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उरी हमले पर उच्चस्तरीय बैठक, पाक के खिलाफ सेना का रवैया सख्त

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नयी दिल्ली 19 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू.कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर आज यहां उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा की और सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना रवैया सख्त कर लिया है। श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उच्च सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कश्मीर घाटी की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद देर शाम श्री मोदी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें आतंकवादी हमले के पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। राष्ट्रपति के भारतीय सशस्त्र बल के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां नार्थ ब्लाक में एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद थे।

श्री पर्रिकर और श्री सिंह ने जनरल सुहाग के साथ प्रधानमंत्री को समूचे घटनाक्रम की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए मुहिम चलायी जाये । 

सेना के शिविर पर कल सुबह हुए इस हमले में 17 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे। इस घटना को लेकर समूचे देश में रोष है। खुद प्रधानमंत्री ने भी देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि इस हमले में जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। रक्षा मंत्री ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमले में पाकिस्तान का ‘हाथ’ है क्योंकि मारे गए आतंकवादियों के पास मिले हथियारों पर पाकिस्तान का नाम है, हालांकि पाकिस्तान ने इससे इन्कार किया है। गृह मंत्री भी कह चुके हैं कि ये आतंकवादी पूरी तैयारी और प्रशिक्षण के साथ पाकिस्तान से आये हैं। सूत्रों के अनुसार इस हमले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) को सौंपी जा रही है। एनआईए की एक टीम ने दौरा कर इस हमले से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की है । 

सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और शहरी क्षेत्रों में आतंकवादी घुसपैठ से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में काफी संयम बरती है , लेकिन वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सेना इस तरह के हमलों और हिंसा का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है । उन्होंने चेतावनी दी कि सेना सही मौके और उचित जगह पर दुश्मन की हरकतों के जवाब में कार्रवाई करेगी। 
उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से 4 ए के - 47 राइफल , ग्रेनेड लांचर , लांचर ग्रेनेड , पांच हथगोले, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस,दो मानचित्र , दो मेट्रिक्स शीट, एक मोबाइल फोन और भारी संख्या में खाद्य पैकेट तथा दवाइयां मिली हैं जिन पर पाकिस्तान का नाम लिखा है । 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने उरी सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले की आज कड़ी निंदा की और इसे कायरतापूर्ण कृत्य करार देते हुए कहा कि अब समय आ चुका है कि पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित किया जाये। उन्होंने सभी देशों से अपील की वे एक साथ मिलकर पाकिस्तान को मदद देना बंद करें। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है और दुनिया के सभी देशों को उसके जघन्य कृत्यों की भर्त्सना करनी चाहिये। उन्हों ने दृढ़तापूर्वक कहा कि भारत उरी आतंकवादी हमले के सूत्रधारों को माकूल जवाब देगा। 

पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए हमले के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की आज मांग की। पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी संघ के अध्यक्ष लाभा राम गांधी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और कहा कि भारत के प्रति पाकिस्तान के विद्वेषपूर्ण रवैये के सबसे पहले वह शिकार बने हैं और बंटवारे के समय से लगभग सात दशक तक उन्होंने अन्याय झेला है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले में भारतीय सैनिकों के शहीद होने से वह बहुत दुखी हैं। 

दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी पर ‘कमजोर’ होने का अारोप लगाते हुए दोहराया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को पाकिस्तान के प्रति अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने उरी में आतंकवादी हमले से मोदी सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुलमुल नीति का खुलासा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की पाकिस्तान के प्रति न तो कोई कूटनीति है और न ही कोई सामरिक नीति है। 

श्री तिवारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सीमा सुरक्षा पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अौर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलग-अलग समय दिए गए बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ सटी सीमा पर घुसपैठ हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। उन्हाेंने कहा कि केवल जुमलाबाजी करने से कुछ नहीं होगा बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे। 

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून तथा कनाडा और फ्रांस सहित कई अन्य देशों ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।श्री मून के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि श्री मून इस जघन्य हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों और भारत सरकार के प्रति सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। संयुक्त राष्ट्र इन गतिविधियों को बारीकी से देख रहा है और उस क्षेत्र में रहने वालों की चिंताओं को साझा करता है। 

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। फ्रांस ने कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का भी आह्वान किया और उसने फिर याद दिलाया कि वह कश्मीर क्षेत्र में शांति और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान को कितना महत्व देता है। गौरतलब है कि आतंकवादियों ने कल बारामूला जिले के उरी सेक्टर में सेना की 12वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 20 जवान शहीद हो गये तथा 25 से अधिक घायल हो गये। इस हमले के दौरान सेना की जवाबी कार्रवाई में सभी चार आतंकवादी मारे गये । 

आतंकवाद पर सख्त नीति बनाए सरकार: कांग्रेस

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नयी दिल्ली 20 सितम्बर, कांग्रेस ने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि इसमें वह सरकार को पूरा समर्थन देगी ताकि पठानकोट तथा उरी जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रुके और देश का कोई जवान शहीद नहीं हो। 

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलने की सबसे बड़ी वजह घुसपैठ है। पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ रोकने में सरकार यदि सफल होती है तो इससे प्रशिक्षित आतंकवादी भारत नहीं आ पाएंगे। इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि घुसपैठ रुके तथा आतंकवाद पर लगाम लगे और सैनिकों की जान बचायी जा सके। 

उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान मुंबई में बड़ी आतंकवादी घटना हुई थी लेकिन संप्रग सरकार ने उसके बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने के जो कठोर कदम उठाए, उसके बाद पाकिस्तान दोबारा कोई दुस्साहस नहीं कर सका। इधर सीमा पार के आतंकवादियों ने पहले पठानकोट में सेना के बेस पर हमला किया और अब उरी में सैन्य मुख्यालय को अपना निशाना बनाया है। 
श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद से कश्मीर घाटी में घुसपैठ की घटनाएं ही नहीं बढी बल्कि इस दौरान एक हजार से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए स्वर्ग बन गया है लेकिन मोदी सरकार की आतंकवाद का पोषण करने वाले इस देश के प्रति कोई स्पष्ट नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो कि देश में आतंकवादी घटनाओं की पुनरावृत्ति रुके और काेई जवान शहीद नहीं हो। 

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने अपने शासनकाल में जम्मू-कश्मीर में विकास की प्रक्रिया शुरू की थी जिसके कारण अलगाववादी, आतंकवादी और पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गए थे और कश्मीर में शांति लौट आयी थी लेकिन अब मोदी सरकार के आने के बाद से वहां फिर आतंकवाद की घटनाएं बढी है। पाकिस्तानी झंडे लहराए जा रहे हैं और सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रही है। 

श्री सिंह ने कहा कि जम्मू -कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पाटी के बीच का गठबंधन सिर्फ सत्ता के लिए है। भाजपा और पीडीपी ने वहां विकास कार्यों को आगे बढाने के लिए गठबंधन नहीं किया है। घाटी में इस दौरान आतंकवादी घटनाएं बढी हैं और पूरा क्षेत्र कर्फ्यू के साये में है। 

हथियारों की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, एक गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 20 सितंबर  दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हथियारों की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसकी विस्फोटक पदार्थ निरोधक कानून से जुड़े एक मामले में पुलिस को काफी समय से तलाश थी और उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 

अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त रवीन्द्र यादव ने बताया कि आरोपी राजकुमार यादव नजफगढ़ में सक्रिय अपराधी गिराहों को हथियारों और गोला बारूद की आपूर्ति करता था। पूर्व विधायक भरत सिंह के भाई कृष्ण पहलवान के हत्यारे विकास डागर को भी उसने ही हथगोलों की अापूर्ति की थी। आरोपी का दावा था कि उसके झारखंड में नक्सलियों के साथ भी संपर्क है वह उन्हें भी हथियारों की आपूर्ति करता है। 

राजकुमार के पास से पुलिस ने एक अत्याधुनिक पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस को कई दिनाें से राजकुमार की तलाश थी और इसके लिए झारखंड और बिहार में भी पुलिस टीम दबिश कर रही थी। इसी दौरान 18 सितंबर को खुफिया सूचना मिली कि राजकुमार द्वारका सेक्टर 18 में स्थित शमशान घाट के पास किसी को हथियारों की आपूर्ति करने आने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने वहां जाल बिछाया और राजकुमार के वहां पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को आता देख उसने उन पर गोली चलानी चाही लेकिन तब तक उसे धर दबोचा गया। पुलिस राजकुमार से उसके गिरोह के बारे में और पूछताछ कर रही है। 

बिहार में बिजली खरीद पर 2113 करोड़ की सब्सिडी मंजूर

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पटना 20 सितंबर, बिहार सरकार ने राज्य में बिजली की निर्बाध आपूर्ति को निरंतर बरकरार रखने के उद्देश्य से देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड से बिजली खरीदने पर राज्य की विद्युत वितरक कंपनियों के होने वाले व्यय पर कुल 2112.67 करोड़ रुपये सब्सिडी को मंजूरी दी है। 

मंत्रिमंडल एवं समन्वय विभाग के सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्मंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि सरकार बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड की सहयोगी नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को एनटीपीसी से बिजली खरीदने पर होने वाले व्यय पर वित्त वर्ष 2016-17 में सितंबर 2016 से मार्च 2017 के दौरान सात महीने के लिए 300 करोड़ रुपये प्रति माह की दर से कुल 2100 करोड़ रुपये सब्सिडी देगी। एनटीपीसी को इसका भुगतान रिजर्व बैंक के माध्यम से किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य ऊर्जा कंपनियों के लंबित भुगतान की अदायगी के लिए सरकार बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड को 12.67 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त 2016 के दौरान पांच महीने के लिए एनटीपीसी को आरबीआई के माध्यम से 300 करोड़ रुपये प्रति माह की दर से कुल 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। 

बिहार में सड़कों के चौड़ीकीरण के लिए 2.84 अरब रुपये की मंजूरी

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पटना 20 सितंबर, बिहार सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास की प्रतिबद्धता पर अमल करते हुये आज नाबार्ड ऋण योजना के तहत सारण, वैशाली, रोहतास और सिवान जिले में सड़कों के क्रॉस ड्रेन, पथ अनुरीक्षण सहित चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के लिए कुल दो अरब 83 करोड़ 77 लाख 92 हजार रुपये को मंजूरी दी है।

