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नीतीश के अतिमहत्वाकांक्षा से बर्बाद हो रहा है बिहार : रघुवर

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पटना 23 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रघुवार दास ने आज आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अतिमहत्वाकांक्षा के कारण ..राजनीति का नशा.. चढ़ गया है जिससे प्रदेश बर्वाद हो रहा है । श्री दास ने यहां तेली-साहू समाज के पंचायत प्रतिनिधियों के अभिनंदन समारोह का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ..नामदार.. है और वह (श्री दास) ..कामगार..। कामगार को कोई कैसे बर्बाद करेगा ।उन्होंने कहा कि अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में ही उन्होंने सीखा है कि किस तरह से सुशासन चलाया जाता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की यही खुबसुरती है कि एक मुखिया जहां मुख्यमंत्री बन सकता है वहीं चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री भी बन सकता है । बिहार के लोगों को किसने 10 वर्षो तक नशा कराया और दर्द दिया ,इससे कोई अंजान नहीं है । उन्होंने कहा कि अब दवा दिया जा रहा है ।

श्री दास ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा डाक्टर पहले कभी नहीं किसी ने देखा होगा कि पहले दर्द दिया और बाद में दवा दे रहा है । शराबबंदी के नाम पर ..नौटंकी.. की जा रही है । उन्होंने कहा कि नशा खराब होता है चाहे वह गुटका ,खैनी , सिगरेट ,पान ,गांजा या फिर भांग का । उन्होंने कहा कि राजनीति का नशा सबसे खराब होता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी राजनीतिक नशा की जकड़ में श्री कुमार आ गये है । बिहार बर्बाद हो रहा है । उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार ,सिंचाई, शिक्षा और विकास की कही बात नहीं हो रही है । इसी तरह पर्यटन के क्षेत्र में विकास की कोई योजना नहीं शुरू की गयी है । बिहार में प्राकृतिक धरोहरों की कमी नहीं है और इसको बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर लाये जा सकते है । श्री दास ने कहा कि बिहार में युवाओं एवं गरीबों को रोजगार मिले इसकी चिंता राज्य सरकार को नहीं है । राज्य सरकार को सिर्फ चिंता शराब की है ।उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में सभी राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर पहल की थी । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार झारखंड और उत्तर प्रदेश पर शराब को लेकर निशाना साध रहे हैं ,लेकिन पश्चिम बंगाल से शराब आ रहा है इसके बावजूद चुप्पी साधे हुए है । 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह नेपाल से भी शराब आ रहा है , लेकिन इस पर श्री कुमार कुछ नहीं बोल रहे हैं । अवैध शराब पीने से गया और छपरा में कई लोग मरे है । उन्होंने कहा कि अवैध शराब के पीने से गरीब लोगों की जान जा रही है । शराबबंदी के बाद से बिहार में 25 प्रतिशत गांजा की बिक्री बढ़ी है और भांग का भी बिक्री बढ़ेगा । श्री दास ने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से ही नहीं होता बल्कि इसके लिए जागरूकता भी जरूरी है । दहेज निरोधक अधिनियम बनने के बावजूद दहेज को लेकर महिलाओं को जलाकर मार दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव में जनजागरण अभियान चलाना चाहिए तभी इसके बेहतर परिणाम आयेंगे । उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार ने नशामुक्त गांव के लिए एक लाख रूपया पुरस्कार की योजना शुरू की है । मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वह स्वयं और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी गांव में अधिकारियों के साथ जाकर गांव की योजना तैयार कर रहे है । एक-एक गांव का दौरा कर योजना तैयार की जा रही न कि राजधानी रांची में बैठकर । उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन का काम किया जा रहा है ताकि वर्षा का पानी संचय किया जा सके और इसका लाभ किसानों को मिले । कई तालाबों की जहां खुदाई की गयी है वहीं लगभग 50 हजार तालाबों का जिर्णोद्धार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से कई अन्य योजनाऐं भी शुरू की गयी है । इस मौके पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ,डिबरूगढ़ के सांसद रामेश्वर तेली, विलाशपुर के सांसद लखन लाल साहू ,प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडये , विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डा.प्रेम कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद किशोर यादव ,विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद और महिला आयोग की सदस्य श्रीमती सुषमा साहू ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 

केन्द्रीय मंत्रियों के लिए गौ पालन अनिवार्य करें प्रधानमंत्री : लालू

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पटना 23 जुलाई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गौ रक्षा के नाम पर गुजरात के ऊना में दलितों के खिलाफ हिंसक घटनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक(आरएसएस) को जिम्मेवार ठहराते हुए मांग की कि इस मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संवेदनशीलता उत्पन्न करने के लिए सबसे पहले केन्द्रीय मंत्रियों के लिए गौ पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए । श्री यादव ने आज प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में कहा कि स्वयं श्री मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा आरएसएस के कार्यकर्ता इस तरह की परिस्थिति के लिए पूरी तरह जिम्मेवार है । उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव और वर्ष 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ..पिंक रेवोलुशन..के नाम पर भड़काऊ भाषण दिया था जिसके कारण इस मामले को लेकर समाज के विभिन्न वर्गो के बीच तनाव उत्पन्न हुआ है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी गौ रक्षा के नाम पर उकसाने वाले भाषण देकर समाज में तनाव उत्पन्न किया । उन्होंने कहा कि जिस तरह से चमड़ा उद्योग से जुड़े दलितों पर तथाकथित घोषित गौ रक्षा दल हमला कर रहे है ,यह भाजपा नेताओं की ओर से इस मामले को लेकर फैलाये गये तनाव का ही परिणाम है ।

श्री यादव ने कहा कि गौ रक्षा मामले पर केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं में संवेदनशीलता लाये जाने की आवश्यकता है । इसके लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी को केन्द्रीय मंत्रियों के लिए गौ पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि पार्टी के हजारों कार्यकर्ता केन्द्रीय मंत्रियों से मिलने उनके आवास पर जाते है और जब वे उन्हें गौ पालन करते हुए देखेंगे तो उनमें भी इस मामले को लेकर संवेदनशीलता जगेगी । राजद अध्यक्ष ने कहा कि स्थिति अब इतनी भयावह हो गयी है कि किसान अब गाय खरीद कर ट्रक से ले जाने में भी डरते है । उन्हें यह भय लगता है कि तथाकथित गौ रक्षा दल उनपर हमला न कर दे । उन्होंने कहा कि गुजरात के ऊना में चाहे दलितों पर हमला का मामला हो या फिर दादरी में बीफ को लेकर अखलाख की हत्या करने का मामला हो ,सभी के लिए तथाकथित गौ रक्षा दल जिम्मेवार है जो भाजपा और आरएसएस के उकसावे पर काम करते है । श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी समाज में फिर से ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को दलित , पिछड़े और आदिवासियों पर लादना चाह रहे है जिसे किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि सामाजिक ढ़ांचे में इस तरह की पुनरावृति को पुरजोर विरोध किया जायेगा । उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इस मामले पर जहर उगलते रहते है । 

पांच नदियां लाल निशान से उपर ,निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भयावह

