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बिहार : बजट सत्र को लेकर भाकपा-माले विधायक दल की बैठक संपन्न

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  • हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर भाजपा को घेरेगा माले विधायक दल, अडानी को हासिल है छूट लेकिन विपक्ष के नेताओं के पीछे भाजपा ने लगा रखा है आइडी और सीबीआई
  • दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी निंदनीय, भाजपा है बिहार विरोधी, विशेष राज्य के दर्जे से रही है भागती, महंगाई-बेरोजगारी के लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार जिम्मेवार, बिहार सरकार भी शिक्षक बहाली अविलंब शुरू करे.
  • बिहार में बुलडोजर राज की संस्कृति खत्म होनी चाहिए, बजट सत्र में नया वास-आवास कानून बनाए सरकार, अग्निपथ योजना के तहत दर्ज मुकदमों की वापसी, एनआइए द्वारा धर-पकड़ आदि बनेंगे मुद्दे

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पटना 27 फरवरी, बजट सत्र के मद्देनजर भाकपा-माले विधायक दल की एक दिवसीय बैठक संपन्न हुई. बैठक में विधायक दल प्रभारी का. राजाराम सिंह, विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, उपनेता का. सत्यदेव राम, सचेतक का. अरूण सिंह सहित सभी 12 विधायक उपस्थित थे. बैठक में हुए फैसलों की जानकारी आज पटना में विधायक दल प्रभारी राजाराम सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि बिहार में 7 दलों का मजबूत महागठबंधन है और इससे भाजपा सकते में है. बिहार का यह माॅडल पूरे देश के लिए नजीर है. 2024 का चुनाव मोदी सरकार द्वारा विगत 8 वर्षों में देश को बर्बाद और तबाह करने के केंद्रीय मुद्दे पर होगा. उन्होंने कहा कि मोदी राज में एक तरफ चरम काॅरपोरेटपरस्ती है तो दूसरी ओर लोकतंत्र व संविधान पर हमला है और देश को फासीवादी दिशा में धकेलने की कोशिश है. भाकपा-माले विधायक दल बिहार विधानसभा के अंदर व बाहर हर स्तर पर मोदी की काॅरपोरेटभक्ती के खिलाफ लड़ता रहेगा. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी की धोखाधड़ी को बेनकाब कर दिया है, लेकिन मोदी सरकार इसपर अब तक खामोश है. पूरे विपक्ष ने जेपीसी जांच की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार उसे अनसुना करती जा रही है. एक तरफ अडानी जैसे लोगों को खुली छूट हासिल है तो दूसरी ओर विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. उनके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दिया जा रहा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी अतिनिंदनीय है. यह मोदी - शाह हुकूमत द्वारा प्रतिशोध की भावना में की गई कार्रवाई है. देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए जारी ऐसे हमलों को भाकपा-माले विधायक दल मुद्दा बनाएगा.


भाकपा-माले विधायक दल महंगाई-बेरोजगारी के लिए मोदी सरकार और भाजपा पर चैतरफा हमला बोलेगी. बिहार के साथ केंद्र सरकार का भेदभाव लगातार जारी है. उसने आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. योजनाओं में राशि की कटौतियां जारी हैं. भाकपा-माले विधायक दल ने एनआइए द्वारा मुस्लिमों के उत्पीड़न व लगातार उनकी धरपकड़ को अपने एजेंडे में शामिल किया है. ये सारी कार्रवाइयां भाजपा के 2024 के मिशन के तहत हो रही हैं. बिहार सरकार ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगाए. बिहार की महागठबंधन सरकार को अब भाजपाई बुलडोजर राज की संस्कृति छोड़नी होगी. सरकार के बारंबार आश्वासन के बाद भी जल-जीवन हरियाली योजना के तहत गरीबों को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है. हमारी मांग होगी कि बिहार सरकार बजट सत्र के दौरान नया वास-आवास कानून लेकर आए और गरीबों के उजाड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाए. अग्निपथ योजना के तहत छात्र-युवाओं पर दर्ज फर्जी मुकदमों की वापसी का भी सवाल माले विधायक दल मजबूती से उठाएगा. साथ ही, सातवें चरण की शिक्षक बहाली अविलंब शुरू करने, स्कीम वर्करों को उचित मानदेय देने आदि मसलों को भी उठाया जाएगा. माले विधायक दल ने कहा है कि वह भाजपा के खिलाफ बिहार की महागठबंधन की सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है, लेकिन जनता के सवालों को वह पूरी मुस्तैदी से उठाता रहेगा और संघर्ष करता रहेगा.


विशेष : क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन के मामले में कर्नाटक और गुजरात अव्वल

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राजस्थान और तमिलनाडु में सुधार की आवश्यकता, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को करना चाहिए अपनी रिन्यूएबल बिजली क्षमता का अधिक उपयोग। एक नए शोध से पता चला है कि कर्नाटक और गुजरात ऐसे भारतीय राज्य हैं जो क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन के मामले में समग्र तैयारी और प्रतिबद्धता दिखाने के मामले में सबसे अधिक प्रगति कर रहे हैं। इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) और एम्बर के एक साझा शोध में 16 भारतीय राज्यों का विश्लेषण किया गया है। यह सभी राज्य चार आयामों में देश की वार्षिक बिजली आवश्यकता के 90% की हिस्सेदार हैं। यह आयाम ट्रैक करते हैं, जीवाश्म-ईंधन-आधारित बिजली से दूर जाने के लिए राज्य की तैयारी, ग्रीन बाज़ार की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की क्षमता, इसकी बिजली प्रणाली की विश्वसनीयता और बिजली क्षेत्र के डीकार्बोनाइज़ेशन को आगे बढ़ाने वाली नीतियां। इस विश्लेषण के आधार पर, रिपोर्ट के लेखकों ने स्टेट्स इलेक्ट्रिसिटी ट्रांज़िशन स्कोरिंग प्रणाली तैयार की, जो क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन में विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन को मापती है।


रिपोर्ट की सह-लेखक और निदेशक, दक्षिण एशिया, आईईईएफए, विभूति गर्ग, कहती हैं, “भारत के संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों ने देश को अपने बिजली क्षेत्र में बदलाव के लिए सही रास्ते पर ला खड़ा किया है। उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, केंद्र को अब उनके क्लीन इलेक्ट्रिसिटी परिवर्तन में तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए राज्यों के सहयोग की आवश्यकता है। इसका मतलब यह है कि राज्यों को बिजली बदलाव के मार्ग पर चलने के अपने प्रयासों को दोगुना करना है, और केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को प्रगति पर नज़र रखना और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक उपाय लेना है।"रिपोर्ट राज्यों में बदलाव के लिए अपनी तैयारियों में सुधार करने के लिए फ़ोकस क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार करती है, जैसे कि पवन और सौर उत्पादन क्षमता का दोहन करना और बेहतर रिन्यूएबल बिजली एकीकरण के लिए बैटरी और पंप वाले हाइड्रो जैसे अधिक बिजली भंडारण समाधानों को तैनात करना। “बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को अपने क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन प्रदर्शन को मज़बूत करने के लिए काम करना है। इन तीन राज्यों को अपनी रिन्यूएबल बिजली उत्पादन क्षमता को अधिकतम करना चाहिए, और साथ ही जीवाश्म-ईंधन-आधारित बिजली से दूर जाने की अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाना चाहिए।"यह कहना है रिपोर्ट की सह-लेखक सलोनी सचदेवा माइकल, जो कि आईईईएफए में ऊर्जा विश्लेषक हैं। रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता और भंडारण को बढ़ाने के अलावा, रिपोर्ट में सलाह दी गयी है कि राज्य क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाएं, जिसमें मांग पक्ष के प्रयास शामिल हैं। अधिक रिन्यूएबल बिजली ऑनलाइन आने के साथ, रिपोर्ट यह भी सलाह देती है कि राज्य अपनी बिजली प्रणालियों को मज़बूत करने पर अधिक ध्यान दें। एम्बर के वरिष्ठ बिजली नीति विश्लेषक, सह-लेखक आदित्य लोल्ला कहते हैं, "यहां तक कि रिन्यूएबल बिजली क्षमता को बढ़ाने के लिए लंबे समय से अग्रणी माने जाने वाले राजस्थान और तमिलनाडु को भी स्वच्छ बिजली में बदलाव के लिए अपने पावर इकोसिस्टम की तैयारी में सुधार करना होगा।"


वह यह भी कहते हैं कि, “राज्य के बिजली विभागों को भी रिन्यूएबल बिजली के बेहतर एकीकरण के लिए बिजली के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने की आवश्यकता है। बिजली की मांग और आपूर्ति के प्रबंधन के अलावा, प्रभावी उपयोग, निगरानी और इलेक्ट्रॉनों की ट्रैकिंग सुनिश्चित करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।"इसके अलावा, लोल्ला के अनुसार, निजी क्षेत्र की भागीदारी और प्रतिस्पर्धा शुरू करने से बिजली क्षेत्र में अधिक पूंजी और प्रबंधन विशेषज्ञता आएगी। यह परिचालन दक्षता बढ़ाने और पहुंच और सामर्थ्य बढ़ाने में मदद करेगा। रिपोर्ट क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन के प्रमुख तत्व के रूप में ग्रीन मार्केट तंत्रों में राज्यों की बढ़ती भागीदारी पर प्रकाश डालती है। सचदेवा माइकल कहती हैं, "ग्रीन डे अहेड मार्केट (जीडीएएम), ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (जीटीएएम) और अधिक जैसे ग्रीन मार्केट तंत्रों में हमें राज्यों की सीमित भागीदारी मिली।"वह आगे कहती हैं, "अधिक मज़बूत बाजार विकसित करना कम रिन्यूएबल बिजली क्षमता वाले राज्यों का समर्थन करने का एक अवसर है। इसे प्राप्त करने के लिए, राज्यों को तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है जैसे बैंकिंग प्रतिबंधों को हटाना और न केवल मासिक बल्कि त्रैमासिक और वार्षिक रूप से रिन्यूएबल बिजली के बैंकिंग की अनुमति देना, विशेष रूप से पवन उत्पादन के लिए।"


रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि अभिनव द्विपक्षीय वित्तीय बाजार तंत्र जैसे वर्चुअल पावर परचेज एग्रीमेंट्स (वीपीपीए) और कॉन्ट्रैक्ट्स फॉर डिफरेंस (सीएफडी) में बाज़ार को खोलने और ख़रीदारों और नियामकों को आंतरायिक रिन्यूएबल बिजली उत्पादन से निपटने के लिए आवश्यक आश्वासन देने की बड़ी क्षमता है। एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू जहां राज्य बेहतर कर सकते हैं, डाटा उपलब्धता और पारदर्शिता है। प्रगति की प्रभावी ढंग से निगरानी करने और आवश्यकता पड़ने पर सही करने के लिए, रिपोर्ट डाटा उपलब्धता और पारदर्शिता में सुधार की मांग करती है। साथ ही, रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्यों को सौर पैनल, बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन कचरे से निपटने के लिए अधिक समग्र और परिपत्र दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है। यह और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा क्योंकि भारत आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत नई निर्माण इकाइयां स्थापित कर रहा है। अंत में, रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कई राज्यों को अपनी बिजली बदलाव नीतियों के इरादे और उनके कार्यान्वयन के बीच की खाई को भी पाटना चाहिए।