मंत्रिमंडल एवं समन्वय विभाग के सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि सारण जिले के छपरा पथ प्रमंडल के तहत बसडीला भाया जलालपुर नगरा से शाहपुर तक 21.97 किलोमीटर सड़क के क्रॉस ड्रेन एवं अनुरक्षण कार्य सहित चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के लिए 55 करोड़ 59 लाख 14 हजार रुपये और एकमा से नगरा भाया छित्रवलिया करही, चेतनछपरा के 26.81 किलोमीटर पथ के लिए 59,39,22,000 रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

वैशाली जिले के हाजीपुर पथ प्रमंडल के अंतर्गत जनदाहा (गुरू चौक) से मंगरू चौक, बिठौली चौक (राष्ट्रीय राजमार्ग 77) की 25.90 किलोमीटर सड़क के लिए 48 करोड़ पाँच लाख 27 हजार रुपये, महुआ-बखरी दोआ- डरुआ तक के 16.55 किलोमीटर पथ के लिए 31,78,22,000 रुपये, रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन पथ प्रमंडल के तहत अकबरपुर-यदुनाथपुर तक के 21.10 किलोमीटर पथ के लिए 45,27,57,000 रुपये तथा सिवान जिले के सिवान पथ प्रमंडल के अंतर्गत बिंदुसार-सुंदरी-पुलयी हाता-बंगरा (सिवान-कोईनी पथ) तक की 20.60 किलोमीटर सड़क के लिए 43 करोड़ 68 लाख 50 हजार रुपये की मंजूरी दी गई है। 

सचिन को टीम से बाहर किया जा सकता था: पाटिल

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नयी दिल्ली, 22 सितंबर पूर्व भारतीय चयनकर्ता प्रमुख संदीप पाटिल ने चौंकाने वाला तथ्य सामने लाते हुये कहा है कि यदि सचिन तेंदुलकर वर्ष 2012 में वनडे क्रिकेट से संन्यास नहीं लेते तो उन्हें टीम से बाहर किये जाने की तैयारी थी। 

देश और दुनिया के महान क्रिकेटर सचिन ने वर्ष 2012 में वनडे और एक वर्ष बाद 2013 में अपने 200वें मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। हालांकि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘रिकार्ड बुक’ बनाने वाले और सर्वाधिक रन स्कोरर सचिन यदि उस वर्ष वनडे से संन्यास नहीं लेते तो चयनकर्ता उन्हें टीम से बाहर करने की तैयारी में थे। 

बतौर भारतीय चयनकर्ता अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा कर चुके पाटिल ने एक मराठी चैनल से कहा“ तत्कालीन चयनकर्ता 12 दिसंबर 2012 को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के टेस्ट मैच के दौरान सचिन से मिले थे। हमने सचिन से उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा था। उन्होंने साफ किया था कि वह संन्यास नहीं लेना चाहते हैं। लेकिन चयन समिति सचिन पर अपना निर्णय कर चुकी थी और बोर्ड को भी इसके बारे में सूचित कर दिया गया था।” 

पाटिल ने कहा“ सचिन हमारी बातों से समझ चुके थे कि क्या होने वाला है इसलिये जब हमारी अगली बैठक हुई तब सचिन ने बताया कि वह वनडे से संन्यास लेने वाले हैं। यदि सचिन यह निर्णय नहीं लेते तो निश्चित ही हम उन्हें टीम से बाहर कर देते।”

पूर्व चयनकर्ता ने कहा“ सचिन टेस्ट पर अपना ध्यान अधिक लगाना चाहते थे। उन्होंने मुझे और संजय जगदाले को फोन किया। उसके बाद यह तय हुआ कि वह वनडे से संन्यास लेंगे।”पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन ने 23 दिसंबर 2012 को वनडे से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने करियर में 463 वनडे खेले जिसमें 18426 रन बनाये जिसमें 46 शतक शामिल हैं।

इससे पहले भी पाटिल से उनके चयनकर्ता अध्यक्ष के रूप में आखिरी संवाददाता सम्मेलन में यह पूछा गया था कि क्या खराब फार्म से जूझ रहे सचिन को टेस्ट से संन्यास के लिये बाध्य किया गया था, तो पाटिल ने कहा था कि कुछ बातें सार्वजनिक मंच पर नहीं कही जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि सचिन ने वनडे के एक वर्ष बाद 2013 में टेस्ट से भी संन्यास की घोषणा कर दी थी।

वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खासतौर पर आयोजित की गयी थी जिसमें मास्टर ब्लास्टर ने अपने 200 टेस्ट पूरे करने के साथ 16 नवंबर 2013 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। सचिन ने अपने 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाये जिसमें 51 शतक शामिल हैं।

पूर्व क्रिकेटर पाटिल ने साथ ही महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की खबर को भी चौंकाने वाला बताया। धोनी ने दिसंबर 2014 में आस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा“ कुछ चीजें हमारे हिसाब से नहीं हुईं और हमारे एक सीनियर खिलाड़ी ने सीरीज के बीच में ही संन्यास की घोषणा कर दी। हमारे लिये यह बहुत चौंकाने वाला था।लेकिन यह उनका निर्णय था।”

