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मधुबनी : भारत नेपाल संबंध सदियों से प्रगाढ़ -: जिलाधिकारी।

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भारत नेपाल जिला स्तरीय सीमा समन्वय समिति की बैठक अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में  हुई आयोजित। नेपाल के जनकपुरधाम में आयोजित बैठक में मानव तस्करी, शराब के भारतीय सीमा में प्रवेश पर नियंत्रण,मादक पदार्थो की तस्करी, नो मेंस क्षेत्र में अतिक्रमण, जाली नोटों पर अंकुश, अपराधियों की धड़पकड़ सहित कई विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा।

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मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के नेतृत्व में जिले का दल दिनांक 25 जनवरी 2023 को होटल यात्री निवास, जनकपुर धाम, नेपाल में आयोजित "भारत नेपाल जिला स्तरीय सीमा समन्वय समिति"की बैठक में शामिल होने जनकपुरधाम पंहुचा। अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित इस बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा हुई। जिनमें मानव तस्करी, शराब के भारतीय सीमा में प्रवेश पर नियंत्रण, बॉर्डर पर इंक्रोचमेंट, जाली नोटों पर अंकुश, अपराधियों की धड़पकड़ सहित अन्य मुद्दे शामिल थे। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने कहा कि बैठक अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित हुई। जिसके लिए वे नेपाल के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।  उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध सदियों से अत्यंत प्रगाढ़ रहे हैं। ऐसे में हमेशा से  दोनों ही पक्ष विभिन्न मुद्दों पर आपसी बातचीत से सभी बातों का हल निकाल लेते हैं। उन्होंने बताया कि अपराधियों पर अंकुश लगाना, मानव तस्करी को रोकना, नो मैन्स लैंड अतिक्रमण, शराब के धंधेबाजों के धड़पकड़ सहित कई मुद्दों पर आपसी सहमति जताई गई है। जिलाधिकारी ने बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण और फलदाई बताया और बेहतरीन आयोजन के लिए नेपाल के अधिकारियों की प्रशंसा भी की।


बताते चलें कि भारतीय दल में जिलाधिकारी के साथ अपर समाहर्ता नरेश झा, विशेष कार्य पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा, अमेत बिक्रम बैनामी, अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर, बेबी कुमारी, अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी, अशोक कुमार मंडल, अनुमंडल पदाधिकारी, फुलपरास, अभिषेक कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जयनगर, विप्लव कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, फुलपरास, प्रभात कुमार शर्मा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बेनीपट्टी, अरुण कुमार सिंह, एसएसबी 48वीं वाहिनी के कमांडेंट, आई एस पनमेई, एसएसबी 18वीं वाहिनी के कमांडेंट, अरविंद वर्मा, उत्पाद अधीक्षक, गणेश कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे। वहीं, नेपाल के दल का नेतृत्व सीडीओ धनुषा, काशीराज दहल ने किया। उनके साथ सीडीओ, महोत्तरी दीपक कुमार पहाड़ी, सीडीओ सप्तरी, भूपेंद्र थापा, सीडीओ सिरहा, भोजराज खाठिवाड़ा, असिस्टेंट सीडीओ, धनुषा अनुज भंडारी, असिस्टेंट सीडीओ, महोत्तरी उपेंद्र नेउपाने, असिस्टेंट सीडीओ सिरहा, आनंद पाउडेल, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, धनुषा, विश्वराज खरका, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, महोत्तरी प्रकाश मल, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, सप्तरी, नरेंद्र कुमार करकी, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस सिरहा, टीकू नंद एरुआ लिंबू साथ ही आर्म्ड पुलिस फोर्स नेपाल, नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम नेपाल, एवं बड़ी संख्या में कस्टम ऑफिसर, सर्वे ऑफिसर सहित नेपाल प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल थे।


पुस्तक मेले के दूसरे दिन भारी संख्या में 'जलसाघर'पहुँचे पुस्तकप्रेमी

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नई दिल्ली। 26 फरवरी, विश्व पुस्तक मेले के दूसरे दिन राजकमल प्रकाशन के 'जलसाघर'में भारी संख्या में पुस्तकप्रेमियों ने शिरकत की। वहीं पाठकों ने राजकमल प्रकाशन द्वारा चलाई जा रही क्विज प्रतियोगिता 'आएँ खेलें पाएँ ईनाम'में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में हिंदी साहित्य से जुड़े सवालों के सही जवाब देने पर पाठकों को पुस्तकों की खरीद पर अतिरिक्त छूट दी जा रही है। रविवार को 'जलसाघर'में आयोजित कार्यक्रम में कई पुस्तकों पर परिचर्चा की गई। वहीं तीन नई पुस्तकों, ज्योतिष जोशी की 'आधुनिक कला आंदोलन', ज्योति चावला की 'यह उनींदी रातों का समय है'और डॉ. रमेश अग्रवाल की 'जीने की जिद'का लोकार्पण हुआ। रविवार के दिन कार्यक्रम की शुरुआत में हिंदी कवि दिनेश कुशवाह और अष्टभुजा शुक्ल ने अपनी कविताओं का पाठ किया। इस दौरान दिनेश कुशवाह ने हमारा खून लाल क्यों है, इसी काया में मोक्ष, रेखा, दांपत्य के लिए प्रार्थना आदि कविताएं पढ़ीं। वहीं अष्टभुजा शुक्ल ने जवान होते बेटों, चार साल का नाती, चोर चोर चोर, अभी कहां मानुष बन पाया आदि कविताएं पढ़ीं। इस अवसर पर वरिष्ठ उपन्यासकार अलका सरावगी, रोहिणी अग्रवाल, कबीर संजय, इरशाद खान सिकंदर, सविता पाठक सहित और भी अनेक कविता प्रेमी श्रोता मौजूद रहे।


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कार्यक्रम के दूसरे सत्र में जयशंकर प्रसाद के जीवन और युग पर 'कंथा'नाम का चर्चित उपन्यास लिखने वाले श्याम बिहारी श्यामल से मनोज पांडेय ने बात की। उपन्यास के बारे में बात करते हुए श्याम बिहारी श्यामल ने कहा कि इस उपन्यास को लिखने में उन्हें बीस साल से अधिक समय लगा। प्रसाद जी के जीवन के बारे में, उनके समकालीनों के बारे में जानने में, और उन सबके रचनात्मक व्यक्तित्व की पुनर्रचना में समय लगा। उपन्यास में कल्पना का कितना सहारा लिया गया है इस सवाल के जवाब में श्याम बिहारी श्यामल ने कहा कि कदम कदम पर कल्पना का सहारा लिया गया है, लेकिन तथ्यों के साथ कहीं भी छेड़ छाड़ नहीं की गई है। और कल्पना करते हुए तथ्यों की डोरी का सतत खयाल रखा गया है। तीसरे सत्र में 'हिस्टीरिया'कहानी संग्रह की युवा लेखिका सविता पाठक से प्रतिभा भगत ने बातचीत की। किताब का नाम हिस्टीरिया रखने के सवाल पर सविता पाठक ने कहा कि मैं जिस समाज से आती हूं उसमें स्त्रियों के बहुत सारे सवालों को इस एक शब्द के सहारे दबा दिया जाता है। एक स्त्री जब इस तरह के किसी उन्माद में जाती है तो उसके पीछे बराबरी की आकांक्षा, पढ़ने की आकांक्षा, अपने पैरों पर खड़े होने या की मनपसंद रोजगार पाने की आकांक्षा हो सकती है। तरह तरह की गैरबराबरी का विरोध हो सकता है पर ऐसे को एक हल्के और गैर जिम्मेदार वाक्य के नीचे दबा दिया जाता है कि इसकी शादी कर दो तो ये ठीक हो जायेगी। मेरी कहानियों की स्त्रियां शादी करके ठीक हो जाने की बजाय अपनी इयत्ता और आजादी की तलाश में हैं। अगले सत्र में राज्यसभा सांसद डा. महुआ माजी ने वीरेंद्र यादव के साथ बातचीत में कहा कि मैं राज्यसभा में हूँ और मुख्यधारा की लेखक भी हूँ मेरा दायित्व बनता है़ कि मैं स्थानीय साहित्य को दिल्ली तक लाने में मदद करूं। मैं राजभाषा विभाग से स्थानीय और दूर दराज के साहित्य पर ध्यान केंद्रित करने एवं बढ़ाव देने के गुजारिश करूंगी जिससे उन भूले बिसरे लेखकों को भी तवज्जो मिले। डॉ. महुआ माजी की राजकमल प्रकाशन से 'मैं बोरिशाइल्ला'एवं 'मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ'प्रकाशित हुई हैं।


