गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित कर हरीश रावत बन सकते हैं इतिहास पुरुष
- गैरसैंण में ही बननी चाहिए उत्तराखंड राज्य की स्थायी राजधानी, केवल “समर कैपिटल” से सहमत नहीं टम्टा
- यूपी के लिहाज से तो समर कैपिटल का होता औचित्य, पर्वतीय राज्य में शीतकालीन राजधानी का है प्रावधान
देहरादून, 21 मई । गैरसैंण में समर कैपिटल का मुद्दा तेजी से गर्म हो रहा है। इस मामले में अब पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा भी खुलकर मैदान में आ गए हैं। प्रदीप का कहना है कि किसी पर्वतीय राज्य में समर कैपिटल का कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्होंने यहां तक कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करके मुख्यमंत्री हरीश रावत हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस परमार की तरह इतिहास के पन्नों में अपना ना दर्ज करा सकते हैं। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन से लेकर राज्य के जल,जंगल और जमीन के आन्दोलनों से जुड़े पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा से एक खास बातचीत में उन्होने समर कैपिटल पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि देश में 11 पर्वतीय राज्य हैं। इनमें से दस राज्यों की राजधानी पहाड़ में ही है। केवल उत्तराखंड ही ऐसा पर्वतीय राज्य है, जिसे आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है। अब गैरसैंण में समर कैपिटल की बात की जा रही है। इसे किसी भी दशा में उचित नहीं माना जा सकता। अगर उत्तर प्रदेश राज्य में होते तो समर कैपिटल को उचित माना भी जा सकता था, क्योंकि गर्मी के मौसम में पहाड़ की ठंडी हवा में सरकारी कामकाज होता। लेकिन पर्वतीय राज्य में समर कैपिटल की बात कहा से आ रही है। प्रदीप टम्टा न कहा गैरसैण गढ़वाल और कुमायूं दोनों मंडलों के बीच है तथा यह पर्वतीय राज्य का भी प्रतीक है और यह राज्य निर्माण के लिए शहीदों की शहादत और उनके सपनों की राजधानी भी है. लिहाजा गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाये जाने में किसी भी तरह का कोई पेंच नजर नहीं आता। पूर्व सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित देश के अन्य पर्वतीय राज्यों की पर्वतीय इलाकों में राजधानियों पर कहा कि शीतकालीन राजधानी का औचित्य बन भी सकता है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में पहाड़ पर कामकाज मुश्किल होता है। ऐसे में वहां छह माह के लिए राजधानी मैदानी क्षेत्र में आ जाती है। लेकिन उत्तराखंड में समर कैपिटल की बात करके नया मजाक किया जा रहा है। पूर्व सांसद ने कहा कि गैरसैंण में स्थायी राजधानी की मांग अपनी जगह पूरी तरह से जायज है। उनका मानना है कि कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस दिशा में तत्काल पहल करनी चाहिए। ताकि देर न हो जाए। टम्टा ने तो यहां तक कहा कि सीएम हरीश के पास इस वक्त मौका है। हिमाचल के मुख्यमंत्री परमार की तरह ही इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री हरीश को तत्काल ही गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित कर देना चाहिए। प्रदीप टम्टा का कहना है उत्तराखंड वासियों ने पर्वतीय व हिमालयी राज्य की लडाई के साथ ही उत्तरप्रदेश से बंटवारे की लडाई लड़ी, ताकि 25 हजार वर्ग किलोमीटर के इस हिमालयी राज्य की उत्तराखंड के रूप में पहचान हो। उन्होंने कहा यदि गैरसैण इस राज्य की स्थायी राजधानी घोषित होती है तो वह राज्य की मूल अवधारणा की परिलक्षित करता है और यदि नहीं तो हम उत्तर प्रदेश में क्या बुरे थे।
गैरसैंण पर कोरी राजनीति कर रही कांग्रेस सरकारः भट्ट
देहरादून,21 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात सुनकर आश्चर्य हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कभी भी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात नहीं आयी किन्तु राष्ट्रपति के अभिभाषण में यह बात प्रकाशित कर दी गयी। कांग्रेस सरकार गैरसैंण पर कोरी राजनीति कर रही है, यह एक भावात्मक मुद्दा है इसलिए कांगे्रस सरकार इस मुद्दे को छेड़कर भावनात्मक तरीके से यहाॅ के लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही है, और वह इस मुद्दे को भावनात्मक तरीके से भुनाना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि कभी भूमि पूजन तो कभी शिलान्यास करके और कभी गैरसैंण में विधानसभा चलाकर यह सरकार वहाॅ करोड़ों रूपये फूॅक चुकी है। