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भुजबल 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे गये

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मुम्बई 17 मार्च मुम्बई की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को आज 31 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मनीलाॅड्रिंग से जुड़े मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने श्री भुजबल को सात और दिन तक ईडी की हिरासत में भेजने की अपील की थी। 



बाद में श्री भुजबल के वकील ने अपने मुुवक्किल के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया जिसके कारण उन्हें सुनवाई के बाद नियमित जांच के लिए जे. जे. अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्री भुजबल को ईडी ने लगभग 11 घंटे की पूछताछ के बाद गत सोमवार रात गिरफ्तार किया था।

विधानसभा चुनाव : कहीं समर्थन, कहीं विरोध

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भारतीय राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।  समय की धारा के अनुसार भारतीय राजनीतिक दल किस प्रकार से रंग बदलते हैं, इसका प्रत्यक्ष अनुभव हम सभी ने पिछले विधानसभा के चुनावों में तो किया ही है। इसके अलावा आगामी माह में देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनावों भी कुछ इसी प्रकार का खेल होता हुआ दिखाई दे रहा है। केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुंडुचेरी में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। अगले महीने होने वाले इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में दिलचस्प राजनीतिक लड़ाई देखने को मिलेगी। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से ऐसा समझौता किया है, जिसमें वे एक राज्य में किसी दल का समर्थन करेंगे, तो दूसरे राज्य में उसी दल के विरोध में खड़े हुए दिखाई देंगे। पश्चिम बंगाल में वे उस ममता बनर्जी के विरोध में चुनाव लडऩे जा रहे हैं, जिसने बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार का खुनकर साथ दिया था। पश्चिम बंगाल में नीतीश ने कांग्रेस और वामदलों के गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया है। इसके पीछे नीतीश कुमार की सोच अपने आपको राष्ट्रीय राजनीति में लाने की कवायद भी मानी जा सकती है, क्योंकि वे वर्तमान में देश के सफल राजनीतिज्ञों में गिने जाते हैं, इसी कारण नीतीश कुमार इस बात को अच्छी प्रकार से जानते हैं कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव केवल पश्चिम बंगाल तक ही सीमित है। ऐसे में नीतीश द्वारा केवल ममता बनर्जी को समर्थन देना केवल एक राज्य तक ही सीमित करने के समान था, जबकि कांग्रेस का प्रभाव कभी राष्ट्रव्यापी रहा है, इसलिए कांग्रेस का साथ देकर वे अपने आपको राष्ट्रीय नेता बनाने का सपना पाले हुए हैं।

वैसे भारतीय राजनीति में इस प्रकार के बेमेल गठबंधन कई बार दिखाई दिए। लम्बे समय तक एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोककर चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस और वामपंथी दल केवल भारतीय जनता पार्टी के डर के कारण साथ आ गए हैं। इस कारण यह भी कहा जा सकता है कि उनका यह अभियान केवल भाजपा को राकने का एक अभियान है। वर्तमान की राजनीति में एक तरफ एक अकेला नरेन्द्र मोदी है तो दूसरी तरफ सारे दल। इसे भाजपा का बढ़ता प्रभाव भी कहा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं तो केरल एक दूसरे के विरोध में खुलकर चुनाव के मैदान में हैं।

नई दिल्ली की राजनीति में एक दम उभर कर छाने वाले राजनेता अरविन्द केजरीवाल दिल्ली से बाहर निकलने की जुगत में दिखाई देने लगे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम के ननिहाल जाकर दलितों का मसीहा बनने के लिए राजनीतिक पांसा फेंका है। उन्होंने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग कर दी। अब इससे अरविन्द केजरीवाल को क्या राजनीतिक लाभ होगा, यह तो वही जानें, लेकिन इससे वर्तमान बसपा प्रमुख मायावती का तैश में आना जायज कहा जा सकता है। मायावती ने इसके पलटवार में कहा है कि कांशीराम की एक मात्र उत्तराधिकारी वे ही हैं। यह मायावती का संकुचित सोच ही कहा जाएगा। क्योंकि महान काम करने वाले लोगों के उत्तराधिकारी कभी सीमित नहीं हो सकते। इसके लिए मायावती को अरविन्द केजरीवाल का धन्यवाद करना चाहिए कि वे भी कांशीराम के आदर्शों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं।

खैर... हम बात कर रहे थे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की, तो उनका राजनीतिक कद तो उसी समय बढ़ गया था, जब वे बिहार में बेमेल गठबंधन करके पुन: सत्ता पर काबिज हुए थे। आगामी माह में होने वाले चुनावों में उन्होंने फिर से अपने राजनीतिक सिद्धांतों से समझौता किया है। वे एक राज्य में जिस राजनीतिक दल का समर्थन कर रहे हें तो दूसरे राज्य में उसके विरोध में खड़े दिखाई दे रहे हैं। नीतीश कुमार का यह राजनीतिक खेल विश्वास और अविश्वास के खेल का हिस्सा ही कहा जाएगा। यह कैसे हो सकता है कि एक राज्य में एक दल पर विश्वास किया जाए तो दूसरे राज्य में उसी दल को अविश्वास के दायरे में माना जाए। यह अपने स्वयं के सिद्धांतों को राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए बेदी में होम करने जैसा ही माना जाएगा।

पश्चिम बंगाल में चुनाव के कुछ ही सप्ताह बचे रह गए है। अब वहां की चुनाव पूर्व राजनैतिक स्थिति कुछ-कुछ साफ होने लगी है। तृणमूल कांग्रेस के विरोधी वामपंथी और कांग्रेस आपस में रणनीतिक समझौता करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो इसे 2019 के लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जा सकता है। यह एक जुआं है और यह पता नहीं कि क्या वामपंथी और कांग्रेसी गठबंधन चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है। यदि इस तरह का गठबंधन हो गया, तो एक विचित्र स्थिति पैदा हो जाएगी। दोनों पक्ष अभी असमंजस की स्थिति में हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ही केरल में भी विधानसभा के आमचुनाव होने हैं। वहां मुख्य मुकाबला वामपंथियों और कांग्रेस के बीच ही होने वाला है। यदि पश्चिम बंगाल में दोनों के बीच समझौता होता है, तो वे केरल के मतदाताओं को अपनी-अपनी विचारधारा के बारे में क्या बताएंगे?

असमंजस दोनों तरफ है। कांग्रेस में भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो गठबंधन चाहते हैं और कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो गठबंधन के खिलाफ है। वामपंथियों के बीच भी इस मसले पर दो फाड़ की स्थिति बनी हुई है। लेकिन दोनों को पता है कि यदि गठबंधन नहीं हुआ, तो उनके वोटों में बिखराव होगा और उसका फायदा तृणमूल कांग्रेस को ही होगा। वामपंथियों के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने का मतलब है एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति में प्रासंगिक हो जाना। यदि वे पश्चिम बंगाल की राजनीति में प्रासंगिक हुए, तो देश की राजनीति में भी प्रासंगिक होने की उम्मीद कर सकते हैं। अभी तो वे विपक्ष की भूमिका निभाने में भी अपने आपको असमर्थ पा रहे हैं। इसका कारण है कि पश्चिम बंगाल की विधानसभा में उनकी संख्या बहुत कम है और लोकसभा व राज्यसभा में तो बहुत ही कम है। अब सीपीएम और कांग्रेस यह महसूस कर रही हैं कि तृणमूल कांग्रेस को पराजित करने के लिए उन्हें एक साथ आना होगा।