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इसके बाद उपन्यास दातापीर के बारे में अमित गुप्ता से बात करते हुए वरिष्ठ उपन्यासकार ऋषिकेश सुलभ ने कहा कि अब इस बात से फर्क नही पड़ता कि मैं इस उपन्यास के यथार्थ से कितना परिचित रहा हूं। असली बात यह है कि वे उपन्यास में किस तरह से रची गई हैं या दाखिल हुई हैं। यह उपन्यास लगातार मानवीय संबंधों में आते हुए बदलाव के बीच कुछ जेनुइन चरित्रों के अथक संघर्ष, उनकी जिजीविषा और उनकी त्रासदी की भी कहानी कहता है। कार्यक्रम के आखिरी सत्र में युवा संपादक आलोचक पल्लव से बात करते हुए वरिष्ठ कवि, कथाकार, व्यंग्यकार विष्णु नागर ने अपने संस्मरणों की नई किताब डालडा की औलाद के बारे में बात करते हुए कहा कि ये संस्मरण पाठकों को उस दुनिया में ले जाते हैं जब सोशल मीडिया नहीं थी। पाठकों के बारे में बात करते हुए विष्णु नागर ने कहा कि किताबों की तरफ लौटना लोगों के ही हित में है। सोशल मीडिया की दुनिया उन्हें वह सब कभी नहीं दे सकती जो कि कोई बेहतरीन किताब दे सकती है। पुस्तक मेले में दूसरे दिन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर रेत समाधि, तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा, सोफी का संसार, साये में धूप, काशी का अस्सी, मेरे बाद, तमस, संस्कृति के चार अध्याय, शिवानी की सम्पूर्ण कहानियां, चित्रलेखा आदि पुस्तकों की सर्वाधिक बिक्री हुई। राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने बताया कि दो साल बाद हो रहे विश्व पुस्तक मेले में पुस्तकप्रेमी बहुत उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। इससे हम प्रकाशकों का मनोबल बढ़ा है। पुस्तक मेला प्रकाशकों के लिए एक सिंहद्वार की तरह है जो हमें एक नई दृष्टि देता है और इससे काफ़ी कुछ देखने और समझने में मदद मिलती है।


विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के कार्यक्रम

 सोमवार ,27 फ़रवरी 2023 के कार्यक्रम

2  बजे –मारण मन्त्र विमल चन्द्र पांडेय से दिव्य प्रकाश दुबे की बातचीत

2:30 बजे – 12 32KM – करोना काल में एक असंभ सफ़र –विनोद कापडी से मनोज कुमार पांडेय की बातचीत

3 बजे – दावानल माओवाद से जंग – नंदिनी सुन्दर से फिरोज शानी की बातचीत

6 बजे – कच्छ कथा – अभिषेक श्रीवास्तव से रमाशंकर सिंह की बातचीत 

बिहार : देश सबसे कठिन दौर में, विपक्ष को एकजुट होना होगा : दीपंकर भट्टाचार्य

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  • अमृतकाल के नाम पर परोसा जा रहा है विष: प्रो. रामवचन राय
  • जगजीवन राम स्मृति व्याख्यानमाला के तहत ‘बिहार में सामाजिक बदलाव की चुनौतियां’ विषय आयोजित हुआ सेमिनार.

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पटना 26 फरवरी, जगजीवन राम स्मृति व्याख्यानमाला के अंतर्गत आज जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में ‘बिहार में सामाजिक बदलाव की चुनौतियां’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसे मुख्य वक्ता के बतौर भाकपा-माले के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार विधान परिषद् के सदस्य और पटना विश्वविद्यालय के रिटायर्ड शिक्षक प्रो. (डाॅ.) रामवचन राय ने की. स्वागत वक्तव्य संस्थान के निदेशक डाॅ. नरेन्द्र पाठक की ओर से दिया गया. माले महासचिव ने उक्त विषय पर देश और बिहार के अंदर विगत 200-250 वर्षों के अंदर चले सामाजिक बदलाव के संघर्षों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज देश जिस कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है, उसमें सामाजिक बदलाव की सभी धाराओं को मिलकर काम करना होगा. दौर सबसे कठिन है लेकिन इसी दौर में नए लोग नए तेवर के साथ खड़े होते हैं. हाशिए पर खड़े लोगों के लिए सामाजिक बदलाव जरूरी शर्त है. उन्होंने सामाजिक बदलाव की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि यह लड़ाई कभी तेज, कभी धीमी लेकिन लगातार चलने वाली एक प्रक्रिया है. आजादी की लड़ाई को केवल राजनीतिक आजादी के लिहाज से नहीं देखना होगा बल्कि उसके भीतर सामाजिक बदलाव का संघर्ष भी उतनी ही तीव्रता के साथ मौजूद था. उन्होंने फुले के संघर्षाें को याद किया. कहा कि सामाजिक बदलाव का मतलब यह नहीं है कि जमीन या आर्थिक सत्ता मिल जाए, बल्कि जाति व्यवस्था के कारण दलितों-महिलाओं की शिक्षा व अन्य अधिकारों से वंचना के खिलाफ संघर्ष भी सामाजिक बदलाव के एजेंडे में शामिल हंै. उन्होंने देश व बिहार के इतिहास में 1936 को टर्निंग प्वायंट बताया. कहा कि उस समय एक तरफ जुझारू किसान आंदोलनों का आवेग खड़ा हुआ और इसी समय बाबा साहेब अंबेडकर ‘जाति के विनाश’ के विचार के साथ सामने आए. 1947 में आजादी आई. आजादी के साथ राजनीतिक बराबरी तो आ गई लेकिन सामाजिक - आर्थिक गैरबराबरी जारी रही. 1970 के दशक में हमारे नेतृत्व में उठ खड़े हुए व्यापक आंदोलन में जमीन, मजदूरी के साथ-साथ सामाजिक सम्मान का प्रश्न भी एक प्रमुख प्रश्न था. उन्होंने कहा कि आरक्षण के कारण विश्वविद्यालयों व कुछेक अन्य जगहों पर दलित-पिछड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व मिलने लगा है, लेकिन न्यायालय व प्राइवेट सेक्टर में अब भी यह नहीं हो रहा है.  आरक्षण ने माहौल बदला है, लेकिन जबत तक समाज का ढांचा नहीं बदलता, न्याय की गुंजाइश कम रहेगी.


उन्होंने यह भी कहा कि अब तो आरक्षण की पूरी अवधारणा पर ही कुठाराघात हो रहा है. आज की तारीख में कोई भी पार्टी सामाजिक न्याय की अवधारणा को कोई गलत नहीं कहेगी, लेकिन हम देख रहे हैं कि चोर दरवाजे से संविधान विरोधी 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण लाया गया. आगे कहा कि आज देश फासीवादी दौर से गुजर रहा है. अंग्रेजी राज की तर्ज पर शासन चलाने की कोशिश हो रही है और हमारे सारे अधिकार छीने जा रहे हैं. ये सारी चीजें समाज को पीछे ले जाने वाली हैं. हमें न केवल मिले अधिकारों, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की अवधारणा के पक्ष में मजबूती से खड़ा होना है, बल्कि इसे गुणात्मक रूप से बेहतर बनाने के बारे में भी काम करना होगा. अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. रामवचन राय ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वह अमृतकाल के नाम पर नफरत का कारोबार कर रही है. विष वमन कर रही है. यह बहुत दुखद है. पूरे देश में कुहासा सा माहौल है. उन्होंने प्रेमचंद को उद्धत करते हुए कहा कि सांप्रदायिकता हमेशा संस्कृति के वाहक के रूप में ही आती है. इससे हम सबको मिलजुलकर निपटना होगा. उन्होंने भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे और उनकी पार्टी इस सामाजिक बदलाव के वाहक बनेंगे. इसके पूर्व संस्थान के निदेशक डाॅ. नरेन्द्र पाठक ने का. दीपंकर भट्टाचार्य व प्रो. रामवचन राय को अपनी पुस्तकें भेंट की और शाल के साथ सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान डाॅ. विद्यार्थी विकास, पुष्पराज, गालिब आदि ने सवाल - जवाब भी किए. कार्यक्रम में उक्त वक्ताओं के अलावा माले के राज्य सचिव कुणाल, विधायक दल के नेता महबूब आलम, धीरेन्द्र झा, प्रो. अभय कुमार, सतीश पटेल, केडी यादव, संतोष सहर, कमलेश शर्मा, शशि यादव, सतीश पटेल, अशोक कुमार और बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन डा. कुमार परवेज ने किया.

