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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (30 नवम्बर)

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देहरादून को बदसूरत व बर्बाद करने के बाद एमडीडीए की नजर अब चाय बगान पर
  • स्मार्ट सिटी से कई अधिकारी व नेता होंगे मालामाल !, दून की खूबसूरती पर लग गया ग्रहण 

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देहरादून, 30 नवम्बर।  ब्रिटिश काल से लेकर राज्य के अस्तित्व में आने तक  देश व विदेश में रहने वालों को आकर्षित करने वाले  देहरादून को बदसूरत व बर्बाद  करने के बाद मसूरी देहरादून विनाश प्राधिकरण अब  अस्थायी राजधानी में शेष बची चाय बगान की जमीन जहाँ वर्तमान में  कुछ  हरियाली  दिखाई देती को कंक्रीट के जंगल में तब्दील करने की तैयारी में  है।  इसके लिए प्राधिकरण ने खाका तैयार कर दिया है। नजजंतंाींदक.जमं.हंतकंदशहरी विकास मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की स्र्माट सिटी योजना के अन्तर्गत पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी विकसित किये जानी हैं। योजना को चार चरणों में विभाजित किया गया है। भारत सरकार द्वारा इस योजना के पहले चरण में 98 शहरों की घोषणा की गयी है। चयनित 98 शहरों की सूची में उत्तराखण्ड से देहरादून शहर को योजना में शमिल किया गया है। इन 98 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को उपलब्ध कराया जाना है। जिसकी अंतिम तिथि 15 दिसम्बरए 2015 है। इन 98 प्रस्तावों में से 20 स्मार्ट सिटी प्रस्ताव का चयन पहले चरण में किया जायेगा। प्रत्येक स्मार्ट सिटी के लिए भारत सरकार द्वारा पांच वर्षों तक कुल 500 करोड़ रूपये तथा प्रतिवर्ष 100 करोड़ की दर से राज्य सरकार को धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। प्रत्येक शहर को स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव भूमि के कब्जे के साथ प्रस्तुत किया जाना है। प्रत्येक शहर के लिए स्मार्ट सिटी योजना हेतु कम से कम 250 एकड़ की भूमि आवश्यकता है जबकि अधिकतम यह प्रस्ताव 1200 एकड़ भूमि के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में पैन सिटी प्रोजेक्ट  इसका उद्देश्य जनसामान्य के दैनिक जीवन को सरल बनाना तथा इसका लाभ पूरे शहर पहुंचाना इसके तहत मोबाइल ऐप पर जन सेवायें प्रदान किये जाने का प्रस्ताव है। इसमें विभिन्न सेवाएं सम्मिलित है। जैसे. नगर निगमए तहसीलए स्वास्थ्य विभागए जिला आपूर्ति कार्यालय आदि विभागों की सेवायें उपलब्ध कराया जाना दूसराण् क्षेत्र अधारित विकास इसमें तीन प्रकार के प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किये जा सकते हैं। रेट्रोफिटिंग. रेट्रोफिटिंग के अन्तर्गत अपने शहर जो कि पूर्व से ही बसा हुआ हैए के 500 एकड़ क्षेत्र में किसी एक सुविधा का सुदृढ़ीकरण किया जा सके। जैसे. सीवर सुविधाए जल निकासी की सुविधाए पेयजल आपूर्ति की सुविधाए बिजली के तारों को भूमिगत किया जाना आदि। पुनर्विकास. इसके अंतर्गत शहर के किसी क्षेत्र में 50 एकड़ के क्षेत्रफल में समस्त निर्मित भवनों को तोड़कर व्यवस्थित तरीके से पूरे क्षेत्र का पुनः विकास किया जाना है। इसमें शत.प्रतिशत प्रभावित लोगों की सहमति जरूरी है।  ग्रीन फील्ड. इसके तहत नये शहर को विकसित किया जायेगा जहाॅं पूर्व से कोई विकास न हुआ हो। स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण मानक यह है कि एरिया बेस्ड डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट प्रपोजल हेतु किसी एक क्षेत्र भूमि का चयन किया जाना हैए तथा उक्त चयनित भूमि पर किसी एक अथवा तीनों रेट्रोफिटिंग रिडेवलमेन्ट तथा ग्रीन फील्ड को विकसित किया जाना है। उक्त तीनों घटकों में पुनर्विकास हेतु प्रभावित आबादी की शत.प्रतिशत सहमति होनी आवश्यक है। मंत्री जी ने इन सब अनिवार्यताओं के फलस्वरूप् योजना के क्रियान्वयन में व्यावहारिक कठिनाई आने की संभावना भी जतायी। रेट्रोफिटिंग का कार्य अमृत योजना के तहत देहरादून शहर में कराया जा सकता है।  