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अगली आर्थिक क्रांति भारत में : नरेंद्र

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सिंगापुर 24 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को उड़ान भरने के लिए तैयार बताया और सिंगापुर के निवेशकों को अगली पीढ़ी के बुनियादी ढाँचा, स्मार्ट सिटी और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुये आज कहा कि ‘भारत अगली आर्थिक क्रांति का द्वारा’ होगा और वह निवेश के जरिये इसमें भागीदार बन सकते हैं। श्री मोदी ने यहाँ भारत-सिंगापुर आर्थिक सम्मेलन में कारोबारियों को संबोधित करते हुये कहा, “पिछले 18 महीने से भारत में आर्थिक सुधार हो रहा है और इस दिशा में हम अंतिम चरण तक पहुँच चुके हैं। इसका उद्देश्य देशवासियों के सपनों को साकार करना है।” उन्होंने सिंगापुर को भारत की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति का मूल घटक बताते हुये कहा कि दोनों देशों की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक निकटता हमारी संपत्ति है। भारतीय कारोबारियों का एक बड़ा हिस्सा सिंगापुर की कार्य-संस्कृति को समृद्ध बनाने में अपना योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर अफ्रीकी देशों में मिलकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा दाेनों देशों के पास तीसरे देश के साथ गठजोड़ के माध्यम से काम करने के महत्वपूर्ण अवसर हैं। 

श्री मोदी ने आसियान आर्थिक समुदाय का उदाहरण देते हुये कहा, “इसने 60 करोड़ लोगों के लिए दो लाख करोड़ डॉलर का बाजार तैयार किया है। यह आगे भी दक्षिण एशियाई क्षेत्र में हमारे कारोबार को बढ़ाने के अवसरों का विस्तार करेगा।” उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल प्रयोगशाला है और सिंगापुर भारतीय निवेश के लिए शीर्ष गंतव्य भी है। उन्होंने सिंगापुर के निवेशकों को भारत की 100 स्मार्ट शहरों की परियोजनाओं में पाँच करोड़ किफायती आवास के निर्माण, रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण के साथ ही रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुये कहा कि उत्पादन और बुनियादी ढाँचा के क्षेत्र में भारत जैसी संभावना किसी अन्य देश में नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पूँजी निवेश में बढ़ोतरी की है। उसने राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढाँचा कोष स्थापित किया है। उन्होंने कहा, “कॉर्पोरेट बौंड बाजार का विस्तार करने के उद्देश्य से कर मुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर बौंड शुरू किया जा रहा है। यह बुनियादी ढाँचा क्षेत्र को दीर्घकाल के लिए वित्त उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। इसके लिए हमने सिंगापुर सहित कुछ देशों में रुपया आधारित बौंड जारी करने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर भारत का 10वाँ बड़ा वैश्विक और आसियान देशों में दूसरा बड़ा व्यापार साझेदार है। 

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