आम आदमी पार्टी (आप) विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने बुधवार को कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने से वह नाराज नहीं है। पार्टी के संस्थापक अरविद केजरीवाल ने भी विवाद से इंकार किया है। बिन्नी ने एक समाचार चैनल से कहा, "मैं नाराज नहीं हूं और मैंने कोई बयान नहीं दिया है। यह मीडिया द्वारा फैलाई गई झूठी खबर है। हम एक सच्ची लोकतांत्रिक पार्टी हैं। अगर मैं वास्तव में नाराज होता तो कह देता।" सूत्रों के मुताबिक, दो बार पार्षद रह चुके बिन्नी आम आदमी पार्टी के उन्हें मंत्रियों की सूची में शामिल ना करने के फैसले को लेकर नाराज थे और पार्टी की बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए थे।
उन्होंने कहा, "मैंने बैठक बीच में नहीं छोड़ी। जब मैं जा रहा था तो कुछ संवाददाताओं ने मुझसे प्रश्न किए थे और मैंने उन्हें सिर्फ आज (बुधवार) के प्रेस सम्मेलन का इंतजार करने को कहा था। उन्होंने यह मान लिया कि मैं अलग सम्मेलन कर रहा हूं।"उन्होंने कहा, "पार्टी की नजर लोक सभा चुनावों पर है और हो सकता है कि वे मुझे कोई और भूमिका देना चाहते हों।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भी बिन्नी के साथ विवाद की बात को खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा, "बिन्नी शाम (मंगलवार) को मुझसे मिले थे और मुझे सूचित किया कि वह कोई पद नहीं चाहते हैं। उन्होंने मीडिया से भी यही बात कही।"
आप ने मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग को छह विधायकों - मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती, राखी बिड़ला, सत्येंद्र जैन और गिरीश सोनी के नाम भेजे हैं।
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 28 सीटों पर जीत हासिल करने वाली आप पार्टी द्वारा, आठ सीटें जीतने वाली कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना है। 31 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया है।