा लोगों को इन योजनाओं का लाभ दिलाने में अपनी भूमिका का निर्वाह किया जावे । भाजपा क राजनैतिक संगठन है । जब तक हम संगठन को मजबुती प्रदान करने के लिये काम नही करेगें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ दिलाने में सफल नही हो सकते इसलिये पंचायत जनपद एवं बुथस्तर तक जाकर योजनाओं का  लाभ लेने के लिये लोगों को प्रेरित करें । श्री भूरिया ने केन्द्र एवं प्रदेष सरकार की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी । मुख्य अतिथि एवं प्रदेष भाजपा युवा मोर्चे  के प्रदेषाध्यक्ष अमरदीप मौर्य ने अपने उदबोधन में  केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा महंगाई कम करने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस पाटी एवं विरोधी पार्टीया भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर भा्रमक प्रचार कर रही है जबकि यह नियम किसानों के हित का ही है । उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री विष्व के अनेक देषों में यात्रा करके भारत के स्वाभिमान को बढाने का काम कर रहे है आज हर जगह प्रधानमंत्री का पलक पावडे बिछाकर स्वागत हो रहा है । उन्होने उद्योगों के लिये कारीडोर योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए गा्रमीण क्षेत्र के किसानों को 4 गुना एवं शहरी क्षेत्र के लोगों को अधिग्रहित भूमि का 2 गुना मुआवजा मिलने का विस्तार से जिक्र किया । श्री मोर्य ने बताया कि 26 से 28 मई तक क्षेत्र के सभी सांसद विधायक एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधि गा्रम गा्रम में संपर्क करेगें  व जीवनज्योति योजनाओं के फार्म, स्वच्छता  अभियान के बारे में जानकारी देगूें  । 27 मई को युवा एवं मलिा मोर्चा  सबका साथ सबका विकास विषय पर लोगों को हस्ताक्षर करवायेगें तथा प्रदर्षनी का आयोजन करेगें । 30 एवं 31 मई को सांसद के नेतृत्व में प्रधानमंत्री बीमा योजना के बारे में गा्रमीण अंचलों में जानकारी दी  जावेगी । 10 जून से पूरे देष में क साथ महाजनसम्पर्क अभियान के तहत घर घर जाकर जानकारी दी जावेगी । 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जावेगा । प्रत्येक मंडल में बैठकों का आयोजन होगा । आने वालें दिनों में महा जनसम्पर्क केे दौरान केन्द्र की मोदी सरकार वं प्रदेष की षिवराज सरकार की योजनाओं के बारे में काम किया जावेगा । इस अवसर पर स्वागत भाषण जिला महामंत्री एवं विधायक शांतिलाल बिलवाल ने देते हुए  केन्द्र सरकार के क साल के कार्यकाल के पूर्ण होने पर कार्यकर्ताओं वं पदाधिकारियों ने घर घर जाकर जानकारी देने की बात कहीं । विधायक कलसिंह भाबर ने भी संगठन उत्सव के दौरान पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से गा्रमीण अंचलों में जाकर कार्य करने का आवहान किया । कार्यक्रम का संचालन पुरूषोत्तम प्रजापति ने किया तथा आभार प्रदर्षन मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार ने माना ।

नवागत पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने किया पदभार ग्रहण 

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झाबुआ---पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि नवागत पुलिस अधीक्षक आबिद खान द्वारा आज दिनांक 21.5.15 के पूर्वान्ह में पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ के पद पर पदभार ग्रहण किया गया। श्री आबिद खान भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2010 बैच के अधिकारी है। श्री खान जिला झाबुआ पदस्थापना के पूर्व नगर पुलिस अधीक्षक, सेण्ट्रल कोतवाली इंदौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला इंदौर, पुलिस अधीक्षक (पश्चिम), जिला इंदौर, के पद पर पदस्थ रहे हैं। पदभार ग्रहण के समय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुंदर सिंह कनेश, अ0अ0पु0 थांदला श्री एन0एस0रावत, अ0अ0पु0 झाबुआ श्रीमती रचना मुकाती भदौरिया, उप पुलिस अधीक्षक(अजाक) झाबुआ श्री आर0आर0अवास्या, र0नि0 झाबुआ के0एल0मीणा, था0प्र0 कोतवाली झाबुआ निरीक्षक एस0एस0बघेल, था0प्र0 मेघनगर निरीक्षक एम0एल0भाबर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ स्टाॅफ उपस्थित थे।

राजीव गांधी की पूण्यतिथि पर कांग्रेस ने किया स्मरण- उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया 

झाबुआ ---देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 24 वी पूण्य तिथि गुरूवार को स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी झाबुआ पर प्रातः 11 बजे शहीद दिवस के रूप में मनाई गई । इस कार्यक्रम में पदाधिकारियों द्वारा स्व. राजीव गांधी के चित्र पर माल्यापर्ण कर दीप प्रज्जलित किया गया तत्पश्चात उपस्थित सभी सदस्यों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हे अपनी अपनी श्रृद्वाजंली दी । इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि स्व. राजीव गांधी ने राष्ट्र के विकास में महती भूमिका निभाई है, उन्हे आदशर््ा पुरूष बताते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यो को आगे बढाने का संकल्प लेते हुए कहा कि आज हमे उर्जावान कर्मठ एवं ईमानदार कार्यकर्ताओं की जरूरत है ,जो अपनी लगन से पार्टी व राष्ट्र के विकास में सहभागी बन सके। जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहा कि राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल के दौरान आदिवासी व गरीब वर्गो के उत्थान हेतु अनेक कल्याणकारी योजना बनाई जिससे आम लोगों व देश का चहुमंखी विकास हुआ। जिला महामंत्री हेमचन्द डामोर ने कहा कि राजीव जी ने देश को संचार क्रांति , इलेक्ट्रोनिक , औद्योगिक और कृषि  के क्षेत्र से लेकर पंचायती राज आदि , 21 वी सदी के युवा भारत बनाने की कल्पना को साकार करने हेतु कदम बढाया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर ने कहा कि हमे राजीव गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होने विपरित परिस्थितियों को सामना करते हुए भारत को एक नई दिशा दी । मोबाईल क्रंाति कम्प्यूटर कां्रति के द्वारा राष्ट्र में अपनी पहचान बनाई  के कार्यकर्ताओं को निराश न होकर पार्टी को पुनः मजबुत कर राष्ट्र की सेवा करने का आव्हान किया। इस अवसर पर कैलाष डामोर ,आचार्य नामदेव, कलावती मेडा,विनय भाबर एवं हर्ष भटृ ने भी राजीवगांधी के जीवन पर प्रकाषडालते हुए युवा वर्ग को उनसे प्रेरणा लेने का आव्हान किया । कार्यक्रम का संचालन जिला कंाग्रेस महामंत्री जितेन्द्र अग्निहोत्री ने किया एवं आभार प्रदर्षन कमलेष खडकुई ने माना । इस अवसर पर शांतिलाल पडियार पूर्व जिला कांग्रेस एवं प्रदेष महामंत्री,सायराबानो, देवल परमार,बेबी बारिया,मासलु डोडियार, रमेष मोहन्या,पांगु बाखला, षषि अग्निहोत्री, जामसिंह कराडी, खुमानभाई, वे्रसता वाखला,सहित जिला कांग्रेस,ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

कांतिलाल भूरिया ने सोनिया से भेंट कर केन्द्र व प्रदेष सरकार के सौतेले व्यवहार की जानकारी दी 

झाबुआ---पूर्व केन्द्रीयमंत्री वं पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने गुरूवार को नईदिल्ली में अभा कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से उनके निवास पर सौजन्य भेंट की ।श्री भूरिया ने  सोनियागांधी से प्रदेष की ताजा स्थिति पर चर्चा की तथा सोनिया गांधी के सामने भाजपा सरकार द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देष एवं प्रदेष में बढावा देने एवं स्थानीय छोटे एवं लघु उद्योगों के साथ भेदभाव करने की बात बताई । श्री भूरिया ने पूर्व में यूपीए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जारही कल्याणकारी नीतियों को प्रदेष सरकार द्वारा अनदेखी करने तथा कई योजनाओं को बंद करने को अपनी भावना से अवगत कराया । उन्होने मनरेगा में भी मजदूरों को मजदूरी नही मिलने, छात्रावासों की अव्यवस्था, युवाओं को राजगार तथा क्षेत्र के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेष के साथ भेदभाव किये जाने की चर्चा भी की । श्री भूरिया ने कहा कि केन्द्र की पूर्व यूपीए सरकार ने प्रदेष को जो पैसा दिया था वह पैसा भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया और उसका दुरूप्योग किया गया है ।प्रदेष में विकास ठप सा हो गया है तथा कानून एवं व्यवस्था भी जर्जर हो चुकी है वही भाजपा के नेता एवं मंत्रीगण अपराधियों  के साथ मिल कर गरीबों को लूटने का काम कर रहे है । उन्होनें किसानो को लेकर कहा कि केन्द व प्रदेष सरकार भेदभाव बरत रही है जिससे प्रदेष का किसान भी आत्महत्या करने को मजबुर हो रहा है । प्रदेष में राहत कार्य पूरी तरह बंद कर दिये गये है।उन्होने भूमि अधीग्रहण,व्यापम घोटाला एवं  प्रदेष में एकलव्य स्कूलों को भी नीजिकरण एवं  आरएसएस के एनजीओ से संचालन  करने की बात बताते हुए इसे असंवेधानिक कदम बताया । इससे कई छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जावेगा तथा नीजिकरण से मनमानी की जावेगी श्री भूरिया ने कई मुद्दो पर सोनिया से विस्तृत चर्चा की ।वही आदिवासियों क्षेत्रों में भी विकास नही करते हुए भेदभाव की बात कहीं । सोनियागांधी ने अपने स्तर से इसे करने का आष्वासन भी दिया ।

महिला  कांग्रेस की सम्पन्न

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झाबुआ--- जिला महिला कांग्रेस की एक विषेष बैठक का आयोजन स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर गुरूवार को प्रातः 11-30 बजे आयोजित की गई । इस बैठक में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, विषेष अतिथि पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेष महामंत्री शांतिलाल पडियार,जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता विषेषरूप् से उपस्थित थे । कार्यक्रम की अध्यक्ष महिला कांग्रेस अध्यक्षा कलावती मेडा ने की । कलावती भूरिया ने उपस्थित महिलाओं जिला कांग्रेस पदाधिकारी का स्वागत करते हुए बैठक में प्रमुख रूप से सदस्यता अभियान, संगठन की मजबुती, बढती हुई महंगाई, भाजपा की केन्द एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी । वही जिले में व्याप्त पेयजल समस्या, बिजली कटौति एवं महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा कर आन्दोलन के बारे मे विचार विमर्ष किया गया । बैठक को संबोधित करते हुए सुश्री भूरिया ने कहा कि भाजपा के राज मे महिलाओं पर अत्याचार बढते जारहे है प्रदेष में महिलाओं का जीना दुभर हो गया है ।पूरे देष में मध्यप्रदेष महिला उत्पीडन के मामले में अव्वल है । महंगाई दिनों दिन बढती जारही है, गरीबों का निवाला छिना जारहा है। पानी के लिये महिलायेंद र दर भटकने को मजबुर है । भाजपा नेताओं ने अच्छे दिन आने कपा जो सपना दिखाया था वह चूर चूर हो गया है । केन्द्र की व प्रदेष की भाजपा सरकार ने जिले के विकास में कोई उल्लेखनीय कार्य नही किया है । जनता त्रस्त है । चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला हे । भाजपा के राज में भाजपा के नेता दलालों के साथ मिल कर सरकारी खजाने को लूटने में लगे है । पीएचई मे बडा घोटाला उजागर हुआ है । उन्होने संगठन मे महिलाओं को आगे आकर संगठन को मजबुत बनाने पर जोर दिया । कलावती भूरिया ने जल्द से जल्दजिला एवं महिला कार्यकारिणी गठित कर ब्लाक वार बैठक बुलाने की बात कहीं जिसे कलावती मेडा से जल्द पुरा करने का भरोसा दिलाया । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल महेता ने महिलाओं से आव्हान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलावे तथा संगठन की मजबुती में महिलाओं का योगदान देवे ताकि सोनियाजी एवं राहूल के हाथ मजबुत होवें । कांग्रेस ही सर्वहारा वर्ग के लिये लडाई लडती है । इस अवसर पर सायराबानों आदि ने अपने अपने विचार रखे । इस अवसर पर  मालु डोडियार,बेबीबारिया,कालीबाई,पांगलीबाई,रमूबेन,बतुबेन,हीराबेन,सुनिता,सनोषबाई,षषि अग्निहोत्री, कांताबाई, रंगाबाई,कालीबाई, सामुबाई, लछमीबाई, लीलाबेन रानी सहित महिला पदाधिकारी वं कार्यकर्ता उपस्थित थी ।

कृषि महोत्सव के संबंध में गाॅव-गाॅव कोटवार से मुनादी करवाये
  • प्रभारी कलेक्टर ने सलाहकार समिति की बैठक में दिये निर्देश

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झाबुआ---कृषि महोत्सव 25 मई से 15 जून तक चलेगा। इस वधि में प्रत्येक विकासखण्ड में प्रतिदिन तीन गाॅवों में कृषि रथ भ्रमण करेगा। कृषि क्रांति रथ का हर गाॅव में स्वागत होगा। स्वागत फूल मालाओं से नहीं बल्कि खाद्यान्न से किया जाएगा। ये खाद्यान्न उसी गाॅव की आंगनवाडी में बच्चों के पोषण आहार के लिए दिया जाएगा। उद्यानिकी विभाग और वनविभाग के माध्यम से पौधो का भी वितरण किया जाएगा। पशुपालन विभाग द्वारा पशु मेलो का भी आयोजन किया जाएगा एवं विभागीय योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को दिया जाएगा। उक्त जानकारी बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा दी गई। बैठक में प्रभारी कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसान क्रेडिट कार्ड भी कृषि क्रांति रथ के माध्यम से उसी गाॅव में हितग्राही को उसी दिन दे जिस दिन रथ वहाॅ भ्रमण करे। कृषि क्रांति रथ किस दिन किस समय किस गाॅव में जाएगा और उस दिन वहां क्या-क्या होना है। इसके लिए कोटवार से मुनादी करवाये और उस दिन गाॅव में रथ रूका वहाॅ क्या-क्या हुआ विवरण भी लिखा जाये। और फालोअप भी किया जाये। जिस दिन गाॅव में रथ जाएगा उस दिन आंगनवाडी केन्द्र पर पोषण आहार दिवस मनाया जाये। कृषि क्रांति रथ में जनप्रतिनिधियों को भी बैठाये। गाॅव की अन्य समस्यों को भी जाने कृषि क्रांति रथ जन आंदोलन का रूप ले ऐसे प्रयास करे। बैंकर्स कृषि क्रांति रथ के साथ भ्रमण कर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना, का व्यापक प्रचार-प्रसार कर हितग्राहियों से बीमा फार्म भरवाये। कृषि क्रांति रथ के भ्रमण का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। माॅइक के माध्यम से भी मुनादी करवाये। जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग ले। गाॅव में रथ पहुचेगा इसकी जानकारी प्रत्येक ग्रामीण को होना चाहिए आगामी हाॅट बाजारों में कार्यक्रम की उद्घोषण पहले ही करवा दे कि आस पास के गाॅवों में आने वाला रथ कब पहुचेागा। उक्त निर्देश प्रभारी कलेक्टर ने सलाहकार समिति की बैठक में दिये। बैठक कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. ने की। बैठक में उप संचाल कृषि श्री त्रिवेदी, एसडीएम झाबुआ श्री पाटीदार, सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मतदाता सूची में आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर जुडवाये