रासायनिक उर्वरक से मनुष्य में छह गुना बढ़ता है कैंसर का खतरा

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नयी दिल्ली, 25 सितम्बर रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के अवैज्ञानिक उपयोग से पर्यावरण को तो भारी नुकसान पहुंचता ही है , इससे पशुओं में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है और मनुष्य में कैंसर से प्रभावित होने की आशंका छह गुना से अधिक बढ जाती है । 

संश्लेषित उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग ने पर्यावरण को बहुत अधिक हानि हो रही है और अप्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन पर प्रभाव पर रहा है । रासायनिक उर्वरकों के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट आने के साथ ही फसलों का उत्पादन भी कम हुआ है । इसके कारण पशु स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है । 

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि उर्वरकों में भारी धातुएं होती हैं जिनमें सिल्वर, निकिल , सेलेनियम , थैलियम , वनेडियम , पारा , सीसा , कैडमियम और यूरेनियम शामिल हैं जो सीधे मानव स्वास्थ्य के खतरों से जुड़ी हैं। इनसे वृक्क, फेफड़े और यकृत में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है । उर्वरकों के कारण मस्तिष्क कैंसर , प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसर , बड़ी आंत के कैंसर , लिम्फोमा और श्वेत रक्त कण की कमी का खतरा छह गुना से अधिक बढ जाता है । 

सिंधु जल समझौते को पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है भारत- खुर्शीद

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पणजी 24 सितंबर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत सिंधु नदी समझौते को पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। 

यहां पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए श्री खुर्शीद ने कहा “भारत की संप्रुभता सबसे पहले आती है। हम पाकिस्तान के खिलाफ सिंधू जल समझाैते के प्रवधानों का प्रयोग कर सकते हैं। यह सबसे उपयुक्त हथियार साबित होगा और विश्व में भी भारत का यह कदम सराहा जाएगा।” 

उन्हाेंने कहा “यह पाकिस्तान के हित में होगा कि वह भारत के साथ मधुर एवं दोस्ताना संबंध को बरकरार रखे। वह भारत के बड़े एवं समृद्ध बाजार का लाभ उठाने के साथ ही मध्य एशियाई देशों और बीच व्यापार की संभावना तो पहले ही गंवा चुका है।” 

विज्ञान का लाभ आम लोगों तक पहुँचायें: मोदी

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नयी दिल्ली 26 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान एवं अनुसंधान का लाभ आम लोगों तक पहुँचाने की जरूरत पर बल देते हुये आज वैज्ञानिकों से दालों, सब्जियों तथा अन्य फसलों की ज्यादा पैदावार वाली किस्में विकसित करने, बीमारियों की जल्द पहचान के लिए नये किट विकासित करने तथा 100 साल बाद काम आने वाली तकनीकों की बजाय समाज की मौजूदा समस्याओं के हल के लिए तकनीकें विकसित करने पर ज्यादा जोर देने की अपील की। 

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के प्लेटिनम जुबली समारोहों की शुरुआत करते हुये श्री मोदी ने यहाँ वैज्ञानिकों से कहा “कोई भी तकनीक तभी कामयाब मानी जाती है जब वह आम आदमी के काम आये। ...कभी-कभी अनुसंधान का लाभ आम आदमी को नहीं मिल पाता। समाज की समस्याओं के साथ मेल बिठाकर अनुसंधान करने से इस समस्या का हल हो सकता है।” उन्होंने वैज्ञानिकों से लगातार आम लोगों के संपर्क में रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर की हर प्रयोगशाला के वैज्ञानिक महीने में कम से कम एक बार किसी स्कूल या कॉलेज में जाकर वहाँ छात्रों से बात करें। 

प्रधानमंत्री ने प्रयोगशालाओं के द्वार भी छात्रों के लिए खोलने का सुझाव दिया ताकि बच्चों में विज्ञान को लेकर जागरुकता पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसमें वैज्ञानिकों की मदद जरूरी है। उन्हें फसलों की नई किस्में तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दाल की ज्याद पैदावार वाली किस्में विकसित करें। जेनेटिक इंटरवेंशन से वैज्ञानिक ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने सब्जियों की भी ज्यादा पैदावार वाली किस्में बनाने की अपील करते हुये कहा कि खाड़ी के देशों में इनकी निर्यात की काफी संभावना है, इसलिए वैज्ञानिक सब्जियों की उच्च गुणवत्ता और ज्यादा पैदावार वाली किस्मों पर ध्यान केंद्रित करें जो कीमत के मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी भी हों। 

मोदी ने मनमोहन को जन्मदिन की दी बधाई

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नयी दिल्ली 26 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आज उनके जन्मदिन पर बधाई दी। 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने टि्वट किया , “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह से बात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।” कांग्रेस ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर बधाई और शुभकामनाएं दी। 

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक टि्वटर पर लिखा, “ हम डाॅ. मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई और भारत को नयी उंचाइयों पर ले जाने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं।” 26 सितम्बर 1932 को जन्मे डॉ. सिंह की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने दो सफल कार्यकाल पूरे किए थे। वह आज 84 वर्ष के हो गए। 

