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प्रदूषण से हलकान दिल्ली में कार फ्री डे

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नयी दिल्ली, 22नवंबर, वाहनों के बेतहाशा इस्तेमाल के कारण जहां तहां जाम और वायु प्रदूषण से हलकान दिल्ली के लोगों को निजी वाहन छोडकर सार्वजनिक परिवहन सेवाआें के इस्तेमाल के प्रति जागरुक बनाने के लिए आज दूसरी बार कार फ्री डे मनाया गया, इस बार मुख्य आयोजन द्वारका में हुआ जहां सेक्टर 3 से 13 और 7 से 9 सेक्टर के बीच साईकिल रैली निकाली गयी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में द्वारका स्पोर्ट कॉम्पलेक्स से साइकिल रैली का आगाज किया गया जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, अाम अादमी पार्टी के कई विधायक, पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में आम लोगाें ने हिस्सा लिया । रैली में शामिल लोग हाथों में कार फ्री डे के नारे लिखे हुए बैनर लिये हुए थे। लाल स्वेटर पहने और अपने मफलर बांधे श्री केजरीवाल ने इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का अपने चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए पत्रकारों केे सवाल का जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि आपको साईकिल चलाना कैसा लग रहा है तो उन्हों ने चुटकी लेते हुए कहा “बहुत मजा आता हैं, अगली बार कार फ्री डे पर अाने वाले पत्रकारों के लिए साइकिल का इंतजाम करवाऊंगा। ” 

इस सवाल पर कि पहला कार फ्री डे 22 अक्टूबर को दशहरे के दिन मनाया गया था अौर अाज दूसरा कार फ्री डे रविवार को मनाया जा रहा है तो ऐसे में सड़को पर वाहन पहले ही कम होते है लेकिन अगले कार फ्री डे 22 दिसंबर को कार्य दिवस के दिन मनाने में परेशानी नहीं होगी तो श्री केजरीवाल ने कहा देखा जाएगा, सब ठीक होगा। श्री केजरीवाल एक दिन पहले ही ट्वीटर के जरिए लोगो से ‘अपनी साइकिल साथ लाना’ का संदेश दे दिया था। इस अवसर पर द्वारका की संडक संख्या 220 पर निजी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहने के कारण इस मार्ग पर अतिरिक्त बसों की सेवांए दी गयीं। निजी वाहनों को छोडकर अन्य वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं था। अक्टूबर में पहली बार कार फ्री डे मनाएं जाने के मौके पर लाल किले से भगवान दास मार्ग तक साइकिल रैली निकाली गयी थी जिसमें लोंगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया था।

स्वदेशी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण

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बालासोर 22 नवंबर, भारत ने आज स्वदेशी तकनीक से निर्मित एडवांस एयर डिफेंस (एएडी) इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) और ओडिशा के धर्मा तट पर अब्दुल कलाम (व्हीलर) द्वीप से सफलता पूर्वक परीक्षण किया। आईटीआर के सूत्रों ने बताया कि इंटरसेप्टर मिसाइल को सुबह नौ बजकर 46 मिनट पर बंगाल की खाड़ी में व्हीलर द्वीप से प्रक्षेपण किय गया जब की एक इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य को आईटीआर से प्रक्षेपित किया गया। 

इंटरसेप्टर मिसाइल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि हवा में 20 किलोमीटर की ऊंचायी पर इस मिसाइल ने इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य को सफलता पूर्वक भेद दिया। यह परीक्षण स्वदेशी रूप से विकसित उच्च गति की इंटरसेप्टर मिसाइल के प्रभावशीलता के निरीक्षण करने के लिए किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और आईटीआर के वैज्ञानिक इस परीक्षण गवाह बने रक्षा सूत्रों ने बताया कि सात मीटर लंबी एडीडी इंटरसेप्टर एक एकल चरण ठोस रॉकेट चालित मिसाइल है जोकि इनीर्सियल नेविगेशन प्रणाली से लैस है।

मोदी जी देश ने सारी प्रगति 18 माह में नहीं की : अभिषेक मनु सिंघवी

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नयी दिल्ली.22 नवम्बर, कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का आज समर्थन किया लेकिन साथ ही कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह देश विदेश में लगातार यह संदेश देने का प्रयास करते हैं कि सब कुछ 18 माह के दौरान हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां संवाददाताओं के सवाल पर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एक होकर लड़ने की बात ठीक है लेकिन श्री मोदी देश विदेश में अपने भाषणों में यह आभास देते हैं कि देश में जितना विकास हुआ है वह सब उनके डेढ़ साल के शासनकाल की उपलब्धि है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन के दाैरान आतंकवाद के खिलाफ विश्व समुदाय से एकजुट होकर लडने का अाह्वान किया है। श्री सिंघवी का कहना है कि इस दौरान भी श्री मोदी ने संदेश देने का प्रयास किया है कि सब कुछ 18 माह में हुआ है। उन्होंने कहा कि सब कुछ 18 माह के मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ इस तरह जताने की प्रधानमंत्री की कोशिश दुखद है और किसी प्रधानमंत्री का इस तरह का प्रयास इस पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री पद तथा देश की जनता का अपमान बताया और कहा कि यह छोटापन है और ओच्छा प्रयास है। प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए।

मोदी सरकार की दिशा सही : आडवाणी

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अहमदाबाद, 22 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बिहार चुनाव के पराजय के बाद मोर्चा खोलने वाले भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य तथा वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि मोदी सरकार की दिशा सही है। श्री आडवाणी ने आज यहां अहमदाबाद महानगरपालिका चुनाव में मतदान के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार की दिशा सही है और कोई भी व्यवस्था पूरी तरह ठीक होने में समय लेती है। उनसे पूछा गया था कि श्री मोदी ने अच्छे दिन का वादा किया था पर दाल की कीमत 200 रूपये प्रति किलो के आसपास है और महंगाई में खासी बढोत्तरी हो गयी है। 

वयोवृद्ध भाजपा नेता ने श्री मोदी के बचाव का रूख अख्तियार किया। यह पूछे जाने पर कि हाल मे बिहार चुनाव में भाजपा की करारी पराजय के बाद गुजरात के स्थानीय चुनावों में वह कैसे प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं, श्री आडवाणी ने कहा कि इससे पार्टी के समर्थकों में चेतना बढी है और उन्होंने कोई कमी नहीं रह जाने के लिए कमर कसी है और इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा यह खुशी की बात है कि श्री मोदी आज प्रधानमंत्री हैं और उनकी अगुवाई में पूर्व में गुजरात विधानसभा और लोकसभा में जैसी जीत पार्टी को मिली है वैसी ही जीत स्थानीय चुनाव में भी पार्टी को मिलेगी तो उन्हें प्रसन्नता होगी। उन्होंने गुजरात स्थानीय चुनाव में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत सीटें आरक्षित करने तथा सांसदों को मतदान का अधिकार दिये जाने जैसे बदलावों का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें बदली हुई व्यवस्था के तहत यहां मतदान कर बहुत खुशी हुई है।

सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ कल बैठक करेंगे जेटली

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नयी दिल्ली 22 नवंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली सोमवार को सरकारी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे जिसमें ब्याज दरों में कटौती तथा बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के बारे में चर्चा की जायेगी। बैठक यहाँ रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्षेत्रीय कार्यालय में होगी। सूत्रों ने बताया कि इस साल अब तक चार बार में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती का लाभ आम ग्राहकों को देने के बारे में भी बैंकों प्रमुखों से चर्चा की जायेगी। बैठक के लिए बैंकों के अध्यक्षों तथा प्रबंध निदेशकों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा बैंकों की एनपीए की स्थिति की समीक्षा भी की जा सकती है। 