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का संकल्प लाया गया था, इस संकल्प पर बहस भी हुई किन्तु वोटिंग के समय केवल भा0ज0पा0 के लोगों ने इसके पक्ष में मत दिया। कांगे्रस और पीडीएफ ने इसके विरोध में मत देकर इस संकल्प को गिरा दिया, अगर इस संकल्प पर बल दिया गया होता तो गैरसैंण में वर्ष 2013 में ही ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गयी होती, आज फिर सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार चाहे गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये, अस्थाई राजधानी बनाये या स्थाई राजधानी बनाये, जो भी करना हो शीघ्र करे किन्तु प्रदेश की जनता के साथ भावनात्मक राजनीति करना बंद करे। भा0ज0पा0 प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कहीं भी राजधानी बनाये जाने को सहमत है, यह मत हम पहले भी व्यक्त कर चुके हैं क्योंकि 14 जनवरी 2013 को जिस समय स्वयं पूरी सरकार गैरसैंण में मौजूद थी, हमने सबसे पहले कहा था कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन अथवा स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा आज ही कर दी जाय। इसके लिए सबसे पहले गैरसैंण को जिला बनाया जाय। श्री भट्ट ने कहा राजधानी कहीं भी बने यदि सत्ता पक्ष में बैठने वाले लोग ईमानदार नहीं होंगे तब तक इसका कोई लाभ प्रदेश की जनता को मिलने वाला नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि आज राजधानी से भी महत्वपूर्ण ईमानदार लोगों की सरकार होना है जो कि वास्तव में भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ सकें। श्री भट्ट ने कहा कि निदेषक उद्यान श्री खान को आज जो निलंबित किया गया है यदि अदरक घोटाले के कारण वह निलंबित हुए हैं तो इसमें कृषि मंत्री को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि जब हमने अदरक घोटाले की बात कृषि के बजट पर सदन में उठायी थी तो कृषि मंत्री ने सदन में जोर-शोर से कहा था कोई अनियमितता नहीं हुई है, और न ही कोई वित्तीय घोटाला हुआ है, यह बात विधानसभा की कार्यवाही में भी दर्ज है। श्री भट्ट ने कहा कि इस प्रकार से कृषि मंत्री ने पूरे प्रदेश व सदन को भी गुमराह किया इसलिए उन्हें स्वयं भी तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि यदि अदरक खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ था तो निदेशक को निलंबित करने का क्या कारण है। आज फिर हमारी बात सही साबित हुई है, सरकार जान-बूझकर तथ्यों को सदन में छुपाती है तथा सही उत्तर नहीं देती है।
केदारनाथ यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ी
देहरादून, 21 मई (निस)। 2013 को केदारघाटी में आई भीषण आपदा के बाद इस वर्ष फिर से केदारनाथ यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। एक महीने से भी कम समय में 38 हजार यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंच चुके हैं, जबकि गत वर्ष यह संख्या पूरे छह माह की थी। यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए अब स्थानीय लोग केदारनाथ में यात्रा व्यवस्थाएं जुटाने में स्थानीय लोगों की सहभागिता पर जोर दे रहे हैं। केदारनाथ आपदा के बाद यात्रा व्यवस्था को पुराने ढर्रे पर लाना सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई थी। सरकार ने 2014 में प्रतिदिन 500 यात्रियों को ही सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना करने का निर्णय लिया था। केदारनाथ में पांच सौ यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की गई थी, हालांकि यह संख्या कई बार 700 तक भी पहुंची। लेकिन, इस बार प्रशासन ने यात्रियों की संख्या बढ़ाते हुए प्रतिदिन 1500 यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे रवाना करने का निर्णय लिया। यात्रियों की संख्या प्रशासन के अनुमान से कहीं अधिक है। इन दिनों प्रतिदिन दो हजार से लेकर 2500 यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि जून महीने में यह संख्या और बढ़ेगी। यात्रा पड़ाव व केदारनाथ में प्रशासन ने सीमित व्यवस्थाएं की हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर प्रशासन को व्यवस्थाएं भी बढ़ानी होंगी। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। निम ने बड़ी संख्या में अतिरिक्त टेंट व बिस्तर केदारनाथ पहुंचाए हैं। व्यवस्था के तहत टेंट कॉलोनी में अस्थाई टेंट लगाए जा रहे हैं। तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि यात्रियों की संख्या बढ़ना एक शुभ संकेत हैं। यात्रा मार्ग व केदारनाथ में स्थानीय लोगों को भी व्यापार शुरू करने के लिए प्रशासन को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि यात्रा को स्थानीय लोगों से जोड़ा जा सके। व्यापारी व तीर्थ पुरोहित राकेश शुक्ला का कहना है कि सरकार को पूर्व की भांति यात्रा का जिम्मा स्थानीय लोगों को ही सौंप देना चाहिए। यदि यात्रियों की संख्या पांच से दस हजार प्रतिदिन होती है तो सरकार इतने यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था नहीं कर सकेगी। ऐसे में स्थानीय लोगों की सहभागिता जरूरी है।
रुद्रपुर की बेशकीमती जमीनों पर लगी नेताओं की निगाहें, फ्री-होल्ड कराने के लिए कई ने देहरादून में जमाया डेरा
- शहर में नजूल और सीलिंग सैकड़ों एकड़ भूमि खाली, तमाम लोगों ने पहले से ही कर लिया अपना कब्जा
- सियासी रसूख के सहारे अपने नाम कराने की कवायद
