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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (20 फ़रवरी )

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पॉली हाउस पर आखिरी दिन भी हंगामा, सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित 
  • विपक्ष ने पॉली हाउस अनुदान पर की सीबीआई जांच की मांग 
देहरादून, 20 फरवरी। विधानसभा में प्रश्नकाल गुरूवार को भी पॉली हाउस के लिए मंत्री के अपने रिश्तदारों को अनुदान दिए जाने की भेंट चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने इस मामले को काम रोको प्रस्ताव के जरिए उठाया। भाजपा के सभी विधायकों ने इस मामले में नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस मामले को कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए उठाने की अनुमति दी, किन्तु विपक्षी सदस्य मामले की गम्भीरता का हवाला देते हुए इसके लिए तैयार नहीं हुए। हंगामंे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को तीन बार स्थगित कर दिया। इसके बाद शुरू हुई बैठक मंे पॉली हाउस में अनुदान आवंटन को लेकर पिफर से विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया। इसके बाद शौर शराबे के बीच ही गुरूवार के सारे काम पूरे कर दिए गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। इससे पूर्व नगर निगम अधिनियम (संसोधन), नगर पालिका अधिनियम (संसोधन) और आर्युवेद विश्वविद्यालय अधिनियम (संसोधन) अधिनियम सहित आकस्मिकता निधि अधिनियम (संसोधन) भी पारित कर दिए गए। वहीं भाजपा ने नियम 299 के तहत औचित्य का सवाल उठाते हुए सत्र के जारी रहने के बावजूद सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय बिना सदन को उपलब्ध कराए जाने पर आपत्ति भी दर्ज की। गुरूवार को सदन की बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने मामले को उठाते हुए कहा कि उनके दल की ओर से इस मामले में नियम 310 के तहत सूचना दी गई है। इस विषय पर चर्चा कराई जानी चाहिए। संबंधित मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा अपने रिश्तेदारों को नियमानुसार पॉली हाउस बनाने के लिए अनुदान दिलाया गया है। यह केेवल एक जिले का मामला नहीं, बल्कि 13 जनपदों का मामला है। इसलिए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। सीबीआई जांच होने तक मंत्री अमृता रावत को अपने पद से इस्तीफा देकर अपने को मंत्रीमण्डल से अलग कर नैतिकता का परिचय देना चाहिए। सीबीआई जांच के बिना इस मामले का खुलासा नहीं होगा। मंत्री का अपने रिश्तेदारों को पद पर रहते हुए लाभ पहुंचाना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने विपक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले को नियम 58 में ले लिया जाएगा। जिसमें विपक्ष की बात के साथ सरकार का उत्तर भी आ जाएगा। उन्होंने विपक्ष से सदन को व्यवस्थित करने का आग्रह भी किया। जिससे प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके। 
विपक्षी भाजपा सदस्यों ने अध्यक्ष के आग्रह को अनुसना कर दिया और चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। विपक्ष ने कहा कि यदि सरकार इस मसले पर पाक साफ है तो उन्हें इस विषय पर चर्चा कराने में क्या परेशानी है। इस पूरे प्रकरण में सरकार को जांच कराने से उसी का लाभ होगा। प्रदेश की जनता भी जानना चाहती है कि आखिर किस कारण से मंत्री ने अपने रिश्तेदारों को उपकृत किया। सदस्यों के अपने स्थान पर खड़े रहने और लगातार शोरगुल के कारण विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कंुजवाल ने पहले सदन को 11.45 पर फिर 12.20 तक स्थगित कर दिया। लगातार दूसरे दिन भी प्रश्नकाल पॉली हाउस के मुद्दे पर स्थगित किया गया। शोरगुल के बीच ही विधनसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के पहले प्रश्न के लिए कांग्रेस सदस्य नवप्रभात को प्रश्न रखने के लिए आमंत्रित किया। अनुसूचित जाति के जनपदवार विवरण के प्रश्न पर सदन में हुए हंगामें के बीच नवप्रभात ने कहा कि इस शोरशराबे से अनुसूचित जाति पर भाजपा की नीति उजागर होती है। विपक्ष इस विषय पर कोई बात सुनना ही नहीं चाहता। इस पर विपक्षी विधायकों की सत्ता पक्ष के सदस्यों से तीखी नोकझोंक हुई। 

