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फ़िल्म नई राहें का निर्माण किया

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फ़िल्म निर्माता निर्देशक एन. मंडल द्वारा युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक फ़िल्म नई राहें का निर्माण किया गया है जो आजकल काफी चर्चा में है फ़िल्म की खास बात ये है कि फ़िल्म में कोई संवाद नहीं है और बहुत कम समय मे सिर्फ प्रतीकों के माध्यम से एन. मंडल ने समाज के युवाओं में जो संवाद देना चाहते थे उसे देने में सफल रहे फ़िल्म के माध्यम से एन. मंडल ने बताने का प्रयास किया है कि ज़िन्दगी में बाधाएं आती रहती है जिससे कभी घबराना नहीं चाहिए ये बाधाएं कभी नई शुरुआत का अवसर देती है तो कभी ज़िन्दगी जीने के नए रास्ते खोल देती है आज लोग पैसे के पीछे भागने में इतना व्यस्त हैं कि इस तरह के सामाजिक कार्यों के लिए कुछ करना तो दूर सोचते भी नहीं है लेकिन एन. मंडल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और एक कलाकार होने के नाते अपने काम को बख़ूबी अंजाम दिया 

मधुबनी : प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी ने बाढ़ की समीक्षा की

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मधुबनी : जिला पदाधिकारी डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे ने प्रखंडो के सभी वरीय पदाधिकारियों को संभावित बाढ़ की मद्देनजर प्रंखडो में की गई तैयारी की समीक्षा हेतु भ्रमण करने का निदेश दिया था।जिसके आलोक में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,जयनगर ने बासोपट्टी के  बछराजा नदी के सिमरी पूल के जल स्तर का निरीक्षण किया।जो सामान्य से निम्न पाया। खुटौना के वरीय प्रभारी सह अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, फुलपरास  सुनील कुमार ने खुटौना , जिला भुआर्जन पदाधिकारी मो रजीक ने लदनियां प्रखंड,एसडीओ, झंझारपुर ने झंझारपुर प्रखंड , अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बेनीपट्टी किशोर कुमार ने बिस्फी प्रखंड,विकास कुमार ,वरीय उप समाहर्ता ने हरलाखी प्रखंड,भूमि सुधार उप समाहर्ता ,झंझारपुर ने अंधराठाढ़ी  प्रखंड एवम् जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने बबुबरही प्रखंड के संभावित बाढ़ के लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई।वरीय प्रभारी  पदाधिारियों ने प्रखंड में बीडीओ, सी0ओ0, एच0एस0ओ0, एम0ओ0आई0सी0, सी0डी0पी0ओ0, एम0ओ0 एवं अन्य  के साथ कम्युनिटी किचेन , पाॅलीथिन शीट बाटने , सुखा राशन बनाने एवं बाटने एवम् नाव चलाने की तैयारी  की समीक्षा किया। एम ओ आई सी के साथ मेडिकल सर्विसेज की समीक्षा की।

दरभंगा : दूरस्थ शिक्षण संस्थानों को बचाने के लिए विनोद चौधरी ने की मांग

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में चल रहे दूरस्थ शिक्षण संस्थानों को बंदी से बचाने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करनीच।हिए शिक्षण संस्थान पर संकट गहराता जा रहा है विश्वविद्यालय अधिकारियों  का प्रयास विफल साबित हो रहा हैl यूजीसी ने पिछले दिनों एक शर्त लगा दिया कि उन्हीं विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा चलेगा जिन्हें नेट द्वारा ए प्लस का ग्रेड मिला हो और बिहार के किसी विश्वविद्यालय को ए प्लस प्राप्त नहीं है। समाचार पत्रों से यह भी ज्ञात हो रहा है की कोरोना संक्रमण के कारण यूजीसी अपने शर्त में कुछ ढील देकर इसे ए करने की तैयारी में है लेकिन इससे भी मिथिला विश्वविद्यालय को लाभ नहीं मिलेगा और यदि यूजीसी से दो इंजन वाली बिहार सरकार उच्च स्तर पर बातचीत नहीं करती तो दूरस्थ शिक्षा में ताला लटक जाएगा और हजारों हजार जो बेरोजगार या नौकरी पेशा वाले व्यक्ति यहां से विभिन्न कोर्सों से डिग्री प्राप्त करते थे वह वर्तमान परिस्थिति में संभव नहीं होग। प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र के सभी सांसद एवं विधायकों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए तथा मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से बात करनी चाहिए।

जमशेदपुर : रोटरी क्लब का संयुक्त स्थापना समारोह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुआ

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जमशेदपुर 12 जुलाई । रोटरी इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 3250  के अंतर्गत जोन -17  और 18  में आने वाले जमशेदपुर और चाईबासा के आठ रोटरी क्लब्स हैं । प्रत्येक वर्ष पहली जुलाई से रोटरी का नया सत्र शुरू होता है , जिसमे नए कार्यकारी सदस्यों को स्थापित किया जाता है । कार्यकारी समिति में प्रेसिडेंटस तथा सेक्रेटरीज के अलावे बोर्ड के सदस्यों को भी शपथ दिलाई जाती है । जहाँ  जानेवाली टीम साल भर में किये गए प्रोजेक्ट्स का व्योरा देती है वहीँ आनेवाली टीम अपने सत्र में होने वाली योजनाओं का खाका पेश करती है । 

आज इन आठ रोटरी क्लब का संयुक्त स्थापना समारोह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुआ  । ये आठ क्लब्स हैं - रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर, रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर ईस्ट,  रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर वेस्ट,  रोटरी क्लब ऑफ़ चाईबासा,  रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर मिड-टाउन, रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर स्टील  सिटी, रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर दलमा तथा रोटरी क्लब ऑफ़ जमशेदपुर फेमिना । 

इस समारोह का आयोजन जोन १७ और १८ के असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन अमितावा बक्शी तथा रोटेरियन अल्पा पारेख के नेतृतव में हुआ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी रोटेरियन प्रतिम बनर्जी ने  रोटेरियन देवेंद्र नाथ जेना,  जयंती दत्त,  अंजनी निधि , डॉक्टर वीणा मुंध्रा,  कुसुम ठाकुर,  विशाल अग्रवाल,  वी मुरली मनोहर , शशि गादिया को प्रेजिडेंट के तौर पर तथा रोटेरियंस प्रमोद दूबे , अमितेश पांडेय , अल्पना शुक्ला, हीना ठक्कर , अमित डे , कृष्णा खारिया , रूपशा दास तथा सुदेशना चटर्जी को बतौर सेक्रेटरीज शपथ दिलाया । 

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और गणेश वंदना से हुई । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन राजन गंडोत्रा ने नयी कार्यकारी समिति के सदस्यों का अभिनन्दन  किया और बधाई दी। उन्होंने क्लब्स के नेतृत्व में पूरा विस्वास जताया और जी जान से समाज की सेवा में लग जाने का आह्वान किया । 

समारोह में आमंत्रित रोटरी इंटरनेशनल के शीर्ष अधिकारियो में रोटरी इंटरनेशनल के डायरेक्टर रोटेरियन कमल संघवी , डायरेक्टर रोटेरियन डॉक्टर भृरत पंड्या और रोटरी इंटरनेशनल के प्रेजिडेंट रोटेरियन शेखर मेहता की मौजूदगी रोटेरियंस के लिए काफी उत्साहवर्धक रही  । बदलती दुनिया में बदलते जीवन शैली के दरमियान रोटेरियंस के सामने मानव सेवा के रास्ते आने वाली चुनौतियों से कैसे लड़ना है , इस दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए और मार्ग दर्शन किया गया । 

इस आयोजन का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर भी किया गया । अतिथियों का स्वागत असिस्टेंट गवर्नर रोटेरियन अमितावा बक्शी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अस्सिटेंट  डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन अल्पा पारेख ने किया । कार्यक्रम का संचालन रोटेरियन मोना बहादुर तथा समस्त ऑनलाइन होस्टिंग और टेक्निकल सपोर्ट रोटेरियन अभिषेक अकेला ने दिया ।

 यह कार्यक्रम अपनी तरह का पहला कार्यकर्म था जिसको बहुत ही कुशलता  से आयोजित किया गया । रोटरी का यह कार्यक्रम जिसका नाम "नया अद्ध्याय"दिया गया था , कई दिर्ष्टिकोण से ऐतिहासिक था।  डिस्ट्रिक्ट 3250 के इतिहास में यह पहला मौका था जब आठ क्लब से  इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों ने ऑनलाइन समारोह में भाग लिया।  स्थापना दिवस वह मौका होता है जब रोटेरियंस अपने अंदर नयी ऊर्जा महसूस करते हैं और अपने शहर और आस पास के ग्रामीण इलाकों में ही नहीं बल्कि विश्व के कोने कोने में हो रहे मानव कल्याण के कामों में जुट जाते हैं।

विशेष : सौर ऊर्जा में छिपा आत्मनिर्भर भारत का सपना

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आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए ऊर्जा बहुत जरूरी है। कोयले और जल से प्राप्त बिजली  ही देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक नहीं है। इन दोनों ही संसाधनों से  विद्युत उत्पादन में रेडिएशन और प्रदूषण का खतरा भी कम नहीं है। देश की बढ़ती आबादी और कारोबार संभावनाओं के मद्देनजर वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत की तलाश  बहुत पहले ही आरम्भ  हो गई थी और कहना न होगा कि अपनी इस तलाश में भारत न केवल सफल हुआ है बल्कि स्वच्छ और किफायती ऊर्जा बनाने के मामले में उसने दुनिया के शक्तिशाली देशों को भी बहुत पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर यह कह रहे हैं कि सुरक्षित विश्व की नींव रीवा में पड़ी है तो पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से वह उचित ही है। इस बात को कुछ लोग अतिशयोक्ति के चश्में से देख सकते हैं लेकिन मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एशिया के सबसे बड़े 750 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का शुभारंभ भारत की ऐतिहासिक परिलब्धि है। चार हजार करोड़ की लागत  से बने  इस सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से रीवा सफेद  बाघ और नर्मदा के लिए ही नहीं,सौर पार्क के लिए भी पूरी दुनिया में जाना जाएगा। यहां उत्पन्न होने वाली वैकल्पिक, स्वच्छ और सस्ती सौर ऊर्जा का लाभ मध्यप्रदेश ही नहीं, दिल्ली मेट्रो को भी मिलेगा। 

बकौल प्रधानमंत्री, भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक आकर्षक विश्व बाजार के रूप में उभरा है। सौर ऊर्जा भरोसेमंद,शुद्ध और सुरक्षित है। भारत अब दुनिया के सौर ऊर्जा उत्पादक शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। इससे बड़ी उपलब्धि और प्रसन्नता की बात किसी देश के लिए भला और क्या हो सकती है।  रीवा सौर पार्क को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर द्वारा विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगर यह विश्वास दिलाया है कि  इस संयंत्र के सुचारु संचालन के साथ ही मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। इससे किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगातो इसमें गलत कुछ भी नहीं है । सूर्यदेव की पवित्र ऊर्जा को पूरा देश महसूस कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

 रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष से 0.25 फीसदी ब्याज पर 40 साल की अवधि के लिए प्राप्त धन से तैयार भारत की पहली सौर ऊर्जा परियोजना है। यह भारत का पहला सोलर पार्क है जिसे विश्व बैंक से रियायती ऋण मिला है। इस परियोजना से राज्य डिस्कॉम को 4600 करोड़ रुपये और दिल्ली मेट्रो को 1400 करोड़ रुपये की बचत होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। रीवा परियोजना में 250-250 मेगावॉट की तीन सौर उत्पादक इकाइयां हैं और यह सौर पार्क के अंदर 500 हेक्टेयर की जमीन पर स्थापित हैं। अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए 1542 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई गई है। जिसमें 1276.546 हेक्टेयर वन भूमि अधिग्रहीत की गई है, शेष निजी भूमि है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगर यह कह रहे हैं कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के जरिये मध्य प्रदेश भविष्य में 10 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान देगा तो इससे उनके आत्मविश्वास और देश को आगे ले जाने की भावना ही झलकती है। शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है। ओमकारेश्वर बांध पर तैरने वाला सौर ऊर्जा संयंत्र लगा है,यह इस बात का द्योतक है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी सोच के तहत यह सब किया जा रहा है।

 सौर ऊर्जा को श्योर, प्योर और सिक्योर बताते हुए प्रधानमंत्री ने जो वजह बताई हैं,वे पूर्णतया वाजिब है। सूर्य हमेशा चमकता रहेगा। उससे इस देश को हमेशा ऊर्जा मिलती रहेगी। इससे पर्यावरण पूरी तरह से सुरक्षित और साफ-सुथरा बना रहेगा।इससे बिजली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने  वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड  की बात कहकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। रीवा के गुढ़ में स्थापित इस सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना से पैदा हुई  बिजली का 76% हिस्सा प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी और 24% दिल्ली मेट्रो को मिल रहा है। 2 रुपए 97 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिलना इस परियोजना की बड़ी खासियतहै। रीवा सौर परियोजना से हर साल 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उर्त्सजन रुकेगा। जाहिर है,इन अपर संभावनाओं को देखता हुए इस क्षेत्र में विदेशी निवेश में भी बढ़ोतरी होगी।

