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मधुबनी : युवा समाजसेवी सुमित कुमार रक्तदान कर लोगों को कर रहे जागरूक

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिला के जयनगर के निवासी सुमित राउत पूरे जिले के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। वे अब तक 34 बार रक्तदान कर चुके हैं।सुमित कुमार और उनके साथियों ने सिर्फ मधुबनी में नही बल्कि दिल्ली,पटना,दरभंगा,सीतामढ़ी,जयनगर अन्य महानगरीय क्षेत्रों के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रक्तदान कर उनका जीवन बचाया है। उन्होंने बताया कि यह इनका 34वां रक्तदान है, और वो 2009 से ही रक्तदान कर रहे हैं। पर 2014 से नियमित हर 04 महीने पर रक्तदान करते हैं।उन्होंने रक्तदान कर  लोगों से भी अपील किया कि आगे आकर जरूरतमंद लोगों की मदद करें ।उन्होंने कहा कि हर दान से बढ़कर श्रेष्ठ है रक्तदान, क्योंकि जब हम अपना रक्त दान करते हैं, तब हम जीवन से संघर्ष करने वाले एक पीड़ित इंसान की जान बचाते हैं। इसलिए रक्तदान करके किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने का नेक काम जरूर करें।।रक्तदान करने से कई तरह की बीमारियां नही होने का लाभ मिलता है, जिसमे रक्तचाप, डायबेटिज, हार्ट अटैक मुख्य है।बता दे की पिछले वर्ष में भी समाजसेवी युवा सुमित राउत के द्वारा एक बुजुर्ग महिला की जान रक्तदान करके बचाया गया था।अभी तक कई लोगों को रक्तदान करके उन्होंने जीवन बचाया है।

गिरीश चंद्र मुर्मू ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पदभार संभाला

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नयी दिल्ली, आठ अगस्त, जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का पद संभाल लिया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले सुबह राष्ट्रपति भवन में मुर्मू ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार मुर्मू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष पद की शपथ ली। पूर्व नौकरशाह मुर्मू गुजरात कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। नए कैग के रूप में उनका कार्यकाल 20 नवंबर, 2024 तक है। उन्होंने शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए राजीव महर्षि का स्थान लिया है। कैग एक संवैधानिक पद है जिसपर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। कैग की लेखापरीक्षा रिपोर्टों को संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश किया जाता है। मुर्मू को राष्ट्रपति भवन में सुबह पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजीव महर्षि भी मौजूद थे। राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद मुर्मू कैग के कार्यालय पहुंचे। वहां उनका स्वागत भारतीय अंकेक्षण एवं लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनने से पहले मुर्मू व्यय विभाग में संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा और राजस्व विभाग में अतिरिक्त सचिव रह चुके हैं। बाद में वह व्यय विभाग में विशेष सचिव रहे। उसके बाद उन्हें विभाग का सचिव बनाया गया। केंद्र में अपने कार्यकाल से पहले मुर्मू गुजरात में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। बयान में कहा गया है कि उनके पास प्रशासनिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्र का गहन अनुभव है। मुर्मू उत्कल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं। उनके पास बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हैं। उनका जन्म 21 नवंबर, 1959 को ओड़िशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। उनका विवाह स्मिता मुर्मू से हुआ है। उनकी एक पुत्री (रुचिका) और एक पुत्र (रुहान) है।

टीम के सबसे तेज धावक को हराते रहने तक खेलना जारी रखेंगे धोनी : मांजरेकर

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मुंबई, आठ अगस्त, पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने शनिवार को खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें कहा था कि जब तक वह टीम में सबसे तेज दौड़ने वाले खिलाड़ी को पछाड़ते रहेंगे, तब तक वह खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिये फिट समझेंगे। महशूर कमेंटेटर मांजरेकर ने कहा कि दो बार के विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान के साथ उनकी 2017 में भारतीय कप्तान विराट कोहली की शादी के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर चर्चा हुई थी। मांजरेकर ने कहा, ‘‘विराट कोहली की शादी के दौरान मेरी उनसे थोड़ी बात हुई थी और उन्होंने कहा था कि जब तक मैं टीम में सबसे तेज दौड़ने वाले खिलाड़ी को हरा रहा हूं, तब तक मैं खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या उच्च स्तर के क्रिकेट में खेलने के लिये फिट समझूंगा। ’’ उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ शो में कहा, ‘‘तेंदुलकर और धोनी जैसे लोग चैम्पियन क्रिकेटर हैं। एक बार वे सार्वजनिक मंच पर पहुंच जाते हैं तो, आप कभी भी धोनी को सार्वजनिक मंच जैसे क्रिकेट के मैदान पर, थोड़ा सा भी अनफिट नहीं देखोगे या वह भाग नहीं पा रहा, ऐसा नहीं देखोगे। ’’ धोनी का प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में अंतिम मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल रहा था। धोनी ने रांची में अभ्यास करना शुरू कर दिया था, वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी की जिम्मेदारी संभालेंगे जिसका आयोजन 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में होगा। मांजरेकर ने कहा, ‘‘वह बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तुलना में आईपीएल में उसके इतने सफल और निरंतर होने का एक कारण यह भी है कि बतौर बल्लेबाज वह जानता है कि केवल चार से पांच गेंदबाज ही हैं, जिनके खिलाफ सतर्क होकर खेलना होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल में कुछ अच्छे गेंदबाज होते हैं और कुछ ज्यादा अच्छे नहीं होते। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपके पास पांच बेहतरीन गेंदबाज होते हैं तो वह इनमें से चुनकर उनके खिलाफ आक्रामक खेलने में काफी अच्छा है। ’’

दर्शक को प्रवेश मिलने पर बॉक्सिंग डे टेस्ट मेलबर्न में ही

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मेलबर्न, आठ अगस्त, क्रिकेट आस्ट्रेलिया के अंतरिम प्रमुख निक हॉकले ने शनिवार को कहा कि अगर दर्शकों को स्टेडियम के भीतर प्रवेश की अनुमति दी जाये तो भारत के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट मेलबर्न में ही होगा । ऐसी अटकलें हैं कि विक्टोरिया प्रांत में कोरोना वायरस महामारी के बढते मामलों के मद्देनजर इस साल के आखिर में होने वाला बॉक्सिंग डे टेस्ट एडीलेड में कराया जा सकता है । हॉकले ने कहा ,‘‘ अगर दर्शकों को एमसीजी में आने की अनुमति मिलती है तो यह टेस्ट वहीं होगा ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हमें उम्मीद है कि जितने प्रतिबंध अभी लगाये जा रहे हैं, उनका तेजी से असर होगा और हम फिर से सामान्य स्थिति में लौटेंगे । दर्शक मैदान में बैठकर खेल का मजा ले सकेंगे ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ आस्ट्रेलियाई खेल कैलेंडर में यह श्रृंखला अहम है और हम पूरी तैयारी कर रहे हैं । हमारी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई)और सरकार से बात चल रही है । हमें उम्मीद है कि भारतीय टीम को यहां आने की अनुमति मिल जायेगी ।’’

बिहार : छत से गिरने से नौजवान की मौत

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इस गरीब मजदूर परिवार को मुख्यमंत्री पयार्प्त  मुआवजा दें....
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पटना, 08 अगस्त. कुर्जी दियारा क्षेत्र में स्थित बिंद टोली में मातम पसर गया है. हर दिन की तरह सुरेंद्र महतो के पुत्र बुट्टन महतो मजदूरी करने  खगौल गया था.आज तीन पहर बड़ा हादसा हो गया.यकायक करीब साढ़े तीन बजे काम करने के दरम्यान बुट्टन छत पर से गिर गया, फिर वह उठ नहीं सका.वह 28 साल का था. अपने पीछे विधवा सुमन देवी और एक बच्चा छोड़ गया.इसके अलावा परिजनों को रोते बिखकते छोड़ गया. जीविका से जुड़े राज किशोर ने कहा कि हम बिंद टोली के लोग सदमे में आ गये हैं.बुट्टन महतो नौजवान था. उनसे परिवार और समाज को उम्मीद काफी थी.गमगीन माहौल में गंगा नदी के पानी से घिरे लोग बुट्टन का दाह संस्कार कर दिये.उन्होंने कहा कि मकान मालिक और ठेकेदार एक-एक लाख मुआवजा देने को कहा है.इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू राय ने पीड़ित परिवार को बीस हजार रू.दिया है.

नवंबर में श्रीलंका में फिल्म की शूटिंग करेंगी दीपिका!

