नयी दिल्ली 29 नवंबर (वार्ता) जलवायु परिवर्तन के कारण खेती फायदे का काम नहीं रह गयी है और इसके कारण जीविकोपार्जन के लिए किसान बड़ी संख्या में गांवों से शहरों की ओर पलायन करेंगे जिससे गंभीर रूप से राेजगार से जुड़ी और सामाजिक समस्याओं में बढोतरी होगी। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई)की निदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि एेसी अच्छी नीतियां बनायी जाएं कि जिससे खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा बन सके और गांवों से बड़े पैमाने पर हाेने वाले पलायन को रोका जा सके। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके कारण राेजगार और समाज से जुड़ी बडी गंभीर समस्याएं खड़ी होंगी।
सीएसआई ने जलवायु परिवर्तन के मौसम पर पड़ते बुरे असर से किसानों को बचाने के लिए वैश्विक कार्रवाई करने की अपील की। सीएसआई ने कहा कि पेरिस में जलवायु परिवर्तन को लेकर जो बात हो रही है उसमें मौसम में हो रहे नकारात्मक बदलावों के खेती पर होने वाले असर ,फसल की बरबादी या हाेने वाले नुकसान से किसानों को बचाने के उपायों को शामिल किया जाना चाहिए। सीएसई के उपमहानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा कि पेरिस में जलवायु परिवर्तन को लेकर जो बातचीत शुरू होने जा रही है उसमें बदलते मौसम के खेती पर होने वाले असर पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए । इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा के साथ इससे किसानाें और अंतिम रूप से दुनिया की खाद्य सुरक्षा के लिए उभरने वाले खतरे पर भी चर्चा की जानी चाहिए।