पटना। 'सतसभा' 21 फरवरी 2014। वैज्ञानिक कुमार राजीव ने कहा कि मैं सुंदर हो जाउं, दुनिया मुझसे सुंदर हो जाए। हम जैसा स्वप्न देखते हैं, जैसा सोचते हैं वैसा ही हम सृषिट करते हैं। मुझमें समाज का। समाज में मेरा प्रतिबिंव दिखता है। हमने बहुत सालों से अपने आप को सुधारने के चक्कर में समाज को कुरूप बना रहे हैं। और अब समय आ गया है कि 'देशप्रम'दर्शन को आत्मसात करें। हम और समाज सुंदर बन जाएगा। ये बाते शुक्रवार को कंकड़बाग सिथत फणीश्वर नाथ रेणु पार्क में आयोजित 'सुंदर जीवन की ओर... प्रशिक्षण देते हुए कही। श्री राजीव ने कहा कि आज लोग स्कूल की वर्तमान शिक्षा से सिर्फ सेल्समैन, नौकर और दलाल बनकर जीवन को ढो रहे हैं। इस प्रणाली से किसी में कोर्इ खुशी नहीं है। ऐसा जीवन लोगों को बीमार कर रहा है। वर्तमान शिक्षा के सिलेबस में परिवर्तन के लिए देशप्रेम अभियान के तहत तैयार किए गए विषयों की पढ़ार्इ हो। ये विषय हैं- देशप्रेम, वैज्ञानिक दृषिटकोण, नैतिकता, वनस्पति-जीव-प्रेम और करसेवा, उपकरण ज्ञान, भाषाज्ञान, सर्वधर्म। इन विषयों की पढ़ार्इ से हम बेहतर जीवन जी सकते हैं और पंचायत से संसद तक अच्छे मतदाता और लीडर बनने और बनाने की तैयार होंगे।
सभा में पहुंचे लोगों ने 'देशप्रेम'दर्शन को आत्मसात कर जागृत-केंदि्रत- आंनदित हुये। सभी ने वैज्ञानिक कुमार राजीव की योजना भारत में सहयोग प्रणाली विकसित करने, सबको समान शिक्षा, चिकित्सा, यातायात और सरकारी आवास उपलब्ध करने की परिकल्पना के समर्थन में जोरदार आवाज उठार्इ और इसके व्यापक प्रसार करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संयोजक रंजन कुमार, कृष्ण मुखिया एवं करीम खान नेे कहा कि देशप्रेम अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा अभियान पूरे देश में चलाने की जरूरत है। अभियान के विचारों को सभी अपने जीवन में उतारें और इसको जन-जन तक पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इस पूरे माडल को अपनाएं। 'सतसभा'में अभियान के लोककर्ता नीतेश कुमार, प्रशिक्षु लोककर्ता नवल कुमार, मनोज कुमार एवं हमसफर पुष्कर मौजुद थे।