इसमें शक नहीं कि  वर्ष 2015 से 2017  की अवधि में भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन अपनी स्थापित क्षमता से 4 गुना बढ़कर 10 हजार मेगावाट पार कर गया था। यह देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता का 16 फीसदी है।  यह ऊर्जा संरक्षण और  उसके विकल्पों पर भी तेजी से काम करने का संकेत है।  सरकार पवन ऊर्जा के इस्तेमाल पर भी जोर दे रही है। वर्ष 1986 में देश में पवन ऊर्जा बनाने की पहल हुई थी। 55 किलोवाट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में लगाए गए थे। मौजूदा समय में  देश के दक्षिणी,पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में  लगभग 24,759 मेगावाॅट पवन ऊर्जा  उत्पन्न हो रही है। मध्य प्रदेश में भी पवन ऊर्जा उत्पादन पर काम चल रहा है। भारत पवन ऊर्जा उत्पादन में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है।आगामी 5 वर्षों में देश अक्षय उर्जा के उपयोग में काफी आगे रहेगा । वर्ष 2030 तक भारत में क्लीन उर्जा का उपयोग आज से 60 फीसदी अधिक होने के आसार हैं।

 फिलहाल क्लीन एनर्जी के उत्पादन पर देश जिस तरह आगे बढ़ रहा है,उससे 2050 तक बिजली के स्रोतों पर निर्भरता घट जाएगी। कर्नाटक अक्षय ऊर्जा उत्पादन के मामले में भारत का अग्रणी राज्य है जहां  गत वर्ष तक उसकी कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता 12.3 गीगावॉट हो गई थी। वर्ष 2035 तक देश में सौर ऊर्जा की मांग 7 गुना बढ़ने की संभावना है। भारत सरकार 2022 तक देश में 170 गीगावाट (1.70 लाख मेगावाट) अक्षय ऊर्जा उत्पादन करना चाहती है इसमें से 100 गीगावाट सोलर पावर का लक्ष्य है। 31 दिसंबर 2019 तक देश में लगभग 85908 मेगावाट क्षमता के अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हो चुकी हैं। इनमें पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 37505 मेगावाट, सौर ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 33730 मेगावाट शामिल है।

भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र पर कोरोना वायरस का भी प्रभाव पड़ा है। चीन और मलेशिया से आने वाले मॉड्यूल की आपूर्ति कोरोना की वजह से प्रभावित हुई है। लद्दाख की गलवां घाटी में हुए भारत -चीन सैन्य संघर्ष के बाद चीन से भारत के व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हुए हैं। ऐसे में भारत को सौर ऊर्जा उपकरणों के देश में ही उत्पादित करने की रीति-नीति पर जोर देना होगा। कोरोना को अवसर में तब्दील करने का यही उपयुक्त समय है ।हमें चीन पर निर्भरता घटाने के साथ ही अक्षय ऊर्जा संयंत्रों में लगने  वाले उपकरण खुद बनाने होंगे।रिस्क लेना होगा।नो रिस्क नो गेन के सिद्धांत पर अमल करना होगा।चीन अगर कम लागत के उपकरण बना सकता है तो भारत क्यों नहीं।हमें चीन से सीखना होगा। तकनीकी विकास से जुड़ना होगा ,यही वक्त का तकाजा भी है




--सियाराम पांडेय'शांत'--

बिहार : भाजपा को केवल कुर्सी की चिंता : दीपंकर भट्टाचार्य

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पटना,भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने आज ट्वीट कर कहा है कि सिकी भी संवेदनशील और जिम्मेदार सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना महामारी से उत्पन्न विकट परिस्थिति में प्रदेश की जनता को बचाने के बारे में होना चाहिए, लेकिन भाजपा व जदयू जैसी पार्टियों और उनके नेतृत्व में चल रही सरकारों का चरित्र ही ऐसा है कि वे ऐसी संकट की भी स्थिति में केवल कुर्सी और सत्ता के ही बारे में सोच रहे हैं. आज बिहार में कोरोना महाविस्फोट के दौर से गुजर रहा है और इन सारी चिंताओं से मुक्त होकर राज्य सरकार चुनाव करवाने में मस्त हो गई है. इन सब चीजों को बिहार की जनता अच्छे से देख-समझ रही है. माले महासचिव ने बिहार के उपमुख्यंत्री व भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कहीं जिसमें उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में विपक्ष की संभावित हार की चर्चा करते हुए यह कहा था कि विपक्ष हार से डरा हुआ है और इसलिए चुनाव स्थगित करवाने की बात कर रहा है.

गया : कर्मियों को अपना बेसिक प्रिकाॅशन लेने पर लेने पर बल दिया

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गया. वक्त की मांग की तरह जिलाधिकारी अभिषेक सिंह कार्य करने लगे हैं. आगामी चुनाव और वर्तमान महामारी कोरोना पर भी पूरी तरह से निगरानी रख रहे हैं. आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी की हैसियत से निर्वाचन कार्यालय का किया निरीक्षण. साथ ही जिलाधिकारी की हैसियत से सभी कर्मियों को अपना बेसिक प्रिकाॅशन लेने पर लेने पर बल दिया.  जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह ने जिला निर्वाचन कार्यालय का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री मथुरा बड़ाईक को प्रतिदिन संध्या में निर्वाचन का कार्य समाप्त होने पर परिसर को सैनिटाइज करवाने का निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्यालय में सभी पदाधिकारी, कर्मी, मजदूर इत्यादि मास्क एवं ग्लब्स पहनकर कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि बिना मास्क पहने देखे जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. सभी इंजीनियर एवं कर्मी अपने टेबल पर सामाजिक दूरी बनाकर कार्य करेंगे. एक टेबल पर अधिकतम दो ही व्यक्ति बैठेंगे. जिलाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी को थर्मल स्कैनर से प्रतिदिन कर्मियों एवं वर्कर का स्क्रीनिंग करवाने का निर्देश दिए. 

जिलाधिकारी ने निदेशक, डीआरडीए श्री संतोष कुमार को प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने उपस्थित कर्मियों एवं वर्कर्स को कहा कि डरने की आवश्यकता नहीं है सभी व्यक्ति अपना बेसिक प्रिकॉशन अपनाएं. उन्होंने कहा कि चाहे आप सार्वजनिक स्थल पर हो या कार्य स्थल पर हो अपना फेस कवर एवं मास्क, ग्लब्स का प्रयोग अनिवार्य रूप से करते रहें. जिलाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी को निर्वाचन शाखा के समीप बेरीकेटिंग करवाने का निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने पर्याप्त संख्या में साइनेज लगवाने का भी निर्देश दिए. इसके उपरांत उन्होंने स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम एवं निर्वाचन कार्यालय के मेटल पार्ट्स एवं लोहे वाले पार्ट्स को लगातार सैनिटाइज करवाते रहें एवं ग्लव्स पहन कर उसे खोला करें. उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम में रखे सभी वीवीपैट को बाहर निकालने के पूर्व एक एक कर मशीन को सेनेटाइज के बाद ही बाहर निकाले. इसके उपरांत उन्होंने निर्वाचन शाखा में लगे सीसीटीवी का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि जो सीसीटीवी कैमरा बंद है उसे अविलंब चालू कराएं.उन्होंने कहा कि कर्मी या वर्कर्स जो भी निर्वाचन शाखा में कार्य करेंगे, वह अनावश्यक इधर-उधर नहीं घूमेंगे. जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने पत्र जारी कर निर्देश दिया की सरकार के विशेष सचिव, गृह विभाग (विशेष शाखा), बिहार, पटना के आदेश के आलोक में अनलॉक- 02 के अन्तर्गत कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए दिनांक 06.07.2020 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में डिजास्टर मैनेजमेंट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिये निर्णय का अनुपालन का निम्न निर्देश दिया गया है. बाजारों में अत्यधिक भीड़ होने तथा दुकानदारों के द्वारा मास्क का प्रयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग सामाजिक दूरी का पालन न किये जाने की स्थिति में नियम का उल्लंघन करने वाले दुकानों के समीपवर्ती दुकानों को भी 2 दिनों तक बंद रखा जा सकता है.  (क) होटल, बैन्कवेट हॉल, मैरिज हॉल, कम्यूनिटी हॉल अथवा विवाह परिसर इत्यादि को थानाध्यक्ष द्वारा नोटिस निर्गत किया जाएगा कि किसी भी समारोह में अधिकतम 50 व्यक्ति (सीमित संख्या में कैटरिंग स्टाफ के अतिरिक्त) ही सम्मिलित हो सकेंगे. निमंत्रण पत्र के माध्यम से लोगों को आमंत्रित कर बुलाए जाने वाले समारोहों के पूर्व सूचना स्थानीय थाना को देना आयोजकों के लिए अनिवार्य होगा. ऐसे सामाजिक एवं पारिवारिक समारोहों में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन तथा सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. स्थानीय थानाध्यक्ष इस आशय की पूर्व सूचना निर्गत करेंगे कि इस निदेश का उल्लंघन करने पर होटल, बैन्कवेट हॉल, मैरिज हॉल, कम्यूनिटी हॉल अथवा विवाह परिसर को बंद करा दिया जाएगा. (ख) होटल, बैंकवेट हॉल, मैरिज हॉल, कम्यूनिटी हॉल अथवा विवाह परिसर में एक समय में यथासंभव एक ही समारोह आयोजित किया जाय. कोरोना संक्रमण प्रसार के रोकथाम के लिए कन्टेन्मेन्ट जोन के बाहर बड़ा बफर जोन बनाया जाएगा, जहाँ परिस्थितियों का आकलन कर स्थानीय आवागमन के सार्वजनिक वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. गया जिला के सभी अंचल अधिकारी/थानाध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है कि गृह विभाग, बिहार, पटना द्वारा दिये गये आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे. जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी/अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी/पुलिस उपाधीक्षक, नगर, गया जिला अपने-अपने क्षेत्रों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन का अनुश्रवण करेंगे तथा अनुपालन नहीं करने की स्थिति संबंधितों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करना सुनिश्चित कराने का निर्देश दिए.

दरभंगा : राज्यपाल से कुलपतियों की नियुक्ति तुरंत करने की मांग की

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (लनामिवि) सिंडिकेट के सदस्य एवं पूर्व विधान पार्षद प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने महामहिम को पत्र भेजकर एवं ईमेल से स्थाई कुलपति नियुक्त करने की मांग की हैl उन्होंने कहा है कि प्रभारी कुलपति के कारण विश्वविद्यालय के अधिकांश कार्य थप हैl प्रोफ़ेसर चौधरी ने कहां है कि सभी संवर्ग के लोग धरना अनशन पर बैठते हैं उनसे समझौता भी होता है लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो पाता उन्होंने कहा है कि विश्व विद्यालय की कार्य संस्कृति का हाल यह है कि नवंबर माह से सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पेंशन का निर्धारण तक नहीं हो पा रहा है इनकी संचिका कुलसचिव वित्त पदाधिकारी एवं वित्तीय परामर्शी के बीच दसों बार चक्कर काट रहा हैl पहले एक माह के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षा कर्मियों को सभी राशि का भुगतान कर दिया जाता थाl सप्तम वेतन आयोग के बकाया राशि का भुगतान करने वाला कोई नहीं हैl कर्मचारियों एवं संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों की समस्या यथावत हैl प्रोफेसर चौधरी ने कहा है कि तदर्थ बाद के कारण अधिकारियों की मनमानी चल रही है तथा सभी अधिकारी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा  रहा है जिस कारण विश्वविद्यालय की कार्य संस्कृति समाप्त हो चुकी हैl वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उन्होंने महामहिम कुलाधिपति से शीघ्र कुलपति नियुक्त करने की मांग की हैl

बिहार : 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों के प्रतिनिधि ने वेतन देने के लिए दिया अर्थदान

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पटना,12 जुलाई अभी हाल में निजी विघालय की द्विव्यांग शिक्षिका शांति देवी ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे हिलकर सेवा केंद्र, कुर्जी  में पटना धर्मप्रांतीय पुरोहितों की महत्वपूर्ण बैठक की गयी।इस बैठक में 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में वैश्विक कोरोना वायरस पर विस्तृत चर्चा की गयी।कोरोना के कारण लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई पर भी गहन चर्चा की गयी।वहीं हड़ताल के दौरान 'नो वर्क नो पेमेंट'की सरकारी तर्ज पर कोरोना काल में 'नहीं  पढ़ाई तो नहीं फीस'पर अभिभावकों द्वारा अड़ने पर जोरदार चर्चा की गयी।इस संदर्भ में सरकारी ढीलापन से गैर शिक्षक व शिक्षकों के साथ अभिभावक भी परेशान है।यह क्लू लगा दिया गया है कि स्कूल ऑन लाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है तो अभिभावकों को फीस देना ही है।पर अमल नहीं हो रहा है।जो स्कूल ऑन लाइन पढ़ाई की व्यवस्था की नहीं की है,तो उसका वेतनादि का क्या होगा?इसी उधेड़बुन में फतुहा की एक निजी स्कूल की द्विव्यांग शिक्षिका ने अर्थाभाव में पुनपुन नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