देहरादून,21 मई (निस)। रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) शहर में खाली पड़ी नजूल और सीलिंग की बेशकीमती जमीन पर सियासी नेताओं की नजरें जमी हैं। ऐसी तमाम जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। अब इस जमीन को अपने नाम दर्ज कराने के लिए जमीन को फ्री-होल्ड कराने की कवायद की जा रही है। आलम यह है कि सत्ता में दखल रखने का दावा करने वाले कई लोगों ने राजधानी देहरादून में ही डेरा जमा रखा है। यह रुद्रपुर शहर पूरी तरह से नजूल की जमीन पर ही बसा है। भारत विभाजन के बाद यहां आए लोगों को तत्कालीन सरकार ने पट्टा दिया था। इनमें से तमाम लोगों ने पिछले कुछ सालों में जमीन को फ्री-होल्ड कराकर अपने नाम दर्ज करवा लिया है। इस शहर में आज भी तमाम लोग ऐसे हैं, जो कि नजूल की जमीन पर ही अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे हैं। ऐसे लोगों की सहूलियत के लिए सरकार ने फ्री-होल्ड का शासनादेश जारी किया था। इसके तहत सरकार की ओर तय की रकम को जमा कराने के बाद लोग जमीन अपने नाम करवा सकते हैं। अब इसी शासनादेश की आड़ में सियासी रसूख वाले लोग शहर में खाली पड़ी नजूल की जमीन के साथ ही सीलिंग की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में जुटे हैं। ये जमीनें बेशकीमती है और बाजार भाव के लिहाज से कीमत करोड़ों में हैं। अब अगर सियासी रसूख का फायदा उठाकर ये लोग जमीन को फ्री-होल्ड कराने में कामयाब हो जाते हैं तो बहुत कम पैसे में जमीन इन लोगों के नाम हो जाएगी। बताया जा रहा है कि शहर के कई नामी गिरामी लोग इसी कवायद में लगे हैं। इन लोगों की सत्ता के केंद्र खासी पकड़ बताई जा रही है। कई लोगों ने तो इस काम के लिए पिछले कई रोज से देहरादून में ही डेरा जमा रखा है। देहरादून प्रतिनिधि के अनुसार रुद्रपुर के सियासी नेताओं की इन दिनों बीजापुर गेस्ट हाउस में चहलकदमी खासी बढ़ गई है। सूत्रों ने बताया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने तो अपना मामला जमा भी लिया है। माना जा रहा है कि आगे आने वाले कुछ समय में ही बेशकीमती जमीनें इन लोगों के पक्ष में फ्री-होल्ड की जा सकती हैं। जाहिर है कि इन बाद में इन जमीनों को बेचकर या फिर उसकी व्यावसायिक उपयोग करके लोग करोंड़ों के न्यारे-वारे करने की तैयारी में हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार अपनी पार्टी के ही इन रसूखदार नेताओं पर किस हद तक अपनी मेहरबानियों की बारिश करती है।
झा कालेज की जमीन पर भी कब्जे की कोशिश
शहर के विख्यात एएन झा राजकीय कालेज के पास सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है। कुछ लोगों ने इस जमीन पर कब्जा भी कर रखा है और इसी की आड़ में मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया है। पिछले दिनों यह मामला शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के संज्ञान में लाया गया था। काबीना मंत्री ने इसे खासी गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी पंकज पांडे को साथ लेकर जमीन का मौका-मुआयना भी किया। मंत्री ने जिलाधिकारी से पूछा आखिर ये हो क्या रहा है। इस तरह के मामलों में सख्ती से काम लिया जाए। मंत्री जी तो यह कहकर चले गए। लेकिन किसी भी प्रशासनिक अफसर ने इस ओर पलटकर भी नहीं देखा।
रिवर वैलीः फार्म के पैसे नान रिफंडेबल, ग्रामीण बैंक और यूको बैंक से भी बिक रहे फार्म
- केवल फार्म बिक्री से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना, लुभावने वायदों में फंसती जा रही पहाड़ की गरीब जनता
- सरकारी सिस्टम को नहीं बिल्डर की मनमानी की परवाह
देहरादून,21 मई (निस)। देहरादून में बिल्डरों की मनमानी पर सरकारी सिस्टम किसी तरह का अंकुश लगाने को तैयार नहीं है। आलम यह है कि विडंलास बिल्डर केवल आवेदन फार्मों से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना पर काम कर रहा है। भारतीय स्टेट बैंक और यूको बैंक के माध्यम से तो आवासीय योजना में फ्लैट के लिए आवेदन पत्र बिक्री कराए ही जा रहे थे। अब पहाड़ तक पहुंच बनाने के लिए उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से भी आवेदन फार्मों की बिक्री की जा रही है। विडंलास ग्रुप की रिवर वैली आवासीय परियोजना का पूरे प्रदेश में जमकर प्रचार किया जा रहा है। बिल्डर की ओर से लोगों को कम पैसे में फ्लैट देने के लुभावने वायदे किए जा रहे हैं। लोग इस योजना में मकान लेने की जुगत में जुट गए हैं। हालात इशारा कर रहे हैं कि बिल्डर ने हाउसिंग योजना में फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों से ही करोड़ों रुपये कमाने की योजना बना रखी है। फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों को पहले एक आवेदन फार्म खरीदना होगा। इन फार्मों की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक के साथ ही यूको बैंक और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की शाखाओं से की जा रही है। इसके अलावा बिल्डर अपने स्तर से भी फार्मों की बिक्री कर रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के माध्यम से राज्य के पर्वतीय इलाकों में भी आवेदन फार्म बेचे जा रहे हैं। एक फार्म की कीमत 570 रुपये तय की गई है। फार्म में इस बात का जिक्र किया गया है कि इसकी कीमत नान रिफंडेबल है। यानि कि फार्म खरीद लिया तो 570 रुपये बिल्डर के खाते में गए। बताया जा रहा है कि व्यापक प्रचार-प्रसार करके बिल्डर अब तक 30 हजार के आसपास फार्म बेच चुका है। इस लिहाज से केवल फार्म की बिक्री से