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पटना 23 जुलाई, नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी वारिश के कारण बिहार की पांच प्रमुख नदियों के लाल निशान से उपर रहने से निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति जहां भयावह हो गयी है वहीं पानी का दबाव बढ़ने से क्षतिग्रस्त बाल्मिकीनगर बराज के फाटक की मरम्मति का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है । पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने यहां बताया कि गंडक के जलस्तर में कमी से पहले बराज के क्षतिग्रस्त फाटक की मरम्मत संभव नहीं है । बराज के फाटक नम्बर 33 पर पानी का भारी दबाव बना हुआ है । हालांकि पटना से जांच के लिए आये जलसंसाधन विभाग के अवकाश प्राप्त मुख्य अभियंता के.एन.लाल ने बताया कि अभी नदी का प्रवाह तेज है जिसके कारण फाटक पर पानी का दबाव बना हुआ है । पानी के दबाव के कारण फाटक को बदलना या फिर मरम्मत करना अभी संभव नहीं है । श्री सिंह ने कहा कि बराज के क्षतिग्रस्त फाटक की सूचना के बाद जिला प्रशासन की ओर से इसकी जांच करायी गयी । जांच में यह पाया गया कि जलसंसाधन विभाग के सहायक अभियंता ,कनिय अभियंता समेत सात अन्य लोग इसके लिए जिम्मेवार है । उन्होंने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है तथा जलसंसाधन विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए कहा गया है । 

पश्चिम चंपारण में नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण जिले के दियारा वाले क्षेत्रों के निचले इलाकों में पानी फैल गया है । जिले के दियारा वाले छह प्रखंडों के 28 गांवों में बाढ़ का पानी फैल जाने से लोग उंचे और सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने लगे है । कुछ मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी फैल जाने से यातायात भी प्रभावित हो गया है । सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नेपाल से लगे कुनौली बाजार के उत्तरी भाग में खारो नदी में आये उफान से सुरक्षा बांध क्षतिग्रस्त हो गया है । बांध के क्षतिगस्त होने से कुनौली ,हरिपुर और कमलपुर पंचायतों के कई गांवों के सौकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गयी है । जल संसाधन विभाग के अभियंता क्षतिग्रस्त बांध को ठीक करने में जुट गये है । इस बीच केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा ,घाघरा ,बागमती , कोसी और महानंदा नदी लाल निशान से उपर है । इन नदियों के जलस्तर में कल तक कुछ और स्थानों पर वृद्धि होने की संभावना है । गंगा फरक्का में 30 ,घाघरा गंगपुरसिसवन में 06 तथा बागमती नदी बेनीवाद में लाल निशान से 40 सेंटीमीटर उपर है । इसी तरह कोसी बालतारा एवं कुरसेला में क्रमश: 55 एवं 03 तथा महानंदा ढेंगराघाट एवं झावा में लाल निशान से क्रमश: 120 तथा 64 सेंटीमीटर उपर है । मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है । 

केन्द्र कर रहा है बिहार के साथ सौतेला व्यवहार : तेजस्वी

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पटना 23 जुलाई, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज केन्द्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो विशेष पैकेज की घोषणा की थी उसकी आज वह खुद खिल्ली उड़ा रहे हैं । श्री यादव ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अन्य केंद्रीय मंत्री विशेष पैकेज के तहत विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में झूठे वादे करने में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। अभी तक केन्द्र का कोई एक कार्यक्रम भी जमीन पर नजर नहीं आ रहा है । उन्होंने कहा कि अब जनता उनके झूठे वादों और उनकी कारगुजारियों के बारे में अच्छी तरह से समझ गयी है । उप मुख्यमंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साईट ट्वीटर पर ट्वीट कर राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय का उल्लेख करते हुए कहा कि ..अफ़सोस है कि बिहार से केंद्रीय कृषि मंत्री होने के बावजूद राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए केंद्र गम्भीर नहीं है । उन्होंने कहा कि राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय,भागलपुर को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए 25 जनवरी 2015 को केंद्र और राज्य के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था ।

श्री यादव ने कहा कि केंद्र द्वारा अब तक इस विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति भी नहीं की गई है । समझौता अनुसार एसेट टेकओवर कमेटी का भी गठन नहीं किया गया है । कुलपति की नियुक्ति एवं एसेट टेकओवर कमेटी का गठन नहीं होने के कारण केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मूर्तरूप नहीं ले सका है। यह केंद्र सरकार की विफलता है । उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक राजेंद्र कृषि वि० को वेतनादि के लिए 457.38 करोड़ रु विमुक्त किया गया है । यहाँ तक कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में इस विश्वविद्यालय को 130.54 करोड़ रु दिया गया है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की लगातार उपेक्षा को देखते हुए राज्य द्वारा कृषि वि० के कर्मियों के हित में 2016-17 के लिए भी 103.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए है । श्री यादव ने आगे ट्वीट कर कहा .. मैं केंद्रीय कृषि मंत्री से आग्रह करूँगा कि यथाशीघ्र डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि वि० को समझौते अनुसार सुचारू रूप से शुरू करवायें..। 

विशेष आलेख : हर रोज अपने जीवन को नया अर्थ दे

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आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल का दौर चल रहा होता है, ऐसी स्थितियों में  अक्सर लोग लक्ष्य को पाने की आस छोड़ देते हैं। उनका सारा ध्यान महज अपने अस्तित्व को बचाए रखने में लग जाता है। लक्ष्य का होना जीवन को स्पष्टता देता है। अच्छी खबर यह है कि आप बंधी-बंधाई सुरक्षित राहों के इतर राह चुनते हैं तो उन अवसरों पर सोचना भी आसान हो जाता है, जो आपको मुश्किल लगती थीं। परिवर्तन की इस संधि-बेला में, इस भूमण्डलीकरण, आर्थिक आजादी और आक्रामकता के दौर में एक ऐसी मानवीय संरचना की आवश्यकता है जहां इंसान और उसकी इंसानियता दोनों बरकरार रहे। इसके लिये मनुष्य को भाग्य के भरोसे न रहकर पुरुषार्थ करते रहना चाहिए। पुरुषार्थ कभी व्यर्थ नहीं जाता बल्कि सफलता का सूत्रधार है पुरुषार्थ। इसके लिये जरूरी है आप हर रोज अपने सपनांे के बारे में सोचें और उनको आकार देने के लिये तत्पर हो।

इंसान का अपना प्रिय जीवन-संगीत टूट रहा है। वह अपने से, अपने लोगों से और प्रकृति से अलग हो रहा है। उसका निजी एकांत खो रहा है और रात का खामोश अंधेरा भी। इलियट के शब्दों में, ‘‘कहां है वह जीवन जिसे हमने जीने में ही खो दिया।’’ फिर भी हमें उस जीवन को पाना है जहां इंसान आज भी अपनी पूरी ताकत, अभेद्य जिजीविषा और अथाह गरिमा और सतत पुरुषार्थ के साथ जिंदा है। इसी जिजीविषा एवं पुरुषार्थ के बल पर वह चांद और मंगल ग्रह की यात्राएं करता रहा है। उसने महाद्वीपों के बीच की दूरी को खत्म किया है। वह अपनी कामयाबियों का जश्न मना रहा है फिर भी कहीं-न-कहीं इंसान के पुरुषार्थ की दिशा दिग्भ्रमित रही है कि मनुष्य के सामने हर समय अस्तित्व का संघर्ष कायम है। जब हम अपनी ही सोच और क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं तब अंधेरा घना होता है। तभी लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता। लेखिका एलेक्जेंड्रा फ्रेन्जन कहती हैं, ‘अगर दिल धड़क रहा है, फेफड़े सांस ले रहे हैं और आप जिंदा हैं तो कोई भी भला, रचनात्मक और खुशी देने वाला काम करने में देरी नहीं हुई है।’