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मुंबई, 08 अगस्त, बॉलीवुड की डिंपल गर्ल दीपिका पादुकोण अपनी आने वाली फिल्म की शूटिंग श्रीलंका में कर सकती हैं।दीपिका अंतिम बार लॉकडाउन से पहले रिलीज हुई फिल्म 'छपाक'में नजर आई थीं। इसके बाद से फैंस को उनकी फिल्मों का इंतजार है। दीपिका पादुकोण फिल्ममेकर शकुन बत्रा की अगली फिल्म का भी हिस्सा बनी हैं। चर्चा है कि दीपिका जल्द ही इस फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाली हैं। कहा जा रहा है कि निर्देशक शकुन बत्रा फिल्म को श्रीलंका में शूट करने की योजना बना रहे हैं, यदि नवंबर तक यात्रा प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं, तो यह फिल्म नवंबर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्लोर पर जा सकती है।फ़िल्म में दीपिका पादुकोण के साथ अनन्या पांडें और सिद्धांत चतुर्वेदी भी नज़र आने वाले हैं। कहा जा रहा है कि दीपिका, अनन्या पांडे और सिद्धांत चतुर्वेदी स्टारर फिल्म को शूट करने के लिए शकुन लगभग 50 क्रू मेंबर्स के साथ श्रीलंका जा सकते हैं।

कप्तान मनप्रीत सहित 5 हॉकी खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित, साई की विशेष निगरानी

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नयी दिल्ली, 08 अगस्त, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह सहित टीम के पांच खिलाड़ी बेंगलुुरु स्थित ट्रेनिंग शिविर में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमित खिलाड़ियों की संख्या बढ़ सकती है। मनप्रीत, सुरेंदर कुमार, जसकरन सिंह, वरुण कुमार और कृष्ण बी पाठक महीने भर के ब्रेक के बाद जब ट्रेनिंग में लौटे थे तो शुरुआत में इन खिलाड़ियों के टेस्ट नेगेटिव आए थे। साई ने बयान जारी कर बताया कि मनप्रीत और सुरेंदर में लक्षण दिखने के बाद कई खिलाड़ियों के दोबारा टेस्ट कराए गए थे। बयान में कहा गया है, “क्वारेंटीन में रह रहे एथलीट अन्य एथलीटों के संपर्क में नहीं आए थे जो शिविर में मौजूद थे। कुछ खिलाड़ियों के नतीजे आना अभी बाकी है। खिलाड़ी शायद अपने घर से बेंगलुरु आते समय यात्रा के दौरान इस वायरस की चपेट में आए होंगे।” यह पांचों खिलाड़ी बेंगलुरु स्थित शिविर में रह रहे हैं और इनका इलाज साई के डॉक्टर तथा राज्य सरकार का एक डॉक्टर कर रहा है जिन्हें साई के निवेदन पर बुलाया गया है। साई ने मनीपाल अस्पताल से विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाए हैं जो खिलाड़ियों का इलाज कर रहे हैं। खिलाड़ियों का इलाज कर रहे डॉ अविनाश एचआर ने कहा, “खिलाड़ियों का तापमान औऱ ऑक्सीजन स्तर नापा गया और सभी पांच खिलाड़ियों में इसके हल्के लक्षण पाए गए हैं। एक खिलाड़ी को छोड़कर अन्य चार खिलाड़ियों को बुखार नहीं है। यह खिलाड़ी ठीक हैं और हमने इन्हें इम्यूनिटी बूस्टर और दवाईयां दी है। साई शिविर में खिलाड़ियों की 24 घंटे देखरेख के लिए साई के दो अधिकारियों को विशेष रूप से एथलीटों की निगरानी करने और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रखा गया है। मनप्रीत ने कहा, “मुझे खुशी है कि इन्होंने एथलीटों के लिए टेस्टिंग जरुरी कर दी है। सही कदम से इस बीमारी को सही समय में पहचानने में मदद मिली। मैं ठीक हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द सही हो जाउंगा।” भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा, “मैं लगातार इन पांचों खिलाड़ियों के संपर्क में हूं और वे अभी ठीक हैं। साई ने इन खिलाड़ियों को अच्छी देखभाल देने के लिए सभी इंतजाम किए हैं। रसोइए इन खिलाड़ियों की इच्छानुसार विशेष खाना बना रहे हैं जिससे एथलीट काफी खुश हैं।”

बसपा विधायकों ने नोटिस मिलने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की

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जयपुर, 08 अगस्त, राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बारे में उच्च न्यायालय के नोटिस के बाद इन विधायकों ने मामले को उच्चतम न्यायालय में स्थानांरित करने की आज याचिका दायर की। उच्च न्यायालय के नोटिस के तामील होने के बाद इन विधायकों ने आज सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली है। उच्च न्यायालय ने पांच अगस्त को बसपा से कांग्रेस में शामिल होने की चुनौती देने वाली याचिका पर इन विधायकों को नोटिस जारी करके आठ अगस्त तक तामील करवाने के आदेश दिये थे। इसके बाद जैसलमेर के जिला न्यायाधीश ने वहां पंचतारा होटल में ठहरे इन विधायकों को नोटिस तामील कराये। उच्च न्यायालय ने बसपा से कांग्रेस में शामिल होने के विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के फैसले पर रोक लगाने के लिये प्रार्थना पत्र पर 11 अगस्त को सुनवाई करके फैसला देने का एकल पीठ को निर्देश दिये हैं। इस मामले की सुनवाई 11 अगस्त को उच्च न्यायालय में की जानी हैं, लेकिन इसके पहले ही इन विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर लिया।

चीनी घुसपैठ पर सच बोलकर सत्याग्रह की शुरुआत करे मोदी : राहुल गाँधी

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नयी दिल्ली, 08 अगस्त, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गलत बयानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह गुमराह करने की नयी परिपाटी शुरू कर लोकतंत्र का मजाक उड़ाने की बजाय इस मुद्दे पर सच बोलकर सत्याग्रह की शुरुआत करे। श्री गांधी ने आज यह जारी बयान में कहा , “ क्यों नहीं! हमें तो एक कदम आगे बढ़कर, देश में बढ़ती ‘असत्य की गंदगी’ भी साफ़ करनी है। क्या प्रधानमंत्री चीनी आक्रमण का सत्य देश को बताकर इस सत्याग्रह की शुरुआत करेंगे।” इससे पहले उन्होंने चीनी घुसपैठ पर विस्तृत विवरण देने वाले रक्षा मंत्रालय के वेबसाइट पर अपलोड दस्तावेजों को हटाने पर सरकार पर फिर कड़ा हमला किया और कहा कि यह सरकार का लोकतंत्र विरोधी काम है और इसे बर्दास्त नही किया जा सकता है। श्री गांधी ने लिखा, “ जब जब देश भावुक हुआ, फ़ाइलें गायब हुईं। माल्या हो या राफ़ेल, मोदी या चोकसी... गुमशुदा लिस्ट में लेटेस्ट हैं चीनी अतिक्रमण वाले दस्तावेज। ये संयोग नहीं, मोदी सरकार का लोकतंत्र-विरोधी प्रयोग है।”

कोरोना मामले साढ़े 21 लाख के पार, पौने 15 लाख से अधिक स्वस्थ

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नयी दिल्ली, 08 अगस्त, देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दिनोंदिन बिगड़ती स्थिति के बीच शनिवार को देर रात तक 63,994 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 21.50 लाख से अधिक हो गयी तथा 868 और लोगों की मौत होने से मृतकाें की तादाद 43,446 तक पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है मरीजों के स्वस्थ होने की दर 69 फीसदी के करीब पहुंच गयी। विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात तक 63 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 21,50,858 हो गयी है। स्वस्थ होने वालों की दर में निरंतर हो रही वृद्धि के बावजूद संक्रमण के नये मामले बढ़ने से देश में इस दौरान सक्रिय मामलों में 10,869 की बढ़ोतरी हुई जिससे इनकी संख्या 6,29,957 हो गयी है। राहत की बात यह है कि इस दौरान 49,325 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों की संख्या भी 14,76,994 पर पहुंच गयी। इस प्रकार स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर आज 68.66 फीसदी हो गयी जो शुक्रवार तक 68.32 प्रतिशत थी जबकि मृत्यु दर 2.01 फीसदी रही। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण के 61,537 मामले आने से इनकी संख्या 20,88,612 हो गयी थी। शुक्रवार को 62,538 मामले सामने आये थे। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में सर्वाधिक 12,822 नये मामले सामने आये, जबकि दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में इसके बाद 10,080 मामले, कर्नाटक में 7,178 मामले, तमिलनाडु में 5883 नये मामले, उत्तर प्रदेश में 4,660 मामले , बिहार में 3,992, पश्चिम बंगाल में 2,949 मामले, तेलंगाना में 2256 मामले तथा असम में 2,218 नये मामले सामने आये। महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या में 1159 की बढ़ोतरी होने से सक्रिय मामले 1,47,048 हो गये तथा 275 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 17,367 हो गया। इस दौरान 11,081 लोग संक्रमण मुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,38,262 हो गयी। देश में सर्वाधिक सक्रिय मामले इसी राज्य में हैं। आंध्र प्रदेश में मरीजाें की संख्या 832 बढ़ने से सक्रिय मामले 85,486 हो गये हैं। राज्य में अब तक 1,939 लोगों की मौत हुई है, वहीं 9,151 लोगों के स्वस्थ होने से कुल 1,29,615 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं।

विशेष आलेख : ठहर गई है ख़ानाबदोशों की ज़िंदगी

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कोरोना के खतरे के बीच भले ही धीरे धीरे व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गईं हों, लेकिन इस महामारी ने अपने पीछे जो निशान छोड़ा है, उसे सदियों तक मानव जाति भुला नहीं पायेगी। इससे न केवल लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ध्वस्त गई है। कोरोना के दुष्प्रभाव से भारत भी अछूता नहीं रहा। इसका सबसे ज़्यादा नकारात्मक प्रभाव देश के गरीब, पिछड़े और मुश्किल से दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करने वाले मज़दूरों की ज़िंदगी पर पड़ा है। जिनके सामने आज अपने परिवार के पेट को पालने की चुनौती है। लॉक डाउन और चरमराती अर्थव्यवस्था ने उनके काम धंधे को ठप्प कर दिया है, रही सही कमर सरकारी दांव पेंच ने तोड़ दी है। 

कोरोना से ठप्प हुई अर्थव्यवस्था से प्रभावित होने वालों में राजस्थान का घुमंतू (ख़ानाबदोश) समुदाय भी है। जिनके काम धंधे पर बहुत अधिक प्रभाव पडा है। इस समुदाय का रोज़गार पलायन से ही जुड़ा हुआ है, यह समुदाय राज्य से बाहर जाकर ऊनी कंबल, ऊनी कपड़े, मिर्च मसाला तथा सूखे मेवे बेचकर अपना गुजारा करते रहे हैं। इस ख़ानाबदोश समुदाय में अधिकतर मुस्लिम बंजारा समुदाय की संख्या है। जो साल में दो बार महाराष्ट्र, गुजरात तथा दिल्ली आदि जगहों पर जाते हैं। पहली बार अक्टूबर-नवंबर में जब जाते है तब माल उधारी पर देकर आ जाते हैं तथा दूसरी बार मार्च-अप्रैल में जब जाते हैं तो उधारी पर दिये माल की वसूली करते हैं। इन्हीं पैसों से इनका घर और कारोबार का मामला टिका हुआ रहता है। 

