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झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (18 मार्च)

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बेरीयर पर र्सवर डाउन होने से लगा जाम, वाहन चालक पुरी रात हुए परेशान

jhabua news
पिटोल----प्रदेष भर में वाणिज्यकर विभाग की साईड का सर्वर डाउन होने से जाॅच चैकियों पर चरमराई व्यवस्था का असर पिटोल बेरियर पर देखने को मिला। शुक्रवार सुबह कई वाहनों की बेहती (फार्म 59) के अपलोड नही होने से प्रभावित वाहनो से चक्काजाम के हालात निर्मित हो गये बेरियर से गुजरात सीमा की ओर करीब 2 किमी दुर तक सेकडो वाहनों की कतार लग गई इस दौरान वाहन चालक परेषान होते रहें। सर्वर के रूक-रूक कर चालु बन्द होने से कई वाहन पिछले तीन दिनों से यहां बेरियर पर खडे थे। सुत्रों के अनुसार ऐसे जाम के हालात प्रदेष के सेंधवा, खवासा, हनुमना सहित अन्य बेरियरों पर भी निर्मित हुवे बाद में जाम से बिगडते हालातों को देखकर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देष के बाद मेन्युअली दस्तावेजों की जाॅच पडताल के बाद वाहनों को छोडा गया पिटोल बेरियर पर शुक्रवार सुबह इसी तरह रूके वाहनों को सुबह 9 बजे से छोडना प्रारंभ कर दिया गया है।

चाय बिस्किट के सहारे निकाली रात ...........
बेहती नहीं बनने एवं वाहन चालको सुविधा नही मिलने से गुस्साऐं वाहन चालको ने वाहन जो कि गुजरात से आकर प्रदेष एवं अन्य राज्यों को जा रहे थे उन्हे गुजरात से आनी वाली लेन पर अव्यवस्थित खडे कर दिये जिससे जाम लग गया। वाहन चालको का गुस्सा एकिकृत जाॅच चैकी पर एस.एस.इन्फ्रा कम्पनी द्वारा संचालित सुविधाओं को लेकर भी था। बडोदा (गुजरात) निवासी मनोज कुमार यादव ने बताया कि एक तो वे दो दिन से यहां खडे है एवं यहां न तो कोई पिने के पानी की समुचित व्यवस्था है एवं न ही टायलेट में पानी है। चारो और गंदगी पसरी पडी है। गाडी से दो किमी दुर जाकर खाना खाना पडा यहां तक कि कई लोगो ने चाय बिस्किट के सहारे रात निकाली है। दुर तक लगी कतार के वाहनों की सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं थे।

जिन्हे नहीं थी जरूरत उन्हे भी रूकना पडा...........
जिन वाहनों को बेहती की आवष्यकता नही थी उन्हे भी अव्यवस्था के चलते रूकना पडा। गैस टेंकर यु.पी.78 सी.टी. 1419 के चालक संजय तीवारी ने बताया कि हमें अनावष्यक रूकना पडा है यहां कम्पनी का ट्राफिक पर कोई नियंत्रण नहीं है यहां शरारती तत्वों ने मनमानी कर वाहन रोड पर खडे कर दिये जिससे वे जाम मे फस गये उन्हे लखनउ तक जाना था। वरिष्ठ अधिकारियों के मोखिक निर्देष के बाद वेकल्पिक व्यवस्था के तहत वाहनों के दस्तावेज लेकर जाॅच कर बाद में डाटा अपडेट करंेगे। विभागीय साईड का सेंटर सर्वर डाउन होने आवष्यक फार्म 49, 59, 50 के अपलोड नहीं होने के कारण जाम लगा था।

कृषि यंत्र एवं सिंचाई यंत्र उपकरणों के अनुदान के लिए आॅनलाईन आवेदन करे

झाबुआ---किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा 15 सितंबर 2015 से किसानों को विभिन्न कृषि यंत्र को अनुदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था में पादर्शिता लानें हेतु आॅनलाईन अनुदान व्यवस्था लागू की गई। जिसमें प्रथम चरण में जिले के समस्त वर्ग के कृषकों से आॅनलाईन से प्राप्त आवेदनों का लक्की ड्रा द्वारा कृषकों का चयन किया गया है। किन्तु जिले में आॅनलाईन से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित से प्राप्त आवेदनो की संख्या पर्याप्त न होने के कारण इस वर्ग के लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्तमान में आवेदन की आॅनलाईन प्रक्रिया चालू रखी गयी है जिले के वंचित ऐसे समस्त अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसान कृषि यंत्र एवं सिंचाई यंत्र उपकरण अनुदान पर प्राप्त करने हेतु अधिक से अधिक आवेदन कर योजना का लाभ लेवे। जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय तिलहन मिशन योजना, सब मिशन आंन एग्रीकल्चर मिशन योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। पूर्व में प्रथम चरण में चयनित जिले के समस्त कृषकों से अनुरोध है कि अनुदान पर यंत्र उपकरण प्राप्त करने हेतु आवश्यक कृषक अंश राशि मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग निगम के माध्यम से भुगतान कर यंत्र प्राप्त करें अधिक जानकारी के लिये संबंधित ग्राम के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा संबंधित विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तथा मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग निगम विभाग से भी संपर्क कर सकते है। विकासखण्ड स्तर पर किसानों के आवेदनों का सत्यापन किया जा चूका है। जिसकी सूचना संबंधित कृषकों की दी जा चूकी है।

किसान उर्वरक का अग्रिम उठाव करे

झाबुआ---आगामी खरीफ 2016 मौसम में किसानों को उर्वरक सुगम एवं उचित मुल्य पर उपलब्ध हो जावे इस हेतु म.प्र. शासन से डबललाॅक, सहकारी समितियों को कृषकों के लिये उर्वरकों के अग्रिम उठाव के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये गये है। किसानो की आवश्यकता के अनुसार डबललाॅक के लिये 11443 मैट्रीकटन, सहकारी समितियों के 9351 मैट्रीक टन एवं कृषकों के लिये 6259 मैट्रीक टन उर्वरक आवंटित किया गया है। उर्वरक अग्रिम उठाव की योजना वर्ष 2012 में संचालित की गई योजना के अनुसार ही 1 मार्च 2016 से 31 मई 2016 तक संचालित की जावेगी इस अवधि में किसानो द्वारा साख पर उठाए गए उर्वरक पर देय ब्याज से छूट रहेगी इसी प्रकार सहकारी समितियों एवं डबललाॅक को भी ब्याज से इस अवधि में ब्याज की प्रतिपूर्ति मध्यप्रदेश शासन के द्वारा की जावेगी। अग्रिम भण्डारण के लिये सहकारी समितियों/विपणन संद्य को आवश्यकता पडने पर अतिरिक्त गोदाम लेने पर गोदाम के किराये की प्रतिपूर्ति भी मध्यप्रदेश शासन के द्वारा की जावेगी। आगामी मैासम में उर्वरकों की उपलब्धता एवं आवश्यकता को देखते हुए सहकारी समिति सदस्य किसान भाईयों से कृषि विभाग द्वारा अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में फसल ऋण पर उर्वरक प्राप्त कर लेवे ताकि बाद में उन्हें किसी तरह की परेशानी न उठाना पडे

खनिज शाखा जिला स्तरीय पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण के लिए सचिवालय अधिसूचित

झाबुआ---भारत सरकार पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक 141 (अ) दिनांक 15 जनवरी 2016 की कंडिका-3 ए (11) के पालन में कलेक्टर कार्यालय की खनिज शाखा को जिला स्तरीय पर्यावरण सामाधान निर्धारण प्राधिकरण (क्म्स्।।)तथा जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकन समिति (क्म्।ब्) के सचिवालय के रूप में कार्य करने के लिये अधिसूचित किया गया है।

बैठक में अनुपस्थित सचिव एवं रोजगार सहायक को निलंबन के लिए नोटिस जारी

झाबुआ---कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने आज 18 मार्च को जनपद पंचायत राणापुर के सभाकक्ष में सचिव एवं रोजगार सहायको की बैठक आयोजित कर योजनावार प्रगति की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी, सीईओं राणापुर श्री रघुवंशी, एसडीएम अली सहित सचिव एवं रोजगार सहायक उपस्थित थे। बैठक में अनुपस्थित सचिव एवं रोजगार सहायक को निलंबन के लिए नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाबतलब किया है। संतोषप्रद जवाब प्राप्त नहीं होने पर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। सभी सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों को अपने क्षैत्र में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 31-31 शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य दिया गया। लक्ष्यानुसार निर्माण कार्य नहीं करवाये जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी समग्र पोर्टल पर दर्ज अधिक जनसंख्या का सत्यापन कर 3 दिवस में डिडुप्लीकेशन की कार्यवाही करने के निर्देश सभी सचिवो को दिये।