आर्थिक तंगी के कारण दिव्यांग विधवा लेडी टीचर ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली।वह लेडी फतुहां थाना क्षेत्र के गोविंदपुर निवासी स्व. श्रवण कुमार की 35 वर्षीया पत्नी दिव्यांग शांति देवी एक निजी विद्यालय में शिक्षिका थी। महामारी कोरोना संकट के दौरान आत्महत्या करने के रफ्तार वृद्धि होने से नागरिक परेशान हो रहे हैं। कोरोना अवसाद बनकर उभरा है। लॉकडाउन के दौरान कामकाज ठप हो जाने से लोगों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला पटना जिले के फतुहा थाना इलाके की है, जहां लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से परेशान एक दिव्यांग विधवा लेडी टीचर ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंच पुलिस शव की तलाश में जुट गई , लेकिन शिक्षिका की अबतक लाश बरामद नहीं हो पाई है।शव की तलाश जारी है। परिजनों की सूचना पर फतुहा और नदी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और एसडीआरएफ की मदद से शव की खोजबीन में जुट गई।पुलिस ने घटनास्थल से दिव्यांग महिला की वैशाखी भी बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस ने मौके से दिव्यांग महिला शिक्षिका का ट्राई साइकिल और वैशाखी बरामद कर लिया है। लेडी टीचर की पहचान गोविंदपुर निवासी शांति देवी के रूप में की गई है।

बताया जा रहा है कि शांति देवी के पति श्रवण कुमार का निधन करीब 2 वर्ष पूर्व बीमारी से होने के बाद वह अपनी 14 वर्ष की बेटी कृति एवं 8 वर्ष के पुत्र साहिल की परवरिश के लिए ट्यूशन और एक निजी विद्यालय में पढ़ाती थी। लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में 4 महीनों से स्कूल बंद है और वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष आर्थिक तंगी की समस्या हो गई। जिस वजह से लेडी टीचर ने पुनपुन पुल से कूदकर खुदकुशी कर ली।महिला के घर से सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।उसकी बेटी कृति के अनुसार देर रात उसने घर के एक नोटबुक पर संदेश छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि हमरा माफ करिहा बेटी हम जा रही हूं. इसके बाद वह वैशाखी लेकर घर से निकल गई। जब बेटी की नींद खुली तो मां को न पाकर परेशान हो गई।बेटी ने बताया कि पैसे को लेकर मां हमेशा परेशान रहती थी वहीं घटना के संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय लोगों और महिला शिक्षिका की पुत्री प्रीति कुमारी ने बताया कि शांति देवी आर्थिक तंगी से परेशान थी और इसी हताशा में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली है। ऐसी परिस्थिति मिशनरी स्कूलों न आ जाए।तो जमकर मंथन किए।मंथन करने का परिणाम सामने आया कि 67 धर्मप्रांतीय पुरोहित स्वेच्छता से त्याग करके अर्थदान करेंगे।67 धर्मप्रांतीय पुरोहित के अधीन 4 इंग्लिश स्कूलों समेत 23 स्कूलों के करीब दो सौ गैर शिक्षक व शिक्षकों काे वेतनादि दिया जाएगा।इसके आलोक में 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों को मिलने वाले अर्थ को फिफ्टी-फिफ्टी करेंगे।पचास प्रतिशत अर्थ वेतन में दान कर देंगे। इस तरह एक धर्मप्रांतीय पुरोहित 45 हजार रूपए दान करेंगे।इतना मार्च 2020 का है।67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों को बधाई और विवेकपूर्ण निर्णय के लिए धन्यवाद। बुझते घरों में चिराग जलाने के लिए। अब सवाल यह है कि जो स्कूल धर्मप्रांतीय पुरोहितों के द्वारा त्याग करके अर्थ संग्रह नहीं कर पाएंगे तो उनका गैर शिक्षक व शिक्षकों का क्या होगा? इस ओर सरकार को शीघ्रातिशीघ्र निर्णय लेने की जरूरत है।

बिहार : भोजपुर से सिवान तक सामंती-अपराधियों का तांडव, बिहार आज अपराधियों के चंगुल में: माले

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पटना, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने आज प्रेस बयान जारी करके कहा है कि भोजपुर से लेकर सिवान तक सामंती-अपराधियों का तांडव देखा जा रहा है और वे दलितों-पिछड़ों पर बर्बर किस्म के हमले कर रहे हैं. इस कोरोना काल में जब आम लोग अपनी जिंदगी बचाने के जद्दोजेहद से गुजर रहे हैं, सामंती अपराधियों के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं. जो बेहद चिंताजनक हैं. इनपर रोक लगाने की बजाए बिहार सरकार वर्चुअल रैली में व्यस्त हो गई है. न तो उसे कोरोना की चिंता है और न ही दलितों-गरीबों पर बढ़ते हमले की. इस बीच भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व सिवान के प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा है कि सिवान में आए दिन भाजपा-जदयू समर्थित सामंती ताकतें गरीबों पर लगातार हमला कर रही हैं. सबसे हालिया हमले में जिले के असांव थाना क्षेत्र के खरादरा यादव व दुदही टोली पर सामंतों ने महज इसलिए हमला कर दिया कि उस टोली के लोगों ने रोड पर यादव टोल का बोर्ड लगा रखा था. सामंतों के हमले में दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें 5 का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. आगे कहा कि यह हमला भाजपा संरक्षित हिंदू युवा वाहिनी के जरिए किया गया है. घटना में घायल हुए लोगों से मिलने माले के पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, विधायक सत्यदेव राम व स्थानीय नेता घटनास्थल पर पहुंचे और सभी हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग उठाई. हमलावरों ने निरंजन यादव को गोली मार दी है. हमले में राहुल यादव, साहब यादव, सचिव यादव और कमलेश यादव बुरी तरह घायल हो गए हैं. मैरवां में भी हिंदू युवा वाहिनी की लंपटता देखी गई, जिसका जनप्रतिरोध करते हुए करारा जवाब दिया गया है. भोजपुर में विगत दिनों गड़हनी में राजपूत जाति से आने वाले दबंगों ने 50 वर्षीय गिराली प्रसाद की घर में घुसकर राॅड व डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी. गिराली प्रसाद कोरोना व लाॅकडाउन की वजह से दबंगों से लिए गए कर्ज की राशि नहीं चुका पा रहे थे. उसी प्रकार, विगत 11 जुलाई को उदवंतनगर प्रखंड के एडौरा गांव के रहने वाले गुड्डू पासवान की हत्या सिलिंग से फाजिल जमीन को लेकर चल रहे विवाद में कर दी गई. इस मामले में कमलेश ओझा पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पहले से सिलिंग की जमीन को लेका चल रहा विवाद कल 11 जुलाई को रोपनी के दौरान बहुत बड़ा हो गया और गुड्डू पासवान को गोली मार दी गई, जिन्हें अंततः बचाया नहीं जा सका. घटना की जानकारी मिलते ही माले नेता घटनास्थल पर पहुंचे  और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई. माले नेताओं ने कहा है कि बिहार सरकार सामंतों का मनोबल बढ़ाना बंद करे और दलित-गरीबों के हक-अधिकार की रक्षा की गारंटी करे.

विशेष : क्या विज्ञान पर राजनैतिक हस्तक्षेप भारी पड़ रहा है?

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भारत सरकार के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) ने 2 जुलाई 2020 को कहा था कि 15 अगस्त 2020 (स्वतंत्रता दिवस) तक कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) से बचाव के लिए वैक्सीन के शोध को आरंभ और समाप्त कर, उसका "जन स्वास्थ्य उपयोग"आरंभ किया जाए. क्योंकि यह फरमान भारत सरकार के सर्वोच्च चिकित्सा शोध संस्था से आया था, इसलिए यह अत्यंत गंभीर प्रश्न खड़े करता है कि क्या विज्ञान पर राजनैतिक हस्तक्षेप ने ग्रहण लगा दिया है? भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद ने अगले दिन ही स्पष्टीकरण दिया कि उसने यह पत्र इस आशय से लिखा था कि वैक्सीन शोध कार्य में कोई अनावश्यक विलम्ब न हो. परन्तु सबसे बड़े सवाल तो अभी भी जवाब ढूंढ रहे हैं. पिछले सप्ताह एक संसदीय समिति को विशेषज्ञों ने बताया कि वैक्सीन संभवत: 2021 में ही आ सकती है (15 अगस्त 2020 तक नहीं).

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन, जो भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद की पूर्व निदेशक भी रही हैं, ने 15 अगस्त 2020 तक वैक्सीन बनाने के दावे का वैज्ञानिक रूप से समर्थन नहीं किया, और कहा कि शोध में तेज़ी लाना सही है परन्तु नैतिक और वैज्ञानिक रूप से ठोस शोध होना भी उतना ही ज़रूरी है.

अब तो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान  (एम्स दिल्ली) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी पुष्टि की है कि 15 अगस्त 2020 तक वैक्सीन आना मुमकिन नहीं है.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद से बेहतर कौन जानता है कि वैक्सीन शोध में कितना समय लग सकता है. सवाल यह है कि चिकित्सा शोध की सर्वोच्च सरकारी संस्था को किसने दबाव बनाकर यह दावा करने को कहा कि 15 अगस्त 2020 तक वैक्सीन आ जाएगी? ग़ौर तलब बात यह है कि जब कि जब यह घोषणा की गयी थी और तब  वैक्सीन का इंसान पर शोध आरंभ तक नहीं हुआ था.

पिछली  शताब्दी में चिकित्सा शोध का इतिहास मानवाधिकार उल्लंघन से कलंकित रहा है जिसके कारणवश चिकित्सा शोध करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया बनायी गयी है ताकि  नैतिकता और मानवाधिकार से सम्बंधित कोई भी अवांछित बात न होने पाए. जो चिकित्सा शोध इंसानों पर किया जाता है उसमें सर्वप्रथम (प्रथम चरण) यह पुष्टि की जाती है कि यह मानव प्रयोग के लिए सुरक्षित है कि नहीं. दूसरे चरण में यह देखा जाता है कि मानव के लिए सुरक्षित होने के साथ-साथ,  शोधरत दवा या वैक्सीन आदि, रोग के इलाज या रोग से बचाव में कारगर है कि नहीं. और फिर आता है तीसरा चरण जो सबसे बड़ा होता है (अवधि और और जिन पर शोध किया जाता उनकी संख्या की दृष्टि से), जिसके बाद ही यह पता चलता है कि शोधरत दवा या वैक्सीन मानव जाति के लिए सुरक्षित है कि नहीं, रोग के प्रति प्रभावकारी है कि नहीं, और कितनी प्रभावकारी है, और यह कोई अन्य दुष्प्रभाव  तो नहीं उत्पन्न करती, आदि. इसके पश्चात् ही नयी दवा या वैक्सीन, यदि वह सुरक्षित और प्रभावकारी है, जन स्वास्थ्य उपयोग के लिए, नियमानुसार निर्मित कर उपयोग हेतु वितरित की जा सकती है.

सरकार के क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया में इस शोध के आवेदन में भी पहले दो शोध-चरण के लिए 15 महीने का समय लिखा हुआ है. जिसका तात्पर्य है कि यदि वैक्सीन शोध जुलाई 2020 में आरंभ होगा तो सितम्बर 2021 तक ही पहले दो चरण पूरे हो पाएंगे और यह पता चल सकेगा कि वैक्सीन इंसान के लिए सुरक्षित और प्रभावकारी है कि नहीं. तीसरा सबसे लम्बा चरण अभी भी शेष रहेगा. परन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में ऐसा पहले हो चुका है कि यदि शोध से यह पता चले कि दवा / वैक्सीन रामबाण है तो तीसरे चरण शोध के साथ-साथ ही उसे आवश्यक सावधानी के साथ (क्योंकि शोध का तीसरा चरण पूरा नहीं हुआ है ) ज़रूरतमंद को दिया जाय. टीबी की नयी दवा बिडाकुइलीन के शोध में भी ऐसा ही हुआ था.

सरकार के क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया में इस शोध के आवेदन में यह भी लिखा हुआ है कि यह शोध 12 केन्द्रों में होगा परन्तु 5 जुलाई 2020 तक सिर्फ 6 केन्द्रों से ही नैतिक समिति (एथिकल समिति) की संस्तुति प्राप्त थी.

