Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (13 अगस्त)

$
0
0
केदार तीर्थ पुरोहितों को शेष बचे हुए मुआवजे का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश

देहरादून  13 अगस्त (निस)। केदारनाथ मास्टर प्लान की बैठक में गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने तीर्थ पुरोहितों को शेष बचे हुए मुआवजे का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब तक 10 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है। तीर्थ-पुरोहितों के मुआवजे की रकम देने के लिए 18 करोड़ रूपये का अनुबंध किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देश दिए कि शेष 8 करोड़ रूपये का भुगतान मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से तत्काल कर दें। इसके अलावा जिन भवनों का अधिग्रहण करना है, उन्हें चिन्ह्ति कर लें। इन भवनों के लिए सरकार की कितनी देनदारी बनती है, इसका प्रस्ताव शासन को भेजे। जिससे कि मुआवजे की व्यवस्था कर भुगतान किया जा सकें। बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओमप्रकाश, सचिव आपदा प्रबंधन आर.मीनाक्षी सुंदरम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

कांग्रेस ने दिल्ली में भाजपा सांसद डाॅ. निशंक के आवास का किया घेराव
  • जवाब दो हिसाब दो आगाज हुआ नई दिल्ली से
  • कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सेनापतियों ने दिल्ली में संभाला मोर्चा

uttrakhand news
देहरादून, 13 अगस्त, (निस)। कांग्रेस नेताओं ने गुरूवार को नई दिल्ली में भाजपा सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक के आवास पर घेराव किया। घेराव का नेतृत्व कांग्रेस नेत्री एवं प्रदेश महामंत्री श्रीमती शिल्पी अरोड़ा ने किया। कांग्रेस नेताओं ने ’उत्तराखण्ड का हक दो, उत्तराखण्ड को न्याय दो’ आन्दोलन के तहत पहले चरण में ’’जवाब दो, हिसाब दो’’ आन्दोलन आरम्भ किया। श्रीमती अरोरा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा मांग की गई है कि सांसद डाॅ. निशंक ने हरिद्वार की जनता के साथ ही उत्तराखण्डवासियों के साथ भी धोखा किया है। उन्होंने कहा कि राज्यहित से जुड़े कई मामले केन्द्र में लंबित है, जिन पर भाजपा सांसद कोई पैरवी नही कर रहे है। राज्य की जनता ने 5 सांसदो को जीताकर भेजा, ताकि वे जनता की आवाज को केन्द्र में उठायेंगे, लेकिन भाजपा सांसद दिल्ली में चुप्पी साधे हुए है। पूर्ववर्ती सरकारें विशेषकर कांग्रेस ने सदैव उत्तराखण्ड के हितों की रक्षा में कभी भी किसी तरह की कोताही नहीं की है। लेकिन जब से केन्द्र में भाजपा नीत सरकार बनी है, वह राज्य के हितों पर कु.ठाराघात कर रही है। श्रीमती अरोरा ने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्रदेश अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशांे के अनुसार ही आन्दोलन को गति दी जायेगी। दिल्ली में श्री उपाध्याय के सेनापति के रूप में कांग्रेस नेता इस आन्दोलन को गति देने का काम कर रहे है। इस अवसर पर कांग्रेस नेता एवं उपाध्यक्ष आन्दोलनकारी सम्मान परिषद धीरेन्द्र प्रताप सिंह, सुनील गुलाटी, ब्रिज मोहन उप्रेती, विजय सारस्वत, शिशुपाल सिंह, पृथ्वीराज चैहान, अभिनव थापर, मनोज धनकर, दिलशाद अहमद, संजय किशोर, राजेश रस्तोगी, पूनम भगत, अमित सैनी, गौरव अरोरा, कुमार खान, संतोष चैहान आदि शामिल थे। 

नेहरू काॅलोनी को एमडीडीए को दिये जाने के विरोध में नेहरू काॅलोनीवासी

देहरादून, 13 अगस्त, (निस)। नेहरू काॅलोनी को एमडीडीए में शामिल करने के विरोध में नेहरू काॅलोनी जन कल्याण समिति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के परिसम्पत्तियों के पुनर्गठन सलाहकार विनोद बड़थ्वाल से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। समिति के संरक्षक त्रिलोक सिंह सजवाण के नेतृत्व में नेहरू काॅलोनीवासियों ने श्री बड़थ्वाल  को बताया कि यह काॅलोनी उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के अधीन है। प्रदेश सरकार द्वारा इसे एमडीडीए को हस्तांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि एमडीडीए बाकी काॅलोनियों का रखरखाव ही ठीक ढ़ंग से नहीं कर पा रहा है। अगर काॅलोनी को हस्तांतरित करना जरूरी है तो इसे उत्तराखण्ड आवास विकास परिषद को हस्तांतरित करवाया जाये। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के परिसम्पत्तियों एवं पुर्नगठन मामलों के सलाहकार विनोद बड़थ्वाल ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद सुबोध सिंह से फोन पर वार्ता की। फोन पर श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की बैठक जल्द ही होनी है, इस बैठक में इस विषय पर विचार किया जायेगा एवं इस विषय में पूरा सहयोग किया जायेगा। प्रतिनिधिमण्डल में रंजीत भंडारी, रिपुदमन सिंह, विवेक कोठारी, मुकेश रेगमी, आनन्द सिंह पुण्डीर, एच.पी.थपलियाल, देवेश गर्ग, बब्बन, बसन्त पंत, कुलवीर सजवाण आदि शामिल रहे।

स्पेशल ओलम्पिक वल्र्ड खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले को सीएम ने किया सम्मानित

uttrakhand news
देहरादून, 13 अगस्त, (निस)। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह गर्व की बात है कि सुदूर क्षेत्रों में निवास करने वाले हमारे युवा अपनी खेल प्रतिभा से उत्तराखण्ड का नाम देश-दुनिया में रोशन कर रहे है। ऐसे युवा दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करते है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवा खिलाड़ी विजय सिंह को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। गुरूवार को बीजापुर अतिथि गृह में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पेशल ओलम्पिक वल्र्ड गेम्स-2015 में टिहरी गढ़वाल निवासी विजय सिंह द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सम्मानित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होने कहा कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खोला कड़ाकोट टिहरी गढ़वाल के अध्यापक एवं प्रशिक्षक को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ऐसे शिक्षक, जिनके कारण हमारे युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है, उनका भी सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नही है, आवश्यकता तो बस सही मार्गदर्शक की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक की भूमिका निभाये। साथ ही शिक्षक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे। साथ ही बच्चों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी आगे लाने का काम करे। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, ताकि राष्ट्रीय खेल आयोजन में प्रदेश की अधिक से अधिक प्रतिभाओं को अवसर मिले। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

17 को एसडीएम कार्यालय में करेंगे तालाबन्दी
  • गोरीपार के जौलढूंगा में आधार कार्ड बनाने हेतु षिविर लगाने की मांग
  • डीएम को सौंपा ज्ञापन, भाजपा करेगा नेतृत्व

देहरादून, 13 अगस्त, (निस)। भाजपा ने मुनस्यारी तहसील के गोरीपार क्षेत्र में आधार कार्ड बनाने के लिए षिविर नहीं लगाये जाने पर 17 अगस्त को मुनस्यारी तहसील में उप जिलाधिकारी कार्यालय पर तालाबन्दी करने का ऐलान किया। भाजपा ने जिलाधिकारी के साथ ही आधार कार्ड के नोडल अधिकारी को इस आषय का पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि 35 किमी. चलकर गोरीपार की जनता आधार कार्ड बनाने मुनस्यारी नहीं आ सकती।भाजपा के विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया ने प्रषासन को दिये पत्र में कहा कि वर्श 2013 की आपदा में गोरीनदी में बना झूलापुल बह गया। आज तक इस स्थान पर पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया। गोरीपार क्षेत्र के 13 गांवों की जनता गोरी नदी को गरारी से पार कर रही है। गोरीपार क्षेत्र की 5 हजार की आबादी जान जोखिम में डालकर गरारी से नदी पार कर 35 किमी. चलकर कार्ड बनाने के लिए मुनस्यारी नहीं आ सकती। इसकी सूचना क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने कई बार षासन-प्रषासन को दे दी है। उसके बाद भी प्रषासन द्वारा अभी तक गोरीपार क्षेत्र के मध्य में स्थित जौलढूंगा में आधार कार्ड बनाने के लिए षिविर लगाने की व्यवस्था षुरू नहीं हो पायी है। गोरीपार की जनता को 35 किमी. पैदल चलने के साथ एक व्यक्ति को आधार कार्ड बनाने के लिए 600 रूपये खर्च करने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रषासन ने 16 अगस्त तक गोरीपार क्षेत्र के जौलढूंगा में आधार कार्ड बनाने के लिए षिविर लगाकर कार्ड बनाना षुरू नहीं किया तो 17 अगस्त को उप जिलाधिकारी मुनस्यारी के कार्यालय में ताले डाल दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार और प्रषासन गोरीपार क्षेत्र की जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। आधार कार्ड सहित दर्जनों उदाहरण सामने आ गये है। जिसने साबित कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार गोरीपार क्षेत्र के लोंगेां का तंग करने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा गोरीपार क्षेत्र की जनता को अब और अधिक परेषानियों में नहीं रहने देगी। इसके लिए आन्दोलन का रास्ता अपना लिया गया है। 

बंगापानी तहसील में षुक्र व षनि को बैठेंगे तहसीलदार
  • भाजपा ने इसे बताया गोरीछाल की जनता की जीत
  • स्थाई तहसीलदार नहीं आने पर पूर्ण तालाबन्दी की धमकी