वित्त मंत्रालय पहले ही सभी सरकारी बैंकों से अपना एनपीए कम करने के लिए कह चुका है और 30 सितंबर को समाप्त तिमाही के परिणामों के अनुसार, सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक समेत कई सरकारी बैंक इसमें सफल भी रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सार्वजनिक बैंकों में शेयरों की खरीद के जरिये सरकारी पूँजी लगाने की स्थिति पर भी चर्चा होगी। सरकार ने चार साल में सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये लगाने की घोषणा की है जिसमें 25 हजार करोड़ चालू वित्त वर्ष में लगाया जाना है। बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर चुनिंदा बैंकों को ही सरकार यह समर्थन देगी।

बिहार : पंछियों की चहचहाहट से गुलजार हुआ सोनपुर,कल से मेले का होगा आगाज

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पटना 22 नवम्बर, बिहार की राजधानी पटना से करीब 25 किलाेमीटर दूर सारण जिले के सोनपुर में हरिहर क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगने वाला विश्वविख्यात सोनपुर पशु मेला संभवत:दुनिया में एकमात्र ऐसा मेला है,जहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीद-फरोख्त होती है। सोनपुर वैशाली जिले के हाजीपुर शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगने वाला सोनुपर पशु मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है लेकिन इस मेले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीदारी की जा सकती है। मॉल कल्चर के वर्तमान दौर में बदलते वक्त के साथ भले ही मेले के स्वरूप और रंग-ढंग में बदलाव आया है लेकिन इसकी सार्थकता आज भी बनी हुई है। इस वर्ष यह मेला 23 नवम्बर से शुरू होगा और 24 दिसम्बर को खत्म होगा। प्रतिवर्ष कार्तिक मास के पूर्णिमा स्नान के साथ यह मेला शुरू हो जाता है जो पूरे एक माह तक चलता है। इस मेेले के ऐतिहासिक महत्व के बारे में कहा जाता है कि इस मेले में कभी अफगान, ईरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीदारी करने आया करते थे। यह भी कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने भी इसी मेले से बैल,घोड़े,हाथी और हथियारों की खरीदारी की थी।देश-विदेश के लोग अब भी इसके आकर्षण से बच नहीं पाते हैं और यहां खिंचे चले आते हैं। 


हरिहर क्षेत्र को ऋषियों और मुनियों ने प्रयाग और गया से भी श्रेष्ठ तीर्थ माना है। ऐसा कहा जाता है कि इस संगम की धारा में स्नान करने से जन्मजन्मांतर के पाप कट जाते हैं। यहाँ हाथी, घोड़े, गाय, बैल,चिड़ियों आदि के अतिरिक्त सभी प्रकार के आधुनिक सामान, कंबल, दरी,नाना प्रकार के खिलौने और लकड़ी के सामान बिकने को आते हैं। इस मेले को लेकर अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय शापित होकर हाथी (गज) और मगरमच्छ (ग्राह) के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए थे। एक दिन कोनहारा के तट पर जब गज पानी पीने आया था तो ग्राह ने उसे पकड़ लिया था। फिर गज ग्राह से छुटकारा पाने के लिए कई सालों तक लड़ता रहा। तब गज ने बड़े ही मार्मिक भाव से हरि यानी विष्णु को याद किया। गज की प्रार्थना सुनकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान ने उपस्थित होकर सुदर्शन चक्र चलाकर उसे ग्राह से मुक्त किया और गज की जान बचाई। इस मौके पर सारे देवताओं ने यहां उपस्थित होकर जय-जयकार की थी लेकिन आज तक यह साफ नहीं हो पाया कि गज और ग्राह में कौन विजयी हुआ और कौन हारा। इसी के पास कोनहराघाट में पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह का वर्षों चलने वाला युद्ध हुआ था। बाद में भगवान विष्णु की सहायता से गज की विजय हुई थी। 

एक अन्य किंवदंती के अनुसार जय और विजय दो भाई थे। जय शिव के तथा विजय विष्णु के भक्त थे। इन दोनों में झगड़ा हो गया तथा दोनों गज और ग्राह बन गए। बाद में दोनों में मित्रता हो गई वहाँ शिव और विष्णु दोनों के मंदिर साथ- साथ बने जिससे इसका नाम हरिहर क्षेत्र पड़ा। कुछ लोगों के कथनानुसार प्राचीन काल में यहाँ ऋषियों और साधुओं का एक विशाल सम्मेलन हुआ तथा शैव और वैष्णव के बीच गंभीर वाद-विवाद खड़ा हो गया लेकिन बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव तथा विष्णु दोनों की मूर्तियों की एक ही मंदिर में स्थापना की गई,उसी स्मृति में यहाँ कार्तिक में पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है। इस स्थान के बारे में कई धर्मशास्त्रों में चर्चा की गई है। हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां स्नान करने से सौ गोदान का फल प्राप्त होता है। कहा तो यह भी जाता है कि कभी भगवान राम भी यहां पधारे थे और बाबा हरिहरनाथ की पूजा-अर्चना की थी। 

मोदी को दुबारा शपथ लेनी चाहिए, अक्षुण्ण को अक्षण्ण बोला : लालू

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पटना 22 नवम्बर (वार्ता)अपने पुत्र और पहली बार विधायक बने तेज प्रताप यादव के मंत्री पद की शपथ के दौरान  एक शब्द के गलत उच्चारण को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके(नरेन्द्र मोदी)शपथ लेेने में एक शब्द का उच्चारण सही नहीं था इसलिए उन्हें दोबारा शपथ लेना चाहिए। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा,“ देश को तोड़ने का इनका एजेंडा है ही क्योंकि प्रधानमंत्री ने देश की प्रभुता और अखण्डता को‘अक्षुण्ण’रखने की शपथ तो ली ही नहीं थी । उन्होंने अगले ट्वीट में कहा,‘अक्षुण्ण’ही नहीं बोला तो शपथ बेकार है। प्रधानमंत्री को दोबारा शपथ लेनी चाहिए। ‘अक्षण्ण’ का हिंदी में कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है।” 

इससे पूर्व बिहार के उप मुख्यमंत्री और श्री यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने भी अपने बड़े भाई का ट्विटर के जरिए बचाव करते हुए कहा था कि निंदा करने वाले पक्षपाती लोग हमेशा सच्चाई से मुंह मोड़ते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि बिहार के महुआ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने राजद अध्यक्ष के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव समेत शपथ ले रहे तीन विधायकों को राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उनकी गलतियों के लिए न सिर्फ टोका बल्कि श्री तेज प्रताप को दुबारा शपथ भी दिलाई थी। श्री तेज प्रताप यादव ‘अपेक्षित’ के स्थान पर ‘उपेक्षित’ उच्चारण कर गये थे। उनकी इस गलती पर राज्यपाल ने उन्हें टोका और शपथपत्र दुबारा पढ़ने को कहा। श्री तेज प्रताप यादव ने अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी और फिर दुबारा शपथपत्र पढ़ा। 

