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ऋषभ ने यूपीएससी में 162वां रैंक पाकर सहरसा का नाम किया रौषन

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सहरसा। यूपीएससी 2015 की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सहरसा के ऋषभ ने 162वां रैक प्राप्त कर जिला ही नहीं राज्य का नाम रौषन किया है। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 29 कायस्त टोला निवासी ऋषभ कुमार झा ने यूपीएससी 2015 की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। ऋषभ के पिता डा0 किषोर नाथ झा राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय सहरसा में जन्तु विज्ञान के प्र्राध्यापक हैं। ऋषभ के दादा जी केडीझा बाबा संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान रहे हैं। जबकि ऋषभ की मां किरण झा संस्कृत भाषा से पीएचडी कर रही है। मंगलवार को घोषित परिणाम में ऋषभ को 162 वां स्थान प्राप्त हुआ है। इनकी प्रारम्भिक षिक्षा प्ले एण्ड लर्न स्कूल में हुई। इन्होंने आरके मिषन देवघर से दषवीं और श्यामली रांची से इन्टर तथा एनआईटी सूरतकल से बीटेक किया। ऋषभ ने 2014 में भी बिना तैयारी के यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया था लेकिन 2015 में अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता प्राप्त की है। 

इनका पूरा परिवार षिक्षा से ही जुड़ा हुआ है। इनके बड़े भाई ऋषिकेष कुमार झा इलाहाबाद कृषि विष्वविद्यालय से फूड प्रोसेसिंग एण्ड टेक्नालाजी में डिग्री प्राप्त कर नेस्ले-इण्डिया कम्पनी में कार्यरत हैं। इनकी छोटी बहन सुरभी झा दिल्ली विष्वविद्यालय से षिक्षा प्राप्त कर एक्सिस बैंक की करोलबाग शाखा में डिप्टी मैनेजर है। ऋषभ बचपन से हीं मेधावी छात्र रहे हैं। बेटे की सफलता पर खुषी जाहिर करते हुए माता पिता ने बताया कि इसे पूर्व ऋषभ पीओ व आईबी जैसी परीक्षा में भी सफलता प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन ऋषभ कम उम्र से हीं सिविल सेवा क्षेत्र में केरियर बनाना चाह रहे थे। ऋषभ ने बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ अपनी मेहनत को दिया । उन्होंने बताया कि र्वे आइएएस बनना चाहते है और इसके लिये अपनी तैयारी जारी रखेंगे।   


विशेष : बिहार ने ऐसी ''बहार''तो न मांगी थी ''नीतीशे कुमार'' !

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याद है न वो गीत जो नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव में घर घर तक पहुंचाने के लिए तैयार किया गया था। ''बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो।''पर, मौजूदा स्थितियों को देखकर वो बहार खून से लथपथ नजर आ रही है। लोग  डरे हुए, सहमे हुए दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि बिहार में सत्ता खुद को इतना मजबूत मानने लगी है कि महज गाड़ी को ओवरटेक करने में दी जाने वाली सजा ''मौत''है। शायद रॉकी यादव सूबे की सत्ता से खुद के मजबूत संबंधों को दर्शाना चाहता था। जिस वजह से उसने मद में डूबकर एक मासूम की हत्या कर दी। आज लोग भयभीत हैं बहार से। जुबानों पर सवाल है कि क्या यही बहार है, अगर हां तो नहीं चाहिए ऐसी बहार। जबकि लोगों ने जिन नीतीश कुमार पर विश्वास कर मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी, वे तो पलायन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। 

अपनों ने ही डुबो दी नीतीश की लुटिया ! 
20 नवंबर 2015,  जब नीतीश कुमार ने पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। लेकिन लोगों के जहन में उस वक्त सवाल ये था कि लालू और नीतीश या फिर कहा जाए आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन जंगलराज रिटर्न्स वाली स्थिति तो नहीं पैदा कर देगा। हालांकि यह सवाल महज जनता के सिरे से नहीं बल्कि इन दोनों पार्टियों से पटरी न खाने वाले विरोधियों की ओर से भी उठे। लेकिन इन सवालों ने हकीकत का जामा पहन लिया। दरभंगा में दो अभियंताओं की हत्या कर दी गई। 2015 दिसंबर माह के आखिरी हफ्ते में लालू यादव ने पटना स्थित अपनी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के सरकारी आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रदेश से दंगाई, बलवाई और फासिस्ट लोगों को हम लोगों ने भगा दिया है और अब अपराधियों की बारी है। बिहार की जनता ने जो इतना विशाल जनादेश दिया है, यहां की जनता को जो डराएगा या धमकाएगा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन रॉकी यादव वाले मामले से तो यही लग रहा है कि जनता को डराने वाले उनके अपने ही लोग हैं।  

बढ़ता अपराध, डरता ''बिहार''
बिहार में सरकार बनने के दो महीने बाद ही हत्याओं का आंकड़ा 578 के इर्द गिर्द था। लेकिन अब सरकार के छह माह पूरे होने पर इसमें बेहद तेजी से बढ़त हुई है। आपको बताते चलें कि बिहार में जनता दल यूनाईटेड और आर जे डी गठबंधन की सरकार बनने के बाद कई भाजपा नेताओं की हत्याएं हुईं। जिसमें एक भाजपा और केंद्र में एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी लोजपा के नेता बृजनाथी सिंह भी हैं। बिहार के दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या फिर बिहार के वैशाली में एक और इंजीनियर की हत्या, जिसके बाद मालदा की घटना से बिहार में हुई आगजनी, अब खुलेआम गया में जेडीयू एमएलसी के बेटे रॉकी यादव द्वारा छात्र आदित्य को महज इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उसने नेता के पुत्र की गाड़ी को ओवरटेक करने की कोशिश की। इन तमाम किस्सों से जूझता बिहार वास्तव में दहशत में जी रहा है। लोगों का कहना है कि जंगलराज वापस आ गया है, वही दौर आंखों के सामने घूम रहा है जब लोग बिहार जाने में डरते थे। 

बिहार में उड़ रहीं कानून की धज्जियां, नीतीश तलाश रहे सियासी मौका ! 
वहीं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा है कि आरोपी कानून के लंबे हाथ से नहीं बच सकता। इस हत्याकांड के विरोध में राजग और व्यावसायिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने सोमवार (9 मई) को गया बंद कराया। शहर में बंद का असर दिखा। यहां की दुकानें और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। पर, लोगों ने नीतीश कुमार की नीतियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। बिहार के ही स्थानीय लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिहाज से तैयारियों में जुटे हैं। जबकि बिहार बद्तर हालत से गुजर रहा है। पहले नीतीश अपने राज्य को ही बेहतर ढ़ंग से संभाल लें। तब दूसरी ओर देखना भी उचित होगा। 

स्टार्टअप प्रीमियर लीग का समापन

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नई दिल्लीः देश में क्रिकेट का खुमार परवान है और इस जोश को पूरा करने के लिए, प्रमुख व्यापार खोज व विशेषाधिकार मंच क्रोनिट ने हाल ही में स्टार्टअप प्रीमियर लीग का आयोजन किया। इस टूर्नामेंट में विभिन्न प्रतिस्पर्धात्मक माहौल के स्टार्ट-अप को एकसाथ मिलकर बल्लेबाजी करने का शानदार अवसर प्रदान किया गया! टॉप फाइनल में आने वाले स्टार्टअप ओवाईओ रूम्स था। अंतिम मैच विजेता आजतक था, जो इस कार्यक्रम के लिए मिडिया पार्टर्नर है। क्रोनिट द्वारा आयोजित तीन-दिवसीय खेलकूद कार्यक्रम में कई प्रमुख स्टार्ट-अप देखे गयें जैसे ओवाईयो रूम्स, मोबिक्विक, शोपक्लूज, अर्बनक्लैप, फास्टफोक्स, लिटिल और नियरबाय (पूर्व ग्रूपन) ने क्रिकेट मैदान को परस्पर उच्च सम्मान की प्रतिष्ठा चुनाव के रूप में भाग लिया। इस कार्यक्रम को गुङगांव ‘अभी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स’ में आयोजित किया गया ताकि खेल के माध्यम से भारतीय उद्यमी समुदाय भी सफलता हासिल करने का जश्न मना सकें।   

कार्यक्रम की सफलता पर टिप्पणी करते हुए, समीर ग्रोवर, संस्थापक, क्रोनिट, ने कहा कि, “क्रेकट एक ऐसा जूनून है जो सभी भारतीयों को भौगोलिक व सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोङता है। इसलिए हमने कुछ देश की सर्वाधिक कारगर उपक्रमों को एक साथ लाने का माध्यम, खेलकूल का चयन किया और इस युवा व प्रगतिशील भारतीय स्टार्टअप उद्योगों का जबरदस्त विकास माना जाता है। हमने इस सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान कुछ अतुल्य सौहार्द व साहस को देखा है, जिसमें वर्तमान शक्ति छिपी हुई और और भारतीय उद्यमिता का भावी कार्यक्षेत्र है। इस पिच में क्रियान्वित टूर्नामेंट में भाग लाने वाले लोगों के उत्साह का फैसले करने पर, भारतीय स्टार्टअप ही दृढ़ रूप से टिके रहे। हम इस एसपीएल को जबरदस्त सफलता दिलाने के लिए प्रत्येक प्रतिभागियों को बधाई व धन्यवाद देते हैं।”   

देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित स्टार्टअप के कई कारोबारियों ने इस विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम में उपस्थित होने से, क्रोनिट के एसपीएल ने आनंद सहित व्यावसायिकता में स्टार्टअप एकीकरण विधि की विशेषता बताये। उद्यमियों को एक आनंदायक खेल में जोङने की इस पहल का प्रतिभागी उद्यमियों ने प्रशंसा की और वे अपने बोर्डरूम से बाहर परिवर्तन के लिए आरामदायक अखाङे का आनंद ले सकें।  