तीन खरीदी केन्द्रो के स्थान परिवर्तित

झाबुआ---शासन द्वारा शासकीय गोदामों, पीईजी एवं डब्ल्यू डी.आर.ए. योजना अन्तर्गत अनुबंधित गोदामों में गेहूॅ खरीदी हेतु केन्द्र स्थापित करने हेतु प्राप्त निर्देशानुसार जिले के तीन खरीदी केन्द्रो का स्थान परिवर्तित  किया गया है। समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रो को शासकीय गोदाम में गेहूॅ उपार्जन के लिये स्थान निर्धारित किया गया एवं संबंधित गोदाम प्रभारी अधिकारी उपार्जन केन्द्र को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।  विपणन सहकारी संस्था झाबुआ में पंजीकृत किसानों से गेहूॅ का उपार्जन अब म.प्र. वेयर हाउसिग एवं लाॅजिस्टिक कापोरेशन झाबुआमें किया जाएगा। इसी प्रकार विपणन सहकारी संस्था मेघनगर में पंजीकृत किसानो से म.प्र. वेयर हाउसिंग एवं लाॅजिस्टिक कापोरेशन मण्डी प्रागंण के पास झाबुआ रोड मेघनर में खरीदी की जाएगी। आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मेघनगर में पंजीकृत किसानो से गेहूॅ उपार्जन म.प्र. वेयर हाउसिंग एवं लाॅजिस्टिक कार्पोरेशन मण्डी प्रांगण के पास झाबुआ रोड मेघनगर में किया जाएगा।

झाबुआ की करडावद बडी ग्राम पंचायत बनी खुले में शौचमुक्त, गांव में निकाली गई गौरव यात्रा

झाबुआ---स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत छितरी हुई बसाहट में फलियों में बसे सबसे कम साक्षरता दर वाले झाबुआ जिले में स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता आई है उसी का परिणाम है कि लोगो ने सहर्ष आगे आकर अपने घरो में शौचालयों का निर्माण करवाया एवं उनका उपयोग भी कर रहे है। फलस्वरूप ग्राम पंचायत करडावद बडी को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया। खुले में शौच मुक्त होने से ग्रामीण समुदाय में खुशी की लहर देखने को मिली और ग्राम पंचायत स्तर पर गौरव यात्रा निकाली गई, गौरव यात्रा से समुदाय ने अपने आप को गौरवांन्वित महशूस किया। ग्राम पंचायत द्वारा समस्त परिवारों को शौचालय का उपयोग करना सुनिश्चित किया गया इन ग्राम पंचायत में मोर्निग फोलोअप के माध्यम से घर-घर में जाकर जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है।

गाॅव में निकली गौरव यात्रा
ग्राम करडावद बडी में खुले में शौच मुक्त होने पर गौरव यात्रा निकाली गई। गौरव यात्रा में गामीणो ने ढोल ढमाको के साथ नाचते हुवे अपने खुशी व्यक्त की। गोैरव यात्रा में सीईओ जनपद पंचायत श्रीमति निशिबालासिंह सहित जनप्रतिनिधि, ग्रामीण जनों ने भाग लिया एवं सभी को स्वच्छता का संदेश दिया।

भगोरिया में दिखा उत्साह, ढोल-मांदल पर थिरके जिलेवासी

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झाबुआ---होली के पूर्व साप्ताहिक हाट बाजार में सात दिनों तक लगने वाला परंपरागत पर्व भगोरिया शुक्रवार को झाबुआ जिले के माण्डली, भगोर, रामा में उत्साह के साथ संपन्न हुआ। सुबह से ही ग्रामीण अंचलों से युवक-युवतियां सजधज कर अपने परंपरागत वेशभूष के साथ आधुनिक परिधान में ढोल मांदल की थाप पर नाचते गाते शामिल होने लगे थे। ज्यादातर युवक युवतियां एक जैसे परिधान में थे।

पान आईस्क्रींम का लिया जायका
भगोरिया मेले में आये युवक युवतियों ने पान कुल्फी आईस्क्रम का जायका लिया त्यौहार की तरह उत्साह पूर्वक अपने रिश्तेदारो को भी पान एवं आइस्क्रीम मिठाई खिला कर अभिवादन किया। झुले-चकरी व बच्चों के मनोरंजन के साधन भी हाट में दिखाई दिये। वहीं पान, कुल्फी, आईस्क्रीम, सेव भजिए, मिठाई, चश्में, नारीयल पानी, माजम, कांकडी, खजुर, सौन्दर्य प्रसाधन के सामान, कपडे आदी की दुकाने भी बडी मात्रा में लगी थी। दोपहर बाद भगोरिया मेला परवान चढा चारो और भीड ही भीड दिखी हर कोई भगोरिया की मस्ती में नाचते गाते कुर्राटी मारते हुए झुम रहा था।

झूले चकरी पर उमडी भीड
भगोरिया में झूले, चकरी,मौत का कुआं आदि विशेष आकर्षण का केन्द्र थे। इन स्थानों पर सुबह से ही भीड थी हर कोई झुलने के लिए लाईन में अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। झुले में झुलने का उत्साह जबरजस्त देखने को मिला। झुलों के रेट बहुत ज्यादा होने के बावजूद भी झुलने वालो की भीड कम नहीं थी। बच्चों सहित युवक-युवतियांे ने हंसी ठिठोली के साथ झुलने का आंनद लिया वहीं मौत के कुएं में कार,मोटर सायकल की रेस भी कम रोमांचकारी नहीं थी। भगोरिया मैले में पान का विशेष महत्व है बताया जाता है कि भगोरिया में पान खाना व खिलाना बहुत जरूरी है बिना पान खाये भगोरिया नहीं मनाया जाता। इसलिए सभी लोग एक दूसरे को पान खिला कर अपना प्रेम प्रर्दशित करते दिखे।

पुलिस को मीली बडी सफलता10 स्थाई वारंटी गिरफ्तार 
         
झाबुआ---  पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी ने बताया कि स्थाई वारंटी लल्लु पिता नतरिया, निवासी फुलधावडी, जो कि फौ0मु0नं0 344/2001, धारा 363,366 भादवि में फरार चल रहा था, को पुलिस थाना कोतवाली झाबुआ की पुलिस टीम के द्वारा गिरफतार किया गया। स्थाई वारंटी चांदु पिता छगन सिंगोड, उम्र 45 वर्ष निवासी पाडलघाटी, जो कि फौ0मु0नं0 141/2013, धारा 294,323,506 भादवि में फरार चल रहा था, को पुलिस थाना कल्याणपुरा की पुलिस टीम के द्वारा गिरफतार किया गया। स्थाई वारंटी मायाराम पिता थाउ भाभर, उम्र 30 वर्ष निवासी देवली, जो कि फौ0मु0नं0 108/2012, धारा 279,337,427 भादवि में फरार चल रहा था, को पुलिस थाना पेटलावद की पुलिस टीम के द्वारा गिरफतार किया गया। स्थाई वारंटी ओमप्रकाश पिता छगनलाल शर्मा, उम्र 40 वर्ष निवासी पिडोरा बडनगर, जिला उज्जैन, जो कि फौ0मु0नं0 427/2007, धारा 279,321,337 भादवि एवं प्रदीप पिता तेरसिंग सिंगाड, उम्र 31 वर्ष निवासी वन, जो कि फौ0मु0नं0 1142/2000, धारा 379,337,338 भादवि में फरार चल रहे थे, को पुलिस थाना रानापुर की पुलिस टीम के द्वारा गिरफ्तार किया गया। स्थाई वारंटी रालु उर्फ राकेश पिता धुमजी भूरिया, निवासी नेगडिया कल्याणपुरा, जो कि फौ0मु0नं0 933/2013, धारा 457,380 भादवि में फरार चल रहा था, को पुलिस थाना थांदला की पुलिस टीम के द्वारा गिरफ्तार किया गया। स्थाई वारंटी खुशाल पिता हवजी, उम्र 28 वर्ष, निवासी फुटिया, स्थाई वारंटी साका पिता मल्ला, उम्र 29 वर्ष निवासी बाटिया बयडी, स्थाई वारंटी हेमराज पिता बदिया, उम्र 30 वर्ष निवासी बिलीडोज, जो कि फौ0मु0नं0 1638/2013, धारा 458,380,511 भादवि में फरार चल रहे थे, को पुलिस थाना रानापुर की पुलिस टीम के द्वारा गिरफतार किया गया। स्थाई वारंटी भल्ला भाई पिता मलवी कटारा, उम्र 65 वर्ष निवासी दासाखेर दाहोद (गुजरात), जो कि फौ0मु0नं0 533/2012, धारा 304-ए भादवि में फरार चल रहा था, को पुलिस थाना काकनवानी की पुलिस टीम के द्वारा गिरफतार किया गया। पुलिस अधीक्षक ने उक्त 10 स्थाई वारंटियों की गिरफ्तारी पर पुलिस टीम को बधाई दी एवं पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