भाजपा सांसद छेदी पासवान के खिलाफ हो कार्रवाई : रालोसपा

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पटना,22 नवम्बर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) ने हाल ही में सम्पन्न बिहार विधानसभा चुनाव में सासाराम से भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसद छेदी पासवान पर गठबंधन धर्म के विपरीत कार्य करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भाजपा नेतृत्व से कार्रवाई करने का आग्रह किया है। रालोसपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज लाल दास ने आज यहां कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललन पासवान ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर श्री पासवान के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार भाजपा के अध्यक्ष मंगल पाण्डेय को भी भेजी गयी है। उन्होंने कहा कि श्री पासवान ने अपने लोकसभा क्षेत्र के चेनारी विधानसभा सीट से उम्मीदवार पुत्र को विजय दिलवाने के लिए गठबंधन धर्म के विरुद्ध जाते हुए न केवल वोट मांगे बल्कि सांसद विकास निधि के धन का दुरुपयोग भी किया । 

श्री दास ने कहा कि श्री पासवान के कार्यों का पुख्ता सबूत उनके पास हैं और मांगे जाने पर तत्काल उपलब्ध करा दिये जायेंगे ।उन्होंने कहा कि यदि श्री पासवान के खिलाफ कार्रवाई न की गयी तो भविष्य में गठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ता ऐसा ही कर सकते हैं जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। गौरतलब है कि भाजपा,रालोसपा,लोक जनशक्ति पार्टी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने गठबंधन कर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ा था । 

इंद्राणी को ब्लैकमेल कर रही थी शीना : राहुल मुखर्जी

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मुंबई, 22 नवंबर, बहुचर्चित शीना बोरा हत्या मामले में पीटर मुखर्जी के पुत्र राहुल मुखर्जी ने आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस हत्या से जुड़े कुछ दस्तावेज सौंपे तथा कहा कि शीना अपनी मां इंद्राणी मुखर्जी को ब्लैकमेल कर रही थी। राहुल ने शीना द्वारा किराये पर लिये गये मकान के कागजात के अलावा कई अन्य दस्तावेज सीबीआई को सौंपे। उन्होंने सीबीआई कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शीना तीन कमरों वाले फ्लैट की मांग को लेकर अपनी मां इंद्राणी मुखर्जी को ब्लैकमेल कर रही थी। उन्होंने कहा कि शीना की हत्या में मेरे पिता सीधे तौर पर शामिल नहीं है। जांच एजेंसी ने इस हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पिछले दो दिन से लगातार राहुल से पूछताछ की है। 

राहुल ने कहा कि उनके पिता पर लगाये गये आरोप चौंकानेवाले हैं। उनके पिता निर्दोष हैं तथा उनको इस मामले में फंसाया गया है। राहुल ने कहा कि उसके पास इंद्राणी तथा पीटर के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है। सीबीआई ने गत गुरुवार को पीटर के साथ राहुल से कई घंटे तक पूछताछ की गई थी तथा उसके बाद उसे छोड़ दिया गया था। सीबीआई ने राहुल से पूछताछ के लिए कल भी बुलाया था। गौरतलब है कि राहुल तथा शीना के बीच करीबी संबंध थे तथा दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन इंद्राणी इससे सहमत नहीं थी। दोनों अलग-अलग फ्लैटों में रहते थे। शीना के अचानक गायब होने के बाद राहुल ने पीटर से उसके बारे में पूछा तब इंद्राणी की तरह पीटर ने भी कहा कि वह अमेरिक चली गई है। उसके बाद राहुल ने पीटर तथा इंद्राणी के बीच टेलीफोन पर हुए बातचीत को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया। उल्लेखनीय है कि इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव तथा ड्राइवर श्यामवर राय ने 24 अप्रैल 2012 को शीना की गला दबाकर हत्या कर दी तथा सबूत को मिटाने के लिए उसकी लाश को रायगढ के जंगल में जला दिया था।

रूस पर प्रतिबंध की अवधि बढाने पर पश्चिमी देश सहमत

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वाशिंगटन 22 नवम्बर, पश्चिमी देशों के नेताओं ने रूस के यूक्रेन में हस्तक्षेप के मामले को लेकर उस पर प्रतिबंध की अवधि और छह महीने बढाने के लिये सहमति दी है। यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ राजनयिक ने रायटर को बताया कि तुर्की में पिछले सप्ताह हुये समूह 20 के शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने रूस पर प्रतिबंध अगले वर्ष जुलाई तक बढाये जाने का प्रस्ताव रखा जिसका सहयोगी देशों ने समर्थन किया। सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन,इटली के मेट्टेओ रेन्जी और फ्रांस के विदेश मंत्री लौरेंट फेबियूस मौजूद थे। 

राजनयिक के मुताबिक फ्रांस की राजधानी पेरिस में गत 13 नवम्बर को हमले के परिप्रेक्ष्य में कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खिलाफ संघर्ष में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के सहयोग के बावजूद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश का मानना था कि पूर्वी यूक्रेन में चुनाव के मद्देनजर रूस पर दबाव बनाये रखने के लिये प्रतिबंध की अवधि बढाया जाना आवश्यक है। 

बगदादी और लादेन पश्चिमी देशों की उपज : नकवी

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नयी दिल्ली, 22 नवम्बर, अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि तेल संसाधनों पर कब्जे की होड़ में कुछ पश्चिमी देशों ने बगदादी जैसी शैतानी ताकतों को पालने-पोसने में मदद की है जो आज इंसानियत और विश्वशांति के सबसे बड़े दुश्मन हैं, श्री नकवी ने अपने एक ब्लॉग में लिखा कि आतंकवाद के पीछे सबसे बड़ा कारण बढ़ता कट्टरवाद भी है। कट्टरवाद के कारण कई देशों के युवा इस्लामिक स्टेट (आईएस) की "मजहबी अफीम"के नशे में दुनिया भर में खून-खराबों का हिस्सा बन रहे हैं। आईएस और अल-क़ायदा जैसे आतंकवादी संगठन कट्टरवाद और शैतानियत का सबसे भयानक रूप हैं। ये आतंकवादी संगठन हिंसा के बल पर अपना राज कायम करने का सब्जबाग़ मुसलमानों को दिखा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि तेल संसाधनों पर कब्जे की होड़ में कुछ पश्चिमी देशों ने भी जाने-अनजाने में बगदादी और लादेन जैसी शैतानी ताकतों को पालने-पोसने में मदद की है। अब वक़्त आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर लड़ाई शुरू की जाए। आतंकवाद तथा कट्टरवाद की इस समस्या को ख़त्म करने के प्रयास में संपूर्ण विश्व, इस्लाम जगत, धर्म गुरुओं और विद्वानों को एकजुट होना होगा क्योंकि यह चुनौती इंसानियत के साथ-साथ इस्लाम के लिए भी उतनी ही गंभीर है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल में पेरिस और बमाको में हुए आतंकवादी हमले तथा दुनिया में लगातार बढ़ रहा आतंकवाद का खतरा, भारत द्वारा लम्बे समय से कही जा रही इस बात को मजबूती देता है कि आतंकवाद अब किसी एक देश या क्षेत्र की समस्या नहीं रह गया है बल्कि आतंकवाद के दानव ने समस्त विश्व में अपने पैर पसार लिए हैं और यह पूरी दुनिया में शांति, स्थिरता और अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। दुनिया को समझ लेना चाहिए कि आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ सभी देशों को एकजुट होना होगा। 