राजकमल प्रकाशन 76वां स्थापना दिवस 28 फरवरी को

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नई दिल्ली। 27 फरवरी, विश्व पुस्तक मेले के दौरान राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को प्रकाशन के स्टॉल'जलसाघर'में आने वाले सभी पुस्तकप्रेमियों को उपहार दिया जाएगा। इस दिन राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्षों के अनेक उपलब्धियों से भरे सफर को पूरा करके 76वें वर्ष में प्रवेश करेगा। साथ ही, राजकमल प्रकाशन अपने पाठकों को पुस्तकों की खरीद पर भी छूट उपलब्ध करवा रहा है। यह उस समय हो रहा है जब देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।


स्थापना दिवस पर आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम

विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के दिन कई विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान कार्यक्रम के पहले सत्र में दोपहर 12:00 बजे अली अनवर की नई किताब 'सम्पूर्ण दलित आंदोलन : पसमांदा तस्व्वुर'पर परिचर्चा होगी। इसके बाद दोपहर 02:00 बजे गगन गिल की 'प्रतिनिधि कविताएँ'पुस्तक का लोकार्पण होगा। अपराह्न 04:30 बजे से अनामिका की नई किताब 'स्त्री मुक्ति की सामाजिकी'का लोकार्पण और बातचीत होगी। अगले सत्र में उदय प्रकाश की नई किताबों 'प्रतिनिधि कविताएँ'और 'प्रतिनिधि कहानियाँ'पुस्तकों पर बातचीत होगी। वहीं 05:30 बजे से जॉन स्ट्रैटन हौली की नवीनतम किताब 'कृष्ण की लीलाभूमि'पर बातचीत होगी। साथ ही, इस दिन साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की सभी पुस्तकों के नए संस्करण जारी किए जाएंगे।


अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास 'रेत समाधि'के विशिष्ट पेपरबैक संस्करण का होगा लोकार्पण

राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को विश्व पुस्तक मेले में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजली श्री के बहुचर्चित उपन्यास 'रेत समाधि'के विशिष्ट पेपरबैक संस्करण का लोकार्पण होगा। इस दौरान 'लेखक से मिलिए'कार्यक्रम के दौरान पाठक गीतांजली श्री से मुलाकात कर सकेंगे।


राजकमल का हीरक जयंती वर्ष साबित हुआ मील का पत्थर

राजकमल प्रकाशन का 75वां हीरक जयंती वर्ष मील का पत्थर साबित हुआ है। इस वर्ष मूल रूप से हिन्दी में रचित एवं राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित गीतांजली श्री के उपन्यास 'रेत समाधि'के अंग्रेजी संस्करण को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित बद्रीनारायण के कविता संग्रह 'तुमड़ी के शब्द'को हिन्दी का साहित्य अकादेमी पुरस्कार और गायत्री बाला पांडा की किताब 'दया नदी'को ओड़िया भाषा का साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा हाल में सुप्रसिद्ध अभिनेता-गीतकार-नाटककार पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा'के एक सप्ताह में ही तीन संस्करण प्रकाशित हुए।


अनेक उपलब्धियों से भरा रहा अब तक का सफर : अशोक महेश्वरी

राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा कि– "राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिए समाज को बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। साथ ही, देश-दुनिया के उत्कृष्ट साहित्य को आमजन तक पहुंचाने को हमेशा अपना दायित्व मानकर उसका निर्वहन कर रहा है। साहित्य से हमारा मतलब ज्ञान के लिए आवश्यक सभी विषयों और विधाओं की किताबें हैं। अपने पाठकों, लेखकों और शुभचिंतकों के सहयोग और शुभेच्छाओं से राजकमल प्रकाशन ने अपने पचहत्तर वर्षों के सफर में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की है। हमारा संकल्प हर उम्र, हर वर्ग के लोगों तक देश-दुनिया का साहित्य पहुंचाना है। इसी संकल्प के तहत राजकमल प्रकाशन की ओर से देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।"


विभिन्न शहरों में आयोजित किए जा रहे हैं किताब उत्सव

राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्षों का सुनहरे सफर का उत्सव मनाते हुए इस वर्ष को विशेष बनाने के लिए देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन कर रहा है। राजकमल किताब उत्सव के दौरान शहरों में पुस्तक प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें नई पुस्तकों का लोकार्पण, विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक विषयों पर परिचर्चा एवं बातचीत के साथ ही स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। किताब उत्सव में देश भर के विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार हिस्सा लेते हैं। इस दौरान पाठकों के उत्साह को देखते हुए राजकमल प्रकाशन का संकल्प दृढ़ हुआ है।


19 मार्च से मुम्बई में आयोजित होगा किताब उत्सव

किताब उत्सव की शुरुआत 18 जुलाई 2022 को भोपाल से हुई थी। इस कड़ी में अब तक भोपाल के अलावा वाराणसी, पटना और चंडीगढ़ में किताब उत्सव का सफल आयोजन हो चुका है। वहीं आगामी किताब उत्सव मुम्बई में 19 मार्च से 23 मार्च 2023 तक वर्ली के नेहरू सेंटर में आयोजित किया जाएगा। इसके बाद देश के अन्य शहरों में भी किताब उत्सव प्रस्तावित है।

बिहार : 10 सालों में जिस का हाथ पकड़ा वो जीता है, अब बिहार की जनता का हाथ पकड़ना है

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रघुनाथपुर / सिसवन / हसनपुरा, सिवान, जन सुराज पदयात्रा के 149वें दिन की शुरुआत सिवान के गोपीपतियांव पंचायत स्थित सैदपुरा हाई स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ गोपीपतियांव पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सिसवा कलां होते हुए हसनपुरा प्रखंड अंतर्गत हसनपुरा नगर पंचायत के अरंडा मैदान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 22वां दिन है। वे जिले में 05 से 10 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 3 आमसभाओं को संबोधित करेंगे और 3 पंचायत के 13 गांवों से गुजरते हुए 14.3 किमी की पदयात्रा तय की।


पिछले 10 सालों में जिस भी नेता का हाथ पकड़ा है वो जीता है, अब बिहार की जनता का हाथ पकड़ना है

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकतंत्र में जनबल के आगे कोई बल नहीं है। एक बार अगर आप यह संकल्प ले लें कि आप जाति-धर्म, 5 किलो अनाज, नाली-गली पर वोट ना दे कर अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें तो आपके सामने कोई दल या समीकरण टिकने वाला नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि अगर आप लोग मुझे जानते हैं तो ये जरूर जानते होंगे की मुझे कुछ आता हो या ना आता हो, चुनाव लड़ाना जरूर आता है। पिछले 10 सालों में मैंने जिस भी नेता का हाथ पकड़ा है, वो चुनाव नहीं हारा है। इस बार मैंने यह संकल्प लिया है कि किसी भी नेता या दल का नहीं बल्कि बिहार की जनता का हाथ थामना है। जिसे भी समाज अपने बीच से चुनकर निकालेगा, चाहे वो गरीब हो, अमीर हो या किसी भी जाति, समुदाय का हो, उसी के पीछे जन सुराज अपनी बुद्धि, शक्ति, पैसा और ताकत लगाएगी और सभी के समर्थन और आशीर्वाद से उसे जीता कर लाएगी। तभी जनता की सरकार बन सकती है।


बिहार को नाली-गली और अनाज नहीं पहले रोजगार चाहिए, अनाज तो लोग खुद खरीद लेंगे 

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जनता की सरकार बनी तो उसका पहला लक्ष्य यह होगा की जीतने भी लड़के बाहर मजदूरी करने गए हैं, या पढ़-लिखकर यहां बेरोजगार बैठे हैं, सभी लड़कों को उनके पंचायत और उनके राज्य में ही 10 से 15 हजार का रोजगार दिया जाएगा। आगे प्रशांत किशोर ने जनता से पूछते हुए कहा कि उन्हें 5 किलो अनाज और रोजगार में से चुनना होगा की उन्हें क्या चाहिए। अगर उन्हे शिक्षा और रोजगार चाहिए तो उन्हें यह संकल्प लेना होगा कि अगली बार वोट इन्हीं मुद्दों पर पड़नी चाहिए। अगर ये दो मुद्दे रहे तो ज़िंदगी सुधर जाएगी। नाली-गली तो बनती रहेगी और अगर रोजगार रहा तो जनता अनाज खुद खरीद लेगी। यह प्रयास सभी को साथ में मिलकर करना होगा।

विश्व पुस्तक मेला तीसरा दिन - राजकमल प्रकाशन

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  • राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस पर आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम

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नई दिल्ली. 27 फरवरी, विश्व पुस्तक मेले के तीसरे दिन राजकमल प्रकाशन के 'जलसाघर'में विभिन्न पुस्तकों पर परिचर्चा हुई और नई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। 'जलसाघर'में आज विनोद कापड़ी, नन्दिनी सुन्दर, संजय सिंह, गीता श्री, वंदना राग, शिवमूर्ति, वीरेन्द्र यादव, मलय जैन, संपत सरल आदि साहित्यकार-लेखक मौजूद रहे। राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने बताया कि कल 28 फरवरी को राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आज के कार्यक्रम के पहले सत्र में दिव्य प्रकाश दुबे से बातचीत करते हुए मारण मंत्र के लेखक विमल चन्द्र पाण्डेय ने अपनी एक कहानी के बारे में बात करते हुए कहा कि हर किसी के जीवन में एक मंटू भैया होते हैं जिनकी नजर से हम दुनिया देखना सीखते हैं। उसके बहुत सारे अनुभव आपको मैच्योर करते हैं। भले ही बड़े होने के बाद उनकी बहुत सारी बातें आपको काम की न लगें पर आपको बनाने में उनका गहरा योगदान होता है। विमल ने कहा कि विजुअलाइजेशन मेरी कहानियों का एक जरूरी हिस्सा है। मुझे अपनी कहानियों को दृश्यों में देखना  सुंदर लगता है। शायद यह भी एक चीज है जो मुझे फिल्म निर्देशन की तरफ ले गई।