सीईपीसी चुनाव में शर्मा गुट सभी पर भारी

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  • उमेश गुप्ता लगातार 7वीं, वासिफ अंसारी 2वीं, व संजय गुप्ता पहली बार निर्वाचित 

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नयी दिल्ली (सुरेश गांधी )।कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) का पहली बार आॅनलाइन चुनाव सकुशल संपंन हो गया। घोषित परिणाम में शर्मा गुट का पलड़ा गर्ग गुट पर भारी रहा। कहा जा सकता है शर्मा गुट एक अरसे से सीईपीसी में अपना कब्जा जमाएं हुए है। गुरुवार को चुनाव अधिकारी एवं सीईपीसी निदेशक शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि इस चुनाव में एक बार फिर शर्मा गुट बिजयी रहा। प्रथम उपाध्यक्ष पद के लिए राजा शर्मा व प्रशासनिक सदस्य के लिए उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना व वासिफ अंसारी (उ.प्र.) तथा ओपी गर्ग गुट से संजय गुप्ता निर्वाचित घोषित किए गए। उमेश गुप्ता उर्फ मुन्ना को लगातार 7वीं बार यह सफलता मिली है। राजा शर्मा को कुल 913 निर्यातक सदस्यों का समर्थन मिला। जबकि ओपी गर्ग को 545 मत ही मिला। राजा शर्मा ने 368 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी गर्ग हराकर निर्वाचित घोषित किए गए। उत्तर प्रदेश के तीन प्रशासनिक सदस्य पदों पर हुए चुनाव में उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना, वासिफ अंसारी तथा संजय गुप्ता ने जीत हासिल की है। जबकि काश्मीर कोटे व शेष भारत के एक एक पद पर क्रमशः मो. आशिक अहमद शेख व सुनील जैन को सफलता मिली है। पूर्व प्रशासनिक सदस्य भरतलाल मौर्य, इश्तियाक खां अच्छू, अतहर अंसारी, आलोक बरनवाल को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा है इस परिणाम के बाद आगामी चुनाव में शर्मा गुट ही चेयरमैन पर भी भारी रहेगा। 

श्री गुप्ता ने बताया कि इस चुनाव में कुल 7801 मत पड़े। प्रथम उपाध्यक्ष पद हेतु राजा शर्मा को 913 मत मिला। जबकि ओपी गर्ग को 545 मत और शैलेंदर गर्ग को 79 मत मिला। प्रशासनिक समिति सदस्य (उ.प्र.)  के लिए उमेश गुप्ता मुन्ना को 890, वासिफ अंसारी को 852, संजय गुप्ता को 776, भरतलाल मौर्य को 640, आलोक बरनवाल को 597, अतहर अंसारी को 564, इश्तियाक खां अच्छू को 122, तथा सुनील जैन को 909, राजेश जैन को 604, मो. आशिक अहमद शेख को 904, गुलाम नबी भट्ट को 618 मत मिला। इस तरह प्रथम उपाध्यक्ष पद के लिए राजा शर्मा व प्रशासनिक सदस्य के लिए उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना व वासिफ अंसारी (उ.प्र.) व संजय गुप्ता तथा मो. आशिक अहमद शेख व सुनील जैन विजयी घाषित किए गए। चुनाव का परिणाम आते ही निर्वाचित पदाधिकारियों के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान एक दूसरे को बधाई देने के सिलसिला शुरू हुआ तो देर अभी तक जारी है। परिषद के प्रथम उपाध्यक्ष सहित पांच प्रशासनिक सदस्य पदों पर गत पांच मई से 11 तक ई वोटिंग हुई थी। परिषद के नए प्राविधान के अनुसार इस बार चेयरमैन पद हेतु चुनाव नहीं हुआ। कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रथम उपाध्यक्ष को ही चेयरमैन की जिम्मेदारी संभालनी है। इन सभी की जीत पर काजीपुर के मुश्ताक अंसारी, एकमा के पूर्व अध्यक्ष हाजी शौकत अली अंसारी, विमल बरनवाल, निशांत बरनवाल, असलम महबूब, रोहित गुप्ता, चेयरमैन आरिफ सिद्दीकी, डा एके गुप्ता, राजेश जायसवाल, बसंत हर्ष, केपी दुबे, डा अजय बरनवाल, डा पीसी दुबे आदि ने बधाई दी है।  

झारखण्ड : कानून-व्यवस्था को सामान्य बनाये रखने का निदेश

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  • झामुमों व अन्य समर्थित पार्टियों द्वारा स्थानीयता नीति के विरोध में 14 मई को प्रस्तावित बंदी के दौरान कानून-व्यवस्था को सामान्य बनाये रखने का आयुक्त ने विभिन्न जिलों के डीसी, एसपी को दिया निदेश 

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स्थानीय नीति के विरोध में 14 मई 2016 को प्रस्तावित बंद के दौरान कानून व्यवस्था को सामान्य बनाये रखने का निदेश  सभी 6 जिलों के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को दे दिया है। आयुक्त संताल परगना प्रमण्डल, दुमका बालेश्वर सिंह ने कहा बंद के दौरान जन साधारण को किसी प्रकार की दिक्कत या कठिनाई न होने देना आपकी अहम् जिम्मेदारी है। सभी डीसी, एसपी यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी आगजनी व सड़क जाम की घटना न हो। हिंसात्मक कार्रवाई करने वाले संभावित व्यक्ति के विरुद्ध लंबित वारंट का तामिला करें तथा निरोधात्मक कार्रवाई के तहत आईपीसी की धारा 107,116 तथा 151 जो सुसंगत हो, के द्वारा कार्रवाई करें। आयुक्त ने कहा कि समाज मे यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिये कि कानून हाथ में लेने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी। आयुक्त ने आम जनता से भी अपील करते हुए कहा है कि वे विधि-व्यवस्था को बनाये रखने में प्रशासन को सहयोग करें। उप राजधानी दुमका के तमाम प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों,  अंचल अधिकारियों व  थाना प्रभारियोें को स्पष्ट व सख्त निदेश दिया गया है कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय। ऐसे लोग चाहे कितने भी बड़े रसूख वाले क्यों न हों कानून के खिलाफ काम करेगें तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। दिन गुरुवार की सुबह 7ः30 बजे अपने आवासीय हाॅल में डीसी दुमका राहुल कुमार सिन्हा ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा। 

बाद में प्रेस प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्होनें कहा गांव की बात हो या फि शहर की। कानून अपने हाथ में न लें। विदित हो झारखण्ड में स्थानीयता शब्द को परिभाषित करने के लिये बनाए गए कट आॅफ डेट व अन्य के मद्देनजर विपक्षी पार्टी झामुमों द्वारा 14 मई को झारखण्ड बंद का आहवान किया गया है। झामुमांे की इस बंदी का झाविमों ने अपना समर्थन दिया है जबकि अन्य छोटी-छोटी पार्टियों ने भी झामुमों को बिना समर्थन दिया है। डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि ऐसे लोग जो 14 मई को बंद के दौरान अव्यवस्था फैला सकते हैं और जिसकी वजह से शांति भंग की संभावना बढ़ सकती है के विरुद्ध सुसंगत धाराओं 107, 116 और 151 के तहत कार्रवाई की जाएगी। डीसी श्री सिन्हा ने सभी थानेदारों को निदेश देते हुए कहा कि बंदी के दौरान ऐसे लोगों के द्वारा घटना को अंजाम तक पहुँचाने से पहले ही गिरफ्तार करें। बड़ी आसानी से कानून हाथ में लेने वालों को कानून के डर का भी अहसास होना चाहिए। डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि बल पूर्वक बन्द कराना अपराध है। पूरे जिले में चप्पे-चप्पे पर हेण्डकेेम /सीसीटीवी केमरा मौजूद होगा। उन्होनें कहा अवांछित तत्वों  चिन्हित कर लिया जाएगा। सरकार की नीतियों एवं निर्णयों के विरोध का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए। किसी को भी जबरन बन्द कराने, आम नागरिकों में खौफ पैदा करने और कानून अपने हाथ में लेने की छूट नहीं दी जा सकती है। ऐसी मंषा के लोग कार्रवाई के लिए तैयार रहें। 