लेकिन कोरोना महामारी से उत्पन्न लॉक डाउन ने इनकी समस्या को न केवल बढ़ा दिया है बल्कि इनके सामने रोज़ी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। कोरोना के कारण जिस समय लाॅक डाउन हुआ, उस वक्त इस समुदाय के अधिकतर लोग उधारी की वसूली पर या तो जाने वाले थे या फिर चले गये थे। परन्तु संपूर्ण लाॅकडाउन की घोषणा के बाद इन्हें वसूली का काम अधूरा छोड़कर वापस आना पड़ा या फिर कुछ लोग तो जा ही नही पाये। यह समुदाय जो वसूली करके आता था, उसी से इनके पूरे साल भर का काम चलता था। इससे होने वाले लाभों से जहां परिवार का भरण पोषण होता था वहीं अगले साल बेचने के लिए माल खरीदने लायक पैसा भी जमा हो जाया करता था। लेकिन अब सबकुछ ठहर गया है।

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इस समय इनके पास कोई रोज़गार ना होने के कारण पूरा समुदाय परेशान है। अब इनके सामने घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। समुदाय के एक सदस्य नूर मुहम्मद बताते हैं कि अब इस व्यवसाय में इतना कोई लाभ नही है। बस किसी प्रकार परिवार का गुजारा चल जाता है और कुछ लोग तो यह भी नही कर पा रहे हैं क्योंकि इस काम में पहले पैसा लगाना पड़ता है, माल खरीदना होता है। लेकिन जिनके पास माल खरीदने का भी पैसा नही होता वह मज़दूरी करने लग जाते हैं। चिंता की बात यह है कि इस समुदाय में शिक्षा का स्तर ना के बराबर है। महिलाओं में शिक्षा का स्तर लगभग नगण्य है। कुछ ऐसा ही हाल पुरूष वर्ग का भी है। पढ़ा लिखा नही होने की वजह से काम धन्धें में हिसाब किताब रखने में इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

वकील खां बताते हैं कि वसूली का समय अन्तराल लंबा होने के कारण इन्हें लिखित में वसूली का हिसाब रखना जरूरी होता है। लेकिन समुदाय के कई पुरुष अशिक्षित होने के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं। जिसका खामियाज़ा अक्सर उन्हें भुगतनी पड़ती है। कई बार मौखिक हिसाब किताब रखने के कारण दुकानदार धोखे से माल से कम भुगतान करते हैं। लॉक डाउन की लंबी अवधि के बाद तो इन्हें अपना उधारी पैसा वापस मिलना भी मुश्किल नज़र आ रहा है। अब जबकि लाॅकडाउन लगभग खुल गया है, बावजूद इसके कोरोना के बढ़ते रफ्तार के कारण यह लोग राज्य से बाहर जाने में डर व झिझक रहे हैं। इनका कहना है कि इस समय जब सभी का काम तथा रोज़गार बंद है और मार्केट भी मंदा हो गया है तो ऐसे में शायद ही कोई दुकानदार उधारी वापस करेगा, हमें वसूली करने में भी बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी या फिर बार बार जाने की नौबत भी आ सकती है जो हमारे लिए संभव नही हो सकता है।

घुमन्तु समुदाय में ही घूम घूम कर कपड़ा बेचने के अलावा अन्य जातियां जैसे मदारी, कलन्दर, सिघवाडी, गाडिया लुहार भी हैं। यह सभी दैनिक मज़दूरों की तरह रोज काम रोज खर्च करके अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। मदारी और कलन्दर समुदाय पहले भालू बन्दर का खेल तमाशा दिखा कर अपना जीवन यापन करते थे, परन्तु पशु पक्षियों आदि का इस्तेमाल कर खेल दिखाने पर प्रतिबंध लगने के कारण अब यह लोग अपने ही छोटे बच्चों को जमूरा बनाकर खेल दिखाते हैं। इस कारण न केवल इनके बच्चों की शिक्षा छूट रही है बल्कि बालश्रम की आग में उनका बचपन भी छीन रहा है।

आमतौर पर देखे तो सभी घुमन्तु समुदायों की आर्थिक स्थितियां बहुत अधिक खराब है। इन्हें रोज़गार की सबसे अधिक आवश्यकता है। लेकिन सवाल उठता है आखिर यह कौन सा रोज़गार कर सकते हैं? क्योंकि इस समुदाय में शिक्षा और दक्षता दोनों की कमी है। इस संबंध में निसार अहमद कहते हैं कि उन लोगों को घर पर रहकर ऐसा कार्य मिले जिससे घर की महिलाएं कच्चा माल तैयार कर दें और पुरुष बाजार में उसे सप्लाई करें क्योंकि सप्लाई और बाजार का काम करने का समुदाय का अच्छा अनुभव है। जैसे साड़ियों से जुड़े काम, मिर्च मसाला तैयार कर बेचने का कार्य, खिलौना बनाने तथा इसी तरह के अन्य कार्य। फिलहाल इस समुदाय की महिलाएं सिर्फ घर का कामकाज करती हैं या फिर गांव में ही नरेगा के तहत मजदूरी जैसा कार्य करती हैं। वहीं सलीम खां का मानना है कि शिक्षा की कमी अवश्य है, लेकिन वह भी पढ़े लिखे समाज की तरह जीना चाहते हैं और अपने बच्चों को भी पढा लिखाकर आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में यदि इन्हें घर पर रहकर काम मिल जाएगा तो न केवल इनके पलायन की समस्या हल हो जाएगी बल्कि इनके बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिल पायेगा। 

फिलहाल कोरोना के चलते अभी इन समुदायों का रोज़गार भी बंद हो गया है और अब इनके सामने भीख मांगकर खाने की नौबत आ गई है। ऐसी मुश्किल घड़ी में इस समुदाय को भी रोज़गार की बहुत अधिक आवश्यकता है। अब तक तो सरकार व कुछ सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इनका गुजारा चल गया परन्तु ये लम्बे समय तक नही चल सकता। ऐसे में ज़रूरी है कि इन अति पिछड़े समुदायों के लिए सरकार कोई ठोस योजनाएं बना कर इन्हें भी समाज की मुख्यधारा से जोड़े। कहने को तो समाज में हाशिये पर खड़े लोगों के लिए ढ़ेरों सरकारी योजनाएं हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि इन्हें धरातल पर उतारा जाए ताकि खानाबदोशों की ठहरी हुई ज़िंदगी फिर से रफ़्तार पकड़ सके। 





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रमा शर्मा
जयपुर, राजस्थान
(चरखा फीचर)

बिहार : बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था का मुजरा परेशान लोगों ने सुनाया

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  • और पूछ डाला कि आखिर इतनी लचर व्यवस्था क्यों है भाई? 
  • मुजरा ग्रीड में परेशानियों का मुसरा सुनाने वालों के यहां अभी तक परेशानी है । मुजरा,सोनखर,भावल ,  रामनगर नगर पंचायत सभी प्रभावित हैं.... 

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रामनगर,09 अगस्त। संपूर्ण पश्चिम चम्पारण जिले में बिजली की लचर व्यवस्था बरकार है। लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था में जेनरेटर और इन्वर्टर का सहारा लेना पड़ता है। जिले के रामनगर प्रखंड के लोग एक माह से बिजली की लचर व्यवस्था से बहुत परेशान हो उठे थे। बिजली की कुव्यवस्था में सुधार लाने का प्रण यहां पर रहने वाले क्रिश्चियन नेता अरूण अंथौनी दीपक ने किया। उन्होंने ही लचर व्यवस्था के खिलाफ स्टैंड लिये। वे कहते हैं कि 'मैंने लोगों का आह्वान किया है कि आपलोग रविवार को 10 बजे दिन में एकत्रित होकर विरोध दर्ज कराने आए।'यहां के रामनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास है बस स्टैंड। इस बस स्टैंड के पास है अम्बेडकर चौक। एक-एक कर मोटरसाइकिल से लोग मास्क लगाकर आएं।लॉकडाउन के कारण काफी संख्या में लोग नहीं आएं। फिर भी एक महीने से मुजरा,सोनखर,भावल,रामनगर नगर पंचायत के परेशान लोग पहुंचे। परेशान लोगों में अरूण अंथौनी दीपक,डॉ राशिद आजम,विक्की पास्कल, मो. हसनयन,मो. मकबूल शेख , सूरज राय , पिंटू गुप्ता, अरुण कौशल व अभय पांडेय का जत्था रामनगर की लचर बिजली व्यवस्था का कारण जानने मुजरा ग्रीड पहुंचे। मुजरा ग्रीड में तैनात एसडीओ को बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था का मुजरा परेशान लोगों ने सुनाया और पूछ डाला कि आखिर इतनी लचर व्यवस्था क्यों है भाई?  मुजरा ग्रीड में तैनात एसडीओ ने कहा कि बहुत जल्द ही व्यवस्था में सुधार कर देने का आश्वासन दिया।मुजरा ग्रीड से लोड कम करने के लिए सोर्सा पंचायत काट दिया गया है। सोंखर अलग फीडर होने जा रहा है।बाढ़ के कारण नेपाल से बिजली आपूर्ति बाधित है। दो-चार दिनों में वह सब भी ठीक कर दिया जाएगा ।  नेपाल से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण परेशान लोगों का कहना कि ऐसा लग रहा है कि हमलोग लालटेन युग में जल्दी ही चले जाएंगे। इसका असर आने वाले चुनाव पर भी पर सकता है। हाल यह है इन्वर्टर भी पूरा चार्ज नहीं हो पाता है।जिसके कारण पंखा डोल भी नहीं सकता है चलने की बात दूर है । सिर्फ LED जला कर समय काट रहे हैं ।इन्वर्टर भी पूरा चार्ज नहीं हो पाता की पंखा चले। सिर्फ LED जला कर समय काट रहे हैं।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अगस्त