राज्य में स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत: रावत

harish rawat
देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। राज्य के 4 इंजीनियरिंग कॉलेज व 2 पोलिटेक्नीक कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में उत्तराखण्ड शासन, पीटीसी व डीसीएस के मध्य एमओयू किया गया। एमओयू पर उत्तराखण्ड शासन की ओर से अपर सचिव तकनीकी शिक्षा शैलेश बगोली ने जबकि पीटीसी की ओर से इसके वाईस प्रेसीडेंट सुभाष नाम्बियार व डीसीएस की ओर से इसके निदेशक राहुल नायडू ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। यहां के युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित शिक्षण संस्थानों में छात्रों को इससे लाभ होगा और उन्हें बेहतर प्लेसमेंट मिलेगा। अपर सचिव तकनीकी शिक्षा शैलेश बगोली ने जानकारी देते हुए बताया कि कारपोरेट सोशियल रेस्पोंसबिलिटी के तहत दोनों कम्पनियां राज्य 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों व 2 पॉलिटेक्नीक कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित करने के लिए लगभग 800 करोड़ रूपए का निवेश करेगी। इसके लिए राज्य सरकार को केवल 5-6 हजार वर्ग फीट का स्थान उपलब्ध करवाना होगा। द्वाराहाट, पौड़ी, पंतनगर व पिथौरागढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज व कालाढूंगी, हरिद्वार के पॉलिटेक्नीक कॉलेज में आधुनिकतम तकनीक से वर्तमान औद्योगिक व बाजार आवश्यकताओं को देखते हुए छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें अध्यापकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव एस. एस. संधु सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

विधान सभा सत्र के दौरान विधायक ने उठाई समस्यायें

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के साथ अन्य प्रदेश से संबंधित ज्वलंत मुद्दो को सत्र के दौरान विभिन्न मागों को प्रमुखता से उठाया। उन्होने प्रदेश के राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित करने उनको मिलने वाली सुविधाआंे हेतु शासनादेश व उसकी वैधानिक मान्यता देने जंगली जानवरों द्वारा जान माल क्षति व मुआवजा बढ़ाने, वि.स. क्षेत्र में महिला महाविद्यालय की स्थापना, जंगली जानवरों द्वारा आक्रामक हमलों की रोकथाम व रिहायशी क्षेत्रों मंे सुरक्षा प्रबन्ध एवं तारबाड़ के होने के साथ ही राज्य के पास जहाज व हैलीकाप्टर की सं0, पिटकुल द्वारा निर्माणाधीन सब स्टेशन हेतु ट्रांसफार्मर खरीद सत्यनारायण से गौहरी माफी तक सड़क निर्माण, पीडब्लूडी की आवासीय कालोनी की जीर्ण शीर्ण अवस्था वन विभाग की क्षतिग्रस्त आवासीय कालोनी व चारदीवार एवं थानों न्याय पंचायत के गावंों का पुलिस थाना ऋषिकेश के अन्तर्गत श्यामपुर चौकी की ज्यादा पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण दूरी के कारण कानून व्यवस्था एंव सुरक्षा पर सवाल उठाये । उन्होनेे खराब एक्स रे मशीन, अल्ट्रासाउन्ड मशीन, ट्रामा सेंटर की स्थिति, पोस्टमार्टम गृह शुरू करने, चिकित्सको की डयूटी पर उपस्थिति का भी मुददा उठाया।

जेसीबी व हेंड्रा मशीनों का धडल्ले से हो रहा प्रयोग

लालकुआं/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। मजदूरों के पेट में लात मारते हुए वन विकास निगम के डिपो एवं आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध तरीके से जेसीबी एंव हेंड्रा मशीने धडल्ले से प्रयोग की जा रही है। श्रम मंत्री के ग्रहक्षेंत्र में श्रमिकों के हाथ से रोेजगार छीनने वाले कदम से वन विकास निगम में कार्यरत तीन सौ से अधिक ठेका श्रमिकों में गहरा असंन्तोष व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लालकुआं वन निगम के डिपो नम्बर 4. व 5 तथा 6 के अलावा आरक्षित वन क्षेत्र में वन निगम द्वारा काटी गयी लकडी को ढुलान, भरान व चट्टे  लगाने के लिए घडल्ले से पिछले कुछ माह से जेसीबी मशीन एंव हैड्रा मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले तीस सालों से वन निगम के प्रकाष्ठ को जंगल से लादकर वन निगम के डिपो में उतारने एंव बाहरी क्षेत्रों में बिक्री की गयी लकड़ी को लादकर अपनी आजीविका चला रहे सैकड़ों मजदूरों में अनाधिकृत तरीके से हैड्रा मशीने के लगाने के कारण रोजी रोटी से मोहताज होने के चलते गहरा असंन्तोस व्याप्त है। निगम मजदूरों का कहना है कि अधिकारियों ने निगम के नियमों की अवहेलना कर सैकड़ो मजदूरो की पेट पर लात मारते हुऐं मात्र एक व्यक्ति को प्रकाष्ठ उठाने का ठेका दे दिया है । पहले तो सब सही चलता रहा लेकिन बाद मे निगम कर्मियों की मिलीभगत के बाद निगम के डिपोओं मे मानवीय हस्तक्षेप खत्म कर वहां पर बडी बडी मशीनों को लगा दिया गया है जिससे मजदूरों की हालत दयनीय हो चली है। लटठा् मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मुबारक शाह ने कहा कि पहले से ही हम निगम की लकड़ी ढुलान एवं चटट्ा लगायी की दरो को बढाने की मांग कर रहे है उपर से निगम ने गरीब लोगो की पेट पर लात मारते हुएंे जंगल के साथ डिपोंओ मे मशीने तैनात कर दी है उन्होने कहा कि जल्द एक शिष्ठमंडल सूबे के मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगायेगा । इससे पूर्व कल बीस फरवरी को नगर में क्षेत्र के वन निगम मजदूरों की बैठक आयोजित कर मजदूरों के साथ किये जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ रणनीति तय कर आन्दोलन शुरू किया जायेगा।इधर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक गिरीश चन्द्र सिंह बिष्ट का कहना है कि वह लालकुआं डिपो आकर मामले की जांच करेंगें उन्होने सफाई देते हुऐ कहा कि सम्भवत; मोटी लकड़ी उठाने के लिऐ ही जेसीबी मशीन लायी गयी होगी।  