सट्टा खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार

झाबुआ--- थाना कल्याणपुरा पुलिस टीम के द्वारा आरोपी मडिया पिता रूमा मुणिया, निवासी खुटाया को अवैध रूप से हार-जीत का सट्टा लिखते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से सट्टा-पर्ची व लीड-पेन व नगदी 2,100/-रूपये जप्त कर गिरफ्तार किया गया। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्र0 61/16, धारा 4-ए धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब के तिन अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ---थाना थांदला की पुलिस टीम के द्वारा आरोपी हुरमल पिता कानजी कटारा, उम्र 50 वर्ष निवासी केशरपुरा के कब्जे से 50 क्वाटर शराब, कीमती 1800/-रूपये, थाना कालीदेवी की पुलिस टीम के द्वारा आरोपी मालु पिता अमरसिंह, निवासी धामंदा के कब्जे से 12 बाॅटल बीयर शराब, कीमती 1200/-रूपये, आरोपी अमित पिता घोसिया परमार, निवासी भागीरथ के कब्जे से 25 क्वाटर देशी मदिरा शराब, कीमती 750/-रूपये की जप्त की गई। प्रकरण में थाना थांदला, कालीेदेवी में अपराध क्र0 102,44,45/16, धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना मे घायल की मोत

झाबुआ---  फरियादी हकरिया पिता दितीया डामोर, उम्र 50 वर्ष, वार्ड बाॅय सीएच झाबुआ ने बताया कि मृतक नरेन्द्र पिता नानसिंह, उम्र 25 वर्ष, निवासी मातासुला की एक्सीडेंट में आयी चोटों के कारण मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 20/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

‘भारत अम्मी की जय’ बोलें ओवैसी : शबाना

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नयी दिल्ली, 18 मार्च , गीतकार जावेद अख्तर के बाद उनकी अभिनेत्री पत्नी शबाना आजमी ने आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुये आज कहा कि उन्हें यदि भारत माता कहने पर आपत्ति है तो वह ‘भारत अम्मी की जय’ बोलें। ‘भारत माता की जय’ कहने को लेकर उठे विवाद पर शबाना आजमी ने यहां एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि श्री आेवैसी को यदि माता कहने में एतराज है तो वह भारत अम्मी की जय बोलेें। कार्यक्रम में उनके पति जावेद अख्तर भी मौजूद थे जिन्होंने श्री आेवैसी के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुये राज्यसभा में कहा था कि भारत माता की जय बाेलना उनका अधिकार है। उन्होंने सदन में तीन बार ‘भारत माता की जय’ का नारा भी लगाया था। 

उन्होंने श्री ओवैसी को मुहल्ले का नेता बताया था। श्री अख्तर ने आज कहा कि वह हैदराबाद से बाहर श्री ओवैसी के विरुद्ध कहीं से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हैदराबाद से अलग वह कहीं ऐसी जगह से उनके विरुद्ध चुनाव लड़ने की चुनौती कबूल कर सकते हैं, जहां मुस्लिम और हिंदू आबादी 50-50 प्रतिशत हो। श्री अख्तर और शबाना आजमी ने इस कार्यक्रम में प्यार, परिवार और असहिष्णुता मसलों पर अपनी राय रखी। श्री अख्तर ने कहा कि सहिष्णुता की परिभाषा यह है कि आप कितना सुन सकते हैं। बोलने की आजादी का मतलब यह नहीं कि कुछ भी कह दिया जाए।

जीएसटी लागू होने से होगा तीव्र आर्थिक विकास : केलकर

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नयी दिल्ली 18 मार्च, जाने माने अर्थशास्त्री एवं 13वें वित्त आयोग के अध्यक्ष विजय केलकर ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने पर देश के आर्थिक विकास में तेजी आयेगी। श्री केलकर ने आज यहां स्कोच सम्मेलन में जीएसटी को देश् के लिए बहुत महत्वपूर्ण सुधार बताते हुये कहा कि इससे पूरा देश एक बाजार बन जायेगा और इसके लागू होने से देश में तीव्र विकास का अगला चरण शुरू होगा। प्रमुख केन्द्रीय और राज्य स्तरीय कर के जीएसटी में समाहित होने से करों की जटिलता समाप्त होने के साथ ही अनुपालन लागत भी कम हो जायेगी। जीएसटी के लागू होने के साथ ही धीरे-धीरे केन्द्रीय विक्रय कर भी समाप्त हो जायेगा। 

उन्होंने कहा कि अब तीसरी पीढी के सुधार की ओर बढ रहे हैं जिसमें भूमि, श्रम और पूंजी जैसे क्षेत्रों में सुधार किया जाना है। ये चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है लेकिन अर्थव्यवस्था को विकास के अगले चरण में ले जाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होने से नाॅलेज इकोनॉमी का निर्माण होगा। यदि हमें नाॅलेज आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में तब्दील होना है तो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुती में देश में 10 -20 वैश्विक स्तर के संस्थान बनाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 में शुरू हुये सुधार के दूसरे चरण को अटल विहारी वाजपेयी के कार्यकाल में अागे बढाया गया और अब इसमें तेजी लाने की जरूरत है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (18 मार्च)

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अन्त्योदय मेला की तैयारियों का जायजा 

vidisha newsसिरोंज एवं लटेरी जनपद पंचायत सह निकाय का संयुक्त अन्त्योदय मेला 20 मार्च को लटेरी में आयोजित किया गया है। मेला के मद्देनजर की जाने वाली तैयारियों का आज शुक्रवार को अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया के द्वारा जायजा लिया गया। उन्होंने दोनो विकासखण्ड के एवं जिलाधिकारियों की बैठक लटेरी के जनपद पंचायत कार्यालय में आहूत कर अधिकारियों को मेला के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश के अलावा जबावदेंही सौंपी है।  बैठक में बताया गया कि विभिन्न योजनाओं के तहत 14 हजार 972 हितग्राहियों को 18 करोड़ 49 लाख 12580 रूपए मूल्य की सामग्री, चेक वितरण किए जाएंगे। इसके अलावा 2524.40 लाख की लागत से पूर्ण कराए गए 164 निर्माण कार्यो का लोकार्पण और 995.42 लाख की लागत से कराए जाने वाले 47 निर्माण कार्यो का शिलान्यास आयोजन स्थल पर अतिथियों द्वारा किया जाएगा। बैठक के उपरांत अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया के द्वारा आयोजन स्थल का भी जायजा लिया गया। उन्होंने विभागों के स्टाॅल, हितग्राहियों के बैठने और सामग्री को मेला स्थल पर रखने के संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिए। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने बताया कि प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत भी अन्त्योदय मेला में शामिल होंगे। मेला प्रातः 10 बजे से प्रारंभ होगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओें के प्रचार-प्रसार हेतु लगाए जाने वाले स्टाॅल एक दिन पूर्व प्रदर्शनी स्टाॅलो में लगाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा आयोजन स्थल पर विशाल स्वास्थ्य उपचार केम्प के साथ-साथ मेडीकल बोर्ड भी मौजूद रहेगा। बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार मेला का भी आयोजन इस दौरान किया जाएगा। इस अवसर पर सिरोेंज एसडीएम श्री आरके शर्मा समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। 

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण 

अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने लटेरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों से संवाद स्थापित किए। अस्पताल में साफ-सफाई नही होने पर उन्होंने अप्रसन्नता जाहिर करते हुए डाक्टर बघेल एवं डाॅ रघुवंशी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई समय सीमा में कराई जाए। उन्होंने डाक्टर बघेल से कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में समय पर चिकित्सक मौजूद रहना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने बघेल से कहा कि वे कार्य पर उपस्थित हो रहे है तो पूरी तन्मयता से स्वास्थ्य संबंधी कार्यो का सम्पादन करें।

छात्रावास का निरीक्षण, अव्यवस्थाओं पर असंतोष जाहिर

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अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने शुक्रवार को लटेरी विकासखण्ड के ग्राम दनवास में आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित बालिका छात्रावास का भी औचक निरीक्षण किया। यहां बालिकाओं को दी जाने वाली सुविधाओं में कमियां पाए जाने पर उन्होंने असंतोष जाहिर करते हुए छात्रावास अधीक्षक श्रीमती बेबी राजपूत, भृत्य श्री भारत सिंह और अनुपस्थित चैकीदार सावित्री बाई के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश विभाग के अधिकारी को दिए है। छात्रावास में रह रही बच्चियों से अपर कलेक्टर ने संवाद स्थापित कर उनसे पढ़ाई लिखाई के अलावा भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। अपर कलेक्टर के द्वारा छात्रावास की किचिन एवं अन्य कक्षो का भी निरीक्षण किया गया। 

