नयी दिल्ली, 03 दिसंबर, दिल्ली विधानसभा ने विधायकों के वेतन और भत्तों को बढ़ाने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। विपक्ष के विरोध और वाॅकआउट के बीच सदन ने विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाने के विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी। इसके बाद दिल्ली के विधायकों का हर माह सभी वेतन भत्तेे मिलाकर 2 लाख 35 हजार रूपए हो जाएगा। विधायकों का मूल वेतन 12 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही का भत्ता एक हजार रुपए से बढ़ाकर दो हजार रुपए हो जाएगा। विधायकों की हर वर्ष वेतन वृद्धि पांच हजार रुपए होगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे व्यावहारिक निर्णय बताते हुए कहा कि इससे विधायकों के लिए काम करने लायक स्थिति बनेगी। यात्रा भत्ता छह हजार रुपए से बढ़ाकर 30 हजार रुपए और विधानसभा क्षेत्र में दफ्तर आदि के किराए के रूप में 25 हजार रुपए मिलेंगे।
विधायकों के कार्यालय के फर्नीचर आदि के लिए एक कार्यकाल के दौरान एक लाख रूपये एकमुश्त दिया जाएगा। दफ्तर के अन्य साजो सामान के लिए भी पूरे कार्यकाल में एक बार 60 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा लैपटॉप, माेबाइल फोन और प्रिंटर आदि के लिए भी प्रत्येक कार्यकाल के दौरान प्रत्येक विधायक को एक लाख रूपये की रकम दी जाएगी। विपक्ष के नेता बिजेंद्र गुप्ता ने विधेयक का विरोध किया है। जब विधेयक पेश हो रहा था तो वह सदन से उठकर चले गए। उन्होंने कहा कि वेतन में 400 फीसदी की वृद्धि समझ से परे है। बहुत से ऐसे काम है जिनको करना जरूरी है और इसके लिए खूब पैसे की जरूरत है सरकार को चाहिए कि वह प्राथमिकताएं तय करे।
अब विधायकों को टेलिफोन बिल चुकाने के लिए भी प्रतिमाह आठ रुपये के स्थान पर 10 हजार रुपये दिए जाएंगे और उनके दफ्तर के कर्मचारी के लिए प्रतिमाह 70 हजार रुपये की रकम दी जाएगी। विधायक अब लग्जरी गाड़ियों में घूमते नजर आएंगे। वेतन में संशोधन के बाद अब विधायकों को कार खरीदनें के लिए चार लाख रूपये की जगह 12 लाख रुपये का कर्ज मिल सकेगा, यहीं नहीं घूमने फिरने के लिए भी 50 हजार रुपये की जगह अब तीन लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसमें यात्राएं भी शामिल होंगी, विधायकों की पेंशन भी सात रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 15 हजार रुपये प्रतिमाह हो गई है।