अगले सत्र में विनोद कापड़ी की चर्चित किताब '1232km कोरोना काल में असंभव सफर'पर मनोज कुमार पाण्डेय ने उनसे बातचीत की। विनोद कापड़ी ने कहा कि '2020 का लॉकडाउन 1947 के बाद का दूसरा बंटवारा था। 1947 बंटवारा दो वर्गों के बीच हुआ था और यह बंटवारा अमीर और गरीब के बीच हुआ। इसके बाद लेखक-पत्रकार संजय सिंह की किताब  'एक थी शीना बोरा'का लोकार्पण हुआ और इस पर बातचीत हुई। इस दौरान मंच पर जाने माने न्यूज़ एकंर सुमित अवस्थी, विनोद कापड़ी  और नितिन सुखुजी मौजूद रहे। 'एक थी शीना बोरा'किताब 2015 में हुए एक हत्याकांड पर आधारित है़। शीना बोरा हत्याकांड लालच, झूठ और महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़े रिश्तों की कहानी है़। यह किताब इस केस को बहुत ही सरल और आसान तरीके से समझने में मदद करती है़। इसके बाद नन्दिनी सुंदर की पुस्तक 'दावानल : माओवाद से जंग'  पर परिचर्चा में लेखक ने कहा कि  'यह किताब लिखना मेरे लिये काफी मुश्किल रहा था। जिन पर अत्याचार हुए थे उनके अत्याचारों को लिखना और  सनसनी भी  पैदा न करना एक बड़ा चेलेंज था। अगले सत्र में गीताश्री की नई किताब 'कैद बाहर का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण के बाद धर्मेंद्र सुशांत ने उनसे किताब पर बातचीत की। इस दौरान जानी मानी साहित्यकार वंदना राग भी उपस्थित रहीं। वहीं अगला सत्र मलय जैन की किताब 'हलक़ का दारोगा'के नाम रहा। इस कार्यक्रम में महेश कटारे और आशीष कंथवे भी मौजूद रहे। इसके बाद उमाशंकर चौधरी के नए कविता संग्रह 'कुछ भी वैसा नहीं'का लोकार्पण हुआ और काव्य पाठ भी किया गया। इस दौरान मदन कश्यप ने उनसे किताब पर बातचीत की। कार्यक्रम के आखिरी सत्र में चर्चित व्यंगकार सम्पत सरल की किताब 'एक मंजिला मकान में लिफ्ट'का लोकार्पण हुआ। लेखक अपने तीखे वैचारिक व्यंग्यों से सामाजिक-राजनीति विसंगतियों को उजागर करने के लिये विख्यात हैं। इस मौके पर लेखक ने कहा कि यह समय व्यंग्य के लिये बहुत ही उर्वरक है़। हमारे आस-पास इतनी राजनीति और सामाजिक विसंगतियां हैं कि व्यंग्य का भविष्य उज्जवल लग रहा है़।


रेत समाधि के उपहार संस्करण का होगा लोकार्पण

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि के उपहार संस्करण का लोकार्पण मंगलवार को विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के जलसाघर में होगा। राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने बताया कि राजकमल से प्रकाशित रेत समाधि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली किसी भी भारतीय भाषा की इकलौती कृति है। गीतांजलि श्री ने इस उपन्यास के जरिये हिंदी साहित्य में नई लकीर खींची। दूसरी तरफ इस उपन्यास को पाठकों ने भी बढ़ चढ़ कर पसंद किया। ऐसे में हम राजकमल प्रकाशन के 76वें स्थापना दिवस के मौके पर, विश्व पुस्तक मेले में राजकमल के जलसाघर में अपराह्न पाँच बजे रेत समाधि के उपहार संस्करण का लोकार्पण  करने जा रहे हैं। इस मौके पर गीतांजलि श्री भी उपस्थित रहेंगी।


राजकमल के जलसाघर में विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबों के नए संस्करणों का लोकार्पण कल

वरिष्ठ कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबों के नए संस्करणों का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले में, राजकमल प्रकाशन समूह के जलसाघर में मंगलवार को होगा। यह जानकारी राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने दी। महेश्वरी ने बताया, हम शीर्षस्थ कवि कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबें विश्व पुस्तक मेले में मंगलवार को लोकर्पित करेंगे। इनमें राजकमल से पहले से प्रकाशित पाँच किताबों के नए संस्करण होंगे, जिन्हें नई साज सज्जा और नए आवरण में प्रस्तुत किया गया है। 'कभी के बाद अभी', 'सब कुछ होना बचा रहेगा', 'कविता से लंबी कविता' (कविता संग्रह), 'हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी'और 'बौना पहाड़', 'नौकर की कमीज' (उपन्यास) ऐसी ही किताबें हैं. जबकि वह आदमी नया गरम कोट पहिन कर चला गया विचार की तरह (कविता संग्रह) और खिलेगा तो देखेंगे (उपन्यास) पहली बार राजकमल से प्रकाशित हुए हैं, वे पहले अन्यत्र से छपे थे। विनोद कुमार शुक्ल का कहानी संग्रह महाविद्यालय बीते वर्ष राजकमल से प्रकाशित हुआ था।


राजकमल की प्रतिनिधि शृंखला में उदय प्रकाश, गगन गिल की किताबें

राजकमल प्रकाशन की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि शृंखला में कथाकार चंद्रकिशोर जायसवाल, शिवमूर्ति और उदय प्रकाश की 'प्रतिनिधि कहानियाँ'और उदय प्रकाश और गगन गिल की 'प्रतिनिधि कविताएँ'प्रकाशित होकर विश्व पुस्तक मेले में पाठकों के सामने होंगी। राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने बताया, कि प्रतिनिधि कहानियाँ और प्रतिनिधि कविताएँ राजकमल प्रकाशन की ही नहीं, हिंदी की सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुस्तक शृंखला हैं। राजकमल की तो यह ध्वजवाही शृंखला है। यह शृंखला लेखक को संक्षिप्त मगर समग्र रूप में प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा, हम इस शृंखला में उदय प्रकाश की प्रतिनिधि कहानियाँ, प्रतिनिधि कविताएँ और गगन गिल की प्रतिनिधि कविताएँ मंगलवार को विश्व पुस्तक मेले में लोकर्पित करेंगे। साथ ही गगन गिल की एक और किताब 'तेजस्विनी  अक्का महादेवी के वचन'का लोकार्पण भी होगा। अशोक महेश्वरी ने कहा कि विश्व पुस्तक मेले में कथाकार चंद्रकिशोर जायसवाल और शिवमूर्ति की प्रतिनिधि कहानियाँ भी पाठकों के सामने आयेंगी। उन्होंने कहा, राजकमल की प्रतिनिधि शृंखला में अग्रणी कथाकारों-कवियों की किताबें हम ऐसे समय ला रहे हैं जब राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्ष पूरे कर आगे की यात्रा पर बढ़ रहा है।


28 फरवरी 2023 के कार्यक्रम -राजकमल प्रकाशन

12 बजे - सम्पूर्ण दलित आंदोलन -अली अनवर नई किताब पर चर्चा

2 बजे - प्रतिनिधि कहानियां और कविताएं -उदय प्रकाश की नई किताब पर चर्चा

2:30 बजे - स्त्री मुक्ति की सामाजिकी- अनामिका की किताब का लोकार्पण

3 बजे - कृष्ण की लीला भूमि -जौन हौली से रमण सिन्हा की बातचीत

4:30बजे - विनोद कुमार शुक्ल की पुस्तकों के नए संस्करण का प्रकाशन

5 बजे - गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि के विशिष्ट पेपर बैक्स संस्करण का प्रकाशन

मधुबनी : मेगा कैंप की तैयारी हेतु श्रम अधीक्षक ने किया बैठक

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मधुबनी, "श्रम विभाग श्रमिको के द्वार"कार्यक्रम के तहत श्रम संसाधन विभाग के द्वारा सभी जिलों को प्रत्येक माह में जिले के किसी एक प्रखंड में श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार तथा क्रियान्वयन के लिए एक दिवसीय मेगा कैंप आयोजित करने का निर्देश दिया गया तथा फरवरी माह में यह कैंप 28 फरवरी को आयोजित किए जाने का निर्देश दिया गया है।  28 फरवरी को आयोजित होने वाले मेगा कैंप की तैयारी हेतु श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीयों, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई, जिसमें रहिका प्रखंड के चयनित 7 पंचायतों में 28 फरवरी को कैंप लगाने की जानकारी दी गई। श्रम अधीक्षक मधुबनी के द्वारा बताया गया कि विभागीय निर्देशानुसार चयनित प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में अलग-अलग श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीयों के द्वारा कैंप का आयोजन किया जाना है । चूंकि  वर्तमान में जिले में 7 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी उपलब्ध है, जिसकी वजह से रहिका प्रखंड के सात पंचायतों का चयन किया गया है।

 1. श्री गोविंद कुमार, श्र० प्र० पदा०,लक्ष्मीपुर पंचायत।

2.श्री मिहिर कुमार, श्र० प्र०पदा०, मकसूदा,पंचायत।

3. श्री हितेश कुमार भार्गव, श्र० प्र० पदा० नाजीरपुर, पंचायत।

4. श्री प्रेम कुमार साह, श्र० प्र० पदा०, ककरौल, पंचायत

5. श्री अनूप शंकर, श्र० प्र० पदा०, सनौर, पंचायत।

6. श्री संतोष कुमार पोद्दार, श्र०प्र० पदा०, रहिका, पंचायत।

7. श्री चंदन कुमार गुप्ता, श्र०प्र०पदा०, हुसैनपुर, पंचायत।


श्रम अधीक्षक के द्वारा सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने आवंटित पंचायततो में इस मेगा कैंप के पूर्व कम से कम एक बार भ्रमण कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों,  विभिन्न विभागों के स्थानीय पंचायतों कर्मियों तथा विभिन्न मजदूर संगठनों के स्थानीय प्रतिनिधियों को इस मेगा कैंप की पूर्व सूचना देंगे तथा उनकी सहभागिता हेतु भी उनसे अनुरोध कर कार्यक्रम का सफल बनाएंगे । श्रम अधीक्षक के द्वारा सीएससी के जिला प्रबंधक एवं जिला समन्वयक को रहिका प्रखंड के चयनित सात पंचायतों में 28 फरवरी को दो VLEs को  कंप्यूटर सिस्टम के साथ कैंप स्थल पर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है ताकि उक्त कैंप में ही ई श्रम कार्ड, लेबर कार्ड  निबंधन एवं नवीकरण एवं बोर्ड की योजनाओं से संबंधित आवेदन, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री मानधन योजना से संबंधित योजना आदि का आवेदन ऑनलाइन कराया जा सके तथा  यथासंभव निबंधन प्रमाण पत्रों का वितरण भी उक्त कैंप में अपराहन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में करा दिया जाए। श्रम अधीक्षक के द्वारा सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को बताया गया कि उक्त कैंप में वहां उपस्थित पंचायतों के सभी जनप्रतिनिधियों, यूनियन के प्रतिनिधियों, पंचायत कर्मियों एवं जनता को श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याणार्थ चलाई जा रही सभी योजनाओं यथा -

