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बिहार : मास्क पहनने का संदेश देंगे और वीडियों बना लिए

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बच्चों ने कहा कि हमलोग डीएम अंकल से बहुत ज्यादा ही प्रभावित हैं।उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए स्वयं मास्क पहनकर दूसरों को मास्क पहनने का संदेश दिया है।इसके आलोक में हम नन्हें बच्चों ने भी ठाना है कि लोगों को मास्क पहनने का संदेश देंगे और वीडियों बना लिए..
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चुहड़ी।पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी है  कुंदन कुमार। उन्होंने कोरोना को रोकने लिए ‘मास्क का सुरक्षा चक्र-एक मुहिम“ चला रखा है। इसमें  आशातीत सफलता मिल रही है।अबतक लगभग चार हजार लोगों ने मास्क लगाये और उसका फोटो डीएम कार्यालय को भेजे। इन सभी फोटो को जिला प्रशासन  के आधिकारिक फेसबुक एवं ट्विटर पर पोस्ट किया गया है। इसे जारी रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि मास्क अपनाएं और कोरोना को हराएं। सर्वविदित है कि जिला प्रशासन द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क का उपयोग करने एवं अन्य उपायों को अपनाने के लिए ‘मास्क का सुरक्षा चक्र-एक मुहिम‘ चलाया जा रहा  है। इस तरह के जन अभियान मुहिम से प्रोत्साहित होकर पश्चिम चम्पारण के चुहड़ी पल्ली के सात बच्चों ने मिलकर वीडियों बनाया है।चुहड़ी क्रिश्चियन क्वाटर्स के लौरेंस परिवार के सभी बच्चों ने लोगों को मास्क पहनकर घर से बाहर निकलने के लिए वीडियों के माध्यम से खूबसूरत ढंग से संदेश दे रहे हैं । 4 वर्षीय प्रांकित ने लोगों से अपील करते हुए कहा मास्क लगाएं काम पर जाए। वही प्रणव, पारूल, प्रिसा, पलक, परी और प्रिंस ने "गो कोरोना गो"के नारा लगाते हुए लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक किया। विदित हो कि इससे पूर्व भी इन बच्चों ने हाथ धुलाई के तरीकों को बहुत सुंदर ढंग से समझाया और बताया था। इन बच्चों ने कहा कि हमलोग डीएम अंकल से बहुत ज्यादा ही प्रभावित हैं।उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए स्वयं मास्क पहनकर दूसरों को मास्क पहनने का संदेश दिया है।इसके आलोक में हम नन्हें बच्चों ने भी ठाना है कि लोगों को मास्क पहनने का संदेश देंगे। प्रांकित- मास्क लगाए काम पर जाएं। प्रणव - कृपया मास्क जरूर लगाएं। पारुल- मास्क लगाए कोरोना भगाएं।प्रिसा- मास्क लगाए सुरक्षित रहें।पलक- please always use mask। परी -  while going outside plz use maskऔर प्रिंस - please always use mask and be safe।

जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा जारी मुहिम व सात बच्चों के वीडियों को सभी जिलेवासियों की ओर से सराहना की जा रही है। इस समय बेतिया की  मौजूदा हालात बहुत ही खराब है। आनंद लाल ने कहा   कि बेतिया की चिकपट्टी और लाल बाजार में तीसरा चरण का प्रसार होने की संभावना है।इसको लेकर बिहार में नोवेल कोरोना के तीसरे चरण में प्रवेश पर स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है। इस चरण में खतरे की बड़ी आशंका को देखते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को सचेत रहने की हिदायत दी गयी है। अनलॉक -2 में मास्क का प्रयोग अत्यंत ही आवश्यक है। घर से निकलते समय मास्क अनिवार्य रूप से पहनें। इसके साथ ही एक-दूसरे के बीच दो गज की दूरी भी जरूरी है। समय-समय पर साबुन अथवा सैनेटाइजर से अच्छे तरीके से हाथों को साफ करते रहें। अपने आसपास, अपने कार्यस्थल, अपने घरों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखकर कोरोना महामारी को हराया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा मास्क का प्रयोग एवं 2 गज की दूरी अपनाने के लिए जिलेवासियों को जागरूक एवं प्रेरित करने के उदेश्य से जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे मास्क मुहिम में सभी जिलेवासी अपनी-अपनी सहभागिता दें।

विशेष : सतत विकास के लिए आयु-अनुकूल व्यापक यौनिक शिक्षा क्यों है ज़रूरी?

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एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र के लगभग एक अरब युवा १० से २४ वर्ष की आयुवर्ग के हैं, जो इस क्षेत्र की कुल आबादी का २७% है। इनमें से प्रत्येक को कभी-न-कभी अपने जीवन सम्बंधित ऐसे निर्णय लेने पड़ेंगे जिनका प्रभाव उनके यौनिक एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ेगा। परन्तु अनेक शोधों के अनुसार इनमें से अधिकांश किशोर/ किशोरियों में इन निर्णयों को ज़िम्मेदारी से लेने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं जानकारी का अभाव है. प्रोफ़ेसर कैरोलिन होमर जो ऑस्ट्रेलिया के बर्नेट इन्स्टिट्यूट के मेटर्नल, चाइल्ड एन्ड एडोलेसेंट हेल्थ प्रोग्राम की सह-निदेशक हैं,ने कहा कि एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र के युवाओं में एचआईवी, अनचाहे गर्भ, आदि से सम्बंधित पर्याप्त ज्ञान नहीं होता है और उनमें एलजीबीटी (समलैंगिक और ट्रांसजेंडर समुदाय) के प्रति असमानता व सामाजिक तिरस्कार का भाव होता है. २०३० के सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में युवा वर्ग को आयु-अनुकूल उचित जानकारी दे कर उन्हें अपने स्वास्थ्य और निजी मर्यादा की सुरक्षा हेतु शिक्षित करना एवं जेंडर समानता को बढ़ावा देना बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस शिक्षा को आप कोई भी नाम दे सकते हैं- ‘लाइफ स्किल्स एजुकेशन'या ‘हेल्थ एजुकेशन ‘,या ‘कम्प्रेहेन्सिव सेक्सुएल्टी एजुकेशन (सीएसई - व्यापक यौनिक शिक्षा). महत्वपूर्ण बात यह है कि इस शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है: युवा वर्ग को अपनी व्यक्तिगत गरिमा तथा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए समुचित जानकारी उपलब्ध कराना तथा एक सकारात्मक सोच विकसित करके जेंडर समानता की ओर अग्रसर होना।

ग्लोबल रिव्यू के अनुसार सीएसई का उद्देश्य एक आयु-अनुकूल एवं संस्कृति -उपयुक्त दृष्टिकोण पर आधारित, वैज्ञानिक रूप से सही, वास्तविक और गैर-निर्णायक जानकारी प्रदान करना है। यह शिक्षा उनके यौनिक तथा प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है, सुरक्षित यौन संबंध को बढ़ावा देकर अवान्छनीय गर्भधारण को रोकती है, और एचआईवी व अन्य यौन-संक्रमित रोगों को कम करती है। इसके साथ साथ यह जेंडर व सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देती है। संयुक्त राष्ट्र के पापुलेशन फण्ड (यूएनएफ़पीए) के एशिया पैसिफ़िक क्षेत्रीय निदेशक बिओन एन्डरसन के अनुसार "यह एक गलत अवधारणा है कि सीएसई से विद्यार्थियों की यौनिक-गतिविधियां बढ़ जाती हैं। सच तो यह है कि यह एचआईवी तथा अन्य यौन-संक्रमित रोगों से बचाव, किशोरावस्था में गर्भधारण से बचाव और लैंगिक तथा जेंडर के भेदभाव भूलकर एक दूसरे के साथ आदरपूर्ण संवाद करने में सहायता प्रदान करती है, और युवाओं की उचित निर्णय लेने की क्षमता को मज़बूत करती है ।"एशिया पेसिफिक क्षेत्र के लगभग 25 देश (जिनमें कंबोडिया, भूटान, थाईलैंड, वियतनाम, फिलीपींस और एशिया पेसिफिक द्वीप देश शामिल है) स्कूल पाठ्यक्रम में सीएसई को स्थान देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। परन्तु कई अन्य देशों में यह अभी भी निषेध का विषय है। यहां तक की सेक्स शब्द का किसी भी रूप में प्रयोग भी अशोभनीय समझा जाता है। माता-पिता और शिक्षक इस विषय पर किशोर/ किशोरियों से बात करने से कतराते हैं। और इस चुप्पी के परिणाम स्वरूप युवा वर्ग को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है-जैसे लैंगिक हिंसा, किशोरावस्था में अवांछित गर्भ धारण, असुरक्षित गर्भपात, यौन संचारित रोग आदि।

जिन देशों में सीएसई को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है वहां के युवा वर्ग को भी लगता है कि उनको दी जा रही जानकारी अपर्याप्त है और वे इसके प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम को अधिक विस्तृत करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ जानकारी एपीसीआरएसएचआर१० (१०वें एशिया पैसिफिक कांफ्रेंस ऑन रिप्रोडक्टिव एंड सेक्सुअल हेल्थ एंड राइट्स) में कुछ शोधकर्ताओं ने दी। यह कांफ्रेंस सीएनएस के सहयोग से कोरोनावायरस महामारी के करणवश ऑनलाइन हो रही है. सेसिलिआ रॉथ, ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में परिवार नियोजन वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि यद्यपि सीएसई (जिसे वहां रिलेशनशिप्स, सेक्सुअलिटी एंड सेक्सुअल हेल्थ एजुकेशन-आरएसएसएच- के नाम से जाना जाता है) ऑस्ट्रेलियन स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा है, परंतु शिक्षण संस्थानों को उसमें स्थानीय सन्दर्भ के अनुरूप आवश्यकतानुसार परिवर्तन करने का अधिकार प्राप्त है. इसके चलते आरएसएसएच पाठ्यक्रम हर जगह एक समान नहीं है। एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों की तुलना में इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त थी। यह अध्ययन न्यू साउथ वेल्स के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे १२ से १८ वर्ष आयु वर्ग के कक्षा ८-१२ में पढ़ने वाले १६०० विद्यार्थियों पर किये गए एक नामरहित सर्वे पर आधारित था. आंकड़ों के अनुसार लगभग ५०% प्रतिभागियों का मत था कि आरएसएसएच एजुकेशन के पाठ्यक्रम से उनके ज्ञान में वृद्धि हुई जबकि एक तिहाई उससे केवल संतुष्ट मात्र थे. प्रतिभागियों का यह भी कहना था कि जिन आरएसएसएच विषयों में उन्हें स्कूल में सबसे कम जानकारी प्राप्त हुई, उनके बारे में सूचना प्राप्त करने का सबसे लोकप्रिय स्रोत सोशल मीडिया था.

सेसिलिआ रॉथ के अनुसार अध्ययन के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि शिक्षकों को स्कूल में स्वास्थ्य-सम्बन्धी ज्ञान को बढ़ावा देना चाहिए और बच्चों को उचित जानकारी देकर उनकी जिज्ञासा को शांत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यौन स्वास्थ्य सम्बन्धी आयु-अनुकूल उचित शिक्षा देना तथा विविध जेंडर वाले विद्यार्थियों की विशेष आवश्यकताओं को सम्बोधित करना और समझदारी बढ़ाना बहुत जरूरी है. वियतनाम में किये गए एक अन्य सर्वेक्षण में भी कुछ चौकाने वाले नतीजे सामने आये. यह ऑनलाइन सर्वे, विश्वविद्यालय स्तर पर सीएसई संबधी कठिनाइयों और आवश्यकताओं का पता लगाने हेतु, वियतनाम की थाई न्गुयेन यूनिवर्सिटी के ५ कॉलेजों के लगभग २०,००० विद्यार्थियों पर किया गया. ६०% प्रतिभागी सीएसई को एक विशिष्ट विषय के रूप में देखना चाहते थे, और ४४% यौनिक और प्रजजन स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएँ प्राप्त करने का अधिकार चाहते थे । ४४% का कहना था की पढ़ने और सीखने हेतु कोई मानक यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य सम्बन्धी सामग्री उपलब्ध ही नहीं है; ३६% प्रतिभागियो के अनुसार शिक्षकों में यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य संबंदी विषय के बारे में आवश्यक ज्ञान व उसको पढ़ाने के लिए अनिवार्य कुशलता का अभाव है। ३७% ने इस बात की शिकायत करी कि उनके परिवार जन यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी बात का उल्लेख तक नहीं करना चाहते हैं ।

इस स्टडी के संचालक और वियतनाम के रिसर्च सेंटर फॉर जेन्डर, फैमिली एंड एनवायरमेंट इन डेवलपमेंट के प्रोग्राम ऑफिसर, थान न्गुयेन फुओंग हाई, ने बताया, कि "यद्यपि प्रत्येक विश्वविद्यालय की यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बंधित अपने कार्यक्रम होते हैं लेकिन वे अपने विद्यार्थियों की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं पर खरे नहीं उतर पाते हैं। जिन विषयों पर छात्र अधिक जानकारी हासिल कारण चाहते हैं वह हैं: प्रेम एवं यौन (५३%), सुरक्षित गर्भनिरोध और गर्भपात (५१%), यौन संक्रमित रोग और एचआईवी (५३%) तथा यौन शोषण से बचाव। यह सब जानकारी वे ऐसे सेमिनार, टॉक-शो और प्रशिक्षण के द्वारा हासिल करना चाहते हैं जिनमें छात्रों की पूरी सहभागिता हो."उक्त सर्वेक्षणों के नतीजे स्कूल और कॉलेजों में सीएस‌ई को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने और यौन शिक्षा को मजबूत बनाने की आवश्यकता की ओर इंगित करते हैं। सेसिलिआ रॉथ कहती हैं कि जिन क्षेत्रों में विशेष रूप से सुधार की आवश्यकता है वे हैं शिक्षाविदों का उचित प्रशिक्षण ताकि वे इस विषय को अधिक प्रभावकारी ढंग से पढ़ा सकें, और जेंडर विविधता, आपसी रिश्ते और सहमति और यौन संक्रमित रोगों की जांच और इलाज के बारे में अधिक जानकारी दे सकें।

कंबोडिया का स्वास्थ्य मंत्रालय कक्षा १ से १२ तक के विद्यार्थियों के लिए विशिष्ट आयु-अनुकूल लैंगिक व प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। इसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है, तथा यह २०२२ तक स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा ।कंबोडिया का रिप्रोडक्टिव हेल्थ एसोसिएशन इसे ५०० से अधिक स्कूलों में लागू करने में सहायता प्रदान कर रहा है. । एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अन्य देशों द्वारा इसी प्रकार की पहल करने की जरूरत है। सभी देशों को यह याद रखना चाहिए कि व्यापक यौनिक शिक्षा (सीएसई ) जीवन कौशल के विकास के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। यह केवल गर्भधारण की रोक और सुरक्षित यौन सम्बन्ध के बारे में ही जानकारी नहीं देती है अपितु शारीरिक रचना की आधारभूत जानकारी, सम्बन्ध और सहमति की समझ और विविधता का आदर करना भी समझाती है और समझदारी और जिम्मेदारी बढ़ाती है। इससे भी सर्वोपरि सीएसई की उपलब्धता मौलिक मानवाधिकारों -जैसे पढ़ने का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, लैंगिकता का अधिकार और गैर भेदभाव मूलक अधिकार भी बताती है - यह सब एक खुशहाल जीवन जीने के अधिकार हैं।




--माया जोशी-- 
सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)

बिहार : रोजी-रोजगार की मांग पर प्रखंड कार्यालयों पर हजारों प्रवासी मजदूर पहुंचे, मांग पत्र सौंपा.