शहाबुद्दीन के खिलाफ याचिका की सुनवाई बुधवार तक टली

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नयी दिल्ली 26 सितम्बर, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई 28 सितम्बर तक के लिए आज स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय पीठ ने शहाबुद्दीन के वकील द्वारा याचिकाकर्ताओं चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू तथा बिहार सरकार के आरोपों के जवाब के लिए कुछ समय और मांगे जाने पर बुधवार तक के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। 

शहाबुद्दीन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के पैरवी करने की खबर थी, लेकिन वह न्यायालय में उपस्थित नहीं थे। एक अन्य वकील ने मामले में शहाबुद्दीन की पैरवी शुरू की और कहा कि उनके मुवक्किल मीडिया ट्रायल के शिकार हो रहे हैं। उनके मुवक्किल को मीडिया निशाना बना रहा है। उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि मामले में जवाब के लिए उन्हें कुछ और वक्त दिया जाये, लेकिन शीर्ष अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह अपने मुवक्किल के खिलाफ लगाये जा रहे आरोपों के बारे में जानते हैं। न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई शीघ्र चाहता है और बुधवार तक का ही समय वह बचाव पक्ष को दे सकता है। 

पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार को होगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान चंदा बाबू के वकील प्रशांत भूषण ने जमानत का विरोध करते हुए अदालत को कहा कि शहाबुद्दीन पर कुल 45 मामले दर्ज हैं जिनमें से नौ हत्‍या के हैं और 10 में उसे अपराधी ठहराया गया है। अगर वह जमानत पर बाहर रहा तो समाज के लिए यह बड़ा खतरा हो सकता है। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी ने बहस में हिस्‍सा लिया। इसके बाद शहाबुद्दीन के वकील ने अदालत से मामले में जवाब पेश करने के लिए कुछ और मोहलत मांगी थी।

प्रणव, मोदी ने दी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई

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नयी दिल्ली 26 सितंबर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएसएलवी-सी35 के जरिये स्कैटसैट-1 और अन्य सात उपग्रहों को सफलतापूर्व अंतरिक्ष में स्थापित किये जाने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। 

राष्ट्रपति ने ट्वीट किया “ पीएसएलवी-सी35 के जरिये स्कैटसैट-1 और अन्य सात उपग्रहों को सफलतापूर्व अंतरिक्ष में स्थापित करने पर इसरो को हार्दिक बधाई।” 

प्रधानमंत्री ने कहा “ भारत के लिये यह बेहद खुशी आैर गर्व का क्षण है। पीएसएलवी-सी35 के जरिये स्कैटसैट-1 और अन्य सात उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई।” उन्होंने कहा “ हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिको ने एक बार फिर इतिहास बनाया। उनकी कामयाबी से 125 करोड़ भारतीयों के दिलों को छुआ है और दुनियाभर में भारत को गैरवानवित किया है। ” 

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज मील का एक नया पत्थर स्थापित करते हुए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी35 का सफल प्रक्षेपण कर स्कैटसैट-1 के अलावा अन्य सात उपग्रहों को सफलता पूर्वक उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया। यह इसरो का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण अभियान था , क्योेंकि इसमें उपग्रहों को अलग-अलग ऊँचाई वाली कक्षाओं में स्थापित किया जाना था। 

आतंक पालने पाेसने वाले देशों को किया जाए अलग-थलग : भारत

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संयुक्त राष्ट्र 26 सितम्बर, भारत ने दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुए आज कहा कि आतंकवाद काे पालने-पोसने वाले देशों की पहचान करके उन्हें विश्व समुदाय से अलग-थलग किया जाना चाहिए। 


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में आतंकवाद को मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन करार देते हुए कहा, “सबसे पहले तो हम सबको यह स्वीकारना होगा कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है, क्योंकि यह निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है, बेगुनाहों को मारता है, यह किसी व्यक्ति या देश का ही नहीं, मानवता का अपराधी है।” 



उन्होंने पाकिस्तान या किसी अन्य देश का नाम लिये बिना आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों की पहचान करने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों का न तो कोई अपना बैंक है, न हथियारों की फैक्ट्रियां, तो कहां से उन्हें धन मिलता है, कौन इन्हें हथियार देता है, कौन इन्हें सहारा देता है, कौन इन्हें संरक्षण देता है? ऐसे ही सवाल इसी मंच से अफगानिस्‍तान ने भी कुछ दिन पहले उठाए थे।” 



श्रीमती स्वराज ने कहा कि दुनिया में ऐसे देश हैं जो बोते भी हैं आतंकवाद, उगाते भी हैं आतंकवाद, बेचते हैं आतंकवाद और निर्यात भी करते हैं आतंकवाद। आतंकवादियों को पालना उनका शौक बन गया है। ऐसे शौकीन देशों की पहचान करके उनकी जबावदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा, “हमें उन देशों को भी चिह्नित करना चाहिए, जहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी सरेआम जलसे कर रहे हैं, प्रदर्शन निकालते हैं, जहर उगलते हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। इसके लिए उन आतंकवादियों के साथ वे देश भी दोषी हैं जो उन्हें ऐसा करने देते हैं। ऐसे देशों की विश्‍व समुदाय में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”

