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मोदी की यात्रा कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक: पाक मीडिया

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक हुए पाकिस्तान दौरे को वहां के मीडिया ने ‘डिप्लोमेटिक मास्टरस्ट्रोक’ करार देते हुए कहा है कि अपनी इस कूटनीतिक पहल से उन्होंने सभी को स्तब्ध कर दिया। ‘द नेशन’ में महबूब मोहसिन लिखते हैं कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने लाहौर पहुंचे श्री मोदी ने अपने इस कूटनीतिक कदम से सीमा के दोनों तरफ मौजूद शांति वार्ता के विरोधियों को चित कर दिया। 

उन्होंने कहा कि क्रिसमस की शाम श्री मोदी और श्री शरीफ की दोस्ती नये स्तर पर पहुंच गयी और दोनों तरफ का मीडिया स्तब्ध रह गया। कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन को लेकर मीडिया ने जो योजनायें बनायी थीं वे धरी की धरी रह गयीं। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाठकों से पूछा कि क्या श्री मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आएगा। सर्वे में शामिल 56 प्रतिशत लोगों ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया जबकि 44 प्रतिशत लोगों का जवाब नकारात्मक था।

डीडीसीए के मामले में राजनीति : शीला दीक्षित

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जालंधर 26 दिसंबर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने आज कहा कि दिल्ली के डीडीसीए में हुई अनियमिततओं के मामले में राजनीति की जा रही है। जालंधर में लवली यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इंदिरा गाँधी नेशनल यूनाइटेड नेशन कांफ्रैंस में भाग लेने आई श्रीमती दीक्षित ने कहा की डीडीसीए एक स्वतंत्र संस्था है और इस मामले में आम आदमी पार्टी(आप)द्वारा लोगो का ध्यान भटकाया जा रहा है। इस मामले में श्री अरुण जेटली बेकसूर है । पंजाब में कांग्रेस के नेताओं के आप में शामिल होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह चुनावों के संबंधित आम बात है इससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता । 

दिल्ली की सरकार बुरी तरह से फ्लाप हो चुकी है और यहां के लोगो ने आप का काम देख ही लिया है। दिल्ली में वाहनों के ओड इवन और 10 साल से ज्यादा की डीजल की गाडियों के पंजीकरण नहीं करने के संबंध में उन्होंने इस तजुर्बे को बेतुका बताया और कहा कि आप सरकार बिना सोचे समझे ऐसे निर्णय ले रही है। श्रीमती दीक्षित के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिव राज पाटिल ,पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल भी कांफ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। कांफ्रेंस में देश भर से आये अलग -अलग विश्वविद्यालयों से आये विद्यार्थियों द्वारा देश भर में व्याप्त समस्याओ के बारे में चर्चा की जायेगी। इस अवसर पर श्रीमती भट्टल ने कांग्रेस के प्रवक्ता सुखपाल खेरा और सीडी कंबोज के आप में शामिल होने के बारे में कहा कि उनके जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शराब के मुद्दे पर भट्टल ने बात को टालने की कोशिश की और कहा कि राज्य में पहले जानलेवा ड्रग के नशे को ख़त्म किया जायेगा।

राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी राजनीति कर रही है कांग्रेस : अकबर

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक पाकिस्तान जाने के फैसले को अभूतपूर्व और दोनों देशों के रिश्तों में नए अध्याय की शुरूआत बताते हुए आज आरोप लगाया कि कांग्रेस राष्ट्रीय हित के ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति कर रही है। भाजपा के प्रवक्ता एम जे अकबर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री की इस साहसिक यात्रा ने भारतीय उपमहाद्वीप की शांति की उम्मीदों को नये पंख लगाए हैं। इससे इस क्षेत्र का ‘जलवायु परिवर्तन’ हुआ है और रिश्तों में गर्माहट आई है। श्री मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच गर्मजोशी ने रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने का काम किया है। दोनों देशों के संबंधों के इतिहास को देखते हुए ऐसे ही साहसिक कदम की जरूरत थी। श्री अकबर ने कहा कि श्री मोदी की इस यात्रा से देश और दुनिया में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। 

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने इसका स्वागत किया है, जो उत्साहजनक है। भारत में भी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इसका स्वागत किया है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस राष्ट्रीय हित के ऐसे मुद्दे पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आई। कांग्रेस के इस आरोप पर कि श्री मोदी राष्ट्रहित में नहीं बल्कि एक उद्योगपति के निजी हित को साधने के लिए पाकिस्तान गए थे, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वह इस बचकानी बात का क्या जवाब दें। उन्होंने कहा कि जो ऐसी बातें करते हैं, उनकी अक्ल पर मुझे शक होता है। पाकिस्तान के साथ संबंध एक गंभीर मसला है। एक प्रक्रिया के तहत दोनों देशों के संबंध आगे बढ़े हैं। रूस के ऊफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्री मिले और फिर पेरिस में बात आगे बढ़ी। बैंकॉक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिले और इसी महीने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान जाकर इस मामले को आगे बढ़ाया।

चीन और अमेरिका ने किया मोदी के पाक दौरे का स्वागत

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नयी दिल्ली 26 दिसम्बर, चीन और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आकस्मिक पाकिस्तान यात्रा का स्वागत किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने श्री मोदी के इस कदम पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि चीन भारत-पाकिस्तान संबंधों में ताजा घटनाक्रम का स्वागत करता है। उन्होंने भारत एवं पाकिस्तान को दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश बताते हुए कहा कि इन दोनों देशों के अच्छे संबंध क्षेत्र की शांति, स्थिरता एवं विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का साझा दोस्त होने के नाते चीन इससे खुश है। वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी श्री मोदी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि भारत और पाकिस्तान के अच्छे संबंध क्षेत्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। 

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा , “ श्री मोदी और श्री शरीफ की 25 दिसम्बर को हुई मुलाकात का हम स्वागत करते हैं । भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधरने का फायदा पूरे क्षेत्र को होगा।” इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने भी इस पर खुशी जतायी थी। उनके प्रवक्ता ने कहा था, “महासचिव लंबे समय से दोनों देशों के नेताओं को बातचीत करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने श्री मोदी के अचानक बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पाकिस्तान पहुंचने का स्वागत करते हुए इसे सही दिशा में उठाया गया एक कदम माना है। श्री मून को पूरी उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच बातचीत ऐसे कदमों से न केवल फिर से शुरू हो सकेगी बल्कि मजबूत भी होगी।” उल्लेखनीय है कि काबुल से लौटने के दौरान श्री मोदी ने अचानक पाकिस्तान में जाने तथा अपने समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात करने का निर्णय लिया था। उनके इस अप्रत्याशित दौरे पर दोनों देशों में काफी प्रतिक्रियाएँ हुई।

मोदी आगे बढ़ाएँ भारत पाक संबंधों को : आडवाणी

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भुज (गुजरात), 26 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर बनाने की वकालत करते हुए आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहल को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार के अन्य नेताओं को योगदान देना चाहिये। श्री आडवाणी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की कल की लाहौर यात्रा के बारे में यहाँ मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, “जो प्रयत्न वाजपेयी जी ने शुरू किया, वाजपेयी जी के उस प्रयत्न को आगे बढ़ाते हुए आज के भी जो हमारे शासन के नेता हैं, उनमें मोदी जी हैं और बाकी हैं, वे भी भारत पाक के संबंधों को दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाने में योगदान दें।” 