मंत्री ने योजना के लिए चयनित क्षेत्रों के बारे में जानकारी देते हुए बतााय कि ग्रीन फील्ड एरिया के चयन हेतु निम्म चार क्षेत्रों का परीक्षण किया गया। जिनमें  पहला रायपुर किन्तु रायपुर में इकट्ठी भूमि की उपलब्धता नहीं है तथा जोत का आकार छोटा होने के कारण विधिक एवं व्यावहारिक परेशानियाॅं हैं तथा भूमि की दरें भी उच्च हैं। दूसरा जौलीग्राण्ट यहंा पहले से सड़क के किनारों तथा अन्य क्षेत्रों में पूर्व से ही विकास हो चुका हैए भू.दरें भी उच्च हैं। तीसरा विकासनगर जो कि शहर से दूर है इसकी भी भू दरें उच्च हैए वहीं सड़क किनारे तथा अन्य क्षेत्रों में पूर्व से ही विकास हो चुका है। शिमला बाईपास शहर से नजदीक हैए इकट्ठी भूमि उपलब्ध है और यहां पहले से कोई विकास भी नहीं हुआ है। अतः यहां योजना के क्रियान्वयन में आसानी होगी। शिमला बाईपास पर टी.इस्टेट में स्थित इन तीन  गांवों का चयन किया गया है। आरकेडिया ग्राण्टए हरवंशवालाए कांवली। उक्त भूमि के क्रय एवं स्मार्ट सिटी प्रस्ताव माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत कर अनुमोदन प्राप्त किर लिया  गया है। उक्त के संदर्भ में माननीय मंत्रिमण्डल द्वारा भूमि क्रय हेतु आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में समिमि का गठन किया गया। उक्त समिति द्वारा भूमि के दरों एवं भू.स्वामित्व की जाॅंच का कार्य गतिमान है। स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अन्तर्गत प्रस्तावित परियोजना पर  30 नवम्बर 2015 से एम0डी0डी0ए0 की बेवसाइट पर जनसामान्य के सुझाव प्राप्त करने हेतु प्रपोजल अपलोड कर दिया जाएगा। देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी को विकसित किये जाने हेतु राज्य सरकार और विभाग की ओर से चीन की तोंगजी यूनिवर्सिटी के साथ 60रू 40 के अनुपालन में संयुक्त उपक्रम के लिए अनुबंध किया गया है। तोंगजी ने पूर्व में लिंगाग न्यू सिटीए वियुवान आयलैण्ड सिटीए शंघाई टावरए न्यू सिटी हांगभाऊ स्मार्ट शहरों का निर्माण किया है।  तोंगजी के साथ 11 दिसम्बरए 2015 को एम0ओ0यू साईन किया जायेगा। स्मार्ट सिटी को नालेज सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके अन्दर एक बड़ ग्रीन एरिया चाय बागान के रूप में ही आरक्षित रहेगा। योजना में आम जन के जीवन पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े इसका विशेष ध्यान रखा गया है। चाय बागान क्षेत्र में निवासरत जनसामान्य हेतु क्षेत्र में राजस्व ग्राम समाज की भूमि जो कि राजस्व अभिलेखों में आबादी के रूप में दर्ज है वर्तमान में उनको नहीं हटाया जायेगा। ऐसे लोग जो टी.कम्पनी के आवास में निवासरत हैंए उनको मकान के बदले हस्तातंरण के अधिकार सहित मकान उपलब्ध कराया जायेगाए तदोपरान्त उन्हें विस्थापित किया जायेगा। जो महिलाएं चाय बागान में श्रमिक के रूप में वर्तमान में कार्यरत हैंए उन्हें ग्रीन एरिया जो कि चाय बागान के रूप आरक्षित रहेगा तथा औद्यानिकी के कार्य में लगाया जायेगा। योग्य लोगों की क्षमता का विकास भी किया जायेगा। श्रमिकों को जो भवन बनाकर उपलब्ध कराया जायेगाए उसके व्यय की धनराशि की कटौती चाय बागान के मलिकों को दिये जाने वाले मूल्य से की जायेगी। गौरतलब हो कि आजादी से पहले व आजादी के बाद से लेकर राज्य के अस्तित्व में आने से पहले देहरादून देश का ही नहीं अपितु विश्व के शांत आबोहवा वाले शहरों में शुमार था लेकिन राज्य के बन  जाने के बाद हरी भरी वादियों वाला यहीं शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो गयाण्अस्थायी  राजधानी होने  के बावजूद इस शांत शहर का डक्क्। ने जमकर शोषण ही नहीं किया बल्कि इसकी सूरत तक बदल कर रख दी है । वर्तमान में यह शहर नॉएडा या गाजियाबाद जैसे शहरों की तरह दिखाई देने लगा है। देहरादून के पुराने वाशिंदे आज इस  सहारा की हो गयी हालत को देखकर आंसूं बहाने को मजबूर हैं लेकिन कोई उनकी सुनने वाला नहीं।   इस  शहर को बर्बाद करने के बाद एमडीडीए की नजर अब शहर से लगे चाय बगान की जमीन पर लग गयी है और वह इसकी स्मार्ट सिटी बनाने पर आमादा है। जहाँ आज करोड़ों शीशम सहित कई अन्य प्रजातियों के पेड़ होने के साथ ही यहाँ करोड़ों पेड़ चाय के लहीं जो इस इलके को हरियालीमय  किये हुए है लेकिन स्मार्ट सिटी बन जाने के बाद यहाँ भी देहरादून शहर की तरह कंक्रीट के जंगल उग आयेंगे तब यह शहर रहने के काबिल होगा या नहीए नहीं कहा  जा  सकता  हां इस  शहर से इतर उस शहर के अस्तित्व में आने के बाद जरुर डक्क्। सहित कुछ और विभागों के अधिकारियों सहित कई नेता जरुर मालामाल हो सकते है।