आतंकवाद पर दोहरा मापदंड ठीक नहीं क्योंकि आतंकवाद और कट्टरवाद अपने हर रूप में इंसानियत और विश्वशांति के सबसे बड़े दुश्मन हैं । उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की इंसानियत को झकझोरने वाली हरकतें इस्लाम के मूल सिद्धांतों के विपरीत ही नहीं हैं बल्कि उसकी धज्जियां उड़ा रही है। इन शैतानी हरकतों को मीडिया और दुनिया “इस्लामी आतंकवाद, जिहादी आतंकवाद” नाम दे रही है। यह सच है कि जब ऐसे हमले इस्लाम को सुरक्षा कवच बना कर अल-कायदा या आईएस करते हैं, तो पूरी दुनिया के शांतिप्रिय मुसलमान सहम जाते हैं। उन्हें लगता है कि इन शैतानी ताकतों की हरकतों का असर हम पर भी पड़ेगा और वे दुआ करते हैं कि "खुदा खैर करे", और ऐसी आतंकी ताकतों का खात्मा हो। इसीलिए जब लादेन जैसा आतंकी मारा जाता है, बगदादी के ठिकाने ध्वस्त होते हैं तो दुनिया का शान्तिप्रिय मुसलमान सुकून का एहसास करता है। 

श्री नकवी ने कहा कि दरअसल बढ़ रही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कब्जे की होड़ में ये ‘प्यादे’ आज ‘वजीर’ का रूप ले चुके हैं। तेल के कुँए से तेल की जगह धुआँ निकलने लगा है, इन कुओं का असर मुंबई से लेकर पेरिस, न्यूयॉर्क और दुनिया के हर हिस्से में देखा जा रहा है। यह धुआं इंसानियत की आत्मा को झकझोर रहा है। यह बड़ी आतंकी घटनाएँ इस बात की तस्दीक करती हैं कि इन आतंकी-शैतानी ताकतों को कहीं ना कहीं से हथियार और आर्थिक मदद मिल रही है, कुछ ताकतें इस शैतानी तमाशे का तमाशबीन बन चुकी हैं। वरना इन आतंकवादी ताकतों के पास बेहताशा दौलत और अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा कहाँ से आ रहा है? उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी ताकतों को "इंसानी जिहाद"छेड़ना होगा ताकि "इस्लामी जिहाद"के नाम पर पूरे विश्व को अपनी शैतानी हरकतों का शिकार बना रहे ये लोग ख़त्म किये जा सकें । ऐसे तत्व उन देशों के लिए भी खतरे की घंटी हैं जो जाने-अनजाने में इन शैतानी ताकतों के मददगार बने हुए हैं। 

श्री नकवी ने कहा कि 14-15 नवंबर को मिस्र के लुक्सर में आतंकवाद और कट्टरवाद की वैश्विक चुनौतियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमे लगभग 42 देशों के इमाम, धर्म गुरु, बुद्धिजीवी और मंत्री शामिल हुए। इस सम्मेलन में उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इस सम्मेलन में आतंकवाद और कट्टरवाद की गंभीर चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा हुई, सभी देशों ने आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ एक स्वर में अपनी बात रखी और इस्लाम को सुरक्षा कवच बना कर कुछ ताकतों के खूनी खेल के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया। सम्मेलन में आतंकवाद की चुनौतियों को इस्लाम जगत के लिए बड़ी चुनौती बताया गया और आईएस जैसे संगठनों द्वारा पूरी दुनिया में अपनी हरकतों से इस्लाम को बदनाम करने पर भी गहरी चिंता जताई गई। इस्लाम जगत आज बहुत ही चुनौती भरे समय से गुजर रहा है और इसका मूल कारण है बढ़ता हुआ कट्टरवाद और कुछ आतंकी समूहों द्वारा धर्म का दुरूपयोग कर अपनी सत्ता स्थापित करने का प्रयास। ये समूह पवित्र कुरान की गलत व्याख्या अपने निजी स्वार्थ के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम शान्ति और भाईचारे का सन्देश देने वाला धर्म है। अधिकांश मुस्लिम शान्तिप्रिय हैं और हिंसा तथा आतंकवाद का विरोध करते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि सातवीं शताब्दी में इस्लाम आधुनिकता में सबसे आगे था और यह सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता, लैंगिक समानता और जनतांत्रिक मूल्यों पर आधारित था। 

इस्लाम धर्म ने तो कई शताब्दियों तक विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में शान्ति और स्थिरता स्थापित की। यह सिद्धांत अभी भी उतने ही मजबूत हैं। इन्हें और मजबूत और प्रभावशाली बनाने की जरुरत है जिससे अपने स्वार्थ के लिए धर्म का दुरूपयोग करने वाले तत्वों को पराजित और अलग थलग किया जा सके और ऐसे तत्वों से इस्लाम धर्म की छवि को विश्व व्यापी दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। श्री नकवी ने कहा कि मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक एकता, जीवंत और सुदृढ़ प्रजातंत्र के कारण भारत में आतंकवाद अपनी जड़ें नहीं जमा पाया है। कट्टरवाद पर लगाम लगाने की भारत की नीति कारगर रही है। विभिन्न भाषाओँ, धर्मों, जातियों के बावजूद भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता, सौहार्द के कारण आतंकवादी गुट देश के युवाओं को भ्रमित करने में असफल रहे हैं। समाज, धर्म गुरुओं, मीडिया ने इसमें एक अहम भूमिका निभायी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों से आतंकवाद के वित्तपोषण को ख़त्म करने का आह्वान किया है। इससे आतंकवादियों की क्षमताएं सीमित हो जाएँगी और उनकी कमर तोड़ी जा सकेगी। 

महिला श्रमिकों का जीडीपी में होगा 46 लाख करोड का योगदान

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, पुरुषों के समान वेतन और अन्य सुविधाएं दी जायें तो महिला श्रमिकों का अगले दस वर्षों में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 46 लाख करोड रुपए का योगदान हो सकता है जो अगले 18 साल तक रक्षा बजट का खर्च निकालने के लिए पर्याप्त हाेगा। वैश्विक वित्तीय सलाहकार कंपनी मैंकेजी ग्लोबल की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। मैंकेजी के अनुसार देश के महिला श्रमबल में आने वाले समय में बढोतरी की प्रचुर संभावनाएं जिन्हें देखते हुए ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक देश में महिला श्रमिकाें की संख्या 06 करेाड 60 लाख तक पहुंच जाएगी लेकिन इसके लिए उन्हें पुरुषों के बराबर पारिश्रमिक और अन्य सुविधाएं देने के उपाय करने होंगे । ‘द पावर ऑफ पैरिटी: एडवांसिंग वूमेन्स इक्वालिटी इन इंडिया’ शीर्षक से तैयार इस रिपोर्ट में देश के दस क्षेत्रों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है और कहा गया है कि महिला श्रम बल का देश के जीडीपी में सालाना 1.4 प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान रहेगा। इसके लिए देश के श्रम बल में महिला श्रमिकों की मौजूदा 31 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढाकर 41 प्रतिशत पर ले जाना होगा। रिपोर्ट के अनुसार महिला श्रमशक्ति का यह योगदान कितना बडा होगा इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि इससे होने वाली आय सरकार द्वारा सालाना स्वास्थ्य और शिक्षा पर किए जाने वाले खर्च का 45 गुना और दिल्ली, मुंबई, चेन्नई तथा कोलकाता के बीच 10 हजार किलोमीटर लंबी हाई स्पीड रेल लाईन बिछाने पर होने वाले अनुमानित खर्च का चार गुना अधिक होगी। 