धारचूला,13 अगस्त(निस)। भाजपा के बंगापानी तहसील में तालाबन्दी करने के आन्दोलन का असर दिखने लगा है। प्रषासन ने सप्ताह में दो दिन तहसीलदार को बंगापानी तहसील में बैठाने पर सहमति जता दी है। तहसीलदार षुक्रवार और षनिवार को बंगापानी तहसील में बैठेंगे। भाजपा के विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया ने आज इस सन्दर्भ में धारचूला के उपजिलाधिकारी परितोश वर्मा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उप जिलाधिकारी से हुई वार्ता के बाद यह तय हुआ है कि तहसीलदार इन्द्र बहादुर मल प्रत्येक सप्ताह के षुक्रवार और षनिवार को बंगापानी तहसील में बैठकर गोरीछाल की जनता के काम-काज निपटायेंगे। मर्तोलिया ने बताया कि 15 दिन के भीतर स्थाई तहसीलदार की नियुक्ति नहीं होने पर भाजपा बंगापानी तहसील में पूर्ण तालाबन्दी कर देगी। इससे पूर्व गोरीछाल के गांवों में एक सप्ताह तक जन जागरण अभियान चलाया जायेगा। भाजपा के आन्दोलन का असर सामने आ जाने के बाद मर्तोलिया ने इसका श्रेय गोरीछाल की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं को दिया। ज्ञात रहे कि 10 अगस्त को भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंगापानी तहसील में तालाबन्दी करने के लिए हंगामा काटा था। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि तहसील में स्थाई तहसीलदार की नियुक्ति की जाय। इसके अलावा बंगापानी तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने, तहसील स्तर के समस्त विभागों की स्थापना करने, गोरीछाल में विकास खण्ड कार्यालय खोलने के अलावा सब कोशागार की स्थापना की मांग उठाकर भाजपा ने प्रदेष के मुख्यमन्त्री के सामने नयी चुनौती खड़ी कर दी हैं। 

सड़क दुर्घटना में एक की मौत,छह घायल

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। बीती रात जोलीग्रांट के पास कार और लोडर की भिड़ंत में कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। दुर्घटना में छह लोग भी घायल हुए। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव का पंचनामा भरा।  मिली जानकारी के अनुसार चमोली जनपद के पीपलकोटी निवासी नवल किशोर उम्र 43 वर्ष पुत्र मोहन प्रकाश अपने सेंट्रो कार से ऋषिकेश से देहरादून की ओर जा रहे थे। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे जोलीग्रांट पुलिस चैकी से आगे उनकी कार की भिड़ंत एक लोडर से हो गई। दुर्घटना में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में लोडर सवार छह लोगों को भी चोट आई है। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहंुचाया। घायलों की  हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

स्वंत्रता दिवस की सुरक्षा तैयारियों को दिया अंतिम रूप

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। स्वंत्रता दिवस की तैयारियों को लेकर पुलिस ने अपनी तरफ से सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। गरूवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधिकारियों ने परेड ग्राउण्ड में सुरक्षा व्यवस्था के साथ वहां पर चल रही तैयारियों का निरीक्षण किया। स्वतंत्रता दिवस के समारोह के लिए परेड मैदान को पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टि से व्यवस्था चाक-चैबंद कर दी है। झांकियों व परेड को देखने के लिए आने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस के जवानों के साथ-साथ गुप्तचर विभाग भी परेड मैदान पर पैनी नजर बनाये हुए है। कार्यक्रम के मुख्य स्थल से लेकर दर्शकों की मौजूदगी वाले क्षेत्रों पर भी पुलिस की सुरक्षा रहेगी। वहंा किसी को भी आपत्ति जनक वस्तुएं लेजाने की मना ही होगी। इसके लिए पुलिस विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी किये गये है। इस कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए पुलिस की ओर से पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। परेड मैदान की सुरक्षा में जुटे पुलिस कर्मियों कोड्यूटी प्वांइट व उनकी जिम्मेदारी आदि की जानकारी पुलिस अधिकारियों की तरफ से संबधित लोगो को दे दी गयी है। गुरूवार को परेड मैदान में कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देने वाले सुरक्षा बलों,पुलिस कर्मियों, एनएसएस व एनसीसी के कैडेट्स द्वारा रिहर्सल की गयी। जिसका जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने जायजा लिया। कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की त्रूटि न रहे इसके लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति का कहना है कि स्वंत्रता दिवस की सुरक्षा को देखते हुए ड्यूटी मे तैनात सभी पुलिस कर्मियों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है तथा इसके साथ साथ होटलों, धर्मशालाओं व सवेंदनशील संस्थानो पर चैकिंग होगी। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दौरान सुरक्षा को देखते हुए परेड मैदान में आम पब्लिक के लिए अलग- जगह बनाई गयी है व वीआईपी के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है।

केन्द्रीय विद्यालय भवन का मुद्दा संसद में उठाया 

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूड़ी, ए0वी0एस0एम0 (से0नि0) सांसद गढ़वाल द्वारा आज लोकसभा में जनपद पौड़ी के  मुख्यालय गोपेश्वर में एक केन्द्रीय विद्यालय के भवन के निर्माण विषय के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया पौड़ी संासद ने सदन में कहा कि वह सदन के मध्य से माननीय मानव संसाधन मंत्री जी का ध्यान एक गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। पौड़ी सांसद ने लोकसभा में कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र गढ़वाल (उत्तराखण्ड) के सीमान्त जनपद चमोली के मुख्यालय गोपेश्वर में एक केन्द्रीय विद्यालय वर्ष 2004में अथक प्रयासों के बाद खुला था। आज 11 वर्षों बाद भी उक्त विद्यालय का स्थायी भवन नहीं है। उक्त विद्यालय के लिये राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराने के उपरान्त भी इस विद्यालय का भवन न होना खेद का विषय है। पूर्व में यह विद्यालय राज्य सरकार के खाली पड़े भवनों में चलाता था। कुछ वर्ष उपरान्त इस विद्यालय को इन भवनों से भी स्थानान्तरित  कर मुख्य शहर से दूर स्वास्थ्य विभाग के खाली पड़े भवन मे ंस्थान्तरित कर दिया गया। अब चूंकि स्वास्थ्य विभाग को इस भवन की आवश्यकता है जिस कारण एक बार पुनः इस विद्यालय को कहीं अन्यत्र दूर भेजा जा रहा है। पहाड़ों पर सीमित संसाधन होने के साथ ही यह एक सैन्य बाहुल्य क्षेत्र भी है। गोपेश्वर में केन्द्रीय विद्यालय खुलने के बाद से ही कई परिवार अपने घर-गाॅव छोड़कर यहाॅ सिर्फ अपने बच्चों की शिक्षा के लिए ही रहते हैं। अतः उनका केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि भवनों के आभाव में विद्यालय का बार-बार स्थान्तरित होना इन विद्यार्थियों के पठन-पाठन को प्रभावित करता है, इसलिए इस विद्यालय के स्थायी भवन का निर्माण शीघ्र किया जाये ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित न हो। 

सीएम ने विदेश मंत्रालय को लिखा पत्र, मलेशिया में फंसे युवकों की मद्द की गुहार 

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता हल्के हथकंडे अपनाकर वाहवाही लूटना चाह रही है। उन्होंने कहा कि मलेशिया में फंसे उत्तराखण्ड के युवाओं की सकुशल वापसी के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा स्वयं पहल की गई। इसके लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर त्वरित कार्यवाही का अनुरोध किया गया। राज्य सरकार की ओर से दिल्ली में तैनात स्थानीय आयुक्त को इसकी पूरी जिम्मेदारी सौपी गई। स्थानीय आयुक्त द्वारा विदेश मंत्रालय और मलेशिया उच्च आयुक्त से निरंतर संवाद कायम किया गया, जिसका परिणाम यह रहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं की सकुशल वापसी हो पायी है। इसके प्रमाण के तौर पर मलेशियाल उच्चायुक्त और स्थानीय आयुक्त के बीच हुए वार्तालाप और पत्राचार सबके सामने है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सभी युवाओं के लिए हवाई यात्रा के टिकट की व्यवस्था की गई। जिसकी छायाप्रति पत्रकारों को आज जारी की गई। आज जब ये युवा दिल्ली एयरपोर्ट पर पुहंचे तो उनके स्वागत में राज्य सरकार की ओर से स्थानीय आयुक्त एस.डी शर्मा और प्रोटोकाल अधिकारी उपस्थित थे, किन्तु भाजपाई नेता उन युवाओं को अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गये। केवल वाहवाही लूटने के लिए। श्री कुमार ने कहा कि यह राष्ट्रीय राजनैतिक दल जो कि केन्द्रीय सत्ता में हो, उनका यह आचरण उचित नही कहा जा सकता है। ऐसे हथकंडे अपनाकर भाजपा नेता केवल वाहवाही लूटना चाह रहे है।

नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर अपने भ्रष्टाचारी मुखौटे को छिपाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है किन्तु जब केन्द्र द्वारा तमाम प्रकार की मदद दी जाती है तो प्रदेश सरकार नैतिकता के आधार पर धन्यवाद करना भी भूल जाती है। श्री भट्ट ने कहा कि हाल ही में केन्द्र से प्रदेश के तीन शहरों में ई0एस0आई0 चिकित्सालयों के लिए केन्द्र द्वारा 400 करोड़ रू0 की धनराशि स्वीकृति कर दी गयी है किन्तु राज्य सरकार को यह दिखाई नहीं दी। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 15 लाख से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इसके लिए केन्द्रीय श्रम मंत्री एवं केन्द्र सरकार का आभार भी जताया है। श्री भट्ट ने कहा कि अब स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार बार-बार जो केन्द्र सरकार के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रही है कि केन्द्र द्वारा मदद नहीं दी जा रही है वह मात्र अपना भ्रष्टाचारी चेहरा बेनकाब न हो इसलिए कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र पर आरोप लगाकर राज्य सरकार अपना भ्रष्टाचार नहीं छुपाये। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश आये दिन भ्रष्टाचार के नये आयाम छूने में इतिहास रच रहा है, उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान पर कि राज्य के पाॅचों सांसद वहाॅ क्या कर रहे हैं? पर कहा कि पहले मुख्यमंत्री बतायें कि केन्द्र में बतौर मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि वे तो मंत्री होने के बाद भी आये दिन राज्य की अपनी ही सरकार की कुर्सी को छिनने में लगे रहे और वे लेटर बम के अलावा कुछ भी नहीं कर पाये। श्री भट्ट ने कांगे्रस द्वारा भा0ज0पा0 सांसदों के आवास घेराव कार्यक्रम पर कहा कि कांग्रेस को पहले अपने गिरेबान में झाॅंकना चाहिए। छोटे से राज्य में आये दिन लूट-खसौट के अलावा सरकार कोई कार्य जनहित में नहीं कर पायी है। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री कार्यालय पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया हो और मुख्यमंत्री को स्वयं अपने ओएसडी और अन्य निजी स्टाफ को आनन-फानन में इधर-उधर छुपाना पड़ रहा हो। उन्होंने कहा कि यदि सब राज्य हित में ही सरकार कर रही है तो अब क्यों मुख्यमंत्री को स्वयं अपने कार्यालय की चैकीदारी स्वयं करनी पड़ रही है। श्री भट्ट ने कहा कि चाहे राज्य सरकार कितना भी जनता को बरगलाने का प्रयास कर ले लेकिन कभी सफल नहीं हो सकती क्योंकि प्रदेश अच्छी तरह से जानता है कि राज्य सरकार मात्र अपनी जेब भरने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। श्री भट्ट ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री आये दिन कहते रहे कि प्रदेश के स्थानीय फलों का उपयोग करने के लिए उन्होंने शराब की पाॅलिसी बदली है अब कह रहे हैं कि भा0ज0पा0 के जमाने के सिंडिकेट को तोड़ने के लिए हमने ये किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि आज तक प्रदेश से कितना मंडुवा, फल, माल्टा आदि का प्रयोग हो पाया है और प्रदेश के कितने लोगों को इससे रोजगार मिल पाया है। 