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विश्व आदिवासी दिवस अवसर पर किया पौधारोपण 

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पारा । आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर क्षेत्र के आदिवासी समाज के प्रमुख जनो ने पारा नगर के बखतपुरा में आदिवासी क्रांतिकारीयो को श्रद्वा सुमन कर पौधा रोपण किया।  कोविड-19 कोराना वायरस के चलते धुमधाम से मनाया जाने वाला विश्व आदिवासी दिवस को बगेर किसी तामझााम के आज साधारण तरिके से मनाया गया। उपस्थित सभी आदिवासी समाज के प्रबुध जनो ने कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुवे सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुवे पारा नगर के बखतपुरा मे पौधारोपण किया । इससे पुर्व सभी आदिवासी क्रांतिकारियो को उपस्थित जनो ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए व समाज को लेकर विचारो का आदान प्रदान किया। इस अवसर पर आदिवासी समाज के वरिष्ठ साथी श्री श्ंाभुसिंह वसुनिया, दशमसिंह चैहान, कालुसिंह सोलंकी, कलसिंह डावर, उडनसिंह सेंगर, धुलिया बामनिया सुर्यप्रकाश डावर, रमणसिंह बामनिया प्रतापसिंह अजनार दुलेसिंह डामोर नरसिंह वास्केल चेनसिंह खपेड आदि द्वारा पौधारोपण कर आदिवासी समाज के लिये प्रकृति संरक्षण एवं एकता बनाये रखने का संदेश दिया ।

क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया के नेतृत्व में अन्र्तराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया

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झाबुआ । आज झाबुआ जिले में अन्र्तराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर कोरोना संक्रमण के कारण शासन के नियमों का पालन करते हुए सीमित संख्या में हर्षोउलास के साथ अन्र्तराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आज पूर्वाहन साढे़ ग्यारह बजे गोपाल काॅलोनी स्थित विधायक कार्यालय (पूराना वरदान) पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मध्यप्रदेश  आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया के मुख्य अथित्व में सन 1857 की क्रांति में भाग लेने वाले तथा अंग्रेजी हूकूमत के लिए चूनौती बन गए टांटिया भील, बीरसा मुण्डा, वीर एकलव्य एवं रानी दुर्गावती एवं डाॅ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर दिप प्रज्जलित कर पुष्पांजली अर्पित की गई । इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने भी माल्यार्पण कर एवं पुष्प अर्पित कर अपनी ओर से इन महा नायकों को पुष्पांजली अर्पित की । इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया ने सभी समाजजनों को अन्तराष्ट्रिय आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि आदिवासी समाज का एक गौरवमय इतिहास रहा है। भील, भीलाला, पटलिया समाज अपनी देश भक्ति, वीरता, कर्मठता, और सांस्कृतिक विरासतों के कारण देश के अन्य समाजों में विशिष्ठ एवं महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भूरिया ने कहा कि आदिवासी समाज कई वर्षों तक उपेक्षित रहा था, कांग्रेस की तत्कालिन सरकारों ने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाकर उनको, समाज को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया है। विधायक वीरसिंह भूरिया ने अपने संदेश में कहा कि आजादी से पूर्व आदिवासी समाज काफी पिछड़ा हुआ था, किन्तु आजादी के पश्चात तत्कालिन कांग्रेस के प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू, लाल बाहदुर शास्त्र, श्रीमती इंदिरा गांधी, स्वर्गिय राजीव गांधी एवं मनमोहनसिंह के नेतृत्व में समाज की उन्नती के लिए अनेक कार्य किये गए हैं, जिसका लाभ नई पिढ़ि को मिल रहा है। युवा नेता एवं मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के महामंत्री  डाॅ. विक्रांत भूरिया ने अपने संदेश में कहा कि हमें समाज के लिए चिंतन, मनन, विचार, संप्रशित करने का विषय है। हम सब जनजाति के लोग गैर आदिवासियों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर अपनी योग्यता , प्रतिभा ओर ग्राम्य जीवन के कौशल के साथ विकास के कुछ पायदानों को स्पष्ट कर सकते हैं, हमें यह आत्म मंथन करने की जरूरत है। डाॅ. विक्रांत भूरिया ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया ने आदिवासी दिवस केे अवसर पर झाबुआ नगर के भंडारी पेट्रोल पंप पर स्थित टांटिया भील की मूर्ति के ऊपर शेड निर्माण एवं सौन्दर्यकरण के लिए 2.75 लाख रूपये विधायक निधि से स्वीकृती की अनुशंसा की है। इस अवसर पर आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष विजय भाबोर, आदिवासी नेता आशिष भूरिया, मथियास भूरिया, बबलु कटारा, बंटी डामोर, विनय भाबोर, प्रकाश बामनिया, विनोद पाटिदार, जय मुणिया, सुनिल भूरिया, आई टी सेल के जिला अध्यक्ष हर्ष जैन, प्रभु भाबोर, मुन्ना पणदा आदि उपस्थित थे।

क्षेत्रीय विधायक भूरिया ने किया छेः ट्रांसफार्मरों का उद्धघाटन एवं सीसी रोड का किया भूमि पुजन-

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झाबुआ 09 अगस्त झाबुआ विधानसभा के सभी गांवों को पर्याप्त बिजली पहुंचाई जावेगी, कोई भी गांव अंधरे में नहीं रहेगा। मैं झाबुआ विधानसभा का प्रतिनिधि हॅूं मेरा परम कर्तव्य है कि सभी ग्रामों में मुलभुत सुविधा उपलब्ध हो संपूर्ण विधानसभा का विकास लगातार होता रहे, जहां बिजली के कारण लोगों को सिंचाई की सुविधाओं को भी वहीं बिजली से चलने वाले लद्युउद्योग भी लाभांवित होंगे। शिक्षा के क्षेत्र मेें भी बिजली का उपयोग कर छात्र अच्छी शिखा ग्रहण करेंगे तथा राष्ट्र की मुख्यधारा से सीधे-सीधे जूड़ सकेंगे। उक्त बात झाबुआ विधानसभा के अन्तर्गत किये ट्रांसफार्मर के उद्धघाटन एवं सीसी रोड के लिए किया गया भूमि पूजन के अवसर पर उपस्थित जनसमुदायों को संबोधित करते हुए कही। क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया ने अपनी विधायक निधि से झाबुआ विधानसभा में ग्रामीण क्षेत्रों के टोलों व मजरों में पर्याप्त विद्युतीकीरण के लिए झाबुआ विधानसभा अंतर्गत 18.75 लाख की लागत से छेः ट्रांसफार्मर का पूजन कर  विधिवत उद्धघाटन किया। वहीं परवट में चार लाख की लागत से बबने वाले सीसी रोड का भी भूमि पूजन किया गया । श्री भूरिया ने शनिवार को प्रातः नौ बजे बामनसेमलिया पहुंचकर कस्बे में 3.44 लाख रू. का नवीन ट्रासफार्मर, एवं साढे 10 बजे नल्दी छोटी में 2 लाख 93 हजार का नवीन ट्रांसफार्मर, 11.30 बजे पिटोल के माल फलिया में 3 लाख तीस हजार रूपये का नवीन टांªसफार्मर , दोपहर 12ः15 बजे आमली पठार में  2.77 लाख रू. का नवीन ट्रांसफार्मर, डेढ़ बजे गुन्दिपाड़ा में तीन लाख 16 हजार रू. का नवीन ट्रांसफार्मर, 2.30 बजे नवापाड़ा भण्डारिया में 3.15 लाख रू नवीन ट्रांसफार्मरों का उद्धघाटन किया गया। वहीं दोपहर 3ः30 बजे ग्राम परवट में 4 लाख की लागत से बनने वाले सीसी रोड का भी विधिवत भूमि पूजन किया गया। श्री भूरिया ने आगे कहा कि वे किसानों ओर ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा तत्पर हैं, क्षेत्र के विकास हेतु जो भी उचित मांग आएगी उसे पुरा करने का वे पूरी ईमान्नदारी से प्रयास करेंगे। श्री भूरिया एवं डाॅ. विक्रांत भूरिया का जगह-जगह स्वागत किया गया। श्री भूरिया ठेट  ग्रामीण क्षेत्रों में अपने साथियों सहित खेतों की पगडंडियों से होकर काफी दूरी तय कर ट्रांसफार्मरों का बटन दबाकर उद्धघाटन किया गया। इस अवसर पर ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष काना गुण्डिया, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया, ग्रामीण ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष बंटू अग्निहोत्री, कांग्रेस पदाधिकारी मानसिंह मेड़ा, आशिष भूरिया, शंकरसिंह भूरिया ने भी संबोद्धित किया । इस अवसर पर बामन सेमलिया के सरपंच बोड़िया भाई, नल्दी छोटी उप सरपंच रालु भाई, पिटोल से ठाकुर निर्भयसिंह राठौर, विनय भाबोर, नवापाड़ा भण्डारीया सरपंच गुलाब भाई, आमलीपठार सरपंच मनिष भाई,  कांग्रेस नेता भारू मावी, दीपू मण्डोड, सुनिल भूरिया, पेमा जनपद सदस्य, जय मुणिया, आदि उपस्थित थे। उक्त जानकारी जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटट् ने दी ।