श्री वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा जैसी अनूठी पहल करते हुए श्री मोदी ने काबुल से स्वदेश लौटते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिये ढाई घंटे के संक्षिप्त प्रवास पर लाहौर रुकने का फैसला करके दुनिया काे चौंका दिया। श्री शरीफ ने लाहौर के अल्लामा इकबाल हवाई अड्डे पर खुद आकर श्री मोदी की अगवानी की और उन्हें अपने साथ अपने पैतृक घर लेकर गये। बाद में वह भारतीय प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे तक छोड़ने भी आये। श्री मोदी ने उनके साथ द्विपक्षीय बातचीत करने के साथ श्री शरीफ की माँ से भेंट की और उनके पाँव छूकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने श्री शरीफ की नवासी की शादी के पहले कल हुई मेंहदी की रस्म में शिरकत की और उसे तोहफे में साड़ी दी और सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। श्री मोदी की इस पहल को न सिर्फ भारत एवं पाकिस्तान बल्कि दुनियाभर में बड़े अचरज से देखा गया। दोनों देशों में इस घटना की आलोचना एवं तारीफ दोनों हुई हैं।

बिहार के दरभंगा में दो अभियंताओं की गोली मारकर हत्या , कंपनी ने निर्माण कार्य रोका

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दरभंगा,26 दिसम्बर, बिहार में दरभंगा जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम गांव में आज दिनदहाड़े अपराधियों ने निजी कंपनी में कार्यरत दो अभियंताओं की गोली मारकर हत्या कर दी।  पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सत्यार्थी ने यहां बताया कि सड़क निर्माण कर रही बीएससीसी एंड सीजेवी कंपनी के परियोजना अभियंता मुकेश कुमार(32) और सहायक अभियंता ब्रजेश कुमार(39 वर्ष )शिवराम गांव के समीप सड़क निर्माण का काम करा रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार चार अपराधी वहां पहुंचे और उनपर कारबाइन से अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे दोनों अभियंताओं की मौके पर ही मौत हो गयी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी मौके से फरार हो गये। शव पोस्टमार्टम के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिये गये हैं। करीब 755 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना के तहत समस्तीपुर के बरना पुल से दरभंगा के रसियारी घाट तक सड़क का निर्माण होना है।

श्री सत्यार्थी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अज्ञात अपराधी कंपनी से लगातार रंगदारी की मांग कर रहे थे और संभवत: इसी को लेकर घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि रंगदारी को लेकर धमकी दिये जाने के बाद प्रबंधन के आग्रह पर कंपनी के आधार शिविर पर एक पुलिस अधिकारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जिले की सीमा को सील कर संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इस बीच,परियोजना के निदेशक देवेश राठौर का कहना है कि कंपनी की ओर से रंगदारी मांगे जाने की सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तीन दिन पूर्व आधार शिविर(बेस कैंप)पर कुछ पुलिसकर्मियों की तैनाती थी लेकिन शुक्रवार को सभी यह कहकर वापस चले गये कि उन्हें मुख्यालय में योगदान करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनकी अनुरोध तो माना लेकिन अचानक सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाने का फैसला चौंकाने वाला है। उन्होंने साफ किया कि जब तक प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या नहीं करायी जाती,सड़क निर्माण काम पूरी तरह बंद रहेगा। 

अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म में नज़र आएँगी तापसी पन्नू

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ की चाहत हर नए पुराने कालकार , निर्माताओं  निर्देशकों में रहती है। वहीँ अमिताभ बच्चन भी नए कलकारों साथ काम करने को उत्सुकः रहते हैं। खबर यह है की तापसी पन्नू को अमिताभ  बच्चन के साथ काम करने का मौका मिल गया है जिन्होंने फिल्म अक्षय कुमार की फिल्म 'बेबी'में छोटा ही सही लेकिन दमदार किरदार निभाया था। इस फिल्म में तापसी एक स्वतंत्र ख्यालों में रहने वाली युवा  लड़की का किरदार निभाने वाली हैं। 

निर्देशक सुजीत सरकार अमिताभ के साथ सोशल सोशल थ्रिलर फिल्म बनाने जा रहे हैं उसमे तीन अदाकाराएं होंगी जिनमें से तापसी  पहली अदाकारा के रूप में चुन लिया गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म निर्माता अनिरुद्ध रॉय चौधरी  की बॉलीवुड में बतौर निर्देशक पहली फिल्म होगी। हालांकि फिल्म का टाइटल अब तक तय नहीं किया गया है। फिल्म पूरी तरह दिल्ली में शूट की जाने वाली है जिसकी शूटिंग अगले साल के फरवरी महीने में शुरू होगी। 

शूजित सरकार से जुड़े सूत्र ने फिल्म में तापसी की एंट्री को कंफर्म करते हुए बताया है 'तापसी ने फिल्म के लिए एक महीने पहले ही हामी भर दी थी लेकिन तापसी ने अबतक इस फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं पढ़ी है। फिल्म में मिले अपने किरदार को पाकर तापसी काफी खुश हैं। अमिताभ बच्चन ने तो फिल्म का सब्जेक्ट देखकर पहली ही हामी भर दी थी।  अनिरुद्ध इस फिल्म के स्क्रिप्ट पर पिछले ढाई साल से काम कर रहे हैं और उन्हें अब भी 2 अदाकाराओं  तलाश है।  

डब्ल्यूआईएफ़एस जागरूकता अभियान का शुभारंभ

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श्री जे पी नड्डामाननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, "यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि युवा ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ा जाए। और इसे केवल तभी हासिल किया जा सकता है जब किशोरों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से देश के भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार किया जाए।"उन्होंने यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) कार्यक्रम के तहत साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड कार्यक्रम (डब्ल्यूआईएफ़एस) के मीडिया अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने यह भी कहा कि हर सप्ताह लाखों किशोरों में से प्रत्येक को एक आइएफ़ए टैबलेट प्रदान करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ठोस कार्रवाई किए जाने वाले प्राथमिक क्षेत्रों में से एक किशोरों के बीच पोषण है। मंत्री ने कहा कि हमारा मंत्रालय इस कार्यक्रम के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लगातार मजबूत बना रहा है और समुदायों अर्थात मातापिताअध्यापक और किशोर उम्र वालों को समर्थन प्रदान कर रहा है क्योंकि खून की कमी यानी एनीमिया को हराने के लिए इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उक्त समारोह में यूनिसेफ़ की सद्भावना राजदूत सुश्री प्रियंका चोपड़ा भी मौजूद थी जो हर सप्ताह एक आइएफ़ए टैबलेट लेने के लिए किशोर उम्र वालों को प्रोत्साहित करने के द्वारा डब्ल्यूआईएफ़एस अभियान का समर्थन कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुश्री प्रियंका चोपड़ा द्वारा मीडिया अभियान के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ने से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरुकता पैदा करने में मदद मिलेगी।