ही बिल्डर के खाते में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम जमा हो चुकी है। चूंकि पैसा नान रिफंडेबल है। ऐसे में इस पैसे पर बिल्डर का ही अधिकार हो चुका है। अहम बात यह भी है कि इस रिवर वैली आवासीय योजना में बनने वाले फ्लैटों की संख्या लगभग तीन हजार ही है। साफ जाहिर है कि बिल्डर फार्म की बिक्री के नाम पर करोड़ों रुपये कमाने की जुगत में है। बिल्डर ने पहले कहा कि फ्लैटों की आवंटन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। न्यूज वेट जब इस बात का खुलासा किया कि लाटरी के लिए सरकार से किसी तरह की कोई परमीशन ही नहीं ली गई है। इसके बाद बिल्डर की ओर से प्रचारित किया गया कि फ्लैटों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इस पर सवाल यह अगर ऐसा है तो तीस हजार से ज्यादा फार्म क्यों बेचे गए हैं। आम जनता के पैसे के साथ सरेआम किए जा रहे इस खिलवाड़ पर सरकारी सिस्टम मौन साधे बैठा है। किसी भी अफसर को इस बात की परवाह नहीं है कि जनता के किस तरह से एक बिल्डर अपने खाते में जमा करवा रहा है। इस बारे में आवास सचिव डीएस गर्ब्याल से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
कांग्रेसियों ने पुण्यतिथि पर राजीव को किया याद, कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन में श्रद्धांजलि सभा
- गांधी को गया बताया इस आधुनिक भारत का निर्माता, स्व. पीएम के दिखाए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प
देहरादून,21 मई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में एक श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी को याद किया गया। इस मौके पर हुई एक सभा में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्व. राजीव ने ही आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखीं। उन्होंने कहा कि स्व. गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर की देश का विकास किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उनकी कार्यशैली ने विकास की एक नई संस्कृति को जन्म दिया। देश उनके ऋण से कभी मुक्त नहीं हो सकता। अन्य वक्ताओं ने भी राजीव को अपना प्रेरणाश्रोत बताते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। इस मौके पर प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा और विधायक सरिता आर्य, कांग्रेस उपाध्यक्ष शंकर सिंह रमोला, महासचिव आर्येंद्र शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेंद्र आर्य, जोतसिंह बिष्ट, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह समेत तमाम अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के शहादत दिवस गोष्ठी आयोजित
देहरादून,21 मई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के शहादत दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने राजीव गांधी अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा राजीव तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाकर अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयेाजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्व0 राजीव गांधी को भारत में सूचना क्रान्ति का जनक बताते हुए कहा कि उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उन्होंने कहा कि स्व0 राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाकर युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। भारत को आर्थिक महाशक्ति व सूचना क्रान्ति में अग्रणी देश बनाने की बुनियाद भी राजीव गांधी जी ने डाली थी उन्हीं के प्रयासों के कारण आज विश्व के देश भारत को महाशक्ति बनते देख रहे हैं। पड़ोसी देशों से मधुर सम्बन्ध बनाने की पहल स्व. राजीव गांधी द्वारा की गई थी।
प्रदेश प्रभारी संजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदैव ही पंचायतों की मजबूती व उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाये जाने पर जोर रहा है। पंचायतों की इसी मजबूती के लिए स्व0 राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्वकाल में कांग्रेस द्वारा संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों को और अधिक प्रभुतासम्पन्न बनाने का कार्य किया गया। स्व0 राजीव गांधी जी को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि स्व0 राजीव गांधी ने भारत को 21वीं सदी में ले जाने का जो सपना देखा था वह आज साकार हो गया है। स्व0 राजीव को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि राजीव ने न केवल सूचना के क्षेत्र में नई क्रान्ति का संचार किया बल्कि पंचायतों की स्वायत्तता तथा मजबूती के लिए जो कार्य किया वह मील का पत्थर साबित हुआ है। भारत को आर्थिक महाशक्ति व सूचना क्रान्ति में अग्रणी देश बनाने की बुनियाद भी राजीव गांधी ने डाली थी उन्हीं के प्रयासों के कारण आज विश्व के देश भारत को महाशक्ति बनते देख रहे हैं। सूचना तकनीक के क्षेत्र में भारत वर्ष की गिनती आज दुनिया के अग्रणी देशों में की जाती है जिसका श्रेय स्व0 राजीव गांधी को है। स्व0 राजीव गांधी ने 18 वर्ष की आयु के युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। उनके द्वारा उठाये गये कदमों से आज भारतीय महिलाएं देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं। गोष्ठी को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, मनोहरलाल शर्मा, एस.