1 बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निबंधन (लेबर कार्ड) एवं नवीकरण तथा बोर्ड द्वारा संचालित 16 योजनाओं की विस्तृत जानकारी 

2 बिहार शताब्दी असंगठित कार्ड क्षेत्र कामगार शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना

3. बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 

4 ई श्रम पोर्टल पर निबंधन

5  प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना 

6 प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना


आदि  की विस्तृत जानकारी दें तथा विभिन्न योजनाओं से संबंधित बुकलेट, पंपलेट आदि का वितरण करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचे तथा अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सके। आज की इस मीटिंग में गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका,  मिहिर कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंडौल,  हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खुटौना, प्रेम कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर,  अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, संतोष कुमार पोद्दार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोघरडीहा, चंदन कुमार गुप्ता श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी झंझारपुर के अलावा श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधि रामचंद्र शर्मा अध्यक्ष जिला काष्ठकर्मी संघ,  सत्यनारायण सचिव मधुबनी जिला निर्माण श्रमिक यूनियन,  दिनेश भगत निर्माण कामगार फेडरेशन एवं सीएससी के कर्मी शामिल हुए । उपस्थित सभी लोगों  को इस मेगा कैंप के सफल संचालन हेतु जन जागरूकता फैलाने एवं अधिक से अधिक श्रमिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु अनुरोध किया गया।

शिवहर : अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 विषय पर चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन

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  • केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, सीतामढ़ी द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 विषय पर शिवहर में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का किया जा रहा है आयोजन
  • 28 फ़रवरी, 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र, शिवहर में परिचर्चा सह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के साथ जागरूकता रैली का भी होगा आयोजन 

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शिवहर : 27 फ़रवरी, केन्द्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय, सीतामढ़ी द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 विषय पर कल 28, फ़रवरी, 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र, शिवहर में परिचर्चा सह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय सांसद, रमा देवी द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रम के पूर्व आज चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन आस्था निकेतन, शिवहर में किया गया।  चित्रकला प्रतियोगिता में आस्था निकेतन, शिवहर के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और 'मोटा अनाज'से होने वाले विभिन्न लाभो के बारे में अपने चित्रों द्वारा प्रदर्शित किया। मौके पर केंद्रीय संचार ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, जावेद अंसारी ने कहा कि वर्ष 2023 को विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर मोटे अनाज उत्पादन और खपत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है, इस कड़ी में सूचना प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष -2023 को जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता कार्यक्रम पूरे भारत में आयोजित किया जा रहा है।

विज्ञापनों में जो भी खुलासे किये जाएं, वह स्पष्ट होनी चाहिए : केंद्र

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  • विज्ञापन-प्रणाली में नैतिक मानदंडों की आवश्यकता तथा जिम्मेदार विज्ञापन-प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा का महत्त्वः उपभोक्ता कार्य विभाग सचिव

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नई दिल्ली, उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि जो भी डिसक्लोजर (खुलासा) किया जाये, वह स्पष्ट नजर आना चाहिये और हैशटैग या लिंक के समूहों के साथ मिश्रित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने #गेटराइट ब्रांड इंफ्लूयेंसर समिट 2023 में वर्चुअल माध्यम से दिये जाने वाले अपने प्रमुख वक्तव्य में यह कहा। कार्यक्रम का आयोजन आज मुम्बई में भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने किया था। समिट में जिम्मेदार विज्ञापन-प्रणाली व्यवहारों और उपभोक्ता संरक्षण केंद्रीय विषय था। सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि जिन तस्वीरों में किसी वस्तु का अनुमोदन किया जाये, उस पर सारे खुलासों को सुपर-इम्पोज किया जाये। इसी तरह वीडियो में जो अनुमोदन किया जाये, उसका खुलासा दृश्य व श्रवण, दोनों प्रारूपों में किया जाये। प्रत्यक्ष स्ट्रीम में खुलासों को लगातार प्रमुख स्थान पर दर्शाया जाता रहे।


श्री सिंह ने निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापन-कर्ताओं और विज्ञापन एजेंसियों की जवाबदारी पर जोर देते हुये कहा कि इन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि इनके विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह न करें। उनके प्रमुख वक्तव्य ने जवाबदेह विज्ञापन-प्रणाली और उपभोक्ता संरक्षण के महत्त्व पर अमूल्य विचार प्रस्तुत किये। श्री सिंह ने कारोबारों का समर्थन करने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के बीच संतुलन बनाने की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त की गई भावना को दोहराया कि दोनों को साथ-साथ चलना चाहिए। उन्होंने भारतीय संसद द्वारा पारित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019  का हवाला दिया, जो भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। श्री सिंह ने अच्छे और बुरे विज्ञापनों के बीच अंतर किया और कहा कि सरकार का इरादा कारोबार के विकास को बाधित करना नहीं है, बल्कि नैतिक मानकों को सुनिश्चित करना है। भारत में 75  करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 50 करोड़ सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं। इन्हें मद्देनजर रखते हुये श्री सिंह ने पारंपरिक विज्ञापन से सोशल मीडिया विज्ञापन में आने वाले आमूल बदलाव और इस काम को जिम्मेदारी से किये जाने के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली लोगों और मशहूर हस्तियों के लिए यह जरूरी है कि वे विज्ञापनकर्ताओं के साथ अपने हर तरह के लाभकारी सम्बंधों का खुलासा करें, जो उनके प्रतिनिधित्व की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं।


बिहार : सूरत में बिहार के पांच लाख से ज्यादा लोग मजदूरी कर रहे हैं : प्रशांत किशोर

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  • लेकिन मोदी जी को चिंता ही नहीं है कि बिहार में भी उद्योग लगे

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जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग मोदी जी को हमेशा वोट देने चले जाते हैं, पर उन्होंने आज तक बिहार के लिए एक बैठक तक नहीं की है। गुजरात के शहर सूरत में 5 लाख से ज्यादा बिहार के लड़के मजदूरी कर रहे हैं। यह बात सोचने वाली है कि मोदी जी अगर सूरत में इतनी फैक्ट्री लगवा सकते हैं तो बिहार की जनता ने कौन सा पाप किया है जो बिहार में 2-4 फैक्ट्री भी नहीं लगवा सकते। उन्होनें कहा कि वो फैक्ट्री इसलिए नहीं लगवाते हैं क्योंकि मोदी जी को भी पता है बिहार की जनता को फैक्ट्री नहीं चाहिए, यहां की जनता बल्कि जाति-धर्म के नशे में ही गुजारा करना चाहती है। अगर आप बार-बार हिन्दू - मुसलमान, पुलवामा-पाकिस्तान के नाम पर वोट देंगे तो इस बात के लिए तैयार रहिए की आपका बेटा सूरत में जाकर फैक्ट्री का मालिक नहीं बनेगा, उसे भेड़-बकरी की तरह बस में जा कर मजदूर ही बनना पड़ेगा। यही बात समझाने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं कि अपना नहीं अपने बच्चों के बारे में सोच कर सुधर जाइए।

मधुबनी : अभाविप ने निकाला नगर मार्च, आयोजित किया छात्र हुंकार सम्मलेन

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मधुबनी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् जिला मुख्यालय मधुबनी के एक निजी विवाह भवन सभागार  मे छात्र हुंकार का आयोजन किया गया। वहीं भव्य शोभा यात्रा शहर के काली मंदिर से होते हुए महिला महाविद्यालय से भारत माता की जय-वन्दे मातरम् की नारों के साथ रेलवे स्टेशन होते हुए भवन के सभागार में समाप्त हुआ। वहीं झंडोतोलन के बाद विधिवत उद्घाटन के मौके पर अभाविप के प्रदेश सह संगठन मंत्री रौशन कुमार,राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आलोक कुमार,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के संयोजक अशोक कुशवाहा,प्रदेश सह मंत्री उत्सव परासर,जिला संयोजक रोहित झा,छात्रावास प्रमुख मनिष पासवान,विष्णु विज्ञान झा एवं वर्षा आनंद ने किया। वहीं, मंच संचालन अजीत मिश्रा जी ने शिरकत किया।


इस मौके पर छात्र हुंकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश सह संगठन मंत्री रौशन कुमार ने कहा कि विश्व के सबसे विशाल छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हमेशा छात्र हितों के लेकर सघर्ष करते आ रही है, और आज छात्र कल के भविष्य है। आज का ये छात्र सम्मेलन तीन सत्रों में चलाया गया, जिसमें कई विभिन्न विषयों पर चर्चा कर  महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुआ। साथ ही संगठन विस्तार को लेकर प्रकाश डाला। वहीं आलोक कुमार ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में फैली शैक्षणिक अराजकता प्रकाश डाला। वहीं वरिष्ठ छात्र नेता अशोक कुशवाहा ने कहा कि छात्र हितों के लिए हमेशा एबीवीपी सघर्षरत है। आज के छात्रों की नशे की प्रवृत्ति इतने तेजी से फैल रहा है, ये हम सभी के लिए चिंताजनक विषय हैं। कहने को तो भारत 65% विश्व के सबसे बड़े युवा देश है समय रहते सरकार ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले इन सब विषयों को लेकर हो उग्र आंदोलन। वहीं मनीष पासवान एवं उत्सव परासर ने कहा कि छात्रावास के विषयों पर प्रकाश डाला। मधुबनी जिले की वर्तमान शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति, कमला, भुतही बलान, जीवछ तथा कोशी नदियों के मध्य स्थित मधुबनी जिला अपने पौराणिक मान्यता एवं मधुबनी पेंटिंग में उत्कृष्ट उपलब्धता के लिए पूरे बिहार सहित, भारत एवं विश्व में अपनी प्रमुख पहचान रखता है। यह जिला महाकवि कालिदास, मैथिली कवि विद्यापति तथा वाचस्पति जैसे विद्वानों की जन्मभूमि रही है। लेकिन आज के दौर में यह जिला राजसत्ता की घोर उदासीनता के कारण बिहार के पिछड़े जिलों में गिना जाता है। आज पूरा जिला हत्या, अपहरण, रंगदारी, फिरौती, बैंक लुट तथा बालात्कार की घटनाओं से अक्रांत है। अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र (नेपाल) को लेकर भी यह जिला तस्करी एवं अपराधी के लिए सुरक्षित पनाहगार है। एक और जहाँ आम जनमानस घोर निराशा में जीने को मजबूर है, वहीं दूसरी और व्यापारी और कामागार पलायन को मजबूर हो रहे है। मुलभूत सुविधाओं के घोर अभाव के कारण शिक्षण संस्थानों से छात्र गायब है। शिक्षण संस्थान सिर्फ और सिर्फ प्रमाणपत्र बांटने का केन्द्र बनकर रह गई है। जिले के कोचिंग का कारोबार प्रशासन की आँखों के सामने फल फूल रहा है। व्यवसायिक शिक्षा का जिले में घोर अभाव है। आज मधुबनी जिला केन्द्र पर आयोजित जिला सम्मेलन में पारित प्रस्ताव के माध्यम से बिहार सरकार से निम्नलिखित मांगे रखती है तथा इसकी पूर्ति की अपेक्षा रखती है। जोकि निम्न हैं :- 