यहां भारतीय जनता पार्टी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। नरेन्द्र मोदी के जादू के कारण पिछले लोकसभा चुनाव में वहां उसे 17 फीसदी मत मिले थे, लेकिन स्थानीय निकायों के चुनाव में उसके वोटों का प्रतिशत बहुत गिर गया, जिसके कारण लगता है कि वहां मोदी का जादू या तो चल नहीं रहा है या बहुत कमजोर हो गया है। वैसे भी पड़ोसी बिहार में मोदी का जादू नहीं चला और उसके पहले दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में तो मोदी के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का सूफड़ा ही साफ हो गया था। अब तो मोदी का जादू बिहार चुनाव के समय से भी कम हो गया है और देश भर में केन्द्र सरकार के खिलाफ असंतोष व्याप्त हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी को वहां उत्थान वामपंथी पार्टियों की कीमत पर ही हुआ था और अब जब उसका पतन हो रहा है, तो उसका लाभ वामपंथी दलों को ही हो सकता है। मतों के विभाजन को रोकने के लिए राजनीतिक दलों की यह समीपता निश्चित रूप से भाजपा विरोधी वोटों को अपने पाले में करने का एक राजनीतिक अभियान है। फिर भी इन पांच राज्यों में चुनाव बाद की तस्वीर क्या होगी, अभी से अनुमान लगाना कठिन है।




---सुरेश हिन्दुस्तानी--
फोन : 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

विशेष आलेख : पातालकोट के नन्हे जुगनू

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छिंदवाड़ा जिले के तामिया ब्लॉक में स्थित पातालकोट मानो धरती के गर्भ में समाया है। तकरीबन 89 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह एक घाटी है जो सदियों तक बाहरी दुनिया के लिए अनजान और अछूती बनी रही। पातालकोट में 12 गाँव समाये हुए हैं ये गाँव हैं- गैलडुब्बा, कारेआम, रातेड़, घटलिंगा-गुढ़ीछत्री, घाना कोड़िया, चिमटीपुर, जड़-मांदल, घर्राकछार, खमारपुर, शेरपंचगेल, सुखाभंड-हरमुहुभंजलाम और मालती-डोमिनी। बाहरी दुनिया का यहाँ के लोगों से संपर्क हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है, इनमें से कई गावं ऐसे हैं जहां आज भी पहुँचना बहुत मुश्किल है, जमीन से काफी नीचे होने और विशाल पहाड़ियों से घिरे होने के कारण इसके कई हिस्सों में सूरज की रौशनी भी देर से और कम पहुँचती है,मानसून में बादल पूरी घाटी को ढक लेते हैं और बादल यहाँ तैरते हुए नजर आते हैं। इन सब को देख सुन कर लगता है कि मानो धरती के भीतर बसी यह एक अलग ही दुनिया हो। सतपुड़ा की पहाड़ियों में करीब 1700 फुट नीचे बसे ये गावं भले ही तिलिस्म का एहसास कराते हों लेकिन यहाँ बसने वाले लोग हम और आपकी तरह हांड-मांस के इंसान ही हैं, यह लोग भारिया और गौंड आदिवासी समुदाय के हैं जो अभी भी हमारे पुरखों की तरह अपने आप को पूरी तरह से प्रकृति से जोड़े हुए हैं, मुनाफा आधारित व्यवस्था और दमघोंटू प्रतियोगिता से दूर इनकी जरूरतें सीमित हैं, प्राकृतिक संसाधनों के साथ इनका रिश्ता सहअस्तित्व का है और अपनी  संस्कृति, परम्परा, जिंदगी जीने व आपसी व्यवहार के तरीके को भी इन्होनें अभी भी काफी हद तक पुरातन बनाया हुआ है बिलकुल सहज सरल और निश्छल। अगर उनके रहन–सहन, खान-पान, दवा-दारू की बात करें तो इस मामले में भी वे अभी भी काफी हद तक जंगल और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं लेकिन इधर बाहरी दुनिया से संपर्क और सदियों से उनके द्वारा संजो कर रखे गये प्रकृति से छेड़-छाड़ की वजह से अब वे संकट में दिखाई दे रहे हैं, दूसरी तरफ आधुनिक विकास भी उन तक नहीं पहुँची है और इससे होने वाले फायदे के दायरे से उन्हें  बेदखल रखा गया है।

पाताललोक को लेकर भले ही कई मिथक हों लेकिन यहाँ की समस्याएँ यथार्थ  हैं, वैसे तो देश के सभी हिस्सों की तरह यहाँ भी विकास की तमाम योजनाएं चल रही हैं लेकिन इसका लाभ ज़्यादातर लोगों तक पहुँच नहीं पाया है, 2007 में यहां पहला आंगनवाड़ी केंद्र खुला था, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थापित पातालकोट विकास प्राधिकरण की वजह से यहाँ स्कूली शिक्षा, आईसीडीएस, प्राथमिक स्वास्थ्य जैसी सेवाएँ पहुँच गयी हैं लेकिन कई सुविधायें अभी भी पहुँच से दूर हैं। गैलडुब्बा तक पक्की सड़क की वजह से यहाँ आना जाना आसान हो गया है लेकिन बाकि क्षेत्र अभी भी कटे हुए हैं, इसी तरह से इनकी खेती  परंपरागत और नये तरीकों के बीच ही उलझ कर रह गयी है, वे अपने पहले के फसलों से तकरीबन हाथ धो चुके हैं, नये नगदी फसलों से भी कोई खास फायदा नजर नहीं आ रहा है, इस तरह से  उनके पुराने खाद्य सुरक्षा तंत्र के बिखरने का असर पोषण पर पड़  रहा है जिसकी वजह से जानलेवा  कुपोषण वहां अपना पैठ बना चुकी है ।

यहाँ पानी की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यहाँ के लोगों के लिए पानी का एकमात्र स्रोत पहाड़ों से निकलने वाली जलधाराएँ रही हैं। पहले इन जलधाराओं में साल भर पानी रहता था लेकिन अब अपेक्षाकृत ठंढे महीनों में भी यह सूख जाते हैं, यह सब जलवायु परिवर्तन और बाहरी हस्तक्षेप की वजह से हुआ है।  पातालकोट की जैविक विवधता, प्राकृतिक संसाधन और वन-संपदा खतरे में हैं। यहाँ की दुर्लभ जड़ी बूटियों पर लालची व्यापारियों की नजर पड़ चुकी है और वे इसका बड़ी बेरहमी से दोहन करना शुरू कर चुके हैं, अगर जल्दी ही इस पर रोक नहीं लगी तो पातालकोट का यह बहुमूल्य खजाना खत्म हो जाएगा। 

patalkot-chhindwadaस्वैच्छिक संस्था विज्ञान सभा 1997 से पातालकोट में वैज्ञानिक चेतना, स्वास्थ्य, आजीविका खेती आदि को लेकर काम कर रही है, संस्था के तामिया स्थित सेंटर के समन्वयक आरिफ खान बताते हैं कि विज्ञान सभा द्वारा यहाँ लोगों की आजीविका और स्वास्थ्य को लेकर काफी काम हुआ है, जिसमें लोगों को वैज्ञानिक तरीके से शहद निकालने की ट्रेनिंग दी गयी है, इसके लिए उन्हें पोशाक भी उपलब्ध कराए गये हैं, गैलडुब्बा सेंटर में शहद की हारवेस्टिंग के लिए मशीन भी लगाए गये थे, इसी तरह से वनोपज को लेकर भी उनमें यह जागरूकता लायी गयी है कि किस समय इन्हें तोड़ना चाहिए जिससे इनकी मेडिसिन वैल्यू खत्म ना होने पाए। इन उत्पादों को बेचने में भी संस्था द्वारा सहयोग किया जाता है।   