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पटना, भाकपा-माले, ऐक्टू, खेग्रामस व प्रवासी मजदूर यूनियन के संयुक्त आह्वान पर अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर हजारों प्रवासी मजदूर आज राज्य के सैंकड़ों प्रखंड मुख्यालय पर पहुंचे और प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल और खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा ने संयुक्त रूप से कहा कि आज का कार्यक्रम प्रवासी मजदूरों के आक्रोश का इजहार है, जिनके साथ भाजपा व जदयू ने घोर विश्वासघात किया है. नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार काम देने की बात कही थी, लेकिन सरकार न तो कोरोना टेस्ट करवा रही है और न ही प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था. मनरेगा में भी बहुत काम नहीं मिल रहा है. नतीजतन, एक तरफ कोरोना का विस्पफोट हो रहा है, तो दूसरी ओर प्रवासी मजदूर काम की तलाश में एक बार फिर वापस लौटने के लिए विवश हो रहे हैं. भाजपा-जदयू ने इन प्रश्नों से पूरी तरह मुंह फेर लिया है और लोगों को अपने रहमो-करम पर छोड़कर वर्चुअल तरीके से बिहार विधानसभा चुनाव को हड़प लेने की तैयारी में लग गए हैं. सरकार के इसी विश्वासघात के खिलाफ रोजी-रोजगार की गारंटी की मांग पर आज पूरे बिहार में सैंकड़ो प्रखंड कार्यालयों पर हजारों प्रवासी मजदूर पहुंचे आज के प्रदर्शन के प्रमुख मांगों में सभी प्रवासी मजदूरों और नाई, बढ़ई, लोहार, कुम्हार, रिक्शा-ठेला-टैम्पो चालकों,दुकानों में कार्यरत कर्मियों सहित स्वरोजगार से जुड़े तमाम लोगों को 10 हजार रुपए का लाॅकडाउन भत्ता अविलंब पद्रान करने; आयकर से बाहर के सभी परिवारों को छह माह तक प्रति महीना प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज प्रदान करने; प्रवासी मजदूरों को योग्यतानुसार रोजगार व स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को बिना ब्याज के ऋण प्रदान करने; मनरेगा में 200 दिन काम व 500 रु. न्यनूतम मजदूरी देने व शहरों तक इसका विस्तार करने; बिहार वापसी के कारण प्रवासी मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने; किसानों-बटाईदारों का केसीसी लोन माफ करने; स्वयं सहायता समूह के सभी कर्ज भी माफ करने; प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटा डाॅक्टर और कोविड के इलाज की व्यवस्था करने; जिला अस्पताल में कोविड की जांच और आईसीयू की व्यवस्था करने तथा क्वारंटाइन सेंटर से बाहर आए मजदूरों के लिए घोषित 2000 रु. की राशि का अविलंब भुगतान करने तथा क्वारंटाइन व्यवस्था पर खर्च का सोशल आॅडिट कराने की मांग की. दरभंगा के हायाघाट, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, गोपालगंज, नालंदा, भोजपुर, अरवल, पटना ग्रामीण आदि जिलों के सभी प्रखंडों पर आज के प्रदर्शन को लागू किया गया.

बिहार : राष्ट्र्पिता महात्मा गांधी जी के कर्मभूमि मोेतिहारी में साप्ताहिक सत्याग्रह

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मोतिहारी स्थित मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त कर जीर्णोद्धार एवं सौन्दरीयकरण के लिए कार्ययोजना तैयार है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक महोदय के द्वारा निरीक्षण कर्म में नल जल योजना के क्रियान्वयन स्थिति की भी जानकारी ली गई......
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मोतिहारी। राष्ट्र्पिता महात्मा गांधी जी के कर्मभूमि मोेतिहारी में साप्ताहिक सत्याग्रह जारी है। मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त कर जीर्णोद्धार एवं सौन्दरीयकरण के लिए कार्ययोजना तैयार है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक महोदय के द्वारा निरीक्षण कर्म में नल जल योजना के क्रियान्वयन स्थिति की भी जानकारी ली गई। 14 जून 2020 सत्याग्रह से स्वच्छता के तहत मोतीझील में साफ-सफाई का आगाज जिलाधिकारी महोदय के नेतृत्व में किया गया। जिलाधिकारी महोदय के द्वारा मोतिहारी स्थित मोतीझील के जीर्णोद्धार के लिए एक बेहतर पहल की शुरुआत की। जिला प्रशासन सभी चंपारणवासी से अपील करता है की प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें,ताकि हमारे अनमोल धरोहर मोतीझील की रक्षा एवं जीर्णोद्धार का मार्ग प्रशस्त हो। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बड़ी संख्या में आम नागरिकों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उनलोगों ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि जिलावासी मोतीझील के जीर्णोद्धार के संदर्भ में जिला प्रशासन को पूर्ण सहयोग करेंगे। सत्याग्रह से स्वच्छता में कार्य संकल्पित हैं। प्रत्येक रविवार को मोतीझील की साफ-सफाई कार्य जारी रखने में प्रशासन को यथासंभव सहयोग करेंगे।

इस अवसर पर उत्साहित नागरिकों को जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि वर्तमान परिपेक्ष्य में पर्यावरण संरक्षणध्जल संरक्षण हेतु ठोस उपाय किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मोतीझील में जारी सफाई अभियान से पर्यावरण संतुलनध्जल के यथोचित संरक्षण में मदद मिलेगी। बल्कि जल क्रीड़ा एवं नौकायन को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।  जिलाधिकारी ने मोटरबोट के माध्यम से मोतीझील का जायजा लिया एवं रोइंग क्लब का निरीक्षण किया।निरीक्षण क्रम में कार्यपालक अभियंता,भवन निर्माण को रोइंग क्लब के यथोचित संधारण करने के लिए अविलंब आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक महोदय के नेतृत्व में लगातार दूसरे रविवार को मोतीझील में सफाई अभियान का संचालन किया गया।सफाई अभियान में अपर समाहर्ता श्री शशि शेखर चैधरी,अपर समाहर्ता(आपदा प्रबंधन) श्री अनिल कुमार, नगर परिषद,अध्यक्ष श्रीमती अंजू देवी,अनुमंडल पदाधिकारी,सदर श्री प्रिय रंजन राजू,विशेष कार्य पदाधिकारी श्री आदित्य नारायण झा,जिला परिवहन पदाधिकारी श्री अनुराग कौशल सिंह,वरीय उप समाहर्ता श्री नितेश कुमार एवं दीपशिखा, कार्यक्रम पदाधिकारी(सर्व शिक्षा अभियान) श्री राजकुमार शर्मा,प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी बंजरिया, तुरकौलिया, मोतिहारी सदर,जिला मत्स्य पदाधिकारी,कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद मोतिहारी आदि सहित बड़ी संख्या में आम में आम नागरिक शामिल थे।

जिलाधिकारी के नेतृत्व में लगातार तीसरे रविवार को सत्याग्रह से स्वच्छता अभियान के तहत मोतीझील में स्वच्छता अभियान का संचालन किया गया।स्वच्छता अभियान में पदाधिकारियों सहित आम लोगों ने लिया हिस्सा। कार्यक्रम के पश्चात जिलाधिकारी ने रोइंग क्लब में कार्गो बोट का शुभारम्भ किये। तीन कार्गो बोट के माध्यम से जल क्रीड़ा में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाना है। अविलंब कार्य योजना तैयार करना का भी निर्देश दिया। इस बीच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला से संबंधित विभिन्न महाविद्यालयों के शैक्षणिक प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में मोतीझील साफ -सफाई अभियान एवं इससे जुड़े मुद्दों के संबंध में विचार विमर्श किया गया। जिलाधिकारी महोदय ने कहा की मोतीझील जिला का अनमोल धरोहर है,जिसका समुचित रख रखाव जनहित में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मोतीझील के जीर्णोद्धार के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा साफ -सफाई अभियान का संचालन किया जा रहा है,जिसमें बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी  भागीदारी रही है,जो निसंदेह  मोतीझील जीर्णोद्धार के प्रति आम नागरिकों के उत्साह को प्रदर्शित करता है। वर्तमान में  मोतीझील से जलकुंभी हटाने का कार्य जल को न केवल स्वच्छ रखने में  मदद करेगा बल्कि नौकायन का संचालन संभव हो सकेगा। बैठक में उपस्थित विभिन्न शैक्षणिक संस्थान प्रतिनिधियोंध्एनसीसीध्स्काउट एवं गाइडध्एनएसएस प्रतिनिधियों ने मोतीझील जीर्णोद्धार, जलध्जीवनध्हरियाली अभियान,शहर के साफ सफाई,ऊर्जा संरक्षण के संदर्भ में अपने बहुमूल्य सुझावों से जिला प्रशासन को अवगत कराया है।जिलाधिकारी ने प्राप्त सुझावों की अनुसार नियमानुकूल आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।

मोतीझील में जिलाधिकारी के नेतृत्व में सफाई अभियान का संचालन किया गया। लगातार चैथे रविवार को क्रियान्वित मोतीझील सफाई अभियान में अपर समाहर्ता श्री शशि शेखर चैधरी,नगर परिषद अध्यक्ष,श्रीमती मंजू देवी,स्थापना उप समाहर्ता श्री सुधीर कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी श्री अनुराग कौशल सिंह सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी,अंचलाधिकारी बंजारिया,कोटवा के अतिरिक्त बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया।उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि मोतीझील शहर की हृदय स्थली है,अतरू इसका समुचित संरक्षण हम सबकी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि मोतीझील में जिला प्रशासन, आम नागरिकों के सहयोग एवं समन्वय से लगातार जारी जल कुंभी हटाओ अभियान से मोतीझील के जीर्णोद्धार का मार्ग प्रशस्त होगा,साथ ही इससे जल क्रीडा,नौकायन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।  जिलाधिकारी ने मोटर बोट के माध्यम से मोतीझील में जारी  सफाई अभियान का निरीक्षण किया,साथ ही जल क्रीडा में भाग लेने वाले भावी खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु उपयोग में लाए जा रहे  कार्गो बोट का भी परिचालन किया।जिलाधिकारी ने उक्त अवसर पर रोइंग क्लब परिसर का भी निरीक्षण किया।

बिहार : पटना नगर निगम के तीन के पेंच में अल्पसंख्यक मोहल्ला

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पटना. पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-1 की वार्ड पार्षद हैं महादलित छठिया देवी. वार्डों की संख्या में पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर -1 है. परन्तु सभी वार्डों  में फिसड्डी बनकर रह गया है. इसके कारण ही लोग परेशान होकर रह गये हैं.यहां की स्थिति बहुत ही भयावह हैं.वर्षाकालीन मौसम के अलावे अन्य दिनों में भी नाला का अभाव के कारण रोड पर पानी बहता रहता है. बरसात के दिनों में रोड के साथ घरों में भी जलभराव हो जाता है.इसी स्थिति में लोग जीने को मजबूर हैं. घर में पानी व बाहर में भी पानी रहने से लोग आजिज हो गये हैं.सर्वाधिक बच्चे और महिलाएं परेशान हो जाती हैं. इस समय अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का बुरा हाल है.यहां के लोग प्रत्येक साल जलजमाव से ऊब गए हैं.ठेऊना भर पानी में आवाजाही करते हैं.कई लोग तो भर बरसात अन्यत्र जाकर किराया का मकान में रहने को बाध्य हो जाते हैं .

खैर, कई दशक से अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला में जलजमाव की समस्या बन गयी है. इस विकराल समस्या के चलते ईसाई धार्मिक संस्थानों के अधिकारियों ने एक्स.टी.टी.आई.के परिसर में पानी न आए तो संस्थान के अधिकारियों ने मुख्य द्वार ही बंद कर दिया. मिट्टी व बालू से बोरा भरकर मुख्य मार्ग रोक दिया. इसी द्वार से मरियम टोला के ईसाई भक्तगण रविवारीय मिस्सा पूजा में भाग लेने जाते थे. मुख्य मार्ग बंद करने से भक्तों को तीन किलोमीटर तय करके एक्स.टी.टी.आई. में मिस्सा पूजा में भाग लेने जाने को मजबूर हो गए. जानकार लोगों का कहना है कि पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा से भक्तगण काफी मिन्नत करके मिस्सा पूजा की व्यवस्था करवाने में सफल हो गए. यहां तो यह कहावत चरितार्थ है कि ताड़ से गिरा खजूर पर अटक गया. यहां पर आवाजाही करने में दिक्कत होने लगी.यहां भी काफी जलभराव है. तो चचरी लगाना पड़ा.इसी चचरी पर चढ़कर लोग मिस्सा पूजा में भाग लेने जाते हैं. इस बीच वहीं पर दीघा थाना की एक आरक्षी का घर है. अपने घर को सुरक्षित करने के लिए व  पानी का बहाव को रोकने के लिए मिट्टी भर दिया. इस तरह के मिट्टी भरने पर जलबहाव का स्तर उपर होने पर सड़क पर जलठहराव होने लगा. तब लोगों की परेशानी और बढ़ गयी. यहां के लोग जन प्रतिनिधियों से काफी उदासीन हो गए हैं.जब उनके द्वारा विकास कार्य ही नहीं हो पा रहा है, तो विकास की बात करने को कहां और किसके पास जाए? तब यहां के लोगों ने उभरते नेता राजन क्लेमेंट साह के पास गये. वे बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री थे. अब उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने तत्काल दीघा के विधायक माननीय संजीव चैरसिया जी से मिलकर मरियम टोला की समस्या अंत करने का आग्रह किया.वहीं वार्ड नम्बर -1 की वार्ड पार्षद छठिया देवी के पास भी गए. उनसे आग्रह किया कि पटना नगर निगम के द्वारा फंड रिलिज करवाकर नाला और रोड का निर्माण करवाकर उत्पन्न समस्या का अंत करवा दें. मरियम टोला में रहती हैं. एक सामाजिक कार्यनेत्री प्रियंका मार्टिन ने सी.एम.नीतीश कुमार से आग्रह की है कि मरियम टोला की  समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाएं.