झाबुआ---भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्वच्छ एवं त्रुटी रहित मतदाता सूची के लिए आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर को वोटर लिस्ट के साथ जुडवाने का कार्य किया जा रहा है। मतदाता स्वयं भी आयोग की साइट पर जाकर अपना आधार लिंक कर सकते है। अथवा अपने बी.एल.ओ से संपर्क करके भी आधार लिंक करवा सकते है। आधार नम्बर मतदाता सूची में जोडने का तरीका इस प्रकार है। वेबसाइट लिंकपर जार प्रदेश के 62690 बूथ लेबिल अधिकारियों में से अपने अपने क्षेत्र के बी.एल.ओ.को जाने एवं उसे अपना आधार व मोबाइल नंबर प्रदान कर मतदाता सूची से लिंक करायें। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश की वेबसाइटपर बने। लिंक में जाकर स्वयं आधार एवं मोबाईल नंबर की जानकारी भरे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता अपने वोटर आई.डी.नम्बर आधार नम्बर एवं माबोइल नम्बर की जानकारी मेें राज्यस्तरीय सहायता केन्द्र 17, अरेरा हिल्स भोपाल या अपने जिले एवं विधानसभा के मतदाता सहायता केन्द्र पर देकर लिंक करा सकते है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जिले के बैंक,एटीएम, पोस्टआॅफिस, स्कूल एवं काॅलेज, व्यावसायिक संस्थान, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन, शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालय, राशन की दुकाने, बाजार एवं शाॅपिंग माॅल, पर्यटन स्थल, कार्यस्थलों के आसपास के क्षैत्र, सहकारी संस्थाएं, पंचायत घर, शहरी निवास वेल्फेयर सोसायटी के कार्यालय, कम्प्युनिटी केन्द्रो, सामुदायिक केन्द्रों, मेरिज हाॅल, शासकीय एवं अशासकीय, उद्योग, फेक्टरीज, हाट एवं बाजार, शासकीय एवं निजी बसें, ट्रेन के डिब्बों के अंदर, लोक प्रसाधन एवं शौचालय, व्हीलर बुक स्टाॅल, लायब्रेरी, आॅटो रिक्शा, खेल के मैदान, सिनेमा हाॅल, ढाबा, पान की दुकान, मिठाई की दुकान दवा की दुकान, नाई की दुकान, चिकित्सकों के क्लीनिक, सार्वजनिक लिफ्ट, रेलवे का प्रतीक्षा कक्ष, रेलवे के प्लेटफार्म, मेले एवं त्योहार स्थलों केन्द्रीय भण्डार एवं अन्य महम्वपूर्ण स्थानो पर आधार से ईपिक कार्ड लिंकिग के लिए अपील चस्पा करवाये।

आज आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया गया, शासकीय सेवको ने ली शपथ

झाबुआ---आज 21 मई 2015 को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया। आतंकवाद विरोध दिवस मनाने का उद्देश्य यह दर्शाना है कि आतंकवाद राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल है, तथा युवकों को आतंकवादी,हिंसावादी गतिविधियों से पृथक करना है। सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षैत्र के उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक संस्थाओं में आतंकवाद,हिंसा विरोधी शपथ दिलाई गई। कलेक्टर कार्यालय में प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. ने शासकीय सेवको को शपथ दिलाई।

जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक 23 मई को 

झाबुआ---जिले में 25 मई 2015 से 15 जून 2015 तक की अवधि में आयोजित होने वाले कृषि महोत्सव के कुशल क्रियान्वयन हेतु गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक जिले के प्रभारी मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य की अध्यक्षता में 23 मई को प्रातः 10.00 बजे कार्यालय कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित की गई है।

कृषक संगोष्ठी संपन्न

झाबुआ---कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा कृषि अभियंत्रीकरण विषय पर ग्राम रायपुरिया में एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी का आयोजन 18 मई 2015 को किया गया। इस संगोष्ठी में विज्ञान केन्द्र झाबुआ के कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. आई.एस.तोमर व वैज्ञानिक डाॅ. आर.के. यादव, डाॅ.वी के. सिंह एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में आसपास के गाॅव के कृषकों एवं महिलाओं ने भाग लिया। केन्द्र के कार्यक्रम समन्यक डाॅ. तोमर ने किसानो को केन्द्र द्वारा कृषकों के उत्थान के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। मौसम को देखते हुए फसल विविधिकरण के साथ साथ अन्तर्वर्ती फसल पद्धति व समन्वित खेती पद्धति अपनाने के बारे में बताया। डाॅ.वी.के. सिंह ने कृषकों को वर्तमान समय में किये जाने वाले कृषि कार्यो पर प्रकाश डालते हुये खेतों में गहरी जुताई करने की सलाह दी। मिट्टी परीक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला एवं मिट्टी का नमूना लेने की तकनीकि बताई व मृदा स्वास्थ्य कार्ड को समझने व उसके अनुसार उर्वरक प्रबंधन के तरीके बताए। पशुपालन विभाग के अधिकारी ने जिले में चलाई जा रही शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी एवं पशुओं के रखरखाव व समय समय पर टीकाकरण की जानकारी कृषकों को दी।

तार लेने बजार गया घर नही लोटा

झाबुआ--- फरियादी कालु पिता धनजी भील, उम्र 50 निवासी मानपुर ने बताया कि फरि0 का पोता महेश पिता परू उम्र, 12 वर्ष निवासी थांदला तार लेने के लिए गया था जो वापस घर नहीं आया संदेह है की कोई अज्ञात आरोपी अपहरण कर ले गया। प्र्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 132/15, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

सट्टे अवंधे का कारोबार करते एक गिरफ्तार 
           
झाबुआ--- आरोपी विस्या पिता भुवान डामोर, उम्र 32 वर्ष निवासी गोपाल काॅलोनी झाबुआ का हार जीत का सट्टा लिखते कब्जे से सट्टा पर्ची नगदी 3,200/-रूपये जप्त कर गिरफ्तार किया गया। प्र्रकरण में कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 352/15, धारा 3/4 क जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (21 मई)

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गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित कर हरीश रावत बन सकते हैं इतिहास पुरुष 
  • गैरसैंण में ही बननी चाहिए उत्तराखंड राज्य की स्थायी राजधानी, केवल “समर कैपिटल” से सहमत नहीं टम्टा
  • यूपी के लिहाज से तो समर कैपिटल का होता औचित्य, पर्वतीय राज्य में शीतकालीन राजधानी का है प्रावधान

uttrakhand news
देहरादून, 21 मई । गैरसैंण में समर कैपिटल का मुद्दा तेजी से गर्म हो रहा है। इस मामले में अब पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा भी खुलकर मैदान में आ गए हैं। प्रदीप का कहना है कि किसी पर्वतीय राज्य में समर कैपिटल का कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्होंने यहां तक कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करके मुख्यमंत्री हरीश रावत हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस परमार की तरह इतिहास के पन्नों में अपना ना दर्ज करा सकते हैं।  उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन से लेकर राज्य के जल,जंगल और जमीन के आन्दोलनों से जुड़े पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा से एक खास बातचीत में उन्होने समर कैपिटल पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि देश में 11 पर्वतीय राज्य हैं। इनमें से दस राज्यों की राजधानी पहाड़ में ही है। केवल उत्तराखंड ही ऐसा पर्वतीय राज्य है, जिसे आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है। अब गैरसैंण में समर कैपिटल की बात की जा रही है। इसे किसी भी दशा में उचित नहीं माना जा सकता। अगर उत्तर प्रदेश राज्य में होते तो समर कैपिटल को उचित माना भी जा सकता था, क्योंकि गर्मी के मौसम में पहाड़ की ठंडी हवा में सरकारी कामकाज होता। लेकिन पर्वतीय राज्य में समर कैपिटल की बात कहा से आ रही है। प्रदीप टम्टा न कहा गैरसैण गढ़वाल और कुमायूं दोनों मंडलों के बीच है तथा यह पर्वतीय राज्य का भी प्रतीक है और यह राज्य निर्माण के लिए शहीदों की शहादत और उनके सपनों की राजधानी भी है. लिहाजा गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाये जाने में किसी भी तरह का कोई पेंच नजर नहीं आता। पूर्व सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित देश के अन्य पर्वतीय राज्यों की पर्वतीय इलाकों में राजधानियों पर कहा कि शीतकालीन राजधानी का औचित्य बन भी सकता है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में पहाड़ पर कामकाज मुश्किल होता है। ऐसे में वहां छह माह के लिए राजधानी मैदानी क्षेत्र में आ जाती है। लेकिन उत्तराखंड में समर कैपिटल की बात करके नया मजाक किया जा रहा है। पूर्व सांसद ने कहा कि गैरसैंण में स्थायी राजधानी की मांग अपनी जगह पूरी तरह से जायज है। उनका मानना है कि कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस दिशा में तत्काल पहल करनी चाहिए। ताकि देर न हो जाए। टम्टा ने तो यहां तक कहा कि सीएम हरीश के पास इस वक्त मौका है। हिमाचल के मुख्यमंत्री परमार की तरह ही इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री हरीश को तत्काल ही गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित कर देना चाहिए। प्रदीप टम्टा का कहना है उत्तराखंड वासियों ने पर्वतीय व हिमालयी राज्य की लडाई के साथ ही उत्तरप्रदेश से बंटवारे की लडाई लड़ी, ताकि 25 हजार वर्ग किलोमीटर के इस हिमालयी राज्य की उत्तराखंड के रूप में पहचान हो। उन्होंने कहा यदि गैरसैण इस राज्य की स्थायी राजधानी घोषित होती है तो वह राज्य की मूल अवधारणा की परिलक्षित करता है और यदि नहीं तो हम उत्तर प्रदेश में क्या बुरे थे। 

गैरसैंण पर कोरी राजनीति कर रही कांग्रेस सरकारः भट्ट

देहरादून,21 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात सुनकर आश्चर्य हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कभी भी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात नहीं आयी किन्तु राष्ट्रपति के अभिभाषण में यह बात प्रकाशित कर दी गयी। कांग्रेस सरकार गैरसैंण पर कोरी राजनीति कर रही है, यह एक भावात्मक मुद्दा है इसलिए कांगे्रस सरकार इस मुद्दे को छेड़कर भावनात्मक तरीके से यहाॅ के लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही है, और वह इस मुद्दे को भावनात्मक तरीके से भुनाना चाहती है।  श्री भट्ट ने कहा कि कभी भूमि पूजन तो कभी शिलान्यास करके और कभी गैरसैंण में विधानसभा चलाकर यह सरकार वहाॅ करोड़ों रूपये फूॅक चुकी है। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का संकल्प लाया गया था, इस संकल्प पर बहस भी हुई किन्तु वोटिंग के समय केवल भा0ज0पा0 के लोगों ने इसके पक्ष में मत दिया। कांगे्रस और पीडीएफ ने इसके विरोध में मत देकर इस संकल्प को गिरा दिया, अगर इस संकल्प पर बल दिया गया होता तो गैरसैंण में वर्ष 2013 में ही ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गयी होती, आज फिर सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार चाहे गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये, अस्थाई राजधानी बनाये या स्थाई राजधानी बनाये, जो भी करना हो शीघ्र करे किन्तु प्रदेश की जनता के साथ भावनात्मक राजनीति करना बंद करे। भा0ज0पा0 प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कहीं भी राजधानी बनाये जाने को सहमत है, यह मत हम पहले भी व्यक्त कर चुके हैं क्योंकि 14 जनवरी 2013 को जिस समय स्वयं पूरी सरकार गैरसैंण में मौजूद थी, हमने सबसे पहले कहा था कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन अथवा स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा आज ही कर दी जाय। इसके लिए सबसे पहले गैरसैंण को जिला बनाया जाय। श्री भट्ट ने कहा राजधानी कहीं भी बने यदि सत्ता पक्ष में बैठने वाले लोग ईमानदार नहीं होंगे तब तक इसका कोई लाभ प्रदेश की जनता को मिलने वाला नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि आज राजधानी से भी महत्वपूर्ण ईमानदार लोगों की सरकार होना है जो कि वास्तव में भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ सकें। श्री भट्ट ने कहा कि निदेषक उद्यान श्री खान को आज जो निलंबित किया गया है यदि अदरक घोटाले के कारण वह निलंबित हुए हैं तो इसमें कृषि मंत्री को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि जब हमने अदरक घोटाले की बात कृषि के बजट पर सदन में उठायी थी तो कृषि मंत्री ने सदन में जोर-शोर से कहा था कोई अनियमितता नहीं हुई है, और न ही कोई वित्तीय घोटाला हुआ है, यह बात विधानसभा की कार्यवाही में भी दर्ज है। श्री भट्ट ने कहा कि इस प्रकार से कृषि मंत्री ने पूरे प्रदेश व सदन को भी गुमराह किया इसलिए उन्हें स्वयं भी तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि यदि अदरक खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ था तो निदेशक को निलंबित करने का क्या कारण है। आज फिर हमारी बात सही साबित हुई है, सरकार जान-बूझकर तथ्यों को सदन में छुपाती है तथा सही उत्तर नहीं देती है।

