झारखंड में दो विपक्षी दलों ने राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग के समर्थन में दो मार्च को बंद का आह्वान किया है। पार्टियों ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के पृथक होने के बाद जिस तरह सीमांध्र को विशेष पैकेज दिया गया, उसी तर्ज पर विशेष पैकेज देने की मांग की है। विपक्षी दल विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के सीमांध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने, जबकि लंबे समय से झारखंड की मांग की उपेक्षा करने की निंदा करना चाहती हैं। लेकिन राज्य सरकार इससे सहमत नहीं है।
दो विपक्षी दलों -आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी)- ने बंद का आह्वान किया है। जेवीएम-पी के नेता प्रदीप यादव ने कहा, "विशेष राज्य का दर्जा हमारी पुरानी मांग है। केंद्र सरकार उस राज्य की मांग को दरकिनार कर रही है, जहां की 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करती है।"
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक पिछड़ेपन का संबंध है तो रघुराजन समिति की रिपोर्ट कहती है कि झारखंड पांचवें स्थान पर है और आंध्र प्रदेश 14वें स्थान पर है। रिपोर्ट का अनदेखा कर झारखंड को विशेष दर्जा नहीं दिया गया है।"भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी झारखंड की मांग को अनदेखा करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है।