भारत और चीन द्विपक्षीय संबंध सुधारने के लिए इस वर्ष कई मुद्दों पर उच्च स्तरीय वार्ता करने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें रक्षा, आर्थिक और रणनीतिक मुद्दे शामिल हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के उप प्रमुख वांग गुआंगझोंग कल नयी दिल्ली में रक्षा सचिव आर के माथुर के साथ रक्षा बलों से संबंधित मुद्दों पर वार्षिक रक्षा वार्ता करेंगे। इन मुद्दों अदान प्रदान, प्रशिक्षण और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
इस बातचीत में रक्षा अदान प्रदान, संयुक्त सैन्य अभ्यास तथा दोनों देशों के बीच गत वर्ष सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर होने के मद्देनजर दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्वास बढ़ाने के उपाय के लिए कदम उठाना शामिल है। दोनों देशों के बीच यह समझौता लद्दाख क्षेत्र के देपसांग घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए किया गया था।
दोनों देशों ने पांच वर्ष बाद गत वर्ष तीसरे दौर का सैन्य अभ्यास किया था। इस वर्ष के अभ्यास भारत में होना है। रक्षा वार्ता 17वें दौर की सीमा वार्ता की पृष्ठभूमि में हो रही है जिसका नेतृत्व नयी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिएची ने किया था। भारत और चीन के बीच यहां 18-19 मार्च को वाषिर्क रणनीतिक आर्थिक वार्ता (एसईडी) होगी। अधिकारियों ने यहां पीटीआई से कहा कि योजना आयोग के उप प्रमुख मोंटेक सिंह अहलूवालिया बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
एसईडी में दोनों देशों के आर्थिक और व्यापार संबंधों चर्चा होती है। इसमें आधारभूत ढांचा और उच्च प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल होंगे। इसके अलावा इसमें वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति को संभालने, अंतरराष्ट्रीय और वित्तीय प्रणाली में सहयोग, वैश्विक जिंस बाजार, सतत विकास और जलवायु पर्यावरण शामिल होंगे। दोनों देश वाषिर्क रणनीतिक वार्ता के लिए तिथि तय कर रहे हैं। यह दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच होने वाली अनौपचारिक वार्ता प्रक्रिया है जिसमें द्विपक्षीय हित के व्यापक मुद्दे शामिल होते हैं।