नयी दिल्ली, 29 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस रवाना होने से पहले ऊर्जा बचत को पृथ्वी का ताप नियंत्रित करने का सबसे सरल तथा कारगर तरीका करार देते हुए आज जैविक खेती को पृथ्वी और पर्यावरण के लिए उपायोगी बताया और कहा की वह देश की एकता तथा अखंडता को बढ़ावा देने के लिए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की योजना पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने रेडियो पर प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 14वें संस्करण में देश को संबोधित करते हुए कहा कि धरती का तापमान कम करने के लिए उपाय करने की जिम्मेदारी दुनिया के प्रत्येक देश और हर नागरिक की है। भारत के किसान जैविक खेती करके पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।
तापमान कम करने में बिजली की बचत और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को सबसे सरल और कारगर उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि बदलता परिवेश दुनिया के समक्ष बड़ी चुनाैती है और धरती जीवन के अनुकूल बनी रहे इसमें भागीदारी निभाना सबके लिए जरूरी है। इस संदर्भ में उन्होंने बिजली बचत के लिए सरकार की तरफ से जारी एलईडी बल्बों के वितरण तथा अन्य उपायों की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत में लोगों ने सौर ऊर्जा को मिशन के तौर पर लेना शुरू कर दिया हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कानपुर की नूरजहाँ का जिक्र किया और कहा कि वह सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सौर लालटेन के जरिए सैकड़ों ग़रीबों के घर रोशन कर रही है और वह अंधेरे से जंग लड़ रही है। उसने महिलाओं की एक समिति बनाई है सौर ऊर्जा से चलने वाली लालटेन का एक संयंत्र लगाया है। वह इस संयंत्र में दिनभर लालटेन को चार्ज करती है और लोग शाम को लालटेन लेकर अपने घर पहुंचते हैं। उसके बदले गरीबों से सौ रुपए मासिक लेती है और सैकड़ों घरों को रोशन कर रही है।
श्री मोदी ने जैविक खेती के प्रचलन को पर्यावरण संतुलन तथा धरती की उर्वरकता के संरक्षण पर बल देते कहा कि देश में जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने तथा इसके लिए किसानों काे जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसान फसलों के ठूंठ जलाते हैं जबकि यह खुद में जैविक खाद होती है और अगली फसल के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। यह पशुओं के लिए भी पौष्टिक आहार होता है इसलिए उसे जलाया नहीं जाना चाहिए। देश के सभी हिस्सों में खेतों पर फसलों के अवशेष जलाने की परंपरा को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे अगली फसल को नुकसान होता है और खेत की उर्वरक क्षमता भी घटती है।
उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए वह ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की योजना बना रहे हैं। इसके लिए सुझाव माँगे थे और लगातार सुझाव आ भी रहे हैं लेकिन इस संबंध में उन्हेंं और अधिक सुझावों की जरूरत है इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों से उन्होंने इस संबंध में सुझाव देने का आग्रह किया है। उनका कहना था कि वह देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के मंत्र से हरएक देशवासी जोड़ना चाहते हैं और यह काम कैसे हो इसके लिए उन्हें देश के लोगों के सुझाव चाहिए।
प्रधानमंत्री छोटे कारोबारियों को अर्थव्यवस्था की शक्ति बताया और कहा कि उन्हें वित्तीय सहयोग देने के लिए बैंकों को ज्यादा संवेदनशील होकर काम करना चाहिए। छोटे कारोबारियों को वित्तीय सहायता देने में मुद्रा बैंक से विभिन्न क्षेत्रों में लाेगों को हुए फायदे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों को मदद करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुद्रा योजना के तहत अबतक करीब 66 लाख लोगाें को 42 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। इसके लाभार्थियों में 24 लाख केवल महिलाएं हैं। मुद्रा योजना का अधिक से अधिक प्रचार हो इसलिए सभी बैंक छोटे-छोटे कारोबारियों की मदद करें और उनके प्रति और संवेदनशील बनें।
उन्होंने अंगदान करने भी लोगों का आह्वान किया और कहा कि यह एक प्रकार से अमरता प्रदान करता है। एक शरीर से दूसरे शरीर में जब अंग जाता है तो उस अंग को नया जीवन मिलता है लेकिन उस जीवन को नयी ज़िंदगी मिल जाती है। इससे बड़ा सर्वोत्तम दान और कुछ नहीं हो सकता है।