उस समय तनवीर अख्तर साहब कांग्रेस से मोहभंग कर जदयू में शामिल हुए थे.इसका पुरस्कार बतौर एम.एल.सी.के रूप में मिला. वहीं तनवीर साहब को नगर विकास समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया. विधान पार्षद व समिति अध्यक्ष का दायित्व बखूबी निभाएं.एम.एल.सी. व नगर विकास समिति के अध्यक्ष तनवीर अख्तर के साथ बैठक में बिहार के ईसाई समुदाय के क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक सुधारों के बारे में जमकर चर्चा की गयी.मरियम टोला की समस्या को लेकर तनवीर अख्तर काफी दिलचस्पी दिखायी थी. इस मसले को बिहार विधान परिषद में उठाने का वादा किया. सामूहिक आवेदन लिया परन्तु समस्या जस का तस ही है. सम्प्रति अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला हाशिए पर है. अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का जलजमाव को दूर करें. इस टोला में रहने वाले लोगों का सबका साथ चाहिए.तो टोला का विकास सबके लिए करना.तब जाकर सबका विश्वास मिलेगा. जो आगामी अक्टूबर-नवम्बर माह में चुनाव के समय टॉनिक का काम करेगा.ऐसा न हो कि ‘नो ड्रेन नो वोट‘का बैनर टंग जाए. इस बीच सीटिंग एमएलए ‘माउथ लुकिंग एजेंट‘ बनकर रह गये है.

इस समय दीघा वि.स.से राजद के संभावित प्रत्याशी पप्पू राय भी मैदान मारने को बेताब है. सामाजिक सेवक है.घर के आंगन के आदमी हैं.यहां की एक दिन की समस्या नहीं है.कई दशक से लोग परेशान हैं.राजनीतिक पार्टी के जनप्रतिनिधि विपक्ष में रहते हैं तो आवाज उठाते है. जहां सत्ताधारी बनते ही धृतराष्ट्र बन जाते हैं. फेसबुक पर लिखा गया है कि वक्त की मांग है शक्ति प्रदर्शन करने को. वामन ने प्रजा को दीनहीन समझे थे तो रसातल चले गये...रंजन गुप्ता कहते है कि बेशर्म लोग हैं वोट मांगने आये तो...के माला पहनाइए. एक ने कटाक्ष में कहा कि सात निश्चय का एक कार्यक्रम ‘हर घर नल योजना सफल हुआ‘.यहां के निवासियों का कहना है कि दीघा-आशियाना रोड में भूमितल नाला निर्माण जारी है.इसी नाला में मरियम टोला का नाला जुटान कर दिया जाए. यह एक्स.टी.टी.आई.परिसर से होकर उक्त भूमितल नाला में जुटान करना होगा. केवल व्यवधान यह है कि वह भूमितल नाला बनकर कार्यशील हो जाए. कार्यशील नाला होने पर दीवार तोड़कर नाला का जुटान कर दिया जाएगा.

अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का जलजमाव को दूर करने को लेकर प्रयासरत व कार्य अंजाम तक पहुंचाने को बेताब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह का कहना है कि पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-1 में कोई ठेकेदार है.जो चाहता है कि वही अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का नाला और रोड निर्माण करे. इस बाबत पटना नगर निगम के द्वारा दो बार टेंडर निकाला गया.दोनों बार केवल एक ही ठेकेदार टेंडर लेटर डाला.उन्होंने कहा पटना नगर निगम का नियम है कि कम से कम तीन ठेकेदार अप्लाई करें. मगर मरियम टोला का दुर्भाग्य है कि पटना नगर निगम के तीन के पेंच में टेंडर मंजूर ही नहीं हो पा रहा है. वार्ड में एक ठेकेदार है जो ठेकेदारी लेना चाह रहा है.निकट भविष्य में तीसरी बार टेंडर निकलेगी. अल्पसंख्यक मोर्चा का उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि गत वर्ष जलजमाव के समय न्यू पंपिंग सेट क्रय की गयी थी जो वार्ड पार्षद छठिया देवी के पास है.वहां पर जाकर लोग अप्रोच करके जल जमाव को दूर करें.

बिहार : नीतीश को केवल अपनी चिंता, जनता को अपने रहमोकरम पर छोड़ा - माले

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लोगों के जीवन की सुरक्षा की गारंटी से भाग खड़ी हुई है सरकार.
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पटना, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार में कोरोना का बढ़ता कहर बेहद चिंताजनक है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश जी को केवल अपनी चिंता सता रही है और आम लोगों को मरने-खपने के लिए यूं ही छोड़ दिया है. मुख्यमंत्री आवास में कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद नीतीश जी ने पीएमसीएच के वरिष्ठ डाॅक्टरों व पूरी इमरजेंसी सेवा का सेट अप खड़ा कर अपनी जिंदगी की तो चिंता कर रहे हैं, लेकिन आम लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.  मुख्यमंत्री स्वस्थ व सुरक्षित रहें लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे बिहार के गरीब मजदूरों व आम लोगों के प्रति अपनी जवाबदेही से मुंह मोड़ लें. हमने लगातार मांग की है कि यदि लोगों को कोरोना के प्रकोप से बचाना है तो कोरोना टेस्ट की संख्या और ऊपर से लेकर नीचे तक के अस्पतालों में आईसीयू की संख्या बढ़ानी होगी. लेकिन इन उपायों की गारंटी करने की बजाए बिहार सरकार वर्चुअल प्रचार के तरीके से बिहार विधान सभा चुनाव को हड़पने में लग गई, जिसकी वजह से आज पटना सहित पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है. आगे कहा कि लाॅकडाउन कोई उपाय नहीं है. आम लोग लंबे लाॅकडाउन की वजह से पहले ही भीषण कठिनाई भरी जिंदगी जी रहे हैं. कोरोना के साथ-साथ वे भूखमरी व बेराजगारी का भीषण दंश झेल रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को आयकर के बाहर के सभी परिवारों को कम से कम छह महीने तक न्यूनतम राशि व अनाज देने की गारंटी करनी चाहिए थी. कोरोना टेस्ट की संख्या व आईसीयू की व्यवस्था की जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. आनन-फानन में सरकार ने प्रवासी मजदूरों के बिना टेस्ट के क्वारंटाइन सेंटरों को खत्म कर दिया. इससे समस्या और जटिल ही हुई. हमने कहा था कि क्वारंटाइन सेंटरों को खत्म नहीं किया जाए, लेकिन सरकार अपनी मनमर्जी करती रही हम मांग करते हैं कि समय रहते सरकार उचित कदम उठाए, अन्यथा बिहार कोरोना का बड़ा सेंटर बन सकता है जो हम सबों और खासकर गरीबों के लिए बहुत ही भयावह होगा.

विशेष : महिला प्रधान है लद्दाख का समाज

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वर्त्तमान में लद्दाख का लेह इलाका दुनिया भर की ख़बरों की सुर्खियां बना हुआ है। इससे पहले कोरोना महामारी की चुनौती को कारगर तरीके से निपटने के प्रयासों को लेकर भी इस क्षेत्र की काफी सराहना की गई है। लेकिन इन सब से अलग इस क्षेत्र की जो सबसे बड़ी पहचान है, वह है यहां का समृद्ध और सकारात्मक विचारों वाला समाज। जहां महिला और पुरुष में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। जहां लड़कों की तरह लड़कियों को भी समान रूप से शिक्षा प्राप्त करने और जीवन में आगे बढ़ने की आज़ादी होती है। कई क्षेत्रों में तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं का दर्जा अधिक ऊंचा है। ख़ास बात यह है कि स्थानीय लद्दाखी संस्कृति और परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाने में महिलाएं रचनात्मक भूमिका निभा रही हैं। 

कोई भी संस्कृति अथवा परंपरा उस वक्त तक ज़िंदा नहीं रह सकती है जबतक उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का विकल्प न हो। देश में ऐसे कई इलाके हैं जहां पीढ़ी दर पीढ़ी प्राचीन संस्कृति को ज़िंदा रखने और उसे हूबहू अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की परंपरा बरकरार है और नई पीढ़ी इसे गर्व के साथ ग्रहण भी करती है। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख भी देश का एक ऐसा क्षेत्र है जहां की महिलाएं पिछले कई दशकों से इस मंत्र को अपनाती रही हैं और अपनी क्षमता तथा सकारात्मक ऊर्जा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाती हैं। खास बात यह है कि उनका यह कार्य सर्दियों में सबसे अधिक होता है। यह वह समय होता है जब महिलाएं इकठ्ठा होती हैं और अपनी प्राचीन शिक्षा, संस्कृति, परंपरा और हुनर की प्रेरणादायक कहानियों और कार्यों को अगली पीढ़ी के साथ साझा करती हैं। सच बात तो यह है कि लद्दाख की महान संस्कृति, परंपरा और विरासत के संरक्षण और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सेहरा वहां की महिलाओं को ही जाता है।

लद्दाख की दस्तकारी और हाथों से तैयार कालीन आज भी दुनिया भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है और इस हुनर को जीवित रखने में लद्दाखी महिलाओं का विशेष योगदान है। सर्दी के दिनों में जब समूचा लद्दाख सफ़ेद बर्फ की चादर में लिपट जाता है और जनजीवन पूरी तरह से ठप्प हो जाती है, ऐसे समय में लद्दाखी महिलाएं अधिकतर समय दस्तकारी करने और कालीन बनाने में गुज़ारती हैं। इन महिलाओं के लिए सर्दियों में यह न केवल वक्त गुज़ारने का सबसे अच्छा तरीका है बल्कि आमदनी का भी एक अच्छा माध्यम साबित होता है। यही वह समय भी होता है जब पूरा कुनबा एक साथ बैठ कर बड़े बुज़ुर्गों से अपनी महान संस्कृतियों से जुड़ी कहानियां सुनता है और घर की महिलाओं को दस्तकारी करते तथा कालीन बुनते बहुत करीब से देखता और सीखता भी है। वैसे तो इस क्षेत्र में दस्तकारी और कालीन बुनने का काम सालों भर होता है, लेकिन सर्दी के समय इसमें तेज़ी आ जाती है क्योंकि परिवारों के पास इसके अतिरिक्त और कोई काम नहीं होता है।

यूँ तो बहुत से लोग बचपन से ही पारंपरिक हुनर सीखना शुरू कर देते हैं, लेकिन बरसों की मेहनत और प्रयासों के बाद ही वह इस कला में पारंगत हो पाते हैं। इस संबंध में एक बुज़ुर्ग बताती हैं कि जब उन्होंने पहली बार पारंपरिक बुनाई का काम शुरू किया तो वह अक्सर इसमें नाकाम हो जाती थीं। दस्तकारी में वह निपुणता नहीं आ पाती थी जो उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा आसानी से बना लिया जाता था। इसके बाद वह ख़ामोशी से कई दिनों तक अपने बड़े बुज़ुर्गों द्वारा किये जा रहे कामों को देखती रहीं। बुनाई में प्रयोग किये जाने वाले औज़ारों को चलाने के तरीकों को बारीकियों से सीखना शुरू किया। जिसके बाद धीरे धीरे उन्होंने इस कला में महारत हासिल कर ली। वर्त्तमान में वह किसी भी मौसम में सभी प्रकार की कालीन को बनाने में सक्षम हैं।

मथांग गांव की 35 वर्षीय महिला स्पॉलजर एंगमों स्थानीय ऑरियंटल क्राफ्ट इंटरप्राइजेज की सदस्या हैं। एंगमों बताती हैं कि लद्दाखी महिलाएं अपने रोज़मर्रा के कामकाज से कुछ समय निकाल कर ऐसे काम करती हैं जो उन्हें जुनून की हद तक पसंद होती है। बुनाई और कढ़ाई पैसे कमाने में न केवल मददगार साबित होते हैं बल्कि उन्हें सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सर्दियों के मौसम में चूँकि पूरा क्षेत्र बर्फ से ढंक जाता है ऐसे में खेती अथवा दूसरे कोई काम नहीं हो सकते हैं। इस खाली समय का लद्दाखी महिलाएं भरपूर इस्तेमाल करते हुए एक साथ बैठ कर दस्तकारी और कालीन बुनने का काम करती हैं। इन तैयार कालीनों को गर्मी के मौसम में लद्दाख आने वाले सैलानियों को बेचा जाता है।

दस्तकारी और कालीन बुनने के अलावा लद्दाखी महिलाएं खेलकूद में भी अपने हुनर का प्रदर्शन करती हैं। लद्दाख में आइस हॉकी काफी प्रसिद्ध है। इस खेल को देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। लद्दाख की युवा लड़कियां भी बड़ी संख्या में इस खेल में भाग लेती हैं। लद्दाख वुमेन आइस हॉकी की संस्थापक स्काल्ज़ पुतित के अनुसार लद्दाखी लड़कियों के बीच आइस हॉकी काफी प्रसिद्ध है। सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में लद्दाख के दूर दराज़ के गांवों से लड़कियां इसकी ट्रेनिंग लेने आती हैं। इस खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाली कई लड़कियां स्कॉलरशिप तक पा चुकी हैं।

लद्दाखी महिलाएं केवल अपने कामों में ही व्यस्त रहकर समय नहीं गुज़ारती हैं बल्कि इस बात का भी ख्याल रखती हैं कि उनका पारंपरिक हुनर अगली पीढ़ी तक भी पहुँचता रहे। अपने बुज़ुर्गों से सीखे हुए पारंपरिक हुनर को न केवल सहेजती हैं बल्कि अपनी अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का काम भी करती हैं। वर्षों पुरानी लद्दाखी परंपरा, रीति रिवाज और हुनर को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए लद्दाखी समाज सदैव इनका ऋणी रहेगा।




थिनले नोरबू
लेह, लद्दाख
(यह लेख संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2019 के अंतर्गत लिखा गया है)

स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोरोना से मौत पर 1 करोड़ मुआवजा दे दिल्ली सरकार : सुभाष

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नई दिल्ली। लोक नायक अस्पताल स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन 717 (मान्यता प्राप्त) के अध्यक्ष सुभाष एवं महासचिव बलवंत सिंह रावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल,स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एवं स्वास्थ्य सचिव दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ कोरोना संकट के दौरान हो रहे सामाजिक भेदभाव ओर असमानता के चलते ड्यूटी के दौरान कोरोना बीमारी से मौत का ग्रास बने कर्मचारियों को भी एक करोड़ मुआवजा राशि तुरंत देने की मांग की है। उन्होंने कहा की स्वाथ्यकर्मी भी कोरोना योद्धा बनकर दिनरात संक्रमण क्षेत्र में सफाई से लेकर अन्य सभी कार्य अस्पताल में कर रहे हैं फिर भी उनके कार्य को कम आंका जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार असमानता और भेदभाव बरत रही है अन्यथा अभी तक हमारे लोकनायक अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी जिनमें स्व.चरण सिंह एवं स्व. श्रीमती सीमा जिनकी कोरोना के कारण पिछले दिनों मौत हो गयी थी।  उनको भी दिल्ली सरकार 1 करोड़ की मुआवजा राशि प्रदान करती जिस प्रकार  मुख्यमंत्री ने हमारे अस्पताल के डॉक्टर के परिजनों को एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान की थी। सुभाष ने कहा कि हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारे सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना से मौत होने की स्थिति में परिजनों को एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान नहीं करती और उनके परिजनों में एक व्यक्ति को नौकरी देने के लिए कदम नहीं उठती। स्वस्थ्य कर्मचारी यूनियन के चेयरमैन धारा सिंह ने कहा की हमारे काम को कोरोना संकट में स्वस्थ कर्मियों के साथ भेदभाव नहीं चलेगा। उन्होंने बताया कि हाल में केंद्र सरकार ने भी अपने अध्यादेश में प्रावधान किया था कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। लेकिन अफ़सोस की बात दिल्ली सरकार  लोकनायक अस्पताल के कर्मचारियों के साथ भेदभाव बरत रही है। महासचिव बलवंत सिंह रावत ने कहा कि हमने अपना मांग व शिकायत पत्र अपने चिकित्सा अधीक्षक और दिल्ली सरकार के संबधित विभागों को सौंप दिया है अब दिल्ली सरकार को निर्णय लेना है वह स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हो रहे सामाजिक भेदभाव व असमानता को कैसे और कब दूर करती है। बाकि हमारी यूनियन आगे की रणनीति पर चर्चा करेगी जैसे सरकार की तरह से कुछ पहल होती है तो अन्यथा हमारा संघर्ष जैसे कोरोना से चल रहा है वैसे ही कर्मचारियों के अधिकारों के लिए प्रशासन से चलता रहेगा।

पुस्तक समीक्षा : बच्चों के लिए भारत का संविधान : सुभद्रा सेन गुप्ता

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वर्तमान समय में संविधान और उसके महत्व को समझना सबसे जरुरी हो गया है. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जो 22 भागों में विभजित है, इसमें 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं. जिसे तैयार करने में 2 साल, 11 माह और 18 दिन का समय लगा. देश के सभी नागरिकों को संविधान की जानकारी होनी चाहिए. इसी के चलते स्कूल के पाठ्यक्रम में संविधान के कुछ भागों को शामिल किया गया है. जिससे हर नागरिक बचपन से ही संविधान के बारे में जान और समझ सके लेकिन ज्यादातर बच्चों को ये पाठ उबाऊ लगते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है इसकी भाषा. अगर संविधान की भाषा देखी जाए तो बच्चों की बात तो जाने दीजिये वयस्कों को भी अभी तक तथ्यों और हमारे संविधान के इतिहास के बारे में कई उलझने हैं. संविधान की कोई भी किताब पढ़ कर देख लें तो वो बच्चों के समझने के हिसाब से अत्यधिक कठिन है. इसमें ऐसे शब्दजाल हैं जिनका अर्थ समझना मुश्किल है.