पी. सिंह इन्जीनियर, शंकर चन्द रमोला, रविन्द्र जैन, श्रीमती संतोष चैहान, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, जीतराम, राजकुमार, अर्येन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महिला अध्यक्ष सरिता आर्य, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, डाॅ0 जयाशुक्ला, सुन्दरलाल मुयाल आदि ने भी संबोधित किया। संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष काजी निजामुद्दीन ने किया। इस अवसर पर प्रदेष महामंत्री, राजेश जुवांठा, राजपाल, मास्टर सत्यपाल, नवीन जोशी, प्रदेश सचिव दीप बोरा, पूनम भगत, ममता गुरूंग, मेहरलता जज, अश्विनी कुमार, विवेक शर्मा, संजय किशोर, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, अजय ंिसह, महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, रीना कपूर, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, आईटी प्रकोष्ठ के अमरजीत सिंह, क. बीलवीर, अनिल गुप्ता, राजेन्द्र चैधरी जाट, नजमा खान, टीका राम पाण्डे, पायल बहल, अनिल नेगी, रोशनी गोदियाल, श्रीमती सिमरन, पुष्पलता ममगांई, सावित्री थापा, राजकुमारी, सुलेमान अली, विषाल मौर्य, पुष्पा देवी, भरत शर्मा, सोमवती, बाला शर्मा, माया देवी, संगीता देवी, श्रवण रजौरिया, आशीष उनियाल,, मीना रावत, ललित जोशी, सुधा शुक्ला, संयोगिता रानी, सरोज देवराडी, पुष्पांजलि दीवान, मेहरलता जज, अनुराधा तिवारी, बिमला मन्हास, बाला शर्मा, मधु सेमवाल, चन्द्रकला नेगी, सुषीला शर्मा, पुष्पा पंवार, साहीन बानो, सुमित्रा ध्यानी, कमला देवी, सावित्री प्रजापति, राधिका शर्मा, उशा, आषा शर्मा, प्रताप सिंह चैहान, विजय लक्ष्मी गुसांई, मेघ सिंह, सहित अनेक कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
प्रदेश के बच्चों ने सीएम से की मुलाकात
देहरादून,21 मई (निस)। गुरूवार को बीजापुर हाउस में उत्तराखण्ड बाल कल्याण परिषद् के तत्वावधान मे राज्य के सभी जनपदों से आए बच्चों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उŸाराखण्ड बाल कल्याण परिषद के पदाधिकारियों को प्रतिभावान बच्चों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के नाम पर एक योजना बनाने के लिए कहा व इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने परिषद के क्रियाकलापों का विवरण प्रस्तुत करने को कहा ताकि उसे सरकार की तरफ से और भी सहायता दिए जाने पर विचार किया जा सके। उन्होंने बच्चों द्वारा की गई प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन वर्ष भर किए जाने चाहिए ताकि बच्चे अपने राज्य के बारे में जान सकें। राज्य के सभी जनपदों से आए सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि के ये सभी बच्चे उत्तराखण्ड बाल कल्याण परिषद् के तत्वावधान में ’मिलकर रहना सीखो’ राज्य स्तरीय वार्षिक पांच दिवसीय शिविर, 2015 के अन्तर्गत आज मुख्यमंत्री श्री रावत से मिलने बीजापुर हाउस आए थे। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी, विधायक डा. जीतराम सहित राज्य बाल कल्याण परिषद् के पदाधिकारी मौजूद थे।
युवक ने ट्रेन से कटकर दी जान
देहरादून,21 मई (निस)। गुरूवार की सुबह एक युवक ने ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर युवक के परिजनों को सूचित किया। युवक अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बैंक की तैयारी कर रहा था। युवक के पिता यूनियन बैंक कलकत्ता में कार्यरत हैं। मिली जानकारी के अनुसार नेहरू काॅलोनी थाना क्षेत्र के अन्तगर्त बद्रीपुर रेलवे फाटक पर गुरूवार की सुबह एक युवक ने दिल्ली से दून आ रही निजामुद्दीन एक्सप्रेस टेªन से कटकर अपनी जान दे दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आस-पास लोगों से मृतक की शिनाख्त कराई। मृतक की पहचान हर्ष लखेड़ा 26 वर्ष पुत्र दिनेश लखेड़ा निवासी इन्द्रप्रस्थ, विहार जोगी वाला के रूप में हुई। बताया जा रहा हैं कि मृतक हर्ष बैंक की तैयारी कर रहा था व प्रारम्भिक परीक्षा में पास भी हो गया था। मृतक पिछले कुछ समय से मानसिक अवसाद से ग्रस्त था। इसके लिए उसका इलाज भी चल रहा था। मृतक के पिता यूनियन बैंक की कलकत्ता स्थित शाखा में तैनात हैं। जो इस सूचना के बाद वहां से देहरादून के लिए निकल गये थे।
मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवान्नद ने किया अन्नजल का त्याग