1). प्राथमिक शिक्षा से उतनों में मूलभूत आवश्यकताओं की अलि उपलब्ध की जाए।

2). महाविद्यालयो मे +2 विद्यालयों में, प्रयोगशालाओं और प्रायोगिक कक्षाओं को शुरू किया जाए।

3). जिले की सभी अंगीभूत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जाए।

4). जिले में सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं पॉलिटेकनिक संस्थान प्रारंभ किया जाय।

5). सभी उच्च एवं उच्चतर शिक्षण संस्थानो मे छात्रो की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की बहाली की जाए।

6). प्रवेश परीक्षा, परिणाम, पाठ्यक्रम और परिसर मे व्याप्त अनियमितता दूर हो।

7). जिला के उद्योगों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाये। मधुवनी जिला के सभी ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थानों का जीर्णोद्धार किया जाय।

8). जबरन तथा स्वार्थ प्रेरित धर्मांतरण, गौवंश तस्करी, एवं अवैध बूचड़खाना पर अविलंब रोक लगे।

9). आम जनमानस एवं व्यापारियों में व्याप्त भय एवं निराशा को दूर करने हेतु कारगर पुलिसिंग की व्यवस्था की जाय।


इस मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी अभय प्रकाश,रंजीत मालाकार,निरजन झा,राम यादव राहुल रांय,सुजीत पासवान,जनमेजय सिंह,अरविंद कुमार,विनोद प्रसाद,अभिषेक कुमार मोनू,कुन्दन सिंह,सूर्यदीप प्रसाद सहित सैंकड़ो छात्र-छात्राएं छात्र हुंकार सम्मेलन में भाग लिये।

मधुबनी : नेपाल की भटकी हुए बच्ची को अभिभावक को किया गया सुपुर्द

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मधुबनी,  जिला के जयनगर में जयनगर थाना की पुलिस और चाइल्ड लाइन के टीम मेंबर के सहयोग से भटकी हुए बच्ची को उसके अभिभावक को सुपुर्द किया गया। बता दे की नेपाल के सिरहा जिला के ओरही गॉव से एक बच्ची भटक कर जयनगर आ गई थी। इसके बाद जयनगर थाना एवं चाइल्ड लाइन के सहयोग से सिरहा थाना प्रभारी को फोन कर जानकारी दी गई। फिर सिरहा थाना ने उनके अभिभावक को इसकी सूचना दी। उसके बाद चाइल्ड लाइन सब सेंटर के टीम मेंम्बर सविता देवी ने इस संबंध में जिला बाल कल्याण समिति को सूचित किया व आवश्यक दस्तावेजों की जांच के उपरांत बालिका को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान जयनगर के थाना प्रभारी अमित कुमार,एसआई सुप्रिया कुमारी,मारर के सीनियर पुलिस अधिकारी ललन कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

मधुबनी : पुलिस स्थापना दिवस पर पुलिसकर्मियों ने किया रक्तदान

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  • जरूरतमंदों को ससमय रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को रक्तदान जरूरी :- अरविन्द कुमार वर्मा(जिलाधिकारी, मधुबनी)
  • स्वैच्छिक समूह, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को रक्तदान के प्रति दिखानी होगी दिलचस्पी :- डॉ. विनोद झा(प्रभारी,ब्लड बैंक, मधुबनी)

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मधुबनी में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुलिस स्थापना दिवस पर पुलिसकर्मियों ने एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में बिहार पुलिस के अधिकारी समेत कई कर्मियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। शिविर में 108 यूनिट ब्लड संग्रह का लक्ष्य रखा गया था। रक्तदान शिविर में डीएम अरविंद कुमार वर्मा पहुँचे और रक्तवीरों की हौसला अफजाई की।


उपयोगी साबित हो रहा है ब्लड बैंक का संचालन :

मधुबनी जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि सदर अस्पताल में ब्लड बैंक का संचालन आम जिलावासियों के लिये लाभकारी साबित हो रहा है। दुर्घटना के गंभीर मामले, जटिल प्रसव, ऑपरेशन सहित अन्य मामलों में समय पर रक्त उपलब्ध होने से मरीजों की जान बचाना संभव हो सका है। खासकर थैलीसिमिया के मरीज जिनके शरीर में खून नहीं बनते हैं, उनके लिये जिले में ब्लड बैंक की स्थापना एक वरदान साबित हुई है। 


मिथक को तोड़कर बेफिक्र होकर रक्तदान करें :

मधुबनी ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. विनोद कुमार झा ने अपील करते हुए कहा कि सभी युवाओं को रक्तदान में ज्यादा से ज्यादा संख्या में हिस्सा लेना चाहिए। रक्तदान महादान की श्रेणी में आता है। रक्तदान करने से जरूरतमंद की मदद तो, होती है। साथ ही रक्तदाता कार्ड प्राप्त करने से भविष्य में अपने या परिवार के लिए भी जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से कमजोरी आती है, इस मिथक को तोड़कर बेफिक्र होकर रक्तदान करें, क्योंकि रक्तदान से रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। रक्तदान करने से जरूरतमंद की मदद तो होती है।


रक्तदाता इन बातों का रखें ख्याल : 

•18 साल से 65 साल के लोग रक्तदान कर सकते हैं।

•45 किलोग्राम वजन के लोग 350 मिलीलीटर एवं 55 किलोग्राम से ऊपर वजन के लोग 450 मिलीलीटर खून दान कर सकते हैं।

•12.50 ग्राम हीमोग्लोबिन या इससे अधिक होने पर ही रक्तदान संभव है।

•एड्स, उच्च रक्तचाप, अत्यधिक मधुमेह एवं थेलेसीमिया जैसे अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं।

•रक्तदाता का वजन 45 किलोग्राम से कम ना हो।

•खून देने से 24 घंटे पहले से ही शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन ना करें।

आज इस मौके पर रक्तदान शिविर में हेडक्वार्टर डीएसपी प्रभाकर तिवारी, सार्जेंट मेजर धरमपाल, प्रभारी नगर थानाध्यक्ष राजा कुमार, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. विनोद कुमार झा सहित कई पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी  उपस्थित थे।

मधुबनी : 5 दिनों में जिले के 171 मुखिया को किया गया प्रशिक्षित

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  • -परिवार नियोजन के सार्थक उद्देश्यों को जमीनी स्तर तक उतारने में मुखिया की भूमिका अहम
  • -परिवार नियोजन, बाल विवाह व दहेज प्रथा पर विस्तृत चर्चा
  • - ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की अपील

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मधुबनी, जिले में पारमेडिकल प्रशिक्षण संस्थान में लगातार 5 दिन तक जिले के अलग-अलग प्रखंडों के 171 मुखिया को प्रशिक्षित किया गया। जिले के सभी ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि मुखियागण का पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फॉर कैटेलाईजिंग चेन्ज (सी-3) के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक एव स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को लेकर उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित मुखिया गणों को त्रिस्तरिया पंचायती राज संरचना, महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे, सरकारी स्वास्थ्य संरचना, पोषण, परिवार नियोजन एव गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में ग्राम पंचायत की भूमिका, समाज मे किये जानेवाले लिंग आधारित भेद-भाव एवं इसके रोकथाम को लेकर आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दिया गया। कार्यक्रम के दौरान सी-3 के विशेषज्ञ प्रकाश रंजन ने सभी प्रतिभागियों को क्षमता निर्माण एवं सामुदायिक जुड़ाव, विकसित एवं आदर्श ग्राम पंचायत बनाने मे ग्राम पंचायत विकास योजना की महती भूमिका पर प्रकाश डाला एवं सभी प्रतिभागियों को अपने क्षेत्रों मे उत्साह और लगन के साथ उपरोक्त मुद्दों पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सेंटर फॉर कैटरिंग चेंज के जिला समन्वयक रघुनाथ प्रसाद कुशवाहा एवं जिला समन्वयक संजय कुमार प्रखंड समन्वयक का काफी सहयोग रहा।


परिवार नियोजन, बाल विवाह व दहेज प्रथा पर विस्तृत चर्चा :

एसीएमओ डॉ. आर.के. सिंह ने  उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तार से बताया। परिवार नियोजन के सभी साधनों के प्रयोग के बारे में भी समझाया. व जनसंख्या नियंत्रण हेतु परिवार नियोजन संसाधनों का उपयोग करने हेतु लोगों को जागरूक किया।  सभा में उपस्थित सभी लोगों के बीच प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने, नियमित टीकाकरण में सहयोग, प्रसव पूर्व जांच को सुनिश्चित करने में सहयोग, कृमि नाशक कार्यक्रम में सहयोग, संचारी एवं गैर संचारी रोगों की रोकथाम, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव को बढ़ाने, जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान की दर बढ़ाने आदि को सशक्त बनाने की अपील की गई। 


ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की अपील :

सी-3 के विशेषज्ञ प्रकाश रंजन उपस्थित मुखिया को पंचायती राज व्यवस्था की संरचना और निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को बताया। प्रशिक्षण के दौरान 73वीं संविधान संशोधन, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण और ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की जरूरत, महिलाओं के जीवन चक्र में आने वाली विभिन्न स्वास्थ्य एवं सामाजिक समस्याएं और उनका निदान, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली वितरण और प्रत्येक चरणों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा गारंटी को समझना, परिवार नियोजन पर समझ, ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के पर जानकारी इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई। अभिमुखीकरण कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए आयोजकों द्वारा कई गतिविधियों का भी आयोजन किया गया।