आर्य 3 को लेगे जिला योजना की समीक्षा बैठक

देहरादून, 30 नवम्बर (निस)। प्रभारी मंत्री देहरादून यशपाल आर्य की अध्यक्षता में 3 दिसम्बर 2015 को आयोजित होने वाली जिला योजना की समीक्षा बैठक की तैयारियों के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में बैठक विकासभवन सभागार में आयोजित की गयी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए जिन विभागों ने अपने प्रस्ताव उपलब्ध नही कराये है, अपने प्रस्ताव आज सांय तक अनिवार्य रूप से अपने प्रस्ताव जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। प्रस्ताव उपलब्ध न कराने की दशा में सम्बन्धित विभागीय योजना शामिल नही किये जायेंगे, जिसके लिए सम्बन्धित विभागीय अधिकारी स्वंय जिम्मेदार होंगे।  लो.नि.वि द्वारा प्रस्ताव उपलब्ध कराने पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गहरी नाराजगी जारी की गयी। उन्होने लो.नि.वि के अधिकारी निर्देश दिये कि वे अपने विभाग के प्रस्ताव आज संाय तक अपने प्रस्ताव अनिवार्य रूप से जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को उपलब्ध करा दें। उन्होने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि उन्हे स्वीकृत कराई गयी धनराशि के सापेक्ष अब-तक व्यय की गयी धनराशि के सम्बन्ध में सम्पूर्ण विवरण अनिवार्य रूप से आज सांय तक अर्थ एवं संख्या अधिकारी को उपलब्ध करा दें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस.पी अग्रवाल, प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून वन प्रभाग, जिला संख्या अधिकारी श्री रावत, मुख्य कृषि अधिकारी ज्योति कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम. खान, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी वाई.एस गंगवार, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी कमल रावत सहित सम्बन्धित अधिकारी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

रजनीश की सकुशल वापिसी को सीएम ने दिये दिशा-निर्देश

देहरादून, 30 नवम्बर (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड निवासी रजनीश बडथ्वाल की घाना से सकुशल वापसी के लिए स्थानिक आयुक्त, दिल्ली एस.डी.शर्मा को निर्देश दिये है कि विदेश मंत्रालय से शीघ्र संपर्क किया जाय। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्थानिक आयुक्त को निर्देश दिये है कि वे स्वयं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क करे और रजनीश बडथ्वाल की सकुशल वापसी के प्रयास तेज करें। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एस.डी.शर्मा द्वारा विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि घाना में फंसे रजनीश बडथ्वाल की वापसी के लिए प्रयास शुरू कर दिये गये है। जिस शिपिंग कंपनी में श्री बडथ्वाल नियुक्त थे, उनसे भी वार्ता की जा रही है और समस्या का शीघ्र समाधाना निकाला जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्थानिक आयुक्त श्री शर्मा को यह भी निर्देश दिये है कि यदि रजनीश बडथ्वाल को आने-जाने के लिए टिकट आदि की व्यवस्था करनी हो, तो वह भी की जाय। श्री कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से हमें आशा है कि रजनीश बडथ्वाल की शीघ्र ही सकुशल घर वापसी होगी। 