रात्रि का कफ्र्यू लगाया

झाबुआ। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने जिले में कोविड-19 की रोकथाम एवं संक्रमण से बचाव के लिये पूर्व में जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में आंशिक संशोधन किया है। इस आदेश के तहत् झाबुआ जिले की राजस्व सीमा में प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से प्रातः 5 बजे तक रात्रि कफ्र्यू लगाया गया है। इस अवधि के दौरान मेडिकल सेवाओं को छोड़कर समस्त गति विधयां प्रतिबंधित रहेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा और आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा। शेष आदेश यथावत रहेगा।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अगस्त

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आज 7 की रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई
आज 16 व्यक्ति स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज किए गए, वर्तमान में कुल पॉजीटिव एक्टिव व्यक्तियों की संख्या 116
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकार डॉक्टर सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि  आज  7 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। जिसमें सीहोर के दांगी स्टेट एवं नेहरु कॉलोनी के 1-1 व्यक्ति, रेहटी अन्तर्गत ग्राम पांगरा के 2 व्यक्ति, आष्टा के बुधवारा एवं बिस्तारिया पुरा से 1-1 व्यक्ति तथा श्यामपुर अन्तर्गत ग्राम कचनारिया का 1 व्यक्ति शामिल है। जिले में वर्तमान में पॉजीटिव /एक्टिव व्यक्तियों की संख्या 116  है। आज 16 व्यक्तियों को कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज किया गया है। डिस्चार्ज किए गए व्यक्तियों में सीहोर शहरी क्षेत्र से 7 व्यक्ति, इछावर के 3, आष्टा से 1 तथा नसरुल्लागंज क्षेत्र के 5 व्यक्ति शामिल हैं। जिले में अब तक 242 व्यक्तियों को स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज किया गया है। जिले में अब तक 12 कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी  है। आज 84 व्यक्तियों के  सैम्पल कोरोना जांच हेतु लिए गए है। जिसमें  बुदनी के 12 तथा सीहोर के 11, श्यामपुर के 24, आष्टा के 37 सैम्पल शामिल है। आज पॉजीटिव मिले नए कंटेनमेंट जोन सहित समस्त कंटेनमेंट एवं बफर जोन में स्वास्थ्य दलों द्वारा सघन स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है। वहीं पॉजीटिव मिले व्यक्तियों के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में सर्वे के लिए एक से दो दल लगाए गए है। सर्वे दल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को बनाया गया है तथा स्वास्थ्य सर्वे दल में ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में कुल कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 370 है जिसमें से 12 की मृत्यु हो चुकी है 242 स्वस्थ्‍ होकर डिस्चार्ज हो गए है तथा वर्तमान में 116 पॉजीटिव व्यक्तियों का उपचार चल रहा है। आज कुल 84 सैंपल जांच हेतु लिए गए। जिले से अब तक कुल 5552 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 4714 सेंपलों की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। आज 129 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुल 439 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 29 है। जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर.7247704181 है कोविड.19 से संबंधित जानकारी इस संपर्क नंबर पर ली व दी जा सकती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसीन के लिए संपर्क नंबर 07562-401259 जारी किया गया है तथा राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104  नंबर पर ई.परामर्श सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। ई.संजीवनी ओपीडी सेवा हेतु www.esanjeevaniopd.in पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्ट्रेट कार्यालय सीहोर में भी जिला स्तरीय काल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562.226470 है तथा होम क्वारंटाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002330175 जारी किया गया है। जिस पर संस्थागत क्वारंटाइन अथवा होम क्वारंटाइन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोशनल वेलनेस अथवा साईकोलाजिकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्श मानसिक सेवा प्रदाताओं से निःशुल्क प्राप्त कर सकते है।

जिले में अब तक 514.7 मि.मी. औसत वर्षा

जिले में आज 09 अगस्त, 2020 की प्रात:8 बजे समाप्त पिछले चौबीस घन्टों में 2.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले में 514.7 मि.मी औसत बारिश रिकार्ड की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 783.4 मि.मी बारिश रिकार्ड की गई थी। अधीक्षक, भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घन्टों में आष्टा में 4, इछावर में 2, नसरुल्लागंज में 4, बुदनी में 6 एवं रेहटी में 2.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 484.5, श्यामपुर में 326, आष्टा में 524.6, जावर में 426, इछावर में 376, नसरुल्लागंज में 565, बुदनी में 554 एवं रेहटी में 861.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गत वर्ष इस अवधि में सीहोर में 966, श्यामपुर में 728, आष्टा में 847, जावर में 516, इछावर में 795, नसरुल्लागंज में 932, बुधनी में 669 रेहटी में 813 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

आईटीआई प्रवेश में रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग अब 14 अगस्त तक होगी

अगस्त 2020 से प्रारंभ नए शैक्षणिक सत्र में शासकीय एवं निजी आईटीआई में प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया 1 जुलाई से प्रारंभ है। पूर्व में आईटीआई प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई थी जिसे अब बढ़ाकर 14 अगस्त किया गया है। नए सत्र में शासकीय अथवा प्राइवेट आईटीआई में प्रवेश के लिए अभ्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन और च्वॉइस फिलिंग करना अनिवार्य होगा। अब तक लगभग 61 हजार 499 रजिस्ट्रेशन तथा 55 हजार 755 अभ्यार्थियों ने च्वॉइस फिलिंग की है। इस सत्र में अन्य राज्यों के आवेदकों के प्रवेश की व्यवस्था निर्धारित की गई है। एमपी ऑनलाइन में रजिस्ट्रेशन तथा त्रुटि सुधार एवं इच्छित संस्थाओं में व्यवस्थाओं की प्राथमिकता के क्रम का विकल्प तथा च्वॉइस फिलिंग में त्रुटि सुधार के लिए पोर्टल पर व्यवस्था निर्धारित की गई है। इस सत्र में आवेदक 100 विकल्प भर सकते हैं। प्रवेश की कार्यवाही मेरिट अनुसार निर्धारित है। चयनित अभ्यर्थी जिसे उसका प्रथम विकल्प आवंटित हुआ है यदि वह प्रवेश नहीं लेता है तो उसका प्रवेश निरस्त हो जाएगा तथा वह आगे की काउंसलिंग के लिए पात्र नहीं होगा। प्रदेश में 243 शासकीय तथा 900 प्राइवेट कुल 1200 आईटीआई है। शासन द्वारा शासकीय आईटीआई में 3 वर्षों से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया लागू है। शासकीय आईटीआई में पिछले वर्ष से यह व्यवस्था लागू की गई है। प्रवेश विवरण तथा अन्य जानकारी www.dsd.mp.gov.in,itimponline.gov.in पर उपलब्ध है।

आरजीपीवी का टेकयूप कैलेंडर जारी

राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार द्वारा तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम टेकयूप (TEQIP) के अंतर्गत आगामी शैक्षणिक सत्र में आयोजित होने वाली गतिविधियों के कैलेंडर का ऑनलाइन विमोचन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध संस्थानों के संचालक, प्राचार्य, प्राध्यापक एवं अधिकारी उपस्थित थे। कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत आरजीपीवी पूरे देश भर के तकनीकी विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक शैक्षणिक गतिविधि आयोजित करता है। टेकयूप के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं संबद्ध संस्थाओं के छात्रों, प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों को कार्यशाला, सेमिनार एवं शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम के विषय विशेषज्ञों के अलावा उद्योग जगत के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि यह शोध एवं अनुसंधान तथा विषय में निपुणता के लिए अत्यंत उपयोगी होता है कोविड-19 की परिस्थितियों में विश्वविद्यालय के सभी घटको का वर्षभर की गतिविधियों की पूर्व से जानकारी हो जिससे वे समय पर ऑनलाइन पंजीयन द्वारा गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। साथ ही तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम की एक ही समय में चलने वाली एक से अधिक गतिविधियों को अपने मोबाइल, लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप पर जहाँ हैं वहीं से देख सकेंगे। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एस.सी. चौबे ने कहा कि कोविड-19 के समय शिक्षण को ऑनलाइन करने का अधिगम यह कैलेंडर है। विश्वविद्यालय एवं संबद्ध संस्थाओं के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं छात्र इस लिंक के माध्यम से आरजीपीवी पोर्टल से एक्सेस कर सकेंगे, जीमेल के उपयोगकर्ता इसे गूगल लिंक के माध्यम से सीधे कैलेंडर से लिंक हो सकेंगे। 

डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशु आहार संयंत्र स्थापित करने के लिये मिलेगा ऋण केन्द्र शासन ने जारी किये दिशा-निर्देश

