योग जीवन का आधार-महासचिव डाॅ. पी.के.खरे
छतरपुर-’’योग जीवन का आधार है। योग के बिना जीवन के किसी भी क्षण की कल्पना नहीं कर सकते । योग एक व्यवहारिक दर्शन है जिसकी न केवल वर्तमान समय में उपयोगिता है बल्कि भविष्य में भी उपयोगी बना रहेगा।’’ उक्त उदगार म.प्र.एवं छत्तीसगढ दर्शन परिषद के महासचिव डाॅ पी.के.खरे ने समापन सत्र में व्यक्त किये। सत्र की अध्यक्षता दर्शन परिषद की नव निर्वाचित अध्यक्ष डाॅ. दीपा पाण्डे ने की । विषय विशेषज्ञ के रूप में डॅा. छाया राय, डाॅ.एस.एस.नेगी तथा श्री फूल चन्द्र जैन योगाचार्य उपस्थित रहे। अधिवेशन के आयोजन सचिव डाॅ. जे.पी.शाक्य ने बताया कि अधिवेशन के द्वितीय दिवस पर शोध संगोष्ठी में -डाॅ.राकेश सोनी अमरकंटक ने योग और बोध विज्ञान पर, डाॅ. नरेन्द्र बौद्ध सागर ने मानव चरित्र निर्माण में योग का अवदान, महेश निगम ने योग दर्शन और चिन्तवृत्ति निरोध, डाॅ.जाहिरा खातून भोपाल ने श्री अरविन्द का पूर्णाद्वैत योग,कु.सरला साहू, अतिथि विद्वान जबलपुर ने श्री अरविन्द का पूर्ण योग, डाॅ.आलोक दुबे ने योग की वर्तमान प्रासंगिकता, डाॅ. नेहा शाक्य जबलपुर ने योग परम्परा में प्राणायाम का स्वरूप प्रकार महत्व विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। चतुर्थ अकादमिक सत्र में संदीप चैरसिया लखनऊ ने आधुनिक जीवन में योग दर्शन की प्रासंगिकता, श्री देवदास साकेत उज्जैन ने भारतीय पुरूषार्थ व्यवस्था का समसायिक औचित्य, डाॅ. कपिल नेमा जबलपुर ने योगदर्शन में यम और नियम का समसामयिक औचित्य, एवं डाॅ. राहुल वर्मा ने योग दर्शन की वर्तमान प्रासंगिकता विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डा.एम.एस.विमल छतरपुर ने बौद्ध धर्म में योग की अवधारणा, अंजली वर्मन ने पुरूषार्थ का महत्व, श्रीमति रश्मि पटेल जबलपुर ने दर्शन में योग का स्वरूप, डाॅ. देवेन्द्र जाटव जबलपुर ने योग एवं तनाव प्रबंधन, डाॅ. प्रशान्त शर्मा जबलपुर ने योग की प्रासंगिकता, डाॅ.ज्योत्सना द्विवेदी सतना ने वेदों में योग मीमंासा, मोनिका शिवहरे दिल्ली ने आत्मज्ञान हेतु इन्द्रियों की असमर्थता, रचना जैन जबलपुर ने मनोदैहिक बीमारियों के उपचार में योग की भूमिका, श्रीमती बबीता सिंह सीधी ने योग दर्शन की वर्तमान प्रासंगिकता, तथा पी.सी.चैरसिया छतरपुर ने वर्तमान समय में प्राणायाम की उपयोगिता विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर भोपाल की डाॅ. जाहिरा खातून को योग की वर्तमान प्रासंगिता विषय पर सर्वश्रेष्ठ निबंध के लिये ’’युवा चिंतक पुरूस्कार’’ प्रदान किया गया। दर्शन परिषद के समस्त पदाधिकारियों ने विचार विमर्श के बाद यह निर्धारित किया कि परिषद का आगामी अधिवेशन ग्वालियर में आयोजित होगा जिसका केन्द्रीय विषय ’’भारतीय नैतिक मूल्य एवं नैतिक समाज होगा।’’ अधिवेशन की समाप्ति पर आयोजन सचिव डाॅ. जे.पी.शाक्य ने आभार व्यक्त किया।
रात भर चला जबाबी कीर्तन का मुकाबला
गढ़ीमलहरा।नगर परिषद के मैरिज ग्राउंड में बीती रात मेला जलबिहार उत्सव समिति के तत्वाधान में जबाबी कीर्तन का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस सेवादल के जिला संगठक राजेश महतों ने किया।श्री महतों ने इस मौके पर कहा कि नगर परिषद द्वारा नगर के चहुंमुखी विकास के लिए जहां सतत प्रयास किए जा रहे हैं तो वहीं नगर की प्राचीन परंपराओं को भी अक्षुण्ण रखने का पूरा प्रयत्न किया जा रहा है।गढ़ीमलहरा वासियों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।कार्यक्रम में मप्र के जिला भिंड के दबोह से आई कल्पना दुबे एंड पार्टी तथा उप्र के उरई से आई राखी आजाद एंड पार्टी के बीच जबाबी कीर्तन का शानदार मुकाबला हुआ।पूरी रात चले मनोरंजक कार्यक्रम का बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने भरपूर आनंद लिया।इस मौके पर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मोतीलाल अहिरवार, पार्षद सतीश चैरसिया, उमाशंकर चैरसिया, नरेंद्र चैरसिया, मिलन पटेल विशेष रूप से उपस्थित थे।