इसी समस्या को हल करती है सुभद्रा सेन गुप्ता की किताब “The Constitution of India for Children.” अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित यह किताब भारत के संविधान के बारे में है. यह किताब सही मायनों में बच्चों को बहुत सरल भाषा में चित्रों के माध्यम से संविधान के बारे में बताती है और सालों से पूछे जाने वाले अनेकों सवालों के जवाब भी प्रदान करती है. इसमें संविधान का सरलीकृत परिचय है कि आखिर संविधान की जरूरत क्यों है, इसका महत्व क्या है, यह अस्तित्व में कैसे आया, इसमें क्या शामिल है इत्यादि. ये किताब पूरे संविधान को सारगर्भित रूप में और चित्रों द्वारा प्रस्तुत करती है. किताब के चित्र तपन गुहा द्वारा बड़े रोचक तरीके से बनाये गए हैं.

इस किताब में 7 अध्याय है जिसमें प्रथम अध्याय में संविधान क्या है, दूसरे अध्याय में उद्देशिका के बारे में,तीसरे में संविधान सभा, चौथे अध्याय में संविधान सभा के प्रमुख नेताओं की जानकारी, पांचवें अध्याय में मूलभूत अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांतों को शामिल किया गया है वही हमारी सरकार किस तरह से काम करती है इसके बारे में छटवे अध्याय में बताया गया है. अंतिम अध्याय में भारत एक गणराज्य है इस पर प्रकाश डाला गया है.

इस अध्यायों के अलावा किताब में कुछ ख़ास तथ्य भी जैसे भारत की सरकारी भाषा, चुनाव चिन्ह, भारतीय झंडा इत्यादि शामिल किये गए हैं. तथ्यों को किताब में इस तरह से रखा गया है जिसे देख कर बच्चे अपनी सोच विकसित करते हैं. इस किताब की ये खासियत है कि संविधान जैसे गंभीर विषय को चित्रों, कार्टून के माध्यम से गंभीर बनने नहीं दिया गया है बल्कि ये एक रोचक किताब बन गयी है जो बच्चों को पढ़ने को प्रेरित करती है. इसीलिए अगर कोई भी बच्चा इस किताब को पढ़ेगा तो एक तो उसे लगेगा ही नहीं कि वह संविधान जैसे गंभीर विषय पर आधारित किताब पढ़ रहा है और साथ ही बिना ऊबे वो पूरी किताब एक बार में पढ़ना चाहेगा.

इस किताब में उद्देशिका, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, लोकतंत्र, न्याय, धर्मनिरपेक्षता, मूलभूत अधिकार और इसी तरह के अन्य शब्दजालों को बहुत आसान तरीके से समझाया गया है. संसद, कार्यपालिका, न्यायपालिका, चुनाव आदि के बारे में बहुत कम शब्दों में सरलता के साथ जानकारी दी गयी है. संविधान सभा के लीडर अध्याय में बाबा साहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरु, अब्दुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल, सरोजनी नायडू के योगदान के बारे में संवाद चित्रों के साथ संक्षिप्त में बताया गया है.

लेखिका ने सरल उदाहरणों से अपनी बात कहने की कोशिश की है. तापस गुहा द्वारा बनाये रंग बिरंगी चित्र और संवाद बिलकुल सटीक है और वो जो बात कहना चाहते हैं सरलता से समझ आती है.

किताब की लेखिका का मानना है कि बच्चों को कम कर के नहीं आंकना चाहिए. अगर बच्चों को ध्यान से सुनो तो कई बार पाते हैं कि वो वयस्कों से भी ज्यादा मानवीय और कामन सेन्स से भरे होते हैं. संविधान जैसी कठिन किताब, उनके तथ्यों को बच्चों के माफिक करना जरुर लेखिका के लिए बड़ी चुनौती रही होगी. बच्चों को चित्रयुक्त किताबें ज्यादा पसंद आती है. उसे ही ध्यान में रखते हुए किताब में जानते समझे हुए चित्रों का अनोखे तरीके से उपयोग किया गया है. इस किताब के लिए उन्होंने गहन अनुसन्धान भी किया है. इसे रचने में उन्हें 9 माह लग गए. लेखिका ने किताब के अंत में इसी विषय से मिलतीजुलती किताबों के नाम लेखक सहित दिए हैं जिसे बच्चे पढ़ सकते हैं साथ ही अपना ई मेल भी दिया है जिसमें किताब को पढ़ कर बच्चे अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.

ये किताब संविधान का एक सरलीकृत और संक्षिप्त बाल संस्करण है और ये देश की समग्र पहचान, सहअस्तित्व के संकल्पना को प्रगट करती है. सभी अभिभावक को चाहिए कि इसे बच्चों को पढ़ाएं. बस इस किताब की एक ही दिक्कत है कि यह अंगेजी में है जिसके चलते यह केवल अंग्रेजी जानने वाले बच्चों तक ही सीमित रह जायेगी. इसका हिंदी और अन्य भाषा में भी होना चाहिए, उम्मीद है कि आगे चल कर ये किताब अन्य भाषाओं में भी अनुवादित होगी.

मधुबनी : अपर समाहर्ता,ने कमला नदी के बांध का निरीक्षण किया।

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एसडीओ,बीडीओ, सीओ एवम् कार्यपालक अभियंता,जलसंसाधन से संभावित बाढ़ के  तैयारियों की समीक्षा की
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मधुबनी, 10, जुलाई, आईएमडी से प्राप्त सूचना एवं विगत दो दिन से हो रही मूसलाधार वर्षा के कारण जयनगर  में कमला नदी के जल स्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है।जिसको लेकर जिला प्रशासन पुरी तरह से अलर्ट है।इसी कड़ी में आज अपर समाहर्ता ने जयनगर जाकर स्वयं बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि नदी की जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।इस आलोक में उन्होंने एसडीओ जयनगर की तैयारियों की समीक्षा की।बीडीओ , सीओ जयनगर एवम् कार्यपालक अभियंता जलसंसाधन को जल स्तर निरंतर निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया।बांध के निचले इलाकों  में बसे लोगो को अलर्ट करने हेतु मिकिंग करने का निर्देश दिया।साथ ही पल पल की स्थिति से जिला प्रशासन को अवगत कराते का आदेश दिया।

विशेष : काल और महाकाल के बीच पकड़ा विकास

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राजनीति, अपराध और विकास
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कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर रोंगटे खड़ा कर देने वाली घटना का दुर्दांत अपराधी विकास दुबे आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लेकिन विकास दुबे ने पुलिस की गिरफ्त में आने तक कई ऐसे सवालों को प्रादुर्भित किया है, जो शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। इसमें सबसे पहली बात तो यह है कि एक दिन पूर्व फरीदाबाद में दिखाई दिया विकास आखिर महाकाल की नगरी उज्जैन तक कैसे पहुंचा। जाहिर है कि यह यात्रा करते समय उत्तरप्रदेश के रास्ते का उपयोग भी किया होगा। उज्जैन तक आने में विकास निश्चित रूप पुलिस को कई बार चकमा देने में भी सफल रहा होगा। कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे निश्चित रूप से राजनीति और अपराध के सामंजस्य का जीता जागता प्रमाण है। विकास दुबे का पूरा इतिहास इस तथ्य की गवाही दे रहा है। वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी के लिए राजनीति कर रहा था। इतना ही नहीं उसकी पत्नी ऋचा दुबे सपा की ओर से निर्वाचित जन प्रतिनिधि थी। तभी तो कहा जाता है कि बिना राजनीति और पुलिस के संरक्षण के कोई व्यक्ति अपराध की ओर प्रवृत्त नहीं हो सकता। विकास दुबे के पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलीभगत थी। कानपुर में पुलिस के छापे की खबर भी उसको पुलिस के माध्यम से ही मिली थी। हालांकि इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। अभी इस मामले में और नाम भी सामने आ सकते हैं।

राजनीति को अपराध मुक्त करने के लिए समय समय पर आवाज मुखरित होती रही है। यह लोकतंत्र को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही आवश्यक है। कहा जाता है कि अगर राजनीति अपराधियों के चंगुल में आ गई तो फिर राजनीति का स्वरूप कैसा होगा, यह हम समझ सकते हैं। हमने फिल्मों में भी देखा होगा कि हर बड़ा राजनेता कोई न कोई बड़ा आपराधिक कृत्य करता ही है। इसमें उसका राजनीतिक कद उसको सुरक्षित करने का ही काम करता है। किसी के मकान पर कब्जा करना, किसी की जमीन हथियाना, यह सब ऐसे ही आपराधिक प्रवृत्ति वाले राजनेताओं का काम है। विकास दुबे को हम अगर आपराधिक प्रवृत्ति का राजनेता लिखें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। विकास दुबे को लेकर उत्तरप्रदेश के विपक्षी राजनीतिक दल मुखर होकर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ पर हमला कर रहे हैं, लेकिन एक सवाल यह है कि उन्होंने विकास दुबे के विरोध में एक शब्द भी नहीं बोला। विपक्षी दल के नेताओं के बयान यह साबित कर रहे हैं कि उत्तरप्रदेश में जो अपराध हो रहे हैं और विकास जैसे अपराधी को पनपाने में योगी सरकार का हाथ है। हालांकि अपराध रोकना सरकार की जिम्मेदारी होती है, लेकिन विपक्ष की भी उतनी ही जिम्मेदारी है। विपक्ष को भी यह सोचना चाहिए कि उत्तरप्रदेश में उनकी भी सरकार रही है और विकास उस समय भी अपराध करता था, इसलिए यह कहना समुचित है कि आरोप लगाना बहुत ही सरल है, उसका हल निकालना मुश्किल कार्य है। विपक्ष ऐसे मामलों में सरकार का साथ दे तो राजनीति को अपराध और अपराधियों से मुक्त किया जा सकता है।

पांच लाख के इनामी अपराधी विकास के बारे में यह तो पहले दिन से ही तय हो चुका था कि वह इधर उधर कितना भी भाग ले, लेकिन उसके बचने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। मुठभेड़ में विकास दुबे की ओर से पुलिस दल पर कहर बनकर टूटे उसके समर्थक विकास की बड़ी ताकत थे, पुलिस ने योजना पूर्वक विकास की इस ताकत को नेस्तनाबूद किया। अभी हाल ही में विकास के एक साथी अमर दुबे को ढेर किया जाना, विकास के लिए एक गहरा धक्का ही था। विकास के सभी साथी अब खुफिया तंत्र के राडार पर हैं और जहां से विकास के मुखबिरी की जाती थी, वह भी लगभग समाप्त हो चुका है। इसलिए कहा जा सकता है कि विकास इस समय बिल्कुल अकेला पड़ गया था, ऐसे में विकास का बचना नामुमकिन ही था। खूंखार अपराधी विकास दुबे के मकान की अभेद्य सुरक्षा को देखकर यही कहा जा सकता है कि विकास अपने आपको एक आतंकवादी सरगना की तरह ही सुरक्षित रखता था। हर तरफ की गतिविधि को एक कमरे से बैठकर देखा जा सकता था, यहां तक कि मुठभेड़ वाले दिन विकास की पत्नी ऋचा दुबे पूरी मुठभेड़ को लाइव देख रही थी। पूरा मकान किसी किले की दीवारों की भांति सुरक्षित था। जिसे मुठभेड़ के बाद नेस्तनाबूद कर दिया। वहां से कई चौंकाने वाली जानकारी पुलिस के हाथ लगीं। पूरा मकान किसी बड़े आतंकी की सुरक्षित पनाहगार की तरह ही था। पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने कहा भी था कि विकास के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जाएगा।

अपराध और राजनीति का बेखौफ संगम इस प्रकार की परिणति को प्राप्त होगा, यह कोई नया नहीं है। कोई अपराधी फंसता है तो स्वाभाविक रूप से उसके राजनीतिक आका भी उसे अकेला छोड़ देते हैं। शायद विकास के साथ भी ऐसा ही हुआ है। और जो अपराध की दुनिया में अभी भी पेअर जमाए हैं, उनका भविष्य भी विकास जैसा ही होगा। इसलिए अब हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि विकास दुबे जैसों को जो शक्तियां पनपाने का कार्य करती हैं, उनको सबक सिखाने की आवश्यकता है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दिशा में सार्थक और सकारात्मक पहल कर रहे हैं। वहां अपराधी या तो जेल में हैं या फिर उत्तरप्रदेश से बाहर हैं। इसे राजनीति के अपराध मुक्ति का अच्छा प्रयास ही कहा जाएगा। उत्तरप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालांकि इस बारे में बहुत पहले ही संकेत दे दिया था कि अब उत्तरप्रदेश अपराध मुक्त होगा। ऐसे ही प्रयास देश के अन्य राज्यों की सरकारें करें तो निश्चित ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।




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सुरेश हिंदुस्थानी, वरिष्ठ पत्रकार
सम्पर्क : 9770015780