एक और बात अत्यंत महत्वपूर्ण है कि कोरोनावायरस वैक्सीन के शोध के लिए आधारशिला जैसा मौलिक शोध तो सरकारी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलाजी में हुआ. परन्तु सरकार के क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया में इस शोध के आवेदन के अनुसार, इस शोध को आगे बढ़ा रही है एक निजी बायोटेक कंपनी. जो शोधकर्ता भी है, इसमें निवेश भी कर रही है और शोध की प्रायोजक भी है. जब मूल शोध सरकारी संसथान में हुआ तो वैक्सीन शोध आगे ले जाने का कार्य भी सरकारी संस्था में क्यों नहीं हो रहा है? एपिडेमिक एक्ट के तहत, सभी निजी स्वास्थ्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को, जिसमें निजी कंपनी बायोटेक आदि भी शामिल हैं, सरकार अपने आधीन क्यों नहीं कर रही है?

भारत सरकार को कोस्टा रिका सरकार की मुहिम का समर्थन करना चाहिए जिसकी मांग है कि कोरोना वायरस सम्बंधित सभी शोध (नयी दवा, वैक्सीन, जांच आदि) जनहित में सबके लिए उपलब्ध रहें और कोई पेटेंट आदि की कोई  बाधा न आए - जिससे कि शोध का लाभ जन मानस को मिल सके.

कोरोना वायरस महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सबके लिए अत्यंत आवश्यक है. यदि स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से एक भी इंसान वंचित रह जायेगा तो हम सतत विकास लक्ष्य पर खरे नहीं उतर सकते. ज़मीनी हकीकत तो यह है कि 2015 में केवल 62% नवजात शिशुयों को ज़रूरी टीके/ वैक्सीन मिल रहे थे. हमारे देश में अनेक लोग उन रोगों से ग्रस्त हैं और मृत होते हैं जिनसे वैक्सीन के जरिये बचाव मुमकिन है, और इलाज भी. इस महामारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सुरक्षा हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए नितांत आवश्यक है. जितना ज़रूरी वैक्सीन शोध है उतना ही ज़रूरी यह भी है कि हम सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त करने में देरी न करें क्योंकि केवल सरकारी स्वास्थ्य सेवा ही स्वास्थ्य सुरक्षा की बुनियाद हो सकती है.




शोभा शुक्ला, बॉबी रमाकांत, डॉ संदीप पाण्डेय
(शोभा शुक्ला, सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस) की संपादिका और लोरेटो कान्वेंट कॉलेज की पूर्व वरिष्ठ शिक्षिका हैं. डॉ संदीप पाण्डेय, मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हैं और सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. बॉबी रमाकांत, सीएनएस, आशा परिवार और सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) से जुड़ें हैं. ट्विटर @shobha1shukla, @sandeep4justice, @bobbyramakant)

आलेख : माहवारी पर शर्म नहीं, चर्चा करती है लड़कियाँ

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21वीं सदी का भारत न केवल विज्ञान और टेक्नोलॉजी में ही आगे बढ़ा है, बल्कि सामाजिक रूप से भी यह पहले से अधिक समृद्ध हुआ है। हालांकि सामाजिक चेतना के रूप में इसका अपेक्षाकृत विकास नहीं हुआ है। विशेषकर महिलाओं के अधिकारों के संबंध में अभी भी भारतीय समाज वैचारिक रूप से संकुचित सोच रखता है। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों पर पाबंदी लगाई जाती है। शिक्षा प्राप्त करने के मामले में भी लड़कियों की तुलना में लड़कों को प्राथमिकता दी जाती है। जबकि हाल ही में देश के कई राज्यों में दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों में हमेशा की तरह लड़कों की तुलना में लड़कियों ने ही बाज़ी मारी है। इसके बावजूद भारतीय समाज में बेटियों के लिए राह बहुत कठिन है। हालांकि शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ऐसी मनोवृति ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को अधिक मिलती है। विशेषकर देश के हिंदी भाषी राज्यों में लड़का और लड़की के बीच भेदभाव की खाई अधिक गहरी है।

संकुचित विचारधारा और सामाजिक बेड़ियों में जकड़ी इन क्षेत्रों की लड़कियों को अपने जीवन की दिशा तय करने की आज़ादी तो बहुत दूर की बात है, वह अपने स्वास्थ्य के बारे में भी चर्चा नहीं कर सकती हैं। ऐसे समाज में माहवारी को पाप समझा जाता है, जबकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसके बावजूद सदियों से माहवारी के मुद्दे पर बात करना बुरा माना जाता है। इस दौरान किशोरियों और महिलाओं को किस कठिन प्रक्रिया से गुज़रनी होती है, यह सभी को पता है। फिर भी माहवारी के दौरान नैपकिन की कमी या अन्य शारीरिक कठिनाइयों के बारे में वह किसी से कह नहीं पाती है।

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हालांकि बदलते समय के साथ इस संकुचित विचारधारा में भी परिवर्तन की शुरुआत होने लगी है। माहवारी शब्द जिसे बोलने की भी मनाही थी, अब उस पर राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां न केवल चर्चा करने लगी हैं, बल्कि सेनेट्री नैपकिन की उपलब्धता के लिए प्रशासन और राज्य सरकार को पत्र भी लिखने लगी हैं। इन्हीं किशोरियों में एक प्रियंका बैरवा भी है। टोंक जिला के सोहेला पंचायत की रहने वाली प्रियंका ने गांव की अन्य लड़कियों के साथ मिलकर सेनेट्री नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए आवाज़ उठाई। जिससे प्रशासन हरकत में आया और ज़रूरतमंद किशोरियों की परेशानी दूर हो सकी। तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी प्रियंका के पिता की गांव में ही छोटी सी पंचर की दूकान है और माँ कृषि तथा मनरेगा मज़दूर है। स्कूल में पढ़ाई के साथ साथ प्रियंका स्थानीय स्तर पर संचालित शिव शिक्षा समिति राणोली, कठमाणा और सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से सचांलित "शादी बच्चों का खेल नहीं” परियोजना से भी जुडी हुई है।

यह परियोजना पीपलु तहसील के 9 पंचायतों सोहेला, बगडी, जोला, प्यावडी, डारडातुकी, गलोद, जवाली, डोडवाडी, हाडीकला के 32 गांवों में संचालित की जा रही है। सभी गांवों में 10 से 19 साल तक की किशोरियों को इस समूह से जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य न केवल उन्हें अपने अधिकारों के प्रति शिक्षित करना है बल्कि महिला स्वास्थ्य और महिला हिंसा के विरुद्ध जागरूक भी बनाना है। प्रियंका इन्हीं संस्थाओं की ओर से सोहेला पचांयत के किशोरी समूह, फेडरेशन समूह, चर्चा लीडर, चाइल्ड चैंपियन व युवा समूह की सदस्या है। याद रहे कि राजस्थान देश में न केवल महिला साक्षरता दर में सबसे पीछे है बल्कि गैर क़ानूनी तरीके से आज भी यहां बाल विवाह का प्रचलन जारी है। हालांकि स्थानीय स्तर पर काम कर रहे कई स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से प्रशासन को इसपर रोक लगाने में कामयाबी हासिल हुई है, लेकिन अब भी यह पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।

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स्थानीय स्वयंसेवी संस्था शिव शिक्षा समिति और सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से सचांलित "शादी बच्चों का खेल नहीं” में किशोरियों को माहवारी और शरीर की साफ़ सफाई के बारे में भी जागरूक किया जाता है। उन्हें कपड़ों की तुलना में नैपकिन के मेडिकल दृष्टिकोण से लाभों के बारे में भी बताया जाता है। इस संबंध में प्रियंका कहती है कि माहवारी के दौरान लड़कियों को स्कूल में मुफ्त नैपकिन उपलब्ध कराया जाता है। कई बार उन्हें स्थानीय आंगनबाड़ी से भी उपलब्ध हो जाता है। लेकिन कोरोना के कारण लॉक डाउन के दौरान स्कूल, आंगनबाड़ी व आस पास की दुकानें बन्द होने से लड़कियों को माहवारी के दौरान इसकी समस्या होने लगी। प्रियंका को महसूस हुआ कि इस गंभीर विषय को उठाने की ज़रूरत है, क्योंकि नैपकिन की कमी के कारण लड़कियां पुराने और गंदे कपड़े इस्तेमाल करने पर मजबूर होने लगी थीं। वह कहती है कि लॉक डाउन के दौरान सरकार की ओर से ज़रूरतमंदों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने जैसा सराहनीय कार्य किया जा रहा था, लेकिन नैपकिन की कमी को गंभीरता से नहीं लिया गया था। यही कारण है कि प्रशासनिक स्तर पर इसकी कमी को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गए थे। जिसके बाद प्रियंका ने संस्था से जुड़ी अन्य किशोरियों से बात कर सीधे ज़िलाधिकारी को व्हाट्सप्प कर दिया। संस्था ने भी उसका साथ देते हुए इस संबंध में राज्य के उप मुख्यमंत्री को ट्वीट किया। इसके साथ ही इन आला अधिकारियों को ज्ञापन के रूप में मेल भी किया।

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प्रियंका और उसकी संस्था की मेहनत रंग लाई। जिलाधिकारी ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए फ़ौरन सीडीपीओ को मामले को देखने और किशोरियों की समस्या को हल करने का आदेश दिया। जिसके बाद सोहेला पंचायत में एएनएम और आशा सहयोगिनी ने घर-घर जाकर सेनेटरी पैड वितरित किया। संस्था की एक अन्य सदस्या ममता बताती हैं कि प्रशासन के साथ साथ कुछ भामाशाह भी किशोरियों की मदद के लिए आगे आये और उन्होंने भी नैपकिन वितरित किया, लेकिन यह सभी किशोरियों के लिये पर्याप्त नहीं था। जिसके बाद प्रियंका और समूह की अन्य किशोरियों ने फिर से जिलाधिकारी को समस्या से अवगत कराया। जिसके बाद उन्होंने तुरंत कार्यवाही करते हुये, सीएमएचओ के नाम आर्डर जारी किया और स्कूल में बचे नैपकीन को फ़ौरन किशोरियों के बीच वितरित करने का आदेश देकर समस्या को हल किया। प्रियंका की इस हिम्मत और प्रयास के कारण लॉक डाउन में भी क्षेत्र की किशोरियों को सेनेट्री नैपकिन उपलब्ध हो सका।

वास्तव में हमारे देश में ऐसी कई किशोरियां हैं जो आज भी माहवारी के दिनों में नैपकिन की कमी के कारण गंदे कपड़े का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं। लेकिन वह एक ऐसे संकीर्ण सोंच वाले समाज से घिरी हुई हैं, जहां माहवारी के बारे में बात करना पाप समझा जाता है। ऐसे में प्रियंका जैसी किशोरियों के हौसले रौशनी की एक किरण जैसी है, जो बहुत सी किशोरियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगी। 



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पूनम जोनवाल
टोंक, राजस्थान
(चरखा फीचर)

बिहार : जेलों में कोरोना संक्रमण का फैलाव खतरनाक.

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राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करे सरकार, वरवर राव को रिहा करने की आवाज सरकार कर रही अनसुनी
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पटना, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज प्रेस बयान जारी करके कहा कि हमारी पार्टी पहले ही दिन से जेलों में कोरोना संक्रमण के फैलाव न होने देने को लेकर ंिचंतित रही है. हमने सरकार से बारंबार कहा है कि राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं व छोटे-मोटे मुकदमों में जेलों में बंद आम लोगों को सरकार जमानत अथवा पैरोल पर रिहा कर दे, ताकि जेलों में संक्रमण न फैले. यदि जेल में संक्रमण फैल जाएगा तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी. लेकिन सरकार ने इन बातों को लगातार अनसुना किया है. स्थिति यह है कि मधुबनी के जेल में वहां के अधीक्षक सहित 14 कर्मी संक्रमित हो चुके हैं. और भी जेलों से संक्रमण की खबरें सामने आ रही हैं. ये स्थितियांे को और गंभीर बनाएगी. इसलिए सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए. माले राज्य सचिव ने देश के सम्मानित 80 वर्षीय वृद्ध व बीमार कवि वरवर राव को जेल से रिहा करने की चारों तरफ से मांग उठ रही है लेकिन तानाशाह सरकारों ने ऐसा लगता है कि वरवर राव को जेल में ही मार देने का फैसला कर लिया है. उन्हें जेल से निकालकर हाॅस्पीटल में भर्ती नहीं किया जा रहा है जबकि उनकी हालत लगातार गंभीर होती जा रही है. ऐसी खराब जीवन परिस्थितियों में महज वैचारिक कारणों से उन्हें जेल में सड़ाया जा रहा है. जब देश एक भयानक महामारी के दौर से गुजर रहा है, वैसे दौर में देश के तानाशाहों द्वारा एक वृद्ध व असशक्त व्यक्ति को जेल की सींखचों के पीछे मरने के लिए मजबूर करने के अमानवीय कृत्य को पूरा देश देख व समझ रहा है. देश ऐसे तानाशाहों को कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने बीमार व 70 वर्ष से अधिक की उम्र के राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित सभी राजनीतिक-सामाजिक बंदियों की अविलंब रिहाई की मांग दुहराई है.