अगस्त्यमुनि में भी तहसील खोलने की मांग

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश सरकार द्वारा नई तहसीलों की घोषणा को देखते हुए अब अगस्त्यमुनि में भी तहसील खोलने की मांग उइने लगी है। सेवानिवृत राजकीय पैंशनर संगठन रूद्रप्रयाग के अध्यक्ष पद्मसिंह गुसाईं की अध्यक्षता में स्थानीय जनता ने बैठक कर मन्दाकिनी घाटी के केन्द्रबिन्दु अगस्त्यमुनि में तहसील खुलवाने के लिए मुख्यमंत्री के दरबार में गुहार लगाने का निर्णय लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अगस्त्यमुनि में तहसील का निर्माण होने से दूरस्थ क्षेत्र चन्द्रनगर, बड़मा पट्टी, घिमतोली, चोपता, छेनागाड़, नागजगई क्षेत्र की जनता को सुविधा होगी। वर्तमान में उन्हें ऊखीमठ, जखोली व रूद्रप्रयाग के चककर काअने पड़ते हैं। जनपद में दोनों विकास खण्ड मुख्यालय तहसील मुख्यालय भी हैं। परन्तु अगस्त्यमुनि ब्लॉक मुख्यालय ही तहसील मुख्यालय से वंचित है। अगस्त्यमुनि में तहसील निर्माण से मन्दाकिनी नदी के आर पार के क्षेत्र आपस में जुड़ जायेंगे और जनता को इसका लाळा मिलेगा। इस मांग को लेकर शीघ्र ही जनता की ओर से एक शिष्टमण्डल मुख्यमंत्री से भेट करेगा। बैइक में श्रीनन्द जमलोकी, हर्षवर्धन बैंजवाल, लेखराज खत्री, नरेन्द्र सिंह कण्डारी, अवतार सिंह राणा, बलबीरलाल, हरेन्द्र सिंह नेगी, उमेश भट्ट, जगमोहन भण्डारी, शम्भू प्रसाद भट्ट, अजीत बर्त्वाल, अमित नेगी, चिन्तामणि सेमवाल, महानन्द भट्ट, विजयपाल नेगी, नरोत्तम भट्ट, गयादत्त सहित पैंशनर, स्थानीय समाजसेवी, व्यापारी, बुद्धिजीवी एवं नवयुवक शामिल थे। 