उपायुक्त ने कहा कि सोषल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनी रहेगी किन्तु इसका यह मतलब नहीं कि किसी को अफवाह फैलाने और जिले की शांति व्यवस्था बिगाड़ने की छूट दे दी गई है। गलत खबर या अफवाह होने पर एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि वे तत्काल ग्रुप मंे उसका खंडन करें। अन्यथा आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत पुलिस कार्रवाई करेगी। दुमका के एसपी विपुल शुक्ला ने सभी वीडीओ, सीओ और थाना प्रभारियोें को कहा कि रियेक्शन नहीं एक्शन मोड में आयें। घटना होने के पहले ही कार्रवाई करें। एसपी ने कहा कि कानून हाथ में लेने वालों तथा शहर की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों के विरूद्ध दंगाई होने तथा महत्वपूर्ण धाराओं के साथ गुन्डा पंजी में उनका नाम अंकित करें। जिनका नाम गुन्डा पंजी में एक बार चला जायेगा नौकरी सहित पासपोर्ट, लाईसेंस, सरकारी सुविधाओं, ठेकेदारी व स्वच्छता इत्यादि मामलों में कभी नहीं आ पाऐगें। उन्होनें कहा कि शहर में कहीं भी जाम की स्थिति ना हो, शांति समिति के लोगों के साथ बैठक कर लें तथा सभी लोग इस बात में सहयोग करें की शहर की शांति व्यवस्था बनी रहे। स्ंाताल परगना प्रमण्डल अन्तर्गत तमाम छः जिलों के उपायुक्तों की अहम बैठक में आयुक्त ने कहा किसानों व विस्थापितों के हक में निर्णय शीघ्र होंः- किसानों व विस्थापितों के हक में निर्णय शीघ्र लिया जाना चाहिए। अपनी अध्यक्षता में संताल परगना प्रमण्डल के तमाम जिलों के उपायुक्तों की एक अहम बैठक में आयुक्त बालेश्वर सिंह ने उपरोक्त बातें कही। अविक्रयशील रैयती कृषि भूमि के मूल्य निर्धारण पर जारी सरकार की अधिसूचना के अनुरूप प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति जिनके सदस्य सभी 6 जिलों के उपायुक्त हैं, को न्यूनतम मूल्य निर्धारण के लिए अधिकृत किया गया है। दिन बुधवार को समिति की पहली बैठक आयुक्त के सभागार कक्ष में हुई। बैठक में आयुक्त व सभी उपायुक्तों के साथ-साथ  सभी अपर समाहत्र्ता भी मौजूद थे। आयुक्त बालेश्वर सिंह ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम मूल्य निर्धारण हेतु मार्गदर्शक सिद्वान्त अधिसूचित किये हैं। ऐसे अंचल जहाँ विक्रयशील/ आविक्रयशील दोनों प्रकार की कृषि भूमि हो, अंचल के सभी विक्रयशील मौजों के निर्धारित न्यूनतम कृषि मूल्य को अवरोही रूप से क्रमबद्ध किया जायेगा। उच्च मूल्य वाले कुल मौजों में से कम से कम आधी संख्या के मौजों का औसत मूल्य को निर्धारित किया जायेगा जो उस अंचल के सभी मौजों की अविक्रयषील कृषि भूमि का प्रति डिसमिल न्यूनतम मूल्य माना जायेगा। आयुक्त ने कहा कि ऐसे अंचल जहाँ केवल अविक्रयषील कृषि भूमि हो वहाँ केवल अविक्रयषील कृषि भूमि हो वहाँ़ सीमावर्ती अंचल की विक्रयषील कृषि भूमि के न्यूनतम मूल्य के आधार पर अविक्रषील कृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जायेगा। यह सीमावर्ती अंचल इसी जिले का, इसी प्रमंडल का इस प्रमंडल और झारखण्ड के सीमावर्ती दूसरे राज्य का सीमावर्ती अंचल हो सकता है बालेष्वर सिंह ने सभी उपायुक्तों को स्पष्ट किया कि यदि सीमावर्ती अंचल एक से अधिक हो तो सबको अवरोही क्रम में औसत मूल्य निर्धारित किया जायेगा तथा अधिकतम औसत वाले मूल्य को उस अंचल के सभी मौजों का न्यूनतम मूल्य माना जायेगा। आयुक्त ने यह भी कहा कि यदि सीमावर्ती अंचल में भी विक्रयषील भूमि ना हो तब सबसे समीपवर्ती विक्रयषील कृषि भूमि वाले अंचल चाहे वह उसी जिला, उसी प्रमंडल या किसी अन्य प्रमंडल का जिला या बिहार राज्य का जिला जो इस प्रमंडल की सीमा पर अवस्थित हो, का चयन यह समिति करेगी। 

आयुक्त बालेष्वर सिंह ने कहा कि उपज के आधार पर अविक्रयषील भूमि का बाजार मूल्य निर्धारण हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पत्रांक 292 दिनांक 26 मार्च 2011 में वर्णित धानी 1 भूमि के मूल्य निर्धारण की पद्धति के अनुसार भूमि का मूल्य निर्धारित किया जायेगा। मूल्य निर्धारण में विगत 30 वर्षों के उपज को अधार बनाते हुये बिरसा कृषि विष्वविद्यालय के वर्ष 2011-12 में आय मूल्य (प्राॅफिट वेल्यू) की अनुषंसा को भारत सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मुद्रा स्फीति के अनुसार समायोजित किया जोयगा। आयुक्त ने सबों को उदाहरण से समझाते हुए कहा कि धानी-। का मूल्य - (20,000 रू0 $ 13000रू0) ग 30 ग (1$गणना वर्ष से गेहूँ एवं धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई कृषि का प्रतिषत) होगा।  आयुक्त ने कहा कि धानी-।। एवं धानी-।।।, बारी-। एवं बारी-।। का बाजार मूल्य पूर्व की पद्धति से तथा बारी-।। का मुआवजा धानी-।।। के अनुसार होगा। आयुक्त ने बताया कि धानी-। का 3/4 धानी-।।, धानी-।, का 1/2 धानी-।।।, धानी-। का 5/8 बारी-। तथा धानी-1 का 1/2 बारी-।। होगा।  आयुक्त ने कहा कि खतियान में वर्णित भूमि की श्रेणी के अनुसार भूमि की श्रेणी निर्धारित की जायेगी यदि कृषि भूमि पर आवासीय या व्यवसायिक भवन निर्मित हो तो उसे आवासीय (होमस्टीड) माना जायेगा। आयुक्त ने यह भी कहा कि आम कटहल आदि फलदार वृक्ष का मुआवजा उनके बीस साल की उत्पादकता के आधार पर तय किया  जायेगा।  आयुक्त ने इस बात पर बल दिया कि जो भी अधिक मूल्य प्राप्त होगा उस मूल्य को भूमि अधिग्रहण के लिए अविक्रयषील भूमि का बाजार मूल्य माना जाये ताकि किसानों को अधिक से अधिक मुआवजा प्राप्त हो सके।  आयुक्त ने कहा कि एक सप्ताह में सभी अपना-अपना प्रस्ताव तैयार कर लें ताकि अगली बैठक में निर्णय लिया जा सके।  आयुक्त ने यह भी कहा कि पूर्व की अधिसूचना 1336 28 अक्टूबर 2015 के द्वारा कोई अवार्ड घोषित किया गया है तो उसे निरस्त मानते हुए इसी प्रक्रिया से निर्धारण किया जाय।  आयुक्त ने प्रमंडल के सभी जिलों के राजस्व संग्रहण के सभी मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि राजस्व संग्रहण राज्य के आय का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। अतः इस पर सभी उपायुक्त ध्यान दें। बैठक में आयुक्त के अलावा दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पाकुड़ के उपायुक्त डीसी मिश्रा, साहेबगंज के उपायुक्त उमेष प्रसाद सिंह, जामताड़ा के उपायुक्त डाॅ0 शान्तनु कुमार अग्रहरी, सभी अपर समाहत्र्ता तथा अन्य प्रमंडलस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। 



-अमरेन्द्र सुमन-

दर्शकों की अदालत में जट-जटिन

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प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।बिहार के मशहूर लोक गाथा पर आधारित फ़िल्म जट जटिन हिन्दी फ़िल्म आज दर्शकों की अदालत में ज़ोरदार तरीक़े से पेश हुई जो क़ाबिले तारीफ़ है।पतंग फ़िल्म का पहला सफल प्रयास दर्शकों को सिनेमा हाल तक लाने में सफल रहा बेगूसराय में।इस फ़िल्म की पूरी शूटिंग बेगूसराय के गोदरगाम में हुआ।इस फ़िल्म में अधिकतर कलाकार इसी शहर के रंगमंच से लिया गया जो सबसे ख़ास बात थी और सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया।फ़िल्म के तमाम गाने अंगिका भाषा में गाये गए जिसमें यहाँ की मिट्टी की खुशबु आ रही थी जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया।हलांकि मध्यांतर के बाद फ़िल्म में गानों को काफी प्रमुखता दी गई है या यूँ कह सकते है कि गाने के माध्यम से ही फ़िल्म आगे बढ़ी है।गावँ के परिवेश में पूरी फ़िल्म फिल्माया गया है क्योंकि कहानी भी गाँव की प्रेम कहानी है जो दर्शकों को काफी आकर्षित किया है और मनोरंजन भी।
              
फ़िल्म के मुख्य अभिनेता राजीव दिनकर(जट),अमर ज्योति(जटिन) ने अच्छा काम किया है वहीं पर विलेन के रूप में अमिय कश्यप(चमरू) की भूमिका में कुछ खास असर दर्शकों पर नहीं छोड़ सके कारण गुजांइश भी कम थी।मनोरंजन मधुकर जटिन के पिता के रूप में अपने चरित्र को भलीभांति जिया है।फ़िल्म में संगीत अमन श्लोक एवं श्रवण साज़ ने दिया है और निर्माता अनिल पतंग,निदेशक रघुबीर सिंह हैं।बेगूसराय नगर निगम के महापौर ने फीता काट कर अलका सिनेमा हॉल बेगूसराय में फ़िल्म के शो की शुरुआत की।

बिहार : आधुनिक नर्सिंग की जननी फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मोत्सव।

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पटना। आधुनिक नर्सिंग की जननी फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मोत्सव। गुरूवार को विश्वभर में फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिवस पर नर्सेंज स्कूल द्वारा कार्यक्रम आयोजित। इसी तरह का कार्यक्रम महावीर वात्सल्य अस्पताल में भी संपन्न हुआ। यहाँ के काॅन्फ्रेंस हाॅल में एक भव्य आयोजन में 30 ए0एन0एम0 को कैप दिया गया। इस अवसर पर मोमबर्ती को थामकर आशा सिन्हा, रागनी कुमारी, कोमल कुमारी, नेहा पांडेय,पुष्पा कुमारी, माला झा आदि छात्राओं ने ‘ ईश्वर को साक्षी मानकर मैं इस सभा के समक्ष सत्यनिष्ठापूर्वक शपथ लेती हूँ कि मैं सदेव नर्सिंग सेवा एवं व्यावसायिक आचरण का सर्वोत्तम स्तर बनाए रखूँगी, मैं अपने मरीजों के धार्मिक विश्वासों का सदैव सम्मान रखूँगी।मुझपर विश्वास सौंपी गई समस्त व्यक्तिगत जानकारियाँ, मेरे पास सुरक्षित रहेंगी। मैं चिकित्सक के आदेशों का सदैव ईमानदारी और निष्ठा-पूर्वक पालन करूँगी। मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में भी नैनिकता क साथ आदर्शों का पालन- करूँगी जिसमें मेरे व्यवसाय की प्रतिष्ठा और गरिमा में वृद्धि हो। मैं, स्वास्थ्य की उन्नति,बीमारियों को रोकथाम,स्वास्थ्य की पुनस्र्थापन एवं पीड़ा से मुक्ति के इन चार मूलभूति नर्सिंग उत्तरदायित्वों को निभाने के सर्वोंत्तम प्रयास करूँगी।’की शपथ ग्रहण की। 

महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने छात्राओं को शपथ दिलवाया। इसके पूर्व ए0एन0एम0ट्रेनिंग सेंटर की प्राचार्या सुश्री डेजी रानी ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल की तस्वीर पर माल्र्यापण किया। जननी फ्लोरेंस नाइटिंगेल के 196 वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित दीप प्रज्जवलन एवं शपथ ग्रहण समारोह का विधिवत उद्घाटन दीप जलाकर महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्या किशोर कुणाल ने किया। महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्या किशोर कुणाल, महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक एस0एस0 झा,ए0एन0एम0 ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक डाक्टर एस0पी0श्रीवास्तव, सेव दी चिल्ड्रेन के डाक्टर रफी,जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद,जस्टिस उदय सिन्हा आदि प्रमुख हैं। आगत अतिथियों का स्वागत डाक्टर एस0पी0श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री डेजी रानी ने किया। उन छात्राओं का शुक्रवार को स्वागत किया गया। छात्राओं ने रंगोली बनाये। कत्र्तव्य निर्वाह करते समय सफेद यूनिफाॅम में रहने वाली छात्राओं ने नयना विराम वस्त्र पहनकर चहक रही थीं। इसी अवस्था में आगत अतिथियों का स्वागत करती रहीं। महावीर वात्सल्य अस्पताल में संचालित ए0एन0एम0 स्कूल परिवार के लोग मनमोहक व्यजनों का लुफ्त उठाया। 

सिवान में हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार की हत्या शर्मनाक : भाकपा-माले

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  • अपराधियों पर कार्रवाई न करने की वजह से बढ़ता जा रहा उनका मनोबल
  • दरौली के पूर्व माले विधायक अमरनाथ यादव ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात की

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पटना 14 मई 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सिवान में हिंदुस्तान अखबार से जुड़े पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या को बेहद शर्मनाक बताया है और शोकाकुल परिजनों व पूरे हिंदुस्तान अखबार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बिहार में एक बार फिर अपराधियों का मनोबल आसमान पर है. अब पत्रकारों पर भी हमले हो रहे हैं, उनकी हत्यायें हो रही हैं, यह बेहद दुखद है.

उन्होंने कहा कि बिहार में काूनन व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है, यह बेहद चिंताजनक है. इन मामलों में कोरी लफ्फाजी झाड़ने की बजाए बिहार सरकार को अपराध नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए. पिछले दिनों सिवान में ही माले नेता संजय चैरसिया की बर्बर हत्या कर दी गयी थी. लेकिन उनके हत्यारों को भी अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है. माले के पूर्व विधायक व चर्चित जननेता अमरनाथ यादव और माले के सिवान जिला सचिव काॅ. नईमुद्दीन अंसारी ने आज पत्रकार राजदेव रंजन के परिजनों से मुलाकात कर पूरे माले परिवार की ओर से अपनी संवेदना प्रकट की. इस बर्बर पत्रकार हत्याकांड के खिलाफ सिवान में प्रतिरोध आयोजित किया जाएगा.

विजेन्दर ने मारा नॉकआउट ‘सिक्सर’

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बोल्टन, 14 मई, भारत के सुपरस्टार मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने अपना तूफानी प्रदर्शन जारी रखते हुए अपने छठे प्रो मुकाबले में पोलैंड के आंद्रेज सोल्ड्रा को तीन राउंड के अंदर ही धूल चटा कर नाकआउट का छक्का लगा दिया। सुपर मिडिलवेट स्टार विजेन्दर ने प्रो मुक्केबाजी में अपना लगातार छठा मुकाबला जीता। विजेन्दर ने शुक्रवार को हुए इसा मुकाबले में जबर्दस्त पंचों की बौछार करते हुए आठ राउंड के इस मुकाबले में सोल्ड्रा को तीन राउंड में ही घुटने पर ला दिया। विजेन्दर ने अपने प्रतिद्वंदी की इस कदर पिटाई की कि रेफरी को तीसरे राउंड में ही मुकाबला रोक देना पड़ा। 

विजेन्दर ने पहले ही राउंड में दाएं हाथ के जबर्दस्त प्रहार से सोल्ड्रा को रिंग में गिरा दिया। सोल्ड्रा फिर उठे लेकिन विजेन्दर ने उन्हें कोने पर धकेलते हुए ताबड़तोड़ मुक्के बरसा दिए। पहले राउंड में विजेन्दर पूरी तरह हावी रहे। दूसरे राउंड में सोल्ड्रा ने वापसी करने की कोशिश की लेकिन विजेन्दर ने सोल्ड्रा के चेहरे पर दो सीधे पंच लगाते हुये विपक्षी मुक्केबाज की हालत खराब कर दी। तीसरे राउंड में तो सोल्ड्रा का संघर्ष दम तोड़ गया और रेफरी ने सोल्ड्रा काे विजेन्दर की पिटाई से बचाते हुये मुकाबला रोक, भारतीय मुक्केबाज को विजेता घोषित कर दिया। सोल्ड्रा ने इस मुकाबले से पहले दावा किया था कि यह विजेन्दर के लिए दहशत भरी रात होगी और भारतीय मुक्केबाज को पहली हार का सामना करना पड़ेगा। लेकिन विजेन्दर ने सोल्ड्रा की रात दहशत भरी कर दी आैर उसे तीन राउंड के अंदर ही नॉकआउट कर दिया। इस जीत के बाद स्टार मुक्केबाज विजेन्दर ने कहा,“लगातार छह प्रो मुकाबले में जीत दर्ज करने से मैं बहुत खुश हूं और आगे आने वाले मुकाबलों को लेकर काफी उत्साहित हूं। सोल्ड्रा एक मजबूत प्रतीद्वंद्वि थे लेकिन मेरे मुक्कों ने उन्हें इसका जवाबा दे दिया। मुझे लगता है कि उनके लिए दहशत भरी रात रही।

बहुगुणा व हरक की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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देहरादून 14 मई, उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के दौरान कांग्रेस के निशाने पर रहे श्री विजय बहुगुणा और श्री हरक सिंह रावत के लिए बेनाम संपत्ति और अवैध कब्जों को लेकर मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कांग्रेस ने बेनामी संपत्ति और अवैध कब्जों को लेकर दोनों नेताओं को कटघरे में खड़ा किया था, लेकिन अब आर्थिक अपराध शाखा के गठन के बाद पूरी उम्मीद है कि इन दोनों बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तेजी के साथ की जाएगी। इन दोनों बागी नेताओं के कारण ही श्री हरीश रावत सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था और उन्हें राष्ट्रपति शासन के तौर पर सियासी बनवास भोगना पड़ा था। श्री हरीश रावत ने सत्ता में वापसी के बाद ही संकेत दे दिए हैं, कि बागी नेताओं की संपत्ति की जांच कराई जाएगी और अवैध कब्जे करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य में आर्थिक अपराधा शाखा का गठन किया गया है, इसके जरिए उन नेताओं पर शिकंजा कसा जा सकेगा। 

सूत्रों के अनुसार इन नेताओं में विजय बहुगुणा और हरक सिंह का नाम पहले पायदान पर था, जिनके कारण उन्हें दो माह का सियासी बनवास भोगना पड़ा था। सत्ता संभालते ही इन नेताओं की कुंडली खंगालने का काम शुरू हो चुका है और इसके लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है। ऐसे में इन नेताओं में बेचैनी देखने को मिल रही है। उनका मानना है कि हरीश रावत सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर करेगी और वह उन्हें फंसाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देगी। श्री रावत ने पूर्व में ही कह दिया था कि सत्ता में अगर वह वापस आते हैं तो ब्लैकमेलिंग में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी और इस परिपाटी पर यहीं विराम लगा दिया जाएगा। श्री रावत केन्द्रीय जांच ब्यूरो की जांच में फंसे बागी नेताओं पर निशाना साधकर इसकी तपिश को कम करने की कोशिश करेंगें और विरोधियों को पटखनी देने का प्रयास करेंगे। इन नेताओं के अलावा भाजपा के कुछ और नेता भी हरीश रावत सरकार की जांच के दायरे में आएंगें, जिनके ऊपर बेनामी संपत्ति जुटाने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में इसकी आंच भाजपा तक भी पहुंचेगी।

हिंद महासागर में ‘ड्रैगन’ ने बढाई ताकत

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वाशिंगटन 14 मई,  हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता से चिंतित अमेरिका ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की बात की है । हालांकि अमेरिका का कहना है कि वह चीन की वजह से भारत के साथ अपने संबंध सुदृढ़ नहीं कर रहा है बल्कि भारत खुद ही एक ताकतवर देश है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कल अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन 2016’कांग्रेस के समक्ष पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद महासागर के तटवर्ती देशों से किसी भी प्रकार की खुफिया जानकारी और साजोसामान की आपूर्ति में मिले सहयोग के बिना भी चीन सामुद्रिक शक्ति बढ़ा रहा है। 