बिहर : और धरती के भगवान का दिल नहीं पिघला

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पटना।राजधानी पटना में है एम्स। जगदेव पथ से एक कोरोना वायरस संक्रमित मरीज को भर्ती करवाने लाया गया। एम्स के चिकित्सक से निवेदन किया गया कि इनको भर्ती करके इलाज शुरू कीजिए।परन्तु धरती के भगवान का दिल पिघला नहीं। मजबूरी में मरीज को फूटपाथ सुलाकर रख दिया गया। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जानकारी मिली।उनको एक वीडियो दिया गया।उस वीडियो में उपेक्षित होकर एक कोरोना संक्रमित मरीज पटना एम्स के फुटपाथ में पड़ा हुआ है। इस वीडियो को ट्वीट करके एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार को घेरने का प्रयास किया है। नेता प्रतिपक्ष ने जरूर ही नीतीश सरकार की फजीहत कर डाली है।तेजस्वी यादव ने पटना एम्स के फुटपाथ परिसर का एक वीडियो ट्वीट करते हुए सरकार व सिस्टम समेत सूबे के स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में ले जाकर खड़ा कर दिया है। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना महाआपदा काल के आरंभ से ही व्यवस्था तथा रखरखाव में हो रही लापरवाही को लेकर सरकार पर हमलावर रहे हैं। आज नेता प्रतिपक्ष यादव ने एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की वीडियो को ट्वीट करते हुए सरकार को आईना दिखाया है। ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा है की ‘पटना एम्स के फुटपाथ पर लेटा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है। सरकार, प्रशासन और अस्पताल कोई नहीं सुन रहा है। बिहार में कोरोना के हालात बहुत भयावह है। आने वाले दिनों में स्थिति बेक़ाबू होने वाली है। सरकार जाँच नहीं कर रही, कर रही है तो आँकड़े छुपा रही है। बिहार को अब भगवान बचाए..।’ तेजस्वी यादव के ट्वीट ने प्रदेश सरकार के लिए मुसीबत बढ़ा दी हैं।इसके पूर्व भी तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके सरकार पर कोरोना संबंधी आंकड़ों को छुपाने तथा जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव ने इसके पहले भी एक कोरोना पेशेंट का वीडियो जारी किया था। जिसे लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने वीडियो को फर्जी बताया था। हालांकि तेजस्वी यादव के द्वारा आज ट्वीट किया गया वीडियो सूबे के राजनीति के गलियारों में बहुत हलचल मचा रहा है। इस वीडियो में कहा जा रहा है कि मरीज तीमारदारी में लगी महिला चिकित्सक के पास गयी थी,परन्तु सुनवाई नहीं हुई।

बिहर : फादर सेराफिन जौन लाल का बड़े भाई का निधन

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बेतिया,13 जुलाई।पश्चिम चम्पारण जिले में है बेतिया क्रिश्चियन कॉलोनी। यहां के तीन लालटेन चौक से कुछ दूरी पर हैं स्व.जौन अंथोनी लाल का घर।यहां पर रहते हैं आलबर्ट जॉर्ज।चनपटिया शुगर मिल में किरानी (बड़ा बाबू ) पद पर कार्यरत थे।यहां से रिटायर होने के बाद बाल-बच्चों के साथ रहते थे।  बता दें कि आलबर्ट जॉर्ज काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। वे अपने पैतृक आवास बेतिया में रविवार को पूर्वाह्न 11:45 मिनट दम तोड़ दिए। वे 71 वर्ष के थे। अपने पीछे पत्नी मार्सल अालबर्ट, पुत्र आलोक लाल और आनंद लाल को छोड़ गए।एक पुत्री अमिता अनुपमा है। बता दें कि पटना संत माइकल हाई स्कूल के मिनिस्टर फादर सेराफिन जौन लाल का बड़े भाई है आलबर्ट जॉर्ज। फादर सेराफिन का भतीजा लोग मिलकर सब खेती गृहस्थी करते हैं। भाइयों की बहन अमिता अनुपमा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थीं।आगामी अक्टूबर माह में वैवाहिक बंधन में बंधने वाली थीं। बच्चों का फादर अंकल सेराफिन जॉन लाल दुखद खबर सुनकर पटना से बेतिया आ गए।सामाजिक व पारिवारिक दायित्व निभाने संत माइकल हाई स्कूल के मिनिस्टर फादर सेराफिन जौन लाल अग्रज आलबर्ट का निधन पर शोक जताने पटना से बेतिया पहुंचे। उनके साथ फादर अरूण भी साथ आए। आज सोमवार के बेतिया महागिरजा घर में मिस्सा हुआ। पवित्र मिस्सा में मुख्य फादर सेराफिन जौन लाल , सह याजक फादर सुशील साह, फादर अरूण आदि साथ थे।इसके पूर्व पार्थिव शरीर के साथ घर में प्रार्थना की गयी। इस अवसर पर परिवार के सभी मेंबर उपस्थित रहे। मिस्सा के बाद महागिरजा घर से 4:00बजे से शव यात्रा शुरू हुई। फादर सेराफिन जौन लाल के बड़े भाई आलबर्ट जॉर्ज के निधन पर सिसिल साह,गोडेन अंतोनी ठाकुर, फ्रांसिस जेवियर, मुकेश स्टेनली, सोनू विंसेंट,राजेश इंदर,जसिंता चार्ल्स,किशोरी विक्टर नटाल,रचना तिर्की आदि ने हार्दिक श्रद्धांजलि दी है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जुलाई

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आज 10 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजीटिव प्राप्त हुई, जिले में कुल एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 43 हुई

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 जुलाई की रात्रि में 6 तथा सोमवार को 4 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजाटिव प्राप्त हुई है। जिले में वर्तमान एक्टिव पॉजीटिव मरीजों की संख्या अब 43 हो गई हैं एवं कुल पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 57 हो गई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 12 जुलाई रात्रि में 6 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई जिसमें दुर्गा कॉलोनी सीहोर के 3 व्यक्ति, इछावर वार्ड नंबर 5 का 1, अलीपुर ईदगाह कॉलोनी के 2 व्यक्ति शामिल हैं। वहीं सोमवार को 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है उनमें नसरुल्लागंज के ग्राम वासुदेव एवं रालागांव से 1-1 व्यक्ति कस्बा सीहोर से 1 व्यक्ति शामिल हैं। दोराहा निवासी एक पॉजीटिव व्यक्ति की रिपोर्ट आज पोर्टल पर प्रदर्शित हुई है। इस प्रकार 10 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव दर्ज की गई। पॉजीटिव व्यक्तियों में 3 महिलाएं तथा 7 पुरुष शामिल हैं। सोमवार को 3 कंटेनमेंट एरिया घोषित किए गए जिसमें नसरुल्लागंज का वासुदेव, श्यामपुर का दोराहा तथा आष्टा का ईदगाह अलीपुर शामिल हैं। जिले में एक्टिव कंटेनमेंट जोन की संख्या अब बढ़कर 17 हो गई है वहीं 8 कंटेनमेंट एरिया जो पूर्व में कंटेनमेंट से मुक्त हो चुके हैं। नसरुल्लागंज के रालागांव में कंटेनमेंट एरिया बनाए जाने की प्रशासनिक प्रक्रिया प्रांरभ कर दी गई है। 3 संक्रमित व्यक्तियों का उपचार सीहोर से बाहर अन्य जिलों में चल रहा है जिसमें दोराहा एवं अहमदपुर निवासी 1-1 व्यक्ति उपचार के लिए भोपाल में भर्ती हैं। वहीं सैकड़ाखेड़ी निवासी 1 व्यक्ति का उपचार इंदौर में चल रहा है। 2 2 संक्रमित व्यक्ति सीहोर जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती है शेष सभी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का उपचार जिला कोविड केयर सेंटर में चल रहा है। जिले में अब तक 12 पॉजीटिव व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं वे सभी स्वस्थ्‍ होकर घर लौट चुके हैं तथा 2 पॉजीटिव मरीजों की मृत्यु इंदौर तथा भोपाल में उपचार के दौरान हो चुकी है जिसमें से एक महिला तथा एक पुरुष शामिल हैं दोनों ही मरीज किडनी पेसेंट थे जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। सोमवार को 87 कोरोना सैंपल जांच हेतु लिए गए हैं जिसमें नसरुल्लागंज क्षेत्र से 9, बिल्किसगंज से 4, जिला चिकित्सालय से 5, आष्टा से 30, दुर्गा कॉलोनी से 29, इछावर से 2, दोराहा से 7 तथा अमलाहा का 1 सैंपल शामिल है। कंटेनमेंट एरिया दोराहा, वासुदेव, आष्टा के ईदगाह अलीपुर सहित गुड़भेला, वार्ड नंबर 5 इछावर में स्वास्थ्य दलों का सघन सर्वेक्षण चल रहा है। कस्बा दीवानबाग में बनाए गए कंटेनमेंट एरिया में 40 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 212 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं बफर जोन में 48 घरों का सर्वे कर 227 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं सीहोर के वार्ड नंबर 14 करोली वाली माता मंदिर एरिया में 2 स्वास्थ्य दलों द्वारा 51 घरों का सर्वे कर 279 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया वहीं बफर जोन में 118 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 477 व्यक्तियो के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। सीहोर मंडी क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 कंटेनमेंट एरिया में आज 17 घरों का सर्वे कर 113 व्यक्तियों के स्वास्थ का  फालोअप लिया गया वहीं बफर एरिया में 48 घरों का सर्वे कर 303 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। आष्टा के वार्ड नंबर 1 जैन मंदिर क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया में आज स्वास्थ्य सर्वे दलों द्वारा 66 घरों का सर्वे कर 358  व्यक्तियों के स्वास्थ का फालोअप लिय गया वहीं बफर जोन में 11 घरों का सर्वे कर 64 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया। वहीं  आष्टा के अलीपुर वार्ड नंबर 2 कंटेनेमेंट एरिया में आज सर्वे दल द्वारा 23 घरों का सर्वे कर 117 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया तथा फालोअप लिया। इछावर षहरी क्षेत्र के कंटेमेंट एरिया वार्ड नंबर 6 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 25 घरों का सर्वे कर 103 व्यक्तियांे के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की गई। वहीं सीहोर के कंटेनमेंट एरिया वार्ड नंबर 4 रिमझिम ढाबा वाले क्षेत्र में 18 घरों का सर्वे कर 55 व्यक्तियों से स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया वहीं वार्ड नंबर 27 सब्जी मंण्डी वाले कंटेनमेंट एरिया में 37 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 250 व्यक्तियों के स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया। वार्ड नंबर 27 के बफर जोन में 67 घरों का सर्वे कर 261 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फाॅलोअप लिया गया। कंटेनमेंट एरिया-2, सैकड़ाखेडी रोड वार्ड नंबर 4 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 18 घरों का सर्वे कर घर-घर पहुंचकर 55 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वही श्यामपुर विकासखण्ड के अहमपुर कंटेनमेंट एरिया में 84 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 359 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया है। जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान एक भी ऐसे व्यक्ति की पहचान नहीं की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे। जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 43913 है। डॉ. डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। अब तक कुल 43913 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक कुल 1966 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 1688 सेंपलों की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। अभी तक हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की कुल संख्या 14 है। 192 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 29 है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है। जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क  नंबर-7247704181 है कोविड-19 से संबंधित जानकारी इस संपर्क नंबर पर ली व दी जा सकती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसीन के लिए संपर्क नंबर 07562-401259 जारी किया गया है तथा राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104  नंबर पर ई-परामर्श सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा हेतु www.esanjeevaniopd.in पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्टेªट कार्यालय सीहोर में भी जिला स्तरीय काॅल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है तथा होम क्वारंटाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002330175 जारी किया गया है। जिस पर संस्थागत क्वारंटाइन अथवा होम क्वारंटाइन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोषनल वेलनेस अथवा साईकोलाजिकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्ष मानसिक सेवा प्रदाताओं से निःशुल्क प्राप्त कर सकते है।

जिले में अब तक 356.4 मि.मी. औसत वर्षा

जिले में आज 13 जुलाई, 2020 की प्रात:8 बजे समाप्त पिछले चौबीस घन्टों में 10.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले में 356.4 मि.मी औसत बारिश रिकार्ड की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 288.2 मि.मी बारिश रिकार्ड की गई थी। अधीक्षक, भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घन्टों में सीहोर में 8, श्यामपुर में 65, आष्टा में 8, इछावर में 6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि जावर, नसरुल्लागंज, बुधनी एवं रेहटी वर्षा की स्थिति शून्य रही। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 388.3, श्यामपुर में 274, आष्टा में 352.6, जावर में 333.2, इछावर में 303.5, नसरुल्लागंज में 374, बुदनी में 341 एवं रेहटी में 476.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गत वर्ष इस अवधि में सीहोर में 246.7, श्यामपुर में 253, आष्टा में 331, जावर में 170, इछावर में 334, नसरुल्लागंज में 409, बुधनी में 234 रेहटी में 327.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थल को कलेक्टर ने किया कंटेंटमेंट क्षेत्र घोषित, जिले में 5 और कंअेनमेंट एरिया बनाए गए