हालांकि इस संघर्ष और विश्वास से उसको नयी ताकत, नया विश्वास और नयी ऊर्जा मिलती है और इसी से संभवतः वह स्वार्थी बना तो परोपकारी भी बना। वह क्रूर बना तो दयालु भी बना, वह लोभी व लालची बना तो उदार व अपरिग्रह भी बना। वह हत्यारा और हिंसक हुआ तो रक्षक और जीवनदाता भी बना। आज उसकी चतुराई, उसकी बुद्धिमता, उसके श्रम और मनोबल पर चकित हो जाना पड़ता है। इस सबके बावजूद जरूरत है कि इंसान का पुरुषार्थ उन दिशाओं में अग्रसर हो जहां से उत्पन्न सद्गुणों से इंसान का मानवीय चेहरा दमकने लगे। इंसान के सम्मुख खड़ी अशिक्षा, कुपोषण और अन्य जीने की सुविधाओं के अभाव की विभीषिका समाप्त हो। वह जीवन के उच्चतर मूल्यों की ओर अग्रसर हो। सत्य, अहिंसा, सादगी, सच्चाई और मनुष्यता के गुणों के बारे में उसकी आस्था कायम रहे।

कहते हैं एक बार इंद्र किसी कारणवश पृथ्वीवासियों से नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि बारह वर्ष तक वर्षा नहीं करनी है। किसी ने उनसे पूछा कि क्या सचमुच बारह वर्ष तक बरसात नहीं होगी। इंद्र ने कहा-हां, यदि कहीं शिवजी डमरू बजा दें तो वर्षा हो सकती है। इंद्र ने जाकर शिवजी से निवेदन किया कि भगवन्! आप बारह वर्ष तक डमरू न बजायें। शिवजी ने डमरू बजाना बंद कर दिया। तीन वर्ष बीत गए, एक बूंद पानी नहीं गिरा। सर्वत्र हाहाकार मच गया। एक दिन शिव-पार्वती कहीं जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक किसान हल-बैल लिए खेत जोत रहा है। उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। दोनों किसान के पास गए और कहने लगे-क्यों भाई! जब आपको पता है कि आने वाले नौ वर्षों में भी बरसात नहीं होगी तो तुम खेत की जुताई क्यों कर रहे हो? किसान ने कहा-वर्षा को होना न होना मेरे हाथ में नहीं है लेकिन मैंने यदि हल चलाना छोड़ दिया तो बारह साल बाद न तो मुझे और न ही मेरे बैलों को हल चलाने का अभ्यास रहेगा। हल चलाने का अभ्यास बना रहे इसलिए हल चला रहा हूं। किसान की बात सुनकर पार्वती ने शिवजी से कहा कि स्वामिन्! तीन साल हो गए आपने डमरू नहीं बजाया, अभी नौ साल और नहीं बजाना है। देखो! कहीं आप भी डमरू बजाने का अभ्यास न भूल जाएं। शिवजी ने सोचा-बात तो सही है। डमरू बजाकर देख लेना चाहिए। वे डमरू बजाकर देखने लगे। उनका डमरू बजते ही पानी झर-झर बरसने लगा।

उक्त कथा का सार संदेश यही है कि मनुष्य को अपना प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, कहा नहीं जा सकता। भविष्य में क्या होने वाला है, सब अनिश्चित है। यदि कुछ निश्चित है तो वह है व्यक्ति का अपना पुरुषार्थ। सफलता मिलेगी या नहीं इसकी चिंता छोड़कर केवल अपना काम करता चले। सफलता मिल गई तो वाह-वाह और यदि नहीं भी मिली तो भी मन को इतना संतोष तो रहेगा कि जितना मुझे करना था वह मैंने किया। यह संतोष भी एक प्रकार की सफलता ही है। यह आवश्यक नहीं है कि सफलता प्रथम प्रयास में ही मिल जाए। जो आज शिखर पर पहुंचे हुए हैं वे भी कई बार गिरे हैं, ठोकर खाई है। उस शिशु को देखिए जो अभी चलना सीख रहा है। चलने के प्रयास में वह बार-बार गिरता है किंतु उसका साहस कम नहीं होता। गिरने के बावजूद भी प्रसन्नता और उमंग उसके चेहरे की शोभा को बढ़ाती ही है। जरा विचार करें उस नन्हें से बीज के बारे में जो अपने अंदर विशाल वृक्ष उत्पन्न करने की क्षमता समेटे हुए है। आज जो विशाल वृक्ष दूर-दूर तक अपनी शाखाएं फैलाएं खड़ा है, जरा सोचो कितने संघर्षों, झंझावतों को सहन करने के बाद इस स्थिति में पहुंचा है। सर्वस्व समर्पण और अपार प्रसव पीड़ा सहन करने के बाद ही कोई नारी मातृत्व का गौरव प्राप्त करती है।

यदि लक्ष्य स्पष्ट हो, उसको पाने की तीव्र उत्कष्ठा एवं अदम्य उत्साह हो तो अकेला व्यक्ति भी बहुत कुछ कर सकता है। विश्वकवि रविंद्रनाथ टैगोर का यह कथन कितना सटीक है कि अस्त होने के पूर्व सूर्य ने पूछा कि मेरे अस्त हो जाने के बाद दुनिया को प्रकाशित करने का काम कौन करेगा। तब एक छोटा-सा दीपक सामने आया और कहा प्रभु! जितना मुझसे हो सकेगा उतना प्रकाश करने का काम मैं करूंगा। हम देखते हैं कि आखिरी बूंद तक दीपक अपना प्रकाश फैलाता रहता है। जितना हम कर सकते हैं उतना करते चले। आगे का मार्ग प्रशस्त होता चला जाएगा। किसी ने कितना सुंदर कहा है-जितना तुम कर सकते हो उतना करो, फिर जो तुम नहीं कर सको, उसे परमात्मा करेगा। जो व्यक्ति आपत्ति-विपत्ति से घबराता नहीं, प्रतिकूलता के सामने झुकता नहीं और दुःख को भी प्रगति की सीढ़ी बना लेता है, उसकी सफलता निश्चित है। ऐसे धीर पुरुष के साहस को देखकर असफलता घुटने टेक देती है। इसीलिए तो कहा गया है-‘‘चरैवेति चरैवेति’’ अर्थात् चलते रहो, चलते रहो, निरंतर श्रमशील रहो। किसी महापुरुष ने कितना सुंदर कहा है-अंधकार की निंदा करने की अपेक्षा एक छोटी-सी मोमबत्ती, एक छोटा-सा दिया जलाना कहीं ज्यादा अच्छा होता है। रॉबर्ट जे. कॉलियर कहते हैं, ‘सफलता छोटे-छोटे कई प्रयासों का नतीजा होती है, जिन्हें कई दिनों तक बार-बार दोहराया जाता है।’ अगर आप एक के बाद एक कदम उठाते रहें, जरूरत के हिसाब से बदलते रहें, तो मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे।