देहरादून,21 मई (निस)। हरिद्वार मे अवैध खनन एक बार फिर से पुनः बेलगाम हो चुका है। खनन का ये खेल इतना खौफनाक हो चुका है। कि इसमे कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकती है। स्वामी शिवानन्द का कहना है कि शासन प्रशासन पूरी तरह से अवैध खनन को लेकर माफिया गर्दी पर उतर आया है। जिस स्थान पर जिलाधिकारी ने स्वंय 18 मई को ये कहकर आदेश दिया था कि भोगपुर ,बिशनपुर कुंडी , और टांडा भागमल मे इन स्थानो पर कोई खनन सामंग्री नही बची है इस लिये वहां सभी पटटो को बन्द किया गया है। दूसरी तरफ गंगा मंे उसी स्थान पर सफाई के नाम पर उसी अधिकारी के द्वारा ये आदेश दिया जाता है कि गंगा मे पानी को बहने मे बाधा उत्पन्न ना हो । उसके लिये गंगा मे दर्जनो से भी ज्यादा पोखलैंड मशीनो को उतारकर अवैध खनन करवाने मे जिलाधिकारी खुद सहयोगी बने हुए है। और अवैध रूप से चल रहे खनन को अनुमति प्रदान कर रहे है। जबकी इनके दॅसरे आदेश में भी कही लिखा नही है कि पोखलैंड और जेसीबी मशीनो के द्वारा ये सफाई कार्य किया जायेगा। एक ही अधिकारी के एक समय मे एक विषय को तेकर दो अलग अलग आदेश अपने आप मे एक बडा सवाल पैदा करते है। और इस तरह से हो रहे गंगा मे अवैध खनन को मातृसदन बिल्कुल बर्दाश्त नही करेगा। जिसके खिलाफ आज स्वामी शिवानन्द कनखल स्थित अपने आश्रम मे अन्नजल का त्याग कर अपनी आमरण अनशन रूपी तपस्या पर बैठ गये है। और उनका कहना है कि जब तक गंगा मे अवैध खनन करा रहे और कर रहे लोगो पर कार्यवाही कर दंड नही दिया जाता तब तक उनकी तपस्या जारी रहेगी। वही मातृसदन के ब्रहमचारी आत्मबोधानन्द को भी अनशन पर बैठे आज पांच दिन हो चुके है। लेकिन शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने तक नही पहुंचा है।
राम मंदिर आरएसएस एवं भाजपा ही बना सकते हैंः सरस्वती
देहरादून,21 मई (निस)। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा नहीं बना सकते हैं। राम मंदिर तो धर्माचार्य ही बनाएंगे। इस दौरान उन्होंने नये अखाड़ा परिषद को मन्याता भी दी। साथ ही कहा नरेंद्र गिरी ही परिषद के अध्यक्ष हैं। गुरुवार को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ (शंकराचार्य निवास) में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना आरएसएस और भाजपा के बस का नहीं है। अब धर्माचार्यों को ही इस दिशा में पहल करनी होगी। वे ही राम मंदिर का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबर के आने के प्रमाण नहीं हैं। राम मंदिर निर्माण की बात मुस्लिम विरोधी नहीं है। इस दौरान उन्होंने नए अखाड़ा परिषद को मान्यता देते हुए कहा कि ज्ञान दास नहीं नरेंद्र गिरी ही परिषद के अध्यक्ष हैं। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में बन रहे बांधों का विरोध किया। उन्होंने स्कूलों में गीता पढ़ाए जाने की मांग की।
स्वतन्त्र अभिव्यक्ति का अधिकार ही मानवाधिकार
देहरादून,21 मई (निस)। मौलिक अधिकारो एवं स्वतन्त्र अभिव्यक्ति का अधिकार ही मानवाधिकार के अन्तर्गत आता है यह बात उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय विजेन्द्र जैन ने आज सर्किट हाउस अल्मोड़ा में कही। उन्हांेने कहा कि अधिकारों एवं स्वतन्त्रताओं के उदाहरण के रूप में जिनकी गणना की जाती है उनमें नागरिक और राजनैतिक अधिकारो, नागरिक एवं राजनैतिक अधिकार सम्मलित है। जैसे की जीवन व आजाद रहने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता, कानून के सामने समानता एवं आर्थिक, समाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों के साथ ही साथ सांस्कृतिक गतिविधियों मंे भाग लेने का अधिकार, भोजन का अधिकार, काम करने का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार सम्मलित है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए हमें कार्य करना होगा। न्यायाधीश ने कहा कि वर्ष 2015 में मानवाधिकार आयोग ने यह निर्णय लिया कि जनता के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुनी जाय और उन शिकायतों के आधार पर कार्य का आकलन किया जाय। मानवाधिकार आयोग पर्यावरण के प्रति भी लोगो को प्रेरित करने का कार्य भी करता है। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने भ्रमण के दौरान पाया कि जनपद नैनीताल के अधिकांश क्षेत्रों पर नदी के किनारे होटलों का निर्माण किया गया है जिसमें निर्माण कार्यों हेतु शर्तें निर्धारित की जाती है उसका ध्यान नहीं रखा गया हैं इसका संज्ञान लेते हुए वे शासन को अवगत करायंेगे। यदि अन्य शहरों में भी इस तरह की शिकायतें होंगी तो उसे भी गम्भीरता से लेंगे। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार आयोग का गठन उत्तराखण्ड में अगस्त, 2012 में हो गया था लेकिन आयोग द्वारा 13 मई, 2013 से अपना कार्य प्रारम्भ किया। इस दो वर्ष के दौरान आयोग में 2614 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 2392 शिकायतों का निस्तारण आयोग द्वारा कर दिया गया है। 