केदारनाथ यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ी

देहरादून, 21 मई (निस)। 2013 को केदारघाटी में आई भीषण आपदा के बाद इस वर्ष फिर से केदारनाथ यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। एक महीने से भी कम समय में 38 हजार यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंच चुके हैं, जबकि गत वर्ष यह संख्या पूरे छह माह की थी। यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए अब स्थानीय लोग केदारनाथ में यात्रा व्यवस्थाएं जुटाने में स्थानीय लोगों की सहभागिता पर जोर दे रहे हैं। केदारनाथ आपदा के बाद यात्रा व्यवस्था को पुराने ढर्रे पर लाना सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई थी। सरकार ने 2014 में प्रतिदिन 500 यात्रियों को ही सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना करने का निर्णय लिया था। केदारनाथ में पांच सौ यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की गई थी, हालांकि यह संख्या कई बार 700 तक भी पहुंची। लेकिन, इस बार प्रशासन ने यात्रियों की संख्या बढ़ाते हुए प्रतिदिन 1500 यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे रवाना करने का निर्णय लिया। यात्रियों की संख्या प्रशासन के अनुमान से कहीं अधिक है। इन दिनों प्रतिदिन दो हजार से लेकर 2500 यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि जून महीने में यह संख्या और बढ़ेगी। यात्रा पड़ाव व केदारनाथ में प्रशासन ने सीमित व्यवस्थाएं की हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर प्रशासन को व्यवस्थाएं भी बढ़ानी होंगी। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। निम ने बड़ी संख्या में अतिरिक्त टेंट व बिस्तर केदारनाथ पहुंचाए हैं। व्यवस्था के तहत टेंट कॉलोनी में अस्थाई टेंट लगाए जा रहे हैं। तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि यात्रियों की संख्या बढ़ना एक शुभ संकेत हैं। यात्रा मार्ग व केदारनाथ में स्थानीय लोगों को भी व्यापार शुरू करने के लिए प्रशासन को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि यात्रा को स्थानीय लोगों से जोड़ा जा सके। व्यापारी व तीर्थ पुरोहित राकेश शुक्ला का कहना है कि सरकार को पूर्व की भांति यात्रा का जिम्मा स्थानीय लोगों को ही सौंप देना चाहिए। यदि यात्रियों की संख्या पांच से दस हजार प्रतिदिन होती है तो सरकार इतने यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था नहीं कर सकेगी। ऐसे में स्थानीय लोगों की सहभागिता जरूरी है।

रुद्रपुर की बेशकीमती जमीनों पर लगी नेताओं की निगाहें, फ्री-होल्ड कराने के लिए कई ने देहरादून में जमाया डेरा
  • शहर में नजूल और सीलिंग सैकड़ों एकड़ भूमि खाली, तमाम लोगों ने पहले से ही कर लिया अपना कब्जा
  • सियासी रसूख के सहारे अपने नाम कराने की कवायद

देहरादून,21 मई (निस)। रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) शहर में खाली पड़ी नजूल और सीलिंग की बेशकीमती जमीन पर सियासी नेताओं की नजरें जमी हैं। ऐसी तमाम जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। अब इस जमीन को अपने नाम दर्ज कराने के लिए जमीन को फ्री-होल्ड कराने की कवायद की जा रही है। आलम यह है कि सत्ता में दखल रखने का दावा करने वाले कई लोगों ने राजधानी देहरादून में ही डेरा जमा रखा है। यह रुद्रपुर शहर पूरी तरह से नजूल की जमीन पर ही बसा है। भारत विभाजन के बाद यहां आए लोगों को तत्कालीन सरकार ने पट्टा दिया था। इनमें से तमाम लोगों ने पिछले कुछ सालों में जमीन को फ्री-होल्ड कराकर अपने नाम दर्ज करवा लिया है। इस शहर में आज भी तमाम लोग ऐसे हैं, जो कि नजूल की जमीन पर ही अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे हैं। ऐसे लोगों की सहूलियत के लिए सरकार ने फ्री-होल्ड का शासनादेश जारी किया था। इसके तहत सरकार की ओर तय की रकम को जमा कराने के बाद लोग जमीन अपने नाम करवा सकते हैं। अब इसी शासनादेश की आड़ में सियासी रसूख वाले लोग शहर में खाली पड़ी नजूल की जमीन के साथ ही सीलिंग की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में जुटे हैं। ये जमीनें बेशकीमती है और बाजार भाव के लिहाज से कीमत करोड़ों में हैं। अब अगर सियासी रसूख का फायदा उठाकर ये लोग जमीन को फ्री-होल्ड कराने में कामयाब हो जाते हैं तो बहुत कम पैसे में जमीन इन लोगों के नाम हो जाएगी। बताया जा रहा है कि शहर के कई नामी गिरामी लोग इसी कवायद में लगे हैं। इन लोगों की सत्ता के केंद्र खासी पकड़ बताई जा रही है। कई लोगों ने तो इस काम के लिए पिछले कई रोज से देहरादून में ही डेरा जमा रखा है। देहरादून प्रतिनिधि के अनुसार रुद्रपुर के सियासी नेताओं की इन दिनों बीजापुर गेस्ट हाउस में चहलकदमी खासी बढ़ गई है। सूत्रों ने बताया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने तो अपना मामला जमा भी लिया है। माना जा रहा है कि आगे आने वाले कुछ समय में ही बेशकीमती जमीनें इन लोगों के पक्ष में फ्री-होल्ड की जा सकती हैं। जाहिर है कि इन बाद में इन जमीनों को बेचकर या फिर उसकी व्यावसायिक उपयोग करके लोग करोंड़ों के न्यारे-वारे करने की तैयारी में हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार अपनी पार्टी के ही इन रसूखदार नेताओं पर किस हद तक अपनी मेहरबानियों की बारिश करती है।

झा कालेज की जमीन पर भी कब्जे की कोशिश
शहर के विख्यात एएन झा राजकीय कालेज के पास सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है। कुछ लोगों ने इस जमीन पर कब्जा भी कर रखा है और इसी की आड़ में मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया है। पिछले दिनों यह मामला शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के संज्ञान में लाया गया था। काबीना मंत्री ने इसे खासी गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी पंकज पांडे को साथ लेकर जमीन का मौका-मुआयना भी किया। मंत्री ने जिलाधिकारी से पूछा आखिर ये हो क्या रहा है। इस तरह के मामलों में सख्ती से काम लिया जाए। मंत्री जी तो यह कहकर चले गए। लेकिन किसी भी प्रशासनिक अफसर ने इस ओर पलटकर भी नहीं देखा।  

रिवर वैलीः फार्म के पैसे नान रिफंडेबल, ग्रामीण बैंक और यूको बैंक से भी बिक रहे फार्म
  • केवल फार्म बिक्री से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना, लुभावने वायदों में फंसती जा रही पहाड़ की गरीब जनता
  • सरकारी सिस्टम को नहीं बिल्डर की मनमानी की परवाह

देहरादून,21 मई (निस)। देहरादून में बिल्डरों की मनमानी पर सरकारी सिस्टम किसी तरह का अंकुश लगाने को तैयार नहीं है। आलम यह है कि विडंलास बिल्डर केवल आवेदन फार्मों से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना पर काम कर रहा है। भारतीय स्टेट बैंक और यूको बैंक के माध्यम से तो आवासीय योजना में फ्लैट के लिए आवेदन पत्र बिक्री कराए ही जा रहे थे। अब पहाड़ तक पहुंच बनाने के लिए उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से भी आवेदन फार्मों की बिक्री की जा रही है। विडंलास ग्रुप की रिवर वैली आवासीय परियोजना का पूरे प्रदेश में जमकर प्रचार किया जा रहा है। बिल्डर की ओर से लोगों को कम पैसे में फ्लैट देने के लुभावने वायदे किए जा रहे हैं। लोग इस योजना में मकान लेने की जुगत में जुट गए हैं। हालात इशारा कर रहे हैं कि बिल्डर ने हाउसिंग योजना में फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना बना रखी है। फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों को पहले एक आवेदन फार्म खरीदना होगा। इन फार्मों की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक के साथ ही यूको बैंक और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की शाखाओं से की जा रही है। इसके अलावा बिल्डर अपने स्तर से भी फार्मों की बिक्री कर रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के माध्यम से राज्य के पर्वतीय इलाकों में भी आवेदन फार्म बेचे जा रहे हैं। एक फार्म की कीमत 570 रुपये तय की गई है। फार्म में इस बात का जिक्र किया गया है कि इसकी कीमत नान रिफंडेबल है। यानि कि फार्म खरीद लिया तो 570 रुपये बिल्डर के खाते में गए। बताया जा रहा है कि व्यापक प्रचार-प्रसार करके बिल्डर अब तक 30 हजार के आसपास फार्म बेच चुका है। इस लिहाज से केवल फार्म की बिक्री से ही बिल्डर के खाते में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम जमा हो चुकी है। चूंकि पैसा नान रिफंडेबल है। ऐसे में इस पैसे पर बिल्डर का ही अधिकार हो चुका है। अहम बात यह भी है कि इस रिवर वैली आवासीय योजना में बनने वाले फ्लैटों की संख्या लगभग तीन हजार ही है। साफ जाहिर है कि बिल्डर फार्म की बिक्री के नाम पर करोड़ों रुपये कमाने की जुगत में है। बिल्डर ने पहले कहा कि फ्लैटों की आवंटन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। न्यूज वेट जब इस बात का खुलासा किया कि लाटरी के लिए सरकार से किसी तरह की कोई परमीशन ही नहीं ली गई है। इसके बाद बिल्डर की ओर से प्रचारित किया गया कि फ्लैटों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इस पर सवाल यह अगर ऐसा है तो तीस हजार से ज्यादा फार्म क्यों बेचे गए हैं। आम जनता के पैसे के साथ सरेआम किए जा रहे इस खिलवाड़ पर सरकारी सिस्टम मौन साधे बैठा है। किसी भी अफसर को इस बात की परवाह नहीं है कि जनता के किस तरह से एक बिल्डर अपने खाते में जमा करवा रहा है। इस बारे में आवास सचिव डीएस गर्ब्याल से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

कांग्रेसियों ने पुण्यतिथि पर राजीव को किया याद, कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन में श्रद्धांजलि सभा
  • गांधी को गया बताया इस आधुनिक भारत का निर्माता, स्व. पीएम के दिखाए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प

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देहरादून,21 मई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में एक श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी को याद किया गया। इस मौके पर हुई एक सभा में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्व. राजीव ने ही आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखीं। उन्होंने कहा कि स्व. गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर की देश का विकास किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उनकी कार्यशैली ने विकास की एक नई संस्कृति को जन्म दिया। देश उनके ऋण से कभी मुक्त नहीं हो सकता। अन्य वक्ताओं ने भी राजीव को अपना प्रेरणाश्रोत बताते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। इस मौके पर प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा और विधायक सरिता आर्य, कांग्रेस उपाध्यक्ष शंकर सिंह रमोला, महासचिव आर्येंद्र शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेंद्र आर्य, जोतसिंह बिष्ट, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह समेत तमाम अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के शहादत दिवस गोष्ठी आयोजित 

देहरादून,21 मई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के शहादत दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने राजीव गांधी अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा राजीव तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाकर अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयेाजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्व0 राजीव गांधी को भारत में सूचना क्रान्ति का जनक बताते हुए कहा कि उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उन्होंने कहा कि स्व0 राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाकर युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। भारत को आर्थिक महाशक्ति व सूचना क्रान्ति में अग्रणी देश बनाने की बुनियाद भी राजीव गांधी जी ने डाली थी उन्हीं के प्रयासों के कारण आज विश्व के देश भारत को महाशक्ति बनते देख रहे हैं। पड़ोसी देशों से मधुर सम्बन्ध बनाने की पहल स्व. राजीव गांधी द्वारा की गई थी। 
प्रदेश प्रभारी संजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदैव ही पंचायतों की मजबूती व उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाये जाने पर जोर रहा है। पंचायतों की इसी मजबूती के लिए स्व0 राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्वकाल में कांग्रेस द्वारा संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों को और अधिक प्रभुतासम्पन्न बनाने का कार्य किया गया। स्व0 राजीव गांधी जी को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि स्व0 राजीव गांधी ने भारत को 21वीं सदी में ले जाने का जो सपना देखा था वह आज साकार हो गया है। स्व0 राजीव को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि राजीव ने न केवल सूचना के क्षेत्र में नई क्रान्ति का संचार किया बल्कि पंचायतों की स्वायत्तता तथा मजबूती के लिए जो कार्य किया वह मील का पत्थर साबित हुआ है। भारत को आर्थिक महाशक्ति व सूचना क्रान्ति में अग्रणी देश बनाने की बुनियाद भी राजीव गांधी ने डाली थी उन्हीं के प्रयासों के कारण आज विश्व के देश भारत को महाशक्ति बनते देख रहे हैं। सूचना तकनीक के क्षेत्र में भारत वर्ष की गिनती आज दुनिया के अग्रणी देशों में की जाती है जिसका श्रेय स्व0 राजीव गांधी को है। स्व0 राजीव गांधी ने 18 वर्ष की आयु के युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। उनके द्वारा उठाये गये कदमों से आज भारतीय महिलाएं देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं। गोष्ठी को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, मनोहरलाल शर्मा, एस.पी. सिंह इन्जीनियर, शंकर चन्द रमोला, रविन्द्र जैन, श्रीमती संतोष चैहान, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, जीतराम, राजकुमार, अर्येन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महिला अध्यक्ष सरिता आर्य, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, डाॅ0 जयाशुक्ला, सुन्दरलाल मुयाल आदि ने भी संबोधित किया। संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष काजी निजामुद्दीन ने किया।  इस अवसर पर प्रदेष महामंत्री, राजेश जुवांठा, राजपाल, मास्टर सत्यपाल, नवीन जोशी, प्रदेश सचिव  दीप बोरा, पूनम भगत, ममता गुरूंग, मेहरलता जज, अश्विनी कुमार, विवेक शर्मा, संजय किशोर, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, अजय ंिसह, महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, रीना कपूर, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, आईटी प्रकोष्ठ के अमरजीत सिंह, क. बीलवीर, अनिल गुप्ता, राजेन्द्र चैधरी जाट, नजमा खान, टीका राम पाण्डे, पायल बहल, अनिल नेगी, रोशनी गोदियाल, श्रीमती सिमरन, पुष्पलता ममगांई, सावित्री थापा, राजकुमारी, सुलेमान अली, विषाल मौर्य, पुष्पा देवी, भरत शर्मा, सोमवती, बाला शर्मा, माया देवी, संगीता देवी, श्रवण रजौरिया, आशीष उनियाल,, मीना रावत, ललित जोशी, सुधा शुक्ला, संयोगिता रानी, सरोज देवराडी, पुष्पांजलि दीवान, मेहरलता जज, अनुराधा तिवारी, बिमला मन्हास, बाला शर्मा, मधु सेमवाल, चन्द्रकला नेगी, सुषीला शर्मा, पुष्पा पंवार, साहीन बानो, सुमित्रा ध्यानी, कमला देवी, सावित्री प्रजापति, राधिका शर्मा, उशा, आषा शर्मा, प्रताप सिंह चैहान, विजय लक्ष्मी गुसांई, मेघ सिंह, सहित अनेक  कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्रदेश के बच्चों ने सीएम से की मुलाकात 