समिति का गठन

देहरादून, 30 नवम्बर (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा हरिद्वार पंचायत चुनावों के मद्देनजर पार्टी आपसी सहमति से प्रत्याशियों के चयन हेतु विकासखण्डवार चुनाव संचालन समितियों का गठन किया गया है। इसी परिपेक्ष में काबिना मंत्री डाॅ० हरक सिंह रावत, लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती रेणुका रावत, विधायक प्रणव सिंह, आपदा प्रबन्धन समिति के उपाध्यक्ष विजय सारस्वत, रामंिसह सैनी पूर्व विधायक, प्रदेश सचिव श्रीमती कमला कश्यप, अति. मुख्य संगठक सेवादल राजेश रस्तोगी, प्रदेश महामंत्री जयपाल जाटव, गुलजार अहमद, कार्यकारिणी सदस्य आनन्द उपाध्याय, प्रदेश सचिव बालेश्वर सिंह, ताहीर हसन को विकासखण्ड लक्सर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्त मथुरादत्त जोशी ने दी। 

ह्दयेश की अध्यक्षता में 56 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति गठित
  • लक्सर व बहादराबाद चुनाव संचालन समिति की बैठक आज

देहरादून, 30 नवम्बर (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा हरिद्वार पंचायत चुनावों के मद्देनजर पार्टी आपसी सहमति से प्रत्याशियों के चयन हेतु प्रभारी मंत्री डाॅ0 (श्रीमती) इन्दिरा हृदयेश की अध्यक्षता में 56 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति के गठन के साथ ही विकासखण्डवार चुनाव संचालन समितियों का गठन किया गया है। इसी परिपेक्ष में विकासखण्ड खानपुर में काबिना मंत्री डाॅ0 (श्रीमती) इन्दिरा हृदयेश, श्रीमती रेणुका रावत, श्री प्रणव सिंह, श्रीमती गरिमा दसौनी, श्री सुभाष, जयपाल जाटव एवं मेलाराम प्रजापति, विकासखण्ड लक्सर में काबिना मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत, श्रीमती रेणुका रावत, प्रणव सिंह, विजय सारस्वत, रामंिसह सैनी, श्रीमती कमला कश्यप, राजेश रस्तोगी, जयपाल जाटव, गुलजार अहमद, आनन्द उपाध्याय, बालेश्वर सिंह, ताहीर हसन, विकासखण्ड बहादराबाद में काबिना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, श्रीमती रेणुका रावत, अम्बरीश कुमार, एस.पी. सिंह इन्जीनियर, प्रमोद कुमार सिह, श्रीमती संतोष चैहान, इरशाद, बलवन्त सिंह चैहान, श्रीमती बृज रानी, प्रभुलाल बहुगुणा, किरनपाल बाल्मीकि, राजेश जुवांठा, श्रीमती गोदावरी थापली, मनोज धनगर, राव अफाक, महेश प्रताप सिंह राणा, मो0 उस्मान, अशोेक धीगांन, विकासखंड भगवानपुर काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल, श्रीमती रेणुका रावत, श्रीमती ममता राकेश, फुरकान अहमद, डाॅ0 के0एस0 राणा, मास्टर सतपाल, सुबोध राकेश, श्रीमती बृज रानी, प्रभुलाल बहुगुणा, राजपाल ंिसह, मुनेश, याकूब सिद्धिकी, सुशील पेंगोवाल, अनुपम शर्मा, कुमुद शर्मा, पवन कुमार त्यागी, विकासखण्ड रूड़की काबिना मंत्री यशपाल आर्य, श्रीमती रेणुका रावत, प्रदीप बत्रा, फुरकान अहमद, चै0 यशवीर सिंह, चै0 राजेन्द्र ंिसह, राजपाल ंिसह, मो0 अकरम खान, रणविजय सिंह सैनी, मास्टर सतपाल, रावशेर मोहम्मद, अनुपम शर्मा, डाॅ0 आर0पी0 रतूडी, यामीन अंसारी, विकासखण्ड नारसन में काबिना मंत्री प्रीतम सिंह, श्रीमती रेणुका रावत, काजी निजामुद्दीन, चै0 यशवीर सिंह, राजपाल ंिसह, डाॅ0 गौरव चैधरी, यामीन अंसारी, मास्टर सतपाल, राजीव राठौर, नवीन जोशी, राव कुर्बान अली, सुशील राठी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्त मथुरादत्त जोशी ने बताया कि विकासखण्ड लक्सर एवं बहादराबाद की चुनाव संचालन समिति की बैठक 1 दिसम्बर, 2015 को आहुत की गई है। बैठक में जिला पंचायत के लिए सर्व सम्मति से प्रत्याशियों के चयन पर सहमति बनाई जायेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी द्वारा चुनाव संचालन समिति के सदस्यगणों से अनुरोध किया है कि वे अपने प्रभार वाले विकासखण्डों में कांग्रेसजनों की बैठक कर सर्वसम्मति से प्रत्याशियेां के चयन की प्रक्रिया सम्पन्न करेंगे। 