222 शिकायतें लम्बित है। उन्होंने बताया कि जनपद अल्मोड़ा से कुल 32 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से 28 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है 04 शिकायतें लम्बित है। जनपद बागेश्वर की 16 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से सभी का निस्तारण कर दिया गया हैं। अध्यक्ष ने बताया कि मानवाधिकार आयोग में कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत लिखित व ई मेल के माध्यम से भेज सकता है। मानवाधिकार का मुख्य उददेश्य मानवाधिकार का हनन न हो इसका ध्यान रखना है। इस अवसर पर पत्र प्रतिनिधियों ने उन्हें अवगत कराया कि अल्मोड़ शहर में अभी पूर्णरूप से सीवर लाईन का कार्य लागू नहीं और न ही ट्रीटमेंट प्लान्ट चालू है। इसके अलावा प्रसिद्व जागेश्वर धाम में भी सीवर की व्यवस्था नहीं है साथ ही शवदाह के लिए कोई समुचित कदम नहीं उठाये गये है। पत्र प्रतिनिधियांे ने अल्मोड़ा मे अनियन्त्रित ढ़ग से बन रहे भवनों एवं मानक के अधिक ऊचाई वाले भवनों के निर्माण की शिकायत भी उनसे की। इस बात को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में छपी खबरों के माध्यम का संज्ञान लेते हुए वे इस पर ठोस निर्णय लेंगे। इस अवसर पर चिकित्सालयों द्वारा जो कूढ़ा एकत्र कर फैका जाता है उसके निस्तारण की भी बात उनके संज्ञान में लायी और पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था पर भी उनका आकृष्ट किया। इस दौरान यह भी बात उनके संज्ञान में लायी गयी कि पर्वतीय क्षेत्रों में क्षमता से अधिक सवारी वाहनों में बैठायी जाती है जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है और इसका कारण यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मोटर दुर्घटनायें अधिक होती है। अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रबन्धन को मजबूत करने के लिए हमें इस तरह के कार्य करने होंगे जिससे कि बाहर से आने वाले श्रद्वालुओं व पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार के प्रति लोग अधिकाधिक सजग रहें इसके लिए अभी तक रूड़की एवं रामनगर में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है तीसरी कार्यशाला 22 मई को विकासभवन, अल्मोड़ा के सभागर में प्रातः 11ः00 बजे से आयोजित की गयी है। इस कार्यशाला में कोई भी व्यक्ति जो मानवाधिकार के बारे में जानकारी रखना चाहता हो वह प्रतिभाग कर सकते है। उन्होंने कहा कि जनपद अल्मोड़ा में मानवाधिकार उलघंन की कम शिकायतें प्राप्त हुई है यह एक अच्छी बात है कि यहाॅ पर प्रशासन सजग है दूसरी बात यह भी है कि बहुत से लोगो को मानवाधिकार की जानकारी नहीं है उसके लिए भी हम सभी को जनगारूकता फैलाकर इसका प्रचार-प्रसार करना होगा। इस अवसर पर उनके साथ उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेश टण्डन, विशेषकार्याधिकारी मानवाधिकार आयोग केसु प्रसाद गुप्ता एवं उपजिलाधिकारी सदर श्रीमती रिंकू बिष्ट, तहसीलदार सदर गौरी दत्त तिवारी उपस्थित थे। इसके बाद उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अधीन बाल निकेतन, नारी निकेतन, महिला सुधारगृह सहित ऐतिहासिक जिला जेल का भी निरीक्षण किया और वहाॅ की समस्याओं को जाना इस दौरान उनके साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती चन्द्रा चैहान उपस्थित थी। इस भ्रमण के बाद उन्होंने प्रसिद्व चितई मन्दिर व जागेश्वर धाम को प्रस्थान किया।
भिलंगना नदी से दो शव बरामद
देहरादून,21 मई (निस)। बीती दस मई को घनसाली के पास मैक्स दुर्घटना के बाद लापता चल रहे तीन लोगों में से दो के शव गुरूवार की सुबह भिलंगना नदी से बरामद कर लिए गए। इनमें से एक महिला अभी लापता चल रही है। बीती दस मई को मैक्स वाहन यूके 09 टीए- 0174 चमियाला से घनसाली आ रहा था। चमियाला मेन बाजार से सटे एक मोड़ पर चालक गाड़ी पर नियंत्रण खो बैठा। परिणामस्वरूप वाहन सौ मीटर गहरी खाई से लुढ़कते हुए भिलंगना नदी में समा गया। दुर्घटना में चार लोगों नवीन (18) पुत्र किशोरी लाल (निवासी ग्राम रक्स्या बूढ़ाकेदार), आशा देवी (42) पत्घ्नी भरत लाल (निवासी सरूणा), अमन नौटियाल (18) पुत्र खिलानंद (निवासी बौंसला) और अनीता (32) पत्घ्नी शांति लाल (निवासी ग्राम भनैड़ी गोनगढ़) की मौके पर मौत हो गई थी। इनके शव तभी बरामद कर लिए गए थे। अन्य लोगों में अनीता की तीन वर्षीय बेटी गोपी, बबीता (23) पत्घ्नी बलबीर (निवासी लोदस) और ओम प्रकाश पुत्र बलवीर (निवासी गोना गांव) लापता चल रहे थे। गुरुवार को असेना के पास झील के पानी में अनीता की तीन वर्षीय बेटी गोपी व ओम प्रकाश पुत्र बलवीर (निवासी गोना गांव) के शव तैरते हुए मिले। इन्हें पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गोली लगने के बाद आदमखोर गुलदार जंगल में भागा
देहरादून,21 मई (निस)। नई टिहरी के पौखाल क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने गुलदार को नरभक्षी घोषित किए जाने के बाद मौके पर तैनात शिकारी ने देर रात खेतों में आए गुलदार को गोली मार दी। गोली लगने के बावजदू गुलदार जंगल की तरफ भाग निकला। जिसके बाद की गयी खोजबीन के बाद गुलदार का कुछ पता नही चल पाया है। जिससे ग्रामीणों में अब भी दहशत बरकरार है। ग्रंामीणों का मामना है कि घायल होने के बाद गुलदार और भी आक्रामक हो जाएगा। गौरतलब है कि घनसाली क्षेत्र की पट्टी फैगुल के पाली गांव निवासी विनोद सिंह नेगी (27) पुत्र वीर सिंह नेगी कीर्तिनगर में स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात था। बीती 18 मई की रात वह बाइक से नई टिहरी से अपने गांव पाली जा रहा था, लेकिन नवोदय विद्यालय पौखाल के पास उसे गुलदार ने मार दिया। मंगलवार को विनोद का शव पौखाल नवोदय विद्यालय के पास सड़क से नीचे खेतों में पड़ा मिला। गुलदार के हमले में युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार सुबह पौखाल में नई टिहरी-श्रीनगर मार्ग पर चक्का जाम भी किया। दोपहर साढ़े 12 बजे करीब गुलदार को गोली मारने के आदेश जारी करने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया था। इसके बाद ही मृतक युवक का दाह संस्कार हो सका। बुधवार की शाम ही गुलदार को मारने के लिए पौखाल में शिकारी जीएस भंडारी दल के साथ पहुंच गए थे। रात करीब दस बजे उन्हें खेत में गुलदार नजर आया। इस पर उन्होंने गोली चला दी, लेकिन गोली लगने के बाद भी गुलदार भाग निकला। शिकारी दल के साथ ग्रामीण भी गुलदार को जंगलों में तलाश कर रहे हैं।