आत्मनिर्भर योजना के तहत डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशु आहार संयंत्र स्थापित करने के लिये बैंक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। न्यूनतम 10 से 25 प्रतिशत मार्जिन मनी हितग्राही को देनी होगी। शेष 90 से 75 प्रतिशत बैंक ऋण होगा। हितग्राही को 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन मिलेगा। किसान उत्पादक संगठन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, निजी कम्पनियाँ और व्यक्तिगत उद्यमी आदि योजना का लाभ उठा सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति सिडबी के पोर्टल ष्उद्यमी मित्रष् पर आवेदन दे सकते हैं। केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा ष्एनीमल हसबेण्डरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट फण्डष् के तहत राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन.कंसोटिया ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य डेयरी प्रसंस्करण और मांस प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे घरेलू बाजार में गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस की उपलब्धता के साथ उत्पादकों को अच्छा बाजार मिलने से आय में वृद्धि होगी। योजना में पशुपालकों को पशुओं के लिये उच्चगुणवत्ता वाला पशु आहार भी उचित दामों पर उपलब्ध कराया जायेगा। श्री कंसोटिया ने कहा कि केन्द्र शासन द्वारा 750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी फण्ड की स्थापना की जायेगी, जिसका प्रबंधन नार्बाड करेगा। क्रेडिट गारंटी फण्ड केवल उन्हीं परियोजनाओं को दिया जायेगा जो व्यवहारी होंगी। पात्र हितग्राही को ऋण सुविधा का अधिकतम 25 प्रतिशत कव्हरेज मिलेगा। फण्ड की कुल राशि 15 हजार करोड़ का वितरण 3 वर्ष की अवधि में अनुसूचित बैंकों द्वारा किया जायेगा। प्रसंस्करण स्थापित करने के इच्छुक हितग्राहियों को बैंक में आवेदन देने के पहले आवश्यक भूमि की व्यवस्था करनी होगी। परियोजना प्रस्ताव में दूध, मांस और पशु आहार के लिये गुणवत्ता प्रबंधन इकाई की स्थापना, पैंकेजिंग इकाई और उत्पाद के प्रचार का उल्लेख जरूरी होगा। आवश्यक होने पर हितग्राही सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के ष्उद्यमी मित्रष् पोर्टल पर उपलब्ध एजेंसियों से परामर्श भी ले सकेंगे। हितग्राही सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। हितग्राही तीन प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के लिये अनुसूचित बैंक परियोजना प्रस्ताव केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग को ऑनलाइन भेजेंगे। केन्द्र शासन द्वारा गठित प्रोजेक्ट सेंक्शन और प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी निर्धारित मापदंडों के अनुसार ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी की स्वीकृति देगी। 50 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी और 50 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट सेंक्शन कमेटी मंजूर करेगी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अगस्त

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प्रधानमंत्री द्वारा कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का व्हीसी के माध्यम से शुभांरभ
  • प्रदेश की लटेरी प्राथमिक कृषि साख समिति संचालकोंं से संवाद 
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का शुभांरभ आज व्हीसी के माध्यम से किया। भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत फंड के माध्यम से एआईएफ के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में आगामी चार वर्षो में एक लाख करोड़ के सस्ते बैंक ऋण द्वारा कृषि एवं कृषकों के विकास हेतु आधारभूत संरचना विकसित की जाएगी। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास में सहकारिता के महत्व को ध्यान में रखते हुए एआईएफ के साथ ही नाबार्ड द्वारा कृषि सहकारी समितियों को बहुउद्वेश्यीय समितियों में परिवर्तित करने हेतु पुनर्वित योजना का लाभ प्रदेश की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को सुदृढ करना प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ अगस्त की पूर्वान्ह 11 बजे वीडियो कांफेसिंग के माध्यम से उक्त योजना का शुभांरभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के तीन प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद तथा चर्चा की है जिसमें मध्यप्र्रदेश के विदिशा जिले की लटेरी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति भी शामिल है।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय में मौजूद प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल की मौजूदगी में विदिशा जिले की लटेरी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के मैनेजर श्री मुकेश शर्मा से चर्चा की। मैनेजर ने अभिवादन करते हुए समिति के कार्य करने तथा किसानो को जोड़ने के संबंध में बताया कि मैं स्वंय कृषक हूं। मेरी समिति से 1125 कृषक जुडे हुए है जिन्हें हम फसलीय ऋण, खाद, बीज उपलब्ध कराते है। गेंहू खरीदी का भी कार्य करते है। एक वर्ष में चार से पांच करोड़ का व्यवसाय हमारी समिति के द्वारा किया जा रहा है जिससे 25 से 30 लाख लाभांश प्राप्त होता है।  प्रधानमंत्री जी ने जाना कि, अभी कोरोनाकाल में बहुत असुविधाएं भी हुई होगी। समिति प्रबंधक ने बताया कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन, कर्फ्यु तथा यातायात सुविधाएं बंद होने से हमें थोडी असुविधा जरूर हुई है परन्तु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना काल में भी कृषकों के लिए यातायात आदि में छूट दी गई जिससे हम गेंहू खरीदी और ऋण व्यवसाय का कार्य कर सकें।  प्रधानमंत्री जी ने पूछा कि मध्यप्रदेश के किसानो ने तो इस बार रिकार्ड पैदावार की है। आप तो फसल की खरीदी भी करते है इस बार अलग क्या किया। प्रबंधक ने बताया कि बताया इस बार मध्यप्रदेश में ईश्वर की कृपा से गेंहू का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। हमारी समिति ने आठ करोड़ रूपए के चालीस हजार कि्ंवटल गेंहू की खरीदी क्षेत्र के किसानो से की तथा कोरोना को ध्यान में रखते हुए सभी कृषकों को मोबाइल के जरिए एसएमएस भेजकर उनके निर्धारित समय पर ही केन्द्र में बुलाते थे ताकि दो गज की दूरी बनाई जा सकें। साथ ही हम सब मास्क लगाते थे एवं समय-समय पर सभी के हाथ साबुन से धुलवाते थे।  प्रधानमंत्री जी ने जानना चाहा कि अच्छा अब जब आपको ये सस्ता ऋण मिलने वाला है इससे आप क्या-क्या सुविधाएं अपने सदस्यों को, किसानो को देने वाले है। समिति प्रबंधक ने सहज शब्दों में व्यक्त करते हुए कहा कि समिति पांच हजार मैट्रिक टन का गोदाम एवं ग्रेडिंग प्लान, सूचना केन्द्र तथा ई मंडी की सुविधा प्रदान करना चाहते है। जिससे कृषक अपनी फसल को तुरंत कम मूल्य पर ना बेच कर अपनी आवश्यकतानुसार बेच सकेंगे। सूचना केन्द्र द्वारा कृषकों को मौसम, उपज की सूचना स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हो सकेगी। लटेरी तहसील में काफी कृषकों द्वारा सरबती गेंंहू बोया जाता है। स्थानीय स्तर ग्रेडिंग सुविधा उपलब्ध होने से कृषक फसल का डेढ़ गुना मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। इन सबके लिए समिति को बीस से 25 लाख रूपए की आवश्यकता होगी जो हमे नाबार्ड के माध्यम से प्राप्त हो सकती है।

राष्ट्रपति जी के शुभकामना संदेश से सम्मानित हुए स्वंतत्रता सेनानी 

भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर राष्ट्रपति डॉ रामनाथ कोविन्द जी के द्वारा प्रेषित शुभकामना संदेश एवं शाल, श्रीफल, गुलदस्ता एवं अंगवस्त्रों से आज विदिशा जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री रघुवीर चरण शर्मा जी का सम्मान कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने उनके निज निवास में पहुंचकर किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में सबसे बडी देश सेवा हम सब अपने-अपने दायित्वों का पूर्ण ईमानदारी से समय सीमा में सम्पादन कर देश को प्रगति के पथ की ओर अग्रसर करें। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बताया कि वायोवृद्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सम्मानित करने का अवसर मुझे मिला है। उन्होंने सभी की ओर से शुभकामनाएं व्यक्त करते  हुए कहा कि श्री शर्मा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो है ही पर उनके द्वारा विदिशा में समाजसेवा क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किये जा रहे है। उनके इन कार्यो हेतु पूरा विदिशा, प्रदेश एवं देश कृतज्ञ है।

विशेष : कोविड-19 के संक्रमण और बाढ़ के विनाश लीला

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पूर्वी चंपारण के मेहसी प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ता हैं अमर। उनका कहना है कि गत दिनों आपके साथ साझा किए अपने विचार से कुछ ज्वलंत समस्याओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश किया था जैसा कि आप अवगत हैं कि बिहार इन दिनों दो बड़ी चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है। पहली चुनौती वैश्विक महामारी के रूप में कोविड-19 का बढ़ता संक्रमण और दूसरा बाढ़। बाढ़ से बेहाल हो रहे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। आमदनी तबाह हो रही है और  फसलें बर्बाद हो गई है।उपरोक्त दोनों कारणों से एक बड़ी आबादी त्रस्त है। एक तरफ जहाँ बच्चों की शिक्षा दीक्षा बाधित है वही उनके पोषण के लिए संचालित आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद पड़े हैं । एक जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार और स्कूल पूर्व शिक्षा में नाम अंकित करीब एक करोड़ बच्चों का नाम दर्ज है किंतु सरकारी आंकड़े के मुताबिक अभी तक कुल 2700000 बच्चों के या उनके अभिभावकों के खाते में पोषाहार की राशि भेजी गई है शेष बच्चों के या उनके अभिभावकों के खातों में शीघ्र अति शीघ्र राशि भेजने की व्यवस्था की जाए ताकी बच्चों का पोषण बाधित ना हो पाए। इसी प्रकार राज्य के कुछ जिलों में अभी तक स्कूलों में नाम अंकित बच्चों के बीच मिड डे मील के रूप में बच्चों या उनके अभिभावकों तक राशन की आपूर्ति हो पाई है शेष बचे स्कूलों में जहां राशन की आपूर्ति बच्चों या उनके अभिभावकों को नहीं की जा सकी है उनके बीच में आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाए इसी प्रकार हर मांह सरकार की ओर से जन वितरण प्रणाली के दुकानों से वितरण होने वाले खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति को भी निर्बाध रूप से जारी रखा जाए। फलस्वरूप मिड डे मील और पोषण कार्यक्रम के बाधित होने से जहां बच्चों के समक्ष अनेक चुनौतियां मुंह खोले खड़ी दिख रही है वही आमदनी की सारी गतिविधियों बाधित होने के कारण लोगों के क्रय शक्ति में हराश देखा जा रहा है।  हराश के कारण अनेको तरह की कठिनाइयां उनके समक्ष सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी है। हम सरकार से और समाज से विनंती पूर्वक आग्रह करना चाहते हैं कि ऊपर लिखित चुनौतियों से मुकाबला के लिए त्वरित ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