जेल का निरीक्षण
लटेरी के उप जेल का भी अपर कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया गया। यहां उन्होंने बंदियों को शासन के मापदण्ड अनुसार दी जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। 

छेडछाड की घटनाये नही रूकी तो लड़कियों काे स्कूल भेजना बंद : बालियान

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मुजफ्फरनगर ,18 मार्च, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में छेडखानी की एक घटना को लेकर पनपे तनाव के बीच केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने आज पुलिस प्रशासन से दो टूक कहा कि यदि छेडछाड की घटनाएं न रूकी तो लड़कियों को स्कूल, कालेज भेजना बंद कर देंगे तथा कालेज भी बंद करा दिये जायेंगे । श्री बालियान ने आज यहां नया बांस स्थित खजानी देवी कश्यप धर्मशाला में पीडित परिवार से मुलाकात कर घटना की विस्तृत जानकारी ली । उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन दोषी है। पुलिस ने हालात को गंभीरता से नही लिया जिससे दो समुदायों के बीच जारी तनाव को हवा मिली। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने कल देर रात घटना के विरोध में शिव चौक पर लोकतांत्रित तरीके से धरना दिया था मगर पुलिस ने सरकार की शह पर उन पर लाठियां भांजी अाैर इस लाठीचार्ज में महिलाओं तक को नही बख्शा गया। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन के माध्यम से शांतिपूर्ण विरोध करना हर नागिरक का हक है लेकिन इस हक को भी सपा सरकार जिला प्रशासन के माध्यम से छीन लेना चाहती है। 

श्री बालियान ने कहा कि लाठीचार्ज के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और उनका जिले से स्थानान्तरण किया जाना चाहिए । छेडछाड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। कवाल कांड भी छेडछाड की घटना का ही परिणाम था फिर भी पुलिस और प्रशासन ने सबक नहीं लिया । प्रशासन अगर सबक लेता तो नया बांस की घटना को टाला जा सकता था । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन छेडछाड की घटनाओं को रोक नहीं पाया तो भाजपा सड़कों पर आकर प्रदर्शन करेगी। कालेजों एवं स्कूलों को भी बंद करा दिया जायेगा । जब तक छेडछाड की घटनाएं बंद नहीं होती तब तक लड़कियों को स्कूल और कालेज में नहीं भेजा जायेगा । कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार मनमर्जी का काम कर रही है तथा पुलिस और प्रशासन से भी उसी तरह का कार्य करा रही है। इस मामले को उच्च स्तर तक उठाया जायेगा। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली इलाके के नया बांस में छेडछाड की घटना को लेकर दो सम्प्रदायों के लोगों के बीच हुयी पथराव और फायरिंग में चार लोग घायल हो गये थे । घटना के बाद शहर में तनाव को देखते हुए पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गयी थी । अब शहर में स्थिति सामान्य है । एहतियातन पुलिस तैनात है ।

खालिद और अनिर्बान को मिली जमानत

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नयी दिल्ली, 18 मार्च, देशद्रोह के आरोप में पिछले तीन सप्ताह से ज्यादा समय से तिहाड़ जेल में बंद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दो छात्राें उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को पटियाला हाउस अदालत ने आज छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी। इन दाेनों छात्राें पर जेएनयू परिसर में 09 फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने अनिर्बान और खालिद में से प्रत्येक को 25 हजार के जमानती बाँड और उतनी ही राशि के मुचलके की शर्त के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया और साथ ही यह भी कहा कि दोनों छात्र अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेंगे। अनिर्बान और खालिद की तरह ही देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर छह महीने की अंतरिम जमानत पर तीन मार्च को रिहा कर दिया गया था। 

दिल्ली पुलिस ने अनिर्बान और खालिद को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए दलील दी थी कि नौ फरवरी को दोनों छात्रों ने एक ऐसी भीड़ का नेतृत्व किया था जो देश विरोधी नारे लगा रही थी। दोनों छात्रों का इरादा सरकार के खिलाफ नफरत फैलाना था लिहाजा यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला बनता है। पुलिस का यह भी कहना था कि अनिर्बान और खालिद का मामला कन्हैया के मामले से अलग हैं लेकिन अदालत ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि अनिर्बान और खालिद ने अच्छी शिक्षा हासिल की है। उनकी विश्वसनीयता और परिवार की पृष्ठभूमि पर सरकार ने काेई सवाल नहीं उठाए हैं। दूसरी बात यह भी है कि भले ही इन दोनों पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हों पुलिस ने उनके खिलाफ वीडियो फुटेज की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने में वक्त लगने की बात कही है, ऐसे में दोनों को छह महीने की अंतिरम जमानत दी जाती है।

कांग्रेस ने ममता के खिलाफ उतारा दीपा दासमुंशी को

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नयी दिल्ली, 18 मार्च, कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भवानीपुर सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी की पत्नी एवं पूर्व सांसद दीपा दासमुंशी को उतारने की घोषणा की है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पौत्र चंद्र बोस को टिकट देने का पहले ही फैसला कर चुकी है। 

कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के लिए आज 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है जिसमें श्रीमती दासमुंशी को भवानीपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी इससे पहले 43 उम्मीदवाराें की घोषणा कर चुकी है। राज्य की 294 सीटों वाली विधानसभा के लिए छह चरणों में चुनाव होना है। कांग्रेस महासचिव मधुसूदन मिस्त्री द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार इन उम्मीदवारों के नाम को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी गयी।

असंगठित क्षेत्र की महिलाकर्मी यौन उत्पीड़न निरोधक कानून के लाभ से वंचित

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नयी दिल्ली,18 मार्च, कामकाजी महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गए ‘यौन-उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) कानून-2013’ का फायदा कार्पोरेट और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं तक तो पहुंचा है लेकिन असंगठित क्षेत्र की महिलाएं अभी भी इसके लाभ से वंचित हैं। कार्यस्थलों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न राेकने के कानून और उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर आज यहां आयोजित एक परिचर्चा में सरकारी संगठनों,स्वयंसेवी संस्थाआें और कार्पोरेट जगत से जुड़ी महिलाकर्मियों ने यह विचार व्यक्त किया। उनका कहना था कि इस कानून का मकसद तभी पूरा होगा जब असंगठित क्षेत्र की महिलाएं भी इससे लाभान्वित होंगी क्योंकि देश में महिला श्रम बल का 92 फीसदी हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम कर रहा है। 

कानून के तहत स्थानीय स्तर पर गठित शिकायत सुनवाई समिति की गुड़गांव इकाई की अध्यक्ष अनुराधा शर्मा ने कहा कि अज्ञानता,अशिक्षा और भाषाई समस्याओं के कारण असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला श्रमिकों में से ज्यादातर को यह तक नहीं पता है कि ऐसा कोई कानून भी है जो कार्यस्थलों में उन्हें अनुकूल और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है। ऐसे में अपने खिलाफ होने वाले ऐसे अपराधों को लेकर ये महिलाएं अक्सर चुप्पी साध लेती हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में ऐसे मामलों के पीछे ज्यादातर नियोक्ताओं का ही हाथ रहता है ऐसे में वह अपनी नौकरी जाने के डर से चुप रह जाती हैं,नतीजा यह होता है के उनके खिलाफ ऐसे अपराध करने वालों का हौसला बढ़ता जाता है। कानून के तहत जिन कंपनियों और सरकारी कार्यालयों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई के लिए आतंरिक समितियों का गठन किन्ही कारणों से नहीं हो पाता, वहां स्थानीय स्तर पर शिकायत सुनवाई समितियों के गठन का प्रावधान किया गया है। 

लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में एक फीसदी तक की कटौती

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नयी दिल्ली 18 मार्च, सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर को 8.7 फीसदी से कम कर 8.1 प्रतिशत करने के साथ अधिकांश लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती कर दी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पीपीएफ के साथ ही किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 8.7 प्रतिशत से कम कर 7.8 प्रतिशत कर दी गयी है। इसके साथ ही डाकघर सावधि जमा योजनाओं की ब्याज दरें भी कम की गयी है जो एक अप्रैल से प्रभावी होगी। वित्त मंत्रालय ने 01 अप्रैल 2016 से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर की तिमाही आधार पर समीक्षा करने का निर्णय लिया था ताकि इन्हें सरकारी प्रतिभूतियों पर मिलने वाली बाजार दर के अनुरूप बनाया जा सके। अभी एक साल, दो साल और तीन साल के सावधि जमा, किसान विकास पत्र तथा पाँच साल के आवर्ती जमा पर समकालिक सरकारी प्रतिभूति की तुलना में 0.25 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है। एक अप्रैल से इन पर यह सुविधा समाप्त हो जायेगी। 