देहरादून,21 मई (निस)। गुरूवार को बीजापुर हाउस में उत्तराखण्ड बाल कल्याण परिषद् के तत्वावधान मे राज्य के सभी जनपदों से आए बच्चों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उŸाराखण्ड बाल कल्याण परिषद के पदाधिकारियों को प्रतिभावान बच्चों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के नाम पर एक योजना बनाने के लिए कहा व इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने परिषद के क्रियाकलापों का विवरण प्रस्तुत करने को कहा ताकि उसे सरकार की तरफ से और भी सहायता दिए जाने पर विचार किया जा सके। उन्होंने बच्चों द्वारा की गई प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन वर्ष भर किए जाने चाहिए ताकि बच्चे अपने राज्य के बारे में जान सकें। राज्य के सभी जनपदों से आए सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि के ये सभी बच्चे उत्तराखण्ड बाल कल्याण परिषद् के तत्वावधान में ’मिलकर रहना सीखो’ राज्य स्तरीय वार्षिक पांच दिवसीय शिविर, 2015 के अन्तर्गत आज मुख्यमंत्री श्री रावत से मिलने बीजापुर हाउस आए थे।   इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी, विधायक डा. जीतराम सहित राज्य बाल कल्याण परिषद् के पदाधिकारी मौजूद थे।

युवक ने ट्रेन से कटकर दी जान

देहरादून,21 मई (निस)। गुरूवार की सुबह एक युवक ने ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर युवक के परिजनों को सूचित किया। युवक अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बैंक की तैयारी कर रहा था। युवक के पिता यूनियन बैंक कलकत्ता में कार्यरत हैं। मिली जानकारी के अनुसार नेहरू काॅलोनी थाना क्षेत्र के अन्तगर्त बद्रीपुर रेलवे फाटक पर गुरूवार की सुबह एक युवक ने दिल्ली से दून आ रही निजामुद्दीन एक्सप्रेस टेªन से कटकर अपनी जान दे दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आस-पास लोगों से मृतक की शिनाख्त कराई। मृतक की पहचान हर्ष लखेड़ा 26 वर्ष पुत्र दिनेश लखेड़ा निवासी इन्द्रप्रस्थ, विहार जोगी वाला के रूप में हुई। बताया जा रहा हैं कि मृतक हर्ष बैंक की तैयारी कर रहा था व प्रारम्भिक परीक्षा में पास भी हो गया था। मृतक पिछले कुछ समय से मानसिक अवसाद से ग्रस्त था। इसके लिए उसका इलाज भी चल रहा था। मृतक के पिता यूनियन बैंक की कलकत्ता स्थित शाखा में तैनात हैं। जो इस सूचना के बाद वहां से देहरादून के लिए निकल गये थे।

मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवान्नद ने किया अन्नजल का त्याग

देहरादून,21 मई (निस)।  हरिद्वार मे अवैध खनन एक बार फिर से पुनः बेलगाम हो चुका है। खनन का ये खेल इतना खौफनाक हो चुका है। कि इसमे कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकती है।  स्वामी शिवानन्द का कहना है कि शासन प्रशासन पूरी तरह से अवैध खनन को लेकर माफिया गर्दी पर उतर आया है। जिस स्थान पर जिलाधिकारी ने स्वंय 18 मई को ये कहकर आदेश दिया था कि भोगपुर ,बिशनपुर कुंडी , और टांडा भागमल मे इन स्थानो पर कोई खनन सामंग्री नही बची है इस लिये वहां सभी पटटो को बन्द किया गया है। दूसरी तरफ गंगा मंे उसी स्थान पर सफाई के नाम पर उसी अधिकारी के द्वारा ये आदेश दिया जाता है कि गंगा मे पानी को बहने मे बाधा उत्पन्न ना हो । उसके लिये गंगा मे दर्जनो से भी ज्यादा पोखलैंड मशीनो को उतारकर अवैध खनन करवाने मे जिलाधिकारी खुद सहयोगी बने हुए है। और अवैध रूप से चल रहे खनन को अनुमति प्रदान कर रहे है। जबकी इनके दॅसरे आदेश में भी कही लिखा नही है कि पोखलैंड और जेसीबी मशीनो के द्वारा ये सफाई कार्य किया जायेगा। एक ही अधिकारी के एक समय मे एक विषय को तेकर दो अलग अलग आदेश अपने आप मे एक बडा सवाल पैदा करते है। और इस तरह से हो रहे गंगा मे अवैध खनन को मातृसदन बिल्कुल बर्दाश्त नही करेगा। जिसके खिलाफ आज स्वामी शिवानन्द कनखल स्थित अपने आश्रम मे अन्नजल का त्याग कर अपनी आमरण अनशन रूपी तपस्या पर बैठ गये है। और उनका कहना है कि जब तक गंगा मे अवैध खनन करा रहे और कर रहे लोगो पर कार्यवाही कर दंड नही दिया जाता तब तक उनकी तपस्या जारी रहेगी। वही मातृसदन के ब्रहमचारी आत्मबोधानन्द को भी अनशन पर बैठे आज पांच दिन हो चुके है। लेकिन शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने तक नही पहुंचा है।

राम मंदिर आरएसएस एवं भाजपा ही बना सकते हैंः सरस्वती 

देहरादून,21 मई (निस)। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा नहीं बना सकते हैं। राम मंदिर तो धर्माचार्य ही बनाएंगे। इस दौरान उन्होंने नये अखाड़ा परिषद को मन्याता भी दी। साथ ही कहा नरेंद्र गिरी ही परिषद के अध्यक्ष हैं।  गुरुवार को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ (शंकराचार्य निवास) में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना आरएसएस और भाजपा के बस का नहीं है। अब धर्माचार्यों को ही इस दिशा में पहल करनी होगी। वे ही राम मंदिर का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबर के आने के प्रमाण नहीं हैं। राम मंदिर निर्माण की बात मुस्लिम विरोधी नहीं है। इस दौरान उन्होंने नए अखाड़ा परिषद को मान्यता देते हुए कहा कि ज्ञान दास नहीं नरेंद्र गिरी ही परिषद के अध्यक्ष हैं। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में बन रहे बांधों का विरोध किया। उन्होंने स्कूलों में गीता पढ़ाए जाने की मांग की।

स्वतन्त्र अभिव्यक्ति का अधिकार ही मानवाधिकार 

देहरादून,21 मई (निस)। मौलिक अधिकारो एवं स्वतन्त्र अभिव्यक्ति का अधिकार ही मानवाधिकार के अन्तर्गत आता है यह बात उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय विजेन्द्र जैन ने आज सर्किट हाउस अल्मोड़ा में कही। उन्हांेने कहा कि अधिकारों एवं स्वतन्त्रताओं के उदाहरण के रूप में जिनकी गणना की जाती है उनमें नागरिक और राजनैतिक अधिकारो, नागरिक एवं राजनैतिक अधिकार सम्मलित है। जैसे की जीवन व आजाद रहने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता, कानून के सामने समानता एवं आर्थिक, समाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों के साथ ही साथ सांस्कृतिक गतिविधियों मंे भाग लेने का अधिकार, भोजन का अधिकार, काम करने का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार सम्मलित है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए हमें कार्य करना होगा। न्यायाधीश ने कहा कि वर्ष 2015 में मानवाधिकार आयोग ने यह निर्णय लिया कि जनता के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुनी जाय और उन शिकायतों के आधार पर कार्य का आकलन किया जाय। मानवाधिकार आयोग पर्यावरण के प्रति भी लोगो को प्रेरित करने का कार्य भी करता है। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने भ्रमण के दौरान पाया कि जनपद नैनीताल के अधिकांश क्षेत्रों पर नदी के किनारे होटलों का निर्माण किया गया है जिसमें निर्माण कार्यों हेतु शर्तें निर्धारित की जाती है उसका ध्यान नहीं रखा गया हैं इसका संज्ञान लेते हुए वे शासन को अवगत करायंेगे। यदि अन्य शहरों में भी इस तरह की शिकायतें होंगी तो उसे भी गम्भीरता से लेंगे। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार आयोग का गठन उत्तराखण्ड में अगस्त, 2012 में हो गया था लेकिन आयोग द्वारा 13 मई, 2013 से अपना कार्य प्रारम्भ किया। इस दो वर्ष के दौरान आयोग में 2614 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 2392 शिकायतों का निस्तारण आयोग द्वारा कर दिया गया है। 222 शिकायतें लम्बित है। उन्होंने बताया कि जनपद अल्मोड़ा से कुल 32 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से 28 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है 04 शिकायतें लम्बित है। जनपद बागेश्वर की 16 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से सभी का निस्तारण कर दिया गया हैं। अध्यक्ष ने बताया कि मानवाधिकार आयोग में कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत लिखित व ई मेल के माध्यम से भेज सकता है। मानवाधिकार का मुख्य उददेश्य मानवाधिकार का हनन न हो इसका ध्यान रखना है। इस अवसर पर पत्र प्रतिनिधियों ने उन्हें अवगत कराया कि अल्मोड़ शहर में अभी पूर्णरूप से सीवर लाईन का कार्य लागू नहीं और न ही ट्रीटमेंट प्लान्ट चालू है। इसके अलावा प्रसिद्व जागेश्वर धाम में भी सीवर की व्यवस्था नहीं है साथ ही शवदाह के लिए कोई समुचित कदम नहीं उठाये गये है। पत्र प्रतिनिधियांे ने अल्मोड़ा मे अनियन्त्रित ढ़ग से बन रहे भवनों एवं मानक के अधिक ऊचाई वाले भवनों के निर्माण की शिकायत भी उनसे की। इस बात को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में छपी खबरों के माध्यम का संज्ञान लेते हुए वे इस पर ठोस निर्णय लेंगे। इस अवसर पर चिकित्सालयों द्वारा जो कूढ़ा एकत्र कर फैका जाता है उसके निस्तारण की भी बात उनके संज्ञान में लायी और पर्वतीय क्षेत्रों  में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था पर भी उनका आकृष्ट किया। इस दौरान यह भी बात उनके संज्ञान में लायी गयी कि पर्वतीय क्षेत्रों में क्षमता से अधिक सवारी वाहनों में बैठायी जाती है जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है और इसका कारण यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मोटर दुर्घटनायें अधिक होती है। अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रबन्धन को मजबूत करने के लिए हमें इस तरह के कार्य करने होंगे जिससे कि बाहर से आने वाले श्रद्वालुओं व पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार के प्रति लोग अधिकाधिक सजग रहें इसके लिए अभी तक रूड़की एवं रामनगर में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है तीसरी कार्यशाला 22 मई को विकासभवन, अल्मोड़ा के सभागर में प्रातः 11ः00 बजे से आयोजित की गयी है। इस कार्यशाला में कोई भी व्यक्ति जो मानवाधिकार के बारे में जानकारी रखना चाहता हो वह प्रतिभाग कर सकते है। उन्होंने कहा कि जनपद अल्मोड़ा में मानवाधिकार उलघंन की कम शिकायतें प्राप्त हुई है यह एक अच्छी बात है कि यहाॅ पर प्रशासन सजग है दूसरी बात यह भी है कि बहुत से लोगो को मानवाधिकार की जानकारी नहीं है उसके लिए भी हम सभी को जनगारूकता फैलाकर इसका प्रचार-प्रसार करना होगा। इस अवसर पर उनके साथ उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेश टण्डन, विशेषकार्याधिकारी मानवाधिकार आयोग केसु प्रसाद गुप्ता एवं उपजिलाधिकारी सदर श्रीमती रिंकू बिष्ट, तहसीलदार सदर गौरी दत्त तिवारी उपस्थित थे। इसके बाद उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अधीन बाल निकेतन, नारी निकेतन, महिला सुधारगृह सहित ऐतिहासिक जिला जेल का भी निरीक्षण किया और वहाॅ की समस्याओं को जाना इस दौरान उनके साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती चन्द्रा चैहान उपस्थित थी। इस भ्रमण के बाद उन्होंने प्रसिद्व चितई मन्दिर व जागेश्वर धाम को प्रस्थान किया।

भिलंगना नदी से दो शव बरामद

देहरादून,21 मई (निस)। बीती दस मई को घनसाली के पास मैक्स दुर्घटना के बाद लापता चल रहे तीन लोगों में से दो के शव गुरूवार की सुबह भिलंगना नदी से बरामद कर लिए गए। इनमें से एक महिला अभी लापता चल रही है। बीती दस मई को मैक्स वाहन यूके 09 टीए- 0174 चमियाला से घनसाली आ रहा था। चमियाला मेन बाजार से सटे एक मोड़ पर चालक गाड़ी पर नियंत्रण खो बैठा। परिणामस्वरूप वाहन सौ मीटर गहरी खाई से लुढ़कते हुए भिलंगना नदी में समा गया। दुर्घटना में चार लोगों नवीन (18) पुत्र किशोरी लाल (निवासी ग्राम रक्स्या बूढ़ाकेदार), आशा देवी (42) पत्घ्नी भरत लाल (निवासी सरूणा), अमन नौटियाल (18) पुत्र खिलानंद (निवासी बौंसला) और अनीता (32) पत्घ्नी शांति लाल (निवासी ग्राम भनैड़ी गोनगढ़) की मौके पर मौत हो गई थी। इनके शव तभी बरामद कर लिए गए थे। अन्य लोगों में अनीता की तीन वर्षीय बेटी गोपी, बबीता (23) पत्घ्नी बलबीर (निवासी लोदस) और ओम प्रकाश पुत्र बलवीर (निवासी गोना गांव) लापता चल रहे थे। गुरुवार को असेना के पास झील के पानी में अनीता की तीन वर्षीय बेटी गोपी व ओम प्रकाश पुत्र बलवीर (निवासी गोना गांव) के शव तैरते हुए मिले। इन्हें पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