सीहोर में कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थल को कलेक्टर श्री अजय गुप्ता द्वारा मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 71 के तहत कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है। कलेक्टर श्री गुप्ता द्वारा जारी आदेश अनुसार कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थान इछावर नगर के वार्ड क्रमांक 5 कुम्हार मोहल्ला को जुगल प्रजापति के मकान से मोहित कुम्हार के मकान होते हुए महेन्द्र प्रजापति के मकान तक, त्रिलोक पंवार के मकान से योगेश राव के मकान से होते हुए दरियाव प्रजापति के मकान तक, ग्राम गुड़भेला वार्ड नंबर 19 मोहल्ला नई बस्ती मैन रोड को इस्माईल खां के मकान से उत्तर में हरिभान के मकान तक, पूर्व में कनिजा बी से दक्षिण में रामेश्वर के घर तक एवं उत्तर दिशा में बफर जोन एरिया लतीफ खां रिमोल्डिंग टायर की दुकान तक दिक्षण में अजब सिंह, पश्चिम में मोगराराम का रोड नेपाल सिंह के घर तक, वार्ड नंबर 15 मालवीय नगर आष्टा को उत्तर दिशा में जीएल मालवीय के मकान से दक्षिण में अनारसिंह पटेल के मकान तक, अनारसिंह पटेल के मकान से पश्चिम फतेहसिंह ठाकुर के मकान तक, फतेहसिंह ठाकुर के मकान से उत्तर में महेन्द्र सिंह ठाकुर के मकान तक एवं पूर्व में जीएल मालवीय के मकान तक, वार्ड नंबर 30 तलैया मोहल्ला कस्बा सीहोर को प्रेमदादा सेववाले से कमलेश मालवीय के मकान तक, इरफान भाई के मकान से बन्ने खां के मकान तक, ग्राम करंजखेड़ा तहसील श्यामपुर को पश्चिम में प्रेमनारायण वर्मा की दुकान से पूर्व में प्रहलाद सिंह पूर्व सरपंच के मकान तक, उत्तर में देवकरण वर्मा के मकान से दक्षिण में धरमसिंह वर्मा के मकान तक कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है। कंटेनमेंट एरिया के अन्तर्गत पूर्ण रूप से आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट एरिया के समस्त निवासियों का होम कोरोनटाईन में रहना उचित होगा। कंटेनमेंट एरिया के अंदर भी आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। 

एमपी ऑनलाइन के मान्यता पोर्टल पर आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर

आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल द्वारा सभी अशासकीय संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि वे नवीन मान्यता वर्ष 2021-22 एवं मान्यता नवीनीकरण हेतु एमपी ऑनलाइन के मान्यता पोर्टल पर आवेदन करें। आवेदन करने की अंतिम तिथि दिनांक 15 सितंबर 2020 तक नियत की गई है। मान्यता नवीनीकरण के प्रकरणों में उन संस्थाओं को भी आगामी वर्षों की मान्यता नवीनीकरण हेतु आवेदन करना होगा जिनकी मान्यता 31 मार्च 2021 तक यथावत मान्य किया गया है।  

आशा सहयोगी की चयन सूची जारी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि जिले के चिन्हित विकासखंड आष्टा, इछावर, नसरुल्लागंज एवं श्यामपुर के लिए चयनित आशा सहयोगी की चयन सूची जारी कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सहित विकासखंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चयन सूची पर दावा आपत्ति के लिए 30 दिवस का समय दिया गया है। दावा आपत्ति 30 दिवस के भीतर संबंधित विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को प्रस्तुत की जा सकेगी उसके उपरांत किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति मान्य नहीं की जाएगी।  

प्रधानमंत्री किसान मानधान योजना में पंजीयन कराकर कृषकगण लाभ उठाएं

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने बताया है कि लघु एवं सीमांत किसानो को वृद्धावस्था में पेंशन की सुविधा हेतु प्रधानमंत्री किसान मानधान योजना संचालित की जा रही है। योजनांतर्गत 18 से 40 वर्ष आयु के लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक भूमि है वे किसान भाई योजना के तहत पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे किसान जो 18 से 40 वर्ष आयु के है उन्हें 60 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 55 से 200 रूपए तक की राशि जमा करानी होगी। 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उन्हें 3 हजार रूपए की मासिक पेंशन प्रदाय की जायेगी। किसान भाई योजना का लाभ लेने हेतु कामन सर्विस सेंटर में पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन हेतु आधार कार्ड की कापी, खसरा, खतोनी की नकल, बी-1 फार्म, दो पासपोर्ट साइज फोटो एवं बैंक पासबुक की आवश्यकता होगी। उन्होंने जिले के समस्त किसान लघु एवं सीमांत किसान है जो 18 वर्ष से 40 वर्ष के है। पात्र किसान कामन सर्विस सेंटर में पंजीयन करा प्रधानमंत्री मानधान योजना का लाभ उठाने की अपील की है।     

अशासकी संस्थाओं की नवीन मान्यता हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर

आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल द्वारा सभी अशासकीय संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि वे नवीन मान्यता वर्ष 2021-22 एवं मान्यता नवीनीकरण हेतु एमपी ऑनलाइन के मान्यता पोर्टल पर आवेदन करें। आवेदन करने की अंतिम तिथि दिनांक 15 सितंबर 2020 तक नियत की गई है। मान्यता नवीनीकरण के प्रकरणों में उन संस्थाओं को भी आगामी वर्षों की मान्यता नवीनीकरण हेतु आवेदन करना होगा जिनकी मान्यता 31 मार्च 2021 तक यथावत मान्य किया गया है।  

ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी से खुश हो रहे ग्रामीण (सफलता की कहानी)

जिले में आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक औषधियों का वितरण निरंतर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में के घरों में पहुंचकर किया जा रहा है। इस संकट इस घड़ी  में जिले के ग्राम बमूलिया सहित अनेक ग्रामों में आशा कार्यकर्ताएं घर-घर जाकर लोगों को कोविड-19 के बचाव के लिए जागरुक कर रहीं हैं। ग्रामीण बताते हैं कि वैसे तो टीवी पर कोरोना को लेकर कई जागरुकता कार्यक्रम आते हैं लेकिन उनसे सही समझ नहीं आता है, लेकिन गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं जब घर-घर आकर कोरोना वायरस के फैलाव एवं बचाव से संबंधित जानकारी बताने से ग्रामीण काफी जागरुक हो गए हैं। साथ ही वह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गोलियां भी वितरित करती हैं। ग्रामीण भी अब बिना मास्क या गमछे से मूंह ढंके बिना घर से नहीं निकलते हैं। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गोलियों का भी सेवन नियमित रूप से किया जा रहा है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हर्ष सिंह ने संभाला पदभार

मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर (विकास) श्री हर्ष सिंह (आई.ए.एस.) द्वारा सोमवार को जिला पंचायत सीहोर में कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है।  

चार स्थानांतरण से परेशान हुई आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी

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सीहोर। आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा संचालित छात्रावास अधीक्षिका पर महिला कर्मचारी ने गंभीर अनियमित्ताएं के आरोप लगाए है। महिला कर्मचारी को बार बार स्थानांतरण कर प्रताडि़त भी किया जा रहा है। महिला कर्मचारी और अधीक्षिका का विवाद विभाग में सुर्खियों में बना हुआ है। पीडि़त महिला ने कलेक्टे्रट में रखे गए डब्बे में भी शिकायती पत्र कलेक्टर के नाम डाला है। इधर विभागीय जिला संयोजक को शिकायती पत्र देकर अधीक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाहीं करने की मांग पीडि़त महिला कर्मचारी ने की है। पति गेंदालाल की हत्या के बाद ग्राम मुगांवली की मीना भारती को बच्चों के जीवन यापन के लिए वर्ष २०१७ में तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा आदिमजाति कल्याण विभाग में स्थाईतौर पर रसोईया के रूप में पदस्थ कराया था। फिलहाल मीना बाई शासकीय उत्कृष्ठ कन्या महाविद्यालियन छात्रावास में सेवा देकर विभाग से मिलने वाले वेतन से चाणक्युपरी में रहकर अपने बच्चों का पालन पौषण कर रही है मीना बाई ने छात्रावास अधीक्षिका पर दुर्भावना के साथ प्रताडि़त करने के लिए  पांच माह में चार पर स्थानांतरण करने का आरोप लगाया है।

पीओएस मशीन में अंगूठा लगाने से फैल सकता है कोरोना
ऑफ लाईन राशन वितरण करने के निर्देश देने की मांग उचित मूल्य दुकानदार संचालक संघ ने कलेक्ट्रेट में दिया ज्ञापन
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सीहोर। पीओएस मशीन में अंगूठा लगाने से कोरोना वायरस फैलने की संभावना बनी हुई है। शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानदारों में खौफ का माहौल बना हुआ है। सेल्समेनों ने पीओएस मशीन मेंं उपभोक्ताओं के अंगूठे लगाने की प्रक्रिया जनहित में बंद कर ऑफ लाईन राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की है। सोमवार को उचित मूल्य दुकानदार संचालक संघ ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला खाद्य अधिकारी शेलेष शर्मा को ज्ञापन दिया है। संघ अध्यक्ष श्याम सोनकर ने कहा की भोपाल में एक सेल्समेन की कोरोना संक्रमित होने से मौत हो चुकी है सेल्समेन का पूरा परिवार वायरस का शिकार हो गया है। इधर सीहोर शहर के अधिकांश वार्डो में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है। राशन दुकानों पर बड़ी संख्या में राशन लेने के लिए नागरिक पहुंच रहे है। उपभोक्ताओं को पीओएस मशीन में राशन देने के लिए सेल्समेन को अंगूठा लगवाना पड़ता है जिस से सेल्समेन भी संक्रमित हों सकता है। कोरोना का भय सेल्समेनों के परिवारों में बना हुआ है। पीओएस मशीन सीधे संक्रमित मरीज के संपर्क में आकर सेल्समेन और अन्य उपभोक्ताओं को कोरोना से संक्रमित कर सकती है एैसे हालातों में जनहित और सेल्समेन की सुरक्षा के लिए पीओएस मशीन से अंगूठा प्रक्रिया बंद कर ऑफ लाईन प्रक्रिया से शासकीय उचित मूल्य दुकानों से राशन वितरण के निर्देश दिए जाना जरूरी है। ज्ञापन देते समय उचित मूल्य दुकानदार संचालक संघ उपाध्यक्ष कीर्ति श्रीवास्तव, सरंक्षक नरेंद्र अग्रवाल मोहनीस बेग, सचिव लाकेंद्र वर्मा, सह सचिव कमलेश कुशवाहा, कोषाघ्यक्ष गोविंद दिसोरिया, अशोक राठौर, राकेश कुल्हारिया, सुभाष मेवाड़ा, राजा अग्रवाल, पुरूषोत्तम निरखा, शेर सिंह राजपूत, नितिन राठौर, सलीम मलिक,रमेश टेलर कल्याण सिंह आदि उपस्थित रहे।

तीन बार गिर चुकी है भारी भरकम दीवार,मरने से बचा पड़ोसी पीडि़त परिवार  
भयभीत पड़ोसी परिवार ने प्रशासन से की मकान गिराने की मांग, दिया ज्ञापन
सीहोर। कोतवाली चौराहा स्थित जर्जर पुराने मकान से भयभीत पड़ोसी परिवार ने लिखित शिकायत कर नगर पालिका प्रशासन से सैकड़ों मासूम बच्चों और मरीजों सहित खतरनाक मकान में रह रहे परिवार और स्वयं के बीबी बच्चों की जान बचाने के लिए मकान को गिराने की मांग की है।  कोतवाली चौराहा वार्ड क्रमांक 6 में निवासरत रिजवान खान पुत्र उस्मान खान ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी संदीप श्रीवास्तव को बताया की जर्जर हो चुका मकान सौ साल पूराना है बल्लियों पर टिके कच्चे मकान में बच्चों और मरीजों की जान के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है। नियमों को तांक पर रखकर लम्बे समय से मदरसा और निजी दवा खाना खंडहर हो चुके मकान में संचालित किया जा रहा है।  रिजवान ने बताया की मकान मस्जिद कमेटी के नाम दर्ज है संबंधित परिवार भी अपनी जान जोखिम में डालकर बार बार रिपेरिंग कराकर जबरन रह रहा है कई बार मकान खाली करने के लिए पड़ोसियों ने कहा है लेकिन खतरनाक मकान खाली नहीं किया जा रहा है। मकान की तीन बार दीवारे गिर चुकी है। हादसे में पत्नि और बच्चों को चोटे आ चुकी है। बारिश में यह मकान गिर सकता है जानमाल का नुकसान भी होना संभावित है। फरियादी ने मकान की जांच कराकर बारिश से पहले उचित कार्रवाहीं कराए जाने की अपील जिला प्रशासन से की है।