पिछले कुछ सालों से विज्ञान सभा द्वारा यूनिसेफ के साथ मिलकर बाल अभिव्यक्ति एवं सहभागिता को लेकर भी काम किया जा रहा है जिसका मकसद यहाँ के बच्चों में आत्मविश्वास, कौशल, अभिव्यक्ति और शिक्षा को बढ़ावा देना है और उन्हें एक मंच उपलब्ध कराना है जहाँ बच्चे अपने अनुभवों एवं विचारों को सामने रख सकें। इसके तहत बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति उभारने के लिए चित्रकलां, फोटोग्राफी, लेखन, विज्ञान से जुड़ाव आदि से सम्बंधित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, बच्चों के अभिव्यक्तियों को बाल पत्रिका ‘गुइयां’ में प्रकाशित भी किया जाता है। कुछ समय पहले ही यहाँ के गावों में ‘ज्ञान-विज्ञान पोटली’ (पुस्तकालय) की शुरुआत भी की गयी है जिससे यहाँ के बच्चों को किताबों और शैक्षणिक गतिविधियों से जोडा जा सके। पातालकोट में इन सब का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है, आरिफ खान बताते हैं कि “पहले यह बच्चे बात करने में झिझकते थे अब वे खुल कर बात करने लगे हैं और अपनी आस पास की समस्याओं को भी वे चित्रों, फोटोग्राफी और लेखन के माध्यम से सामने लाने लगे हैं”। 

यह बदलाव बच्चों में महसूस भी किया जा सकता है, उनकी रचनात्मकता तो बढ़ी ही है, हिचक भी टूटी है, एक नागरिक के तौर पर वे अपने अधिकारों के बारे में  भी जान और समझ रहे हैं, उनके सपनों के दायरे का भी विस्तार हुआ है, पिछले दिनों विज्ञान सभा के इसी तरह के एक फोटोग्राफी कार्यशाला में पातालकोट के गैलडुब्बा गावं जाने का मौका मिला, उस दौरान 26 जनवरी भी थी, लम्बे समय बाद देखने को मिला कि बच्चों के साथ बड़े भी गणतंत्र दिवस इतने उत्साह के साथ मना रहे है, बाद में लोगों ने बताया कि दरअसल इस क्षेत्र में 1997 में पहले स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को लेकर जागरूकता नहीं थी, जानकारी ना होने के कारण इसे मनाया भी नहीं जाता था, शायद इस वजह से यह लोग गणतंत्र दिवस की इतनी शिद्दत और उत्साह की तरह मना रहे थे। यह उत्सव एक तरह से स्थानीय और बाहरी दुनिया का फ्यूजन था। यह पांच स्कूलों का संयुक्त आयोजन था जहाँ गणतंत्र दिवस मनाने के लिए पातालकोट के आसपास के कई गावों के महिला, पुरुष और बच्चे इकठ्ठा हुए थे, दो दिन के इस आयोजन में पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा दूसरे दिन खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, इस दौरान टेंट और साउंड सिस्टम की भी व्यवस्था थी, सांस्कृतिक कार्यक्रम में बड़ों से लेकर बच्चों तक भागीदारी की गयी, जिसमें परंपरागत सामूहिक नृत्य से लेकर “देश रंगीला” और “जलवा तेरा जलवा” जैसे गीतोँ पर परफॉरमेंस शामिल था । हर प्रस्तुति के बाद मंच संचालक लोगों द्वारा दिए गये इनाम का एलान भी करता जा रहा था, गणतंत्र दिवस का यह अनोखा उत्सव देखना एक सुखद अहसास था जहाँ उन्माद नहीं, खुशी थी और इस देशभक्ति में किसी के लिए भी नफरत नदारद थी। 

फोटोग्राफी कार्यशाला में गैलडुब्बा के अलावा पातालकोट के अन्य गावों के बच्चे भी शामिल हुए थे. बच्चे अपने आसपास के माहौल जिसमें घर, पहाड़, नदियाँ, पेड़-पौधों की तस्वीरें कैमरे में कैद करके बहुत खुश नजर आ रहे थे, कई बच्चों की कैमरे से दोस्ती देखते ही बनती थी। यह बच्चे पातालकोट की पथरीली जमीन से बाहर भी जीवन के सपने देख रहे हैं, वे डाक्टर, नर्स ,फोटोग्राफर, वैज्ञानिक, टीचर, इंजीनियर, चित्रकार आदि बनना चाहते हैं। जाहिर है यह सपने बड़े हैं लेकिन यह बच्चे बाहरी दुनिया की भाषा और तौर तरीकों से अपने आप को अभिव्यक्ति करना सीख रहे हैं, उनके इस बदलाव के सपने में एक हिस्सा पातालकोट का भी हैं जिसमें वे यहाँ जीवन जीने के लिए बुनियादी सुविधायें उपलब्ध हों, साथ ही उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति में कहीं अवचेतन से यह भी निकल कर आ रहा है कि उनके पहाड़, जंगल, पेड़-पौधे यहाँ मिलने वाली वनोपज भी सलामत रहें जो की उनकी धरोहर है। यक़ीनन से ही कोई शुरुवात होतीहै, उम्मीद कर सकते हैं पातालकोट के यह  जुगनू आने वाले समय में पातालकोट के घाटियों सहित देश के अलग अलग कोनों में अपनी चमक बिखेरेंगें।





जावेद अनीस 
Javed4media@gmail.com

बिहार : जिदंगी के 22 साल अन्नु राम ने शराब को रखैल बना रखा

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  • एक दिन में करता था खर्च 30 रू0, स्व विवेक से 4 साल से रखैल से हो गया मुक्त

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पटना। महादलित मुसहर अन्नु राम की जिदंगी में 2 बार परिवर्तन हुआ। प्रथम पिता यमुना राम की मौत के बाद पीएमसीएच में अनुकंपा के आधार पर नौकरी और द्वितीय स्व विवेक से शराब रूपी रखैल को टा-टा-बाई-बाई करने में सफल हो गया। पटना जिले के पोठिही मुसहरी में रहती है रजली कुमारी। वहीं दीघा मुसहरी में रहते हैं स्व0 यमुना राम के पुत्र अन्नु राम। इन दोनों के बीच विवाह हुआ और विवा के बाद से ही पति अन्नु राम और पत्नी रजली देवी के बीच छत्तीस का आंकड़ा हो गया। इसका दुष्परिणाम सामने आया। पारिवारिक तनाव को बहाना बनाकर अन्नु राम शराब पीने लगे। इस रखैल के गिरफ्त में आ गये। घर में बीबी को खर्चा दे या न दें। कोई फर्क नहीं पड़ता था। पर नियमित शराब खरीदने की राशि जुगाड़ कर लेते। इसी तरह जिदंगी के महत्वपूर्ण दिन और राशि बर्बाद कर दिये। अन्नु राम कहते हैं कि प्रत्येक दिन शराब पीते थे। यहां पर मोटे-मोटे ढंग से अंदाज लगाया जा रहा है कि अगर अन्नु राम शराब पर केवल 30 रू0 खर्च करते थे तब जाकर 365 दिनों में काफी राशि शराब डकारने में व्यय कर दिये। 30 रू0 की दर से 1 साल में केवल शराब पर 10 हजार 950 रू0 किये। कुल 22 साल में 2 लाख 40 हजार 9 सौ रू0 खर्च कर दिये। बताते चले कि एक शराबी मात्रः30 रू0ही खर्च नहीं करता है। कुछ खाने पर भी खर्च करता है। जबतक रखैल का नशा रहता है तबतक मस्ती में रहता है। जैसे ही रखैल का नशा लुफ्त हो जाता है वैसे ही पुनःशराब खरीदकर पी लेता। फिर से शराबी खर्च करके शराब पी लेता है। तब अनुमान लगा सकते हैं कि 22 साल में कितनी राशि बर्बाद कर चुका है। 