पीएम किसान की 13वीं किस्त 27 फरवरी को जारी करेंगे प्रधानमंत्री श्री मोदी

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  • कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर भी होंगे शामिल
  • 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को 16,800 करोड़ रु. की सम्मान निधि मिलेगी

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नई दिल्ली, 26 फरवरी 2023, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी, सोमवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत 13वीं किस्त जारी करेंगे। 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे 16,800 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे। यह कार्यक्रम कर्नाटक के बेलगावी में होगा। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में पीएम-किसान और जल जीवन मिशन के लाभार्थियों सहित एक लाख से अधिक लोगों की प्रभावशाली उपस्थिति का अनुमान है, वहीं करोड़ों अन्य किसान ऑनलाइन जुड़ेंगे। जो किसान भाई-बहन या अन्य लोग इस कार्यक्रम को लाइव देखना चाहते हैं, वे निम्नलिखित URL पर पहुंचकर कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकते हैं: https://lnkd.in/gU9NFpd और https://pmindiawebcast.nic.in/ पर लाइव इवेंट की कार्यवाही देखने के लिए ट्यून इन करें। योजना के तहत 11वीं और 12वीं किस्त पिछले साल मई और अक्टूबर में दी गई थी। 13वीं किस्त जारी करने के साथ, सरकार ने भारत के किसानों का समर्थन करने और उनकी आजीविका के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखा है। पीएम-किसान योजना ने पहले ही देशभर के किसानों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किया है, और यह नवीनतम किस्त उनकी आय को और बढ़ाएगी और कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान देगी।


प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2019 में पीएम-किसान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य देशभर के सभी भूमिधारक किसान परिवारों को खेती योग्य भूमि के साथ निर्धारित मापदंडों के अधीन आय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत, प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जारी की जाती है। देश में सभी भूमिधारक किसान परिवार कुछ अपवर्जन मानदंडों के अधीन पीएम किसान के तहत पात्र हैं। अब तक, 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों, मुख्य रूप से छोटे और सीमांत, को 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है। विशेष रूप से, कोविड लॉकडाउन के दौरान इन जरूरतमंद किसानों की मदद के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये कई किस्तों में बांटे गए। इस योजना ने तीन करोड़ से अधिक महिला लाभार्थियों को भी लाभान्वित किया है, जिन्होंने सामूहिक रूप से 53,600 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए हैं। पहल के धन ने ग्रामीण आर्थिक विकास को गति दी है, किसानों के लिए ऋण की कमी को कम किया है और कृषि निवेश को बढ़ावा दिया है। इसने किसानों की जोखिम लेने की क्षमता में भी वृद्धि की है, जिससे अधिक उत्पादक निवेश हुआ है। PM-KISAN फंड प्राप्तकर्ताओं को उनकी कृषि जरूरतों और शिक्षा, चिकित्सा देखभाल और विवाह जैसे अन्य खर्चों को पूरा करने में मदद कर रहा है।

मधुबनी : बेनीपट्टी बुल्स ने फुलपरास पैंथर्स को 21 रनों से हराकर चैम्पियनशिप पर कब्जा किया

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गंगौर (हरलाखी)/मधुबनी, स्थानीय उच्च विद्यालय के मैदान पर चल रही मधुबनी जिला क्रिकेट संचालन समिति व बिहार क्रिकेट संघ से मान्यता प्राप्त गंगौर प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता के फाईनल मैच में बेनीपट्टी बुल्स की टीम ने फुलपरास पैंथर्स की टीम को 21 रनों से हराकर चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया। रबिबार को खेले गए फाईनल मैच में बेनीपट्टी बुल्स टीम के कप्तान अविनाश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेवाजी करते हुए 20.1 ओवर में 183 रन बनाकर ऑल आऊट हो गई।मुकेश यादव 26 रन, कप्तान अविनाश 15 रन, गौतम 19 रन, युव राज झा 11 रन, राहुल चौधरी 27 रन, नरेश सहनी 33 रन, ईरशाद 9 रन , प्रमोद यादव 15 रन, सुमन पाण्डेय 9 रन और सुभाष सहनी नाबाद 10 रन बनाया। फुलपरास पैंथर्स टीम के गेंदवाज अमरेन्द्र 4 विकेट, कृष्णा 3 विकेट, राजीव 2 विकेट और आशुतोष 1 विकेट लिया। जबाब में बल्लेवाजी करते हुए फुलपरास पैंथर्स की टीम 19.3 ओवर में 162 रन बनाकर ऑल आऊट हो गई।कृष्णा 29 रन, दुलारचंद 16 रन, राजीव 23 रन, शुभम मिश्रा 34 रन, शुभेन्दु 31 रन बनाया। बेनीपट्टी बुल्स टीम के गेंदवाज सुमन पाण्डेय 4 विकेट, प्रमोद यादव, सुभाष और राहुल चौधरी ने 2-2 विकेट लिया। मैच के अम्पायर सुरेन्द्र नारायण सिंह, व्रजेश कुमार मिश्रा,अनिल यादव, स्कोरर मनीष कुमार राज, चन्दन महतो, समीर आजाद, विजय शर्मा थे। मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार बेनीपट्टी बुल्स टीम के सुमन पाण्डेय को प्रदान किया गया।वहीं   सर्व श्रेष्ठ बल्लेवाज व मैन ऑफ द सीरीज झंझारपुर टीम के केशव कुमार को , सर्व श्रेष्ठ गेंदवाज अमरेन्द्र राय को, व उभरते हुए खिलाड़ी का पुरस्कार मुकेश यादव को प्रदान किया गया। विजेता टीम बेनीपट्टी बुल्स टीम को 51 हजार रुपया व ट्रॉफी और उप विजेता फुलपरास टीम को 31 हजार रुपया व ट्रॉफी मुख्य अतिथि समाज सेवी संतोष झा , डॉ संतोष सिंह, फिरोज अहमद, देवेन्द्र ठाकुर, एस एस वी कमांडेंट सुनील कुमार, हरलाखी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कृष्ण मुरारी के हाथों प्रदान किया गया। मौके पर व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुमन झा,  अध्यक्ष सुधीर कुमार, उपाध्यक्ष जितेन्द्र किशोर, सचिव राघवेंद्र रमन, कोषाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद, मनोज प्रभाकर, शिव शंकर प्रसाद, जुड़ी यादव, राम दिनेश यादव, युगल किशोर, धनिक लाल यादव, अशोक साह, नरेश यादव, विपिन साह, विमलेश कुमार , मुन्ना यादव,सुशील आजाद,काजल कुमारी, नवीन सिंह सहित अन्य क्रिकेट प्रेमी उपस्थित थे।

मधुबनी : कल आयोजित होने वाले गृह रक्षकों की दक्षता परीक्षा को लेकर सभी प्रशासनिक तैयारियां पूर्ण।

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  • जिलाधिकारी ने प्रतिनियुक्त कर्मियों एवं अधिकारियों को किया संबोधित एवं तैयारियों का लिया जायजा। 

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मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा आज हवाई अड्डा मैदान, मधुबनी में दिनांक 27 फरवरी से 06 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाले गृह रक्षकों की दक्षता परीक्षा की तैयारियों का जायजा लेने के मद्देनजर आयोजन स्थल पर पहुंचे। बताते चलें कि सभी प्रखंडों के हिसाब से दिनांक 27 फरवरी 2023 सोमवार को कलुआही, जयनगर एवं फुलपरास प्रखंड, 28 फरवरी  मंगलवार को खजौली, पंडौल एवं मधवापुर प्रखंड, 01 मार्च बुधवार को बाबूबरही, घोघरडीहा एवं बिस्फी प्रखंड, 2 मार्च गुरुवार को बेनीपट्टी, लखनौर, झंझारपुर एवं उमगाऊं (हरलाखी) प्रखंड, 03 मार्च शुक्रवार को रहिका, खुटौना, शहरी क्षेत्र (नगर निगम), 04 मार्च शनिवार को राजनगर, लदनिया एवं अंधराठाढ़ी प्रखंड,  05 मार्च रविवार को मधेपुर, लौकही एवं बासोपट्टी प्रखंड तथा 6 मार्च 2023 सोमवार को सुरक्षित दिवस रखा गया है। गौरतलब है कि निबंधन का समय पूर्वाहन 8:00 बजे से पूर्वाहन 10:30 बजे तक रखा गया है। इस अवधि के बाद किसी अभ्यर्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। हवाई अड्डा मैदान में आयोजित ब्रीफिंग के दौरान उपस्थित अधिकारियों व प्रतिनियुक्त कर्मियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वर्ष 2011 के आवेदन के आधार पर ही इस बार यह दक्षता परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस दक्षता परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों में से कई अभ्यर्थी इस मौके को उनके करियर के आखरी उम्मीद के रूप में देख रहे होंगे। ऐसे में पारदर्शी और कदाचारमुक्त दक्षता परीक्षा का आयोजन जिला प्रशासन की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी और कर्मी अपनी भूमिका को अच्छी तरह समझ लें। ताकि, कल से आरंभ होने वाली दक्षता परीक्षा के दौरान उन्हे किसी तरह की असमंजस की स्थिति से सामना न करना पड़े।  उन्होंने बताया कि यहां कुल 15 निबंधन काउंटर बनाए गए हैं। सबसे आखरी काउंटर उन अभ्यर्थियों के लिए है, जिनके आवेदन के साथ उनका जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था। ऐसे में उनके नामों की सूची अलग से जिले के वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है और ऐसे अभ्यर्थियों के लिए अलग से काउंटर भी बनाया गया है। जहां उन्हें अपने जन्म प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करना होगा। जिसके बाद ही उन्हें दक्षता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। 