बहुजन क्रांति मोर्चा ने किसानों के लिए किया पूर्वं राजस्व मंत्री के घर के बाहर धरना प्रदर्शन
गरीब किसानों को शासन 18 साल में नही दिला सका जमीन का मालिकाना हक
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सीहोर। बहुजन क्रांति मोर्चा से जुड़े किसानों ने ग्राम जमोनिया हटेसिंह पहुंचकर सोमवार सुबह पूर्व राजस्व मंत्री इछावर विधायक करण सिंह वर्मा के घर के सामने भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश मालवीय के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। इछावर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कालापीपल और लासुडिय़ा कांगर के अनुसूचित जाति, जनजाति के गरीब 19 किसानों को शासन अबतक जमीन का मालिकाना हक नहीं दिला सका है। आवंटित 45 एकड़ भूमि पर गांव के हीं उच्च वर्ग के दंबगों का कब्जा  है। शासन के द्वारा गरीब किसानों को 18 साल पहले खेती के लिए भूमि आवंटित की गई थी। बहुजन क्रांति मोर्चा पट्टे की जमीन का मालिकाना हक किसानों को दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश मालवीय ने बताया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले की तहसील इछावर के ग्राम कालापीपल एवं लसूडिया कांगर में वर्ष 2002 में अनुसूचित जाति, जनजाति के गरीब किसान परिवारों को शासन द्वारा पट्टे की जमीन दी गई थी लेकिन  जमीन पर शासन ने कब्जा नहीं दिलवाया जिसको लेकर किसानों ने अनुविभागीय अधिकारी इछावर के समक्ष अपील की। सुनवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट ने  अनुसूचित जाति जनजाति के गरीब किसानों के हक में फेसला दिया था इस के बाद भी किसानों को जमीन का कब्जा स्थानीय प्रशासन के द्वारा नहीं दिलवाया गया। उक्त भूमि पर गांव के ही उच्च जाति के दबंग लोगों का कब्जा बरकरार है। पूर्व राजस्व मंत्री को ज्ञापन देने के बाद श्री मालवीय ने कहा की अगर गरीब किसानोंं को उनका बाजिव हक नही दिलाया गया तो सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जन आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक जितेन्द्र मालवीय, विद्यार्थी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष गौरव दुगारिया, बहुजन क्रांति मोर्चा के अरविंद मालवीय, धर्मेंद्र बामनिया, सुधीर मालवीय, अजय धाकड़, मुन्ना लाल मेवाड़ा, प्रेमनारायण,रमेश,मनोहर, नर्मदा प्रसाद, गेंदालाल, इमरतलाल, नरवत सिंह, देवी सिंह, बाबूलाल, माधो सिंह आदि शामिल रहे।


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जुलाई

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विदिशा विधायक श्री भार्गव जी के कार्यालय पर हुये जानलेवा हमले के अरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी ने दिया धरना 

विदिशाः- विगत 25 जून 2020 को नगरपालिका अध्यक्ष एवं उनके साथियों द्वारा विदिशा विधायक शशांक श्री कृष्ण भार्गव जी की फेक्ट्री स्थित कार्यालय पर किये गये हमले पथराव एवं फायरिंग किये जाने की घटना के परिणाम स्वरूप विधायक जी द्वारा अपराधियों की बीडियों सहित शहर के पुलिस कप्तान, देहात थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन आज दिनांक तक आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी।  ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्री दीवान किरार ने बताया कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर विधायक जी के उपर हुये जानलेवा हमले के खिलाफ हमलावरों की गिरफ्तारी हेतु आंदोलन के लिये खडी है। धरना प्रदर्शन के माध्यम से ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी आरोपियों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग करती है। धरना को संबोधित करते हुये नगर कांग्र्रेस अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र पीतलिया ने कहा कि भाजपा ने साम दाम दण्ड भेद सारे हथकंडे अपनाकर म.प्र. में कांग्रेस को सरकार से बेदखल किया है और फिर विदिशा विधायक पर भी हमला करवाया है लेंकिन फिर भी विधायक भार्गव को वे टस से मस न कर सकें। अंततः फायरिंग की भी नौवत ये भाजपा लाई एवं विधायक जी के कार्यालय पर पथराव एवं फायरिंग करवाई। कार्यक्रम का संचालन श्री अभिराज शर्मा ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में किसान नेता श्री मोहरसिंह रघुवंशी, डाॅ. राजेन्द्र दांगी, राजेश दुबे बर्रो, रवि साहू, संजीव प्रजापति, ओपी सोनी, बाबूपाल, सुरेश मोतियानी, रामराज सिंह दांगी, सुमित पाल, आदि लोगों ने संबोधित किया।  धरना में श्री नरेन्द्र रघुवंशी, नरेन्द्र पीतलिया, देवेंन्द्र दंागी, गोविन्द भार्गव, राजकुमार डीडोत, जोहरमियाॅ, टूनम दुबे, निशिथ मिश्रा, शंकर तोमर, मोनूपाल, मनोज कुशवाह, योगेश सेन, मलखानसिंह मीणा, डालचंद अहिरवार, किशोर रघुवंशी, प्रभुधानक, डी.के.रैकवार, मनोज साहू, बलवीर कुशवाह, वृजेनद्र वर्मा, जयप्रकाश चतुर्वेदी, भूपेन्द्र रघुवंशी, पर्वतंिसह गौड, विनोदसिंह राजपूत, उमाशंकर, धीरज कुमार लोधी, वीरेन्द्र शर्मा, प्रदीप वैध, हेमन्त शर्मा, सुनील रघुवंशी पांझ, जसवंतसिंह यादव, माधो अहिरवार, निरंजनसिंह दांगी, कोमल प्रसाद जाटव, बदनसिंह लोधी, जावेद मंसूरी, संतोष गुंर्जर, ललित शर्मा, दशन सक्सेना, राजनारायण तिवारी, सुनिता बाई, रानी, गीताबाई, रजनीबाई, कमलाबाई, मिश्रीबाई, विमलाबाई, रामकली बाई, रामप्यारीबाई, गीताबाई, लीलाबाई, अमराबती देवी।

विभिन्न मुद्दो पर मार्गदर्शन लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक सम्पन्न 

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कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक में विभिन्न मुद्दो पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने मुद्दो के संबंध में दिए गए निर्देशो का क्रियान्वयन करने के निर्देश समस्त एसडीएमों को दिए है। नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने निर्देश दिए है कि जिले में फर्जी चिट फंड कंपनी सक्रिय ना हो इसके लिए समस्त एसडीएम अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में स्थानीय अमले के माध्यम से सतत मॉनिटरिंग व निरीक्षण कराते रहें यदि  कही कोई चिट फंड कंपनी पाई जाती है तो उसके रजिस्ट्रेशन रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के अनुरूप कार्यो का सम्पादन कर रही है कि नहीं का पता करें। यदि कही त्रुटि पाई जाती है तो चिट फंड कंपनी के संचालक के खिलाफ पुलिस में प्रकरण पंजीबद्व कराया जाए।  कलेक्टर डॉ जैन ने एनएचए की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना वायरस कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा निर्देशो का पालन करते हुए कांबड यात्रा के लिए अनुमतियां प्रदाय नही की जानी है से संबंधितों को अवगत कराएं। उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि धार्मिक संगठनों की बैठके आहूत कर काबडियो को गाईड लाइन से अवगत कराएं।  कलेक्टर डॉ जैन ने निर्देश दिए है कि जिले में कही भी पीओपी की मूर्तियों का निर्माण कार्य ना कराया जाए। उन्होंने आगामी पर्व गणेश और दुर्गा उत्सव में मूर्तियां स्थापित की जाती है अतः मूर्तिकार अभी से मूर्तियां बनाने का कार्य शुरू कर देते है। अतः समस्त एसडीएम अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में मूर्तिकार की बैठक आहूत कर मध्यप्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइड लाइन से अवगत कराएं ताकि मूर्तिकार अभी से सूचित हो सकें और उनके द्वारा पीओपी की मूर्तियां तैयार ना की जा सकें। धार्मिक आयोजनों में पंडाल लगेंगे इसके लिए अभी से गाइड लाइन के अनुरूप कार्यो का सम्पादन करना शुरू करें।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने जिले के सभी निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि साफ सफाई कार्यो को सम्पादित करने वाले सभी सफाईकर्मियों का रोलकॉल कर इस बात का अनिवार्यतः पता करें कि जितने सफाई कर्मचारियो को वेतन दिया जा रहा है उतने है कि नहीं। उन्होंने सभी क्षेत्रों में साफ सफाई के लिए आयुक्त द्वारा जारी गाइड लाइन अनुसार कार्यो का सम्पादन करने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर डॉ जैन ने खासकर विदिशा एवं बासौदा निकाय क्षेत्र में कार्यरत सभी सफाई कामगारों से लिए जा रहे कार्यो का अगले हफ्ते पूरा प्लान सहित जानकारियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है इस दौरान दोनो निकायों के सीएमओ ने बताया कि विदिशा में चार सौ सफाईगारों का वेतन आहरण किया जा रहा है इसी प्रकार बासौदा में 210 सफाईकर्मी कार्यरत है।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन  ने वनाधिकार अधिनियम के तहत प्रदाय किए जाने वाले आवासीय व खेती के पट्टो के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए है कि पुनः समीक्षा में शामिल आवेदनों में जो भी कार्यवाही हो अर्थात पट्टे प्रदाय किए जा सकते है या नहीं स्पष्ट कारणों सहित उल्लेख किया जाए ताकि अपील करने के पूर्व संबंधित आवेदनकर्ता वस्तुस्थिति से स्पष्ट अवगत हो सकें।  ग्राम स्तरीय तथा खण्ड स्तरीय समिति की कार्यवाही में सभी प्रकरणों में स्पष्ट मतांकन अंकित हो ताकि जिन आवेदनों पर सहमति देने के कारण अंकित किए जाएं। पूर्व में आवेदन क्यों निरस्त हुआ था भी स्पष्ट वर्णित हो।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने संबंधितों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुसार निरस्त दावो के दावाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देना है और उन्हें निरस्त होने अथवा स्वीकृत होने के स्पष्ट कारणों से अवगत कराना है। उन्होंने समस्त एसडीएमों को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने जिले में क्रियान्वित किल कोरोना अभियान के कार्यो की क्रास मानिटरिंग हेतु अधिकारियों को दायित्व सौंपने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार सार्थक एप अनिवार्य रूप से अधिक से अधिक नागरिकों तथा समस्त शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल में डाउनलोड होना चाहिए। 
शोकॉज नोटिस
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने टीएल बैठक के दौरान अधिकारियों से सार्थक एप डाउनलोड किया गया है कि नहीं की जानकारी प्राप्त की गई। मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी और वेयर हाउस के प्रबंधक द्वारा अब तक सार्थक एप डाउनलोड नही करने के कारण उक्त दोनो अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि भविष्य में जो भी बैठके आयोजित हो उपरोक्त बैठकों में शामिल होने वाले अधिकारी, कर्मचारी बैठक कक्ष में आने से पूर्व सार्थक एप अनिवार्यतः डाउनलोड के उपरांत ही बैठक में शामिल हो। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी पृथक से निर्देश दिए है जिले में सर्वाधिक कर्मचारी शिक्षा विभाग में पदस्थ है अतः अधीनस्थ अधिकारियों, शिक्षकों एवं अन्य अमले को सार्थक एप डाउनलोड कराएं। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा विभिन्न विभागों में लंबित आवेदनों की समीक्षा की गई। उन्होंने उत्तरा पोर्टल पर जानकारी अंकित करने को ही प्रतिवेदन मानते हुए सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि टीएल संबंधी जो भी पत्र जो भी विभागों को प्राप्त होता है वे उसे सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण करते हुए की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरा पोर्टल पर अनिवार्यतः दर्ज करें। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आरईएस, जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, नगरपालिकाओं, ऊर्जा, आदिम जाति कल्याण विभाग, खाद्य विभाग, पीआईयू तथा गेंहू उपार्जन कार्ये को सम्पादित कराने वाले विभागों के लंबित आवेदनों की समीक्षा की गई। उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह के अलावा समस्त एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।  

लॉकडाउन का उल्लघंन करने वालो से जुर्माना राशि साढे छब्बीस हजार की वसूली

विदिशा एसडीएम श्री गोपाल सिंह वर्मा ने बताया ने कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतु जारी गाइड लाइन का उल्लघंन करने वालो के खिलाफ नियमों के तहत कार्यवाही जारी है।  एसडीएम श्री वर्मा ने बताया कि सम्पूर्ण लॉक डाउन रविवार 12 जुलाई को नियमों का उल्लघंन करने, बिना मास्क के वाहन चालक पर कलेक्टर के निर्देशानुसार सघन जांच पड़ताल कर कार्यवाही की गई है। रविवार को 162 लोगो से जुर्माना राशि 26500 की वसूली की गई है। साथ ही उन्हें लॉकडाउन का उल्लघंन नहीं करने एवं घर पर सुरक्षित रहने की समझाईंश दी गई।