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अन्नु राम कहते हैं कि मेरे पिताजी पीएमसीएच में चतुर्थवर्गीय कर्मी थे। पीएमसीएच के निकट पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी है। यहीं पर पिताजी रहने लगे और काम करने जाने लगे। हां, काफी शराब पिताजी पीते थे। इसका नतीजा परलोक सिधार गये। स्व0 यमुना राम की मौत पर पुत्र अन्नु राम को अनुकंपा पर नौकरी मिली। तब दोनों दम्पति पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी में रहने लगे। यहीं से अन्नु राम भी अनुकंपा पर नौकरी करने पीएमसीएच में जाने लगे। अभी अन्नु राम को 25 हजार रू0 मिलता है। 2027 में अवकाश ग्रहण करेंगे। दोनों दम्पति में 33 का संबंध हो गयाः पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी में रहने से पति अन्नु राम और पत्नी रजली देवी के बीच में नाटकीय ढंग से स्नेह प्रगाढ़ होने लगा। इसका नतीजा गर्भधारण से जाहिर हुआ। प्रथम प्रसव में बबलू और द्वितीय प्रसव में डब्लू जन्म लिया। पढ़ लिखकर बी0ए0 उत्र्तीण हो गया बबलू कुमार। डब्लू कुमार आठवीं कक्षा में अध्ययनरत है। बबलू की शादी और दोनों दम्पति दादा-दादी बन गयेः काफी राशि खर्च करके बबलू की शादी कर दी गयी। अभी-अभी बबलू का द्वितीय बच्चा ने जन्म लिया है। इसके कारण परिवार में हर्ष का माहौल व्याप्त है। रजली देवी कहती हैं कि बहुत कष्ट सहे हैं अब जिदंगी का मजा आ रहा है। पतिदेव शराब छोड़ दिये हैं। धीरे-धीरे करके शराब को टा-टा-बाई-बाई कर दिये। 

समलैंगिकता के लिए सजा नहीं दी जानी चाहिए : होसाबले

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नयी दिल्ली ,17 मार्च, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने आज कहा कि समलैंगिकता के लिए सजा नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह लोगों का निजी मसला है। श्री होसाबले ने एक निजी मीडिया हाउस द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा,“ समलैंंगिक होना लोगों का निजी मसला है। मैं मानता हूं कि इससे अगर अन्य लोगों का जीवन प्रभावित नहीं होता है तो समलैंंगिकता के लिए सजा नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि संघ में एैसे मसलों पर चर्चा नहीं की जाती ।” 

संघ में महिलाओं को शामिल किये जाने के बारे में उन्होंने कहा कि कोई भी परिवर्तन रातोंरात नहीं होता। हिंदुत्व के बारे में श्री होसाबले ने कहा कि इतिहास में अब तक हिंदू कभी आक्रमक नहीं रहे। कुछ लोग जानबूझकर इस तरह का डर पैदा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सर संघचालक मोहन भागवत स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक सामाजिक भेदभाव कायम है, आरक्षण जारी रहना चाहिए। श्री होसाबले ने कहा ,“ रामजन्मभूमि पर मंदिर बनाना हमारा सपना है और लोगों की इच्छा है। हमें उम्मीद है कि वर्तमान सरकार इसके लिए रास्ता साफ करेगी।” 

मुशर्रफ को मिली देश से बाहर जाने की अनुमति

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इस्लामाबाद 18 मार्च, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के देश से बाहर जाने पर लगे प्रतिबंध को उनके इलाज के मद्देनजर हटा लिया गया। श्री मुशर्रफ के प्रवक्ता मोहम्मद अमजद ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सरकार ने यह प्रतिबंध हटाया है। उन्होंने कहा, “जनरल परवेज मुशर्रफ दुबई के लिए रवाना हो गये हैं।” उच्चतम न्यायालय ने श्री मुशर्रफ को इलाज के लिए दुबई जाने के मद्देनजर बुधवार को यह निर्देश दिया था। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में पाकिस्तान लौटने के बाद श्री मुशर्रफ पर कई मुकदमे दर्ज हुए। इन्हीं मुकदमों के कारण उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 

विराट में दिखती है सचिन की झलक: स्टीव वॉ

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नयी दिल्ली,18 मार्च, आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज स्टीव वॉ का कहना है कि टीम इंडिया के धुरंधर खिलाड़ी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाजी शैली में उन्हें महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की झलक दिखायी पड़ती है। ट्वंटी-20 विश्वकप के आगे बढ़ने के साथ ही लोगों पर क्रिकेट का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा,“ विराट जब भी बल्लेबाजी करते हैं मुझे रिकार्डों के बादशाह सचिन की याद आ जाती है। विराट इस समय ट्वंटी-20 प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। उनका औसत 50 के आस-पास है।” 


विश्वकप में विराट की भूमिका पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा,“ नि:सन्देह विराट भारत को विश्वकप दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर भारत को विश्वकप जीतना है तो विराट को ढेरो रन बनाने होंगे और उनमें यह काबलियत है। विराट शानदार खिलाड़ी हैं बस अहम यह है कि वह दबाव में अपने को कैसे शांत रखते हैं।” भारत की पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बारे में वॉ ने कहा टीम इंडिया वापसी करने में सक्षम है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि आगे के मैचों में भारत जल्द ही जीत की पटरी पर लौट आयेगा। 

सरकारी विज्ञापनों में तस्वीरें प्रकाशित करने के आदेश में संशोधन

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नयी दिल्ली 18 मार्च, उच्चतम न्यायालय ने सरकारी विज्ञापनों में तस्वीरों के इस्तेमाल से संबंधित अपने पूर्व के आदेश में आज संशोधन करते हुए राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों एवं संबंधित विभाग के मंत्रियों को भी शामिल करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद पंत की पीठ ने केंद्र सरकार, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं कुछ अन्य राज्य सरकारों की पुनर्विचार याचिकाएं स्वीकार करते हुए मई 2015 के उस आदेश में संशोधन किया। शीर्ष अदालत ने इन विज्ञापनों में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों एवं कैबिनेट मंत्रियों की तस्वीरें भी शामिल करने का आदेश दिया। इससे पहले उसने सरकारी विज्ञापनों में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर प्रकाशित करने का आदेश दिया था, वह भी उनकी अनुमति लेकर ही। 

पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम और ओडिशा की सरकारें भी शामिल थी। याचिकाकर्ताओं की दलील दी थी कि न्यायालय का संबंधित आदेश देश के संघीय ढांचे के विरुद्ध है। केंद्र सरकार की ओर से खुद एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत में मोर्चा संभाला था और दलील दी थी कि संघीय ढांचे में मुख्यमंत्रियों या केंद्रीय मंत्रियों का स्थान प्रधानमंत्री से कम नहीं है। श्री रोहतगी ने दलील दी थी कि यदि सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री की तस्वीर लग सकती है तो इसका कोई कारण नहीं दिखता कि मुख्यमंत्रियों को इससे वंचित रखा जाए। यदि प्रधानमंत्री की तस्वीर जरूरी है तो मुख्यमंत्री की तस्वीर भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने अपनी पुनर्विचार याचिका में भी कहा था कि विज्ञापन में किसकी तस्वीर लगेगी और उसकी विषय-वस्तु क्या होगी, यह तय करना सरकार का काम है। याचिका में कहा गया था कि न्यायालय को ऐसे नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। 

