पटना 06 दिसम्बर, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आबादी के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी देने की वकालत करते हुए आज कहा कि राजनीति में समुचित भागदारी के बिना किसी दलितों का विकास नहीं किया जा सकता है। श्री मांझी ने यहां बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की 59वें महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर ‘भारत की समृद्धि का एकमात्र रास्ता संविधान है’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आपको क्या करना है , ये आपको सोचना है। जब तक राजनीति में हमारी भागीदारी नहीं होगी। तब तक हमारा विकास नहीं होगा। हमें आज दबाव में डाला जाता है जो हमारा कत्लेआम करते हैं वहीं आज हमारे पुरोद्धा बने हुए हैं।
दलितों की जनसँख्या को कम कर के आंका जाता है लेकिन जब यह बात हमने हमने कही तो मीडियावालों ने इसे जनसँख्या वृद्धि से जोड़ दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी। उन्होंने बिहार में दलितों की आबादी की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में दलितों की करीब 25 प्रतिशत आबादी है लेकिन उन्हें अबतक समुचित भागदारी नहीं मिली है। बाबा साहेब ने जिन चीजों का इशारा किया था , हम उसे क्यों भूल जाते हैं। पृथक निर्वाचन न होने से अनुसूचित जाति को अपना प्रतिनिधि चुनने में कठिनाई होती है। उन्होंने निजी क्षेत्र और न्यायिक सेवा में आरक्षण की मांग की।