भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच अगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व गठबंधन तय माना जा रहा है। हालांकि अब तक लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान और भाजपा के किसी बड़े नेता ने खुलकर इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है, परंतु लोजपा के सूरजभान सिंह ने दावा किया है कि भाजपा के साथ गठबंधन तय है, सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है। वैसे इस खबर के बाद भाजपा के कुछ नेताओं के विरोध के स्वर भी उभरे हैं। लोजपा के एक नेता ने बताया कि दोनों दलों में गठबंधन तय है, बस कुछ सीटों को लेकर मामला अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर सहित छह सीटें देने को तैयार है जबकि पार्टी ने नौ सीटों की मांग की है।
माना जाता है कि हाजीपुर से रामविलास पासवान, समस्तीपुर से रामचंद्र पासवान और जमुई से रामविलास के पुत्र चिराग पासवान लोजपा के उम्मीदवार होंगे। उल्लेखनीय है कि रविवार को भाजपा ने जनता दल (युनाइटेड) से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से भी गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी है। जानकार बताते हैं कि भाजपा दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को जोड़ने पर खास ध्यान दे रही है। ऐसे में माना जा रहा है भाजपा के साथ लोजपा का गठबंधन तय है।
भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह इस गठबंधन को नरेन्द्र मोदी के असर का परिणाम मानते हुए कहते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को जो लोग छोटा बता रहे थे उन्हें अब देखना चाहिए कि प्रतिदिन राजग में दल आ रहे हैं। वैसे इस गठबंधन को लेकर भाजपा में भी बगावती स्वर उभरने लगे हैं। बिहार के पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे इस गठबंधन को लेकर अलग राय रखते हैं। चौबे कहते हैं कि पासवान ने पिछले 10 वर्षो तक मोदी को गालियां दीं, ऐसे में ऐसे अवसरवादी लोगों के साथ गठबंधन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी का बड़ा धड़ा ऐसे किसी गठबंधन को लेकर पार्टी के आलाकमान से बात करेगा। वह कहते हैं कि ऐसे लोग पार्टी के साथ विश्वासघात करेंगे और राहुल के साथ मिल जाएंगे।