उन्होंने कहा कि दक्षता परीक्षा के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनात की गई है। इतना ही नहीं, चेस्ट नंबर दिए जाने से पूर्व सभी अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक पद्धति से उपस्थिति ली जाएगी। उपस्थित सभी अभ्यर्थियों का उनके काउंटर के आधार पर जत्था बनाया जाएगा। जिसके साथ जत्था प्रभारी सदैव मौजूद रहेंगे। सबसे पहले अभ्यर्थियों को 1600 मीटर की दौड़ छह मिनट में पूरी करनी होगी। इसमें सफल होने के बाद ही अभ्यर्थियों के सीना और ऊंचाई की जांच की जाएगी। इन सभी में अभ्यर्थी को उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।  इसके बाद अभ्यर्थियों को ऊंची कूद, लंबी कूद और शॉटपुट में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक प्रदान किए जायेंगे। जिसके आधार पर उनकी मेघा सूची तैयार की जाएगी। सभी चरण का वीडियोग्राफी भी कराया जाएगा। साथ ही चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। दौड़ के आयोजन के दौड़न लैप स्कोरर को अपना उत्कृष्ट देने को कहा गया है। पारदर्शिता बरतने के लिए आयोजन स्थल पर बड़े साइज का डिजिटल घड़ी भी लगाई गई है। सभी तरह की दक्षता में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सफल मानते हुए आरक्षण रोस्टर के आधार पर मेघा सूची तैयार की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा बढ़ती गर्मी को देखते हुए पानी और एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त विधि व्यवस्था में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न करने वालों पर तुरंत कठोर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उक्त अवसर पर अपर समाहर्ता, नरेश झा, विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अश्वनी कुमार, जिला समादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी, संजय कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शैलेंद्र कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, आशीष प्रकाश अमन, प्रभारी खेल पदाधिकारी, मयंक सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी, राजीव रंजन देसाई, डीसीएलआर सदर, राकेश कुमार, सिविल सर्जन, डॉ ऋषिकांत पांडेय, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुख्यालय, प्रभाकर तिवारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

बिहार : गांधी मैदान में पी.एम.ई.जी.पी. एवं खादी ग्रामोद्योग महोत्सव 2023 का चल रहा है आयोजन

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  • गाँधी मैदान से खादी जागृति यात्रा का किया गया शुभारम्भ

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पटना, 26फरवरी, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पटना के एतिहासिक गाँधी मैदान में आंचलिक स्तरीय पी.एम.ई.जी.पी. एवं खादी और ग्रामोद्योग के विशेष प्रदर्शनी के आज 5 वें दिवस जन सामन्य को खादी का परिचय कराने हेतु मेला प्रागंण से एक खादी जागृति यात्रा का शुभारम्भ किया गया। खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों के प्रचार-प्रसार तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के द्वारा संचालित माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म निर्भर भारत एवं महात्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने हेतु डाॅ0 मोहम्मद हनीफ मेवाती, राज्य निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, पटना के द्वारा आज 26.फरवरी 2023 को प्रदर्शनी स्थल से कार्यक्रम की जानकारी की ब्रांडिंग से सुसज्जित 10 टोटो (वाहन) के माध्यम से प्रदर्शनी के प्रचार-प्रसार हेतु हरी झण्डी दिखा कर जागृति यात्रा गाड़ियों को रवाना किया गया।


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आंचलिक पी.एम.ई.जी.पी. एवं खादी ग्रामोद्योग महोत्सव में बिहार, झारखण्ड, पश्चिम  बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र के साथ-साथ देश के कई राज्यों से आये हुए पी.एम.ई.जी.पी. इकाई तथा खादी संस्थाओं द्वारा उत्पादित सूती, रेशमी एवं ऊनी उत्पादों के साथ अपने-अपने स्टाॅल के माध्यम से प्रदर्शनी सह बिक्री का कार्य किया जा रहा हैं। प्रदर्शनी में सिल्क, सूती एवं ऊनी उत्पाद जैसे कटिया, मुंगा, मलवरी, तसर, पेपर सिल्क के साड़ी, समीज-सलवार, कुर्ता-पैजामा, शर्ट एवं बण्डी, धोती-कुर्ता, गमछा, रूमाल, खादी मास्क इत्यादि के साथ-साथ ग्रामोद्योगी वस्तुयें जैसे - शहद, सरसो तेल, साबुन, सत्तु-बेसन, पापड़, अनेको प्रकार के आचार, मुरब्बा, जैम-जेली, इत्यादि की प्रदर्शनी एवं बिक्री किया जा रहा है। प्रदर्शनी में काफी संख्या में लोग आकर भ्रमण एवं खरीदारी कर रहें है। प्रदर्शनी में तेल-घानी, कुम्भकारी, चरखा - करघा एवं रेडिमेड वस्त्रों का जीवन्त प्रदर्शन भी किया जा रहा है। साथ हीं प्रदर्शनी में बड़ो के साथ आये हुए बच्चों के लिए तरह-तरह के झूला भी लगाया गया है। प्रदर्शनी में भ्रमण एवं खरीदारी के साथ खाने-पीने का तरह-तरह के फूड स्टाॅल भी लगाया गया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में रविशंकर प्रसाद, सांसद एवं भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री के कर-कमलों द्वारा दिनांक 22.2.2023 को किया गया था, जिसमें खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष, मनोज कुमार द्वारा  कार्यक्रम की अध्यक्षता किया गया था। इस अवसर पर  मनोज कुमार सिंह, आंचलिक सदस्य (पूर्वी क्षेत्र), खादी और ग्रामोद्योग आयोग, संजीव चैरसिया,  विधायक, दीघा विधानसभा, सीता साहू, महापौर, पटना नगर निगम एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से सम्बद्ध विभागों एवं बैंकों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थें।

मधुबनी : "समाजवाद के प्रखर स्तंभ : चंद्रशेखर"शीर्षक पुस्तक का होगा प्रकाशन

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जयनगर/मधुबनी, अनुमंडल के एकमात्र अनुषांगिक महाविद्यालय  डी०बी० कॉलेज के युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने समाजवाद के प्रखर स्तंभ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के पुत्र राज्यसभा सांसद नीरज शेखर से बलिया स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट कर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर जी को समर्पित पुस्तक "भारत में समाजवाद और उसकी प्रासंगिकता"की मूल प्रति श्री शेखर को भेंट किया।  इस दौरान पुस्तक की समीक्षा करते हुए नीरज शेखर ने कहा कि, लोकनायक के समाजवादी विचारों से संबंधित तथ्यों का लेखकों ने बड़ी गंभीरता और पूरी स्पष्टता के साथ पुस्तक में उल्लेख किया है, यह पुस्तक शोध के उद्देश्यों में शोधार्थियों को सदैव प्रोत्साहित करेगा। तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि आजादी के बाद अवाम को अपने साथ जोड़ने का जो प्रयोग जे.पी. ने किया वो अद्भुत है, वे सबको साथ लेकर चलने के हिमायती थे। आजाद भारत में विचारधाराओं का जो वाद उभरा उसमें नेहरू और लोहिया के बाद सबसे अधिक प्रासंगिक लोकनायक ही रहे हैं।वाणिज्य विभागाध्यक्ष, युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि,  वर्तमान दौर में भारतीय राजनीति की दशा पर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है और वह संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। जे०पी० के सिद्धांत ही संक्रमण काल से निजात दिलाने में सक्षम है, अतः आवश्यकता इस बात की है कि उनके विचारों को जिंदा रखा जाए। इस अवसर पर डॉ. एस.के. सिंह ने पुस्तक के सहयोगी संपादक डॉ. अखिलेश कुमार व श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, गजरौला के शिक्षाविद् डॉ. मो. जमील हसन अंसारी के बारे में अवगत कराया कि उनके सहयोगी संपादक शैक्षणिक कार्यो की वजह से आज उनके साथ उपस्थित नहीं है। डॉ. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि जिस तरह से प्रस्तुत पुस्तक में लोकनायक जयप्रकाश के व्यक्तित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया है, उसी तरह अब राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शोधार्थीयों को युवा तुर्क चंद्रशेखर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर शोध अध्य्यन करने की जरूरत है। इस क्रम में उन्होंने श्री शेखर को बताया कि आगामी भविष्य में जुलाई तक समाजवाद के प्रखर स्तंभ: चंद्रशेखर शीर्षक पुस्तक का संपादन करने की योजना है जिस पर कार्य चल रहा है। इस दौरान मुख्य रूप से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार सिंह, गौरी भईया महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ शंकर सिंह, अविनाश सिंह अदालत, प्रवीण सिंह, बिट्टू सिंह सहित विभिन्न प्रकोष्ठ के युवा पीढ़ी के सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् उपास्थित रहें।