बिहार : ICAR को अपने काम करने की शैली में बदलाव की जरुरत है : डॉ. हिमांशु पाठक

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पटना, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना का दौरा किया ।  डॉ. पाठक ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में बुनियादी सुविधाओं यानी प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला भवन, किसान छात्रावास, पशुधन फ़ार्म, कुक्कुट फ़ार्म, मात्स्यिकी फ़ार्म, प्राकृतिक, जैविक एवं संरक्षित कृषि परियोजना स्थल के अलावे विभिन्न प्रक्षेत्रों का भी दौरा किया।  इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य सभी कर्मचारियों के साथ वैठक भी की | माननीय महानिदेशक ने संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और उपलब्धियों के लिए वैज्ञानिकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों में सुधार के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए । उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम चिन्तन के साथ प्रयास  करें, एवं  जरुरत पड़ने पर संस्थानों के मैंडेट (अधिदेश) में भी बदलाव किया जा सकता है  | उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष के आम बजट पर ख़ुशी व्यक्त किया और बताया कि इसमें किए गए प्रावधानों से  शोध में विशेष मदद मिलेगी | डॉ. पाठक ने इस बात का भी जिक्र किया कि शोध हेतु किसी भी प्रकार का कमी नही आने दी जायेगी | उन्होंने पूर्वी भारत के किसानों और अन्य हितधारकों के लाभ के लिए संस्थान के अधिदेश के अनुसार भविष्य के अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए एक रोड मैप तैयार करने की अपील की। प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि यह पशुधन पर आधारित एक पारंपरिक स्वदेशी कृषि पद्धति है। महानिदेशक ने इस बात पर भी जोर दिया कि वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, राज्य सरकार और अन्य हितधारक एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करे | डॉ. हिमांशु पाठक  ने परती–धान खेती प्रणाली पर समग्र शोध करने पर विशेष जोर दिया | उन्होंने कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर चर्चा की, और जलवायु-अनुकूल फसल उत्पादन तकनीक के बारे में प्रकाश डाला| इसके अलावा उन्होंने टिकाऊ कृषि के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया। इससे पूर्व, डॉ. अनुप दास, निदेशक ने संस्थान में चल रहे अनुसंधान कार्यक्रम, महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर डॉ. हिमांशु पाठक के साथ डॉ ए के सिंह, निदेशक (शोध), डॉ आर पी, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, डॉ ए के सिंह, निदेशक, आटारी पटना, डॉ बिकास दास, निदेशक, लीची अनुसधान संस्थान, मुजफ्फरपुर भी उपस्थित थे | इस अवसर पर उन्होंने कृषि आधारित दो पुस्तकों, एक तकनीकी बुलेटिन और एक विस्तार बुलेटिन का विमोचन भी किया । साथ ही साथ उन्होंने एक प्रगतिशील किसान;श्री कामाख्या नारायण शर्मा को समेकित कृषि प्रणाली पर काम के लिए सम्मानित किया।

बिहार : वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव का तबादला

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आई जी मैडम मुझे रोज गाली देती है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि प्लीज मेरा ट्रांसफर कर दिया जाए अन्यथा मेरी जान को खतरा है।यह गिड़गिड़ाहट विकास वैभव का है।मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखते हुए कहा था...

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इसके आलोक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार सरकार में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव का तबादला कर दिया है।अभी उनको कोई पद नहीं दिया गया है। एक तरह से कहा जाए तो विकास वैभव को अगले कुछ महीनों तक खाली रहना होगा।इस बाबत सरकारी आदेश अर्थात नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। बताते चले कि बिहार सरकार ने गत वर्ष मंगलवार 18 अक्टूबर 2022 की देर शाम 13 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था। साथ ही 5 डीएसपी स्तर के अधिकारियों का भी ट्रांसफर किया गया। बता दें कि आज ही दो आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद 13 आईपीएस अधिकारियों के तबादले से जुड़ी अधिसूचना सरकार ने जारी की। इस तबादले में खास बात ये रही कि आईपीएस विकास वैभव का भी ट्रांसफर किया गया। उन्हें गृह विभाग के विशेष सचिव से बदल कर पुलिस महानिरीक्षक सह गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएं के पद पर भेजा गया।

        

यहां पर बिहार पुलिस की डीजी (होम गार्ड फायर बिग्रेड) शोभा अहोतकर पदस्थापित है।शोभा अहोतकर पुणे की रहने वाली हैं। वह 1990 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं।रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने बिहार में चार्ज संभालने के दौरान पटना से लेकर रांची तक कई मामले का भांडाफोड़ किया था। बिहार से कोल माफिया का सफाया किया था। पटना में एसपी के पद पर रहते हुए नकली सामान बेचने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया था।वह हमेशा से एक दबंग मिजाजी महिला अफसर के तौर पर जानी जाती हैं।  बिहार होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की डीजी शोभा ओहोतकर हैं। कर्मवीर दबंग मिजाजी महिला भी बिहार डीजीपी बनने की रेस में थीं, लेकिन अंतिम वक्त पर आरएस भट्टी बिहार डीजीपी बने थे।वह बिहार की पहली महिला डीजी भी रही हैं। इनको हंटरवाली भी कहा जाता है। वह अपने कड़े अनुशासन और सख्त नियमों के लिए जानी जाती हैं। कुछ महीने पहले जब पटना के विश्वेश्वरैया भवन में आग लगी थी तब भी उन्होंने अधिकारियों को खूब फटकार लगाई थी।इस तरह की छवि रखने के बावजूद भी सरकार शोभा को हाशिए पर रख दिया है। इसका असर दबंग महिला अफसर शोभा अहोतकर को जोर का झटका धीरे से लगा। हाल के महीनों में विकास वैभव सामाजिक कार्यों में काफी एक्टिव रहे हैं। वह लेट इंस्पायर बिहार नाम का एक संगठन चलाते हैं। जो सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। इस संगठन से हजारों लोग जुड़े हुए हैं। 2003 आईपीएस बैच के विकास वैभव एनआईए में भी रह चुके हैं। हाल में इनकी सरकारी पिस्टल चोरी होने के बाद यह काफी सुर्खियों में आए थे।बिहार होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज में पुलिस महानिरीक्षक सह गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएं के पद 18 अक्टूबर 2022 को दिया गया था ।

          

कुछ दिनों के बाद होमगार्ड और फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट कर यह आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा-DG मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं, परंतु यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है।बिहार मूल के अफसरों को गालियां देती हैं और इनकी गालियों व टॉर्चर से परेशान आईजी विकास वैभव दो महीने के लिए छुट्टी पर चले गए।  इससे पहले बिहार के काबिल आईपीएस अधिकारियों में से एक विकास वैभव ने कल ही ट्वीट कर ये बात सार्वजनिक की थी कि डीजी शोभा अहोतकर उन्हें लगातार गालियां दे रही हैं लेकिन बाद में विकास वैभव ने ट्वीट को डिलीट कर दिया था।अब खबर आ रही है कि विकास वैभव ने दो महीने की छुट्टी का आवेदन सरकार के पास भेज दिया है। इस बीच डीजी शोभा अहोतकर के जुल्म की एक और कहानी सामने आ रही है।बीते 20 जनवरी को डीजी अहोतकर ने एक डीआईजी को इतना टॉर्चर किया और गालियां दी कि वे बैठक में ही बेहोश हो गये थे। डीआईजी लगभग 45 मिनट तक बेहोश रहे। अपनी फेसबुक पर उन्होंने लिखा था मेरी पत्नी और माता को संबोधित करके मुझे वरीय डीजी मैडम ने एकांत में गाली दी। रिकॉर्डिंग कर सकता था और इसलिए मोबाइल साथ लाने के लिए मुझे मना किया गया। सच में दुखी हूं। संन्यास के लिए यात्री मन वास्तव में आशान्वित है। परंतु "किंकर्तव्य विमूढ़"नहीं होना चाहता हूं। भयानक रूप से द्रवित हूं। सब माया है। ऐसे अपमान के लिए सर्वशक्तिमान से प्रार्थनारत हूं।


अगले पोस्ट में विकास वैभव ने लिखा है कि सबसे अधिक दुख तब हुआ जब नौवीं कक्षा की अनुभूति के पश्चात पुनः बिहारी बोलकर इसलिए गाली दिया गया, क्योंकि उनका मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने उन्हें डीजी के लिए योग्य नहीं माना और नहीं चुना और चुकी डीजी बनने के लिए उनके द्वारा होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के लिए कार्य किया जा रहा था। परंतु निराशा में भी ऐसी पराकाष्ठा हुई कि वचनों पर ही नियंत्रण नहीं रहा। सच में द्रवित हूं। महाराष्ट्र के अनेक महापुरुष मेरे आदर्श हैं छत्रपति शिवाजी तथा स्वतंत्र वीर प्रेरणा है। यात्रीमन गतिमान है....। ओम। विकास वैभव ने अगले ट्वीट में लिखा है यात्री मन व्याकुल है बंधन से मुक्त होना चाहता है। परिस्थितियां अवरोध उत्पन्न कर करती प्रतीत भले हो रही हो, परंतु यात्री मन यह भी जानता है कि यात्री मन को कोई बांध नहीं सकता। जो निर्धारित है वह स्वयं अपना मार्ग प्रशस्त करेगा। शेष सब माया ही है। परंतु कर्म महत्वपूर्ण है। मीटिंग के दौरान डीजी अहोतकर द्वारा एक एसपी को गालियां देने के क्रम में पीटने का भी प्रयास किया गया था. खबर ये भी है कि होमगार्ड के अधिकारियों ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को लिखित तौर पर पहले ही डीजी अहोतकर की शिकायत की थी लेकिन उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस वक्त की एक बहुत ही बड़ी खबर राजधानी पटना से सामने आ रही है। शोभा ओहोतकर से विवाद बढ़ जाने के बाद बताया जाता है कि बिहार सरकार में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव का तबादला कर दिया है।अभी कोई पद नहीं दिया गया है। एक तरह से कहा जाए तो विकास वैभव को अगले कुछ महीनों तक खाली रहना होगा।इस बाबत सरकारी आदेश अर्थात नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।


बिहार : शराबबंदी की तरह ‘मुंहबंदी’ के फायदे गिनाए मुख्‍यमंत्री ने

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  • महागठबंधन की बैठक में ‘शांति और धैर्य’ का पढ़ाया पाठ

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बिहार विधान मंडल के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार 27 फरवरी को हुई। हम करीब साढ़े 11 बजे सेंट्रल हॉल पहुंचे तो राज्‍यपाल राजेंद्र विश्‍वनाथ आर्लेकर दोनों सदनों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित कर रहे थे। राजनीतिक शब्‍दावली में राज्‍यपाल के इस संबोधन को अभिभाषण कहते हैं। राज्‍यपाल का अभिभाषण मुख्‍यमंत्री की जीविका दीदी के संबोधन की कॉपी मात्र था। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दौरान जो बात जीविका दीदी को समझा और बता रहे थे, वही बात राज्‍यपाल विधायक और विधान पार्षदों को समझा रहे थे।  पहली बार किसी राज्‍यपाल ने डिजिटल माध्‍यम से अपना भाषण पढ़ा और इसके लिए टेबलेट का इस्‍तेमाल किया। राज्‍यपाल संबो‍धन के बाद प्रस्‍थान करते वक्‍त रास्‍ते में उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव के पास थोड़ी देर रुककर बात भी की। राज्‍यपाल के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों की बैठक हुई और कुछ विधायी कार्य के बाद बैठक स्‍थगित कर दी गयी।