हल्द्वानी मंडी समिति के अध्यक्ष ने किया 10 सम्पर्क मार्गो का शिलान्यास

हल्द्वानी/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। ग्रामीण काश्तकारों को आर्थिक रूप से सुद्वण बनाने तथा उनकी उपज को विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित मंडियों में लाने के लिए सडको एवं सम्पर्क मार्गो की विशेष भूमिका हैं। जहां सडकें विकास की आत्मा है वही राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। यह बात मंडी समिति हल्द्वानी के अध्यक्ष सुमित हृदयेश द्वारा मंडी परिसर में आयोजित शिलान्यास समारोह में कही। हृदयेश द्वारा उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन वोर्ड द्वारा हल्द्वानी क्षेत्र की 10 सम्पर्क मार्गो जिनकी लागत 1 करोड 64 लाख 92 हजार है का वैदिक मंत्रो के बीच काश्तकारों की मोजूदगी में शिलान्यास किया। इन सम्पर्क मार्गो की लम्बाई 4.03किमी है। उन्होने समारोह में उपस्थित किसानो को सम्बोधित करते हुये कहा कि इन सम्पर्क मार्गो के बन जाने से क्षेत्रीय किसानों एवं जनसामान्य को आवागमन हेतु पक्के मार्गो की सुविधा मिलेगी । जिससे किसान अपनी उपज खास तौर पर सब्जी फल व अनाज को सुगमता पूर्वक मंण्डी तक पहुचा सकेगे। और उनको अपने उपज का वाजिद दाम भी मिल सकेगा। इस प्रकार की सडको का निर्माण उत्तराखण्ड के निर्माण विकास एवं स्वरोजगार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होने बताया कि हल्द्वानी मण्डी समिति के अन्तर्गत 433.47 लाख की लागत से 12.65 किमी0 सम्पर्क मार्ग निर्माणाधीन है। इसके अलावा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कूडा/कचरा निस्तारण हेतु 376.31 लाख से सिविल कार्य विद्युतीकरण एवं प्लान्ट मशीनरी स्थापना का कार्य कराया जा रहा है। मण्डी में 54.63 लाख की लागत से ट्यूवबैल पम्प हाउस का निर्माण भी प्रगति पर है। हल्द्वानी मण्डी द्वारा जनपद अल्मोडा के चखुटिया में 77.47 लाख की लागत से किसानो हेतु कलैक्शन सैन्टर का निर्माण कराया जा है। नैनीताल में खैरना में 96.02 लाख की लागत से कलैक्शन सैन्टर बनाया जा रहा है। इन कलैक्शन सैन्टरों में स्थानीय किसानो को मण्डी समिति हल्द्वानी द्वारा विपणन सुविधाये जैसे तोल हेतु कांटा बांट व बैठने हेतु सुरक्षित स्थान, विक्रय के उपरान्त शेष बची कृषि उपज भण्डार व्यवस्था हेतु गोदाम, बैकिग कार्य हेतु एटीएम बूथ, प्रसाधन, कैन्टीन व पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। कार्यक्रम में जानकारी देते हुये उपनिदेशक मण्डी रामानुज गुप्ता ने बताया कि ग्राम बमौरी तल्ली बन्दोबस्ती के अन्तर्गत सनलाईट इन्क्लेव 780 मी0 सम्पर्क मार्ग लागत 10 लाख 17 हजार, बिठौरीया नम्बर 1 विष्टधडा शिवालिक विहार में 600 मी0 सम्पर्क मार्ग के जीर्णेाधार कार्य लागत 14 लाख 81 हजार, बजूनियाहल्दू में रौले से खेतो के मध्य 270 मी0 मार्गो का निर्माण लागत 19 लाख 23 हजार, गा्रम पदमपुर देवलिया में 180 मी0 सम्पर्क मार्ग निर्माण 11 लाख 36 हजार, जगतपुर गौलापार में 220 मी0 सम्पर्क मार्ग का निर्माण लागत 13 लाख 62 हजार,जगतपुर गौलापार में सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य लम्बाई 160मी0 लागत 9 लाख 85 हजार, ग्राम कुवरपुर गौलापार में 310मी लम्बे सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य लागत 18 लाख 60 हजार, गा्रम जयपुर खीमा में 310 मी लम्बे सम्पर्क मार्ग लागत 18 लाख 60 हजार, ग्राम किसनपुर सकुलिया में 200 मी0 सम्पर्क मार्ग निर्माण लागत 13 लाख 21 हजार तथा ग्राम पंचायत जंगलिया गांव में तोक अलानी से सैला तक 1 किमी सम्पर्क मार्ग लागत 35 लाख 17 हजार का शिलान्यास हुआ है। जल्द ही इन सडको के निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। कृषि उत्पाद विपणन वोर्ड का प्र्रयास होगा कि जल्द से जल्द इन सडको का निर्माण कर काश्तकारो ंको समर्पित किया जाए ताकि काश्तकारों को इनका सीधा लाभ मिल सकें। कार्यक्रम में मण्डी उपाध्यक्ष सलीम अन्सारी, सचिव बीके लोहुमी, सदस्य मण्डी यशपाल आर्य, कार्तिक विष्ट, डी के पन्त, सुरेन्द्र बर्गली, उपनिदेशक मण्डी प्रशासन तीरथपाल, आलूू फल विक्रेता एसोसिएशन अध्यक्ष जीवन सिह कार्की, सोनू गर्ग, आन सिह मेर, महामंत्री नीजर प्रभात गर्ग के अलावा तेज प्रकाश, दिनेश जोशी, उमेश कबड्वाल, कैलाश तिवारी उपस्थित थे। संचालन मण्डी निरीक्षक भूवन गोस्वामी द्वारा किया गया।