दम तोड़ती बोलियों को बचाने में सामुदायिक रेडियो की भूमिका अहम: जेटली

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नयी दिल्ली, 18 मार्च, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने देश के ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में आम लोगों के सशक्तिकरण में सामुदायिक रेडियो की भूमिका को अहम बताते हुए आज कहा कि यह दम तोड़ती भाषाओं, बोलियों और परंपराओं का अस्तित्व बचाये रखने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। श्री जेटली ने यहां तीन दिवसीय छठे सामुदायिक रेडियो सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में कहा कि देशभर में इस समय 191 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं और 400 अन्य की मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले यह गलतफहमी थी कि रेडियो और टीवी पर सरकार का एकाधिकार होना चाहिए लेकिन अब दुनियाभर में यह धारणा बदल रही है और बदलनी भी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में टीवी के आने से रेडियो पिछड़ गया था लेकिन एफएम रेडियो के आने से उसकी धमाकेदार वापसी हो गयी है। सामुदायिक रेडियो 2002 में आया और वह समाज का सशक्तिकरण का जोरदार माध्यम बनकर उभरा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह अहम भूमिका निभा सकता है। श्री जेटली ने कहा कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में सामुदायिक रेडियो की भूमिका ज्यादा अहम हो जाती है। हमारे यहां हर जिले में भाषा, बोली, संस्कृति और परंपरायें बदल जाती हैं। कई भाषाएं, बोलियां और परंपरायें आज दम तोड़ रही हैं जिनका अस्तित्व बनाये रखने में सामुदायिक रेडियो महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। आज दुनियाभर में अखबारों का सर्कुलेशन सिकुड़ रहा है लेकिन भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के अखबार अपना विस्तार कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो के मामले में भी यही अनुभव देखने को मिल रहा है। 

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि एफएम रेडियो केवल शहरों तक सीमित है और ऐसे में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में लोगों को जागरूक बनाने में सामुदायिक रेडियो की प्रमुख भूमिका है। आप अखबार और टीवी पर कितने ही विज्ञापन दे दें लेकिन वे आम लोगों तक नहीं पहुंच पाते हैं। सामुदायिक रेडियो में स्थानीय विशेषज्ञ लोगों को उनकी जबान में अपनी बात समझाते हैं जिसका व्यापक असर होता है। 

देश में भूकंप की पूर्व चेतावनी देने वाला उपकरण

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भारत में पहली बार भूकम्प की पूर्व सूचना देने वाली प्रणाली इस्तेमाल में लायी जा रही है। टैरा टेलीकाॅम प्राइवेट लिमिटेड तथा जर्मन की कम्पनी सेक्टी इलेक्ट्रोनिक्स जीएमबीएच के संयुक्त उपक्रम के तौर पर भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने वाली यह सुरक्षा प्रणाली देश में प्रारम्भ की गई है। भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने वाली सुरक्षा प्रणाली हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ स्थित मिनी सचिवालय में स्थापित की गई है। इस प्रणाली को सीएसआईआर-एसईआरसी (स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर), चेन्नई में 10 मार्च, 2016 को किए परीक्षण में सफल पाया गया था। इस प्रणाली को हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित मिनी सचिवालय में 14 मार्च, 2016 को स्थापित किया गया है। इस सात मंजिली इमारत की छत पर एक सार्वजनिक अलार्म प्रणाली भी लगाई गई है, जो कि आपात स्थिति में 6 किलोमीटर के दायरे में अलार्म बजाएगी। 

टैरा टेलीकाॅम के प्रबंध निदेशक श्री बिजेंदर गोयल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने अपने प्रदर्शन के दौरान यह दिखा दिया कि कैसे इस प्रणाली के उपयोग से नये सचिवालय भवन की लिफ्ट रूककर भूतल पर आ गई और हर मंजिल पर अलार्म बजने शुरू हो गए। इसका उपयोग सार्वजनिक उद्घोषक प्रणाली की तरह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस प्रणाली का अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा पहले ही परीक्षण किया जा चुका है। सीएसआईआर-एसईआरसी द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के बाद अब भूकम्प की पूर्व सूचना देने वाली इस प्रणाली की भारत में भी विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

श्री गोयल ने कहा कि अनेक कंपनियों खासतौर से आईटी कंपनी, शाॅपिंग माॅल ने इसे अपने परिसर में लगाने की रूचि जाहिर की है। खासतौर से हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की इस चेतावनी के बाद कि निकट भविष्य में देश में बड़ा भूकम्प आ सकता है, यह सुरक्षा प्रणाली काॅरपोरेट घरानों, होटलों, अस्पतालों, शाॅपिंग माॅल, काॅलेजों, आवासीय सोसायटियों, बिजलीघरों, रेलवे व मेट्रो स्टेशनों, हवाई अड्डों, पुलों, सुरंगों तथा दूसरे संवेदनशील स्थानों के लिए जरूरी हो गई है। श्री गोयल ने कहा कि हमने इसके भावी उपयोग के लिए भारत सरकार के भू-विज्ञान मंत्रालय तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भी इसके सफल परीक्षण के बारे में अवगत करा दिया है। गृह मंत्रालय पहले ही देश में बड़ा भूकम्प आने की आशंका जता चुका है। 

इस अवसर पर उपस्थित सेक्टी इलेक्ट्रोनिक, जर्मनी के प्रबंध निदेशक श्री जुएरजेन प्रज्बीलाक ने कहा कि हमारी प्रणाली दुनिया में एकमात्र ऐसी प्रणाली है जो कि न केवल भूकम्प की पूर्व सूचना देती है, बल्कि इस प्रणाली सुरक्षा संबन्धी ऐसी खूबियां हैं, जिन्हें भवन प्रबंधन की प्रणाली से भी जोड़ा जा सकता है। इस प्रणाली को 2006 से अब तक 25 देशों में स्थापित किया जा चुका है, जहां यह सफलतापूर्वक काम कर रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ डिजास्टर मैनेजमेंट (जिओहैजार्ड डिवीजन) के हेड प्रोफेसर चंदन घोष ने कहा कि न सिर्फ भवन निर्माताओं बल्कि आम आदमी की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे भूकंपरोधी भवनों के निर्माण पर जोर दे। उन्होंने कहा कि सरकार को भी इस संबन्ध में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद मुशर्रफ दुबई रवाना

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इस्लामाबाद. 18 मार्च, पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ सरकार से विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद आज तड़के इलाज के लिए दुबई रवाना हो गए। जनरल मुशर्रफ के प्रवक्ता मोहम्मद अमजद ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सरकार ने मुशर्रफ के विदेश जाने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। उन्होंने बताया कि जनरल मुशर्रफ तडके दुबई के लिए रवाना हो गये।” उच्चतम न्यायालय ने जनरल मुशर्रफ को इलाज के लिए दुबई जाने के मद्देनजर बुधवार को यह निर्देश दिया था। 

पाकिस्तान समाचार पत्र ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट में जनरल मुशर्रफ के हवाले से कहा गया है,“मैं एक कमांडो हूं और अपने देश से प्रेम करता हूं। मैं कुछ सप्ताह या महीनों में वापस आऊंगा।” मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जनरल मुशर्रफ तड़के तीन बजकर 55 मिनट पर (भारतीय समयानुसार तड़के चार बजकर 25 मिनट पर) कराची हवाई अड्डे से दुबई के लिए रवाना हुए। 72 वर्षीय जनरल मुशर्रफ के खिलाफ वर्ष 2013 से देशद्रोह का मामला चल रहा है और सरकार ने वर्ष 2014 में उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी। 

उबेर में अब होगें अब फौजी चालक

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आॅन लाइन टैक्सी सर्विस ने ग्राहकों सुरक्षा प्रदान करने के मकसद से सेवा निवृत फौजी चालक कर्मचारीयों की नियुक्ती शुरू कर दी है। दिल्ली सहित अनेक महानगरों में महिलाओं के साथ छेडछाड और बढते वारदातों से फौजी चालक मुकाबला करने में सक्षम होगें। सीमा सुरक्षा बल से रिटायर्ड तामिलनाडु के फौजी कन्नन ने बताया कि‘ आज उबेर कार ग्राहकों को लुभा रही है। कम कीमत और कम समय पर उपलब्ध कार में सवार पूरी तरह से सुरक्षित है। कन्नन उबेर से बतौर कार चालक जुडकर स्वयं को गौरान्विंत कर रहे है। उबेर पंजीकृत कंपनी से अपनी कार जब को जोडा तो उस समय संकोच था,लेकिन करीब दो साल जुडने के बाद में उनको कंपनी एक परिवार की तरह लगती है। 

