नयी दिल्ली/ चेन्नई, 01 दिसंबर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने उनके बेटे कीर्ति चिदंबरम के निवास स्थान समेत अन्य व्यावसायिक ठिकानों पर आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय के छापे पड़ने के बाद इसे दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करार दिया और केन्द्र सरकार पर उनके परिवार को बेवजह निशाना बनाने का आरोप लगाया। श्री चिदंबरम ने आरोप लगाया कि जब वह केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री थे तो प्रवर्तन निदेशालय के एक तत्कालीन अधिकारी के साथ मंत्रालय का कुछ विवाद था और वही अधिकारी अब सरकार का एजेंडा तय कर रहा है। पूर्व वित्त मंंत्री ने एक बयान जारी कर कहा, “हमने कई बार यह साफ कर दिया है कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य मामले में फंसी कंपनी से किसी भी तरह से संबद्ध नहीं था अौर उनकी किसी भी ऐसी फर्म में हिस्सेदारी नहीं थी। उनकी कंपनियां पेशेवर ढंग से संचालित होती हैं और जांच अधिकारियों के किसी भी सवाल का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं।”
श्री चिदंबरम ने कहा, “यदि सरकार मुझे लक्ष्य बनाना चाहती है तो फिर प्रत्यक्ष रूप से करे, मेरे बेटे के दोस्तों को परेशान न करे, जो अपना व्यापार कर रहे हैं। उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।” पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वह और उनका परिवार केन्द्र सरकार की ‘दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई’ का सामना करने के लिये पूरी तरह तैयार है। आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के निवास स्थान समेत कुछ व्यावसायिक ठिकानों पर छापे मारे। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्री चिदंबरम के कुछ व्यावसायिक स्थानों पर छापे मारे गये लेकिन छापे मारने वाले स्थानों के बारे में जानकारी नहीं दी गयी। आयकर विभाग ने इन कंपनियों द्वारा कर में हेराफेरी करने के मामले में तथा प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत छापे मारे। गत अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय ने कीर्ति से संबंधित एक कंपनी के निदेशकों को एयरसेल-मैक्सिस मामले में समन भेजा था।