उद्योग व्यापार मण्डल ने ऋषिकेश से नीलकंठ तक रोपवे बनाये जाने की लगाई गुहार

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। देवभूमि उत्तराचंल उद्य़ोग व्यापार मण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक ज्ञापन देकर ऋषिकेश के मायाकुण्ड में चैक डैम बनाकर गंगा की धारा को त्रिवेणी घाट पर लाए जाने व पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा में आई बाढ़ से त्रिवेणी घाट व आस्थापथ के टूटे भाग को अविलंब ठीक कराए जाने के साथ ऋषिकेश से नीलकंठ के बीच रोपवे का शीघ्र निर्माण कराए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री से मिलने गए देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि देश विदेश से आने वाले यात्रियों की सुविधार्थ व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मुनिकीरेती व वेद निकेतन के बीच प्रस्तावित थ्री लेन पुल का निर्माण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है तथा ऋषिकेश में घोषित सरकारी जमीनों को सरकार शीघ्र कब्जे में लेकर विकास कार्यों को गति दंे, इसी के साथ उन्होने नगर में भूमाफियाओं  द्वारा धार्मिक सम्पत्तियों, धर्मशालाओं आश्रमों पर कब्जा किया जा रहा व अवैध रूप से खरीद फरोख्त कर इनका व्यवसायीकरण किया जा रहा है। जिससे नगर का धार्मिक स्वरूप समाप्त होता जा रहा है। जिससे चारों धाम यात्रा के लिये आने वाले गरीब लोगांे को आवास की निशुल्क समाप्त हो रही। पिछले कुछ समय में जितनी भी धर्मशालायें एव धार्मिक सम्पत्तियां अवैध रूप से बिकी हैं, उनकी जांच करायी जाये। ऋषिकेश, हरिद्वार मुनिकीरेती तपोवन रामझूला, लक्ष्मणझूला पूरे कुम्भ क्षेत्र को मिलाकर ऋषिकेश को जिला बनाया जाये। जून में आई आपदा से कम से कम जून 2016 तक की अवधि तक आपदा पीड़ित व्यापारियों को बिजली पानी के बिलों में कम से कम 50 प्रतिशत की छूट दी जाये, ताकि उत्तराखण्ड में व्यापारी फिर से पनप सकें। ज्ञापन देने वालों में इन्द्र प्रकाश अग्रवाल, राजू शर्मा, कृष्ण माहन चौरसीया, सूरज शर्मा, प्रकाशसिंह जाटव, अमित कुमार, राहुल शर्मा, श्यामल दत्ता आदि थे।



राज्य आंदोलनकारियों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, 

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा आंदोलनकारियों को समान पेंशन दिलाये जाने के आश्वासन दिये जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न किये जाने के विरोध में आंदोलनकारियों ने एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और प्रिंस चौक पर जाम लगाया, जिससे वहां पर चारों ओर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई और लोगों को परेशानियों का सामना करना पडा। यहां शहीद स्थल पर आंदोलनकारी इकठठा हुए और वहां से उन्होंने सरकार के खिलाफ रैली निकालकर प्रिंस चौक पहंुचे और वहां पर जाम लगा दिया। जाम लगने की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहंुच गई और उन्होंने वहां से जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने, प्रिंस चौक पर चारों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई और लोगों को काफी परेशानी झेलनी पडी। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लगातार समान पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन चलाया गया और अनशन किया गया, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को कैबिनेट में उठाया जायेगा लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है और न ही उनके मुददे को कैबिनेट में रखा गया है। वक्ताओं ने कहा कि उनका कहना है कि सभी चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन पांच हजार रूपये दिया जाना चाहिए और सरकारी सेवाओं में योग्यतानुसार सीधी भर्ती दी जाये एवं 50 वर्ष से उपर आयु के आंदोलनकारियों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाये, यह मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है लगातार आंदोलन करने के बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है। संगठन ने राज्य सरकार से चिन्हित आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन एवं सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान किये की मांगे थी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के लिए ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। उनका कहना है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारी वर्षों से एक समान पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की जायज मांग को लेकर आंदोलनरत है लेकिन सरकार की ओर से उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है और अब सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार पर दवाब बनाया जायेगा। इस दौरान प्रमिला रावत, ज्ञान कुडलिया, विश्वेशरी पंत, लक्ष्मी बिष्ट, शांति सकलानी, लक्ष्मी नेगी, चन्द्रा गुंसाई, नर्मदा नेगी, चंद्रा जुयाल, भुवनेश्वरी नेगी, चन्द्रा जुयाल, गंभीर सिंह, राकेश भटट, मोहन भटट, पी डी डंगवाल आदि अनेक आंदोलनकारी मौजूद थे।