मधुबनी : मैथिल दलित पिछड़ा संवधर्न यात्रा का विद्यापति डीह बिस्फी में हुआ समापन

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बिस्फी/मधुबनी, जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विद्यापति स्मारक सभागार में आज मिथिला मेथिली संवर्धन द्वारा चलाया गया जनसंपर्क अभियान समाप्त हो गया। दरभंगा जिला के बिरौल से नवीन सहनी एवं अर्जुन दास के नेतृत्व में जन सम्पर्क का यह जत्था चला था। विद्यापति स्मारक परिसर में गोपाल ठाकुर की अध्यक्षता में एक जन सभा का आयोजन किया गया। जन सभा को संबोधित करते हुए मिथिला मेथिली संवर्द्धन के निवर्तमान अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि आजादी मिलनै के बाद मिथिला क्षेत्र का कुछ भी विकास नहीं हुआ है। गुलामी के समय यहांजितने कल कारखानें चल रहे थे सब बन्द हो गए एवं यहां के लोगों को मजदूरों के लिए विभिन्न प्रदेशों में पलायन करना पड़ा। बाढ एवं सुखाड़ से लोगों को कोई राहत नहीं मिली। यहां के लोगों को रेलगाड़ी में ठूंस कर चलना पढ़ता हैजबकी गुजरात में बुलेट ट्रैन चल रही है। उन्होनें कहा कि इसका मूल कारण लोगों को जात में लिपटे रहना है। आप जब तक जात की सीमा से बाहर निकलकर अपना मतदान नहीं करेगें यहां विकास संभव नहीं है। संस्था के संस्थापक सदस्य विद्या भूषण राय ने कहा कि यह संस्था किसी जात विशेष की नहीं। यह संसक समाज के दलित एवं पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान देती एवं उसकी उन्नति के लिए हमेशा संघर्ष करती है।

मधुबनी : माकपा ने बैठक के बाद किया पुतला दहन

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जयनगर/मधुबनी, जिला के जयनगर के वकालत खाना परिसर में लोकल कमिटी जयनगर की बैठक कॉमरेड शिव कुमार यादव की अध्यक्षता में प्रारंभ की गई। बैठक में पार्टी सचिव कॉमरेड कुमार राणा प्रताप सिंह ने सांगठनिक रिपोर्ट सभी के समक्ष पेश किया तथा 15 मार्च तक हर हाल में पार्टी नवीकरण के साथ हरेक ब्रांच में 5 नये साथी को पार्टी में भर्ती हेतु आवेदन करवाने एवं जनसंगठन की सदस्यता अभियान को तेज करने की बात कही। बैठक में कृष्ण देव यादव,बरही ब्रांच सचिव शिव कुमार यादव,पवन कुमार यादव,शत्रुधन साह,मीना देवी,रेणु देवी, सुनील कुमार सिंह,गुरुदेव मुखिया,कृष्ण कुमार दास,कन्हैया कुमार चौधरी,अधिवक्ता मुकेश कुमार , रविन्द्र बिहारी उर्फ मोहन,महेन्द्र मुखिया,आत्मा राम,मोहम्मद अलीहस, इंदल मुखिया,पार्टी सचिव कुमार राणा प्रताप सिंह के अलावे अन्य ने भाग लिया। बैठक समाप्ति के बाद भारत सरकार का पुतला दहन स्टेशन चौक जयनगर पर किया गया पुतला दहन के माध्यम से विभिन्न मांग किया गया। रोजगार पैदा करने वाली ढांचागत परियोजनाओं में सार्वजनिक निवेशों को बढ़ाया जाय, 05 किलो मुफ्त राशन के साथ-साथ 05 किलो सस्ता खाद्यान्न वितरण बहाल किया जाय,मजदूरी में बढ़ोतरी के साथ मनरेगा के लिए आबंटन में भारी बढ़ोतरी की जाय,सम्पदा तथा पैतृक सम्पदा कर लगाया जाय,अमीरों को दी गयी रियायतों को वापस लिया जाय और अति-धनिकों पर अलग से एक कर लगाया जाए,खाद्य सामग्री तथा दवाओं समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं पर से जी.एस.टी. हटायी जाय। किसान के साथ वादाखिलाफी बन्द करो तथा एमएसपी का कानूनी दर्जा दो,देवधा जयनगर के बीच संचालित बस एवं टेम्पू चालक द्वारा मनमाना भाड़ा वसूली पर रोक लगाने की मांग स्थानीय पदाधिकारी से किया।

मधुबनी : पुलिस दिवस को लेकर जयनगर थाने में लगी स्कूली बच्चों की क्लास, दी गई कानून की जानकारी

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जयनगर/मधुबनी, बिहार पुलिस दिवस को लेकर  जयनगर थाना में रविवार को स्कूली बच्चों की क्लास लगाई गई, जिसमें पदाधिकारी शिक्षक की भूमिका में नजर आएं। नगर के एक निजी स्कूल के छात्र-छात्राओं को थानाध्यक्ष अमित कुमार ने कानून की बेसिक जानकारी दी। कार्यक्रम की मंशा पुलिस फ्रेंडली पुलिसिंग को बढ़ावा देना था।थानाध्यक्ष ने बताया कि हर साल 20 से 26 तक बिहार पुलिस सप्ताह दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम की मंशा पुलिस और जनता के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करना है। बिना जनसहयोग के अपराध पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता। पदाधिकारियों ने बच्चों को बताया कि पुलिस जनता की सेवा के लिए है। आम नागरिकों को नहीं, बदमाशों को पुलिस से डरने की जरूरत है। नाबालिग और बच्चों के लिए कानून में अलग प्रावधान है। इसके अलावा कानून सबों के लिए समान है। चाहे आम नागरिक हो या रसूखदार। साथ ही सामाजिक कुरीतियां, दहेज प्रथा, बाल विवाह, नशा के दुष्प्रभावों के संबंध में बच्चों को बताया गया। इस मौके पर स्कूल के डायरेक्टर, शिक्षक लक्षमण यादव सहित कई अन्य पुलिस कर्मी मौजूद थे।

बिहार : 25-26 मार्च को आयोजित होगा चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव

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  • तीन श्रेणियों में होगी निबंध लेखन प्रतियोगिता, मिलेंगे नकद पुरस्कार
  • चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान से सम्मानित होंगे रचनाकार
  • विमर्श, संबोधन, परिचर्चा के माध्यम से पुस्तकों व साहित्यप्रेमियों का होगा समागम

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पटना : पटना में आगामी 25 व 26 मार्च को एक साहित्योत्सव “चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव पटना के स्काउट एंड गाइड परिसर में आयोजित किया जाएगा। “चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव” में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकर्मी, चिंतक एवं संस्कृतिकर्मी आएंगे। उक्त आशय की जानकारी विश्व संवाद केंद्र में रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रो. अमरनाथ सिन्हा ने दी। इस अवसर पर चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव का लोगो भी जारी किया गया। पत्रकार वार्ता में उपस्थित चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव के संयोजक प्रो. (डाॅ.) राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य समारोह के अलावा छह समानांतर सत्र चलेंगे जिनमें राष्ट्र, संस्कृति, पर्यावरण, साहित्य, शिक्षा से संबंधित विषयों पर प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा संबोधन एवं विमर्श होगा। इस महोत्सव में इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध स्तर के तीन निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी, जिनमें प्रत्येक खंड से तीन-तीन विजेताओं को प्रमाण-पत्र एवं नकद राशि के साथ सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को सम्मानित करने की भी योजना है। इन पुरस्कारोें में चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान के अतिरिक्त समाजसेवा, राष्ट्र निर्माण एवं अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में कार्य करने वालोें को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। साहित्य महोत्सव कार्यक्रम के सह संयोजक मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि प्राचीन काल से ही बिहार शिक्षा, साहित्य और संस्कृति की उर्वर भूमि रही है। कभी यहां के उत्कृष्ट नालंदा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए दूसरे देशों के विद्यार्थी आतुर रहते थे। इस भूमि ने शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अनेक विभूतियों को जन्म दिया है। इसी भूमि पर धर्मशील चंद्रगुप्त मौर्य जैसे यशस्वी सम्राट और महर्षि चाणक्य जैसे महामनिषी हुए, जिन्होंने ज्ञान और संस्कृति की अजस्र धारा प्रवाहित की। यहीं गणितज्ञ एवं ज्योतिषविद् आर्यभट्ट हुए। इसी के मिथिला भू-भाग में मंडन मिश्र जैसे शास्त्रज्ञ, प्रसिद्ध उपन्यासकार बाणभट्ट एवं विद्यापति जैसे कालजयी कवि हुए थे। वैशाली में भगवान् महावीर ने उपदेश दिए थे और बोधगया में महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। कार्यक्रम के आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. अमरनाथ सिन्हा ने कहा कि बिहार के ज्ञान, विज्ञान, कला, साहित्य और संस्कृति के गौरवमयी परंपरा और विरासत के अनुरूप चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया गया है। पत्रकार वार्ता के दौरान चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव के सह संयोजक संजीव कुमार, डाॅ. गौरव रंजन, कोषाध्यक्ष स्नेह अंजन तिवारी इत्यादि उपस्थित रहे।