मैंकेजी ने भाारत में महिला श्रमबल में बढोतरी की संभावनाओं को चार संकेतकों के आधार पर मापा है जिसमें महिलाओं को कार्यस्थलों में पुरुषाें के बराबर अवसर के अलावा आर्थिक अवसर तथा सभी आवश्यक सुविधाओ तक आसान पहुंच ,न्यायिक और राजनीतिक अधिकार तथा शारीरिक सुरक्षा और स्वायत्तता शामिल है। इन संकेतकों के आधार पर महिलाओं को पुरुषों के बराबर मिले अवसरों की गणना की गयी है। इस पैमाने के आधार पर लैंगिक समानता के लिए निर्धारित एक अंक की तुलना में भारत बस थोडा सा ही पीछे है इस पैमाने पर उसे दशमलव 48 अंक हासिल हुए हैं। रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिहाज से भारत के पांच राज्यों सिक्किम,मिजोरम,मेघालय,गोवा और केरल को चीन,अर्जेंटीना और इंडोनेशिया के बराबर रखा गया है। इस लिहाज से सबसे खराब स्थिति वाले राज्यों में बिहार, मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश,राजस्थान,असम और झारखंड को शामिल किया गया है। इस मायने में इनकी स्थिति चाड और यमन के समतुल्य मानी गयी है। हालांकि पूरे महिला श्रमबल की संख्या देखें ताे कुछ और ही कहानी सामने आती है। जिन पांच राज्यों में लैंगिक समानता का स्तर सबसे अच्छा माना गया है उनकी वर्ष 2025 तक देश के कुल महिला श्रमबल में हिस्सेदारी महज चार प्रतिशत रहने की संभावना है जबकि इस मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों की हिस्सेदारी 32 फीसदी होने का अनुमान है। अगले दस सालों में शहरी श्रेत्र में महिला श्रम बल में दो करोड 10 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में चार करोड 70 लाख की बढोतरी होने का अनुमान है। इसमें तीन करोड 70 लाख शिक्षित महिलाएं होंगी। महिला श्रमिकों की संख्या में सबसे ज्यादा 70 फीसदी का योगदान आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से होगा। 

'प्रेम रतन धन पायो'ने 300 करोड़ की कमाई की

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मुंबई, 22 नवंबर, बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो'ने अब तक करीब 300 करोड़ रूपये की कमाई कर ली है , सूरज बड़जात्या के निर्देशन में बनी और सलमान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म प्रेम रतन धन पायो 12 नवंबर को प्रदर्शित हुयी थी । भारतीय बाजारो में फिल्म ने 177 करोड़ रूपये से अधिक की कमाई की है जबकि इसका ग्रास क्लेकशन 240 करोड़ रूपये से अधिक है । विदेशों में भी यह फिल्म शानदार कमाई कर रही है और अब तक करीब 60 करोड़ रूपये की कमाई कर चुकी है । इस तरह प्रेम रतन धन पायो ने देश विदेश में 300 करोड़ रूपये से अधिक की कमाई कर ली। 

प्रेम रतन धन पायो से पहले सलमान की फिल्म बजरंगी भाईजान ने 626 करोड़,किक ने 377 करोड़ और एक था टाइगर ने 320 करोड़ की कमाई की है । उल्लेखनीय है कि प्रेम रतन धन पायो को देश में 4,500 और विदेशों में लगभग 1,100 स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया। प्रेम रतन धन पायो में सोनम कपूर, अनुपम खेर, स्वरा भास्कर, अरमान कोहली और नील नितिन मुकेश की भी अहम भूमिका है । 

आतंकवाद को परास्त करने के लिये नयी रणनीति बनाये विश्व : मोदी

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कुआलालंपुर , 22 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिये नये वैश्विक संकल्प के साथ नयी रणनीति बनाने पर जोर देते हुए आज कहा कि किसी भी राजनीतिक विचार, धन और हथियारों से आतंकवादी संगठनों को फलने फूलने का मौका नहीं दिया जा सकता है। श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एकजुट होने, परस्पर साइबर एवं समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया और दक्षिण चीन सागर में पुराने रुख को दोहराते हुए भारत एवं बंगलादेश की समुद्रीसीमा के विवाद को सुलझाने का सुझाव दिया। श्री मोदी ने यहाँ 10वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन की शुरूआत आतंकवाद के मुद्दे से की। उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में आतंकवाद को एक दूरदराज की समस्या के रूप में देखा करते थे। लेकिन पेरिस, अंकारा, बेरुत और माली में बर्बर आतंकवादी हमलों और मिस्र में रूसी विमान को मार गिराना, हमें याद दिलाता है कि इस बुराई की काली छाया हमारे समाज पर और पूरी दुनिया पर पड़ रही है। वे सब जगह से लोगों को भर्ती कर रहे हैं और सभी जगह हमले के निशाने भी तय कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें आतंकवाद से लड़ने के लिये नये वैश्विक संकल्प और नयी रणनीतियाँ बनानी होगीं तथा किसी भी राजनीतिक विचार से उसे संतुलित करने का प्रयास छोड़ना होगा। किसी भी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिये। आतंकवादी संगठनों के बीच कोई फर्क नहीं हो सकता। उनकी कोई पनाहगाह नहीं हो सकती। उन्हें कहीं से भी धन ना मिल पाये और ना ही कहीं से हथियारों की आपूर्ति।” उन्होंने कहा कि हमें इसके साथ अपने समाज के अंदर और युवाओं के साथ भी काम करना होगा। उन्हाेंने मज़हब को आतंकवाद को दूर करने तथा हर मज़हब में मानवीय मूल्याें को बढ़ावा दिये जाने के प्रयास करने के संकल्प का भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एकसाथ खड़े होकर एक स्पष्ट संदेश भी देना होगा कि हम आतंकवाद के आगे कतई नहीं झुकेंगे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के लिये एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि पेरिस में होने वाले जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापवृद्धि पर पक्षकारों के शिखर सम्मेलन सीओपी-21 में एक संतुलित एवं ठोस निष्कर्ष तभी निकल सकता है जब हम सब एकजुट होंगे। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के 18 माह के कार्यकाल में भारत के एशिया प्रशांत एवं हिन्द महासागर के साथ जितनी निकटता रही, उतनी किसी अन्य देश के साथ नहीं रही। यह भारत में इस क्षेत्र के साथ दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के राष्ट्रीय सहमति का परिचायक है। 
उन्होंने कहा कि विश्व आज भी वैश्विक चुनौतियों एवं अनिश्चितताओं से निपटने के लिये इस क्षेत्र से अपेक्षा रखता है। हालाँकि हमारा क्षेत्र एक स्थिर, शांतिपूर्ण एवं समृद्धिशाली भविष्य की दिशा में विभिन्न प्रकार के संक्रमण से गुज़र रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को सामूहिक भविष्य की कुंजी बताते हुए कहा कि इस मंच को सुरक्षा एवं सहयोग पर एक समावेशी, संतुलित, पारदर्शी और खुली क्षेत्रीय व्यवस्था बनानी होगी तथा हमें अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुरूप इसे मज़बूत बनाना होगा। 