गोली लगने के बाद आदमखोर गुलदार जंगल में भागा

देहरादून,21 मई (निस)। नई टिहरी के पौखाल क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने गुलदार को नरभक्षी घोषित किए जाने के बाद मौके पर तैनात शिकारी ने देर रात खेतों में आए गुलदार को गोली मार दी। गोली लगने के बावजदू गुलदार जंगल की तरफ भाग निकला। जिसके बाद की गयी खोजबीन के बाद गुलदार का कुछ पता नही चल पाया है। जिससे ग्रामीणों में अब भी दहशत बरकरार है। ग्रंामीणों का मामना है कि घायल होने के बाद गुलदार और भी आक्रामक हो जाएगा। गौरतलब है कि घनसाली क्षेत्र की पट्टी फैगुल के पाली गांव निवासी विनोद सिंह नेगी (27) पुत्र वीर सिंह नेगी कीर्तिनगर में स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात था। बीती 18 मई की रात वह बाइक से नई टिहरी से अपने गांव पाली जा रहा था, लेकिन नवोदय विद्यालय पौखाल के पास उसे गुलदार ने मार दिया। मंगलवार को विनोद का शव पौखाल नवोदय विद्यालय के पास सड़क से नीचे खेतों में पड़ा मिला। गुलदार के हमले में युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार सुबह पौखाल में नई टिहरी-श्रीनगर मार्ग पर चक्का जाम भी किया। दोपहर साढ़े 12 बजे करीब गुलदार को गोली मारने के आदेश जारी करने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया था। इसके बाद ही मृतक युवक का दाह संस्कार हो सका। बुधवार की शाम ही गुलदार को मारने के लिए पौखाल में शिकारी जीएस भंडारी दल के साथ पहुंच गए थे। रात करीब दस बजे उन्हें खेत में गुलदार नजर आया। इस पर उन्होंने गोली चला दी, लेकिन गोली लगने के बाद भी गुलदार भाग निकला। शिकारी दल के साथ ग्रामीण भी गुलदार को जंगलों में तलाश कर रहे हैं।

केदारनाथ के अनुभवों पर होगी मानसरोवर यात्रा: मुख्य सचिव

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देहरादून,21 मई (निस)। मुख्य सचिव एन.रविशंकर द्वारा जून माह से प्रारम्भ होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के सफल संचालन हेतु धारचूला के गुंजी में विभागीय अधिकारियों के साथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जिस प्रकार चारधाम यात्रा समय पर सुगमतापूर्वक प्रारम्भ की गई विशेषकर केदारनाथ यात्रा जो आपदा के बाद समय पर प्रारम्भ की गई, उसी प्रकार केदारनाथ यात्रा की तर्ज पर वहाॅ के अनुभवों को कार्यान्वित करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस यात्रा को सुगम बनाए जाने हेतु सभी व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बीआरओ, लोनिवि को सड़क मार्ग को सुगम बनाए जाने हेतु निर्देश दिए। क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए जा रहे सड़क को तीन वर्ष में पूर्ण किए जाने के संबंध में बीआरओ के अधिकारियों द्वारा मुख्य सचिव को अवगत कराए जाने पर मुख्य सचिव ने कहा कि उक्त सड़क को डेढ़ वर्ष में पूर्ण करने हेतु राज्य सरकार द्वारा बीआरओ को धनराशि देने के साथ ही मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि समय पर सड़क निर्माण किया जा सके। मुख्य सचिव ने गुंजी में ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों  के साथ ही विभिन्न विभाग आईटीबीपी, बीआरओ, एसएसबी, लोनिवि, पेयजल, पशुपालन आदि विभागों के साथ बैठक भी की। गुंजी में वर्तमान में लोनिवि के पैदल पुल के स्थान पर बीआरओ द्वारा शीघ्र ही मोटर वैली ब्रिज बनाए जाने का बैठक में निर्णय लिया गया। इसके साथ ही क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था ठीक करने हेतु पेयजल विभाग को निर्देश दिए गए। उन्होंने लोनिवि को पैदल मार्ग में बर्फ को यात्रा प्रारम्भ होने तक हटाने के निर्देश देने के साथ ही मजदूरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि मार्ग शीघ्र ही ठीक किया जा सके। भ्रमण के दौरान मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि जिस प्रकार गुंजी से आगे की यात्रा की जिम्मेदारी आईटीबीपी के पास है उसी प्रकार गाला से गुंजी तक के यात्रा की जिम्मेदारी एसएसबी को दी जाएगी इस हेतु शासन स्तर से एसएसबी से वार्ता की जा रही है। उन्होंने आईटीबीपी को 2 लाख रूपए हैप्पोबैक व आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था हेतु देने के की बात कही। मुख्य सचिव ने यह भी अवगत कराया कि कैलाश मानसरोवसर यात्रा मार्ग में एसडीआरएफ को भी तैनात किया जाएगा। गुंजी में बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुमायूं मण्डल विकास निगम के प्रबंधक निदेशक डी.एस.गब्र्याल को निर्देश दिए कि कैलाश मानसरोवसर यात्रा के अतिरिक्त अन्य समय पर भी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिले इस हेतु दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करें। उन्हांेने कहा कि जनपद पिथौरागढ़ में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने हेतु नैनी सैनी में हवाई पट्टी का निर्माण किया जा रहा है ताकि हवाई सेवाआंे के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने अवगत कराया कि धारचूला से वर्तमान में हवाई सेवा जो प्रारम्भ की गई है, रेस्क्यू के साथ ही अन्य हवाई सेवा सुदढ़ किए जाने हेतु एक हेलीकाॅप्टर अतिरिक्त तैनात करने पर भी विचार किया जा रहा हैं। गुंजी में मुख्य सचिव द्वारा स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर ग्रामीणों से क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में भी वार्ता की गई। इसके उपरांत मुख्य सचिव द्वारा जौलजीवी में चारों घाटियों हेतु बनाए जा रहे आपदा प्रबंधन केंद्र हेतु जिला प्रशासन हेतु चयनित भूमि का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि उक्त भूमि के समस्त प्रस्ताव शीघ्र ही शासन को प्रेषित किए जाएं। मुख्य सचिव द्वारा आईटीबीपी सातवीं वाहिनी मिथी में भी आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर कैलाश मानसरोवसर यात्रा मार्ग में उनके द्वारा की जा रही विभिन्न कार्यों व तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने आईटीबीपी के कमांडर से कहा कि यात्रा संपन्न कराए जाने हेतु जो भी आवश्यकताएं हो उसकी सूची जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएं। इस दौरान आईटीबीपी मिर्थी के कमांडेंड के.एस. रावल द्वारा मुख्य सचिव को आईटीबीपी द्वारा की गई तैयारियों के संबंध में जानकारी दी।

मंत्रोच्चार के साथ संस्कार शिविर प्रारम्भ, 140 बच्चें सीख रहे विभिन्न धार्मिक विधियां

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उदयपुर 21 मई 2015। नवोदित प्रतिभाओं के संस्कार निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास के लिए ग्यारह दिवसीय बाल उत्सव के अंतर्गत ‘धार्मिक नैतिक संस्कार षिविर’ गुरुवार को जैनाचार्य देवेन्द्र मुनि मार्ग स्थित ‘देवेन्द्र धाम’ में प्रारम्भ हुआ, जिसमें उपस्थित बालक - बालिकाओं ने नवकार महामंत्र के मंत्रोच्चार व गायत्री मंत्र द्वारा विष्व शान्ति की प्रार्थना करते हुए समाजसेविका रंजना मेहता, समाजसेविका श्यामला वर्डिया व वरिष्ठ श्राविका प्रेमबाई कुमठ के करकमलों द्वारा षिविर का लोकार्पण हुआ। आयोजित संस्कार षिविर में 140 षिविरार्थी विभिन्न धार्मिक गतिविधियां सीख रहें है। जैनाचार्य श्री देवेन्द्र महिला मंडल की ओर से आयोजित इस षिविर में मंडल अध्यक्ष सुधा भंडारी ने बताया कि शिविर का मुख्य उद्धेष्य ग्रीष्मकालीन अवकाष में बच्चों को जैन धर्म की संस्कृति व धार्मिक संस्कारों से रुबरु कराना है। प्रातःकाल 6 बजे से प्रारम्भ षिविर में बच्चों को शारीरिक स्वास्थ्य एवं प्राण उर्जा के जागरण के लिए योग के अनेक प्रयोग सिखाए गए और साथ ही बच्चों में धार्मिक, आध्यात्मिक एवं जीवन निर्माण के संस्कारों का बीजारोपण करने के लिए मंत्रों का शुद्ध उच्चारण, 24 तीर्थंकरों के नाम, गुरुवन्दना करना, सामायिक सूत्र, पच्चीस बोल, प्रेरणात्मक कहानियां, महापुरुषों की यषोगाथा आदि का रसपान कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि योग-प्राणायाम से षुरु इस षिविर का समय प्रातः 6.30 से 1.00 बजे तक का है। 

द्वितीय दिवस संकल्प दिवस के रुप में मनाया जाएगा -
मंत्री ममता रांका ने बताया कि श्रमण संघीय सलाहकार दिनेष मुनि के 55 वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में संस्कार षिविर का द्वितीय दिवस संकल्प दिवस के रुप में मनाया जाएगा। उपस्थित बच्चों को पर्यावरण, जल संरक्षण व स्वच्छ शहर व स्वच्छ भारत का संकल्प दिलाया जाएगा।

भारत में जून तक काम जारी रखेगा ग्रीनपीस

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पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली दुनिया की अग्रणी गैर सरकारी संस्था ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वे भारत में जून तक संगठन का संचालन जारी रखेंगे, क्योंकि संगठन के कर्मचारियों ने तब तक बिना वेतन काम करने की इच्छा जाहिर की है। ग्रीनपीस ने इसके साथ ही कुछ ही सप्ताह में गायब होने की अटकलों को खारिज किया। गृह मंत्रालय ने पिछले महीने ग्रीनपीस के सारे विदेशी और घरेलू बैंक खाते बंद कर दिए, जिसके बाद संगठन के बंद होने का खतरा हो गया।

ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक समित आईच ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके कर्मचारी बिना वेतन लिए जून तक करने को राजी हैं। समित ने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों से ग्रीनपीस इंडिया को देश भर से अपार समर्थन मिल रहा है। मैं सिविल सोसाइटी और देश भर के हजारों समर्थकों के प्रति ग्रीनपीस की तरफ से आभार प्रकट करता हूं।"

उन्होंने कहा, "आज (गुरुवार) सुबह मेरे कर्मचारियों ने एक भावुक चिट्ठी में लिखी है कि वे जरूरत होने पर बिना वेतन के भी काम करने के लिए तैयार हैं। वैसे मुझे उम्मीद है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी और हमारे कर्मचारियों और उनके परिवारों को इस तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन अब जरूरत पड़ने पर हमलोग जून के अंत तक ग्रीनपीस के काम को जारी रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।"

समित को लिखी चिट्ठी को ग्रीनपीस इंडिया की बेवसाइट पर पढ़ा जा सकता है जिसमें लिखा है, "30 हजार से ज्यादा समर्थकों ने अब तक गृह मंत्रालय को जारी याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें सिविल सोसाइटी पर जारी दमन को बंद करने की मांग की गई है।"

मोदी सरकार विफल : लालू प्रसाद

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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने यहां गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कामकाज को पूरी तरह विफल करार दिया। समाचार चैनल 'आजतक'के मंथन कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "उद्योगपति और व्यावसायी भारत छोड़ रहे हैं। सैकड़ों किसान आत्महत्या कर रहे हैं, युवा बेरोजगार हैं..कहां हैं अच्छे दिन, जिसका मोदी ने वादा किया था।" पूर्व रेलमंत्री ने कहा, "मोदी सरकार सभी मोर्चो पर विफल है। देश के लोगों से कहा गया कि कालेधन के रूप में विदेश में जमा 26 लाख करोड़ रुपये वापस लाए जाएंगे, लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष (अमित शाह) कहते हैं कि वह तो एक जुमला था।"

उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया'की पूरी अवधारणा गलत है, क्योंकि मोदी ने तो वोट पाने के लिए सिर्फ सपने बेचे हैं। लालू ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े मंत्रालयों के बजट में कटौती कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह हर मंत्री पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मंशा के अनुरूप काम करने का दबाव बनाए हुए हैं।

राजद प्रमुख ने कहा, "इस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह सरकार कभी किसी मुद्दे पर कारगर साबित नहीं हुई है। प्रधानमंत्री सिर्फ दुनिया की सैर करने में लगे हैं।"

काला धन वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध : अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार विदेश में जमा काले धन को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। समाचार चैनल आजतक द्वारा आयोजित 'मंथन'सम्मेलन में अमित शाह ने कहा, "यह हमारा चुनावी वादा था, काला धन वापस लाने के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे।" उन्होंने कहा, "काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल का पहला फैसला था। हम बजट सत्र में एक विधेयक भी लाए हैं।"

काला धन वापस लाने की बात को एक राजनीतिक जुमला बताने के सवाल पर अमित शाह ने कहा, "मेरे कहने का आशय था कि वापल लाए गए धन का प्रयोग देश के विकास में किया जाएगा, न कि लोगों को चेक दिए जाएंगे।"भाजपा अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा था कि काला धन वापस लाकर सभी के खातों में 15 लाख रुपये जमा कराए जाने का वादा एक राजनीतिक जुमला था।"

जयललिता के शपथ लेने पर रोक लगाने की मांग

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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) प्रमुख जे. जयललिता के खिलाफ एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर रोक लगाई जाए। आशंका जताई जा रही है कि जयललिता 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। जयललिता को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अवैध संपत्ति के मामले में बरी कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय में वकील जी.एस. मणि ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता को बरी किए जाने से उनकी राज्य विधानसभा की सदस्यता की अयोग्यता स्वत: समाप्त नहीं होती। जयललिता को निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले मे दोषी ठहराया था, बाद में उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उच्च न्यायालय द्वारा उनको बरी किए जाने से उनकी विधानसभा सदस्य बनने की अयोग्यता तब तक समाप्त नहीं होती जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय यह फैसला नहीं करता कि कौन सा आदेश (निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने वाला फैसला अथवा उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने का फैसला) सही है।  इसके अलावा मणि ने कहा कि जयललिता शपथ तभी ले सकतीं है जब सर्वोच्च न्यायालय उन्हें इसकी अनुमति दे अथवा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की 90 दिनों की समय सीमा समाप्त हो जाए।

