नयी दिल्ली, 24 नवंबर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ ने मैसूर रियासत के शासक टीपू सुल्तान को ‘दक्षिण का औरंगजेब’ बताते हुए एक लेख में कहा है कि उसने एक ही दिन 700 ब्राह्मणों को फांसी पर लटकाया था और लाखों हिन्दुओं तथा ईसाइयों को जबरन मुसलमान बनाया था। लेख में लिखा गया है कि हाल में कर्नाटक सरकार ने टीपू जयंती मनाकर टीपू के विवाद को खत्म करने के बजाय बढ़ा दिया है। उसके पीछे कर्नाटक सरकार की मंशा मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करना था। टीपू का जन्मदिन 20 नवंबर को पड़ता है, लेकिन सरकार ने टीपू की जयंती 10 नवंबर को छोटी दीवाली के दिन मनाने का फैसला किया। दरअसल, यह वह दिन है जिस दिन टीपू ने 700 मेलकोट आयंगार ब्राह्मणों को फांसी पर चढ़ाया था।
पांचजन्य का कहना है कि केवल हिन्दू ही नहीं, ईसाइयों ने भी टीपू जयंती का विरोध किया था। ईसाई नेता अल्बान मेनेजेस ने कहा कि टीपू ने 1784 में मंगलौर के मिलेग्रेस चर्च को तहस-नहस कर दिया था। टीपू ने अंग्रेजों के लिए जासूसी के शक में 60 हजार कैथोलिकों को बंदी भी बना लिया था और उन्हें मैसूर तक पैदल चलने के लिए मजबूर किया था, जिस वजह से चार हजार कैथोलिकों की मौत हो गई थी। लेख में कहा गया है कि कर्नाटक के अलावा केरल और तमिलनाडु भी लोग टीपू के अत्याचारों का शिकार बने। मैसूर सल्तनत पर टीपू का शासन सन् 1782 से 1799 तक रहा और इस दौरान अंग्रेजों द्वारा शासित तमिलनाडु पर उसने कई बार चढ़ाई की थी। टीपू दुश्मन सेना के पकड़े गए सभी सैनिकों का धर्म परिवर्तन करवाकर अपनी सेना में शामिल करता था। इसके अलावा उसके समय बड़ी संख्या में आम तमिलों को भी मुसलमान बनाया गया।
लेख के मुताबिक टीपू ने केरल के मालाबार क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया था और इसकी पुष्टि खुद उसके लिखे पत्रों से होती है। उन्नीस जनवरी, 1790 को बुरदुज जमाउन खान को एक पत्र में टीपू ने लिखा है, “क्या आपको पता है कि हाल में मैंने मालाबार पर एक बड़ी जीत दर्ज की है और चार लाख से ज्यादा हिन्दुओं से इस्लाम कबूल कराया।” उन्नीसवीं सदी में ब्रिटिश सरकार में अधिकारी रहे लेखक विलियम लोगान की किताब 'मालाबार मैनुअल'का हवाला देते हुए लेख में कहा गया है कि कैसे टीपू ने अपने 30,000 सैनिकों के दल के साथ कालीकट में तबाही मचाई थी। टीपू हाथी पर सवार था और उसके पीछे उसकी विशाल सेना चल रही थी। पुरुषों और महिलाओं को सरेआम फांसी दी गई। उनके बच्चों को उन्हीं के गले में बांध पर लटकाया गया।
लेख में कहा गया है कि टीपू ने अपने राज्य में लगभग पांच लाख हिन्दुओं को जबरन मुसलमान बनाया। हजारों की संख्या में कत्ल कराए। टीपू के शब्दों में, “यदि सारी दुनिया भी मुझे मिल जाए, तब भी मैं हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने से नहीं रुकूंगा।” साल 1964 में प्रकाशित किताब ‘लाइफ ऑफ टीपू सुल्तान’ का जिक्र भी जरूरी है। इसमें लिखा गया है कि उसने तब मालाबार क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा हिन्दुओं और 70,000 से ज्यादा ईसाइयों को मुसलमान मत अपनाने के लिए मजबूर किया।