श्री मोदी ने समुद्र को सुरक्षा एवं समृद्धि का मार्ग बताते हुए कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धाँतों के अनुरूप आसियान के नौवहन, उड़ान एवं निर्बाध व्यापार की स्वतंत्रता के संकल्प में साझेदार है। प्रादेशिक प्रभुत्व के विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने भारत एवं बंगलादेश के बीच हाल ही में समुद्री सीमा संबंधी विवाद के अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण के माध्यम से हल निकाले जाने का उदाहरण देते हुए आशा व्यक्त की कि दक्षिण चीन सागर में भी सभी पक्ष उस समुद्र में आचरण के घोषणापत्र का पालन करेंगे तथा एक सर्वसम्मत आचार संहिता तय करने के प्रयास तेज करेंगे। प्रधानमंत्री भारत एवं आसियान एवं पूर्वी एशियाई देशों के साथ जमीनी एवं समुद्री सीमा जुड़ी होने का हवाला देते हुए कहा कि भारत इन देशों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा साझेदारी को प्रगाढ़ बनाएगा तथा आसियान में सुरक्षा एवं सहयोग मंच पर सक्रिय भागीदारी करेगा। उन्होंने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बेहद अहम बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में व्यवहार के कुछ नियमों पर काम करना होगा। उन्होंने अंतरिक्ष से उत्पन्न खतरे को भी बेहद गंभीर बताते हुए उससे निपटने के लिये अप्रसार संबंधी सहयोग को तेज करने पर बल दिया। 

श्री मोदी ने आर्थिक संबंधों का महत्व रेखांकित करते हुए एक संतुलित एवं व्यापक क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी करार को शीघ्र ही पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने प्रशांत महासागर पारीय साझेदारी को भी एक महत्वपूर्ण प्रगति बताते हुए कहा कि यह प्रतिस्पर्द्धी व्यवस्था बनने की बजाय एकीकृत आर्थिक समुदाय का बुनियाद मजबूत करेंगी। उन्होंने विकासात्मक सहयोग को पूर्वी एशिया सम्मेलन का केन्द्र बिन्दु बताते हुए कहा कि भारत इन देशों के साथ साझेदार देशों को सहयोग जारी रखेगा। उन्होंने आपदा प्रबंधन तथा ट्रॉमा केयर एंड नर्सिंग पर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन नॉलेज पोर्टल बनाने की जानकारी दी और कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय एक विश्वस्तरीय ज्ञान एवं शिक्षण केन्द्र के रूप में बदल रहा है। उन्होंने कहा कि वह पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में रणनीतिक राजनीतिक आर्थिक एवं सुरक्षा चुनौतियों पर अपने विचार साझा कर रहे हैं। उन्होंने इस एेतिहासिक सम्मेलन में आसियान समुदाय की घोषणा एवं 2025 तक प्रगति पथ पेश किये जाने का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि आसियान क्षेत्रीय अखंडता एवं सहयोग के दृष्टिकोण को अमल में लाने के लिये सफलतापूर्वक काम करता रहेगा। 

जोकोविच और फेडरर में होगी बादशाहत की जंग

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लंदन, 22 नवंबर, स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर और विश्व के शीर्ष वरीय खिलाड़ी नोवाक जोकविक ने अपने अपने मुकाबले जीतकर वर्ष के आखिरी टूर्नामेंट एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स के बीच खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया जहां दोनों के बीच बादशाहत की जंग होगी। विश्व की तीसरी रैंकिंग के खिलाड़ी फेडरर ने सेमीफाइनल मुकाबले में हमवतन स्टेनिसलास वावरिंका को 7-5, 6-3 से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया। इससे पहले जोकोविक ने टूर्नामेंट में हुए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में पांचवीं सीड स्पेन राफेल नडाल को 6-3, 6-3 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह पक्का किया। फेडरर और जोकोविक वर्ष 2012 और 2014 के बाद फाइनल्स टूर्नामेंट के अंतिम मुकाबले में तीसरी बार आमने सामने होंगे। पिछली बार के दोनों अंतिम मुकाबलों में सर्बिया के टेनिस स्टार जोकोविक ने ही जीत दर्ज की थी। 34 वर्षीय फेडरर ने कहा “फाइनल में जोकोविच का सामना करने में मजा आयेगा। सेमीफाइनल में उन्हाेंने राफेल नडाल को शानदार अंदाज में हराया। मुझे भरोसा है कि खिताबी मुकाबला बेहद रोचक साबित होगा। अगर मैं जीतता हूं तो यह सत्र का सबसे शानदार समापन होगा, नहीं तो यह मेरे लिये एक और अच्छा टूर्नामेंट होगा।” 

17 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर ने एक घंटे और दस मिनट तक चले सेमीफाइनल मुकाबले को 7-5, 6-3 से जीत लिया। वावरिंका ने पहले सेट में शानदार शुरुआत की और शुरु में ही ब्रेक हासिल कर 4-2 की बढ़त हासिल कर ली। लेकिन वह अपना प्रदर्शन बरकरार नहीं रख सके और फेडरर ने उन्हें गलती करने पर मजबूर करते हुये शानदार वापसी की। दूसरे सेट में फेडरर ने वावरिंका को संभलने का कोई अवसर नहीं दिया। उन्होंने ब्रेक हासिल कर 3-0 की बढ़त बना ली और फिर जबर्दस्त फोरहैंड शॉटों की बदौलत सेट के साथ मैच को भी अपनी झोली में डाल लिया। वर्ल्ड टूर फाइनल्स में 14 वीं बार खेल रहे स्विस खिलाड़ी अभी तक टूर्नामेंट में अपराजेय ही रहे हैं। उन्होंने राउंड रॉबिन ग्रुप के सभी मुकाबले अपने नाम किये हैं। इससे पहले विश्व के नंबर एक खिलाड़ी सर्बिया के नाेवाक जोकोविच ने अपने तूफानी खेल का सिलसिला बरकरार रखते हुये पूर्व नंबर एक स्पेन के राफेल नडाल को लगातार सेटों में 6-3, 6-3 से ध्वस्त कर खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया। टॉप सीड जोकोविच ने पांचवी सीड नडाल के खिलाफ यह मुकाबला एक घंटे 19 मिनट में जीता और अब वह अपने पांचवे एटीपी वर्ल्ड टूर खिताब से एक कदम दूर रह गये हैं। सर्बियाई खिलाड़ी ने दूसरे सेट के आठवें गेम में स्पेनिश खिलाड़ी की सर्विस तोड़ते हुये जीत अपने नाम कर ली। जोकोविच ने मैच में पांच में से तीन ब्रेक अंकों को भुनाया जबकि नडाल एक ब्रेक अंक भी हासिल नहीं कर पाये।

बिहार में उद्योगों की स्थापना के लिए उचित माहौल

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, बिहार सरकार ने कहा है कि राज्य में उद्योगों की स्थापना को लेकर माहौल बदला है और उद्योगपति खाद्य प्रसंस्करण , चावल मिल कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए निवेश कर रहे हैं । उद्योग निदेशक पंकज कुमार और स्थानीय आयुक्त विपिन कुमार ने आज बिहार दिवस के अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान 401 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की गयी है , इसके अलावा जिला स्तर पर चावल मिल और कोल्ड स्टोर की भी स्थापना की जा रही है । दोनों अधिकारियों ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और वहां की अर्थव्यवस्था इसी पर आधारित है इसलिए सरकार की नीति कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता देना है । उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर चावल , गेहूं, मक्का , आम और केला का उत्पादन होता है । इसके अलावा लीची और मखाना में उसका एकाधिकार है । 