बिहार : ऐपवा के बैनर तले सैकड़ों महिलाओं ने दीघा में किया प्रदर्शन

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पटना, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ऐपवा एवं स्वयं सहायता समूह संघर्ष समिति के बैनर तले दीघा में प्रदर्शन एवं कंकड़बाग में समूह की महिलाओं की बैठक की गई । दीघा में ऐपवा की राज्य सह सचिव अनिता सिन्हा,  भाकपा-  माले के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कुमार, पिंकी देवी ,व रुबी देवी ने आंदोलन का नेतृत्व किया । कंकड़बाग में अनुराधा सिंह ,मंजू देवी ,रेणु देवी ने बैठक को संचालित किया। विदित हो कि ऐपवा एवं स्वयं सहायता समूह संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले कई दिनों से बिहार में समूह की महिलाओं के सम्पूर्ण कर्ज माफी के लिए आंदोलन चल रहा है। सरकार ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज तो माफ किए हैं, कई लोगों को छोटी सहायता दी है लेकिन समूह की महिलाएं जो सरकार के तमाम कामों की नींव होती हैं, वह विकास के कामों की रीढ़ होती हैं , उनके कर्ज माफी के के बारे में सरकार विचार नहीं करती है। इसीलिए ऐपवा द्वारा समूह की महिलाओं के संपूर्ण कर्ज की माफी , उन्हें रोजगार देने, माइक्रो फाइनेंस  कंपनियों के लोन को सरकार द्वारा को चुकता करने ,जीविका का मानदेय ₹15000 करने आदि मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा   है । कल 10जुलाई को जिला अधिकारियों के सामने राज्य भर में प्रदर्शन करने की बात तय हुई थी लेकिन कई जिलों को कोविड-19 के फैलाव के कारण  पुनः लॉक कर दिया गया है । इसीलिए अब मांग -पत्र ऑनलाइन भेजा जाएगा . जहां पर संभव होगा जिला और प्रखंड पर जुट कर मांग पत्र सौंपा जाएगा। ऐपवा  सरकार को चेतावनी देती है कि यदि समूह की महिलाओं की मांगे नहीं मानी जाती है तो ऐपवा और बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी।

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 14 हजार के पार

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पटना (आर्यावर्त संवाददाता) बिहार में कोरोना काफी विकराल रूप धारण कर चुकी है। शुक्रवार को दिन के पहले अपडेट में 352 नए मामले सामने आये हैं। इनमें से सबसे अधिक 84 केस भागलपुर में मिले हैं। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक कोरोना से 14,330 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 9792 लोग अब तक इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही राज्य में अबतक कोरोना से 109 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 4429 केस एक्टिव है। ताजा अपडेट में अररिया से 4, अरवल से 6, औरंगाबाद से 1, बांका से 6, भागलपुर से 84, बक्सर से 5, दरभंगा से 5, पूर्वी चंपारण से 21, गया से 1, जमुई से 8, जहानाबाद से 1, कैमूर से 1, खगड़िया से 10, लखीसराय से 4, मधेपुरा से 9, मधुबनी से 15, मुजफ्फरपुर से 34, नालंदा से 13, नवादा से 1, पूर्णिया से 2, रोहतास से 7, समस्तीपुर से 6, सारण से 2, शिवहर से 2, सुपौल से 19 और पश्चिमी चंपारण से 12 नए मामले सामने आए हैं। वहीं देशभर की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 26,506 नए मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही देशभर में कोरोना से 7,93,802 लोग संक्रमित हो चुके हैं। पूरे देश में कोरोना से 21,604 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं देश में 2,76,685 केस एक्टिव है। जबकि इलाज के बाद 4,95,513 लोग ठीक हो चुके हैं।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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पंुलिस करेगी पारा क्षेत्र कि सुरक्षा तीसरी आॅख से

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पारा । आगामी दिनो मे पारा नगर सहीत क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था चाॅक चैबंद रखने के लिए व क्षेत्र मे किसी भी प्रकार का कोइ गम्भीर अपराध हाने पर अपराधियो पर पकड मजबुत करने के लिए पारा क्षेत्र मे पुलिस ने सी सी टीवी केमरे लगाए हे। पारा पुलिस चैकि प्रभारी केसरसिह पाण्डव ने बताया कि पुलिस अधिक्षक झाबुआ आशुतोष गुप्ता के निर्देश व एस डी ओ पी इडाला मोर्य के मार्ग दर्शन मे पारा मे बडते अपराध व अपराधियो पर सतत नजर रखने के लिए वर्तमान मे दो स्थानो पर सी सी टीवी केमरे लगाए गए हे। वर्तमान मे पुलिस चैकि पारा कि करिब 25 किलामीटर से ज्यादा लम्बी चोडी सीमा मे 38 गांव आते हे। जिनकी सुरक्षा कि जिम्मेदारी पारा पुलिस चैकी पर पदस्थ चोैकी प्रभारी सहीत एक एएसआई ,तीन प्रधान आरक्षक 9 आरक्षक व एक सैनिक पर है। जिन मे से दो केमरे झाबुआ धंांधलपुरा रोड पर बन रहे महाबली पंचमुखी हनुमान मंदिर पर लगाया गया हे जहा से पारा झाबुआ धांधलपुरा व फतिपुरा रोड की हर एक घटना को कवर करेगा। वही दो केमरे राजगझ रोड पर ग्राम बावडी मे लगाए गए हे जो कि राजगढ व पारा रोड कि हर घटना को कवर करेगा। वही यह केमरा बावडी से घावलिया सेमलखेडी की ओर से कलमोडा जाने वाले मार्ग पर भी नजर रखेगा। वर्तमान मे बारीस का मोसम चल रहा हे। क्षेत्र मे बारीस मे चैरी कि वारदात बड जाती हे। ऐसी छोटी बडी घटनाओ पर भी अंकुश लगेगा।

डाॅ0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सांसद ने सबको भारत को परम वैभव एवं आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दिलाया

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी जिला झाबुआ द्वारा स्थानीय जिला कार्यालय पर आज जनसंघ के संस्थापक डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मतिथि पर श्रंद्वाजली कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर क्षैत्रीय संासद गुमानसिंह डामोर भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण नायक भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दौलत भावसार एवं नगर अध्यक्ष बबलु सकलेचा ने उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओ को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नगर महामंत्री भुपेश सिंगोड ने किया ओर आभार प्रदर्शन नगर महामंत्री हेमेत नाना राठौर द्वारा किया गया। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ता ओर पदाधिकारीयो ने डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की श्री डामोर ने संबोधित करते हुए कहा कि डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे वे एक प्रखर राष्टभक्त चिंतक विचारक ओर शिक्षाविद थे। हम सबको उनके आदर्शो पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मे संकल्प लेकर चलना चाहिए डामोर ने केन्द्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर शिवराज सिंह चैहान द्वारा जनमुखी कार्य ओर योजना जो लागू की है उसके बारे मे कार्यकर्ताओ को विस्तार से बताया डामोर ने कहा कि किसानो मजदुरो छात्र गरीब सबके लिये 100 दिवस मे शिवराजसिंह चैहान ने ऐतिहासिक कार्य किये हैै। वही कई योजनाए जो कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी थी  उन्हे पुनः चालु करने का कार्य किया है। इस अवसर पर डामोर ने नरेन्द्र मोदी के नेतत्व मे जो ऐतिहासिक उपलब्ध्यिा प्राप्त की है उनका भी विस्तार से जिक्र पर उन पर प्रकाश डाला। सासंद ने इस अवसर पर उपस्थित समस्त भाजपा पदाधिकारीयो व कार्यकर्ताओ को आत्मनिर्भर भारत को बनाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष नायक ने संबोधित करते हुए कहा कि मेरा कोई गुट नही है मे शुद्व रुप से भाजपा संगठन के लिये कार्य करता रहुगा। आपने कहा कि डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को एक संभ्रात परिवार मे कलकत्ता मे हुआ था। मुखर्जी ने जो रास्ता हमे बताया है हम सब कार्यकर्ताओ को उस पर चलकर भाजपा को मजबुत करने का प्रयास करना चाहिए। आज हम जिस स्थिति मे उसमे कई पीढियो का योगदान निहित है। डाॅ मुखर्जी का बलिदान आजाद भारत मे सदैव याद किया जायेगा। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पूर्व जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता दौलत भावसार ने डाॅ मुखर्जी की जंयती पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी मिलने के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरु के मंत्रिमंडल मे डाॅ मुखर्जी को उद्योग मंत्री बनाया गया परंतु नेहरु की सरकार की त्रुटिकरण की नीती से रुष्ट होकर उन्होने उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया ओर फिर संघ के संपर्क मे आकर संघ प्रमुख गुरुजी से संपर्क कर संघ से कुछ प्रचारको की मांग की उनके मिलने पर 1951 मे भारतीय जनसंघ की स्थापना डाॅ मुखर्जी ने की। भावसार ने कहा कि डाॅ मुखर्जी के सत्याग्रह का ही परिणाम है कि आज हम जम्मुएंड कश्मीर मे बिना विजा के आ जा सकते है उस समय जम्मु एंड कश्मीर आजाद भारत का अंग होने के बाद भी वहा पर दो प्रधान दो विधान दो निशान की व्यवस्था कांग्रेस की दुरनीति के कारण हुई। उसके खिलाफ सत्याग्रह डाॅ मुखर्जी के नेतत्व मे किया गया ओर परमिट व्यवस्था को समाप्त किया। आज हम सब सौभाग्यशाली है कि वर्तमान केन्द्र मे स्थापित नेतत्व कर्ता यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओर गृहमंत्री अमीत शाहजी एवं ससंद के समस्त सांसदो के सहयोग से जम्मु एंड कश्मीर मे लागु धारा 370 एवं 35 ए को हटाने मे एक ऐतिहासिक कदम उठाया। इस अवसर पर भावसार ने कहा कि धारा 370 35 ए के हटने से हम इसलिये बेहद खुश है कि हमने सन 1993-94 मे स्वर्गीय लक्ष्मणसिंह गौड के नेतत्व मे इंदौर से दिल्ली तक पदयात्रा कर धारा 370 हटाओ कश्मीर बचाओ के लिये जनजागरण अभियान किया था उसमे झाबुआ जिले से मुझे शामिल होने का सौभाग्य मिला था उक्त यात्रा 1200 किलोमीटर की थी ओर प्रतिदिन हम 2 शिपट मे 20-20 किलोमीटर चलते थे ओर पदयात्रा मार्ग मे आने वाले गांव शहर मे धारा 370 हटाओ कश्मीर बचाओ के लिये जनजागरण करते हुए अगले पडाव के लिये बढ जाते थे। इस दरमियान आगरा पहुचने पर समाजवादी पार्टीं के मुख्यमंत्री मुलायमसिंह यादव की पार्टी ने हम सब पदयात्रीयो पर लाठीचार्ज भी करवाया था। उक्त यात्रा का समापन दिल्ली मे तत्कालीन राष्टीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के नेतत्व मे हुआ था। भाषण के अंत मे भावसार ने उपस्थित सभी अतिथियो पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ से उक्त नारे का जयघोष करवाया ‘‘ जहा हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है जो कश्मीर हमारा है सारा का सारा है दुध मांगोगे खीर देगे कश्मीर मांगोगे को भुन देगे’’ कार्यक्रम के प्रारंभ मे स्वागत भाषण नगर अध्यक्ष बबलु सकलेचा द्वारा दिया गया ओर उन्होने अपने कार्यकाल का पुरा वृतांत रखा ओर अपने कार्यकाल के दौरान उनके कोई गलती या भुल हुई हो तो कार्यकर्ताओ से क्षमा भी मांगी उपस्थित सभी अतिथियेा व पदाधिकारीयो व कार्यकर्ताओ का स्वागत भाषण के माध्यम से किया इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष ओ पी राय जिला मंत्री संगीता पलासिया जिला कार्यालय मंत्री पं.महेन्द्र तिवारी नगर अध्यक्ष बबलु सकलेचा  नगर उपाध्यक्ष अंकुर पाठक महामंत्री नाना राठोर, राजा ठाकुर सायरा खान शालिनी डामोर चेतना चैहान जुवानसिंह गुंडिया अजय सोनी पपीश पानेरी नरेन्द्र राठोरिया विश्वास सोनी विमल दाणी रमेश शर्मा रमीला निनामा शोभा कटारा श्रीमती चोयल मनोहर मोदी धनसिंह बारिया रतनी भगोरा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष भानु भुरिया सत्येन्द्र यादव मनीष शर्मा सहित बडी संख्या मे कार्यकर्ता उपस्थित थे। उक्त जानकारी भाजपा मिडिया  प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने दी है।

ड्यूटी आदेश में आंशिक संशोधन

झाबुआ। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने कोविड- 19 संक्रमण के प्रभाव को व्यापाक रूप से फैलने से रोकने तथा वाईरस के संक्रमण के प्रभावी रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए लोक हित में जन सामान्य के स्वास्थ्य सुरक्षा के उद्देश्य से पूर्व में जारी आदेश में आंशिक संशोधन किया है। इस आदेश के तहत कलेक्टर कार्यालय में स्थित ई-दक्ष केन्द्र में स्थापित कन्ट्रोल रूम पर नियुक्त समन्वयक - सहायक संचालक कृषि श्री विलास राव पाटील के स्थान पर सहायक भूमि स्वरक्षण अधिकारी श्री एल.एस. चारेल को नियुक्त किया है। वे प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ड्यूटी करंेगे। श्री चारेल पूर्व में जारी आदेश में उल्लेखित निर्देशों अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे।

कलेक्टर श्री सिपाहा 12 जुलाई को हाथी पावा पहाड़ी पर पौध रोपण करेंगे

झाबुआ। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा 12 जुलाई को सुबह 8 बजे हाथी पावा पहाड़ी पर पौध रोपण करेंगे ताकि भविष्य में यह पहाड़ी हरी-भरी तथा सुन्दर बन सके।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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आज 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजीटिव प्राप्त हुई, अभी तक कुल 1775 सैंपल के लिए भेजे गए