अपना अनुभव साझा करते हुए सुश्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि हर सप्ताह आयरन की गोली लेने की वजह से मेरा स्वास्थ्य बेहतर बना और उसके ही प्रभाव से आज भी सेहतमंद हूं। उन्होंने आगे कहा, "मुझे यकीन है कि हम अपने ठोस प्रयासों के माध्यम से किशोरों के बीच खून की कमी यानी एनीमिया की व्यापकता को कम करने में सक्षम होंगे।" व्यक्ति के आहार में आइएफए के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री बीपी शर्मासचिव (स्वास्थ्य) ने कहा, "आयरन के साथ भोजन की पूरकता के लिए मंत्रालय द्वारा अन्य विभागों के साथ साझेदारी की जा रही है।"उन्होंने आगे कहा कि एनीमिया के बारे में किशोरों के बीच जागरूकता कम है और मीडिया उनके बीच स्वास्थ्य का संदेश देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। श्री लुई जार्ज आर्सेनॉल्टभारत में यूनिसेफ़ के प्रतिनिधि ने डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम की सराहना की और आसान और कुशल पोषण द्वारा "जागरूकता"और "रोकथाम"के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किशोरों के बीच एनीमिया के बारे में जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया।

डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम को स्कूल जाने वाले किशोर लड़कों और लड़कियों के बीच शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू किया जा रहा हैइसके अलावास्कूल नहीं जाने वाली या छोड़ देने वाली लड़कियों (विवाहित और अविवाहित दोनों)  के लिए भी इसे लागू किया जा रहा है। डब्ल्यूआईएफ़एस रणनीति मेंडब्ल्यूआईएफ़एस के वितरण के लिए एक "निश्चित दिन'' दृष्टिकोण को शामिल किया गया है। यह अनुशंसा की गई है कि सोमवार के दिन सभी स्कूल इस कार्यक्रम का आयोजन करेंगेऔर अनुपस्थित छात्रों के किसी और दिन को निर्धारित किया जा सकता है। आइएफए सप्लिमेंटेशन उच्च अनुपालन सुनिश्चित करने के लिएआइएफए गोलियों के पर्यवेक्षित उपभोग अनुशंसा की गई है। यह कार्यक्रम किशोरों और सामुदायिक सदस्यों के बीच डब्ल्यूआईएफ़एस के महत्व को बढ़ाने के लिए फ़्रंटलाइन कार्यकर्ताओं जैसे कि एडब्ल्यूडब्ल्यूआशा और अध्यापकों द्वारा आइएफ़ए गोलियों के उपभोग को भी प्रोत्साहित और प्रदान करता है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालयसाप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड पूरकता कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आइएफ़ए सप्लिमेंट और डीवर्मिंग टैबलेट की आपूर्ति के लिए संसाधनों के आवंटनों,जागरुकता के लिए संसाधन सामग्री विकसित करनेनिगरानी तंत्र स्थापित करने और कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करने सहित नीति निर्माणतकनीकी समर्थनडब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम की वार्षिक योजना के लिए जिम्मेदार है। किशोरों के लिए डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम के तहतलक्षित समूहों को आइएफए की खुराक साप्ताहिक आधार पर निःशुल्क वितरित की जाती है। आइएफए की खुराक के अलावाउसी लक्षित समूह को डीवर्मिंग के लिए अल्बेन्डेज़ोल की गोलियां वर्ष में दो बार प्रदान की जाती हैं। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्ति थे- डॉ. (प्रोफेसर) जगदीश प्रसादडीजीएचएसश्री सी.के. मिश्राएएस एंड एमडी (एनएचएम)के बी अग्रवालअपर सचिवऔर डॉ. राकेश कुमारसंयुक्त सचिव (आरसीएचआईईसी)।



आलेख : ट्राफिक पुलिस ध्यान दे

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यह अनुभव करने योग्य है कि दुपहिया वाहनों को कुछ सिरफिरे लोग इतनी तेजी व लापरवाही से चला रहे हैं, जिससे आम जन-जीवन अत्यन्त खतरे मे है। इससे तो ऐसा लगता है कि राहगीरों को भी हेल्मेट पहनाना ज्यादा जरूरी है। उन रास्तों मे, जहां जनता निवास कर रही है और बच्चे भी खेलते रहते हैं, स्वयं पैदल चलने वाले राहगीरों को आगे बढ़ने के लिये रास्ता खाली नहीं मिलता है, लेकिन वहां भी मोटर सायकिलें अत्यंत तेज गति से दौड़ाते हुये देखी जा सकती हैं। यद्यपि इन्हें यह पता होना चाहिये कि भले ही किसी के साथ दुर्घटना घटित नहीं भी हुई हो परन्तु मानव जीवन को खतरा उत्पन्न करने वाले तेज गति से वाहन चलाने पर धारा 279 आई.पी.सी. का अपराध है। आश्चर्य तो यह है कि किसी भी ट्रेफिक पुलिस वाले को इसका नियंत्रण करने हेतु सक्रिय नहीं देखा गया है। पुलिस की ओर से सिर्फ धारा 279 आई.पी.सी. का चालान सम्भवतः किया ही नही जाता है। जब तक किसी को चोट न लग जाये अथवा किसी की हड्डी न टूट जाये अर्थात धारा 337 एवं 338 आई.पी.सी. का अपराध न बन जाये, तब तक पुलिस धारा 279 आई.पी.सी. का चालान करती ही नहीं है। जब कि कानून की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि इस हेतु चोट लगने अथवा हड्डी टूटने का अपराध भी घटित होना आवश्यक हो। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 मे प्रावधान है कि खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 6 माह के दण्ड या जुर्माने से दण्डित किया जावेगा। धारा 189 के तहत जो भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर वाहन को दौड़ या गति का मुकाबला करने के लिये वाहन चलायेगा तो इस हेतु एक माह का दण्ड या जुर्माने का प्रावधान है। 

बिना किसी उद्देश्य के, केवल प्रदर्शनात्मक लगातार हाॅर्न बजाते हुये अत्यन्त तेज गति से मोटर वाहन चलाने वालों को विदेश मे फट्लूस माना जाता है और ऐसे लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। सच तो यह है कि मानसिक रूप से यही स्थिति भारत मे भी है। सेन्ट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के रूल नम्बर 119 मे यह प्रावधान है कि प्रत्येक मोटर वाहन मे इण्डियन स्टेण्डर्ड आॅफ ब्यूरो द्धारा अनुशंसित हाॅर्न का ही प्रयोग किया जावेगा। इसी सन्दर्भ ‘मध्य प्रदेश कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1985‘ के अनुसार ध्वनि विस्तारक यत्रों पर नियन्त्रण लगाने के साथ-साथ मोटर वाहनों से उत्पन्न होने वाले कोलाहल के सम्बन्ध मे स्पष्टतः प्रावधान है कि सड़क पर या किसी लोक स्थान पर मोटर यान तब तक चलाया या उपयोग मे नही लाया जायेगा जब तक कि एक्जास्ट सिस्टर्न को समुचित रूप से न ढं़क दिया गया हो, जिससे कि कोलाहल उत्पन्न न हो एवं कोई भी व्यक्ति वाहन से ऐसा हाॅर्न नही बजायेगा जिससे कि वहां पैदल चलने वालों को या किसी अन्य वाहन के चालक को क्षोभ उत्पन्न हो या वह घवड़ा जाये। इस संदर्भ मे भी तो ट्रेफिक पुलिस को ध्यान देना होगा कि वाहनों मे हाॅर्न कानून एवं नियम के अनुसार उनकी निर्धारित फ्रिक्वेन्सी की ही सीमा मे हो तथा ऐसे हाॅर्न म्यूजिकल नही होना चाहिये। कानून का उल्लंघन करने वाले को छः माह के जेल का कारावास अथवा एक हजार रूपये के अर्थ दण्ड की सजा का प्रावधान है। इसका उल्लघंन दूसरी बार करने पर दण्ड की सीमा दो गुना हो जायेगी। तेज ध्वनि को कानून निर्माताओं ने आम जनता की संवेदनशीलता के साथ देखते हुये ऐसा प्रावधान प्रदान किया है। 

