गुवाहाटी, 23 नवम्बर, असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने आज कहा कि केंद्र सरकार की ओर से असम में विकास परियोजनाओं के लिए कथित तौर पर धन राशि जारी नहीं किये जाने के विरोध में वह संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन कर सकते हैं। श्री गोगोई ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “यदि आवश्यकता हुई तो मैं संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन करूंगा।” वह राज्य के विकास कार्याें के लिए राशि आवंटित करने में कथित तौर पर केंद्र के विफल रहने को लेकर विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने केंद्र पर असम के लिए धनराशि के आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य द्वारा केंद्र को उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर सौंपे जाने के बावजूद धनराशि आवंटित नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में नॉन लैप्सेबल सेंट्रल पूल ऑफ रिसोर्सेज (एनएलसीपीआर) के तहत 237.14 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे जबकि वर्ष 2015-16 में सिर्फ 49.43 करोड़ रुपये ही आवंटित किये गये। वर्ष 2013-14 में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के लिए 237.14 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे जबकि 2015-16 में यह घटकर 18.60 करोड़ रुपये पर आ गया।
भारत सरकार द्वारा अनुमोदित 619 परियोजनाओं के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 2645 करोड़ रुपये जारी किये। राज्य सरकार ने 2200 करोड़ रुपये के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र दाखिल किया है। श्री गोगोई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने काेई भी नयी परियोजना का अनुमोदन नहीं किया है। श्री गोगोई ने कहा, “गुजरात की तर्ज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद कच्चे तेल के उचित बाजार मूल्य की रॉयल्टी का भी असम को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है जिस वजह से हमें 20000 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।”
श्री गोगोई ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को राज्य के लिए केंद्र सरकार के राशि आवंटन पर खुली बहस के लिए आने के लिए राजग सरकार के केंद्रीय मंत्रियों को चुनौती दी। उन्होंने कहा, “मैं केंद्रीय मंत्रियों को बंद दरवाजे के पीछे नहीं बल्कि दूरदर्शन पर बहस के लिए आमंत्रित करता हूं जिसे सभी देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही एक श्वेत पत्र प्रकाशित करेगी जिसमें वर्तमान राजग सरकार और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा किये गये धन आवंटन का ब्यौरा होगा।