महापुरुष समझाते हैं कि व्यक्ति सफलता प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ अवश्य करे लेकिन अति महत्वाकांक्षी न बने। अति महत्वाकांक्षा का भूत विनाश का कारण बनता है, असंतोष तथा अशांति की अग्नि में भस्म कर देता है। किसी के हृदय को पीड़ा पहुंचाकर, किसी के अधिकारों को छीनकर प्राप्त की गई सफलता न तो स्थायी होती है और न ही सुखद। ऐसी सफलता का कोई अर्थ नहीं होता। अति महत्वाकांक्षाी व्यक्ति को हिटलर, नादिरशाह, चंगेज़ खां, तैमूरलंग, औरंगजेब, इदी अमीन तो बना सकती है किंतु सुख-चैन से जीने नहीं देती। दिन-रात भय और चिंता के वातावरण का निर्माण करती है और अंततः सर्वनाश का ही सबब बनती है। किसी भी दशा में निरंतर प्रयास करने के बाद भी यदि वांछित सफलता न मिले तो हताश, उदास एवं निराश नहीं होना है। इस जगत में सदैव मनचाही सफलता किसी को भी नहीं मिली है और न ही कभी मिल सकती है। लेकिन यह भी सत्य है कि किसी का पुरुषार्थ कभी निष्फल नहीं गया है।




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(ललित गर्ग)
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विशेष : हमने शैतान को समझा था मसीहा अपना

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पिछले हफ्ते आतंकी बुरहान के कुत्ते की मौत के बाद जम्मू कश्मीर के कुछ इलाको में जिस तरह के हिंसक घटनाए हो रही वह इस्लाम का असली चेहरा है? आतंकी बुरहान राजधानी श्रीनगर से ५० किलोमीटर दूर अरिगाम नामक गाँव जिसे अब कश्मीरियत के हत्यारों ने शरीफाबाद नाम दिया इसी गाँव से ताल्लुक रखता है. इसका पूरा परिवार ज़मात-ए-इस्लाम के कट्टर विचारों से प्रभावित था जिस पर वर्तमान शोसल मिडिया का मुल्ल्म्मा चढ़ा हुआ था, घाटी का यह गद्दार युवा भटका हुआ नही बल्कि जैसा उसे जन्म देनेबाली मां कहती है की इस्लाम की राह में काफिरों से लड़ने वाला बेटा था.उसी घृणित शिक्षा का आतंकी स्वरूप है जिसे उस गद्दार की मां  इस्लाम कहती है.

उस गदार के जनाजे में जो लोग शामिल था क्या वह इस्लाम को मानने बाला नही था?कश्मीर के कुछ भागों में यदि गैर इस्लामी वासिंदे होते तो आज उनकी क्या स्थिति वहाँ होती?क्या जम्मू कश्मीर में कश्मीरियत की मासूमियत को इस्लाम ने नही लील रखा है?क्या जम्मू कश्मीर में वहाँ की इंसानियत को इस्लाम की हैवानियत ने नही निगल रखा है?जो लोग जम्मू कश्मीर में जम्हूरियत की बात करता है क्या उसे ज्ञात नही की इस्लाम में जम्हूरियत की कोई गुन्जाईस नही है? जो लोग जम्मू कश्मीर में कश्मीरियत,जम्हूरियत और इंसानियत की बात इस्लाम के वर्तमान स्वरूप में करना चाहता. वह जम्मू कश्मीर को आतंकी इस्लामियो का गढ़ बनाने का राह आसान कर रहा है?इसी कवि ने ठीक ही लिखा है_

 “जान से बढ़कर जिसे चाहा था मैंने उम्र भर 
मुझको क्या मालुम था वो बेवफा हो जाएगा” 

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट माने तो इस समय घाटी में १७९ आतंकी सक्रीय है जिसमे ३६ पाक के तो १४३ कश्मीर के ही है.हिजबुल राज्य में सबसे सक्रिय आतंकी संघठन है.और यह शोशल मिडिया पर ज्यादा सक्रीय रहता है आतंकी बुरहान की मां की यह आतंकी इस्लामी सोच की –“मेरा बेटा इस्लाम की राह में काफिरों से लड़ते शहीद हुआ है”इस्लाम की बर्बर तस्वीर पेश करने के लिए यह काफी है?उसी घाटी में मां अपने बेटों को देश के सुरक्षाबलों पर पत्थरों मारने की शिक्षा देती है वैसे में वहाँ के युवक आतंकी नहीं तो क्या देश भक्त बनेगे.जिस पेड़ की जड़ में ही मठ्ठा डाला जा रहा हो उस पेड़ से हरियाली कब तक?जिस बेटे की मां ही बेटे को इस्लाम के नाम पर आतंकी बनाने की चाहत रखती हो वहाँ बुरहान जैसा ही समाज का नासूर पैदा होगा?१९४७ में इसी इस्लाम के नाम पर भारत के दोनों बाजू कटे थे फिर भी नेहरूवियन सत्तालोलुपो ने जिहादी तत्वों को नही समझा?जो लोग भारत में गंगा यमुना तहजीब के नाम पर गला फाड़ फाड़ चिल्लाते रहता वह जम्मू कश्मीर में गंगा यमुना तहजीब क्यों भूल जाता है?

भारतीय मिडिया के कुछ तबको ने जिस तरह से आतंकी बुरहान को अपना पोस्टर बनाया वह निंदनीय और चिंतनीय है.कुछ मिडिया घरानों ने आतंकी के जनाजे में जो भीड़ थी उसे अपना वाल पेपर लगा अपनी देशभक्ति का जो परिचय दिया वह लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक है.और ऐसे मीडिया घरानों देश की कीमत पर अपने आप को स्थापित करने का जो घृणित प्रयास किया वह आतंकियो की सोच से भी ज़्यादा घातक है.भारत में देशद्रोहियो का चिंतन आज़ादी के बाद से नेहरु चिंतन से प्रभावित रहा जहां भारतीयता को कुचल पैसा ही सर्वोपरि होता रहा है और ऐसे सोच से पीड़ित संस्थान, देश और समाज का सबसे बड़ा दुश्मन होता है.नेहरूवियन संस्कृति में पला बढे ऐसे घातक सोच के पत्रकार हम भारतीय जनमानस को जिस सोच में ढालना चाहती है उसी की आग में आज जम्मू कश्मीर का कुछ भाग जल रहा है.

देश की राजधानी में तथाकथित सेकुलरों और वामपंथियो का मक्का जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय ने जम्मू कश्मीर के दस लाख इनामी आतंकी बुरहान वानी के मौत पर जो स्यापा किया वह एक बार फिर इस शिक्षण संस्थान के मुख पर कालिख पोत दिया.वहाँ के वामपंथी छात्र संगठन की उपाध्यक्ष रेहला के विष बुझे बोल और उमर खालिद के फेसबुक पर उकेरे सोच दोनों देश की एकता और अखंडता के लिए घातक है.दोनों की सोच ऐसा लगा मानो जेएनयू आतंकी संघठन हिजबुल मुजाहोइदीन के तालीम का पैरोकार हो .