ट्रैफिक पुलिस को इस ओर भी ध्यान देना होगा कि अनेकों वाहन बिना नम्बर-प्लेट के आम सड़क पर चलते हुये उनके सामने से निकल जाते हंै। इसके अनेकों खतरनाक, परेशानीदायक एवं विपरीत परिणाम सामने आते हैं। बिना नम्बर वाले वाहन से यदि कोई अपराध करके भाग जाये तो फिर उसका पकड़ना मुश्किल हो जाता है। फरियादी और घटना के साक्षीगंण उस वाहन पर नम्बर नही लिखे होने के कारण अपराध करने वाले के संदर्भ मे कुछ नही बता पाते हैं, परिणामतः अपराध मे प्रयुक्त हुआ वाहन ज्ञात नही हो पाता है। जहां न्यायालय के समक्ष यह प्रकट हुआ कि दुर्घटना करने वाले वाहन पर नम्बर-प्लेट नही थी तो लाल, पीला, नीला, काला रंग के नाम से वाहन की पहचान होती है और ऐसे रंगो के तो अनेकों वाहन होते हैं। जिन वाहनो पर नम्बर नही लिखा है, ऐसे वाहनों को सख्ती के साथ जब्त किया जाना चाहिये। ऐसे भी अनेकों वाहन, जिनका रजिस्ट्रेशन कई-कई वर्षों तक आर.टी.ओ. मे नही हुआ हो और यह भी संभव है कि वाहन मालिक अनेकों अपराधों मे लिप्त होते हुये टैक्स की चोरी भी कर रहे हों।

देखने मे आ रहा है कि मौसम अथवा प्रदूषण के नाम पर कुछ लोग अपने मुंह को कपड़े से इस तरह ढंक लेते है जिससे कि उनकी पहचान न हो सके। इस क्रम मे लड़कियां भी पीछे नही हैं और इस कारण से गम्भीर परिणाम बाद मे सामने आते हैं। किसी अपराध की घटना घटित होने पर कपड़े से मुंह छुपाये होने के कारण अपराधी की पहचान नही हो पाती है और ऐसे लोग बड़ी आसानी से बचकर निकल जाते है तथा पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाते है। पुलिस द्वारा ऐसे मंुह छुपाये लोगों के वाहनों को न तो कभी रोका जाता है और न ही उनसे पूछताछ की जाती है। उनके ढंके हुये मुंह को कभी खुलवाते हुये नही देखा गया है। कानून मे इस हेतु भी स्पष्ट प्रावधान है। दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 109 यह निर्देश देता है कि यदि कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छुपाने की कोशिश करता है और उस कारण से ऐसी शंका प्रकट होती है कि वह व्यक्ति कोई भी अपराध घटित कर सकता है तो ऐसी पहचान छुपाने वाले व्यक्ति पर कार्यवाही कर सकती है तथा उसे कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समझ प्रस्तुत किया जावेगा।



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लेखक- राजेन्द्र तिवारी, अभिभाषक, दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738
rajendra.rt.tiwari@gmail.com
नोट:- लेखक एक वरिष्ठ अभिभाषक एवं राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक विषयों के समालोचक हैं। 

