दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नितिन गडकरी द्वारा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में अपना आदेश शनिवार को सुरक्षित कर लिया। गडकरी ने मांग की है कि केजरीवाल ने उन्हें भ्रष्ट कहा है, लिहाजा उन्हें सम्मन भेजा जाए। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने अपना आदेश 28 फरवरी के लिए सुरक्षित कर लिया।
गडकरी की याचिका के मुताबिक, 31 जनवरी को केजरीवाल ने जानबूझ कर भारत के सबसे भ्रष्ट लोगों की सूची जारी की और उसमें गडकरी को अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना तरीके से उल्लेख किया। भाजपा की तरफ से अधिवक्ता पिंकी आनंद ने न्यायालय से कहा कि केजरीवाल ने गडकरी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के अनुचित उद्देश्य से यह बयान दिया था। न्यायालय ने 18 फरवरी को गडकरी और दो गवाहों का बयान दर्ज किया था।
याचिका के मुताबिक, "गडकरी किसी भी तरह के गलत एवं भ्रष्टाचार के मामले में शामिल नहीं रहे हैं, फिर भी केजरीवाल ने गडकरी की छवि खराब करने की कोशिश की है।"न्यायालय से आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाए जाने की अपील की गई थी।
गडकरी ने न्यायालय को बताया कि केजरीवाल द्वारा उनके खिलाफ दिए गए झूठे, आधारहीन, मानहानि वाले बयान और समाचार काफी प्रकाशित हुए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है।