क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद का होगा गठन 

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई फिल्म नीति जारी कर दी। सूचना विभाग के तहत गठित राज्य फिल्म विकास परिषद इस नीति का क्रियान्वयन करेगा। नई नीति के तहत उत्तराखंड में बनने वाली फिल्मों के प्रमाणीकरण के लिए क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद का गठन किया जाएगा। परिषद से प्रमाणित क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को मनोरंजन कर में छूट मिलेगी। नई नीति में अनुदान व फिल्म पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है। नई नीति के तहत उत्तराखंड में नए शूटिंग स्थलों के विकास के साथ ही एक फिल्म सिटी की स्थापना करते हुए राज्य को फिल्म निर्माण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। युवाओं को फिल्म निर्माण व प्रदर्शन के क्षेत्र में प्रशिक्षण देते हुए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। नीति के जरिए क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करने व फिल्म के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत व पुरातात्विक धरोहर के महत्व को प्रसारित किया जाएगा। राज्य फिल्म विकास परिषद का गठन कर फिल्म शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा। फिल्म उद्योग की स्थापना के लिए राज्य में चिन्हित स्थानों पर एक फिल्म सिटी की स्थापना की जाएगी। फिल्म उद्योग के परामर्श से फिल्म विकास परिषद इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करके निजी क्षेत्र के सहयोग से धरातल पर उतारेगा। फिल्म सिटी के लिए राज्य सरकार औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगी। फिल्म सिटी में पुलिस थाना, अग्निशमन केंद्र, संपर्क मार्ग व वाह्य जल निकासी जैसी सुविधाएं भी फिल्म विकास निधि से विकसित करेगी।

61 पुलिस कर्मियों को मिलेगा मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक

देहरादून, 13 अगस्त (निस)। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस महानिदेशक ने 61 पुलिस कर्मियों को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक, उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह व सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा चिन्ह से सम्मानित होने वाले नौ पुलिस कर्मियो को 15 अगस्त को परेड मैदान में होने वाले समारोह में पदक प्रदान किए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी सूची के अनुसार डीएसपी धन सिंह तोमर, आरआई किशन सिंह रावत, एसआई प्रेम सिंह मेहता व एसआई पदमेंद्र सिंह को सराहनीय सेवा के लिए मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक दिया जाएगा। कांवड़ मेले में विशेष कार्य के लिए डीएसपी चंद्र मोहन सिंह, डीएसपी राजेश भट्ट, डीएसपी प्रकाश देवली व एसआई रितेश शाह को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक मिलेगा। अन्य विशिष्ट कार्य के लिए कांस्टेबल शिव कुमार को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पद से नवाजा जाएगा। इसके अलावा पुलिस ने विभिन्न श्रेणियों में पुलिस कर्मियों को सम्मान चिन्ह देने की घोषणा की है। उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह एसआई (एम) प्रेम सिंह, एसआई (एम) नंदन सिंह नेगी, एसआई मदन सिंह, पीसी गोविंद लाल व एसआई तेज सिंह नयाल को मिलेगा। विशिष्ट कार्य सेवा सम्मान चिन्हइंस्पेक्टर योगेश चंद्र, इंस्पेक्टर अनिल कुमार जोशी, एसआई आरबी चमोला, एआई तुषार बोरा, एसआई अमर चंद्र, एसआई चंद्रभान सिंह अधिकारी, एसआई नंद किशोर भट्ट, एसआई गिरिवर सिंह रावत व कांस्टेबल संदेश कुमार रावत को मिलेगा।  सेवा आधार पर सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह डीएसपी रायमन सिंह नबियाल, डीएसपी हिमांशु शाह, इंस्पेक्टर तारादत्त जोशी, अर्जुन सिंह रावत, चंद्र सिंह बिष्ट व जवाहर लाल, दलनायक दिवान सिंह मेहता, प्रेम लाल टम्टा, एफएसएसओ किशन सिंह बिष्ट, एसआई महानंद, देवानंद, पुष्पा चैहान, विजय लाल, गोपाल सिंह, शिवचरण सिंह भंडारी, हेड कांस्टेबल चिंतामणि, रणबीर चंद्र, डुंगर सिंह, प्रधान परिचालक ख्याली दत्त जोशी व फायर चालक राजेश कुमार को मिलेगा। विशिष्ट कार्य पर सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह इंस्पेक्टर संजय विश्नोई, एसआई अबुल कलाम, सुधीर कुमार, दीपक नौटियाल, प्रवीण सिंह बत्र्वाल, अमरजीत सिंह, मनोज कुमार मैनवाल, प्रीतम सिंह, विवेक राठी व हेड कांस्टेबल भगवान गिरी व प्रदीप रावत, कांस्टेबल अमित कुमार शर्मा, वीर सिंह, राजेश सेमल्टी, मोहकम सिंह, हरेंद्र सिंह रावत, प्रमोद कुमार व महिला कांस्टेबल राखी रावत को मिलेगा।

घर में घुसा तंेदुआ

रुद्रप्रयाग, 13 अगस्त (निस)। जिले के जखोली ब्लॉक के किमाना गांव में ग्रामीणों ने एक तेंदुए को कमरे में बंद कर दिया है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर तेंदुए को अपने कब्जे में लिया। गुरूवार की सुबह जखोली ब्लॉक के किमाना गांव में एक तेंदुआ कुत्ते का पीछा करते हुए गांव में आ गया। इस दौरान कुत्ता एक कमरे में घुस गया। तेंदुआ भी उसके पीछे घुस गया। इस पर लोगों ने तेंदुए को कमरे में बंद कर दिया। तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ मौके पर एकत्र हो गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पर वन कर्मी मौके पर पहुंचे और तेंदुए को किसी तरह से पिंजरे में कैद किया और अपने साथ ले गए। 

महिला पर किया जंगली सुअर ने हमला

नई टिहरी, 13 अगस्त (निस)। जाखणीधार ब्लॉक के अंतर्गत कोटी चोरियाधार गांव में खेत में काम कर रही महिला को हमला कर जंगली सुअर ने घायल कर दिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  मिली जानकारी के अनुसार 40 वर्षीय केसरी देवी पत्नी रामचंद्र सुबह खेत में काम कर रही थी। करीब साढ़े नौ बजे एक जंगली सुअर ने उस पर हमला कर दिया। इस बीच आसपास की महिलाओं ने शोर मचाकर सुअर को भगाया। इस हमले में केसरी देवी बुरी तरह घायल गई। खेत में उसकी जान बचाने पहंुचे ग्रामीणों ने  उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए, भालू के साथ ही जंगली सुअर के आतंक से लोग परेशान हैं। फसल बर्बाद करने के साथ ही सुअर हमलावर भी हो रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। 

संन्यासिन के साथ शराब तस्कर ने किया दुष्कर्म

हल्द्वानी, 13 अगस्त (निस)। ज्योलीकोट क्षेत्र में अकेली रहने वाली एक संन्यासिन से शराब तस्कर ने दुष्कर्म किया। पीडि़ता ने गांव के ही शराब की तस्करी करने वाले एक युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाया। घटना आधी रात बाद ढाई बजे की है। पीडि़ता का आरोप है कि शराब की तस्करी करने वाला एक युवक रात को उसके घर में घुसा और जबरन दुष्कर्म किया। यह संन्यासिन अकेली ही रहती थी। आरोप है कि विरोध करने पर उसकी पिटाई भी की गई। साथ ही उसके हाथ व पैर पर दांत से भी काटा गया। रात भर वह बेहोश पड़ी रही। सुबह होश में आने पर उसने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी। फिलहाल अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। दूसरी ओर आरोपी वारदात के बाद से गांव से फरार है। ज्योलीकोट चैकी प्रभारी सतीश कापड़ी का कहना है कि आरोपी को पकड़ने के लिए टीम लगाई गई है।

बुधवार रात को दिखा आसमानी आतिशबाजी का नजारा

नैनीताल, 13 अगस्त (निस)। बुधवार देर रात आसमानी आतिशबाजी का मनमोहक नजारा देखा गया। इस दौरान एक घंटे तक आसमान से जमीन की ओर आकाशीय पिंड गिरते दिखाई दिए। इससे आसमान पूरी तरह से रोशनी से नहा उठा। इस घटना को खगोलीय भाषा में परसीड्स मेटियोर शावर भी कहा जाता है। गुरूवार की रात भी लोग ऐसी ही आतिशबाजी का का दीदार कर सकेंगे। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान नैनीताल के वैज्ञानिकों ने बताया कि 27 जुलाई से आसमान में इस तरह की रोमांचक घटना की शुरुआत हो गई थी। नौ अगस्त से 13 अगस्त तक आतिशबाजी अपने चरम पर है।  उन्होंने बताया कि यह खगोलीय घटना बुधवार रात 12 से एक बजे के बीच हुई। इसे नैनीताल के मुक्तेश्वर से साफ देखा गया। शहरों में बिजली की रोशनी की वजह से आतिशबाजी का खूबसूरत नज़ारा नहीं दिखा। इस दौरान एक घंटे तक आकाश से जमीन की ओर चमकते आकाशीय पिंड गिरे। 

नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

खटीमा, 13 अगस्त (निस)। स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए भारत नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके तहत नेपाल आने व जाने वाले हर व्यक्ति की चेकिंग की जा रही है। स्वाधीनता दिवस पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। इसके दृष्टिगत एसएसबी के जवानों ने मेलाघाट क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाया। एसएसबी के कमांडर केसी राणा ने बताया कि 14 अगस्त की शाम से नेपाल सीमा को 24 घंटे के लिए सील कर दिया जाएगा।

ललित मोदी मामले पर सवाल उठाना जारी रखेंगे : चिदंबरम

$
0
0

congress-fight-for-lalitgate-chidambaram
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि वह ललित मोदी मामले पर सवाल उठाना जारी रखेगी और पूछा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को भारतीय यात्रा दस्तावेज की जगह ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज के लिए अनुरोध क्यों किया। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, "उन्होंने ऐसा क्यों सोचा कि ललित मोदी को भारतीय की जगह ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज की जरूरत है? उन्होंने अपने मंत्रालय को क्यों अंधेरे में रखा।" लोकसभा में मुद्दे पर चर्चा के एक दिन बाद पूर्व वित्त मंत्री की तरफ से यह टिप्पणी आई है। चर्चा पर सुषमा स्वराज ने जवाब दिया था।  उन्होंने कहा, "मंत्री नाकाम रहीं। जवाब की जगह हमें उपदेश मिला।"

चिदंबरम ने कहा, "यदि मंत्री समझती हैं कि ये सवाल खत्म हो जाएंगे तो ऐसा नहीं होगा। हम इसे उठाना जारी रखेंगे और जवाब मांगेंगे।"विपक्ष द्वारा ललित मोदी की कथित मदद को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इस्तीफे की मांग और हंगामे के कारण मानसून सत्र की कार्यवाही पूरी तरह बाधित रही है। 

कोहली में माराडोना जैसी आक्रामकता और जुनून : गांगुली

$
0
0

kohali-have-aggretion-like-maradona-ganguli
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने गुरुवार को भारतीय टेस्ट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की अर्जेटीना के दिग्गज फुटबाल खिलाड़ी डिएगो माराडोना से तुलना करते हुए कहा कि कोहली में माराडोना की तरह जुनून और आक्रामकता है। गांगुली ने पत्रकारों से कहा, "माराडोना मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से हैं। जब भी वह मैदान पर उतरते थे तो आप देख सकते हैं कि वह पूरे दिल से खेलते हैं। आप यही बात कोहली के खेल में भी देख सकते हैं।" गांगुली ने कहा, "उसका खेल के प्रति रवैया मुझे पसंद है। मैं उसका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। वह खुद को जिस तरह मैदान से बाहर खुद को ढाल रहा है, वह मुझे पसंद है। जब भी मैं उसे टेलीविजन पर या मैदान पर देखता हूं वह मुझे आत्मविश्वास से भर देता है।"

माराडोना को फुटबाल इतिहास में कुछ महान खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। खासकर वह खेल के प्रति अपने जुनून और आक्रामकता के लिए जाने जाते हैं, हालांकि उनकी यह आक्रामकता उन्हें कई बार विवादों में भी खींच ले गई। कोहली ने गॉल अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को शानदार शतकीय पारी खेली और एक अन्य शतकवीर शिखर धवन के साथ भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। कोहली ने गॉल में करियर का 11वां शतक लगाया।

संसद में हंगामे के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार : भगवंत मान

$
0
0

modi-government-responsible-for-parliament-disturbance-bhagwan-maan
उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा पहुंचे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से सांसद भगवंत मान ने संसद केमानसून सत्र में गतिरोध के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के हठ की वजह से यह महत्वपूर्ण सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। हास्य कलाकार से राजनेता बने भगवंत मान गुरुवार को आगरा में ताजमहल का दीदार करने आए थे। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में जो कुछ हुआ है, उसके लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने बुधवार को संसद में 'ललित गेट'पर बहस को बेहद गलत बताया। 

उन्होंने कहा कि इस बार का मानसून सत्र सरकार की गलती के कारण बेकार हो गया। सरकार को हर आरोप का समुचित जवाब देना चाहिए था, लेकिन समूची सरकार आरोपों को सिर्फ झुठलाने में लगी रही और प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे। सरकार की गलत दृष्टिकोण के कारण मानसून सत्र पानी में बह गया।  इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया। भगवंत मान ने कहा कि बिहार की रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है। उनकी भाषा प्रधानंमत्री के पद की गरिमा के जरा भी अनुकूल नहीं है। प्रधानमंत्री को लोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग करना चाहिए, लेकिन वह फूहड़ता पर उतर आए और अहंकार प्रदर्शित करते रहे।

उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा को दिल्ली के विधानभा चुनाव में अपने अहंकार का परिणाम झेलना पड़ा था। बिहार में भी भाजपा जिस तरह से प्रचार कर रही है, उससे उनका अहंकार ही झलक रहा है।  आम आदमी पार्टी के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा बार-बार परेशान किए जाने के बावजूद बहुत अच्छा काम कर रही है। अब अगले वर्ष पार्टी पंजाब में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को वेद व्यास सम्मान

$
0
0

anand-kumar-super-30-ved-vyas-award
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार वर्ष 2014-15 के लिए मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित सम्मान 'महर्षि वेद व्यास राष्ट्रीय पुरस्कार'के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और रचनात्मक विकास के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस पुरस्कार में दो लाख रुपये और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 15 अगस्त को भोपाल में आयोजित एक समारोह में आनंद को यह पुरस्कार देंगे। महर्षि वेद व्यास पुरस्कार के लिए चुने जाने पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए चर्चित संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार कहते हैं कि कोई भी पुरस्कार पाने से खुशी होती है तथा इन पुरस्कारों से और काम करने की प्रेरणा मिलती है। 

आनंद कहते हैं, "सुपर 30 आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के उत्थान के लिए एक छोटा सा प्रयास कर रही है, जिसे समाज के लोग पसंद कर रहे हैं। यही बहुत बड़ी प्रेरणा का काम करती हैं।" उन्होंने वर्तमान उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पुरस्कार मिलने से जिम्मेवारी और बढ़ जाती है। इसके पूर्व आनंद को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए बिहार में 'मौलाना अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार'से सम्मानित किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सुपर 30 निर्धन रूप से कमजोर 30 बच्चों का चयन करती है और उन्हें आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराती है। 

मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 2728 करोड़ रुपये मंजूर

$
0
0

2728-crore-accepted-for-education-in-mp
मध्य प्रदेश की उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ने अगले छह वर्ष के लिए 2728 करोड़ रुपये मंजूर किए। इसमें विश्व बैंक का 30 करोड़ और राज्य का 13 करोड़ डॉलर का योगदान होगा। राज्य के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि उच्च शिक्षा में सुधार के लिए राशि मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि इंदौर में औद्योगिक केंद्र विकास निगम द्वारा डायमंड पार्क प्रोजेक्ट के लिए उपलब्ध 254 एकड़ भूमि पर जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (एसईजेड) और घरेलू उत्पाद क्षेत्र (डीटीए) के रूप में विकास किया जाएगा। 

उन्होंने आगे बताया कि एसईजेड कोर एरिया में इंडस्ट्रियल प्लाट्स और नन कोर एरिया में होटल, टाउनशिप, कान्फ्रेंस हॉल, अस्पताल, स्कूल, ट्रेनिंग सेंटर और प्रशासनिक भवन बनाए जाएंगे। यहां बुनियादी सुविधाएं- जैसे सड़क, पानी, बिजली, स्ट्रीट लाइट, सीवर नेटवर्क, प्लांटेशन, सीसीटीवी कैमरा, पार्किं ग का विकास निजी विकासकर्ता द्वारा किया जाएगा। डीटीए में भी औद्योगिक भूखंडों के साथ ही सड़क, पार्किं ग, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं विकसित होंगी।

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य आयुष मिशन सोसायटी के गठन का निर्णय लिया। सोसायटी द्वारा अनुमोदित कार्य-योजना के क्रियान्वयन में कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के लिए सात विभिन्न पद मंजूर किए गए हैं। मिश्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने चार सिंचाई परियोजना के लिए 422 करोड़ से ज्यादा की राशि को मंजूरी दी। 

संसद में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार : येचुरी

$
0
0

government-responsible-for-parliament-disturbance-yetury
मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को मानसून सत्र में पनपे गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और भूमि अधिग्रहण विधेयक में देरी करने की चाल थी। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "वह बिहार चुनाव से पहले भूमि अधिग्रहण विधेयक में देरी करना चाहते थे और अन्नाद्रमुक ने जीएसटी विधेयक का विरोध किया। इसलिए इस मुद्दे को लेकर सदन में देरी की गई।" उन्होंने कहा, "यह एक राजनीतिक साजिश थी।"

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "राजग ने सुनिश्चित किया कि मंत्री संसद की अवधि के दौरान संबंधित कार्यालय में उपस्थित न रहें।"येचुरी ने कहा, "यह पहले भी हुआ है जब रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडीस ताबूत घोटाले में आरोपी थे। वह संसद सत्र के दौरान कार्यालय में मौजूद नहीं रहे।""वही फार्मूला इसमें भी क्यों नहीं लागू किया जा सकता?"उन्होंने कहा, "यह सब भाजपा के प्रचार और साजिश का हिस्सा है।"येचुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी कार्यकाल अहंकार और अत्याचारों को दर्शाता है।