एक वर्ष की डाकघर जमा योजना पर ब्याज को 8.4 प्रतिशत से कम कर 7.1 प्रतिशत और दो वर्ष की डाकघर जमा योजना पर मिलने वाले ब्याज को 8.4 प्रतिशत से कम कर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह से तीन वर्षीय जमा योजना की ब्याज दर को 8.4 प्रतिशत से घटाकर 7.4 प्रतिशत और पांच वर्षीय योजना की ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से कम कर 7.9 फीसदी कर दी गयी है। पांच वर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) पर ब्याज को कम कर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है। पांच वर्षीय वरिष्ठ नागिरक जमा योजना की ब्याज दर को भी 9.3 प्रतिशत से कम कर 8.6 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त कन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर को भी 9.2 प्रतिशत कम कर 8.6 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि डाक बचत योजनाओं की ब्याज दर को चार प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान नहीं किया जा सका : चौधरी

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पटना,18 मार्च, बिहार विधान परिषद में सरकार ने आज स्वीकार किया कि नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका । शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के संजीव श्याम सिंह के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों को नवम्बर तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है । इन शिक्षकों को नये वेतनमान के अनुरूप भुगतान किया गया । उन्होंने कहा कि वेतन मद की राशि सभी जिलों में उपलब्ध करा दी गयी है । श्री चौधरी ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाता है और केन्द्र सरकार ने इस मद में राशि की कटौती की है । इस योजना के मद में केद्रांश में की गयी कटौती के कारण शिक्षकों के वेतन भुगतान में कठिनाई हो रही है । उन्होंने कहा कि इसमें कटौती कर 60 और 40 प्रतिशत कर दिया गया । 

श्री चौधरी ने कहा कि इन सबके बावजूद राज्य सरकार ने नवम्बर तक का वेतन भुगतान कर दिया है । राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है । उन्होंने कहा कि इसी तरह माध्यमिक शिक्षकों का वेतन भुगतान मार्च तक कर दिया गया है । शिक्षा मंत्री ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाना था लेकिन अब इस पर पूरी तरह से राजनीति हो रही है । नियोजित शिक्षकों के मामले में पहले सभी राजनीतिक दल एकजुट थे लेकिन अब ऐसा नहीं है । उन्होंने मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के दरवाजे पर जाकर बैठते तो सरलता से राशि मिल जाती । श्री चौधरी ने कहा कि पूर्व में सभी दलों ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ना चाहिए और अब इस पर राजनीति की जा रही है । उन्होंने कहा कि केन्द्रांश नहीं मिलने पर भी शिक्षकों को वेतन दिया जायेगा । सरकार इस दिशा में कारगर कदम उठा रही है ।

इस पर प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चुनाव में वोट लेने के लिए नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ा दिया गया और उन्हें छोड़ दिया गया । नियोजित शिक्षकों का वेतन समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसके कारण उसके समक्ष कठिनाइयां आ रही हैं । उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने की जानकारी भी केन्द्र सरकार को नहीं दी गयी । इस दौरान शिक्षा मंत्री और प्रतिपक्ष के नेता के बीच नोक-झोक भी हुई । श्री चौधरी ने भाजपा के रजनीश कुमार और अन्य के सवाल के जवाब में कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत वर्ष 2015-16 में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के 45 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का राज्य के 3695 निजी स्कूलों में नामांकन हुआ है । उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में इसे और प्रभावी बनाया जायेगा । उन्होंने स्वीकार किया कि अभी यह प्रभावी ढ़ंग से नहीं हो पा रहा है । बाद में प्रतिपक्ष के नेता श्री मोदी ने अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार अपना ही राज्यांश खर्च नहीं कर पायी । उन्होंने कहा कि 2954 करोड़ रुपये राज्यांश था जिसमें से 1677 ही खर्च हो पाया । उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ाये जाने की सूचना केन्द्र को नहीं दी गयी। 

बिहार के 2014-15 के बजट के 43925.80 करोड़ खर्च नहीं किये जा सके : कैग

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पटना,18 मार्च, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) ने कहा है कि बिहार के वर्ष 2014-15 के 140022.59 करोड़ के बजट में से 43925.80 करोड़ खर्च नहीं किये जा सके और 27334.02 करोड़ रुपये अभ्यर्पित कर दिये गये जो अनुचित बजट अनुमान का परिचायक है। राज्य के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 की कैग रिपोर्ट आज बिहार विधानसभा के पटल पर रखी । बिहार के महालेखाकर पी के सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में 140022.59 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसमें से 43925.80 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किये जा सके । जिससे कई विभागों के विकास कार्य प्रभावित हुए । श्री सिंह ने बताया कि खर्च न किये जा सके 43925.80 करोड़ रुपये में से 27334.02 करोड़ रुपये सरकार ने अभ्यर्पित करा दिये जो खर्च न की गयी रकम का 62.23 प्रतिशत हिस्सा है।उन्होंने बताया कि सिर्फ 31 मार्च 2015 को ही 22740.73 करोड़ रुपये अभ्यर्पित कर दिये गये। 

महालेखाकार ने बताया कि पूर्व के वर्षों में प्रावधानित राशि से 1062.46 करोड़ रुपये अधिक खर्च किये गये जिन्हें 
संविधान के अनुच्छेद 205 के तहत नियमित कराना अपेक्षित था।उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान नियंत्रक अधिकारियों ने 75 मुख्य मदों के तहत 68657.81 करोड़ रुपये का समाशोधन नहीं किया । श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान आकस्मिकता निधि से 1875.84 करोड़ रुपये के 101 आहरण हुए जिसमें से 1667.15 करोड़ रुपये के 67 आहरण दिन-प्रतिदिन के खर्च के लिए थे । उन्होंने बताया कि अधिकारियों की विफलता के कारण सार आकस्मिक विपत्रों पर आहरित 5381.42 करोड़ रुपये की राशि मार्च 2015 तक लंबित थी। महालेखाकार ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा सहायता अनुदान विपत्रों के विरुद्ध आहरित 31510.73 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र 31 मार्च 2015 तक लंबित था ।उपयोगिता प्रमाणपत्रों का वितरण न करना अधिकारियों की विफलता प्रदर्शित करती है । श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान राजस्व अधिशेष 5847.56 करोड़ रुपये था ।चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा बढ़कर 11178.50 करोड़ हो गया जो पिछले वर्ष से 34 प्रतिशत अधिक था।यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.78 प्रतिशत था जो तेरहवें वित्त आयोग की अनुशंसा की सीमा तीन प्रतिशत से कम था। 

नीतीश-लालू की मुलाकात से सियासी चर्चा गर्म

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पटना 18 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की । राजद प्रमुख के साथ मुख्यमंत्री श्री कुमार की इस मुलाकात को असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में होने विधानसभा चुनाव तथा 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है । दोनों नेताओं की हुई इस मुलाकात के संबंध में उनके दलों की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है जिससे सियासी चर्चा गर्म है । 

इस बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजद प्रमुख और मुख्यमंत्री की मुलाकात को औपचारिक और निजी बताया है । उन्होंने कहा कि इस मुलाकात को उत्तरप्रदेश के चुनाव से जोड़कर देखा जाना सही नहीं है । गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में श्री अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल का जनता दल यूनाइटेड में विलय को लेकर बातचीत चल रही है । वहीं असम में जदयू , राजद और सांसद बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ का महागठबंधन बना है । बिहार में सत्ता में भागीदार कांग्रेस अभी इससे अलग है । 

मुश्किल में उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार

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देहरादून,18 मार्च, उत्तराखंड कांग्रेस विधायक दल में फूट पड़ गई है जिसके बाद राज्य की हरीश रावत सरकार के लिए संकट पैदा हो गया है। विधानसभा में आज शाम पूरक अनुदान मांगे पारित कराने के लिए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मत विभाजन की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने ठुकरा दिया और इन्हें भारी हंगामें के बीच पारित घोषित कर दिया। इसी दौरान राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी मत विभाजन की मांग पर अड़ गए और कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा के खेमे में जा खड़े हुए। 

