नयी दिल्ली, 02 दिसम्बर, सरकार ने आज लोकसभा में स्पष्ट किया कि घरेलू काम के लिए महिलाओं को सिर्फ सरकारी एजेंसियों के जरिए ही विदेश भेजा जा सकेगा और किसी भी निजी भर्ती एजेंसी के माध्यम से उन्हें देश से बाहर भेजने की अनुमति नहीं दी जाएगी,विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में एक प्रश्न के मौखिक उत्तर में कहा कि महिलाओं के साथ विदेशों में हो रहे अत्याचार की बढती घटनाओं को देखते हुए सिर्फ सरकारी एजेंसियों के जरिए ही उन्हें घरेलू काम के लिए विदेश भेजने का निर्णय लिया गया है और अब किसी भी निजी भर्ती एजेंसी को महिलाओं को घरेलू काम के लिए विदेश भेजने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में घरेलू काम के लिए गयी महिलाओं के साथ अत्याचार की लगातार शिकायतें आ रही थी और इस संदर्भ में उन्होंने तय किया था कि महिलाओं को घरेलू काम के लिए विदेश जाने पर पूरी तरह से रोक लगायी जाए लेकिन जब यह मामला सलाहकार समिति की बैठक में आया तो वहां सदस्यों ने कहा कि यह रोजी रोटी का सवाल है इसलिए किसी पर विदेश जाने से रोक लगाना ठीक नहीं है। बैठक के बाद उनके मंत्रालय ने तय किया कि महिलाओं को घरेलू काम के लिए विदेश भेजने से उन्हें देह व्यापार में धकेलने का खतरा भी बना रहता है इसलिए सिर्फ निजी एजेंसियों के जरिए ही उन्हें विदेश भेजने का निर्णय लिया गया।