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि  आज 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजीटिव प्राप्त हुई है। पाजीटिव मिले व्यक्तियों में 1 बालिका नसरूल्लागंज के ग्राम चौरासाखेडी की तथा 1 महिला इछावर के वार्ड नंबर 5 से एवं 1 महिला सीहोर के दुर्गा कालोनी की है। जिले में कुल पाजीटिव/एक्टिव व्यक्तियों की संख्या वर्तमान में बढ़कर 26 हो गई है। आज मिले तीनों पाजीटिव को कोविड केयर सीहोर में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। वहीं इछावर के वार्ड नंबर 5 को कंटेनमेंट एरिया बनाकर वहां स्वास्थ्य सर्वे के साथ ही पाजीटिव महिला के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए सघन सर्वे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आज 44 कोरोना सैम्पल जांच के लिए गए है। जिसमें इछावर के 10, आष्टा के 9, सीहोर के 21 तथा सीहोर आईसोलेषन 3 सैम्पल तथा बिल्किसगंज का 1 सैम्पल शामिल है।  जिले में कुल एक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या अब 11 है। जिसमें सीहोर शहरी क्षेत्र में 5, नसरूल्लगंज के ग्राम चैरासाखेडी में 1, आष्टा में 2 तथा इछावर में 2 तथा अहमदपुर का 1 कंटेनमेंट एरिया शामिल है। जिले में अब तक 12 पाजीटिव व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके है वे सभी स्वस्थ होकर घर लौट चुके है तथा 2 पाजीटिव मरीजों की मृत्यु इंदौर तथा भोपाल में उपचार के दौरान हो चुकी है जिसमें से एक महिला तथा एक पुरूष शामिल है दोनों ही मरीज किडनी पेसेंट  थे जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। 1 पाजीटिव व्यक्ति का उपचार इंदौर में चल रहा है। आज बनाए गए कंटेनमेंट एरिया वार्ड 5 इछावर में स्वास्थ्य दलों का सघन सर्वेक्षण प्रारंभ कर दिया गया है। कस्बा के दीवान बाग में बनाए गए कंटेनमेंट एरिया में 40 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 212 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं बफर जोन में 48 घरों का सर्वे कर 227 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं सीहोर के वार्ड नंबर 14 करोली वाली माता मंदिर एरिया में 2 स्वास्थ्य दलों द्वारा 51 घरों का सर्वे कर 279 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया वहीं बफर जोन में 118 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 477 व्यक्तियो के स्वास्थ्य का फाॅलोअप लिया गया। सीहोर मंडी क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 कंटेनमेंट एरिया में आज 17 घरों का सर्वे कर 113 व्यक्तियों के स्वास्थ का  फालोअप लिया गया वहीं बफर एरिया में 48 घरों का सर्वे कर 303 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। आष्टा के वार्ड नंबर 1 जैन मंदिर क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया में आज स्वास्थ्य सर्वे दलों द्वारा 66 घरों का सर्वे कर 358  व्यक्तियों के स्वास्थ का फाॅलोअप लिय गया वहीं बफर जोन में 11 घरों का सर्वे कर 64 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फाॅलोअप लिया गया। वहीं  आष्टा के अलीपुर वार्ड नंबर 2 कंटेनेमेंट एरिया में आज सर्वे दल द्वारा 23 घरों का सर्वे कर 117 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया तथा फालोअप लिया। इछावर षहरी क्षेत्र के कंटेमेंट एरिया वार्ड नंबर 6 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 25 घरों का सर्वे कर 103 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की गई। वहीं सीहोर के कंटेनमेंट एरिया वार्ड नंबर 4 रिमझिम ढाबा वाले क्षेत्र में 18 घरों का सर्वे कर 55 व्यक्तियों से स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया वहीं वार्ड नंबर 27 सब्जी मंण्डी वाले कंटेनमेंट एरिया में 37 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 250 व्यक्तियों के स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया। वार्ड नंबर 27 के बफर जोन में 67 घरों का सर्वे कर 261 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। कंटेनमेंट एरिया-2, सैकड़ाखेडी रोड वार्ड नंबर 4 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 18 घरों का सर्वे कर घर-घर पहंुचकर 55 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वही श्यामपुर विकासखण्ड के अहमपुर कंटेनमेंट एरिया में 84 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 359 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया है। जिले में एक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या 10 तथा इनेक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या 7 है। जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान एक भी ऐसे व्यक्ति की पहचान नहीं की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे। जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 43913 है। डॉ. डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। अब तक कुल 43913 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक कुल 1775 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 1533 सेंपलों की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। अभी तक हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की कुल संख्या 14 है। 173 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 29 है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है। जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क  नंबर-7247704181 है कोविड-19 से संबंधित जानकारी इस संपर्क नंबर पर ली व दी जा सकती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसीन के लिए संपर्क नंबर 07562-401259 जारी किया गया है तथा राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104  नंबर पर ई-परामर्ष सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा हेतु www.esanjeevaniopd.in पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्टेªट कार्यालय सीहोर में भी जिला स्तरीय काॅल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है तथा होम क्वारंटाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002330175 जारी किया गया है। जिस पर संस्थागत क्वारंटाइन अथवा होम क्वारंटाइन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोषनल वेलनेस अथवा साईकोलाजिकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्ष मानसिक सेवा प्रदाताओं से निःषुल्क प्राप्त कर सकते है। 

विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या स्थिरता माह का आयोजन आज से

11 जुलाई को जिला स्तरीय विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा वहीं 11 जुलाई से 11 अगस्त 2020 तक जनसंख्या स्थिरता माह का आयोजन किया जाएगा। जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.जेडी कोरी ने बताया कि इस दौरान चिन्हित नवदंपति को नई पहल किट का वितरण किया जाएगा। कोविड-19 के चलते चिन्हित नवदंपत्ति को आमंत्रित कर उन्हें परिवार कल्याण की सेवाओं तथा भारत सरकार द्वारा संचालित मिषन परिवार विकास कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। डॉ.कोरी ने बताया कि 11 जुलाई से 11 अगस्त तक संचालित विष्व जनसंख्या स्थिरता माह के अंतर्गत आषा कार्यकर्ताओं तथा एएनएम द्वारा दंपत्ति संपर्क पखवाडे़ में चिन्हित दंपत्तियो को परिवार कल्याण की स्थायी एवं अस्थायी सेवाएं कोविड-19 की गाइडलाईन का पालन करते हुए प्रदान की जाएगी। दल द्वारा अधिक से अधिक दंपत्तियों को परिवार कल्याण सेवाओं के लिए प्रेरित किया जाएगा वहीं महिला एवं पुरूष सेवा आवष्यकता के साथ-साथ ही अंतरा इंजेक्शन, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी सेवाओं पर जोर दिया जाएगा। सीहोर जिला भारत सरकार की मिशन परिवार विकास योजना के अंतर्गत होने के कारण पुरूष सेवा आवश्यकता पर हितग्राही को 3000 रूपए तथा प्र्रसव के तुरंत पष्चात अथवा 7 दिवस के अंदर महिला सेवा आवश्यकता पर 3000 रूपए प्रदान किए जाते है तथा एलटीटी एवं मिनीलैप पर 2000 की राशि हितग्राही को उनके खाते में प्रदान की जाती है।

ट्रायसायकल पाकर खुश हुए शेरसिंह और अतिका बी तो व्हीलचेयर मिलने के बाद प्रदीप भी फूला नहीं समाया (सफलता की कहानी)

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जिले के दिव्यांग हितग्राही शेरसिंह और अतिका बी को अस्थि बाधिता से चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। शेरसिंह और अतिका बी द्वारा जिला विकलांक एवं पुर्नवास केन्द्र में आवेदन देकर सहायक उपकरण की मांग की गई। आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही कर शेरसिंह एवं अतिका बी को ट्रायसायकल और प्रदीव को व्हीलचेयर प्रदान की गई। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला विकलांक एवं पुर्नवास केन्द्र में तीनों दिव्यांग हितग्राही बताते हैं कि अस्थि बाधिता से ग्रसित होने के कारण उन्हें अपने दैनिक कार्यों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केन्द्र द्वारा ट्रायसायकल प्राप्त होने के बाद अब वह बहुत खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि अब उन्हें पहले जैसी परेशानी नहीं आती है, वह कहीं पर भी आसानी से जा सकते हैं। वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश शासन द्वारा चलाई ज रही योजनाओं के लिए धन्यवाद देते हैं। 

विश्वविद्यालय ऑनलाइन सत्यापन के बाद ही महाविद्यालय, ई-प्रवेश पोर्टल से सम्बद्ध हो सकेंगे

शैक्षणिक सत्र 2020-21 की ऑनलाईन ई-प्रवेश प्रक्रिया के लिए सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त अशासकीय एंव अशासकीय महाविद्यालयों को प्रोफाईल अध्यतन और सत्यापन करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक महाविद्यालय को ऑनलाईन ई-प्रवेश पोर्टल <https://epravesh.mponline.gov.in> के माध्यम से 20 जुलाई 2020 तक अद्यतन की कार्यवाही पूर्ण करना होगी। संबंधित विश्वविद्यालयों के क्षेत्रान्तर्गत आने वाले शासकीय, अनुदान प्राप्त अशासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालय का सत्यापन 25 अगस्त तक करना अनिवार्य होगा। संबंधित विश्वविद्यालय ऑनलाईन सत्यापन के बाद ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 की ई-प्रवेश प्रक्रिया के लिए महाविद्यालय ई-पोर्टल से संबद्ध हो सकेगें। सत्र 2020-21 के लिए संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संबंद्धता प्रमाण-पत्र एवं इसी सत्र में उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा शासकीय महाविद्यालय के स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम एवं अशासकीय महाविद्यालय के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा। सभी महाविद्यालयों को अपनी प्रोफाइल में विगत वर्ष की गई प्रविष्टियों तथा नवीन प्रविष्टि की जानकारी भी देना होगी।

संपत्ति एवं जल कर में नहीं लगेगा अधिभार

राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों के कर आदि पर 22 मार्च से 15 जून 2020 तक के देय अधिभार (सरचार्ज) को माफ कर दिया गया है। ऐसे नागरिक, जो 31 जुलाई 2020 तक नगरीय निकायों के कर जमा करेंगे, उनके लॉकडाउन अवधि को अधिभार की गणना में नहीं लिया जायेगा। गौरतलब है कि नोवल कोरोना वायरस की महामारी के कारण लॉकडाउन लागू होने के कारण आम नागरिक नगरीय निकायों के विभिन्न कर जैसे सम्पत्ति कर, जलकर जल उपभोक्ता प्रभार आदि का भुगतान नहीं कर पाये हैं। इससे करों आदि पर अधिभार देय हो गये हैं। इसलिये राज्य सरकार द्वारा आम नागरिकों के हित में अधिभार माफ करने का निर्णय लिया गया है। सभी नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को वर्ष 2019-20 के संपत्ति कर एवं जल कर पर अधिभार न लेते हुए 31 जुलाई तक अधिक से अधिक कर संग्रह करने के निर्देश दिये गये हैं।  

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिये दिशा-निर्देश जारी, गृह विभाग ने जारी किये निर्देश

गृह विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के सिलसिले में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिये यह जरूरी है कि आम लोग सोशल डिस्टेंसिंग रखें तथा फेस कवरिंग का पालन करें। अनेक शहरों में रविवार के दिन प्रायरू शहर के विभिन्न भागों में अधिक भीड़ हो जाने और आवश्यक सावधानियाँ नहीं बरती जाने को भी रेखांकित किया गया है। कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने की दृष्टि से लोगों को घरों से अनावश्यक रूप से बाहर निकलने के लिये हतोत्साहित किये जाने की जरूरत बताई गई है। निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न शहरों की परिस्थितियाँ अलग-अलग होने के मद्देनजर रविवार के दिन जिन क्षेत्रों में लोगों द्वारा आवश्यक सावधानियाँ बरतने में उपेक्षा की जा रही हो, वहाँ उसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के लिये स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही की जाये। इस सिलसिले में जिला दण्डाधिकारियों से कहा गया कि वे डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के परामर्श पर स्थानीय स्तर पर उचित निर्देश जारी करें। इसके लिये आंशिक या सम्पूर्ण रूप से बाजार को बंद करना, धारा-144 लागू करना तथा भीड़ को नियंत्रित करने के अन्य उपाय भी किये जा सकते हैं। अंतर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित जिलों के कलेक्टर्स के लिये यह जरूरी है कि वे पड़ोसी राज्य के जिलों में संक्रमण की स्थिति का लगातार अनुश्रवण करें और आवश्यकतानुसार अंतर्राज्यीय सीमा पर लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के उपाय भी करें। अनेक जिलों में यह व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें पड़ोसी राज्यों के संक्रमण प्रभावित जिलों से आने वाले लोग जिला नियंत्रण कक्ष में अपने आगमन की सूचना देते हैं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जाँच की जा सके। कलेक्टर्स से कहा गया है कि उपरोक्त के अलावा कोविड-19 के प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय निर्देशों का पूरे प्रदेश में सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये। कोविड प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का भी ध्यान रखा जाये।    

दूरदर्शन के माध्यम से "हमारा घर हमारा विद्यालय"की जानकारी की साझा

"हमारा घर-हमारा विद्यालय"कार्यक्रम के माध्यम से शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके घर में ही स्कूली वातावरण उपलब्ध कराकर अध्ययन की शुरूआत की गई है। कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश दूरदर्शन के माध्यम से प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त राज्य शिक्षा श्री लोकेश कुमार जाटव ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। प्रमुख सचिव श्रीमती शमी ने "हमारा घर-हमारा विद्यालय"योजना में राज्य शासन, शिक्षक, अभिभावक एवं जिले के अधिकारी के उत्तरदायित्वों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की टैग-लाइन अब पढ़ाई नहीं रुकेगी के लक्ष्य को पूरा करने के क्रम में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने पालकों से आग्रह किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं, उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें जहाँ वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकें। श्श्हमारा घर हमारा विद्यालयश्श् योजना ऐसी ही एक भावनात्मक पारिवारिक पहल है जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी। प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम में बताया गया कि  "हमारा घर-हमारा विद्यालय"योजना प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। घर के स्कूल में प्रातः 10 बजे पालक द्वारा घण्टी/थाली बजाकर स्कूल प्रारम्भ किया जाएगा, इसी प्रकार दोपहर एक बजे घण्टी/थाली बजाकर अवकाश किया जाएगा। इससे बच्चों को घर में ही विद्यालय का आभास होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक सुझावात्मक समय-सारिणी भी पालकों और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक विषयानुरुप अध्ययन होगा तथा शनिवार को मस्ती की पाठशाला के तहत मनोरंजनात्मक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। वहीं शाम को 2 घंटे विद्यार्थी अपने पारिवारिक बड़े-बुजुर्गों से कहानियां सुनकर उन पर नोट्स तैयार करेंगे और योग तथा अन्य खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन अपने घर पर ही करेंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस संबंध में अनेक पारंपरिक गतिविधियों के सुझाव भी दिए गए हैं। आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव ने बताया कि कोरोना संकटकाल की स्थिति में छात्रों के निर्बाध सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें व्हाट्स एप के माध्यम से डिजिलेप- यानी डिजिटल लर्निंग इन्हांसमेंट प्रोग्राम, रेडियो के माध्यम से रेडियो स्कूल, दूरदर्शन मध्यप्रदेश पर क्लास रूम का प्रसारण, पिछले साल की दक्षता उन्नयन वर्कबुक का ग्रीन जोन में वितरण तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों को दैनिक आधार पर फोन से संपर्क करना और उनकी पढाई में सहायता करना आदि प्रमुख हैं। इसी कड़ी में अब "हमारा घर-हमारा विद्यालय"कार्यक्रम प्रारंभ किया है।    