दरभंगा : मधुबनी ने सुपौल को 47 रनों से पराजित किया

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दरभंगा, मिथिला जोन बीसीए सीनियर इंटर डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट (हेमन ट्रॉफी) में मधुबनी ने सुपौल को 47 रनों से पराजित कर दिया। नेहरू स्टेडियम लहेरियासराय में खेले गए निर्धारित 50 ओवरों के एकदिवसीय मैच में मधुबनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेवाजी करते हुए 48.2 ओवरों में 211 रनों पर ऑल आउट हो गयी। मधुबनी के मध्यक्रम के बल्लेवाज आदित्य राज ने 83 गेंदों में 3 चौके एवं 1 छक्का की मदद से शानदार 52 रन बनाए। इसके अलावा उत्कर्ष भास्कर ने 46 रन, संजय यादव ने 21 रन, आयुष आनंद एवं चंद्रेश ने 18-18 रन और अभिनव ने 16 रन बनाए। सुपौल के गेंदवाज मो. इजहार एवं मजहर ने 3-3, सादिक ने 2 और शिवांशु एवं राजेश ने भी 1-1 विकेट लिए। जवाब में खेलने उतरी सुपौल की टीम 46.2 ओवरों में 164 रनों पर ऑल आउट होकर 47 रनों से मैच हार गयी। सुपौल के बल्लेवाज शमशेर ने 76 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 49 रन बनाए। इसके अलावा मध्यक्रम के शिवांशु ने 38, राजेश ने 20 एवं इजहार ने नाबाद 14 रन बनाए। बाकी के बल्लेवाज दहाई अंकों में भी नहीं जा सके। मधुबनी के गेंदवाज विकास झा एवं अरुण कुमार पासवान ने 3-3, अमन, सरोज, चंद्रेश एवं अंकित ने भी 1-1 विकेट लिए। 28 फरवरी को सीतामढ़ी एवं मधुबनी के बीच मैच खेला जाएगा।

विशेष आलेख : मज़दूर, मशीन और मनरेगा

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देश के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब-मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार देने की एक अनोखी पहल के रूप में मनरेगा की शुरुआत की गई थी. वास्तव में रोज़गार सृजन के तौर पर इसे एक सशक्त योजना कही जा सकती है. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा), जिसे बाद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से जोड़कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कर दिया गया, को पहली बार 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश में शुरू किया गया था. योजना की सफलता को देखते हुए जल्द ही इसे देश के प्रत्येक राज्यों में लागू कर दिया गया. इस योजना के तहत भारत के प्रत्येक मजदूर (महिला एवं पुरुषों) को साल में सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है. इस योजना को शुरू करने का श्रेय उस समय के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री स्व. डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह को जाता है. इस योजना का क्रियान्वयन इस तरह से विकसित किया गया था कि हर जाति-वर्ग के गरीब लोगों को मजदूरी मिलने लगी थी. मजदूरों को एक जॉब कार्ड यानी मजदूर कार्ड मिलने लगा था. लेकिन दुर्भाग्य से अन्य योजनाओं की तरह यह भी किसी न किसी रूप से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगा. मजदूरों के नाम पर संभ्रांत परिवार के लोगों ने भी अपने घर में बूढ़े, नौजवान, बच्चे एवं महिलाओं तक के नाम पर जॉब कार्ड बनवाकर मजदूरों के नाम पर आई मजदूरी को हड़पने लगे. जिन लोगों ने कभी अपने खेतों में काम नहीं किया था, कभी फावड़ा नहीं चलाया था, वैसे लोगों ने गरीब-मजदूरों की हकमारी की. फलस्वरूप गरीब और रोज़गार के लिए ज़रूरतमंद परिवार इस योजना का वाजिब लाभ पाने से वंचित होने लगे. हालांकि शुरू में इस योजना से मजदूरों को काफी लाभ मिला है. फिर धीरे धीरे इस योजना के नाम पर कागजी खानापूर्ति होने लगी. परिणामस्वरूप जो महिला एवं पुरुष मजदूर कुदाल और टोकरी से काम करके गांव में रहकर ही दो जून की रोटी जुटाते थे, आज वही अन्य प्रदेशों में रोजगार के लिए भटक रहे हैं. दूसरी ओर ठेकेदार मज़दूरों का हक़ मारते हुए रात्रि में जेसीबी मशीन से भराई का काम करवाते और दिन में मजदूरों से सिर्फ मिट्टी को लेबल करवाते हैं. वर्तमान में, इस योजना में भारी लूट-खसोट मची है. मजदूरों को जो काम हाथ से करवाना होता है, उसे सरकारी बाबुओं की मिली भगत से पंचायत प्रतिनिधि और ठेकेदार मशीन से कर मज़दूरों का पैसा हड़प रहे हैं. अब अधिकतर काम चाहे सड़क, पुल-पुलिया, नाला, नहरों की खुदाई हो, उसे मजदूरों की बजाए जेसीबी मशीन से किये जा रहे हैं. यही कारण है कि अब मनरेगा को लेकर कई तरह के सवाल उठाने लगे हैं. जबकि इसके अन्तर्गत वृक्षारोपण, मिट्टी भराई, ईंट सोलिंग, पोखर खुदाई, मवेशी पालकों के लिए मवेशी सेड, बकरी पालकों के लिए बकरी सेड, वृक्षों की देखरेख करने, मछली पालन, सिचाई, बाढ़ग्रस्त सड़क आदि कार्यो में मजदूरों से काम लेने का प्रावधान है. इस योजना में मजदूरों को उसके निवास स्थान से महज पांच किमी की दूरी पर काम देने का प्रावधान है. इस संबंध में बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित साहेबगंज प्रखंड के परनीछपडा गांव के किसान पंकज सिंह बताते हैं कि हमारे पंचायत में ठेकेदार ने पोखर की खुदाई मज़दूरों की जगह जेसीबी मशीन से कराई. लेकिन किसी ने इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई क्योंकि पंचायत प्रतिनिधि भी इस भ्रष्टाचार में उसके साथ थे.


मुहब्बतपुर निवासी पूर्व मुखिया व पूर्व जिला पार्षद मदन प्रसाद कहते हैं कि आज यह योजना पूरी तरह से मजदूर हित में कम दबंग व्यक्तित्व या ठेकेदारों को मालामाल करवाने का हथियार अधिक हो चुका है. उनके अनुसार इसमें पारदर्शिता के लिए सरकार से लेकर आम आदमी की भी जवाबदेही बनती है. जिले का मजदूर संगठन ‘मनरेगा वाॅच’ का मानना है कि सरकार का सिस्टम ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. स्थानीय प्रतिनिधि द्वारा तय किया जाता है कि जेसीबी से ही काम करा लिया जाए. अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों द्वारा कमीशन तय कर लिया जाता है और मजदूरों की हकमारी की जाती है. जिले के सरैया, पारू एवं साहेबगंज प्रखंड के कई नवनियुक्त मुखिया नाम नहीं बताने की शर्त पर बताते हैं कि सरकार की व्यवस्था एवं उदासीनता की वजह से महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा से मजदूरों को वाजिब हक नहीं मिल रहा है. पहले मजदूरों को एक माह की मजदूरी दी जाती थी. वहीं अब, वृक्षारोपण व संरक्षण के लिए मात्र एक सप्ताह की मजदूरी महज 210 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दी जाती है. जबकि, वही मजदूर अन्य जगहों पर काम करके भरपेट भोजन के साथ 400 प्रतिदिन की दर से मजदूरी कमा लेता है, तो ऐसे में वह भला इसमें काम क्यों करना चाहेगा? पारु ब्लॉक के पूर्व जिला पार्षद देवेश चंद्र प्रजापति कहते हैं कि इस योजना में जबरदस्त लूट-खसोट मची हुई है. मजदूर मनरेगा के तहत काम करना चाहते हैं, तो उन्हें काम भी नहीं मिलता है और ऊपर से विभाग का दबाव भी रहता है. यदि काम मिलता भी है तो उन्हें इतनी कम मजदूरी मिलती है कि वह कहीं अन्य जगह काम करके अधिक कमाना पसंद करता है. वह कहते हैं कि वर्तमान में यह योजना धरातल पर दम तोड़ रही है. जबतक इसके तहत मजदूरी नहीं बढ़ेगी तबतक गरीब मज़दूरों को इसका वाजिब लाभ नहीं मिलेगा. वहीं कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मजदूरों के नाम पर जॉब कार्ड जारी होने के बाद बैंक में खाते खुलवाए जाते हैं. लेकिन ठेकेदार मजदूरों के खाते में पैसा आते ही निकासी वाउचर पर हस्ताक्षर या अंगूठे लगवा कर खाते में से पैसे उगाही कर लेते हैं. क्या इसमें बैंक अधिकारी या कर्मचारी दोषी नहीं है? इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं व आम लोगों को डरा-धमकाकर शांत कर दिया जाता है.


