जनसुनवाई मेें 89 आवेदनों का निराकरण
कलेक्टर श्री एमबी ओझा द्वारा आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम मंे आज 106 आवेदकों ने अपनी व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक समस्यायुक्त आवेदन प्रस्तुत किए। कलेक्टर श्री ओझा द्वारा मौके पर 89 आवेदनों का निराकरण किया गया शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश उनके द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम मेें विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र, अतिरिक्त तहसीलदार श्रीमती सरोज अग्निवंशी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
अमानक खाद के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध
उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला को भेजे गए सेम्पलों में से अमानक स्तर के पाए गए उर्वरकों के क्रय-विक्रय भण्डारण और परिवहन पर अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के आदेश जारी कर दिए गए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि निर्माता कंपनी मै0 इफको कांडला गुजरात का उर्वरक नम्बर एनपीके व लाट नम्बर 02/08/2015 तथा मै0 हिन्डालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड भरूच का उर्वरक डीएपी लाट नम्बर आई-8 अक्टूबर 15 तथा मैसर्स चम्बल फर्टिलाइजर एण्ड केमिकल्स लिमिटेड गढेपान कोटा का उर्वरक डीएपी सितम्बर 2015 अमानक स्तर पर पाए जाने पर उपरोक्त उर्वरकों के क्रय-विक्रय एवं भण्डारण और परिवहन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है।
राहत राशि जमा
कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने बताया कि पीडि़त कृषकों के बैंक खातो में राहत राशि जमा कराई जा चुकी है। उन्होंने पीडि़त कृषकों से आग्रह किया है कि वे बैंक में जाकर अपने बैंक खाते की पासबुक में इन्ट्री करा लें ताकि उन्हे कितनी राहत राशि मिली है कि जानकारी से भलीभांति अवगत हो सकें। कलेक्टर श्री ओझा ने पीडि़त कृषकों से कहा कि राहत राशि की जानकारी देने में बैंको द्वारा यदि किसी भी प्रकार का असहयोग किया जा रहा है तो संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार अथवा एसडीएम की जानकारी में अविलम्ब लाए ताकि संबंधित बैंक के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें।
विष्व हिन्दी संस्थान द्वारा सम्मानित हुई विदिषा की साहित्यकार रेखा दुबे
विदिषा-08 दिसम्बर 2015/विष्व हिन्दी संस्थान कल्चरल आर्गेनाईजेषन कनाडा के तत्वावधान में विदिषा की युवा लेखिका श्रीमती रेखा ओपी दुबे को नई दिल्ली में आयोजित एक विषेष समारोह में विष्व हिन्दी संस्थान के संस्थापक प्रो. सरन घई द्वारा सम्मानित-अभिनन्दित किया गया। इस समारोह में हिन्दी जगत की प्रथम अनुपमेय कृति ‘‘खट्टे-मीठे रिष्ते’’ का लोकार्पण भी किया गया। इस कृति को भारत, कनाडा, फ्रांस, इग्लैंड, मारीषस के 66 रचनाकारों ने संयुक्त रूप से लिखा है, जिनमें विदिषा की युवा लेखिका श्रीमती रेखा ओपी दुबे का लेखन भी प्रमुखता से प्रकाषित हुआ है। इस अवसर पर विष्व हिन्दी संस्थान कनाडा के संस्थापक प्रो. सरन घई ने श्रीमती दुबे को प्रषस्ति पत्र भेंट करते हुए कहा कि ‘‘खट्टे-मीठे रिष्ते’’ नामक उपन्यास का प्रकाषन एक क्रमबद्ध कहानी के रूप में विष्व के 66 हिन्दी भाषा-भाषियों की सृजनधर्मिता का नायाब उदाहरण बन गया है। कार्यक्रम का आयोजन युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच नई दिल्ली द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत के प्रो. विषंभर शुक्ल, वरिष्ठ साहित्यकार श्यामनन्दा नूर, रमेष सिद्धार्थ सहित बड़ी संख्या में साहित्य जगत की हस्तियां शामिल हुई। साहित्य के इस महाकुंभ में श्रीमती रेखा ओपी दुबे के सम्मानित होने पर विदिषा के अनेक साहित्यकारों सहित सामाजिक संगठनों ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।
विष्व हिन्दी संस्थान द्वारा सम्मानित हुई विदिषा की साहित्यकार रेखा दुबे
विदिषा-08 दिसम्बर 2015/विष्व हिन्दी संस्थान कल्चरल आर्गेनाईजेषन कनाडा के तत्वावधान में विदिषा की युवा लेखिका श्रीमती रेखा ओपी दुबे को नई दिल्ली में आयोजित एक विषेष समारोह में विष्व हिन्दी संस्थान के संस्थापक प्रो. सरन घई द्वारा सम्मानित-अभिनन्दित किया गया। इस समारोह में हिन्दी जगत की प्रथम अनुपमेय कृति ‘‘खट्टे-मीठे रिष्ते’’ का लोकार्पण भी किया गया। इस कृति को भारत, कनाडा, फ्रांस, इग्लैंड, मारीषस के 66 रचनाकारों ने संयुक्त रूप से लिखा है, जिनमें विदिषा की युवा लेखिका श्रीमती रेखा ओपी दुबे का लेखन भी प्रमुखता से प्रकाषित हुआ है। इस अवसर पर विष्व हिन्दी संस्थान कनाडा के संस्थापक प्रो. सरन घई ने श्रीमती दुबे को प्रषस्ति पत्र भेंट करते हुए कहा कि ‘‘खट्टे-मीठे रिष्ते’’ नामक उपन्यास का प्रकाषन एक क्रमबद्ध कहानी के रूप में विष्व के 66 हिन्दी भाषा-भाषियों की सृजनधर्मिता का नायाब उदाहरण बन गया है। कार्यक्रम का आयोजन युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच नई दिल्ली द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत के प्रो. विषंभर शुक्ल, वरिष्ठ साहित्यकार श्यामनन्दा नूर, रमेष सिद्धार्थ सहित बड़ी संख्या में साहित्य जगत की हस्तियां शामिल हुई। साहित्य के इस महाकुंभ में श्रीमती रेखा ओपी दुबे के सम्मानित होने पर विदिषा के अनेक साहित्यकारों सहित सामाजिक संगठनों ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।