मुज़फ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिदीन का खूंखार आतंकी और प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और दुसरे आतंकी संगठन ज़मात उल दावा के आतंकी हाफ़िज़ सईद ने दोनों ने बुरहान के मौत का मातम मनाया और कहा की –“पाकिस्तान को इस मौके का फैदा उठाना चाहिए चाहिए”ये आतंकी संघठन जानते हैं की भारत में ही कविता कृष्णन,रेहला शाहिद जैसे विष कन्या जब उपलब्ध है तो ऐसे मे अगर अगर पाकिस्तान का सहारा मिले तो इन इस्लामी आतंकियो की बांछे खिल सकती है.इतना ही नही भारत में ही जिसे अलगाववादी नेता?के रूप में भारत सरकार खैरात में उसकी खिदमतगारी करती वास्तव में वही आस्तीन का साप है.इन सपोलो को पालने के बजाय कुचलना देशहित के लिए समीचीन है.

कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का खूंखार आतंकी और इसके कमांडर बुरहान वानी के मौत पर नवाज सरकार ने जो टिप्पणी की वह घोर निंदनीय और अस्वीकार्य है उसने कहा –“कश्मीरी नेता बुरहान वानी समेत घाटी के अन्य नागरिकों के भारतीय सेना और पैरामिलिटरी फोर्सेज के हाथों मारे जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को गहरा सदमा लगा है.”इतना ही नही आतंकियो का मक्का-मदीना इस्लामवाद विश्व में इस्लाम के नाम पर किये जाने बाले दहशतगर्द का ज़मज़म है.आतंकियो का सरताज पाकिस्तानी सरकार जम्मू कश्मीर मामले पर अपने देश में सेना के हाथों की कठपुतली संसद के संयुक्त सत्र को बुला 19 जुलाई 16 को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है?भारत के संप्रभु भाग जम्मू कश्मीर पर नापाक पाकिस्तान किस हैसियत से अपना संसद की सत्र आहूत कर रही है?इस्लाम का क्रूरतम चेहरा आज विश्व के समक्ष पाकिस्तान का आ गया जो बुरहान जैसा खूंखार आतंकी में उसे नेता का अक्स दीखता ?सिंध,बलूचिस्तान के निरीह नागरिको पर वायुसेना से हमला करने वाला मानवता का दुश्मन पाकिस्तान किस मुंह से मानवाधिकार की बात करता है. लाखो बलूची बच्चो का अपहरण कर उसके साथ शारीरिक शोषण कर मौत का घाट उतारने वाला पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान की सरकार किस मानवता की बात करता है?

उमार अब्दुल्ला का ट्विट – बुरहान ना तो पहला है ना आखिरी . बुरहान अपनी कब्र से युवाओं को आतंक की और आकर्षित करता रहेगा.उमर अब्दुल्ला का यह सोच उसी इस्लामी सोच की एक कड़ी है जिसकी आग में अमनपसंद जम्मू कश्मीर को उसके दादा ने झोंक रखा था और फारुख हो या उमर दोनों ने उस आग को अब भी जलाए रखा है?आज त्राल भारत का कंधार बना हुआ है.दक्षिणी कश्मीर में क्रिकेट युवाओं के वीच काफी लोकप्रिय है किन्तु क्रिकेट के टीमो का नाम आतंकियो के नाम पर है जैसे आबिद खान कल्न्दर्स बुरहान लायंस खालिद आयंस.ये सब जम्मू कश्मीर में सिर्फ इसलिए होता रहा क्योंकि वह भाग पूर्णत:इस्लाम मानने बाले लोगो से घिरा है.कभी घाटी पंडितों के किल्कारिओं से गुंजायमान था किन्तु जैसे जैसे क्रूर इस्लाम का पंजा इन पंडितों को लीलता गया वहाँ की वादियों से मंदिरों के घंटे गायव होते गये और मस्जिदों की अजाने काफिरों पर कहर बन कर टूटता गया जो आज भी बदस्तूर ज़ारी है.इस सन्दर्भ में हमें यह पंक्तिया बहुत कुछ कहती है-

हमने शैतान को समझा था मसीहा अपना 
अब तो शैतान को शैतान ही कहना होगा



liveaaryaavart dot com

संजय कुमार आजाद  
फोन - 09431162589
Email- azad4sk@gmail.com

व्यंग : राजनेता या पॉलिटिकल सेल्समैन...!!

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सचमुच मैं अवाक था। क्योंकि मंच पर अप्रत्याशित रूप से उन महानुभाव का अवतरण हुआ जो कुछ समय से परिदृश्य से गायब थे। श्रीमान कोई पेशेवर राजनेता तो नहीं लेकिन अपने क्षेत्र के  एक स्थापित शख्सियत हैं।  ताकतवर राजनेता की बदौलत एक बार उन्हें माननीय बनने का मौका भी मिल चुका है वह भी पिछले दरवाजे से नहीं बल्कि जनता के बीच से बाकायदा चुन  कर। लेकिन कुछ दिन बाद ही उनकी अपनी पा र्टी ही नहीं बल्कि दलीय सुप्रीमो से भी ठन गई। अनेक बार उन्हें चैनलों पर अपनी पा र्टी और  नेताओं की लानत - मलानत करते देख चुका था। इसके बाद वे सहसा परिदृश्य से गायब से हो गए। जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया कि वे राजनीति में हैं या नहीं। हालांकि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि तो वे थे ही। यह और बात है कि दूसरी बार पा र्टी ने न तो उन्हें टिकट दिया और न उन्होंने मांगा।लेकिन  अपने तेवर के बिल्कुल विपरीत उस रोज  मंच पर अवतरित होते ही उन्होंने अपनी नेत्री व मुख्यमंत्री की तारीफों  के पुल बांधने शुरू कर दिए। यहां तक कह डाला कि एक दिन जगह - जगह इनका मंदिर बनेंगा और  पूजा भी होगी। उनके अंदर आए इस अस्वाभाविक  बदलाव से मैं हतप्रभ था और मेरे मन में तरह - तरह के सवाल उमड़ने - घुमड़ने लगे। क्योंकि  अभी क्रिकेटर से राजनेता बने उन राजनेता का मामला भी गर्म ही था, जो अपनी उस पा र्टी से नाराज बताए जाने लगे जिसके साथ पहले जीने - मरने की कसमें खाते थे। जिसे अपनी मां बताते थे। 