जयललिता को तीन अन्य के साथ बेंगलुरू की निचली अदालत ने 27 सितंबर 2014 को दोषी ठहराया था। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था।

मैगी की खेप बाजार से हटाने का आदेश

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हर आम आदमी के मुंह लगे मैगी पर आरोप है कि उसमें कई पदार्थ खतरनाक स्तर तक मिलाए जाते हैं और इस बिनाह पर उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा विभाग ने गुरुवार को कहा कि निर्माता कंपनी नेस्ले को इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया गया है। कंपनी ने हालांकि कहा है कि वह सख्ती के साथ मानकों का पालन करती है। उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा उपायुक्त विजय बहादुर ने कहा कि नेस्ले को मैगी की अन्य खेपों की गुणवत्ता जांचने के लिए भी कहा गया है। उल्लेखनीय है कि मैगी के लिए गए कुछ नमूने में सीमा से अधिक सीसा और मोनोसोडियम ग्लाटामेट (एमएसजी) पाए गए हैं।

नेस्ले ने कहा कि जिस खेप की बात की जा रही है, वह गत वर्ष नवंबर में ही एक्सपायर हो चुका है और पूरा विश्वास है कि इसे खुद-ब-खुद वापस ले लिया गया है। नेस्ले ने कहा, "हमने एक स्वतंत्र प्रयोगशाला को नमूने दिए हैं और उसकी रिपोर्ट हम अधिकारियों के साथ साझा करेंगे।"लखनऊ में अधिकारियों ने कहा कि नमूने गत सप्ताह बाराबंकी जिले में ईजी डे डिपार्टमेंट स्टोर से लिए गए थे। नेस्ले ने हालांकि कहा कि उसे पूरा विश्वास है कि इस खेप के पैकेट बाजार में उपलब्ध नहीं होंगे। कंपनी ने कहा, "कंपनी आदेश से सहमति नहीं जताती है और इस पर अधिकारियों से बात करेगी।"

राज्य के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय प्रताप सिंह ने कहा कि और भी नमूने लिए गए हैं और विभाग के अधिकारियों से यह देखने के लिए कहा गया है कि क्या उस खेप के और भी मैगी के पैकेट बाजार में बिक रहे हैं। केंद्रीय खाद्य सुरक्षा एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के निदेशक विमल कुमार दूबे ने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश सरकार से जांच की रिपोर्ट मांगी है। जांच के परिणाम के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।"

एमएसजी के मुद्दे पर नेस्ले ने कहा कि भारत में बिकने वाली मैगी में ये पदार्थ नहीं मिलाए जाते। कंपनी ने साथ ही कहा कि मैगी बनाने में काम आने वाले हाइडोलाइज्ड मूंगफली प्रोटीन, प्याज के पाउडर, और मैदे सभी में ग्लटामेट पाए जाते हैं। नेस्ले ने कहा, "हमारा विश्वास है कि जांच में ग्लटामेट पाया गया होगा, जो हर प्रकार के भोज्य पदार्थो में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।"कंपनी ने कहा कि इसे गलती से एमएसजी समझ लिया गया होगा।

राष्ट्र ने पुण्यतिथि पर राजीव गांधी को किया याद

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राष्ट्र ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर आज याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी, पुत्री प्रियंका गांधी और दामाद रॉबर्ट वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यहां आज श्री गांधी के समाधि स्थल ‘वीर भूमि’ जाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्री गांधी को उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा “पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।” ‘वीर भूमि’ जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वाले कांग्रेसी नेताओं में गुलाम नबी आजाद, पी सी चाको तथा अजय माकन शामिल थे। सरकार की तरफ से कोई मंत्री श्रद्धासुमन अर्पित करने उनकी समाधि पर नहीं पहुंचा, जिस पर कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सरकार का यह आचरण शर्मनाक है। 

देश के विभिन्न हिस्सों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी गई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्री गांधी देश के छठे और सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदुर में 21 मई 1991 को एक चुनाव सभा में लिट्टे के एक मानव बम ने श्री गांधी की हत्या कर दी थी।

भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए एफडीआई नीति में ढील

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अनिवासी भारतीय (एनआईआर), भारतीय मूल व्यक्ति (पीआईओ)और भारत के विदेशों में नागरिक (ओसीआई) के निवेश को बढावा देने के लिए सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) नीति में कुछ ढील देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसकेे लिए एफडीआई नीति में कई बदलावों को हरी झंडी दे दी गयी। 

बदलाव के अनुसार एफडीआई नीति में एनआरआई की परिभाषा में एनआईआर का तात्पर्य उस व्यक्ति से होगा जो भारत का नागरिक है और भारतीय सीमा से बाहर रहता है या नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार विदेशों में रहने वाला भारतीय नागरिक है। नये प्रावधानों के अनुसार पीआईओ को ओसीआई के समकक्ष माना जाएगा। इसके अलावा एनआरअाई के निवेश को घरेलू निवेश माना जाएगा। आर्थिक, वित्तीय और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने वाले ओसीआई समेत एनअारआई विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के तहत पीआईओ के समान होंगे। और इन्हें एफडीआई की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। सरकार के इस फैसले से भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा आने की उम्मीद है। 

अर्थव्यवस्था को गति देने को जुझती रही मोदी सरकार

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नरेन्द्र मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने की मुहिम को भूमि अधिग्रहण कानून और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लटक जाने से झटका लगा है तथा इसके जल्दी हल नहीं होने पर विदेशी निवेशको को आकर्षित करने के अभियान का पहिया डगमगा सकता है। मोदी सरकार का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है और इस दौरान उसने अार्थिक सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया। रक्षा एवं रियल्टी क्षेत्र में एफडीआई को उदार बनाया गया तथा रेलवे में इसकी अनुमति दी गयी। सरकार ने भारत को वैश्विक विनिर्माण का प्रमुख केन्द्र बनाने एवं रोजगार सृजन के लिए मेक इन इंडिया कार्यक्रम का ऐलान कर पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया। 

डिजिटल इंडिया अभियान के बल पर आईटी का उपयोग कर लोगों के द्वार पर प्रशासन को पहुंचाने और स्किल इंडिया कार्यक्रम के जरिये देश में युवाओं को दक्ष बनाकर कुशल कामगारो की संख्या बढाने पर जोर दिया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसे वैश्विक संगठनों ने सरकार के इन सुधार उपायों को जमकर सराहा और भारत को दुनिया की सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के खिताब से नवाजा। हालांकि हाल के कुछ महीने में राजनीतिक स्तर पर हुये कुछ घटनाक्रमों विशेषकर भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक और जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक के लटकने से वैश्विक संगठनों के सुर भी बदल गये हैं। 

न्यूनतम वैकिल्पक कर (मैट) के तहत बकाये कर के भुगतान के लिए विदेशी निवेशकों को जारी नोटिस से भी सरकार की सुधारवादी छवि पर असर पड़ा है। वित्त मंत्रालय ने संस्थागत विदेशी निवेशको (एफआईआई) की मैट से जुड़ी शिकायतों को निपटाने के लिए शाह समिति का गठन किया है लेकिन एफआईआई का विश्वास जीतने में सरकार फिलहाल सफल होती नहीं दिख रही है।

विशेष : प्रकृति के नियमों के विरूद्ध आचरण करना हानिकारक

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अत्यधिक सुख- सुविधा व वैभवपूर्ण जीवन व्यतीत करने की इच्छा में हम यंत्रों अर्थात मशीनों पर आश्रित हो गए हैं , परन्तु यह परम सत्य है कि इस मशीन युग में हम अनेक कार्य ऐसे करते हैं, जो हमारी प्रकृति के प्रतिकूल होते हैं । मशीनों के अथवा अन्य साधनों के बल पर हम उन अस्वाभाविक कार्यों से होने वाली हानियों को सहन करने में समर्थ तो हो जाते हैं फिर भी हानि तो होती ही है ।

अतः बुद्धिशील मनुष्यों का यह मत है कि अस्वाभाविक कार्य तभी क्षम्य हो सकते हैं जब उनका करना अनिवार्य हो जाये । यदि मनुष्य शारीरिक दृष्टि से मजदूरी करने के यिग्य हो और उसको अध्यापन कार्य पर नियुक्त कर दिया जाये तो यह सम्भव है की वह व्यक्ति यह कार्य तो कर सके , परन्तु इससे न तो शिक्षा का स्तर अच्छा रह सकेगा और न ही उसके स्थान पर नियुक्त कोई दुर्बलकाय व्यक्ति मजदूरी का कार्य भली - भांति कर सकगा । समाज में व्यवस्था रखने वाला अधिकारी कदापि यह नहीं पसंद करेगा कि एक विशेष प्रकार की योग्य्ताबका व्यक्ति किसी दूसरी योग्यता वाले स्थान पर नियुक्त कर दिया जाये ।

मजदूर पुरूष को अध्यापन कार्य पर तो लगाया जा सकता है , परन्तु उसके कार्य में वह प्रवीणता नहीं आ सकती , जो योग्य विद्वान अर्थात पण्डित द्वारा अध्यापन कार्य करने पर आ सकती है । पुरूष - पुरूष की कार्य - कुशलता में यह अन्तर उस योग्यता के कारण होती है जो शिक्षा से उत्पन्न होती है , परंतु यदि उसका कारण शारीरिक बनावट होगी तो कार्य - कुशलता का अन्तर अनुलनघनीय हो जायेगा ।

पुरूष और स्त्री की शारीरिक बनावट में अन्तर है । उनकी मनोवृति में भेद है । उनके कार्य में भिन्नता है और कार्य करने की सामर्थ्य में अन्तर है । यदि ऐसा है तो निःसंदेह उनसे एकसमान कार्य लेना भूल है । स्त्री, समाज में नये आने वाले सदस्यों की जननी है। स्त्री उनको समाज की उपयोगी अंग बनाने की प्रथम शिक्षिका है। वह समाज में सुख शान्ति का सृजनकर्त्री है । यदि उसे कारखाने में मशीनों के संचालन आदि जैसे कार्य में लगा दिया जायेगा तो यह ऐसा ही होगा मानो जौहरी को लोहा पीटने अथवा ढालने के कार्य पर लगाया गया हो । कदाचित इससे भी बुरा हो सकता है । जौहरी का तथा लोहा पीटने का कार्य समाज के लिए उतना आवश्यक नहीं , जितना नवजात शिशुओं का पालन - पोषण करना तथा उनको शिक्षित कर , उन्हें समाज का उपकारी अंग बनाना ।

जहाँ तक व्यक्तिगत उपयोगिता का प्रश्न है , समाज ने कृत्रिम रूप से जीवन - स्तर ऊँचा कर दिया है। जीवन में , अनेक व्यर्थ के खर्च सम्मिलित कर , इसको दुर्भर कर दिया है और इस कृत्रिम जीवन - स्तर को रखने के लिए पत्नी को अपना स्वाभाविक कार्य छोड़कर , पति के साथ मिलकर जीवन की चक्की चलानी पड़ रही है । भारतीय पुरातन शास्त्रों के अनुसार यह महान भूल है । प्रकृति ने प्रत्येक कार्य के सम्पादन के लिए विशिष्ट प्राणी का सृजन किया है। किन्तु आज के युग में मनुष्य प्रकृति के नियमों के विरुद्ध आचरण कर रहा है जो कि बहुत ही हानिकारक है। भारतीय पुरातन ग्रंथों में स्त्रियों के द्वारा धनार्जन-कार्य को महान् भूल के रूप में सिद्ध किया है।

स्त्रियों की आर्थिक रक्षा का प्रबंध तो पति के परिवार अथवा समाज को करना चाहिए , परन्तु इस रक्षा के बहाने उन्हें उन कार्यों के लिए बाध्य करना , जिनके लिए प्रकृति ने उनको बनाया नहीं , महान भूल होगी ।





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---अशोक "प्रवृद्ध"---
गुमला
झारखण्ड 

आलेख : केजरी,आटो ड्राईवर और जनता।

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दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी भले ही आम लोगों के लिए काम कर रही हो पर केजरीवाल के हमेशा से समर्थक रहे आटो ड्राईवर दिल्ली के जनता को परेशान करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। इनकी मनमानी किराए की वसूली आज भी जारी है। हालांकि सारे आटो वाले ऐसा नही करते हैं कुछ अपनी ईमानदारी आज भी दिखाते हैं। इतना ही नही इन आटो ड्राईवरों में बहुतों को तो बोलने का ढंग भी नही है। हर छोटी सी दूरी पर मनमानी किराया बोल देते हैं। साथ ही कहते हैं  इतना देना है तो दो वरना किसी और को देख लो। बात ये नही चुभती की दूरी कम और किराया ज्यादा, बोलने का लहजा भी ठीक नही होता। एक ईमानदारी की दांस्ता एक आटो ड्राइवर से मिली, तो मुझे लगा कि कुछ लोग तो हैं जो दिल्ली के लोगों के बारे में सोचते हैं। 

मैं मयूर विहार फेस-3 से अपने घर के लिए जा रहा था। उचित समय पर मुझे आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचना था। घर से निकल कर आटो का इंतजार कर रहा था। तभी एक आटो को रूकवाया, मैने उससे कहा कि आनंद विहार रेलवे स्टेशन तो उसने कहा 120 रूपए लगेगे। फिर कहा 110 देना है। मैने मना कर दिया, उसे लगा शायद ट्रेन पकडनी है, जो मर्जी है मांग लो। मीटर से चलने के लिए कहो तो मीटर खराब हो जाता है। यही हाल तीन से चार आटो ड्राईवर का रहा। किसी 150 रूपए मांगें तो किसी ने 100 रूपए। एक बार दिल तो कह रहा था कि दे दूं और चला जाऊं। तभी एक आटो आया उसने पूंछा कहां जाना है, जबाब सुनकर कहा चलो, मैने कहा पैसे बता दो, तो उसने कहा 70 रूपए दे देना, फिर वो 60 में राजी हो गया। मुझे नही पता कि मैं उसे कम किराया दे रहा हूं, पर इतना जरूर था कि दोनों के लिए शायद फायदा जरूर था। तभी वो आटो ड्राइवर तैयार हो गया था। 

