रांची,22नवंबर, झारखंड विधानसभा के 16 वें स्थापना दिवस समारोह में आज झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के विधायक प्रदीप यादव को उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया गया साथ ही सचिवालय के तीन उत्कृष्ट कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। स्थापना दिवस के मौके पर इस बार नई परंपरा की शुरूआत करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल द्रोपदी मुरमू ने कहा कि विकास में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चयन बहुत आशा और विश्वास के साथ करती है एवं जन-प्रतिनिधि से अपेक्षायें रखती हैं। देश और राज्य के विकास की गति के लिए मंत्रिमंडल एवं विधायकगण को ही जिम्मेदार माना जाता है, इस बात का ध्यान हमेशा सभी विधायकों और मंत्रिमंडल के सदस्यों को रखना होगा।
उन्होंने कहा कि विधि निर्मात्री सभा विधानसभा को सदैव सचेष्ट रहना है कि जनहित के लिए आवश्यकताएं क्या है, उनकी समस्यायें क्या है, ताकि उनके अनुरूप नीतियां बनाई जायें और राज्य की प्रगति और तीव्र गति से हो सके। राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड विधानसभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन आई थी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों को जनता की आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से जानने के लिए और उन्हें मूर्त रूप प्रदान करने की दिशा में कई बातें कही थी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की बात कही थी। श्रीमती मुरमू ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहम जिम्मेदारी होती है। उन्हें सदैव रचनात्मक भूमिका का निर्वहन करना होता है। सरकार से यदि जनहित की कोई बात छूट जाय, तो विपक्ष को इस ओर प्रभावी रूप से ध्यान दिलाना चाहिये। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का दायित्व राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव तत्पर रहने का है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि ओड़िसा विधानसभा द्वारा उन्हें भी उत्कृष्ट विधायक लिए नीलकंठ अवार्ड से सम्मानित किया गया था। सम्मान प्राप्त होने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता की अपेक्षायें उनसे और बढ़ गई थी तथा उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने की अहम चुनौती थी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विधानसभा का नया भवन वर्ष 2018 तक बनकर तैयार हो जाएगा,ताकि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव नए भवन में सभा का संचालन कर सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि नये भवन निर्माण को लेकर 365 करोड़ रुपये की निविदा कल निकाली जा चुकी है, इस निर्माण कार्य पर कुल 465 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि नये विधानसभा परिसर में सभा सदन के अलावा स्पीकर, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न सभापतियों के कार्यालय कक्ष के अलावा विधानसभा सचिवालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी कार्यालय कक्ष की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 28 दिसंबर 2015 को उनकी सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होगा, उस दिन वे अपने एक साल के कार्याें का पूरा लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखेंगे।
श्री दास ने कहा कि वे विरोधियों के आलोचना से घबराते नहीं है, बल्कि आलोचना में छिपे प्रश्न को समझने का प्रयास करते है, लेकिन बिना सिर-पैर की जब आलोचना होती है, बिना तथ्यों के आधार पर बात कही जाती है,तो उन्हें चिंता होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता में प्रभावी विधायी कार्यान्वयन की भूमिका अहम होती है और झारखंड विधानसभा ने भी गरिमा बनाये रखते हुए देश के समक्ष कई उदाहरण पेश किये हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपनी बातों को सदन में रखें लेकिन लक्ष्मण रेखा पार न हो इसका ध्यान अवश्य रखें। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि क्षेत्रीयता और दलगत स्वार्थ से उपर उठकर राज्यहित में कार्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि झारखंड में युवा और नया नेतृत्व उभर कर सामने आया है, जो अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत उन्होंने एकीकृत बिहार में इसी क्षेत्र से शुरू की और शिक्षक क्षेत्र से पहली बार 1993 में विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए। इससे पहले उनकी पढ़ाई भी रांची के बीआईटी मेसरा में हुई और यहां से इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ वर्षाें तक उद्योग विभाग में काम करने के बाद राजनीति में आए। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जन समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक संवेदनशील बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद 15 वर्षाें में विधायिका को मजबूती मिली है, लेकिन इन वर्षाें में राज्य का जो अपेक्षित विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि देश को झारखंड जितना आंतरिक संसाधन उपलब्ध करा रहा है, उस अनुपात में राज्य को लाभ नहीं मिल पा रहा है।श्री सोरेन ने राज्य में पेयजल संकट पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड में कई नदियां और डैम है, लेकिन इसका फायदा यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि अभी इस संकट के समाधान के दिशा में समुचित कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप धारण कर लेगी राजय के संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर हमेशा पक्ष-विपक्ष के बीच मतभिन्नता बनी रहती है, जब कोई दल विपक्ष में रहता है, तो वह अधिक से अधिक दिनों का सत्र बुलाने का आग्रह करता है और वही दल जब सत्ता में आ जाता है, तो पूर्व में सत्ता में रहने वाले दल विपक्ष में बैठने पर लंबा सत्र बुलाने की मांग करने लगते है। उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित प्रदीप यादव ने कहा कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद विधानसभा और सरकार के कार्याें को लेकर कई तिथि आलोचनाएं होती है और विधायकों तथा सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाये जाते है, लेकिन केवल काले धब्बे ही नहीं, बल्कि चमकते सितारों को भी खोजना होगा।
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. दिनेश उरांव ने इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में कहा कि स्थापना दिवस के मौके पर एक उत्कृष्ट विधायक का सम्मान प्रतिकात्मक है, यह सम्मान सभी विधायकों के लिए है। उन्होंने बताया कि आज उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित प्रदीप यादव को चयन समिति ने सर्वसम्मति से चुना है और प्रदीप यादव जब भी अपनी बातों को सदन में रखते है, तो सप्रमाण और तथ्यों के साथ रखते है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1990 से 95 के बीच निर्वाचित 30 पूर्व विधायकों को भी आज स्थापना दिवस के मौके पर सम्मानित किया जा रहा है। जबकि उत्कृष्ट कार्याें के लिए तीन विधानसभा कर्मियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें सहायक अमित कुमार, चालक प्रियदर्शी मांझी और चालक चंदन होनहागा और शामिल है। इसके अलावा आज स्थापना दिवस के मौके पर चार पुस्तकों का भी लोकार्पण किया गया, जिसमें झारखंड विधानमंडल उद्भव और विकास, राज्यपाल का अभिभाषण, विधानसभा प्रक्रिया, कार्य संचालन नियमावली का तृतीय संस्करण और त्रैमासिक पत्रिका उड़ान का 60वां अंक शामिल है।