विशेष आलेख : मोदी के धमाकेदार पाक प्रवेश से बनी आशा

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भारत और पाकिस्तान के मध्य दोस्ती को लेकर जिस प्रकार के वातावरण का निर्माण हुआ है, उससे तो यही लगता है कि लम्बे समय से भारत और पाकिस्तान की दोस्ती के लिए गंभीरता से प्रयास ही नहीं किए गए। हर बार पाकिस्तान की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर ही दिखाई दिया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से पाकिस्तान की अघोषित यात्रा पर अपने आपको प्रदर्शित किया, उससे आतंकवादियों के मंसूबे जरूर प्रभावित हुए होंगे। इस यात्रा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है, उससे यह संकेत अवश्य ही मिलता है कि पाकिस्तान की सरकार दोस्ती का परिणाम निकालना चाहती है। अब सवाल यह आता है कि जब पाकिस्तान की सरकार दोस्ती का स्वागत कर रही है जब इस मामले में रुकावट कौन बन रहा है। इसका जवाब संभवत: यही हो सकता है कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी आकाओं को भारत के साथ दोस्ती बिलकुल भी नहीं सुहाती। आतंकवादियों के जितने भी कारनामे हैं, उससे आज तक न तो हिन्दुस्तान का भला हुआ है और नहीं पाकिस्तान का। फिर यह उम्मीद करना भी बेमानी ही होगी कि आतंकी दोस्ती के किसी भी कदम का स्वागत करेंगे।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान जाकर जिस सदाशयता का परिचय दिया है। उससे भले ही विरोधियों के कान खड़े हो गए होंगे, लेकिन एक बात तो साफ  तौर पर कही जा सकती है कि जिस प्रकार से पाकिस्तान के कट्टरपंथी मोदी को पाकिस्तान या मुस्लिम विरोधी बताने का प्रचार कर रहे हैं, मोदी की छवि उस प्रकार की बिल्कुल भी नहीं हैं। भारत में भी कभी असहिष्णुता के नाम पर तो कभी हिन्दू समर्थक के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध में वातावरण बनाने का काम किया गया। जो मात्र राजनीति के कुछ नहीं है। मोदी की पाकिस्तान यात्रा ने दोनों देशों के बीच चल रहे दोस्ती के प्रयासों में एक नई आशा का संचार हुआ है। क्या कभी किसी ने इस बात का अध्ययन करने का प्रयास किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सारे देश की जनता के उत्थान की बात करते हैं। उनकी नजर में कभी भी किसी प्रकार का भेद नहीं दिखाई दिया, लेकिन हमारे देश की राजनीति का कमाल देखिए, नरेन्द्र मोदी के हर प्रयास में भेद दिखाई दे रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान की धरती पर जाकर जो ऐतिहासिक काम किया है। वह पाकिस्तान को सही रास्ते पर लाने का एक भारतीय प्रयास है। वर्तमान में पाकिस्तान की जो हालत है, उसकी वास्तविकता जानने के बाद हर कोई व्यक्ति यही प्रयास करेगा कि पाकिस्तान को इस भंवरजाल से निकाला जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा से जो भी मतलब निकल रहा हो, लेकिन यह प्रयास पाकिस्तान के लिए अवश्य ही प्रगतिकारी होगा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ  ने दरियादिली दिखाकर नरेंद्र मोदी का दिल खोलकर स्वागत किया, वह वास्तव में पाकिस्तान जैसे देश में साहसी कदम ही कहा जाएगा। काबुल से लाहौर पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से विरोधी राजनीतिक दलों से जिस प्रकार के राजनीतिक बयानों की उम्मीद की जा रही थी। ठीक वैसा ही दिखाई दिया। भारतीय राजनीति में लगभग हासिये पर जा चुकी कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री के हर कदम का विरोध करती दिखाई देती है। कांग्रेस नेताओं के बयानों से जिस प्रकार के दम्भ का प्रदर्शन होता है, उससे तो ऐसा ही लगता है कि वे आज भी अपने आपको शासक की तरह ही प्रस्तुत कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा का पाकिस्तान के कई स्थानों पर समर्थन किया जा रहा है, इसके अलावा जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में भी इस यात्रा का स्वागत किया गया है। जिससे एक बात को बल मिला है कि पाक अधिकृत कश्मीर की जनता यह चाहती है कि भारत और पाकिस्तान दोनों भाई बनकर रहें। हम भली भांति जानते हैं कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या कहें गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान के विरोध में जो आवाज उठाई जा रही है, उसके कारण यह इस बात को बल मिला है कि गुलाम कश्मीर के लोग अब भारत के साथ ही रहना चाहते हैं। इसकी सुगबुगाहट कश्मीर क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ के समय से ही दिखाई देने लगी थी। इससे पाकिस्तान का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हो गया है। पाकिस्तान कहता था कि कश्मीर के लोग भारत से अलग होना चाहते हैं ? लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरानों ने कश्मीर के साथ हमेशा अन्याय ही किया है। यह दर्द वहां के नागरिकों की जुबान से छलकने लगा है। अब तो गुलाम कश्मीर की सरकार भी इस सत्य को खुले तौर पर स्वीकार करने लगी है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जनता पाकिस्तान की सच्चाई को जान चुकी है। इस गुलाम कश्मीर की जनता इस सच को अच्छी प्रकार जान चुकी है, कि कश्मीर का पूरा भाग स्वाभाविक रूप से भारत का हिस्सा है, और वे भारत के साथ रहने में अपनी भलाई समझते हैं।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आज वैसे ही हालात हैं जैसे 1971 में बंगलादेश में पैदा हुए थे। आज यह बात कई लोगों को पता है कि बंगलादेश, पाकिस्तान से बुरी तरह से परेशान हो गया था। भारत की सक्रिय भूमिका के चलते बंगलादेश, पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र देश का अस्तित्व प्राप्त कर सका। पाकिस्तान के अधिकार वाले कश्मीर में देखा जाए तो वहां विकास की संभावनाएं शून्य हैं। पाकिस्तान की सरकारों द्वारा इस कश्मीर की सरकार को कतई सहयोग नहीं मिलता, इस कारण यहां की सरकार का तो भारत के प्रति विश्वास बढ़ा ही है, साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर की जनता के मन में भारत की वर्तमान सरकार के प्रति अच्छा भाव पैदा हो रहा है।
भारत के बारे में हमेशा यही कहा जाता है कि भारत ज्ञान और विज्ञान के मामले में विश्व के किसी भी देश से पीछे नहीं है। इसको इस बात से भी समझा जा सकता है कि आज विश्व के कई देशों में भारतीय मूल के नागरिक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर उस देश को महाशक्ति बनाने में योगदान दे रहे हैं। भारत के पास वह सब कुछ मौजूद है, जो महाशक्ति बनने की कतार में शामिल होने की योग्यता रखता है, जरूरत है उसको उभारने की। भारतीय जनता पार्टी के नेता राम माधव ने कहा है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश स्वाभाविक रूप से एक हो जाएंगे। इस घारणा को हालांकि कुछ लोग कपोल कल्पित मान रहे होंगे। लेकिन यह सत्य है कि जब तीनों देश एक हो जाएंगे, तब इनसे मिलकर जो देश बनेगा, वह विश्व का सबसे शक्तिशाली देश होगा।

वर्तमान में पाकिस्तान की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसके कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं। गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद, गिलगित में जिस प्रकार के प्रदर्शन हो रहे हैं, उससे आतंक फैलाने वाले नेता सकते में आ गए हैं। उनको इस कश्मीर में मिलने वाले समर्थन में कमी आई है। पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर में जिस प्रकार से वहा की जनता में भ्रम की स्थिति पैदा की, उसकी असलियत सामने आने के बाद पाकिस्तान नए बहाने तलाश रहा है। यह सच्चाई किसी से छुपी नहीं हैं कि पाकिस्तान ने हमेशा लोगों को भड़काया है। और लोग उसके झांसे में आते चले गए, लेकिन बनाबटी उसूल कभी सत्य को प्रमाणित नहीं करते। अंतिम विजय सत्य की होती है। कहते हैं कि लोगों के मन में नफरत का बीज बोकर प्रेम की उम्मीद नहीं की जा सकती। फिर पाकिस्तान की यह सबसे बड़ी भूल ही कही जाएगी कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जनता  के मन में नफरत का पाठ पढ़ाकर फिजूल में ही प्रेम चाहती है। पाकिस्तान ने जो बोया है उसको तो भुगतना ही होगा। आज पाकिस्तान की समझ में भी यह बात आ रही होगी कि दोस्ती करने में ही पाकिस्तान की भलाई है। क्योंकि आतंक फैलाने की परिणति कभी भी सुखद परिणाम नहीं दे सकती।







--सुरेश हिंदुस्थानी--

बिहार विशेष : यूपी की तर्ज पर अब बिहार में लौटा जंगलराज पार्ट-2

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जी हां, ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में एक बाद एक फिर से हत्या, लूट, डकैती की घटनाएं उफान पर है। ताजा मामला दरंभगा व सीतामढ़ी का है जहां रंगदारी न दिए जाने पर दो इंजीनियरों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। जबकि दो डाक्टरों के घर के सामने बम धमका कर 5 लाख की रंगदारी मांगी गयी है। रविवार को ही सासाराम में एक ही परिवार के तीन लोंगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। सप्ताहभर पहले दर्जनभर से अधिक लोगों की पहले ही हत्या की जा चुकी है। यानी 12 साल पूर्व लालूराज की धटनाओं का खूनी मंजर एक बार फिर पूरे बिहार को दहशत में ला दिया है 