जीएसटी पर संसद का लघु सत्र बुला सकती है सरकार

$
0
0

government-can-call-small-session-for-gst
मानसून सत्र में कोई काम नहीं होने के बाद अब मोदी सरकार संसद का लघु सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। इस सत्र का विचार मुख्य रूप से वस्तु एवं कर विधेयक (जीएसटी) को पारित कराने के मकसद से सामने आया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 'दो-तीन दिन का सत्र'सितंबर में बुलाया जा सकता है। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने गुरुवार को संसद के सदनों के तुंरत सत्रावसान की सिफारिश नहीं की। इसीलिए दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया।

सूत्रों ने कहा कि मानसून सत्र को फिर से बुलाने का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि जीएसटी को पारित कराने के बारे में विपक्ष राजी होता है या नहीं। राज्यसभा में विपक्ष के बहुमत को देखते हुए ऐसा किया जाना जरूरी है। मानसून सत्र में सरकार की कोशिशों के बावजूद जीएसटी को राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका।

संसद की कार्यवाही में बाधा निराशाजनक : जेटली

$
0
0

parliament-disturbance-disappointing-jaietely
सरकार और कांग्रेस के बीच संसद के दोनों सदनों में दिखी गरमी अब सदन के बाहर अपना गुल खिलाने वाली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार लोगों के सामने विपक्ष की हरकतों का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने माना कि मानसून सत्र में किसी विधायी कार्य का नहीं हो पाना "निराशाजनक"है।  जेटली ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मानसून सत्र में कोई बड़ा विधायी कार्य नहीं हो सका। इस मामले में यह निराशाजनक रहा। लेकिन यह पूरे देश को शिक्षित करने वाला (कि कांग्रेस और वाम दलों ने संसद नहीं चलने दी) भी साबित हुआ। "

जेटली ने कहा, "(संसद में) यह बाधा बिना किसी वजह के थी।"उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती ही नहीं कि सत्ता गांधी परिवार के हाथ से बाहर निकले। जेटली ने कहा, "राजग की टीम कांग्रेस के सभी 44 और वाम दलों के 9 सांसदों के इलाकों में जाएगी। हम लोगों को सच बताएंगे। वैसे तो पूरे देश के लोगों को बताएंगे लेकिन कांग्रेस और वाम सांसदों के इलाकों पर खास जोर रहेगा।"जेटली ने कहा कि इस टीम में एक केंद्रीय मंत्री और चार सांसद होंगे।

जेटली ने नाम लिए बगैर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "यह पहले कभी नहीं हुआ कि किसी पार्टी का सर्वोच्च नेता विरोध जताने के लिए सदन के आसंदी तक पहुंच गया हो।"जेटली राहुल पर भी बरसे। कहा कि राहुल संसद में भाषण और नारेबाजी के बीच का फर्क नहीं जानते।

कांग्रेस का रवैया आपातकाल वाला : मोदी

$
0
0

congress-acting-like-emergency-modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस का रवैया उसके आपातकाल के समय के रवैये की याद दिला देता है। यह जानकारी संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने दी। उन्होंने बताया कि मोदी ने यह बात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में कही। रूडी ने कहा, "राजग बैठक में प्रधानमंत्री ने आपातकाल को और इससे किए गए अपने मुकाबले को याद किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जैसे आपातकाल के दौरान व्यवहार किया था, वही व्यवहार उसने संसद सत्र में बाधाएं पैदा कर किया। "

प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की बैठकों में कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के नहीं आने और नागा शांति समझौते पर कांग्रेस की विपरीत टिप्पणियों का भी जिक्र किया। रूडी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की नीतियां एक परिवार को बचाने वाली हैं जबकि राजग की देश को बचाने वाली। रूडी ने कहा, "गरीबों के विकास का काम लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होगा। कांग्रेस इसे रोक रही है। हम कांग्रेस की चुनौती को स्वीकार करते हैं। हम इन मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाएंगे।"

डेविस कप टीम में लिएंडर पेस की वापसी

$
0
0

paes-return-back-in-davis-cup-team
लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को दिग्गज खिलाड़ी लिएंडर पेस के डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप प्ले ऑफ में चेक गणराज्य के खिलाफ खेलने की पुष्टि हो गई। भारतीय टीम 18 से 20 सितंबर के बीच दिल्ली लॉन टेनिस संघ (डीएलटीए) के आउटडोर हार्ड कोर्ट पर तीन बार की चैम्पियन और शीर्ष वरीय चेक गणराज्य का सामना करेगी। डेविस कप की आधिकारिकक वेबसाइट के अनुसार, पेस भारतीय टीम में साकेत मायनेनी की जगह लेंगे, जबकि शेष टीम अपरिवर्तित रहेगी। पेस के अलावा भारतीय टीम में शामिल अन्य खिलाड़ियों में रोहन बोपन्ना, सोमदेव देववर्मन और युकी भांबरी होंगे।

पेस ने पिछले महीने न्यूजीलैंज के खिलाफ डेवस कप ग्रुप-1 एशिया/ओसीनिया सेकेंड राउंड से बाहर रहने का फैसला किया था। भारत वह मैच 3-2 से जीतने में सफल रहा था। 42 वर्षीय पेस भारतीय टीम के वरिष्ठतम सदस्य होंगे, जबकि 23 वर्षीय भांबरी सबसे युवा सदस्य। तीन बार की चैम्पियन चेक गणराज्य डेविस कप में भारत के खिलाफ तीन मुकाबलों में एक बार भी नहीं हारी है, हालांकि भारत से खेले उसे लंबा समय हो चुका है। दोनों देशों के बीच डेविस कप में आखिरी भिड़ंत 1997 में हुई थी।

व्यापमं घोटाला : सीबीआई ने 6 प्राथमिकी दर्ज की

$
0
0

6-more-cases-in-vyapam
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को छह और प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को जो छह प्राथमिकी दर्ज की गई उनमें से दो पीएमटी और चार पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा को लेकर है। पहली प्राथमिकी पीएमटी 2009 की है, इसमें चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। दूसरी प्राथमिकी पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा 2013 की है। इस मामले में सीबीआई ने सात को आरोपी बनाया है।

सीबीआई के अनुसार तीसरी प्राथमिकी पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा 2012 की है, इसमें एक को आरोपी बनाया गया है। चौथी प्राथमिकी पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा 2013 को लेकर है, इसमें आठ आरोपी बनाए गए हैं। पांचवीं प्राथमिकी पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा 2013 की है, इसमें एक आरोपी है। छठी प्राथमिकी पीएमटी 2008 में हुई गड़बड़ी पर है, इसमें आरोपी 21 लोग हैं। ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई जांच कर रही है। वह प्राथमिकी दर्ज करने के साथ इस मामले से जुड़े हुए लोगों की मौत की भी जांच कर रही है। 

नीतीश के 'स्टेपनी'थे सुशील मोदी : लालू प्रसाद

$
0
0

susil-modi-nitis-stepni-lalu-prasad
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने गुरुवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि सुशील कुमार मोदी कभी नीतीश के ही स्टेपनी थे। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव सिर्फ एक राज्य का नहीं, देश का चुनाव है। पटना में आयोजित अति पिछड़ा जाति सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव पर देश की नजर है। इस कारण यह चुनाव केवल बिहार का नहीं है। 

पूर्व रेल मंत्री ने अपने खास अंदाज में कहा, "भाजपा नेता सुशील मोदी आज खूब बोल रहे हैं, पहले ये नीतीश कुमार के स्टेपनी थे। अब झाल बजा रहे हैं।"लालू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खून पर सवाल उठाया है, जिसे बिहार के लोग सहन नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा, "मोदी बिहार में आकर ओछी बातें बोल गए। ओछा बोलने के लिए मेरे पास भी बहुत कुछ है।"लालू ने सम्मेलन में आए लोगों से 30 अगस्त को गांधी मैदान में होने वाली बिहार स्वाभिमान रैली में भाग लेने की अपील करते हुए कहा, "हम लोगों के बीच मतभेद का ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव में फायदा उठा लिया था। अब ऐसा नहीं होने देंगे।" 

विचार : राष्ट्रवाद का ढोंग !!!

$
0
0
rashtrwaad
अपने आपको राष्ट्रवादी कहने वाली मोदी की भाजपा सरकार ने सवा-एकसाल बीत जाने के उपरान्त भी यथार्थ में  राष्ट्र के लिए  जो आवश्यक गतिविधि वर्तमान में होनी चाहिए उसके लिए कुछ किया  ही नहीं । अबतक गंगा यमुना के माध्यम से , योगा योगा के माध्यम से , भारत की अपनी खस्ताहाल हालात के होते  हुए भी   विदेशों में भारतीय धन वितरित करने  के माध्यम से खुद को मोदी जी राष्ट्रवादी व्यक्तित्व कहलवाने का  भ्रम  पैदा करवा रहे हैं । जबकि चाहिए तो  यह था की राष्ट्रवाद में  प्रवल सहायक किसी भी देश की राष्ट्रभाषा को सर्वप्रथम उस देश के सर्वोच्चन्यायालय में यथार्थ सम्मान मिलसके अर्थात न्यायालय की गतिविधि यहां की जनभाषा राष्ट्रभाषा में हो सके । 

साथ ही योगा योगा के जगह विद्यालयों में छठी क्लास से आवश्यक रूप  क़ानून की पढ़ाई और आर्मीट्रेनिंग की शिक्षा को अनिवार्य करने की आवश्यकता थी , ताकि छात्रों को क़ानून के बारे में आरंभिक ज्ञान होनेसे इसका जीवन में अनेकों विशेष लाभ मिलसके साथ ही छात्रों को सही  गलत की शिक्षा  भी आसानी से मिलजाती । लेकिन दुःख का विषय है कि राष्ट्रहित केलिए या राष्ट्रवाद के लिए अभी जो जरूरी बातें है , मोदी की भाजपाई केंद्रसरकार निरंतर उसकी अवहेलना करते हुए राष्ट्रवाद के नाम पर जनमानस को  गुमराह किये जा रही है । 