इन विधायकों में श्री रावत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा,अमृता रावत और सुबोध उनियाल भी शामिल थे। इन विधायकों का दावा था कि सरकार बहुमत खो चुकी है। इसी गहमा गहमी में श्री हरक सिंह रावत और राज्य के एक अन्य मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच हाथापाई हो गई। इसके बाद विधानसभा परिसर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने यह दावा किया कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।

संभव है कि सरकार जीएसटी बिल को भी ‘मनी बिल’ के रूप में लाये : रमेश

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नयी दिल्ली, 18 मार्च, कांग्रेस ने आज आशंका जतायी कि सरकार आधार विधेयक की तर्ज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को धन विधेयक के रूप में पारित कराने का प्रयास कर सकती है ताकि राज्यसभा को नज़रअंदाज किया जा सके। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में यह अंदेशा जताया। आधार विधेयक को पारित कराये जाने के तौर तरीकों को राज्यसभा पर ‘सोच समझ कर किया गया हमला’ करार देते हुए श्री रमेश ने कहा कि जीएसटी प्रणाली लाने के लिये संविधान संशोधन विधेयक लाना होगा और इसके बाद जीएसटी का विधेयक आएगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि संविधान संशोधन पारित कराने के बाद सरकार जीएसटी को धन विधेयक के रूप में ले आये ताकि आधार विधेयक की तरह इसे भी राज्यसभा से बचा कर मनमाने ढंग से पारित करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के वित्त मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, रक्षा मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, ऊर्जा एवं कोयला मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री आदि कई मंत्री राज्यसभा में हैं। इससे समझा जा सकता है कि उनकी राज्यसभा को नजरअंदाज करने की क्या साजिश है। 

श्री रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 110 का सहारा लेते हुए उसे धन विधेयक के रूप में पेश किया और लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उसे धन विधेयक के रूप में मान्यता भी दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि आधार विधेयक को धन विधेयक बनाने के लिये श्री जेटली ने संविधान के इस अनुच्छेद का गलत अर्थ पेश किया जबकि कई संविधान विशेषज्ञों ने आधार विधेयक को धन विधेयक बनाये जाने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने भविष्य में सरकाराें के लिये राज्यसभा को दरकिनार करने का एक रास्ता खोल दिया है। उन्होंने आधार विधेयक में विपक्ष द्वारा संशोधन पेश किये जाने को संविधान के अनुच्छेद 109 के तहत राज्यसभा का अधिकार बताते हुए कहा कि राज्यसभा ने अपना धर्म निभाया। उसे आधार विधेयक में कमियाँ महसूस हुईं। उन्होंने 11 संशोधनों का सुझाव दिया था जिनमें से पांच पर मतदान के माध्यम से उच्च सदन के सिफारिश की थी पर लोकसभा में उन सिफारिशों को नकार दिया गया। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी को भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता नहीं चाहते हैं। गुजरात सरकार भी उससे राज्य के राजस्व में नुकसान की आशंका से उचित नहीं मानती है। लेकिन ऐसा प्रदर्शित किया जा रहा है कि कांग्रेस इसे रोक कर खड़ी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कांग्रेस की तीन माँगे हैं जिन पर वे सहमत होते लगते हैं। एक प्रतिशत राज्यों द्वारा कर लगाने को लेकर तथा दरों की सीमा को लेकर उनका विरोध केवल उसे संविधान में लिखने को लेकर है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर बातचीत होगी। 

पीडीपी की किसी शर्त को मानने से भाजपा का इनकार

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नयी दिल्ली 18 मार्च, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वह अपने गठबंधन सहयोगी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट(पीडीपी)की किसी भी शर्त को स्वीकार नहीं करेगी जिससे जम्मू कश्मीर में सरकार गठन की राह और मुश्किल होती दिख रही है । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बीच गत रात हुई बैठक के बाद जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर उम्मीदें बंधनी शुरू हुई थीं लेकिन भाजपा महासचिव राम माधव ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है । 

उन्होंने आज यहां संवाददाताओं से कहा,“ सरकार गठन की जिम्मेदारी पीडीपी की है और उसे ही अपना मुख्यमंत्री उम्मीद का नाम घोषित करना है। हम पीडीपी की कोई भी नयी मांग स्वीकार नहीं करेंगे। गठबंधन सरकार के गठन के बाद ही मांगों के बारे में विचार किया जाएगा। ” गत जनवरी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से वहां राज्यपाल शासन लागू है। 

रावत सरकार को गिराना संभव नहीं : उपाध्याय

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देहरादून 18 मार्च, भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि राज्य की हरीश रावत सरकार को गिराने की साजिश हुई थी और कहा कि वह मजबूत स्थति में है और उसे किसी तरह का खतरा नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के इशारे पर राज्य सरकार को गिराने की इस समय चौथी बार साजिश हुई है और इस बार भी उसकी यह साजिश कांग्रेस विधायकों की एकजुटता के कारण नाकामयाब हुई है। उन्होंने दावा किया कि रावत सरकार लोकप्रिय है और उसे गिराना किसी के लिए भी संभव नहीं है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ केन्द्रीय नेता कुछ कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये लेकर पोंटा साहिब और सहारनपुर में रुके हुए थे। भाजपा के जो पांच विधायक उनके संपर्क में हैं आैर उनसे ही पता चला कि कांग्रेस विधायकों को खरीद कर उत्तराखंड सरकार को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। श्री उपाध्याय ने कहा कि भाजपा अरुणाचल प्रदेश वाला खेल उत्तराखंड में भी खेलना चाह रही है। यह सूचना उन्हें पहले ही मिल गई थी। सूचना देने वाले विधायक का नाम उन्होंने नहीं बताया लेकिन दावा किया कि भाजपा के पांच विधायक व्यक्तिगत रूप से उनके संपर्क में हैं और हरीश रावत सरकार पर कोई खतरा नहीं है।

होली विशेष : आनन्द, उल्लास, मनोरंजन व रंगों का त्योहार होली

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जातिभेद-वर्णभेद, ऊँच-नीच,अमीर-गरीब का भेद भूलकर बाल-वृद्ध, नर-नारी सभी के द्वारा बड़े उत्साह एवं समारोह पूर्वक अतिपुरातन काल से मनाई जाने वाली होली एक ओर जहाँ भारतवर्ष का सामाजिक एवं धार्मिक त्योहार है, वहीं आनन्द,उल्लास, मनोरंजन और रंगों का भी त्योहार है । फाल्गुन मास में पूर्ण चन्द्रमा के दिन मनाई जाने वाली होली  उत्तर भारत में एक सप्ताह व मणिपुर में छह दिन तक मनाई जाती है। होली वर्ष का अंतिम तथा जनसामान्य का सबसे बड़ा त्योहार है। वर्ष के अन्तिम दिन पूर्ण चन्द्रमा की रात्रि होलिका की अग्नि में पुराने वर्ष के अवसाद जो होलिका अर्थात होली  के रूप में जल जाने तथा नूतन वर्ष नवीन आशाएँ, आकांक्षाएँ लेकर प्रकट होने का द्योतक होता है। मानव जीवन में नई ऊर्जा, नई स्फूर्ति का विकास का संकल्प लेकर आने वाला होलिकोत्सव हिन्दुओं का नववर्षोत्सव भी है। मनुस्मृति में इस दिवस को पृथ्वी पर आने वाले सर्वप्रथम मानव- मनु अवतरण दिवस भी कहा गया है। पुरातन ग्रन्थों में इसी दिन नर-नारायण के जन्म का भी वर्णन है जिन्हें भगवान विष्णु का चौथा अवतार माना जाता है। होली भारतवर्ष का अत्यन्त प्राचीन पर्व है जो होली, होलिका या होलाका नाम से मनाया जाता था। प्राचीन काल से ही इस पर्व को नवान्नेष्टि यज्ञपर्व भी कहा जाता रहा है, क्योंकि खेत से आये नवीन अन्न को इस दिन यज्ञ में हवन करके प्रसाद लेने की परम्परा भी है ।उस अन्न को होला कहते है ।इसी से इसका नाम होलिकोत्सव पड़ा।इसका वर्णन अनेक पुरातन ग्रन्थों में है।