जनाब अचानक उस राजनेता व पा र्टी के मुरीद बताए जाने लगे जिसे वे हाल तक पानी - पी - पी कर कोस चुके थे। मेरे मन में सवाल उठा ... ये राजनेता हैं या पॉलिटिक्ल सैल्समैन। जो करियर बनाने के लिए अपनी नियोक्ता कंपनी माफ कीजिएगा पा र्टी  के तारीफों के पुल बांध सकते हैं तो इसके इशारे पर किसी की भी मिट्टी पलीद कर सकते हैं। चाहे उसका कोई उचित आधार हो या नहीं।क्योंकि राष्ट्रीय चैनलों पर अक्सर एक ऐसे ही राजनेता को देखता - सुनता रहता हूं जो पहले अपनी पा र्टी से नाराजगी के चलते चर्चा में थे लेकिन अब फिर वापसी के लिए चैनलों पर चहक रहे हैं। मुझे लगता है मीडिया में एक कोना ऐसे  नेताओं के लिए रिजर्व कर देना चाहिए जिसके तहत संक्षेप में रोज बताया जाना चाहिए कि आज कौन नेता अपनी पा र्टी से नाराज हुआ और किसकी  दल में फिर वापसी हुई ।  अब मंदिर और पूजा की बात करने वाले माननीय के प्रसंग पर लौटे । बेशक हृदय परिवर्तन किसी का भी सकता है। लेकिन पता  नहीं क्यों मुझे लगा कि लोगों को चौंकाने से पहले  उन श्रीमान को  यह स्पष्ट करना चाहिए था कि गलतफहमी किस बात की थी। जो वे उस राजनैतिक दल और अपने नेता  से इतना नाराज हो गए थे। और आखिर किन वजहों से वे फिर उसी राजनेता की वंदना कर रहे हैं जिन्हें वे कल तक कोसते थे।दिमाग में कौंधने लगा उन चर्चित हस्तियों के अनगिनत प्रसंग जिसके तहत अनेक ऐसे पॉलिटिक्ल सैल्समैनों को दिन को रात साबित करने की कोशिश करते देखा। वर्ना एक आम आदमी के लिए यह संभव नहीं है कि जिसे कल तक गरियाया अचानक उसकी चरण वंदना करने लगे। बेशक अपवाद हर जगह होते हैं। विचारों में खोया मैें अपने उस स्वभाव पर आत्ममुग्ध होने लगा जो मुझे शुरू से लच्छेदार बातें करने वालों से दूरी बनाए रखने को   प्रेरित करती है। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि जिन लोगों से काफी हिचक के बाद दोस्ती की वह लंबी और अटूट रही। वहीं इसके बिल्कुल विपरीत अनुभव भी जीवन में हुए। शायद यही वजह रही कि मैं हाथों में माइक पकड़ कर लच्छेदार बातें करने वालों से अब भी कतराता हूं। इसके बनिस्बत किसी सभा - समारोह में एक कोने में चुपचाप बैठे रहने वालों से मैं मेल - जोल बढ़ाना पसंद करता हूं।  






तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

असंगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी व सुरक्षा को राष्ट्र व्यापी आंदोलन बनाने के लिए संकल्प: स्वामी अग्निवेश

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सामाजिक क्रांति के पुरोधा, देश दुनिया में वंचित तबको व खासकर बंधुआ  मजदूरो के मुक्ति के लिए विख्यात व धर्म समभाव के प्रतीक, वैकल्पिक नोबॉल प्राइज से सम्मानित स्वामी अग्निवेश ने जनता दल यूनाइटेड  की सदस्यता जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महामंत्री  एवं सदस्यता अभियान के प्रभारी अरुण कुमार श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी अनिल हेगड़े की उपस्थिति मे ग्रहण की। स्वामी अग्निवेश ने असंगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी व सामाजिक सुरक्षा सुनश्चित करने तथा मद्यनिषेध आंदोलन को राष्ट्र व्यापी बनाने के लिए अपना संकल्प दोहराया।

कबाली का जादू अब सिक्कों पर

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सुपरस्टार फिल्मी कलाकार रजनीकांत की नई फिल्म कबाली बाक्स आफिस पर तो पूरी दुनियाँ मे धूम मचा ही रही है लेकिन फिल्मी दुनियाँ के अलावा भी आज  हर तरफ़ रजनीकांत का जलवा है ! केरल की कम्पनी मूथूट फीन्कोर्प ने कबाली फिल्म की जोरदार  सफलता औऱ दुनियाँभर मे रजनीकांत के चाहने वालो की इतनी बड़ी तादाद देखते हुए रजनीकांत की फिल्म कबाली थीम पर रजनीकांत के फोटो वाले 5,10 और 20 ग्राम वजन के 999% शुद्ध चाँदी के सिक्के जारी किये है ये कबाली थीम के सिक्के सोमवार से पूरे देश मे मूथूट फीन्कोर्प के आउटलेट्स पर बिक्री हेतु उपलब्ध रहेंगे !सिक्कों और करेंसी नोटो के संग्रहकर्ता बीकानेर के  सुधीर लुणावत ने बताया कि मूथूट फीन्कोर्प द्वारा जारी चाँदी के विशेष सिक्के  5 ग्राम 350₹ व 10ग्राम 700₹ और 20 ग्राम का सिक्का 1400₹ कीमत के होंगे !

24 सफल होगा अनिल कपूर

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बालीवुड में अपनी फिल्म ‘ स्लमडाॅग मिलिनेयर ’ और टीवी शो ‘24‘ तक के सफर में लगातार निखार लाने वाले अभिनेता अनिल कपूर कहना है कि ‘उन्होंने कभी भी अपनी सफलता को असानी में नही लिया। ‘दिल धड़कने दो‘ के 59 वर्षीय अभिनेता ने अपनी सफलता का श्रेय भाग्य और मेहनत को भी दिया। जिसने उन्हें दौड़ में बनाएं रखा। अनिल कपूर ने दिल्ली प्रवास के दौरान एक साक्षात्कार में कहा कि ‘फिल्मों और भूमिकाओं को लेकर मेरे चुनाव ने मेरे लिए अद्भुत काम किया। इसके अलावा, मेरा मानना है कि ‘किस्मत बहुत अच्छी थी। कड़ी मेहनत और निरंतरता का भी योगदान रहा। लेकिन मैंने कभी भी अपनी सफलता को असानी में नही लिया। जितना हो सके उतनी कड़ी मेहनत रखना जारी रखा। अनिल कपूर ने अमेरिकी एक्शन सीरिज 24 का रूपांतरण भारतीयों के लिए करने का निर्णय इसलिए किया,क्योंकि उनको विश्वास है कि सीरीज हिट होगी।

नरसिंह डोप टेस्ट में फेल,ओलंपिक सपना लगभग टूटा

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई, भारत को रियो ओलंपिक से मात्र दस दिन पहले उस समय गहरा झटका लगा, जब पदक उम्मीद पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फेल हो गये जिससे उनके रियो ओलंपिक में उतरने की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है। हालांकि नरसिंह ने इस मामले में उनके खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। नरसिंह को दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार पर प्राथमिकता देते हुये 74 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग में चुना गया था। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता पहलवान नरसिंह के डोप टेस्ट में फेल होने की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने भी पुष्टि कर दी है जबकि खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक पहलवान डोप टेस्ट में विफल पाया गया है लेकिन मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में पहलवान का नाम नहीं दिया है। 26 वर्षीय नरसिंह का गत पांच जुलाई को साेनीपत के साई सेंटर में डोप अेस्ट हुआ था जिसके बाद उनके दोनों ही ए और बी नमूने पाजिटिव पाये गये हैं। 

नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा,“ नरसिंह प्रतिबंधित स्टेरॉयड के सेवन के लिये पाजिटिव पाये गये हैं। उनका बी नमूना भी पाजिटिव पाया गया है। ” अग्रवाल ने कहा,“ नरसिंह शनिवार को अनुशासन पैनल के समक्ष पेश हुये थे। पैनल ने इस मामले में और रिपोर्ट मांगी है। हम इस मामले में जल्द कार्रवाई करेंगे तब तक हमें इंतजार करना होगा।” दूसरी तरफ नरसिंह ने किसी प्रतिबंधित पदार्थ को लेने से इंकार किया है और इसे उन्हें ओलंपिक से रोकने के लिये साजिश बताया है। नरसिंह ने लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता सुशील कुमार से अदालती लड़ाई जीतकर रियो में उतरने का हक़ पाया था। नरसिंह का डोप में पकड़ा जाना भारतीय कुश्ती महासंघ के लिये भी एक बड़ा झटका है क्योंकि उसने सुशील के मुकाबले नरसिंह का लगातार समर्थन किया था। अभी इस मामले में बहुत चीज़ें स्पष्ट नहीं है लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ, कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय के स्तर पर गतिविधियां तेज हो गयी हैं। अभी यह कह पाना मुश्किल है कि रियो में 74 किग्रा वजन वर्ग खाली रहेगा या फेडरेशन और मंत्रालय सुशील को रियो जाने के लिये कहेगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि यदि सुशील के पास ऐसा प्रस्ताव जाता है तो क्या वह इस प्रस्ताव को स्वीकारेंगे। इस मामले में घटनाक्रम बहुत तेजी से बदले हैं और आज यह देश की सबसे बड़ी खबर बन गयी है।

समझा जाता है कि नरसिंह के डोप में फंसने की खबर फेडरेशन को पहले ही मिल गयी थी जिसने उन्हें ओलंपिक तैयारियों के लिये जार्जिया जाने से रोक दिया था। सूत्रों का कहना है कि आईओए ने नरसिंह का ओलंपिक का मान्यता पत्र भी रोक लिया है। नाडा के एक सूत्र ने बताया कि यादव ने नाडा के समक्ष उपस्थित होकर खुद को बेगुनाह बताया और इस पूरे मामले को साजिश करार दिया। नरसिंह ने नाडा से कहा कि कुछ लोग रियो जाने में रोड़ा अटका रहे हैं और यह उन्हीं लोगों की साजिश है लेकिन जिस तरह इस मामले में फेडरेशन और आईओए ने तेजी दिखाई है और उनका मान्यता पत्र रोका है, उससे लगता है कि मामला बहुत ज्यादा गंभीर हो चुका है। नरसिंह कल तक सोनीपत के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे थे लेकिन आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है और पहलवानों काे लेकर कोई जानकारी नहीं है। मीडिया के कुछ लोग भी इस मामले के सामने आते ही सुबह ही सोनीपत साई सेंटर पहुंच गये थे। रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए नरसिंह और सुशील में भारी विवाद हुआ था। नरसिंह को टिकट मिलने पर सुशील ने ट्रायल की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी नरसिंह का साथ दिया था और वह रियो का टिकट हासिल करने में कामयाब हुये थे। नाडा ने इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट गत शनिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय को भेज दी थी। नरसिंह अपना डोप टेस्ट कराने के बाद स्पेन रवाना हो गये थे जहां उन्होंने एक आमंत्रण टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। 

दयाशंकर प्रकरण भाजपा-सपा की साजिश : मायावती

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लखनऊ 24 जुलाई, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने दयाशंकर सिंह मामले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) की मिलीभगत बताते हुए आज कहा कि अब इसका फैसला जनता की अदालत में होगा और इसीलिए वह अगले महीने दो महारैलियां करने जा रही हैं। भााजपा, सपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर सुश्री मायावती ने यहां पत्रकारों से कहा कि सपा और भाजपा की मिलीभगत का पर्दाफाश करने के लिए वह 25 अगस्त को आगरा और 28 अगस्त को आजमगढ में “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय विशाल महारैली” करेंगी। दोनो दलों पर जातीय संघर्ष कराने का षडयंत्र करने का आरोप लगाते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि जनता दोनो दलों से ही सावधान रहे। बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए अन्दर-अन्दर दोनो एकजुट हैं। दोनो ने अपनी विफलता छिपाने के लिए इस तरह की साजिश की। बसपा के 17 मंडलीय मुख्यालयों पर कल प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को टाले जाने को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जब दोनो पार्टियां मिल गयी हैं, तो इससे कोई लाभ नहीं होने वाला। दयाशंकर की गिरफ्तारी सपा सरकार नहीं करने वाली।

महिला को धमकाने के आरोप में आप विधायक अमानतुल्ला गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को एक महिला को धमकी देने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर समीना ने शिकायत दर्ज करायी थी कि ओखला से विधायक श्री खान ने उनके साथ यौन हिंसा और उन्हें कार से कुचलने की धमकी दी है। इसके बाद जामिया नगर थाने में श्री खान के खिलाफ 20 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था। हालांकि आप ने कल दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह महिला पर श्री खान के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए दबाव डाल रही है और उन्होंने अपने दावे के समर्थन में एक स्टिंग वीडियो भी जारी किया था।

स्वाति ने नाईक से मुलाकात कर पोस्को अधिनियम के तहत की कार्रवाई की मांग

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लखनऊ 24 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने आज उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेताओं के खिलाफ पोस्को अधिनियम के तहत की कार्रवाई की मांग की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीमती स्वाति सिंह ने राज्यपाल श्री नाईक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेताओ और कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन के दौरान उनके परिवार के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किये जाने पर कार्रवाई करने की मांग की है । श्रीमती स्वाति सिंह ने श्री नाईक से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पोस्को) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा जाय। उन्होने राज्यपाल से कहा कि उनकी पुत्री इस घटना के बाद काफी डरी हुई है। श्री नाईक ने इस मामले में उन्हे पूरी मदद करने का आश्वासन दिया । पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद से इस मामले की सीडी मंगाकर आगे की कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।

वैश्विक आर्थिक विकास के लिए सभी उपाय करेगा जी 20

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चेंगदू(चीन)24 जुलाई, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ का साथ छोड़ने (ब्रेग्जिट) से उत्पन्न चुनौतियों खासकर संरक्षणवाद बढ़ने के संभावित खतरे को देखते हुये दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के संगठन जी20 ने कहा है कि वह वैश्विक आर्थिक विकास को गति देने के लिए सभी नीतिगत उपाय करेगा। जी20 देशों के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक गवर्नरों की आज समाप्त हुई दो दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया,“पहले से कमजोर आर्थिक विकास का दबाव झेल रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने ब्रेग्जिट ने कई चुनौतियाँ पेश कर दी है। हालाँकि जी20 के सदस्य देश ब्रेग्जिट के आर्थिक एवं वित्तीय परिणामों का सामना करने के लिए मजबूत स्थिति में हैं। बयान में कहा गया, “हम समावेशी, टिकाऊ और संतुलित आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करने और अर्थव्यवस्था के प्रति निवेशकों का भरोसा बनाये रखने के लिए सभी नीतिगत जैसे मौद्रिक, वित्तीय एवं संरचनात्मक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ” उल्लेखनीय है कि ब्रेग्जिट के कारण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) हाल ही में वैश्विक आर्थिक विकास अनुमान घटाया है।

सागरमाला में एक करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार : गडकरी