आमोद शास्त्री , 
दिल्ली , 
मोब=9818974495 & 931201781

विशेष : संसद में दिखा राजनीति का स्वार्थी चेहरा

$
0
0
भारत में राजनीति का जो दौर दिखाई दे रहा है, उससे किसका भला हो रहा है और भविष्य में किसका भला होगा। अगर इस प्रकार की राजनीति देश की जनता के लिए हितकारी नहीं है तो ऐसी राजनीति से देश के राजनीतिक दलों को तौबा करना ही चाहिए। अपने अपने स्वार्थों के भंवर में कैद राजनीति के कारण देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। क्या देश को विकास और महाशक्ति बनाने के प्रयासों के लिए इस प्रकार की राजनीति सार्थक मानी जा सकती है? आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश की साख पर कुठाराघात करने वाली राजनीति का पूरी तरह से तिरस्कार होना चाहिए। राजनीतिक स्वार्थ में फंसा देश का वर्तमान किस प्रकार के भविष्य का प्रदर्शन कर रहा है। इस प्रकार का भविष्य निश्चित रूप से देश के लिए और देश की जनता के लिए दुखदायी ही साबित होगा, इसलिए कम से कम राजनीतिक दलों को इस बात की पूरी जिम्मेदारी लेना चाहिए कि भारत के भविष्य को मजबूती प्रदान करने वाली राजनीति ही की जाए। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल देश में जिम्मेदार राजनीतिक दल की भूमिका में आते हैं, कम से कम इन दोनों दलों से तो यह आशा की जाना चाहिए कि वह देशहित की राजनीति करें।

देश की राजनीति में जिस प्रकार के उतार चढ़ाव का खेल शुरू हो गया है, इसका साक्षात्कार हम सभी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान देखा। कांग्रेस ने ललित मोदी के मुद्दे पर जिस प्रकार के आक्रोश का प्रदर्शन करके पूरी संसद को ठप कर दिया था, उसी मुद्दे कांगे्रस ने उस समय किनारा कर लिया, जब सत्र समाप्त होने की ओर आ गया था। केन्द्र सरकार के बार बार कहने के बाद भी कांग्रेस ने इस मामले पर बहस से किनारा किया, फिर बाद में कांगे्रस को अचानक क्या सूझी कि वह वहस में भाग लेने को तैयार हो गई। लेकिन कांग्रेस पहले से यह जानती थी कि हमारे द्वारा लगाए गए आरोपों में उतना दम नहीं है, जितना हमने प्रदर्शित कर दिया है।

वर्तमान में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से अपने बचाव की मुद्रा में खड़ी दिखाई देती है। ललित मोदी के बहाने बहुत सारे मामले खुलकर सामने आने लगे, तब कांग्रेस के नेताओं के चेहरे देखने लायक थे। वास्तव में कांग्रेस के पास उन सवालों का कोई जवाब नहीं हैं, जो उनके शासनकाल की देन हैं। कौन नहीं जानता कि ललित मोदी को जितनी छूट कांग्रेस शासनकाल के दौरान दी गई, उतनी किसी ने नहीं दी। भाजपा ने तो केवल मानवीयता के आधार पर बीमार पत्नी को देखने की इजाजत दी थी। इस बात को स्वयं कांग्रेस भी स्वीकार करने लगी है कि भाजपा को यह मानवीयता छुपकर नहीं करना चाहिए। सरेआम करनी चाहिए। कांगे्रस के राहुल गांधी ने खुद यह बात कही है।

जहां तक ललित मोदी के प्रकरण की बात है तो यह तो सारे राजनीतिक विश्लेषक जानते हैं कि यह प्रकरण इतना बड़ा नहीं है जितना प्रचारित किया गया है, इससे बड़े प्रकरण देश ने देखे हैं, वह भी कांग्रेस शासनकाल के दौरान देखे हैं। कांग्रेस ने उस समय देश भाव के साथ कार्यवाही की होती तो शायद एंडरसन और क्वात्रोची भारत से भागने में सफल नहीं हो पाते। इस बात को पूरा देश जानता है कि क्वात्रोची सोनिया गांधी के नजदीकी रिश्तेदार हैं। इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता कि क्वात्रोची के करीबियों ने ही उसको भगाने में सहायता की होगी।

संसद में जब बहस की बारी आई तो कांग्रेस की तरफ से जो दलीलें दी गईं उससे प्रथम दृष्टया तो यही लगा कि कांग्रेस ने इस प्रकरण का गहनता से अध्ययन नहीं किया था। अगर कांग्रेस के नेता अध्ययन करके जाते तो पहले तो इस मुद्दे को इतना बड़ा नहीं बनाते और अगर बना ही दिया था तो कांग्रेस के समक्ष इस प्रकार के हालात पैदा नहीं होते। पूरी की पूरी कांग्रेस मंडली की आवाज बन्द ही हो गई। केन्द्र सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बारे में यह तो कहना ही पड़ेगा कि वह किसी बात को तब ही बोलतीं हैं, जब उसके बारे में पूरा अध्ययन हो। संसद में दिया गया सुषमा स्वराज का बयान निश्चित ही राजनीतिक परिपक्वता को चरितार्थ करता दिखाई देता है।

वर्तमान राजनीति में जिस प्रकार का वातावरण दिखाई दे रहा है, उससे संसद की उपादेयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। कहा जाने लगा है कि संसद का अगर यही काम है तो संसद होने के मायने क्या हैं। कांग्रेस पर भी यह सवाल उठ रहे हैं कि जब कांग्रेस को बहस में हिस्सा लेना ही था, तब संसद सत्र के इतने दिन खराब क्यों किए। इन दिनों में जो पैसा व्यय हुआ क्या उसकी भराई की जा सकती है। इस अवधि में संसद विधेयक पारित हो सकते थे, जो नहीं हो सके। हो सकता है कि यह विधेयक देश हित में ही होते। जहां तक वस्तु एवं सेवा कर विधेयक की बात है तो इसके बारे में यही कहा जा रहा है कि इस विधेयक के लागू हो जाने से देश में महंगाई पर लगाम लगाई जा सकती थी। कांगे्रस की भूमिका को लेकर संभवत: यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस शायद यह नहीं चाहती कि देश से महंगाई का दौर समाप्त हो। अगर महंगाई कम हो जाएगी तो कांगे्रस को सरकार को घेरने का मुद्दा भी नहीं मिलेगा। कांग्रेस की वर्तमान राजनीति को देखकर यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस केवल विरोध करने के लिए राजनीति करने का खेल खेल रही है। कांग्रेस ने कई बार ऐसा प्रदर्शित भी किया है कि उसे देश की चिन्ता बिलकुल नहीं है, फिर चाहे वह रामसेतु को तोडऩे का मामला हो या फिर देश के मानबिन्दुओं का। कांग्रेस ने हमेशा देश के एक वर्ग को ही खुश करने की कोशिश की। जो पूरी तरह से देश के साथ खिलवाड़ ही कहा जा सकता है।






liveaaryaavart dot com

सुरेश हिन्दुस्थानी
झोकन बाग, झांसी, उत्तरप्रदेश
मोबाइल 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

आलेख : लोकतंन्त्र की हत्या होते: जनता ने सब देखा

$
0
0
लोकसभा का 16 दिवसीय वर्षाकालीन सत्र दिनांक 21 जुलाई 2015 से प्रारंभ हो कर विपक्ष के हंगामा, चिल्लाना, नारेबाजी, तख्तियां-हाॅर्डिग्ंस के प्रदर्शन, लोकसभा अध्यक्ष के आसन को घेर कर हू-हल्ला मचाना और डिप्टी स्पीकर पर कागज के टूकडों को फेकना, ऐसी समस्त हरकतों और शोर मचानेे के साथ बिना कुछ कार्य हुये 250 करोड़ रूपये निष्फल बर्बाद करते हुये 13 अगस्त को समाप्त हो गया। हंगामे का मुख्य नेतृत्व कांग्रेस किया। जनता ने सब-कुछ जाना और देखा कि लोकतन्त्र किस तरह क्षतिग्रस्त हुआ, लोक-सभा को मछली बाजार जैसा बनते देखा, यह भी देखा कि सत्ता-पक्ष बार-बार हाथ जोड़ कर चर्चा करने की बिनती कर रहा था और यह भी देखा कि लोक-सभा अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन बहुत दुखी हो रहीं थीं, कह रहीं थीं कि यह लोक-तन्त्र की हत्या हो रही है, 40 लोग 440 के अधिकारों को मार रहे हैं, उनके शब्द थे कि ’’लोक-सभा टी.वी. वाले जरूर ये सब टी.वी. पर दिखायें, लोगों को देखने दो कि किस प्रकार का व्यवहार सांसदों का है।’’ भारत की संसद मे पहली बार यह हुड़दंग नंगनाच देखने को मिला। साम्यवादी और कांग्रेसी आत्मा के कुछ टीवी चैनल चर्चा का यह विषय बनाते हैं कि लोकसभा चलाने की जिम्मेदारी तो सत्ता पक्ष पर है, परन्तु यह कैसी जिम्मेदारी ? ऊधम-दौड़ा मचाने का अधिकार तो कांग्रेस को दे दिया और लोक-सभा शांतिपूर्वक नही चलने का आरोप  सत्ता-पक्ष पर ?  
संसद के इस सत्र मे 11 लम्बित विधेयक एवं 9 नये बिल प्रस्तुत हो कर देश की जनता के समक्ष चर्चा हेतु लालायित थे। कांग्रेस का एक ही उद्देश्य रहा है कि सदन के अंदर हंगामा और शोर-शराबा किया जाये और ऐसी स्थिति निर्मित कर दी कि सांसदों, मंत्रियों के उद्बोधन सुनाई न दे सके। देश के प्रतिभाशाली, होनहार बच्चे और बिदेशी भी सदन की कार्यवाही देखने के लिये दर्शक दीर्घा मे बैठे थे और सदन के अंदर असहनीय हू-हल्ला कांग्रेसी सांसद करने मे मशगूल थे। चिंता तो यह है कि इन्हे शर्म नही आई कि देश के भविष्य को ये लोकतन्त्र और लोक-सभा की कौन सी परिभाषा निर्धारित कर रहे है ? 
सत्र प्रारम्भ होतेे ही कांग्रेस की मांग यह थी कि व्यापम घोटले के कारण म.प्र. के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चैहान व ललित मोदी कांण्ड मे राजस्थान की मुख्यमन्त्री वसुन्धरा राजे सिंधिया और विदेश मन्त्री श्रीमती सुषमा स्वराज इस्तीफा दें, तभी सदन मे कार्य होगा। यह एक संवैधानिक प्रश्न है कि किसी राज्य की प्रबल बहुमत वाली सरकार के मुख्यमन्त्री से क्या लोक-सभा का विपक्ष लोक-सभा मे इस्तीफा की मांग कर सकता है ? प्रश्न यह भी है कि क्या लोक-सभा के अधिकार क्षेत्र मे किसी राज्य के मुख्यमन्त्री का इस्तीफा मांगना है ? और क्या लोक-सभा किसी राज्य के मुख्यमन्त्री को इस्तीफा देने के लिये बाध्य कर सकती है ? सुषमा स्वराज पर भी कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नही है बल्कि उन्होने तो स्वंय सदन मे स्पष्टीकरण के साथ अपना वक्तब्य देते हुये सत्र समाप्त होने के दो दिन पूर्व कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे के प्रस्ताव को यथावत स्वीकार करते हुये चर्चा करने को आमन्त्रित किया था। परन्तु कांग्रेस तो यह सोच कर ही बैठी थी कि सम्पूर्ण सत्र-काल बर्बाद करना है। अतः तत्काल दूसरी मांग रख दी कि पहले प्रधानमन्त्री को सदन मे बुलाओ। वह तो भला हो सोशल मीडिया का कि कांग्रेस को यह पता चल गया कि देश की जनता मे उसके इस व्यवधान पर थू-थू हो रही है और तब कहीं जा कर सत्र समाप्ति के एक दिन पूर्व 12 अगस्त को सदन मे चार्चा हो पाई। इस चर्चा को कांग्रेस सत्र प्रारम्भ होते ही कर सकती थी। 