शिक्षा मित्रों ने किया विधानसभा कूच

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग को लेकर उत्तराखंड शिक्षा मित्र महासंघ ने धरना स्थल पर प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए विधानसभा कूच किया, और जहां पर पुलिस द्वारा लगाये गये बैरीकैडिंग पर जमकर नोंकझोंक हुई तथा बाद में सभी वहीं पर धरने पर बैठ गये।यहां महासंघ के बैनर तले शिक्षा मित्र धरना स्थल में इकठठा हुए और वहां पर प्रदर्शन करते हुए ध्रना देने के बाद वहां से विधानसभा की ओर कूच किया। विभिन्न मार्गों से होते हुए जैसे ही शिक्षा मित्र रिस्पना से पहले पहंुचे तो पुलिस ने वहां पर बैरीकैडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया और प्रदर्शनकारी शिक्षा मित्रों ने आगे बढने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और प्रदर्शनकारियों ने वहां पर जमकर हंगामा किया तथा बाद में सभी प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गये। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं एनसीटीई द्वारा शिक्षा अधिकार अधिनियम से पूर्व कार्यरत शिक्षा मित्रों को पात्रता परीक्षा टीईटी से मुक्त रखा है लेकिन आज तक उनका समायोजन नहीं हो पा रहा है, जिससे शिक्षा मित्र आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे है। उनका कहना है कि योग्यताधारी प्रशिक्षितों को मौलिक नियुक्ति देकर सेवा में रहे हुए विशिष्ठ डीपीएल कराया जा रहा है लेकिन इसी तरह से 2374 प्रशिक्षणरत शिक्षा मित्र को भी समायोजित किया जाये और यदि सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को सीधे समायोजित का निर्णय नहीं लिया गया तो शिक्षा मित्र आत्मदाह जैसे कदम उठाने के लिए विवश होंगे। उनका कहना है कि सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किये जाने की आवश्यकता है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही उनकी मांगों पर नहीं की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश के अति दुर्गम व दुर्गम शिक्षक विहीन तथा एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष लगभग राज्य के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 3652 स्नातक योग्यताधारी शिक्षा मित्र वर्ष 2001 से शिक्षण कार्य करते हुए आ रहे है। उनका कहना है कि लगातार उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है, जिसके खिलाफ मोर्चा खोला जायेगा। उनका कहना है कि शिक्षा मित्रों पर टीईटी को अनिवार्यता के संबंध मंे स्पष्टीकरण हेतु राअशि परिषद (एनसीटीई) को भेजा गया जिसके जवाब में एनसीटीई ने भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 3652 शिक्षा मित्रों की नियुक्तिएनसीटीई की अधिसूचना पूर्व में हुई है उनके लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है तथा राज्य सरकार 25 अगस्त 10 से पूर्व नियुक्त ऐसे 3652 स्नातक तथा प्राथमिक शिक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमाधारी या अंतिम वर्ष में प्रशिक्षणरत शिक्षा मित्रों जो अपना द्विवर्षीय डिप्लोमा 31 मार्च 15 तक पूर्ण कर रहे है को सीधे समायोजित कर सकते है, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है, जिससे रोष बना हुआ है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया और कार्यवाही की मांग की गई। इस दौरान महासंघ के अध्यक्ष ललित द्विवेदी व महामंत्री रविन्द्र खाली, गुलाब रमोला, महेन्द्र सिंह, संदीप रावत, दीपक जोशी, अंबिका ध्यानी, ईश्वर सिंह, चंदन कुंडरा, पूजा, रश्मि, जितेन्द्र सिंह, पूरन सिंह, अमन सिंह, भगवान सिंह चौहान, बलवीर आर्य, सुनीता, कविता, सुषमा, आशा, बिमला, रोशनी, ममता, रीना सहित प्रदेश भर से आये हुए शिक्षा मित्र शामिल थे।

प्रवासी उत्तराखण्डियों के संगठन ने की विधानसभा अध्यक्ष से शिष्टाचार भेंट

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। बडौदा(गुजरात) में प्रवासी उत्तराखण्डियों के संगठन ‘‘उत्तराखण्ड सांस्कृतिक संगम बडौदा’’ का एक शिष्टमण्डल ने सुरेश चन्द्र पाण्डे के नेतृत्व मे विधान सभा अध्यक्ष मा0 गोविन्द सिंह कुंजवाल से शिष्टाचार भैंट की। संगठन के अध्यक्ष पाण्डे ने बताया कि उनके द्वारा बडौदा में उत्तराखण्ड के निवासी कुमाऊनी, गढ़वाली समुदाय के 700 परिवारों का एक मंच चलाया जाता है। जिसके द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों और  रक्तदान शिविरों के आयोजनों के अलावा कुमाऊनी तथा गढ़वाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। संस्था में अध्यक्ष द्वारा अपने दल के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर उन्हें प्रदेश की आपदा प्रभावितों के लिए 9लाख 1हजार 1 सौ रुपये की धनरशि का चैक मुंख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया। विधान सभा अध्यक्ष कुंजवाल ने पाण्डे तथा उनके सहयोगियों के इस प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा करने के साथ ही अन्य प्रवासी उत्तराखण्डियों से पाण्डे के कार्यो से प्रेरणा लेने की अपील की। शिष्टमण्डल में महेश काण्डपाल व त्रिलोचन पाण्डे के अलावा अनेक गणमान्य भी सम्मिलित थे। ज्ञातव्य है कि सुरेश चन्द्र पाण्डे व त्रिलोचन पाण्डे जागेश्वर विधानसभा के एक सुदूर गॉंव बरतोली निवासी स्व0 कुलोमणी पाण्डे के पुत्र हैं।  