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुल 5.864 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों का किया शिलान्यास

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देहरादून, 30 नवम्बर (निस)। सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुल 5.864 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों का शिलान्यास किया। यूजेवीएनएल द्वारा स्थापित किए जा रहे इन सौर ऊर्जा संयंत्रों में 12 करोड़ रूपए लागत से 1.466 मेगावाट का संयंत्र ढ़करानी में जबकि 37 करोड़ रूपए लागत से 4.398 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र खोदरी में स्थापित किया जाएगा। सोमवार को ढ़करानी कोटी कालोनी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने इन सौर ऊर्जा संयंत्रों का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक बड़ा मौका है जब हम वैकल्पिक ऊर्जा में सौर ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़े हैं। यूजेवीएनएल इस शुरूआत को और आगे बढ़ाए। यूजेवीएनएल अपनी नहरों के किनारे बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकता है। हमारा प्रयास है कि एक वर्ष में 50 से 60 मेगावाट की सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रारम्भ कर सकें। आज हमारी जलविद्युत परियोजनाएं रूकी हुई हैं। जबकि वास्तविकता ये है कि जलविद्युत भी ग्रीन एनर्जी ही होती है। यदि पुनर्वास की समस्या को अच्छी तरह से हल किया जाए तो बड़े बांधों से भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। देश के विकास में भाखड़ा नांगल, नर्मदा सागर बांधों की भूमिका जगजाहिर है। वर्ष 2013 की आपदा में टिहरी बांध ने नुकसान की विभिषिका को थामा था। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार उŸाराखण्ड का पक्ष लेगी। उŸाराखण्ड के लिए वहीं नीति होनी चाहिए जो कि जम्मू कश्मीर व उŸारपूर्वी राज्यों के लिए है। यदि केंद्र सरकार उŸाराखण्ड को कोल ब्लाॅक या गैस आवंटित करे तो हम थर्मल पावर निर्माण के लिए भी तैयार हैं। हमने प्रदेश में व्यासी, लखवाड़ व किसाऊ की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विकासनगर का क्षेत्र कृषि, हाॅर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, पशुपालन आदि क्षेत्रों में उŸाराखण्ड के लिए मार्गदर्शन कर सकता है। हमें अपनी खेती, शिक्षा व हस्तशिल्प को संभालना होगा। विकास एकांगी नहीं हो सकता है। हमें खर्च के साथ ही अपनी आमदनी के स्त्रोत भी तलाशने होंगे। हमें अपनी कौमी एकता के गुलदस्ते को भी बनाकर रखना है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने क्षेत्र से संबंधित कुछ घोषणाएं भी कीं। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक नवप्रभात के अनुरोध पर कहा कि पछुवादून के बाॅटलनेक प्रेमनगर में फ्लाईओवर या किसी अन्य तरीके से रास्ता निकाला जाएगा। क्षेत्रीय विधायक नवप्रभात ने कहा कि जलविद्युत के माध्यम से देश में अपना स्थान बनाने वाले विकासनगर क्षेत्र आज एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। सौर ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बन रही परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए। सोलर प्लांट में नौजवानों को ट्रेनिंग दी जा सकती है। प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार ने कहा कि हमारी 24 बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं रूकी हुई हैं जिन्हें कि सभी तरह की क्लीयरेंस मिली हुई थीं। इसीलिए सौर ऊर्जा को महत्व दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश की 46 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है। यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने बताया कि उŸाराखण्ड की सौर ऊर्जा नीति-2013 टाईप-1 के अंतर्गत ढ़करानी व खोदरी के इन ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित समस्त विद्युत उŸाराखण्ड पावर कारपारेशन लिमिटेड द्वारा केवल राज्य के लिए उपयोग की जाएगी। दोनों परियोजनाओं से प्रति वर्ष लगभग 11 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन सम्भावित है। इन संयंत्रों को 31 मार्च 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

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