समूचे हंगामे का कारण, दुर्भाग्य समझों या सौभाग्य, केन्द्र व इन दोनों राज्यों मे भाजपा की सरकारें हैं और कांग्रेस ने इसी कारण सत्र नही चलने की ठान ली थी। केन्द्र व राज्य मे एक ही राजनीतिक दल की सरकार होने पर मुख्यमन्त्रियों से इस्तीफा मांगने का विषय लोक-सभा का अखाड़ा उपयुक्त स्थान नही है। फर्ज करे कि म.प्र. मे कांग्रेस की सरकार होती तो क्या इन्ही परस्थितियों मे कांग्रेस मुख्यमन्त्री के इस्तीफे की मांग लोक-सभा मे करती ? स्पष्ट है कि यह राजनीतिक रस्साकसी व कांग्रेस का सत्ताच्युत के परिणाम का फ्रस्ट्रेशन है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनकी टीम के प्रथम पंक्ति के लोग बहुत बड़े भ्रम मे है। उन्हे आत्ममंथन करना होगा कि कांग्रेस का राजनीतिक ग्राफ कितना नीचे आ चुका है ? भविष्य मे संसद के अन्दर यदि ऐसा ही हंगामा होता रहा तो बदलते परवेश मे यह कानून बनना चाहिये कि जो भी सांसद सदन चलने मे व्यवधान उत्पन्न करे तो उसे कम से कम छः माह के लिये निलम्बित करना चाहिये और दूसरी बार ऐसा करने पर सदन की सदस्यता समाप्त हो। लोक-सभा, मुद्दों और समस्याओं की चर्चा व बहस का स्थान है। सत्ता मे कोई भी हो, लेकिन लोक-हित मे यह हंगामा, समय व पैसे की बर्बादी देश की युवा पीढ़ी सहन नही करेगी।    





liveaaryaavart dot com

लेखक- राजेन्द्र तिवारी, 
छोटा बाजार दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738

सन्दर्भ : ताजमहल अथवा तेजोमहालय का मामला पुनः न्यायालय की शरण में

$
0
0
tajmahal-or-tejomahalya
दुनिया को दीवाना बनाने वाला ताजमहल मुगलिया तामीर की मिसाल है या फिर प्राचीन शिव मंदिर। सालों पुराना यह विवाद एक बार पुनः न्यायालय की शरण अर्थात फिर अदालत की चौखट तक पहुंच गया है। ताजमहल को अग्रेश्वर महादेव नागनाथेश्वर विराजमान तेजो महालय घोषित करने की याचिका आगरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन डॉ. जया पाठक की अदालत में अप्रैल 2015 में लखनऊ के अधिवक्ता हरीशंकर जैन आदि ने दायर किया है।ताजमहल को शिवालय घोषित कराने के लिए आगरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन डॉ. जया पाठक के न्यायालय में मूल वाद दायर करने के मामले में लखनऊ के अधिवक्ता हरीशंकर जैन के साथ लखनऊ के अधिवक्ता अखिलेंद्र द्विवेदी, सुधा शर्मा, राहुल श्रीवास्तव, पंकज कुमार वर्मा और रंजना अग्निहोत्री भी वादी हैं। हरीशंकर जैन के वकील राजेश कुलश्रेष्ठ के मुताबिक वाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और एएसआइ को प्रतिवादी बनाते हुए कहा गया है कि ताजमहल पूर्व में तेजो महालय मंदिर के नाम से था। याचिका के मुताबिक माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा में कालिया नाग को नाथा था, जिसके बाद कालिया नाग आगरा में इसी जगह आकर छिपा।1212 ईस्वी में राजा परमार्दी देव ने यहां तेजोमहालय के नाम से मंदिर निर्माण कराया। जिसमें अग्रेश्वर महादेव नाग नाथेश्वर विराजमान कराए गए। समय गुजरने के बाद आगरा परमार्दी देव के वंशज जयपुर के राजा मानसिंह के पौत्र जयसिंह के अधिकार क्षेत्र में आया। इसके बाद मुगल बादशाह शाहजहां ने इसे कब्जे में ले लिया। दरअसल, ताज के नीचे बने गर्भ गृह को खोलने, वहां पूजा-अर्चना की अनुमति देने और ताजमहल को शिवालय घोषित करने की मांग समय-समय पर उठती रही है।

अब अदालत ने ताजा वाद को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) आदि प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं और उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। मामले में जवाब दाखिल होने के बाद वाद के बिंदु तय किए जाएंगे। याची की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं में राजेश कुलश्रेष्ठ, माधो सिंह, हरिओम कुलश्रेष्ठ, इंद्र मोहन सक्सैना, राधाकृष्ण गुप्ता, गौरव जैन शामिल थे। ताज और तेजोमहालय को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल याचिका पर 13 मई बुधवार को प्रतिवादी भारत सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से वकालतनामा भी दाखिल किया गया है। प्रतिवादी भारत सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से अधिवक्ता अंजना शर्मा ने वकालतनामा पेश करते हुए अदालत से वक्त मांगा। वहीं, अप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के पदाधिकारी शमसुद्दीन और वीरेश्वर नाथ त्रिपाठी ने धारा 110 के तहत पक्षकार बनने को आवेदन दिया है। शमसुद्दीन का कहना है कि आगरा ही नहीं, पूरे भारत में पर्यटन का सबसे बड़ा आकर्षण ताजमहल है। इसे विवादों में न डाला जाए। ताजमहल को बाबरी मस्जिद की तरह विवादित बनाया तो इससे पर्यटन प्रभावित होगा।

दरअसल लखनऊ के अधिवक्ताओं ने इससे पहले ताजमहल को शिवालय घोषित कराने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की ही अदालत में लोकवाद दायर करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बीती 19 मार्च को दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र को अदालत ने लोकवाद न मानते हुए खारिज कर दिया था।

 दरअसल नया विवाद का जन्म दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को वक्फ बोर्ड के हवाले किए जाने की मांग आने के बाद से ही शुरू हुई है । आजम खान के इस बयान के बाद ताज पर एक बार पुनः राजनीति शुरू हो चुकी है, वहीं उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विवाद को नया मोड़ दे दिया है । वाजपेयी का दावा है कि विश्व ऐतिहासिक विरासत ताजमहल प्रचीन तेजो महालय मंदिर का हिस्सा है ।दिसम्बर 2014 में वाजपेयी का कहना था कि मुगल शासक शाहजहां ने मंदिर की कुछ जमीन को राजा जय सिंह से खरीदा था । उनका का दावा है कि इससे संबंधित दस्तावेज अभी भी मौजूद हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खान की नजर अब विश्व विरासत इमारत ताजमहल पर है । उन्होंने कहा, ताजमहल में पांच वक्त की नमाज पढ़ने का आजम का सपना कभी नहीं पूरा हो पाएगा । उत्तरप्रदेश के वक्फ मंत्री आजम ने मुतवल्लियों के 13 नवंबर 2014 को हुए सम्मेलन में कहा था कि वह राज्य सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड से कहेंगे कि वह ताजमहल को बोर्ड की संपत्ति बनाए और उन्हें उसका मुतवल्ली नियुक्त कर दें । इसके बाद आगरा के एक संगठन 'इमाम ए रजा'ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मांग की कि ताजमहल को वक्फ की संपत्ति घोषित करें और मोहर्रम के दौरान वहां मातम की इजाजत दें । हालांकि, शियाओं के प्रमुख धर्मगुरुओं ने ताज को शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति माने जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि विश्व विरासत इमारतों को ऐसे विवादों से दूर रखना चाहिए ।