वह अपने मिसाइलों की मारक क्षमता भी बढ़ा रहा है। चीन की नौसेना ने वैश्विक स्तर पर अपने महत्व को साबित करने के लिए दक्षिण चीन सागर से अपनी ताकत को आगे बढाते हुए उसका दायरा हिंद महासागर तक कर दिया है। एंटी शिप क्रूज मिसाइल की क्षमता बढ़ाने के साथ ही चीन अपने लुयांग 3 श्रेणी के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक को लैंड अटैक क्रूज मिसाइल से लैस कर सकता है। ऐसा करने पर चीन की सेना दुनिया की पहली ऐसी नौसेना हो जाएगी जो समुद्र से जमीन पर हमला कर पायेगी। पूर्वी एशिया के उप सहायक सचिव अब्राहम एम डेनमार्क ने रिपोर्ट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि चीन की नौसेना ने अपनी महत्वाकांक्षा का खुलासा गत नवंबर में ही कर दिया था जब उसने जिबूती में अपना सैन्य अड्डा स्थापित करने की घोषणा की थी। इससे पहले चीन ने किसी अन्य देश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित नहीं किया था।

निरंकारी बाबा का अंतिम संस्कार 18 मई को निगम बोध घाट पर

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नयी दिल्ली 14 मई, निरंकारी समुदाय के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का अंतिम संस्कार 18 मई को निगम बोध घाट पर किया जायेगा। बाबा हरदेव सिंह का कल कनाडा के माँट्रियल शहर में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। वह 62 वर्ष के थे। उनका पार्थिव शरीर सोमवार 16 मई को दिल्ली पहुंचेगा और दोपहर तीन बजे के बाद से अनुयायियों के दर्शन के लिये बुराड़ी मैदान में गेट नंबर -8 पर रखा जायेगा । उनकी शव यात्रा बुधवार को सुबह आठ बजे शुरू होगी और लगभग 11 बजे निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा। 

बाबा हरदेव सिंह सड़क मार्ग से न्यूयार्क(अमेरिका) से माँट्रियाल(कनाडा) जा रहे थे। बाबा के साथ उनके दो दामाद भी थे। गति तेज होने के कारण उनकी कार पलट गई जिससे बाबा हरदेव सिंह की मौके पर मौत हो गई थी। उनके साथ उनके दोनों दामाद भी थे जिसमें से छोटे दामाद अवनीत सेतिया की भी मौत हो गयी थी जबकि दूसरे दामाद घायल हो गये थे।

विराट ने गुजरात को पढ़ाया क्रिकेट का ‘ए बी डी’

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बेंगलुरु, 14 मई, कप्तान विराट कोहली (109) और एबी डीविलियर्स (नाबाद 129) की शतकीय पारियों और फिर क्रिस जार्डन(11 रन पर चार विकेट)की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की टीम ने शनिवार को यहां रिकार्डों से सजे मुकाबले में गुजरात लायंस को एकतरफा अंदाज में 144 रन से धो दिया। बेंगलुरू की टीम ने अहम मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुये निर्धारित 20 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 248 का पहाड़ जैसा स्कोर बना दिया जो इस टूर्नामेंट का दूसरा सर्वाधिक स्कोर भी है। इसके बाद मेजबान टीम के गेंदबाजों ने भी कमाल की गेंदबाजी की और विपक्षी टीम गुजरात के लायंस 18.4 ओवरों में 104 रन पर ढेर हो गए। 

गुजरात के लिये आरोन फिंच ने 33 रन की सर्वाधिक पारी खेली। बेंगलुरू के लिये जार्डन ने 11 रन पर चार विकेट और युजवेंद्र चहल ने 19 रन पर तीन विकेट लिये। इससे पहले मैच में विराट और डीविलियर्स की जोड़ी ने 16 ओवरों में दूसरे विकेट के लिये 229 रन की दोहरी शतकीय साझेदारी भी की जो आईपीएल टूर्नामेंट के इतिहास में किसी भी विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी है। क्रिस गेल के छह रन पर सस्ते में आउट होने के बाद कप्तान विराट ने 55 गेंदों में 109 रनों की अपनी शतकीय पारी खेली जिसमें उन्होंने पांच चौके तथा आठ गगनचुंबी छक्के जड़े। दूसरे छोर पर खड़े हुये डीविलियर्स ने नाबाद 129 रनों की पारी के लिए 52 गेंदों का सामना किया। उन्होंने अपनी तूफानी पारी में दस चौके तथा 12 छक्के उड़ाये। उन्होंने 43 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया जो आईपीएल का पांचवां सबसे तेज शतक है। दोनों धाकड़ बल्लेबाजों ने मैदान के चारों ओर दर्शनीय शॉट लगाए तथा गुजरात के किसी भी गेंदबाज को नहीं बख्शा। यह भी पहला मौका है कि आईपीएल मुकाबले की एक ही पारी में दो बल्लेबाजों ने शतक जड़ा।

झारखंड बंद का रहा व्यापक असर

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रांची, 14 मई, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) समेत अन्य विपक्षी दलों ने आज स्थानीय नीति के खिलाफ झारखंड बंद का आह्वान किया जिसका राज्य में व्यापक असर देखा गया। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एस एन प्रधान ने यहां बताया कि कुछ छिट-पुट घटनाओं को छोडकर बंद शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने बताया कि बंद के दौरान नौ हजार लोगों को हिरासत में लिया गया जिसमें नौ विधायक और एक सांसद शामिल है। राजधानी रांची में भी बंद का असर देखा गया। इस दौरान भारी वाहनें नहीं चली और रांची विश्वविद्यालय में भी आज आयोजित होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया। 

जमशेदपुर से प्राप्त समाचार के अनुसार बंद समर्थकों ने आंध्र प्रदेश से पटना जा रही एक ट्रक पर पेट्रोल बम फेंका जिसके कारण तीन लोग घायल हो गये। तीनों घायलों को महात्मा गांधी मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। बंद समर्थकों ने जमशेदपुर में भी एक बस में आग लगा दी। बंद के कारण सड़कों पर वाहनों का परिचालन आम दिनों की तुलना में काफी कम रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी वाहनों का परिचालन काफी कम देखा गया । धनबाद से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिला प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था के आगे गैर-बीजेपी संगठनों का आन्दोलन धरासायी हुआ। हालांकि बंद समर्थक जिले के हर क्षेत्र में बंद को प्रभावकारी बनाने के लिए सुबह से ही सड़कों पर उतर आयें। चप्पे -चप्पे पर तैनात पुलिस बलों के आगे बंद समर्थकों की नहीं चली। जहां भी बंद समर्थक सड़कों पर एकत्रित नजर आयें उन्हे हिरासत में ले लिया गया। बंद को लेकर सड़क पर उतरे विधायक अरूप चटर्जी, पूर्व विधायक मथुरा महतो, झामुमो के जिला अध्यक्ष रमेश टुडु के साथ मदन महतो, महादेव हासदां, देबू महतो, कल्याण भटाचार्य समेत दस से आधिक झामुमो कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। धनबाद में रेल परिचालन रोज की तरह ही सामान्य रही। पुलिस प्रशासन और आरपीएफ के संयुक्त प्रयास से रेल परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। देवघर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मधुपुर में बंद समर्थकों ने हावड़ा-नयी दिल्ली एक्सप्रेस को रोकने का प्रयास किया। पांकी और गोड्डा में विधानसभा उपचुनाव होने के कारण गोड्डा और पलामू जिले को बंद से मुक्त रखा गया था। इसके अलावा बंद से आवश्यक सेवाओं को भी मुक्त रखा गया था। बंद का आह्वान झामुमो ने किया था लेकिन कांग्रेस, झाविमो (प्रजातांत्रिक), राष्ट्रीय जनता दल, जद यू और वामपंथी दलों समेत अन्य दलों ने भी बंद का समर्थन किया था ।

महत्वपूर्ण है पाकिस्तान के साथ संबंध : अमेरिका

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वाशिंगटन,14, पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते तल्ख होने संबंधी बयान के बाद अमेरिका ने स्वीकार किया कि फिलहाल दोनों देशों के संबंधों में थोडी जटिलता अवश्य आई है लेकिन पाकिस्तान के साथ उनके रिश्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बेहद महत्वपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने कहा, “हम अनेक मुद्दों पर बेहद गंभीरता से काम कर रहें हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।” गौरतलब है कि पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने अमेरिका से एफ-16 लडाकू विमान की खरीद खटाई में पड़ जाने के लिए कल नवाज शरीफ सरकार की आलोचना करते हुए इसे कूटनीतिक विफलता आैर भारतीय पक्ष की जीत बताया था साथ ही कहा कि एक मित्र के तौर पर अमेरिका पर अब विश्वास नहीं किया जा सकता। 

श्री अजीज ने संसद में इस मसले पर हुई चर्चा को समाप्त करते हुए कहा था कि लडाकू विमान खरीद में अमेरिका ने जो व्यवधान पैदा किया है उससे दोंनो देशों के रिश्ते तल्ख हुए हैं। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह(एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर अमेरिका के रुख के बारे में पूछे जाने पर श्री किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले वर्ष भारत की यात्रा के दौरान अमेरिका का मत स्पष्ट कर दिया था कि भारत मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था की शर्तों को पूरा करता है इसलिए एनएसजी का सदस्य बन सकता है।

न्यायपालिका भी न लांघे लक्ष्मण रेखा : जेटली

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नयी दिल्ली 14 मई, विधायिका के अधिकारों में कमी आने से चिंतित केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि न्यायपालिका समेत सभी संवैधानिक संस्थाओं काे अपने क्षेत्राधिकार का ध्यान रखना चाहिए अौर अपनी लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। श्री जेटली ने आकाशवाणी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि प्रत्येक लोकतांत्रिक संस्था के लिए आत्मनिरीक्षण करना तथा संयम बरतना जरुरी है और सभी संवैधानिक संस्थाओं को खुद अपनी लक्ष्मण रेखा तय करनी चाहिए। 

