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बिहार : 56वीं से 59वीं प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दोषपूर्ण

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  • ए0 आई0 एस0 एफ0 ने की परीक्षाफल में सुधार की मांग

aisf-bihar-denand-reevalute-bpsc-resultपटना, 2 दिसंबर, 56वीं से 59वीं सम्मिलित (प्रा0) प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम विवादों में आ गया है। विगत 21 नवंबर को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा इसका परिणाम प्रकाशित करने के साथ-साथ संशोधित उत्तर कंुजी (त्मअपेमक ।देूमत ज्ञमल) भी आयोग द्वारा जारी किया गया था।

इस परीक्षा के परिणाम पर असंतोष व्यक्त करते हुए ए0 आई0 एस0 एफ0 के बिहार राज्य सचिव, सुशील कुमार ने कहा कि आयोग द्वारा जारी त्मअपेमक ।देूमत ज्ञमल में अभी भी कुछ प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। सुशील ने प्रश्न पुस्तिका सिरीज-( । ) के दो प्रश्नों क्रमशः (99) तथा (126) के उत्तरों को गलत बताया। प्रश्न संख्या (99) के संबंध में सुशील कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में ब्ण्ैण्व्ण् (केंद्रीय सांख्यिकी संगठन) द्वारा “शहरी गैर-श्रम कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक” का संकलन जनवरी 2011 में ही बंद कर दिया गया है। फिर भी बिहार लोक सेवा आयोग अपने त्मअपेमक ।देूमत में इस प्रश्न के उत्तर विकल्प (ब्) के माध्यम से ”शहरी गैर-श्रम कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक“ का संकलन जबरन ब्ण्ैण्व्ण् से करवा रही है। वस्तु स्थिति यह है कि उत्तर विकल्पों में से कोई भी विकल्प सही नहीं है। ऐसी स्थिति में इस प्रश्न को भी मूल्यांकन कार्य से हटा दिया जाता तो बेहतर होता। उन्होंने आगे कहा कि आयोग ने ब्ण्ैण्व्ण् का पूरा नाम हिन्दी तथा अंग्रेजी, दोनों में गलत ही लिखा है। उनके अनुसार ब्ण्ैण्व्ण् का पूरा नाम ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (ब्मदजतंस ैजंजपेजपबंस व्ििपबम) है। जिसे बिहार लोक सेवा आयोग, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (ब्मदजतंस ैजंजपेजपबंस व्तहंदप्रंजपवद) अपने प्रश्न पत्र में लिखता है। ब्ण्ैण्व्ण् जैसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम के साथ यह खिलवाड़ बिहार लोक सेवा आयोग की अयोग्यता है। 

प्रश्न संख्या (126) के संबंध में सुशील ने कहा कि ‘बीसवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में कांग्रेस में विभाजन की प्रक्रिया’, कांग्रेस आंदोलन के प्रश्न पर शुरू हुई। आयोग ने पूर्व में जारी आदर्श उत्तर में सही उत्तर विकल्प (।) का चयन किया था। लेकिन नए (त्मअपेमक ।देूमत ज्ञमल) में वह गलत उत्तर विकल्प (क्) को प्रस्तुत कर रहा है। जिसे इतिहास का सामान्य ज्ञान भी होगा, वह ऐसी गलती नहीं करेगा। 

ऐसी गंभीर स्थिति में प्रश्न संख्या (99) को हटाते हुए (क्मसमजमक) ए0 आई0 एस0 एफ0 ने कट आॅफ, एक नंबर सभी श्रेणियों के लिए कम करने तथा प्रश्न संख्या (126) के लिए सही उत्तर विकल्प (।) का चयन करने वाले छात्रों को एक अतिरिक्त अंक प्रदान करते हुए सफलता से वंचित परिक्षार्थियों के लिए पूरक परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की है।

ए0 आई0 एस0 एफ0 राज्य सचिव सुशील ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि बी0 पी0 एस0 सी0 ऐसे विशेषज्ञ से प्रश्न पत्र तैयार कराती है जिसके एक दर्जन प्रश्नों को परिणाम प्रकाशन से अलग करना पड़ता है और प्रत्येक स्तर पर परिणाम प्रकाशन के बाद छात्रों को आंदोलन और न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है। अगर बी0 पी0 एस0 सी0 ने अपने (त्मअपेमक ।देूमत ज्ञमल) में संशोधन करके पूरक परिणाम जल्दी घोषित नहीं किया तो छात्र पुनः न्यायालय एवं आंदोलन की शरण लेंगे। तब मुख्य परीक्षा के आयोजन में विलंब की सारी जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग की होगी। 

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