समय पर भुगतान के साथ में ग्राहकों को की हर सुविधा के रूप हम पूरा ध्यान रखते है। 40 वर्षीय कन्नन सीमा सुरक्षा बल के जवान के रूप में देश के विभिन्न सीमाओं के प्रहरी रूप सेवा करने के जब सेवा वे  रिटार्यड हुए तो उस समय अपने भविष्य के बार सोचने कि लगे कि बाकी का जीवन कैसे कटेगा। लेकिन बाद में सोचा कि अपनी कार खरीद कर यात्रियों के रूप में देश की सेवा करूंगा, और उबेर कंपनी में अपनी कार का पंजीकरण करा लिया। आज मेरे परिवार का जीवन सुखदमय कट रहा है। उबेर ने रिटार्यड फौजीयों जोडकर यह साबित कर दिया कि अन्य चालकों मुकाबले फौजी सुरक्षा के साथ ज्यादा बेहतर सेवा दे सकते है और आपत स्थिति में निबटने में सक्षम होते है।ं

कश्मीर में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये

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श्रीनगर.18 मार्च , जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले में चल रही मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये है। रक्षा प्रवक्ता के एक प्रवक्ता कर्नल एन.एन.जोशी ने यूनीवार्ता को बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक गोपनीय सूचना मिलने के बाद सैनिकों ने कुपवाड़ा में हंडवारा के बट्ट मोहल्ला में कल देर रात एक तलाशी अभियान चलाया। जब सुरक्षाकर्मी एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। 

कर्नल जोशी ने बताया कि सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमे अब तक दो आतंकवादी मारे गये है। अंतिम रिपोर्ट मिलने तक मुठभेड़ चल रही थी। क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है और सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है क्षेत्र में कितने आतंकवादी छुपे हुए है। इस पूरे क्षेत्र में पिछले दो दिन से भारी हिमपात हो रहा है।

शक्तिमान कांड में भाजपा विधायक गिरफ़्तार

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देहरादून 18 मार्च, उत्तराखंड में बहुचर्चित घोडा कांड में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के विधायक गणेश जोशी को आज गिरफ्तार कर लिया है । पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस बल में तैनात घोडे शक्तिमान की टांग तोड देने और सरकारी कर्मचारी पर हमले के आरोप में श्री जोशी को गिरफ्तार किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने विधायक की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। दूसरी तरफ स्थानीय भाजपा नेताओं का कहना है कि श्री जोशी को सामान्य पूछताछ के लिये थाने में बुलाया गया है। उन्होंने इस मामले में फोरेंसिक जांच की मांग की है। 

इससे पहले कल पुलिस ने इसी मामले में कुमांयू मंडल के हल्द्वानी से भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक नेता प्रमोद बोरा गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा देहरादून एवं डोईवाला में भी छापेमारी करके कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है । उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को एक रैली में भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस बल में तैनात घोड़े शक्तिमान पर डंडे बरसा कर उसकी टांग तोड़ दी थी और संक्रमण के बाद टांग काटनी पड़ी थी । इसमें डॉक्टरों की भी लापरवाही सामने आई है , क्योंकि घोडे की टांग का ऑपरेशन जल्दबाजी में किये जाने से उसकी जान पर खतरा बन गया है ।

सोनी सोरी ने कहा अब एसआईटी नहीं डीजीपी को देंगे अपना बयान

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दंतेवाड़ा 18 मार्च , चेहरे पर कैमिकल युक्त कालिख पोते जाने के ममाले में आम आदमी पार्टी नेत्री सोनी सोरी ने एसआईटी की बजाय अब डीजीपी के समक्ष बयान दर्ज कराने की मांग की है। आप नेत्री सोनी सोरी ने कल यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस महानिरीक्षक द्वारा गठित एसआईटी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस अधिकारी ने जांच टीम बनाई है। ये टीम अपने अधिकारी के खिलाफ कुछ बोलने सुनने को तैेयार नहीं हैं, उल्टे पीड़िता के परिजनों को ही कटघरे मे खड़ाकर प्रताड़ित करने में जुटी है। 

उन्होंने कहा कि गत 14 मार्च को एसआईटी ने उन्हें ढाई बजे नोटिस भेजकर उसी शाम 4 बजे जगदलपुर में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन पहले हुई घटना और महिला होने के नाते उस दिन नहीं जा सकीं। अगले दिन सिटी कोतवाली दंतेवाड़ा , फिर रेस्ट हाउस में बयान देने के नाम पर भटकाया गया, लेकिन कहीं भी अफसर नहीं मिले। उन्होंने कहा कि एसआईटी की नियत इस मामले में पीड़िता और परिजनों को ही परेशान करने की है। 

उन्होंने कहा कि पुलिस मेरे रिश्तेदारों पर दबाव डालकर लिंगाराम कोड़ोपी को आरोपी बताने में जुटी है। उन्होंने अब इस मामले में डीजीपी को पत्र लिखकर उनके समक्ष ही बयान दर्ज कराने की मंशा जाहिर की। सोनी ने कहा कि अब इस मामले में वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की कोशिश करेंगी। 

अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी तय

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लखनऊ 18 मार्च, समाजवादी पार्टी(सपा) से निष्कासित पूर्व महासचिव अमर सिंह की पिछले दरवाजे से छह साल बाद पार्टी में वापसी तय है। सपा सूत्रों ने आज यहां बताया कि जनवरी 2010 में पार्टी से निष्कासित अमर सिंह की वापसी महज औपचारिकता की बात है। श्री सिंह अक्सर सरकारी कार्यक्रमों में आते हैं और वह राज्य में निवेशकों को भी ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री सिंह सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदार के रुप में राज्यसभा में प्रवेश कर सकते हैं। श्री सिंह हाल में जी समूह के अध्यक्ष सुभाष चन्द्रा के साथ यहां आये थे। श्री चन्द्रा ने उत्तर प्रदेश में आठ हजार पांच सौ करोड रुपये का निवेश करने में दिलचस्पी दिखायी थी। श्री अमर सिंह के साथ बालीवुड की अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा की भी सपा में वापसी हो सकती है। चार जुलाई को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 11 सदस्य अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। सदन में अपनी मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर सपा के छह सदस्य प्रथम वरीयता वोट से निर्वाचित हो सकते हैं। श्री अमर सिंह सपा के टिकट पर तीन बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। 

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आजम खां और महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव के प्रखर विरोध की अनदेखी कर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने श्री अमर सिंह को पार्टी में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि झंझावातों और राज्यसभा चुनाव में व्हीप से उनको बचाने के लिए श्री सिंह को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में समर्थन देने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि श्री अमर सिंह की सपा में वापसी को लेकर पिछले करीब दो साल से कयास लगाये जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार सूबे के लोक निर्माण विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने उनकी “घर वापसी” में मुख्य भूमिका अदा की है। श्री सिंह को सपा संसदीय बोर्ड ने “घुसपैठिया” करार देते हुए जनवरी 2010 में रामपुर से पार्टी सांसद जयाप्रदा और चार विधायकों मदन चौहान, संदीप अग्रवाल, अशोक चंदेल और सर्वेश सिंह के साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया था। श्री सिंह के नजदीकी मदन चौहान अब सूबे के मंत्री हैं। 

रियो ओलंपिक गोल्ड मिशन : जेनपैक्ट और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट ने हाथ मिलाया