1.  कोविड-19 के संक्रमण और बाढ़ के विनाश लीला के प्रभाव को कमतर करने हेतु बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य जागरूकता एवं व्यवहार परिवर्तन के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रम राज्य से लेकर गांव तक संचालित किया जाए साथ ही अक्सर बाढ़ के समय  और  जलजमाव के कारण  प्रभावित क्षेत्रों में  डूब कर  मरने की  घटनाओं में  कमी लाने,आकाशीय बिजली  से बचाव  हेतु  सामुदायिक स्तर पर  प्रशिक्षकों का दल  एवं  तैराको एवं गोताखोरो का समूह  हर जिले में  तैयार करने  कि दिशा में  ठोस पहल करने की आवश्यकता है।जागरूकता के माध्यम से जहां लोगों को कोरोना के बढ़ते संक्रमण और बाढ़ और  जलजमाव के कारण फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के रोकथाम हेतु जन समुदाय को  जागरूक करने में बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राज्य स्वास्थ्य समिति, रेड क्रॉस तथा राज्य के अंदर कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं, ग्राम पंचायतें, नगर निकाय, आशा, आंगनवाड़ी, और स्थानीय संस्थाओं को इन कार्यों में एक साथ हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। बड़े पैमाने पर ब्लीचिंग और  चुना का सम्मिश्रण कर  छिड़काव तथा ओ आर एस के साथ-साथ बच्चों के पोषण, टीकाकरण और अन्य जरूरी उपाय करने की आवश्यकता है।

2.  बाढ़ से प्रभावित  क्षेत्रों के  सभी स्कूलों को बेहतर बनाया जाए तथा उसकी साफ सफाई मरम्मत और रखरखाव कराई जाए।  नगर निगम, नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों के माध्यम से जल निकासी और जल स्रोतों की स्वच्छता के साथ-साथ उसके सफाई हेतु कदम उठाए जाएं।

3.  फिर से आवासीय परिसरों के साथ साथ सभी सरकारी भवनों को सैनिटाइज कराया जाए। उसकी मरम्मत और रखरखाव को और बेहतर बनाया जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पताल और जिला अस्पतालों को और भी सुसज्जित तथा आने वाली चुनौतियों के हिसाब से उसमें आवश्यक सुधार किए जाएं।

4.  बड़े पैमाने पर नदियों पर बने सभी तटबन्ध, बांध,  नहर ,पईन इत्यादि को पुनर स्थापन और  मजबूत करना सुनिश्चित किया जाए। जल निकासी और जल ग्रहण क्षेत्र को बिना किसी हिचक के अतिक्रमण मुक्त कर उसकी गहराई,  उसकी सफाई और उसके दोनों किनारे बड़े पैमाने पर फलदार-फूलदार औषधीय तथा इमारती वृक्षों का रोपण किया जाए। गंगा की पूरक नदियों के बहाव को अविरलता प्रदान की जाए। वही गंडक,  बूढ़ी गंडक , लाल बकिया,  बागमती, कमला, कोसी , महानंदा , घाघरा,  फल्गु जैसी तमाम नदियों को विस्तार देने वाली छोटी-छोटी नदियों की साफ सफाई के  साथ साथ उनके बहाव में भी  अविरलता प्रदान करने हेतु कदम उठाए जाएं।
  
5. विकास की तमाम योजनाओं खासकर नल-जल योजना, गली नाली योजना, सड़क और पुल पुलिया योजना इत्यादि को बाढ़ के प्रभाव से मुक्त रखने की दिशा में  विचार करने की आवश्यकता है। क्योंकि हर वर्ष आने वाले बाढ़ के कारण करोड़ों- करोड़ों रुपया राज्य के खजाने से जो उपरोक्त योजनाओं पर खर्च होते हैं उस पर पानी फिर जाता है।

अतः विकास की योजनाएं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष ढंग से बनाई जाए। इतना ही नहीं इन क्षेत्रों से गुजरने वाले राज्य मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्गों, रेल मार्ग और हवाई पट्टियों को भी उपरोक्त चुनौतियों को ध्यान में रखकर योजना का रूपांकन किया जाए। इस प्रकार हम बिहार को गतिशील और विकसित बिहार, विपदाओं और आपदाओं से सुरक्षित बिहार को बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे ।  मुख्यमंत्री  जी का यह सपना हर खेत तक सिंचाई का  संसाधन पहुंचाने का इसके लिए बहुत दूर नहीं सिर्फ 40-50 वर्ष पीछे लौटने की आवश्यकता है।  जब हमारे पूर्वजों ने समाज ने  समुदाय ने और तब की सरकारों ने भी खेती के परंपरागत संसाधन के रूप में चेवर, झील, तालाब, पोखर, कुआं , आहर , पईन, और सरेही नदी नालो का निर्माण और उसके रखरखाव की जवाबदेही तब के समाज अपने ऊपर जवाबदेही लेकर उसे सुनिश्चित करता था। क्या उस दिशा में कोई पहल किया जा सकता है?अगर ऐसा हो सकता है तो इसके लिए सामुदायिक स्तर पर प्रयास करने की दिशा में पहल को आगे बढ़ाया जा सकता है। हमें फिर से समाज के अभिक्रम को जगाने की जरूरत है और सरकार- समाज के अभिक्रम को बढ़ाने में मददगार हो इस विचार के साथ अगर हम आगे बढ़ेंगे और निश्चय ही पानी में तैरने वाला हमारा समाज कभी भी डूब नहीं सकता।


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अमर
सामाजिक कार्यकर्ता
पूर्वी चंपारण के मेहसी प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ता हैं अमर।

बिहार : स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एंटीजन किट से जांचकर वाहवाही लूटने वालों पर वज्रपात

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इससे साबित होता है कि एंटीजन किट में नहीं है दम। जिसके कारण असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर राजकिशोर चैधरी को लिखकर पदाधिकारियों को बताना पड़ा। आरटीपीसीआर जांच ही प्रभावशाली है........
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पटना। आजकल बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग रिकाॅड बनाने में व्यस्त है। प्रत्येक दिन  ही रिकाॅड बन रहा है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक दिवसीय विधानसभा में अपने संभाषण में कहा कि चेहरे पर धूल है और आयना ही बदल रहे हैं। यह कटाक्ष पूर्ण वक्तव्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के बदलाव को लेकर कहा गया। प्रधान सचिव संजय कुमार के बाद प्रधान सचिव बने कुमावत को बदलकर प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को बनाया गया। इनके आने के बाद से ही आंकड़ों पर उछाल होने लगा। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आश्चर्य में पड़ गए। उनका कहना था कि 15 अगस्त तक कोरोना टेस्ट में इजाफा करके 20 हजार कर दिया जाए। जो 15 अगस्त के पूर्व से ही कोरोना टेस्ट में उछाल होने लगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने ट्वीट कर बताया कि पिछले 24 घंटे में 22,742 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 5 लाख 48 हजार जांच किए गए। अगले दिन बताया गया कि पिछले 24 घंटे में 28,624 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 5 लाख 76 हजार 796 जांच किए गए। अगले दिन पिछले 24 घंटे में 35,619 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 6 लाख 12 हजार 415 जांच किए गए। पिछले 24 घंटे में 36,524 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 6 लाख 48 हजार 939 जांच किए गए। पिछले 24 घंटे में 38,215 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 6 लाख 87 हजार 154 जांच किए गए। पिछले 24 घंटे में 51,924 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 7 लाख 39 हजार 678 जांच किए गए। पिछले 24 घंटे में 60,254 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 8 लाख 00 हजार जांच किए गए। आज तो 75 हजार से अधिक जांच किए गए। पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार का दावा है कि राज्य में रोजाना 1 लाख जांच हो सकेगा। पिछले 24 घंटे में 75,426 जांच हुए जो अबतक का सर्वाधिक जांच है। राज्य में कुल 9 लाख 46 हजार 278 जांच किए गए। 

इस तरह की जांच पर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,पटना ने वज्रपात कर दिया। उन्होंने 8 अगस्त 2020 को पत्रांक 5599 जारी कर अधीक्षक,गुरू गोविन्द सिंह सदर अस्पताल,पटना सिटी,पटना। सभी उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल /  गर्दनीबाग अस्पताल,पटना जिलान्तर्गत। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,शहरी अस्पताल,पटना जिलान्तर्गत। सभी प्रभारी पदाधिकारी,आईसोलेशन सेन्टर /  क्वारंटीन सेन्टर,पटना जिलान्तर्गत को सूचित किया पटना जिलान्तर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सक / कर्मियों के कोविड-19 की जांच आरटीपीसीआर से करवाने के संबंध में। पत्र में कहा गया कि कतिपय चिकित्सक /  कर्मियों के द्वारा कोविड-19 की जांच एंटीजन किट से करवाकर पाॅजिटिव आने पर सूचना भेजकर आईसोलेशन में चले जा रहे हैं। इसके आलोक में जिलान्तर्गत कार्यरत  चिकित्सक /  कर्मी कोविड-19 की अपनी जांच एंटीजन किट से पाॅजिटिव आने के पश्चात आरटीपीसीआर से करायेंगे तथा उसकी जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर ही उन्हें नियमतः आईसोलेशन के लिए अनुमति दी जायेी। अबतक जो भी चिकित्सक /  कर्मी एंटीजन किट से जांच पाॅजिटिव आने के आधार पर अथवा भय से जानबुझकर अपने कत्र्तव्य से अनुपस्थित है वे कत्र्तव्य पर लौट जायेंगे अन्यथा परिस्थिति के लिए वे स्वयं जिम्मेवार होंगे। इससे साबित होता है कि एंटीजन किट में नहीं है दम। जिसके कारण असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर राजकिशोर चौधरी को लिखकर पदाधिकारियों को बताना पड़ा। आरटीपीसीआर जांच ही प्रभावशाली है। 