इसके बाद वित्‍तमंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता में आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों को साझा किया। उनका भाषण लंबा खींच रहा था कि ब्रेक लगाने मंत्री अशोक चौधरी पहुंच गये। थोड़ी देर साथ बैठने के बाद दोनों महागठबंधन विधायक दल की बैठक के लिए प्रस्‍थान कर गये। विधायक दल की बैठक में मुख्‍यमंत्री ने शराबबंदी की तरह ‘मुंहबंदी’ के फायदे भी गिनाये। उन्‍होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दल आपसी आरोप-प्रत्‍यारोप के बजाये भाजपा की केंद्र सरकार पर लाठी भांजते रहे। इससे व्‍यायाम भी होगा और अपना कपार भी बचा रहेगा।

विधानमंडल परिसर में बैठे-बैठे मन अकूता रहा था। इस दौरान एक बात मन में आया कि स्‍पीकर अवध बिहारी चौधरी अभी कहां रह रहे हैं। अगस्‍त में स्‍पीकर निर्वाचित होने के बाद से हाईकोर्ट के पा‍स स्थित विधायक आवास में ही रह रहे थे। हम अपने दोस्‍त को लेकर विधान सभा अध्‍यक्ष के लिए कर्णांकित आवास 2 देशरत्‍न मार्ग पर पहुंच गये। गेट के बाहर हरियाली नजर आ रही थी। दूर से दिखा कि नेम प्‍लेट हरा रंग का है। इससे स्‍पष्‍ट हो गया कि स्‍पीकर अपने लिए निर्धारित आवास में आ गये हैं। बातचीत में पता चला कि एक-दो दिन पहले ही नये आवास में आये हैं। बजट सत्र होने के कारण आवासीय कार्यालय में कामकाज बढ़ जाता है। नये आवास में कार्यों को व्‍यवस्थित ढंग से किया जाना संभव होगा।

इसके बाद वीरचंद पटेल पथ स्थित विधायक आवास पहुंचे। इस आवासीस परिसर को हम कर्पूरी नगर कहते हैं। लगभग 50 आवास इस परिसर में बने हैं। सब आवंटित कर दिये हैं, लेकिन अनेक मकानों में अभी फिनिसिंग का काम चल रहा है। इस कारण अभी बड़ी संख्‍या में विधायक आवंटित मकान में नहीं आ पाये हैं। आवासीय परिसर में घुमते समय विधायक जयप्रकाश यादव और विजय सिंह निषाद से मुलाकात हुई। दोनों अगल-बगल में रहते हैं। इस परिसर में बनी सड़कों को बढि़या से कालीकरण भी नहीं हुआ है। यहां आवास और सड़क दोनों फिनिसिंग के इंतजार में हैं। 





--- वीरेंद्र यादव न्‍यूज -------

विशेष : डिजिटल दुनिया में पिछड़ती किशोरियां

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पिछले कुछ सालों में भारत विकास की ओर तेज़ी से आगे बढ़ा है. 21वीं सदी का भारत डिजिटल रूप से लैस हो चुका है. टेक्नोलॉजी से लेकर बैंकिंग सेक्टर तक, सभी क्षेत्रों में यह दुनिया का सिरमौर बन कर उभर रहा है. देश के लगभग सभी बड़े शहर नवीनतम टेक्नोलॉजी से लैस हो चुके हैं. नई पीढ़ी इसी टेक्नोलॉजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है. लेकिन इसके बावजूद देश की राजधानी दिल्ली के कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां की युवा पीढ़ी अभी तक इस टेक्नोलॉजी यानि डिजिटल साक्षरता के प्राथमिक ज्ञान से भी अछूती है. इसमें एक बड़ी संख्या किशोरियों की है. आज भी झुग्गी और कच्चे घरों में विशेषकर आर्थिक रूप से बेहद कमज़ोर परिवारों की कई ऐसी किशोरियां हैं जो डिजिटल साक्षरता में काफी पिछड़ी हुई हैं. जिन्हें आधुनिक स्तर पर एकसार में लाना ज़रूरी है. कोरोना काल में जब समूचा भारत लॉकडाउन हो चुका था, स्कूलें बंद कर ऑनलाइन क्लासें चलाई जाने लगीं और बच्चे घर बैठे मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने लगे थे. ऐसे समय में डिजिटल साक्षरता का महत्त्व काफी बढ़ गया था. लेकिन इसका दुष्परिणाम यह रहा कि जो किशोरियां आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों से थीं, जिन्होंने कभी एंड्राइड मोबाइल चलाया नहीं था, उन्हें इस दौरान सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. इस संबंध में राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय, उत्तम नगर में कक्षा 10 में पढ़ने वाली कविता बताती है कि "कोरोना महामारी के दौरान मैंने अपने पापा को कोविड होने के कारण खो दिया, मेरे घर में एकमात्र मेरे पापा ही कमाते थे. उनके जाने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई और लॉकडाउन लगने की वज़ह से स्कूल का सारा कार्य ऑनलाइन डिजिटल डिवाइस पर आने लगा. डिजिटल उपकरण के उपयोग से अनजान होने के कारण मुझे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा"कविता की कहानी से पता चलता है कि डिजिटल साक्षरता का ज्ञान होना कितना जरुरी है?


हकीकत में, डिजिटल साक्षरता हमारे दैनिक जीवन में बहुत अहम भूमिका अदा करता है. यह आगे बढ़ने और उन्नति करने के लिए बहुत जरुरी है. इसका ज्ञान युवाओं और किशोरियों को सशक्त बनाता है. यह उन्हें किसी पर निर्भर होने से रोकता है. विशेषकर इससे किशोरियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही साथ वह खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हैं. आज के समय में डिजिटल से जुड़े सभी कार्य किशोरियाँ स्वयं कर सकती हैं. अगर उन्हें डिजिटल साक्षरता का ज्ञान हो तो वह एडमिशन फॉर्म भरने से लेकर ऑनलाइन पैसे की आवाजाही जैसे सभी कार्य स्वयं कर सकती हैं. डिजिटल साक्षरता होने से वह अपने आपको सुरक्षित और सशक्त महसूस करती हैं. बात केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल साक्षरता का काफी महत्व है. अगर ग्रामीण इलाकों की बात की जाए, चाहे खेती से जुड़ी जानकारी प्राप्त करनी हो या फिर सरकार की किसी भी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना हो इंटरनेट का उपयोग हर स्तर पर हो रहा है. सरकार द्वारा 2016 से डिजिटल साक्षरता अभियान भी लागू किया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन माध्यमों का इस्तेमाल करना सीख सकें और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसके उपयोग में वृद्धि हो सके. किशोरियों के लिए इंटरनेट तथा कम्प्यूटर बहुत महत्त्वपूर्ण माध्यम है, जो न सिर्फ़ उनकी पढ़ाई बल्कि बेहतर नौकरी मिलने की सम्भावना को भी बढ़ाता है. इन तकनीकी साधनों के असीम फायदे हैं जो किशोरियों  के बेहतर भविष्य में मदद करते है और ग्रामीण जीवन के उनके संघर्षों से जूझना आसान बनाते हैं. भारत की युवा आबादी को इतना डिजिटल साक्षर बनाने का प्रयास करना है कि वह डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर आदि पर किसी सूचना के लिए इंटरनेट पर खोज सके और ईमेल भेजने और प्राप्त करने में सक्षम हो सके क्योंकि इस बात से अब इंकार नहीं किया जा सकता है कि डिजिटल शिक्षा हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है और इसे सिखाने का प्रयास और प्रचार विद्यालय भी कर रहे हैं. इसी के साथ यह भी ज़रूरी है कि स्कूलों के पास कंप्यूटर और इंटरनेट की उपलब्धता भी हो.


बात जब किशोरियों की आती है तो यह हकीकत है कि हमारा समाज किशोरों की अपेक्षा किशोरियों को कम महत्व देता है. समाज की यह संकीर्ण मानसिकता कई बार सामने आती है जब घर हो या बाहर, लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को कमतर आंका जाता है, जबकि कई मंचों पर लड़कियों ने लड़कों की अपेक्षा खुद को सर्वश्रेठ साबित करके दिखाया है. हालांकि किशोरियों में उनकी प्रतिभा को सामने लाने और उन्हें भी टेक्नोलॉजी में दक्ष करने के लिए जहां सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर विभिन्न सामाजिक संगठन भी उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अपने पाने स्तर पर काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन का नाम भी सामने आता है जो दिल्ली स्थित साउथ वेस्ट सलम नगरीय क्षेत्र में बच्चों विशेषकर किशोरियों को डिजिटल और जीवन कौशल शिक्षा पर जागरूक बनाने की पहल कर रही  है. इस संबंध में संस्था की युथ पीयर लीडर सोनी कहती हैं कि उनके सेंटर पर डिजिटल और जीवन कौशल जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाता है. ताकि किशोरियां डिजिटल रूप से साक्षर हो सकें. ट्रेनिंग में उन्हें डिजिटल साधनों के लाभों की जानकारी के साथ साथ उन्हें इसका प्रयोग करना भी सिखाया जाता है. जिसमें कंप्यूटर चलाना, ईमेल लिखना, इंटरनेट का उपयोग और दुरुपयोग के बारे में भी समझाया जाता है. ट्रेनिंग से उन्हें कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा दी जाती है और आधार कार्ड बनाने का ज्ञान सिखाया जाता है. उसका मानना है कि वर्तमान में कंप्यूटर ही किशोरियों के भविष्य को उज्जवल कर सकता है. इसीलिए किशोरियों को अधिक से अधिक डिजिटल साक्षरता की ओर बढ़ना चाहिए और इसमें उन्हें बढ़चढ़ कर भागीदार निभानी चाहिए. उनके अनुसार आज हर क्षेत्र में डिजिटल साक्षरता का उपयोग है. अगर हम एक डिजिटल साक्षर भारत चाहते है तो हमें इसमें किशोरी अधिक से अधिक बढ़ावा देना और उन्हें इस क्षेत्र में सशक्त बनाने की ज़रूरत है. सोनी कहती हैं कि ट्रेनिंग में हिस्सा लेने वाली किशोरियों के घर की आर्थिक स्थिति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह उन्हें कहती हैं कि “दीदी, घर में आटा नहीं है, तो डाटा कहां से लाएंगे?