बिजली कर्मियों की तीन दिवसीय हड़ताल

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धनबाद, 26 सितंबर (वार्ता) झारखंड में अपनी लम्बित मांगों को लेकर राज्य के आठ हजार बिजली कर्मी 27 सितंबर से तीन दिन की हड़ताल पर रहेंगे। 


झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष ने वर्ष 2014 से 2016 के बीच हुए चार समझौतों को 26 सितम्बर तक लागू कर देने का आश्वासन दिया था लेकिन वे अपने वादे पर खरा नहीं उतरे। बाध्य होकर यूनियन को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। वर्षों से हमारी मांग लम्बित है। प्रबंधन बार-बार वार्ता कर मांगों को पूरा करने से मुकर रहा है। 


श्री सिंह ने कहा कि हमारी लम्बित मांगो में अहर्ता प्राप्त बिजली कर्मियों को चतुर्थ वर्गीय से तृतीय श्रेणी में प्रोन्नति देना, मैनडेज कर्मियों को नियमित करना, ओवरटाइम का भुगतान करना, अभियंताओं की तरह एमएसीपी का भुगतान करना आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि तीनों के हड़ताल के बाद भी प्रबंधन नहीं मानेगा तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का बाध्य होंगे।

बालश्रम समझौताें पर हस्ताक्षर के लिए तैयार भारत

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नयी दिल्ली 28 सितंबर, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने आज कहा कि बालश्रम पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के समझौतों पर भारत हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है और इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। 

श्री दत्तात्रेय ने यहां ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन - ब्रिक्स के श्रम मंत्रिस्तरीय दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन उदघाटन सत्र में कहा कि भारत बालश्रम पर आईएलओ के समझौतों 138 और 182 का अनुमोदन करने के लिए तैयार है और इस दिशा में प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 

उन्हाेंने कहा कि सरकार ने इस संबंध में दो ऐतिहासिक सुधार किए है। भारत ने 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है जबकि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक उद्योग गतिविधियों में नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा मातृत्व लाभ कानून में बदलाव किया गया है और मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है जिससे इसका लाभ सभी को मिल सके और सभी विकास प्रक्रिया का हिस्सा बन सके। 

पटना और सिकंदराबाद के बीच चलेगी पूजा स्पेशल ट्रेन

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हाजीपुर 27 सितम्बर, पूर्व मध्य रेलवे ने पूजा के दौरान होने वाली यात्रियों की भारी भीड़ के मद्देनजर पटना और सिकंदराबाद के बीच विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। 

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविन्द कुमार रजक ने आज यहां बताया कि विशेष रेलगाड़ी का परिचालन 30 सितम्बर से लेकर 13 नवंबर तक किया जायेगा। गाड़ी सं. 02793 सिकंदराबाद-पटना सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन सिकंदराबाद से 30 सितम्बर से 13 नवम्बर तक प्रत्येक शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 35 मिनट पर खुलेगी और अगले दिन शाम को 04 बजकर दस मिनट पर पटना पहुंचेगी। 

श्री रजक ने बताया कि वापसी में, गाड़ी सं. 02794 पटना-सिकंदराबाद सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन पटना से दो अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक सभी रविवार को जबकि 31 अक्टूबर (सोमवार) और आठ नवंबर (मंगलवार) को तथा 13 नवम्बर (रविवार) को 12 बजकर 45 मिनट पर खुलकर अगले दिन 10 बजकर 20 मिनट पर सिकंदराबाद पहुंचेगी। यह विशेष गाड़ी अप और डाउन दिशाओं में पटना और सिकंदराबाद के बीच मुगलसराय, मिर्जापुर, छिवकी, मानिकपुर, इटारसी, नागपुर, बल्लारशाह, रामागुंडम एवं काजीपेट स्टेशनों पर रुकेगी। ट्रेन में वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का एक कोच, तृतीय श्रेणी के दो कोच और शयनयान श्रेणी के दस कोच के अलावा एसएलआर के दो कोच सहित कुल 15 डिब्बे होंगे। 

बिहार में काटजू के बयान पर राजनीति दलों की तीखी प्रतिक्रिया

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पटना 27 सितंबर,  उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू के पाकिस्तान को कश्मीर के साथ बिहार भी देने के विवादास्पद बयान के खिलाफ दलगत भावना से उपर उठकर राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना करते हुए इसे बिहार का अपमान बताया है ।

बिहार में मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, “इन दिनों कुछ लोगों को छपने की बीमारी लगी है और इसके लिए उनके पास एक सरल रास्ता है बिहार के बारे में उल्टे बयान देना। ऐसे ही एक महाशय है जिन्होंने कह दिया कि पाकिस्तान को कश्मीर दे दिया जाए लेकिन शर्त यह है कि उसे बिहार भी लेना होगा। इस बयान से ऐसा लगता है कि वह बिहार के माई-बाप हैं।”

मुख्यमंत्री ने तल्ख लफ्जों में कहा कि बिहार किसी की निजी जागीर और बपौती नहीं कि वह अपनी कुंठा निकालने के लिए बिहार को दूसरों को देते रहें। उन्होंने बिहार को चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक की धरती बताया और कहा कि बिहार वह धरती है जहां से उस वृहद् भारतवर्ष पर शासन का संचालन हुआ जो वास्तविक रूप से वर्तमान में भारत का भाग बचा ही नहीं। बिहार का अपना गौरवशाली इतिहास है। यह वह धरती है जहां आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया और चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की। इसकी अपनी एक गरिमामयी पहचान है इसलिए कोई घर बैठे बिहार के माई-बाप बनने की कोशिश न करें।