इस संबंध में पारु के जेईई जगत राय स्वीकार करते हैं कि कुछ स्थानों पर मनरेगा योजना का काम ग्रामीण मजदूरों की जगह मशीन से कराये जाने की शिकायत मिली है. अभी तक 5-7 योजनाओं में पता चला कि मजदूरों से नहीं कराकर जेसीबी से कराई जा रही थी. जहां उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार भुगतान पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पहले मजदूरी महज 198 रुपये प्रतिदिन मिलती थी जिसे अब बढ़ाकर 210 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है. इधर, वैशाली जिले के पातेपुर प्रखण्ड में राघोपुर नरसंडा पंचायत के महादलित टोला वार्ड नंबर 06 का ज्वलंत मामला है जहां मनरेगा के तहत श्मशान घाट की सफाई व मिट्टी भराई कार्य मजदूरों से नहीं कराकर जेसीबी से कराया गया. जबकि इस टोला में लगभग 200-250 घर महादलित की है. यदि मजदूरों से काम कराया जाता तो निश्चित रूप से महादलित टोले के कई लोगों को रोजगार मिलता. इस बाबत पीआरएस ललन कुमार से पूछने पर कहते हैं कि किसी के द्वारा नहर की मिट्टी की कटाई कर महादलित टोला वार्ड में श्मशान को घेर दिया गया था. लोगों की शिकायत के बाद जेसीबी मशीन से मिट्टी को हटा कर श्मशान घाट को साफ किया गया था. बहरहाल, मनरेगा की वास्तविक स्थिति अब किसी से छिपी नहीं है कि यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जहां मजदूरों व गरीबों का वाजिब हक़ मारा जा रहा है. अधिकतर कार्यस्थल पर मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. कागजी खानापूर्ति के लिए मजदूरों को बुलाकर थोड़ा-बहुत काम कराकर राशि का बंदरबाट हो रहा है. हालांकि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कई संगठन सक्रिय हैं, जो समय समय पर इसका खुलासा करते रहते हैं. विभाग व सरकार की उदासीन रवैये की वजह से गरीब-मजदूरों को पंजाब, दिल्ली, कलकता, हरियाण, मुंबई आदि महानगरों की ओर फिर से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. 





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फूलदेव पटेल

मुजफ्फरपुर, बिहार

(चरखा फीचर)

बिहार : कुरीसराय के युवक की हत्या व पिटाई भीड़ हिंसा का परिणाम–भाकपा माले

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  • सभी पीड़ित युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं
  • घटना की गहराई से जांच करे गया पुलिस–निरंजन कुमार
  • मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा व एक सरकारी नौकरी की मांग

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बेलागंज. गया जिले के बेलागंज के कुरीसराय के तीन युवकों के साथ 22 फरवरी की रात बेलागंज–खिज़रसराय रोड पर श्रीपुर के करीब डीहा व पिपरा गांव में हुई मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर भाकपा माले की 6 सदस्यों की टीम ने शनिवार को कुरीसराय गांव का दौरा किया. जांच टीम का नेतृत्व भाकपा माले जिला सचिव निरंजन कुमार व पार्टी राज्य कमेटी सदस्य Tarique Anwar कर रहे थे.टीम में जिला कमेटी सदस्य मुंद्रिका राम, आइसा नेता Md Sherjahan मुमताज आलम व नूर शेख भी थे.जांच टीम सदस्यों ने ग्रामीणों से मिलकर बात की व पूरी घटना को लेकर जानकारी जुटाई. जांच टीम ने बयान जारी करते हुए कहा की 22 फरवरी की रात में मो. बाबर (25 वर्ष), पिता- स्वर्गीय औरंगजेब आलम, रुकमुद्दीन आलम (26 वर्ष), पिता- मो. जाहिद व मो. साजिद (28 वर्ष), पिता- साबिर अली सभी ग्राम कुरीसराय निजी काम से अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी (WB02AJ4028) से एक साथ निकले थे.रात में लौट आने की बात कह सभी निकले थे. 23 फरवरी की सुबह गांव के लोगों को चौकीदार बलदेव ने सूचना दिया कि मो. बाबर, रुकमुद्दीन आलम व मो. साजिद घायल अवस्था में डीहा गांव के पास मिला है.इस खबर के बाद जब ग्रामीण निकले तब जानकारी मिली कि तीनों को बेलागंज पुलिस इलाज के लिए बेलागंज प्राथमिक अस्पताल लाई है जहां से इन सब को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया है.मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि मो. बाबर की मौत हो चुकी है बाकी 2 घायलों को बेहतर इलाज के लिए 23 फरवरी की शाम PMCH पटना रेफर कर दिया गया है.


जांच टीम में शामिल नेताओं ने बताया कि मो. बाबर नामक युवक की हत्या हो गई और रुकमुद्दीन आलम व मो. साजिद अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.यह घटना पूरी तरह से भीड़ हिंसा का परिणाम है.चूंकि आसपास में कुछ महीनों से चोरी की घटनाएं भी होती रही हैं और स्थानीय लोगों ने बिना समझे बुझे किसी उकसावे में चोर–चोर का हल्ला कर निर्मम पिटाई किया जो गहरी चिंता का विषय है.वहीं गाड़ी से गोली, छुरा व बम की बरामदगी प्रायोजित मामला प्रतीत होता है. माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा की सच्चाई यह है कि तीनों युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं है.मोहम्मद बाबर गांव में ही वार्ड नंबर 9 के नलजल के ऑपरेटर हैं और निहायत ही शरीफ इंसान थे.जिन युवकों के बारे में पुलिस अपराधिक इतिहास बता कर अपराधी बता रही है और थाना में दर्ज मामला का हवाला दे रही है दरअसल यह पूरा मामला भूमि विवाद से संबंधित है.दोनों घायल युवक बिरयानी का होटल चलाते हैं. जांच टीम गया पुलिस से पूरे मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करता है, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके. माले नेताओं ने मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग राज्य सरकार से की है.साथ ही घायलों को उचित मुआवजा व बेहतर इलाज की भी मांग की है. मौत से पहले बाबर ने पुलिस आरक्षक बलदेव को पूरी घटना के बारे में बताया था. बलदेव के मुताबिक मौत से पहले बाबर से बयान लिया गया था। उसने बताया था कि वो स्कॉर्पियो से घूमने के लिए रात को साजिद, रुकमद्दीन के साथ गया था.डीहा पुल के पास उतर कर वह खैनी बना रहा था. इसी बीच गांव वाले चोर-चोर कहते हुए आए और तीनों पर जानलेवा हमला बोल दिया.तीनों की जमकर पिटाई की गई.


बिहार : प्रतिशोध की भावना से की गई मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का प्रतिवाद करें

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पटना, लोकतंत्र पर एक और प्रहार करते हुए मोदी सरकार ने  फिर सी बी आई और ई डी जैसी संस्थाओं का प्रयोग अपनी बदले की राजनीति के लिए किया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को घंटों पूछताछ करने के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी- सी बी आई ने "असहयोग"का खोखला बहाना बना कर गिरफ्तार कर लिया. एम सी डी चुनाव हारने के बाद, साम- दाम -दंड- भेद से मेयर का पद कब्जाने की कोशिश के बाद मोदी- शाह की हुकूमत बेशर्मी  से केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग करने पर उतारू हो गयी है. ऐसे समय में जब अदानी घोटाले पर मोदी सरकार की बेशर्म चुप्पी  और उसके प्रचंड कॉर्पोरेट फर्जीवाड़े की जांच से इंकार पर पूरी दुनिया  सवाल खड़े कर रही है, तब सरकार विपक्ष को आतंकित करने पर आमादा है. भाकपा (माले), दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की तीव्र भर्त्सना करती है. हम दिल्ली के नागरिकों और व्यापक भारतीय जनता से अपील करते हैं कि देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र पर केंद्रीय एजेंसियों के जरिये किये गए इस हमले का प्रतिरोध करने के लिए उठ खड़े  हों.