संस्था के आईटी ट्रेनर गोविंद राठौर कहते हैं कि "आधुनिक समय में किशोरियों में डिजिटल साक्षरता का ज्ञान होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है और उनके लिए रोजगार के कई रास्ते को खोलती है."गोविंद राठौर आईटी ट्रेनर के साथ-साथ किशोरियों के अधिकारों को दिलवाने, उन्हें साइबर क्राइम के खिलाफ सजग करने  और वित्तीय साक्षरता पर सशक्त करने का भी काम करते हैं. वहीं डिजिटल साक्षरता की ट्रेनिंग प्राप्त कर रही सुनीता बताती है कि "जब मैंने पहली बार कंप्यूटर चलाया तो मैं बहुत खुश हुई, मुझे लगा कि मैं अपने सारे डिजिटल से जुड़े कार्यों को कर पाउंगी और मुझे किसी पर भी निर्भर होने की जरुरत नहीं होगी. मैं अब अन्य लोगों की भी मदद कर सकती हूं. वह आत्मविश्वास के साथ कहती है कि जैसे मेरे मन से कंप्यूटर न चला पाने का डर निकला वैसे ही एक दिन सभी लड़कियों के दिल से भी यह डर निकल जाएगा और वह भी डिजिटल रूप से साक्षर हो जाएंगी."एक अन्य किशोरी ममता कहती है "जब मैंने डिजिटल रूप से सरकारी योजनाओँ का उपयोग करना सीखा तो मैंने घर के लोगों का लेबर कार्ड बनाया, आय का स्रोत भी बनाया जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिली, आज वह मुझ पर गर्व करते हैं. मुझे ख़ुशी है कि मैं अपने सपनो को पूरा कर पा रही हूं". एक अन्य किशोरी बताती है कि "लॉकडाउन के दौरान कोई कौशल न होने के कारण मुझे बहुत सी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा था. तत्पश्चात मैंने डिजिटल ज्ञान प्राप्त किया और आज मैं अच्छी जॉब पर कार्यरत हूं और अपने घर वालों को आर्थिक रूप से मदद भी करती हूं."प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा 2021 में 64 स्लम क्षेत्रों में किये गए एक सर्वे के दौरान आंकड़े सामने आये है कि मात्र 50.8 प्रतिशत छात्राओं के पास डिजिटल डिवाइस उपलब्ध है. केवल 33.6 प्रतिशत छात्राओं के पास ही अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए डिजिटल डिवाइस उपलब्ध है. शेष अन्य 15.7 प्रतिशत छात्राओं को बड़ी मुश्किल से ही अपना कार्य पूरा करने के लिए डिजिटल डिवाइस उपलब्ध हो पाता है. यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि इस डिजिटल युग में किशोरियां अभी भी डिजिटल साक्षरता से काफी दूर हैं. इस दूरी को मिटाने के लिए डिजिटल डिवाइस तक उनकी पहुंच को आसान बनाना बहुत ज़रूरी है. यह आलेख संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2022 के अंतर्गत लिखा गया है. 






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माला कुमारी

दिल्ली

(चरखा फीचर)

मधुबनी : टीबी कार्यक्रम के सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए फोकस्ड ग्रुप का हुआ डिस्कशन

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  • टीबी कार्यक्रम में सहयोग के लिए मधुबनी को मिलेगा ब्रॉन्ज मेडल 
  • सर्वे के दौरान अब तक 8 मरीजों की हुई पहचान

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राष्ट्रीय टीबी मुक्त अभियान के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रमों में बेहतर कार्य करने पर सब नेशनल सर्टिफिकेट के अंतर्गत चैन किया गया है। मधुबनी जिले को ब्रॉन्ज श्रेणी के विभिन्न श्रेणी में बेहतर कार्य करने के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए मधुबनी के 10 प्रखंड के 10 चयनित गांव में टीबी के मरीजों की खोज की जा रही है। विदित हो कि प्रति वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए जिलों के यक्ष्मा विभाग व राज्य स्वास्थ्य विभाग को पुरस्कृत किया जाता है। कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर मंगलवार को सदर अस्पताल के डीटीसी में फोकस्ड ग्रुप डिस्कशन किया गया है, जिसमें टीबी रोगी खोज अभियान के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा की गई। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जी.एम. ठाकुर ने बताया यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने को लेकर जिले को यह सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, इसी संदर्भ में टीम के द्वारा सर्वे कार्य किया जा रहा है। वहीं, डीपीसी पंकज कुमार ने बताया केंद्र सरकार की टीम जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव में हाउस-टू-हाउस सर्वे किया जा रहा है तथा प्रति 1000 घर पर कम से कम 3 मरीजों को चिन्हित करेगी इसके लिए जिला स्तर के कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रखंड स्तर वॉलिंटियर चिन्हित प्रखंडों में टीबी मरीजों के संबंध में सर्वे कार्य कर रहे हैं।


सर्वे के दौरान अब तक 8 मरीजों की हुई पहचान :

जिले में सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए 10 फरवरी सर्वे चलाया जा रहा है, जिसमें जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव का चयन किया गया था, जिसमें जिले के 20 कम्युनिटी वॉलिंटियर के द्वारा सर्वे काम किया जा रहा है। 26 फरवरी तक कुल 4350 घर मे कुल 17495 सदस्य का सर्वे किया गया, जिसमें से 16698 लोगों द्वारा सर्वे में हिस्सा लिया, जिसमें से 797 लोगो ने सर्वे कराने से इंकार कर दिया। 16698 व्यक्ति से सर्वे टीम के द्वारा 215 संदिग्ध यक्षमा के संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई, वहीं 215 में से 178 मरीज के बलगम का नमूना लिया गया, जिसमें से 163 का जांच किया गया। जिले में 8 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है, जो रहिका-2,बाबूबरही-1,लखनौर-1, मधेपुर-1,लौकही-1, बेनीपट्टी-1 एवं बिस्फी-1प्रखंड/गांव में पॉजिटिव मरीज की पहचान हुआ है। सर्वे का काम 20 से 25 दिनों अर्थात 6 मार्च तक किया जाएगा।


2025 तक टीबी को भारत से करना है मुक्त :

डॉ. ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण यदि किसी में है, तो कैंप में जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए। अधिक-से-अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई भी लक्षण दिखे, तो जांच के लिए प्रेरित करें। इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

बिहार : पटना के गांधी मैदान में चल रहा है ‘पीएमईजीपी एवं खादी ग्रामोद्योग महोत्सव 2023’

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  • 'खादी फैशन शो'का विशेष  आयोजन 1 मार्च को

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पटना, 28 फरवरी, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पटना  के एतिहासिक गाँधी मैदान में, 22फ़रवरी से चल रहे 'जोनल पीएमईजीपी और खादी ग्रामोद्योग महोत्सव 2023'  के दौरान 'खादी फैशन शो'का विशेष  आयोजन  बुधवार, 1 मार्च 2023, शाम 6 बजे से किया जायेगा। 'जोनल पीएमईजीपी और खादी ग्रामोद्योग महोत्सव 2023'  में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों से अद्वितीय और वास्तविक खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की उत्कृष्ट और बड़ी रेंज वाले 165 स्टालों की प्रदर्शनी लगायी गयी है। यह प्रदर्शनी 7 मार्च 2023 तक चलेगी। पी.एम.ई.जी.पी. इकाई तथा खादी संस्थाओं द्वारा उत्पादित सूती, रेशमी एवं ऊनी उत्पादों के साथ अपने-अपने स्टॉल  के  माध्यम से प्रदर्शनी सह बिक्री की जा रही  हैं।  प्रदर्शनी में सिल्क, सूती एवं ऊनी उत्पाद जैसे कटिया, मुंगा, मलवरी, तसर, पेपर सिल्क के साड़ी, समीज-सलवार, कुर्ता-पैजामा, शर्ट एवं बण्डी, धोती-कुर्ता, गमछा, रूमाल, खादी मास्क इत्यादि के साथ-साथ ग्रामोद्योगी वस्तुयें जैसे - शहद, सरसो तेल, साबुन, सत्तु-बेसन, पापड़, अनेको प्रकार के आचार, मुरब्बा, जैम-जेली, इत्यादि की भी प्रदर्शनी एवं बिक्री की जा रही है। साथ ही प्रदर्शनी में तेल-घानी, कुम्भकारी, चरखा - करघा  एवं  रेडिमेड  वस्त्रों का  जीवन्त  प्रदर्शन  भी  किया  जा  रहा  है।

बिहार : एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता अभियान का आयोजन

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पटना, 28 फरवरी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास कार्यालय, पटना द्वारा एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता अभियान का आयोजन आज (28.02.2023) पटना में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास कार्यालय, पटना, भारत सरकार  प्रदीप कुमार, आईईडीएस द्वारा उदघाटन सत्र में भावी उद्यमियों को उद्यमिता के लिए जागरूक किया गया। श्री कुमार ने हाल ही में पेश हुए बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए लाये गए प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की और भावी उद्यमियों को स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि विभिन्न योजनाएँ सरकार द्वारा संचालित हैं और इसका क्रियान्वयन इस कार्यालय के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होने इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए सभी का आवाहन भी किया। 


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इस कार्यक्रम में लघु उद्योग भारती के महासचिव सुमन शेखर, लीड बैंक मैनेजर, पटना  अवधेश आनंद, समाजसेवी मदन पासवान, संजीव श्रीवास्तव, सम्राट एम झा, सहायक निदेशक तथा रविकान्त, सहायक निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास संस्थान, पटना द्वारा विभिन्न विषयों पर संबोधित किया गया। इस कार्यालय द्वारा पूर्व में बायो प्लास्टिक पर आयोजित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम के कुछ प्रतिभागियों द्वारा भी प्रस्तुतीकरण दिया गया और बताया गया वे अपना उद्यम स्थापित करने के काफी करीब हैं, बैंक द्वारा उनके प्रोजेक्ट को स्वीकृत कर दिया गया है। इसके उपरांत सुमन शेखर, महासचिव, लघु उद्योग भारती द्वारा भी उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित किया गया। उन्होंने  विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्वयं का उद्यम लगाने हेतु प्रोत्साहित किया। जबकि, अवधेश कुमार आनंद, लीड बैंक मैनेजर, पटना द्वारा बैंकिंग योजनों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के लिए लागू विभिन्न स्कीम का विस्तृत विवरण प्रतिभागियों को दिया। मौके पर रविकान्त, सहायक निदेशक द्वारा एमएसएमई मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया और प्रतिभागियों के प्रश्नों या यथोचित उत्तर दिया। सम्राट एम झा, सहायक निदेशक द्वारा बिहार सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्कीम पर प्रस्तुतीकरण दिया गया और प्रतिभागियों कि सभी शंकाओं का समाधान भी किया। कार्यक्रम का समापन सम्राट एम झा, सहायक निदेशक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ । सम्पूर्ण कार्यक्रम का समन्वयन रविकान्त, सहायक निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास कार्यालय, पटना द्वारा किया गया।

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