वित्त मंत्री ने इसी सप्ताह में राज्यसभा में कहा था कि विधायिका के कई अधिकार एक-एक कर न्यायपालिका के पास चले गये हैं अौर यह नहीं होना चाहिए कि ऐसे और अधिकार उसके पास चले जाये। उन्होंने कहा था कि विधायिका की शक्तियां लगातार कम हो रही है। विधायिका विशेषकर संसद के पास एक प्रमुख अधिकार कराधान का बचा हुआ है और उसे भी न्यायपालिका के हवाले नहीं कर देना चाहिए। उनकी इस बात का सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों ने समर्थन किया था। उन्होंने राज्यसभा के 53 सदस्यों को विदाई देते हुए कल भी सदन में विधायिका के अधिकारों के अतिक्रमण का उल्लेख करते हुए संसद की सर्वोच्चता बरकरार रखने की अपील की थी और कहा था कि यदि उससे कानून और बजट बनाने का अधिकार छीन लिया जायेगा तो लोकतंत्र कमजाेर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग विश्व के समक्ष चुनौतियां : मोदी

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उज्जैन, 14 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद और धरती के बढ़ते तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) को विश्व के समक्ष मौजूदा समय का सबसे बड़ा संकट करार देते हुए आज कहा कि इसका समाधान विस्तारवादी नीति छोड़ने और मूल्यों पर चलकर ही संभव है। श्री मोदी ने उज्जैन से करीब आठ किलोमीटर दूर निनौरा गांव में आयोजित तीन-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ के समापन समारोह के दौरान 51 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए दुनिया के देशों को विस्तारवाद की नीति से पल्ला झाड़ना होगा, क्योंकि विस्तारवाद का रास्ता हमें संघर्ष की ओर ले जाता है। दुनिया भर में हो रहे संघर्षों पर रोशनी डालते हुए श्री मोदी ने कहा, '‘आज 'नैतिक श्रेष्ठता'की सोच ही संघर्ष की वजह बनी हुई है। हमें अपने भीतर झांकना होगा और देखना होगा कि किस तरह हम खुद को विकसित कर सकते हैं।’'उन्होंने कहा, “विस्तार क्षैतिज (हॉरीजेंटल) नहीं उदग्र (वर्टिकल) होना चाहिए। उदग्र विस्तार का मतलब हम अपने अंदर के विचारों और मूल्यों का विस्तार करें। विस्तार की दिशा उदग्र होनी चाहिए और समय रहते इस बारे में हमें नयी विधाओं पर ध्यान देना होगा, ताकि टकराव का रास्ता खत्म हो सके।”

पत्रकार हत्या के मामले में दो संदिग्ध हिरासत में : डीजीपी

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पटना 14 मई, बिहार के सीवान जिले में एक राष्ट्रीय दैनिक के ब्यूरो प्रमुख की हुयी हत्या के मामले में पुलिस ने आज दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है । राज्य के पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर ने यहां बताया कि कल हुयी घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है । पुलिस हत्या के कारणों का पता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी । उन्होंने कहा कि इनपुट के आधार पर कुछ अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी जारी है । श्री ठाकुर ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उप महानिरीक्षक(सारण प्रक्षेत्र) ए के राय कैम्प कर रहे हैं । स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और अपराध अनुसंधान विभाग की संयुक्त टीम घटना स्थल एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में सघन तलाशी ली है । उन्होंने कहा कि मौके पर से जब्त किये गये साक्ष्य को विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम जांच कर रही है । 

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के बाद अनुसंधान में और तेजी आयेगी । हिरासत में लिये गये दोनों से पूछताछ के बाद मिले सुराग के आधार पर इस मामले में तेजी के साथ तह तक पहुचा जा सकेगा । हालांकि उन्होंने हिरासत में लिये गये दोनों के संबंध में विस्तार से कुछ भी बताने से इंकार कर दिया । श्री ठाकुर ने कहा कि मामले की समीक्षा के लिये पुलिस महानिरीक्षक ( सारण प्रक्षेत्र) भी सीवान में घटना के बाद से ही कैम्प कर रहे है । मामले में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी । उन्होंने कहा कि पुलिस सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है । उल्लेखनीय है कि सीवान जिले के नगर थाना क्षेत्र में कल रात पत्रकार राजदेव रंजन जब कार्यालय से वापस घर लौट रहे थे तभी ओवरब्रिज के समीप अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी । गंभीर रूप से घायल पत्रकार की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गयी । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (14 मई)

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न्यायमूर्ति श्री रूसिया ने एडीआर भवन का किया लोकार्पण, जिले के वरिष्ठ अभिभाषकों का किया गया सम्मान

झाबुआ । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इन्दौर के न्यायमूर्ति एवं झाबुआ जिले के पोर्ट फोलियों न्यायाधिपति विवेक रूसिया ने शनिवार को जिला न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआके नव निर्मित एडीआर भवन का लोकार्पण तथा जिले में 45 से 50 वर्ष के मध्य वकालात कर रहे वरिष्ठ अभिभाषकों  के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप  में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विवाद का अविलंब एवं शीघ्र समाधान मध्यस्थता के माध्यम से अभिभाषकगण मानवसमाज के कल्याण में तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में निराकरण मंे अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करें । इससे न केवल विचाराधीन न्यायालयों में वरन् उच्च न्यायालयों में भी  कार्य का बोझ कम होगा वही न्याय की इस सहज प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान होगा । श्री रुसिया ने कहा कि  उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति का पदभार ग्रहण करते एक महा माह की अल्प अवधि में मैंने आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की संस्कृति एवं वातावरण को  रूबरू देख आज मै गारवान्वित हो रहा हूं वही इससे ज्यादा वरिष्ठ अभिभाषकों के बीच सम्मान का गौरव प्राप्त करने का जो अवसर मुझे प्राप्त हुआ है वह अविस्मरणीय है । जिले के अभिभाषकों ने मुझे अपने अपने न्यायालयों की समस्याओ ं से  अवगत कराया है इस दिशा में उसके समाधान के लिये  प्रयास किये जावेगें । न्यायाधीशों की कमी की पूर्ति यथाशीघ्र कर दी जावेगी । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीसी मलैया  ने जिले में तथा जिला न्यायालय में लोक अदालत एवं मिडिएशन के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । वही एडीआर भवन के निर्माण तथा आधुनिक साजसज्जा के लिये शासन द्वारा जो सहायता उपलब्ध कराई गई उसके बारे मे विस्तार से बताया । अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रमेश डोसी ने अपने उदबोधन मे कहा कि न्यायालय एवं अभिभाषकों की गरीमा बनाये रखने की दिशा में समन्वय पूर्वक जोे वातावरण निर्मित किया गया है उसे अक्षुण्य बनाने की जवाबदेही युवा पीढी की भी है । समन्वय व सौहार्द्रभरे वातावरण से झाबुआ जिला न्यायालय प्रदेश मे अपना विशिष्ठ स्थान बनाये हुए है । यहां से निकलने वाले न्यायाधीश उच्च न्यायालयों में पूर्व में पदस्थ किये गये यह एक गौरव है । वकीलो के सम्मान समारोह का आयोजन भी अपने आप में एक अनुकरणीय उदाहरण है । जिले में वकीलों की प्रदेशस्तरीय क्रिकेट स्पर्धा भी आयोजित कर जिले ने अपनी प्रदेश स्तरीय उपस्थिति दर्ज कराई है ।

इनका किया गया सम्मान
श्री रूसिया के कर कमलों से जिले वरिष्ठ अभिभाषकगण सर्व श्री बाबुलाल संघवी,आनंदीलालसंघवी,रमेश डोसी, दिनेश सक्सैना, राजमल राठौर, पूनमचंद गादिया,व्यकंटेशराय अरोडा, यशवंत भटृ,मांगीलाल पुरोहित, जगदीशचन्द्र नीमा, आदि का शाल श्रीफल एवं प्रतिक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायाधीश राजेन्द्र नन्देश्वर तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी सीमान सुलिया का विशेष योगदान रहा । कार्यक्रम में जिला कलेक्टर अनुराग चैधरी, पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी जोबट के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश डीएस चैहान,एवं जिले के समस्त न्यायालयांें के न्यायाधीश एवं अभिभाषकगण ,मीडियाकर्मी एवं बडी संख्या मे गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे । मंचासीन अतिथियों को अभिभाषक संघ के सचिव हेमेन्द्रप्रसाद अग्निहौत्री उपाध्यक्ष बद्रीलाल सोनी, विजय संघवी, कोषध्यक्ष मुकेश बैरागी, एवं सौरभ सक्सेना,ने प्रतिक चिन्ह संयुक्त रूप से मुख्य अतिथियों सहित मंचासिन अतिथियों को भेट किया । कार्यक्रम का संचालन न्यायािक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमती निलिमा देवदत्त एवं अभिभाषक वीरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया । आभार प्रदर्शन विशेष न्यायाधीश एवं अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश के सी बांगर द्वारा किया गया । उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी आचार्य नामदेव ने दी ।

बैंक द्वारा नाबार्ड अधिकारी श्री आरोहण को भावभीनी बिदाई दी एवं नवागत डीडीएम का स्वागत किया