बिहार : आज सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड से चलकर हसनपुरा प्रखंड पहुंचें प्रशांत किशोर

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जन सुराज पदयात्रा के 149वें दिन की शुरुआत सिवान के गोपीपतियांव पंचायत स्थित सैदपुरा हाई स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ गोपीपतियांव पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सिसवा कलां होते हुए हसनपुरा प्रखंड अंतर्गत हसनपुरा नगर पंचायत के अरंडा मैदान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 22वां दिन है। वे जिले में 05 से 10 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 3 आमसभाओं को संबोधित करेंगे और 3 पंचायत के 13 गांवों से गुजरते हुए 14.3 किमी की पदयात्रा तय करेंगे।

संजीव जयसवाल अब क्यों नहीं करना चाहते आतंकवादी का रोल?*

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26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले की घटना पर बेस्ड रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'अटैक ऑफ 26/11'काफी चर्चित सिनेमा था जिसमें जहां नाना पाटेकर के अभिनय की प्रशंसा हुई थी वहीं आतंकी कसाब की भूमिका निभाने वाले  संजीव जयसवाल भी प्रभावित करने में कामयाब रहे थे। लेकिन इस वर्सटाइल ऎक्टर के साथ दुविधा यह है कि निर्माता निर्देशक उन्हें खूंखार आतंकवादी के चरित्र ही ऑफर करते हैं और वह खुद को सिर्फ इसी एक इमेज में कैद नहीं करना चाहते। संजीव जयसवाल को कई बार टेररिस्ट के रोल को स्वीकार करने से इनकार करना पड़ा। 


संजीव जयसवाल इस इनकार की वजह बताते हुए कहते हैं "रामगोपाल वर्मा की उस फिल्म में मैंने आतंकवादी कसाब का रोल किया था, उस किरदार को निभाने के लिए मुझे शारीरिक से ज्यादा मानसिक रूप से तैयारी करनी पड़ी थी, उस कैरेक्टर से निकलने में मुझे महीनों लगे थे और अब मैं वापस किसी आतंकवादी की भूमिका निभाकर उसी मानसिक परिस्थिति से गुजरना नही चाहता, जिससे बाहर निकलने में भी मुझे काफी समय लगा था। यही वजह है कि अब मेरे पास आतंकवादी का किरदार निभाने का ऑफर आता है तो मैं मना कर देता हूँ। कसाब जैसा किरदार अदा करने के लिए मेरे पास और भी कई फोन आए मैंने मना कर दिया।"उनका कहना है कि वह खलनायक का रोल करने को तैयार हैं मगर टेररिस्ट की भूमिका नहीं करनी। दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के साथ अभिनय करने के बारे में संजीव जयसवाल याद करते हुए कहते हैं "नाना जी के साथ स्क्रीन शेयर करना ही अपने आप मे बड़ा अचीवमेंट है। उस फ़िल्म में नाना पाटेकर के साथ मेरा पहला सीन पूछताछ का एक दृश्य था। वह चार पांच पेज की स्क्रिप्ट थी, मुझे बोलना था, उनका केवल रिएक्शन था। नाना पाटेकर के बारे में कई लोगों ने मुझसे कहा था कि वह बहुत गुस्सा करने वाले अभिनेता हैं। मैं बहुत डरा और घबराया हुआ था कि इतने लंबे डायलॉग को अगर मैं सही से नहीं बोल पाया तो नाना मेरी खिंचाई कर देंगे। लेकिन खैर दूसरे टेक में वह सीन ओके हो गया। बाद में वह मुझे मिले तो मेरी हौसला अफजाई की। उनके साथ 5-6 दिन मैंने शूट किया और कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई।"


रामगोपाल वर्मा जैसे मंझे हुए निर्देशक के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा, संजीव जयसवाल ने बताया कि अटैक ऑफ 26/11 फ़िल्म के बनने के दौरान लगभग एक साल तक मैं रामगोपाल वर्मा के सम्पर्क में रहा। रामु जी एक जीनियस डायरेक्टर हैं, वह हमेशा सोचते रहते हैं। स्टोरी, कैरेक्टर, नेक्स्ट सीन के बारे में कुछ न कुछ उनके मन मस्तिष्क में चलता रहता है। वह ज्यादा बात नहीं करते मगर जो भी बोलते हैं दिल से कहते हैं। उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि अदाकारों से कैसे काम निकलवाना है।" 2019 में साउथ में उनकी एक फ़िल्म देवकी रिलीज हुई थी। उसका हिंदी रीमेक जल्द बनने जा रहा है जिसमें वह निगेटिव रोल प्ले कर सकते हैं। उनकी एक हिंदी फिल्म "कोर्ट  कचहरी"अप्रैल में आ रही है जिसमें वह हीरो हैंं जिसमें राजेश शर्मा और बृजेन्द्र काला भी है और प्रकाश झा के एसोसिएट डायरेक्टर रजनीश जी ने इस फ़िल्म को डायरेक्ट किया है। संजीव कहते हैं "यह एक बिल्कुल सकारात्मक भूमिका है। मेरा दावा है कि जब थिएटर से यह फ़िल्म देखकर पब्लिक निकलेगी तो मेरे किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएगी और कई दिनों तक वह किरदार उसे याद रहेगा। अटैक ऑफ 26/11 में कसाब की भूमिका करने के बाद लोगों को मेरे किरदार से नफरत हो गई थी, वह आज भी मुझसे घृणा करते हैं। लेकिन अब लगता है कि इस नई फिल्म से मेरे प्रति जो नफरत है वह खत्म हो जाएगी। इस फ़िल्म में हीरोइन के साथ मैं रोमांस करते भी नजर आऊँगा।"

19 मार्च 2023 को सूरत में 108 लड़कियों का विवाह '5वां सर्व जाति शाही समुह लग्नत्सव'

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  • '5वां सर्व जाति शाही समुह लग्नत्सव'में 108 लड़कियों के विवाह के साक्षी बनेंगे पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा

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'विद्या विकास एजुकेशन ट्रस्ट'द्वारा विशाल व भव्य '5वां सर्व जाति शाही समुह लग्नत्सव'का आयोजन 19 मार्च 2023 को जगदीश्वर फार्म,मौनी इंटरनेशनल स्कूल के सामने,उत्रान, बड़ा वराछा, सूरत (गुजरात ) शाम 4 बजे से रात 9:30 बजे तक कार्यक्रम व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेगा। जिसमें 108 लड़कियों का विवाह किया जा रहा है। संस्था के अध्यक्ष मेहुलभाई मालविया है और समारोह अध्यक्ष पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा है, ऐसी जानकारी संस्था से जुड़े हुए और समाजसेवक दिलीप पटेल ने दी है। कार्यक्रम 'विद्या विकास एजुकेशन ट्रस्ट'द्वारा दानदाताओं के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

निकिता रावल ने रिलीज किया नया लव सॉन्ग 'शाय शाय दिल'

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प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री और मॉडल निकिता रावल ने एक नया प्यार भरा गीत "शाय शाय दिल"जारी किया है। इसे शोनॉय रॉय ने निर्देशित किया है। इस म्यूजिक वीडियो में निकिता रावल दिखेंगी। इसने पहले ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। ज्योत्सना ने इस बेहतरीन गाने को अपनी आवाज दी है। "शाय शाय दिल"एक भावपूर्ण और प्यारा प्रेम गीत है, जिसे सुनकर लोग प्रेम के रस में डूब जाएंगे। गाने को यश वडाली ने कंपोज किया है। आयोजित कार्यक्रम में निकिता रावल ने बेहतरीन प्रदर्शन कर लोगों का दिल जीत लिया। गाने के रिलीज के अवसर पर निकिता रावल ने कहा, 'मैं अपने प्रशंसकों के साथ अपना नया गीत साझा करने के लिए बेहद उत्साहित हूं। शाय शाय दिल की टीम के साथ काम करने का यह एक अद्भुत अनुभव था। हम सभी ने बहुत अच्छा काम किया है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि यह वीडियो बिल्कुल वैसा ही बने, जैसा हमने कल्पना की थी। मुझे उम्मीद है कि हमारे दर्शक शाय शाय दिल को देखने का उतना ही आनंद उठाएंगे, जितना हमें इसे बनाने में आया है।""शाय शाय दिल"गाने का म्यूजिक वीडियो प्रेम का एक सुंदर चित्रण है। इसमें कई अद्भुत दृश्य हैं, जो दर्शकों पर एक स्थायी छाप छोड़ देंगे। "शाय शाय दिल"भारतीय संगीत उद्योग के लिए एक और बेहतरीन कदम है। यह निश्चित रूप से देश भर के दर्शकों के दिलों पर कब्जा कर लेगा। म्यूजिक वीडियो अब विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर देखने के लिए उपलब्ध है। निकिता रावल के प्रशंसक इस खूबसूरत गीत में उनके प्रदर्शन का आनंद ले सकते हैं। इस गाने के साथ ही निकिता ने अपनी म्यूजिक कंपनी एनआर म्यूजिक की भी शुरुआत की है।

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