उद्योग निदेशक ने बताया कि सरकार उद्योगपतियों को न केवल जमीन अधिग्रहण में मदद करती है बल्कि उस पर स्टांप ड्यूटी नहीं ली जाती है । इसके अलावा मशीनरी की खरीद तथा कुछ अन्य कार्यों पर अनुदान भी दिया जाता है । उद्योगों को चलाने के लिए सस्ते दर पर बिजली तथा कई करों में रियायतें दी जाती हैं । उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना तथा परिवहन के लिए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया गया है और कुशल श्रमिकों की भरमार है । राज्य कैप्टिव पावर प्लांट की स्थापना पर 50 से 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है । उन्होंने कहा कि राज्य में प्रचुर मात्रा में हस्तशिल्प कलाकार हैं और वे बड़ी संख्या में अपना उत्पाद तैयार करते हैं लेकिन उन्हें बाजार नहीं मिलता है । हस्तशिल्प को बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है । इसके ब्रांड एम्बेसडर की घोषणा जल्द की जायेगी । 

झारखण्ड : पंचायत चुनाव में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान

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रांची, 22 नवम्बर, झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ और अपराह्न तीन बजे शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। मतदान के दौरान 65 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य निर्वाचन आयुक्त शिव वसंत ने यहां बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में 78 प्रखंडों में 48 लाख 88 हजार 3311 मतदाताओं में से 65 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने 15522 मतदान केन्द्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर कुल 36976 उम्मीदवारों के भाग्य को मतपेटी में बंद कर दिया। 

मतदान के दौरान किसी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। श्री वसंत ने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में 8793 ग्राम पंचायत सदस्य, 1225 मुखिया, 1443 पंचायत समिति के सदस्य और 155 जिला परिषद के सदस्य चुने जायेंगे। इस चुनाव में मतपत्रों में नोटा का कोई विकल्प नहीं रखा गया था और चार अलग अलग रंगों के मतपत्र बनाये गये थे। 

झारखण्ड : प्रदीप यादव उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित

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रांची,22नवंबर, झारखंड विधानसभा के 16 वें स्थापना दिवस समारोह में आज झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के विधायक प्रदीप यादव को उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया गया साथ ही सचिवालय के तीन उत्कृष्ट कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। स्थापना दिवस के मौके पर इस बार नई परंपरा की शुरूआत करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल द्रोपदी मुरमू ने कहा कि विकास में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चयन बहुत आशा और विश्वास के साथ करती है एवं जन-प्रतिनिधि से अपेक्षायें रखती हैं। देश और राज्य के विकास की गति के लिए मंत्रिमंडल एवं विधायकगण को ही जिम्मेदार माना जाता है, इस बात का ध्यान हमेशा सभी विधायकों और मंत्रिमंडल के सदस्यों को रखना होगा। 

उन्होंने कहा कि विधि निर्मात्री सभा विधानसभा को सदैव सचेष्ट रहना है कि जनहित के लिए आवश्यकताएं क्या है, उनकी समस्यायें क्या है, ताकि उनके अनुरूप नीतियां बनाई जायें और राज्य की प्रगति और तीव्र गति से हो सके। राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड विधानसभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन आई थी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों को जनता की आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से जानने के लिए और उन्हें मूर्त रूप प्रदान करने की दिशा में कई बातें कही थी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की बात कही थी। श्रीमती मुरमू ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहम जिम्मेदारी होती है। उन्हें सदैव रचनात्मक भूमिका का निर्वहन करना होता है। सरकार से यदि जनहित की कोई बात छूट जाय, तो विपक्ष को इस ओर प्रभावी रूप से ध्यान दिलाना चाहिये। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का दायित्व राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव तत्पर रहने का है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि ओड़िसा विधानसभा द्वारा उन्हें भी उत्कृष्ट विधायक लिए नीलकंठ अवार्ड से सम्मानित किया गया था। सम्मान प्राप्त होने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता की अपेक्षायें उनसे और बढ़ गई थी तथा उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने की अहम चुनौती थी। 

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विधानसभा का नया भवन वर्ष 2018 तक बनकर तैयार हो जाएगा,ताकि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव नए भवन में सभा का संचालन कर सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि नये भवन निर्माण को लेकर 365 करोड़ रुपये की निविदा कल निकाली जा चुकी है, इस निर्माण कार्य पर कुल 465 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि नये विधानसभा परिसर में सभा सदन के अलावा स्पीकर, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न सभापतियों के कार्यालय कक्ष के अलावा विधानसभा सचिवालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी कार्यालय कक्ष की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 28 दिसंबर 2015 को उनकी सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होगा, उस दिन वे अपने एक साल के कार्याें का पूरा लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखेंगे। 

श्री दास ने कहा कि वे विरोधियों के आलोचना से घबराते नहीं है, बल्कि आलोचना में छिपे प्रश्न को समझने का प्रयास करते है, लेकिन बिना सिर-पैर की जब आलोचना होती है, बिना तथ्यों के आधार पर बात कही जाती है,तो उन्हें चिंता होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता में प्रभावी विधायी कार्यान्वयन की भूमिका अहम होती है और झारखंड विधानसभा ने भी गरिमा बनाये रखते हुए देश के समक्ष कई उदाहरण पेश किये हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपनी बातों को सदन में रखें लेकिन लक्ष्मण रेखा पार न हो इसका ध्यान अवश्य रखें। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि क्षेत्रीयता और दलगत स्वार्थ से उपर उठकर राज्यहित में कार्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है। 

स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि झारखंड में युवा और नया नेतृत्व उभर कर सामने आया है, जो अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत उन्होंने एकीकृत बिहार में इसी क्षेत्र से शुरू की और शिक्षक क्षेत्र से पहली बार 1993 में विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए। इससे पहले उनकी पढ़ाई भी रांची के बीआईटी मेसरा में हुई और यहां से इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ वर्षाें तक उद्योग विभाग में काम करने के बाद राजनीति में आए। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जन समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक संवेदनशील बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद 15 वर्षाें में विधायिका को मजबूती मिली है, लेकिन इन वर्षाें में राज्य का जो अपेक्षित विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है। 

उन्होंने कहा कि देश को झारखंड जितना आंतरिक संसाधन उपलब्ध करा रहा है, उस अनुपात में राज्य को लाभ नहीं मिल पा रहा है।श्री सोरेन ने राज्य में पेयजल संकट पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड में कई नदियां और डैम है, लेकिन इसका फायदा यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि अभी इस संकट के समाधान के दिशा में समुचित कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप धारण कर लेगी राजय के संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर हमेशा पक्ष-विपक्ष के बीच मतभिन्नता बनी रहती है, जब कोई दल विपक्ष में रहता है, तो वह अधिक से अधिक दिनों का सत्र बुलाने का आग्रह करता है और वही दल जब सत्ता में आ जाता है, तो पूर्व में सत्ता में रहने वाले दल विपक्ष में बैठने पर लंबा सत्र बुलाने की मांग करने लगते है। उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित प्रदीप यादव ने कहा कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद विधानसभा और सरकार के कार्याें को लेकर कई तिथि आलोचनाएं होती है और विधायकों तथा सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाये जाते है, लेकिन केवल काले धब्बे ही नहीं, बल्कि चमकते सितारों को भी खोजना होगा। 