तीन चोर दबोचे

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। दिन दहाडे महिला के साथ लूट करने की फिराक में धूम रहे तीन संदिग्धों को जब रोकने का प्रयास किया तो उनमें से एक पुलिस को चक्मा देकर भाग गया जबकि दो युवकों को पुलिस ने मोटरसाइकिल के साथ दबोचा और उनसे जब गाडी के कागजात मांगे तो वह नहीं दिखा पाये जिस पर पुलिस को उन पर शक हुआ तो उनकी तलाशी लेने पर उनके कब्जे से दो चाकू बरामद हुए तथा उनके कब्जे से कुछ समय पूर्व डोईवाला इलाके से लूटा गया एक पर्स बरामद हुआ व डालनवाला तथा नेहरू कालोनी में हुई दो लूट की वारदातों में उन्होंने अपना हाथ होना कबूला पुलिस तीसरे लूटेरे की तलाश में छापे मार रही है। राजधानी के पुलिस कप्तान अजय रौतेला ने बताया कि गुरूवार सुबह डोईवाला पुलिस कुंआवाला के समीप वाहनों की चैकिंग कर रही थी इसी बीच उन्हें पता चला कि काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक किसी महिला को लूटने की योजना बना रहे हैं पुलिस अभी उन्हें पकडने की योजना बना ही रही थी कि इसी बीच पुलिस दल ने देखा कि तीन युवक एक मोटरसाइकिल पर संदिग्ध अवस्था में आ रहे हैं जिसके चलते पुलिस ने उनकी मोटरसाइकिल रोकने का प्रयास किया तो वह गाडी लेकर भाग खडे हुए। जिनमें से एक गाडी से उतरकर भाग गया जबकि माजरी मोहकमपुर निवासी नवल कुमार व अरूण पाल को दबोचा गया तो उन्होंने बताया कि यह मोटरसाइकिल चोरी की है और उन्होंने कुछ समय पूर्व डोईवाला में एक महिला का पर्स लूटा था जिसका सारा सामान पुलिस ने बरामद कर लिया। पुलिस कप्तान ने बताया कि बदमाशों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में डालनवाला व नेहरूकालोनी क्षेत्र से दो महिलाओं के पर्स भी लूटे थे। उन्होंने बताया कि इनका एक साथी नितेश थापा भाग गया जिसे पकडने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बदमाशों को पकडने वाले डोईवाला थाना प्रभारी अनिल जोशी व उनकी टीम शामिल थी।

डीआईजी को सुनाई पीड़ा

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। डीआईजी गढ़वाल के सामने पटेलनगर आर्केडिया ग्रांट गोरखपुर निवासी एक महिला ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि उसका विवाह एक पुलिसकर्मी से हुआ था जोकि टिहरी में तैनात है तथा उसके पति व ससुराल वालों ने उससे दहेज की मांग की तथा मारपीट भी की जिसका मामला हैल्पलाइन मंे आया तो वहां की प्रभारी ने उसे धमकाया कि वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी तथा उल्टा उसे बंद करने की ध्मकी तक दे दी थी। डीआईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हैल्पलाइन की कार्यप्रणाली की जहां जांच के आदेश दिये वहीं हैल्पलाइन प्रभारी के खिलापफ बिठाई जांच को सीओ मसूरी के हवाले किया है। गुरूवार को अधिवक्ता गुरमीत टी पाल के साथ गोरखपुर निवासी रेशमा सोफिया डीआईजी गढवाल अमित सिन्हा के सामने पेश हुई जहां उसने बताया कि उसका निकाह दो फरवरी 2013 को खलील जावेद के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के साथ देहरादून में सम्पन्न हुआ था और उसके पति पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर टिहरी पर कार्यरत हैं। महिला ने डीआईजी को बताया कि विवाह के बाद उसके पति व ससुराल वालों ने उससे व उसके घरवालों से दहेज की मांग की तथा उसके साथ मारपीट तक की जिसकी शिकायत उसने पन्द्रह जनवरी 2014 को महिला हैल्पलाइन में की थी जिसकी काउंसलिंग के लिए उसे 17 फरवरी को महिला हैल्पलाइन मंे बुलाया गया था पर वहां उसके पति व उसके ससुराल वाले 20-25 लोगों के साथ महिला हैल्पलाइन मंे आये थे। महिला का आरोप है कि महिला हैल्पलाइन प्रभारी अंशु चौधरी ने उसे व उसके पति को कांउसलिंग के लिए बुलाया और उल्टा उसे ही धमकाया तथा कहा कि वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी क्योंकि तेरा पति पुलिस विभाग में कार्यरत है और उसने उल्टा उसे ही बंद करने की धमकी दी। महिला का कहना है कि हैल्पलाइन प्रभारी ने यह भी कहा कि उसके पति के साथ वह आज उसे जबरन उसके घर भेज देगी। महिला का कहना था कि अंशु चौधरी ने ना तो उसके प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही की और ना ही उसके बयान दर्ज किये। महिला ने यहां तक आरोप लगाया कि अंशु चौधरी ने उसकी एक न सुनी और उसे शक है कि उसके पति की पुलिस में होने के नाते महिला हैल्पलाइन से सांठगांठ है इस कारण वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही कर रही है और ना ही उसका मामला दर्ज हुआ है तथा कहा कि अंशु चौधरी से उसे कोई न्याय की उम्मीद है इसलिए महिला हैल्पलाइन के द्वारा किये गये दुरव्यवहार की भी जांच की जाये। डीआईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सीओ मसूरी को सौंप दी है।

अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी, पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश भर के अधिवक्ता गुरूवार को दूसरे दिन भी हरिद्वार में अधिवक्ताओं पर न्यायालय परिसर में ग्रामीणों द्वरा किये गये हमले के विरोध में एसएसपी को हटाये जाने व अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिये जाने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे और और उन्होंने पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए इस दिशा में तत्काल कार्यवाही किये जाने की मांग की। यहां बार काउंसिल व बार एसोसिएशन के आहवान पर पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही और उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया और वह पूर्ण रूप से कार्य से विरत रहे। इस असर कचहरी में दिखाई दिया और अधिवक्ताओं के चैम्बर पूरी तरह से खाली दिखाई दिये। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर ज्यादती करते हुए उन पर ही हमले व एससी, एसटी एक्ट में झूठे मुकदमें दर्ज किये गये, जबकि एसएसपी हरिद्वार के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अधिवक्ताओं पर किसी किस्म के मुकदमें दर्ज नहीं होंगे क्योंकि उन पर हमला न्यायालय परिसर में हुआ है लेकिन पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही की गई है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि यदि इसके बाद भी अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जायेगा इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि बाहदराबाद कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं व ग्रामीणों के बीच मारपीट हुई थी और इसमें पुलिस ने अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस लगातार पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि हरिद्वार के अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लिये जाने के लिए सरकार व पुलिस को कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है, जबकि अधिवक्ताओं का इसमें किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री व डीजीपी से भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया जायेगा और उनके सामने भी इस प्रकरण को रखा जायेगा।

कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। समाज कल्याण विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन करते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका और आंदोलन तेज करने की धमकी दी। यहां सुराज सेवादल के कार्यकर्ता घंटाघर स्थित कार्यालय में इकठठा हुए और वहां से रैली निकालकर घंटाघर पर प्रदर्शन करते हुए कैबिनेट मंत्री का सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा पेंशन पटटे के नाम पर छलावा किया जा रहा है और पात्र लोगों को सुविधायें नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवाओं एवं वृद्ध जनों को पटटा पेंशन एवं मूलभूत सुविधायें जो शिविर में दी जानी चाहिए थी उसके नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। सुबह 11 बजे से लेकर सायं साढे छह बजे तक लोग वहां पर बैठे रहे और सिर्फ कुछ ही लोगों को ही पेंशन पटटा नाममात्र के लिए जमा कर चले गये और समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन के लिए शहर में 1700 लोगों का चयन किया गया था और इन सब लोगों को पेंशन शिविर में पहंुचने के लिए कहा गया था लेकिन आठ सौ चयनित लोग पहंुचे थे, लेकिन वहां पर अव्यवस्था का आलम था। इस दौरान मीडिया प्रभारी आदेश गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार की उदासीनता को सहन नहीं किया जायेगा और जरूरत पडने पर इसके लिए सडकों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। पुतला फूंकने वालों में रवि टॉक, आदेश गुप्ता, विकास, बिन्दु, विक्रम, यामीन अहमद, विकास नेगी, अनिल कुमार, चिंकी, विपिन, हन्नी, सन्नी, संदीप तिवारी, विनोद कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

पंचायती चुनाव के लिए निर्देशन पत्रों की बिक्री 22 फरवरी से

रूद्रपुर/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। उप जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी ईवा आशीष ने बताया है कि त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2014 को शांतिपूर्ण,स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सम्पन्न कराने के लिये प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के अन्तर्गत चार पदों (सदस्य ग्राम पंचायत,ग्राम प्रधान,सदस्य क्षेत्र पंचायत एवं सदस्य जिला पंचायत) के लिये नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री 22 फरवरी से प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक की जायेगी। सीडीओ ने बताया कि क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य तथा ग्राम प्रधान के नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री सम्बन्धित विकास खण्ड मुख्यालयों पर की जायेगी। जबकि जिला पंचायत सदस्य के नामाकंन पत्र जिला पंचायत मुख्यालय पर बिक्री किये जायेंगे। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री हेतु सभी व्यवस्थायें यथा समय सुनिश्चित कर लें। सीडीओ ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन लडने वाले विभिन्न पदों के उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन  पत्रों का मूल्य भी निर्धारित कर दिया गया है। जिसके तहत सदस्य ग्राम पंचायत हेतु नाम निर्देशन पत्र का मूल्य सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिये 50 रूपये तथा अनुसूचित जाति,जन जाति,पिछडी जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 25 रूपया निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार ग्राम प्रधान हेतु सामान्य उम्मीदवार के लिये 100 रूपये अनु0,जनजा0,पि0 जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 50 रूपये,सदस्य क्षेत्र पंचायत हेतु सामान्य के लिये 100 रूपया,अनु0जाति,ज0जा0,पि0 जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 50 रूपयेे,सदस्य जिला पंचायत के सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार हेतु 150 रूपये अनु0जा0,ज0जा0,पि0जा0 व महिला उम्मीदवार हेतु 75 रूपये नाम निर्देशन पत्र का शुल्क निर्धारित किया गया है। सीडीओ ने बताया है कि जनपद में अब जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 42,ग्राम प्रधानों की 391,क्षेत्र पंचायत सदस्य 280 तथा ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या 4240 हो गई है। 

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