ध्यातव्य हो कि ताज को लेकर वैधानिक कार्रवाई कोई नहीं हैं और पूर्व में भी इस मामले को लेकर न्यायालय के दरवाजे खटखटाए जाते रहे हैं ।सर्वप्रथम इस मामले को लेकर वैधानिक प्रतिक्रियास्वरुप लोकख्यात इतिहासकार पी एन ओक ने याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने ताज को एक हिन्दू स्मारक घोषित करने एवं कब्रों तथा सील्ड कक्षों को खोलने, व यह देखने कि उनमें शिव लिंग, या अन्य मन्दिर के अवशेष हैं, या नहीं; की अपील की। उनके अनुसार भारतीय सरकार के इस कृत्य की अनुमति न देने का अर्थ सीधे-सीधे हिन्दू धर्म के विरुद्ध षड्यन्त्र है। सन 2000 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने ओक की इस याचिका को कि ताज को एक हिन्दू राजा ने निर्माण कराया था रद्द कर दिया और साथ ही इन्हें झिड़की भी दी, कि उनके दिमाग में ताज के लिये कोई कीड़ा है। सन 2005 में ऐसी ही एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भी रद्द कर दी गयी, जिसमें अमरनाथ मिश्र, एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा यह दावा किया गया था, कि ताज को हिन्दू राजा परमार देव ने 1196 में निर्माण कराया था।

दरअसल ताजमहल या तेजो महालय के इस विचार का मूल इतिहासकार पी एन ओक के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक व पुरातात्विक अनुसंधान पर आधारित उनकी अनेक पुस्तकें हैं , जिनमे ताजमहल के साथ ही भारतवर्ष की कई अन्य स्थलों के बारे में भारतीय परम्परा में लिखी गई इतिहास की विषयवस्तु व कथ्य ही हैं । अपनी पुस्तक ताजमहल: सत्य कथा में, ओक ने यह दावा किया है, कि ताजमहल, मूलतः एक शिव मन्दिर या एक राजपूताना महल था, जिसे शाहजहाँ ने कब्ज़ा करके एक मकबरे में बदल दिया।इस पुस्तक में ओक कहते हैं, कि कैसे सभी (अधिकांश) हिन्दू मूल की कश्मीर से कन्याकुमारी पर्यन्त इमारतों को किसी ना किसी मुस्लिम शासक या उसके दरबारियों के साथ, फेर-बदल करके या बिना फेरबदल के, जोड़ दिया गया है। उन्होंने हुमायुं का मकबरा, अकबर का मकबरा एवं एतमादुद्दौला के मकबरे, तथा अधिकांश भारतीय हिन्दू ऐतिहासिक इमारतों, यहाँ तक कि काबा, स्टोनहेन्ज व वैटिकन शहर। तक हिन्दू मूल के बताये हैं। ओक का भारत में मुस्लिम स्थापत्य को नकारना, मराठी जग-प्रसिद्ध संस्कृति का अत्यन्त मुस्लिम विरोधी अंगों में से एक बताया गया है। के०एन०पणिक्कर ने ओक के भारतीय राष्ट्रवाद में कार्य को भारतीय इतिहास की साम्प्रदायिक समझ बताया है। तपन रायचौधरी के अनुसार, उन्हें संघ परिवार द्वारा आदरणीय इतिहासविद कहा गया है।ओक ने दावा किया है, कि ताज से हिन्दू अलंकरण एवं चिह्न हटा दिये गये हैं और जिन कक्षों में उन वस्तुओं एवं मूल मन्दिर के शिव लिंग को छुपाया गया है, उन्हें सील कर दिया गया है। साथ ही यह भी कि मुमताज महल को उसकी कब्र में दफनाया ही नहीं गया था।

इन दावों के समर्थन में, ओक ने ताज की यमुना नदी की ओर के दरवाजों की काष्ठ की कार्बन डेटिंग के परिणाम दिये हैं, यूरोपियाई यात्रियों के विवरणों में ताज के हिन्दू स्थापत्य/वास्तु लक्षण भी उद्धृत हैं। उन्होंने यहाँ तक कहा है, कि ताज के निर्माण के आँखों देखे निर्माण विवरण, वित्तीय आँकड़े, एवं शाहजहाँ के निर्माण आदेश, आदि सभी केवल एक जाल मात्र हैं, जिनका उद्देश्य इसका हिन्दू उद्गम मिटाना मात्र है।

पी०एस० भट्ट एवं ए०एल० अठावले ने "इतिहास पत्रिका " (एक भारतीय इतिहास पुनरावलोकन संस्थान के प्रकाशन) में लिखा है, कि ओक के लेख और सामग्री इस विषय पर, कई सम्बन्धित प्रश्न उठाते हैं। ताजमहल के हिन्दू शिवमन्दिर होने के पक्ष में ओक के अपने मजबूत तर्क हैं। 
पी०एन० ओक अपनी पुस्तक "ताजमहल ए हिन्दू टेम्पल"में सौ से भी अधिक कथित प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मन्दिर था जिसका असली नाम 'तेजोमहालय'हुआ करता था। ओक साहब यह भी मानते हैं कि इस मन्दिर को जयपुर के राजा मानसिंह (प्रथम) ने बनवाया था जिसे तोड़ कर ताजमहल बनवाया गया। इस सम्बन्ध में उनके निम्न तर्क विचारणीय हैं-

किसी भी मुस्लिम इमारत के नाम के साथ कभी महल शब्‍द प्रयोग नहीं हुआ है।
'ताज'और 'महल'दोनों ही संस्कृत मूल के शब्द हैं।
संगमरमर की सीढ़ियाँ चढ़ने के पहले जूते उतारने की परम्परा चली आ रही है जैसी मन्दिरों में प्रवेश पर होती है जब कि सामान्यतः किसी मक़बरे में जाने के लिये जूता उतारना अनिवार्य नहीं होता।
संगमरमर की जाली में 108 कलश चित्रित हैं तथा उसके ऊपर 108 कलश आरूढ़ हैं, हिंदू मन्दिर परम्परा में (भी) 108 की संख्या को पवित्र माना जाता है।
ताजमहल शिव मन्दिर को इंगित करने वाले शब्द 'तेजोमहालय'शब्द का अपभ्रंश है। तेजोमहालय मन्दिर में अग्रेश्वर महादेव प्रतिष्ठित थे।
ताज के दक्षिण में एक पुरानी पशुशाला है। वहाँ तेजोमहालय के पालतू गायों को बाँधा जाता था। मुस्लिम कब्र में गौशाला होना एक असंगत बात है।
ताज के पश्चिमी छोर में लाल पत्थरों के अनेक उपभवन हैं जो कब्र की तामीर के सन्दर्भ में अनावश्यक हैं।
संपूर्ण ताज परिसर में 400 से 500 कमरे तथा दीवारें हैं। कब्र जैसे स्थान में इतने सारे रिहाइशी कमरों का होना समझ से बाहर की बात है।





-नीलाक्ष “विक्रम”-

धरनारत पूर्व सैनिक जंतर-मंतर से हटाए गए

$
0
0

 
ex-army-removed-from-jantar-mantar
'वन रैंक वन पेंशन'की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जून से ही धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को जंतर-मंतर से जबरन हटा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से उन्हें जंतर-मंतर से हटाया गया। पुलिस उपायुक्त विजय सिंह आईएएनएस को बताया, "स्वतंत्रता दिवस से पूर्व जंतर-मंतर से सभी प्रदर्शनकारियों को हटाने का यह कदम नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से उठाया गया, जिसमें दिल्ली पुलिस ने सहयोग दिया।" 
वहीं, धरनारत पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शन करने के लिए सभी जरूरी अनुमति ली थी।

युनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन के प्रवक्ता कर्नल अनिल कौल (सेवानिवृत्त) ने आईएएनएस को बताया, "हमने विरोध-प्रदर्शन करने की इजाजत ली हुई थी और शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। यह कार्रवाई तो हमसे पिंड छुड़ाने की कोशिश है, क्योंकि उनके पास हमारी मांगों का कोई जवाब नहीं है।"उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक आंदोलन को लेकर अंतिम फैसला 15 अगस्त को करेंगे, क्योंकि उस दिन प्रधानमंत्री द्वारा इस संबंध में कोई घोषणा किए जाने की उम्मीद है। 'वन रैंक वन पेंशन'की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी यहां 15 जून से ही क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं।

यदि यह लागू हो जाता है तो इससे करीब 25 लाख पूर्व सैन्यकर्मियों को लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे सरकार पर 8,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके लागू हो जाने के बाद पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों और सैन्यकर्मियों को भी उतना ही पेंशन मिलेगा, जितना अब सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों और सैन्यकर्मियों को मिलेगा। 

कश्मीर के नेताओं को समर्थन जारी रखेंगे : पाकिस्तानी उच्चायुक्त

$
0
0

pakistan-will-support-kashmir-politician
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश जम्मू एवं कश्मीर के लोगों और नेताओं को अपना समर्थन जारी रखेगा। यहां पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बासित ने कहा, "पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर के लोगों और नेताओं को आत्मनिर्णय के उनके वैध संघर्ष में पूर्ण सहयोग जारी रखेगा।" उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे का हल निकालना चाहिए।"

भारत और पाकिस्तान के बीच 23 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की एक वार्ता होने जा रही है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ वार्ता करने के लिए नई दिल्ली आएंगे।

विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में हारीं गुट्टा-पोनप्पा

$
0
0

gutta-ponappa-lost-in-quarter-final
भारत की शीर्ष महिला युगल जोड़ीदार-ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा को शुक्रवार को यहां जारी विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में हार मिली। टूर्नामेंट की 13वीं वरीय और विश्व की 12वीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी को जापान की नाओको फाकुमान और कुरुमी योनाओ ने हराया। विश्व की 17वीं वरीयता प्राप्त जोड़ीदार नाओको और कुरुमी ने गुट्टा और पोनप्पा को 46 मिनट तक चले मुकाबले में 23-25, 14-21 से पराजित किया। इन जोड़ीदारों के बीच यह पहला मुकाबला था।

गुट्टा और पोनप्पा ने 2011 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था लेकिन इस साल एक बार फिर वे अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकीं। सेमीफाइनल में पहुंचकर वे अपने लिए कांस्य सुरक्षित करा सकती थीं। अब भारत को महिला एकल में कांस्य या उससे बेहतर पदक की आस है। सायना नेहवाल और पीवी सिंधु शुक्रवार को महिला एकल में अपना-अपना क्वार्टर फाइनल मैच खेलेंगी।
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live




Latest Images