बिहार में शनिवार को लगभग 4 हजार नये कोरोना संक्रमित मिले हैं। 3992 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 75,786 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बिहार के 17 जिलों में एक सौ से अधिक कोरोना संक्रमित मिले है। पटना में सर्वाधिक 542 संक्रमित मिले। जबकि अररिया में 106, बेगूसराय में 210, भोजपुर में 119, बक्सर में 131, पूर्वी चंपारण में 139, गोपालगंज में 102, कटिहार में 193, मधुबनी में 117, मुजफ्फरपुर में 118, नालंदा में 120, रोहतास में 131, समस्तीपुर में 147, सारण में 111, सीवान में 160 और पश्चिमी चंपारण में 102 नए संक्रमित मिले। इनके अतिरिक्त अरवल में 44, औरंगाबाद में 84, बांका में 59, भागलपुर में 91, दरभंगा में 41, गया में 96, जमुई में 17, जहानाबाद में 46, कैमूर में 58, खगड़िया में 44, किशनगंज में 70, लखीसराय में 52, मधेपुरा में 72, मुंगेर में 64, नवादा में 27, पूर्णिया में 99, सहरसा में 86, शेखपुरा में 89, शिवहर में 13, सीतामढ़ी में 96, सुपौल में 89 नए संक्रमितों की पहचान की गई।

मधुबनी : प्रभारी मंत्री द्वारा कोविड 19 एवम् बाढ़ की समीक्षा की

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मधुबनी  9अगस्त 20,, बाढ़ 2020 एवं कोविड-19 की समीक्षा हेतु दिनांक 09.08.2020 को  सभा कक्ष में श्री प्रेम कुमार माननीय मंत्री, कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की गयी।   बैठक में आरक्षी अधीक्षक, मधुबनी, अपर समाहर्ता अवधेश राम, मधुबनी उप विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह , , सिविल सर्जन,  मधुबनी, जिला पदाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी,जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी,जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी , बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, झंझारपुर के अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, एन0एच0 के अभियंता आदि ने भाग लिया। सर्वप्रथम मंत्री द्वारा पृथ्वी दिवस के अवसर परजिला समाहरणालय परिसर मे एक पेड़ लगाया गया। तदोपरांत जिला सभागार में मंत्री ने सभी पदाधिकारियो को सम्बोधित करते हुए बाढ़ से प्रभावित परिवारों को सर्वेक्षण करा कर जी0आर0 का लाभ देने हेतु प्रभावित परिवारों की सूची शीघ्र तैयार करने हेतु निदेशित किये। सभी तटबंधों पर कड़ी निगरानी रखने तथा जहाॅ कहीं भी कटाव की संभावना बने उस पर तुरन्त कार्रवाई करने का निदेश दिये। साथ ही उन्होंने बाढ़ का मुख्य कारण शहरी एवं ग्रामीण अतिक्रमण को बताते हुए इसे शीघ्र अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश अनुमंडल पदाधिकारी ,बेनीपट्टी को दिया ताकि जल निकासी जल्दी किया जा सके। बैठक के दौरान अपर समाहर्ता द्वारा बताया गया कि  जिला के बाढ़ प्रभावित चारो प्रखण्डो मधेपुर, मधवापुर, बिस्फी एवं बेनीपट्टी के 8 पूर्ण तथा 48 आंशिक प्रभावित पंचायत के  परिवार को जी0आर0 देने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ । मंत्री ने बताया कि राज्य को चालू वित्तिय वर्ष में किसानों को यंत्रीकरण करने हेतु 100 करोड़ रूपया केन्द्र सरकार से प्राप्त हुआ है।जिला कृषि पदाधिकारी से जिला के फसल प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे विवरणी शीघ्र विभाग को भेजने का निदेश दिया ताकि लाभूको को शीघ्र मुआवजा का भुगतान  की जा सके।  मंत्री द्वारा जिला पशुपालन पदाधिकारी, मधुबनी को निदेश दिया कि बाढ़ प्रभावित प्रखण्डो के पशुओ को उच्च स्थान पर रखने हेतु स्थल चयनित कर वहाॅ पर चिकित्सक, दवा एवं चारा की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
        
कोविड-19 की समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन, मधुबनी के द्वारा जिला का आंकड़ा दिया गया।सिविल सर्जन के अनुसार कोविड संबंधी अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन इस प्रकार है।

1. अद्यतन लिये गये कुल सैम्पल:-22981
2.अब तक पोजेटिव केश की संख्या:-1869
3. निगेटिव केश की संख्या:- 19189
4. सैम्पल पेंडिग:-477
5.एक्टिव केश की संख्या:- 741
6.रिकवर केश की संख्या:-1126
7. मृत की संख्या:-02
8. टूनेट मशीन:-05
9.कोविड केयर सेन्टर पर बेड:-1100
इस पर मंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन एवम् पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया तथा मास्क चेकिंग को सख्त करने का निर्देश दिया गया।  सिविल सर्जन द्वारा जिला में उपलब्ध चिकित्सको की संख्या एवम् एम्बुलेंस को अप्रर्याप्त बताते हुए अतिरिक्त  उपलब्ध कराने का अनुरोध माननीय मंत्री से किया गया। मंत्री ने सकरी के पास सड़क की जर्जर स्थिति का चर्चा करते हुए एनएचएआई अभियंता को इसे शीघ्र मरम्मती कराने का आदेश दिया। अन्त में अपर समाहर्ता ने मंत्री का धन्यवाद ज्ञापन कर समीक्षा बैठक की समाप्ति की घोषणा की।

मधुबनी : कृषि -सह- पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री के द्वारा किया गया वृक्षारोपण

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) आज बिहार पृथ्वी दिवस के शुभ अवसर पर माननीय मंत्री कृषि -सह- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग डॉक्टर प्रेम कुमार के द्वारा जिला समाहरणालय  एवं अन्य परिसरों में वृक्षारोपण किया गया । वृक्षारोपण के पश्चात जिले में खरीफ 2020 में आयी बाढ़ से हुई क्षति से संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई ।बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग, मत्स्य विभाग ,जिला पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों के साथ विभागवार समीक्षा बैठक की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। तत्पश्चात माननीय मंत्री के द्वारा बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति का निरीक्षण रहिका प्रखंड के सप्ता पंचायत में किया गया ।  इस मौके पर अपर समाहर्ता मधुबनी , उप विकास आयुक्त मधुबनी जिला कृषि पदाधिकारी के साथ साथ कृषि एवं संबद्ध विभाग के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे । माननीय मंत्री महोदय के द्वारा निर्देशित किया गया कि खरीफ 2020 में आई बाढ़ से हुई क्षति का आँकलन कर प्रतिवेदन विभाग को समर्पित की जाए।

दरभंगा : बिहार में अतिथि शिक्षक राम भरोसे मार्च माह से वेतन नहीं मिला : डॉ विनोद

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफ़ेसर विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि विहार सरकार अतिथि -शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है ।उन्होंने कहा कि-बिहार सरकार ने बीपीएससी द्वारा तय अर्हता के आधार पर स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की बहाली की जिम्मेवारी बिहार के सभी विश्वविद्यालयों को सौंपी। यह फैसला स्वागत योग्य था ,कारण बिहार के विश्वविद्यालयों में हजारों -हजार शिक्षकों के स्वीकृत पद रिक्त थे ,जिस कारण पठन-पाठन का वातावरण समाप्त हो चुका था और यह फैसला भी उस परिस्थिति में लिया गया जब सरकार की नियुक्ति - एजेंसियों ने शीघ्र बहाली में अपने को असमर्थ बतलाया। विश्वविद्यालयों ने सेलेक्शन कमिटी के आधार पर स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर तुरंत बहाली शुरू कर दी। अतिथि शिक्षकों की बहाली होने से फिर से एक बार कैंपस में रौनक लौटी ,पठन-पाठन शुरू हो गया। सिर्फ़ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में ही साढ़े चार सौ अतिथि -शिक्षकों की बहाली हुई ।25000 मासिक वेतन पर इनकी नियुक्ति हुई। जबकि यूजीसी के नियम से इन्हें 50,000 मासिक वेतन मिलना चाहिए।  जो भी हो 25000 मासिक भुगतान इनका शुरू हो गया। लेकिन पता नहीं सरकार की मंशा में एकाएक परिवर्तन क्यों होने लगा और इन्हें 6-7 महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। बार-बार वेतन के लिए यह अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, बावजूद इनका कोई सुनने वाला नहीं है। अभी बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में बिहार राज्य विश्वविद्यालय अतिथि -शिक्षक - संघ द्वारा आंदोलन भी चलाया गया ।उसका भी कोई प्रतिफल नहीं निकला। अब अतिथि -शिक्षकों के समक्ष परिवार चलाने की समस्या उत्पन्न हो गई है और अधिकांश अतिथि शिक्षक बिहार के बाहर के रहने वाले हैं आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार में घर लेकर परिवार चलाना कितना कठिन होता होगा और उसमें भी 6 माह से वेतन नहीं मिला हो। संघ के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र कुमार ठाकुर के अनुसार जिस प्रकार 1982-1986 में अस्थाई शिक्षकों का नियमितीकरण किया गया था उसी तरह पुनः अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण होना चाहिए । इन अतिथि- शिक्षकों की पहली मांग नियमित वेतन भुगतान की है तथा दूसरी मांग स्थायीकरण की है। इनकी मांगे अपनी जगह पर लेकिन जब तक इनसे काम ले लिया गया है तब तक इनका वेतन भुगतान करना ही होगा यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है। मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि इन अतिथि शिक्षकों के बकाए वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए और भविष्य में अन्य शिक्षकों की भाँति इनका भी नियमित भुगतान हो साथ ही यूजीसी के नियमानुसार इन्हें भी 50,000 मासिक वेतन मिले।
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