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बेशक, बिहार में 12 साल बाद फिर से रंगदारी का पुराना रोग लौट आया है? सड़क निर्माण में लगे इंजीनियर ब्रजेश सिंह और मुकेश कुमार की दिनदहाड़े हुई हत्या कुछ ऐसा ही बयां कर रही है। हौसलाबुलंद बदमाशों का दुस्साहस इतना कि उन्होंने हत्या के बाद वहां छोड़े एक पर्चे पर लिखा है, “जहां जाओगे वहीं पाओगे, मुझसे बचकर बिहार में कहां जाओगे।” दरअसल मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ है। सड़क निर्माण करने वाली प्राइवेट कंपनी ब एंड ब के प्रोजेक्ट इंजीनियर मुकेश कुमार सिंह और काम की मॉनिटरिंग कर रही रोडिक कंसल्टेंट कंपनी के फिल्ड इंजीनियर ब्रजेश कुमार सिंह बिहार के दरभंगा में राजमार्ग 88 के कंस्ट्क्शन के काम में लगे थे। पिछले कई दिनों से सीएंडसी कंपनी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी जा रही थी। खासबात यह है कि रंगदारी की मांग के बाद सुरक्षा के लिए 5 पुलिसवाले तैनात भी किए गए थे, लेकिन वारदात से ठीक पहले विशेष कारण बताकर पुलिस सुरक्षा हटा ली गयी। 
यहां जिक्र करना जरुरी है कि कुछ इसी अंदाज में 12 साल पहले 2003 में स्वर्णिम चुतर्भुज सड़क के निर्माण में लगे इंजीनियर सत्येंद्र दुबे की रगंदारी नहीं देने पर हत्या कर दी गई थी। अब इसे जंगलराज की वापसी नही ंतो और क्या कहेंगे? दोनों इंजीनियरों की हत्या के पीछे कुख्यात अपराधी संतोष झा का हाथ बताया जा रहा है। मतलब साफ है नीतीश सरकार के शपथ ग्रहण के डेढ़ महीने के भीतर ही राज्य में कानून-व्यवस्था अपराधियों के आगे लाचार हो गई है। रविवार, 27 दिसंबर को सीतामढ़ी में डॉक्टर पीपी लोहिया के घर पर जमकर गोलाबारी हुई है। डॉक्टर से 5 लाख की रंगदारी मांग गई है। अब पूरा परिवार दहशत में है। रविवार 27 दिसम्बर को ही सासाराम में एक ही परिवार के तीन लोंगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। शनिवार, 26 दिसंबर को दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या, 5 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। वैशाली में दो समुदायों में लड़ाई हुई, इस दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर अजीत कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दरभंगा में एएसपी विजय कुमार पासवान की चाकू मारकर हत्या की गई। 7 दिसंबर को शिवहर में बिजली कंपनी टेक्नोक्रेट प्राइवेट लि. के सुपरवाइजर उमाशंकर सिंह की हत्या मुकेश पाठक ने ही कर अपना मंसूबा जता दिया था कि अब बिहार में रंगदारी न देने वालों की खैर नहीं। पटना में 12 साल की दलित लड़की से डीएम ऑफिस के कैंपस में रेप हुआ। महिला पुलिस के साथ छेड़खानी हुई। ये सभी घटनाएं बीते दो महीने के भीतर की है, जब से नीतीश कुमार की सरकार बड़ी जीत के साथ वापसी की है। 

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सूबे की जनता हैरान है। वह सोच रही है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जंगलराज को खत्म कर सुशासन लाने का वादा करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्या हो गया है? जंगलराज खत्म करने की जगह वह खुद क्यों उस जंगलराज का हिस्सा बन गये? लालू-नीतीश की दोस्ती का असर जल्द ही कानून-व्यवस्था पर भी दिखने लगा। एक ओर राज्य में जहां तेजी से अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है तो दूसरी ओर अपराधियों के हौसले बुलंद होने की वजह से पुलिस का मनोबल टूट रहा है। दोनों की दोस्ती होने के कुछ दिनों के भीतर ही स्वच्छ छवि वाले महानिदेशक अभयानंद को हटाकर राज्य सरकार ने एक तरह से जंगलराज की वापसी के संकेत भी दे दिये थे। पिछले कुछ माह के दौरान बढ़ी आपराधिक वारदातें इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि जंगलराज फिर वापस आ रहा है। देखा जाय तो इन दिनों बिहार के अखबारों में अपराध की खबरें भरी रहती हैं। अखबारों में हर रोज छपने वाली ये घटनाएं बता रही हैं कि यहां एक बार फिर अपराधी सिर उठा रहे हैं। बलात्कार, अपहरण, हत्या, डकैती, छीना-झपटी, लूट, चोरी और भ्रष्टाचार की खबरें हर तरफ से आ रही हैं। राज्य में बढ़ती आपराधिक वारदात सरकार के सुशासन के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। 2013 में जहां 3441 हत्याएं, 5506 लोगों के अपहरण, 1128 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे वहीं इस साल सिर्फ छह माह में ही (जून तक) 1765 हत्याएं हो चुकी हैं। इसके अलावा 3029 अपहरण व 593 बलात्कार के मामले दर्ज किये जा चुके है। पुलिस विभाग की वेबसाइट द्वारा जारी इन आकड़ों को देखने से साफ जाहिर होता है कि मई माह से अपराध के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है। यह इस बात का सबूत है कि लोकसभा चुनाव में हारने के बाद लालू और नीतीश ने अपना वजूद बचाने के लिए जैसे ही हाथ मिलाया, अपराधियों के हौसले बुलंद हो गये।

इतना ही नहीं, अपराध को कुचलने की जगह अब नीतीश कुमार खुद अपराधियों से गठजोड़ करने लगे हैं। दागी छवि वाले नेता उनके भरोसेमंद साथी बन गये हैं। अनन्त सिंह, सुनील पांडेय, विजय कुमार शुक्ला, अजय सिंह, राजेश कुमार रोशन उर्फ बबलू, शाह आलम शब्बू व राजेश कुमार उर्फ चुन्नू ठाकुर कुछ ऐसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता नीतीश के पहले से ही साथ हैं। अब लालू प्रसाद यादव से दोस्ती के बाद जनता जंगलराज की वापसी की आशंका से भयभीत है। राजनीतिक-आपराधिक गठजोड़ को खत्म किये बगैर बिहार में कभी सुशासन स्थापित नहीं होगा। यह कड़वा सच सभी नेता जानते हैं लेकिन सत्ता के मोह में वे जनता के हितों को ताक पर रख अपराधियों को अपना रहनुमा समझने लगते हैं। यही कारण है कि बिहार की राजनीति में हमेशा से बाहुबलियों का बोलबाला रहा है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 243 विधायकों में 141 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड में हैं। इस वक्त जनता दल यूनाइटेड के 117 विधायकों में से 58 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 43 पर हत्या, लूट और हत्या की कोशिश जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। राज्य के ज्यादातर बड़े डॉन जदयू में शामिल हो चुके हैं। बीते कुछ समय में बबलू देव, शाह आलम शब्बू और चुन्नू ठाकुर जैसे कुख्यात अपराधियों ने जिस तरह नीतीश कुमार का दामन थामा है उसने सत्ताधारी जदयू का चेहरा और चरित्र पूरी तरह बदल दिया है। अब जदयू का नाम सुनते ही नीतीश के चेहरे के साथ वो सभी चेहरे उभारते हैं जो बीते तीन दशक में बिहार में आतंक के पर्याय रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या ऐसे दल से किसी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है?