केदारनाथ के अनुभवों पर होगी मानसरोवर यात्रा: मुख्य सचिव
देहरादून,21 मई (निस)। मुख्य सचिव एन.रविशंकर द्वारा जून माह से प्रारम्भ होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के सफल संचालन हेतु धारचूला के गुंजी में विभागीय अधिकारियों के साथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जिस प्रकार चारधाम यात्रा समय पर सुगमतापूर्वक प्रारम्भ की गई विशेषकर केदारनाथ यात्रा जो आपदा के बाद समय पर प्रारम्भ की गई, उसी प्रकार केदारनाथ यात्रा की तर्ज पर वहाॅ के अनुभवों को कार्यान्वित करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस यात्रा को सुगम बनाए जाने हेतु सभी व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बीआरओ, लोनिवि को सड़क मार्ग को सुगम बनाए जाने हेतु निर्देश दिए। क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए जा रहे सड़क को तीन वर्ष में पूर्ण किए जाने के संबंध में बीआरओ के अधिकारियों द्वारा मुख्य सचिव को अवगत कराए जाने पर मुख्य सचिव ने कहा कि उक्त सड़क को डेढ़ वर्ष में पूर्ण करने हेतु राज्य सरकार द्वारा बीआरओ को धनराशि देने के साथ ही मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि समय पर सड़क निर्माण किया जा सके। मुख्य सचिव ने गुंजी में ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों के साथ ही विभिन्न विभाग आईटीबीपी, बीआरओ, एसएसबी, लोनिवि, पेयजल, पशुपालन आदि विभागों के साथ बैठक भी की। गुंजी में वर्तमान में लोनिवि के पैदल पुल के स्थान पर बीआरओ द्वारा शीघ्र ही मोटर वैली ब्रिज बनाए जाने का बैठक में निर्णय लिया गया। इसके साथ ही क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था ठीक करने हेतु पेयजल विभाग को निर्देश दिए गए। उन्होंने लोनिवि को पैदल मार्ग में बर्फ को यात्रा प्रारम्भ होने तक हटाने के निर्देश देने के साथ ही मजदूरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि मार्ग शीघ्र ही ठीक किया जा सके। भ्रमण के दौरान मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि जिस प्रकार गुंजी से आगे की यात्रा की जिम्मेदारी आईटीबीपी के पास है उसी प्रकार गाला से गुंजी तक के यात्रा की जिम्मेदारी एसएसबी को दी जाएगी इस हेतु शासन स्तर से एसएसबी से वार्ता की जा रही है। उन्होंने आईटीबीपी को 2 लाख रूपए हैप्पोबैक व आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था हेतु देने के की बात कही। मुख्य सचिव ने यह भी अवगत कराया कि कैलाश मानसरोवसर यात्रा मार्ग में एसडीआरएफ को भी तैनात किया जाएगा। गुंजी में बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुमायूं मण्डल विकास निगम के प्रबंधक निदेशक डी.एस.गब्र्याल को निर्देश दिए कि कैलाश मानसरोवसर यात्रा के अतिरिक्त अन्य समय पर भी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिले इस हेतु दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करें। उन्हांेने कहा कि जनपद पिथौरागढ़ में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने हेतु नैनी सैनी में हवाई पट्टी का निर्माण किया जा रहा है ताकि हवाई सेवाआंे के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने अवगत कराया कि धारचूला से वर्तमान में हवाई सेवा जो प्रारम्भ की गई है, रेस्क्यू के साथ ही अन्य हवाई सेवा सुदढ़ किए जाने हेतु एक हेलीकाॅप्टर अतिरिक्त तैनात करने पर भी विचार किया जा रहा हैं। गुंजी में मुख्य सचिव द्वारा स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर ग्रामीणों से क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में भी वार्ता की गई। इसके उपरांत मुख्य सचिव द्वारा जौलजीवी में चारों घाटियों हेतु बनाए जा रहे आपदा प्रबंधन केंद्र हेतु जिला प्रशासन हेतु चयनित भूमि का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि उक्त भूमि के समस्त प्रस्ताव शीघ्र ही शासन को प्रेषित किए जाएं। मुख्य सचिव द्वारा आईटीबीपी सातवीं वाहिनी मिथी में भी आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर कैलाश मानसरोवसर यात्रा मार्ग में उनके द्वारा की जा रही विभिन्न कार्यों व तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने आईटीबीपी के कमांडर से कहा कि यात्रा संपन्न कराए जाने हेतु जो भी आवश्यकताएं हो उसकी सूची जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएं। इस दौरान आईटीबीपी मिर्थी के कमांडेंड के.एस. रावल द्वारा मुख्य सचिव को आईटीबीपी द्वारा की गई तैयारियों के संबंध में जानकारी दी।