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झाबुआ । जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ द्वारा एक सादे समारोह मे राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के जिला विकास प्रबंधक श्री संजय आरोपण के झाबुआ से मुबंई स्थानांतरण पर भावभीनी बिदाई दीगई एवं नवागत डीडीएम श्री प्रभुदत्त साहू का स्वागत किया गया । बैंक अध्यक्ष श्री गौरसिंह वसुनिया द्वारा अपने उद्बोधन मे कहा कि नाबार्ड अधिकारी श्री आरोहणजी द्वारा काफी सराहनीय कार्य किये गये । चूंकि झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले मे नाबार्ड की योजना अनुरूप कार्य का बहुत स्कोप है । थांदला क्षैत्र अन्तर्गत नाबार्ड के माध्यम से बहुत बडा स्वयं सहायता समूह क्रियान्वित किये जाने मे आपका योगदान रहा है । बैंक के हित मे बहुत से कार्य किये है । आपके मार्गदर्षन मे कार्य करते हुवे बैंक के एनपीए प्रतिषत मे भी कमी आई है । झाबुआ की संस्कृति/ताडी/महुंआ/कडकनाथ/भगोरिया आदि से आप नवीन पदस्थी स्थान मुबंई महानगर के व्यक्तियों को भी अवगत करायेगें । बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री विजयसिंह कुर्मी द्वारा कहा कि नाबार्ड अधिकारी द्वारा झाबुआ एवं अलीराजपुर दोनो जिले के दायित्व को बखूबी निभाया है ।  कार्यषैली मे बहुत ही पारदर्षिता है, कार्य का जुनून है । बहुत ही दूरदराज क्षैत्र मे जाकर नाबार्ड की योजना का सफल क्रियान्वयन किया है । जो दर्षाता है कि आपने कार्य को सेवा के रूप मे लेकर पूर्ण किये है । ग्रामीण क्षैत्रों मे विकास कार्य करना आपका लक्ष्य रहा है । नवागत नाबार्ड अधिकारी के साथ मिलकर कृषक क्लब एवं स्वयं सहायता समूह के कार्य को गति प्रदान करेगें । नाबार्ड अधिकारी श्री आरोहण द्वारा अपने उद्बोधन मे कहा कि झाबुआ मे मैने काफी लंबा सफर तय किया है । श्री आरोहण ने अपने अनुभव सभी के साथ बांटे । श्री आरोहण ने कहा कि झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलो में नाबार्ड की योजनाओं की दृष्टि से कार्य करने के बहुत ही अवसर है । दूरदराज के ग्रामीण क्षैत्रों मे गरीब वर्ग के उत्थान के लिये प्रोजेक्ट तैयार किये जाकर लाभांवित किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त सहकारिता श्री बडोले, नवागत नाबार्ड अधिकारी श्री साहू, बैंक उपयंत्री श्री पाण्डे एवं रिसोर्स पर्सन श्री अमित तिवारी द्वारा भी उदबोधन दिया गया । संचालन श्रीमती सुषीला डामोर एवं आभार कु. क्षमा त्रिवेदी द्वारा किया गया 

व्यक्तित्व विकास कैंप का हुआ आयोजन

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झाबुआ। स्थानीय कैथोलिक मिषन स्कूल में बालक येसु संघ के सदस्यों के लिए तीन दिवसीय व्यक्तित्व विकास समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिषप बसील भूरिया द्वारा षिरकत की गई। बच्चों को संबोधित करते हुए बिषप बसील भूरिया ने कहा प्रभु येसु ने कहते है बच्चों को मेरे पास आने दो। प्रभु येसु बच्चों से अथाह प्रेम करते थे। वे जहां भी जाते थे बच्चें उन्हें बच्चों का हुजुम लग जाता था। संत पापा भी जहां भी जाते है वहां बच्चों से जरूर मिलते है और उनसे बातचित करते है। आज ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चें काफी पिछड चुके है। उनके व्यक्तित्व का विकास नही हो पा रहा है। जिसे देखते हुए मेरे द्वारा झाबुआ डायोसिस के बच्चों के लिए इस तरह के विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस व्यक्तित्व विकास केंप में का संचालन युवा निर्देषक फादर सोनु वसुनिया एवं सहायक निर्देषिका सिस्टर हेमन्ती बरवा द्वारा किया जा रहा हौ। बच्चों को कैंप में डांस, खेलकुद एवं प्रतियोगिताएं एवं ऐसी बहुत सी बातें जो व्यक्तित्व विकास के लिए आवष्यक सिखाई जा रही है। इस कैंप में गोवा, बैंगलोर और नागपुर से आए रूचा, कैनेडी डिसिल्वा, सिल्वेस्टर, एस्तेर, इषान एवं अमित द्वारा विभिन्न प्रकार कि गतिविधियां सिखाई जा रही है। झाबुआ डीनरी में बालक येसु संघ के लगभग 250 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। वहीं फादर सोनु वसुनिया ने बताया कि झाबुआ जिला आदिवासी बाहुल क्षेत्र है यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति ठिक नही हैं जिसके चलते कई युवा एवं बच्चे  उचित मार्गदर्षन नही मिलने के कारण गलत राह पकड लेते हैं ऐसे हमारे द्वारा इस तरह के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। जिससे बच्चों एवं युवाओं के व्यक्तित्व का विकास हो सके और उन्हे उचित मार्गदर्षन मिल सके। इस कार्यक्रम के पश्चात और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। उक्त जानकारी डायोसिस पीआरओ फादर राॅकी शाह ने दी।

मारपीट के तीन अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ । फरियादिया अंतु पति देवीसिंह गुणिया, निवासी आम्बाखोदरा ने बताया कि आरोपी राजेश पिता हरिसिंह गुणिया एवं अन्य 03 निवासीगण आम्बाखोदरा ने फरियादी के लडके कालु को बोले कि तु बहुत तेज चलता हे तु यहां कितने दिन तक रहेगा, कहकर अश्लील गालियां देकर लोहे के पाईप से मारपीट कर चोंट पहुॅचाई व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना कोतवाली में अप0क्र0 319/16, धारा 294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी भूरा पिता टेटिया वाखला, निवासी साड ने बताया कि आरोपी मनसु पिता बालु किहोरी, निवासी साड ने फरियादी को पूराने झगडे की बात को लेकर अश्लील गालियां देकर पत्थर मारकर चोंट पहुॅचाई व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना कालीदेवी में अप0क्र0 92/16, धारा 294,323,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी पानसिंह पिता रतना वाखला, निवासी खैरमाल ने बताया कि आरोपी चैनसिंह पिता रतना वाखला, निवासी खैरमाल ने फरियादी के घर आये मेहमानों को खाना खिलाने की बात को लेकर अश्लील गालियां देकर पत्थर से मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 180/16, धारा 294,323,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना के दो अपराध पंजीबद्ध 
झाबुआ ।  फरियादी सुरसिंह पिता दितीया भूरिया, निवासी करवड ने बताया कि ट्रक का चालक तेज गति व लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाया व फरि0 की महेन्द्रा पीकप के सामने से टक्कर मार दी। जिससे पीकप में बैठे लोगों को चोंट आयी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 161/16, धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी अमरू पिता बदा मचार, निवासी अगराल ने बताया कि मो0सा0 का चालक तेज गति व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाकर लाया व फरि0 की ठेला गाडी को सामने से टक्कर मार दी। जिससे फरि0 को चोंट आयी। प्रकरण में थाना मेघनगर में अप0क्र0 117/16, धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विशेष आलेख : गंगोत्पत्ति दिवस है गंगा सप्तमी

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मानव जीवन ही नहीं, वरन मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करने वाली भारतवर्ष की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी राष्ट्र-नदी गंगा निरन्तर गतिशीला और श्रम का प्रतीक है और अनवरत श्रमशीला बनी रहकर सभी को अथक, अविरल श्रम करने का संदेश देती है। इसीलिए गंगा को जीवन तत्त्व और जीवन प्रदायिनी कहा गया है तथा माता मानकर देवी के समान भारतीय समाज के मानवीय चेतना में पूजी जाती है। गंगा मनुष्य मात्र में कोई भेद नहीं करती इसीलिए गंगा के के महत्व को आर्य-अनार्य, वैष्णव-शैव, साहित्यकार-वैज्ञानिक सबों ने एकस्वर से स्वीकार किया है। गंगा सब मनुष्य को एक सूत्र में पिरोती है और एक सूत्र में बाँधे रखने का संकल्प प्रदान करती है। लोक आस्था के अनुसार जीवन में एक बार भी गंगा में स्नान न कर पाना जीवन की अपूर्णता का द्योतक है। इसलिए सम्पूर्ण भारत में गंगा नदी पवित्र और पूजनीय मानी जाती है। भारतीय पुरातन ग्रन्थ इस सत्य का सत्यापन करते हैं कि गंगा सिर्फ भारतवर्ष की भूमि ही नहीं अपितु आकाश, पाताल और इस पृथ्वी को मिलाती है और मन्दाकिनी, भोगावती और और भागीरथी की संज्ञा को सुशोभित करती है। मान्यता है कि गंगा ऐसी नदी है, जो तीनों लोकों देवलोक, मृत्युलोक और पाताल लोक को अपने पवित्र जल से तृप्त करती है। इसलिए इसे तृप्त गंगा भी कहते हैं। इसके साथ ही गंगा पाताल लोक में भोगवती और पितृलोक में वैतरणी के रुप में जानी जाती है। नारद पुराण के अनुसार गंगा कृष्ण पक्ष के छठे दिन से लेकर अमावस्या तक पृथ्वी पर, शुक्ल पक्ष के पहले दिन से दसवें दिन तक पाताल लोक या रसातल में और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन से लेकर पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष के पांचवे दिन तक वह स्वर्ग में वास करती है। 