वहीं, इस बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा , “ काटजू जी, बिहार में संसाधनों की कमी हो सकती है, लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं है कि बिहार के बारे कोई कुछ भी बोल ले। बिहार ने हमेशा अच्छे और बुरे समय में देश को रास्ता दिखाया है। बिहार भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, गुरु गोविंद सिंह जी, देवी माता सीता जी और कई सूफी संतों की पवित्र भूमि है। उन्होंने आगे लिखा, “आपको जानकारी होनी चाहिए कि बिहार चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, विक्रमादित्य और शेरशाह सूरी जैसे महान शासकों की भी भूमि रही है।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने श्री काटजू के बयान पर जदयू को आड़े-हाथो लेते हुये कहा कि श्री काटजू को गंभीरता से लेना बेवकूफी है। ये तो जदयू के लोग हैं जो उनके बयान पर उछलने लगते हैं। कुछ माह पूर्व श्री काटजू ने श्री नीतीश कुमार को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था और तब जदयू के नेता खुश हो रहे थे। सोचना तो सत्तारूढ़ पार्टी को चाहिए कि वह श्री काटजू को इतना महत्व क्यों दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने श्री काटजू के इस बयान का कारण बताने के क्रम में तंज कसते हुये कहा, “इन दिनों बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी से कुछ लोगों को काफी परेशानी हो गई है। वह सोचते हैं कि बिहार जाएंगे तो रात बितायेंगे कैसे तो इसका इलाज बस यह है कि बिहार को पाकिस्तान को दे दो।” 

जदयू प्रवक्ता एवं बिहार विधानपरिषद् के सदस्य नीरज कुमार ने विवादास्पद बयान पर श्री काटजू के खिलाफ पटना के शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि श्री काटजू का यह बयान कश्मीर एवं बिहार के प्रति घृणा फैलाने वाला तथा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने वाला है। वहीं, जन अधिकार पार्टी (लो) ने यहां करगिल चौक पर नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के नेतृत्व में श्री काटजू का पुतला फूंका। इस दौरान श्री सिंह ने कहा कि अपने बयान के लिए श्री काटजू को माफी मांगनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि विवादस्पद बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने अपनी फेसबुक पेज पर कश्मीर को लेकर विवादस्पद पोस्ट लिखा है। पोस्ट में उन्होंने कहा , “ पाकिस्तान को हम एक शर्त पर कश्मीर दे सकते हैं, उसे कश्मीर के साथ-साथ बिहार भी लेना पड़ेगा। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद काटजू ने सफाई देते हुए यह कहा कि वह बस मजाक कर रहे थे।”

बिहार में होगा अब हर घर में नल का जल और शौचालय

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पटना 27 सितंबर,  बिहार सरकार ने सबको नल का जल और शौचालय उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को धरातल पर उतारने की कोशिशों के तहत आज अपने ‘सात निश्चयों’ में से दो निश्चय ‘हर घर नल का जल’ और ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’ योजना का शुभारंभ किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां इन योजनाओं का शुभारंभ करते हुये कहा, “हर घर नल का जल योजना के तहत वर्ष 2019-20 तक राज्य के सभी घरों तक नलों के माध्यम से नि:शुल्क शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही खुले में शौच जाने से हो रही बीमारियों से लोगों को निजात दिलाने में शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना काफी मददगार साबित होगी।”

श्री कुमार ने लोहिया स्वच्छ बिहार के तहत दोनों निश्चयों को सार्वभौमिक बताते हुये कहा कि इन योजनाओं का दायरा काफी विस्तृत है और इन्हें किसी खास वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किया गया है। इन योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे (बीपीएल) एवं गरीबी रेखा से ऊपर जीवनयापन कर रहे (एपीएल) लोगों को समान रूप से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वन का विस्तृत ब्योरा देते हुये कहा कि शहरी क्षेत्र में इसके सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को दी गई है वहीं, ग्रामीण इलाकों में इसे पंचायती राज विभाग के साथ ही लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खराब गुणवत्ता वाले जल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू करने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग की जबकि साफ जल वाले इलाकों में इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की होगी।

श्री कुमार ने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 135 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जल की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने योजना को लागू करने में वित्तीय उपलब्धता की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए वित्त की कोई कमी नहीं है। वर्ष 2016 और इसके अगले चार वर्षों के दौरान जितने वित्त की जरूरत होगी, उसकी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में चार नगर परिषद् और 81 नगर पंचायत के कुल 1,438 वार्डों में 4,83,704 परिवारों को नल के जल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 519.17 करोड़ रुपये की शहरी जलापूर्ति योजना का भी शुभारंभ किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निश्चय को लागू करने से इससे जुड़ी पहले की योजनाएं भी चलती रहेंगी। गांवों में चापाकल लगाने, उसकी देखरेख और रखरखाव पहले की ही तरह किये जाएंगे। उन्होंने राज्य में इस वर्ष हुई आगजनी की घटनाओं के संदर्भ में ग्रामीण इलाकों में पानी की उपलब्धता बनाये रखने को जरूरी बताते हुये कहा कि इसके लिए सरकार सभी सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराएगी। 