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नई दिल्ली। रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय खिलाड़ियों को स्वर्ण दिलाने के मिशन को समर्थन में बिजनेस प्रोसेन आउटसोर्सिंग सर्विस कंपनी जेनपैक्ट और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (ओडीक्यू) जिसकी पहचान एक एनजोओ के रूप में है। आज यहां एक समझोते पर हस्ताक्षर किये। समझोते में देश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मदद करना ही नहीं है बल्कि ओलंपिक में चयनित खिलड़ियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम के जरिए उन्हें हर तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। खासकर दोनों कंपनियों का मकसद महिलाओं के लिए बेहतर खेल प्लेनफार्म तैयार करना है। राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी विख्यात निशानेबाज हीना सिंद्ध उनके पूर्व निशानेबाज कोच रौनक पंडित, विलियर्ड के नौ बार के पूर्व विश्व चैपियन गीत सेठी, भारतीय हाकी टीम के  पूर्व वीरेन रिक्नहा, जेनपैक्ट ग्रुप की सीनियर प्रसिडेंट एस संन्याल,मीना विलसन मौजूद थी। 

उल्लेखनीय है कि बोर्ड आफ डायरेक्टर में प्रकाश प्रदूकोण, विश्वनाथन आनंद, लियंडर पेस, राकेश खन्ना, दीपिका प्रदूकोण, नीरज भारद्वाज प्रमुख नाम है। गीत सेठी ने कहा रियो में कुश्ती, निशानेबाजी, मुक्केबाजी और बैडमिंटन में पदक की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत लंदन ओलंपिक के मुकाबले ज्यादा पदक जीतेगा। विशव की नंबर वन निशानेबाजी हीना सिदधू ने कहा कि उन्हें पदक जीतने क पूरी-पूरी उम्मीद है। वह रियो में पूरा दमखम लगा देगी। ओजीक्यू देश के 75 एथलीटों को हर तरह की मदद कर रही है। इन खेलों में तींरदाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस और कुश्ती प्रमुख है। वह कुछ व्यक्तिगत मुकाबले वाले खिलाड़ियों को भी मदद कर रहा है। कंपनी का मुख्य लक्ष्य 2020 और 2024 ओलंपिक है। उन्होंने अभी से प्रतिभाशली खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें हर तरह की सुविधांए देना शुरू कर दिया है।       

भाकपा ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में पुनः की वृद्धि की निन्दा की

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पटना, 18 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में पुनः की वृद्धि की निन्दा की है और तेल के मूल्य में इस बढ़ोत्तरी को महंगायी में वृद्धि करने वाला कदम बताया है। आज जारी एक प्रेस बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमषः 3.07 रूपये एवं 1.90 रूपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी उस समय की गयी है जब अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार कमी होती जा रही है। केन्द्र सरकार अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को कारण बताकर पिछले दिनों लगतार इसकी कीमतों में वृद्धि करती रही पर जब अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अप्रत्याषित कमी आई है तब भी वह उसका लाभ उपभोक्ताओं और आम जनता तक नहीं पहुँचने दे रही है।

श्री सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का दुष्प्रभाव उपभोक्ता वस्तुओं के दाम के साथ-साथ यात्री एवं ढुलाई भाड़े पर पड़ेगा, जिससे महंगायी और अधिक बढ़ जाएगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र से पेट्रोल और डीजल की इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की है और आम बिहारवासियों का आह्वान किया है कि वे एकजुट होकर इस जनविरोधी कार्रवाई का प्रतिरोध करें। 

चंदौली (उत्तरप्रदेश) की खबर (18 मार्च)

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हौसला बुलंद युवक ने नाबालिक लड़की के साथ किया रेप 

चंदौली। जनपद चंदौली में लगातार महिला तथा लड़कियों के साथ दुराचार का मामला प्रकाश में आ रहा है। ताजा मामला जनपद के सैयदराजा क्षेत्र का है जहां एक पिता ने एक युवक पर अपनी नाबालिक लड़की से रेप करने का आरोप लगाया है। पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही में जुट गयी है। पुलिस को दी गयी अपने तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है की बुधवार की रात उसकी नाबालिक लड़की को घर पर अकेला देख उसी के गाव का नीरज पाण्डेय एक युवक जबरन घर में घुस गया और उसकी लड़की के साथ रेप किया। बताया की जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त पीड़िता की माँ सौच के लिए गयी हुई थी और वह खुद घर के बाहर था। पीड़िता ने जब आपबीती अपने घरवालों को बताई तब गुरुवार को पीड़िता के पिता ने कोतवाली पर जाकर नामजद तहरीर दिया। वहीं पुलिस ने बताया की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच किया जा रहा है तथा अभियुक्त कि धड़-पकड़ के लिए दविस दी जा रही है। बतया की जल्द ही अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मृतकों के परिजनों से मिला सपा का प्रतिनिधिमण्डल

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चंदौली। विगत सोमवार को आकाषीय बिजली से दो शिक्षकों की मौत के बाद गुरुवार को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमण्डल क्षेत्र के धरांव गांव पहुंचा। जहां सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उनका ढ़ाढ़ंस बंधाया और घायलों से मिलकर उनका हाल जाना। प्रतिनिधिमण्डल ने ग्रामीणों के साथ बात की तथा उनके समस्याओं से रूबरू हुए, जिसके बाद जिलाधिकारी से बात कर मुख्यमंत्री राहत कोष से तत्काल आर्थिक मदद करने की भरोसा दिलाया। इस दौरान सपा नेता नफीस अहमद गुडडू ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग को भी रिपोर्ट बनाकर भेजा जायेगा और हरसम्भव मदद उपलब्ध करवाया जायेगा। इस दौरान समाजवादी छात्र नेता विपिन यादव बिक्कू ने धरांव में आकाषीय बिजली से मृत षिक्षक इफतखार एवं अस्मत जहां के बच्चों को अपने विद्यालय में निःषुल्क पढ़ाने की जिम्मेदारी ली। आपको बता दे की बीते सोमवार को धानापुर क्षेत्र अंतर्गत धरांव के मदरसा अल तौहीद में आकाषीय बिजली गिरने से शिक्षक इफतखार और अस्मत जहां की मौके पर ही मौत हो गई थी वहीं कई छात्र समेत दो अध्यापिका घायल हो गई थीं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा दिवस का हुआ आयोजन 

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चन्दौली। शुक्रवार को चंदौली स्थित मण्डी परिसर में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गरीबी के दुष्चक्र से निकलने हेतु कार्यक्रम प्रदर्शित किया गया जिसे काफी सराहा गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में महिलाओं जानकारी देते हुए कहा कि वे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर समूह का गठन कराकर स्वरोजगार करके अपनी आर्थिक स्थिति में वृद्धि कर सकती है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है। महिलाओं को बैंकों को द्वारा ऋण उपलब्ध कराकर जीविकोपार्जन हेतु स्व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाते है।  मुख्य विकास अधिकारी एमपी सिंह ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा की जनपद के धानापुर विकास खण्ड में वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजन के तहत तीन ग्रामों का चयन कर 10-15 महिलाओं का समूह बनाकर स्वयं सहायता समूह की शुरूआत की गयी है। उन्होनें आजीविका मिशन क्या है? कैसे चलता है और कैसे चलाया जाता है के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से उनकी क्षमताओं और कौशल में वृद्धि, विश्वास पैदा करना है।