सोनोग्राफी मशीन लोकार्पित

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श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय विदिशा को सेमसंग कंपनी द्वारा डोनेट की गई अल्ट्रासाउंड मशीन का आज विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कक्ष का फीता काटकर व मशीन के अनावरण को हटाकर लोकार्पित किया है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे भी साथ मौजूद थे। आधुनिक सोनोग्राफी मशीन के संबंध में बताया गया कि प्रदेश में यह तीसरी मशीन है जो विदिशा में स्थापित की गई है इससे पहले भोपाल और छिंदवाडा में इस प्रकार की मशीन स्थापित हो चुकी है। आधुनिक अल्ट्रा साउण्ड मशीन की विशेषताओं के संबंध में संचालकों द्वारा जानकारी दी गई।

चार जनपदो के सीईओ को शोकॉज नोटिस 

जिला पंचायत के सीईओ श्री मयंक अग्रवाल के द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत दावो के सत्यापन कार्यो के लक्ष्यों में अनुरूप कार्य सम्पादन नही कराने वाले चार जनपद क्रमशः  ग्यारसपुर, नटेरन, सिरोंज एवं विदिशा के सीईओ को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।  जिपं सीईओ श्री अग्रवाल के द्वारा जारी कारण बताओं सूचना पत्र में उल्लेख है कि जनपद पंचायतों के सीईओ को जिला स्तर से प्रेषित किए गए दावो का नियमानुसार सत्यापन कर समितियों के समक्ष प्रेषित करने थे उपरोक्त कार्यो का शत प्रतिशत क्रियान्वयन नही करने वाले पूर्व उल्लेखित चारो जनपदों के सीईओ को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। ज्ञातव्य हो कि जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल के द्वारा स्वंय संबंधित जनपद के सभागार कक्ष में ततसंबंधी बैठक आहूत कर शासन की मंशा से अवगत कराते हुए जिला स्तरीय समिति के द्वारा प्रेषित प्रत्येक दर्ज दावे को वन अधिकार समिति से को सत्यापन हेतु भेजना है। वन अधिकार समिति के सत्यापन उपरांत ग्रामसभा से अनुमोदन कर वन मित्र पोर्टल पर समस्त साक्ष्य स्कैन कर अपलोड करने थे। उपरोक्त कार्यो की प्रगति की संतोषजनक परलिक्षित नही होने के फलस्वरूप संबंधितों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 15 जुलाई तक अपना  पक्ष स्वंय उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। 

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक सम्पन्न

कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में आयोजित जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले में पूर्व से स्थापित चालीस एकल नलजल प्रदाय योजना के रेट्रोफिटिंग के कार्यो को स्वीकृति प्रदाय की गई है।  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन ने बताया कि विदिशा जिले को इस वित्तीय वर्ष में क्रियाशील घरेलू नलजल कनेक्शन प्रदाय करने 76736 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। त्रैमासिक लक्ष्यों की प्रगति की जानकारी उनके द्वारा प्रस्तुत की गई। इसके अलावा मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित भोपाल को प्राप्त लक्ष्य और उसकी पूर्ति के लिए जिले में प्रगतिरत सगड़ हिनोतिया माली समूह जल प्रदाय योजना जिसमें नटेरन विकासखण्ड के 109 ग्रामो का कार्य पूर्ण होना बताया गया है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्राथमिकता क्रम में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है जिसमें पूर्व से स्थापित नलजल प्रदाय योजनाओं के रेट्रोफिटिंग का कार्य, नवीन एकल एवं समूह नलजल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन  की जानकारी प्रस्तुत की। नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ के अलावा समस्त एसडीएम व विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

सातवें वेतनमान के निर्धारण प्रकरणों का अनुमोदन हेतु 24 एवं 25 को विशेष शिविर 

कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुपालन में जिला मुख्यालय पर जिले के समस्त शासकीय सेवकों का सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण प्रकरणों का अनुमोदन हेतु 24 एवं 25 जुलाई को विशेष शिविर आयोजित किए गए है।  जिला कोषालय अधिकारी श्री उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के समस्त शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान एरियर की द्वितीय किश्त का भुगतान मई 2019 में किया जाना था। सातवें वेतनमान एरियर की द्वितीय किश्त जनरेट तभी हो पाएगी जब संबंधित शासकीय सेवक के वेतन निर्धारण जिला पेंशन कार्यालय से अनुमोदन कराया गया हो ततसंबंध में सभी कार्यालय प्रमुखों एवं आहरण संवितरण अधिकारी से पत्राचार किया गया है किन्तु उनके द्वारा पर्याप्त रूचि नही लेने के कारण आज दिनांक अधीनस्थ कर्मचारियो को वेतन निर्धारण अनुमोदनन नहीं हो सका। संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा भोपाल के द्वारा विशेष शिविर 24 एवं 25 जुलाई को आयोजित किया गया है। अतः ऐसे सभी शासकीय सेवक जिनका सातवें वेतनमान का निर्धारण अनुमोदन करवाया जाना है वे सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण संबंधी समस्त प्रविष्टियां पूर्ण कराकर अंतिम अनुमोदन से संबंधित आईएफएमआईएस में पूर्ण की जाना है। सेवा पुस्तिकाएं जिला पेंशन कार्यालय को 22 जुलाई तक अनिवार्यतः प्रेषित करें।  जिला कोषालय अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने बताया कि सातवें वेतनमान में  वेतन निर्धारण अनुमोदन हेतु जिले के 844 कर्मचारियों के प्रकरण लंबित है जिसमें सर्वाधिक पुलिस अधीक्षक कार्यालय के 355 तथा शेष अन्य दहाई अंक में शामिल विभागो की सूची इस प्रकर से है। जिला चिकित्सालय के 39, लोक निर्माण विभाग के 19, बीईओ ग्यारसपुर के 12, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विदिशा के 16, लोक स्वास्थ्या यांत्रिकी विभाग के 56, महिला एवं बाल विकास विभाग के 22, तहसील सिरोंज के 47, तहसील लटेरी के 53 शामिल है। 

मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों के लिए होगा  ‘‘रोको-टोको’’ कार्यक्रम

विदिशा जिले में अब मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों के लिए ‘‘रोको -टोको’’ कार्यक्रम शासन के द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार क्रियान्वित किया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों को चयनित स्वयंसेवी संस्थाए मास्क उपलब्ध कराँएगी और संबंधित  से  निर्धारित राशि प्रति मास्क की दर से राशि वसूल करेगी।  चयन करते समय संस्थान में उपलब्ध व्यक्तियों की संख्या, संस्थान की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता को ध्यान में रखा जायेगा। ऐसी संस्थानों का पंजीकरण जिला नोडल अधिकारी पोर्टलू  www.mask.upmp.mp.gov.in पर करेंगे।

बिहार : सोशल मीडिया के मोर्चे को मजबूत करेगा माले

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जनांदोलनों और पार्टी के दैनंदिन जीवन का हिस्सा बनेगा सोशल मीडिया
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पटना, कोरोना व लाॅकडाउन काल में सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जनांदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका देखते हुए भाकपा-माले ने सोशल मीडिया को पार्टी के दैनंदिन जीवन का हिस्सा बनाने का निर्णय किया है. आज जूम पर पार्टी की सोशल मीडिया की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सोशल मीडिया के सभी मोर्चों पर अपने काम को युद्ध स्तर पर गति प्रदान करना है तथा ऊपर से लेकर नीचे तक प्रचार का सशक्त माध्यम खड़ा करना है. बैठक में यह बात साफ तौर पर उभर कर आई कि सोशल मीडिया के उपयोग में तेजी से आए परिवर्तन ने उसे अब प्रमुख राजनीतिक हथियार बना दिया है और उसका महत्व पहले की तुलना में कई गुणा बढ़ चुका है. अब वह जनांदोलनों को नई गति प्रदान करने का सबसे सशक्त माध्यम बन गया है. सोशल मीडिया के ही जरिए भाकपा-माले आज तकरीबन 2 लाख प्रवासी मजदूरों के सीधे संपर्क में है और उसने ट्वीटर व अन्य माध्यमों के जरिए लाॅकडाउन के दौरान जहां तक संभव हो सका, उन लोगों को राहत प्रदान करने का काम किया. बिहार आए प्रवासी मजदूरों के सर्वे अभियान के दौरान भी उनसे नंबर इकटठे किए गए हैं. इन मजदूरों के साथ नीतीश कुमार का विश्वासघात एक बार फिर से खुलकर सामने आया है. नीतीश कुमार ने कहा था कि इन लोगों को बिहार में ही उनकी क्षमता के अनुसार काम मिलेगा, लेकिन ऐसा कहीं नहीं हो रहा है. मजदूर एक बार फिर रोजी-रोजगार की तलाश में वापस लौटने लगे हैं. इसकी बजाए भाजपा व जदयू बिहार में वर्चुअल प्रचार में लग गए हैं और बिहार चुनाव को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. प्रवासी मजदूरों, छात्र-नौजवानों, दलित-गरीबों और विभिन्न प्रकार के जनांदोलनों को इस दौर में जब फिजिकल ऐक्टिविटी पर बहुत सारे प्रतिबंध है, भाकपा-माले ने गांव स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप और ब्राॅडकास्ट बनाने का निर्णय किया है. अभी कुल मिलाकर पार्टी के पास 20 हजार व्हाट्एपग्रुप हैं, जिसे जुलाई के अंत तक बढ़ाकर चालीस हजार करने का निर्णय किया गया है.

मधुबनी : जयनगर रेलवे स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया से आग्नेयास्त्र के साथ एक व्यक्ति हुआ गिरफ्तार

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जयनगर/मधुबनी (अनुराग कुमार) मधुबनी जिले के जयनगर रेलवे स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया से कल देर रात यात्रियों को लूटने की योजना से आये कोरहिया निवासी नौजवान दिलीप यादव को एक देसी पिस्तौल ओर दो कारतूस के साथ पकड़ा गया, जिसे आज सुबह प्रेसवार्ता के बाद जेल भेज दिया गया है। जानकारी देते हुए जयनगर जीआरपी के थानाध्यक्ष विनोद राम ने बताया कि अभी एक मात्र ट्रैन शहीद/सरयू-यमुना एक्सप्रेस चल रही है, जिससे यात्री देर रात आते हैं बाहर से। जिनको लूटने की योजना उक्त अपराधी की थी, जिसको रेल पुलिस ने नाकाम कर दिया है। उक्त अपराधी को केस फर्ज कर रेल थाने भेज दिया गया है।

मधुबनी : विकास कोष से पुस्तकालय भवन के निर्माण का सुमन महासेठ का आदेश

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) सुमन महासेठ जी,विधान परिषद सदस्य नें स्थानीय जे एम डी पी एल महिला महाविद्यालय का निरीक्षण किया।श्री महासेठ जी अपने विकास कोष से महाविद्यालय में पुस्तकालय भवन के निर्माण का आदेश दिया।इस दिशा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् मधुबनी विगत कई माह से प्रयासरत रहा है।वहीं मधुबनी जिला के पूर्व जिला संयोजक एवं अभाविप के प्रदेश कार्य समिति सदस्य श्री अशोक कुशवाहा ने श्री सुमन महासेठ जी से निवेदन किया कि महिला महाविद्यालय जिला का एक मात्र महिला महाविद्यालय है तथा इसके विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए तथा महाविद्यालय के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।श्री सुमन महासेठ जी नें घोषणा की कि महाविद्यालय के विकास के लिए सभी प्रयास करेंगे। उन्होंने पुस्तकालय भवन के निर्माण के लिए प्रारूप तैयार करने का आदेश अपने अभियंता को दिया।डॉ अमर कुमार ,अभिषद सदस्य नें श्री सुमन महासेठ के प्रति आभार ब्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में श्री सुमन महासेठ जी का हार्दिक  स्वागत प्रधानाचार्य डॉ उदय नारायण तिवारी ने किया ।महाविद्यालय में श्री सुमन महासेठ जी का माल्यार्पण डॉ उदय नारायण तिवारी,डॉ अरिन्दम कुमार ,डॉ सूर्य नारायण सिंह,डॉ ब्रज किशोर भंडारी, श्री अशोक कुशवाहा नें किया। इस अवसर पर सुबोध कुमार,पिंटू रौनियार,बिनोद साह, मिथुन गुप्ता,कुणाल किशोर,जनक कुमार कामथ ,बद्री रॉय,राम चन्द्र सिन्हा, देवी लाल साह, अरुण कर्ण,पंकज कुमार,श्याम महासेठ,दिलीप सिंह शोभा गारा, चंद्रमणि,राजेन्द्र यादव,सुबोध चौधरी, सहित कई महाविद्यालयकर्मी उपस्थित थे।
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