नयी दिल्ली 24 नवम्बर, पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असमन (उल्फा) ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि हाल में बंगलादेश द्वारा सौंपे गये अनूप चेतिया को भी शांति प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि उनके बिना वार्ता अधूरी रहेगी। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में आज यहां असम सरकार के प्रतिनिधियों और उल्फा नेताओं की बैठक हुई, जिसमें वार्ता प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में उल्फा नेताओं ने अपनी यह मांग रखी । श्री महर्षि ने सरकार के प्रतिनिधियों से उल्फा नेताओं की मांग पर विचार करने को भी कहा। उल्फा नेताओं ने अनूप चेतिया को बंगलादेश से स्वदेश लाने में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की । उल्फा नेता अरविंद राजखोवा ने बैठक के बाद कहा कि यदि अनूप चेतिया को बातचीत में शामिल नहीं किया जाता है तो इसका परिणाम नहीं निकलेगा।
गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और यह सहमति बनी कि वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जल्दी ही अगली बैठक की जायेगी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी बातचीत में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि सरकार कई संगठनों से बात कर रही है और इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे। अनूप चेतिया को हाल में बंगलादेश ने भारत को सौंपा था और उसके बाद से ही वह गुवाहाटी की जेल में बंद है। समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों , उल्फा नेता राजखोवा, सरकार के प्रतिनिधि पी सी हलदर, वी के पिपरसेनिया और असम सरकार के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।