संस्कृत शब्द होलक्का से होली शब्द का जन्म हुआ है। वैदिक युग में होलक्का को ऐसा अन्न माना जाता था, जो देवों का मुख्य रूप से खाद्य-पदार्थ था। होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका भावार्थ होता है होली के आठ दिन। इसकी शुरुआत होलिका दहन के सात दिन पहले और होली खेले जाने वाले दिन के आठ दिन पहले होती है और धुलेंडी के दिन से इसका समापन हो जाता है। अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होकर चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तक होलाष्टक रहता है। अष्टमी तिथि से शुरू होने कारण भी इसे होलाष्टक कहा जाता है। दूसरे शब्दों में हमें होली आने की पूर्व सूचना होलाष्टक से प्राप्त होती है। इसी दिन से होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियाँ भी शुरू हो जाती है। पुरातन ग्रन्थों के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि अति प्राचीन इस उत्सव का आरम्भिक शब्दरूप होलाका था। लगभग 400 ईसा पूर्व के जैमिनि ब्राह्मण 1/3/15-16 में होलाका शब्द आया है। भारतवर्ष के पूर्वी भागों में होलाका शब्द प्रचलित था । जैमिनि एवं शबर के अनुसार होलाका सभी आर्यो द्वारा सम्पादित होना चाहिए। काठकगृह्य सूत्र 73/1 में एक सूत्र आया है - राका होला के,  जिसकी व्याख्या टीकाकारों ने इस प्रकार की है- होला एक कर्म-विशेष है जो स्त्रियों के सौभाग्य के लिए सम्पादित होता है, उस कृत्य में राका (पूर्णचन्द्र देवता) है। राका होलाके। -काठकगृह्य – 73/1 

अर्थात - होला कर्मविशेषः सौभाग्याय स्त्रीणां प्रातरनुष्ठीयते। तत्र होला के राका देवता। यास्ते राके सुभतय इत्यादि। होलाका  उन बीस क्रीड़ाओं में एक है जो सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित हैं। इसका उल्लेख वात्सयायनके कामसूत्र 1/4/42 में भी हुआ है। कामसूत्र 1/4/42 में कहा गया है, फाल्गुन की पूर्णिमा पर लोग श्रृंग से एक-दूसरे पर रंगीन जल छोड़ते हैं और सुगंधित चूर्ण बिखेरते हैं। हेमाद्रि व्रत ग्रन्थ  काल, पृ. 106 में बृहद्यम का एक श्लोक उद्धृत किया गया है। जिसमें होलिका-पूर्णिमा को हुताशनी (आलकज की भान्ति) कहा गया है। लिंग पुराण और वराह पुराण में भी यह कथा अंकित है। फाल्गुन पूर्णिमा को फाल्गुनिका की संज्ञा देते हुए लिंग पुराण में कहा गया है कि यह बाल-क्रीड़ाओं से पूर्ण है और लोगों को विभूति, ऐश्वर्य देने वाली है -
फाल्गुने पौर्णमासी च सदा बालविकासिनी ।
ज्ञेया फाल्गुनिका सा च ज्ञेया लोकर्विभूतये।। -लिंगपुराण 
वराह पुराण में इसे पटवासविलासिनी (चूर्ण से युक्त क्रीड़ाओं वाली) कहा गया है। 
फाल्गुने पौर्णिमास्यां तु पटवासविलासिनी ।
ज्ञेया सा फाल्गुनी लोके कार्या लोकसमृद्धय।। - वराहपुराण 
हेमाद्रिव्रत ग्रन्थ काल के कालवि में इसका अर्थ बालवज्जनविलासिन्यामित्यर्थ: किया गया है।

लगभग 400 ईसा पूर्व से उपलब्ध जैमिनि ब्राहण एवं काठकगृह्य सूत्र में होलाका शब्द अंकित होने के कारण यह कहा जा सकता है कि भारतवर्ष में ईसा की कई शताब्दियों पूर्व से होलाका का उत्सव प्रचलित था। ऋषि वात्सयायन कृत कामसूत्र एवं भविष्योत्तर पुराण इसे वसन्त से संयुक्त बताया गया है। इससे स्पष्ट है कि  यह उत्सव पूर्णिमान्त गणना के अनुसार वर्ष के अन्त में होता था। अत: होलिका हेमन्त या पतझड़ के अन्त की सूचक है और वसन्त की काम प्रेममय लीलाओं की द्योतक है। मस्ती भरे गाने, नृत्य एवं संगीत वसन्तागमन के उल्लासपूर्ण क्षणों के परिचायक हैं। वसन्त की आनन्दाभिव्यक्ति रंगीन जल एवं लाल रंग, अबीर-गुलाल के पारस्परिक आदान-प्रदान से प्रकट होती है। कुछ प्रदेशों में यह रंग युक्त वातावरण होलिका के दिन  ही होता है, किन्तु दक्षिण में यह होलिका के पाँचवें दिन रंग पञ्चमी मनायी जाती है। कहीं-कहीं रंगों के खेल पहले से आरम्भ कर दिये जाते हैं और बहुत दिनों तक चलते रहते हैं; होलिका के पूर्व ही पहुनई  में आये हुए लोग एक-दूसरे पर पंक (कीचड़) भी फेंकते हैं । वर्षकृत्यदीपक में कहा गया है-

प्रभाते बिमले जाते ह्यंगे भस्म च कारयेत् ।
सर्वागे च ललाटे च क्रीडितव्यं पिशाचवत।।
सिन्दरै: कुंकुमैश्चैव धूलिभिर्धूसरो भवेत्। 
गीतं वाद्यं च नृत्यं च कृर्याद्रथ्योपसर्पणम् ।।
ब्राह्मणै: क्षत्रियैर्वैश्यै: शूद्रैश्चान्यैश्च जातिभि: ।
एकीभूय प्रकर्तव्या क्रीडा या फाल्गुने सदा ।
बालकै: वह गन्तव्यं फाल्गुन्यां च युधिष्ठिर।। - वर्षकृत्यदीपक पृष्ठ 301

कही-कहीं दो-तीन दिनों तक मिट्टी, पंक, रंग, गान आदि से लोग मतवाले होकर दल बना कर होली का हुड़दंग मचाते हैं, सड़कें लाल हो जाती हैं। वास्तव में यह उत्सव प्रेम करने से सम्बन्धित है, किन्तु शिष्टजनों की नारियाँ इन दिनों बाहर नहीं निकल पातीं, क्योंकि उन्हें भय रहता है कि लोग भद्दी गालियाँ न दे बैठें।

यद्यपि वैदिक विद्वान् होली को वैदिक नवान्नेष्टि यज्ञ का वर्तमान रूप मानते हैं, तथापि होली पर्व के साथ अनेक धार्मिक मान्यताएँ, मिथक, परम्पराएँ और ऐतिहासिक घटनाएँ संयुक्त  हैं और इससे सम्बंधित अनेक कथाएँ भी प्रचलित हैं पर अंतत: इस पर्व का उद्देश्य मानव–कल्याण ही है। लोकसंगीत, नृत्य, नाट्य, लोककथाओं, किस्से, कहानियों और यहाँ तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे छिपे संस्कारों, मान्यताओं व दिलचस्प पहलुओं की झलक मिलती है। होली के त्यौहार से जुड़ी अनेक पौराणिक गाथाओं में कामदेव ,प्रह्लाद ,ढूण्ढ़िका और पूतना की कहानियाँ प्रमुख है, परन्तु प्रत्येक कहानी का अन्त असत्य पर सत्य अर्थात अधर्म पर धर्म की विजय से होती है और अंततः राक्षसी प्रवृत्तियों का अन्त होता है। होली की पहली कहानी शिव और पार्वती से जुड़ी है। हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान शिव से हो जाये परन्तु शिव अपनी तपस्या में लीन थे। इस पर कामदेव पार्वती की सहायता हेतु आगे आये। उन्होंने प्रेम बाण चलाया जिससे शिव की तपस्या भंग हो गयी। इस पर शिव को बड़ा क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी नेत्र  खोल दी। उनके क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया। फिर शिव ने पार्वती को देखा। पार्वती की आराधना सफल हुई और शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया । होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर सच्चे प्रेम की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

 होली का त्यौहार प्रह्लाद और होलिका की कथा से भी जुड़ा हुआ है । पौराणिक ग्रंथों के अनुसार प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यपु नास्तिक थे । उसकी इच्छा थी कि उनका पुत्र भगवान नारायण की आराधना छोड़ दे,  परन्तु प्रह्लाद इस बात के लिये तैयार नहीं था।  हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ आग में बैठने को कहा।  होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी, परन्तु होलिका का यह वरदान उस समय समाप्त हो गया जब उसने भगवान भक्त प्रह्लाद का वध करने का प्रयत्न किया।  होलिका अग्नि में जल गई परन्तु नारायण की कृपा से प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ । होलिका को यह स्मरण ही नहीं रहा कि अग्नि स्नान वह अकेले ही कर सकती है। प्रचलित मान्यता के अनुसार होलिकोत्सव हिरण्यकशिपु की बहन होलिका के मारे जाने की स्मृति में मनाया जाता है।

