पटना 29 नवम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर को भारत के गौरवशाली अतीत का अभिन्न अंग बताया और कहा कि जरासंघ, बिम्बिसार एवं अजातशत्रु की यह स्थली जहां एक ओर भारत की सामरिक शक्ति का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर हिन्दू , मुस्लिम, सिख, बौद्ध एवं जैन धर्मों के अनुयायियों के लिये भी काफी महत्वपूर्ण है। श्री कुमार ने शनिवार देर शाम राजगीर के किला मैदान में दीप प्रज्ज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि राजगीर एक तरफ जहां अपने में भारतवर्ष के गौरवशाली अतीत को समेटे हुये है, वहीं यह विभिन्न धर्मों का संगम स्थल भी है। पर्यटन के दृष्टिकोण से राजगीर का अन्तर्राष्ट्रीय महत्व है। राजगीर महोत्सव जिसका आयोजन पहले तीन दिनों के लिये होता था, लोगों के मांग पर अब इसे पन्द्रह दिनों का कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर और गया में पर्यटन क्षेत्र की जितनी संभावना है, उसके मद्देनजर बुनियादी ढ़ांचे का विकास करना है। उन्होंने कहा कि राजगीर महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिये आयोजन के एक माह पूर्व प्रखण्ड स्तर पर कला, संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन कला के क्षेत्र में प्रतियोगिताओं का आयोजन करे और चयनित कलाकारों एवं गायकों को अन्तर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव के मंच पर मौका मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, विरासत , ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलें राजगीर, नालंदा, नवादा एवं गया में है, इसे अगर एक जोन मे कर दिया जाये तो आने वाले राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक नालंदा से लेकर गया तक कम से कम सात दिनों तक समय व्यतीत करेंगे। पर्यटकों को देखने एवं सुनने के लिये उनके रूचि के अनुकूल काफी कुछ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजगीर के समीप ही स्थित घोड़ा कटोरा की चर्चा करत हुए कहा कि यह काफी खुबसूरत जगह है। वर्ष 2009 में घोड़ा कटोरा में मैंने अपने प्रवास के दौरान इसे अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल बनाने का निर्णय लिया था।
श्री कुमार ने नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि यह हमारी विरासत रही है, वह फिर से अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्रारंभ हो चुकी है। नालंदा विश्वविद्यालय में ज्ञान पर भी काम होगा और अन्तर्राष्ट्रीय विवाद के निपटारे के लिये भी यह ख्याति प्राप्त होगा। नालंदा विश्वविद्यालय के आस-पास के गांव आदर्श गांव बनाये जायेंगे। नालंदा विश्वविद्यालय तेजी से अपना काम बढ़ाये। नालंदा विश्वविद्यालय में पर्यावरण से संबंधित स्कूल भी है, यहाॅ हर क्षेत्र में काम होगा। नालंदा अपने आप में परिपूर्ण है। किसी को अगर इतिहास, पर्यावरण, विज्ञान एवं अध्यात्म में रूचि हो तो यहां आकर अध्ययन करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री कुमार के अलावे ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री अनिता देवी, कला संस्कृति एवं युवा कार्य मंत्री शिवचन्द्र राम समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।