मध्यप्रदेश में “खेलो इंडिया लघु केंद्र"योजना की शुरूआत
पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा क्रियान्वयन, वर्ष 2020-21 के लिए जिलों से 20 जुलाई तक प्रस्ताव आमंत्रित
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत जमीनी स्तर पर खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण “खेलो इंडिया लघु केंद्रष् योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना के अंतर्गत पूरे देश में एक हजार केंद्र स्थापित किये जाएंगे। जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत इसका संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष तीन खेलो इंडिया केंद्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा से किया जाकर प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश को प्रेषित किए जाएंगे। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक बने व उनके अनुभव का पर्याप्त उपयोग खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर किया जाए। साथ ही योजना मे यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को इस कार्य से कुछ आय प्राप्त हो सके। इस सिलसिले में प्रदेश के समस्त जिला खेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने जिले से वर्ष 2020-21 के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव का चयन कर निर्धारित प्रपत्र में 20 जुलाई, 2020 तक संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण को प्रेषित करें। पूरे देश में एक हजार खेलों इंडिया सेंटर की होगी स्थापना - चार वर्षीय इस योजना में पूरे देश में 1000 खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जाना है। इसमें ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल यथा आर्चरी (तीरंदाज़ी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग, फेंसिंग (तलवारबाज़ी), हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग (भारोत्तोलन), रेसलिंग (कुश्ती) के साथ ही फुटबॉल एवं पारंपरिक खेल भी शामिल हैं। खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण क्रय, खेल किट, गैर-उपभोज्य ( conumaybel) एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। केन्द्रों का चयन करते समय खेल विभाग द्वारा संचालित 18 खेल अकादमियों के खेलों को प्राथमिकता दी जायेगी जिससे यह केन्द्र खेल अकादमी के सह प्रशिक्षण केन्द्र के रूप मे बेहतर प्रतिभा की नर्सरी तैयार कर सके। लघु खेलो इंडिया केंद्र योजना में पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं। चयनित केन्द्रों को मिलेगी आर्थिक सहायता- चयनित खेलो इंडिया केंद्रों को भारत सरकार द्वारा 4 वर्ष के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जावेगी। चार वर्षों के पश्चात पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वह स्वयं के संसाधनों से केंद्र का संचालन भविष्य मे निरंतर कर सकेंगे। चयनित खेलो इंडिया केंद्र को भारत सरकार द्वारा एक मुश्त 5 लाख रुपये केंद्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव, उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। रिकरिंग वार्षिक अनुदान राशि 5 लाख रुपए प्रति खेल के मान से पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को मानदेय, सहायक स्टाफ, खेल उपकरण, खेल किट, गैर उपभोग सामग्री प्रतियोगिता में टीम को सहभागिता कराने आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को अधिकतम 3 लाख रुपए वार्षिक मानदेय प्राप्त करने की अनुमति होगी। शासकीय, अशासकीय स्कूल/कॉलेज में उपलब्ध खेल अधोसंरचना का कर सकेंगे उपयोग- विकास खंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधोसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलो इंडिया केंद्र के अंतर्गत किया जा सकता है। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षकों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए इन केंद्रों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकते हैं। एक पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा एक ही खेल के प्रस्ताव प्रेषित किए जा सकते हैं। अशासकीय खेल संस्था जो कि विगत 5 वर्षों से खेलों को प्रोत्साहित कर रही है वह अधिकतम 3 खेलों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकती है। एक जिले से इस वर्ष अधिकतम 2 प्रस्ताव ही स्वीकार किए जाएंगे। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी अथवा संस्था के आवेदन पत्र निर्धारित आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर चेक लिस्ट सहित जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा सहित निर्धारित अवधि में प्रेषित करना होगा। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जुलाई

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कलेक्टर द्वारा कंटेनमेंट जोन का जायजा

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कलेक्टर डॉ पंकज जैन तथा पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को सिरोंज निकाय क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नम्बर 17 शंकर लाल की गली बडा जैन मंदिर तथा वार्ड 20 टोरी मोहल्ला कंटेनमेंट जोन में पहुंचकर मापदण्डो के अनुरूप किए गए प्रबंधो का जायजा लिया। यहां उन्होंने क्षेत्र एवं वफर जोन में स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जानकारियां प्राप्त की वही वार्ड में आने जाने के मार्ग का निर्धारण उपरांत अन्य मार्गो को अवरूद्व बनाए रखने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने मेप टीम से चर्चा की तथा कंटेनमेंट जोन से निकासी एवं प्रवेश द्वार को नियंत्रित करने हेतु किए गए प्रबंधो के अलावा सेनेटाइजर दल, कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत आने वाले घरो के सर्वे हेतु गठित दल के संबंध में जानकारियां प्राप्त करते हुए क्षेत्र के अंदर आने जाने के मार्ग पर पंजी संधारित करने वालो से उन्होंने चर्चा की और पंजी का अवलोकन किया।

तीन व्यक्तियों का सेम्पल रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई, चार व्यक्ति स्वस्थ उपरांत डिस्चार्ज हुए 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि शुक्रवार दस जुलाई को जिले में तीन व्यक्तियों का सेम्पल रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव प्राप्त हुई है।  विदिशा शहर में चौपडा क्षेत्र में निवासरत 67 वर्षीय व्यक्ति तथा सिरोंज के कठाली बाजार निवासी 37 वर्षीय युवक तथा सिरोंज के विकासखण्ड के ही ग्राम आमाढाना का तीस वर्षीय युवक का सेम्पल कोरोना पॉजिटिव प्राप्त हुआ है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अहिरवार ने बताया कि शुक्रवार दस जुलाई को विदिशा शहरी क्षेत्र के चार व्यक्ति कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने पर उन्हें शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी मेडीकल कॉलेज के कोविड केयर सेन्टर से डिस्चार्ज कर उनके घर पहुंचकर कोविड-19 के प्रोटोकाल अनुसार सात दिवस के लिए होम आइसोलेशन किया गया है। 
विश्व जनसंख्या दिवस आज

प्रदेश के सभी क्रियाशील आरोग्यम उप स्वास्थ्य केन्द्रो (हेल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर्स) पर 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा आयोजन के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए है जिसके अनुसार व्यक्तिगत और दम्पतियों को स्वस्थ और सम्पन्नतापूर्ण जीवन की सुनिश्चितता उपलब्ध कराने हेतु पात्र दम्पतियों को परिवार नियोजन पद्वति और उपलब्ध सेवाओं पर जानकारी और मार्गदर्शन प्रदाय करना है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने विश्व जनसंख्या दिवस आयोजन करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी दिशा निर्देशो का हवाला देते हुए बताया है कि आयोजन में कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर, एएनएम, एमपीडब्ल्यू एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत कार्यरत सभी आशा कार्यकर्ता सक्रिय रूप से सहयोग करेंगे। आरोग्यम उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर, पंचायत भवन, स्कूल भवन, आंगनबाडी केन्द्रों, बीएचएनडी साईड पर आयोजित किए जाएंगे जहां 20 से 25 महिलाओं के परस्पर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए प्रतिभागियों में 18 से 45 वर्ष की महिलाएं शामिल होगी।  कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी एवं मास्क का पहनना अनिवार्य होगा। आयोजन स्थलों पर छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को रेखांकित करने वाले पोस्टर बनवाकर लगाए जाएंगे। साथ ही स्लोगन सुझाव के रूप में आमंत्रित किए जाएंगे। 

सफलता की कहानी: लॉक डाउन में भी लाखो की आमदनी हुई समूह को

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कोविड-19 संक्रमण बचाव हेतु विदिशा जिले में हर स्तर पर प्रयास परलिक्षित हुए है ऐसे समय ग्राम सुनपुरा (माधौपुरा) की गंगा माई स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती कलाबाई कुशवाह ने अनुकरणीय योगदान देकर लाखो की आमदनी की है। समूह के द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव उपायों के तहत मास्क और पीपी किट का निर्माण कर समीपवर्ती 15 ग्राम पंचायतों के रहवासियों को दस-दस रूपए के मान से पंचायतों को उपलब्ध कराए गए है।  समिति की सदस्य श्रीमती कलाबाई कुशवाह ने बताया कि आजीविका मिशन के द्वारा समय पर की गई मदद से समूह की दस दीदीयों के द्वारा दिन रात एक कर मास्क और पीपी किट बनाने का कार्य किया है जिसके परिणाम स्वरूप एक हजार मास्क का निर्माण किया गया जिससे दस हजार रूपए तथा दो सौ पीपी किट का निर्माण कर प्रति किट पचास रूपए के मान से तैयार की गई है जिससे दस हजार रूपए की आय हुई है वही कच्ची सामग्री प्रदाय करने के उपरांत बतलाई गई विधि अनुसार सेनेटाइजर का निर्माण किया गया जिससे पांच हजार रूपए की आमदनी हुई है। इस प्रकार लॉक डाउन अवधि में जहां लोग परेशान हो रहे थे ऐसे समय आजीविका मिशन के सहारे स्वसहायता समूह की दीदीयों द्वारा मानव कल्याण के लिए अनुकरणीय योगदान देते हुए 25 हजार रूपए की आमदनी हुई है। 

मेधावी छात्र-छात्राओें का सम्मान समारोह आज

माध्यमिक शिक्षा मण्डल सत्र 2019-20 की आयोजित हाई स्कूल की परीक्षा में जिले में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह 11 जुलाई को आयोजित किया गया है। उक्त कार्यक्रम रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन सिविल लाइन विदिशा में दोपहर दो बजे से शुरू होगा। विदिशा नगरपालिका के तत्वाधान में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विदिशा सांसद श्री रमाकांत भार्गव होंगे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री राकेश सिंह जादौन करेंगे। विशेष अतिथि कुरवाई विधायक श्री हरिसिंह सप्रे, सिरोंज विधायक श्री उमाकांत शर्मा, शमशाबाद विधायक श्रीमती राजश्री रूद्रप्रताप सिंह, बासौदा विधायक श्रीमती लीना संजय जैन होंगी। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन के अलावा निकाय के अन्य जनप्रतिनिधि व पार्षदगण मौजूद रहेंगें कि जानकारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री सुधीर सिंह ने देते हुए आमजनों से कार्यक्रम में उपस्थित होने का अनुरोध किया है।  

जांच समिति गठित

कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा विदिशा नगरपालिका परिषद क्षेत्र के अंतर्गत बंटीनगर (सागर पुलिया) के संबंध में खुदाई के दौरान अनियमिता संबंधी शिकायतों की जानकारी के लिए जांच समिति गठित करने का आदेश जारी कर दिया है। समिति का अध्यक्ष तहसीलदार विदिशा ग्रामीण को तथा सात सदस्य भी शामिल है। तदानुसार नायब तहसीलदार विदिशा, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, निरीक्षक खनिज विभाग, अनुविभागीय अधिकारी विद्युत विभाग, ग्राम एवं नगर निवेश के सहायक संचालक तथा विदिशा नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी शामिल है।  समिति जिन बिन्दुओं पर जांच करेंगी उनमें नाला खुदाई कार्य आदेश के संबंध में, नाला खुदाई उपरांत निकली मिट्टी के संबंध में, नाला खुदाई में अनियमितता के संबंध में तथा नाला खुदाई से प्रभावित मकानो की जांच इत्यादि शामिल है। उक्त समिति उपरोक्त बिन्दुओें की जांच कर स्पष्ट अभिमत सहित बिन्दुवार प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। 

उपचार हेतु 12 हजार सात सौ रूपए की सहायता जारी

कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने भू-स्खलन होने पर मलबे में दबने से गंभीर घायल पीड़ित व्यक्ति के एक प्रकरण में 12 हजार सात सौ रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृति आदेश जारी कर दिया है।  जारी आदेश में उल्लेख है कि त्योंदा तहसील के ग्राम आबूपूर कुचौली के जयराम पुत्र छोटे जाटव खदान में भू-स्खलन होने से मलबे में दब जाने के कारण गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण राजस्व परिपत्र 64 के अनुसार त्योंदा तहसीलदार के प्रतिवेदन पर घायल उदयराम को पूर्व उल्लेखित सहायता राशि स्वीकृत कर जारी की गई है। 
शासकीय पत्राचारों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का लोगो टैग का उपयोग करें

कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखो को आदेशित किया है कि शासकीय, निजी पत्राचारो में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का लोगो एवं टैग लाइन का उपयोग कर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की बैठक में लिए गए निर्णय का पालन करना सुनिश्चित करें। समस्त शासकीय कार्यालयों के लेटर पेड पर लगाए जाने हेतु लोगो आकृति महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है और समग्र जिला कार्यालय प्रमुखो से आग्रह किया गया है कि अपने कार्यालयीन लेटर पेड एवं अपने अधीनस्थ कार्यालयों के लेटर पैडो पर लोगो एवं टैग लाइन (बेटी बचाओ, बेटी पढाओ) अनिवार्य रूप से अंकित कर प्रचार प्रसार करने में सहयोग प्रद करें। 

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक 13 को

कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक 13 जुलाई को आयोजित की गई है यह बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में टीएल बैठक उपरांत शुरू होगी। लोक स्वास्थ्य यात्रिकीय विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं समिति के सदस्य सचिव श्री एसके जैन ने बैठक ऐजेण्डा के संबंध में बताया कि पूर्व से स्थापित नल जल प्रदाय योजनाओं के रेट्रोफिटिंग कार्य की योजना का अनुमोदन शेष अन्य विषय अध्यक्ष की अनुमति उपरांत समीक्षा  की जाएगी। समिति के सभी सदस्यों को बैठक में उपस्थित होने की सूचनाएं समिति के सदस्य सचिव द्वारा प्रेषित की गई है। 

मनौवैज्ञानिक तरीको से मानसिक तनाव को कम करने के उपायो से अवगत

जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केन्द्र में पदस्थ क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट श्रीमती स्मिता के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बेविनार में गेस्ट स्पीकर के रूप में शामिल होकर कोरोना से जुडे अपने अनुभव को सांझा किया साथ ही कोविड-19 कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम में सदस्य के रूप में शामिल होकर विदिशा जिले के कोरोना मरीजो ओर उनके संपर्क में आए लोगो को मानसिक रूप से तनाव कम करने के कार्य मनोवैज्ञानिक तरीको से सम्पन्न कराने का अवसर प्राप्त होने पर जिला प्रशासन के प्रति उनके द्वारा साधुवाद व्यक्त किया गया है। 

मृतक के परिजन को मदद जारी

कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने हिट एण्ड रन के एक प्रकरण में आर्थिक मदद का आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में उल्लेख है कि नटेरन तहसील के ग्राम बलराम निवासी लखन सिंह कोटवार की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाने के कारण मृतक की पत्नि श्रीमती उर्मिला बाई को 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है।

ढाई हजार मूल्य की मदिरा जप्त

जिले में अवैध मदिरा के क्रय विक्रय तथा परिवहन पर सतत नजर रखते हुए धरपकड करने के निर्देश कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा दिए गए है। आदेश के परिपालन में आबकारी के विभाग के द्वारा सघन जांच पड़ताल शंकाप्रद क्षेत्रों में की जा रही है वही सूचनाएं प्राप्त होने पर अविलम्ब दबिश देकर धरपकड की कार्यवाही की जा रही है।  जिला आबकारी अधिकारी श्री डीएन त्रिवेदी ने बताया कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा गत दिवस बाजार मूल्य 2340 रूपए की मदिरा जप्त की है। जिले में कंट्रोल रूम प्रभारी श्री राहुल ढोंके के मार्गदर्शन में विशेष अभियान के तहत उप निरीक्षक श्री राजेश विश्वकर्मा के द्वारा ग्राम डंगरबाडा में दबिश देकर आरोपी महेन्द्र सिंह के रिहायशी मकान से 15 देशी पाव प्लेन मदिरा जप्त की गई है वही ग्राम अहमदपुर बाढेर मार्ग पर स्थित सृष्टि ढावा पर दविश देकर 14 पाव देशी मदिरा जप्त कर आरोपी हरिनारायण निवासी अहमदपुर को रंगे हाथो गिरफ्तार कर संबंधितों के खिलाफ आबकारी अधिनियमों के तहत प्रकरण पंजीबद्व किया गया था। उपरोक्त कार्यवाही में आरक्षक श्री पवन गौर, श्री राहुल राठौर भी मौजूद रहें। 

बिहार : पटना नगर निगम के तीन के पेंच में अल्पसंख्यक मोहल्ला

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पटना. पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-1 की वार्ड पार्षद हैं महादलित छठिया देवी. वार्डों की संख्या में पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर -1 है. परन्तु सभी वार्डों  में फिसड्डी बनकर रह गया है. इसके कारण ही लोग परेशान होकर रह गये हैं.यहां की स्थिति बहुत ही भयावह हैं.वर्षाकालीन मौसम के अलावे अन्य दिनों में भी नाला का अभाव के कारण रोड पर पानी बहता रहता है. बरसात के दिनों में रोड के साथ घरों में भी जलभराव हो जाता है.इसी स्थिति में लोग जीने को मजबूर हैं. घर में पानी व बाहर में भी पानी रहने से लोग आजिज हो गये हैं.सर्वाधिक बच्चे और महिलाएं परेशान हो जाती हैं. इस समय अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का बुरा हाल है.यहां के लोग प्रत्येक साल जलजमाव से ऊब गए हैं.ठेऊना भर पानी में आवाजाही करते हैं.कई लोग तो भर बरसात अन्यत्र जाकर किराया का मकान में रहने को बाध्य हो जाते हैं .