यह सच है कि नीतीश राज के पहले कार्यकाल में कानून का राज स्थापित हुआ था और व्यवस्था में सुधार हुआ। अपराधी पकड़े गये, लेकिन अब स्थितियां एक बार फिर बदल रही हैं। अपराध तेजी से बढ़ रहा है। आखिर इसकी वजह क्या है? अचानक ऐसा क्या हुआ कि अपराधी एक बार फिर पुलिस प्रशासन पर हावी होने लगे? और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? पुलिस प्रशासन में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। थानेदार तक के तबादले और तैनाती में लाखों रुपये की रिश्वत वसूली जा रही है। पैसे लेकर थाने नीलाम किये जाते हैं। जब थानेदार पैसे के बल पर थाना खरीदेगा तो उसका ध्येय कानून का राज कायम करना तो नहीं होगा। वह पैसे कमाने पर ज्यादा जोर देगा। इसकी वजह से अपराधी या तो पकड़े नहीं जाते और पकड़े जाते हैं तो पैसे के बल पर छूट जाते हैं। मतलब भ्रष्टतंत्र ने आम नागरिकों को रिश्वतखोर पुलिसवालों और अपराधियों के हवाले कर दिया है। लेकिन सवाल वही है क्या सूबे के कर्णधार बने नेता इस व्यवस्था में सुधार चाहते हैं? इसके लिए इच्छाशक्ति का होना जरूरी है। लेकिन नेताओं की कार्यशैली देखकर यह कहना मुश्किल है कि वे व्यवस्था में सुधार लाना चाहते है। 




(सुरेश गांधी)

बिहार : एन0 टी0 पी0 सी0, कर्मी क्लारेंस लौरेंस की पत्नी का निधन

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  • ईसाई धर्मरीति के अनुसार कुर्जी कब्रिस्तान में दफन

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पटना। बाढ़ में अवस्थित एन0टी0पी0सी0 कर्मी क्लारेंस लौरेंस की पत्नी शीला लौरेंस का निधन हो गया। शुक्रवार की रात में ग्यारह में हार्ट अटैक हुआ। शिवाजी नगर से मकान से मृतका को उठाकर अस्पताल ले जाते समय राह में ही दम तोड़ दी। वह 50 साल की थीं। 

पटना सदर प्रखंड के दीघा थानान्तर्गत शिवाजी नगर में क्लारेंस लौरेंस रहते हैं। क्लारेंस लौरेंस और शीला लौरेंस के 2 लड़के और 1 लड़की है। दोनों लड़कों की शादी हो गयी है। 25 दिसम्बर को जमकर परिवार वालों के साथ क्रिसमस मिलकर शीला लौरेंस मनायी। जमकर खान-पान हुआ। परिवार वालों को भान नहीं हुआ कि शीला लौरेंस बीमार है। सब कुछ सामान्य था। 26 दिसम्बर की रात 11 बजे जबर्दस्त हृदयाघात लगा। गंभीर स्थिति को भापकर शीला लौरेंस को अस्पताल लिया गया। विधि के विधान के तहत वह राह में ही दम तोड़ दी। 

आज रविवार 27 दिसम्बर को पवित्र घराना का पर्व है। पवित्र घराना में रहने वाले क्लारेंस लौरेंस के परिवार को धरती छोड़कर स्वर्गलोक में जाना पड़ गया। भारी मन से लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने को प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में आए। पटना धर्मप्रांत के विकर जेनरल फादर प्रेम और फादर सत्य प्रकाश ने मिलकर अनुष्ठान अर्पित किए। इसके बाद कुर्जी पल्ली की कब्रिस्तान में दफनाने लाया गया। फादर सत्य प्रकाश ने अंतिम संस्कार की प्रार्थना की। इसके बाद ईसाई धर्मरीति के अनुसार दफन कर दिया गया। माहौल गंभीर बन गया था।

जेटली को बचाने में लगे हैं कुछ मीडिया घराने: केजरीवाल

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नयी दिल्ली 27 दिसम्बर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज आरोप लगाया कि कुछ मीडिया घराने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) घोटाले में निर्दोष साबित करने पर तुले हैं। श्री केजरीवाल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, “यह देखना रोचक है कि कैसे कुछ मीडिया घराने जेटली जी को निर्दाेष साबित करने पर तुले हैं। जेटली जी जाँच का सामना करने से डर क्यों रहे हैं?” उन्हाेंने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर घोटाले की जाँच से भागने का अारोप लगाते हुए कहा कि यह भाजपा एवं आम आदमी पार्टी(आप) का फर्क है। आप भरोसेमंद सबूतों पर कड़ा कदम उठाती है। भाजपा जाँच से भागती है तथा भ्रष्टाचार का बचाव करती है।

जांच में जेटली का नाम नहीं, केजरीवाल मांगें माफी : भाजपा

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नयी दिल्ली, 28 दिसम्बर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच से जुड़ी तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को क्लीनचिट दिये जाने की पृष्ठभूमि में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज नसीहत दी कि वह बेबुनियाद आरोपों के लिए श्री जेटली से माफी मांगें। भाजपा के प्रवक्ता एम जे अकबर और श्रीकांत शर्मा ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग के दौरान कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में गम्भीर धोखाधड़ी जांच संगठन (एसआईएफओ) की जांच में भी श्री जेटली बेदाग साबित हुए थे और अब आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा कराई गई जांच में भी केंद्रीय वित्त मंत्री के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं। 

श्री अकबर ने कहा कि 15 नवम्बर 2015 को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में श्री जेटली के खिलाफ लेसमात्र का आरोप भी नहीं है। इसलिए आप के राष्ट्रीय संयोजक (श्री केजरीवाल) को श्री जेटली से तो माफी मांगनी ही चाहिए, अदालत में भी जाकर यह कबूल करना चाहिए कि केंद्रीय मंत्री ने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने कहा, “श्री केजरीवाल का यह कहना कि तीन-सदस्यीय समिति ने किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ जांच नहीं की है, हास्यास्पद है, क्योंकि उसी रिपोर्ट में पांच अन्य लोगों के नाम अंकित हैं। श्री केजरीवाल अब और कितना झूठ बोलेंगे। उन्हें जनता को तो जवाब देना ही होगा।”

विकास के साथ रोजगार पर भी ध्यान दे सरकार: मुखर्जी

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हैदराबाद 27 दिसंबर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार एवं नीति निर्माताओं को रोजगार के सृजन के साथ विकास की नीतियाँ अपनाने पर आज जोर दिया। श्री मुखर्जी ने प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयाेजित तीन दिवसीय भारतीय अर्थव्यवस्था संगठन के 98वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक लचीली अर्थव्यवस्था है। इसने न्यूनतम आर्थिक मंदी के साथ अमेरिकी वित्तीय संकट एवं यूरोजोन की अार्थिक अनिश्चितता को झेला है। उन्होंने कहा कि अब हमें इन अंतर्निहित क्षमताओं को भुनाते हुए देश में युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करने की जरूरत है। आज के युवा अवसरों का इंतजार नहीं करते बल्कि इसका सृजन करते हैं और नये स्टार्ट अप्स की संख्या एवं उनका वार्षिक राजस्व इस दिशा में स्पष्ट संकेत देता है। 