भारत की राष्ट्र-नदी गंगा की भारतीय सभ्यता-संस्कृति में अत्यधिक महता होने के कारण ही ऋग्वेद, महभारत और रामायण तथा अनेक पुराणों में पुण्य सलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा एवं महानदी कहा गया है। ऋग्वेद में चालीस नदियों तथा  हिमालय (हिमवंत) त्रिकोता पर्वत, मूंजवत (हिंदु-कुश पर्वत) का उल्लेख है। आदिग्रंथ ऋग्वेद में स्पष्ट रूप से गंगा नदी का उल्लेख एक बार और यमुना का तीन बार हुआ है। प्राचीनतम् और पवित्रतम् ऋगवेद में गंगा का उल्लेख ऋग्वेद के नदी सूक्त जिसे नादिस्तुति भी कहते हैं, में हुआ है। ॠग्वेद 10/75 में पूर्व से पश्चिम को प्रवाहित होने वाली नदियों का वर्णन अंकित है, जिसमें स्पष्ट रूप से गंगा का उल्लेख हुआ है। ऋगवेद 6/45/31 में भी गंगा का उल्लेख तो मिलता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह गंगा  नदी के सन्दर्भ में यह उल्लेख है। ऋगवेद 3/58/6 कहता है कि, हे वीरो तुम्हारा प्राचीन गृह, तुम्हारी भाग्याशाली मित्रता, तुम्हारी सम्पत्ति जावी के तट पर है। ऋगवेद 1/116/18-19 साथ ही कुछ अन्य श्लोक में भी जाह्नवी और गंगोत्री डालफिन का उल्लेख मिलता है। वैदिक ग्रन्थों के अध्ययन से इस सत्य का सत्यापन होता है कि ऋग्वेद में सिन्धु और सरस्वती प्रमुख नदियां थी, किन्तु बाद के तीन वेदों यथा यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में गंगा को अधिक महत्व दिया गया है। इनके साथ ही शतपथ ब्राह्मण, पंचविश ब्राह्मण, गौपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, कौशितकी आरण्यक, सांख्यायन आरण्यक, वाजसनेयी संहिता और महाभारत में गंगा सम्बन्धी विवरण अंकित हैं ।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी गंगा का अस्तित्व केवल स्वर्ग में ही माना गया है। तब भगीरथ गंगा की पूजा-तपस्या करके उसे पृथ्वी पर लाये। इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। महाभारत में भी यह कथा अंकित है, परन्तु महाभारत में गंगा प्रमुख चरित्र है और वह महाराजा शान्तनु की पत्नी और भीष्म की माँ है। गंगा नदी के साथ अन्य अनेक पौराणिक कथाएँ भी जुड़ी हुई हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मा ने विष्णु के पैर के पसीने की बूँदों से गंगा का निर्माण किया। त्रिमूर्ति के दो सदस्यों के स्पर्श के कारण यह पवित्र समझा गया। एक अन्य कथा के अनुसार राजा सगर के साठ हजार मृत पुत्रों के उद्धार के लिए के लिए सागर के वंशज भागीरथ के प्रयत्न से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ। इस पौराणिक कथा के अनुसार जब कपिल मुनि के श्राप से सूर्यवंशी राजा सगर के साठ हज़ार पुत्र जल कर भस्म हो गए, तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के पुत्र अंशुमान ने असफल प्रयास किया और बाद में यह प्रयास अंशुमान के पुत्र दिलीप ने भी किया। इस पर दिलीप की दूसरी पत्नी से उत्पन्न पुत्र भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाने का प्रण किया जिससे मृत्योपरान्त ढेर के रूप में पड़े पूर्वजों के शव को अंतिम संस्कार कर, उनके राख को गंगाजल में प्रवाहित कर उनको  मुक्ति दिलायी जा सके। भगीरथ ने ब्रह्मा की घोर तपस्या की और ब्रह्मा को प्रसन्न कर गंगा को पृथ्वी पर भेजने के लिये तैयार कर लिया। गंगा को पृथ्वी पर जाने और तत्पश्चात सगर के पत्रों के उद्धार हेतु पाताललोक में जाने का आदेश ब्रह्मा के द्वारा दिए जाने पर गंगा ने कहा कि इतनी ऊँचाई से गिरने पर मेरी वेग को पृथ्वी कैसे सह पाएगी? इस पर भगीरथ ने भगवान शिव से गंगा के प्रवाह के वेग को रोक लेने का निवेदन किया और शिव ने अपनी खुली जटाओं में गंगा के वेग को रोक कर रख लिया। यह घटना गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के पूर्व अर्थात गंगावतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के पूर्व बैशाख शुक्ल सप्तमी की है। इसीलिए वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गंगा सप्तमी कहा जाता है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख मास की इस तिथि को ही गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुँची थीं। इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई, वह बैशाख शुक्ल सप्तमी का दिन था , जिसे  गंगा जयंती के नाम से जाना जाता है और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुईं, वह ज्येष्ठ शुक्ल दशमी का दिन गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। इस दिन माँ गंगा का पूजन किया जाता है। गंगा सप्तमी के अवसर पर गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्व पर  गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना और दान – पुण्य की जाती है। कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। कुछ स्थानों पर इस तिथि को गंगा जन्मोत्सव के नाम से भी पुकारा जाता है। गंगा के शिव के जटा में ही फंस कर रह जाने से अत्यंत चिंतित भगीरथ ने शिव से गंगा को मुक्त कर देने के लिए प्रार्थना की। इस पर शिव ने अपनी जटा की एक लट खोल दी, जिससे गंगा की अविरल धारा पृथ्वी पर प्रवाहित हुई। वह धारा भगीरथ के पीछे-पीछे गंगा सागर संगम तक गई, जहाँ सगर-पुत्रों का उद्धार हुआ। गंगा के स्पर्श से ही सगर के साठ हज़ार पुत्रों का उद्धार होने के कारण ही गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। शिव के स्पर्श से गंगा और भी पावन हो गयी और पृथ्वी वासियों के लिये बहुत ही श्रद्धा का केन्द्र बन गयीं। पुराणों के अनुसार स्वर्ग में गंगा को मन्दाकिनी और पाताल में भागीरथी कहते हैं। 

धार्मिक अवधारणाओं में देवी के रूप में निरुपित गंगा नदी के किनारे वाराणसी और हरिद्वार के साथ ही बहुत से पवित्र तीर्थस्थल बसे हुये हैं। मन्दिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध और गंगा के साथ निकट सम्बन्ध रखने वाले प्राचीन नगर वाराणसी में गंगा के किनारे-किनारे बसे इस शहर में अनेक मन्दिर स्थापित हैं। लोक मान्यतानुसार गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति होती है तथा मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है। कतिपय अवसरों पर तो इसमें स्नान की महता और बढ़ जाती है। मोक्ष प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भारत के अधिकांश लोग मरने के बाद गंगा में अपनी राख विसर्जित करने अर्थात कराने की चाह अवश्य रखते हैं, यहाँ तक कि कुछ लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा भी रखते हैं। भारत सहित विश्व भर से लोग गंगा में मृतकों की अस्थि विसर्जन के लिए यहाँ आते हैं। लोग गंगा का पवित्र जल पीतल के बर्तनों में हरिद्वार अथवा काशी यात्रा के समय ले आते हैं। लोक धारणा है कि मरणासन्न अवस्था में यदि मनुष्य को गंगाजल पिलाया जाता है तो उसे स्वर्ग की सहज प्राप्ति हो जाती है। प्रायः सभी शुभ अवसरों पर गंगा जल का उपयोग अनिवार्य माना जाता है । पावन गंगा का जल शुभ और अनेक रोगों का निदानकारक होने के कारण ही अधिकांश हिन्दू परिवारों में गंगाजल का एक पात्र घर में रखा रहता है। प्राचीन ग्रन्थों में गंगाजल को विष्णु का चरणामृत माने जाने का उल्लेख है। इसीलिए मां गंगा को विष्णुपदी अर्थात भगवान विष्णु के कमल पाद से अवतरित हुई माना जाता है। इसके घाटों पर लोग पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं। गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक है। पंचामृत में भी गंगाजल को एक अमृत माना गया है। अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है। उदाहरण के लिए मकर संक्रांति, कुम्भ और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान- जलार्पण अथवा सिर्फ दर्शन मात्र ही आवश्यक महत्त्वपूर्ण समझा जाता है। कुम्भ पर्व, गंगा दशहरा, पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा , कार्तिक पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा, मकर संक्रांति व गंगा सप्तमी आदि ऋतु परिवर्तन से सम्बन्धित पावन पर्व गंगा तट पर ही सम्पन्न होने से गंगा की महता की पुष्टि ही होती है। महाभारत के अनुसार मात्र प्रयाग में माघ मास में गंगा-यमुना के संगम पर तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का संगम होता है। ये तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करते हैं। गंगा से सम्बंधित अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं। जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम् और गंगा आरती आदि सर्वप्रसिद्ध हैं। 

पृथ्वी पर मनुष्यों के होने वाले सबसे बड़े संगम अर्थात गंगा- यमुना- सरस्वती के संगम स्थल पावन नगरी प्रयाग में लगने वाली कुम्भ मेले में सम्पूर्ण विश्व से एक करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। हिन्दूओं के सर्वाधिक पवित्र नगरी वाराणसी अथवा बनारस भी गंगा के तट पर बसा है। यह नगरी सिर्फ पूजा के लिए ही नहीं बल्कि विशेषतः गंगा के तट  अर्थात गंगा घाट अन्तिम संस्कार  स्थल के रूप में भी विशेष मोक्ष दायिनी माने गए हैं। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण व पवित्र मानी जाने वाली माँ गंगा की घाटी में प्राचीन काल में उद्भित, विकसित गौरवमयी और वैभवशाली सभ्यता –संस्कृति में ही ज्ञान- विज्ञान , धर्म, अध्यात्म व शाश्वत सभ्यता-संस्कृति की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई जिससे न केवल भारत बल्कि समस्त संसार आलोकित हुआ और हो रहा है। गंगा की घाटी में रामायण और महाभारत कालीन युग का उद्भव और विलय हुआ। उपनिषद , ब्राह्मण, आरण्यक, संहिता अदि ग्रंथों के साथ ही पुराणों व महाभारत इत्यादि में वर्णित घटनाओं से समृद्ध गंगा घाटी की झलक मिलती है। प्राचीन मगध महाजनपद का उद्भव गंगा घाटी में ही हुआ जहाँ से गणराज्यों की परंपरा विश्व में पहली बार प्रारंभ हुई। 





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-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला
झारखण्ड 
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