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई, केंद्रीय सड़क परिवहन तथा नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नौवहन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और इसमें अकेले सागरमाला कार्यक्रम के तहत ही एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। श्री गडकरी ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि नौवहन क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का फायदा उठाने के लिए कौशल विकास को महत्व दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सृजित रोजगार का लाभ मिले इसके लिए विविध स्तर पर लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को ही उन्होंने राष्ट्रीय शिपिंग बोर्ड(एनसबी) की 129वीं बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का लाभ सबको मिले और इसके लिए अलग अलग स्तर पर लोगों का कौशल विकास जरूरी है। उन्होंने इसके लिए जरूरत के अनुसार नीतिगत स्तर पर सुधार करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है और नौवहन क्षेत्र में उन्होंने जो योजना बनायी है उससे आने वाले समय में अकेले सागरमाला कार्यक्रम से ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे। सागरमाला विकास कंपनी(एसडीसी) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में कंपनी अधिनियम के तहत काम करने की मंजूरी भी प्रदान की है।

बसपा और भाजपा के आचरण में जमीन आसमान का अंतर : भाजपा

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के आरोपों को नकारते हुए आज कहा कि महिला सम्मान को लेकर भाजपा और बसपा के आचरण में जमीन आसमान का अंतर है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के एक नेता के निजी हैसियत से दिये गये बयान पर पार्टी के अत्यंत जिम्मेदाराना व्यवहार और दूसरी ओर बसपा प्रमुख के इशारे पर उनके कार्यकर्ताओं के सोचे समझे सुविचारित बयानों में जमीन अासमान का अंतर है। श्री त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के पूरी तरह से निजी हैसियत से दिये गये बयान को भाजपा ने गलत माना, श्री सिंह में माफी मांगने के बावजूद पार्टी ने उसे अक्षम्य मानते हुए कार्रवाई की और पार्टी से निष्कासित कर दिया। राज्यसभा में सदन के नेता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी माफी मांगी। उन्होंने कहा कि लेकिन बसपा के कार्यकर्ताओं ने उसके बाद सुश्री मायावती के निर्देश पर पूरी तरह से योजना बना कर, सुविचारित ढंग से श्री दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं पर अभद्र बयान दिये और पोस्टर लगाये। अगर बसपा महिला सम्मान की सच्ची पैरोकार है तो वह श्री दयाशंकर सिंह के लिये जिस सज़ा की मांग कर रही है, वही सज़ा बसपा के कार्यकर्ताओं को भी दी जानी चाहिये।

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया

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काठमांडू 24 जुलाई, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली ने अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मत विभाजन से चंद मिनट पहले आज इस्तीफा दे दिया। चौसठ वर्षीय श्री ओली नौ महीने पहले ही देश की गठबंधन सरकार के मुखिया बने थे । गठबंधन में शामिल दलों ने श्री ओली पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सत्ता में साझेदारी से संबंधित समझौते का पालन नहीं किया जिसकी बदौलत वह गत अक्टूबर में प्रधानमंत्री बने थे । श्री ओली ने अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मत विभाजन से ठीक पहले संसद में कहा,“मैंने सदन में आने से पहले राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है ।”

प्रधानमंत्री के पद नाम को प्रधानसेवक नहीं किया जायेगा

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई, प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री के पद को प्रधानसेवक करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत माँगी गयी जानकारी के जवाब में आया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से मांग की गयी थी कि ऐसे दस्तावेज संलग्न किये जायें जिनसे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दरअसल प्रधानमंत्री नहीं प्रधान सेवक हैं। आरटीआई आवेदक ने प्रधानमंत्री कार्यालय से यह भी जानना चाहा है कि क्या केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री के पद का नाम बदल करके प्रधानसेवक करने की कोई योजना या प्रस्ताव है और यदि ऐसा है तो तत्संबंधी दस्तावेज दिये जायें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तर दिया है कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक पदनाम को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अतएव प्रधानमंत्री कार्यालय में मांगी गई सूचना से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं है। श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हाल के दिनों में प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गये सैकड़ों सवालों में से एक है। यह सवाल संभवत: श्री मोदी के लाल किले की प्राचीर से दिये गये पहले भाषण के मद्देनज़र पूछा गया है जिसमें उन्होंने स्वयं को प्रधानमंत्री के बजाय प्रधानसेवक कहा था। 

प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गये कई सवालों में से एक दिलचस्प सवाल यह भी था कि प्रधानमंत्री निवास में रसोईगैस के सिलेण्डर किस प्रकार के और कितने आते हैं, इस पर जवाब आया कि प्रधानमंत्री की रसोई में होने वाला व्यय उनका व्यक्तिगत है और सरकार की ओर से उसमें कोई पैसा खर्च नहीं होता। एक आवेदन में पूछा गया कि एसएमएस या कॉल करके शिकायत दर्ज कराने के लिये प्रधानमंत्री का मोबाइल नंबर क्या है तो जवाब आया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने श्री मोदी को कोई मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं कराया है। एक सवाल में पूछा गया कि श्री मोदी ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कितने दिन का अवकाश लिया, जवाब आया कि एक भी नहीं। प्रधानमंत्री के काम के घंटों के बारे में आये एक आवेदन के जवाब में कहा गया कि वह 24 घंटे हर समय काम पर होते हैं। एक आवेदन में यह भी पूछा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के इंटरनेट की स्पीड क्या है। इस पर जवाब आया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के इंटरनेट की स्पीड 34 एमबीपीएस है।

भारतीय महिलाओं ने कनाडा को लगातार दूसरी बार हराया

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मैनहेम, 24 जुलाई, भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुये कनाडा को लगातार दूसरी बार हराते हुये 3-1 से बेहतरीन जीत दर्ज की। अमेरिका दौरे पर गयी भारतीय महिला टीम की यह लगातार तीसरी जीत है। पेन्सिलवेनिया में खेले गये इस मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने उम्दा प्रदर्शन किया। पूनम रानी ने टीम का पहला गोल 19वें मिनट में किया जबकि रेणुका यादव ने 32वें और अनुराधा थोकचोम ने 58वें मिनट में गोल दागे। भारत ने शुरुआत मिनटों में तेजी दिखाते हुये कनाडा को बैकफुट पर लाने का प्रयास किया लेकिन रोवन हैरिस ने गोल पर शानदार बचाव करते हुये भारत को बढ़त हासिल नहीं करने दी। पूनम रानी ने 19वें मिनट में टीम का पहला गोल दागकर भारत को 1-0 से आगे किया लेकिन नटाली सूरेसियू ने कुछ समय बाद ही कनाडा को बराबरी दिला दी। 

कनाडा को इस दौरान पेनल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन भारतीय महिलाओं के शानदार डिफेंस के आगे विपक्षी टीम की चल नहीं सकी और हाफ टाइम तक स्कोर 1-1 से बराबर रहा। हाफ टाइम के बाद भारतीय टीम ने फिर तेजी दिखाई और रेणुका ने पेनल्टी कॉर्नर पर 32वें मिनट में गोल दागकर स्कोर 2-1 कर दिया। दीप ग्रेस को भी एक मौका मिला लेकिन वह गोल करने में नाकामयाब रहीं। अंतिम क्वार्टर में भारत ने मिडफील्ड में शानदार खेल दिखाया और कनाडा को बराबरी करने का कोई मौका नहीं दिया। अनुराधा ने अंतिम समय का हूटर बजने से दाे मिनट पहले टीम का तीसरा गोल दागकर स्कोर 3-1 किया और भारत ने 3-1 से जीत दर्ज की। भारत और कनाडा 26 जुलाई को एक बार फिर आमने सामने होंगे। 
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