खैर, कई दशक से अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला में जलजमाव की समस्या बन गयी है. इस विकराल समस्या के चलते ईसाई धार्मिक संस्थानों के अधिकारियों ने एक्स.टी.टी.आई.के परिसर में पानी न आए तो संस्थान के अधिकारियों ने मुख्य द्वार ही बंद कर दिया. मिट्टी व बालू से बोरा भरकर मुख्य मार्ग रोक दिया. इसी द्वार से मरियम टोला के ईसाई भक्तगण रविवारीय मिस्सा पूजा में भाग लेने जाते थे. मुख्य मार्ग बंद करने से भक्तों को तीन किलोमीटर तय करके एक्स.टी.टी.आई. में मिस्सा पूजा में भाग लेने जाने को मजबूर हो गए. जानकार लोगों का कहना है कि पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा से भक्तगण काफी मिन्नत करके मिस्सा पूजा की व्यवस्था करवाने में सफल हो गए. यहां तो यह कहावत चरितार्थ है कि ताड़ से गिरा खजूर पर अटक गया. यहां पर आवाजाही करने में दिक्कत होने लगी.यहां भी काफी जलभराव है. तो चचरी लगाना पड़ा.इसी चचरी पर चढ़कर लोग मिस्सा पूजा में भाग लेने जाते हैं. इस बीच वहीं पर दीघा थाना की एक आरक्षी का घर है. अपने घर को सुरक्षित करने के लिए व  पानी का बहाव को रोकने के लिए मिट्टी भर दिया. इस तरह के मिट्टी भरने पर जलबहाव का स्तर उपर होने पर सड़क पर जलठहराव होने लगा. तब लोगों की परेशानी और बढ़ गयी. 

यहां के लोग जन प्रतिनिधियों से काफी उदासीन हो गए हैं.जब उनके द्वारा विकास कार्य ही नहीं हो पा रहा है, तो विकास की बात करने को कहां और किसके पास जाए? तब यहां के लोगों ने उभरते नेता राजन क्लेमेंट साह के पास गये. वे बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री थे. अब उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने तत्काल दीघा के विधायक माननीय संजीव चैरसिया जी से मिलकर मरियम टोला की समस्या अंत करने का आग्रह किया.वहीं वार्ड नम्बर -1 की वार्ड पार्षद छठिया देवी के पास भी गए. उनसे आग्रह किया कि पटना नगर निगम के द्वारा फंड रिलिज करवाकर नाला और रोड का निर्माण करवाकर उत्पन्न समस्या का अंत करवा दें. मरियम टोला में रहती हैं. एक सामाजिक कार्यनेत्री प्रियंका मार्टिन ने सी.एम.नीतीश कुमार से आग्रह की है कि मरियम टोला की  समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाएं. उस समय तनवीर अख्तर साहब कांग्रेस से मोहभंग कर जदयू में शामिल हुए थे.इसका पुरस्कार बतौर एम.एल.सी.के रूप में मिला. वहीं तनवीर साहब को नगर विकास समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया. विधान पार्षद व समिति अध्यक्ष का दायित्व बखूबी निभाएं.एम.एल.सी. व नगर विकास समिति के अध्यक्ष तनवीर अख्तर के साथ बैठक में बिहार के ईसाई समुदाय के क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक सुधारों के बारे में जमकर चर्चा की गयी.मरियम टोला की समस्या को लेकर तनवीर अख्तर काफी दिलचस्पी दिखायी थी. इस मसले को बिहार विधान परिषद में उठाने का वादा किया. सामूहिक आवेदन लिया परन्तु समस्या जस का तस ही है. 

सम्प्रति अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला हाशिए पर है. अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का जलजमाव को दूर करें. इस टोला में रहने वाले लोगों का सबका साथ चाहिए.तो टोला का विकास सबके लिए करना.तब जाकर सबका विश्वास मिलेगा. जो आगामी अक्टूबर-नवम्बर माह में चुनाव के समय टॉनिक का काम करेगा.ऐसा न हो कि ‘नो ड्रेन नो वोट‘का बैनर टंग जाए. इस बीच सीटिंग एमएलए ‘माउथ लुकिंग एजेंट‘ बनकर रह गये है. इस समय दीघा वि.स.से राजद के संभावित प्रत्याशी पप्पू राय भी मैदान मारने को बेताब है. सामाजिक सेवक है.घर के आंगन के आदमी हैं.यहां की एक दिन की समस्या नहीं है.कई दशक से लोग परेशान हैं.राजनीतिक पार्टी के जनप्रतिनिधि विपक्ष में रहते हैं तो आवाज उठाते है. जहां सत्ताधारी बनते ही धृतराष्ट्र बन जाते हैं. फेसबुक पर लिखा गया है कि वक्त की मांग है शक्ति प्रदर्शन करने को. वामन ने प्रजा को दीनहीन समझे थे तो रसातल चले गये...रंजन गुप्ता कहते है कि बेशर्म लोग हैं वोट मांगने आये तो...के माला पहनाइए. एक ने कटाक्ष में कहा कि सात निश्चय का एक कार्यक्रम ‘हर घर नल योजना सफल हुआ‘.यहां के निवासियों का कहना है कि दीघा-आशियाना रोड में भूमितल नाला निर्माण जारी है.इसी नाला में मरियम टोला का नाला जुटान कर दिया जाए. यह एक्स.टी.टी.आई.परिसर से होकर उक्त भूमितल नाला में जुटान करना होगा. केवल व्यवधान यह है कि वह भूमितल नाला बनकर कार्यशील हो जाए. कार्यशील नाला होने पर दीवार तोड़कर नाला का जुटान कर दिया जाएगा. अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का जलजमाव को दूर करने को लेकर प्रयासरत व कार्य अंजाम तक पहुंचाने को बेताब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह का कहना है कि पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-1 में कोई ठेकेदार है.जो चाहता है कि वही अल्पसंख्यक मोहल्ला मरियम टोला का नाला और रोड निर्माण करे. इस बाबत पटना नगर निगम के द्वारा दो बार टेंडर निकाला गया.दोनों बार केवल एक ही ठेकेदार टेंडर लेटर डाला.उन्होंने कहा पटना नगर निगम का नियम है कि कम से कम तीन ठेकेदार अप्लाई करें. मगर मरियम टोला का दुर्भाग्य है कि पटना नगर निगम के तीन के पेंच में टेंडर मंजूर ही नहीं हो पा रहा है. वार्ड में एक ठेकेदार है जो ठेकेदारी लेना चाह रहा है.निकट भविष्य में तीसरी बार टेंडर निकलेगी. अल्पसंख्यक मोर्चा का उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि गत वर्ष जलजमाव के समय न्यू पंपिंग सेट क्रय की गयी थी जो वार्ड पार्षद छठिया देवी के पास है.वहां पर जाकर लोग अप्रोच करके जल जमाव को दूर करें.

बिहार : ऐपवा ने कर्ज माफी के सवाल पर कई जिला मुख्यालयों पर किया प्रदर्शन

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पटना,10 जुलाई।फिलहाल सूबे के कई जिलों में कोरोना के तेवर देखते हुए जिलाधिकारी ने  लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। बावजूद इसके ऐपवा ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार दर्जन भर से अधिक जिलों में स्वयं सहायता समूह संघर्ष समिति के बैनर तले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कर्ज माफी के सवाल पर जिले के मुख्यालयों पर  प्रदर्शन किया गया। ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने कहा कि समूह की महिलाओं के कर्ज माफी , उन्हें रोजगार मुहैया कराने ,जीविका का मानदेय ₹15000 करने , महिलाओं को बिना ब्याज कर्ज देने, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को सरकार द्वारा पैसा मुहैया कराने आदि सवालों पर जिलों पर प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा कि पटना में वाट्सअप के जरिए ज्ञापन सौंपा गया। सिवान में सोहिला गुप्ता ,गोपालगंज में रीना सिंह, मोतिहारी में सलेकुन्निसा,  रोहतास में अरुण सिंह, जमुई  में हेमा झा  , गया में रीता गुप्ता, सहरसा  में बीना देवी , मुजफ्फरपुर में निर्मला सिंह, दरभंगा में साधना देवी व शनीचरी देवी ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया एवं ज्ञापन सौंपा । आगे ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे व स्वयं सहायता समूह संघर्ष समिति की इंचार्ज रीता गुप्ता ने  कहा कि यदि सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के मांगों को पूरा नहीं करती है तो आगे  आंदोलन तेज किया जाएगा । जब सरकार लॉक डाउन का फायदा उठा कर के देश को तहस नहस करने के  बड़े-बड़े निर्णय कर रही है , बड़े पूंजीपतियों के कर्ज माफ कर रही है तो जो समूह की महिलाएं सरकारी कार्यक्रमों को लागू करने में रीढ का काम करती हैं ,  उनका का कर्ज क्यों नहीं माफ कर सकती। आज जब उनके घर में खाने तक को नहीं है तो वे कर्ज  अदायगी कहां से करेंगी।

पत्रकारों का दावा मुठभेड़ से पहले मीडिया के वाहनों को रोका गया

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कानपुर, 10 जुलाई, कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी एवं कुख्यात अपराधी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रहे पुलिस काफिले के साथ चल रहे मीडिया के वाहनो को संचेडी के पास कथित रूप से रोक दिया गया था, हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है । सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में यह दिख रहा है कि दुबे के साथ हुये मुठभेड़ स्थल से करीब तीस मिनट पहले ही मीडिया के वाहनों को रोक दिया गया था । एक पत्रकार ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस काफिले के पीछे पीछे आ रहे मीडिया के वाहनों को पुलिस ने कई स्थानों पर रोका । पत्रकार ने बताया कि संचेडी इलाके में भी मीडिया के वाहनो को रोक दिया गया जिसके कुछ देर बाद ही भौती इलाके में दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर आयी । इस बारे में जब कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसकी कोई जानकारी नही कि विकास दुबे को लेकर आ रहे पुलिस के वाहन के पीछे आ रहे मीडियाकर्मियों के वाहनो को रोका गया था । उन्होंने कहा कि मीडिया के वाहनों को रोका नही गया था ।एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शायद मीडिया के वाहनो को जांच के लिये रोका गया हो ।

गेम खेलकर कमाएं पैसा, कोरोना काल में समय का सदुपयोग करें

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इंडिया में तीन पत्ती एक लोकप्रिय और मजेदार कार्ड गेम है जिसको तीन पत्ती,  3 पत्ती, इंडियन तीन पत्ती, थ्री कार्ड्स पोकर गेम, 3 कार्ड पोकर, 3 पती, फ्लश, फ्लैश, तीन पत्ती, टीवी, थ्री पत्ती के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिण भारत में इसे तीन पथी, तीन पथी, 3 पथी या 3 पथी के रूप में जाना जाता है। आईबीबो द्वारा दुबारा इस ताश के पत्तों के ऑनलाइन गेम ने एक बार फिर आम जनता को उनका सुनहरा बचपन याद दिला दिया है। यही वजह है की तीन पत्ती गेम आज ऑनलाइन गेम्स की सूची में शीर्ष स्थान पर विराजमान है। लोग जमकर इसका लुफ़्त उठा रहे हैं। आज के समय में लगभग औसतन हर किसी के मोबाइल ये गेम इनस्टॉल देखा जा सकता है। 

तीन पत्ती रियल कैश गेमके द्वारा आप गेम खेलते हुए अपने दोस्त एवं प्रियजनो से लगातार संपर्क में बने रह कर इस गेम का लुत्फ़ उठा सकते है। यह गेम न सिर्फ आपका मनोरंजन करता है बल्कि आपको तनाव ग्रस्त होने से भी बचाता है। आईबीबो ने जब तीन पत्ती रियल कैश गेम का निर्माण किया था तब शायद वह भी नहीं जानते थे की इस गेम की खूबियाँ इस प्रकार उभर कर आएँगी और इतने कम समय में लोगों के बीच इतनी लोकप्रियता हासिल कर लेगी। आज जब हम अपने अपनों से दूर चार दीवारियों में कैद हैं तब तीन पत्ती रियल कैश गेम का लाइव मल्टीप्लेयर गेमिंग फॉर्मेट खुशियों की एक नयी सौगात लेकर आया है। अब आप अपने घरों पर सुरक्षित रह कर और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए किसी भी समय, किसी भी देश के नागरिकों के साथ ऑनलाइन कैसीनो गेम खेल सकते हैं। एक समय में एक साथ 6 लोग मिलकर आभासी मंच का इस्तेमाल करते हुए इस गेम का आनंद आसानी से उठा सकते हैं।

आज के दौर में हर किसी को दरकार हैं एक ऐसे साथी की जिसके साथ हम ख़ुशी के कुछ पल बाँट पाएं। कई लोगो को वो साथी तीन पत्ती रियल कैश गेम में मिला है। आप कोई नवीन रूचि में अपना ध्यान लगा सकते हैं या फिर ज़िन्दगी की भागदौड़ में छूट चुके अपने पुराने साथियों को एक बार फिर से एक मंच पर जोड़ कर दुबारा तीन पत्ती रियल कैश गेम के प्लेटफार्म जैसे 10Cric पर तीन पत्ती खेलके लिए एकत्रित कर उन्हीं लम्हों को फिर जी सकते हैं। आप जो भी चुने बस बेहतर चुने, स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें।


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