घर पर पहुंचने के 5 दिन बाद मै वापस दिल्ली आ रहा था। वहीं आनंद विहार से मयूर विहार का सफर एक बार फिर तय करना था। ये बताने से पहले एक नज़र घर पर डालना चाहेंगें।  घर पर खबरिया चैनल देख रहा था, तभी दिल्ली के मुख्यमंत्री आटो ड्राईवरों को सम्बोधित करते नजर आए। दिल में एक ख्याल आया, चलो अब शायद दिल्ली की जनता की परेशानी दूर हो जाएगी। केजरीवाल अपने चहेतों को समझा रहे थे। कह रहे थे कि दिल्ली की जनता आटो ड्राइवरों से काफी परेशान रहती है। किराए को लेकर और बोलने के ढंग को लेकर। मुख्यमंत्री कह रहे थे कि आप(आटो वालो को) मेरे अपने हैं, दिल्ली की जनता की पूरी ईमानदारी से सेवा करों मै आप सबकी सेवा करूंगा। सुनने में काफी अच्छा लगा। चलो कुछ तो सुधरेगें। डीटीसी की हड़ताल की बात भी उस रैली में केजरीवाल ने कही और माना भी उस समय दोगुना किराया वसूला था आटो वालों ने। लोगों की मजबूरी थी देना। आफिस, इंटरव्यू, अस्पताल आदि जरूरी जगह जाने के लिए बस का नही केवल आटो का सहारा था। तो जितना एक दिन में वसूल सकते हो वसूल लो। इसी एक दिन में जनता से वसूलकर लखपति तो बन नही जाओगे, पर हजारपति तो बन जाओगे। क्या सोच थी इन आटो वालों की। लोग परेशान हो रहे थे। बस का न चलना मुसीबत बन गया था। 

उस रैली में केजरीवाल ने एक हेल्प लाइन भी जारी की, जिस पर आटो ड्राईवरों की शिकायत कर सकते हैं अगर वो कुछ गलत व्यवहार बगैरह करते हैं। दिल में थोड़ी सी खुशी हुई। चलों अब जो तो दिल्ली की जनता के हाथ में है। 5 दिन बाद जब मैं वापस आया तो सोचा कि अपने चहेते कि बात सब मानते हैं, आटो वाले भी केजरीवील की बात को मान गए होगें। दो दिन पहले केजरीवाल का सम्बोधन और फिर दो दिन बाद का हाल दिल्ली के आटो वालों का। मैने फिर पूंछा कि मयूर विहार फेस-3 तो फिर से वही जवाब 150 रूपए, कोई 120 रूपए तो कोई मना कर रहा जाने के लिए। एक तरफ तेज धूप से, दूसरी तरफ आटो वालों को पूछते- पूछतें थक गया। कोई 120 से कम राजी नही है रहा था। मुझसे रहा नही गया, मैने एक से पूंछ लिया। भाई दो दिन पहले तो आप सबको समझाया गया है। उसने कहा किसने समझाया, तो मैने कहा आप के मुख्यमंत्री ने और किसने, नजारा देखने वाला था। उसने कहा फर्जी वात मत करो चलना है तो 120 रूपए दो, मैने कहा शिकायत के लिए हेल्प लाइन भी शुरू कर दी है। गुस्से से उसने बोला जाओ कर दो शिकायत। 

घर का खर्च चलाने के लिए मुख्यमंत्री नही आते हैं। दिन भर कमाता हूं तब चलता है। मैने भी बहस का मन बना लिया था, ताकि और भी बाते जान सकूं उनके दिल की, तो कह दिया कि घर का खर्च चलाने के लिए जनता को लूटना शुरू कर दोगे। उसने बिना कुछ जवाब दिए आखों में गुस्सा लिए अपने आटो का गियर बदलते हुए तेजी से आगे चला गया। तो मुझे लगा, मुख्यमंत्री ने शायद भैंस के आगे बीन बजाई है। मैने अपना समान उठाया और चल रही टाटा मैजिक से 15 रूपए देकर मयूर बिहार फेस-3 आया। ये कोई पहला वाक्या नही है, दिल्ली रेलवे स्टेशन से तो 250, 230, 200 रूपए मांगते हैं ये आटो वाले। लोग परेशान हो जाते हैं पर क्या करें मजबूरी है। ऐसे न जाने कितने लोग बाहर से आते हैं आटो ड्राईवर उनसे मन मुताबिक किराया वसूल करते हैं। दिल्ली की जनता के लिए ये परेशानी आज भी है, और रहेगी। बात यहां के लोगों की नही बाहर से घूमने आए लोग भी अपने घर जाकर इनकी बुराई करते हैं।  अगर आप दिन भर आटो चलाकर पैसा कमा रहे हैं तो दूसरा भी दिनभर काम करके ही कमा रहा है, ऐसे में इतना क्यों ? अपनी छवि को बिगाड़ रहे हो। आप जिसे चाहते है, और उसे दिल्ली में दोबारा मौका दिया सत्ता का उसकी बात तो सुन सकते हैं। अगर दिल्ली सरकार आप के लिए इतना करने के लिए तैयार है तो आप का भी फर्ज है दिल्ली के लोगों की सेवा करना। ईमानदारी के लिए आप ने केजरीवाल को चुना, और ऐसा कर आप  खुद पर दाग लगा रहे हो।




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रवि विनोद श्रीवास्तव
शिक्षा: माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से परास्नातक किया है
सम्पर्क सूत्र- ravi21dec1987@gmail.com
लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार 

आडींयस का है डब्ल स्टैंर्डड : लीजा मलिक

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आडींयस को समझना मुश्किल है। आडींयस देखना  भी सब कुछ चाहतीहै और आलोचना किए बिना भी नही रहती। वर्तमान मे आडींयस नेडब्ल स्टैंर्डड अपनाया हुआ है। कुछ इस तरह से अपने आलोचकोको जवाब दिया लीजा मलिक ने। लीजा ने कहा कि आईटम न बर कोआईटम सांग कहना ही गलत है। पहले दौर कि अभिनैत्रिया जबआईटम न बर किया करती थी तब उन्हे तो बउे आदर स मान के साथ बुलाया जाता था। वर्तमान मे जब कोई मॉडल या अभिनैत्री आईटम न बर करती है तो उसे पुकारा जाता है आईट्म गर्ल,ऐसा क्यो? मैं तो सीधे सीधे बोलूगी कि आईटम सांग करना भी हर किसी के बस की बात नही है। किसी की कला की तारीफ नही की जाती तो आलो ना करने का हक भी किसी को नही है। मुझे तो लगता है कि सच बोलना ही मेरा चर्चा मे रहने का कारण है। फिल्म इंडस्ट्री के जिन लोगो को मेरी सच्चाई बर्दाशत नही होती वो आलोचक बन जाते है और जिन लोगो मे सच्चाई को मानने की ताकत है वों आज भी मेरी प्रसंशा करते नही थकते।

शॉट ड्रैस पहनने मे बुराई नही:
अभिनैत्री लीजा मलिक का कहना है कि बॉलीवुड में अब तक हिट हुईं अभिनेत्रियों में शायद ही कोई होगी, जिसने कभी बिकनी में शॉट नहीं दिया। फिर चाहे वो पुरानी फिल्‍मों में सायरा बानो और शर्मिला टैगोर हों या फिर आज की करीना कपूर और सन्‍नी लियोन। कभी न कभी सभी पर्दे पर बिकनी में दिखाई दी ही हैं । लीजा का कहना है कि अब ट्रेंड बदल रहा है। अब डायरेक्‍टर बिकनी में शोकेस की तरह हीरोइनों को दिखाने के बजाये, हॉट सीन ज्‍यादा प्रिफर कर रहे हैं।

डाईटिंग नही एक्र्साइज पर देना चाहिए ध्यान:
हॉट बॉडी और अपने फिटनेस की मल्लिका लीजा मलिक को डाईटिंग करना बिलकुल पंसद नही बल्कि उनका कहना तो यह है कि डाईटिंग करना व्यर्थ है । बिना एक्र्साइज किए कोई भी इंसान फिट नही रह सकता। पेट भर कर खाने की वजाए हर 2 या 3 घंटो के बाद हल्का फूल्का खाना चाहिए। ऐसा करने से कभी भी मोटापा नही आता और बॉडी फिट रहती है। सोचा नही था टिप टिप बरसा

पानी इतना हिट हो जाऐगा:
लिजा मलिक ने कहा कि टिप टिप बरसा पानी हमेशा से मेरा पसंदीदा गाना था और जब एलबम बनाने की बात आई तो मैं इसे कैसे भूल सकती थी। मेरे लिए यह ख़ुशी की बात थी कि वीडियो बिलकुल वैसा ही शूट हुआ जैसा हम चाहते थे। जिसें चदं दिनो मे ही यूट्यूब पर इसे 2.4 लाख हिट मिले थे। वीडियो बनाते समय मैंने सोचा भी नहीं था कि यह इतनी बड़ी हिट होगी।

कौन हैं लिजा मालिक :
दिल्ली की रहने वाली लिजा को 3 साल की उम्र से ही डांस का शौक था। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं उनका यह शौक जुनून में तब्दील होता गया। मिस दिल्ली के खिताब से नवाजी गई इस खुबसूरत बाला को सोनी टीवी पर आने वाले रियलिटी शो बूगी-वूगी से खासी लोकप्रियता मिली। अपने कैरियर को गति देने के लिए लीज़ा मालिक मुंबई शि ट हो गईं और कुछ दिनों के संघर्ष के बाद उनके एक के बाद एक तीन  यूजिक एलबम रिलीज हुए। चिक्स ऑन फायर, आओ ना, सि पली लीज़ा नामक उनके तीनों  यूजिक एलबम काफी सराहे गए।  यूजिक एलब स के अलावा लिजा कई कमर्शियल और भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। भोजपुरी फिल्म दरोगा जी चोरी गई में किया गया उनका आइटम नंबर कफी लोकप्रिय हुआ था।

आलेख : सपा में उत्सव मूर्ति तक सिमट रह सुप्रीमो की हस्ती

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समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह के साथ यह पहली बार है कि परिवार के कारण पार्टी में वे निर्णायक प्रभाव खोते नजर आ रहे हैं। जनता दल के महाविलय में परिवार द्वारा रोड़ा अटकाए जाने से न केवल उनके राजनीतिक फैसले को अपमानित किया गया है बल्कि उनकी निजी महत्वाकांक्षा को चोट पहुंचाने में भी सब्र नहीं रखा गया। यह दूसरी बात है कि न उगलते बने न निगलते बने की हालत होने की वजह से मुलायम सिंह को महाविलय के संबंध में अपनी ही घोषणा से मुकरने को मजबूर होना पड़ रहा है।

जनता दल के युग में मुलायम सिंह ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद ही राष्ट्रीय नेतृत्व में स्थापित होने के सपने देखने शुरू कर दिए थे। परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी जिनके कारण उन्हें अधीर हो जाना पड़ा। वीपी सिंह राजनीतिक संस्कृति में सुधार के एजेंडे पर काम करते हुए एक व्यक्ति एक पद, सरकार और पार्टी दोनों स्तरों पर सत्ता के विकेेंद्रीयकरण, कानून के शासन व स्वच्छ चुनाव प्रणाली जैसे मुद्दों को आगे बढ़ा रहे थे। दूसरी ओर फासिस्ट राजनीति के प्रतिरूप के रूप में विकसित हुई लोकदल संस्कृति का हिस्सा होने के कारण मुलायम सिंह अपने सर्व सत्तावाद में वीपी सिंह को खतरा मानते हुए पहले दिन से ही उनके खिलाफ षड्यंत्रकारी व्यूह रचना में जुट पड़े थे। राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वीपी सिंह ने जो कूटनीतिक बिसात बिछाई उसे पलटने की गरज से मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में जिलों जिलों में उनकी सरकार को अपनी वैशाखी दे रही भाजपा के खिलाफ सद्भावना रैली के नाम से अभियान छेड़ दिया। इन रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी तंत्र का जमकर इस्तेमाल होता था। वाशिंगटन पोस्ट ने रैलियों में जुटने वाली भीड़ से प्रभावित होकर एक खबर छाप दी जिसमें मुलायम सिंह को देश का भावी प्रधानमंत्री घोषित कर दिया गया। दुनिया के सबसे शक्तिशाली अखबार की इस तरह की धारणा ने मुलायम सिंह की अचेतन महत्वाकांक्षा में तीव्र उद्दीपन पैदा कर दिया जिससे वे अपने आपे में नहीं रह गए तब से उनके गृह जनपद की चर्चित नदी चंबल में बहुत पानी बह चुका है लेकिन उक्त महत्वाकांक्षा का प्रेत आज तक उन्हें राजनीति के बियावान में भटकते हुए विचरने को मजबूर बनाए हुए है। संयुक्त मोर्चा युग में उनकी यह साध पूरी हो जाती लेकिन अब उनके रिश्तेदार बन चुके लालू यादव ने तब तंगड़ी मारकर ऐन मौके पर उनका खेल खराब कर दिया। सोलहवीं लोकसभा के चुनाव के समय वे एक बार फिर आश्वस्त थे कि लोकसभा का स्वरूप अनिश्चित होगा जिससे खिचड़ी सरकार बनेगी और देवगौड़ा व गुजराल की तरह भाजपा को रोकने के नाम पर कांग्रेस भी उन्हें ताज पहनाने के लिए मजबूर दिखेगी लेकिन सारी अटकलें मोदी मैजिक के आगे गलत साबित होकर रह गईं। यही नहीं मोदी की लोकप्रियता के प्रतिशत में भले ही उतार-चढ़ाव होता रहे लेकिन वर्तमान परिस्थितियां जिस तरह की हैं उसमें यह साफ दिख रहा है कि वे न केवल यह कार्यकाल पूरा करेंगे बल्कि उनके एक और कार्यकाल की पुनरावृत्ति भी तय है।