श्री कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना के तहत सरकार प्रत्येक लाभार्थी को 12,00 रुपये अनुदान देगी। शौचालय का काम शुरू करने के लिए आरटीजीएस के माध्यम से सरकार की तरफ से 7,500 रुपये लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित किये जाएंगे और शौचालय का निर्माण पूरा होने पर उन्हें 4,500 रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 तक 7,09,978 शौचालयों के निर्माण के लिए 851.97 करोड़ रुपये व्यय करने की योजना है। इस योजना के अंतर्गत नगर निकायों को 241.87 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके पास शौचालय निर्माण के लिए पर्याप्त जगह नहीं होगी, उनके लिए सरकार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराएगी और उसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी उन्हें की सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल शौचालय निर्माण से बीमारियों से मुक्ति नहीं मिलेगी बल्कि लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले चार से पांच सालों में बिहार को खुले में शौच जाने की समस्या से शत-प्रतिशत निजात दिलाना है।

पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा भारत

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नयी दिल्ली 27 सितंबर, भारत ने क्षेत्र में सीमा पार से हुए आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए नवंबर में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने की आज घोषणा की। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने वर्तमान में दक्षेस की अध्यक्षता कर रहे देश नेपाल को बता दिया है कि क्षेत्र में सीमा पार से बढ़ते आतंकवादी हमलों और एक देश के द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ती दखलअंदाजी से ऐसा माहौल बन गया है जो इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल संचालन के हित में नहीं है। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद जाने को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लग गया है। 


प्रवक्ता ने कहा, “भारत क्षेत्रीय सहयोग, संपर्क और संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है लेकिन साथ ही उसका मानना है कि आतंकमुक्त माहौल में ही ये चीजें आगे बढ़ सकती हैं।” उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थितियों में भारत, इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में भाग नहीं ले सकता। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य देशों ने भी सम्मेलन में भाग लेने के बारे में अपने निर्णय से अवगत करा दिया है।” 

अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सम्मेलन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बंगलादेश और भूटान भी दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे।

वक्ता ने कहा, “भारत क्षेत्रीय सहयोग, संपर्क और संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है लेकिन साथ ही उसका मानना है कि आतंकमुक्त माहौल में ही ये चीजें आगे बढ़ सकती हैं।” उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थितियों में भारत, इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में भाग नहीं ले सकता। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य देशों ने भी सम्मेलन में भाग लेने के बारे में अपने निर्णय से अवगत करा दिया है।” अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सम्मेलन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बंगलादेश और भूटान भी दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। 

एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्राॅडबैंड से जोड़े बीएसएनएल : सिन्हा

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नयी दिल्ली 27 सितंबर, संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को आज साफ शब्दों में कहा कि इस कंपनी को यथाशीघ्र एक लाख ग्राम पंचायतों को आॅप्टिकल फाइबर केबल पर आधारित ब्राॅडबैंड नेटवर्क से जोड़ना चाहिये और इसमें किसी तरह की हिलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

श्री सिन्हा ने यहाँ बीएसएनएल के एक पुरस्कार वितरण समारोह में कहा कि हम निर्धारित समयावधि में देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्राॅडबैंड कनेक्शन से जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीरता से काम कर रहें हैं उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा और जिनके बारे में लगातार नकारात्मक रिपोर्ट मिल रही है उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिये। संचार मंत्री ने बीएसएनएल से नये नवाचार को ढूँढ़ने, नये शोध करने और नयी प्रौद्योगिकी अपनाने की सलाह दी ताकि प्रधानमंत्री के ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के सपने को डिजिटल क्रांति के जरिये पूरा किया जा सके। 

उन्होंने नवाचार की आवश्यकता बताते हुये कहा कि भारत सीमित संसाधन की वजह से विकसित देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। बड़ी संख्या में लोगों को, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, डिजिटली सशक्त करना हमारा कर्तव्य है जो अब तक आईटी क्रांति के लाभों से वंचित हैं। उन्होंने बीएसएनएल के अधिकारियों और कर्मचारियों से टेलीकॉम घनत्व में निर्धारित समय सीमा में वर्तमान स्तर से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की दिशा में काम करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल अब नयी प्रौद्योगिकियों से लैस है और यह निजी बड़ी टेलीकाॅम कंपनियों से टक्कर लेने में सक्षम है। मोबाइल फोन का उपयोग बढ़ने के कारण लैंडलाइन कनेक्शन में दिन-ब-दिन हो रही कमी पर गहरा रोष जताते हुये उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस तरह का रुख नहीं देखा गया है। बीएसएनएल को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब तब बीएसएनएल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता नहीं सुधारेगी तब तक कोई भी प्लान सफल नहीं हो सकता है चाहे हम 49 रुपये में ही कनेक्शन क्यों न/न दें। उन्होंने बीएसएनएल को उपभोक्ताओं की शिकायतों को तत्परता से निपटाने और इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं किये जाने की हिदायत दी।
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