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. दिनेश उरांव ने इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में कहा कि स्थापना दिवस के मौके पर एक उत्कृष्ट विधायक का सम्मान प्रतिकात्मक है, यह सम्मान सभी विधायकों के लिए है। उन्होंने बताया कि आज उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित प्रदीप यादव को चयन समिति ने सर्वसम्मति से चुना है और प्रदीप यादव जब भी अपनी बातों को सदन में रखते है, तो सप्रमाण और तथ्यों के साथ रखते है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1990 से 95 के बीच निर्वाचित 30 पूर्व विधायकों को भी आज स्थापना दिवस के मौके पर सम्मानित किया जा रहा है। जबकि उत्कृष्ट कार्याें के लिए तीन विधानसभा कर्मियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें सहायक अमित कुमार, चालक प्रियदर्शी मांझी और चालक चंदन होनहागा और शामिल है। इसके अलावा आज स्थापना दिवस के मौके पर चार पुस्तकों का भी लोकार्पण किया गया, जिसमें झारखंड विधानमंडल उद्भव और विकास, राज्यपाल का अभिभाषण, विधानसभा प्रक्रिया, कार्य संचालन नियमावली का तृतीय संस्करण और त्रैमासिक पत्रिका उड़ान का 60वां अंक शामिल है। 

लगातार चौथी बार चैंपियन बने जोकोविच, फेडरर फिर हुए परास्त

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लंदन, 23 नवंबर, विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने फाइनल मुकाबले में रोजर फेडरर को पस्त कर लगातार चौथी बार एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स खिताब अपनी झोली में डाल लिया। 28 वर्षीय जोकोविच ने छह बार के चैंपियन फेडरर को लगातार सेटों में 6-3, 6-4 से हरा दिया और शीर्ष आठ रैंकिंग खिलाड़ियों के बीच होने वाले टूर्नामेंट में अपनी बादशाहत एक बार फिर से साबित कर दी। इसके साथ ही वह टूर्नामेंट के 46 वर्षों के इतिहास में लगातार बार खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गये। इस वर्ष तीन ग्रैंडस्लैम खिताब अपनी झोली में डाल चुके जोकोविच ने ग्रुप मुकाबले में तीसरी रैंक फेडरर से मिली हार से सबक लेते हुये फाइनल में जबर्दस्त प्रदर्शन किया और फेडरर की सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया। पहले सेट को 6-3 से जीतने में जोकोविच को खास मशक्क्त नहीं करना पड़ा। मुकाबले में फेडरर ने 31 बेजा भूलें कीं। 

इसके बाद दूसरे सेट में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। सेट में 3-4 से पिछड़ने के बाद फेडरर ने लगातार पांच अंक हासिल कर वापसी की कोशिश की। लेकिन चैंपियन की तरह खेल रहे जोकोविच ने फेडरर को गलती करने पर मजबूर किया और बेहतरीन डिफेंसिव तरीके से खेलते हुये सेट के साथ मुकाबला भी अपने नाम कर लिया। खिताब जीतकर वर्ष का समापन शानदार अंदाज में करने के बाद जोकोविच ने कहा “मैंने ग्रुप मुकाबले में मिली हार से सबक लिया और इस मुकाबले में ज्यादा रिटर्न लगाए। ट्राफी के साथ सत्र का समापन करने से बेहतर और कुछ नहीं हाे सकता है। यह सत्र मेरे लिये बहुत मायने रखता है। मैं यह बिल्कुल नहीं कहूंगा कि मुझे इसकी उम्मीद थी लेकिन हां मैंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की है।” 

इस जीत के साथ ही जोकोविच का फेडरर के खिलाफ कॅरियर रिकार्ड 22-22 का हो गया है। चैंपियन खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में स्पेन के राफेल नडाल को भी धूल चटाई थी जिनके खिलाफ भी उनका कॅरियर रिकार्ड 23-23 का हो गया है। दस बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन जोकोविच ने कहा “मैं आज जो कुछ हूं वह फेडरर और नडाल की वजह से ही हूं। इन दोनों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा से ही मैं आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं।” वहीं 17 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन फेडरर ने हार के बाद कहा “जोकोविच ने कोर्ट पर बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि मैंने पहला सेट गंवाने के बाद दूसरे में वापसी की कोशिशें भी की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। जोकोविच को बधाई लेकिन उन्हें शीर्ष पर बने रहने के लिये काफी मेहनत करते रहने और चोट से सवधान रहने की जरुरत है।” 

बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिये महिलाओं को अब पहननी पडेगी साडी

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वाराणसी 23 नवम्बर, उत्तर प्रदेश में धर्मनगरी वाराणसी में स्थित ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के लिये महिला श्रद्धालुओं का साडी पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। पर्यटकों विशेषकर विदेशी युवतियों के स्कर्ट अादि छोटे पहनावे के साथ मंदिर में दर्शन के लिये जाने के मद्देनजर मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया। सुरक्षाकर्मियों को सख्त हिदायत दी गयी है कि वे छोटे लिबास में आने वाले पर्यटकों पर नजर रखें। मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी एन द्विवेदी ने आज यहां बताया कि घरेलू पर्यटकों विशेषकर दक्षिण भारतीयों की मांग के मद्देनजर मंदिर प्रशासन को ड्रेस कोड के निर्धारण का फैसला लेना पडा। छोटे पहनावे के साथ मंदिर आने वाले विदेशी पर्यटकों को सलाह दी जा रही है कि वे साडी पहनकर मंदिर आयें। ऐसे पर्यटकों की सुविधा के लिये मंदिर के दो प्रवेश द्वारों पर साडी उपलब्ध करायी जायेगी। प्रवेश द्वार पर मौजूद महिला पुलिस इन श्रद्धालुओं को साडी पहनाने में मदद करेंगी। 

श्री द्विवेदी ने कहा “ दक्षिण भारत से बडी तादाद में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिये यहां आते हैं। उनकी मांग थी कि तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर विश्वनाथ मंदिर में भी डेस कोड लागू किया जाये जिसमें पुरूष दर्शनार्थी धोती कुर्ता और महिलाओं के लिये साडी अनिवार्य की जाये। ” उन्होने कहा कि यह ड्रेस कोड सिर्फ छोटे लिबास पहन कर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये है हालांकि जीन्स और ट्राउजर्स पहने युवतियों को मंदिर में प्रवेश दिया जायेगा। पुरूषों के लिये धोती की अनिर्वायता के लिये मंदिर प्रशासन विचार कर रहा है। मंदिर प्रशासक ने कहा कि विदेशी पर्यटकों को प्रवेश से पहले दो स्थानों पर चेकिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा। मंदिर के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा बलों को उन्हे अपना पासपोर्ट वगैरह चेक कराना होगा जबकि दूसरे मंदिर परिसर में एक बार उन्हे फिर जांच करानी होगी। दोनों ही स्थानों में कपडे बदलने के लिये कमरों की व्यवस्था की गयी है। उन्होने कहा कि ड्रेस कोड विदेशियों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने का अच्छा संदेश देगी। विश्वनाथ मंदिर में हर रोज करीब 60 हजार श्रद्धालु माथा टेकते हैं जिनमें विदेशी सैलानियों की खासी तादाद है। 
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