प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर विराम लग जाने के बावजूद राष्ट्रीय राजनीति के और क्षितिज हैं जिन्हें मुलायम सिंह अपने सामने से ओझल नहीं होने देना चाहते क्योंकि उन्हें मालूम है कि अपनी कालजयी मान्यता के लिए उन्हें राष्ट्रीय नेता के रूप में अपने को इतिहास में दर्ज कराना अनिवार्य है। लालू से रिश्तेदारी जुड़ जाने की वजह से इस दिशा में पींगें बढ़ाते हुए उन्होंने जनता दल परिवार के महाविलय की रचना रची थी। इसे कांग्रेस से बड़ा मंच बनाकर प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने का मंसूबा उन्होंने बांध रखा था। साथ ही प्रधानमंत्री नहीं तो राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति पद की दावेदारी पर वे अपनी एक खिड़की खोलने का दांव भी खेल रहे थे। दिल्ली में जनता दल परिवार के सारे दलों के साथ बैठक करके जब वे लखनऊ में लौटे तभी परिवार के लोगों ने इस पहल के विरुद्ध माहौल उकसाना शुरू कर दिया था। पार्टी की बैठक में इसी कारण उनके फैसले पर खुलेआम सवाल उठा दिए गए। बगावती माहौल का आभास पाकर सपा सुप्रीमो उस समय चौंक पड़े थे लेकिन तो भी आत्मविश्वास के कारण चेतावनी देने के लहजे में उन्होंने यह कहकर सभी को चुप कराने की कोशिश की कि जनता दल परिवार के महाविलय का फैसला अंतिम है। मुलायम सिंह को उम्मीद थी कि इस मामले में उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता जानने के बाद अब कोई इस पर आपत्ति करने की जुर्रत नहीं करेगा लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं था कि परिवार के समीकरण के कारण पार्टी में उनकी हैसियत कितनी बदल चुकी है।

जनता दल परिवार के महाविलय से मुलायम सिंह ने अपने अरमान जोड़ रखे हैं लेकिन अब उनके नहीं उनके चचेरे भाई प्रो. रामगोपाल यादव के अरमान पार्टी के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण बन चुके हैं जिनके साथ खुलेआम उनके पुत्र अखिलेश यादव भी खड़े हैं। महाविलय को मूर्तरूप मिलते ही राज्य सभा में सपा संसदीय दल के नेता का रामगोपाल का पद समाप्त हो जाता और जदयू के अध्यक्ष शरद यादव नए दल के सदन में नेता बन जाते। रामगोपाल यादव को यह मंजूर नहीं हुआ जिसकी वजह से उन्होंने खुलेआम यह बयान दे दिया कि फिलहाल विधान सभा चुनाव के पहले महाविलय के आकार लेने की कोई सूरत नहीं है। हैरत करने वाली बात यह रही कि उनकी हिमाकत से उखड़ पडऩे की बजाय मुलायम सिंह को अपनी बोलती बंद करनी पड़ी।

राष्ट्रीय राजनीति में असरदार ढंग से खेल खेलने के लिए ही मुलायम सिंह एक बार फिर अमर सिंह के साथ भरत मिलाप का विधान तैयार कर रहे थे। सैफई परिवार में इस समय एक तरफ प्रो. रामगोपाल और अखिलेश हैं तो दूसरी तरफ मुलायम सिंह और उनके सगे अनुज शिवपाल सिंह हैं। भैया की दम होने की वजह से ही शिवपाल सिंह ने मीडिया के सामने अमर सिंह की वापसी का संकेत देते हुए कहा था कि वे सपा में आने के अपने कदम के बारे में खुद पत्रकार वार्ता आयोजित करके आप लोगों को जानकारी देंगे लेकिन सपा सुप्रीमो की असहायता का आलम यह है कि अपनी और अपने अनुज की लाज बचाने के लिए वे कुछ नहीं कर पा रहे। उनकी आंखों के सामने ही रामगोपाल ने अमर सिंह की वापसी का आयडिया ड्राप करवा दिया और जयाप्रदा को विधान परिषद में नामित न होने देकर इसका अव्यक्त एलान कर दिया। पार्टी की इन हलचलों में यह संदेश स्पष्ट है कि मुलायम सिंह को पार्टी में केवल उत्सव मूर्ति बनकर संतुष्ट रहना चाहिए। अब उनके पार्टी पर अपने निर्णय थोपने के दिन लद चुके हैं।




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के  पी  सिंह
ओरई 

विशेष आलेख : कब होगा शिक्षा का उद्धार ???

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हमारे समाज में लड़कियों के भेदभाव की कहानी कोई नई नहीं है। लड़कियों के साथ भेदभाव समाज में हर स्तर पर विद्यमान है। वास्तव में लड़कियों के साथ भेदभाव तो मां के गर्भ से ही षुरू हो जाता है। आज भी समाज में ऐसे लोगों की एक बड़ी संख्या है जो जन्म से पहले यह जानना चाहते हैं कि मां जिस बच्चे को जन्म देने वाली है, वह बेटा है या बेटी। अगर बेटी होती है तो उसे इस दुनिया में आने से पहले ही मां के गर्भ में खत्म कर दिया जाता है। अगर बेटी धोखे से जन्म भी ले लेती है तो बेटे के मुकाबले उसे हर स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। परिवार में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि लड़की को खेलने के लिए गुडि़या, गैस, चूल्हा और बर्तन आदि खिलौने दिए जाते हैं जबकि लड़के को गाड़ी, हवाई जहाज और बंदूक आदि दिए जाते हंै। बहन जब भाई के खिलौनों से अपने खिलौनों की तुलना करती है तो सोचती है कि भाई के खिलौने कितने बड़े और अच्छे है जबकि मेरे खिलौने इस तरह के नही, ंतो वह मानसिक तौर पर कमज़ोर हो जाती है। इसकी वजह से उसके अंदर एक सौतेले व्यवहार की भावना जाग्रत होने लगती हैं। 

यह बात वह कह नहीं सकती लेकिन इस घुटन को वह हर पल महसूस करती है। घर में लड़की के साथ भेदभाव उस समय भी होता है जब वह स्कूल जाने के काबिल हो जाती है। लड़के के लिए माता-पिता अच्छे स्कूल का चयन करते हैं जबकि लड़की के लिए नहीं। लड़के को आधुनिक प्रौद्योगिकी से रूबरू होता है जबकि लड़की घर के बर्तन और साफ सफाई से। इस तरह के भेदभाव का सामना आज भी हमारे समाज में लड़कियों को करना पड़ता है। लड़कियों को बड़े होकर वही चूल्हा, बर्तन और घर का काम करना पड़ता है जबकि लड़को का काम हवाई जहाज़ की उड़ान भरना, देष की सुरक्षा, घूमना-फिरना आदि ज़्यादातर लड़कों के हिस्से में ही होता है। माता-पिता के ज़रिए बचपन में किया गया भेदभाव सही मायनों में इनकी जिंदगी तय कर देता है। जब तक समाज में बेटा और बेटी को समान निगाह से नहीं देखा जाएगा तब तक बेटियां चैन की सांस नहीं ले सकेंगी।
             
बेटी वह होती है जो सबकी भावनाओं का आदर करती है। वह घर में सभी सदस्यों से प्यार करती है और सभी को आदर की निगाह से देखती है। माता-पिता और भाई-बहन सभी को दर्द को महसूस करती है। देष के दूसरे हिस्सों की तरह जम्मू एवं कष्मीर में लड़कों के मुकाबले लड़कियों को हर स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। जम्मू कष्मीर के सीमावर्ती जि़ले पुंछ की तहसील मेंढ़र के छतराल गांव में बहुत सारी ऐसी लड़कियां हैं जो दसवीं और बारहवीं कक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। यह लड़कियां समाज में फैली कुरूतियों और घरेलू समस्याओं के कारण अपनी आगे की पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं। इन लड़कियों में षहरी, ताजि़म, बबली, नाज़मा, मुसर्रत, षमिदा, आसिया कौसर और आसिया जाट आदि षमिल हैं। यह सभी लड़कियां पढ़ने की इच्छुक हैं मगर कई परेषानियों की वजह से इनके सपने अधूरे रह गए हैं। एक ऐसी ही कहानी षहरी की है जिसके अंदर पढ़-लिखकर देष के लिए कुछ करने का जज़्बा है। मगर कई मजबूरियां ऐसी हैं जो इसके रास्ते की रूकावट बनी हुई हैं। इसका कहना है कि-‘‘मेरे पिता दो साल पहले पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब गए थे। वहां एक सड़क दुर्घटना में वह विकलांग हो गए। मेरे दो भाई हैं, दोनों ने इस साल बारहवीं की परीक्षा दी है। वह दोनों पढ़ाई करते हैं लेकिन इतवार वाले दिन मज़दूरी करके अपना और घर का खर्चा चलाते हैं। हमारे घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमज़ोर है। 

मेरी पढ़ाई बीच में ही छूट गई है। मैं अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत चिंतित हंू। मुझे अपने भविश्य को लेकर चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा नज़र आता है। मैं सोचती हंू कि अगर मेरी षादी हो गई तो मेरे ससुराल में सब पढ़े लिखे होंगे। सब कर्मचारी होंगे, सब मैं बस मैं ही अषिक्षित होंगी। उस समय मैं कैसा महसूस करूंगी और मेरे दिलोदिमाग पर किया गुज़रेगी, यह सोचकर मैं अभी से परेषान हंू। अगर मैं पढ़ लिख कर एक षिक्षित महिला हो गई तो मुझे भी फैसले लेने का अधिकार होगा जिससे ससुराल में मेरा एक अलग महत्व होगा। दूसरा़ उदाहरण पुंछ जि़ला मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थिति खनेतर गांव का है। खनेतर गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल न होने के कारण छात्राएं दसवीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं। 11 वीं या उससे आगे की पढ़ाई के लिए यहां की छात्राओं को पुंछ सिटी या फिर चंडक जाना पड़ता है। स्कूल दूर की वजह से यहां लोग अपनी बेटियों की पढ़ाई बीच में ही छुड़वा देते हैं जबकि लड़के कहीं भी पढ़ने जा सकते हैं। 
             
मेंढ़र तहसील के नाड़बलनोई से केवल सफीना नाम की लड़की ही बारहवहीं कक्षा तक पहुंची है जिसने इस साल बारहवीं की परीक्षा दी है। वह इस क्षेत्र की पहली और अकेली छात्रा है जो 12 वीं कक्षा तक पहुंची है। हिंद-पाक सरहद पर आबाद गांव किरनी से सिर्फ दो ही लोगों ने स्नातक या उससे आगे की पढ़ाई की है। अगर सीमावर्ती गांव सलोतरी की बात की जाए तो यहां छात्राएं आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं क्योंकि हाईस्कूल दूरी  पर है। गाडि़या न होने की वजह से छात्राएं स्कूल नहीं जा सकतीं।  उपयुक्त उदाहरणों से आप समझ सकते हैं कि हमारे देष के सीमावर्ती क्षेत्रों में बालिका षिक्षा की स्थिति कितनी दयनीय है। प्रधानमंत्री के ज़रिए दिया गया नारा ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ तो बुलंद किया जा रहा है। बावजूद इसके देष के सीमावर्ती और दूरदराज़ क्ष़्ोत्रों में बालिका षिक्षा अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं। सीमावर्ती और दूरदराज़ क्षेत्रों में षिक्षा की दयनीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हमें कदम उठानें होगें तभी हम प्रधानमंत्री के ज़रिए दिए गए नारे ‘‘ सबका साथ, सबका विकास’’ की परिकल्पना को पूरा कर पाएंगे।   






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आसिफा फिरदौस
(चरखा फीचर्स)

जयललिता एआईएडीएमके विधायक दल की नेता निर्वाचित, पन्नीरसेल्वम का इस्तीफा

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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी महासचिव जे. जयललिता को पार्टी के विधायक दल का नेता चुन लिया, जिसके बाद ओ. पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। एआईएडीएमके के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पार्टी मुख्यालय में शुक्रवार सुबह आयोजित बैठक में विधायकों ने सर्वसम्मति से जयलिता को विधायक दल का मुख्यमंत्री चुन लिया। उनके नाम का प्रस्ताव पन्नीरसेल्वम ने किया था, जिसे पार्टी के अन्य विधायकों ने एकमत से स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा, "यह एक छोटी सी बैठक थी, जो अम्मा (जयललिता) को एआईएडीएमके विधायक दल की नेता निर्वाचित करने के लिए बुलाई गई थी।"

जयललिता के एआईएडीएमके विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के मुख्यममंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जाता है कि जयललिता शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। बैठक से पहले ही जयललिलता और एआईएडीएमके के समर्थक बड़ी संख्या में पार्टी मुख्यालय पहुंच गए थे। जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बेंगलुरू की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद और श्रीरंगम विधानसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा था। अदालत ने उन्हें चार साल कैद और 100 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार करते हुए हाल ही में उन्हें मामले से बरी कर दिया, जिसके बाद इस तरह का अनुमान लगाया जा रहा था कि पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और एआईएडीएमके की विधायक दल की नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद जयललिता एकबार फिर राज्य में मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभालेंगी।

जयललिता चूंकि विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे चुकी हैं, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह माह के भीतर फिर से विधायक निर्वाचित होना होगा, जिसके लिए पार्टी के एक विधायक पी. वेट्रीवेल ने राधाकृष्णन नगर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 17 मई को इस्तीफा दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। बताया जाता है कि जयललिता इसी सीट से निर्वाचन के लिए दावेदारी पेश करेंगी। वेट्रीवेल के इस्तीफे के बाद कर्नाटक की 234 सदस्यीय विधानसभा में एआईएडीएमके के विधायकों की संख्या विधासभा अध्यक्ष को छोड़कर 150 रह गई है।

कोयला घोटाला : जिंदल, अन्य को जमानत

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कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता व उद्योगपति नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा अन्य आठ को जमानत दे दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने आरोपियों को जमानत दी और उन्हें एक लाख रुपये का निजी बांड तथा इतनी ही राशि का मुचलका जमा कराने के निर्देश दिए। अदालत ने उन्हें अनुमति के बगैर देश छोड़कर कहीं नहीं जाने के निर्देश दिए हैं।

जिंदल और कोड़ा के अतिरिक्त इस मामले में जिन अन्य लोगों को जमानत दी गई है, उनमें पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव तथा पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच. सी. गुप्ता भी शामिल हैं। सीबीआई ने जिंदल, कोड़ा, राव, गुप्ता तथा छह अन्य ज्ञान स्वरूप गर्ग, सुरेश सिंघल, राजीव जैन, गिरीश कुमार जुनेजा, आर.के. सर्राफ तथा के. रामकृष्णा के खिलाफ 29 अप्रैल को आरोप-पत्र दाखिल किया था।
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