हमारे पास सुंदर पिचाई एवं सत्या नडेला जैसे लोग हैं जो हमारी शिक्षा व्यवस्था से निकले हैं और आज वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि हमें घरेलू जमीन पर अपने युवाओं के लिए इसी तरह के रोजगार सृजित करने चाहिए और यही हमारे अर्थशास्त्रियों एवं नीति निर्माताओं के लिए इम्तहान होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षा आज के वक्त की जरूरत नहीं है बल्कि कौशल विकास के साथ शिक्षा की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण है। यही युवाओं की रोजगार संभावना से सीधा जुड़ा हुआ है तथा इसीलिये कौशल विकास के साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है।

अमेरिका में बाढ़ और तूफान से 43 मरे

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डल्लास, 28 दिसंबर अमेरिका के दक्षिणी तथा मध्य राज्यों में बाढ तथा तूफान से कम से कम 41 लोगों की मौत हुई है तथा कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयी। अाधिकरिक सूत्रों ने कहा कि टेक्सास प्रांत के डल्लास में इस सप्ताहांत आये तूफान में कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है। गारलैंड शहर आठ लोगों की मौत हुई है तथा राजमार्ग पर आवागमन बंद है। इसके अलावा तीन लोगों की मौत डल्लास के शहरी इलाकों में हुई है। गारलैंड के पुलिस प्रवक्ता लेफ्टीनेंट पेड्रो बरीनेउ ने कहा कि यह तूफान पूरी तरह विनाशकारी है। क्रिसमस के एक दिन बाद इस तरह के भयानक तूफान के कारण लोगों के लिए कठिन समय है। अधिकारियों तथा स्थानीय मीडिया के अनुसार इलिनोइस में बाढ की चपेट में 11 लोग मारे गये हैं। उन्होंने कहा कि मसौरी के पुलास्की काउंटी में बाढ की चपेट में आने से एक कार सवार छह लोगों की मौत हो गयी। इसके अलावा इलिनोइस के करीब एक ही परिवार के तीन वयस्क तथा दो बच्चों की मौत हो गयी है।

टेक्सास के गवर्नर ग्रेग अबोट ने कहा कि डल्लास तथा उसके आसपास के तीन काउंटियों में आपात की घोषणा कर दी गयी है। उन्होंने लोगों को बिना जरूरत सड़कों से दूर रहने की सलाह दी है। राष्ट्रीय मौसम सेवा की ओर से न्यू मैक्सिको, टेक्सास, ओकलाहोमा तथा कनसास समेत उत्तरी अमेरिका के बड़े हिस्से में एक बर्फीली तूफान के लिए गंभीर परामर्श जारी किये गये हैं। न्यू मैक्सिको के गवर्नर सुसाना मार्टिनेज ने पूरे राज्य में आपात की घोषणा की। फ्लाइटअवेयर डॉट कॉम के अनुसार अमेरिका में कल देर रात तक 1300 विमानों की उड़ानें रद्द की गयी थी। इनमें से आधे से अधिक उड़ानें डल्लास में रद्द हुई है। उल्लेखनीय है कि क्रिसमस से दो दिन पहले आये विनाशकारी तूफान में 18 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से सिर्फ मिसीसिपी में दस लोग मारे गये थे। 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से की मुलाकात

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काबुल, 27 दिसंबर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने क्षेत्रीय सुरक्षा तथा तालिबान के साथ नये सिरे से शांति वार्ता के लिए आज अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की। श्री शरीफ तथा श्री गनी के बीच हुई मुलाकात के बारे में आधिकारिक तौर पर बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच सुरक्षा शांति तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बातचीत हुई है। 

हाल के महीनों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा भारत के अधिकारियों तथा नेताओं के बीच हुई मुलाकातों के बाद यह ताजा बैठक इस्लामाबाद, नयी दिल्ली और काबुल के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को खत्म करने में मददगार साबित होगा। 

मुस्लमानों को इस्लाम की छवि सुधारने की जरूरत : रूहानी

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दुबई, 27 दिसंबर, ईरान के राष्ट्रपति हसन ने आज कहा कि मुसलमानों को अपने मजहब की छवि को अवश्य सुधारने की जरूरत है क्योंकि इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे कट्टरपंथियों ने इस्लाम की छवि को नुकसान पहुंचाया है। श्री रूहानी ने तेहरान में इस्लामिक एकता विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में आज कहा कि इस्लाम की छवि को सही करना हम लोगों की बड़ी जिम्मेदारी है। 

उन्होंने आईएस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि एक छोटे से समूह इस्लाम को हिंसा, आतंक और नरसंहार तथा अन्याय के रूप में दिखाने की कोशिक कर रहा है। उन्होंने सीरिया, इराक तथा यमन में हिंसा तथा खून खराबे पर चुप्पी साधने के लिए मुस्लीम देशों की आलोचना की है। 

काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट गेट पर धमाके

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक कार में जोरदार धमाका हुआ. धमाके में अब तक एक नागरिक की मौत और चार के घायल होने की खबर है. 

चशमदीदों के मुताबिक एयरपोर्ट क पास एक आत्मघाती हमलावर ने विदेशी सैन्य टुकड़ी को निशाना बनाकर धमाका किया. अफगानिस्तान सरकार ने धमाके की आधिकारिक पुष्टि‍ कर दी है.

अफगानिस्तान में पहले भी इस तरह के हमले होते रहे हैं. गौरतलब हो कि इसी महीने की 8 तारीख को अफगानिस्तान का कंधार एयरपोर्ट गोलियों और बम धमाकों की आवाज से गूंज उठा था. यहां तीन आत्मघाती तालिबानी लड़ाकों ने हमला बोल दिया था. उन्होंने एयरपोर्ट और अफगान-नाटो मिलि‍ट्री बेस सहित रिहायशी इलाकों में जमकर गोलीबारी की थी. हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था.


अफगानिस्तान, तालिबान के साथ औपचारिक वार्ता के लिए राजी

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इस्लामाबाद, 28 दिसम्बर, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान तालिबान के साथ मेला-मिलाप वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए कदम उठाने पर सहमत हो गये हैं और इस संबंध में पहला कदम पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन तथा अमेरिका के अधिकारियों की बैठक के रूप में उठाया जा रहा है जो जनवरी के पहले सप्ताह में होगी। चारो देशों की बैठक के स्थान के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार चारों देशों के प्रतिनिधियों की इस बैठक के बाद अफगानिस्तान सरकार तथा तालिबान के बीच मेल-मिलाप की वार्ता जो मुल्ला उमर की मौत की खबर के बाद 30 जुलाई को स्थगित कर दी गयी थी, फिर से बुलायी जायेगी। 

चारों देशों की बैठक और अफगानिस्तान सरकार तथा तालिबान के बीच बातचीत शुरू करने का निश्चय पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल राहीफ शरीफ की अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अफगानिस्तान में अमेरिका तथा नाटो कमान्डरों के साथ बातचीत के बाद किया गया। जनरल राहील शरीफ कल एक दिन की काबुल यात्रा पर पहुंचे थे ।
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