भविष्योत्तर पुराण 132/1/151 में अंकित एक कथा में , युधिष्ठिर के द्वारा फाल्गुन-पूर्णिमा को प्रत्येक गाँव व नगर में उत्सव मनाये  जाने, प्रत्येक घर में बच्चों के क्रीड़ामय हो जाने और होलाका जलाये जाने का  कारण और तत्सम्बन्धी कथा के बारे में पूछे जाने पर श्रीकृष्ण ने उसमें होने वाले देवता की पूजा, इस उत्सव का प्रचारकर्ता और इसे अडाडा कहे जाने का कारण बतलाने के लिए एक कथा की  सहारा ली है। कथा के अनुसार सतयुग में दैत्यों के कुलगुरू शुक्राचार्य की कन्या जिसका नाम ढूण्ढ़िका था बहुत ही कामांध थी । यह  कथा थोड़े  बहुत उलट  फेर  के  साथ कई  पुरातन  ग्रंथों  में  आई  है। ढूण्ढ़िका को कहीं-कहीं ढोण्ढा, कहीं ढुण्ढा तो कहीं धुंधा भी कहा गया है । ढूण्ढ़िका की कामवासना इतनी प्रबल थी कि वह हजारों पुरूषों से संबध स्थापित करने के पश्चात भी तृप्त नहीं होती थी । हजारों पुरूषों को उसने अपमानजनक ढंग से यातनाएँ  दी क्योंकि वे उसकी कामतृप्ति न करा सके थे । उसकी इस कामपिपासा को देखते हुए पुरूष उससे भयभीत रहने लगे । काम भावना के वशीभूत उसके कृत्यों से सारा समाज शर्मसार होने लगा । राजा रघु के पास राज्यवासी यह कहने के लिए गये कि राज्य में दैत्यों के कुलगुरू शुक्राचार्य की पुत्री ढूण्ढ़िका नामक एक राक्षसी है जिसे शिव ने वरदान दिया है कि उसे देव, मानव आदि नहीं मार सकते हैं और न वह अस्त्र - शस्त्र या जाड़ा या गर्मी या वर्षा से मर सकती है, किन्तु शिव ने उसे इतना कह दिया है कि वह क्रीड़ायुक्त बच्चों से भय खा सकती है । वही ढूण्ढ़िका राक्षसी बालकों व प्रजा को पीड़ित करने लगी है । अडाडा मंत्र का उच्चारण करने पर वह शांत हो जाती है , इसीलिए जन उसे अडाडा भी कहते हैं। इस प्रकार भगवान शिव के अभिशाप वश वह ग्रामीण बालकों की शरारत, गालियों व चिल्लाने के आगे विवश हो वह  भागती है । इस पर विद्वान पुरोहितों के निर्देशानुसार होली के दिन ही सभी बालकों ने मिलकर अपनी एकता के बल पर ललकारते हुए आगे बढ़कर ढूण्ढ़िका अर्थात धुंधी को गाँव से बाहर धकेला था। बच्चे ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हुए चतुराईपूर्वक उसकी ओर आगे बढ़ते ही गये। सभी ने मिल धूम मचाकर उसका ऐसा बहिष्कार किया कि वह हार कर भाग खड़ी हुई और मृत्यु को प्राप्त हो गई । वह दिन फाल्गुन की पूर्णिमा  का दिन था और उस दिन को अडाडा या होलिका कहा गया। इस विजय की याद में होली के  दिन कामपर्व उत्सव के रूप मे मनाने का निर्णय लिया गया । तभी से इस लोकपर्व में अश्लीलता का भी समावेश हो गया । अश्लील गालियों की परंपरा तभी से शुरू मानी जाती है और यही कारण है कि इस दिन नवयुवक कुछ अशिष्ट भाषा में हँसी मजाक कर लेते हैं, परंतु कोई उनकी बातों का बुरा नहीं मानता । विद्वानों के अनुसार सतयुग में भविष्योतर नगर में बाल, वृद्ध और नवयुवकों अर्थात सभी नागरिकों को सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियाँ लग गई। वहाँ के लोग इसे ढोण्ढा नाम की राक्षसी का प्रभाव मान रहे थे। इससे रक्षा के लिए वे लोग आग के पास रहते थे। सामान्य तौर पर मौसम परिवर्तन के समय लोगों को इस तरह की बीमारियाँ हो जाती हैं, जिसमें अग्नि राहत पहुँचाती है। शामी का पेड़ जिसे अग्नि-शक्ति का प्रतीक माना गया था, उसे जलाया गया और अगले दिन सतयुग में  राजा रघु ने होली मनायी। होलिका दहन पूर्ण चंद्रमा (फाल्गुन पूर्णिमा) के दिन ही प्रारंभ होता है। इस दिन सायंकाल को होली जलाई जाती है। इसके एक माह पूर्व अर्थात् माघ पूर्णिमा को एरंड या गूलर वृक्ष की टहनी को गाँव के बाहर किसी स्थान पर गाड़ दिया जाता है, और उस पर लकड़ियाँ, सूखे उपले, खर-पतवार आदि चारों से एकत्र किया जाता है और फाल्गुन पूर्णिमा की रात या सायंकाल इसे जलाया जाता है। परम्परा के अनुसार सभी लोग अलाव के चारों ओर एकत्रित होते हैं । पद्मपुराण और वात्स्यायन का कामसूत्र में भी यह कथा वर्णित है। हेमाद्रि व्रत  ग्रन्थ के भाग 2 में भी यह कथा उद्धृत की गई है ।

होलिकोत्सव का सम्बन्ध श्रीकृष्ण से माना जाता है । महाभारत  के  कथा के अनुसार राक्षसी पूतना एक सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर बालक कृष्ण के पास गयी।  वह उनको अपना जहरीला दूध पिला कर मार देना चाहती थी।  दूध के साथ साथ बालक कृष्ण ने उसके प्राण भी ले लिये।  कहते हैं मृत्यु के पश्चात पूतना का शरीर लुप्त हो गया इसलिये ग्वालों ने उसका पुतला बना कर जला डाला।  पौराणिक कथा के अनुसार,मथुरा तब से होली का प्रमुख केन्द्र है। इतिहासकारों का कहना है कि होली के पर्व का प्रचलन, पहले आर्यों में भी था , लेकिन इस त्योहार को अधिकतर पूर्वी भारत में ही मनाया जाता है । इस पर्व का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक ग्रन्थों में प्राप्य है । नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रन्थों के साथ ही ईसा से तीन- चार सौ वर्ष पुराने कई अभिलेखों में भी इस पर्व का उल्लेख अंकित है । 




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-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला
झारखण्ड 

मुश्किल में हरीश रावत सरकार,राजभवन पहूंचे विधायक

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देहरादून,18 मार्च, उत्तराखंड कांग्रेस के नौ विधायक आज खुल कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के खेमे में आ गए और उन्होंने सरकार के अल्पमत में होने का दावा करते हुए भाजपा के 26 विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। भाजपा के 26 विधायक और कांग्रेस के नौ बागी विधायक एक ही बस में सवार हो कर राजभवन पहुंचे। कांग्रेस के मंत्री हरक सिंह रावत ने सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में आ गई है और मुख्यमंत्री हरीश रावत को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

खुल कर भाजपा के पक्ष में आने वाले विधायकों में श्री रावत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा,अमृता रावत और सुबोध उनियाल भी शामिल हैं। दूसरी तरफ संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदेश ने कहा है कि सरकार पूर्ण बहुमत में है और जो विधायक सरकार के खिलाफ जाएंगे उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। 

नहीं बढ़ेगी ट्वीट की शब्दसीमा

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सैन फ्रैंसिस्को 19 मार्च, माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने ट्वीट की शब्दसीमा बढ़ाने से इंकार करते हुए इसे 140 शब्दों पर ही बरकरार रखने की घोषणा की। ट्विटर इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोर्सी ने कहा, “यह बरकरार रहेगा। यह सही बंधन है और इससे संक्षेप में एवं शीघ्रता से अभिव्यक्ति में मदद मिलती है।” 

उल्लेखनीय है कि प्रौद्योगिकी से जुड़ी खबर देने वाली वेबसाइट री/कोड ने जनवरी में कहा था कि ट्विटर ट्वीट की शब्दसीमा 140 से बढ़ाकर 10 हजार करने की तैयारी में है। 

रूसी यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त, 55 की मौत

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मास्को, 19 मार्च, दक्षिणी रूस के रोस्टोव ओन डोन हवाई अड्डे पर एक यात्री विमान के उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से इसमें सवार सभी 55 लोगों की मौत हो गयी है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने दक्षिण क्षेत्रीय आपात केंद्र के हवाले से आज बताया कि विमान में सवार सभी 55 यात्रियों की मौत हो गयी है। विमान 55 यात्रियों को लेकर दुबई से रोस्टोव ओन डोन की ओर आ रहा था तभी हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
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