80 बोतल विदेशी शराब के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार 

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चंदौली। मुगलसराय जीआरपी पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन युवकों को भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ धार दवोचा। जीआरपी पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया। दरअसल होली त्योहार नजदीक है। जिसके मद्देनजर मुगलसराय जीआरपी प्रभारी त्रिपुरारी पाण्डेय की टीम गुरुवार की देर रात करीव 12रू50 मुगलसराय जंक्शन के विभिन्न प्लेटफार्मों तथा सर्कुलटिंग एरिया में संदिग्ध व्यक्ति तथा वस्तुओं की जांच कर रही थी। इसी बीच प्लेटफार्म संख्या 3/4 पर जीआरपी पुलिस ने तीन संदिग्ध युवकों को देखा जो ट्रेन पकड़ने के लिए खड़े थे। संदेह के आधार पर जब जीआरपी पुलिस ने युवकों की सामानों की तलाशी ली तो उनके पास से कुल 80 बोतल विदेशी शराब बरामद हुआ, जिसके बाद जीआरपी पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को पकड़ कर थाने लाई और गहनता से पूछताछ किया। पूछताछ के दौरान तीनों अभियुक्तों ने बताया की वे होली पर्व को देखते हुए गोया से सस्ती सराब खरीद कर बिहार ले जाकर महँगे दामो में बेचने जा रहे थे। शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए मुगलसराय जीआरपी प्रभारी त्रिपुरारी पाण्डेय ने बताया की तीनों अभियुक्तों की पहचान क्रमस 1- शिव कुमार, निवासी गोधारी रोहतास, बिहार। 2- राधेश्याम चैपाल, निवासी मधेपुर, जिला मधुबनी 3- संदीप, निवासी  थाना जमनिया, गाजीपुर के रूप में हुआ है। बताया की तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 60 एक्साइज एक्ट की कार्यवाही की जा रही है। बता दे इस माह में यह लगातार दूसरा मामला है जब मुगलसराय जीआरपी प्रभारी त्रिपुरारी पाण्डेय की टीम ने शराब तस्करों को पकड़ा है। इससे पहले 11 मार्च को जीआरपी पुलिस ने 5 अभियुक्तों को 110 बोतल विदेशी शराब के साथ धर दवोचा था।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (18 मार्च)

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एसिड विक्रय हेतु विक्रेता को अनुज्ञप्ति प्राप्त करना अनिवार्य

शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार जिले में एसिड विक्रय हेतु विक्रेताओं को लायसेंस लेना अनिवार्य है। शासन ने एसिड से हमले की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने विष (मध्य प्रदेश) नियम 1960 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्रदाय के लिए जिला दण्डाधिकारी को अधिकृत किया है। एसिड लायसेंस प्राप्त करने हेतु एम.पी.ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।

जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक हुयी आयोजित 
  • 101 ओडीएफ ग्राम पंचायतों में तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कार्ययोजना हुयी तैयार

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कलेक्टर डा. सुदाम खाडे की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. आर.आर. भोसले के साथ कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री ए.ए. खान, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन श्री विकास बाघाडे, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, ब्लाक समन्वयक, सहायक यंत्री, उपयंत्री, समर्थन संस्था के प्रतिनिधि उपस्थिति रहें। निर्धारित प्रारूप में निर्माण न कराने पर उपयंत्री को नोटिस - जनपद पंचायत आष्टा की ग्राम पंचायत बापचा में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्धारित मापदण्डो एवं विधियो के अनुसार शौचालय का निर्माण न करवाने, ले-आउट न देने तथा लापरवाही वरतने पर उपयंत्री प्रियंका कठाने को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्यवाही करने के निर्देश डा. खाडे ने दिये साथ ही समस्त सहायक यंत्रियो को निर्देश्ति किया की गुणवत्ता विहीन तथा तकनीकी रूप से नियम विरूद्व निर्मित शौचालयो की सूची प्रस्तुत कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। 101 ओडीएफ ग्राम पंचायतो को अतिरिक्त लाभ - जिले में खुले मे शौच से मुक्त ग्राम पंचायतो को तरल एवं ठोस प्रबंधन कार्यक्रम के तहत कार्ययोजना तैयार कर अतिरिक्त लाभ नाडेप टेक, नाली जैसी सुविधाऐं विकसित कर किया जावेगा। जिले मे 2015-16 में सीहोर की ग्राम पंचायत पड़ली एवं थूनाकंला, इछावर की मूण्डला तथा बुधनी की जहांनपुर एवं माथनी ग्र्राम पंचायत की कार्ययेाजना एवं राशि की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान कर दी गई है। जिससे शीघ्र ही ग्र्राम पचंायतोें में तरल एवं ठोस  प्रबंधन का कार्य प्रारंभ कर लाभांवित किया जावेगा। डा. खाडे ने समस्त उपयंत्रियो को निर्देशित किया की ग्रामीणो को सम्मिलित कर एसएलडब्लूएम का डीपीआर तैयार करें। प्रत्येक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सप्ताह कम से कम चार बार ग्राम पंचायतो में उपस्थित गुडमार्निग टीम के साथ स्वच्छता कार्यक्रम मे भाग ले तथा स्वच्छ भारत मिशन की वेव साइड पर शौचालयो की फोटो ग्राफ तथा अन्य प्रविष्टिया शतप्रतिशत करना सुनिश्चित करें। 

जिला स्तरीय दिशादर्शी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुयी सम्पन्न 
  • गर्मी की छुटटी में भी मिलेगा मध्यान्ह भोजन 

कलेक्टर डा. सुदाम खाडे की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय दिशा दर्शी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के साथ एमडीएम प्रभारी श्री गणेश चैहान, समस्त सीईओ जनपद पंचायत, बीईओ, बीआरसी, जनपद पंचायत के एमडीएम प्रभारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में डा. खाडे ने बताया की सूखाग्रस्त घोषित होने के कारण राज्य शासन द्वारा ग्रीष्मकाल मे भी बच्चो को मध्यान्ह भोजन दिये जाने का निर्णय लिया गया है। जिसके संबंध में समस्त कार्यवाही एवं सूचना प्रसारित कर दी जावे। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया की रसोाईयो का पारिश्रमिक दिसम्बर माह तक जारी कर दिया गया है। शेष माह का पारिश्रमिक आवंटन प्राप्त होने पर शीघ्र ही जारी कर दिया जावेगा। प्राथमिक शाला तथा आंगन बाडियो मे संचालित दुग्ध वितरण कार्य के तहत मार्च माह तक दूध पाउडर वितरित किया गया है। 186 किचिन शेडो को तत्काल पूरा करते हुये उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश डा. खाडे ने दिये साथ ही शहरी क्षेत्र में केन्द्रीयकृत रसोई घर व्यवस्था के तहत भोजन वितरण के गुणवत्ता की जांच कर खराबी पाये जाने पर कार्यवाही के निर्देश डा. खाडे ने दिये। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत डीआईपी की समीक्षा बैठक हुयी आयोजित 

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अंतर्गत जिला सिंचाई आयोजना (डीआईपी) की तैयार के संबंध में कलेक्टर डा. सुदाम खाडे की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में बैठक का आयोजना किया गया। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र से डा. कन्नौजिया, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सिंचाई विभाग, उप संचालक कृषि, वन विभाग, पशुपालन विभाग, आईडब्लूएमपी टीम, मनरेगा के सहायक यंत्री एवं उपयंत्री, के साथ संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।बैठक में ग्राम पंचायतो मे किये गये सर्वे कार्य के उपरांत प्राप्त जानकारी के आधार पर ग्राम सिंचाई येाजना, ब्लाक सिंचाई योजना एवं जिला सिचाई आयोजना की तैयारी के संबध्ंा मे चर्चा की गई है। कृषि विज्ञान केन्द्र के डा. कन्नौजिया ने नमीसंरक्षण, जल संरक्षण, भूजल स्तर, जल उपयोग एवं दोहन, टोपो ग्राफी एवं भूक्षरण पर प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। बैठक में डा. खाडे ने बताया की सीहोर तथा आष्टा ब्लाक भूजल स्तर में गंभीर स्थिति में है साथ ही इछावर ब्लाक भी गंभीर स्थिति की ओर जा रहा है। जिसके लिए पीएमकेएसवाय की कार्य योजना बनाते समय इन ब्लाको मे विशेष रूप से उपलब्ध जल संसाधनो, इकाईयो, जल भरण एवं जल दोहन को देखते हुये कार्यो का चयन करना होगा। उपलब्ध जल के वेहतर वैज्ञानिक उपयोग से ज्यादा से ज्यादा भूमि को सिंचित करते हुये अधिक पैदावार लेने के लिए किसानो के प्रशिक्षण तथा अद्योसंरचनाओ के विकास तथा प्रबंधन पर चर्चा की गई ।
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